तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अक्तूबर 2011
निरन्तर बढ़ रहे साइबर क्राइम के कारण क्या इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और कानून मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए
निरन्तर बढ़ रहे साइबर क्राइम के कारण क्या इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और कानून मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए
जानिए, आपके व्यक्तित्व के लिए कितने जरूरी हैं आंसू...
आदमी दुखी होने पर भी रोता है, संवेदनशील हो और खुशी जाहिर करनी हो, तब भी उसकी आंखें सजल हो उठती हैं। आंख और आंसू भीतरी व्यक्तित्व को व्यक्त करते हैं। इसीलिए पहुंचे हुए महात्मा की आंख में आंख डालने का मौका मिले तो तप के क्या परिणाम होते हैं, यह जानने की कोशिश की जाए।
जैसे नवजात शिशु की आंख निर्दोष होती है, वैसे ही संत की आंखों में परमात्मा की गहराई होती है और आंसू होते तो आंख का हिस्स हैं, पर धोते हृदय को हैं। विभीषण से बात करते हुए सुंदरकांड में हनुमानजी द्रवित हो गए। उन्होंने श्रीराम के कृपालु चरित्र का वर्णन किया और तुलसीदासजी ने लिखा -
अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्ही कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर।। (सुंदरकांड दोहा-७)
हे सखा! सुनिए, मैं ऐसा अधम हूं, पर श्रीराम ने तो मुझ पर भी कृपा ही की है। भगवान के गुणों का स्मरण करके हनुमानजी के नेत्रों में जल भर आया। लेकिन भगवान को याद करके जब आंसू निकलते हैं तो वह अमृत होते हैं और दुनिया की याद में जो बहाए जाते हैं, वो जहर होते हैं। आंख के आंसू भक्ति में जरूर बहना चाहिए, क्योंकि जिनकी आंख के आंसू सूख गए, उनके लिए भक्ति कठिन होगी।
आंसू हृदय को न सिर्फ धोते हैं, बल्कि उन बातों से ओतप्रोत रखते हैं, जो उन्हें परमात्मा तक ले जाती हैं, जो हमें प्रेमपूर्ण बनाती हैं। इसलिए अकारण आंसू न रोकें, लेकिन इतना आश्वासन जरूर अपनी आंखों को दें कि आंसू भगवान से जुड़ने के लिए सेतु का काम करेंगे, प्रेम का भाव प्रदर्शित करने की इबारत बनेंगे।
जातिगत जनगणना के साथ होगा नए राशनकार्डो के लिए सर्वे
जातिगत जनगणना 5 नवंबर से शुरू होनी थी, लेकिन अब इसका समय 10 दिन आगे बढ़ा दिया है। जनगणना निदेशालय से प्राप्त सूचना के अनुसार जातिगत जनगणना के लिए मशीनें आने में देरी होने से अब यह15 नवंबर से शुरू होगी। जनगणना में लगे प्रगणक खाद्य विभाग की ओर से तय फॉर्म हर परिवार को बांटेंगे।
आवेदक को यह फॉर्म 15 दिन में ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सचिवों को जमा करवाना होगा। ग्राम सचिव इन फॉर्मो को इकट्ठा कर पंचायत समिति मुख्यालय पर जमा कराएंगे। विकास अधिकारी इन फॉर्मो को पंचायतवार सुरक्षित रखेंगे। जिला रसद अधिकारी जिला स्तर पर इसका समन्वय करेंगे।
ट्रैक पर कटा नाग, तड़प उठी नागिन... देखें असली तस्वीर
गरीबी लाइन के अजय सोनकर ने बताया कि सुबह करीब 8.30 बजे कुछ लोगों ने सबसे पहले यह नजारा देखा। जिसकी खबर फैलने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। गरीबी लाइन, बंगाली कालोनी, न्यास कालोनी, झुग्गी बस्ती इलाके सहित पीपल मोहल्ला से लोगों का हुजूम रेलवे ट्रैक पर सांप के जोड़े को देखने पहुंच गया। कई लोगों ने तो ट्रैक पर नारियल फोड़े, फूल चढ़ाए और प्रसाद बांटे।
इस दौरान ट्रैक से आने-जाने वाली ट्रेनों को भी धीमी गति से चलाने की नौबत आई। तीन घंटे तक ट्रैक पर लोगों की भीड़ लगी रही। रेल यातायात में आ रही परेशानी को देखते हुए सिटी पुलिस और वन अमला मौके पर पहुंचा।
सुबह करीब 11.30 बजे जीवित सांप पास ही की झाड़ियों में चला गया। वन अमले ने मृत सांप का दाह संस्कार किया। वन विभाग के रेंजर एके दीक्षित ने बताया कि जीवित सांप भीड़ के हटते ही रेलवे ट्रैक से लगी झाड़ियों में चला गया। मृत सांप का दाह संस्कार करा दिया गया है।
सामाजिक मान्यताओं को तोड़ बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज
जोधपुर में लंबे समय से रह रहा भरतपुर का एक परिवार जिसमें माता-पिता और बेटी ही है। रविवार को पिता की मृत्यु के बाद उनकी बेटी ने ही मुखाग्नि सहित सारे कर्मकांड किए। कंधा देती पुत्री।
सिपाही ने कांग्रेस नेत्री को जड़ा जोरदार थप्पड़ लेकिन...
