तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 नवंबर 2011
साइबर क्राइम अक्षम्य अपराध ..नहीं समझेंगे तो सजा तो मिलना ही चाहिए {१}
यह है गीता का ज्ञान
तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥
तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम् ॥
लभते च ततः कामान्मयैव विहितान्हि तान् ॥
देवान्देवयजो यान्ति मद्भक्ता यान्ति मामपि ॥
परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् ॥
मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥
भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन ॥
सर्वभूतानि सम्मोहं सर्गे यान्ति परन्तप ॥
ते द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ता भजन्ते मां दृढव्रताः ॥
ते ब्रह्म तद्विदुः कृत्स्नमध्यात्मं कर्म चाखिलम् ॥
प्रयाणकालेऽपि च मां ते विदुर्युक्तचेतसः ॥
धारीवाल ने मिडिया की मनमानी का दर्द बयान किया तो उसे समझने की जगह उसे दूसरी तरह से खबर बना डाला
दूसरी यह कि मेरा पावर कम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही धारीवाल ने शायराना अंदाज में अपने दर्द-ए-दिल से कुछ यूं बयां किया, ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा।’ जी हाँ दोस्तों कोटा के दबंग मंत्री शांति धारीवाल ने अपना शायराना अंदाज़ मीडिया पर मनगढ़ंत खबरों के मामल में जब तल्ख टिपण्णी के साथ किया तब भी यह नादान मिडिया ना समझा और शांति धारीवाल के दर्द को दरकिनार करते हुए मिडिया ने उसे भी मनमाने तोर पर खबर बना दिया ..दोस्तों इस कार्यक्रम में अधिकतम बुद्धिजीवी थे शांति धारीवाल का मतलब केवल मिडिया को आयना दिखाना था के लोग आते जाते रहते है लेकिन रोज़ गोस्पिंग खबरें जिनका कोई ओचित्य नहीं वोह नहीं दिखाना चाहिए लेकिन मिडिया तो मिडिया ठहरा कार्यक्रम से उठा और चेनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चला दी ..दुसरे अख़बारों ने भी अपनी भूल सूधारने की जगह इसे ही खबर बना डाली कार्यक्रम में क्या हुआ मंत्री क्या बोले कलेक्टर ..पूर्व संसद और विधायक क्या बोले सब नदारद बस मनमानी खबर बना दी तोबा है भाई इस मिडिया से तो ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
क्यूं बार-बार डसता है 'यह' काला नाग, कैसे हर बार बच जाती है 'वह'!
जानकारी के मुताबिक, सर्प दंश से बेहोश होने वाली मंजू दवा पिलाते ही उठ कर बैठ जाती है। पूरे गांव में मंजू और सर्प के पूर्व जन्म के रिश्ते का अंधविश्वास छाया है। बताते हैं कि मंजू की शिवप्रकाश से एक साल पहले शादी हुई है। पूरा परिवार हलकान है। रात आंखों में गुजर जा रही है। हर वक्त सांप के आने का खतरा मंडराता रहता है।
परिवार वाले मंजू को सांप के काटने के बाद वैद्य के पास ले गए। दवा पिलाने के कुछ ही देर बाद मंजू होश में आ गयी। दिवाली से सांप काटने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह बदस्तूर जारी है। हर बार सांप मंजू की चारपाई पर चढ़ कर रात में सोते समय ही डसता है।
मंजू के मुताबिक, हर बार वह सांप को डसते हुए देखती है। चिल्लाती है। जबतक घर वाले आते है सांप भाग जाता है। पूरा परिवार भयभीत है। गांव के लोगों को आशंका है कि मंजू और सांप में कहीं पिछले जन्म का रिश्ता तो नहीं है।
टिफिन का ऐसा खतरनाक इस्तेमाल, जिसे सुन 'हिल' जाएंगे आप!
