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06 नवंबर 2011

बस में प्लेन जैसी सुविधा, हॉट होस्टेस करेगी सेवा-सत्कार


चंडीगढ़. हवाई यात्रा जैसा लुत्फ, इंटरनेट सर्फिग के लिए वाईफाई, एयर होस्टेस की तर्ज पर बस होस्टेस खाना परोसने जैसी सुविधाएं आपको बस में ही मिलें तो क्या कहने। सोमवार से नई दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली बस सेवा शुरू हो जाएगी।

अलोविया ट्रेवल सर्विस नाम की नॉन स्टॉप बस सेवा दोनों शहरों के बीच दिन में चार फेरे लगाएगी। दिल्ली में बस कनॉट प्लेस के पास होटल पार्क व्यू से और चंडीगढ़ में जीरकपुर के द चंडीगढ़ अशोक होटल से चलेगी। बस में अंदर ही खानपान की सुविधा होगी। इसे एयर होस्टेस की तर्ज पर बस होस्टेस पेश करेंगी। बस के अंदर टॉयलेट की भी सुविधा रहेगी। बस का किराया 1200 रुपये होगा।

बस में फ्लाइट जैसा आराम

अलोविआ ट्रेवल सर्विस के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर मलकीयत सिंह के अनुसार बस में इंटरनेट सर्फिग के लिए वाईफाई की सुविधा है। साथ ही जहां तक टाइमिंग का सवाल है तो जाम आदि की समस्या को ध्यान में रखते हुए बस के दिल्ली पहुंचने के लिए कुछ अतिरिक्त समय लेकर चल रहे हैं। कोशिश रहेगी कि बस निर्धारित समय में गंतव्य तक पहुंचे।

एक साथ टिकट बुक कराने पर होगा फायदा

इस सर्विस के तहत जो लोग आने जाने का टिकट एक साथ बुक कराएंगे उन्हें करीब 600 रुपये का फायदा होगा। कंपनी की ओर से दोनों ओर का किराया 1800 रुपये लिया जा रहा है। हालांकि शुक्रवार, शनिवार और रविवार को यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ेगा। चंडीगढ़ से यह बस सुबह 6 बजे चलेगी और 10.45 पर दिल्ली पहुंचेगी। दिल्ली से बस 1 बजे चलकर शाम 5.30 बजे चंडीगढ़ पहुंचेगी। शाम 6 बजे बस चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए फिर रवाना होगी और 11 बजे यहां पहुंचेगी। रात में 11.30 बजे बस दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए चलेगी और सुबह पौने पांच बजे यहां पहुंचेगी।


पानी पीने के इस तरीके को अपनाकर मोटापे से छुटकारा पाएं हमेशा के लिए

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कहते हैं ज्यादा पानी पीने के ढेरों फायदें हैं। चिकित्सक भी ये मानते हैं कि ज्यादा पानी पीने से कई बीमारियां अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं। लेकिन पानी को अगर सही तरी के से और सही तरीके से पीया जाए तो आपको मोटापा कंट्रोल करने में भी अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। हमारे शरीर की आवश्यकता खाना खाने से पहले दो गिलास पानी पीने की आदत न सिर्फ आपके वजन को नियंत्रित करती है, बल्कि लंबे समय तक आपको फिट बनाने के लिए भी कारगर है। एक शोध के अनुसार जिन डाइटर्स ने कैलोरी काउंट के तहत आधार लेने पर ध्यान दिया उनके मुकाबले वैसे डाइटर्स का वजन तेजी से घटा, जिन्होंने खाने से पहले दो गिलास पानी पीने का फंडा अपनाया उनका वजन आसानी से घट गया। पानी वजन घटाने का सबसे सस्ता उपाय है। पानी को कैलोरी फ्री आहार भी माना जा सकता है। पानी कम मात्रा में पानी पीने से शरीर में वसा ऊर्जा के रूप में जलने के बजाय एकत्रित होनी शुरू हो जाती है।

इसका कारण है शरीर में मौजूद वसा का ऊर्जा में परिवर्तन आपके शरीर में मौजूद पानी की मात्रा पर निर्भर करता है। जितना अधिक पानी आप पीएंगे, उतनी ही अधिक वसा आप खर्च कर पाएंगे। वह के समय एक गिलास गुनगुने पानी में दो टीस्पून शहद डालकर पीने से वजन नियंत्रित रहता है। यदि इसमें एक टी स्पून नींबू का ताजा रस डाल दिया जाए तो कहना ही क्या। आप चाहे तो दिन में कई बार इसका सेवन कर सकती है।हर एक घंटे में एक गिलास पानी का सेवन आपके शरीर के लिए चमत्कार कर सकता है । यह आपको भूख का एहसास न कराते हुए कम खाने में आपकी मदद करता है । अधिक मात्रा में ग्रहण किया हुआ पानी शरीर से अवांछित अवशेषों को बाहर निकालता है और पाचन प्रक्रिया में अपना सहयोग देता है।

धूम मचाने आ रही है मारुति की ये ‘सबसे सस्ती’ कार!




भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड जल्दी ही बाजार में मारुति ऑल्टो से भी सस्ती कार ‘सर्वो’ को लाने की तैयारी कर रही है। जानकारों का कहना है कि छोटी और सस्ती कारों के बाजार में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कंपनी की तरफ से इस कार को जल्दी ही लांच किया जा सकता है।

खबर है कि इसकी कीमत 1.5-2 लाख रुपए के बीच हो सकती है। भारत में सर्वो को अगले साल की शुरूआत में लांच किया जा सकता है। हालांकि इस कार को लेकर कंपनी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

अपनी इस नई कार के जरिए मारुति देश की पहली इकनॉमिक कार ‘मारुति-800’ की कमी को भी पूरा करेगी, जिसकी बिक्री अब कई शहरों में बंद हो गई है। माना जा रहा है कि सर्वो में 660 सीसी का पेट्रोल इंजन लगा होगा।

सर्वो के माइलेज को लेकर कंपनी की तरफ से किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो एंट्री लेवल कारों के सेग्मेंट में सर्वो सबसे बेहतरीन माइलेज देगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये कार एक लीटर में 30-42 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

ब्रिटेन की महारानी के पड़ोसी बनेंगे हिंदूजा बंधु, बनवाई 8 अरब की इमारत


लंदन. अरबपति उद्योगपति हिंदूजा बंधुओं ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के बंकिंघम पैलेस के नजदीक 8 अरब रुपये (100 मिलियन पाउंड) की कीमत की इमारत बनवाई है। हिंदूजा बंधुओं को इस इमारत की मरम्मत में पांच साल लग गए। छह अरब पाउंड की कुल संपत्ति के मालिक बताए जाने वाले हिंदूजा बंधुओं की यह इमारत चार अलग-अलग संपत्तियों को मिलाकर बनाई गई है।

ब्रिटेन के शाही घराने के बंगले के ठीक सामने मॉल, बोलेवर्ड रोड पर मौजूद इस छह मंजिली इमारत में 50 कमरे हैं, जिन्हें चार अपार्टमेंट में बांटा गया है। अपार्टमेंट श्रीचंद, गोपीचंद (दोनों लंदन में रहते हैं) , प्रकाश (जेनेवा से कारोबार देखते हैं) और अशोक (मुंबई में रहते हैं) में बांटा गया है। इस भव्य इमारत में स्विमिंग पूल और सिनेमा हॉल भी है।

ब्रिटिश वास्तुकार जॉन नैश ने इस इमारत की डिजाइन तैयार की है। इमारत के डाइनिंग रूम में 30 लोगों के बैठने के लिए जगह है। इमारत का वास्तुशिल्प खालिस इंग्लिश नहीं है। बल्कि इसमें भारतीय तत्व भी मौजूद हैं। जैसे इमारत में लगे दरवाजों पर हाथियों की आकृति बनी हुई है। इमारत में नए सिरे से मार्बल की फर्श तैयार की गई है। इमारत इटली के दीपदानों से सजी हुई है। इस इमारत की मरम्मत अंग्रेजी विरासत और वहां के कड़े कानूनों के मुताबिक की गई है। इमारत की कितनी ऐतिहासिक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किंग जॉर्ज चतुर्थ ने 1820 के दशक में इस इमारत को मूल रूप से बनवाया था और इस इमारत के एक फ्लैट में 19 शताब्दी में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे विलियम ग्लैडस्टोन रह चुके हैं।

हिंदूजा बंधुओं ने इस इमारत में मूल रूप से मौजूद चार संपत्तियों को 2006 में 58 मिलियन पाउंड (करीब सवा चार अरब) की कीमत अदा कर खरीदा था। हिंदूजा बंधु बैंकिंग, पेट्रोलियम उत्पाद, ऑटोमोटिव कलपुर्जे के कारोबार में सक्रिय हैं।

आखिरत में काम आएंगी नेकियां




हदीस शरीफ में आया है कि 'तीन लोगों की दुआ कभी खारिज नहीं होती, एक आदिल बादशाह, दूसरा कोई मजलूम शख्स और तीसरा रोजा खोलने से पहले रोजादार की दुआ।'

मालूम हुआ कि सारा दिन रोजा रखने के बाद जब रोजादार अफ्तार के लिए दस्तरख्वान पर बैठता है, तो उस वक्त अल्लाह तआला की खास रेहमत उस पर होती है। ऐसे वक्त में उसकी दुआओं को कुबूलियत का दर्जा मिलता है।

कहा गया है कि इसलिए इस वक्त को फालतू बातों में गंवाकर गुजारने की बजाए दुआएं करना चाहिए। कई लोगों को यह शिकायत होती है कि वह दुआएं करते हैं, लेकिन उसका असर दिखाई नहीं देता।


इस पर कहा गया है कि कोई भी दुआ बेअसर नहीं होती, बल्कि उसकी तीन सूरतें होती हैं, या तो दुआ में मांगी गई चीज उसे मिल जाती है, या फिर मांगी गई चीज के बराबर कोई दूसरी चीज उसे दे दी जाती है और दोनों बातें पूरी न होने पर मांगी गई दुआ के बदले दुआ मांगने वाले के नामा-ए-आमाल में इतनी नेकियां जमा कर दी जाती हैं।

यह नेकियां उसके लिए आखिरत के वक्त काम आती हैं।

कहा जाता है कि मरने के बाद जब बंदा खुदा के सामने हाजिर होगा और उसे उसकी दुआओं के बदले मिलने वाली नेकियां गिनाई जाएंगी, तो उसके दिल से यही बात निकलेगी कि काश, उसकी कोई दुआ दुनिया में कुबूल ही न हुई होती, तो आज आखिरत में यह नेकियां उसके लिए काम आतीं।

