दरअसल स्थानीय दबंगों ने इस पार्षद को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसके सिर पर गहरी चोट आई और हाथ टूट गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने स्वयं जांच करने का निर्णय लिया है। साथ ही आयोग ने एसपी को फोन कर पार्षद को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं।
सुनवाई के दौरान जमीला बी ने बताया कि वे पीथमपुर (जिला धार) वार्ड क्रमांक 29 की पार्षद हैं। करीब हफ्ते भर पहले उनके वार्ड में रहने वाली कमला बाई को आधी रात में आठ-दस लोग बेरहमी से मार रहे थे। वार्ड के लोगों के जागने पर वे भाग गए।
बाद में पता चला पीटने वाले लोग कमला बाई की जमीन पर कब्जा करने के बाद उससे कागजों पर जबर्दस्ती दस्तखत कराने पहुंचे थे। जब इस बात की शिकायत संबंधित थाने के टीआई शेख सलीम से की तो उन्होंने आवेदन तो ले लिया, लेकिन एक घंटे बाद वे उन्हीं लोगों के साथ उनके (जमीला बी) घर पर पहुंच गए।
टीआई के सामने लखन चौधरी और राकेश चौधरी सहित आठ लोगों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। सिर और हाथ में गंभीर चोट के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। हमले की शिकायत धार के एसपी को की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कमला बाई और जमीला बी की हालत देखने के बाद आयोग ने इस मामले में खुद जांच करने का निर्णय लिया। मामले की सुनवाई आयोग की अध्यक्ष उपमा राय, शशि सिन्हों, ज्योति येवतीकर और स्नेहलता उपाध्याय ने की।
जादू-टोने के शक में बहू को किया प्रताड़ित
एक अन्य मामले में बाणगंगा निवासी कंचन साहू ने गुहार लगाई कि ससुराल वाले जादू-टोने के शक में उसे प्रताड़ित करते हैं। सुनवाई के दौरान कंचन ने बताया कि उसकी शादी को दस साल हो गए है। उसकी दो बेटी और एक बेटा है। मेरे पति घर में सबसे छोटे हैं इसलिए परिजनों से कुछ बोल नहीं पाते। इस पर आयोग ने परिजनों को समझाइश दी और साथ ही पति को भी फटकार लगाई। इस मामले में समझौता हो गया है।
आठ मामले हुए नस्तीबद्ध
आयोग में कुल 23 मामले रखे गए थे। इसमें से 15 मामले में आवेदक व अनावेदक पहुंचे। इनमें से आठ मामलों को नस्तीबद्ध कर दिया गया। इसमें 4 मामले पारिवारिक विवाद, 2 कार्यस्थल प्रताड़ना, 8 घरेलू हिंसा, 1 मानसिक प्रताड़ना और अन्य 8 मामले रखे गए थे।