रायपुर/जगदलपुर। बस्तर के विभिन्न अंदरूनी इलाकों से लेकर नेशनल हाइवे पर बारूदी विस्फोट करने माओवादी टिफिन का इस्तेमाल करते हैं। इनकी खरीदी नक्सलियों का शहरी नेटवर्क आम तौर पर अर्धशहरी इलाकों से खरीदता है।पुलिस को मिलने वाली खुफिया सूचनाओं में सामने आया है कि माओवादियों का सहयोग करने वाले टिफिन, दवाई, बर्तन समेत रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान ज्यादा मात्रा में खरीदी कर ठिकाने लगाते हैं।
पिछले दिनों कोंडागांव के गोलावंड इलाके में दलम के डिप्टी कमांडर और जनमिलिशिया के कमांडर रामधर पकड़े गए थे। उस दौरान एक ट्राली में रखी 40-45 हजार रुपए मूल्य की जीवन रक्षक दवाइयां भी पुलिस के हाथ लगी थी। इसके अलावा मारडूम इलाके में पकड़ी गई नक्सलियों का सहयोगी एक युवती से भी काफी मात्रा में दवाइयां जब्त हुई थी। इन घटनाओं से हुई उक्त पुष्टि के बाद पुलिस ने शहरी और अर्धशहरी के अलावा ग्रामीण इलाकों में दवाई स्टोर के अलावा बर्तन विक्रेताओं पर नजर रखनी शुरू की है। एडीशनल एसपी सुरजीत सिंह के मुताबिक उक्त आशय के निर्देश एसपी रतनलाल डांगी ने जिले के सभी थाना प्रभारियों और एसडीओपी को दिए है।
ऐसे लोगों पर नजर रखने थाना स्तर पर कुछ कर्मचारियों के अलावा स्पार्टस की ड्यूटी लगाई गई है। दूसरी ओर माओवादियों का शहरी नेटवर्क आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई काफी होशियारी के साथ करता है। हालांकि इस बीच पुलिस को दो-तीन जगह पर सफलता भी मिली है।
साइबर कैफे पर दे रहे ध्यान
बर्तन, तिरपाल, दवाई के अलावा नक्सलियों के शहरी नेटवर्क द्वारा संचार की उच्च स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल करने की सूचनाएं भी पुलिस को मिल रही है। आम आदमी के वेश में शहरी इलाकों से खास तौर पर पुलिस की कार्यप्रणाली, रिस्पांस टाइम जैसी अहम सूचनाएं माओवादियों के सहयोगी इकट्ठा कर सकते हैं। इतना ही नहीं साइबर कैफे से सूचनाओं के आदान-प्रदान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए कैफों पर खुफिया नजर पेट्रोलिंग पार्टियां रख रही है।
अफसरों के मुताबिक पुलिस ने पिछले कुछ समय से शहरी नेटवर्क को काबू करने तय रणनीति के मुताबिक तीन-चार स्तर पर काम शुरू किया हुआ है। इसमें काफी हद तक सफलता मिली है। बावजूद इसके इलाके की परिस्थितियों और नक्सलियों से जुड़ी मिलने वाली सूचनाओं को देखते हुए जोखिम नहीं लिया जा सकता। ऐसे मामलों से जुड़े लोगों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई होती है।
जितना मुझसे बन सकेगा, करूंगा, पता नहीं कल मंत्री रहूं या नहीं।’
अंत में शायराना अंदाज में ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा’ चार पंक्तियां भी सुना दी।
धारीवाल जिला न्यायालय परिसर में अभिभाषक परिषद के सभा भवन को वातानुकूलित कर दिए जाने के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।धारीवाल ने न्यायालय परिसर का विस्तार करने समेत कई घोषणाएं की।
कांग्रेस-भाजपा के स्थानीय बुजुर्ग नेताओं के प्रति सम्मान की भावना व्यक्त करते हुए वे भावुक हो गए। इसके बाद उन्होंने वकीलों को भूखंड आवंटन की प्रस्तावित योजना का जिक्र करते हुए रियायती दर पर भूखंड मुहैया कराने का भरोसा दिलाया।
फिर कहा निश्चित तौर पर कुछ न कुछ फायदा होगा लेकिन यह तब होगा जब मैं कायम रह पाऊंगा। कोई अखबार ऐसा नहीं जो मुझे नहीं हटवाता। दो तरह की खबरें छपती है। पहली यह कि मैं मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाऊंगा।
दूसरी यह कि मेरा पावर कम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही धारीवाल ने शायराना अंदाज में अपने दर्द-ए-दिल से कुछ यूं बयां किया, ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा।’
विश्व का सातवां आश्चर्य कुछ 'यूं' आज बदल देगा अपना रंग!
