तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 नवंबर 2011
दो पहिया वाहन चालकों के साथ पुलिस और प्रेस का अत्याचार
दसवें अध्याय में गीता का संदेश ....
पुरुषं शाश्वतं दिव्यमादिदेवमजं विभुम् ॥
आहुस्त्वामृषयः सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा ।
असितो देवलो व्यासः स्वयं चैव ब्रवीषि मे ॥
न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवाः ॥
भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ॥
याभिर्विभूतिभिर्लोकानिमांस्त्वं व्याप्य तिष्ठसि ॥
केषु केषु च भावेषु चिन्त्योऽसि भगवन्मया ॥
भूयः कथय तृप्तिर्हि श्रृण्वतो नास्ति मेऽमृतम् ॥
प्राधान्यतः कुरुश्रेष्ठ नास्त्यन्तो विस्तरस्य मे ॥
अहमादिश्च मध्यं च भूतानामन्त एव च ॥
मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी ॥
इंद्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना ॥
वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥
सेनानीनामहं स्कन्दः सरसामस्मि सागरः ॥
यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि स्थावराणां हिमालयः ॥
गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां कपिलो मुनिः ॥
एरावतं गजेन्द्राणां नराणां च नराधिपम् ॥
प्रजनश्चास्मि कन्दर्पः सर्पाणामस्मि वासुकिः ॥
पितॄणामर्यमा चास्मि यमः संयमतामहम् ॥
मृगाणां च मृगेन्द्रोऽहं वैनतेयश्च पक्षिणाम् ॥
झषाणां मकरश्चास्मि स्रोतसामस्मि जाह्नवी ॥
अध्यात्मविद्या विद्यानां वादः प्रवदतामहम् ॥
अहमेवाक्षयः कालो धाताहं विश्वतोमुखः ॥
कीर्तिः श्रीर्वाक्च नारीणां स्मृतिर्मेधा धृतिः क्षमा ॥
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः॥
जयोऽस्मि व्यवसायोऽस्मि सत्त्वं सत्त्ववतामहम् ॥
मुनीनामप्यहं व्यासः कवीनामुशना कविः ॥
मौनं चैवास्मि गुह्यानां ज्ञानं ज्ञानवतामहम् ॥
न तदस्ति विना यत्स्यान्मया भूतं चराचरम् ॥
एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥
तत्तदेवावगच्छ त्वं मम तेजोंऽशसम्भवम् ॥
विष्टभ्याहमिदं कृत्स्नमेकांशेन स्थितो जगत् ॥
चमत्कार: यहां भगवान कालभैरव सचमुच शराब पीते हैं
उज्जैन को देवताओं की नगरी कहते हैं। यहां अनेक चमत्कारिक मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर है भगवान कालभैरव का। यहां भगवान कालभैरव की प्रतिमा को शराब का भोग लगाया जाता है और आश्चर्य की बात यह है कि देखते ही देखते वह पात्र जिसमें शराब का भोग लगाया जाता है, खाली हो जाता है। यहां रोज श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और इस चमत्कार को अपनी आंखों से देखती है।
महाकाल के कोतवाल हैं कालभैरव
भगवान काल भैरव का मंदिर मुख्य शहर से कुछ दूरी पर बना है। यह स्थान भैरवगढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। काल भैरव का मंदिर एक ऊंचे टीले पर बना हुआ है जिसके चारों ओर परकोटा बना हुआ है। धर्म शास्त्रों के अनुसार काल भैरव भगवान शंकर को कोतवाल हैं उसी मान्यता के अनुसार उज्जैन में भी कालभैरव को शहर का रक्षक या कोतवाल माना जाता है।मंदिर में काल भैरव की मूर्ति बहुत भव्य एवं प्रभावोत्पादक है। कहा जाता है कि यह मंदिर राजा भद्रसेन द्वारा निर्मित है। मंदिर की शोभा देखते ही बनती है। मंदिर पर भैरव अष्टमी को यात्रा होती है जिसमें सवारी भी निकलती है। पुराणों में जिन अष्टभैरव का वर्णन है, उनमें ये प्रमुख हैं।
घर पर बनाएं ये आयुर्वेदिक चूर्ण वैवाहिक जीवन भर जाएगा आनंद से