यह है गीता का ज्ञान

( दोनों सेनाओं के प्रधान-प्रधान शूरवीरों की गणना और सामर्थ्य का कथन )
धृतराष्ट्र उवाच
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥
भावार्थ : धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?॥1॥
संजय उवाच
दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।
आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत्‌ ॥
भावार्थ : संजय बोले- उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूहरचनायुक्त पाण्डवों की सेना को देखा और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा॥2॥
पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्‌ ।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥
भावार्थ : हे आचार्य! आपके बुद्धिमान्‌ शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई पाण्डुपुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिए॥3॥
अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्‌ ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः ॥
युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्‌ ।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः ॥
भावार्थ : इस सेना में बड़े-बड़े धनुषों वाले तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रुपद, धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा बलवान उत्तमौजा, सुभद्रापुत्र अभिमन्यु एवं द्रौपदी के पाँचों पुत्र- ये सभी महारथी हैं॥4-6॥
अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम ।
नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते ॥
भावार्थ : हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! अपने पक्ष में भी जो प्रधान हैं, उनको आप समझ लीजिए। आपकी जानकारी के लिए मेरी सेना के जो-जो सेनापति हैं, उनको बतलाता हूँ॥7॥
भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः ।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ॥
भावार्थ : आप-द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म तथा कर्ण और संग्रामविजयी कृपाचार्य तथा वैसे ही अश्वत्थामा, विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा॥8॥
अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः ।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः ॥
भावार्थ : और भी मेरे लिए जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित और सब-के-सब युद्ध में चतुर हैं॥9॥
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌ ।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्‌ ॥
भावार्थ : भीष्म पितामह द्वारा रक्षित हमारी वह सेना सब प्रकार से अजेय है और भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की यह सेना जीतने में सुगम है॥10॥
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥
भावार्थ : इसलिए सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी निःसंदेह भीष्म पितामह की ही सब ओर से रक्षा करें॥11॥
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इस्लाम का पैगाम अमन के नाम .....


बकरीद 7 को, कुर्बानी का पैगाम देता है यह पर्व

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इस्लाम धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर इस्लाम पर्व जीवन प्रबंधन से जुड़े संदेश देता है। इस्लाम में एक वर्ष में दो ईद मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी है बकरीद। बकरीद कुर्बानी का पैगाम देता है। इस बार बकरीद 7 नवंबर, सोमवार को है। बकरीद से जुड़ी एक कथा भी प्रचलित है जो इस प्रकार है-

ऐसा माना जाता है कि पैगम्बर हजरत को अल्लाह ने हुक्म दिया कि अपनी सबसे प्यारी चीज को मेरे लिए कुर्बान कर दो। पैगंबर साहब को अपना इकलौता बेटा इस्माइल सबसे अधिक प्रिय था। खुदा के हुक्म के अनुसार उन्होंने अपने प्रिय इस्माइल को कुर्बान करने का मन बना लिया।

इस बात से इस्माइल भी खुश था वह अल्लाह की राह में कुर्बान होगा। बकरीद के दिन ही जब कुर्बानी का समय आया तब इस्माइल की जगह एक दुम्बा कुर्बान हो गया। अल्लाह ने इस्माइल को बचा लिया और पैगंबर साहब की कुर्बानी कबुल कर ली। तभी से हर साल पैगंबर साहब द्वारा दी गई कुर्बानी की याद में बकरीद मनाई जाती है।

कुदरत का अजब करिश्मा: बकरे के इस कारनामे को देख अचंभित हैं

मोडासा (गुजरात)।इन दिनों एक अजीबो-गरीब घटना यहां के लोगों को काफी विस्मित किए हुए है और वह बकरे को लेकर है। दरसअल यहां एक बकरा ऐसा है, जो पिछले कुछ समय से दूध दे रहा है।

तस्वीर में आप बकरे के मालिक द्वारा उसका दूध दुहते हुए देख सकते हैं। इस घटना से इलाके के लोग ही नहीं, बल्कि सभी हैरान हैं और इसे देखने वालों का हुजूम लगा हुआ है।

मोडासा शहर के शाह आलम सोसायटी में रहने वाले अयूबभाई चौहान ने कुछ दिन पहले ही यह बकरा खरीदा है। हाल ही में अयूबभाई ने बकरे के शरीर पर एक थन जैसा उभार देखा, जिसका आकार बढ़ रहा था। अयूबभाई ने किसी बीमारी की आशंका से उसके शरीर की जांच करते हुए जब इस उभरे हिस्से को दबाया तो देखा कि यहां से बकरी की तरह दूध निकल रहा था।

आश्चर्य की बात तो यह है कि पिछले कुछ समय से बकरा प्रतिदिन लगभग 500 ग्राम दूध दे रहा है। मौका बकरी ईद का है, इसलिए यह व्यापक रूप से आश्चर्य का विषय बना हुआ है।

वर्षों से बकरों का व्यवसाय कर रहे अयूबभाई इसे कुदरत का ही करिश्मा मानते हैं। जबकि विज्ञान की दुनिया में ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं। जन्म के समय शारीरिक समस्या के चलते ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं।

बाबा का चमत्कार, दिखाई शक्ति और सुखा दिया झील



कश्मीर.विवाद ने जम्मू-कश्मीर ही नहीं पूरे देश के लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है। आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सभी तरह से देश और जम्मू-कश्मीर के अवाम को इस विवाद ने बर्बाद कर दिया है। हम अपने पाठकों के लिए जम्मू-कश्मीर के इतिहास, विवाद, वहां के रीति रिवाज सब कुछ बताने का सीरिज चला रहे हैं। इसके तहत आज हम आपको बता रहे हैं कि क्या है कश्मीर का इतिहास?