आगरा।विश्व के सातवे आश्चर्य ताज महल की खूबसूरती के दीवाने पूरे संसार में मिल जाएंगे। इसका सफेद रंग आंखों की जितना शीतलता प्रदान करता है, उतना ही मन को शांती। पर सफेद रंग का यह ताज जल्द ही नीले रंग में दिखाई देगा। अरे! हमेशा के लिए नहीं। केवल आज यानी 13 नवंबर के लिए। आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मधुमेह के लिए काम कर रहे एक संगठन के विशेष अनुरोध पर पुरातत्व सर्वेक्षण ने ताजमहल को नीली रौशनी में नहलाने की अनुमति दे दी है।
हम जानते है कि नीला रंग मधुमेह रोग का प्रतीक है। देश में करीब 51 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित है। इन लोगों के साथ पूरे देश को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए एएसआई ने विश्व मधुमेह दिवस की पूर्व संध्या पर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ताजमहल के साथ ही आगरा किला और फतेहपुर सीकरी भी इस दिन नीले रंग में नजर आएंगे।
पुरातत्व अधिकारी इन्दूधर द्विवेदी ने कहा, "यह पहली बार है जब एएसआई ने इस तरह के प्रस्ताव को मंजूर किया है। हम मधुमेह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने वाले इस कदम की सराहने करते हैं।"फोर्टिस अस्पताल में कार्यरत और मधुमेह ब्लू पखवाड़ा फाउंडेशन से जुड़े अनूप मिश्रा ने कहा, "नीले रंग में लिपटा ताज महल मधुमेह के बारे में जागरूकता फैलाएगा।"
इस रात नीले रंग में दिखने वाली अन्य स्मारकों में लखनऊ का इमामबाड़ा, उदयपुर में सिटी पैलेस ग्राउंड, मुंबई में सीएसटी स्टेशन, पुणे में साहनीवाड़ा किले, अहमदाबाद के 13 गेट्स, कोणार्क में पुराना किला, लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा और कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल आदि हैं।
सन 2006 में मधुमेह को एक गंभीर खतरे के रूप में मान्यता दी गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस बारे में प्रस्ताव पारित कर संकल्प लिया गया कि विश्व भर में इस खतरे से लोगों को आगाह किया जाएगा। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में से 60% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने अपने सदस्य देशों से इस बीमारी के उपचार, रोकथाम, और देखभाल पर राष्ट्रीय नीति बनाने की बात कही है।
सब इंस्पेक्टर बोला, किस-किस को सलाम ठोकूं मंत्री साहब
फरीदाबाद. प्रदेश के श्रम मंत्री शिवचरण लाल शर्मा से प्याली चौक पर शुक्रवार सारन थाने में तैनात एक सब इंस्पेक्टर भिड़ गया। दोनों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। मंत्री ने अभद्र व्यवहार करने वाले सब इंस्पेक्टर की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। पुलिस कमिश्नर ने फिलहाल उसे लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री उक्त पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने को लेकर रोष में हैं। वे इस मामले की शिकायत सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी करने की बात कर रहे हैं।
इस विवाद पर श्रम मंत्री शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को वे किसी काम से प्याली चौक के पास से गुजर रहे थे। उक्त चौक पर सारन थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मस्ताना पैर पर पैर रखकर बैठा हुआ था। उनकी गाड़ी गुजरने के बावजूद पुलिसकर्मी के इस तरह बैठे रहने से उनको गुस्सा आ गया। उन्होंने एक व्यक्ति को उक्त पुलिसकर्मी को बुलाने को कहा।
आरोप है कि पुलिसकर्मी ने मंत्री के पास आने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद मंत्री ने अपने गनमैन को भेजकर मस्ताना को बुलाया। मंत्री ने पुलिसकर्मी से अदब में रहने की डांट लगाई और कहा कि मंत्री जहां से गुजरते हैं तो कम से कम पुलिसकर्मी को खड़ा हो जाना चाहिए और सैल्यूट मारना चाहिए लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया और उनके बुलाने पर भी नहीं आया।
आरोप है कि उक्त पुलिसकर्मी मंत्री को उल्टा जवाब देने लगा और कहा कि वह यहां किस-किस को सलाम ठोकेगा और किस-किस की सुनेगा। यहां से कई मंत्री, विधायक व बड़े अधिकारी गुजरते हैं। सब इंस्पेक्टर ने उनसे कहा कि वे केवल उसका तबादला करा सकते हैं।
इस पर मंत्री आग बबूला हो गए और उस पर सख्त कार्रवाई की बात कहकर वहां से निकल लिए। इसके बाद मंत्री ने उसकी शिकायत फोन पर पुलिस कमिश्नर शत्रुजीत सिंह कपूर से की। कमिश्नर ने तुरंत मस्ताना को लाइन हाजिर कर दिया और मामले की गहनता से जांच करने को कहा।
मंत्री का कहना कि मस्ताना को केवल लाइन हाजिर करना नाकाफी है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे सीएम से उसकी शिकायत करेंगे। वे इस मामले में कतई चुप नहीं बैठेंगे। पुलिसकर्मी ने उनकी नहीं हरियाणा सरकार की बेइज्जती की है। इसकी सजा उसको भुगतनी होगी।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर कपूर ने क हा कि सब इंस्पेक्टर मस्ताना को फिलहाल लाइन हाजिर कर दिया है। यह पता लगाया जा रहा है कि जिस समय मंत्री चौक से गुजर रहे थे, उस समय मस्ताना क्या कर रहा था। मस्ताना पर लगे आरोप की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वर्ल्ड रिकॉर्ड तक ले गया पिताजी का दिया हुआ वह पैन!
