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02 नवंबर 2011

बीजेपी की महिला पार्षद ने रोते हुए लगाई गुहार, बचा लो इन दबंगो से


भोपाल।प्रदेश में आम तो आम, ‘खास’ भी कितने असुरक्षित हैं, इसका ताजा मामला बुधवार को राज्य महिला आयोग में सुनवाई के दौरान देखने को मिला। यहां बीजेपी की एक पार्षद ने गुहार लगाई की पुलिस और स्थानीय दबंग उसे जान से मारना चाहते हैं।

दरअसल स्थानीय दबंगों ने इस पार्षद को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसके सिर पर गहरी चोट आई और हाथ टूट गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने स्वयं जांच करने का निर्णय लिया है। साथ ही आयोग ने एसपी को फोन कर पार्षद को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं।

सुनवाई के दौरान जमीला बी ने बताया कि वे पीथमपुर (जिला धार) वार्ड क्रमांक 29 की पार्षद हैं। करीब हफ्ते भर पहले उनके वार्ड में रहने वाली कमला बाई को आधी रात में आठ-दस लोग बेरहमी से मार रहे थे। वार्ड के लोगों के जागने पर वे भाग गए।

बाद में पता चला पीटने वाले लोग कमला बाई की जमीन पर कब्जा करने के बाद उससे कागजों पर जबर्दस्ती दस्तखत कराने पहुंचे थे। जब इस बात की शिकायत संबंधित थाने के टीआई शेख सलीम से की तो उन्होंने आवेदन तो ले लिया, लेकिन एक घंटे बाद वे उन्हीं लोगों के साथ उनके (जमीला बी) घर पर पहुंच गए।

टीआई के सामने लखन चौधरी और राकेश चौधरी सहित आठ लोगों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। सिर और हाथ में गंभीर चोट के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। हमले की शिकायत धार के एसपी को की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

कमला बाई और जमीला बी की हालत देखने के बाद आयोग ने इस मामले में खुद जांच करने का निर्णय लिया। मामले की सुनवाई आयोग की अध्यक्ष उपमा राय, शशि सिन्हों, ज्योति येवतीकर और स्नेहलता उपाध्याय ने की।

जादू-टोने के शक में बहू को किया प्रताड़ित

एक अन्य मामले में बाणगंगा निवासी कंचन साहू ने गुहार लगाई कि ससुराल वाले जादू-टोने के शक में उसे प्रताड़ित करते हैं। सुनवाई के दौरान कंचन ने बताया कि उसकी शादी को दस साल हो गए है। उसकी दो बेटी और एक बेटा है। मेरे पति घर में सबसे छोटे हैं इसलिए परिजनों से कुछ बोल नहीं पाते। इस पर आयोग ने परिजनों को समझाइश दी और साथ ही पति को भी फटकार लगाई। इस मामले में समझौता हो गया है।

आठ मामले हुए नस्तीबद्ध

आयोग में कुल 23 मामले रखे गए थे। इसमें से 15 मामले में आवेदक व अनावेदक पहुंचे। इनमें से आठ मामलों को नस्तीबद्ध कर दिया गया। इसमें 4 मामले पारिवारिक विवाद, 2 कार्यस्थल प्रताड़ना, 8 घरेलू हिंसा, 1 मानसिक प्रताड़ना और अन्य 8 मामले रखे गए थे।

सफलता चाहिए तो जीवन में कभी भी ये गलतफहमी ना पालें...

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दुनिया में कई तरह के भ्रम होते हैं, उनमें से एक भ्रम है यह मान लेना कि मुझे सबकुछ आता है। उससे भी बड़ा भ्रम यह है कि मेरे मुकाबले दूसरों को कुछ नहीं आता। यहीं से गड़बड़ शुरू हो जाती है

एक बुरी आदत जीवन में यह उतर जाती है कि अपनी गलतियां ढूंढ़ने में रुचि नहीं रहती, सारे दोष दूसरों पर थोपने लगते हैं। जब भी आप किसी जिम्मेदार पद पर हों और आपके पास कोई महत्वपूर्ण कार्य हो तो पहली बात यह करें कि उससे संबंधित सारी जानकारियां और ज्ञान जरूर बटोर लें।

जानकारी का अभाव बिल्कुल न रखें। आप विशिष्ट और अधिकार संपन्न इसी बात के लिए होंगे कि आपके पास अन्य के मुकाबले उस विषय की जानकारी अधिक होगी। लगातार आत्मसमीक्षा करते रहें। अपनी जानकारियों को अपडेट करते रहें।

प्रतिदिन की पूजा में नवीनता बनाए रखें। भारतीय शास्त्रों ने कहा है कि भक्ति के प्राण उसकी नवीनता में बसे हैं, इसे बासी बिल्कुल न होने दें, वरना हम थोड़ी भी चुनौती आने पर चिड़चिड़े हो जाते हैं, तनावग्रस्त बन जाते हैं।

यह भ्रम न पालें कि हमें सब आता है और दूसरों को कुछ नहीं। जितनी भी देर आप पूजा करें, पूरी तरह डूबकर उसे नवीन बनाएं। एक भाव-दशा में जीना सबसे अच्छी पूजा है।

पूजा या नमाज़ में बैठकर अपने भीतर की स्थिति का मूल्यांकन करें। जितना हम भीतर उतरकर पूजा करेंगे, नवीन होते जाएंगे। जब परमात्मा को फूल, वस्त्र व भोग ताजा लगाते हैं तो स्वयं भी बासी बनकर न चढ़ें।

प्यार में धोखा मिलने से पहले ही आपको मिलेगा इशारा, देखें अपना हाथ



आपको प्यार में धोखा मिलने वाला है तो उससे पहले आपको अपने हाथ पर कुछ इशारे मिलेंगे। इन इशारों में आपके हाथ में कुछ निशान बनने लगेंगे। जो पहले ही ये बता देंगे कि आने वाले दिनों में आपका लव पार्टनर आपसे दूर जाने वाला है या आपको धोखा देने वाला है। जानें कैसे समझें इन इशारों को