स्थानीय लोगों का विश्वास है कि इस विस्तृत घाटी के स्थान पर कभी मनोरम झील थी जिसके तट पर देवताओं का वास था। एक बार इस झील में ही एक असुर कहीं से आकर बस गया और वह देवताओं को सताने लगा। त्रस्त देवताओं ने ऋषि कश्यप से प्रार्थना की कि वह असुर का विनाश करें। देवताओं के आग्रह पर ऋषि ने उस झील को अपने तप के बल से रिक्त कर दिया। इसके साथ ही उस असुर का अंत हो गया और उस स्थान पर घाटी बन गई। कश्यप ऋषि द्वारा असुर को मारने के कारण ही घाटी को कश्यप मार कहा जाने लगा। यही नाम समयांतर में कश्मीर हो गया। निलमत पुराण में भी ऐसी ही एक कथा का उल्लेख है।

कश्मीर के प्राचीन इतिहास और यहां के सौंदर्य का वर्णन कल्हण रचित राज तरंगिनी में बहुत सुंदर ढंग से किया गया है। वैसे इतिहास के लंबे कालखंड में यहां मौर्य, कुषाण, हूण, करकोटा, लोहरा, मुगल, अफगान, सिख और डोगरा राजाओं का राज रहा है। कश्मीर सदियों तक एशिया में संस्कृति एवं दर्शन शास्त्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा और सूफी संतों का दर्शन यहां की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

मध्ययुग में मुस्लिम आक्रान्ता कश्मीर पर काबिज हो गये । कुछ मुसलमान शाह और राज्यपाल (जैसे शाह ज़ैन-उल-अबिदीन) हिन्दुओं से अच्छा व्यवहार करते थे पर कई (जैसे सुल्तान सिकन्दर बुतशिकन) ने यहाँ के मूल कश्मीरी हिन्दुओं को मुसलमान बनने पर, या राज्य छोड़ने पर मजबूर कर दिया । कुछ ही सदियों में कश्मीर घाटी में मुस्लिम बहुमत हो गया । मुसलमान शाहों में ये बारी-बारी से अफ़ग़ान, कश्मीरी मुसलमान, मुग़ल आदि वंशों के पास गया । मुग़ल सल्तनत गिरने के बाद से सिख महाराजा रणजीत सिंह के राज्य में शामिल हो गया । कुछ समय बाद जम्मू के हिन्दू डोगरा राजा गुलाब सिंह डोगरा ने ब्रिटिश लोगों के साथ सन्धि करके जम्मू के साथ साथ कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया । डोगरा वंश भारत की आज़ादी तक कायम रहा ।

बकरीद: जानें, क्या है कुर्बानी का मतलब

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बकरीद मुस्लिमों के प्रमुख त्योहारों में से एक है। मूलत: यह पर्व कुर्बानी के लिए प्रेरित करता है। इस दिन मुस्लिम संप्रदाय के लोग सुबह-सुबह तैयार होकर लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा करते हैं फिर गले मिलते हैं और कुर्बानी करते हैं।

बकरीद राष्ट्र और समाज के हित के लिए खुद या खुद की सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करने का संदेश देती है। बकरे की कुर्बानी तो प्रतीक मात्र है, यह बताता है कि जब भी राष्ट्र, समाज और गरीबों के हित की बात आए तो खुद को भी कुर्बान करने से नहीं हिचकना चाहिए। कोई व्यक्ति जिस परिवार में रहता है, वह जिस समाज का हिस्सा है, जिस शहर में रहता है और जिस देश का वह निवासी है, उस व्यक्ति का फर्ज है कि वह अपने देश, समाज और परिवार की रक्षा करें।

इसके लिए यदि उसे अपनी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी देना पड़े तब भी वह पीछे ना हटे। इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है। इसी वजह से ईद-उल-जुहा पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दिन कुर्बानी के सामान के तीन हिस्से किए जाते हैं। इन तीनों हिस्सों में से एक हिस्सा खुद के लिए और शेष दो हिस्से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों का बांटा दिया जाता है।

नहीं देखा होगा इंजीनियरिंग का ऐसा कमाल जो दुनिया के लिए बना मिसाल!

पुणे.इंसान ने हमेशा ही चुनौतियों को स्वीकार किया है और उन्हें जीतकर ही दम लिया है. इस कड़ी में हम आपको आधुनिक इंजीनियरिंग के एक ऐसे उदहारण से रूबरू कराने जा रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गया. मैंगलोर और रोहा (महाराष्ट्र) दो ऐसी जगहें हैं जो समुद्र के किनारे बसते हैं लेकिन लम्बे समय तक इनके बीच कोई संपर्क मार्ग नहीं था.

