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08 नवंबर 2011

यह है कुरान का संदेश

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यह है गीता का ज्ञान

(ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण)
अर्जुन उवाच
ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।
तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव! मुझे भयंकर कर्म में क्यों लगाते हैं?॥1॥
व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे ।
तदेकं वद निश्चित्य येन श्रेयोऽहमाप्नुयाम्‌ ॥
भावार्थ : आप मिले हुए-से वचनों से मेरी बुद्धि को मानो मोहित कर रहे हैं। इसलिए उस एक बात को निश्चित करके कहिए जिससे मैं कल्याण को प्राप्त हो जाऊँ॥2॥॥
श्रीभगवानुवाच
लोकेऽस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ ।
ज्ञानयोगेन साङ्‍ख्यानां कर्मयोगेन योगिनाम्‌ ॥
भावार्थ : श्रीभगवान बोले- हे निष्पाप! इस लोक में दो प्रकार की निष्ठा (साधन की परिपक्व अवस्था अर्थात पराकाष्ठा का नाम 'निष्ठा' है।) मेरे द्वारा पहले कही गई है। उनमें से सांख्य योगियों की निष्ठा तो ज्ञान योग से (माया से उत्पन्न हुए सम्पूर्ण गुण ही गुणों में बरतते हैं, ऐसे समझकर तथा मन, इन्द्रिय और शरीर द्वारा होने वाली सम्पूर्ण क्रियाओं में कर्तापन के अभिमान से रहित होकर सर्वव्यापी सच्चिदानंदघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहने का नाम 'ज्ञान योग' है, इसी को 'संन्यास', 'सांख्ययोग' आदि नामों से कहा गया है।) और योगियों की निष्ठा कर्मयोग से (फल और आसक्ति को त्यागकर भगवदाज्ञानुसार केवल भगवदर्थ समत्व बुद्धि से कर्म करने का नाम 'निष्काम कर्मयोग' है, इसी को 'समत्वयोग', 'बुद्धियोग', 'कर्मयोग', 'तदर्थकर्म', 'मदर्थकर्म', 'मत्कर्म' आदि नामों से कहा गया है।) होती है॥3॥
न कर्मणामनारंभान्नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते ।
न च सन्न्यसनादेव सिद्धिं समधिगच्छति ॥
भावार्थ : मनुष्य न तो कर्मों का आरंभ किए बिना निष्कर्मता (जिस अवस्था को प्राप्त हुए पुरुष के कर्म अकर्म हो जाते हैं अर्थात फल उत्पन्न नहीं कर सकते, उस अवस्था का नाम 'निष्कर्मता' है।) को यानी योगनिष्ठा को प्राप्त होता है और न कर्मों के केवल त्यागमात्र से सिद्धि यानी सांख्यनिष्ठा को ही प्राप्त होता है॥4॥
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्‌ ।
कार्यते ह्यवशः कर्म सर्वः प्रकृतिजैर्गुणैः ॥
भावार्थ : निःसंदेह कोई भी मनुष्य किसी भी काल में क्षणमात्र भी बिना कर्म किए नहीं रहता क्योंकि सारा मनुष्य समुदाय प्रकृति जनित गुणों द्वारा परवश हुआ कर्म करने के लिए बाध्य किया जाता है॥5॥
कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्‌ ।
इन्द्रियार्थान्विमूढात्मा मिथ्याचारः स उच्यते ॥
भावार्थ : जो मूढ़ बुद्धि मनुष्य समस्त इन्द्रियों को हठपूर्वक ऊपर से रोककर मन से उन इन्द्रियों के विषयों का चिन्तन करता रहता है, वह मिथ्याचारी अर्थात दम्भी कहा जाता है॥6॥
यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेऽर्जुन ।
कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते ॥
भावार्थ : किन्तु हे अर्जुन! जो पुरुष मन से इन्द्रियों को वश में करके अनासक्त हुआ समस्त इन्द्रियों द्वारा कर्मयोग का आचरण करता है, वही श्रेष्ठ है॥7॥॥
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः।
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मणः ॥
भावार्थ : तू शास्त्रविहित कर्तव्यकर्म कर क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करने से तेरा शरीर-निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा॥8॥

एक ग्लास ज्यूस जो दिलवाएगा एसीडिटी से राहत

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संतरा खाने के बाद एकदम चुस्ती महसूस होती है। नियमित रूप से संतरे को आहार में शामिल करने से सर्दी, खांसी या रक्तस्त्राव की शिकायत नहीं रहती। शरीर सशक्त और दीर्घायु बनता हैं। रात को सोते समय और फिर से सुबह संतरा खाने से हाजमा ठीक रहता है। प्रतिदिन संतरे के ज्यूस का सेवन से किसी भी प्रकार के कैंसर की संभावना कम होती है क्योंकि संतरे के ज्यूस में एण्टीआक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में पाये जाते है।

गठिया के मरीज भी संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं। इससे दर्द से आराम मिलता है और वजन भी नियंत्रित रहता है। संतरे के ज्यूस में फोलेट पाया जाता है और फोलेट घावों को भरने में और नये सेल्स के निर्माण में मदद करता है।संतरे के छिलकों को पत्थर पर पानी के साथ पीसकर शरीर पर मलने से चाहे कितनी भी पुरानी खुजली का रोग हो सिर्फ 5-6 दिनों में ही दूर हो जाता है। संतरे के छिलकों को धूप में सुखाकर जहां पर मच्छर हो उस जगह पर जलाने से सारे मच्छर भाग जाते हैं।

