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07 नवंबर 2011

यह है गीता का ज्ञान

( अर्जुन की कायरता के विषय में श्री कृष्णार्जुन-संवाद )
संजय उवाच
तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्‌ ।
विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥
भावार्थ : संजय बोले- उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आँसुओं से पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रों वाले शोकयुक्त उस अर्जुन के प्रति भगवान मधुसूदन ने यह वचन कहा॥1॥
श्रीभगवानुवाच
कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्‌ ।
अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन।
भावार्थ : श्रीभगवान बोले- हे अर्जुन! तुझे इस असमय में यह मोह किस हेतु से प्राप्त हुआ? क्योंकि न तो यह श्रेष्ठ पुरुषों द्वारा आचरित है, न स्वर्ग को देने वाला है और न कीर्ति को करने वाला ही है॥2॥
क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते ।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप ॥
भावार्थ : इसलिए हे अर्जुन! नपुंसकता को मत प्राप्त हो, तुझमें यह उचित नहीं जान पड़ती। हे परंतप! हृदय की तुच्छ दुर्बलता को त्यागकर युद्ध के लिए खड़ा हो जा॥3॥
अर्जुन उवाच
कथं भीष्ममहं सङ्‍ख्ये द्रोणं च मधुसूदन ।
इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजार्हावरिसूदन ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे मधुसूदन! मैं रणभूमि में किस प्रकार बाणों से भीष्म पितामह और द्रोणाचार्य के विरुद्ध लड़ूँगा? क्योंकि हे अरिसूदन! वे दोनों ही पूजनीय हैं॥4॥
गुरूनहत्वा हि महानुभावा-
ञ्छ्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके ।
हत्वार्थकामांस्तु गुरूनिहैव
भुंजीय भोगान्‌ रुधिरप्रदिग्धान्‌ ॥
भावार्थ : इसलिए इन महानुभाव गुरुजनों को न मारकर मैं इस लोक में भिक्षा का अन्न भी खाना कल्याणकारक समझता हूँ क्योंकि गुरुजनों को मारकर भी इस लोक में रुधिर से सने हुए अर्थ और कामरूप भोगों को ही तो भोगूँगा॥5॥
न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो-
यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः ।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-
स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥
भावार्थ : हम यह भी नहीं जानते कि हमारे लिए युद्ध करना और न करना- इन दोनों में से कौन-सा श्रेष्ठ है, अथवा यह भी नहीं जानते कि उन्हें हम जीतेंगे या हमको वे जीतेंगे। और जिनको मारकर हम जीना भी नहीं चाहते, वे ही हमारे आत्मीय धृतराष्ट्र के पुत्र हमारे मुकाबले में खड़े हैं॥6॥
कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः
पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः ।
यच्छ्रेयः स्यान्निश्चितं ब्रूहि तन्मे
शिष्यस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम्‌ ॥
भावार्थ : इसलिए कायरता रूप दोष से उपहत हुए स्वभाव वाला तथा धर्म के विषय में मोहित चित्त हुआ मैं आपसे पूछता हूँ कि जो साधन निश्चित कल्याणकारक हो, वह मेरे लिए कहिए क्योंकि मैं आपका शिष्य हूँ, इसलिए आपके शरण हुए मुझको शिक्षा दीजिए॥7॥
न हि प्रपश्यामि ममापनुद्या-
द्यच्छोकमुच्छोषणमिन्द्रियाणाम्‌ ।
अवाप्य भूमावसपत्रमृद्धं-
राज्यं सुराणामपि चाधिपत्यम्‌ ॥
भावार्थ : क्योंकि भूमि में निष्कण्टक, धन-धान्य सम्पन्न राज्य को और देवताओं के स्वामीपने को प्राप्त होकर भी मैं उस उपाय को नहीं देखता हूँ, जो मेरी इन्द्रियों के सुखाने वाले शोक को दूर कर सके॥8॥
संजय उवाच
एवमुक्त्वा हृषीकेशं गुडाकेशः परन्तप ।
न योत्स्य इतिगोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह ॥
भावार्थ : संजय बोले- हे राजन्‌! निद्रा को जीतने वाले अर्जुन अंतर्यामी श्रीकृष्ण महाराज के प्रति इस प्रकार कहकर फिर श्री गोविंद भगवान्‌ से 'युद्ध नहीं करूँगा' यह स्पष्ट कहकर चुप हो गए॥9॥
तमुवाच हृषीकेशः प्रहसन्निव भारत ।
सेनयोरुभयोर्मध्ये विषीदंतमिदं वचः ॥
भावार्थ : हे भरतवंशी धृतराष्ट्र! अंतर्यामी श्रीकृष्ण महाराज दोनों सेनाओं के बीच में शोक करते हुए उस अर्जुन को हँसते हुए से यह वचन बोले॥10॥

कुरान का संदेश ...........

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देसी नुस्खा: ऐसे सिर्फ आधा चम्मच हल्दी कर देगी जानलेवा डायबिटीज को कंट्रोल

हल्दी में अनेक तरह के गुणों का खजाना है। इसीलिए हल्दी का उपयोग पुराने समय से ही भारत में भोजन में नियमित रूप से किया जाता रहा है। इसका कारण यह है कि हल्दी में वातनाशक का गुण भी पाया जाता है।आयुर्वेद में भी हल्दी को कई रोगों की एक रामबाण दवा माना गया है। हल्दी रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। विशेषकर डायबिटीज के रोगियों के लिए हल्दी का उपयोग संजीवनी की तरह काम करता है।

आयुर्वेद में यह माना गया है कि हल्दी से मधुमेह का रोग भी ठीक हो जाता है। हल्दी एक फायदेमंद औषधि है। हल्दी किसी भी उम्र के व्यक्ति को दी जा सकती है चाहे वह बच्चा हो, जवान हो, बूढ़ा हो और यहां तक की गर्भवती महिला ही क्यों न हो। हल्दी में प्रोटीन,वसा खनिज पदार्थ एरेशा, फाइबर, मैंगनीज, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम,फास्फोरस, लोहा, ओमेगा, विटामिन ए, बी, सी के स्रोत तथा कैलोरी भी पाई जाती है। माना जाता है कि मधुमेह की रोकथाम के लिए हल्दी सबसे अच्छा इलाज है। रोज आधा चम्मच हल्दी लेकर डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

मधुमेह के रोगियों को रोजाना ताजे आंवले के रस या सूखे आंवले के चूर्ण में हल्दी का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।

मधुमेह के रोगी 2 ग्राम हल्दी, 2 ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण, 500 मिलीग्राम कुटकी मिलाकर दिन में चार बार सादे पानीं से खाएं।

मधुमेह में आंवले के रस में हल्दी व शहद मिलाकर सेवन करने से भी मधुमेह रोगी को फायदा मिलता है।

मुर्दाघर में जाग उठी लाश, डॉक्टर संग लोगों के उड़ गए होश!