- हस्त रेखा के अनुसार अगर हथेली में हृदय रेखा को कोई अन्य रेखा काटती हुई दिखे तो समझना चाहिए प्यार बिछडऩे वाला है।


- अगर आपकी हृदय रेखा दिनों दिन लहरदार या जंजीर के समान होती जा रही है तब भी आपको प्रेम में जुदाई का दुख उठाना पड़ता है।


- अगर आपके हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ हो, उस पर तिल का निशान बनने लगे हो या द्वीप का निशान बनने लगे तो प्रेमियो के बीच में परिवार की मान्यताएं और अन्य कारण बाधक बनते हैं जिससे प्रेमियों के मिलन में बाधा आती है।


- अगर आपके हाथ का रंग बदलने लगे, हथेली काली पडऩे लगे। दिनों दिन सख्त भी होने लगे तो प्रेमी प्रेमिका के विचारों में सामंजस्य नहीं रहता फलत: प्रेमी प्रमिका स्वयं ही एक दूसरे से सम्बन्ध तोड़ सकते हैं।


- अगर आपके हाथ में पहली अंगुली छोटी हो और मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत पर खत्म हो रही हो अथवा भाग्य रेखा और हृदय रेखा मोटी है तो परिवार के लोगों द्वारा प्रेमी प्रेमिका के बीच ग़लत फहमी पैदा होने से प्रेम के नाजुक सम्बन्ध में बिखराव आ जाता है

कोन रौशनी डाल गया .


मुझे अकेला ही रहने दो


Thakur Gopal Sharan Singh

यह है गीता का ज्ञान

[Chapter 12]

कुरान का संदेश सुरे बकर में

एक रामबाण उपाय जो आपको कभी बुढ़ा नहीं होने देगा

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ज्युस शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। लेकिन चुकंदर का ज्युस सिर्फ एनर्जी ही नहीं देता बल्कि इसमें बुढ़े को जवान बनाने की चमत्कारी ताकत होती है। चुकंदर का रस रक्त वाहिनियों को फैला देता है और इससे शारीरिक सक्रियता के दौरान मांसपेशियों की ऑक्सीजन की आवश्यकता कम हो जाती है।

लोगों की उम्र बढऩे या उनमें ह्वदय परिसंचरण तंत्र को प्रभावित करने वाली स्थितियां निर्मित होने पर उनमें व्यायाम के दौरान अंदर ली जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में नाटकीय रूप से कमी आ जाती है। अगर उम्र बढऩे के साथ आपकी सक्रियता में कमी आ रही है तो आपकी इस समस्या का इलाज है रोज एक ग्लास चुकंदर का जूस।जूस बढ़ती उम्र के लोगों की सिकुड़ती हुई धमनियों को फैलाए रखने में मदद करता है।चुकंदर के जूस में पाया जाने वाला नाइट्रेट ब्लडप्रेशर को कम करता है। हाइब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए चुकंदर वरदान है।

इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं। यह प्राकृतिक शर्करा का स्त्रोत होता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं। चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण हैं।रात में सोने से पहले एक गिलास या आधा गिलास जूस दवा के तौर पर पीना फायदेमंद होता है।

किडनी और पित्ताशय विकार में चुकंदर के रस में गाजर और खीरे के जूस को मिलाकर पीना उपयोगी होता है। सफेद चुकंदर को पानी में उबाल कर छान लें। यह पानी फोड़े, जलन और मुहांसों के लिए काफी उपयोगी होता है। खसरा और बुखार में भी त्वचा को सा करने में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसलिए हमेशा जवान रहना चाहते हैं तो अनार के साथ मिलाकर चुकंदर का ज्युस बनाएं और उसका नियमित रूप से सेवन करें।

घी-मिश्री से आप भी जी सकते हैं 100 सालों तक, जानिए क्यों और कैसे?

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जीवन और मृत्यु का चक्र हमेशा चलता ही रहता है। श्रीकृष्ण ने गीता यही बताया है कि जिस आत्मा ने धरती पर शरीर धारण किया उसे निश्चित अवधि के बाद इस देह का त्याग करना होता है। देह त्याग के बाद पुन: आत्मा को नया जन्म लेना होता है। इन बातों के बाद भी इंसान मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है लेकिन आज तक मौत को कोई जीत नहीं सका है।

मृत्यु एक अटल सत्य है और यह निर्धारित समय पर अवश्य ही आएगी। शास्त्रों के अनुसार इंसान यदि देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त कर ले तो उसकी उम्र में वृद्धि अवश्य हो सकती है। शिव पुराण के अनुसार आयु के संबंध में बृहस्पति देव की पूजा करनी चाहिए। आयु बढ़ाने के लिए प्राचीन काल में भी भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने की परंपराएं प्रचलित थीं।

देव गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके वार गुरुवार को विशेष पूजन करना चाहिए। गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है। इस दिन बृहस्पति के साथ ही अन्य देव-देवताओं और इष्टदेव के निमित्त वस्त्रों का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करना चाहिए। इसके अलावा वस्त्र, यज्ञोपवित के साथ ही घी और मिश्री से बनी खीर देवी-देवताओं को अर्पित करें। इसमें मुख्य रूप से घी और मिश्री से खीर का प्रसाद भी ग्रहण करना चाहिए।

इस प्रकार गुरुवार के दिन पूजन करने से व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती है और सभी सुख प्राप्त होते हैं।

परिवार सिर्फ इस कारण से बिखरता है...