जलते हुए संतरे के छिलकों की खुशबू पूरे वातावरण में फैलने से सारा वातावरण सुगंधमय हो जाता है। संतरे के रस में एक रूई के फाए को भिगोकर आंखों पर लगभग 20 से 25 मिनट तक रखने से आंखों के नीचे के काले घेरे समाप्त हो जाते हैं। रोज संतरे के रस में थोड़ा सा पिसा तथा भुना हुआ जीरा और पिसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर पीने से अम्लपित्त यानी एसीडिटी के रोग में आराम मिलता है। गर्भवती स्त्री अगर गर्भधारण होने के बाद के दिनों में रोजाना संतरे का प्रयोग करें तो इससे उसकी होने वाली संतान बहुत सुंदर पैदा होती है।

वैकुण्ठ चतुर्दशी आज, ऐसे करें पूजन व व्रत



कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को वैकुण्ठ चतुर्दशी कहते हैं। इस दिन वैकुण्ठाधिपति भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार यह पर्व 9 नवंबर, बुधवार को है।

ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु सृष्टि का भार भगवान शंकर को सौंप देते हैं। इन चार मासों में सृष्टि का संचालन शिव ही करते हैं। चार मास सोने के बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं और वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान शंकर सृष्टि का भार पुन: भगवान विष्णु को सौंपते हैं। इस दिन पूजन व व्रत इस प्रकार करना चाहिए-

व्रत विधि

इस दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर दिनभर व्रत रखना चाहिए और रात में भगवान विष्णु की कमलपुष्पों से पूजा करना चाहिए, इसके बाद भगवान शंकर की भी पूजा अनिवार्य रूप से करनी चाहिए-

विना यो हरिपूजां तु कुर्याद् रुद्रस्य चार्चनम्।

वृथा तस्य भवेत्पूजा सत्यमेतद्वचो मम।।

रात समाप्ति के बाद दूसरे दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा पर शिवजी का पुन: पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए। वैकुण्ठ चतुर्दशी का यह व्रत शैवों व वैष्णवों की पारस्परिक एकता और भगवान विष्णु तथा शिव के ऐक्य का प्रतीक है।


देहाती फंडा जो देगा तलवार सा तेज और धारदार दिमाग


पिस्ता को सबसे अच्छा स्नेक माना जाता है। पिस्ते के छिलके को हटाकर इसके अंदर का हिस्सा जो खाने में प्रयोग लाया जाता है। वह बिल्कुल आंख की तरह दिखाई पड़ता है। माना जाता है कि भगवान ने जो फ्रूट जिस शेप का बनाया है। शरीर में उसके आकार अगर कोई अंग हो तो वह शरीर के उस हिस्से को सबसे अधिक प्रभावित करता है। पिस्ता का शेप क्योंकि आंख जैसा है इसलिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या कहें कि आंखों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है।

ताजा शोध से ज्ञात हुआ है पिस्ता का सेवन जब सामान्य हाई कार्बोहाइड्रेट भोजन जैसे ब्रेड आदि के साथ किया जाता है तो ये कार्बोहाइड्रेट शरीर में बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप ब्लड शुगर का स्तर अपेक्षा से कहीं अधिक घट जाता है। पिस्ते वीर्यवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला), रक्त को शुद्ध करने वाले, शक्तिवद्र्धक, पित्तकारक, भेदक, कटु और सारक (दस्तावर) हैं। वात, कफ और पित्तनाशक है। इसके उपयोग से मस्तिष्क (दिमाग) की दुर्बलता दूर होती है।

पिस्ता ताकत देने वाला और पौष्टिक होता है। पिस्तों में से तेल निकलता है। इस तेल की मालिश सिर में करने से दिमाग की गर्मी दूर हो जाती है। रेशम पर किरमिजी रंग चढ़ाने में भी इसके तेल का उपयोग होता हैं। पिस्ते, बादाम की गिरी, चिरौंजी और खसखस इन चारों को पीसकर दूध में उबालकर खीर बनाए। इसमें शक्कर (चीनी) गाय का घी मिलाकर सेवन करने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है।

आपके बच्चे का दांत बदलेगा आपकी तकदीर, जानिए कैसे...

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जी हां, अगर आपको पता चले कि बच्चे का दूध का दांत आपकी किस्मत बदल देगा तो आप जरूर भौचक्के हो जाएंगे। ज्योतिष के अनुसार आपके बच्चे का दूध का दांत यानी पहला दांत ही आपकी किस्मत बदलने के लिए काफी है। अगर आप अपने बच्चे का दूध का दांत सम्भाल लेंगे तो लक्ष्मी आपसे खुश होगी और आपको मालामाल कर देगी। जानें कैसे

ज्योतिष में वृष राशि मुख पर आती है और इस राशि का स्वामी शुक्र धन और सुख देने वाला होता है। इस लिए शुक्र को खुश करने के लिए आप ज्योतिषीय उपाय करें जो आपको देगा धन-दौलत और बदलेगा आपकी तकदीर

घर में पहली संतान पुत्र है तो उसके जन्म के बाद उसके दांत गिरने के समय उसका दांत धरती पर नहीं गिरने दें और उससे पहले सुरक्षिप और स्वच्छ पवित्र स्थान पर रख दें। और जब गुरु पुष्य नक्षत्र हो तब उसको गंगाजल से धो कर पवित्र कर के पूजा कर के चांदी की डिब्बी में रख दें और पूत्र के जन्म नक्षत्र के दिन हर महीने दांत को सूर्य दर्शन कराएं। और फिर पूजा स्थान या धन स्थान पर रख दें। बालक का दांत धरती से स्पर्श करेगा तो लाभ नहीं मिलेगा। चांदी की डिब्बी में रखा दांत आपके समय-समय पर दौलत और शोहरत दोनों देगा।

'यहां' जलती लाशों के बीच अश्लील ठुमके लगाती हैं बार बालायें!