संपर्क मार्ग की कमी की वजह से इन दोनों ही क्षेत्रों के लोगों के लिए व्यापार का रास्ता बंद पड़ा था. अस्सी के दशक में भारत सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों को आपस में जोड़ने का फैसला किया. यह रास्ता कितना दुर्गम और जोखिम भरा है इसकी झलक आप नीचे लगे तस्वीरों में पा सकते हैं लेकिन अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे पूरा हुआ




चार दुर्लभ योग शादियों में लगाएंगे चार-चांद!

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इस बार शादियों की शुरुआत चार दुर्लभ संयोगों से होगी। कार्तिक शुक्ल एकादशी के साथ दो अन्य शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, राजयोग और त्रिपुस्कर योग भी रहेंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक आज से दो शुभ योग आने से यह दिन विवाह के लिए अधिक सुखदायक हो गया है।

पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार इस बार चार दुर्लभ योगों से शादियों की शुरुआत काफी शुभ रहेगी। 6 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के साथ शादी और मांगलिक कार्यो के शुभ मुहूर्त पर लगी रोक हट गई है। आज ही के दिन भगवान विष्णु चार माह की गहरी नींद से जागते है। भगवान के सोने और जागने को लेकर मान्यता है की आसाढ़ में हरि सैनी एकादशी के दिन भगवान गहरी नींद में सो जाते है।

वेद पुराण के अनुसार भगवान तड़का से युद्ध करते करते थक गए थे और थकान के कारण ही वह सो गए। चार माह बाद देव उठानी एकादशी के दिन वह जागते है। प्रभू के शयन के दौरान मांगलिक कार्य निषेध माना गया है।

आज से शुभ दिन शुरू हो गया है। चार महीने में 26 दिन शहनाइयां बजेंगी। इस दौरान कई लोग परिणय-सूत्र में बंधेंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश कर जाने के कारण 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास लग जाएगा। इस दौरान मांगलिक कार्य पर पूरी तरह रोक रहेगी। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त होगा।

1 मार्च से 8 मार्च तक होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य बाधित रहता है। 14 मार्च को दिन 12 बजकर 41 मिनट से मीन मलमास शुरू हो जाएगा, जो पूरे एक माह तक रहेगा। इस दौरान भी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

फेरों का मुहूर्त

रात्रि लग्न : 18 नवंबर : सात रेखा, 15 जनवरी, 2012 : 8 रेखा, 16 जनवरी : 6 रेखा, 17 जनवरी : 5 रेखा, 18 जनवरी : 6 रेखा, 27 जनवरी : 6 रेखा, 28 जनवरी : छह रेखा, 29 जनवरी: पांच रेखा, 8 फरवरी : आठ रेखा, 10 फरवरी : दस रेखा, 9 मार्च : छह रेखा। दिवा लग्न : 19 नवंबर : सात रेखा, 11 फरवरी : 7 रेखा, 25 फरवरी : 8 रेखा, 10 मार्च : 6 रेखा। रात्रि व दिवा लग्न : 21 नवंबर : आठ रेखा, 22 नवंबर : आठ व नौ रेखा, 29 नवंबर : 7 रेखा, 30 नवंबर : 9 रेखा, 1 दिसंबर : 9 रेखा, 4 दिसंबर : 7 रेखा, 19 जनवरी : 7 रेखा, 30 जनवरी : पांच रेखा, 17 फरवरी : 7 रेखा, 24 फरवरी : 8 रेखा, 11 मार्च : 6 रेखा।

विराम भी

सूर्य के धनु राशि में प्रवेश पर 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक एक माह के लिए सावों पर रोक लग जाएगी। इसके बाद 1 मार्च से 8 मार्च तक होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य बाधित रहेंगे। फिर 14 मार्च से मीन मलमास लगने से एक माह के लिए मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

लग्न और उसका प्रभाव

शादी में शुभ लग्न और ग्रह नक्षत्र का काफी महत्व है। जिन लड़के और लड़की की शादी होने वाली होती है, उनके अभिभावक, माता, पिता कुंडली, लग्न और ग्रह, नक्षत्र को लेकर काफी परेशान रहते हैं। पंडित रमेश चन्द्र त्रिपाठी के अनुसार शुभ लग्न में विवाह विशेष फलदायी होता है। हर लग्न का अलग प्रभाव पड़ता है। पंडित त्रिपाठी के मतानुसार मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या,तुला,वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ व मीन में कुछ में विवाह का शुभ मुहूर्त होता है, जबकि कुछ लग्न में विवाह अशुभ भी होता है।

इन 'जानी दुश्मनों' की खतरनाक लड़ाई देख फूल जाएंगे हाथ पांव!


