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10 नवंबर 2011

भंवरी देवी के भंवर ने आखिर राजस्थान की राजनीति और पत्रकारों को नंगा कर ही दिया

भंवरी देवी के भंवर ने आखिर राजस्थान की राजनीति और पत्रकारों को नंगा कर ही दिया ..इतना ही नहीं इस भंवर ने जाट सभा का एक नया चेहरा चोरी और सीना जोरी वाला उजागर कर दिया है ............. कहने को तो बात आम है एक नर्स के साथ एक नेता जी के अवेध रिश्ते कायम होते है नेता जी मंत्री बनते है और फिर नेता जी इस प्रेमिका को सेक्स बम बनाकर सभी को परोसना चाहते है .....खुबसूरत सी दिखने वाली एक तुच्छ महिला जब उब जाती है तो फिर वोह इन मंत्री जी की सीडी बनाती है और इस मामले में मंत्री जी को ब्लेकमेल करने के लियें सीडी मुख्यमंत्री जी को देकर आती है राजस्थान के मुख्यमंत्री जी सी डी का सच देखते है मंत्री को मामला सेटलमेंट करने की हिदायत देते है यानी उनकी निगाह में अय्याश मंत्री को हटाने का मन नहीं था और वोह किसी महिला अस्मत का कोई मोल नहीं समझते थे ..बस मामला भड़क गया भंवरी देवी और उसके साथियों ने सी डी का सच अख़बारों और मिडिया चेनलों में पहुंचाया अख़बार तो अखबार है और चेनलों का सच सभी जान गये है इस सीडी को प्रकाशित कर अय्याश मंत्री को सजा दिलवाने की जगह उन्हें बचाया जाता रहा और एक नंगा सच अपने दफ्तर में इन मिडिया वालों ने छुपा कर रखा आप अंदाजा लगा सकते है ऐसी ना जाने कितने लोगों की अय्याशियाँ और बेईमानियाँ इन मिडिया कर्मियों ने अपने दफ्तरों में छुपा कर रखे होंगे .अब जब भंवरी गायब हुई तब भी अख़बार वाले और मिडिया कर्मी सच जानकर चुप रहे सरकार जो न्याय दिलवाती है वोह इस सच को जानकार भी नोटंकी करती रही अदालतों ने सरकार को लताड़ा लेकिन सरकार ने सी बी आई को जान्च देकर अपना पल्लू झाड लिया ..अब एक मिडिया कर्मी जिसे सीडी मिली जब उसने भन्दा फोड़ किया तो सरकार और विपक्ष जो इस मुद्दे पर खामोश थे बोलने लगे भाजपा की वसुंधरा और दुसरे नेता जिनके पास यह सीडी थी वोह भी इसे छुपाये बेठे थे बस सीडी को मिडिया चेनल ने चलाया और पता चला के सोदेबाज़ नेताओं और मिडिया दलालों के पेरों तले ज़मीं खिसक गयी सी बी आई को मजबूरी में सी डी के लियें इंकार के बाद स्वीकारोक्ति देना पढ़ी .इधर जाट समाज से ऐसे अय्याश नेता को निकलने के स्थान पर सभी जाट समुदाय के लोग इक्खत्ते होते है और मंत्री महिपाल मदेरणा को दूध का साबित करते है कोंग्रेस और भाजपा के नेता एक ही मंच पर जाकर चोरी और सीना जोरी की तर्ज़ पर सेक्सी मंत्री को बचाने की बात करते है इस कहानी ने देश के सामने राजस्थान और राजस्थान की राजनीति पक्ष विपक्ष और पत्रकारिता का सर शर्म से झुका दिया है वहीं यह साबित कर दिया है के जाती समाज की पंचायते गरीबों के साथ नहीं न्याय के साथ नहीं अमीर और प्रभावशाली लोगों की बंधक गुलाम है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है गीता का ज्ञान ........

( सांख्ययोग और कर्मयोग का निर्णय )
अर्जुन उवाच
सन्न्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि ।
यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम्‌ ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे कृष्ण! आप कर्मों के संन्यास की और फिर कर्मयोग की प्रशंसा करते हैं। इसलिए इन दोनों में से जो एक मेरे लिए भलीभाँति निश्चित कल्याणकारक साधन हो, उसको कहिए॥1॥
श्रीभगवानुवाच
सन्न्यासः कर्मयोगश्च निःश्रेयसकरावुभौ ।
तयोस्तु कर्मसन्न्यासात्कर्मयोगो विशिष्यते ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- कर्म संन्यास और कर्मयोग- ये दोनों ही परम कल्याण के करने वाले हैं, परन्तु उन दोनों में भी कर्म संन्यास से कर्मयोग साधन में सुगम होने से श्रेष्ठ है॥2॥
ज्ञेयः स नित्यसन्न्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्‍क्षति ।
निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! जो पुरुष न किसी से द्वेष करता है और न किसी की आकांक्षा करता है, वह कर्मयोगी सदा संन्यासी ही समझने योग्य है क्योंकि राग-द्वेषादि द्वंद्वों से रहित पुरुष सुखपूर्वक संसार बंधन से मुक्त हो जाता है॥3॥
साङ्‍ख्ययोगौ पृथग्बालाः प्रवदन्ति न पण्डिताः ।
एकमप्यास्थितः सम्यगुभयोर्विन्दते फलम्‌ ॥
भावार्थ : उपर्युक्त संन्यास और कर्मयोग को मूर्ख लोग पृथक्‌-पृथक् फल देने वाले कहते हैं न कि पण्डितजन, क्योंकि दोनों में से एक में भी सम्यक्‌ प्रकार से स्थित पुरुष दोनों के फलरूप परमात्मा को प्राप्त होता है॥4॥
यत्साङ्‍ख्यैः प्राप्यते स्थानं तद्यौगैरपि गम्यते ।
एकं साङ्‍ख्यं च योगं च यः पश्यति स पश्यति ॥
भावार्थ : ज्ञान योगियों द्वारा जो परमधाम प्राप्त किया जाता है, कर्मयोगियों द्वारा भी वही प्राप्त किया जाता है। इसलिए जो पुरुष ज्ञानयोग और कर्मयोग को फलरूप में एक देखता है, वही यथार्थ देखता है॥5॥
सन्न्यासस्तु महाबाहो दुःखमाप्तुमयोगतः ।
योगयुक्तो मुनिर्ब्रह्म नचिरेणाधिगच्छति ॥
भावार्थ : परन्तु हे अर्जुन! कर्मयोग के बिना संन्यास अर्थात्‌ मन, इन्द्रिय और शरीर द्वारा होने वाले सम्पूर्ण कर्मों में कर्तापन का त्याग प्राप्त होना कठिन है और भगवत्स्वरूप को मनन करने वाला कर्मयोगी परब्रह्म परमात्मा को शीघ्र ही प्राप्त हो जाता है॥6॥