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वाराणसी। किसी व्यक्ति की मौत होने पर वहां मातम का माहौल होता है। सगे-संबंधी और रिश्तेदार उसकी मौत पर आंसू बहाते हैं। पर आपने कभी किसी की मौत पर और उसकी जलती हुई लाश के बीच सेक्स वर्कर को नाचते हुए देखा या सुना है? यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं। यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में कुछ ऐसा ही होता है।

यहां बाबा महाश्मशान नाग मंदिर में एक तरफ लाशे जलती हैं और दूसरी तरफ लड़कियां नाचती हैं। इनका नाच देखने के लिए पूरा शहर उमड़ता है। क्या आम, क्या खास सब इस नाच के सुरूर में झूमते नजर आते हैं। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी जिनके उपर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है, वो खुद ही इस नाच में शरीक होते है। इस शमां में रात भर पूरा शहर जलता है।

यह सब कुछ होता है परंपरा के नाम पर। इसकी दुहाई देकर वो भी बच निकलते है, जिनके कंधों पर समाज सुधारने की जिम्मेदारी होती है। यहां का दृश्य देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक तरफ लाश जलाई जा रही है, दूसरी तरफ 'मुन्नी बदनाम हुई और टिंकू जिया' जैसे गानों पर ठुमके लगते हैं।

स्थानीय रानू सिंह के मुताबिक, नवरात्र में यह कार्यक्रम होता है। पुरानी मान्यताओं के मुताबिक अकबर के मंत्री मानसिंह ने इस परंपरा की शुरूआत की थी। यहां स्थित शिव मंदिर में लोग मन्नत मांगते थे। इसे पूरा होने पर इस श्मशान के बीच घर की वधूयें नाचती थीं। चूंकि इस समय ऐसा होना संभव नहीं है, इसलिए लोग अपनी मन्नत पूरा करने के लिए कलकत्ता और मुंबई से बार बालायें बुलाते हैं।

शाकाहारियों का किया धर्म भ्रष्ट तो अब खैर नहीं क्योंकि...



लुधियाना. आप शाकाहारी हो और घर में मीट अंडे को घुसने न देते हो, लेकिन फास्ट फूड, रेस्टोरेंटों व होटलों के संचालक आपका धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं। जिस तवे पर चिकन या एग रोल बनता है, उसी तवे पर शाकाहारियों के लिए बर्गर, न्यूडल्स तैयार कर लिए जाते हैं।

बड़े होटलों तक में चिकन की स्टोरेज उसी फ्रिज में की जाती है, जिसमें शाकाहारी खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं। इस तरह शाकाहारियों का धर्म भ्रष्ट करने वाले फास्ट फूड, रेस्टोरेंट व होटलों संचालकों पर सेहत विभाग शिकंजा कसने के मूड में है। विभाग ने संचालकों को चेतावनी दे दी है कि वे वेज और नॉन वेज के लिए अलग-अलग फ्रिज रखें।

विभाग ने यह निर्देश मानवाधिकार आयोग में एक मामला जाने के बाद दिए हैं। आल इंडिया ह्यूमन राइट्स कमेटी के प्रधान विनोद कश्यप ने इस बाबत आयोग के पास शिकायत की थी। इसमें आयोग ने सेहत विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। विभाग ने इस रिपोर्ट में कहा है कि उसने सभी होटलों को हिदायत की है कि वे मांसाहारी व शाकाहारी खाने के लिए अलग कंपार्टमेंट, रेफ्रिजरेटर व डीप फ्रिजर इस्तेमाल करें। साल 2011 के दौरान विभाग ने शहर के 13 बड़े होटलों व क्लबों की किचन चेक की तो ज्यादातर में मांसाहारी व शाकाहारी सामान को अलग अलग रखने की व्यवस्था नहीं थी।

रद हो सकता है लाइसेंस

रिटायर्ड असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर डॉ. एके खुल्लर के मुताबिक नए एक्ट में लाइसेंसिंग अथॉरिटी सेहत विभाग है। वह रेस्टोरेंट, ढाबे या होटल का लाइसेंस रद्द कर सकता है। अगर आपको इस संबंधी शिकायत है तो सिविल सर्जन ऑफिस के कंट्रोल नंबर 2444193 पर शिकायत कर सकते हैं।

अब रेस्टोरेंट या फास्ट फूड पर रूटीन सैंपल लेते समय यह भी चेक होगा कि मांसाहारी व शाकाहारी सामान को अलग अलग रखा जा रहा है या नहीं।

डॉ.कुलविंदर सिंह, जिला सेहत अधिकारी

...तो इन बातों की वजह से हमसे कश्मीर छीनना चाहता है पाक!

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कश्मीरविवाद ने जम्मू-कश्मीर ही नहीं पूरे देश के लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है। आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सभी तरह से देश और जम्मू-कश्मीर के अवाम को इस विवाद ने बर्बाद कर दिया है। हम अपने पाठकों के लिए जम्मू-कश्मीर के इतिहास, विवाद, वहां के रीति रिवाज सब कुछ बताने का सीरिज चला रहे हैं। इसके तहत आज हम आपको बता रहे हैं कि कश्मीर विवाद में क्या है भारतीय और पाकिस्तान का पक्ष?