महाभारत में कौरवों की हार क्यों हुई। इस बात को अगर परिवार प्रबंधन की दृष्टि से देखा जाए तो महाभारत में कौरवों के परिवार में एकमत नहीं था। परिवार का हर निर्णय एकतरफा होता था। धृतराष्ट्र के अधिकतर निर्णय दुर्योधन लिया करता था। जिसमें सिर्फ दुर्योधन का ही स्वार्थ सिद्ध होता था। परिवार के अन्य सदस्यों को कभी रायशुमारी के लिए नहीं कहा जाता। भीष्म और विदुर सिंहासन के लिए निष्ठावान थे इसलिए वे विरोध भी नहीं कर पाते।

परिणाम कौरव वंश पूरी तरह बिखर गया। महाभारत युद्ध में वे एक थे लेकिन वे मन से एक नहीं थे। ना ही एकमत थे। जबकि पांडवों के हर फैसले में सारे सदस्यों की सलाह होती थी। परिवार के हर सदस्य की इच्छा का सम्मान किया जाता था। उनके हर फैसले में श्रेष्ठ परिणाम आता था, क्योंकि उसमें सभी की सलाह शामिल होती थी।

परिवार में बिखराव क्यों होता है? जब परिवार में संयुक्त हितों से जुड़े फैसले कई बार एकतरफा ले लिए जाते हैं। बड़े अपने हिसाब से निर्णय लेते हैं, छोटे उसे अपने पर थोपा हुआ मानते हैं। बस यहीं से शुरू होती है परिवार से बाहर की ओर निकलने वाली राहें। छोटे विद्रोही स्वर लेकर परिवार से अलग हो जाते हैं।

परिवार में सदस्यों की एक-दूसरे के प्रति समझ होना जरूरी है। कई घरों में लोगों की उम्र बीत जाती है और यह शिकायत बची ही रह जाती है कि एक-दूसरे को समझ ही नहीं पाए। यदि किसी को समझना है, तो दो काम करें। एक, निश्चित दूरी बनाकर देखिएगा। दूसरा काम यह कीजिए कि निर्णायक न बन जाएं, निरीक्षक बने रहें। घर के सदस्यों के प्रति जैसे ही हम निर्णायक बनते हैं, हमारे भीतर तुलना का भाव जाग जाता है। घर में उम्र, पद, रिश्तों में विभिन्नता, भेद होने के बाद भी एक जगह सब समान होते हैं।

हर सदस्य की अलग-अलग विशेषता होती है, वह अपने आप में बेजोड़ होता है। कोई पत्थर की तरह दृढ़ है, तो कोई बादल की तरह बहाव में है। इन सबके बावजूद भी जब वे अपने दांपत्य के प्लेटफार्म पर हों, तो उन्हें समान, एक रहना होगा। नहीं तो योग्यताएं घर में ही टकराने लगेंगी। जहां प्रेम होना चाहिए, वहां प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाएगी। लिहाजा निरीक्षक का भाव रखिए। यह साक्षी-भाव आपकी समझ को बढ़ाएगा और तब आप सामने वाले व्यक्ति को भी समझ पाएंगे तथा उसकी समस्या को भी जान पाएंगे। फिर सलाह भी हितकारी लगेगी, हस्तक्षेप नहीं।

आंवला नवमी 4 को, करें आंवला वृक्ष का पूजन

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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षयनवमी व आंवला नवमी कहते हैं। इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्नदान करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार यह व्रत 4 नवंबर, शुक्रवार को है। अक्षयनवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। आंवले के वृक्ष में सभी देवताओं का निवास भी माना जाता है।

व्रत विधान

प्रात:काल स्नान कर दाहिने हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि लेकर निम्न प्रकार से व्रत का संकल्प करें-

अद्येत्यादि अमुकगोत्रोमुक (गोत्र का उच्चारण करें) ममाखिलपापक्षयपूर्वकधर्मार्थकाममोक्षसिद्धिद्वारा श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं धात्रीमूले विष्णुपूजनं धात्रीपूजनं च करिष्ये।

ऐसा संकल्प कर आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की ओर मुख करके ऊँ धात्र्यै नम: मंत्र से आवाहनादि षोडशोपचार पूजन करके निम्नलिखित मंत्रों से आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिराते हुए पितरों का तर्पण करें-

पिता पितामहाश्चान्ये अपुत्रा ये च गोत्रिण:।

ते पिबन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।।

आब्रह्मस्तम्बपर्यन्तं देवर्षिपितृमानवा:।

ते पिवन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।।

इसके बाद आंवले के वृक्ष के तने में निम्न मंत्र से सूत्रवेष्टन करें-

दामोदरनिवासायै धात्र्यै देव्यै नमो नम:।

सूत्रेणानेन बध्नामि धात्रि देवि नमोस्तु ते।।

इसके बाद कर्पूर या घृतपूर्व दीप से आंवले के वृक्ष की आरती करें तथा निम्न मंत्र से उसकी प्रदक्षिणा करें -

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च।

तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे।।

इसके अनन्तर आंवले के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण- भोजन भी कराना चाहिए और अन्त में स्वयं भी आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करना चाहिए। एक पका हुआ कुम्हड़ा (कद्दू) लेकर उसके अंदर रत्न, सुवर्ण, रजत या रुपया आदि रखकर निम्न संकल्प करें-

ममाखिलपापक्षयपूर्वक सुख सौभाग्यादीनामुक्तरोत्तराभिवृद्धये कूष्माण्डदानमहं करिष्ये।

तदनन्तर विद्वान तथा सदाचारी ब्राह्मण को तिलक करके दक्षिणासहित कुम्हड़ा दे दें और निम्न प्रार्थना करें-

कूष्णाण्डं बहुबीजाढयं ब्रह्णा निर्मितं पुरा।

दास्यामि विष्णवे तुभ्यं पितृणां तारणाय च।।

पितरों के शीतनिवारण के लिए यथाशक्ति कंबल आदि ऊर्णवस्त्र भी सत्पात्र ब्राह्मण को देना चाहिए।

घर में आंवले का वृक्ष न हो तो किसी बगीचे आदि में आंवले के वृक्ष के समीप जाकर पूजा, दानादि करने की भी परंपरा है अथवा गमले में आंवले का पौधा रोपित कर घर में यह कार्य सम्पन्न कर लेना चाहिए।

पूर्व आतंकी और महिला अधिकारी कुछ यूं बन गए जीवन साथी!


