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09 नवंबर 2011

यह है गीता का ज्ञान .............

( सगुण भगवान का प्रभाव और कर्मयोग का विषय )
श्री भगवानुवाच
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ ।
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वत मनु से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु से कहा॥1॥
एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदुः ।
स कालेनेह महता योगो नष्टः परन्तप ॥
भावार्थ : हे परन्तप अर्जुन! इस प्रकार परम्परा से प्राप्त इस योग को राजर्षियों ने जाना, किन्तु उसके बाद वह योग बहुत काल से इस पृथ्वी लोक में लुप्तप्राय हो गया॥2॥
स एवायं मया तेऽद्य योगः प्रोक्तः पुरातनः ।
भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम्‌ ॥
भावार्थ : तू मेरा भक्त और प्रिय सखा है, इसलिए वही यह पुरातन योग आज मैंने तुझको कहा है क्योंकि यह बड़ा ही उत्तम रहस्य है अर्थात गुप्त रखने योग्य विषय है॥3॥
अर्जुन उवाच
अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः ।
कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- आपका जन्म तो अर्वाचीन-अभी हाल का है और सूर्य का जन्म बहुत पुराना है अर्थात कल्प के आदि में हो चुका था। तब मैं इस बात को कैसे समूझँ कि आप ही ने कल्प के आदि में सूर्य से यह योग कहा था?॥4॥
श्रीभगवानुवाच
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन ।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- हे परंतप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, किन्तु मैं जानता हूँ॥5॥
अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन्‌ ।
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया ॥
भावार्थ : मैं अजन्मा और अविनाशीस्वरूप होते हुए भी तथा समस्त प्राणियों का ईश्वर होते हुए भी अपनी प्रकृति को अधीन करके अपनी योगमाया से प्रकट होता हूँ॥6॥
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥
भावार्थ : हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ॥7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌ ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
भावार्थ : साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूँ॥8॥
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्वतः ।
त्यक्तवा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात निर्मल और अलौकिक हैं- इस प्रकार जो मनुष्य तत्व से (सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दन परमात्मा अज, अविनाशी और सर्वभूतों के परम गति तथा परम आश्रय हैं, वे केवल धर्म को स्थापन करने और संसार का उद्धार करने के लिए ही अपनी योगमाया से सगुणरूप होकर प्रकट होते हैं। इसलिए परमेश्वर के समान सुहृद्, प्रेमी और पतितपावन दूसरा कोई नहीं है, ऐसा समझकर जो पुरुष परमेश्वर का अनन्य प्रेम से निरन्तर चिन्तन करता हुआ आसक्तिरहित संसार में बर्तता है, वही उनको तत्व से जानता है।) जान लेता है, वह शरीर को त्याग कर फिर जन्म को प्राप्त नहीं होता, किन्तु मुझे ही प्राप्त होता है॥9॥
वीतरागभय क्रोधा मन्मया मामुपाश्रिताः ।
बहवो ज्ञानतपसा पूता मद्भावमागताः ॥
भावार्थ : पहले भी, जिनके राग, भय और क्रोध सर्वथा नष्ट हो गए थे और जो मुझ में अनन्य प्रेमपूर्वक स्थित रहते थे, ऐसे मेरे आश्रित रहने वाले बहुत से भक्त उपर्युक्त ज्ञान रूप तप से पवित्र होकर मेरे स्वरूप को प्राप्त हो चुके हैं॥10॥
ये यथा माँ प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्‌ ।
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूँ क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं॥11॥
काङ्‍क्षन्तः कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवताः ।
क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा ॥
भावार्थ : इस मनुष्य लोक में कर्मों के फल को चाहने वाले लोग देवताओं का पूजन किया करते हैं क्योंकि उनको कर्मों से उत्पन्न होने वाली सिद्धि शीघ्र मिल जाती है॥12॥
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः ।
तस्य कर्तारमपि मां विद्धयकर्तारमव्ययम्‌ ॥
भावार्थ : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र- इन चार वर्णों का समूह, गुण और कर्मों के विभागपूर्वक मेरे द्वारा रचा गया है। इस प्रकार उस सृष्टि-रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान॥13॥
न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा ।
इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते ॥
भावार्थ : कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है, इसलिए मुझे कर्म लिप्त नहीं करते- इस प्रकार जो मुझे तत्व से जान लेता है, वह भी कर्मों से नहीं बँधता॥14॥
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभिः ।
कुरु कर्मैव तस्मात्वं पूर्वैः पूर्वतरं कृतम्‌ ॥
भावार्थ : पूर्वकाल में मुमुक्षुओं ने भी इस प्रकार जानकर ही कर्म किए हैं, इसलिए तू भी पूर्वजों द्वारा सदा से किए जाने वाले कर्मों को ही कर॥15॥
किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिताः ।
तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात्‌॥
भावार्थ : कर्म क्या है? और अकर्म क्या है? इस प्रकार इसका निर्णय करने में बुद्धिमान पुरुष भी मोहित हो जाते हैं। इसलिए वह कर्मतत्व मैं तुझे भलीभाँति समझाकर कहूँगा, जिसे जानकर तू अशुभ से अर्थात कर्मबंधन से मुक्त हो जाएगा॥16॥
कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मणः ।
अकर्मणश्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गतिः ॥
भावार्थ : कर्म का स्वरूप भी जानना चाहिए और अकर्मण का स्वरूप भी जानना चाहिए तथा विकर्म का स्वरूप भी जानना चाहिए क्योंकि कर्म की गति गहन है॥17॥
कर्मण्य कर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः ।
स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत्‌ ॥
भावार्थ : जो मनुष्य कर्म में अकर्म देखता है और जो अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान है और वह योगी समस्त कर्मों को करने वाला है॥18॥

कुरान का संदेश .............