तैनात सिपाही बिरदी चंद ने उसे रोका तो वह कांग्रेस नेत्री होने का दावा करते हुए बिफर गई और सिपाही को थप्पड़ मार दिया। सिपाही ने भी उसे तमाचा जड़ दिया।
पुलिस महिला को थाने ले आई। महिला के परिजनों ने माफी मांग मामला निबटाया। उन्होंने बताया कि महिला ने 1988 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। उसमें हार से उसका दिमागी संतुलन बिगड़ा हुआ है।
राज्यमंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा के साथ रविवार दोपहर धक्का-मुक्की हो गई
इस पर वहां बैठे चंवरा के बिरजुसिंह पुत्र झाबरराम गुर्जर ने खड़े होकर राज्यमंत्री के साथ धक्का-मुक्की की। पुलिस ने उसे दबोच लिया और शांतिभंग में गिरफ्तार कर थाने ले गई। थानाधिकारी विक्रमसिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में झड़प हुई थी। समझाइश के बाद दोनों पक्ष शांत हो गए।
धरने में जिला उपप्रमुख विद्याधर गिल, मनोज मील, शीशराम राजोरिया, जिप सदस्य मूलचंद खरींटा, रामनिवास सैनी, रविंद्र भडाना, धोलू खटाणा, रामदेव सैनी, जगदीश पटवारी, मूलचंद सैनी पूर्व सरपंच ककराना, रामसिंह गुड़ा सहित काफी लोग बैठे थे। घटना के बाद एएसपी ओमप्रकाश कटारिया भी मौके पर पहुंच गए।
शाम छह बजे समझौता वार्ता हुई। संघर्ष समिति व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद धरना उठा लिया गया। नीमकाथाना रूट की छह बसें नेवरी होकर व दो बसें किशोरपुरा होकर जाएंगी।
गुढ़ा से नीमकाथाना जाने वाली निजी बसें चंवरा से किशोरपुरा, पौंख होकर जा रही थी। नेवरी के ग्रामीणों ने परिवहन विभाग से बसों को नेवरी होकर जाने की मांग की। 21 सितंबर को पर्यटन राज्यमंत्री की अध्यक्षता में बस ऑपरेटरों, परिवहन विभाग, पुलिस अधिकारी व ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई। इसमें तय किया कि नीमकाथाना जाने वाली सभी बसें नेवरी होकर जाएंगी।
रूट बदलने को लेकर किशोरपुरा मोड़ एवं पौंख के ग्रामीणों ने रविवार सुबह चौफुल्या स्टैंड पर धरना शुरू कर दिया
टोका तो हो-हल्का करने लगे : गुढ़ा
"नेवरी व किशोरपुरा गांवों के लोग बरसों से बस सुविधा से वंचित थे। कोशिश के बाद भी समाधान नहीं हो सका। इसके बाद बस संचालकों को रूट के मुताबिक गाड़ियां चलाने के निर्देश प्रशासन द्वारा दिए गए। इस बात को लेकर धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों ने राजनीति शुरू कर दी। एक संघर्ष समिति बना ली, जिसमें कोई स्थानीय व्यक्ति शामिल नहीं है। बाहर के लोग आकर हमारे गांवों का माहौल बिगड़ना चाह रहे हैं। धरने में कई शराबी बैठे थे, जो गलत भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके लिए टोका तो हो-हल्ला करने लगे।"
राजेंद्रसिंह गुढ़ा, पर्यटन राज्यमंत्री
"हम वार्ता करने गए थे। मंत्री आए और धरने पर बैठे लोगों के साथ बदतमीजी की। मंत्री उनकी मीटिंग को भंग करना चाहते थे।"
विद्याधर गिल, जिला उपप्रमुख
"धरने में पर्यटन मंत्री पहुंचे तो तनातनी हो गई। एक शराबी युवक को मौके पर पकड़कर शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया।"
विक्रमसिंह, थानाधिकारी गुढ़ागौड़जी
सेक्स की समस्या का शर्तिया इलाज, अब नहीं कहेंगे जनाब!
उन्होंने कहा कि अलग-अलग समाचार पत्रों, चैनलों या अन्य किसी माध्यम से लिंग निर्धारण या सेक्स संबंधी अन्य समस्याओं का शर्तिया इलाज करने का दावा करने वाले डाक्टरों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और इससे संबंधित अन्य संस्थाओं के निर्देशों के विरुद्ध है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी, आयुर्वेद और एलोपैथी के प्रमुख प्रेक्टशिनरों द्वारा राज्य भर में इस प्रकार के विज्ञापन के होर्डिग लगाए हुए हैं।
शाकिर ने ऐसे डाक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा कि यदि वह फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं देते तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं।
: बार एसोसिएशन कहीं विश्व रिकार्ड की ओर तो नहीं!