आज की व्यस्ततम जीवनशैली ,तनावभरी दिनचर्या और भौतिक सुख सुविधायें जुटाने की लालसा ने खुशहाल वैवाहिक जीवन को एक सपने की तरह बना दिया है। काम ने इस पवित्र कर्म के मूल में निहित भाव एवं उद्देश्य को समाप्त कर दिया है। काम आज दाम्पत्य जीवन की औपचारिकता भर रह गया है ,इन्ही कारणों से यौन संबंधों को लेकर असंतुष्ट युगलों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है आपको कमजोरी व क्षीणता महसूस होती है। अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो नीचे लिखे आयुर्वेदिक नुस्खे को जरूर अपनाएं निश्चित ही फायदा होगा।
सामग्री- सकाकुल मिश्री, सालम मिश्री, काली मूसली और शतावर सभी 40-40 ग्राम। बहमन सफेद बहमन लाल तोदरी छोटी, तोदरी बड़ी सभी 20-20ग्राम। सुरवारी के बीज, इंद्र जौ मीठे, जावित्री, जायफल, सौंठ, कुलींजन सभी 10-10 ग्राम।
निर्माण विधि- सारी औषधियों को अलग-अलग कुट पीसकर बाद में उक्त अनुपात में मिलाकर साफ सूखी शीशी में भरकर रखें।
सेवन विधि- पांच ग्राम की मात्रा लेकर इस चूर्ण को 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाट लें। दूध के साथ न लें। उसी से दवा खानी चाहिए। इस मदनानंद चूर्ण के सेवन से धातु क्षीणता, नामर्दी की शिकायत भी कुछ दिनों मिट जाती है। वास्तव में यह चूर्ण कामोत्तेजना जाग्रत करने का बहुत अच्छा उपाय है। अगर स्त्री प्रसंग से परहेज करके इस दवा का सेवन छ: महीने तक कर लिया जाए तो बहुत ही अच्छा है।
आसान फंडे: घंटों काम करने के बाद भी महसूस नहीं होगी थकान
भागती-दौड़ती जिंदगी में लगातार काम के बढ़ते दबाव से थकान महसूस होना एक आम समस्या है। काम की वजह से मानसिक तनाव बढ़ता जाता है। टेंशन के चलते अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोच भी नहीं सकते। ऐसे में दिमागी शांति और सुकुन महसूस करने का वक्त ही नहीं मिलता।आज के दौर में दिमाग को शांति मिलना लगभग असंभव सा ही है। फिर भी प्रयत्न करने पर आप कुछ हद तक मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं-
- कार्य को समय पर पूरा करें और योजना बनाकर कार्य करें।
- एक साथ कई कार्य करने में उलझे, एक-एक कार्य निपटाएं।
- प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे की सुकुन की नींद अवश्य लें।
- खाना-पीना समय पर खाएं।
- लगातार लंबे समय पर कार्य न करें। थोड़ी-थोड़ी देर में शरीर और दिमाग को विश्राम अवश्य दें।
- दिन की शुरूआत योग, व्यायाम, ध्यान से आदि से करें।
- मानसिक तनाव की सबसे बड़ी वजह होती है पैसा। पैसे जुड़ी समस्याओं जल्द से जल्द सुलझा लें।
- अपने जीवन साथी या अविवाहित अपने प्रेमी के साथ कुछ समय प्रतिदिन अवश्य बिताएं।
अब सूर्य ने छोड़ा शनि का साथ, क्या पैसा और तकदीर होंगी आपके हाथ
अब सूर्य ने अपनी नीच राशि बदल दी है। पिछले दो दिनों से शनि के साथ रह रहें सूर्य ने अब शनि का साथ छोड़ दिया है। कल से वृश्चिक में आया सूर्य 16 दिसंबर तक इस राशि में ही रहेगा। जानें लगभग इस एक महीने में आप पर क्या असर पड़ेगा।
मेष- आपकी राशि से अष्टम राशि में सूर्य है इसलिए धन को जोखिम में डालने से बचें। आकस्मिक दुघर्टना या शारिरीक कष्ट हो सकता है।
वृष- साझेदारी के कार्यों में कुछ बाधाओं के बाद सफलता प्राप्त होगी। गैर पारंपरिक क्षेत्र इस समय आपको लाभ दे सकते है।
मिथुन- सूर्य, वृश्चिक राशि में होने से आपको कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होगी। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए वृश्चिक राशि का सूर्य सफलता दायक रहेगा।
कर्क- निर्णयों में जल्दबाजी होने से धन हानि के योग बनेंगे। व्यर्थ विवाद में पड़ सकते है। वाणी पर नियंत्रण रखें।
सिंह- भूमि, भवन संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने का योग है। व्यवसायिक ऋण प्राप्ति की संभावना बन रही है।
