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28 अक्तूबर 2011

वाह रे हिंदुस्तान! एफ1 के ट्रैक पर गाड़ियों से पहले दौड़े अवारा कुत्ते..

ग्रेटर नोएडा. बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के आयोजक बेशक कोई भी दावा करें कि उनके यहां दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों जैसा कुछ नहीं होगा लेकिन कुछ आवारा कुत्तों ने सर्किट में कारों से पहले प्रवेश कर इन दावों और सुरक्षा की पोल खोल दी।
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान मुख्य जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में कई बार हुआ था कि एक तरफ विजेताओं को पदक पहनाये जा रहे थे तो दूसरी तरफ ट्रैक पर कुत्ते दौड लगा रहे थे।
कुछ ऐसा ही नजारा इंडियन ग्रां प्री के पहले दिन आज अभ्यास सत्न में देखने को मिला ।अभ्यास सत्न शुरु होने से कुछ ही मिनट पहले एक बडा काला कुत्ता मुख्य पिट पर निकल आया। अभी इस कुत्ते को खदेडे हुए चंद मिनट गुजरे थे कि एक और कुत्ता फिर निकल आया जिससे सुरक्षा कारणों को देखते हुए लाल झंडा उठा दिया गया। इससे लगभग पांच मिनट का समय बर्बाद हुआ।

कार पलटी और काल के गाल में चले गए भाई-बहन

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बेगूं (चित्तौडग़ढ़)/कोटा.भाई को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना और अपनी सुरक्षा का वचन लेने से पहले ही काल के क्रूर हाथों ने भाई-बहन को इस दुनिया से छीन लिया। बहन पूना से उदयपुर आई थी। भाई अपनी लाड़ली बहन को लेने के लिए पत्नी के साथ उदयपुर गया था। शुक्रवार की सुबह वहां से लौटते समय चित्तौडगढ़-कोटा फोरलेन पर मांडना गांव के पास कार पलटकर खाई में जा गिरी।

इस हादसे में भाई-बहन की मौत हो गई तथा भाभी व बहन के दोनों बच्चे घायल हो गए। पुलिस व परिजनों के अनुसार श्रीनाथपुरम निवासी चेतन तलवार (38) पुत्र यशपाल तलवार की बहन किरण (36) अपने दो बच्चों पलक व अंश के साथ भाई दूज मनाने के लिए कोटा आ रही थी।

पूना से गुरुवार को हवाईजहाज से उदयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। चेतन अपनी पत्नी वर्षा के साथ कार से उन्हें लेने के लिए शुक्रवार की सुबह उदयपुर पहुंचा। एयरपोर्ट पर बहन को रिसीव करने के बाद पांचों जने कार से कोटा के लिए रवाना हुए।

पुलिस के मुताबिक जब वे फोरलेन पर मांडना गांव के निकट से गुजर रहे थे, उसी दौरान कार चलाते समय कार असंतुलित होकर सड़क किनारे लगे माइलस्टोन से टकराई। उससे टकराने के बाद माइल स्टोन को तोड़ती हुई कार 10 फीट गहरी खाई में जा गिरी। कार ने दो-तीन बार पलटी खाई।

कार में चेतन व वर्षा फ्रंट की सीट पर बैठे हुए थे और किरण व दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे। दुर्घटना इतनी जबर्दस्त थी कि तीनों के सिर पर गहरी चोट लगी। सूचना पर डीएसपी खुशालसिंह राजपूत, सीआई विक्रमसिंह राठौड़ मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। हाइवे एंबुलेंस से शवों तथा घायलों को बेगूं अस्पताल लाया गया।

भाई-बहन के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। बाद में दोनों के शव को कोटा स्थित एमबीएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया तथा तीनों घायलों को विवेकानंद नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां वर्षा की हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, दुर्घटना की सूचना मिलने पर किरण का पति अनुज कुमार भी हवाई जहाज से कोटा के लिए रवाना हो गए।

बोलेरो में पूरा ऑफिस ले निकल पड़े तहसीलदार साहब लेकिन ...!


जोधपुर.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पोकरण के तहसीलदार बंशीधर सिंह को 1.80 लाख रुपए के साथ पकड़ा है। तहसीलदार यह राशि लेकर पोकरण से जयपुर जा रहा था, मगर अवैध राशि लेकर जाने की सूचना पर एसीबी ने बीकानेर में तलाशी लेकर यह राशि जब्त कर ली है।

उसकी बोलेरो में पोकरण क्षेत्र के लोगों की 159 रजिस्ट्रियां, डीएलसी रजिस्टर व सर्कुलर फाइलें आदि भी बरामद हुई हैं। ब्यूरो टीम उससे गहन पूछताछ कर रही है, साथ ही जयपुर के चित्रकूट क्षेत्र में स्थित उसके आवास की तलाशी भी ले रही है।

ब्यूरो के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि मुख्यालय से निर्देश थे कि दीपावली के बाद घर जा रहे अफसरों पर नजर रखी जाए। इस पर उन्होंने रेंज की सभी चौकियों को अलर्ट कर रखा था।

शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि पोकरण तहसीलदार बंशीधर सिंह काफी रुपया लेकर एक निजी बोलेरो से जयपुर अथवा झुंझुनूं जा रहा है। डीआईजी ने बंशीधर सिंह को पकड़ने के लिए पोकरण से बीकानेर, जोधपुर व नागौर जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी कराई। करीब तीन बजे यह बोलेरो बीकानेर के दीनदयाल सर्किल पर पकड़ी गई। ब्यूरो के एएसपी रवि गौड़ ने बोलेरो में सवार तहसीलदार का बैग चैक किया तो उसमें 1.80 लाख रुपए बरामद हो गए। इन रुपयों के बारे में तहसीलदार के पास कोई उचित जवाब नहीं था।

पूरा ‘कार्यालय’ बोलेरो में :