29 साल बाद ब्रह्मांड में पिता और पुत्र की दुश्मनी एक ही राशि में

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29 साल बाद ब्रम्हांड के दो बड़े दुश्मन एक ही राशि में आने वाले हैं। सूर्य और शनि पिता-पुत्र है। 15 तारीख को शनि अपनी उच्च राशि में आ जाएगा लेकिन सूर्य पहले से ही तुला राशि में है। ये सूर्य की नीच राशि है। सूर्य और शनि एक दूसरे के दुश्मन है लेकिन 15 तारिख से सूर्य और शनि एक ही राशि में आ जाएंगे। सूर्य 17 तारीख को अपनी राशि बदल लेगा और वृश्चिक राशि में आ जाएगा।



इस साल का महासंयोग-

इस साल की शुरुआत यानी एक जनवरी को शनिवार था। इस साल का आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को भी शनिवार ही है। हिन्दू पंचांगों के अनुसार अभी क्रोधी नाम का संवत्सर चल रहा है। इसके स्वामी शनि देव हैं। ज्योतिषियों के अनुसार लगभग 150 साल पहले ऐसा हुआ था कि शनि अपने ही संवत्सर में अपनी उच्च राशि में आया हो।



जानें किस राशि वाले पर क्या असर

ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की यह स्थिति ज्यादातर राशियों के जातकों के लिए शुभ रहेगी।



मेष- इस राशि वालों को धन लाभ होगा। विद्यार्थियों के लिए शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में इस राशि वालों को पदोन्नति मिलेगी। शनि सामान्य रहेगा।

वृष- इस राशि वालों के लिए शुभ फल देने वाला होगा। वृष राशि वालों को हर काम में सफलता मिलेगी।

मिथुन- मिथुन राशि वालों को संतान सुख मिलेगा। सम्पति मिलेगी और ढैय्या उतरेगी।

कर्क- इस राशि के लोग बच के रहेें दुर्घटना और राजकीय पीड़ा के योग बनेंगे।

सिंह- सिंह राशि वालों के लिए भाग्योदय का समय रहेगा। हर काम पूरे होंगें। कार्य सिद्धि और साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी।

कन्या- इस राशि से शनि के निकलने से प्रमोशन, धन लाभ मिलेगा।

तुला- तुला राशि वालों को शत्रुओं पर विजय मिलेगी साथ ही मेहनत अधिक करना पड़ेगी।

वृश्चिक- इस राशि वालों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ सकता है। विश्वास घात भी हो सकता है सावधान रहें।

धनु- इस राशि वालों को आर्थिक लाभ और राज पद से सम्मान मिलेगा।

मकर- मकर राशि वालों के हर काम पूरे होंगे। रूका हुआ पैसा मिलेगा।

कुंभ- कुंभ राशि वालों को मान-सम्मान में वृद्धि मिलेगी। अचानक धन लाभ के योग बनेंगे।

मीन- इस राशि वालों को सावधान रहना चाहिए। शारीरिक व आर्थिक पीड़ा हो सकती है।

कार्तिक पूर्णिमा आज, अवश्य करें दीपदान


कार्तिक मास की पूर्णिमा बड़ी पवित्र तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि ने इस तिथि को परम पुण्डदायी बताया है। इस दिन गंगा स्नान तथा शाम के समय दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस बार यह तिथि 10 नवंबर, गुरुवार को है।

पुराणों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था, इस कारण इसमें किए गए दान, जपादि का दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन यदि कृत्तिका नक्षत्र हो तो यह महाकार्तिकी होती है, भरणी हो तो विशेष फल देती है और यदि रोहिणी हो तो इसका फल और भी बढ़ जाता है (इस पूर्णिमा पर भरणी नक्षत्र का योग बन रहा है)।

जो व्यक्ति पूरे कार्तिक मास स्नान करते हैं उनका नियम कार्तिक पूर्णिमा को पूरा हो जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा सुनी जाती है। शाम के समय मंदिरों, चौराहों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप जलाए जाते हैं और नदियों में दीपदान किया जाता है। काशी में यह तिथि देवदीपावली महोत्सव के रूप में मनाई जाती है।

गुरुनानक जयंती आज, मानवता का संदेश देता है प्रकाश पर्व




कार्तिक मास की पूर्णिमा पर सिक्ख धर्मावलंबियों द्वारा प्रकाश पर्व मनाया जाता है। प्रकाश पर्व सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस बार गुरुनानक जयंती 10 नवंबर, गुरुवार को है।

मान्यता के अनुसार गुरुनानक देव का जन्म अप्रैल सन् 1469 में लाहौर के पास तलवंडी में हुआ। इनका परिवार कृषि आदि कार्य से संबंधित था। गुरुनानक का जहां जन्म हुआ था वह स्थान उन्हीं के नाम पर अब ननकाना के नाम से जाना जाता है। ननकाना अब पाकिस्तान में है। नानकदेवजी बचपन से प्रखर बुद्धि थे। प्रारंभ से ही इनके चेहरे पर अद्भुत तेज दिखाई देता था। नानकजी का विवाह 16 वर्ष की उम्र में हुआ।

इनके दो पुत्र हुए। चूंकि नानकदेव का मन धर्म और अध्यात्म की ओर था अत: वे पत्नी और बच्चों को ससुराल में छोड़कर धर्म के मार्ग पर निकल गए। गुरुनानकजी ने अपने पूरे जीवन में सामाजिक कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया। समाज में एकरूपता लाने के लिए अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया। इन्होंने यही संदेश दिया कि ईश्वर एक है और हमें उसी की आराधना करनी चाहिए।

गुरुनानकजी ने भारत सहित अनेक देशों की यात्राएं की। वे मानवीय और धार्मिक एकता के उपदेशों और शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। ऐसा माना जाता है कि गुरुनानक देव ने 1539 देह का त्याग किया।

कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने लिया था मत्स्यावतार

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धर्मग्रंथों में कार्तिक पूर्णिमा को बड़ा ही परम पुण्डदायी तिथि बताया है। इस बार यह तिथि 10 नवंबर, गुरुवार को है। पुराणों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इसकी कथा इस प्रकार है-

कृतयुग के आदि में राजा सत्यव्रत हुए। राजा सत्यव्रत एक दिन नदी में स्नान कर जलांजलि दे रहे थे। अचानक उनकी अंजलि में एक छोटी सी मछली आई। उन्होंने देखा तो सोचा वापस सागर में डाल दूं लेकिन उस मछली ने बोला-आप मुझे सागर में मत डालिए अन्यथा बड़ी मछलियां मुझे खा जाएंगी। तब राजा सत्यव्रत ने मछली को अपने कमंडल में रख लिया। मछली और बड़ी हो गई तो राजा ने उसे अपने सरोवर में रखा, तब देखते ही देखते मछली और बड़ी हो गई।

राजा को समझ आ गया कि यह कोई साधारण जीव नहीं है। राजा ने मछली से वास्तविक स्वरूप में आने की प्रार्थना की। राजा की प्रार्थना सुन साक्षात चारभुजाधारी भगवान विष्णु प्रकट हो गए और उन्होंने कहा कि ये मेरा मत्स्यावतार है। भगवान ने सत्यव्रत से कहा-सुनो राजा सत्यव्रत! आज से सात दिन बाद प्रलय होगी। तब मेरी प्रेरणा से एक विशाल नाव तुम्हारे पास आएगी। तुम सप्त ऋषियों, औषधियों, बीजों व प्राणियों के सुक्ष्म शरीर को लेकर उसमें बैठ जाना, जब तुम्हारी नाव डगमगाने लगेगी तब मैं मत्स्य के रूप में तुम्हारे पास आऊंगा।

उस समय तुम वासुकि नाग के द्वारा उस नाव को मेरे सींग से बांध देना। उस समय प्रश्न पुछने पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा, जिससे मेरी महिमा जो परब्रह्म नाम से विख्यात है तुम्हारे ह्रदय में प्रकट हो जाएगी। तब समय आने पर मत्स्यरूपधारी भगवान विष्णु ने राजा सत्यव्रत को तत्वज्ञान का उपदेश दिया, जो मत्स्यपुराण नाम से प्रसिद्ध है।

बार-बार लोहे से चोट लगे तो समझो आप पर शनि का है साया, क्योंकि...