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सांप नेवले की लड़ाई विश्व प्रसिद्ध है। दोनों जब लड़ते हैं तो एक-दूसरे को खून के प्यासे हो जाते हैं। जिसने मात दी उसकी जान बच गई। जिसने मात खाई उसकी जान चली गई। पर समान्यत: इस लड़ाई में सांप की ही मौत होती है। सांप को नेवला मार डालता है। अधिकांश लोगों का भी मानना है कि इस लड़ाई में नेवले को सांप कभी मार ही नहीं सकता है। पर यह वास्तविकता से परे है। दरअसल, नेवले में जन्म से ही सांप पर अटैक करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसकी चपलता और फुर्ती जान को बचाती है। यह दीगर बात है कि हर लड़ाई में नेवला बाजी मार ले जाता है, लेकिन यह भी उतना ही सही है कि सांप के जहर से उसकी किसी भी पल मौत हो सकती है। यदि किसी तरह सांप अपने विष दंत को उसके शरीर में चुभाने में सफल हो जाए तो उसकी मौत हो जाएगी। जीव विज्ञान के मुताबिक, सांप के साथ झगड़े के समय नेवला अपने शरीर के बालों को इस कदर फुला लेता है कि सांप के विषैले दांत मांस में नहीं घुस पाते। सांप के मुंह केवल बाल ही आ पाता है। विष और सांप के खून में संपर्क नहीं हो पाता है। इसलिए नेवला सुरक्षित बच जाता है

नदीम ने सौंपा था पुलिस को आरोपियों-राजनीतिज्ञों की बातचीत का डेटा

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अहमदाबाद। आरटीआई एक्टिविस्ट एवं 2002 दंगों के गवाह नदीम सैयद (38) की शनिवार अल सुबह यहां कुछ अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। वह नरोडा पाटिया हत्याकांड में गवाह था। उसने एक मोबाइल फोन पुलिस को मुहैया करवाया था, जिसमें हत्याकांड के समय कुछ आरोपियों-राजनीतिज्ञों के बीच होने का डेटा था।


पुलिस ने बताया कि अल्पसंख्यक बहुल जूहापुरा क्षेत्र में नदीम को उस समय निशाना बनाया गया जब वह अपने नित्यकर्म के बाद घर के समीप ही दुकान पर चाय पीने पहुंचा था। हमलावरों ने धारदार हथियारों से एक के बाद एक 25 वार किए। स्थानीय लोगों ने लहूलुहान हालत में उसे अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। नदीम के पिता ने दो लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।


पुलिस की मदद कर रहा था नदीम:

जूहापुरा इलाके में एक समूह ने पुलिस दल पर हमला कर पुलिस वैन को आग लगा दी थी। इस वारदात के असली आरोपियों को पकड़वाने में नदीम पुलिस की मदद कर रहा था। माना जा रहा है कि उसके इन कार्यों से खफा असामाजिक तत्वों ने उसकी हत्या कर दी।


इस तरह बना गवाह:

नदीम पुराने अहमदाबाद के रिलीफ रोड क्षेत्र में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था। 2002 में एक व्यक्ति उसकी दुकान पर बंद मोबाइल की मरम्मत करवाने आया। इस मोबाइल को ठीक करने पर जब देखा तो पता चला कि उस मोबाइल फोन से हत्याकांड के समय कई राजनीतिज्ञों से बात हुई थी। इस पर नदीम ने यह मोबाइल पुलिस को सौंप दिया था। जांच में यह मोबाइल अशोक सिंघी नामक व्यक्ति का होने का खुलासा हुआ, जो नरोडा पाटिया मामले में एक आरोपी है। नरोडा पाटिया मामले में 28 फरवरी 2002 में 95 लोग मारे गए थे। यह घटना गोधरा ट्रेन हादसे के बाद हुई थी।


वारदात के समय नदारद था जवान, निलंबित:

नरोडा पाटिया कांड में गवाह के चलते नदीम को 24 घंटे सुरक्षा कवच मुहैया करवाया गया था, किंतु जूहापुरा में रहते समय वह जवानों को साथ नहीं रखता था। बाहर जाते समय ही साथ लेता था। इसलिए नदीम जब जूहापुरा में होता था तब सुरक्षा के लिए तैनात जवान जूहापुरा चौकी पर रहते थे। पुलिस अधिकारी एच.जी. पटेल ने बताया कि शनिवार को सुरक्षा में तैनात जवान को निलंबित कर दिया गया है।


जुलाई में जताई थी हत्या की आशंका:

नदीम ने इसी साल जुलाई में मेहबूब सीनियर से खुद की जान को खतरा बताते हुए पुलिस के समक्ष लिखित शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि मेहबूब सीनियर एक असामाजिक तत्व है, जिसकी पुलिस में भी अच्छी पहुंच है। वह मुझे नरोडा पाटिया केस में धमका रहा है। उसकी धमकी से मैं घबरा गया हूं। मेरी जान को खतरा है।

पास बैठकर भी आडवाणी-मोदी में कुछ यूं खड़ी हुई दीवार!

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वापी (गुजरात). भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा रविवार को गुजरात पहुंच गई। अटकलों को विराम देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापी में आडवाणी की अगुवानी की, लेकिन मंच पर दोनों के रिश्तों में खटास साफ दिखाई दी।


पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में मोदी दावेदारी प्रस्तुत करना चाहते हैं, लेकिन आडवाणी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इसे लेकर दोनों के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। हालांकि यह दिखाने की कोशिश की गई कि दोनों में रिश्ते सामान्य है और किसी तरह की खटास नहीं है।

चुप क्यों हैं सोनिया?