लखनऊ। उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। वह पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर में लाशों की कतार मे लगा था। जैसे ही उसका नंबर आया वह उठ बैठा उसे देख डॉक्टरों के होश उड़ गए। लगा जैसे आत्मा जाग उठी हो। आखिरकार सत्य पर तब यकीन हुआ जब उसने अपने बारे में सब कुछ बताया। दरअसल, एक कोमा में गए एक व्यक्ति को डॉक्टरों ने मुर्दा घोषित कर दिया था।

यूपी सरकार ने मुजफ्फनगर जिला अस्पताल के चिकित्सक को लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को निलम्बित कर दिया। निलम्बित चिकित्सक ने अस्पताल में एक किशोर को मृत घोषित किया था जो बाद में शव विच्छेदन गृह (मोर्चरी) में होश में आ गया था।

जानकारी के मुताबिक, करीब 17 वर्षीय राधे नामक किशोर चिकित्सक प्रदीप मित्तल के मृत घोषित करने के करीब 10 घंटे बाद जिला अस्पताल की मोर्चरी में उठकर बैठ गया। राधे शनिवार शाम को जिले के चरथावल थाना क्षेत्र के जंगल के पास बेहोशी की हालत में पड़ा मिला था। कुछ राहगीरों ने उसे जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया था।

अस्पताल में राधे का परीक्षण करने के बाद रविवार तड़के चिकित्सक मित्तल ने उसे मृत घोषित कर वार्ड ब्वॉय से उसके शव को मोर्चरी में रखवाने का कहा।

मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) आनंद स्वरूप ने बताया कि पुलिस अस्पतालकर्मियों को साथ लेकर पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं पूरी करने जा रही थी तभी राधे उठकर बैठ गया और अपने बारे में बताया।

स्वरूप ने बताया कि घटना की जांच के लिए गठित किए गए पैनल की रिपोर्ट के बाद चिकित्सक मित्तल को निलम्बित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक राधे आगरा के नवरंगपुर का रहने वाला है और मुजफ्फरनगर के एक गांव में मजदूर के तौर पर नौकरी कर रहा था।

चरथावल थाना-प्रभारी पवन गौतम ने बताया कि राधे ने बताया, "हमें किशोर के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। हमें बताया गया है कि उसे मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। फिलहाल उसका मेरठ मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।"

जहां दीवार में जिंदा चुनवाये गए थे दो बेटे, आज वहां होती है पूजा!



सिक्ख धर्म का इतिहास साहस, पराक्रम और त्याग से भरा है। अगर हम इस इतिहास के सुनहरे पन्ने को पलटते हैं तो उसमें दसवें गुरू गोविंद सिंह और उनके परिवार के संघर्ष की कहानी मिलती है। फौजदार वजीर खान ने उनके दो बेटों को 12 दिसंबर 1705 को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। आज यह पवित्र स्थल सिक्खों की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। आज भी यहां उसका शहीदी दिवस लोग पूरी श्रद्धा से मनाते हैं।

गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिला को यदि गुरूद्वारों का शहर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां अनेक गुरूद्वारे हैं जिनमें गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब का विशेष महत्व है। सरहिंद-मोरिंदा रोड पर स्थित इस गुरूद्वारे में भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां आने वाले लोग उस स्थान को देखते हैं जहां माता गुजरी के दो पोतों, साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। इसके साथ ही उस ऊंचे स्थान को देख नमन किया जा सकता है जहां वे खड़े हुए थे और उस जगह को भी जहां उन्होंने अंतिम सांसे ली थी। यूं तो यहां साल भर भक्तों की भीड़ रहती है परंतु जोर मेला, गुरू नानक देव जी का प्रकाश उत्सव, बाबा जोरावर और फतेह सिंह का शहीदी दिवस के समय यहां विशेष रौनक रहती है।

इस पेड़ को काटा या काटते हुए देखा तो समझ लें शुरू हो गया शनि का संकट, क्योंकि...

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पेड़-पौधे वातावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं से हमें प्राण वायु ऑक्सीजन भी प्राप्त होती हैं। विज्ञान में तो पेड़-पौधों का काफी अधिक महत्व है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इनका महत्व बताया गया है। सभी ग्रहों के अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों को जल चढ़ाने से संबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है।

ऐसी परंपरा है कि प्रतिदिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए। पीपल का पेड़ अन्य पेड़ों की तुलना सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों में पीपल के पेड़ को दैवीय वृक्ष माना है। इस वृक्ष में कई देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से पीपल को सबसे पवित्र और पूजनीय वृक्ष माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पीपल के वृक्ष पर नियमित रूप से जल चढ़ाने से व्यक्ति के समस्त शनि दोषों का निवारण होता है। शनि देव इस वृक्ष पर जल चढ़ाने वाले भक्तों से अति प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए पीपल का वृक्ष सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाता है तो उसे शनि का कोप झेलना पड़ सकता है। जाने-अनजाने भूलवश पीपल काट दिया जाए तो शनि दोष अवश्य ही व्यक्ति का जीवन प्रभावित करेगा। इसके अलावा यदि को व्यक्ति इस वृक्ष को कटते हुए भी देखता है तो उसे भी शनि से परेशानियां प्राप्त हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हो जाए तो उसे प्रति दिन किसी पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना चाहिए। प्रति शनिवार स्वयं का चेहरा तेल में देखकर उस तेल का दान करना चाहिए। यदि संभव हो तो एक पीपल का वृक्ष भी लगाएं और उसके बड़ा होने तक उसकी देखभाल करें। इस प्रकार करने से ही शनि दोष शांत हो सकता है।


हत्यारे पति ने 5 पत्नियों को उतारा मौत के घाट, महिलाओं ने दी खौफनाक सजा


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रांची।रांची के एक इलाके की महिलाओं ने पांच पत्नियों की हत्या करने वाले शख्स को पत्थरों से पीट-पीट कर मार डाला। महिलाओं का आरोप है कि मोटू उरांव नामक इस व्यक्ति ने शनिवार रात को अपनी पांचवीं पत्नी की हत्या कर दी थी।

टंगरा टोली इलाके में रहने वाले मोटू उरांव ने शनिवार रात को शराब पीकर अपनी पांचवीं पत्नी मंजू तिर्की को कथित रूप से बुरी तरह पीटा। फिर घर का दरवाजा बाहर से बंद कर भाग गया। सुबह स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़ा तो कमरे में मंजू का शव मिला। रविवार देर रात जब मोटू घर लौटा तो मोहल्ले की महिलाओं ने उसे घेर लिया। पीट-पीट कर उसे मार डाला।

सुखदेव नगर के थाना प्रभारी कमल किशोर ने कहा कि स्थानीय लोगों के अनुसार मोटू अपनी पांच पत्नियों की हत्या कर चुका था और इसी वजह से आक्रोश में आकर उसे मार डाला। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

अतिथियों से भरा मंच हुआ धरासायी, जमीं पर आ गए मंत्री जी!

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होशंगाबाद.आर्ष गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम के दौरान सोमवार को अतिथियों और विद्वानों से भरा मंच गिर गया। मंच पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री मनोहर ऊंटवाल, नगरपालिका अध्यक्ष माया नारोलिया सहित दो दर्जन विद्वान मंच के साथ जमीन पर गिर गए।

मंत्री तो बाल-बाल बच गए, लेकिन इस घटना में 7 लोगों को चोटें आई हैं। सभी को निजी अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है। मंच गिरने का कारण क्षमता से अधिक लोगों का उपस्थित होना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री मनोहर ऊंटवाल दोपहर करीब 12.25 बजे मंच पर आए। इस समय मंच पर विद्वानों सहित 40 से अधिक लोग बैठे हुए थे। इस समारोह को यादगार बनाने के लिए विद्वानों और मंत्री और शिष्यों की एक साथ फोटो सेशन कराने की घोषणा की गई।

इसके लिए सभी शिष्यों को मंच पर आने के लिए कहा गया। करीब 80 शिष्य लाइन लगाकर मंच के पास खड़े थे। वे एक-एक करके मंच पर पहुंच रहे थे। मंच पर शिष्यों को अतिथियों की कुर्सी के आगे बैठाया जा रहा था। मंच पर 60 से अधिक शिष्य पहुंच चुके।

मंच पर शिष्यों की तीन लाइन पूरी हो गई थी, इस दौरान करीब 20 शिष्य मंच पर आने के लिए मंच की सीढ़ियों पर खड़े थे। इसमें से कुछ ऊपर चढ़ ही रहे थे कि मंच का अगला हिस्सा हिलने लगा। मंच को हिलता देख कोई कुछ समझ पाता कि पूरा मंच भरभराकर धाराशायी हो गया।

मंच पर बैठे सभी लोग मंच के साथ जमीन पर आ गए। मंच गिरते ही पंडाल में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने जगह से उठकर इधर-उधर भागने लगे।