कन्या- वृश्चिक राशि के सूर्य में कन्या राशि वाले अविवाहितों का विवाह होने के योग बन रहे है। कार्यक्षेत्र में सफलता पाप्त होगी।
तुला- आपके लिए समय अच्छा रहेगा। मान सम्मान बढ़ेगा। नए व्यवसाय या कार्यक्षेत्र में बदलाव होने के योग बन रहे है।
वृश्चिक- आपकी राशि में सूर्य का प्रवेश सामान्य फल देने वाला रहेगा। व्यवसायिक क्षेत्र में उन्नति के योग बनेंगे।
धनु- वृश्चिक राशि का सूर्य कुछ नकारात्मक समय लेकर आया है। इस समय में कोई नया कार्य शुरू न करें। व्यर्थ के विवादों से बचें।
मकर- सूर्य का राशि परिवर्तन आपके लिए अच्छा रहेगा। अचानक धन लाभ के योग बन रहे है साथ ही रूका हुआ धन भी प्राप्त होगा। व्यवसाय में लाभ होगा और कार्यक्षेत्र में पदोन्नती होगी।
कुंभ- वृश्चिक राशि का सूर्य आपके महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए अनुकूल समय लेकर आया है। धन संबंधी सभी रूकावटें दूर होंगी। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियां मिलेगी।
मीन- लंबी दूरी की यात्राओं का योग बनेगा, यात्राएं धार्मिक भी हो सकती है। खर्चा बढ़ेगा। प्रेम संबंधों में कष्ट या तनाव बनेगा।
21 दिन बाद होगा साल का आखिरी ग्रहण, क्या करें क्या न करें?
शनिवार 10 दिसंबर को चंद्र ग्रहण आने वाला है। ये ग्रहण आखिरी ग्रहण होगा। जी हां ये ग्रहण इस साल का आखिरी ग्रहण होगा। ये ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। इसका असर सभी पर होगा। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र, वृषभ राशि में होगा।
भारत में चंद्रग्रहण का पूरा असर होगा इसलिए धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में स्नान, दान, पूजा पाठ करने से दोष लगेगा। ग्रहण काल और सूतक काल का पालन करना चाहिए। ग्रहण का मोक्ष होने के बाद स्नान,दान और पूजा-पाठ करना चाहिए। हिन्दू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है साथ ही ज्योतिष शास्त्र में भी माना गया है कि ग्रहण का सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव होता है।
क्या करें, क्या न करें ग्रहण में
चंद्रग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले और सूर्यग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल में खाना खाना, सोना और सांसारिक सुखों का त्याग कर देना चाहिए। सूतक काल में बच्चे, बूढ़े और रोगी रियायत के तौर पर आवश्यक मात्रा में शुद्ध भोजन पदार्थ ले सकते है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो या शत्रु राशि में है उन्हे चंद्रग्रहण नही देखना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करें
चंद्रग्रहण के समय चंद्र देव के मंत्र श्रांश्रींश्रौं स: सोमाय नम: का जप करना चाहिए।
क्या होता है सूतक काल
दरअसल सूतक काल वह समय होता है जब से ग्रहण का असर शुरू होता है। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि ग्रहण लगने के कुछ घंटों पूर्व ही सूर्य और चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अपना दुष्प्रभाव फैलाना शुरू कर देती हैं। इन किरणों में अल्ट्रावाइलेट की मात्रा ज्यादा होती है। जो कि हर तरह की चीजों पर अपना असर डालती है। हिंदू धर्म में इसी कारण सूर्य ग्रहण के 12 और चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले से सूतक काल का नियम बनाया है। इस समय में हर तरह का खान-पान आदी की मनाही होती है, इस काल में एक स्थान पर बैठकर कोई मंत्र जाप कर सकते हैं।
जब आपकी हथेली में खुजली चले तो अचानक मिलेगा पैसा, क्योंकि...