श्रीनगर प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय। राजा परजा जेहि रूचै, सीस देइ ले जाय। कबीर का प्रेम पर आधारित यह दोहा जम्मू कश्मीर के इस प्रेमी जोड़े पर सटीक बैठता है। करीब 25 कश्मीरी पंडितों की हत्या व आतंकवाद के कई आरोपों में 17 साल जेल में काट चुके आतंकी फारूख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे पर राज्य की ही एक प्रशासनिक अधिकारी का दिल आ गया।


प्रेम की ताकत परिवार और समाज की आपत्तियों पर भारी पड़ी। मंगलवार रात अस्सबाह अजरुमंद खान और फारूख अहमद डार का निकाह श्रीनगर के करीब नसीम बाग में सम्पन्न हो गया। निकाह में मीरवाईज उमर फारूख, शबीर शाह, प्रो. अब्दुल गनी लोन समेत कई अलगाववादी नेताओं ने शिरकत की।

दोनों की जुबानी पूरी कहानी..।

मैं अस्सबाह अर्जुमंद खान..। एक लड़की का सबसे बड़ा जेवर उसकी शर्म-हया, बुजुर्गो का लिहाज, तहजीब और सब्र होता है। मैं मगरिब की बेटी हूं और इस तरह अपने निकाह के जिमन (बारे) में गुफ्तगू करते हुए शर्म महसूस करती हूं। नारी का दूसरा नाम संवेदनशीलता, लज्जा और ममता है। यही मेरे संस्कार हैं और मुझे उम्मीद है एक लड़की होने की वजह से आप मेरे जज्बात व अहसास बखूबी समझेंगी..।

जब अस्सबाह से उनकी शादी से जुड़े सवाल किए तो इस अंदाज में जवाब दिया। दोनों के घरों में शादी की तैयारियां जोरों पर हैं। मेहमान पहुंच चुके हैं। लेकिन इस शादी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए असबाह को काफी संघर्ष करना पड़ा। कौन है दुल्हन अस्सबाह अर्जुमंद खान ने 1999 में कश्मीर यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में एमए किया। उसके बाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में नौकरी की। वहां 2003 से 2007 तक काम करने के साथ जर्मनी से पीस एंड कनफ्लिक्ट स्टडीज में कोर्स किया। 2009 में कश्मीर प्रशासनिक सेवा पास की। वर्तमान में जनरल एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट में बतौर ट्रेनी पदस्थ है।

कौन है दूल्हा जम्म-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का नेता और आतंकी कमांडर रह चुका फारूक अहमद डार को बिट्टा कराटे के नाम से भी जाना जाता है। 1990 में गिरफ्तार होने के बाद 2006 में टाडा कोर्ट ने उसे रिहा किया था। 2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया था।

इस तरह परवान चढ़ा दोनों का प्यार अस्सबाह और फारूक तीन साल पहले एक दोस्त के घर मिले थे। 4-5 माह बाद फारूक ने प्रपोज किया। कुछ समय बाद अस्सबाह ने हां कर दी। डेढ़ साल पहले शादी का निर्णय लिया। जब अस्सबाह के घर वालों को यह पता चला तो हंगामा हो गया। वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक आतंकी से शादी करे। लेकिन अस्सबाह जिद पर अड़ी रही।

इसी बीच फारूक के दोस्त और भाई-बहन ने अस्सबाह के परिवारवालों को मनाया। बेटी की जिद के आगे घरवालों को झुकना पड़ा। अस्सबाह कहती हैं, कश्मीर में हर घर में ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। एक ही घर में बेटा अलगाववादी है और दूसरा सरकारी मुलाजिम।

तो मैं किसी अलगाववादी से शादी कर रही हूं तो कुछ अजीब नहीं। हां, आतंकी से शादी करने पर मेरे परिवार को आपत्ति थी, जो जायज है। हम दोनों के बीच आकर्षण का जो सबसे कारण था वह एक जाति का होना था। फारूक की जिस बात ने मुझे प्रभावित किया वह उसकी निर्णय क्षमता थी। फारूक कहते हैं कि अस्सबाह की सादगी से वह पहली ही नजर में प्रभावित हुए थे। पूरे विश्व की राजनीति का उन्हें काफी अच्छा नॉलेज है।

कुदरत का यह अद्भुत करिश्मा देख चौंक गए लोग!




जूनागढ़/मांगरोल.इसे चमत्कार कहेंगे या महज इत्तेफाक। हमने पहले तो इस तरह का करिश्मा न देखा है न सुना है कि किसी कुतिया की कोख से बकरी पैदा हुई हो...। लेकिन यह देखने को मिला मांगरोल के माणियाहाटी तालुका के बुधेचा गांव में।

यहां पर एक कुतिया ने बकरी के जैसे बच्चे को जन्म दिया है। अब यह खबर वहां के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कोई इसे भगवान का चमत्कार कह रहा है तो कोई विश्वास ही नहीं कर पा रहा है। यही कारण है कि कुतिया और बकरी के बच्चे को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है।


मांगरोल से 15 किलोमीटर दूर आने वाले गांव बुधेचा के रहने वाले कासमभाई के घर में बने बाड़े (जहां जानवर रहते हैं) में बकरा, बकरी, भैंस और तीन साल की कुतिया रहती थी। यह कुतिया गर्भवती थी और वह पिछले दो दिन से इधर-उधर भटक रही थी और बाड़े स्थित कचरे वाले स्थान पर इसने बकरी जैसे बच्चे को जन्म दिया।

कासमभाई ने बताया कि, जब मैं सुबह बाड़े में पहुंचा तो वहां का दृश्य देखकर अवाक रह गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा था ऐसा भी हो सकता है। कुतिया से चिपककर बकरी का एक बच्चा बैठा था, और वह कुतिया उसे लाड़-प्यार कर रही थी। मैंने यह बात घर वालों को बताई। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन यह एकदम सच था। घर वाले भी दौड़कर बाड़े में आए और यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए।

यह बात आग की तरह फैल गई। सभी यह जानना चाहते थे कि कहीं यह गलत खबर तो नहीं, कहीं बाड़े में मौजूद बकरी तो गर्भवती नहीं थी। लोगों के इस भ्रम पर विराम लगाते हुए कासमभाई ने कहा कि बकरी नहीं बल्कि कुतिया गर्भवती थी। कासमभाई ने यह भी बताया कि कुतिया बकरी के बच्चे को लेकर घूमती है और उसे दूध भी पिलाती है। अब कुतिया के बच्चे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।

दुनिया की इस अनोखी जगह पर आते ही आप चले जाते हैं सैकड़ों साल पीछे!