मंच के साथ गिरे लोग भी एक दूसरे के ऊपर पड़े थे। शिष्यों के ऊपर विद्वान थे और विद्वानों के ऊपर सामान था। बाद में लोगों ने अपने ऊपर से सामान को अलग किया और एक-दूसरे के सहारे से अपने को सहलाते हुए उठे।

कमर मसलते उठे मंत्री: मंच से जमीन पर गिरे मंत्री मनोहर ऊटवाल इस हादसे में बाल-बाल बच गए लेकिन उन्हें भी चोट लगी। जमीन पर गिरने के बाद जब वे उठ रहे थे तब एक हाथ उनका सीधी कमर पर था और वे उसे मल रहे थे। मंच से बाहर आने के बाद उन्होंने पसीना पोंछा। इसके बाद एक तरफ खड़े हो गए।

पूछने पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं हुआ, कमर दब गई थी। मैं पूरी तरह ठीक हूं। हालांकि मंच से गिरने का उनका यह पहला अनुभव था। इसी तरह नपाध्यक्ष माया नारोलिया भी कुर्सी सहित मंच के साथ गिर गई थी। उन्हें चोट तो नहीं आई लेकिन वे भी घुटने पर हाथ रखते हुए उठीं थी। बाद में उन्होंने भी अपने आप का संभाला।

अंदर घुसते ही सन्न रह गई पड़ोसन, बेहोश सास और निर्वस्त्र मिली बहू!




जालंधर. बस्ती दानिशमंदा से सटे न्यू शिवाजी नगर में सोमवार सुबह दो युवक मकान खरीदने के बहाने घर में घुसे और बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसकी बहू की अस्मत लूट ली।

दुष्कर्म से पहले महिला को बेसुध करने के लिए इंजेक्शन भी लगाया गया। 23 वर्षीय विवाहिता और 70 वर्षीय उसकी सास को सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती करवाया गया है। सास की हालत नाजुक है। एसीपी रविंदर पाल सिंह संधू ने बताया कि पीड़िता के बयान पर केस दर्ज कर लिया गया है।

पड़ोसन ने मचाया शोर

सोमवार सुबह करीब सवा आठ बजे पड़ोस में रहती विनीता (बदला हुआ नाम) के घर पानी नहीं आ रहा था। वह पानी लेने पीड़िता के घर गई। अंदर घुसते ही वह सन्न रह गई। खून से लथपथ बुजुर्ग महिला जमीन पर बेहोश पड़ी थी, जबकि उसकी बहू बेड पर निर्वस्त्र पड़ी थी। यह देखकर उसने शोर मचा दिया। पास की बद्री कालोनी में दूध दोहने गए विवाहिता के पति और ससुर को सूचना दी गई, जो दोनों को अस्पताल लेकर आए।

अस्पताल में विवाहिता ने पुलिस को बयान दिया कि करीब सवा सात बजे पति और ससुर दूध दोहने गए थे। करीब 15 मिनट बाद दो युवक घर आए। उनकी उम्र 25 से 27 वर्ष के बीच थी। उन्होंने पूछा कि क्या आप मकान बेचना चाहते हैं। उसने दोनों को अंदर आने को कहा, तभी एक ने उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती करने लगा। उसे बचाने आई सास के सिर पर युवक ने भारी चीज मारी, जिससे वह बेहोश हो गई। युवक ने उसे कोई इंजेक्शन लगाया, जिससे वह बेसुध हो गई।

क्या भेदी थे युवक?

पीड़िता का पति और ससुर करीब सवा सात बजे दूध दोहने गए थे। करीब 15 मिनट बाद युवक आए और आधे घंटे के भीतर चले गए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या युवक परिवार की दिनचर्या जानते थे। उन्हें कैसे पता चला कि परिवार वाले मकान बेचना चाहते हैं। पता चला है कि विवाहिता और उसका परिवार पहले बस्ती गुजां में रहते थे और छह माह पहले ही इस कालोनी में आया था। विवाहिता का तलाकशुदा जेठ शनिवार से किसी रिश्तेदार के यहां गया हुआ है।

बार-बार बयान बदल रही पीड़िता

पीड़िता ने मीडिया के सामने पुलिस को बताया कि युवक मकान खरीदने की बात कहकर अंदर आए। सास ने उसे चाय बनाने को कहा। वह चाय लेकर लौटी, तो सास बेसुध पड़ी थी। इससे पहले कि वह शोर मचाती, युवकों ने उसे पकड़ लिया। उसका दूसरा बयान था कि जबरदस्ती का विरोध करने पर सास को पीटा गया।

दंपतियों ने करवाई बुकिंग, ताकि 11-11-11 को बनें मां

जालंधर. सपने और शौक कोई भी पाल सकता है, सिर्फ ऐश्वर्या राय ही क्यूं। शहर की कई गर्भवती महिलाएं चाहती हैं कि तरह वह भी ऐश्वर्या राय की तरह 11-11-11 को मां बनें। नवंबर में गर्भ का नौवां माह पूरा कर रही दर्जनभर महिलाएं गायनाकोलॉजिस्ट के संपर्क में हैं।

दो महिलाएं, जिनकी सिजेरियन डिलीवरी होनी है, को डाक्टरों ने ऑपरेशन के लिए 11 नवंबर की तारीख दे दी है। हॉली फेमिली अस्पताल की डा. सुरजीत कौर ने बताया कि एक बिजनेसमैन की पत्नी ने डिलीवरी 11 तारीख को करवाने की बुकिंग करवाई है। उनकी डिलीवरी की तारीख आने वाले हफ्ते में ही है। इस केस में ज्यादा संभावना सिजेरियन डिलीवरी की है। दंपति ने 11 नवंबर के लिए आग्रह किया, जिसकी अनुमति दे दी गई है।

उस डिलीवरी को लेकर अस्पताल स्टाफ भी उत्साहित है। इस तारीख पर डिलीवरी करवाने के लिए कुछ अन्य दंपतियों ने भी इच्छा जताई थी। इस तारीख को खास बनाने का क्रेज केवल संपन्न परिवारों में ही नहीं है बल्कि आर्थिक रूप से कम समृद्ध परिवार भी क्रेजी हैं। सिविल अस्पताल की सीनियर गायनाकोलॉजिस्ट डा. संगीता का कहना है कि हाल ही में एक दंपत्ति उनके पास आए थे। उनका बच्चा सिजेरियन होना है।

ऑपरेशन के लिए नौ नवंबर का समय दिया था। उन्होंने आग्रह किया कि बच्चा 11 नवंबर को ही दुनिया देखे। हामी तो भर दी थी लेकिन इस तारीख के संयोग पर गौर नहीं किया था। दंपति ने ही इस बारे में बताया। वह दंपति ज्यादा समृद्धिशाली नहीं है, हां पढ़ा-लिखा जरूर है।

डाक्टर की सलाह से ही करवाएं डिलीवरीत्न द फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनाकोलॉजिस्ट सोसायटीज ऑफ इंडिया (फोगसी) जालंधर सोसायटी की प्रेसिडेंट डा. अमिता शर्मा का कहना है कि डिलीवरी हमेशा डाक्टर की सलाह से ही करवाएं। अपनी मर्जी से सिजेरियन करवाने पर कई बार मां या बच्चे के जीवन को खतरा हो सकता है। हां, यह सही है कि 11-11-11 को लेकर लोगों में क्रेज है। कई दंपति इनके पास भी डिलीवरी इस दिन करवाने की इच्छा जता चुके हैं। एग्जामिन करने के बाद ऐसा न करवाने की सलाह दी तो वे मान गए। वैसे कई बार लोगों के बताए खास दिन और समय पर सिजेरियन डिलीवरियां सुरक्षित समझे जाने पर हम भी कर चुके हैं।

गुमनाम रास्ता से सुबह पांच बजे आती है..मौत!