देश में सबसे ज्यादा पैन का कलेक्शन रखने वाले पेशे से आई सर्जन डॉ. गुप्ता के शौक को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। वे बताते हैं, सन 2007 से लगातार पांच साल तक यह रिकॉर्ड उनके नाम रहा है।
1993 में जब पिताजी ने पहला पैन गिफ्ट किया तभी से उन्हें ऐसे खूबसूरत पैन्स को इकट्ठा करने का शौक लग गया। यूनीक पैन कलेक्शन में सभी वुड फिनिश पैन हैं, जिसमें कोई भी पैन एक दूसरे से मेल नहीं खाता और सभी चालू हालत में मौजूद हैं।
दुनियाभर के लीडिंग ब्रांड्स के रेअर पैन हैं। उनके पास ऐसे हजारों पैन हैं। इसमें माउंट ब्लैक कंपनी का महात्मा गांधी की पहली कॉपी भी मौजूद है।
मैसेज आया, कॉल किया और जीरो हो गया बैलेंस
मैसेज आया, कॉल किया और जीरो हो गया बैलेंस!उस पर कॉल करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही मोबाइलधारक उस नंबर पर फोन करता है, वैसे ही उनके मोबाइल का सारा बैलेंस डायल किए गए नंबर पर ट्रांसफर हो जाता ह
बीएसएनएल, वोडाफोन और एयरटेल ने इस तरह की शिकायतों की पुष्टि की है। प्री-पेड धारकों की राशि कहां और किसके पास गई है, फिलहाल मोबाइल कंपनियां इसका खुलासा नहीं कर पा रही हैं। हालांकि, इस ठगी के तहत जिन नंबरों को टोल फ्री बताया जाता है, उनके देश के बाहर का होना सामने आया है।
उधर, इस वोडाफोन ने जांच के लिए मामला दिल्ली की लीगल सेल को सौंप दिया है। वोडाफोन के अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ी तो पुलिस में भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
ऐसे हुआ बैलेंस ट्रांसफर
तनु के मोबाइल पर 4 नवंबर को सुबह 11:50 बजे पर एक एसएमएस आया। इसमें इनामी राशि जीतने की बात कहीं गई। राशि कहां और कैसे मिलेगी, इसके लिए एसएमएस में दिए गए टोल फ्री नंबर पर फोन करने के लिए कहां गया।
जैसे ही तनु ने कॉल किया, वैसे ही मोबाइल का सारा बैलेंस ट्रांसफर हो गया और इसका संदेश भी आया कि आपकी रिक्वेस्ट पर आपका सारा बैलेंस उस नंबर पर ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके तुरंत बाद तनु ने कस्टमर केयर पर शिकायत की। इसी मामले पर जांच की जा रही है कि आखिरकार कितने लोगों की राशि इस टोल फ्री नंबर पर गई और बाद में इस राशि का क्या हुआ?
ऐसे बचें ठगी से
>+91 के अलावा किसी अन्य नंबर से मिस कॉल आए तो उस नंबर पर कॉल नहीं करें।
>अगर कोई संदेश भेजकर कहे कि आपने इनाम जीता है और इस नंबर पर फोन करें तो कॉल करने से बचें।
>इनाम पाने के लालच में मोबाइल से एसएमएस करने से बचें और डिटेल किसी अन्य को नहीं दें।
शिकायत करें, वापस होंगे पैसे
>निजी ऑपरेटर्स के मुताबिक इस तरह के मामले में संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी कस्टमर केयर पर तुरंत शिकायत करें। ऐसा होने पर ट्रांसफर हुई राशि को रि-स्टोर किया जाना संभव है। यह राशि दो-तीन दिन में संबंधित व्यक्ति के खाते में वापस आ सकती है।
रोज आ रही हैं शिकायतें
"इस तरह के मामले में बैलेंस डिटेक्ट होने की रोजाना कुछ शिकायतें सामने आ रही हैं। चूंकि अधिकांश वारदात देश के बाहर के नंबरों से हो रही हैं, ऐसे में कार्रवाई संभव नहीं है। वैसे भी यह ग्राहक की लापरवाही की वजह से ऐसा होता है। ग्राहक इनाम या कुछ और लालच में मैसेज में आए अंक या मिस कॉल पर फोन करते हैं। कई मामलों में आईएसडी की कॉल दर से बैलेंस भी डिटेक्ट होने के मामले आ रहे हैं।"
-राहुल शर्मा, सीनियर सुपरवाइजर, प्री पेड कस्टमर केयर (निजी ऑपरेटर)
शुक्रिया दोस्तों टार्गेट ब्लॉग पांच हजार पूरा
कोंग्रेस के सबसे मजबूत राहुल ..देश के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री गहलोत से हारे
यह है गीता का ज्ञान ................