आडवाणी ने कहा कि यूपीए सरकार के घोटालों की वजह से वैश्विक मंच पर भारत की छवि को बट्टा लगा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अथवा सोनिया गांधी की नहीं बल्कि भारत की बदनामी हुई है। सरकार का हर निर्णय 10-जनपथ से होता है। ऐसे में भ्रष्टाचार और कालेधन जैसे अति संवेदनशील मुद्दे पर सोनिया चुप क्यों हैं?


कांग्रेसियों का है कालाधन: मोदी


गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कालाधन विदेश से वापस लाने की मांग का कांग्रेस क्यों विरोध कर रही है? जवाब है, यह कालाधन कांग्रेस के नेताओं का ही है। भ्रष्टाचार-कांग्रेस का दामन-चोली जैसा साथ है। कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप नए नहीं हैं। दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर अभी तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनाक्रोश सामने आता रहा है। इंदिरा गांधी की सरकार भी जनाक्रोश के सामने गिर गई थी। बोफोर्स कांड में राजीव गांधी पर अंगुली उठी तो कांग्रेस का पतन हुआ था। मौजूदा कांग्रेस नीत सरकार के घोटाले-भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है, इसका भी पतन तय है।


संघ का नाम उछालना फैशन बना: मोदी ने कहा कि संघ का नाम उछालना फैशन हो गया है। कांग्रेस का यह हद दर्जे का निम्नस्तरीय प्रयास है। जयप्रकाश नारायण ने जब इंदिरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी। तब उन पर सरकार को गिराने एवं गरीबों की सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रचने के आरोप लगाए गए थे। जेपी को संघ एवं जनसंघ का व्यक्ति करार देने के प्रयास किए गए थे। ऐसा ही बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के साथ किया जा रहा है। उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है।


मतभेदों की दास्तान:

- आडवाणी ने रथ यात्रा का ऐलान किया तो नरेंद्र मोदी ने पार्टी को हैरान करते हुए तीन दिन के सद्भावना उपवास की घोषणा कर दी। इसे आडवाणी की योजना के जवाब के तौर पर देखा गया।

- मोदी नई दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल नहीं हुए। संजय जोशी को पार्टी में मिली तवज्जो से वे खुश नहीं थे। जोशी को मोदी पसंद नहीं करते।


- रथयात्रा को शुरू करने को लेकर रिश्तों में खिंचाव जाहिर हुआ था। इसी वजह से आडवाणी ने रथयात्रा गुजरात के बजाय बिहार के सिताब दियारा से शुरू की थी।

प्रदेशाध्यक्ष को जबरदस्ती बिठाया

मंच पर एक जैसी नक्काशीवाली दो कुर्सियां मंच पर थीं। एक पर आडवाणी बैठे। दूसरी पर मोदी के बैठने की उम्मीद थी। उन्होंने गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आरसी फलदू को हाथ पकड़कर आगे कर दिया। फलदू चौंके, नक्काशीदार कुर्सी पर बैठने से हिचके भी, लेकिन मोदी नहीं माने। अंतत: फलदू ही आडवाणी के पास बैठे।

तारीफ में भी कंजूसी

आडवाणी ने कहा कि गुजरात में मोदी के नेतृत्व में सर्वागीण विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि वे कई मर्तबा गुजरात के सुशासन पर नीतीश कुमार का ध्यान खींचते रहे हैं। जब नीतीश कुमार रेलमंत्री थे, तब मैंने उनसे कहा था कि बेटिकट यात्रियों पर सर्वे कराइए तो ऐसे सबसे कम यात्री गुजरात में ही मिलेंगे।

- मंच पर आडवाणी और मोदी के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी लगाई गई।

- दोनों को आपस में बातचीत करते भी नहीं देखा गया। आम तौर पर ऐसा नहीं होता।


- आडवाणी ने कहा - गुजरात का विकास यहां की जनता की वजह से हुआ। पहले आडवाणी हमेशा मोदी के मॉडल की तारीफ करते थे।

- भाषण में आडवाणी ने नीतीश कुमार का जिक्र किया जबकि मोदी-नीतीश के रिश्ते तल्ख हैं।

अब नहीं पड़ेंगी झुर्रियां



बुढ़ापे की पहली निशानी है शरीर पर झुर्रियां और मांसपेशियों में आने वाली गिरावट। लेकिन एक नए शोध के तहत शोधकर्ताओं ने बढ़ती उम्र को रोकने का विकल्‍प ढूढ़ लिया है।

उनका कहना है कि अब बुढापे से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्‍योंकि यदि मानव शरीर से खराब कोशिकाओं को हटा दिया जाए तो बुढापे में होने वाली कई बीमारियों को रोका जा सकता है और जवान रहा जा सकता है।

इससे जिंदगी को कई वर्ष तक आगे बढाया जा सकता है। घिसी-पिटी और खराब कोशिकाएं जीवनकाल में कई बार हटाने से बुढापे में होने वाली कई बीमारियां जैसे कि मोतियांबिंद, झुर्रियां और मांसपेशियों में आने वाली गिरावट आदि नहीं होगी।

फिलहाल वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग चूहो पर किया है। लेकिन इस प्रयोग से उन्‍हें आशा की किरण नजर आ रही है।

जयपुर में गजब वाकया, रिक्शे पर निकली बारात

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पेट्रोल महंगा हो गया इसलिए रिक्शों पर बारात