तहसीलदार 29 अक्टूबर तक छुट्टी पर जा रहा था। घर जाने के लिए उसने बादेवा पंचायत के सरपंच की बोलेरो ली थी। बोलेरो की तलाशी में ब्यूरो टीम को 159 रजिस्ट्रियां, सर्कुलर फाइल और डीएलसी रजिस्टर आदि भी बरामद हुए। ये सभी रजिस्ट्रियां तैयार थीं, मगर उन्हें घर ले जाने के बारे में वह सही उत्तर नहीं दे पाया। ब्यूरो को संदेह है ये रजिस्ट्रियां सौंपने के लिए भी वह लोगों से वसूली करना चाहता था।

लाख दुखों की एक दवा है सौंफ


सौंफ में ऐसे अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो सभी के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे अहम तत्व होते हैं।पेट के कई विकारों जैसे मरोड़, दर्द और गैस्ट्रो विकार के उपचार में यह बहुत लाभकारी है। बड़ा हो या छोटा बचा यह हर किसी के स्वास्थ्य के लिए बड़ी लाभकारी है।

जिन व्यक्तियों को संग्रहणी की बीमारी हो, उन्हें चाहिए कि भोजन के बाद आधी क'ची, आधी भुनी हुई सौंफ तैयार करवाकर दोनों समय नियमित सेवन करें।

- कब्ज दूर करने के लिए 100 ग्राम सौंफ पीसकर रख लें। इसकी दो चम्मच गुलाब के गुलकंद के साथ सुबह-शाम भोजन के बाद खाएं।

- गले में खराश होने पर सौंफ को चबाते रहने से बैठा गला साफ हो जाता है। दिमाग से सम्बन्धी रोगों के लिए सौंफ बड़ी लाभकारी होती है। इसके निरन्तर उपयोग से आंखें कमजोर नहीं होती है और मोतियाबिन्द की शिकायत नहीं होती।

- उल्टी प्यास जी मिचलाना जलन उदरशूल पित्तविकार मरोड़ आदि में सौंफ का सेवन बहुत लाभकारी होता है।

- रोजाना सुबह और शाम दस दस ग्राम सौंफ बिना मीठा मिलाए चबाने से रक्त साफ होता है और त्वचा का रंग भी साफ होने लगता है।

- हाथ पांव में जलन की शिकायत होने पर सौंफ के बराबर मात्रा में धनिया कूट कर मिश्री मिला लें। खाना खाने के बाद पानी से करीब एक चम्मच रोज लेने से यह शिकायत कुछ ही दिनों में दूर हो जाती है।

- अगर आपके ब'चे को अक्सर अफरे की शिकायत रहती है या अपच, मरोड़, और दूध पलटने की शिकायत रहती है तो दो चम्मच सौंफ के पावडर को करीब दो सौ ग्राम पानी में उबाल लें और ठण्डा कर शीशी में भर लें। इस पानी को एक एक चम्मच दिन में दो तीन बार पिलाने से ये सारी शिकायतें दूर हो जाती हैं।

शादीशुदा महिलाओं के लिए ये बात ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि.....


सेक्स जीवित प्राणियों की स्वाभाविक इच्छा का ही एक नाम है। हमारे समाज में इसे बड़ी ही गोपनीयता का रूप प्रदान किया गया है , जिस कारण जननांगों से सम्बंधित कई भ्रांतियों से विवाहित युगल भी जूझते हैं। कई बार शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के बाद भी युगल यौन संबंधों के प्रति उदासीन रहते हैं। जननांगों में यौन उत्कर्ष के दौरान स्वाभाविक रूप से रक्त का स्राव तीव्र हो जाता है ,तथा चरमोत्कर्ष (ओर्गाज्म ) के दौरान यह अपनी पूर्णता पर होता है। ईश्वर ने मानव शरीर को कुछ ऐसे हिस्सों से युक्त किया है, जिसकी चरमोत्कर्ष (ओर्गाज्म) की ओर ले जाने में महती भूमिका होती है, ऐसा ही एक स्पोट जो महिलाओं की योनि में पाया जाता है नाम है - जी-स्पोट -। योनि क़ी दिवाल के सामने वाले हिस्से में मटर के दाने के समान इस स्पोट को महिलाओं में चरमोत्कर्ष का एक विन्दु माना गया है।

आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न स्थित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यूरोलोजिस्ट डॉ. हेलेन .ओ. कोंनेल ने इस पर गहन अध्ययन किया है, उनका कहना है , कि महिलाओं के योनि की आंतरिक दिवार ही वेजाइनल-ओर्गास्म को पैदा करती है, यह योनि के किसी खास हिस्से में अधिक हो सकता है, जिसे 'जी स्पोटÓ नाम दिया जाता है।

सेक्सोलोजिस्ट डॉ पेट्रा बोयनटन का कहना है ,कि अक्सर महिलाएं इस जी-स्पोट के बारे में चिंतित रहती हैं और यदि उन्हें यह इसका एहसास खुद में नहीं हुआ , तो स्वयं को यौन शिथिल मानने लग जाती हैं, जबकि ऐसा नहीं है, डॉ पेट्रा बोयनटन का कहना है : यह जरूरी नहीं, कि हर महिला में यह योनि के किसी खास हिस्से में ही हो ,यह अलग-अलग महिला में योनि की दिवार के अलग हिस्से में हो सकता है, अगर महिला केवल अपना ध्यान जी-स्पोट पर ही केन्द्रित करने लग जाती है ,तो वह सेक्स के अन्य पहलूओं पर ध्यान ही नहीं दे पाती है ,अत: यह आवश्यक है, कि यौन सम्बन्ध बनाते समय सम्पूर्णता की और ध्यान केन्द्रित किया जाए न की किसी स्पोट विशेष पर।

नताशा के 'नूर' पर बोल्ड गंभीर, विवाह बंधन में बंधे!