पैसा या धन की आवश्यकता सभी को हमेशा से ही रही है। अधिक से अधिक पैसा कमाने के लिए कई प्रकार के जतन करते हैं। कड़ी मेहनत के बाद जब भी आपको उम्मीद से अधिक धन प्राप्त होने वाला होता है तो कुछ शुभ शकुन होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार कई प्रकार के शकुन और अपशकुन बताए गए हैं। जिनका हमारे भविष्य से गहरा संबंध होता है। किसी भी शुभ या अशुभ कार्य से पहले कुछ घटनाएं होती हैं। इन छोटी-छोटी घटनाओं को समझने के बाद हम समझ सकते हैं कि निकट भविष्य में कैसा समय आने वाला है। इसी प्रकार के शुभ शकुन में से एक है दाएं हाथ की हथेली में खुजली चलना।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ की हथेली में खुजली चलती है तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति अचानक ही ज्यादा पैसा प्राप्त होने वाला है। इस प्रकार की खुजली अचानक से ही चलती है। यदि किसी व्यक्ति को बिना किसी बीमारी या एलर्जी के ऐसी खुजली चलती है तो इसे शुभ शकुन माना जाता है।
शकुन-अपशकुन को लेकर सभी लोगों के विचार अलग-अलग होते हैं। कुछ लोग इन्हें अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ लोग इन्हें भविष्य से जोड़ कर देखते हैं।
महंगे पेट्रोल से छुटकारा दिलाएगी इलेक्ट्रिक कार
कंपनी के एमडी प्रवीन गोयल के अनुसार बैटरी से गाड़ी चलाने पर आप पांच साल में तेल के लगभग 7.5 लाख रुपये बचा सकते हैं। बैटरी किट की शुरुआती कीमत करीब 1.25 लाख रुपये है। आगे गाड़ी का साइज व मॉडल के अनुसार बैटरी की कीमत भी बढ़ती जाती है। एक ट्रक में करीब 4.5 लाख रुपये की बैटरी लगेगी।
चार घंटे की चार्जिग में 400 किलोमीटर: गोयल ने बताया कि वे यूनाइटेड स्टेट से बैटरी इंपोर्ट कर रहे हैं। बैटरी को 4 घंटे चार्ज करते हैं जिससे आप 400 किलोमीटर गाड़ी चला सकते हैं।
मारुति 800 कार में सवा लाख की बैटरी: मारुति 800 कार में 1.25 लाख रुपये, मारुति जेन में 1.60 लाख रुपये व होंडा सिटी में 2.60 लाख की किट लगाकर पांच साल में 6 से 8 लाख के बीच रुपये बचा सकते हैं।
250 रुपये में आरसी चेंजः गोयल कहते हकि आप रजिस्ट्रार लाइसेंसिंग अथॉरिटी में 250 रुपये फीस जमा करवाकर गाड़ी को पेट्रोल से इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करवा सकते हैं। पंजाब-हरियाणा में करीब 60 डिस्ट्रीब्यूटर उनका उत्पाद बेचने के लिए तैयार हो गए हैं। बैंकों ने भी रुचि दिखाई है। किट को फाइनेंस भी करवा सकते हैं।
24 घंटे में 33 कमरों वाला स्कूल खड़ा कर रच दिया इतिहास!