मोहितं नाभिजानाति मामेभ्यः परमव्ययम् ॥
मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥
माययापहृतज्ञाना आसुरं भावमाश्रिताः ॥
आर्तो जिज्ञासुरर्थार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ ॥
प्रियो हि ज्ञानिनोऽत्यर्थमहं स च मम प्रियः ॥
आस्थितः स हि युक्तात्मा मामेवानुत्तमां गतिम् ॥
वासुदेवः सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभः ॥
तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥
तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम् ॥
लभते च ततः कामान्मयैव विहितान्हि तान् ॥
देवान्देवयजो यान्ति मद्भक्ता यान्ति मामपि ॥
राजस्थान में एक और भंवरी, मंत्री ने दिया इस्तीफा
जयपुर।जोधपुर की भंवरी देवी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि प्रदेश की गहलोत सरकार के सामने एक और संकट खड़ा हो गया। जिसक गाज वन व खनन मंत्री रामजाट पर गिरी।विपक्ष के दवाब के चलते इस मामले में भी मंत्रीजी को इस्तीफा देना पड़ गया है।
डेढ़ महीने पहले 34 साल की महिला पारस देवी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। जिसमें वन व खनन मंत्री रामलाल जाट का नाम उछला था। खुद महिला के पिता रामेश्वर जाट ने भी मंत्री का नाम लेते हुए उन्हें ही दोषी कहा था। पारस देवी की मौत को भाजपा ने भी राजनीति मुद्दा बनाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
डेढ़ महीने पहले हुई पारस देवी की मौत के मामले में फॉरेस्ट और माइनिंग मिनिस्टर रामलाल जाट का नाम उछला था। यह मामला भी भंवरी देवी के मामले से मिलता-जुलता है। अंतर बस इतना हा कि पारस देवी की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि लापता भंवरी जिंदा है या मारी जा चुकी हैं, यह नहीं पता।
बता दें कि पारस देवी भीलवाड़ा डेयरी के अध्यक्ष रतनलाल चौधरी की बीवी थीं। जिनकी मौत २७ सितंबर को अस्पताल में हो गई थी। जिस वक्त पारस देवी ने दम तोड़ा, मंत्री रामलाल जाट भी वहां मौजूद थे। जाट पर आरोप है कि उन्होंने शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होने दिया। बाद में किसी तरह पोस्टमॉर्टम हुआ और अगले दिन पारस देवी का अंतिम संस्कार हो सका। डॉक्टरों का कहना है कि पारस देवी की मौत जहर से हुई है लेकिन आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
ऑपरेशन मजनूः अब पुलिस ने लड़कियों को बनाया 'लैला'
मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ में जिला पुलिस ने छेड़खानी की वारदातें रोकने के लिए तमाम कायदे-कानून ही किनारे कर ऐसा ऑपरेशन चलाया है जिसके बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
'ऑपरेशन मजनू' में शनिवार को पुलिस ने लड़कियों को भी लैला बना दिया। गुरुवार को शुरु हए इस ऑपरेशन में पुलिस ने शहर भर में स्कूल कॉलेजों के बाहर से युवकों को पकड़कर पिंजरे में बंद करके शहर भर में घुमाया था। इस पिंजरे का नाम मजनू पिंजरा रखा गया। लेकिन शनिवार को तो पुलिस ने हद ही कर दी और लड़कियों को भी लैला बना दिया। पुलिसकर्मियों ने पार्कों में बैठी लड़कियों को पकड़कर उनकी खूब फजीहत की। कई लड़कियां तो पुलिस की इस कार्रवाई से इतनी खौफजदा हुईं की चीख-चीख कर रोने लगीं।
ऑपरेशन मजनू के संबंध में मेरठ रेंज के आईजी राजीव कृष्ण ने कहा कि पुलिस मोरल पुलिसिंग नहीं कर रही है। अभियान सिर्फ लड़कियों को छेड़ने वाले मनचलें युवकों के खिलाफ किया जा रहा है। यदि पुलिस ने युवतियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की है तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आईजी ने यह भी कहा कि यदि कोई युवक या युवती अपनी मर्जी से कहीं बैठे हैं या साथ जा रहे हैं तो उनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
लेकिन प्रश्न यह उठ रहा है कि जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोरल पुलिस के खिलाफ हैं तो फिर जिला पुलिस इस तरह का अभियान किसके आदेश पर चला रही है। गुरुवार को चलाए गए आपरेशन में 200 से अधिक युवक पुलिस के हत्थे चढ़े थे।