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कई बार छोटी-छोटी लापरवाहियों या किसी और की गलती के कारण हमें चोट लग जाती है। वैसे तो यह एक सामान्य सी बात है लेकिन इस प्रकार की चोट यदि लौहे से लगती है तो ये बात गंभीर हो जाती है। ज्योतिष के अनुसार लौहे से चोट लगने के पीछे शनि का प्रभाव होता है।

शनिदेव सभी नौ ग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं क्योंकि इन्हें न्यायाधिश का पद प्राप्त है। शनि महाराज ही व्यक्ति के सभी अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं। साढ़ेसाती और ढैय्या के काल में शनि राशि विशेष के लोगों को उनके कर्मों का फल देते हैं। यदि किसी व्यक्ति ने जाने-अनजाने कोई गलत कार्य किया है तो शनि उसे वैसी ही सजा देते हैं। इसी वजह से इन्हें क्रूर ग्रह भी माना जाता है।

यदि आपको बार-बार लौहे की वस्तुओं से चोट लगती रहती है तो ध्यान रखें ज्योतिष के अनुसार यह गंभीर बात है। इसका सीधा इशारा यही है आपसे जाने-अनजाने कोई गलती हो गई है। ऐसे में लौहे से चोट लगाने के पीछे शनि का ही प्रभाव बताया जाता है। चूंकि लौहा शनि की प्रिय धातु है अत: इससे हमें किसी प्रकार का नुकसान होना शनि के नाराज होने की सूचना मात्र समझना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसा बार-बार होता है तो उसे शनि के निमित्त विशेष पूजन आदि कार्य किया जाना चाहिए। प्रति शनिवार तेल का दान करें और भगवान शनि के दर्शन करें। कार्यों में पूरी तरह सावधानी रखें।

एक-दूजे के इश्क में पागल हुए भाई-बहन लेकिन...

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मोरबी।रिश्ते में पैतृक भाई-बहन होने के बावजूद दोनों के बीच प्रेम के अंकुर फूट वटवृक्ष बन गए। लेकिन यह रिश्ता परवान चढ़ने वाला नहीं था। रिश्ता स्वीकारने की तो बात दूर समाज तो यह सुनना भी पसंद नहीं करता। इसीलिए बिछड़ने के डर से 20 वर्षीय भाईऔर 15 वर्षीय बहन ने मौत को गले लगाना ही बेहतर समझा। गत रविवार को दोनों ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली।

महेंद्रगढ़ गांव में रहने वाले संजय दिनेश कोली (20) और पायल कोली (15) ने कपास में छिड़की जाने वाली जहरीली दवा पी ली थी। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि रिश्ते में भाई-बहन होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे। इसके साथ ही वे यह भी अच्छी तरह जानते थे कि उनका यह रिश्ता किसी को स्वीकार्य नहीं होगा। इसलिए बिछड़ने के डर से दोनों से जहर पीकर आत्महत्या कर ली।

डॉक्टर साहब 11.11.11 को 11 बजे ही चाहिए बच्चा


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कोटा. शुक्रवार को 100 साल बाद आ रहे इस सदी के अनूठे 11.11.11 के त्रिपदीय संयोग को लेकर शहरवासियों में जबर्दस्त संयोग है।

कई योगों के साथ आ रहे इस महासंयोग को जीवनभर यादगार बनाने के लिए कई लोगों ने तैयारियां और प्लानिंग की है। अपने लाडले की बर्थ डे यादगार रहे इसलिए उन दंपतियों ने भी इस दिन 11 बजे ही डॉक्टर से सिजेरियन बच्चे की डिमांड की है जिनकी डिलेवरी अगले 10-20 दिन में होने वाली है।

डॉक्टरों ने भी प्रसूता और उसके गर्भस्थ शिशु की सेहत के आधार पर इनमें से कुछ लोगों को हां कह दी है। डॉक्टर्स की मानें तो करीब 9 दंपतियों ने 11 नंवबर को डिलेवरी की तैयारियां की हैं। इस बीच जिन युवक-युवतियों की 11 नवंबर को शादी होने वाली है या जिनका बर्थ डे आ रहा है, वे भी इस यादगार पल को लेकर खासे रोमांचित हैं।


कई लोगों ने इस दिन गृह प्रवेश, नए कारोबार की शुरुआत और दूसरे मांगलिक कार्यो की शुरुआत की तैयारी भी की है। जिन लोगों के घरों में दो-चार दिन के भीतर किलकारी गूंजने वाली है वे 100 साल बाद आ रहे इस दुर्लभ संयोग पर बच्चे का जन्म करवाने के लिए अपनी गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क कर रहे हैं।

पीएमसी अमेरिकन अस्पताल में 6 प्रसूताओं ने 11 नवंबर को सिजेरियन डिलेवरी करवाने की मंशा जाहिर करते हुए बुकिंग करवाई है। इसी प्रकार खंडेलवाल नर्सिग होम में 2 तथा कृष्णा नर्सिग होम में 1 प्रसूता ने बुकिंग करवाई है।


शानू और हिना के लिए यादगार होगा निकाह


टिपटा निवासी शानू उर्फ शाहनवाज व उनकी होने वाली पत्नी हिना ने निकाह की तारीख के लिए 11 नवंबर का चयन किया है। शानू का कहना है कि उनका निकाह तो पहले ही तय हो गया था लेकिन, 11.11.11 का संयोग आ रहा है इसलिए उसे यादगार बनाने के लिए उन्होंने यह तारीख चुनी है।


बर्थ डे को यादगार बनाने की मंशा

भाजपा देहात महिला मोर्चा अध्यक्ष संगीता माहेश्वरी ने बताया कि 11 नवंबर को उनका बर्थ डे आ रहा है। वे सालासर बालाजी के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगी। उनकी मंशा है कि वे जयपुर में पार्टीजनों के बीच बर्थडे मनाएं और लालकृष्ण आडवाणी से बर्थडे केक कटवाएं। इसके लिए वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से आग्रह करेंगी।