मुंबई. महाराष्ट्र में वैसे तो तमाम ऐसी जगहें हैं जहां घुमने जाया जा सकता है लेकिन इस कड़ी में हम आपको यहां की एक ऐसी जगह लेकर चल रहे हैं जो अपनी एक खासियत की वजह से दुनिया के कुछ चुनिंदा जगह में शुमार किया जाता है

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 'माथेरान' नामक एक हिल स्टेशन पड़ता है. यह जगह समुद्र से लगभग 2625 फीट की उंचाई पर बसा है. इसकी दूरी मुंबई से 90 किलोमीटर है जबकि पुणे से यह 120 किलोमोतर की दूरी पर बसा है. माथेरान एक मराठी नाम है जिसका अर्थ होता है 'जंगल के सिर सरताज.'

सरकार ने इस क्षेत्र को इको सेंसीटिव घोषित कर रखा है, जिसकी वजह से यहाँ पर किसी भी तरह के वाहनों का प्रवेश वर्जित है. मजे की बात ये है कि यह दुनिया के ऐसे कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में से एक है जहाँ पर जाने पर आपको किसी भी तरह की गाड़ियां नहीं दिखतीं. यहां आने पर इस बात का भी एहसास किया जा सकता है कि सदियों पहले जब स्वचालित वाहन नहीं थे तो जीवन किस तरह का रहा होगा. गहरी घाटियों और ऊँची पहाड़ियों से बना यह सम्पूर्ण क्षेत्र बेहद हराभरा है. इस जगह पर एक ऐसा खेल भी खेला जाता है जो दिल दहला देने वाला है. कैसे होता है यह खेल देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें.

'करंट लगाते हो-पानी में मुंह डाल करते हो प्रताड़ित, जाओ नहीं देते वीजा'



चंडीगढ़.तुम लोगों को करंट लगाते हो, उनका मुंह पानी में डुबोकर प्रताड़ित करते हो, थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करते हो, इसलिए वीजा नहीं दिया जा सकता है। वीजा अप्लाई करने पर कैनेडियन हाई कमीशन ने यह जवाब पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर को दिया है। जालंधर में एंटी फ्रॉड सेल के इंचार्ज रहे लक्ष्मण दास पिछले माह रिटायर हुए हैं।

तुम टॉर्चर..

2006 में उन्होंने वीजा के लिए अप्लाई किया था। चार साल बाद कैनेडा हाई कमीशन ने पुलिस इंस्पेक्टर की मेडिकल जांच करवाई और 8 दिसंबर 2010 को इंटरव्यू के लिए बुलाया। लक्ष्मण दास का आरोप है कि इंटरव्यू के दौरान कैनेडा हाई कमीशन के अधिकारियों ने उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया। वीजा के लिए उन्होंने डिपार्टमेंट से नियमानुसार मंजूरी ली थी।

जालंधर के एसएसपी ने नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी दिया था। इंटरव्यू के लंबे अर्से बाद कैनेडा हाई कमीशन ने आधिकारिक पत्र में वीजा नहीं देने का जो कारण बताया है उसे पढ़कर लक्ष्मण दास निराश हैं। पंजाब पुलिस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बारे में उन्होंने पंजाब पुलिस के डीजीपी और भारत सरकार के विदेश मंत्री को अवगत करवाया है

यह लिखा है पत्र में

पंजाब पुलिस थर्ड डिग्री का प्रयोग करती है। सीआईए स्टाफ हिरासत में लेकर करंट लगाता है। आरोपियों का सिर पानी में डुबोया जाता है। टांगों को पीछे की तरफ घुटनों तक मोड़ा जाता है। हिरासत में लिए व्यक्तिको नींद आती है तो उसे हाथ ऊपर कर खड़े रखा जाता है। कैनेडा के मानवाधिकार आयोग के नियमानुसार ये कृत्य अपराध हैं। इंटरव्यू के समय वह पंजाब पुलिस में कार्यरत है। ऐसे में उसे वीजा नहीं दिया जा सकता।

पीएम का अब नहीं करेंगे इंतजार, खुलकर रहेगा आठवां अजूबा!




आनंदपुर साहिब/लुधियाना.खालसा हेरिटेज सेंटर का उद्घाटन पंजाब विधानसभा चुनाव में कितने वोट खींच पाएगा, यह तो चुनाव परिणाम के बाद पता चलेगा।

जिस तरह से इसके उद्घाटन को लेकर अकाली भाजपा व कांग्रेस के बीच में वाकयुद्ध चल रहा है उससे लगता है कि आठवें अजूबे के रूप में प्रचारित किया जा रहा यह विरासती कांप्लेक्स दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है।

इतना साफ कि पीएम इस कांप्लेक्स का उद्घाटन करने के लिए आएं या न आएं, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने से पहले अकाली सरकार इसे आम जनता के लिए खोल देगी।

आलाकमान के 'कोप' की काट, महापौर ने फेसबुक को बनाया हथियार!


कोटा.शहर की प्रथम नागरिक अब अपने अधिकारों के संघर्ष के लिए जनता के बीच पहुंच गई हैं। हालांकि उन्होंने आलाकमान के कोप से बचने के लिए ऑनलाइन सर्वे का रास्ता ढूंढ निकाला है और जरिया बनाया है फेसबुक जैसी पॉपुलर सोशल साइट को।

नगर निगम के नीति निर्धारक अधिकारों के लिए जब सरकार के पास बात नहीं बनी, तो महापौर डॉ. रत्ना जैन ने फेसबुक पर अपने फैन्स से इस पर राय मांगी है।

पहली बार सीधे जनता के वोट से महापौर बनी डॉ. रत्ना जैन इन दिनों फेसबुक पर शहरवासियों से फीडबैक लेने में जुटी हुई हैं। पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा महापौर के अधिकार सीमित किए जाने पर उन्होंने फेसबुक पर सवाल किया कि जनता के मुद्दों पर निर्णय करने का अधिकार किसको होना चाहिए?