क्या कहता है पाक

दो-राष्ट्र सिद्धांत के तहत कश्मीर मुस्लिम बहुल होने के नाते पाकिस्तान में जाना चाहिये था । विकल्प होने पर हर कश्मीरी पाकिस्तान ही चुनेगा, क्योंकि वो भारत से नफ़रत करता है । भारत ने संयुक्त राज्य की नाफ़रमानी की है और डरता है कि अगर जनमत-संग्रह हुआ तो कश्मीरी जनता पाकिस्तान को ही चुनेगी । कानूनी तौर पर कश्मीर के महाराजा द्वारा भारत में विलय ग़लत था क्योंकि महाराजा ने ये विलय परेशानी की स्थिति में किया था । पाकिस्तान की मुख्य नदियाँ कश्मीर से आती हैं, जिनको भारत कभी भी रोक सकता है ।

भारतीय पक्ष

आज पाकिस्तान ने अपना अधिकृत कश्मीरी भूभाग खाली नहीं किया है, बल्कि कुटिलतापूर्वक वहां कबाइलियों को बसा दिया है । जम्मू और कश्मीर की लोकतांत्रिक और निर्वाचित संविधान-सभा ने 1957 में एकमत से 'महाराजा द्वारा कश्मीर के भारत में विलय के निर्णय' को स्वीकृति दे दी थी।

भारतीय संविधान के अन्तर्गत आज तक जम्मू कश्मीर मे सम्पन्न अनेक चुनावों में कश्मीरी जनता ने वोट डालकर एक तरह से भारत में अपने स्थायी विलय को ही मान्यता दी है । जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनैतिक दल भी पाकिस्तान के धर्म पर आधारित दो-राष्ट्र सिद्धान्त को नहीं मानते।

कश्मीर का भारत में विलय ब्रिटिश "भारतीय स्वातंत्रता अधिनियम"के तहत क़ानूनी तौर पर सही था । पाकिस्तान अपनी भूमि पर आतंकवादी शिविर चला रहा है (ख़ास तौर पर 1989 से) और कश्मीरी युवकों को भारत के ख़िलाफ़ भड़का रहा है । ज्यादातर आतंकवादी स्वयं पाकिस्तानी नागरिक या तालिबानी अफगान ही हैं।

ये और कुछ दिग्भ्रमित कश्मीरी युवक मिलकर इस्लाम के नाम पर भारत के ख़िलाफ़ जेहाद छेड़े हुए हैं। धर्म के नाम पर ये दरिंदे निर्दोष कश्मीरी नागरिकों की निर्मम हत्याएं कर रहे हैं । राज्य को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत स्वायत्तता प्राप्त है । कश्मीर के भारत से अलग होने के बाद भारत की उत्तरी सीमा सुरक्षित नहीं रहेगी ।

वीडियो: 21वीं सदी में इलाज का 'अनोखा' तरीका देख आंखें फटी रह जाएंगी!




लखनऊ। विज्ञान और सूचना क्रांति के इस दौर में हम भले ही चांद पर आशियाना बनाने की बात सोच रहे हों, लेकिन अंधविश्वास अब भी कम नहीं हुआ है। वैज्ञानिक युग के बढ़ते प्रभाव के बावजूद अंधविश्वास की जड़ें समाज से नहीं उखड़ रही हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। यहां आज भी गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लोग डॉक्टर के पास जाने से अच्छा झाड़ना-फूंकना बेहतर समझते हैं। इन क्षेत्रों में ऐसे तांत्रिकों और झोला छाप डॉक्टरों की दुकान इसी वजह से खूब फलती फूलती है। ये लोगों के आंखों पर अंधविश्वास की पट्टी बांध कर उनका आर्थिक और शारीरिक शोषण करते हैं। गांव के सीधे साधे लोग इनके जाल में फंस कर अपना धन और स्वास्थ्य गवां बैठते हैं। यहां यह भी बात गौरतलब है कि इन लोगों के टंटे की वजह से ऐसे लोगों के तुरंत समाधान मिल जाता है। जिससे इन पर लोगों का विश्वास जम जाता है। कई बार इस विश्वास के चक्कर में बड़े बड़े हादसे होते हैं। झाड़ने वालों को जान से भी मार दिया जाता है। सरकार ने जादू-टोना के नाम पर प्रताड़ित होने वाले लोगों को न्याय दिलाने के लिए टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 लागू किया है, मगर अधिनियम के कायदे और कानून महज किताबों तक ही सीमित हैं। कानून लागू होने के 6 साल बाद भी लोग उसे मानने को बिल्कुल तैयार नहीं हो रहे हैं

भंवरी पर 10 सवाल और घेरे में आ गए मुख्यमंत्री!



जयपुर.भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से कांग्रेस की ओर से 10 सवाल पूछने के बाद मुख्यमंत्री और कांग्रेस पर पलटवार किया है।

विधायक कालीचरण सराफ, राजपाल सिंह शेखावत, मोहनलाल गुप्ता, अशोक परनामी और प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन शर्मा ने मंगलवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भंवरी देवी की मुलाकात के प्रमाण सामने आने के बाद अब कांग्रेस नेताओं को ये भी बता देना चाहिए कि मुख्यमंत्री दौड़-दौड़ कर बार-बार मुंबई क्यों जाते हैं?

कांग्रेस के नेता ये भी स्पष्ट करें कि कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा को बर्खास्त करने वाले मुख्यमंत्री दलित भंवरी देवी के मामले में इस्तीफा देंगे या नहीं, जो अपने आपको दलितों का हितैषी बताते आए हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आडवाणी से मनगढ़ंत और मिथ्या आरोपों का जवाब मांगने के बजाय वह सीडी देख लेते जिसमें सफेद खादी पहन कर बगुला भगत बने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का चाल, चरित्र और चेहरा दृश्यों में बिल्कुल साफ-साफ दिखाई दे रहा है।

भाजपा सरकार पर लगा एक भी आरोप कांग्रेस सरकार सिद्ध नहीं कर पाई है, जबकि आरोपों की जांच में पूरी प्रशासनिक फौज झोंक दी गई थी। अब तक के इतिहास में भ्रष्टतम साबित हो चुकी इस सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और जनता का ध्यान बांटने के लिए कांग्रेस के ये नेता मिथ्या आरोप लगा रहे हैं

भाजपा ने किए जवाबी सवाल

>भाजपा पर मिथ्या आरोप लगाने वाले कांग्रेस के ये नेता जवाब दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनका पूरा मंत्रिमंडल भ्रष्टाचार कर रहा है, इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान चुप क्यों है?