क्यों कर रहे हैं ऐसा

11 नवंबर 2011 को ग्यारह का त्रिपदीय संयोग है। जो कई अर्थो में शताब्दी का सबसे अनोखा समय होगा। इस दिन 5 बार ऐसा समय आएगा जब वर्ष, माह, तिथि, घंटा व मिनट एक ही अंक पर आ टिकेंगे। भारतीय ज्योतिष और दर्शन में इसे खासतौर पर शुभ और मंगलदायक माना जा रहा है।

"इस संयोग पर बच्चे को जन्म देने के लिए कई प्रसूताओं ने संपर्क किया। उनमें से 6 प्रसूताओं की तारीख इसके आसपास आ रही थी इसलिए इस दिन उनका सिजेरियन किया जाएगा।"

- डॉ. पीयूष चतर, डायरेक्टर पीएमसी अस्पताल

"न केवल 11.11.11 को बच्चे का जन्म करवाने की इच्छा है बल्कि इस दिन भी 11 बजे बच्चे को जन्म देना चाहते हैं। कई लोगों ने इसके लिए संपर्क किया। जिसमें 2 प्रसूताओं का सिजेरियन इस दिन 11 बजे किया जाएगा।"

-डॉ. कमलेश केदावत, खंडेलवाल अस्पताल

"एक प्रसूता की सिजेरियन डिलवरी होनी है। जब उसके पति को यह बात बताई तो उसने 11.11.11 को ही ऑपरेशन करने की इच्छा जताई। इसी दिन 11 बजे उसका आपरेशन करवाया जाएगा।"

- डॉ. रीना कौशिक, कृष्णा हॉस्पिटल

कश्मीर में शहीद राजस्थान का लाल, अंतिम विदाई में भर आई हर आंख!


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झुंझुनूं/जयपुर.जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में बर्फबारी के दौरान शहीद हुए नायब सूबेदार विद्याधर महला का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया। राज्य सरकार की ओर से कलेक्टर जोगाराम, एसपी शिवलाल जोशी ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

सेना व पुलिस के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद के पुत्र प्रवीण ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मौके पर मौजूद हर आंख नम हो गई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मुंह से निकला-हमें पपलू नहीं, मर्द चाहिए

भोपाल.‘हमें पपलू नहीं, मर्द चाहिए। हमारे पदाधिकारी दुश्मन को हमारी कमजोरियां बता देते हैं। मैं सब पदाधिकारियों की सीआईडी जांच कराऊंगा। यदि शिकायत मिली तो हटा भी दूंगा।’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की पहली बैठक में कुछ इसी अंदाज में नजर आए। इस दौरान न केवल भूरिया बल्कि मप्र प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री बीके हरिप्रसाद और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी नेताओं के बीच अविश्वास से परेशान नजर आए।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस पदाधिकारियों को नेताओं के आगे-पीछे घूमने की बजाय सड़क पर सक्रिय होने की सीख दे गए। बैठक में नेताओं के बीच अविश्वास साफ नजर आया। नेताओं के भाषण से साफ हो गया कि सात माह पहले प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व बदलने के बाद भी कांग्रेस में कुछ खास नहीं बदला है। दो चुनावों में पराजय के बाद तीसरा चुनाव सिर पर है, लेकिन कांग्रेस की कोई जमीनी तैयारी नहीं है।

उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद यहीं रहूंगा

दिग्विजय सिंह : पीसीसी के बाहर मेरे स्वागत के नारे नहीं, भाजपा सरकार की नाकामियां लिखें। बैनर-पोस्टर में फोटो लगाने से कुछ नहीं होगा, जमीन पर काम करें। मैं आपके साथ हूं और उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद मैं यहीं डेरा डालूंगा। बीके हरिप्रसाद : ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्षों की शिकायत करते हैं। जो पीसीसी में नहीं आया, वह दूसरों की शिकायत कर रहा है। यह बंद होना चाहिए। अब किसी पदाधिकारी ने शिकायत की तो मैं उसे हटाकर कार्यवाहक की नियुक्ति कर दूंगा।

अजय सिंह : चुनाव के लिए समय कम बचा है, हमें सक्रिय होना पड़ेगा। 2003 के चुनाव से पहले जिस तरह उमा भारती ने पूरा प्रदेश नापा था, वह हमें करना पड़ेगा। जिला व ब्लॉक अध्यक्षों को भी समन्वय बनाना पड़ेगा।

विश्व के 'सातवे आश्चर्य' की हैरतअंगेज कहानी सुन हैरान रह जाएंगे!

आगरा। यूपी के आगरा में स्थित जिस मक़बरे को ताज महल कहा जाता है, उसकी खूबसूरती के पीछे एक हैरतअंगेज कहानी छीपी है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण करवाने वाले शाहजहां ने ताजमहल के कारीगरों के हाथ काट कर यमुना नदी में फेंकवा दिया था। ताकी ताजमहल जैसी इमारत का दुबारा निर्माण ना हो सके। हालांकि इसके लिए पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। हम जानते हैं कि ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। यह वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फारसी, तुर्क, भारतीय एवं इस्लामिक वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। ताजमहल की जमीन के बदले देना पड़ा था यह महल ताजमहल आगरा नगर के दक्षिण छोर पर एक छोटे भूमि पठार पर बनाया गया था। इसके बदले जयपुर के महाराजा जयसिंह को आगरा शहर के मध्य एक वृहत महल दिया था। इस क्षेत्र में पचास कुएं खोद कर कंकड़-पत्थरों से भरकर नींव स्थान बनाया गया। इन सामाग्रियों से बना विश्व का सातवां आश्चर्य ताजमहल को भारत सहित पूरे एशिया से लाई गई सामग्री से बनाया गया था। करीब एक हजार हाथी निर्माण के दौरान यातायात के लिए इस्तेमाल हुए थे। पराभासी श्वेत संगमर्मर को राजस्थान से लाया गया था, जैस्पर को पंजाब से, हरिताश्म या जेड एवं स्फटिक या क्रिस्टल को चीन से। तिब्बत से फीरोजा़, अफगानिस्तान से लैपिज़ लजू़ली, श्रीलंका से नीलम एवं अरबिया से इंद्रगोप या कार्नेलियन लाए गए थे। कुल मिला कर अठ्ठाइस प्रकार के बहुमूल्य पत्थर एवं रत्न श्वेत संगमर्मर में जडे़ गए थे।

दुश्मन के ठिकाने को नेस्तनाबूत करने का 'महाभ्यास'!