कुरान संदेश...............

इस कारण कोई मृत्यु के बाद बन जाता है भूत-प्रेत..!



शास्त्रों की सीख है कि जीवन के रहते सुख-सुकून व मृत्यु के बाद दुर्गति से बचने के लिए के लिए अच्छे कर्म और सोच बहुत जरूरी है। व्यावहारिक रूप से भी किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सही विचार होने और उसके मुताबिक काम को अंजाम देने पर ही मनचाहे नतीजे संभव है। अन्यथा सोच और क्रिया में तालमेल का अभाव या दोष बुरे परिणामों के रूप में सामने आते हैं।

मृत्यु के संदर्भ यही बात सामने रख शास्त्रों की बात पर गौर करें तो बताया गया है कि कर्म ही नहीं विचारों में गुण-दोष के मुताबिक भी मृत्यु के बाद आत्मा अलग-अलग योनि प्राप्त करती है। जिनमें भूत-प्रेत योनि भी एक है। हालांकि विज्ञान भूत-प्रेत से जुड़े विषयों को वहम या अंधविश्वास भी बताता है। लेकिन यहां बताई जा रही मृत्यु के बाद भूत-प्रेत बनने से जुड़ी बातों में जीवन में सुखी व शांति से भरे जीवन का एक अहम सूत्र भी हैं। जानते हैं किस कारण मृत्यु के बाद प्राप्त होती है भूत-प्रेत योनि और क्या है इससे जुड़ा जीवनसूत्र? -

हिन्दू धर्मग्रंथ श्रीमद्भगवदगीता में लिखी ये बातें मृत्यु के बाद भूत-प्रेत बनने का कारण उजागर करती है -

भूतानि यान्ति भूतेज्या:

यानी भूत-प्रेतो की पूजा करने वाले भूत-प्रेत योनि का ही प्राप्त करते हैं। इस बात को एक और श्लोक अधिक स्पष्ट करता है -

यं यं वापि स्मरन्भावं त्यजत्यन्ते कलेवरम्।

तं तमेवैति कौन्तेय सदा तद्भावभावित:।।

यानी मृत्यु के वक्त प्राणी मन में जिस भाव, विचार या विषय का स्मरण करता हुआ शरीर छोड़ता है, वह उसी भाव या विषय के अनुसार योनि को प्राप्त हो जाता है।

इन बातों में संकेत यही है कि अगर व्यक्ति ताउम्र बुरे काम व उसका चिंतन करता रहे, तो वह बुराई के रूप में मन में स्थान बना लेते हैं और अन्तकाल में भी वही बातें मन-मस्तिष्क में घूमती हैं। ऐसे बुरे भावों के मुताबिक वह व्यक्ति भूत-प्रेत की नीच योनि को ही प्राप्त हो जाता है।

दरअसल, भूत-प्रेत भी मलीनता या बुराई का प्रतीक भी हैं। इसलिए यहां भूत-प्रेत उपासना का अर्थ बुराई का संग भी है। इसलिए संकेत यही है कि जीवन में बुरे कर्मों से दूरी बनाए रखें, ताकि जीवन रहते भी व जीवन के अंतिम समय में मन के अच्छे भावों के कारण मृत्यु के बाद भी दुर्गति से बचें।

अमिताभ बच्चन पर मंडरा रही है एक नई मुसीबत, फंस सकते हैं बुरे!

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बाराबंकी। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन इन दिनों नए मेहमान के स्वागत की तैयारियों में लगें है, लेकिन उन पर एक नई मुसीबत का साया मंडरा रहा है। अभी ऐश्वर्या राय कन्या महाविद्यालय का मामला पूरी तरह से सुलझा नहीं कि एक और भूमि विवाद में वह फंस सकते हैं। बाराबंकी में नए भूमि विवाद में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अर्जी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने स्वीकार कर ली। इससे संबंधित आख्या 24 नवंबर को तलब की गई है।


जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी के थाना मसौली के घसीटे ने न्यायालय में अर्जी दी है। इसमें कहा गया है कि बाराबंकी के तहसील फतेहपुर के ग्राम दौलतपुर में भूमि गाटा संख्या 702 रकबा 0.569 हेक्टेअर सरकारी बंजर भूमि चकबंदी अधिकारी ने 10 सितंबर 1982 को अमिताभ बच्चन के नाम संक्रमणीय भूमि के रूप में दर्ज कर दी। शिकायतकर्ता का कहना है कि अमिताभ को यह जानकारी थी कि यह जमीन उनकी नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने चकबंदी अधिकारियों को साजिश में शामिल करके जमीन अर्जित कर ली।


गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अमिताभ ने विवादों से बचने के लिए ऐश्वर्या राय कन्या महाविद्यालय की जमीन ग्राम सभा को दान कर दी थी। सन् 2007 में आयोजित एक समारोह में ऐश्वर्या के नाम से कन्या महाविद्यालय के निर्माण की घोषणा हुई थी। इस समारोह में अमिताभ, अमर सिंह, मुलायम सिंह यादव व फारुक अब्दुल्ला की मौजूदगी में ऐश्वर्या राय कन्या महाविद्यालय का भूमि पूजन किया गया था। लेकिन घोषणा और भूमि पूजन के बाद इस महाविद्यालय का काम आगे नही बढ़ सका।

मरने के पहले ही महिला ने किया कुछ ऐसा कि वह 'अमर' हो गई!


जगदलपुर. मेडिकल छात्रों की शिक्षा के लिए देह दान करने वाले लोग विरले ही मिलते हैं, लेकिन जिले के फरसागुड़ा निवासी एक 65 वर्षीय महिला ने अपने मृत शरीर को मानव जीवन की सेवा लिए दे दिया।

मूलत: रायपुर पेंशन बाड़ा निवासी सुचेता ठाकुर वर्तमान में फरसागुड़ा में रह रही थी। दो दिन पूर्व अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें मेकाज में भर्ती करवाया गया।

यहां इलाज के दौरान उन्होंने बुधवार की सुबह दम तोड़ दिया, लेकिन वो मरने के बाद भी मानव सेवा की मिसाल छोड़ गई। उन्होंने अपना मृत शरीर वर्षो पूर्व ही मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया था। इनके दामाद मनीष झा ने चर्चा में बताया कि उनकी सास ने वर्षो पूर्व ही अपने शरीर को दान करने का फैसला कर लिया था।

उनकी इच्छा के अनुरूप ही मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के प्रबंधन को उनका शव सौंप दिया गया है। सुचेता एफसीआई के पूर्व प्रबंधक केके ठाकुर की धर्मपत्नी है।

वर्षो तक आएगा काम

सुचेता ठाकुर का देह शरीर वर्षो तक मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के काम आएगा। सिविल सर्जन डॉ. विवेक जोशी ने बताया कि देह दान के शुरूआती 1 वर्ष तक छात्र इनके देह से शरीर रचना का ज्ञान लेंगे। इसके अलावा शरीर के एक-एक नसों व अंगों का विच्छेदन कर ज्ञान प्राप्त करेंगे और आगामी कई वर्षो तक हड्डियों की जानकारी भी छात्र ले पाएंगे। मेकाज में छात्रों की पढ़ाई के लिए अब दो शव उपलब्ध हैं।

आज के जमाने में दूसरे गांधी हैं लालकृष्ण आडवाणी'

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जयपुर.रामलीला मैदान में आडवाणी की सभा में भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा कि आज के जमाने में लालकृष्ण आडवाणी दूसरे गांधी हैं, क्योंकि ये भ्रष्टाचार, कालेधन और राजनीति में आई गिरावट का विरोध कर रहे हैं।

वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज दो ऐसी महिलाएं हैं जो पूरे देश में हलचल मचा देती हैं। उन्होंने कहा कि अपार जनसमूह से लगता है कि गहलोत सरकार गई और अब राज्य में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनेगी।

वसुंधरा सर्वाधिक लोकप्रिय : प्रसाद

भाजपा के राष्ट्री प्रवक्ता और महामंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को जैन डायरी प्रकरण में फंसाने का षडयंत्र किया गया था, लेकिन आडवाणी ने निदरेष होने तक संसद नहीं जाने का फैसला किया था। ये संस्कार ऐसे ही नहीं आ गए, यह बरसों की तपस्या है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान में इतनी लोकप्रिय है, यह पहली बार देखा।

भ्रष्टाचार की कड़ी मिली : चतुर्वेदी

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस कड़ी से कड़ी जोड़ने की बात करती है, लेकिन यहां केंद्र राज्य में भ्रष्टाचार की कड़ी से कड़ी जुड़ी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बार बार मुंबई अपने काले धन को खपाने के लिए जाते हैं।

वसुंधरा का नाम भूले चतुर्वेदी

अरुण चतुर्वेदी अपने भाषण की शुरुआत में सभी अतिथियों का नाम गिनाते रहे लेकिन वसुंधरा राजे को भूल गए। पास ही बैठे भाजपा विधायकों ने याद दिलाया तो चतुर्वेदी ने वसुंधरा राजे का नाम लिया।

हर भाषण में भंवरी का जिक्र

शुरुआत में भाषण देने वालों सैय्यद शाहनवाज हुसैन, किरीट सोमैया, वाणी त्रिपाठी और किरण माहेश्वरी आदि ने अपने भाषण में भंवरी प्रकरण का और टीवी पर प्रसारण का किसी न किसी रूप में उल्लेख किया।

शर्मा को मंच पर बुलाया

लालकृष्ण आडवाणी ने मंच पर पहुंचने के बाद अपने पुराने साथी रहे भंवरलाल शर्मा को मंच पर बुलाया और मंच पर आने के बाद दोनों ने एक दूसरे को मालाएं पहनाईं, गले मिले। इससे पहले मंच संचालन कर रहे प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया ने चार बार आग्रह किया लेकिन शर्मा मंच पर नहीं आए।

सभा को सांसद रामदास अग्रवाल, प्रतिपक्ष के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा, भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री किरण माहेश्वरी, मंत्री वाणी त्रिपाठी, प्रदेश सहप्रभारी किरीट सोमैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शाह नवाज हुसैन और उपमहापौर मनीष पारीक ने भी संबोधित किया।

प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय पदाधिकारी श्याम जाजू, मुरलीधर राव, सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, ललित किशोर चतुर्वेदी, गुलाब चंद कटारिया, सांसद डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया अर्जुन मेघवाल और कई विधायक, पूर्व सांसद, कई पूर्व विधायक और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे।

इमली के पेड़ से निकलने लगा खून, देखने जुटा महकमा!