वैसे तो कहा, सुना और माना जाता है कि मौत के आने का कोई वक्त नहीं लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां मौत के आने का समय तय है, अलसुबह 5 बजे। ये जगह है सेंट्रल जेल जबलपुर। सालों से इस जगह पर काल इसी समय आता रहा है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि भास्कर की ये रिपोर्ट जेल में फांसी के अब तक के इतिहास पर आधारित है।

कब कितनी.. सन् 1945 में एक अपराधी को सूली पर चढ़ाया गया तो इसके अगले साल यानी सन् 1946 में 10 फांसियां दी गईं। इसके बाद सन् 1947 में 6, 1948 में 1, 1950 में 1, 1951 में 3, 1952 में 11, 1953 में 1 और 1955 में एक फांसी दी गई। इस तरह लगातार सिलसिला चलता रहा। इसके बाद भी एक या दो और ज्यादा लोगों को फांसी दी जाती रही।

वेटिंग में हैं 5.. फिलहाल ऐसे 5 कैदी हैं जिन्हें फांसी की सजा होने की उम्मीद है। हालांकि अभी प्रक्रिया जारी है। दरअसल कानूनी पेंच में इतना समय निकल जाता है कि फांसी होने की संभावनाएं लगातार घटती जाती हैं। पहले लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट।

इसके बाद हो सकता है कि फरियादी राष्ट्रपति के दरबार में भी अर्जी लगाए इस दरबार से फरियाद ठुकराए जाने के बाद मामला उसी रास्ते से लौटकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के पास आता है। जहां से आरोपी को सजा सुनाई गई थी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ब्लैक वारंट जारी करता है तब कहीं तय होता है कि फांसी होगी। इसके एक या दो हफ्ते बाद सजा को अमल में उतार दिया जाता है।

बस एक हिचकी.. फांसी ब्रrामुहुर्त में सुबह 5 बजे दी जाती है। मरने वाले कैदी को रात को दो बजे जगाया जाता है। इसके बाद उसे वो सारा वाक्या पढ़कर सुनाया जाता है, जिसके बदले उसे यह हौलनाक सजा मिली है। इस दस्तावेज में यह भी दर्ज होता है कि कब, कहां, किस कोर्ट ने उस मामले में क्या फैसले दिए। इसके बाद धर्मगुरु कैदी को प्रार्थना कराते हैं और यह उसकी आखिरी इबादत होती है।

इनकी आंखों के सामने फांसी के वक्त मजिस्ट्रेट और जेल के गिने-चुने अधिकारी मौजूद रहते हैं। इनके सामने ही सूली तैयार की जाती है और कैदी को उस पर लटकाया जाता है। जब तक कि ये तय न हो जाए कि वह मर चुका है। तब तक कोई भी वहां से नहीं हिलता। बताते हैं कि जबलपुर जेल में फांसी के दौरान कई अफसरों की चीखें निकल आईं थी तो कई बेहोश भी हो चुके हैं।

8 हजार साल पुराना 'पाप' धोएंगे यहां के आदिवासी

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भोपाल. प्रदेश के गोंड आदिवासी आठ हजार साल पुराने पाप का प्रायश्चित कर रहे हैं। इन आदिवासियों का मानना है कि आठ हजार साल पहले उनके पूर्वजों ने राजा शंभू का नंदी (बैल) चुरा कर खा लिया था।

नतीजा, बिरादरी पर चोर का कलंक लगा और बिरादरी गरीबी, बीमारी और पिछड़ेपन की चपेट में आ गई। इस सबसे उबरने के लिए अब गोंड आदिवासी पचमढ़ी के हीवा बड़ा महादेव मंदिर में एक नंदी दान करने जा रहे हैं।

आज पहुंचेंगे पचमढ़ी

इस नंदी दान के लिए बैतूल जिले के रतनपुर से शुरू हुई पदयात्रा मंगलवार को पचमढ़ी पहुंचेगी। दिन भर पूजा व अन्य आयोजनों के बाद एक नंदी बड़ा महादेव (शिव) मंदिर में छोड़ दिया जाएगा। खास बात यह है कि करीब तीन साल का यह नंदी आदिवासियों ने चंदा करके 7051 रुपए में खरीदा है।

गोंडवाना आदिवासियों के धार्मिक मामलों पर अंतिम निर्णय करने वाली गोंडवाना महासभा के उप सचिव मेहा सिंह मरावी बताते हैं कि दिसंबर में हुई सभा की बैठक में निर्णय लिया गया था कि कलंक धोने के लिए नंदी दान किया जाए। इसके बाद यात्रा की तैयारियां शुरू हुईं।

28 अक्टूबर को शुरू हुई थी यात्रा

28 अक्टूबर को रतनपुर (बैतूल) से शुरू हुई यह यात्रा छिंदवाड़ा, रायसेन, देवास, सीहोर और होशंगाबाद जिलों से होती हुई मंगलवार को पचमढ़ी पहुंचेगी। मरावी बताते हैं कि यात्रा का एक उद्देश्य नई पीढ़ी को परंपराओं से परिचित कराना भी है।

...इसीलिए नहीं पनपी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी

यात्रा में शामिल आदिवासी राजनीतिक चर्चा से बचते हैं, लेकिन वे यह मानते हैं कि चोरी के अभिशाप के ही कारण गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उभरने के साथ ही बिखर गई।

पार्टी एक समय में एक बड़ी राजनीतिक शक्तिबन गई थी और बड़े राजनीतिक दलों का ध्यान गोंड आदिवासियों पर गया, लेकिन कुछ ही दिन में यह शक्ति बिखर गई। यह भी माना जा सकता है कि इस यात्रा के पीछे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी हो सकती है, जो इस बहाने से बिरादरी को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।

11.11.11 शुभ नहीं है यह अंक इसलिए गौर से पढ़ें यह खबर!

जोधपुर. इस वर्ष 11 नवंबर को आने वाली तिथि बिजनेस और निवेश के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी ने बताया कि अंक विज्ञान के अनुसार 11.11.11 को मिलाकर 6 अंक का संयोग बन रहा है जिसका अधिष्ठाता ग्रह शुक्र है, जबकि 11.11.2011 का योग आठ बनता है जिसका अधिष्ठाता ग्रह शनि है, जो व्यापारी वर्ग के ये बहुत शुभ संकेत है।

इस संयोग में कोई भी व्यापार शुरू करना उत्तम हो सकता है। प्रॉपर्टी में भी निवेश किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर ज्योतिषियों का मानना है कि यह तिथि शादी के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इस दिन भरणी नक्षत्र पड़ रहा है। इस दिन संतान का जन्म लेना भी शुभ नहीं है, लेकिन हिंदू मान्यता के अनुसार 11 अंक को आध्यात्मिक शक्ति के रूप में जाना जाता है। इस कारण तिथियों में एकादशी को मोक्ष प्रदायिनी माना गया है।

अगर ऐसा हो गया तो बंद हो जाएंगे मोबाइल इंटरनेट!


चंडीगढ़. ड्रैगन भारत के खिलाफ सामरिक तौर पर खुद को मजबूत कर रहा है तो पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तो अब भारत भी इन देशों की मौजूदा तैयारियों को देखते हुए हथियारों से लेकर तकनीकी मोर्चे तक आत्मनिर्भरता हासिल करने के रास्ते पर चल पड़ा है।

इसी प्रक्रिया में आने वाले कुछ ही महीने में सेना के लिए ई-बम टोरपीडो एडवांस लाइट जैसे हथियारों के साथ तकनीकी मोर्चे पर कई उपकरण बनाए जा रहे हैं। इस सभी को हासिल करने का श्रेय जाता हैटीबीआरएल के वैज्ञानिकों को। इन वैज्ञानिकों की मदद से अपने ही देश में यह तकनीक तैयार की गई।

हमले के क्षणभर में ई-बम कर देगा तहस नहस

टीबीआरएल ने ई-बम नामक एक ऐसा बम बनाया जिससे मानव शरीर पर कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन मोबाइल, इंटरनेट, बिजली इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सब कुछ खराब हो जाएगा। टीबीआरएल के चंडीगढ़ के निदेशक मनजीत सिंह ने बताया कि ई-बम की रिसर्च का काम पूरा हो गया है। जल्द ही इसे बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बम की मारक क्षमता 1 से 2 किलोमीटर क्षेत्र में प्रभावी होगी। बम के गिरते ही क्षेत्र में कुछ ही क्षणों में पूरी तरह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। सभी उपकरण अपने आप बंद हो जाएंगे।