जोधपुर.भारतीय वायुसेना की गांधीनगर स्थित साउथ वेस्टर्न एयर कमान 20 नवंबर से युद्धाभ्यास ‘महा-गुजराज 2011’ शुरू करेगी। 13 दिसंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास के तहत वायुसेना राजस्थान में सेना की 21 स्ट्राइक कोर के साथ सुदर्शन शक्ति में संयुक्त अभ्यास करेगी।

पोकरण के फायरिंग रेंज और बाड़मेर के रेतीले टीलों में वायुसेना दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का अभ्यास कर अपनी मारक क्षमता को परखेगी। सेना के साथ आपसी तालमेल कर दुश्मन से जंग लड़ने का अभ्यास किया जाएगा।

वायु शक्ति अभ्यास के बाद अब वायुसेना बड़े स्तर पर महा-गुजराज 2011 अभ्यास शुरू करने वाली है। इसमें साउथ वेस्टर्न कमान के गांधीनगर स्थित मुख्यालय और जोधपुर स्थित एयरबेस की अहम भूमिका होगी।

वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक और अपग्रेड सुखोई 30, जगुआर, मिराज 2000, मिग 27, मिग 29 व बाइसन जैसे लड़ाकू विमान में अपनी मारक क्षमता दिखाएंगे। फाइटर व ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर भी इस अभ्यास में शामिल होंगे

इस दौरान कम समय में दुश्मन को नुकसान पहुंचाने के साथ ही रसायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया जाएगा।

इस अभ्यास में वायुसेना के नए उपकरणों व मिसाइलों के साथ ही एयरबोन वार्निग कंट्रोल सिस्टम (एवाक्स), फ्लाइट रिफ्यूलर एयरक्राफ्ट, नए राडार तथा नए नेटवर्किग सिस्टम का उपयोग भी किया जाएगा।

वायुसेना इस अभ्यास में हवाई ताकत दिखाने के साथ उप पारंपरिक व परंपरागत आपरेशन में नई अवधारणाओं का परीक्षण करेगी। सदी की इस सबसे बड़ी एक्सरसाइज में वायुसेना सेना के साथ संयुक्त रूप से जंग लड़ने का अभ्यास करेगी।

इस दौरान कम समय में दुश्मन को नुकसान पहुंचाने के साथ ही रसायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया जाएगा।

सुदर्शन शक्ति पर सेना की चुप्पी

वायुसेना ने तो अपना महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास महा-गुजराज 20 नवंबर को शुरू करने का ऐलान कर दिया, लेकिन थल सेना ने सुदर्शन शक्ति की शुरुआत की तारीख पर अब तक चुप्पी साधी हुई है। जबकि सीमा पार पाकिस्तान ने चीन सेना के साथ संयुक्त अभ्यास 16 नवंबर से शुरू करने का ऐलान कर रखा है।

दाऊद को पड़े दो दिल के दौरे, आवाजाही की कम, भारत में दफन होने की चाहत


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मुंबई.भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की सेहत लगातार गिर रही है। खबरों के मुताबिक 56 साल के दाऊद को दो दिल के दौरे पड़े हैं, जिसके बाद उसकी आवाजाही कम हो गई है। खबरों के मुताबिक कराची में मौजूद डॉक्टरों ने उसके ज़्यादा चलने फिरने पर रोक लगा दी है।

दाऊद की सेहत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने भारत में मौजूद अपने गुर्गों से कहा है कि वह मुंबई या मुंबई से करीब 218 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में मौजूद खेड़ कस्बे में उसके दफन होने के लिए जगह की तलाश करें।

यही वजह है कि इस खबर की पुष्टि क्राइम ब्रांच ने भी की है कि अंडरवर्ल्ड डॉन ने अपने गुर्गों को यह काम सौंपा है। क्राइम ब्रांच के प्रमुख हिमांशु रॉय ने इस बारे में कहा, 'हमें दाऊद की भारत में दफन होने की इच्छा के बारे में मालूम है।'

गौरतलब है कि दाऊद इनदिनों कराची में रह रहा है। 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के पीछे दाऊद का हाथ है, जिसमें 250 लोग मारे गए थे। बताया जाता है कि दाऊद ने हर्ट अटैक के चलते ही एक साल पहले अपनी छोटी बेटी की शादी की तारीख आगे बढ़ा दी थी।

चेतावनी: पेट्रोल के लिए करना होगा लंबा इंतजार, पंपों पर लगेगी लंबी कतार

आर्थिक नतीजे : इंडियन ऑयल की दूसरी तिमाही के आर्थिक नतीजों को सार्वजनिक करते हुए बुटोला ने कहा कि दूसरी तिमाही में (जुलाई-सितंबर) अब तक के सबसे खराब वित्तीय नतीजे आए हैं। इस दौरान 7485.55 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। पिछले साल इसी समयावधि में कंपनी को 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लाभ हुआ था।

नई दिल्ली. पेट्रोल के दाम में एक और इजाफे की आशंका जताते हुए देश की सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा है कि संभव है कि तीन महीने बाद लोगों को पेट्रोल पंपों पर लंबी कतार में भी खड़ा होना पड़े। कंपनी की खराब आर्थिक सेहत और उधार लेने की हद तक पहुंचने का हवाला देते हुए कंपनी के सीएमडी आरएस बुटोला ने कहा कि अगर सरकार से सहायता नहीं मिलती है तो कंपनी अगले तीन महीने तक किसी तरह बाजार से रुपया लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार से तेल आयात कर सकती है। लेकिन उसके बाद की स्थिति को लेकर वह आशंकित है। ऐसा होने पर कंपनी को अपनी कुछ रिफाइनरी में काम रोकना होगा। इससे पंपों पर सप्लाई कम होगी और लोगों को कतार में खड़ा होना पड़ सकता है।

डीजल-एलपीजी-मिट्टी तेल भी हो नियंत्रण मुक्त : बुटोला ने डीजल, एलपीजी, मिट्टी तेल की बिक्री से होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए कहा कि इनके दाम को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिए। जनता को उस पदार्थ का मूल्य चुकाना चाहिए, जिसका वे उपयोग कर रहे हैं। बुटोला ने कहा कि त्वरित आधार पर यह बुरा लग सकता है लेकिन दीर्घकाल में यही आर्थिक हित में है। उन्होंने कहा कि डीजल पर अभी प्रति लीटर 8.58 रुपए, मिट्टी तेल पर 25.66 रुपए प्रति लीटर और एलपीजी प्रति सिलेंडर पर 260.50 रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पर भी प्रति लीटर 2 पैसे का घाटा हो रहा है। घाटे पर इन पदार्थों को बेचने से कंपनी को प्रतिदिन 4 लाख रुपए से अधिक का घाटा हो रहा है।

महंगाई का असर, पेट्रोल की खरीद में गिरावट

आरएस बुटोला ने कहा कि यह शायद तेल के दाम में वृद्धि का ही असर है कि सितंबर-अक्टूबर के त्योहारी मौसम को अगर छोड़ दें तो पेट्रोल की खरीदारी में गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान जहां खरीदारी की बढ़त दर 9 प्रतिशत से अधिक रहता है वहीं इस साल यह 6.1 प्रतिशत तक ही रहा। उन्होंने कहा कि डीजल की खरीदारी में गिरावट तो नहीं आई लेकिन इसमें इजाफा दर्ज नहीं किया गया। यह 5-6 प्रतिशत तक ही सीमित रहा। देश में करीब 13 मिलियन पेट्रोल की खपत है। इसमे से करीब आधे की बिक्री इंडियन ऑयल के पंपों से होती है।