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कोटा.कंसुआ स्थित प्राचीन देवनारायण मंदिर परिसर में लगे इमली के पेड़ से बुधवार शाम 6 बजे से अचानक रक्त की तरह का पदार्थ निकलने लगा।इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर पहुंचे तथा पेड़ की पूजा अर्चना शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शी विनायक ने बताया कि यह पदार्थ खून की तरह गाढ़ा व लाल लग रहा था। क्षेत्रवासी इसे चमत्कार मान रहे हैं। दूसरी ओर कॉलेज व्याख्याता डॉ. प्रहलाद दुबे इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि आजकल लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं, इसलिए यह आश्चर्य लगता है।बड़े वृक्षों में प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से चोट होने पर रेजिन नामक कार्बनिक पदार्थ निकलते हैं, जिन्हें सामान्य भाषा में गोंद भी कहते है, चमत्कार जैसी कोई बात नही है। इसका प्रवाह पेड़ के स्वास्थ्य यानी तंदुरूस्ती और वातावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है। आमतौर पर रेजिन का रंग पेड़ के प्रकार पर निर्भर करता है।

यहां' साक्षात् वास करते हैं भगवान शंकर, पूरी होती है सबकी मुराद!


लखनऊ/देहरादून।उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह पवित्र दर्शनीय और धार्मिक स्थान है। चारों ओर से बर्फ की चादरों से ढ़की पहाड़ियों के केन्द्र में स्थित इस मंदिर का निर्माण जगद्गुरु शंकराचार्य ने कराया था। लेकिन यह मंदिर करीब एक हजार साल पहले स्थापित किया गया था।

जनश्रुति के अनुसार इस सिद्ध स्थान की सबसे खास विशेषता यह है कि यहां भगवान शंकर साक्षात प्रकट हुए थे। वर्तमान में भी कुछ साधु संतों ने शंकर जी को इस स्थान पर महसूस किया है। यही कारण है कि देश के बड़े से बड़े धनपति, राजनेता और फिल्मस्टार यहां जाकर सर सजदा करते हैं।

मंदिर के अंदर की दीवारों में कई ऐसी आकृतियां उकेरी गई हैं, जिनमें कई पौराणिक कथाएं छिपी हुई हैं। मंदिर के मुख्य द्वार के आगे भगवान शिव के वाहन नंदी की विशाल मूर्ति उनकी सुरक्षा का जिम्मा लिए हुए है। मंदिर का शिवलिंग प्राकृतिक है एवं मंदिर के पीछे आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की समाधि है।

कहा जाता है कि हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया। यह स्थल केदारनाथ पर्वतराज हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर अवस्थित हैं।

महाकवि राहुल सांकृत्यायन द्वारा इस मंदिर का निर्माणकाल 10वीं व 12वीं शताब्दी के मध्य बताया गया है। यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत व आकर्षक नमूना है। मंदिर के गर्भ गृह में नुकीली चट्टान भगवान शिव के सदाशिव रूप में पूजी जाती है। धर्म में आस्था रखने वाले पर्यटक के इच्छुक व्यक्ति यहां जाकर असीम आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

छह इक्कों का अनोखा नोट, आज जबर्दस्त रहेगा इसका क्रेज!

जयपुर.सदी की सबसे अनोखी तारीख 11.11.11 का रोमांच अलग ही तरह का है। हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में इस क्षण को यादगार रूप में अंकित करना चाहता है।

ऐसे में किसी के पास 111111 अंकों वाला भारतीय नोट हो तो उसके रोमांच का तो कोई पार ही नहीं है। ऐसे नोट का आज के दिन क्रेज जबर्दस्त हो गया है।

जयपुर में गुर्जर की थड़ी पंचवटी कॉलोनी निवासी अभिषेक शर्मा के पास ऐसा ही सौ रुपए का एक नोट है, जिस पर छह बार एक अंक मुद्रित है। अभिषेक के पास छह अंकों के नोटों की पूरी सीरिज है।

हैरतंगेज प्रथा-कहते हैं ऐसा करने के बाद खुद 'आत्मा' आपकी रक्षा करती है

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बोलिविया के कुछ लोग एक बहुत पुरानी परंपरा आज भी निभा रहे हैं। इससे वहां का चर्च नाराज़ है। वहां साल में एक बार ‘माकाब्रे डे’ मनाया जाता है, जिसे ‘डे ऑफ द स्कल्स’ भी कहा जाता है। यह उत्सव मरे हुए लोगों के अवशेष और खोपड़ियों के साथ मनाया जाता है।

देश की राजधानी लापाज में लोग कब्रस्तानों से मरे हुए अज्ञात लोगों की खोपड़ियां निकाल लेते हैं। खोपड़ियों को सजाया जाता है। किसी के सिर पर हैट लगाई जाती है, किसी को चश्मा पहनाते हैं इतना ही नहीं किसी के मुंह में सिगरेट भी रख दी जाती है। सभी के सर पर फूलों का ताज रखा जाता है। बोलिविया के चर्च इसे मूर्ति पूजा का दर्जा देते हैं और गलत मानते हैं। उन्हें अफसोस है कि देश की ज्यादातर जनता इस प्रथा में उलझी हुई है। वहां पुराने लोगों का मानना था कि आदमी के शरीर में सात आत्माएं होती हैं, जिनमें से एक खोपड़ी में रहती है। इस आत्मा के पास लोगों के सपने में आने की शक्ति होती है और यह लोगों की सुरक्षा करती है। इसलिए वे लोग इसे कांच के बक्सों में इन्हें सजाकर घर में रखते हैं। इन खोपड़ियों को नाम भी दिया जाता है।