>मुख्यमंत्री के दीप दर्शन, जलमहल, बोरानाडा रीको औद्योगिक क्षेत्र, कल्पतरू की शुभम लॉजिस्टिक कंपनी के वेयर हाउस और होटल मेरिडियन की भूमि के रूपांतरण के घोटालों के बारे में कांग्रेस आलाकमान क्या कर रहा है?

>गहलोत सरकार में तीन मंत्रियों को टीवी पर पैसा लेते दिखाया था। कांग्रेस ने उस समय क्या कार्रवाई की

>कांग्रेस के नेता ये बताएं कि मुहणोत और कोठारी से मुख्यमंत्री का किन-किन प्रोजेक्ट्स में हिस्सा है। जलमहल मामले में बटोरा गया पैसा मुख्यमंत्री के अलावा दिल्ली के किन-किन कांग्रेसी नेताओं के ब्रीफकेस में पहुंचा है?

>आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता जवाब दें कि भीलवाड़ा में पारसा देवी की संदिग्ध मौत के मामले में वन मंत्री रामलाल जाट, नए जयपुर के घोटाले में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, अनाज पिसाई घोटाले में खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर, बेटों को वन भूमि में खानें और अवैध क्रेशर के मामले में मोटर गैराज मंत्री भरोसीलाल जाटव, लोकायुक्त जांच के दायरे में आए सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा, जलमहल घोटाले और अफोर्डेबल पॉलिसी के तहत आचार संहिता के खिलाफ अपने बेटे को ठेका देने के मामले में पर्यटन मंत्री बीना काक, महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल पर लगे गंभीर आरोपों की कांग्रेस ने अब तक जांच क्यों नहीं करवाई?

कौन जाएगा, कौन आएगा?

समझा जाता है कि मंत्रिमंडल फेरबदल में जिन आठ मंत्रियों को आलाकमान की नाराजगी की वजह से हटाया जा सकता है, उनमें छह कांग्रेस के और दो निर्दलीय हैं।

हाईकमान ने तीन मुस्लिमों को मंत्री और संसदीय सचिवों के रूप में शामिल करने के संकेत दिए हैं। इनमें जकिया, अलाउद्दीन आजाद और सालेह मोहम्मद के नाम बताए जा रहे हैं।

...पर सद्दाम का टॉयलेट अपने साथ ले जाएंगे अमेरिकी

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बगदाद. अमेरिका ने इराक से इस वर्ष के अंत तक सेना वापसी के अपने प्रयासों में तेजी लाते हुये यहां स्थित सबसे बड़े सैन्य अड्डे विक्ट्री बेस को खाली करने के प्रयास शुरू कर दिये हैं और उसे इस महीने के आखिर तक इराक सरकार को सौंप दिया जायेगा। अमेरिकी सैनिक वैसे तो कुछ अपने साथ लेकर नहीं जा रहे, लेकिन सद्दाम हुसैन की जेलों में लगे टॉयलेट सीट जरूर साथ लेकर जा रहे हैं।

अमेरिकी सैन्य इतिहासकार लेफ्टीनेंट कर्नल जैरी ब्रूक्स ने सोमवार को विक्ट्री बेस का दौरा करने के बाद कहा, हम इस सैन्य अड्डे से इराकियों की राष्ट्रीय संपदा का कोई भी हिस्सा वापस नहीं लेकर जा रहे हैं। हम केवल वही सामान वापस ले रहे हैं जो हमारे इस्तेमाल के लिये यहां उपलब्ध कराया गया था। यह सैन्य अड्डा किसी समय अमेरिकी सेना द्वारा इराक में संचालित किये जा रहे 505 सैन्य अड्डों में सबसे बडा था। इसमें 40 हजार सैनिक और 25 हजार कर्मचारी निवास करते थे। हालांकि मौजूदा समय में यहां सिर्फ चार हजार सैनिक ही शेष रह गये हैं।

विक्ट्री बेस में पूर्व शासक सद्दाम हुसैन के समय के कई महल और आलीशान ठिकाने मौजूद हैं जो इराकियों के लिये राष्ट्रीय महत्व की वस्तु हैं। इसमें अल फ महल का नाम भी शुमार है। इसी जगह सद्दाम का 2004 से 2006 और केमिकल अली के उपनाम से मशहूर उनके भाई अली हसन अल माजिद को 2004 से 2008 के वर्षो के बीच बंदी बनाकर रखा गया था। यह जगह बगदाद हवाईअड्डे से कुछ ही दूर स्थित है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 21 अक्टूबर को जारी अपने बयान में कहा था कि इराक से इस वर्ष के आखिर तक अमेरिका की बची-खुची सेना वापस हो लेगी। इराक युद्ध के चरम के दिनों में यहां एक लाख 70 हजार तक सैनिक तैनात थे लेकिन पूरे देश में बाकी रह गये 12 अमेरिकी सैन्य अड्डों में तैनात कुल सैनिकों की संख्या महज 31 हजार रह गई है।