हर साल 74 हजार भारतीय महिलाओं को निगल जाती है यह बीमारी


नई दिल्ली. पैप स्मीयर टेस्ट यानी सर्विक्स कैंसर (गर्भाशय) के कैंसर की मामूली सी जांच। इसी की अनदेखी से दुनिया में हर साल ढाई लाख और भारत में 74 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। यानी हर तीन में से एक मौत भारत में। ये जागरुकता की कमी ही है, वरना सरकारी कैंप में नि:शुल्क होने वाली इस जांच से इतनी महिलाओं की जान बचाई जा सकती थी

7 नवंबर को मनाए गए पैप स्मीयर डे पर भारत की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई। चिकित्सकों के अनुसार समय रहते इस बीमारी का यदि पता चल जाए तो निदान पूरी तरह संभव है। लेकिन ऐसा होता नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में हर साल पांच लाख मामले सामने आते हैं, जबकि हमारे देश में 1.34 लाख मामले। यानी दुनिया के हर चार में से एक मरीज भारतीय है। इंग्लैंड और अमेरिका में सर्विक्स कैंसर को लेकर जागरुकता और फॉलोअप का ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जिससे वहां किसी महिला की मौत सर्विक्स कैंसर से नहीं होती। वहां 21 से 65 साल की सभी महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट कराना कानूनी रूप से अनिवार्य है। ऐसा नहीं कराने पर उन्हें गिरफ्तार कर यह टेस्ट करवाया जाता है।

सर्विकल कैंसर की वजह

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के संक्रमण से होने वाले गर्भाशय कैंसर के लक्षण बहुत देर से उभरते हैं। इसी वजह से कैंसर के बहुत बढ़ जाने पर बीमारी की पहचान होती है। लेकिन तब इसका इलाज नहीं किया जा सकता। कैंसर की जल्दी पहचान करने का आसान तरीका है पैप स्मीयर टेस्ट।

मैडम क्यूरी की स्मृति में मनाया जाता है पैप स्मीयर डे

कैंसर के इलाज में इस्तेमाल हुई सबसे पहली धातु रेडियम ही थी। जिसका आविष्कार मैडम क्यूरी ने किया था। उन्हीं की याद में विश्व के चिकित्सक उनके जन्मदिन, 7 नवंबर, को पैप स्मीयर-डे के रूप में मनाते हैं। अब रेडियम के स्थान पर इंडियम या सीजियम का उपयोग किया जाता है।

ऐसे होता है पैप स्मीयर टेस्ट

- गर्भाशय की कुछ कोशिकाओं को जांच के लिए निकाल लिया जाता है।
- संक्रमित होने पर कोशिकाओं में बदलाव आते हैं, जिनकी पहचान परीक्षण के दौरान की जाती है।

ऐसे होता है इलाज

-कोशिकाएं असामान्य हैं, तो कॉल्पोस्कोपी नामक तकनीक से कैंसर का इलाज किया जाता है। इसमें एक केमिकल का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे कैंसर की सेल अलग रंग से चमकती है। इससे उन्हें निकालने में आसानी होती है। फिर उन्हें बर्फ या नाइट्रस ऑक्साइड गैस से जला दिया जाता है। इस प्रक्रिया को क्रायोकॉट्री कहते हैं। इसके अलावा इंग्लैंड में इलेक्ट्रिक तार से मरीज को बेहोश कर कैंसर सेल को जलाते हैं। कई मामलों में कैंसर ग्रस्त हिस्से को काट कर शरीर से अलग कर दिया जाता है। इसे कॉनबायोट्सी कहा जाता है।

टीके भी हैं उपलब्ध

- महिलाओं को कैंसर से बचाने के लिए सर्वेरिक्स और गर्डैसिल टीके लगभग सभी तरह के एचपीवी से बचाव करते हैं। ये टीके 9 वर्ष की बच्चियों को भी लगाए जा सकते हैं। सामान्य तौर पर 13 से 26 साल की उम्र में ये टीके लगाए जाते हैं। इनके तीन डोज दिए जाते हैं। चिकित्सकों का मानना है कि तीनों बार एक ही कंपनी का टीका लगाया जाना चाहिए।
- पुरुषों में भी ये टीके 9 से 26 साल में लगाए जा सकते हैं।

कइयों को 'धनवान' तो कइयों को 'सड़क' पर लाएगा ऐश्वर्या का बच्चा!

मुंबई.बॉलीवुड के बेताज बादशाह अमिताभ बच्चन अपने घर आने वाले नन्हे मेहमान को लेकर जितने उत्सुक हैं, उससे कहीं अधिक देश के सटोरिए हैं। बिग बी के बेटे अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन का पहला बच्चा 11.11.11 को पैदा होगा या नहीं, इसे लेकर बाजार में 150 करोड़ रूपए का सट्टा लग चुका है। अमिताभ ने जब से अपने घर नन्हे मेहमान के आने की सूचना सार्वजनिक की थी, तब से ही सटोरिए सक्रिय हो गए थे। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे की डिलीवरी की डेट करीब आ रही है, सटोरिए उतने ही अधिक सक्रिय हो रहे हैं। लड़का होगा या फिर लड़की, इसे लेकर भी काफी रूपए सट्टे पर लग चुके हैं। लेकिन फिलहाल पूरा फोकस डिलीवरी की डेट को लेकर है। मुंबई के अंग्रेजी अखबार के अनुसार, 11 नंवबर के अलावा 14 नवंबर को लेकर भी काफी पैसे लगाए गए हैं। लेकिन फेवरिट डेट 11 नवंबर ही है।

स्कूल जाते ही बेहोश हो जाती हैं छात्राएं, करने लगती हैं अजीब हरकतें!