लाइसा पेरेज़ नामक महिला के घर में एक खोपड़ी पिछले 24 साल से रखी हुई है। वे बताती हैं कि यह मेरे घर की हिफाजत करती है, चोरों को डराती है और मेरे परिवार की सुरक्षा करती है, इसलिए मैं इसकी पूजा करती हूं। चर्च के रेवरेंड जैएमे फर्नेडेज ने इस साल लोगों को आर्शिवाद देने से इंकार कर दिया लेकिन उनकी गुजारिश पर एक छोटी सी प्रार्थना करने के लिए तैयार हो गए थे। वे कहते हैं कि यह गलत तरीका है। कब्रों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए और उनकी आत्माओं को शांती में रहने देना चाहिए।

अरे वाह प्रधानमंत्री जी! पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बता दिया शांति पुरुष

तारीफ पर भाजपा का ऐतराज

मालदीव. प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को शांति पुरुष कहकर नए विवाद को न्योता दे दिया। उन्होंने कहा कि हम बहुत-सा समय आरोप-प्रत्यारोप तथा बयानबाजी में नष्ट कर चुके हैं। अब समय आ गया है कि दोनों देशों के संबंधों के इतिहास में नया अध्याय लिखा जाए।

मनमोहन सिंह के बयान पर नई दिल्ली में भाजपा ने आपत्ति उठाई है। उसने कहा कि देश की जनता को यह टिप्पणी हजम नहीं होगी।

17वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन के इतर गिलानी और सिंह ने करीब एक :ांटा बातचीत की। हिंद महासागर के तट पर बने शांग्रीला रिसॉर्ट में दोनों नेताओं ने भारत और पाकिस्तान से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने करीब आधे घंटे अकेले में बातचीत की। इतने ही समय दोनों देशों में आधिकारिक स्तर की बातचीत हुई। इसमें भारत की ओर से विदेशमंत्री एसएम कृष्णा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, विदेश सचिव रंजन मथाई, पाकिस्तान की ओर से विदेशमंत्री हिना रब्बानी खर, गृहमंत्री रहमान मलिक और सलमान बशीर मौजूद थे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को शांति पुरुष बताए जाने पर भाजपा ने सख्त ऐतराज जताया है। उसने कहा कि देश की जनता को यह टिप्पणी हजम नहीं होगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गिलानी को शांति पुरुष बताकर गलती की है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा सीमा पार आतंकवाद है। इस सिलसिले में पाकिस्तान ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे ऐसा आभास हो कि वह अपनी धरती से भारत के विरुद्ध चलाई जा रही आतंकी हरकतों को रोकने के लिए गंभीर है।

क्यों भगवान विष्णु ने शिवजी को अर्पित की अपनी आँख?


कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी (9 नवंबर, बुधवार) को यानी वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु व शिव की पूजा व व्रत करने का विधान है। पुराणों में इस व्रत से जुड़ी एक कथा भी है जो इस प्रकार है-

एक बार भगवान विष्णु शिवजी का पूजन करने के लिए काशी आए। यहां मणिकार्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार स्वर्ण कमल फूलों से भगवान शिव की पूजा का संकल्प लिया। अभिषेक के बाद जब भगवान विष्णु पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की परीक्षा लेने के लिए एक कमल का फूल कम कर दिया।

भगवान विष्णु को अपने संकल्प की पूर्ति के लिए एक हजार कमल के फूल चढ़ाने थे। एक पुष्प की कमी देखकर उन्होंने सोचा कि मेरी आंखें ही कमल के समान हैं इसलिए मुझे कमलनयन और पुण्डरीकाक्ष कहा जाता है। एक कमल के फूल के स्थान पर मैं अपनी आँख ही चढ़ा देता हूं। ऐसा सोचकर भगवान विष्णु जैसे ही अपनी आँख भगवान शिव को चढ़ाने के लिए तैयार हुए, वैसे ही शिवजी प्रकट होकर बोले- हे विष्णु। तुम्हारे समान संसार में कोई दूसरा मेरा भक्त नहीं है।

आज की यह कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी अब से वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी। इस दिन व्रत पूर्वक जो पहले आपका और बाद में मेरा पूजन करेगा और वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होगी। तब प्रसन्न होकर शिवजी ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र भी प्रदान किया और कहा कि यह चक्र राक्षसों का विनाश करने वाला होगा। तीनों लोकों में इसकी बराबरी करने वाला कोई अस्त्र नहीं होगा।

श्री श्री रविशंकर की अमेठी यात्रा के रद्द होने का रहस्य गहराया, सामने आई चिट्ठी



लखनऊ. भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रहे आध्यात्मकि गुरु श्री श्री रविशंकर के अमेठी न जाने पर विवाद और रहस्य गहराता जा रहा है। श्री श्री रविशंकर को आज अमेठी के टीकरमाफी में मौजूद परमहंस महाराज के आश्रम के शताब्दी समारोह में जाना था। लेकिन कार्यक्रम से चार दिन पहले यानी बीते 6 नवंबर को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के पास आश्रम की तरफ से एक चिट्ठी आई जिसमें उनका न्योता रद्द करने की बात कही गई।