बिग बॉस के निर्माता के नाम भगत सिंह क्रांति सेना की चिट्ठी, पढ़ें



नई दिल्ली. विवादास्पद भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर पाल सिंह बग्गा की ओर से लिखी गई चिट्ठी, जो सेना के फेसबुक अकाउंट पर उपलब्ध है।
सेवा में,
निर्माता
बिग बॉस, कलर्स टीवी चैनल महोदय,
नमस्कार,
टीवी न्यूज़ चैनलों से पता लगा आप आपने टीवी शो बिग बॉस में राष्ट्रद्रोही और पाकिस्तान के दलाल अग्निवेश जैसे घटिया आदमी को बुला रहे हैं। जिस प्रकार से आपकी गतिविधियां चल रही हैं हमें उम्मीद है भविष्य में आपके कार्यक्रम में हमको गिलानी, यासीन मालिक, अफज़ल और कसाब भी देखने को मिलेंगे। आपकी जानकारी में हो या न हों लेकिन हम आपको बता दें अग्निवेश का भूतकाल और वर्तमान हमेशा राष्ट्रद्रोह से भरा रहा है। आतंकवादियों, माओवादियों, नक्सलवादियों के समर्थन में बयान देना अग्निवेश का पुराना व्यवसाय रहा है। 2 अप्रैल को अग्निवेश ने कश्मीर में भारतीय सेना के विरोध में बयान देते हुए कश्मीर के हालात और मौतों के लिए भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराया और पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोएबा को क्लीन चिट दी।

अग्निवेश ने लाखों-करोड़ों देशवासियों के श्रद्धा के प्रतीक बाबा अमरनाथ को ढोंग और ढकोसला बताया। अग्निवेश का इतिहास हमेशा से देश को बांटने की मांग करने वाले अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मालिक और मीर वाइज उमर फारुख जैसे राष्ट्रद्रोहियों के समर्थन का रहा है। उसके अलावा अग्निवेश की एक तस्वीर भी हम आपको भेज रहे हैं जिसमें अग्निवेश बिना कश्मीर के भारत के मानचित्र के साथ खड़ा है जो न बल्कि क़ानूनी तौर पर अपराध है बल्कि इस देश के 121 करोड़ नागरिकों का और देश पर न्योछावर होने वाले लाखों शहीदों और सैनिकों का भी अपमान है। एक ऐसे व्यक्ति को आप आपने कार्यक्रम में शामिल करके देश के सामने क्या साबित करना चाहते हैं?

इस पत्र के माध्यम से हम आपको आगाह करना चाहते हैं कि जैसा अग्निवेश का इतिहास रहा है, अगर आपके बिग बॉस के घर में अग्निवेश का एक भी बयान ऐसा आया जिसमें राष्ट्रद्रोह की गंध आ रही हो , भारतीय सेना के खिलाफ हुआ, अलगाववादियों के समर्थन में हुआ तो न सिर्फ बिग बॉस का घर, बल्कि आपके घर की सेहत के लिए भी अच्छा नहीं होगा और उन बयानों के लिए सिर्फ अग्निवेश ही नहीं आप भी जिम्मेदार होंगे। आशा है आप हमारी बातों को गम्भीरता से लेंगे, नहीं तो समझाने के लिए आपके घर आना पड़ेगा।
आपका शुभचिंतक
तजिंदर पाल सिंह बग्गा
अध्यक्ष
भगत सिंह क्रांति सेना

सनसनीखेज खुलासा :राहुल से लिया बाबा को लाठियों से मारने का बदला !

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भोपाल। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के मामले का पर्दाफाश हो गया है। फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने वाले युवक ने खुद को बाबा रामदेव का समर्थक बताया है। कुछ देर पहले ही पूछताछ में युवक ने अंबाला पुलिस को यह राज उगला है।

मप्र पुलिस के साइबर सेल के इंचार्ज आईजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक सेल की टीम ने पंजाब के अंबाला जिले की नारायणगढ़ तहसील के 19 वर्षीय युवक अंकित कुमार सैनी को हिरासत में लिया है। अंबाला पुलिस की मौजूदगी में युवक से पूछताछ की गई तो उसने खुद को बाबा रामदेव का समर्थक बताया है।

उसका कहना है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव व अन्य निर्दोष लोगों पर सरकार द्वारा कराए गए लाठीजार्च से वह दुखी व आहत है। अंकित ने बताया कि वह बाबा रामदेव के साथ किए गए दुव्र्यवहार से बुरी तरह व्यथित है और उसने सरकार को सबक सिखाने के लिए इस तरह का कदम उठाया।

इधर, जिला कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने युवक अंकित सैनी के बाबा रामदेव के समर्थक बताने पर प्रतिक्रिया दी कि यह घोर षडय़ंत्र है। गांधी परिवार को बदनाम करने वाले इस कृत्य की प्रदेश ही नहीं देश स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए। इस मामले की अगर सही तरीके से जांच हो तो बाबा रामदेव भी इसमें शामिल मिलेंगे। कांग्रेस नेता चतुर्वेदी ने कहा कि जैसा हमारे नेता दिग्विजय सिंह कहते हैं कि बाबा रामदेव व्यापारी हैं। तो कोई व्यापारी अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है।गौरतलब है कि राहुल गांधी के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल मामले की तीन महीने पहले कांग्रेस नेता पंकज चतुर्वेदी ने साइबर सेल को शिकायत की थी।

इसे घर में रख दो फिर न आएगा सांप, न आएगा उसका डर क्योंकि...