धमतरी/रायपुर।धमतरी ब्लाक के ग्राम पीपरछेड़ी (गागरा) के मिडिल स्कूल में छात्राओं के बेहोश होने की घटना से ग्रामीण सहम गए हैं। मंगलवार को पुन: कक्षा छठवीं की छात्रा भोजकुमारी चेलक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बीते छ: महीने से ग्राम पीपरछेड़ी के स्कूल में छात्राओं के बेहोश होने की घटना सुर्खिया में है। छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक भी बेहोश हो जाते हैं। गांव में कई बार बैठकें भी हो गईं, पूजा-अनुष्ठान भी कराया गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही है।

दीवाली की छुट्टी के बाद अधिकांश छात्र-छात्राओं ने अब जाकर स्कूल जाना शुरु किया था, लेकिन स्कूल में पुन: छात्राओं के बेहोश होने का सिलसिला शुरु हो गया। सोमवार को भीखमराम चेलक की पुत्री भोजकुमारी चेलक (13) स्कूल पहुंची थी, जो बेहोश होकर गिर गई। वह कक्षा छठवीं छात्रा है।

शिक्षकों के सहयोग से परिजनों ने तत्काल धमतरी लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार डा. संजय वानखेड़े कर रहे हैं। अस्पताल में दिनभर बच्ची ठीक रही, शाम 5 बजते ही पुन: वह बेहोश हो गई। बताया गया है कि स्कूल में नीम का झाड़ है, जहां से गुजरने पर लड़कियां बेहोश होने लगती हैं।

इस चमत्कारी पावडर में छुपा है कई बीमारियों का इलाज

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कई रोगों में काम आने वाली पिप्पली के गुणों को आयुर्वेद के ग्रंथों में विस्तार से बताया गया हैं।आइये हम आपके लिए इनमें से कुछ खास गुण लेकर आयें हैं , जो इसके औषधीय महत्व को प्रकाशित करता है। अंगरेजी में इसे लांग पीपर के नाम से जाना जाता है।

-यह सांस नालियों में जमे म्यूकस यानि कफ को निकालने में मददगार होता है।

-यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने वाली औषधी है तथा हमारी आंत्र गुहा को भी ठीक रखती है ,अर्थात यह आँतों की पेरिस्टालटीक गति को भी नियंत्रित रखने में मददगार होती है।

-पिप्पली हमारी पाचन क्षमता को भी ठीक करने में मददगार होती है।

-यह त्वचा से सम्बंधित विकारों के लिए भी अत्यन्य फायदेमंद औषधी है , बस किसी भी प्रकार के कटे-फटे घाव में लगायें इसका तेल और देखें इसके लाभ।

-यह शरीर के किसे भी हिस्से में हो रहे वेदना का शमन करने वाली औषधी है।

-यह मूत्र वह संस्थान की विकृतियों में भी अपना अच्छा प्रभाव दर्शाती है।

- एक ग्राम पिप्पली चूर्ण को दोगुने शहद में मिलाकर चाटने से श्वास कास, हिक्का, ज्वर, स्वरभंग व प्लीहा रोग में लाभ होता है। यह पिप्पली कफरोग में बहुत लाभकारी है।

-यह एस्थमा,ब्रोंकाईटीस एवं पुरानी खांसी को दूर करने की रामबाण औषधी है।

इसके अलावा मलेरिया,डायरिया,पाईल्स,पेट दर्द ,भूख न लगना, हैजा, गैस बनना,नींद न आना आदि अनेकों रोगों में इसके प्रभाव गुणकारी हैं।

इस एक फंडे से पाइए जोड़ो व घुटनों के दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए

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यदि आप जोड़ों के दर्द आस्टीयो-आर्थराईटीस से हैं, परेशान तो न घबराएं विशेषज्ञों की मानें तो आहार में कुछ परिवर्तन के साथ नियमित व्यायाम इस प्रकार के जोड़ों के दर्द को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर सकता है। वेक फारेस्ट यूनिवर्सिटी के स्टीफन पी.मेसीयर के एक शोध में यह जानकारी दी गयी है, जिसे हाल ही में अमेरिकन कालेज आफ रयूमेटोलोजी के सालाना वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किया गया है।

आस्टीयो-आर्थराईटीस में सामन्यतया घुटनों की उपास्थि नष्ट हो जाती है ,तथा वजन में बढ़ोत्तरी ,उम्र एवं चोट ,जोड़ों में तनाव एवं पारिवारिक इतिहास आदि कारण इसे बढाने का काम करते हैं। ऐसे रोगियों में नियंत्रित आहार से वजन कम करना जोड़ों के दर्द को कम करने का कारगर उपाय है। यह अध्धयन 154 ओवरवेट लोगों में किया गया, जिनमें आस्टीयो-आर्थराईटीस के कारण घुटनों का दर्द बना हुआ था, इस शोध में लोगों को रेंडमली चुना गया, तथा उन्हें केवल आहार नियंत्रण एवं आहार नियंत्रण के साथ नियमित व्यायाम कराया गया और इन समूहों को एक कंट्रोल समूह से तुलना कर अध्ययन किया गया। इस अध्ययन से यह बात सामने आयी, कि आस्टीयो-आर्थराईटीस से पीडि़त रोगियों में वजन कम करना घुटनों के दर्द से राहत पाने का एक अच्छा विकल्प है

अगर आप अपने अंदर जगाना चाहते हैं हिम्मत, तो यह करें...




भौतिक चीजों के असली-नकली होने के मापदंड स्थूल होते हैं। थोड़ी अक्ल हो तो हम पहचान सकते हैं, कौन-सी चीज सही है और कौन-सी गलत। लेकिन जब जीवन के गुणों और दुगरुणों की बात आती है और उसमें असली-नकली की पहचान करनी हो तो झंझट शुरू हो जाती है।

संसार के काम करते हुए त्याग और वैराग्य लाना कठिन हो जाता है, जबकि शांति के लिए दोनों जरूरी हैं। वैराग्य का सामान्यतया अर्थ गलत लगा लिया जाता है। आदमी तभी त्याग कर सकता है, जब उसके भीतर वैराग्य जागा हो। वरना त्याग भी एक तरह का सौदा बन जाएगा।

वैराग्य का यह अर्थ नहीं होता कि चीजों को छोड़ दें, बल्कि इसका सही अर्थ यह होगा कि उन्हीं चीजों का सदुपयोग दूसरों के हित में होता रहे। जितना हम दूसरों को सही लाभ पहुंचा सकेंगे, उतना ही हमारे वैराग्य और त्याग का मतलब सही होगा। इसलिए कहते हैं अपने भीतर थोड़ी वैराग्य की वृत्ति होनी जरूरी है। बिना वैराग्य जागे हम अपने भीतर का जो भी रूपांतरण करना चाहेंगे, वह नकली होगा।

असली सद्गुण अपनाने के लिए साहस की जरूरत होती है। जब तक भीतर वैराग्य नहीं होता, साहस नहीं जागेगा। वैराग्य का अर्थ है छोड़ने की शक्ति। पकड़ने की चाह भय पैदा करती है और छोड़ने की इच्छा ताकत देती है। यदि वैराग्य भीतर है तो अहंकार छोड़ने का साहस आसान होगा। यह आध्यात्मिक समीकरण हम अपने हर सद्गुण और दुगरुण के साथ लगा सकते हैं।