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारी इन दिनों ‘धर्म-संकट’ में हैं। धर्म संकट एक महिला कर्मचारी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने को लेकर है। बोर्ड में इनकी नियुक्ति मृतक आश्रित कोटे में हुई है। नियुक्ति पर किसी को आपत्ति नहीं है, आपत्ति इस बात को लेकर है उन्हें आम कर्मचारियों के साथ शाखा में ही काम करने के लिए क्यों नहीं बिठाया जा रहा।
बोर्ड के कुछ प्रभावशाली कर्मचारी महिला के साथ इसलिए सहानुभूति रखते हैं, क्योंकि वे उनके ही एक पुराने साथी की पत्नी रही हैं, जिनके स्थान पर नौकरी मिली है। बोर्ड अधिकारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि करें तो क्या करें। बोर्ड के कुछ कर्मचारी यह मांग भी करने लगे हैं कि उन्हें भी शाखा की बजाय अलग-अलग कक्ष आवंटित किए जाएं ताकि अलग से बैठ कर काम कर सकें।
निगम-पीएचईडी की इंजीनियरिंग फेल
चौपाटी रोड पर आप यदि आते जाते रहे हैं तो आपका सामना सड़क की खस्ता हालत से रोजाना जरूर होता होगा। यह सड़क नगर निगम और जलदाय विभाग की इंजीनियरिंग फेल होने का नायाब नमूना है। अब आप कहेंगे ऐसा क्यों कह रहे हैं। तो आप सुन लीजिए। पिछले 10 वर्षो से यह सड़क खस्ता हाल है।
कई बार पैच वर्क हो चुका है। राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान तो पूरी सड़क का डामरीकरण भी हो चुका है। यहां नियमित रूप से पाइप लाइन लीक होती रहती है। जलदाय विभाग ठीक करवाता है तो पहाड़ी पर बसी आबादी का गंदा पानी द्रुतगति से नीचे आता है और सड़क पर फैलता है।
वाहनों की भारी आवाजाही के कारण सड़क फिर खराब हो जाती है। दोनों ही विभागों के इंजीनियर एक मामूली सी समस्या का दस साल में समाधान न कर पाएं तो इंजीनियरिंग फेल होना ही मानेंगे ना। सीईओ सीआर मीणा और जलदाय विभाग के एक्सईएन सतीश जैन को विचार करना चाहिए कि वे मामूली सा काम नहीं करा सकते तो बड़ी समस्या के समाधान पर क्या स्थिति होगी।
बार एसोसिएशन कहीं विश्व रिकार्ड की ओर तो नहीं!
वकीलों की संस्था अजमेर जिला बार एसोसिएशन को लेकर इन दिनों एक चर्चा चल पड़ी है। लोग यह पूछने लगे हैं कि क्या अजमेर बार विश्व रिकार्ड तो बनाना चाहती है? अब आप पूछेंगे कि विश्व रिकार्ड किस बात का।
इस सवाल के जवाब के लिए जब छानबीन की तो पता चला कि अजमेर बार आए दिन वर्क सस्पेंड कर रही है, हड़ताल कर रही है। अब यह कभी श्रद्धांजलि स्वरूप होता है तो कभी विरोध स्वरूप। हाल ही में तो एक अदालत के बहिष्कार का ही निर्णय कर लिया गया है। अब यह तो बार अध्यक्ष किशन गुर्जर ही बता सकते हैं कि अब तक कितने वर्क सस्पेंड हुए।
पुलिस पर जमकर बरसे ईंट और पत्थर, वजह एक लड़की!| Email Print Comment
पुलिस के अनुसार खेड़ली थानांतर्गत गांव बंगल का नगला की एक लड़की को खुर्रमपुर (नदबई) का लड़का योगेंद्र पुत्र पदम जाट बहला फुसलाकर ले गया था। मामले में खेड़ली थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। रविवार को खेड़ली, कठूमर व टपूकड़ा थानों की संयुक्त पुलिस टीम ने अपहरणकर्ता की गिरफ्तारी के लिए आरोपी के रिश्तेदार नत्थी के यहां नदबई थानांतर्गत गांव उटावरा में दबिश दी।
जहां आरोपी के नहीं मिलने पर उसके रिश्तेदार नत्थी को पुलिस ले जाने लगी। इसका परिजनों ने विरोध किया। पुलिस ने नत्थी को नहीं छोड़ा तो परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। हमले में खेड़ली थानाधिकारी सरदार सिंह, कांस्टेबल दिनेश सिंह व गंगा सिंह घायल हो गए। नदबई थाना का पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा व घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नदबई में भर्ती कराया गया।
हालत गंभीर होने पर खेड़ली थानाधिकारी खंडेला सीकर निवासी सरदार सिंह पुत्र नारायण सिंह को उपचार के लिए भरतपुर आरबीएम अस्पताल के लिए रैफर कर दिया तथा बाकी दोनों सिपाही दिनेश सिंह व गंगा सिंह को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
भरतपुर आरबीएम अस्पताल में भर्ती घायल खेड़ली थानाधिकारी सरदार सिंह का हाल पूछने भरतपुर एसपी विकास कुमार, अलवर एसपी महेश गोयल भी अस्पताल पहुंचे।
वासनिक से मिल गहलोत ने की राजनीतिक नियुक्तियों पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी के समय ही राजनीतिक नियुक्तियों, विशेषकर यूआईटी और बोर्डो पर नामों को अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन कुछ प्रमुख और ज्यादा महत्व वाले बोर्डो पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ था। अब इन्हीं पर विचार हो रहा है। इसके अलावा पिछले दिनों में प्रदेश के राजनीतिक हालात में भी कुछ बदलाव हुआ है। इसमें प्रमुख तौर पर मदेरणा की बर्खास्तगी और गोपालगढ़ कांड हैं। इन्हें लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
अभी इन पदों पर चल रही है कशमकश
आर्थिक नीति एवं सुधार परिषद के उपाध्यक्ष, हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन, आरटीडीसी चेयरमैन, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन उपाध्यक्ष, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष, अल्पसंख्यक बोर्ड अध्यक्ष, हज कमेटी अध्यक्ष, मेवात विकास बोर्ड अध्यक्ष, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष, राज्य बीज निगम अध्यक्ष, राजस्थान राज्य भंडार व्यवस्था निगम अध्यक्ष, पशु पालक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष, सफाई कर्मचारी आयोग अध्यक्ष, समाज कल्याण एडवाइजरी बोर्ड अध्यक्ष, अजा-अजजा आयोग अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष।
आगे क्या होगा?