इसमें लगभग तीन किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। सिंह सोमवार को टीबीआरएल की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य 8वीं इंटरनेशनल हाई एनर्जी मेटीरियल्स कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिट- एचईएमसीई-2011 का आयोजन टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी रामगढ़ रेंज में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की जानकारी दे रहे थे । उन्होंने बताया कि इस आयोजन से भारत की रक्षा, अंतरिक्ष और आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।

1961 में हुई स्थापना

डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि टीबीआरएल की स्थापना 1961 में की गई थी और इसने टेस्ट व मूल्यांकन प्रयोगशाला परीक्षण के रूप में कार्य शुरू किया। अब टीबीआरएल विस्फोट व क्षति के क्षेत्र, शॉक व डेटोनिक्स, शेप्ड चार्ज और नौसेना हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बन गया है।

बंद ब्लास्ट डिवाईज (बीबीडी)

उन्होंने बताया कि ब्रिज तैयार करने में बीच में आने वाली बाधाओं को जल्द दूर करने के लिए बंद ब्लास्टडिवाइज तैयार किया गया है। इससे फौज को आगे बढ़ने के लिए पुल बिछाने में सुविधा होगी। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने हेतु गैर घातक गोलियां, बफल रेंज, विस्फोटक ब्राइंड वायर डेटोनेटर आदि बनाया है।

टोरपीडो-अंडर वाटर मिसाइल

नौसेना के लिए टोरपिडो के नाम अंडर वाटर मिसाल तैयार की गई है। टोरपिडो पानी के अंदर दुश्मन को डिटेक्ट कर उस पर हमला करेगी। डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि इंसेंसेटिव म्यूनिशन कंप्लाइंस के सुरक्षित एक्सप्लोसिव तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है। इस जरूरत पर बल दिया जा रहा है कि यह एक्सप्लोसिव ऐसे हों जो उठाने, एक जगह से दूसरी जगह भेजने और इन्हें नष्ट करना आसान हो।

फौज ने मांगे 10 लाख मल्टी मोड ग्रेनेड

डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि वर्षो से टीबीआरएल ने फौज के लिए मल्टी मोड ग्रेनेड (एमएमजी) तैयार किया है। यह आधुनिक ग्रेनेड 3 से 5 मीटर के क्षेत्र में विस्फोट करेगा। इसमें टाइमर लगा हुआ, जिससे 3 सेकंड में यह ग्रेनेड फटेगा। उन्होंने बताया कि फौज ने 10 लाख ग्रेनेड तैयार कर देने को कहा है। शुरुआत में यह 80 लाख ग्रेनेड का निर्माण किया जाएगा।

स्‍वामी रामदेव बनाएंगे पार्टी? अन्‍ना की तरह कांग्रेस के खिलाफ करेंगे प्रचार



होशियारपुर. योग गुरु रामदेव ने कहा है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले एक तीसरे मोर्चे का गठन किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान अपने समर्थकों के साथ वह कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ मुहिम चलाएंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अन्‍ना हजारे की टीम ने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी की जमानत भी जब्‍त हो गई थी।

उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस उम्मीदवारों की हार तय करने के लिए उत्तर प्रदेश सहित उन राज्यों का भी दौरा करेंगे, जहां चुनाव होने जा रहे हैं। रामदेव ने होशियारपुर के पुलिस मैदान में एक योग शिविर का आयोजन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह खुलासा किया।

योग गुरु ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए वह केंद्र सरकार को पहले ही पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार की तरफ से पत्रों का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।'

महंगाई के बारे में रामदेव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही महंगाई के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जरूरी सामानों की कीमतें कम करने के लिए दोनों ही गंभीर नहीं हैं।

जो पाप करते हैं उन्हें माता के पेट में क्यों और कैसे दुख झेलने पड़ते हैं?

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कहा जाता है कि पापियों को मरने के बाद नरक में जाना पड़ता है। मरने के बाद उन्हें यमदूतों के द्वारा अनेक तरह से कष्ट दिए जाते हैं। लेकिन अगर गरुड़ पुराण की माने तो मरने के बाद पापियों को सिर्फ नरक में ही कष्ट देकर क्षमा नहीं किया जाता बल्कि उसके बाद भी उन्हें जन्म लेने से पहले मां के गर्भ में अनेक तरह की परेशानियां झेलनी होती हैं। वे जब किसी गर्भ में भी पहुंचती हैं तब भी उन्हें बहुत तरह के दुख झेलने पड़ते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह के दुख मरने के बाद आत्माओं को मां के गर्भ में झेलने पड़ते हैं।

स्त्री के ऋतु मध्य में पापी पुरुष के शरीर की उत्पति होती है, विश्वरूप को मारने में इंद्र को हत्या लगी, उसका इंद्र ने चार विभाग कर पृथ्वी, जल, वृक्ष, और स्त्रियों को क्रम से दे दिया। स्त्रियों में ऋ तु आने से पुत्रादि की उत्पति होती है। इस कारण तीन दिन स्त्रियां अपवित्र रहती है। ऋतुकाल में प्रथम दिन स्त्री चांडाली, दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी के तुल्य, तृतीय दिन धोबिन होती है।

ईश्वर से पे्रित हुए, कर्मों से शरीर धारण करने के लिए पुरुष के वीर्य विंदु के आश्रय से स्त्री के उदर में जीव प्रवेश करता है। एक महीने में मस्तक , दूसरे महीने में भुजा आदि अंग की रचना होती है, तीसरे महीने में नख, रोम, हड्डी, चर्म, लिंग, दसद्वार के छिद्र, चौथे महीने में त्वचा, मांस, रक्त, रुधिर, रÓजा पांचवें महीने में क्षुधा, तुषा उत्पन्न होती है।

छटे महीने गर्भ की झिल्ली में अ'छादित होकर दाहिने कुक्षि में गर्भ भ्रमण करने लग जाता है। माता के भक्षण किए हुए अन्न पानादि से बढ़ता हुआ गर्भ का जीव विष्ठा, मूत्र आदि का स्थान तथा जहां अनेक जीवों की उत्पति होती है। ऐसे उदर में शयन करता है। वहां कृमि जीव के काटने से सब अंग कष्ट पाते हैं, वह बारम्बार मुच्र्छित भी होता है।

माता जो-जो कड़वा, तीक्ष्ण, लवणयुक्त रूखा, कसैला आदि भोजन करती है। उसके स्पर्श होने स ेउसके कोमल अंगों को बहुत तकलीफ होता है। फिर भीतर से ऊपर आंत से वेष्टित होता है। इधर-उधर हिल नहीं सकता। जिस प्रकार से पिंजरे में रुका हुआ पक्षी रहता है। वैसे ही गर्भ उदर में दुख से रहता है। वहां वह अपने कामों को याद करता हुआ सुख से सांस नहीं ले पाता है।

सातवें महीने ज्ञानप्राप्ति होने से भय होने लगता है, वह सोचता है मैं इस गर्भ से बाहर जाऊंगा, ऐसे व्यापार से कम्पन के कारण इधर-उधर घूमता एक जगह स्थिर नहीं रहता जैसे- विष्टा में पैदा हुए जीव। सातवें महीने में जीव अत्यंत दुख से वैराग्ययुक्त हो ईश्वर की स्तुति करता है तब वे अपने द्वारा किए गए सारे शुभ व अशुभ कर्मों की व्याख्या करता हैं। जब इस तरह जीव लगातार प्रार्थना करता है तब जाकर वह दसवें महीने में गर्भ से बाहर निकलता है।