गुड़गांव. मशहूर क्रिकेटर गौतम गंभीर शुक्रवार को नताशा जैन के साथ शादी के बंधन में बंध गए। राजधानी के महिपालपुर इलाके के वेस्ट एंड ग्रीन फॉर्म हाउस में आयोजित उनका विवाह कार्यक्रम बेहद निजी रहा। मीडिया को इस शादी से काफी दूर रखा गया। हालांकि सुबह 9 बजे विवाह स्थल की ओर जाने वाली सड़क पर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था।

विवाह स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। फॉर्म हाउस की ओर जाने वाली सड़क पर पुलिस व निजी सुरक्षा एजेंसी ने नाकेबंदी कर रखी थी। सूत्रों के मुताबिक शादी में केवल ढाई सौ मेहमानों को न्यौता दिया गया था। सभी मेहमानों की गाड़ियों के नंबर पहले से ही सुरक्षाकर्मियों को उपलब्ध करा दिए गए थे और केवल उन्हीं वाहनों को बैरीकेड से आगे जाने दिया गया।

विवाह के बाद नवविवाहित जोड़े ने विवाह स्थल से करीब डेढ़ किमी दूर एक अन्य स्थान पर मीडिया को फोटो लेने का मौका दिया। दूल्हे गौतम गंभीर ने काले रंग की शेरवानी, काला पेंट व काला जूता पहन रखा था जबकि दुल्हन नताशा ने लाल रंग का लहंगा पहन रखा था। नताशा ने एथनिक गहने पहने हुए थे। मीडिया को पोज देते समय नवविवाहित जोड़ा बहुत खुश नजर आया, उन्होंने करीब दो से तीन मिनट तक मीडिया को फोटो लेने का मौका दिया।

राजस्थान के गृह मंत्री शांति कुमार धारीवाल को उनके जन्म दिन पर बधाई

  • दोस्तों राजस्थान के गृहमंत्री और लोह्पुरुष कहलाये जाने वाले कोटा के विधायक शांति कुमार धारीवाल का आज जन्म दिन है उन्होंने दीपावली की जगमगाहट रौशनी और जनसमस्या समाधान के बीच अपना जन्म दिन समर्थकों के साथ मनाया उनको उनके जन्म दिन पर हार्दिक बधाई ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
  • मौत के पहले ही बनवा दिया था कब्र, अब होंगे दफन


    कलानौर.लाल मसीह की शाही कब्र में दफन होने की तमन्ना पूरी होने की घड़ी आ ही गई। गांव संतोखराय के रहने वाले लाल मसीह ने 11 साल पहले एक जनवरी 2000 को अपने घर के आंगन में अपने लिए एक शाही कब्र तैयार करवा ली थी। अपनी सरजमीं में दफन होने की इच्छा रखने वाले लाल मसीह शुक्रवार को इस जहान को अलविदा कह गए।

    लाल मसीह ने अपनी कब्र को भव्यता देने के लिए सफेद रंग के संगमरमर के पत्थर से जड़वाया और अपने लिए कीमती ताबूत भी बनवा लिया था। लाल मसीह के चचेरे भाई डेनियल मसीह ने बताया कि सालवेशन आर्मी के मेजर रहे पर्यावरण प्रेमी लाल मसीह ने कब्र के चारो तरफ सुंदर बगीचा भी तैयार करवाया था।

    लाल मसीह का सारा परिवार विदेश में रहता है। लाल मसीह चाहता तो विदेश में जाकर अच्छा जीवन जी सकता था लेकिन उसकी इच्छा अपनी सरजमीं में ही खाक होने की थी, इसलिए वह अपने परिवार को मिलने विदेश नहीं जाता था।

    कुछ दिनों से बीमार चल रहे लाल मसीह ने सीएमसी अस्पताल में शुक्रवार को दम तोड़ दिया। शनिवार को उसका परिवार शहाना तरीके से उसे सुपुर्द-ए-खाक करेगा।

    रहस्यमयी कमरा-कोई आता है और खींच लेता है चादर!

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    मुंबई वैसे तो माया नगरी कही जाती है, लेकिन यहां के लोनवाला में एक ऐसी जगह है जिसकी कहानी सुनने के बाद आपको लगेगा कि यहां कुछ न कुछ तो मायावी जरुर है।

    लोनवाला में एक होटल है जो राज किरण होटल के नाम से जाना जाता है। हालांकि मुंबई जहां होटलों कि अनगिनत श्रृंखलाएं है वहां किसी छोटे मोटे होटल को पहचान मिला पाना बेहद मुश्किल है। लेकिन ऐसे में भी राज किरण जैसे छोटे होटल की काफी चर्चा रहती है। दरअसल इस होटल को इसकी भव्यता या क्सिसी ख़ास डिश की वजह से नहीं बल्कि इसकी एक अनोखी विशेषता की वजह से जाना जाता है।

    कहा जाता है कि इस होटल में एक ऐसा कमरा है जहां सोते वक्त मेहमानों के पलंग की चादर कोई खींच देता है। कई मेहमनों ने तो ये भी देखा है कि रात के वक्त उनके पैर पर नीली रोशनी चमक रही है। हालांकि ऐसा कहा जाता है कि इन तमाम घटनाओं की कई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट पुष्टि भी कर चुके हैं। यहां के होटल प्रबंधन ने फिलहाल उस कमरे को किराए पर देना बंद कर दिया है।

    यह बात किसी से मत कहना ...........


    दर्द यूँ ही होता है ..............


    यह है गीता का ज्ञान ............

    [Chapter 9]

    कुरान का संदेश ........