आज एक निजी चैनल के हाथ लगी इस चिट्ठी में परमहंस महाराज की तरफ से कहा गया है कि विशेष विषम परिस्थिति के चलते वह श्री श्री रविशंकर को नहीं बुला पा रहे हैं। हाथ से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि आपको (श्री श्री रविशंकर) भविष्य में होने वाले कार्यक्रम में बुलाया जाएगा।

लेकिन जब परमहंस महाराज से इस चिट्ठी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई चिट्ठी किसी को नहीं भेजी है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि उन्हें अमेठी में परमहंस महाराज के आश्रम के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने जाना था। लेकिन आयोजकों के ऊपर दबाव पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने वहां न जाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अमेठी कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। श्री श्री रविशंकर पिछले चार दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। आज शाम को उन्हें आईआईटी, कानपुर में छात्रों को संबोधित करना है। इसके साथ ही उनकी उत्तर प्रदेश यात्रा का समापन हो जाएगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने श्री श्री रविशंकर को आरएसएस का प्लान सी बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। जबकि श्री श्री यह कहते रहे हैं कि वह किसी पार्टी के साथ नहीं हैं। बल्कि हर पार्टी उनके लिए बराबर है। उनका कहना है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि लोगों में नैतिक मूल्य बढ़े। वे अपने अभियान के तहत लोगों से घूस न लेने और न ही देने की प्रतिज्ञा भी करवाते हैं।

'भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, इसीलिए गुर्रा रहीं हैं वसुंधरा'


शिवगंज (सिरोही).कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने बुधवार को चिकित्सा मंत्री दुरु मियां की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की, इसी का नतीजा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जोधपुर में भ्रष्टाचार को लेकर गुर्रा रहीं हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में पूर्व विधायक ने भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार की शिथिलता को उजागर किया। डाक बंगले में आयोजित बैठक में लोढ़ा ने कहा कि यदि गहलोत सरकार ने वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में सही कार्रवाई की होती तो वसुंधरा राजे भी ललित मोदी की तरह लंदन में बैठी होतीं और भाजपा की ओर से निकाली जा रही जनचेतना यात्रा में शामिल होने की हिम्मत तक नहीं करती।

पूर्व विधायक ने राज्य में लड़खड़ाती चिकित्सा व्यवस्था पर कहा कि राज्य सरकार योजनाएं तो अच्छी बना रही है, लेकिन उनकी क्रियान्विति के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को ठीक नहीं किया जा रहा है।

अनार के मुरीद हो जाएंगे जब जान जाएंगे इसके छिलके में छुपे गुण

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कहावत है कि एक अनार सौ बीमार। अनार सबसे सुंदर फल होता है। ईश्वर ने इसे जितना सुंदर बनाया है। उतने ही सुंदर इसके गुण भी है। अनार का हर एक छोटा दाना कई गुणों से भरपूर होता है। अनार सौ बीमारियों की एक दवा है। इसका रस अगर कपडों पर लग जाये तो यह असानी नही छूटता। मगर अनार खाकर आप अपनी कई बिमारियों को दूर कर सकते हैं।अनार कई रोगों में गुणकारी है। मीठे अनार तृषा, पित्तनाशक, कृमि का नाश करने वाला, पेट रोगों के लिए हितकारी तथा घबराहट को दूर करने वाला होता है। अनार स्वरतंत्र, फे फड़े, यकृत, दिल, आमाशय तथा आंतों के रोगों पर काफी लाभकारी है। अनार में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल और एंटी-ट्यूमर जैसे तत्व पाये जाते हैं। अनार विटामिन्स का एक अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

अनार दिल के रोगों से लेकर पेट की गड़बड़ी और मधुमेह जैसे रोगों में फायदेमंद होता है। अनार का छिलका, छाल और पत्तियों को लेने से पेट दर्द में राहत मिलती है। पाचन तंत्र के सभी समस्याओं के निदान में अनार कारगर है। अनार की पत्तियों की चाय बनाकर पीने से पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत आराम मिलता है। दस्त और कॉलरा जैसी बीमारियों में अनार का जूस पीने से राहत मिलती है। मधुमेह के रोगियों को अनार खाने की सलाह दी जाती है इससे कॉरोनरी रोगों का खतरा कम होता है।

अनार में लोहा की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्त में आयरन की कमी को पूरा करता है।सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर, उससे कुल्ला करने से सांस की बदबू समाप्त हो जाती है।अनार के छिलकों के चूर्ण का सुबह-शाम एक-एक चम्मच सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाता है। खांसी में अनार के छिलके को मुंह में रखकर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कर दें।

आलिन्दिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष २४ को कोटा आयेंगे

आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और आल इण्डिया मेसेज ऑफ़ ह्यूमिनिटी फ़ोरम लखनऊ के अध्यक्ष मोलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी आगामी २४ तारीख को कोटा में आ रहे हैं वोह यहाँ दशहरा ग्राउंड में आयोजित दो अलग अलग समारोह में भाग लेंगे ...........मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी जोधपुर ने पिछले दिनों पेगामे इंसानियत और मोहमाद साहव के विषय पर निबंध और दूसरी प्रतियोगिताएं आयोजित की थी इसमें सफल लोगों को भी वोह पुरस्कार बांटेंगे .............मोलाना मोहम्मद राबे हसनी नदवी पहले जोधपुर जायेंगे फिर टोंक जाकर कोटा आयेंगे उनके साथ उस्ताद दारुल उलूम नदवातुल उलमा अलाख्नु मोलाना सय्यद सलमान हुसेनी नदवी ..इस्लामिक एकेडमिक कर्नाटक के मोलाना मुहम्मद इल्यास नकवी भी आयेंगे .कोटा में उनके आगमन पर उनके भव्य स्वागत और कार्यक्रम को सफल बनाने के लियें शहर काजी अनवर अहमद कोटा की अध्यक्षता में आज बैठक में कई निर्णय लिए गए ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ओल्ड ब्वायज कार्यक्रम १३ को कोटा में