सीधे निर्वाचित मेयर को या सीईओ (आरएएस अधिकारी) को। गौरतलब है कि पिछले दिनों जयपुर में हुए महापौर सम्मेलन में भी राज्य के सभी महापौरों ने ज्यादा अधिकार देने की मांग एक साथ उठाई थी।

मेयर को मिले अधिकार

महापौर के प्रश्न पर 200 से ज्यादा लोगों ने फेसबुक पर जवाब दिया कि मेयर को निर्णय का अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि प्रशासनिक अधिकारी होने से सीईओ किसी भी राजनीतिक दबाव में आ सकते हैं।

एक बार बोटिंग करके देखो

डॉ. जैन ने चंबल में गरडिया महादेव तक बोटिंग करने के बाद फेसबुक पर लिखा कि चंबल के खूबसूरत किनारों पर टूरिज्म विकसित किया जा सकता है। इसमें बोटिंग करना रोमांचकारी अनुभव है। आप भी एक बार बोटिंग करके देखें। महापौर शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए फेसबुक पर अवेयरनेस कैंपेन भी चला रही हैं

शहर के जनप्रतिनिधि फेसबुक पर मांग रहे हैं फीडबैक

नेट फ्रेंडली मतदाताओं की लगातार बढ़ती संख्या ने राजनीति के धुरंधरों को भी चुनावी रणनीति में इंटरनेट के दखल को विवश कर दिया है। फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स पर हाड़ौती क्षेत्र के ज्यादातर नेताओं की उपस्थिति देखी जा सकती है।

ज्यादातर नेताओं का प्रयास अपनी प्रोफाइल पर फैन्स की संख्या में बढ़ोतरी करना है, वहीं कई नेता अपने डेली अप-डेट्स और रायशुमारी कर फेसबुक पर छाए रहते हैं।

सत्ता का भरोसा.

झालरापाटन विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष की नेता वसुंधराराजे ने जब फेसबुक पर लिखा- ‘मुझे एक मजबूत राजस्थान की आशा है. जय जय राजस्थान।’ तो उनके सैकड़ों समर्थकों ने उन्हें फिर से सत्ता में लाने का भरोसा दिलाया।

बिरला के एक प्रशंसक ने लिखा- आप कोटा दक्षिण के एमएलए हैं, लेकिन हम आपको राजस्थान के भावी सीएम के रूप में देखते हैं।

यंग ब्रिगेड आगे

विधायक ओम् बिरला (4929), भवानी सिंह राजावत (4725), पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल (4963), पूर्व मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी (4994), कांग्रेस महासचिव पंकज मेहता (3321) और पूर्व विधायक पूनम गोयल (4868) फेसबुक पर हजारों प्रशंसकों से लाइव संवाद कर रहे हैं।

गृहमंत्री शांति धारीवाल के जन्मदिन के ताजा फोटो के साथ फेसबुक पर हैं। सांसद इज्येराज सिंह अपने जनसंपर्क के फोटो के साथ फेसबुक पर हैं तो विधायक भवानी सिंह राजावत चिरपरिचित अंदाज में फेसबुक पर हैं। पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल व पूर्व सांसद प्रो.ललित किशोर चतुर्वेदी फेसबुक पर नहीं हैं।

इस 'सच' ने खूबसूरत वादी का सिर शर्म से झुका दिया!



धर्मशालाःचाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 1996 से 2006 तक बच्चों की ट्रैफिकिंग के आंकड़ों के अनुसार हर तीन बच्चों में से एक बच्चा हिमाचली था। कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों के पुलिस अधिकारियों की दो दिन तक चली कार्यशाला में इस बात की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर बाल न्याय अधिनियम पर चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन ने बाल सुरक्षा और संरक्षण की जानकारी दी। बच्चों से जुड़े आपराधिक मामलों में पुलिस विभाग की क्या भूमिका हो सकती है, बच्चों को किस प्रकार के व्यवहार की आवश्यकता होती है। कार्यशाला में बच्चों के अपराध पर चिंता जताई गई।

अपराध किए जाने के कारणों पर भी चर्चा की गई। अभिभावकों की लापरवाही के कारण भी बच्चे अपराध की ओर जाते हैं। बाल अधिकारों के बारे में चाइल्ड एक्सपर्ट सुमित कुमार ने बताया कि कानूनी तौर पर बच्चे की कोई एक आयु निर्धारित नहीं की गई है। 2011 की जनगणना के आधार पर हिमाचल में 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के 7 लाख 63 हजार 864 बच्चे हैं। जिला कांगड़ा में 1 लाख 60 हजार 865 बच्चे हैं।

लाहौल-स्पीति में इनकी संख्या सबसे कम 2494 है। कार्यशाला में जुवेनियल जस्टिस वाई चिल्ड्रन रूल्स 2007 पर पुलिस विभाग के जिला उप-न्यायवादी भाग सिंह चंदेल ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को जानकारी दी। कार्यशाला का समापन एसपी जिला कांगड़ा दिलजीत सिंह ठाकुर ने किया।

246 आपराधिक घटनाओं को दिया अंजाम

2010 में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बच्चों से संबंधित 246 आपराधिक घटनाएं हुई। इनमें बाल हत्या 1, हत्याएं 5, बलात्कार 72, अपहरण 86, बाल विवाह 5 और 69 अन्य अपराध के मामले पुलिस थानों में दर्ज किए गए।

ट्रेनिंग एंड एडवोकेसी विशेषज्ञ डॉ. कोमल गनोतरा ने बताया कि उनकी संस्था ने प्रदेश में बच्चों के लिए टोल फ्री नंबर 1098 पर सेवा शुरू की गई है। गुम और घर से भागे हुए बच्चों के संबंध में जानकारी इस नंबर पर दी जा सकती है।

सैंकड़ों साल बाद शनि का दुर्लभ महासंयोग, अब बदल जाएगा सबकुछ...