जयपुर. पेट्रोल महंगा हो गया। अब शादी में भी गाडिय़ां चलाना मुश्किल हुआ तो ललित ने अपनी बारात रिक्शों पर निकाली। जन समस्या निवारण मंच के माध्यम से लगातार पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि का विरोध करते आ रहे ललित भारद्वाज के पास अपनी शादी में कारों व दुपहिया वाहनों को ले जाना मुश्किल लगा।

पत्थरों के खानों के मालिक व व्यवसायी पिता का बेटा ललित टोंक रोड लक्ष्मी मंदिर के पास का निवासी है और एक कंपनी में सर्विस करता है। घर के पास से ही यह बारात रिक्शों में रवाना हुई। रिक्शे में बैठे दूल्हे व अन्य बारातियों के सामने बैंडबाजे के साथ डांस करते दूल्हे की मित्र मंडली की यह बारात शाम करीब साढ़े चार बजे गांधी नगर रवाना हुई। मंच के संयोजक सूरज सोनी ने बताया कि लगातार पेट्रोल व अन्य सामानों की कीमत में वृद्धि कर सरकार हमारे सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करने में विफल रही है। ऐसे में अब बारातों में भी वाहन ले जाना मुश्किल हो गया है।

मुबारकबाद

देव
उठनी
ग्यारस के साथ
क़ुरबानी का त्यौहार
बकरा ईद इदुज़ जहा
की सभी को
मुबारकबाद .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाईकोर्ट कहेगा उतने ग्राम न्यायालय खोल देंगे'

जयपुर.मुखयमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आम आदमी को सस्ता सुलभ और समय पर न्याय दिलाना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। ग्राम न्यायालय और मीडिएशन कोर्ट इसके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। सरकार ने एक साल में 45 ग्राम न्यायालय खोल दिए।

अब मुख्य न्यायाधीश कहेंगे उतने ग्राम न्यायालय और खोल दिए जाएंगे। न्यायपालिका का अपना महत्व है और आम आदमी को सस्ता सुलभ न्याय मिलेगा तो उसका संसदीय लोकतंत्र में विश्वास और मजबूत होगा।
गहलोत शनिवार को यहां हाईकोर्ट परिसर के एक्सटेंशन भवन के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस में न्यायपालिका का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारी सरकार ने पिछली बार भी सिटीजन चार्टर लागू किया था लेकिन बाद में सरकार बदल गई और वह काम पूरा नहीं हो पाया। 14 नवंबर से लोक सेवाओं की गारंटी कानून लागू करने जा रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी एक्ट और राइट टू हियरिंग एक्ट भी लाया जाएगा। देश में ट्रांसपेरेंसी के लिए जो माहौल बना है उसका फायदा लेना चाहेंगे। 35 साल पहले भी जेपी आंदोलन के समय भी ऐसा ही माहौल बना था।

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने ट्रांसपेरेंसी के लिए पांच सूत्री प्रोग्राम दिया है उसका पालन कर सार्वजनिक जीवन और प्रशासन में पारदर्शिता आ सकती है।

वकीलों के लिए हर जिले में ग्रुप हाउसिंग योजना

गहलोत ने कहा कि वकीलों के लिए जिला स्तर पर ग्रुप हाउसिंग योजना लाने के लिए सरकार सैद्धांतिक रूप से सहमत है। जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा। वकीलों के लिए जयपुर और जोधपुर में गेस्ट हाउस के लिए सरकार मुफ्त जमीन देगी। अधिवक्ता कल्याण कोष के तहत अच्छा काम हुआ है, मुख्यमंत्री सहायता कोष से इस फंड में 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।
गहलोत ने कहा कि एक जमाना था जब सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान से एक भी जज नहीं होता था। आज तीन तीन जज हैं और तीनों ही मेरे निर्वाचन क्षेत्र के हैं। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आरएम लोढ़ा, दलबीर भंडारी, अजय रस्तोगी, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा, जस्टिस दिलीप सिंह राठौड़ ने भी विचार व्यक्त किए।

तिरंगे के अपमान पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी

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नई दिल्ली। राजधानी की एक निचली अदालत ने रामलीला मैदान में आंदोलन और अनशन के दौरान कथित रूप से तिरंगे के अपमान के मामले में समाजसेवी अन्ना हजारे, उनके सहयोगियों और दिल्ली सरकार के खिलाफ शिकायत पर प्रतिक्रिया के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट त्यागिता सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दायर शिकायत पर कमला मार्केट थाने के प्रभारी को 25 नवंबर को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। शिकायतकर्ता वकील रवींद्र कुमार ने अपनी शिकायत में अदालत से आंदोलन के दौरान कथित रूप से तिरंगे के अपमान करने के लिए हजारे, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। शिकायतकर्ता के अनुसार, हजारे और उनके सहयोगियों ने तिहाड़ से रामलीला मैदान तक एक ऐसे मिनी ट्रक में सफर किया, जो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से सजाया गया था। कानून संवैधानिक अधिकारियों के वाहनों पर ही इसे लहराने की इजाजत देता है।

कुमार ने एक अखबार के लेख के हवाले से कहा कि फटे हुए ध्वज लहराए गए और उन्हें उल्टा भी किया गया। इसके साथ ही झंडों का इस्तेमाल बैठने और पसीना पोंछने के लिए भी किया गया।
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