कुछ रामबाण उपाय जो सिरदर्द से जुड़ी हर परेशानी को दूर कर देंगे

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दर्द कहीं का भी हो वह बैचैनी और दुखदायी होता है,और यदि सर का हो तो फिर क्या कहने ? दुनिया में लोग कभी न कभी किसी न किसी रूप में इस दर्द को अवश्य ही झेलते हैं। सिर दर्द का कारण मस्तिष्क,रक्त नलिकाओं एवं आस पास क़ी तंत्रिकाओं के आपस में तालमेल से दर्द की संवेदनाओं के उत्पन्न होने के कारण उत्पन्न होता है। यह दर्द दो प्रकार का होता है 1.प्राथमिक सिर दर्द ;माइग्रेन ,टेंशन - हेडेक ,क्लस्टर -हेडेक आदि इसके अंतर्गत आते हैं ,जबकि 2. सेकेंडरी हेडेक :साइनस ,एलर्जी,दांतों क़ी समस्या ,सर क़ी चोट एवं ट्यूमर्स इस केटेगरी में आते हैं। अब हम दैनिक भास्कर जीवन मंत्र पर आये पाठकों के प्रश्नों को लेकर उनका समाधान करने का प्रयास करते हैं :-
1.कंचन (जमशेदपुर ),संदीप(दिल्ली ),मनीष (गुडगाँव),नेहा (खंडवा ),कैईद जोहर (दुबई),सैफ,सुनील (दिल्ली ),अमित जैन (जयपुर )आदि के प्रश्नों से प्रतीत होता है, कि़ सिर के दर्द का कारण माइग्रेन है ,
वैसे माइग्रेन के कारण होने वाला सिर दर्द पूरे दिन होता है, तथा एक महीने में लौटकर कई बार दुबारा भी होता है ,इसमें सिर में पल्स चलने सा दर्द ,सामान्यतया सिर के एक तरफ, हल्का या तीव्र,कार्य करने से बढऩे की प्रकृति वाला ,सिर दर्द के साथ उल्टी आने क़ी इच्छा एवं लाईट सेन्सटीविटी से युक्त होता है। इसमें कई मरीज सिर दर्द के शुरू होने से पूर्व 5 से 15 तथा 60मिनट तक समाप्त हो जाने वाले नयूरोलोजिकल लक्षण जिसे -औरा- कहते हैं का अनुभव करते हैं।
-ऐसे सभी रोगियों के लिए लेवेंडर के तेल सिर पर धीरे-धीरे मालिश करना दर्द से राहत देता है ,आप पंचकर्म चिकित्सक के निर्देशन में इससे शिरोधारा भी करवा सकते हैं।
-ऐसे में आप सामान्यतया एस्पिरीन (सेरिडोन,डिस्प्रिन,एकोल्स्प्रिन )आदि का प्रयोग करते होंगे,पर आप इनके स्थान पर लेमन-ग्रास का जूस निकालकर 5-10 मिली क़ी मात्र में प्रयोग करें, निश्चित लाभ मिलेगा ,हाल ही में टमाटर की बीजों से बनाए गए जेल के प्रभाव भी कुछ ऐसे ही पाए गए हैं।
-आयुर्वेदिक चिकित्सा में आप गोदंती भस्म -250 मिलीग्राम एवं प्रवाल भस्म -250 मिलीग्राम क़ी मात्रा में ,किसी मीठी चीज से नियमित रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श में लगातार 6 माह तक लें,निश्चित लाभ मिलेगा।
-कई बार माइग्रेन का दर्द किसी विशेष प्रकार के भोजन को लेने से अचानक उपन्न हो जाता है, आप से मेरा अनुरोध है, कि़ आप सबसे पहले इन खाद्य पदार्थों क़ी पहचान करें ,जिनको लेने के बाद तीव्र दर्द उत्पन्न होता है, ऐसे कुछ भोज्य द्रव्य निम्न हैं , जो माइग्रेन के दर्द को उत्पन्न करने में सहायक होते हैं :
-एल्कोहोल (रेड वाइन ,बीयर ),कॉफी ,चाय ,सोडा ,आर्टीफिशीयल स्वेटनर ,मूंगफली एवं इससे बने खाद्य प्रोडक्ट ,धुआं ,प्रोसेस्ड मीट आदि।
-मोनोसोडियम ग्लूटामेट युक्त खाद्य पदार्थ एवं हाइड्रोजीनेटेड आयल के सेवन से बचें,प्रोसेस्ड फ़ूड न लें ,तीव्र परफ्यूम ,कंडीशनर रसायनयुक्त शेम्पू के इस्तेमाल से बचें।
-कमल पाटीदार (इंदौर ) राकेश भारद्वाज (पठानकोट ): आपने सिर के पिछले हिस्से में दर्द की शिकायत की है, यह टेम्पोरल हेडेक प्रतीत होता है ,बेहतर यह होगा कि़ आप अपने सिर का सीटी-स्कैन करवाकर सही कारण जान लें ,कई बार इसका कारण टेम्पोरलआर्टेराईटीस भी होता है ,जिसमें थकान एवं हल्का बुखार भी बना रहता है ,आप सुदर्शन चूर्ण 2.5ग्राम ,अविपत्तिकर चूर्ण 1.5 ग्राम ,सितोपलादि चूर्ण 1.5 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी से तथा पथ्यादी क्वाथ -15-20 मिली की मात्रा में समभाग पानी से खाली पेट लें।
-दीप्ति येरवर (पुणे ),विकास यादव एवं मनोज (चंडीगढ़ ) सिर दर्द एक समस्या बतलाई है, और स्वयं को कम्प्यूटर के सामने लगातार बैठने का अभ्यासी भी कहा है ,जैसा आपने बताया है, कि़ लगातार कम्पयूटर के सामने बैठने से आंखों को अनावश्यक तनाव का सामना करना पड़ता है ,जिस कारण आप के सिर में दर्द की संवेदनाएं उत्पन्न हो रही है ,किसी भी प्रकार का तनाव इसमें ट्रीगर रेस्पोंस पैदा करता है ,आप इस तनाव को थोड़ा कम करें,साथ ही मेडिटेसन को नियमित रूप से जीवन शैली का हिस्सा बनाएं आपको निश्चित लाभ मिलेगा।
-हेमलता चितेकर (इंदौर ),प्रवीण कुमार (फतेहाबाद ),अतुल कुमार शुक्ला (हरदोई ) ने आधे सिर में दर्द होना बतलाया है इसे हेमिक्रेनिया कहा जाता है, इसमें सिर के एक हिस्से में दर्द बना रहता है,यह दर्द रोज बिना कम हुए होता है ,दर्द के साथ साथ आँखों से आंसू भी निकलते हैं ,कभी-कभी जुखाम एवं नाक भी बंद हो जाती है (जैसा की संजय सीकर राजस्थान ) ने भी बताया है ,कभी-कभी दर्द क़ी तरफ वाली आंख की पलकें अपनेआप गिर जाती हैं ,जिसे टोसिस कहते हैं, या आंखों की पुतलियाँ अनियंत्रित होकर सिकुड़ती हैं, (ऐसे ही लक्षण पूजा सिकोहाबाद ने भी बताया है ) , ऐसा सामान्यतया क्लस्टर हेडेक में देखा जाता है, इनका सही कारण अब तक ज्ञात नहीं है, हाँ आयुर्वेद के अनुसार आप उपचार लें तो आपको निश्चित लाभ मिलेगा ,आप त्रिफला घृत का नियमित प्रयोग करें तथा आस्च्योतन एवं अंजन का प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशन में लें ,दर्द के लिए इंडोमेथेसिन के स्थान पर शिर: शूलवज्रिणी वटी 2-2 गोली नियमित रूप से सेवन करें निश्चित लाभ मिलेगा।
-किशोर खंडेलवाल (जयपुर ),अंकुश (इंदौर),प्रवीण कुमार (फतेहाबाद ),सौरभ (ग्वालियर ) आदि के सिर के दर्द का कारण तनाव एवं एंजाईटी प्रतीत होता है ,जिस कारण रोगी को नींद नहीं आती है और फलस्वरूप सिरदर्द एवं हाइपरएसिडीटी जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं ,आप अकारण चिंता छोड़ें ,बिना कारण भविष्य के प्रति चिंता वर्तमान के लिए दुखदायी होती है ,और रोगों का कारण बनती है अंकुश (इंदौर ) ने तो इसे अपनी राशि से जोड़ दिया है, तनाव और परेशानियां हर व्यक्ति के जीवन के पहलु हैं ,बेहतर यह होगा कि आप गम के पलों को भूलकर खुशी के पलों को याद करें ,आप शवासन ,ध्यान एवं योग निद्रा का अभ्यास करें,अगर लाभ न हो तो मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
-कविन्द्र कुमार (इटली ),महेश कुमार (जमशेदपुर ),अनिल कुमार सैनी (जयपुर ) आदि ने सिर दर्द के साथ बालों क़ी समस्या को जोड़ा है ,बालों क़ी समस्या का निराकरण पिछले सीरीज में प्रकाशित हुआ है, कृपया उसे पढ़ें साथ ही सिर दर्द के लिए बताये गए उपरोक्त उपचारों का प्रयोग करें।
-सुमीत टोपनो ने एक सप्ताह पहले बुखार के साथ सर दर्द उत्पन्न होना बतलाया है,बुखार के साथ तीव्र सर दर्द साथ में गर्दन अकडऩा एक खतरनाक लक्षण होता है ,ऐसे में बेहतर यह होता है , कि आधुनिक उपचारों का चिकित्सक के परामर्श से सेवन किया जाय ,लेकिन अब आपका बुखार तो ठीक हो गया है, पर सिर दर्द बना है आप हल्का भोजन लें तथा तले भुने आहार के सेवन से बचें।