राजस्थान के प्रभारी महासचिव के नाते पहले मुकुल वासनिक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन नामों को अंतिम रूप देंगे। डॉ. चंद्रभान से पहले ही अनुमति मिल चुकी है। कुछ नाम हैं, जिन पर विवाद, असहमतियां और अलग-अलग राय हैं।
ये सूची पहले श्रीमती गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के यहां जाएगी। इसके बाद इसे पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते सोनिया गांधी अंतिम स्वीकृति देंगी। दिल्ली सूत्रों के अनुसार वासनिक के कार्यालय से अंतिम तौर पर जाने वाली सूची को 10 जनपथ से किसी भी समय हरी झंडी मिल सकती है।
मुख्यमंत्री ने टैंकर चालक को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की
जोधपुर में जलता हुआ पेट्रोलियम पदार्थों से भरा टैंकर आबादी से बाहर ले जाने वाले ड्राइवर को इना
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में आग लगने के बाद टैंकर को चलाकर दूर ले जाने के अदम्य साहस का परिचय देने वाले टैंकर चालक लक्ष्मण राम चौधरी को पांच लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
गहलोत ने लक्ष्मण राम चौधरी को रविवार को फोन पर बात कर बधाई दी और उसकी हौसला अफजाई भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उसके इस साहसिक कृत्य से बड़ा हादसा टल गया। शनिवार को जोधपुर में रातानाडा चौराहा स्थित पेट्रोल पम्प पर एक टैंकर में अचानक आग पकडऩे पर चालक लक्ष्मण राम चौधरी जलते हुए टैंकर को अपनी जान की परवाह किए बिना आबादी क्षेत्र से दूर सूनी जगह ले गया जिससे बड़ा हादसा से टल गया।
मुख्यमंत्री ने चालक की इस सूझबूझ एवं बहादुरी का सम्मान करते हुए उसे मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री इससे पहले 26 अप्रेल, 2011 को जोधपुर में ही इसी प्रकार जनहानि का हादसा टालने पर टैंकर चालक नासिर खां को भी पांच लाख रुपए की राशि दी थी।
फ़ेसबुक पर मरीज़ की फ़ोटो लगाने पर नर्स बर्ख़ास्त
ऑनर किलिंग : प्रेमी के साथ बेटी की हत्या कर शव फांसी पर लटकाए
दिगौड़ा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत रानीगंज के फिरोजपुरा गांव निवासी जयराम नापित की 18 वर्षीय बेटी सुलोचना नापित का प्रेम प्रसंग पास के ही गांव बम्हौरी बराना निवासी थाम सिंह दांगी के बेटे22 वर्षीय सुरेंद्र सिंह दांगी से लंबे समय से चल रहा था। शनिवार को सुरेंद्र लोगों से छिपकर सुलोचना के खेत पर उससे मिलने पहुंचा था। यह खेत सुलोचना के परिजन बटाई पर लिए हैं। खेत में बने पक्के मकान में ही जयराम का परिवार रहता है। खेत में बने कमरे में जब यह दोनों मौजूद थे, उसी दौरान युवती की मां रानी नापित ने इन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया।
युवती की मां ने तुरंत कमरे की बाहर से कुंडी लगाकर इन्हंे बंद कर दिया और अपने परिजनों व गांव वालों को बुलाने चली गई। रात में ही गांव में पंचायत बुलाई गई और इसके बाद जो हुआ वह राज इस गांव के लोगों के सीने में दफन हो गया। युवती के परिजनों ने सुबह 4 बजे दिगौड़ा पुलिस को युवक-युवती के फांसी लगाने संबंधी घटना का हवाला देकर सूचना दी। सुबह 7 बजे पुलिस मौके पर पहुंची तो पूरा मामला बताई गई सूचना के विपरीत था। पुलिस को मकान का दरवाजा अंदर से बंद मिला। पर उसमें इतनी जगह थी कि कोई भी बाहर से हाथ डालकर उसे बंद कर सकता था। कमरे के अंदर एक कंडोम भी बरामद हुआ है। शवों की स्थिति और मौके की परस्थितियों को भांपकर पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू कर दी है। एसपी आकाश ¨जदल का कहना है कि उनके पास ऑनर किलिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं आई है। इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।
गांव वाले जुवान खोलने तैयार नहीं :
रानीपुरा ग्राम पंचायत से लेकर फिरोजपुरा गांव में ऑनर किलिंग की घटना के बाद से मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के जिन लोगों को साथ लेकर सुलोचना की मां और परिजन खेत पर गए थे, वे ही अब कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। गांव के हर व्यक्ति के पास सीधा एक सा रटारटाया जवाब है कि पता नहीं क्या हुआ, हम क्या बता दें। गांव के बच्चों को यह तो पता है कि रात में पंचायत जुटी थी, पर किसके लिए और क्या हुआ उन्हें नहीं पता। इस गांव की महिलाएं पंचायत के फैसले को लेकर आपसी बात-चीत में जो आशंका जता रहीं थी उसकी सच्चई शायद युवक-युवती के एक साथ मिले शव के रूप में थी। हालांकि कोई सीधे तौर पर यह कहने तैयार नहीं था कि रात में जुटी पंचायत में ऐसा क्या फैसला हुआ कि सुबह सुलोचना और सुरेंद्र फांसी पर लटके मिले।