    “उस कमीनी से बोल मुझे आकर ले जाए

    संता के घर एक बिल्ली रहती थी जिससे वह बहुत परेशान था. एक दिन संता उससे तंग आकर उसे कहीं छोड़कर आ गया पर संता के घर पहुंचने से पहले वह घर पहुंच गई. संता दुबारा उसको बाहर छोड़कर आया पर वह फिर से घर पर वापस आ गई. संता को बहुत गुस्सा आ गया और इस बार उसने बिल्ली को बहुत दूर ले जाकर छोड़ दिया. फिर थोड़ी देर बाद अपनी बीवी को फोन किया और पूछा कि क्या बिल्ली घर आ गई है. बीवी – “हां, वह पहुंच गई है.” संता- “उस कमीनी से बोल मुझे आकर ले जाए…… मैं रास्ता भूल गया हूं !

    आतंकवादियों के दांत खट्टे कर देगा भारतीय सेना का 'रोबोट'



    पुणे.रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ऐसे रोबोट का विकास कर रहा है जो गोली चलाने और लड़ाई में मोर्चा लेने में सक्षम होगा।

    इस रोबोट के परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं और इसका प्रोटोटाइप भी तैयार है। डीआरडीओ के इंजीनियरों द्वारा विकसित किया जा रहा यह रोबोट एक छोटी आर्म के सहारे से गोली चला सकेगा। इसके ऊपर बंदूक लगी होगी और यह मोर्चा ले सकेगा। डीआरडीओ में अनुसंधान और विकास निदेशक गुरप्रसाद का कहना है कि हमने बंदूक से लैस रोबोट और डिसरप्टर रोबोट के प्रोटोटाइप तैयार कर लिए हैं। डिसरप्टर रोबोट पानी की फुहार से आईईडी डिवाइस को डिफ्यूज कर सकेगा।

    गुरप्रसाद ने यह भी कहा कि सभी परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं और यह रोबोट अब निर्माण के लिए तैयार हैं। सेना, एनएसजी और अर्धसैनिक बलों ने भी इस रोबोट में खासी रूचि दिखाई है। डीआरडीओ की आर एंड डीई (अनुसंधान एवं विकास) साखा ने दो साल के प्रयासों के बाद इसे तैयार किया है। हालांकि अभी तक इस रोबोट का कोई नाम नहीं रखा गया है। यह रोबोट छोटे हथियार चलाने के साथ ही ग्रेनेड से हमला भी कर सकेगा।

    श्मशान में फूटे बम, जमकर हुई पत्थरबाजी और मचा घमासान

    अहमदाबाद। शहर में दीवाली की रात जहां लोग अपने-अपने घरों में शांतिपूर्वक दीवाली का उत्सव मना रहे थे। वहीं एक श्मशान में तांत्रिकों और कुछ शरारती तत्वों के बीच घमासान मचा हुआ था। दरअसल अमावस्या की रात यानी की दीवाली पर तांत्रित श्मशान में तंत्र-मंत्र की साधना करते हैं। लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने तांत्रिकों के हवन में बॉम्ब (पटाखे) डाल दिए, जिससे तांत्रित भड़क उठे।

    यह घटना है अहमदाबाद में इंदिरा ब्रिज के पास स्थित भद्रेश्वर श्मशान की। यहां पर देर रात में कुछ तांत्रिक तंत्र-मंत्र की साधना कर रहे थे। इसी बीच कुछ युवक यहां आ पहुंचे और उन्होंने तांत्रिकों के हवन में सुतली बम फेंक दिए। बम के फटते ही श्मशान में दौड़भाग मच गई। तांत्रिकों इस बात पर भड़क गए और इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई।

    राजस्थान: मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर विराम


    राज्यपाल शिवराज पाटील दिल्ली लौटे


    जयपुर। राज्यपाल शिवराज वी. पाटील शुक्रवार दोपहर जयपुर से दिल्ली लौट गए। इनके साथ ही राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है। राज्यपाल रविवार 23 अक्टूबर को जयपुर आए थे।
    प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल पाटील के जयपुर आने के साथ ही प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाएं काफी तेज हो गई थीं। इन चर्चाओं ने उस समय और जोर पकड़ लिया जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दीपावली के दिन राजभवन जाकर राज्यपाल से करीब पौने दो घंटे तक अकेले में मुलाकात की। माना जा रहा था कि संभवत: दीपावली के तुरंत बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।

    टीम अन्ना होगी भंग? नई टीम में सेना के रिटायर अफसर, पूर्व जज होंगे शामिल


    नई दिल्‍ली. मजबूत लोकपाल की मांग कर रहे अन्ना हजारे के ब्लॉगर राजू पारुलेकर ने कहा है कि जल्द ही टीम अन्ना का विस्तार होगा। उनके मुताबिक, 'नए लोगों को जगह मिलेगी। अपने स्वार्थ से परे हटकर लोग इस आंदोलन से जुड़ना चाहते हैं। इसमें सेना के रिटायर्ड अधिकारी, पूर्व जज शामिल होंगे। अन्ना चाहते हैं कि देश भर में 20 से 45 साल के युवा स्वयंसेवकों की टीम बने।'
    हालांकि राजू पारूलेकर के विचारों को उनके निजी विचार करार देते हुए अन्ना हजारे के प्रवक्ता और निज सचिव सुरेश पठारे ने कहा कि इस बारे में अन्ना हजारे ने अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है। वहीं, जस्टिस संतोष हेगड़े ने कुमार विश्वास की उस मांग का समर्थन किया है, जिसमें टीम अन्ना के विस्तार की बात कही गई है।
    इससे पहले रामलीला मैदान के आंदोलन के बाद सितंबर में दैनिकभास्कर डॉट कॉम को दिए साक्षात्कार में अन्ना हजारे ने कहा था कि भविष्य में वो अपनी टीम का विस्तार करेंगे और नए लोगों को टीम के साथ जोड़ेंगे। अन्ना ने यह भी कहा था कि जिन लोगों को टीम से जोड़ा जाएगा पहले उनके चरित्र की जांच की जाएगी ताकि आंदोलन पर आंच न आ सके। अन्ना ने यह भी कहा था कि उनकी टीम में सेना से रिटायर्ड लोग और देशभक्त युवा शामिल होंगे। हालांकि अन्ना ने यह भी स्पष्ट किया था कि उनका आंदोलन पूरी तरह स्वयंसेवकों पर आधारित होगा और वो किसी पर अपनी मुहर नहीं लगाएंगे।
    टीम अन्ना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कोर कमेटी को कल भंग कर दिया जाएगा लेकिन आगे टीम का स्वरूप क्या होगा इसकी घोषणा कल ही होगी। सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से टीम के स्वरूप में बदलाव की बात चल रही थी।