तस्लीमा ने की सारी हदें पार 'खुदा' का किया जमकर तिरस्कार

नई दिल्ली. जहां एक ओर पूरी दुनिया बकरीद मनाने में व्यस्त है तो वहीं, एक मुस्लिम लेखिका ने न सिर्फ कुर्बानी बल्कि खुदा पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।

यह लेखिका और कोई नहीं बल्कि बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन हैं। तस्लीमा ने कई बार अपनी कलम और जुबान के माध्यम से मुसलमानों की भावनाओं को भड़काया है।

तस्लीमा कहती हैं कि ऐसा खुदा, जो लाखों-लाख जानवरों का खून मांगता हो, वह क्या महान है? तस्लीमा इतने पर ही नहीं रूकीं। वह कहती हैं कि खुदा तुम महान हो, यह कहने की कोई आवश्यकता नहीं है। जबकि खाने के बेजुबान जानवरों को मार रहे हो। ये बेजुबान जानवर अल्लाह में यकीन नहीं करते हैं। बस भगवान की जगह इनसे माफी मांगने की आवश्यकता है।

72 कुंवारे मर्दो के साथ करो सेक्स

इससे पहले नसरीन ने महिलाओं को लेकर एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं धरती पर 72 कुंवारे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बना सकती हैं,क्‍योंकि जन्‍नत में उन्‍हें यह नसीब नहीं होगा।

शादी से पहले पूरे शरीर पर इसे क्यों लगाते हैं?




देवउठनी एकादशी के साथ ही शादी एवं विवाह का दौर शुरू हो गया है। विवाह में कई प्राचीन परंपराएं, रीति-रिवाज आदि का आज भी निर्वाह किया जाता है। शादी के पहले से ही कई प्रकार के नियमों का पालन किया जाता है। कुछ नियम वर और वधू दोनों के ही लिए समान रूप से लागू होते हैं। ऐसी ही एक परंपरा है दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना।

वर और वधू को हल्दी क्यों लगाई जाती है इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण मौजूद हैं। शास्त्रों के अनुसार हल्दी का उपयोग सभी प्रकार के पूजन-कार्य में आवश्यक रूप से किया जाता है। इसके बिना कई पूजन पूर्ण नहीं माने जाते हैं। इसी वजह से पूजन सामग्री में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। हल्दी की पवित्रता के कारण ही वर-वधु के शरीर पर इसका लेप लगाया जाता है ताकि ये दोनों शास्त्रों के अनुसार पूरी तरह पवित्र हो सके।

हल्दी एक औषधी भी है। इससे उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का त्वरित इलाज हो जाता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए हल्दी सर्वश्रेष्ठ उपाय है। विवाह पूर्व वर-वधु के शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है ताकि यदि इन्हें को त्वचा संबंधी रोग हो, इंफेक्शन हो या अन्य कोई बीमारी हो तो उसका उपचार हो सके। हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई धूल आदि भी शत-प्रतिशत साफ हो जाती है। जिससे त्वचा में चमक बढ़ जाती है। चेहरे पर आकर्षण बढ़ जाता है। इन सभी कारणों के चलते अनिवार्य रूप से आज भी दूल्हा-दुल्हन को विवाह से पूर्व हल्दी अवश्य लगाई जाती है।

पीएम से मिलने तृणमूल के 18 सांसद कल पहुंचेंगे दिल्ली, मंत्रियों ने दिया इस्तीफा


नई दिल्ली. पेट्रोल की कीमत में हाल में हुई बढ़ोतरी को लेकर सरकार से नाराज कांग्रेस की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को अभी ठंडे बस्ते में नहीं डाला है बल्कि पार्टी के सांसद अब सीधे प्रधानमंत्री से मिलकर विरोध दर्ज कराने की तैयारी में हैं। इसके अलावा पार्टी के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्रियों ने तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के यूपीए को समर्थन वापस लेने की भी आशंका है।

तृणमूल कांग्रेस के 18 लोकसभा सांसद मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी को लेकर इन सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी के सांसदों की प्रधानमंत्री से संभावित बैठक की जानकारी ट्विटर पर दी।

ममता बनर्जी ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'पार्टी के सांसद किसी भी तरह से इस बढ़ोतरी को जनता को समझा नहीं पाएंगे।' पार्टी पेट्रोल की बढ़ी कीमत से कितनी नाराज है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के केंद्र में मंत्रियों ने ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। पार्टी का कहना है कि अब ममता बनर्जी पर निर्भर है कि वह इन इस्तीफों को आगे बढ़ाती हैं या नहीं। पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक चैनल से बातचीत में इस बात की पुष्टि की। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ककोली घोष दस्तीदार ने कह, 'हमें यह कदम इसलिए उठाना पड़ रहा है क्योंकि लोग लंबे समय से महंगाई से त्रस्त हैं।'

ममता बनर्जी का दावा है कि पेट्रोल के दाम में 1.82 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से पहले उनकी पार्टी से कोई सलाह मश्विरा नहीं किया है। इस साल अब तक चार बार पेट्रोल के दाम बढ़ चुके हैं। पिछले साल की तुलना में इस समय पेट्रोल 17 रुपये महंगा बिक रहा है।

केजरीवाल-बेदी-मनीष-भूषण को शिवसेना ने कहा चांडाल चौकड़ी, प्रणब को बिल लाने की जल्‍दी?