इस कार्य को अंजाम देने के लिए राजस्थान के अलावा, हरियाणा, पंजाब व अन्य प्रांतों के सेवादार शुक्रवार को जुटे रहे। हालांकि स्कूल की चारदीवारी व अन्य कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने की योजना है।
गुरुवार शाम चार-पांच बजे शुरू किया गया निर्माण कार्य दूसरे दिन शुक्रवार को शाम सात बजे तक लगभग पूरा हुआ। इसमें 33 कमरों को पूर्ण रूप से खड़ा कर दिया गया, वहीं 22 कमरों की छतें भी डाल दी गई।
बचे कुछ काम को सेवादार शुक्रवार रात तक अंतिम रूप देने में जुटे रहे। सेवादारों ने अपनी मजबूत इच्छा शक्ति से सेवा कर 46,782 वर्ग फीट में 24 घंटे काम कर एक इतिहास रच दिया। सेवादारों के इस अनूठे कार्य को देखने के लिए दिनभर क्षेत्रवासियों का हुजूम उमड़ा रहा।
दूसरे दिन हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान सहित अन्य प्रांतों से भी सेवादार पहुंचे। शुक्रवार को सेवादारों की संख्या करीब एक लाख तक आंकी गई।
यहां होता है 'चमत्कार', नहीं रहता कोई बेरोजगार, कुंवारा और निसंतान!
आगरा।यूपी के आगरा के पास बसे फतेहपुर सिकरी एक ऐतिहासिक शहर है। यहां के किले और दरगाह विश्व प्रसिद्ध हैं। इसका निर्माण महान मुगल शासक अकबर द्वारा संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में कराया था। यहां स्थित मजार के बारे में कहा जाता है कि, बेरोजगारों, कुंवारों और निसंतान लोगों की दुआएं पूरी होती हैं। जिन लोगों के पास नौकरी नहीं है, जिनकी शादी नहीं हो रही है और जिन शादी-शुदा लोगों के बच्चे नहीं हो रहे हैं, वो लोग सिकरी में स्थित दरगाह पर सजदा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन लोगों की मुरादें पूरी हो जाती हैं। इस बारे में एक दंत कथा है। अकबर को काफी दिनों तक कोई संतान पैदा नहीं हुई। संतान प्राप्ति के सभी उपाय असफल होने पर उसने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से प्रार्थना की। इसके बाद पुत्र जन्म से खुश और उत्साहित अकबर ने यहां अपनी राजधानी बनाने का निश्चय किया। लेकिन यहां पानी की बहुत कमी थी। इसलिए केवल 15 साल बाद ही राजधानी को पुन: आगरा ले जाना पड़ा। वास्तुकला का अद्भुत नमूनाफतेहपुर सीकरी हिंदू और मुस्लिम वास्तुशिल्प के मिश्रण का सबसे अच्छा उदाहरण है। फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि यह मक्का की मस्जिद की नकल है। इसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प से लिए गए हैं। मस्जिद का प्रवेश द्वार 54 मीटर ऊंचा बुलंद दरवाजा है। इसका निर्माण 1570 ई० में किया गया था। मस्जिद के उत्तर में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह है। यहां सजदा करते हैं बड़े फिल्म स्टार और राजनीतिक हस्तियांफतेहपुर सिकरी में वास्तुकला का अद्भुत नमूना देखने और दरगाह पर सर सजदा करने के लिए बड़े-बड़े फिल्म स्टार और विश्व की जानी मानी हस्तियां पहंचती हैं। पिछले साल फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी सारकोजी सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की मजार पर पहुंचे थे। वहीं कैटरीना, सलमान और अक्षय जैसी फिल्मी हस्तियां भी यहां जा चुकी हैं।
मै अभी जिंदा हूं, ये है मेरा प्रमाण पत्र, अब तो दे दो मेरा पेंशन