    इससे पहले, टीम अन्‍ना के एक सदस्‍य कुमार विश्‍वास ने अन्‍ना हजारे से मांग की है कि वह मौजूदा कोर कमेटी को भंग कर दें। कुमार ने और सदस्‍यों को शामिल कर टीम का विस्‍तार करने का भी आग्रह किया है। उन्‍होंने इस संबंध में अन्‍ना को एक चिट्ठी लिखी है। शनिवार को कोर कमेटी की बैठक भी होनी है। संभव है कि इस बैठक में विश्‍वास की मांग पर मुहर लगा दी जाए।

    इस बीच, कोर कमेटी के एक अन्‍य सदस्‍य और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े ने कहा है कि वह टीम अन्‍ना से अलग नहीं हुए हैं। उन्‍होंने खुद को कोर कमेटी का 'दूरस्‍थ सदस्‍य' बताया है और कहा है कि वह अन्‍ना की कोर कमेटी के सदस्‍यों कोर कमेटी में बने रहेंगे। उन्‍हें यह सफाई इस खबर के बाद देनी पड़ी है कि वह शनिवार की बैठक से दूर रहने वाले हैं। हेगड़े ने कहा कि शनिवार को उन्‍होंने पहले से अपना कोई कार्यक्रम तय कर रखा था, इसलिए कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

    शुरू हुआ रफ़्तार का रोमांच





    नई दिल्ली.तीन सौ किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली फ़ॉर्मूला-वन कार की सवारी के लिए ये जरूरी नहीं कि आप माइकल शुमाकर या लुइस हैमिल्टन हों। रफ्तार का शौक रखने वाला कोई भी व्यक्ति अब फ़ॉर्मूला वन कार चला सकेगा। इसकी तैयारी चल रही है ग्रेटर नोएडा के रेसिंग सर्किट पर। बस, इसके लिए वहां ट्रेनिंग दी जाएगी। और थोड़ी कीमत चुकानी होगी।

    ग्रेटर नोएडा के बुद्ध सर्किट पर 30 अक्टूबर को होने जा रही भारत की पहली फ़ॉर्मूला-वन ग्रां-प्री के बाद आम लोगों को भी तेज रफ्तार कारों की सवारी का मौका मिलेगा। जो इस खेल की बारीकी और चुनौती को करीब से जानना चाहते हैं,उन्हें यहां मर्सेडीज के साथ मिलकर अगले साल जनवरी में शुरू की जा रही कार रेसिंग अकादमी में ट्रेनिंग दी जाएगी।

    5.14 किमी का सर्किट बनाने वाली जेपी स्पोर्ट्स कंपनी रेसिंग को लोकप्रिय बनाने के लिए फ़ॉर्मूला-वन कारें खरीदने जा रही हैं। कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (कॉपरेरेट कम्युनिकेशन) अस्करी जैदी के अनुसार हम इस खेल को आम लोगों की पहुंच तक लाना चाहते हैं। योजना है कि इन कारों को किराए पर दिया जाए ताकि कार रेसिंग के शौकीन सर्किट का मजा ले सकें।

    रेस के बाद कई रेस और आयोजन :फ़ॉर्मूला-वन ग्रां-प्री के बाद भी बुद्ध सर्किट बहुत व्यस्त रहेगा। जैदी के मुताबिक सालभर में यहां कई और महत्वपूर्ण रेस होंगी, जिनमें बाइक रेसिंग से जुड़ी मोटो-जीपी, स्पोर्ट्स कार रेसिंग और फ़ॉर्मूला वन कारों की और रेस शामिल हैं। ऐसी करीब दस रेस के अलावा जेपी स्पोर्ट्स को बॉलीवुड से कुछ फिल्मों की शूटिंग के भी प्रस्ताव मिले हैं।

    आसान नहीं रफ्तार का तनाव सहना

    ड्राइवर का दिल दो घंटे की रेस के दौरान एक मिनट में 180 बार धड़कता है। सामान्य दिल की धड़कन 72 प्रति मिनट।

    ड्राइवर के बैठने की जगह कॉकपिट में रेस के दौरान तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। जबकि शरीर का सामान्य तापमान 36 डिग्री होता है।
    ऐसे में रेस खत्म होने तक पसीने की वजह से ड्राइवर का वजन 3 किलो तक कम हो जाता है।
    रेस के दौरान ड्राइवर पर उसके शरीर के वजन से पांच गुना गुरुत्वाकर्षण दबाव होता है। यानी सौ किलो वजनी ड्राइवर पर 500 किलो का दबाव। इसके अलावा ड्राइवर को पूरे समय वॉकी-टाकी पर टीम कंट्रोल रूप से मिल रहे रणनीति और ओवरटेकिंग के संदेशों को भी सुनना होता है।
    रेस की परिस्थितियां,यदि किसी आम आदमी पर डाल दी जाएं तो उसका जीवित बचना मुश्किल है।
    नारायण कार्तिकेयन,फ़ॉर्मूला-वन कार ड्राइवर