एक और बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या पुलिस किसी भी युवक या युवती को पकड़कर उसकी सरेआम बेइज्जती कर सकती है? मेरठ पुलिस के इस कृत्य का ऑनलाइन जगत में भी काफी विरोध हो रहा है और इस ऑपरेशन पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
भिखारी को भी राजा बना दे, ऐसे हैं शनिदेव
शनि एक ऐसा नाम है जिसे पढ़ते-सुनते ही ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास रखने वाले लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनि की कुदृष्टि जिस पर पड़ जाए वह रातो-रात राजा से भिखारी हो जाता है और वहीं शनि की कृपा से भिखारी भी राजा के समान सुख प्राप्त करता है। यदि किसी व्यक्ति ने कोई बुरा कर्म किया है तो वह शनि के प्रकोप से नहीं बच सकता है। कई ऐसी घटनाएं हैं जहां शनि की कुदृष्टि पडऩे पर भारी संकट उत्पन्न हो गया।
ज्योतिष के अनुसार शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। इसी वजह से कुंडली में शनि की स्थिति अन्य ग्रहों की तुलना में काफी अधिक महत्व रखती है। शनिदेव को सूर्यपुत्र माना जाता है। इनका शरीर इंद्रनीलमणि के समान है। इनका रंग श्यामवर्ण माना जाता है। स्वर्णमुकुट एवं नीले वस्त्र धारण करने वाले शनि देव का वाहन कौआं है। शनिदेव की की चार भुजाएं बताई गई हैं। एक हाथ में धनुष, एक हाथ में बाण, एक हाथ में त्रिशूल और एक हाथ में वरमुद्रा सुशोभित है। शनिदेव का तेज करोड़ों सूर्य के समान अति तेजस्वी बताया गया हैं। शनि अपने भक्तों को सभी प्रकार के सुख देने सक्षम है।
देश में गोल्ड कंट्रोल एक्ट पहले से ही बना हुआ है
देश में गोल्ड कंट्रोल एक्ट
पहले से ही बना हुआ है
और इस कंट्रोल एक्ट का
उलंग्घन कर बेंकों और वायदा व्यापारियों को
सोने के नाम पर जमाखोरी और सट्टा लगाने की
इजाज़त देने से देश में सोने के भाव आसमां पर हैं
और रूपये का दिन बा दिन अवमूल्यन हो रहा है
यह देश में सिर्फ इसलियें हो रहा है के
हमरे देश में अगर महंगाई होगी तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था सुद्र्ड हो सकेगी
वरना तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था ही छिन्न भिन्न हो जायेगी
तो जनाब देश में जो भी कुछ मूल्य बढाये जा रहे हैं वोह
अमेरिका को आर्थिक स्थिति की तंगी से बचाने के लियें किया जा रहा है क्या ऐसा अर्थ शास्त्र आप अपने बच्चों को पढ़ना पसंद करेंगे ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मुस्कुराहट सजा गया कोई
आँख के आंसुओं को
यूँ ही सुखा गया कोई ।
मेरे रिश्ते हुए
जख्मों को
यूँ ही मरहम लगा गया कोई
एक चली आंधी
और मेरे गम और आंसुओं को
उढ़ा ले गया कोई
मेरे उदास चेरे पर
मुस्कुराहट सजा गया कोई
यूँ ही
मुझ रोते हुए को
हंसा गया कोई
सोचता हूँ
इस जहां में तो
यह शख्स जरुर
फरिश्ता ही होगा ...............................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मुझे नासूर सा जख्म दे गया
जो कांटे की तरह निकल कर
मुझे नासूर सा जख्म दे गया
आज उसी रिश्ते हुए जख्म के दर्द को देख कर
में सोचता हूँ
यमलोक में नरक के सिपाही केसे बेदर्द होते होंगे ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
जो मर रहा है
हुस्न को देख कर
बस हम तो
यूँ ही कहेंगे
के हम बदनसीब है
उस प्यासे की तरह
जो मर रहा है
प्यास से
समुंदर के करीब .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मेरी यही तो गलती थी ।
वफा की उम्मीद
मेरी यही तो गलती थी ।
मेने उसे चाहा
मेरे दुसरे चाहने वालों को ठुकरा कर
मेरी यही तो गलती थी
मेने सिर्फ तुम्हे पुकारा
दूसरों की पुकार को धिक्कार कर
मेरी यही तो गलती थी
बस
अब
इन गलतियों का ही
मुझे नतीजा भुगतना है
कल तुम भी देख लेना
मेरे जज्बात
मेरी ख्वाहिशें
सब मेरे साथ ही
खामोश हो जायेंगे
फिर तुम आज़ाद
शिकारी की तरह
किसी दुसरे शिकार को
तलाश लेना .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
राजस्थान लोक सेवा गारंटी कानून हां हां हां ...