युवती की मां ने सुनाई अपनी कहानी :
प्रेमी जोड़े को खेत के मकान मंे आपत्तिजनक स्थिति में सबसे पहले सुलोचना की मां रानी नापित ने देखा था। रानी नापित ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि गांव के ही एक दांगी परिवार का खेत वह बटाई पर लेकर खेती करती है। शनिवार शाम वह खेत में बिजली पंप से सिंचाई कर रही थी। तभी रात करीब 9 बजे अचानक बिजली चली जाने पर वह कमरे में गई तो वहां उसे किसी की मौजूदगी की आहट मिली। इस पर उसने दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद कर दी और गांव वालों को बुलाने चली गई। रानी नापित की अनुसार जब रात करीब 2 बजे वह गांव वालों और परिजनों को लेकर खेत पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। अंदर झांककर देखा तो उसकी बेटी और सुरेंद्र फांसी पर लटके थे। इस पर उन्होंने दिगौड़ा थाना पुलिस को रात 3 बजे के बाद सूचना दी।
घटना की पूरी कहानी ही संदिग्ध :
युवती की मां रानी नापित की कहानी पर पुलिस विश्वास नहीं कर पा रही है। जिस कमरे में युवक-युवती के शव मिले हैं उसके दरवाजे में हाथ डालकर कोई भी अंदर की कुंडी लगा सकता है। साथ ही जिस अवस्था में शव फांसी पर लटके थे उसे देखकर कोई भी इसे आत्महत्या नहीं कह सकता। दोनों शव एक ही रस्सी से लटके मिले और उनके पैर जमीन में लगे थे। इस मामले मंे यह भी काबिलेगौर है कि जब सुलोचना की मां बाहर से दरवाजे की कुंडी लगा के चली गई थी तो इन दोनों के लिए यहां से दरवाजा-खिड़की तोड़कर भागने का पर्याप्त मौका था। वहीं मृतक सुरेंद्र के पास मोबाइल भी उपलब्ध था, जिससे वह अपने परिजनों या परिचितों से मदद मांग सकता था। क्योंकि सुरेंद्र एसडीटी दुकान चलाता था और अपने पास हर समय मोबाइल रखता था। हालांकि घटना स्थल से सुरेंद्र का मोबाइल नहीं मिला है। रानी नापित की यह बात भी अविश्वसनीय है कि वह रात 9 बजे कुंडी लगाकर गई और रात 2 बजे घटना स्थल पर पहुंच पाई। जबकि खेत खत्म होते ही सौ कदम की दूरी पर ही गांव और उसका घर है। इतनी दूरी तय करने में रानी, उसके परिजनों और गांव वालों को छह घंटे का समय कैसे लग गया।
भगवान के दर पर यह क्या लेकर पहुंच गया युवक!
नाडियाद।डाकोर में शनिवार को विकलांग पिता की ईश्वर दर्शन की इच्छा पूरी करने के लिए पुत्र ने जबर्दस्त दुस्साहस का परिचय दिया। स्कूटी पर पिता को पीछे बैठाया हुआ पुत्र स्कूटी के साथ ही मंदिर में दाखिल हो गया। इसके चलते कुछ देर के लिए पूरे मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
दरअसल यह युवक अपने विकलांग पिता की लक्ष्मीजी के दर्शन की अभिलाषा पूरी करना चाहता था। लेकिन मंदिर परिसर में काफी भीड़भाड़ होने की वजह से उसे पैदल पिता को मंदिर के अंदर तक ले जाना मुमकिन नहीं था। इसीलिए उसने यह तरीका आजमाया और पिता को स्कूटी पर बिठाकर स्कूटी सीधे मंदिर के दरवाजे तक ले गया।
मंदिर तक पहुंचने के बाद सिक्युरिटी गार्ड ने उसे पकड़ लिया तब उसने यह बात उन्हें बताई। युवक की बात सुन यहां उपस्थित लोगों ने सिक्युरिटी गार्ड से उसे छोड़ देने के लिए कहा। युवक ने पिता को लक्ष्मीजी के दर्शन कराए और लोगों से सॉरी कहकर वापस आ गया।
अमेरिका लेगा अब तक के सबसे बड़े हमले का बदला, करजई से नाराज
काबुल. अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों को ले जा रही बस को तालिबान आतंकियों ने निशाना बनाते हुए मित्र सेनाओं को अब तक का सबसे बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सेना के पश्चिमी कमांड ने नाटो के काफिले पर हुए हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। इस हमले में 20 से अधिक लोग मारे गए जिनमें चार अफगानी नागरिक भी शामिल हैं।
इससे पहले 2010 में एक हमले में पांच अमेरिकी और कनाडा का एक सैनिक मारा गया था। यह हमला राइनो नाम की बस पर काबुल से काबुल मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर जाते समय दारूलामन रोड पर हुआ। एक बम से लदी फिदायीन कार ने राइनो में आकर टक्कर मारी।
अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत रेयान सी. क्रूकर ने इस हमले पर कहा, ' हम इन्हें (हमलावरों) जीतने नहीं देंगे और इस हमले का बदला लेंगे। यह बड़ा नुकसान है। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने करीबियों को इस हमले में खोया है।'