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सौ सालों बाद शनि देव का दुर्लभ महासंयोग बन रहा है। अब सबकुछ बदलने वाला है क्योंकि शनि देव का स्वभाव बदलाव करना होता है। इसी महीने 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर शनि देव राशि बदलेंगे और कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 2 नवंबर 2014 तक इसी राशि में रहेंगे।

9 सितंबर 2009 को शनि ने कन्या राशि में प्रवेश किया था। उससे पहले 6 अक्टूबर 1982 को शनि ने तुला राशि में प्रवेश किया था। अब आने वाले सालों में 2041 में शनि देव फिर से तुला राशि में आएंगे।


कैसे बन रहा है महासंयोग

इस साल की शुरुआत शनिवार से हुई थी और इस साल का आखिरी दिन भी शनिवार ही है। हिन्दु पंचांगो के अनुसार अभी क्रोधी नाम का संवत्सर चल रहा है इसके स्वामी शनि देव है। कई विद्वानों के अनुसार डेढ़ सौ साल पहले ऐसा हुआ था कि शनि अपने ही संवत्सर में अपनी उच्च राशि में आया था ।



क्या असर पड़ेगा दुर्लभ महासंयोग का

तुला राशि शनि की उच्च राशि है ये शनिदेव का प्रिय स्थान होता है। इस राशि में होने से शनि देव शुभ फल देने वाला रहेगा। शनि देव के बदलने से लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव आएंगे। " क्रोधी " संवत्सर में शनि के उच्च राशि में आने से हर काम का तेजी से असर होगा। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग रूक कर शांति से निर्णय लेंगे।

शनिदेव न्यायप्रिय है इसलिए न्यायपालिका की व्यवस्था बदलेगी। सुखद बदलाव देखने को मिलेंगे। भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। गरीब देशों की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। शनिदेव भारत को बदल देंगे।

'छलक उठा मंत्री जी का दर्द, बेखौफ अफसर हमारी नहीं सुनते'


भोपाल। नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने मंगलवार को एक सेमीनार में सरकारी व्यवस्था को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि विधायक हमसे जानकारी मांगते हैं तो हमें विधानसभा में मजबूरी में कहना पड़ता है कि जानकारी एकत्र की जा रही है।

ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि आज अधिकारी कर्मचारियों में सरकार का कोई डर नहीं रह गया है। वे यहीं नहीं रुके, पंचायतों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायतों में कर्मचारी ही नहीं है। नीचे तो सबसे ज्यादा स्टॉफ होना चाहिए और वल्लभ भवन में सबसे कम। लेकिन हो उल्टा रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ऑडिटर्स ऑफ इंडिया के मप्र चैप्टर द्वारा आयोजित इस सेमीनार में गौर ने कहा कि जिस तरह से भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं उसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी कटघरे में दिखाई दे सकते हैं। येद्दियुरप्पा तो पहले ही घेरे में आ चुके हैं।

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब गौर ने अपनी ही सरकार की आलोचना की है। इसके पहले उन्होंने कहा था कि केवल गुजरात ही ऐसा राज्य है जहां भ्रष्टाचार नहीं है। तब मध्यप्रदेश के संदर्भ में उनका कहना था कि इसकी समीक्षा मीडिया ओर जानकारों को करना चाहिए। कैबिनेट की बैठकों में भी वे सरकार को आड़े हाथ ले चुके हैं।

कहां हैं पंचायत वाले? सेमीनार तो पंचायती राज पर था, लेकिन इसमें न तो पंचायत राज मंत्री शामिल हुए और न ही पंचायत महकमे से जुड़े वरिष्ठ अफसर। तय कार्यक्रम के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना था। लेकिन उन्हें मप्र स्थापना दिवस से जुड़े कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने गृह जिले सागर जाना पड़ा। ऐसे में गौर को सेमीनार के लिए राजी करना पड़ा।

आयोजकों के अनुसार सेमीनार में विभाग की प्रमुख सचिव अरुणा शर्मा को भी आना था, लेकिन वे भी नहीं आ सकी। कुछ वक्ताओं की पीड़ा तो यह थी कि सेमीनार में आए सुझावों पर तो विभागीय मंत्री ही अमल करवा सकते थे। नगरीय प्रशासन मंत्री तो ऐसा नहीं करेंगे!

तो सत्ताधारी क्या कर रहे हैं..

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री से सम्मानित और मणिपुर एवं त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल ओएन श्रीवास्तव ने गौर द्वारा व्यवस्था को कोसने के जवाब में कहा, ‘अगर सिस्टम में कमी हैं तो वे (सत्ताधारी) क्या कर रहे हैं? जो लोग सरकार या सत्ता में हैं, उन्हें ही तो कमियां दूर करनी होंगी।’ सत्ता में बैठे हुए लोग ही कहेंगे कि सिस्टम में कमी है तो उसे दुरुस्त कौन करेगा? क्या इसके लिए जनता आएगी? यह जनता का काम नहीं है।

एक शायर की पंक्तियां सुनाते हुए श्रीवास्तव ने कहा, हम सभी (इशारा सत्ताधारियों की ओर) ख्यालों में रहते हैं कि हमें किनारे तक जाना है। लेकिन हमारी नाव में ही छेद है, तो वहां पहुंचेंगे कैसे? श्रीवास्तव जब बोलने के लिए खड़े हुए, तब तक गौर जा चुके थे।

अमेरिकी सांसद ने कहा, हिंदू आंखें खोलेंगे और ईसा मसीह को अपना रक्षक मानेंगे


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वॉशिंगटन. अमेरिका में एक रिपब्लिकन सांसद की टिप्पणी से हिंदू समुदाय बेहद नाराज हो गया है। अमेरिका के केंटकी राज्य के गवर्नर और डेमोक्रेट नेता स्टीव बशीर के खिलाफ उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डेविड विलियम्स की टिप्पणी से अमेरिका का हिन्दू समुदाय काफी नाराज हो गया है। डेविड विलियम्स ने कहा है कि एक ईसाई होने के नाते वह यहूदी, मुस्लिम और हिन्दू प्रार्थनाओं में शामिल नहीं होंगे। यही नहीं, विलियम्स ने यह भी कहा कि हिन्दू अपनी आंखें खोलेंगे और ईसा मसीह को अपना रक्षक मानेंगे।