पाकिस्तान में पढ़ाया जा रहा हिंदुओं के खिलाफ नफरत का पाठ, भारत बना रहा ई बम


इस्लामाबाद. पाकिस्तानी स्कूलों में हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ नफरत का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पाकिस्तानी स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापक अल्पसंख्यकों को इस्लाम के दुश्मन के तौर पर देखते हैं। अमेरिकी सरकार का एक आयोग अपनी रिपोर्ट में इन नतीजों पर पहुंचा है।

रिपोर्ट बुधवार को जारी किया गया। आयोग जिन नतीजों पर पहुंचा है, वे खतरनाक संकेत देते हैं। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में इस्लाम का चरमपंथी रूप ने गहरी पैठ बना ली है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि पाकिस्तान में आतंकवाद को मदद कैसे मिलती है या फिर से लोग क्यों बर्दाश्त करते हैं।

यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम के अध्यक्ष लियोनार्ड लियो के मुताबिक, 'भेदभाव भरी पढ़ाई से इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्तान में हिंसक धार्मिक चरमपंथ बढ़ता रहेगा, जिससे धार्मिक आज़ादी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता और दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बना रहेगा।'

आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया के मुस्लिमों के लिए 1947 में बनाए गए पाकिस्तान में शुरू में अल्पसंख्यकों को पूरे अधिकार दिए जाने की बात कही गई थी। लेकिन भारत के साथ लड़ी गई तीन जंग, अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ 80 के दशक में हुई लड़ाई में आतंकवादियों का समर्थन और कमजोर सरकारों द्वारा चरमपंथी मौलवियों और धर्मगुरुओं के तुष्टिकरण के चलते पाकिस्तानी समाज उग्र होता चला गया। धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यक और समानता के हक में बोलने वालों को पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के हमलों का शिकार बनना पड़ रहा है। आयोग ने चेतावनी दी है कि धार्मिक तौर पर भेदभाव करने की नीति को शिक्षा जैसे क्षेत्र में अगर रोकने की कोशिश की गई तो पाकिस्तान में ऐसी कोशिशों को चरमपंथियों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।

आयोग ने अपने अध्ययन में पाकिस्तान के चार राज्यों में कक्षा 1 से 10वीं तक की 100 से ज़्यादा किताबों की समीक्षा की। शोधकर्ताओं ने इस साल फरवरी में 37 पब्लिक स्कूलों का दौरा किया और 277 छात्रों के इंटरव्यू लिए। शोधकर्ताओं की यह टीम 19 मदरसों में भी गई, जहां 226 छात्रों और अध्यापकों के साक्षात्कार लिए गए।

उधर, पाकिस्‍तान से संभावित खतरों से निपटने के लिए जल्‍द ही भारती सेना के पास ई बम होगा। इस बम से इंसानों को नहीं होगा नुकसान, पर थम जाएगी जिंदगी

महंगे पेट्रोल के लिए कंपनियां नहीं, सरकार जिम्‍मेदार, अगले सप्‍ताह घटेंगे दाम!


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नई दिल्‍ली. इस साल करीब एक दर्जन बार पेट्रोल कीमतों में बढ़ोतरी झेल चुकी जनता को अगले सप्‍ताह थोड़ी राहत मिल सकती है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का कहना है कि अगर अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी का दौर जारी रहा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती बनी रही तो अगले सप्‍ताह भारत में भी पेट्रोल की कीमत घट सकती है। हालांकि यह कमी कितनी होगी, इस बारे में कुछ तय नहीं है।

आईओसी अध्‍यक्ष आरएस बुटोला ने कहा, 'पेट्रोल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल से घट कर 115 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के साथ ही यह दौर जारी रहना चाहिए।'

तेल कंपनियां अंतरराष्‍ट्रीय कीमतों के आधार पर ही हर 15 दिन पर दाम की समीक्षा करती हैं और दाम बढ़ा देती हैं। पिछले सप्‍ताह भी 1.80 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी इसी आधार पर की गई है। कंपनियों का कहना है कि उन्‍हें भारी घाटा हो रहा है। भारत में तेल बेचने वाली सबसे बड़ी और नवरत्‍न कंपनी आईओसी का कहना है कि चालू वित्‍त वर्ष के पहले तीन महीने में उसे 30700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक और कंपनी एचपीसीएल भी 3200 करोड़ रुपये का घाटा होने का दावा कर रही है।

दूसरी ओर, विशेषज्ञों का मानना है कि तेल कंपनियों को घाटा नहीं हो रहा है। उनकी राय में मामला यह है कि पेट्रोल पर मिलने वाली सब्सिडी का बोझ कौन उठाए- सरकार या तेल कंपनियां? इसी सवाल में पेट्रोल कीमतों में कमी उलझ कर रह गई है।

पूर्व वित्‍त मंत्री और भाजपा नेता यशवंत सिन्‍हा का कहना है कि सरकार टैक्स कम करके जनता को पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से निजात दिला सकती है। उनका दावा है कि इस वक्त पेट्रोल की कीमत में से एक बड़ा हिस्सा टैक्स का ही है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 68.65 रुपये लीटर है जबकि वास्तव में तेल की कीमत 23.37 रुपये है यानी बाकी 45.28 रुपये टैक्स है।

उन्होंने कच्चे तेल की खरीद और पेट्रोल की कीमत के बारे में बताया कि भारत ने कच्चे तेल के लिए जो करार किया है, उसके तहत रोजाना बाजार में कीमतों में उछाल के मुताबिक दाम नहीं बढ़ते। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तेल की कीमत का औसत निकाला जाता है और वही कीमत सरकार को देनी होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यह सही है कि कच्चे तेल की कीमत जुलाई 2008 में 146 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची थी लेकिन अगर 2006 से 2011 के बीच कच्चे तेल की औसत कीमत निकाली जाए तो वह 80 डॉलर प्रति बैरल है। इस तरह कायदे से पेट्रोल के दाम इतने बढ़ने ही नहीं चाहिए।



बीजेपी नेता ने सरकार ने इस तर्क को भी नकार दिया, जिसमें कहा गया था कि रुपये का अवमूल्यन होने की वजह से पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़े हैं। उनका कहना है कि जब रुपये की कीमत कम होती है तो पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाते हैं लेकिन जब रुपया महंगा होता है तो फिर दाम कम क्यों नहीं किए जाते। यही नहीं, अगर रुपये का अवमूल्यन हो रहा है तो उसे रोकने के लिए सरकार अपने 315 बिलियन डॉलर के रिजर्व का इस्तेमाल क्यों नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देशों में से भारत में ही पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा हैं। मसलन, अगर भारतीय रुपये के बराबर का आकलन किया जाए तो पाकिस्तान में भारतीय रुपये में 48.41 रुपये लीटर पेट्रोल मिल जाएगा। इसी तरह से बांग्लादेश में यह दर 44.80 रुपये और श्रीलंका में यह दर 50.30 रुपये लीटर है।

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