लेकिन अमेरिका अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के उस बयान से नाराज हैं, जिसमें उन्होंने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, यह हमला अफगानिस्तान के दुश्मनों ने किया है, जिससे कुछ अफगानी परिवारों को दुख पहुंचा है। इससे पहले करजई के उस बयान से अमेरिका नाराज हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान पर कोई देश हमला करता है तो अफगानिस्तान पाकिस्तान का साथ देगा।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा 1 को
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य की पूजा की जाती है इसे छठ पूजा व सूर्य षष्टी व्रत भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 1 नवंबर, मंगलवार को है।
वैसे तो यह त्योहार संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है लेकिन बिहार और उत्तरप्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। लोगों को इस पर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। मूलत: यह भगवान सूर्य देव की पूजा-आराधना का पर्व है। सूर्य अर्थात् रोशनी, जीवन एवं ऊष्मा के प्रतीक छठ के रूप में उन्हीं की पूजा-आराधना की जाती है। धर्म शास्त्रों में यह पर्व सुख-शांति, समृद्धि का वरदान तथा मनोवांछित फल देने वाला बताया गया है। बहुत ही साफ-सफाई और निष्ठा के साथ इसे पूरा किया जाता है।
मान्यता ऐसी भी है कि मन में कोई खोट अथवा विकार होने पर इसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है। इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बिहार का तो यह सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जबसे सृष्टि बनी, तभी से सूर्य वरदान के रूप में हमारे सामने हैं और तभी से उनका पूजन होता आ रहा है
पाप करने वालों को यमपुरी में ऐसे सजा देते हैं यमदूत
पाप करने वाले को यमदूत मारते हुए कहते हैं ओ पापियों तुमने समय पर अग्रिहोत्र नहीं किया। स्वयं ब्राह्मणों को दान नहीं दिया। दूसरों को भी उन्हें दान देते समय बलपूर्वक मना किया। उसी पाप का फल तुम्हारे सामने उपस्थित है। तुम्हारा धन आग से नहीं जला था। जल में नहीं नष्ट हुआ। राजा ने नहीं छीना था। चोरों ने भी नहीं चुराया था तो भी तुमने ब्राह्मणों को दान नहीं दिया। दूसरों को भी दान देते समय बलपूर्वक मना किया। तब इस समय तुम्हे कहां से कोई वस्तु प्राप्त हो सकती है। जिन साधु पुरूषों ने सात्विक भाव से बहुत प्रकार की चीजें दान की है। उन्ही के लिए ये अन्न के समान ढेर लगे दिखाई देते हैं। इनमें हर तरह का खाने व पीने योग्य भोज्य पदार्थ है।
तुम इन्हें पाने की इच्छा न करो क्योंकि तुमने इस तरह के दान नहीं किए हैं। जिन्होंने दान होम यज्ञ और ब्राह्मणों का पूजन किया है। उन्हीं के लिए ये अन्न यहां जमा किए जाते हैं। यमदूतों की यह बात सुनकर वे भूख-प्यास से पीडि़त जीव उस अन्न की अभिलाषा छोड़ दें। यमदूतों की यह बात सुनकर वे भूख-प्यास से पीडि़त जीव उस अन्न की अभिलाषा छोड़ देते हैं।
यमदूत उन्हें भयानक अस्त्रों से पीड़ा देते हैं। लोहदंड, शक्ति, तोमर, परिघ, भिन्दिपाल, गदा, फरसा और बाणों उनकी पीठ पर प्रहार कर देते हैं। सामने की ओर से सिंह तथा बाघ आदि उन्हें काट खाते हैं। इस प्रकार के पापी जीव न तो भीतर प्रवेश कर पाते हैं और न ही बाहर निकल पाते हैं। दुखित होकर करूणकुंदन किया करते हैं। इस प्रकार वहंा पहुंचकर वे दूत यमराज को उन पापियों के आने की सूचना देते हैं और उनकी आज्ञा मिलने पर उन्हें उनके सामने उपस्थित करते हैं।
सोमवार - करें शिव के इन 11 चमत्कारी मंत्रों का स्मरण
शिव का एक नाम है - मनकामनेश्वर यानी शिव ऐसे देवता हैं, जिनकी भक्ति और उपासना मन की सारी इच्छाओं को पूरा करती है। यही नहीं यह कामनाओं को वश में रख दोष और विकारों से मुक्त रखने वाली भी मानी गई है।
शास्त्रों के मुताबिक शिव अनेक स्वरूपों सृष्टि, रचना और पालन को नियंत्रित करते हैं। शिव के इन स्वरूपों में पूजनीय है - एकादश रूद्र। जिनका स्मरण सभी सांसारिक व आध्यात्मिक कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है।
शिव भक्ति के विशेष दिनों या तिथियों में शिव के इन स्वरूपों का विशेष और सरल मंत्रों से स्मरण मात्र चमत्कारी माना गया है। क्योंकि यह मुश्किल और अशुभ घड़ी से छुटकारा देने वाले होते हैं। जानते हैं शिव के एकादश रूद्र के ये सरल नाम मंत्र -
- सोमवार या शिव तिथि पर शिवलिंग की पंचोपचार पूजा के बाद मन ही मन या रुद्राक्ष माला से कुश आसन पर बैठ इन मंत्रों का जप करना मंगलकारी व मनोरथ सिद्धि करने वाला होता है -
ऊँ अघोराय नम:
ऊँ पशुपतये नम:
ऊँ शर्वाय नम:
ऊँ विरूपाक्षाय नम:
ऊँ विश्वरूपिणे नम:
ऊँ त्र्यम्बकाय नम:
ऊँ कपर्दिने नम:
ऊँ भैरवाय नम:
ऊँ शूलपाणये नम:
ऊँ ईशानाय नम:
ऊँ महेश्वराय नम:
पाप और दुर्गति की जड़ हैं ये 5 बातें..!