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सांप एक ऐसा जीव है जिसे सामने देखते ही साहसी इंसानों के भी पसीना आ जाता है। सांप का विष पलभर में ही किसी की भी जीवन लीला समाप्त कर देता है। इनके आने-जाने पर प्रतिबंध लगा पाना किसी के लिए भी काफी मुश्किल है। सांप आसानी से किसी के घर में प्रवेश कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए शास्त्रों में ही सटीक उपाय बताया गया है।

सांपों के डर को समाप्त करने के लिए सबसे अच्छा और सरल उपाय है घर में मोर पंख रखा जाए। मोर पंख घर में ऐसे स्थान पर रखें जहां से आसानी से दिखाई दे। मोर पंख की सुंदरता आपके घर की सजावट बढ़ाने का काम भी करेगी। इससे आपके घर में सांप नहीं आएंगे। मोर पंख सांपों को हमारे घर से दूर रखता है। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में इसके कई अन्य महत्व भी बताए गए हैं। मोर पंख का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है।

श्रीकृष्ण के चित्रों में देखा जा सकता है कि उनके मस्तष्क पर मोर पंख लगा रहता है। मोर पंख की उपयोगिता और पवित्रता इसी बात से बढ़ जाती है कि वह भगवान के मस्तष्क पर भी स्थान पाता है। घर में मोर पंख लगाने के बहुत सारे अन्य लाभ भी है। इसे घर में रखने से वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है। इससे हमारी सोच पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

सांप मोर पंख से डरते हैं क्योंकि मोर ही इसे मार कर खा जाता है। अत: सांप उस क्षेत्र में जाता है ही नहीं है जहां मोर या मोर पंख दिखाई देता है।

ये फ्रूट खाएं तो बुढ़ापा आसपास भी नहीं फटकेगा

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अगर आपकी उम्र कम है लेकिन आप अपनी त्वचा के कारण उम्र से अधिक दिखाई देते हैं। आप चाहते हैं कि बढ़ती उम्र थम जाए तो इसके लिए सही पोषण जरूरी है। प्रकृति की अद्भुत उपहारों में से एक है फल। शहतूत एक ऐसा ही फल है। जो वैसे तो लोगों के द्वारा कम ही सेवन किया जाता है। लेकिन जो लोग इसका सेवन करते हैं उन्हें चमत्कारिक रूप से फायदे होते हैं। शहतूत का ऐसा ही एक गुण ताजा रिसर्च के अनुसार सामने आया है। हाल ही में हुई एक शोध में शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि शहतूत में एंटी एज यानी उम्र को रोकने वाला गुण होता है।

अध्ययन में यह पाया गया कि शहतूत बालों के लिये भी बेहद लाभदायक होता है। परीक्षण के दौरान देखा गया कि शहतूत में दूसरे लाभदायक फ लों की तुलना में 79 प्रतिशत ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। डेली एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि शहतूत के जूस में एंटीऑक्सीडेंट संतरे से दोगुना होता है।

इसके अलावा शहतूत में रेजवर्टेरोल पाया जाता है जिसमें स्वास्थ को लाभ पहुंचाने वाला गुण पाया जाता है। रेजवर्टेरोल के बारे में माना जाता है कि यह शरीर में फैले प्रदूषण को साफ करता है और संक्रमित चीजों को बाहर निकालता है।परीक्षण में पाया गया कि शहतूत में ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे आंखों की गड़बड़ी ठीक हो सकती है। यहां तक कि लंग कैंसर का जोखिम कम हो सकता है और कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।

आडवाणी की यात्रा के दौरान सरदार पटेल का ‘अपमान’!


अहमदाबाद. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है। ताजा मामला यात्रा की तैयारियों के दौरान देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्‍लभ भाई पटेल का अपमान करने से जुड़ा है। कांग्रेस ने इस मसले को सियासी रंग देते हुए इस घटना के लिए भाजपा से माफी मांगने को कहा है।

गुजरात में बीजेपी कार्यकर्ता ने आडवाणी की यात्राओं के पोस्टर-बैनर लगाने के लिए सरदार पटेल की मूर्ति का इस्तेमाल लिया। मीडिया में एक तस्वीर आई है जिसमें दिखाई दे रहा है कि आडवाणी की सभा के लिए मंच की तैयारी में जुटे एक शख्‍स का पैर वहां स्थित पटेल की मूर्ति के सिर पर रखा है। इस फोटो को वहां मौजूद एक शख्‍स ने अपने मोबाइल से खींचा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जयंतीलाल परमार ने कहा है कि सरदार पटेल के नाम की दुहाई देने वाली भाजपा के एक कार्यकर्ता ने यात्रा के परदे और तोरण बांधने के लिए सरदार पटेल की प्रतिमा के सिर पर पैर रखा। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए पूछा है कि दक्षिण गुजरात और दमण में आडवाणी तथा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति वाले कार्यक्रमों की व्यवस्था करने वाले शराब तस्‍करों का धन काला है या सफेद?

जनचेतना यात्रा के दौरान आडवाणी के मंच पर गुजरात के कुख्‍यात शराब तस्कर की मौजूदगी को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। फिर उनके एक होटल में ठहरने को लेकर भी विवाद हुआ जब पता चला कि इस होटल का मालिक एक बड़ा शराब व्‍यवसायी है।

अग्निवेश बोले- संसद से बेहतर है 'बिग बॉस' का झगड़ा, सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा


नई दिल्‍ली. टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस' में मेहमान बन कर जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता स्‍वामी अग्निवेश को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चेतावनी दी है। कोर्ट ने उन्‍हें यह चेतावनी अमरनाथ यात्रा के संबंध में एक विवादित बयान देने पर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी अग्निवेश से कहा कि वह लोगों की भावनाओं से नहीं खेल सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों को कुछ भी बोलने से पहले दस बार अपने शब्द तोलने चाहिए। हालांकि इससे पहले ही देर पहले अग्निवेश ने एक और विवादित बयान दे दिया था। उन्‍होंने बिग बॉस के प्रतिभागियों का बर्ताव सांसदों के आचरण से बेहतर बताया था।


बीते मई में अग्निवेश ने कहा था , 'अमरनाथ में बनने वाला शिवलिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे धर्म से जोड़ा जाना सही नहीं है। मेरी समझ से बाहर है कि लोग अमरनाथ यात्रा के लिए क्‍यों जाते हैं। यह धर्म के नाम पर धोखा है। मैं इस तरह के धर्म पर यकीन नहीं करता। धर्म वह है जो गरीबों व वंचितों को न्‍याय दिलाए।’ इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।