    किराए पर रेसिंग कारें

    जेपी स्पोर्ट्स कंपनी फ़ॉर्मूला-वन, स्पोर्ट्स कार और सुपरबाइक खरीदेगी।
    इन्हें सेपांग (मलेशिया) सर्किट के पैटर्न पर किराए पर दिया जाएगा।
    वहां 4600 रु. प्रति घंटा की दर से फॉमरूला-वन कार दी जा रही है।
    कार का हर पुर्जा खास
    टायर,रबर ऐसा जो घर्षण की वजह से पैदा होने वाले 160 डिग्री के तापमान को बर्दाश्त कर सके।
    कॉकपिट,बनावट ऐसी जिसमें से ड्राइवर पांच सेकंड में स्टीयरिंग व्हील हटाकर बाहर आ सके और नया स्टीयरिंग व्हील पांच सेकंड में लगाया जा सके।
    कार की कीमत 1.1 करोड़ रु
    इंजन, 2.4 लीटर क्षमता वाले आठ सिलेंडर का।
    ..ताकि ड्राइवर घायल न हो
    ड्रेस,खास ड्यूपॉन्ट नॉमेक्स फाइबर से बनी होगी,जो 11 सेकंड तक 840 डिग्री तापमान बर्दाश्त कर सके।
    हेलमेट,बारीक फाइबर से बना,जिसे सीधा किया जाए तो लंबाई 16 हजार किमी होगी।
    सुरक्षा,दो एम्बुलेंस और एक हेलिकॉप्टर डॉक्टर की टीम के साथ मौजूद रहेंगे।
    ऐसे सीख सकेंगे स्पोर्ट्स कार चलाना
    अकादमी में दो कोर्स होंगे। इमोशनल कोर्स में बताया जाएगा,स्पोर्ट्स कार कैसे चलाई जाती है।
    फिर बेसिक कोर्स में रेसिंग की बारीकियां बताई जाएंगी। ट्रेनिंग पहले सिम्युलेटर, फिर स्पोर्ट्स कार और आखिर में फॉमरूला वन कार पर दी जाएगी। अकादमी में विदेशी कार रेसिंग विशेषज्ञ ट्रेनिंग देंगे।
    ऐसा है भारत का पहला एफ 1 सर्किट
    जेपी समूह द्वारा निर्मित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट दुनिया का 19वां,एशिया का 8वां और भारत का पहला फामरूला वन सर्किट है। यह ट्रैक इस सीजन की 17 वीं ग्रां प्री रेस का गवाह बनेगा। 28 से 30 अक्टूबर तक प्रैक्टिस,क्वालीफाइंग और फाइनल रेस होगी। रफ्तार की इस जंग को अंजाम तक पहुंचाने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण होता है। रेस से जुड़ी कारें और अन्य उपकरण सर्किट तक पहुंचाना आसान नहीं होता। सारा सामान हवाई और समुद्री रास्ते से लाया जाता है।
    नियमों के लिहाज से एफ 1 मोटर रेसिंग की सबसे कठिन रेस है। इसकी तैयारी सिर्फ ड्राइवर के लिए ही नहीं टीम के अन्य सदस्यों के लिए भी खासी कवायद भरी होती है। ट्रैक पर दौड़ती कार को दिशा-निर्देश देने में सेकंडों की चूक ड्राइवर को कई किमी.पीछे छोड़ सकती है। यही वजह है कि दुनिया भर के दिग्गज एफ 1 ड्राइवरों को एक-दूसरे से रफ्तार की होड़ करते देखना यादगार अनुभव होता है। इस मौके को और भी यादगार बनाने के लिए लेडी गागा का कार्यक्रम भी रखा गया है। हालांकि वे समापन समारोह में शिरकत करेंगी। इस अमेरिकी पॉप सेंसेशन की यह पहली भारत यात्रा है।
    शुरुआती दो दिन लोकप्रिय डीजे रोजर सांचेज, जर्मनी के डीजे टॉम नेवी अपनी अंगुलियों का जादू बिखेरेंगे। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट दुनिया का एकमात्र एफ 1 ट्रैक है, जो एक क्रिकेट स्टेडियम के निकट बना है। क्रिकेट स्टेडियम से होने वाली आय से एफ 1 सर्किट की देखभाल की जाएगी। 875 एकड़ में फैले इस सर्किट के साथ गोल्फ कोर्स और हॉकी स्टेडियम भी बनेंगे। आने वाले वर्षो में यहीं रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल कांप्लेक्स भी बनाए जाएंगे। यही सब बातें बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को खास बनाती हैं।
    एक सीजन में कितनी रेस
    1950 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के आधुनिक संस्करण की शुरुआत में सिर्फ 7 रेस वर्ष में हुईं। अब इनकी संख्या लगभग तीन गुनी हो गई है। 1980 के दशक में एक सीजन में कुल रेसों की संख्या 16-17 के आसपास रही। 2005 और 10 में 19 रेस हुईं। इस वर्ष 20 रेस होतीं, लेकिन बहरीन ग्रां प्री के रद होने से 19 होंगी। 2012 और 2014 में अमेरिका और रूस के आ जुड़ने से रेसों की संख्या और बढ़ेगी।
    रेस के लिए हर साल डेढ़ लाख किमी.का सफर
    ये है रेस का सारा साज-ओ-सामान
    एफ 1 रेस से जुड़ा साज-ओ-सामान जुटाना भी चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए फामरूला वन का अपना अलग लॉजिस्टिक पार्टनर है। प्रत्येक टीम साल भर में अलग-अलग रेस के सिलसिले में डेढ़ लाख किमी की यात्रा करती है। जानते हैं कि आंकड़ें इसके बारे में क्या कहते हैं..
    600 टन : 24 कारों और रेस के अन्य उपकरणों का भार। इसे 5 बोइंग विमानों के जरिए लाएंगे। 900 टन : साज-ओ-सामान जो समुद्री रास्ते लाया जा रहा है। 150 करोड़ रुपए : कुल मूल्य है साज-ओ-सामान का। 30,000 लीटर : हाई क्वालिटी पेट्रोल समुद्री रास्ते से आ रहा है। 10 घंटे : लगेंगे विमान से सामान उतारने, फिर ट्रैलर पर चढ़ाने और अंतत: ट्रैक तक लाने में।
    स्टेडियम की कीमत
    40 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 19.66 अरब रुपए। टिकट की कीमत : 2,500 से लेकर 35,000 रुपए तक। कापरेरेट बॉक्स : 35 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक। अनुमानित आय : सिर्फ टिकटों की बिक्री से 3.7 अरब से 7.37 अरब रुपए तक। विज्ञापन, प्रायोजक और प्रसारण अधिकार की आय अलग। रेस से जुड़े समारोह के भी टिकट। दर्शक क्षमता : डेढ़ लाख।
    प्रैक्टिस और क्वालीफाइंग राउंड
    सभी एफ 1 ड्राइवर (कुल 26 कारें) शुक्रवार (28 अक्टूबर) को डेढ़ घंटे के दो-दो प्रैक्टिस सेशन में भाग लेंगे। शनिवार (29 अक्टूबर) सुबह घंटे भर का एक और प्रैक्टिस सेशन होगा। फिर दोपहर में एक घंटे का क्वालीफाई सेशन होगा। पहला क्वालीफाइंग राउंड : 26 कारें पहले घंटे के शुरुआती 20 मिनट दौड़ेंगी। धीमी रही 8 कारें ग्रिड के अंतिम आठ स्थानों पर रहेंगी। ग्रिड वह जगह है, जहां से रेस शुरू होगी। दूसरा क्वालीफाइंग राउंड : पहले राउंड के 7 मिनट बाद शेष 18 कारें 15 मिनट और दौड़ेंगी। सबसे धीमी रहीं 8 कारों को ग्रिड के 11 से 18 स्थानों पर पोजीशन दी जाएगी। तीसरा क्वालीफाइंग राउंड : 8 मिनट के ब्रेक के बाद अंतिम 10 मिनट के सेशन में तय होगी शीर्ष दस स्थानों के लिए कारों की स्थिति।
    फाइनल रेस
    ट्रैक के एक चक्कर की फॉर्मेशन लैप(वार्मअप चरण) के दौरान ओवरटेकिंग की मनाही है। इसके बाद सभी कारें अपनी-अपनी पोजीशन पर पहुंच जाएंगी और फिर शुरू होगी फाइनल रेस।
    झंडे और उनके मायने
    रेस के दौरान मार्शल झंडों के जरिए ड्राइवर के संपर्क में रहेंगे। लगभग 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर ड्राइवर के लिए मार्शल और झंडे को देख पाना असंभव होगा। इसलिए ये झंडे ड्राइवर की कॉकपिट में भी डिस्प्ले होंगे।
    जानते हैं झंडों के मायने..
    चैक वाला झंडा : सेशन की समाप्ति का संकेत।
    पीला झंडा : खतरे का संकेत। हरा झंडा : पीले झंडे का प्रतिबंध हटा। लाल झंडा : दुर्घटना या खराब ट्रैक के कारण रेस रोकी गई। नीला झंडा : दूसरों से एक लैप पीछे रही कार अन्य कारों को रास्ता दे। पीला और लाल धारी वाला झंडा : फिसलन भरे ट्रैक का संकेत। नारंगी गोले वाला काला झंडा : कार में तकनीकी खराबी। ड्राइवर पिट पर लौटे। आधा काला और सफेद झंडा : चेतावनी। अनदेखी पर रेस से बाहर। काला झंडा : कार रेस से बाहर। सफेद झंडा : ट्रैक पर धीमे वाहन की चेतावनी।