धर्मशास्त्रों की बातों पर गौर करें तो मोटे तौर पर कर्मों के दो परिणाम बताए गए हैं - पाप और पुण्य। जहां पाप सुखों से वंचित कर दु:ख का कारण बनते हैं, वहीं पुण्य, पापों को कम या मुक्त करने वाले माने गए हैं।
अक्सर देखा जाता है कि इंसान पाप कर्मों से तो जल्द जुड़ता है, वहीं सद्कर्मों और पुण्य कर्मों को लेकर अधिक सोच-विचार करता और वक्त लेता है। शास्त्रों में ऐसी प्रवृत्ति के पीछे 5 खास बातें बताई गई हैं, जिनके चलते सांसारिक जीवन में हर कोई जाने-अनजाने पाप कर बैठता है। इसलिए पापों से बचने के लिए इन बातों को सामने रख कर्म, विचारों और व्यवहार पर हमेशा ध्यान व मंथन जरूरी बताया गया है। जानते हैं ये 5 बातें -
लिखा गया है कि -
अविद्यास्मितारागद्वेषाभिनिवेशा: क्लेशा:।।
संदेश है कि इन पांच कलह के वश में होने से पाप होते हैं। ये पांच क्लेश हैं-
अविद्या - अज्ञान का रूप है। सरल शब्दों में समझें तो हर स्थिति और विषय को लेकर सही समझ का अभाव। जिससे बुरे कर्म या सोच में भी सुख और अच्छा लगता है, जिसके नतीजे पाप के रूप में सामने आते हैं।
अस्मिता - मैं या अहं भाव। जिसे मन, मस्तिष्क व विचारों को जकडऩे वाला माना गया है। रावण, हिरण्यकशिपु या कंस भी इस दोष के कारण पाप कर्म में लिप्त होकर दुर्गति को प्राप्त हुए।
राग - आसक्ति का ही एक नाम, जो अच्छे-बुरे की समझ से दूर कर इंद्रिय असंयम का कारण बन पाप करवाती है।
द्वेष - मनचाहा न होने पर दु:खी और क्रोधित होने का भाव, जिससे कर्म, विचार और व्यवहार में दोष पैदा होता है।
अभिनिवेश - मौत का भय। हर इंसान यह जानते हुए भी कि मृत्यु अटल है, इससे बचने के लिए किसी न किसी रूप में तन, मन या धन का दुरुपयोग कर पाप कर्म करता है।
आप जब पैदा हुए, तो आपका नंबर कौन सा था?
कैसे की गणना? -
संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या विभाग ने अपने और प्रसिद्ध विज्ञानी कार्ल हॉब की गणना के आधार पर एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए यूएन ने वर्ष १९५क् से अब तक के उसके आंकड़े और उसके पहले कार्ल हॉब के ५क्,क्क्क् ईसा पूर्व तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। जानकारों के मुताबिक इस तरह के विश्लेषणों को एकदम सटीक नहीं माना जा सकता।
अमिताभ बच्चन : 11/10/1942
अमिताभ के जन्म के समय वे दुनिया के 2,350,952,108 वें व्यक्ति थे। जब अमिताभ पैदा हुए उस दिन दुनिया में 2.73 लाख लोग पैदा हुए। एशिया में 1.70 लाख लोग पैदा हुए।
सचिन तेंदुलकर : 24/4/1973
जब सचिन पैदा हुए उस समय वे दुनिया के 3,905,526,486वें व्यक्ति थे। जब सचिन पैदा हुए उस दिन दुनिया में 3.29 लाख से ज्यादा लोग पैदा हुए। उस दिन एशिया में 2.10 लाख से ज्यादा लोग पैदा हुए।
जरदारी जी, लौटा दो देश का पैसा, छोड़ दो गद्दी, वरना लटका दूंगा उल्टा'
समाचार पत्र 'डान' ने की रपट के अनुसार पीएमएल-एन के नेताओं ने शुक्रवार को लाहौर में आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित किया, जिसमें शरीफ ने राष्ट्रपति पर तीखे प्रहार किए।
उन्होंने कहा, "इस्तीफा दो और लूटी हुई राष्ट्रीय सम्पत्ति को वापस करो। नहीं तो हमारे साथी तुम्हें (जरदारी) उल्टा लटका देंगे।"
शरीफ ने जरदारी को 'अलीबाबा' एवं उनके सहयोगियों को 'चालीस चोर' की संज्ञा दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को देश से कोई लगाव नहीं है वह सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
शरीफ ने संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि यह लड़ाई जरदारी को सत्ता से हटाकर नये पाकिस्तान की नींव रखने के बाद ही खत्म होगी।
इस खेल से होगा 90,000 करोड़ का फायदा!
देश में फॉर्मूला वन कार रेसिंग का क्रेज इन दिनों देखते ही बन रहा है। दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में चल रहे फार्मूला वन रेसिंग चैंपियनशिप को देखने के लिए तमाम लोग महंगे से महंगा टिकट खरीद कर आ रहे हैं। और देश के दिग्गज बिजनेस चैंबर एसोचैम की मानें तो भारत में फार्मूला वन ग्रांप्री दौड़ से अगले 10 साल में 90,000 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया जा सकता है। इतना ही नहीं एसोचैम ने यह भी कहा है कि इस खेल की बदौलत तकनीकी कर्मियों के लिए रोजगार के 15 लाख अवसरों का सृजन भी किया जा सकता है।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि फार्मूला वन के आयोजन से वित्तीय पक्ष के अलावा कई और लाभ भी होंगे। वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए बेकरार कंपनियों को फार्मूला वन में विज्ञापन के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच बनाने का मौका मिलेगा। साथ ही भारतीय कंपनियों को रेस में शामिल होने वाली टीमों के विज्ञापन के साथ जुड़कर किफायती खर्च पर दुनिया भर के दर्शकों तक अपना संदेश भेजने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा इस आयोजन से होटल और पर्यटन के कारोबार भी बढ़ाव मिलेगा।
कैसे और क्यों होती है किसी की मौत?