अगर मेरा होता
से ॥
नीचे गिरा
यह आंसू
मेरा कहां था ।
अगर मेरा होता
तो
मुझ में ही
जज्ब हो जाता
अब
में इस आंसू के लियें
फिर से
अपना दुसरा
आंसू क्यूँ भौं .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सख्ती से लागू होगा लोक सेवा गांरटी अधिनियम
समय सीमा में काम नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई।
जयपुर। जिलें में लोक सेवा गारंटी अधिनियम-2011 को सख्ती से लागू किया जाएगा। अधिनियम में तय समय सीमा में काम नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन से जुड़े सभी विभागों व अफसरों को हर सप्ताह आने वाले आवेदन की रिपोर्ट कलेक्टर को देनी होगी।
कलेक्टर नवीन महाजन ने शनिवार को बताया कि 14 नवंबर से जयपुर जिलें सहित प्रदेशभर में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू हो रहा है। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। संबंधित अफसरों को संवेदनशीलता से इस पर काम करने के निर्देश दिए है। कोताही करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
15 विभागों की 108 सेवाएं आई दायरे में: सरकार ने राजस्व, जलदाय, बिजली, गृह, चिकित्सा सहित आम जन से जुड़े 15 विभागों की 108 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में लिया है।
कलेक्ट्रेट से जुड़े आठ काम होंगे: कलेक्ट्रेट से जुड़े लैंड रिकार्ड, कृषि भूमि नामांतरकरण, गैर खातेदारी से खातेदारी सेवाएं, भूमि रूपांतरण, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र व एससी-एसटी प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में लिया गया है।
लगेंगे साइन बोर्ड: कलेक्ट्रेट, उपखंड कार्यालय व तहसील कार्यालयों में लोक सेवा गारंटी अधिनियम से जुड़े नियमों को दर्शाने वाले साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए कलेक्टर ने सभी अफसरों को निर्देशित किया है। ताकि आम लोगों को इसकी जानकारी मिल जाए।
यकीनन...राहुल गांधी के इस नए रूप को देख चौंक जाएंगे आप!
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के इस रूप को देख कर आप दंग रह जाएंगे। अब तक आपने कांग्रेस के स युवराज को हंसते-मुस्कराते या गंभीर रूप में देखा होगा। लेकिन यूपी चुनावों की तपिश ने राहुल के तेवर बदल दिए हैं। राहुल अब एंग्री यंग मैन बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 14 नवंबर से बड़ा चुनावी अभियान शुरु कर रही है। इसमें राहुल गांधी को लेकर विशेष प्रकार के पोस्टर बनवाए गए हैं। हिंदी के साथ ये पोस्टर उर्दू में भी छपे हैं। हालांकि, राहुल ने अपनी पिछली यात्राओं के दौरान कई बार गांववालों से पूछा था कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की दशा देखकर गुस्सा नहीं आता? खुद राहुल को उत्तर प्रदेश के हालात पर खूब गुस्सा आता है।
पोस्टर पर कांग्रेस सांसद राजबब्बर ने कहा कि, पोस्टर में दिख रहा राहुल का गुस्सा यूपी के भट्टा पारसौल, मिरजापुर और टप्पल के लिए है। इसका अन्यथा अर्थ ना निकाला जाय। वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह ने कहा कि, राहुल जवाहरलाल नेहरू के खानदानी वारिस जरूर हैं, लेकिन विचारों के नहीं।
यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि, राहुल गांधी यूपी में आकर नौटंकी ना करें। अपना गुस्सा केंद्र और कांग्रेस शासित राज्यों में दिखाएं। गुस्से पर काबू करके पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित करें। उनका ड्रामा यहां नहीं चलेगा।
अमेरिका शर्मसार: अफगान युद्ध में शवों की उंगलियां काटता था सार्जेंट
अफगानिस्तान के कांधार प्रांत में तैनात रहे स्टाफ सार्जेंट केल्विन गिब्स पर आरोप था कि उन्होंने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए मासूम आम नागरिकों की हत्या की। गिब्स पर यह भी आरोप है कि उसने हत्या के बाद उनकी लाशों की उंगलियां काट दी।
पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद गिब्स को इस दुष्कृत्य के लिए उम्र कैद की सजा दी गई। पांच सदस्यीय ज्यूरी पेनल ने सार्जेंट के साथ थोड़ी नरमी बरतते हुए यह निर्णय लिया कि साढ़े आठ साल बाद वो पेरोल के हकदार होंगे।
गिब्स के खिलाफ पिछले 18 महीनों से यह केस चल रहा था। कोर्ट में पेश हुई तस्वीरों ने गिब्स द्वारा दिखाई गई हैवानियत की दास्तां सबके सामने खोलकर रख दी। पेंटागन अधिकारियों ने बताया कि गिब्स की स्ट्रायकर ब्रिगेड इन्फेंट्री यूनिट पर हो रहे ड्रग्स के दुरुपयोग की जांच के दौरान इन हत्याओं का मामला उजागर हुआ। इस प्रकरण ने अमेरिका की छवि को खराब किया है।
कोर्ट में पेश हुई तस्वीरों में गिब्स और उनके साथी सैनिक खून से लथपथ अफगानी मृत शरीरों के साथ खड़े हुए हैं। इन तस्वीरों की तुलना 2004 में हुए इराक के अबु घारिब कांड से की गई है।
गिब्स ने अपने जुर्म को स्वीकार नहीं किया है।
पांच लाख में बेच देते थे 45 लाख की 'गिन्नियां'!