बशीर पिछले हफ्ते एक कारखाने के भूमि पूजन समारोह में शामिल हुए थे, जिसको लेकर गवर्नर पद के दावेदार केन्टकी राज्य के सेनेटर डेविड विलियम्स ने उन्हें 'मूर्ति पूजक' करार दिया। वॉशिंगटन स्थित हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इसे 'तीखा हमला' बताकर विलियम्स की निंदा की। उसने इसे न केवल हिन्दू अमेरिकियों बल्कि सभी अमेरिकावासियों का अपमान करार दिया। एचएएफ के प्रबंध निदेशक और कानूनी सलाहकार सुहाग शुक्ला ने कहा, ' उन्होंने अज्ञानता और असहिष्णुता का परिचय दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इन दो बातों पर केन्टकी निवासी चुनाव में उन्हें बाहर कर देंगे।'

विलियम्स राज्य में गवर्नर के चुनाव में बशीर को चुनौती दे रहे हैं और वह वर्तमान गवर्नर से करीब 2-1 की रेटिंग के अंतर से पीछे चल रहे हैं। सेल्बीविले में एक अभियान के दौरान विलियम्स ने समारोह को 'बहुदेववादी' बताते हुए कहा था, 'वह (गवर्नर) वहां हिन्दू पुजारियों के साथ थे और एक धार्मिक समारोह में शामिल हो रहे थे।' उन्होंने कहा, 'वह पालथी मारकर बैठे थे और माथे पर तिलक लगाकर हिन्दू प्रार्थना में शामिल हुए। उनके आसपास अगरबत्तियां जल रही थीं। मैं नहीं जानता, वे क्या सोचते हैं?'

बशीर के अभियान दल ने एक बयान जारी कर सेनेटर की टिप्पणी को हताशा भरा बताया है। नेवेदा के हिन्दू कार्यकर्ता जरान जेद ने भी विलियम्स के बयान की निंदा की है। उन्होंने उनसे माफी मांगने को कहा है।

11 नवंबर को जब 11 बजेंगे तब बनेगा रोचक संयोग

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नवंबर का माह बेहद खास है, इस माह में एक अद्भुत योग बन रहा है। 11 नवंबर-11 तीन ग्यारह एक साथ आ रहे हैं। इसके अलावा इसी दिन दिन में दो बार एक सेकंड के लिए छह 11 एक साथ आएंगे। 11 नवंबर-11 को सुबह और रात में 11 बजकर 11 मिनट एवं 11 सेकंड यह अद्भुत योग बनेगा।

इस दुर्लभ योग के संबंध में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 11 नवंबर-11 को कृत्तिका नक्षत्र होगा जिसका स्वामी सूर्य है तथा इस दिन, इस समय पर सूर्य नीच का होकर आय भाव में स्थित होगा। इसके साथ ही महादशा भी सूर्य की होगी। गुरु एवं चंद्रमा की उस पर पूर्ण दृष्टि होगी। इस समय की कुंडली में गजकेसरी योग बना हुआ रहेगा। वार शुकवार होगा तथा शुक्र मंगल की राशि में व्यय भाव में स्थित होने से ज्यादा लाभदायक नही हैं।

पं. शर्मा के अनुसार इस प्रकार की ग्रह स्थिति के कारण लोगों में दिखावा करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। लोग कर्ज लेकर भौतिक सुविधाओं को जुटाने का प्रयास करेंगे। राजनीति से संबंध रखने वाले लोगों के लिए यह समय अच्छा नही कहा जा सकता है। व्यापारियों के लिए यह समय लाभदायक रहेगा। आयात-निर्यात का कार्य करने वालों के लिए व्यय की अधिकता रहेगी। खासकर पश्चिम देशों से संबंध रखने वालों को अधिक खर्च वहन करना पड़ सकता है।

पं. मनीष शर्मा ने बताया कि इस दिन मंगल अपनी मित्र राशि सिंह में भाग्येश होगा जो जमीन का कार्य करने वाले कॅालोनाईजर, सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदारों आदि को फायदेमंद होगा। शनि भी मित्र राशि में कर्मेश होने से केमिकल, तेल, चमडे, फर्टीलाइजर्स, लौहा, इस्पात आदि का कार्य करने वालों के लिए श्रेष्ठ होगा। इस समय में धन की देवी लक्ष्मी का दर्शन करना उचित होगा एवं किसी गरीब को ऊनी वस्त्र का दान करने से लाभ होगा।

यकीन मानिए...कभी नहीं देखा होगा आपने ऐसा अनोखा सांप


अमेरिका के फ्लोरिडा में एक दो मुंह वाले आनोखे सांप ने जन्म लिया है। 10,000 में से एक मामले में ऐसे दो मुंह वाले सांप पैदा होते हैं। यह अल्बीनो होंडुरन मिल्क स्नेक प्रजाति का सांप है।

सांपों का संरक्षण करने वाली एक फ्लोरिडा की संस्था सनशाइन सर्फेंट्स के स्टाफ के सदस्य उस वक़्त चौंक गए, जब मिल्क स्नेक के सात अण्डों के फूटने पर उनमें से सांप के बच्चों के नौ सिर दिखाई दिए।

यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा के बायोलॉजिस्ट डेनियल पार्कर ने बताया कि वे इस दो मुंह वाले सांप को देखकर चकित रह गए।

पार्कर ने बताया कि दो मुंह वाले सांप के दो दिमाग होते हैं, जो एक शरीर को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने बताया कि हांलाकि इस तरह के सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन ये जंगल की विषय परिस्थितियों में जीवित नहीं रह पाते।



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