राजकीय म्हाविद्ध्यालय कोटा ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन का आगामी १३ नवम्बर को मिलन समारोह रखा गया है ..एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट भगवती बल्लभ शर्मा ने बताया के इस कार्यक्रम में प्रतिभावान छात्र छात्राओं को पुरस्कर्त क्या जाएगा और कोटा के सभी पूर्व छात्र जो वर्तमान में महत्वपूर्ण पदों पर है वोह लोग उपस्थित रहेंगे .......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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भोपाल. समाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के बिग बॉस में इंट्री से कई लोग नाराज हो गए हैं। इसमें हिंदुओं की प्रमुख संस्था आर्य समाज भी शामिल है। इससे पहले भगत सिंह क्रांति सेना ने भी स्वामी की इंट्री पर आपत्ति जता चुकी है।

हरियाणा की आर्य समाज संस्था के प्रमुख आचार्य बलदेव ने कहा कि बिग बॉस में स्वामी अग्निवेश के जाने से पूरे भगवा कुटुम्ब का अपमान हुआ है। यदि उन्हें वहां जाना ही था तो भगवा कपड़े उतार कर जाना चाहिए था।

आर्य समाज प्रमुख यहां भी नहीं रूके। उन्होंने स्वामी अग्निवेश पर पूरे हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को खेद पहुंचाने का भी आरोप लगाया। आचार्य बलदेव कहते हैं कि आर्य समाज अब भविष्य में कभी भी अग्निवेश को हमारे कार्यक्रम में नहीं बुलाएगी।

दुल्हन को घूंघट में क्यूँ रखा जाता है ?

दुल्हन को घूंघट में क्यूँ रखा जाता है ?

सोचो …

सोचो …

सोचो …



सोचो …

नहीं पता … ?

ताकि किसी के मुंह से ये न निकल जाये ….

अरे…. ये तो मेरी वाली है … !!!

सीमा के पास भारत की भारी सैन्‍य तैयारी पर भड़का चीन


बीजिंग.भारत द्वारा चीन की सीमा पर एक लाख सैनिकों की तैनाती के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा है कि भारत के यह कड़े कदम जाहिर करते हैं कि भारत ने चीन को अपना निकटतम प्रतिद्वंदी मानना शुरु कर दिया है।

इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बदलाव बताते हुए पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने अपने मुखपत्र की एक रिपोर्ट में कहा है कि यह 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद दोनों देशों की सीमा पर सबसे बड़ी सैन्य तैनाती होगी।
अगले पांच वर्षों में चीन की सीमा पर भारत के लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती के प्रस्ताव पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए पीएलए ने कहा कि भारत चीन सीमा पर चार नई सैन्य डिविजन तैनात करने की तैयारियां कर रहा है।

चीन सेना के अधिकारिक अखबार चीन मिलिट्री डेली ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना के लिए नए फाइटर विमानों की खरीद प्रक्रिया का भी संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा सैन्य सौदा करने की प्रक्रिया में है।

इसी साल अक्टूबर में चीन सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात करने के भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि यह पहली बार है कि भारत चीन के विरुद्ध इस तरह की आक्रामक मिसाइल तैनात कर रहा है।

गौरतलब है कि भारत जापान के साथ वायुसेना और नौसेना के पहले साझा युद्ध अभ्यास की भी तैयारी कर रहा है। पिछले हफ्ते जापान यात्रा पर गए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने इस बात की जानकारी दी थी। इस दौरान भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिस्तरिय बातचीत के बारे में भी चर्चा हुई थी। हालांकि चीन ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

हालांकि अपनी रिपोर्ट में पीएलए के अखबार ने यह भी कहा है कि भारत द्वारा उठाए जा रहे कदम सैन्य कम राजनीतिक ज्यादा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन किसी भी राष्ट्र के शांतिपूर्ण उदय का समर्थन करता है लेकिन चीन की इस नीति को कुछ देश गलत समझते हैं और इसे नया खतरा बता देते हैं

टोपी पहनाने में नाकाम हुए इमाम अब चाहते हैं मोदी को जेल भेजना !


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अहमदाबाद . मोदी की सद्भावना मिशन के दौरान टोपी विवाद के बाद चर्चा में आए इमामशाही मेहंदी हुसैन बाबा फिर सुर्खियों में हंै। बुधवार को वह विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिं:ाल, डॉ. प्रवीण तोगड़िया, मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी व अन्य के खिलाफ शिकायत लेकर ठासरा थाने पहुंचे।

उनका कहना है, 5 से 7 नवंबर के बीच यहां पिराणा आस्था स्थल के समीप हुए विहिप के महासम्मेलन में समाज में कटुता बढ़ाने संबंधी भड़काऊ बातें कही गईं। ये देश की शांति को पलीता लगाने की कोशिश है।

कुछ वक्ताओं ने यहां तक कहा कि.. यह जमाना गांधी का नहीं,आंधी का है– यह राष्ट्रपिता का अपमान है। इसलिए मंच पर मौजूद रहे साधु-संतों सहित मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत हो। पुलिस ने उन्हें असलाली (अहमदाबाद जाने की सलाह दी)। इस पर बाबा ने कहा कि मेरी शिकायत दाखिल न होने तक मैं दुनिया में कहीं भी फिरता रहूंगा किंतु घर नहीं जाऊंगा।