जयपुर.नकली गिन्नियों को असली सोने की बताकर ठगी का प्रयास कर रहे दंपती सहित तीन लोगों को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
वे इंदिरा बाजार में एक व्यक्ति को मेट्रो खुदाई में गिन्नियां निकलने तथा सस्ते में बेचने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे।
पूछताछ में इस तरह की गिन्नियां दिल्ली से महज हजार रुपए में बनवाकर लाने की बात कही। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रूपाराम (41), उसकी पत्नी मीना देवी (38) तथा बाबू भाई (44) अहमदाबाद निवासी हैं। वे गुरुवार को जयपुर आए थे। बरामद गिन्नियों का वजन साढ़े पांच किलो है। इन पर वर्ष 1692 लिखा है।
जांच के लिए देते थे असली
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ग्राहक को विश्वास में लेने के बाद गिन्नी का एक टुकड़ा जांच के लिए देते। यह टुकड़ा असली होता। जब जांच में असली सोना होने की पुष्टि होती तब नकली गिन्नियां बेच देते। ठगी करने के बाद वे फरार हो जाते।
45 लाख की बताते, फिर बेच देते थे पांच लाख में
इंदिरा बाजार में तीनों एक व्यापारी को 45 लाख रुपए कीमत की गिन्नियां बताकर पांच लाख में सौदा कर रहे थे।
व्यापारी को झांसा देने के लिए मेट्रो खुदाई में इन गिन्नियों के निकलने की बात कह रहे थे। व्यापारी को शक हुआ तो उसने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।कोटा के वकीलों के लियें विधि मंत्री शान्ति धारीवाल ने खोला घोषणाओं का पिटारा
अगहन मास प्रारंभ, श्रीकृष्ण को प्रिय है यह मास
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष के नवे मास को अगहन व मार्गशीर्ष कहते हैं। इस बार श्रद्धा और भक्ति के पवित्र मास अगहन(मार्गशीर्ष) का प्रारंभ 11 नवंबर, शुक्रवार से हो चुका है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस मास में विधिवत पूजन-पाठ का विशेष महत्व माना गया है। स्कंदपुराण के अनुसार भगवान की कृपा प्राप्त करने की कामना करने वाले श्रद्धालुओं को मार्गशीर्ष मास में व्रत आदि करना चाहिए। इस माह किए गए व्रत-उपवास से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
नदी स्नान से मिलती है श्रीकृष्ण कृपा
इस माह में नदी स्नान की बड़ी महिमा कही गई है। शास्त्रों के अनुसार जब गोकुल में असंख्य गोपियों ने श्रीहरि को प्राप्त करने के लिए ध्यान लगाया तब श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष स्नान की सलाह दी। इसमें नियमित विधिपूर्वक प्रात: स्नान करने और इष्टदेव को प्रणाम करने की भी बात कही गई है।
कैसे करें नदी स्नान?
मार्गशीर्ष में नदी स्नान के लिए तुलसी की जड़ की मिट्टी व तुलसी के पत्तों से स्नान करना चाहिए। स्नान के समय ऊँ नमो नारायणाय या गायत्री मंत्र जप करें।
मिस्र के इस मंदिर के बारे में ये हैरतअंगेज बातें सुन सन्न रह जाएंगे आप
इसलिए इस मंदिर की उम्र भी लगभग इतनी ही मानी जाती है। यह मंदिर सिर्फ सूर्य देव की पूजा के लिए बना था या यहां लोगों को दफनाया जाता था या फिर ये सिर्फ देवता के सम्मान में बना था, ऐसे तमाम सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं मिलता है।
यह मंदिर अफ्रीका के खेमेतिअन लोगों द्वारा बनाया गया था। ये लोग पत्थरों के निर्माण और इंजीनियरिंग में माहिर थे। फिर भी इन लोगों ने हजारों टन के इन बड़े-बड़े पत्थरों को किस तरह उठाया होगा, इन्हें किन मशीनों से काटा होगा, ऐसे तमाम सवाल राज बने हुए हैं।
सबसे ज्यादा आश्चर्य पत्थरों के बीच में किए गए गोल छेद देखकर होता है। सदियों पहले आज जैसे आधुनिक उपकरण भी नहीं होते थे। फिर उन लोगों ने किस तरह ये होल ड्रिल किए थे। यहां पर बड़े-बड़े बेसिन भी बने हैं। समझा जाता है कि जानवरों की यहां बलि दी जाती होगी और पत्थर की नालियों से बहकर खून इनमें आता होगा। फिर भी वहां से किसी तरह के चाकू-छुरी या फिर खून के डीएनए नहीं मिले हैं।
राज है गहरा
1898 में सूर्य मंदिर की खोज की गई थी। इसके ज्यादातर हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इसे कैसे बनाया गया था और यहां क्या होता था, इनका जवाब नहीं मिलता है।