सबसे अधिक मुसीबत उन पेंशनरों की है जो सही ढंग से चलने फिरने लायक नहीं हैं और ग्रामीण इलाके से शहर आना पड़ता है। पेंशनरों के लिए शासन स्तर पर राष्ट्रीयकृत बैंकों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जो नाकाफी है। इसके अलावा फार्म में दिए गए सभी शर्तो जिसमें पुनर्विवाह नहीं किया है के साथ ही वे किसी शासकीय सेवा में कार्य नहीं कर रहे हैं और कई सारी जानकारी देनी पड़ती है जो उनके लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
लोगों के मुताबिक यदि किसी पेंशनर ने इस माह में फार्म जमा नहीं किया तो उसकी पेंशन आगामी माह में नहीं मिलेगी। इसके कारण न चाहते हुए भी लोगों को दूसरों की सहायता लेना और बैंकों में जाना मजबूरी बना हुआ है।
फिक्स था 1996 सेमीफाइनल? क्यूरेटर ने भी उठाए सवाल, कैसे टर्न करने लगी पिच?|
नई दिल्ली. क्रिकेट विश्वकप 1996 के सेमीफाइनल में श्रीलंका के हाथों भारतीय टीम की नाटकीय ढंग से हार का मामला तूल पकड़ने लगा है। उस वक्त ईडन गार्डन पर हुए इस मैच के पिच क्यूरेटर ने ताजा खुलासा किया है। क्यूरेटर कल्याण मित्रा ने कहा है कि अगर वह कप्तान होते तो पहले बल्लेबाजी चुनते लेकिन इस बारे में कोई भी फैसला कप्तान का होता है। तत्कालीन पिच क्यूरेटर कल्याण मित्रा ने कहा, ‘मेरे विचार से टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी हालांकि मैंने अजहर को कुछ नहीं बताया था। लेकिन एक बात समझ नहीं आ रही कि सचिन के आउट होने के बाद पिच क्यों टर्न लेने लगी?’
तत्कालीन भारतीय टीम के कप्तान और मुरादाबाद से कांग्रेस के सांसद मोहम्मद अजहरूद्दीन शुक्रवार को पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली पर बरस पड़े। अजहर ने कांबली के उस बयान पर सख्त ऐतराज जताया जिसमें कांबली ने कहा था कि उन्हें शक है कि 1996 विश्वकप सेमीफाइनल का मैच फिक्स था।
अजहर ने कहा कि कांबली ने उस समय की टीम के सदस्यों की बेइज्जती की है। पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें पहले गेंदबाजी करने के अपने फैसले पर अफसोस नहीं है। कांबली ने अजहर के इसी फैसले पर सवाल उठाए हैं।
अजहर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘हमने गेंदबाजी का फैसला किया। इस बारे में चर्चा हुई थी और यह पूरी टीम का फैसला था। विनोद जो कह रहे हैं वो बिल्कुल बकवास है। वह जरूर टीम की मीटिंग के वक्त सो रहे होंगे।’
कांबली ने कहा कि 1996 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के मैच के बाद उनका कॅरियर खत्म हो गया। हालांकि अजहर ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांबली उस मैच के बाद भी क्रिकेट खेले थे। कांबली खुद मूर्ख बन रहे हैं।
अजहर बोले, 'कांबली का बयान तीसरे दर्जे का है। कांबली को अपने मुंह पर टेप लगा लेना चाहिए। मुझे इस पर सफाई नहीं देनी है। अब बोलने का क्या मतलब है। मेरी कप्तानी में कैसे खेलते थे कांबली, उन्हें पता है।' अजहर यहीं नहीं रुके। उन्होंने कांबली के खेल और उनकी प्रतिभा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक-दो टेस्ट मैच खेलने वाले भी आजकल टीवी पर एक्सपर्ट बनकर कमेंट दे रहे हैं।
अजहर के बयान पर विनोद कांबली ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पूर्व कप्तान मेरा चरित्र हनन कर रहे हैं। विनोद का कहना है कि वह अजहर पर मुकदमा करेंगे। कांबली ने कहा, 'जहां तक बात मेरे क्रिकेट करियर की है तो उन्होंने रनों के अंबार लगाए हैं। मैंने दो दोहरे शतक लगाए हैं। उनके आंकड़े दुनिया के सामने हैं।' इस मामले पर तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि विनोद ने यह मुद्दा उस समय क्यों नहीं उठाया। उन्होंने पूछा कि वह 15 साल बाद क्यों बोल रहे हैं?
