पोरबंदर. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना मिशन के दौरान मोदी को टोपी और काफा देने के दो असफल प्रयासों के बाद पोरबंदर में मुस्लिम समाज के धर्मगुरु ने उन्हें भगवा रंग की शॉल दी , जिसे मोदी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इस शॉल पर ओम नमः शिवाय भी लिखा था।
इससे पहले अहमदाबाद में सद्भावना उपवास के दौरान मोदी ने एक मस्लिम धर्मगुरु से टोपी लेने से इंकार कर दिया था। नवसारी में भी एक मुस्लिम धर्मगुरु ने नरेंद्र मोदी को काफा पहनाने का प्रयास किया था, मोदी ने इसे भी अस्वीकार कर दिया था। बाद में नरेंद्र मोदी की कार्यक्रमों में उन्हें टोपी या काफा जैसी धार्मिक पहचान वाले वस्त्र भेंट करने पर पाबंदी लगा दी गई थी। लेकिन पोरबंदर में जब मोदी को भगवा शॉल दी गई तो न सिर्फ मोदी ने झुककर उसे स्वीकार किया बल्कि राज्सभा में बीजेपी के सांसद विजय रूपानी ने मंच से घोषणा भी की कि मोदी को मुस्लिम समाज ने मोदी को शॉल भेंट की है।
पोरबंदर के सुन्नी मुस्लिम समाज ने जहां मोदी को शॉल तोहफे में दी वहीं जूनागढ़ सुन्नी मुस्लिम जमात ने उन्हें हनुमान की मूर्ति और भगवान कृष्ण का रथ दिया। अंजुमन इस्लाम पोरबंदर के अध्यक्ष कासम संधार के मुताबिक मुस्लिम समाज ने मूर्ति और भगवा शॉल देकर नरेंद्र मोदी को अपनी सद्भावना दिखाई है। पोरबंदर में ही सद्भावना मिशन के दौरान जब नरेंद्र मोदी को गांधी टोपी पहनाने का प्रयास किया गया तो उन्होंने उसे भी अस्वीकार कर दिया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 नवंबर 2011
नरेंद्र मोदी का गांधी टोपी को इनकार, मुस्लिम के हाथों भगवा शॉल किया स्वीकार
हंगामे के बीच यूपी को चार टुकड़ों में बांटने का प्रस्ताव पास, सपाइयों की हुई पिटाई
लखनऊ. सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्य के बंटवारे का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन था। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और भाजपा ने स्पीकर को अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। विपक्षी दल मायावती सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। उनके हंगामे के चलते फौरन कार्यवाही स्थगित कर दी गई। दोपहर 12:20 बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही सरकार ने राज्य विभाजन का प्रस्ताव पेश किया और उसे पारित करा दिया।
विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही मायावती सदन में पहुंचीं और राज्य के बंटवारे का प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा गया। इस दौरान विपक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे। विधानसभा कक्ष में विपक्षी विधायक पोस्टर-बैनर लहरा कर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन सत्ता पक्ष ने बिना किसी बहस के ही ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसके बाद स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया। यह सब कुछ तीन मिनट के भीतर हो गया।
सपा के विधायक प्रदर्शन करते रहे। विधानसभा भवन के बाहर भी बड़ी संख्या में सपाई प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें शांत करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं। विधानसभा के बाहर और भीतर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विधानसभा के भीतर पीएसी की दो कंपनियां तैनात की गई थीं। सपा ने मायावती सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। सपा नेता आजम खान ने कहा, ‘लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है।’
विपक्षी दल राज्य मंत्रिपरिषद् के 15 नवंबर को लिए गए निर्णय के अनुसार उप्र को पुनर्गठित कर चार राज्यों, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध प्रदेश व पश्चिम प्रदेश बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। लेकिन विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस किया और कहा कि राज्य बंटवारे के लिए वह 2007 में ही केंद्र सरकार से कह चुकी थीं। उनकी ओर से कुछ नहीं किए जाने पर मजबूरन अब प्रस्ताव पारित कराना पड़ा। मायावती ने विपक्ष के इस आरोप को भी निराधार बताया कि उनकी सरकार अल्पमत में आ गई है।