    शुक्र ने छोड़ी खुद की राशि, अब क्या असर पड़ेगा आपकी किस्मत पर

    ज्योतिष में शुक्र को पैसा,प्यार और भौतिक सुख सुविधाएं देने वाला ग्रह माना जाता है। दीपावली तक शुक्र खुद की राशि में रह कर लगभग सभी राशि वालों को शुभ फल देने वाला रहा है।

    ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को सौम्य ग्रह माना गया है। सुख देना, शुक्र की प्रकृति मानी गयी है। समृद्धि और धन का कारक ग्रह भी शुक्र ही होता है साथ ही प्रेम संबंध और दाम्पत्य जीवन भी शुक्र से ही प्रभावित होते है।

    दीपावली के बाद नए साल में आज शुक्र अपनी स्वराशि तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहा है और वृश्चिक राशि में 21 नवंबर तक रहेगा।

    शुक्र का यह राशि परिवर्तन और जब तक शुक्र वृश्चिक राशि में रहेगा तब तक का समय आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा जानिए...



    मेष- दैनिक जीवन के कार्यों में बाधाएं आएगी लेकिन खर्चा बढ़ेगा और सभी कार्य पूरे होंगे। भोजन सामग्री, सुख सामग्री और भोग की अन्य वस्तुओं पर खर्चा होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

    वृष- शुक्र के राशि परिवर्तन से वृषभ राशि वालों के सोचे हुए सभी कार्य पूरे होंगे। वृषभ राशि के जातकों को अपने जीवनसाथी से सहयोग मिलता रहेगा। पार्टनरशीप करने वालों के कार्य बनेंगे।

    मिथुन- शुक्र का राशि परिर्वतन करना मिथुन राशि वालों के लिए खर्चा बढ़ाएगा। शत्रूओं से निपटने के लिए खर्चा होगा और ज्यादातर खर्चा दिखावे पर होगा लेकिन मानसिक परेशानियों के बाद सफलता मिलेगी।

    कर्क- शुक्र, कर्क राशि वालों के लिए विद्या और बुद्धि से संबंधित कार्यों में सफलता दिलाएगा। यह समय विद्यार्थियों के लिए अच्छा रहेगा। प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता मिलेगी।