इससे कोई सबक लिए बिना अग्निवेश ने मंगलवार को मुंबई में कहा कि 'बिग बॉस' में झगड़े होते हैं, लेकिन वह देख कर मुझे उतना दुख नहीं हुआ जितना कभी-कभी संसद में सांसदों या विधानसभाओं में विधायकों का बर्ताव देख कर होता है।

'बिग बॉस' के पांचवें संस्करण में अग्निवेश की मंगलवार को वाइल्ड कार्ड एंट्री हो रही है। अग्निवेश जहां इसे समाज में बदलाव का जरिया के रूप में ले रहे हैं, वहीं भगत सिंह क्रांति सेना इस पर भड़की हुई है।

कश्मीर पर विवादास्पद टिप्पणी के चलते टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण पर उनके ही चैंबर में हमला करने की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन भगत सिंह क्रांति सेना ने अग्निवेश की तीखी आलोचना करते हुए अपनी वेबसाइट और फेसबुक अकाउंट पर एक चिट्ठी पोस्ट की है। इस चिट्ठी में अग्निवेश के लिए अपमानजनक बातें कही गई हैं। सेना के अध्यक्ष तजिंदर पाल सिंह बग्गा की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में स्वामी अग्निवेश को पाकिस्तान का दलाल और राष्ट्रद्रोही तक कह डाला गया है


बग्गा ने बिग बॉस के निर्माताओं को धमकी भरे अंदाज में लिखा है, 'अगर अग्निवेश ने बिग बॉस के घर में कोई ऐसा बयान दिया जिसमें राष्ट्रद्रोह, भारतीय सेना की आलोचना, अलगाववादियों का समर्थन होगा तो यह न सिर्फ बिग बॉस के घर के लिए अच्छा नहीं होगा बल्कि आपके घर की सेहत के लिए भी अच्छा नहीं होगा। उम्मीद है कि आप हमारी बातों को गंभीरता से लेंगे, नहीं तो समझाने के लिए आपके घर आना पडे़गा।'



उधर, बकौल अग्निवेश वह टीम अन्ना में मतभेद और आंदोलन में पारदर्शिता की कमी को लेकर अपने विचार रखने की तैयारी में हैं। अग्निवेश का दावा है कि इस शो में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने किसी तरह की डील नहीं की है। अग्निवेश को उम्मीद है कि वह लंबे समय तक शो का हिस्सा बने रहेंगे।

अग्निवेश का कहना है, 'बिग बॉस में हिस्सा लेना अपने आप में चुनौती है। यह मध्य वर्ग तक पहुंचने की कोशिश है ताकि मैं इस वर्ग को यह बता सकूं कि मेरा क्या स्टैंड है।' 72 साल के अग्निवेश का यह भी कहना है कि उन्हें शो के बारे में ज़्यादा पता नहीं है। अग्निवेश के मुताबिक, 'मैंने बिग बॉस ज़्यादा नहीं देखा है, लेकिन जो थोड़ा बहुत देखा है उससे पता चलता है कि लोग इस कार्यक्रम में झगड़ा करते हैं

हादसा: हरिद्वार में गायत्री महाकुंभ के दौरान मची भगदड़, 22 मरे

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हरिद्वार. उत्‍तराखंड के हरिद्वार में आज एक धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की तादाद बढ़कर 22 हो गई है। हादसा यहां चल रहे गायत्री महाकुंभ के दौरान हुआ। भगदड़ में कम से कम 30 लोगों के जख्‍मी होने की भी खबर है। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। हताहतों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

इस हादसे की वजह को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु ‘यज्ञ’ में हिस्‍सा लेने के लिए शांतिकुंज आश्रम में घुसने की कोशिश कर रहे हैं तभी गेट पर भगदड़ मच गई। घटना की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। घायलों को स्‍थानीय अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। समारोह के आयोजकों के मुताबिक हादसा उस वक्‍त हुआ जब हवन के लिए लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यज्ञ के दौरान वहां भारी भीड़ मौजूद थी और धुआं उठने से कई लोगों को दम घुटने की शिकायत हुई जिससे बचने के लिए वहां भगदड़ मच गई। इस हादसे में घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में उत्‍तर प्रदेश, बिहार, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ के लोग हैं (मृतकों की सूची पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)।

भगदड़ के दौरान लोग यहां-वहां भागने लगे, जिसमें कई महिलाएं और बच्चे जमीन पर गिर गए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी भगदड़ के वक्त आश्रम में यज्ञ कर रहे थे।

धार्मिक गुरु पंडित श्रीराम शर्मा की जन्‍मशती के मौके पर आयोजित समारोह में हिस्‍सा लेने के लिए देश विदेश से लाखों लोग जमा हुए थे। हरिद्वार के मशहूर हर की पौड़ी में लाल जी वाला क्षेत्र में यह हादसा हुआ। हर की पौड़ी गंगा आरती के लिए दुनियाभर में मशहूर मशहूर है (वीडियो देखने के लिए रिलेटेड खबर पर क्लिक करें)।

स्‍थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हादसे पर शोक जताया है। हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी ने कहा है क‌ि यह कार्यक्रम कल खत्म हो जाएगा।

पुलिस के सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर देश और विदेश से लगभग दो लाख लोग जमा हुए थे। इसे कुंभ मेला के बाद सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने शांतिकुंज आश्रम के अधिकारियों पर पुलिस और जिला प्रशासन को समारोह के प्रबंधन में शामिल नहीं करने का आरोप लगाया।

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