मौत एक ऐसी सच्चाई जिसे कोई झूठला नहीं सकता। एक न एक दिन मौत सभी को आनी है। इस सच्चाई को जानते हुए भी हम मौत से घबराते हैं। आखिर क्या है मौत का राज़? क्यों होती किसी की मृत्यु? यह वह सवाल है जो मानव मस्तिष्क को हमेशा परेशान करते आए हैं।
अगर आध्यात्मिक रूप से देखा जाए तो मौत का अर्थ है शरीर से प्राण अर्थात आत्मा का निकल जाना। इसके बिना शरीर सिर्फ भौतिक वस्तु रह जाता है। इसे ही मौत कहते हैं। जबकि विज्ञान की दृष्टि से मृत्यु का अर्थ कुछ अलग है। उसके अनुसार शरीर में दो तरह की तरंगे होती हैं भौतिक तरंग और मानसिक तरंग। जब किसी कारणवश इन दोनों का संपर्क टूट जाता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। साधारणत: मौत तीन प्रकार से होती है- भौतिक, मानसिक तथा अध्यात्मिक।
किसी दुर्घटना या बीमारी से मृत्यु का होना भौतिक कारण की श्रेणी में आता है। इस समय भौतिक तरंग अचानक मानसिक तरंगों का साथ छोड़ देती है और शरीर प्राण त्याग देता है। जब अचानक किसी ऐसी घटना-दुर्घटना के बारे में सुनकर, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, मौत होती है तो ऐसे समय में भी भौतिक तरंगें मानसिक तरंगों से अलग हो जाती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यह मृत्यु का मानसिक कारण है।
मौत का तीसरा कारण आध्यात्मिक है। आध्यात्मिक साधना में मानसिक तरंग का प्रवाह जब आध्यात्मिक प्रवाह में समा जाता है तब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है क्योंकि भौतिक शरीर अर्थात भौतिक तरंग से मानसिक तरंग का तारतम्य टूट जाता है। ऋषि मुनियों ने इसे महामृत्यु कहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार महामृत्यु के बाद नया जन्म नहीं होता और आत्मा जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है।
दिल-दहला देने वाले इस रास्ते पर फूंक-फूंक कर रखने पड़ते है कदम
इसे दुनिया का सबसे ख़तरनाक पैदल रास्ते के तौर पर जाना जाता है। 330 फीट से अधिक ऊंचाई पर जान को हथेली पर रखते हुए कोई भी इंसान यहां चलते हुए एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखता है।
खतरनाक रास्ते के रूप में मशहूर 110 साल पुराने एक कैमिनिटो डेल रे को अगले साल सुधारा जाएगा। लेकिन इससे पहले भी खतरनाक तरीके से क्षतिग्रस्त हो चुके इस मार्ग पर कई जांबाच सैलानी जा चुके हैं। हांलाकि काफी अधिक क्षतिग्रस्त होने की वजह से इस रास्ते के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन फिर भी कुछ एडवेंचर कंपनियां गुपचुप तरीके से सैलानियों को उनके रिस्क पर यहां ले जाती हैं।
यह खुलासा यू-ट्यूब पर एक वीडियो आने के बाद हुआ। एडवेंचर कंपनियों के अनुसार इस जोखिम भरी ट्रिप पर जाने के लिए किसी ख़ास अनुभव की भी ज़रूरत नहीं है। इसके लिए वॉकर की उम्र केवल 12 साल से अधिक होनी चाहिए और उनकी हेल्थ और हाइट सही होनी चाहिए।
गौरतलब है कि इस रास्ते को किंग्स पाथवे के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1905 में हुआ था, जिसका इस्तेमाल दो हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट्स के बीच में जाने होता था। लेकिन दो मज़दूरों की इस रास्ते से नीचे गिरकर मौत के बाद इसे सन् 2000 में उस बंद कर दिया था। इस इलाके में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस रास्ते को सुधारा जाएगा और इस प्रोजेक्ट के लिए 8.3 मिलियन डॉलर का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है।
दोस्त से कर्ज लेकर आयकर विभाग का बकाया चुकाएंगे अरविंद
नई दिल्ली. टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार आयकर विभाग का बकाया चुकाने का फैसला किया है। इसके लिए अरविंद अपने दोस्त से कर्ज लेकर यह बकाया अदा करेंगे। अरविंद केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं।
इस बीच, टीम अन्ना के तीन सदस्य अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में उनसे मुलाकात की है। यह भेंट खत्म हो चुकी है। समझा जा रहा है कि तीनों सदस्य शनिवार को गाजियाबाद में हुई टीम अन्ना की कोर कमिटी में लिए गए फैसलों का ब्योरा अन्ना को दिया है। रालेगण सिद्धि पहुंचने के बाद किरण बेदी ने कहा कि वह अन्ना से आशीर्वाद लेने आई हैं।
अरविंद केजरीवाल ने 2006 में आयकर विभाग की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन करीब 9.27 लाख रुपये बकाए के चलते विभाग ने आज तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। यह मुद्दा काफी समय से ठंडे बस्ते में था लेकिन १६ अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में जन लोकपाल के लिए अन्ना हजारे के अनशन से कुछ दिनों पहले ही आयकर विभाग ने अरविंद को बकाया चुकाने का नोटिस भेज दिया था। हालांकि, अरविंद ने नोटिस के बाबत शुरू में कहा था कि उन पर कोई बकाया नहीं है और अगर आयकर विभाग को लगता है कि उन पर कोई बकाया है तो वह उनके भविष्य निधि खाते से यह रकम काट ले। लेकिन इसके बावजूद आयकर विभाग ने उन्हें कुछ दिनों पहले एक और नोटिस थमा दिया।