1996 का विश्व कप सेमीफाइनल खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर वेंकटपति राजू ने भी कांबली के आरोपों को सिरे से नकार दिया है, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू, नयन मोंगिया और मनोज प्रभाकर ने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया है।
तत्कालीन कप्तान अजहर के फैसले का समर्थन करते हुए वेंकटपति राजू ने कहा है कि यह टीम मीटिंग में पहले ही तय हो गया था कि भारत पहले फील्डिंग ही करेगा। श्रीलंका स्कोर का पीछा ज्यादा आसानी से कर सकता था इसलिए टीम ने तय किया था कि यदि टॉस जीते तो पहले फील्डिंग करें। राजू ने कहा है कि मैच से पहले टीम मीटिंग हुई थी और सिद्धू ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की बात की थी, लेकिन उससे पहले दिल्ली में खेले गए मैच में जयसूर्या और कालूवितर्ना ने जबरदस्त फॉर्म का प्रदर्शन किया। श्रीलंका की योजना पहले 15 ओवर में 120 रन स्कोर करने की थी। भारत की ओर से पहले फील्डिंग करने का फैसला पूरी टीम का था, सिर्फ कप्तान ने यह फैसला नहीं लिया था। हमने शुरुआती ओवरों में ही श्रीलंका के दो विकेट गिरा दिए थे लेकिन अरविंद डिसिल्वा और रणतुंगा ने जबरदस्त गेम खेला।
कांबली के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तत्कालीन टीम मैनेजर अजित वाडेकर ने कहा कि मैच से पिछली रात में हुई टीम मीटिंग में फैसला लिया गया था कि भारत पहले फील्डिंग करेगा। वाडेकर ने कहा है कि श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को भी हराया था और वे सच में चैंपियन थे। अजित वाडेकर ने कहा कि उन्हें इस मैच पर कोई शक नहीं है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर सिद्धू, मोंगिया और प्रभाकर ने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया है।
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर चेतन चौहान का मानना है कि बीसीसीआई को इस मामले को गंभीरता लेना चाहिए। चौहान के मुताबिक चूंकि कांबली उस वक्त टीम के सदस्य थे इसलिए उनके दावों की जांच की जानी चाहिए और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और तत्कालीन वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरीज रहे सनत जयसूर्या ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'कांबली के बयान से निराश हूं। 1996 वर्ल्डकप का सेमीफाइनल मुकाबला बिल्कुल साफ-सुथरा था।'
दिल्ली पुलिस का क्या है कहना?
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली पुलिस ने अदालत की कार्यवाही और पाकिस्तान के क्रिकेटरों के कबूलनामें के आलोक में इस मामले की जांच फिर से शुरू करने की तैयारी है, स्पेशल ब्रांच में डिप्टी कमिश्नर अशोक चांद ने कहा कि इंग्लैंड में दर्ज मैच फिक्सिंग के मामले का दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज मामले से कोई लेना-देना नहीं है। चांद ने कहा, ‘हम जांच के दौरान इकट्ठा किए गए आवाज के नमूनों की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले की जांच फिर से करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हमने अपने सिरे से जांच कर ली और सीबीआई ने अपने तरीके से जांच की है।’