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नई दिल्ली. शिवसेना ने अन्‍ना हजारे की टीम पर कड़ा निशाना साधा है। पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए अन्‍ना के सहयोगियों को खूब खरी-खोटी सुनाई है। इसमें दो पेज में छपे एक विस्‍तृत आलेख में अन्‍ना के चार साथियों को उनकी 'चांडाल चौकड़ी' बताया गया है। इस चौकड़ी में साफ तौर पर अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण की ओर इशारा है।

हालांकि अन्‍ना हजारे ने कहा है कि ऐसे लोग जिन्‍हें अपने राजनीतिक कॅरियर को लेकर खतरा लग रहा है, वो ही टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर हमले कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि नए सिरे से गठित होने वाली टीम अन्‍ना में अल्‍पसंख्‍यकों समेत समाज के सभी वर्गों के लोगों को शामिल किया जाएगा।

मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे अन्‍ना हजारे पर कांग्रेस भी हमलावर है, लेकिन सरकार के भीतर हड़कंप मचा लग रहा है। अन्‍ना ने साफ ऐलान किया है कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पास नहीं हुआ तो वह फिर अनशन पर बैठ जाएंगे। इसके बाद जहां कांग्रेस उन पर ताबड़तोड़ हमले बोल रही है, वहीं सरकार के अंदर इस बात की कोशिश तेज हो गई है कि अन्‍ना को फिर अनशन पर बैठने की नौबत नहीं आने दी जाए।

सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकपाल बिल पर विचार कर रही स्‍थायी संसदीय समिति से आग्रह किया है कि बिल के मसौदे पर जल्‍द अंतिम मुहर लगाई जाए। कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान से इस सिलसिले में मुलाकात भी की है।

इस बीच, अन्‍ना हजारे पर कांग्रेस के जुबानी हमले भी जारी हैं। कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर पृथ्वीराज चव्हाण के जरिए फिर हमला किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण ने एक विवादास्पद बयान दिया है कि अन्ना हजारे की कभी भी राजनैतिक महत्वाकांक्षा नहीं रही है, लेकिन अब उन्हें कोई ऐसा रास्ता दिखा रहा है।

एक निजी चैनल से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'वह व्यवस्था के साथ काम करने वाले व्यक्ति थे। मुझे नहीं मालूम क्या हो गया वह कभी भी सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं थे। निश्चित तौर पर कोई उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को हवा दे रहा और उन्हें इस ओर खींच रहा है।'

वहीं, दूसरी ओर पार्टी के नेता और कोयला मंत्री श्री प्रकाश जयसवाल ने कहा है कि अगर शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होता है, तो अन्ना हजारे अनशन के लिए आजाद हैं। उनके मुताबिक कांग्रेस के किसी प्रवक्ता ने यह कभी नहीं कहा है कि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद अन्ना चिट्ठियां लिखते रहते हैं या फिर बयान देते रहते हैं।

कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी यह कहकर अन्ना पर निशाना साधा है कि अन्ना हजारे को राजनीति में दखल देने की बजाय भ्रष्टाचार मुक्त भारत के उद्देश्य के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी समाज सुधारक या सामाजिक कार्यकर्ता को अपने उद्देश्य सिर्फ सामाजिक मुद्दों तक सीमित रखना चाहिए और उसे राजनीति में दखल नहीं देनी चाहिए।'

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी एक बार फिर अन्‍ना हजारे पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा है कि व्‍यवस्‍था में बदलाव लाने के लिए अन्‍ना हजारे का तरीका सही नहीं है और केवल जनलोकपाल बिल से ही भ्रष्‍टाचार खत्‍म नहीं हो जाएगा। अन्‍ना पर जनलोकपाल‍ बिल को जरूरत से ज्‍यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश की न्‍यायपालिका, सरकार, पुलिस और नौकरशाली के मिले-जुले प्रयास से ही भ्रष्‍टाचार का खात्‍मा हो सकता है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोई भी लोकपाल बिल का विरोध नहीं कर रहा है और सरकार मजबूत लोकपाल बिल पारित करने की कोशिश में है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने श्री श्री रविशंकर की भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा, ‘हम श्री श्री की यात्रा का स्‍वागत करते हैं। हमें यह देखना होगा कि उनकी यात्रा में कौन-कौन शामिल होते हैं और श्री श्री भ्रष्‍टाचार के मसले पर क्‍या बोलते हैं?’

केजरीवाल-बेदी-मनीष-भूषण को शिवसेना ने कहा चांडाल चौकड़ी, प्रणब को बिल लाने की जल्‍दी? :

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नई दिल्ली. शिवसेना ने अन्‍ना हजारे की टीम पर कड़ा निशाना साधा है। पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए अन्‍ना के सहयोगियों को खूब खरी-खोटी सुनाई है। इसमें दो पेज में छपे एक विस्‍तृत आलेख में अन्‍ना के चार साथियों को उनकी 'चांडाल चौकड़ी' बताया गया है। इस चौकड़ी में साफ तौर पर अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण की ओर इशारा है।

हालांकि अन्‍ना हजारे ने कहा है कि ऐसे लोग जिन्‍हें अपने राजनीतिक कॅरियर को लेकर खतरा लग रहा है, वो ही टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर हमले कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि नए सिरे से गठित होने वाली टीम अन्‍ना में अल्‍पसंख्‍यकों समेत समाज के सभी वर्गों के लोगों को शामिल किया जाएगा।

मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे अन्‍ना हजारे पर कांग्रेस भी हमलावर है, लेकिन सरकार के भीतर हड़कंप मचा लग रहा है। अन्‍ना ने साफ ऐलान किया है कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पास नहीं हुआ तो वह फिर अनशन पर बैठ जाएंगे। इसके बाद जहां कांग्रेस उन पर ताबड़तोड़ हमले बोल रही है, वहीं सरकार के अंदर इस बात की कोशिश तेज हो गई है कि अन्‍ना को फिर अनशन पर बैठने की नौबत नहीं आने दी जाए।

सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकपाल बिल पर विचार कर रही स्‍थायी संसदीय समिति से आग्रह किया है कि बिल के मसौदे पर जल्‍द अंतिम मुहर लगाई जाए। कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान से इस सिलसिले में मुलाकात भी की है।

इस बीच, अन्‍ना हजारे पर कांग्रेस के जुबानी हमले भी जारी हैं। कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर पृथ्वीराज चव्हाण के जरिए फिर हमला किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण ने एक विवादास्पद बयान दिया है कि अन्ना हजारे की कभी भी राजनैतिक महत्वाकांक्षा नहीं रही है, लेकिन अब उन्हें कोई ऐसा रास्ता दिखा रहा है।

एक निजी चैनल से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'वह व्यवस्था के साथ काम करने वाले व्यक्ति थे। मुझे नहीं मालूम क्या हो गया वह कभी भी सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं थे। निश्चित तौर पर कोई उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को हवा दे रहा और उन्हें इस ओर खींच रहा है।'

वहीं, दूसरी ओर पार्टी के नेता और कोयला मंत्री श्री प्रकाश जयसवाल ने कहा है कि अगर शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होता है, तो अन्ना हजारे अनशन के लिए आजाद हैं। उनके मुताबिक कांग्रेस के किसी प्रवक्ता ने यह कभी नहीं कहा है कि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद अन्ना चिट्ठियां लिखते रहते हैं या फिर बयान देते रहते हैं।

कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी यह कहकर अन्ना पर निशाना साधा है कि अन्ना हजारे को राजनीति में दखल देने की बजाय भ्रष्टाचार मुक्त भारत के उद्देश्य के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी समाज सुधारक या सामाजिक कार्यकर्ता को अपने उद्देश्य सिर्फ सामाजिक मुद्दों तक सीमित रखना चाहिए और उसे राजनीति में दखल नहीं देनी चाहिए।'

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी एक बार फिर अन्‍ना हजारे पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा है कि व्‍यवस्‍था में बदलाव लाने के लिए अन्‍ना हजारे का तरीका सही नहीं है और केवल जनलोकपाल बिल से ही भ्रष्‍टाचार खत्‍म नहीं हो जाएगा। अन्‍ना पर जनलोकपाल‍ बिल को जरूरत से ज्‍यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश की न्‍यायपालिका, सरकार, पुलिस और नौकरशाली के मिले-जुले प्रयास से ही भ्रष्‍टाचार का खात्‍मा हो सकता है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोई भी लोकपाल बिल का विरोध नहीं कर रहा है और सरकार मजबूत लोकपाल बिल पारित करने की कोशिश में है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने श्री श्री रविशंकर की भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा, ‘हम श्री श्री की यात्रा का स्‍वागत करते हैं। हमें यह देखना होगा कि उनकी यात्रा में कौन-कौन शामिल होते हैं और श्री श्री भ्रष्‍टाचार के मसले पर क्‍या बोलते हैं?’

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