    सिंह- सिंह राशि वालों को वाहनों से सावधान रहना चाहिए। भूमि, मकान और स्थाई सम्पत्ती से संबंधित परेशानियां होगी और खर्चा भी बढ़ेगा।

    कन्या- कन्या राशि वालों के लिए यह समय आर्थिक तंगी वाला रहेगा लेकिन इनको प्रेम प्रसंग में सफलता मिलेगी। जीवनसाथी से प्रेम बढ़ेगा। मांगलिक कार्योँ पर खर्चा बढ़ेगा।

    तुला- तुला राशिवालों का राशि स्वामी ही शुक्र है इसलिए इनके धन में वृद्धि होगी, अच्छे निवेश के योग बनेंगे। कष्ट में कमी आएगी और सुख में वृद्धि होगी।

    वृश्चिक- वृश्चिक राशि में ही शुक्र का प्रवेश होने से इस राशि वालों का झुकाव वृषभ राशि वालों की और बढ़ेगा। वृश्चिक और वृषभ राशि राशि के प्रेमियों के संबंध और अधिक मधुर बनेंगे।

    धनु- शुक्र के वृश्चिक राशि में आ जाने से धनु राशि वालों के लिए खर्चा बढ़ेगा। स्थाई सम्पत्ती यानी भूमि एवं मकान पर खर्च होगा। यात्रा के योग बनेंगे और यात्राओं पर खर्च भी होगा।

    मकर- मकर राशि वालों के लिए शुक्र का वृश्चिक राशि में प्रवेश करना बहुत अच्छा रहेगा। भाई बंधुओं से सहयोग मिलेगा। आर्थिक लाभ मिलेगा। बुद्धि और योजनाओं से सुख और लाभ मिलेगा।

    कुंभ- भूमि और स्थायी संपत्ती से लाभ मिलेगा। जब तक शुक्र वृश्चिक राशि में रहेगा तब तक आपके सभी निर्णय सही होंगे। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

    मीन- मीन राशि वालों को सम्मान यश और प्रतिष्ठा मिलेगी। धार्मिक और मांगलिक कार्यों में खर्चा होगा। रोजगार के लिए बेरोजगारों का भी खर्च बढ़ेगा।

    700 दिनों के गर्भधारण के बाद पैदा हुआ यह 'छुटकू', बना विश्व रिकॉर्ड


    आमतौर पर हाथियों को अपने लंबे समय तक समृति क्षमता के लिए जाना जाता है, लेकिन शायद अब उन्हें लंबे समय तक गर्भधारण के लिए भी जाना जाने लगे।

    लंबे समय तक गर्भवती रहने की एक घटना में एशियन हथिनी ने 700 दिनों तक गर्भ में बच्चे को रखने का एक रिकॉर्ड बनाया है, जो कि हाथियों के सामान्य गर्भधारण अवधि से 84 दिन ज़्यादा है। अज़िज़ाह नाम की इस हथिनी ने बीते मंगरवार बेडफोर्डशायर के विप्सनेड चिड़ियाघर में बच्चे को जन्म दिया।

    ब्रिटिश चिड़ियाघर में हथिनी के 700 दिनों के गर्भधारण को अभी तक का सबसे लंबा गर्भधारणकाल माना जा रहा है। आमतौर पर हाथियों में सामान्य गर्भअवस्था का समय 22 महीनों का होता है। अज़िज़ाह के बच्चे का जन्म के समय वज़न मात्र 104 किलो था, जो कि स्वयं अपने आप में सबसे छोटे बच्चे का रिकॉर्ड है।

    पाकिस्‍तान ने किया परमाणु से लैस मिसाइल का परीक्षण, जद में आया भारत

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    इस्‍लामाबाद. पाकिस्‍तान ने परमाणु क्षमता से लैस क्रूज मिसाइल हत्‍फ-7 का आज सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर है और यह भारत स्थित अपने निशाने को आसानी से भेद सकती है।

    पाकिस्‍तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि स्‍वदेश निर्मित इस मल्‍टीट्यूब मिसाइल सिस्‍टम का परीक्षण सफल रहा है। पाकिस्‍तानी सेना के ज्‍वाइंट चीफ ऑफ स्‍टाफ कमेटी के चेयरमैन खालिद शमीम इस परीक्षण के गवाह बने।

    सेना ने कहा है कि हत्‍फ-7 या बाबर मिसाइल रडार की पकड़ में नहीं आते हैं और ये परमाणु के साथ साथ परंपरागत हथियार भी ले जा सकते हैं।

    राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी है।

    कुमार विश्‍वास की मांग- भंग करें कोर कमेटी, अन्‍ना को लिखी चिट्ठी


    नई दिल्‍ली. टीम अन्‍ना के एक सदस्‍य कुमार विश्‍वास ने अन्‍ना हजारे से मांग की है कि वह मौजूदा कोर कमेटी को भंग कर दें। कुमार ने और सदस्‍यों को शामिल कर टीम का विस्‍तार करने का भी आग्रह किया है। उन्‍होंने इस संबंध में अन्‍ना को एक चिट्ठी लिखी है। शनिवार को कोर कमेटी की बैठक भी होनी है। संभव है कि इस बैठक में विश्‍वास की मांग पर मुहर लगा दी जाए।

    इस बीच, कोर कमेटी के एक अन्‍य सदस्‍य और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े ने कहा है कि वह टीम अन्‍ना से अलग नहीं हुए हैं। उन्‍होंने खुद को कोर कमेटी का 'दूरस्‍थ सदस्‍य' बताया है और कहा है कि वह अन्‍ना की कोर कमेटी के सदस्‍यों कोर कमेटी में बने रहेंगे। उन्‍हें यह सफाई इस खबर के बाद देनी पड़ी है कि वह शनिवार की बैठक से दूर रहने वाले हैं। हेगड़े ने कहा कि शनिवार को उन्‍होंने पहले से अपना कोई कार्यक्रम तय कर रखा था, इसलिए कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

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