खाना खाते समय बस इतनी सी बात ध्यान रख लेंगे तो कभी मोटे नहीं होंगे

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भागती दौड़ती दुनिया में समय की कमी के कारण हड़बड़ाहट हर क्षेत्र में देखी जा सकती है। किसी को ऑफिस पहुंचने की जल्दी है, तो किसी की ट्रेन या बस पकडऩे की जल्दी, क्या बच्चे, क्या जवान, बस हड़बड़ाहट ही हड़बड़ाहट, तनाव ही तनाव।

हमारे पूर्वजों की जीवनशैली को देखा जाय,तो उन्हें शायद इस प्रकार की हड़बड़ाहट नहीं थी, तभी तो उनकी औसत उम्र हमसे कहीं अधिक थी। ज्यादा पुरानी बात नहीं है ,आप गुजरे जमाने की ब्लैक एंड व्हाईट फिल्मों को ही देख लें ,प्रेमियों और प्रेमिकाओं के पास प्यार के तराने गाने के लिए भी फुर्सत के क्षण थे ,पर आज इस क्षेत्र में भी हड़बड़ाहट साफ देखी जा सकती है।

इन सबका प्रभाव हमारी दिनचर्या पर पड़ता है, चाहे वो खाना हो,या ठीक ढंग से सोना। बड़े बुजुर्गों ने कहा था कि खाना हमेशा तनाव मुक्त होकर धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए, पर आज इसकी भी फुर्सत कहां। लेकिन हमारे बुजुर्गों की बातों को आज के वैज्ञानिक भी अक्षरश: दुहरा रहे हैं। धीरे-धीरे चबाकर खाने से आपके द्वारा लिए गए भोजन का संतुलित पाचन तो होता ही है, साथ ही वजन कम करने में भी मदद मिलती है। यूनिवॢसटी ऑफ रोड आईलैंड के शोधकर्ताओं के दो अध्ययन इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं।

इस अध्ययन में यह पाया गया है , कि पुरुषों की हड़बडाहट खाने-पीने के मामलों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है, ठीक ऐसे ही मोटे लोगों की हड़बड़ाहट दुबलों की अपेक्षा खाने-पीने में अधिक पायी गयी है। यह भी देखा गया है, कि हम साबुत अनाज की अपेक्षा रीफाईंड अनाज को जल्दी खा लेते हैं। एसोसियेट प्रोफेसर आफ न्युट्रीसन केथलीन मीलेंसन एवं स्नातक छात्रा एमेली पोंटे एवं अमान्डा पोंटे का यह शोध अध्ययन ओरलेंडो में हुए ओबेसीटी सोसाइटी के सालाना कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है।

ये इशारे है बहुत खास क्योंकि अब दूसरों का पैसा भी आपको मिलेगा




यकीन नहीं हो रहा ना! लेकिन ये सच है अगर आपको दूसरों का भी पैसा मिलने वाला है तो आपको पहले ही पता चल जाएगा। आपके हाथ में किस्मत इशारे जरूर देगी है। ध्यान से देखें अपने हाथों को क्योंकि इनमें छुपा है पैसों का बहुत बड़ा राज।

ये है इशारें जिनमें छुपा है पैसों का राज
आपकी हथेली में त्रिभुज का निशान बननें लग जाए तो आपको समझ लेने चाहिए कि दुसरी तरफ से भी पैसा आने वाला है यानी अब दूसरों का पैसा भी आपको मिलेगा।
की पहली अंगुली के आखिरी हिस्से पर तीन सीधी और स्पष्ट रेखाएं बनने लगे तो समझना चाहिए कि अपने किसी खास से आपका पैसा मिलेगा।
की बड़ी अंगुली यानी मिडिल के नीचे वाले हिस्से पर तीन बड़ी एवं उपर की और जाती हुई रेखाएं बनने लगे तो आपको अपने किसी रिश्तेदार से पैसा मिलने वाला है।
- अगर आपकी कलाई पर क्रास का चिन्ह बने तो आपको अपने किसी प्रिय मित्र से पैसा मिलेगा।
- अगर आपकी रिंग फिंगर के नीचे वाले हिस्से में साफ रेखाएं बनने लगे तो समझें कि आपको पैसा मिलने वाला है।

विश्वयुद्ध के समय इन चमगादड़ बमों ने जर्मन खेमे में मचा दी थी 'सनसनी'

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दुनिया में अब तक जानवरों को हथियारों के तौर पर कई बार इस्तेमाल किया गया है। ऐसा ही एक प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने किया था। अमेरिकी नौसेना बेस पर्ल हार्बर पर हुए जापानी हमले से दुखी अमेरिका के डेंटल सर्जन लाएटल एस एडम्स ने चमगादड़ को बम के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा था।

राष्ट्रपति रूजवैल्ट ने इसे मंजूरी दे दी थी और इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया था। इसके लिए बहुत से चमगादड़ों की जरूरत पड़ी थी। चमगादड़ों द्वारा ले जाए जाने वाले अपकरण डिजाइन किए गए। इसके बाद चमगादड़ों को ले जाने के लिए खास तरह की ट्रे डिजाइन की गईं। एक ट्रे में चालिस चमगादड़ों के अलग-अलग केस होते थे।

प्लेन से ले जाकर इन्हें पांच हजार फीट की उंचाई से छोड़ दिया जाता था। हजार फीट की ऊंचाई पर केस अलग-अलग हो जाते थे। इनमें से बम लगे हुए चमगादड़ निकलकर दुश्मन के इलाके में छिप जाते थे, खासकर बिल्डिंगों में। बाद में यह बम फटते और आग लगा जाती थी। वैसे 20 लाख डॉलर खर्च करने के बाद भी अमेरिका का यह प्रयोग ज्यादा सफल नहीं रहा और प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया।

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