आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 नवंबर 2011

सास की जिंदगी की दुआ है या बहु की मुसीबत

एक वृद्ध महिला जो किसी की सास थी उसकी तबियत पूंछने बहु के रिश्तेदार गए ..बहु के सामने सभी रिश्तेदारों ने सास की हालत देखी और सास की गंभीर हालात देख कर सभी लोग परेशान थे सभी की मुंह से एक ही दुआ निकल रही थी के खुदा सास को सहत्याब करे और लम्बी उम्र दे ..बार बार अपने पीहर पक्ष की इस दुआ से तंग आकर बीमार सास की बहु अपने पीहर पक्ष वालों को एक तरफ ले गयी और नाराज़ होकर बोली यह आप मुझे दुआ दे रहे है या सास की लम्बी उम्र की दुआ मांग कर मुझे बद्दुआ दे रहे हो ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का संदेश .....

HOME


यह है गीता का ज्ञान

(भगवान द्वारा अपने प्रभाव का वर्णन और अर्जुन को युद्ध के लिए उत्साहित करना)
श्रीभगवानुवाच
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धोलोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- मैं लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ। इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ। इसलिए जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग हैं, वे सब तेरे बिना भी नहीं रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध न करने पर भी इन सबका नाश हो जाएगा॥32॥
तस्मात्त्वमुक्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून्भुङ्‍क्ष्व राज्यं समृद्धम्‌ ।
मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्‌ ॥
भावार्थ : अतएव तू उठ! यश प्राप्त कर और शत्रुओं को जीतकर धन-धान्य से सम्पन्न राज्य को भोग। ये सब शूरवीर पहले ही से मेरे ही द्वारा मारे हुए हैं। हे सव्यसाचिन! (बाएँ हाथ से भी बाण चलाने का अभ्यास होने से अर्जुन का नाम 'सव्यसाची' हुआ था) तू तो केवल निमित्तमात्र बन जा॥33॥
द्रोणं च भीष्मं च जयद्रथं च कर्णं तथान्यानपि योधवीरान्‌ ।
मया हतांस्त्वं जहि मा व्यथिष्ठायुध्यस्व जेतासि रणे सपत्नान्‌ ॥
भावार्थ : द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह तथा जयद्रथ और कर्ण तथा और भी बहुत से मेरे द्वारा मारे हुए शूरवीर योद्धाओं को तू मार। भय मत कर। निःसंदेह तू युद्ध में वैरियों को जीतेगा। इसलिए युद्ध कर॥34॥
भयभीत हुए अर्जुन द्वारा भगवान की स्तुति और चतुर्भुज रूप का दर्शन कराने के लिए प्रार्थना)
संजय उवाच
एतच्छ्रुत्वा वचनं केशवस्य कृतांजलिर्वेपमानः किरीटी ।
नमस्कृत्वा भूय एवाह कृष्णंसगद्गदं भीतभीतः प्रणम्य ॥
भावार्थ : संजय बोले- केशव भगवान के इस वचन को सुनकर मुकुटधारी अर्जुन हाथ जोड़कर काँपते हुए नमस्कार करके, फिर भी अत्यन्त भयभीत होकर प्रणाम करके भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गद्‍गद्‍ वाणी से बोले॥35॥
अर्जुन उवाच
स्थाने हृषीकेश तव प्रकीर्त्या जगत्प्रहृष्यत्यनुरज्यते च ।
रक्षांसि भीतानि दिशो द्रवन्ति सर्वे नमस्यन्ति च सिद्धसङ्‍घा: ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे अन्तर्यामिन्! यह योग्य ही है कि आपके नाम, गुण और प्रभाव के कीर्तन से जगत अति हर्षित हो रहा है और अनुराग को भी प्राप्त हो रहा है तथा भयभीत राक्षस लोग दिशाओं में भाग रहे हैं और सब सिद्धगणों के समुदाय नमस्कार कर रहे हैं॥36॥
कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन्‌ गरीयसे ब्रह्मणोऽप्यादिकर्त्रे।
अनन्त देवेश जगन्निवास त्वमक्षरं सदसत्तत्परं यत्‌ ॥
भावार्थ : हे महात्मन्‌! ब्रह्मा के भी आदिकर्ता और सबसे बड़े आपके लिए वे कैसे नमस्कार न करें क्योंकि हे अनन्त! हे देवेश! हे जगन्निवास! जो सत्‌, असत्‌ और उनसे परे अक्षर अर्थात सच्चिदानन्दघन ब्रह्म है, वह आप ही हैं॥37॥
त्वमादिदेवः पुरुषः पुराणस्त्वमस्य विश्वस्य परं निधानम्‌ ।
वेत्तासि वेद्यं च परं च धाम त्वया ततं विश्वमनन्तरूप । ।
भावार्थ : आप आदिदेव और सनातन पुरुष हैं, आप इन जगत के परम आश्रय और जानने वाले तथा जानने योग्य और परम धाम हैं। हे अनन्तरूप! आपसे यह सब जगत व्याप्त अर्थात परिपूर्ण हैं॥38॥
वायुर्यमोऽग्निर्वरुणः शशाङ्‍क: प्रजापतिस्त्वं प्रपितामहश्च।
नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते ॥
भावार्थ : आप वायु, यमराज, अग्नि, वरुण, चन्द्रमा, प्रजा के स्वामी ब्रह्मा और ब्रह्मा के भी पिता हैं। आपके लिए हजारों बार नमस्कार! नमस्कार हो!! आपके लिए फिर भी बार-बार नमस्कार! नमस्कार!!॥39॥
नमः पुरस्तादथ पृष्ठतस्ते नमोऽस्तु ते सर्वत एव सर्व।
अनन्तवीर्यामितविक्रमस्त्वंसर्वं समाप्नोषि ततोऽसि सर्वः ॥
भावार्थ : हे अनन्त सामर्थ्यवाले! आपके लिए आगे से और पीछे से भी नमस्कार! हे सर्वात्मन्‌! आपके लिए सब ओर से ही नमस्कार हो, क्योंकि अनन्त पराक्रमशाली आप समस्त संसार को व्याप्त किए हुए हैं, इससे आप ही सर्वरूप हैं॥40॥
सखेति मत्वा प्रसभं यदुक्तं हे कृष्ण हे यादव हे सखेति।
अजानता महिमानं तवेदंमया प्रमादात्प्रणयेन वापि ॥
यच्चावहासार्थमसत्कृतोऽसि विहारशय्यासनभोजनेषु ।
एकोऽथवाप्यच्युत तत्समक्षंतत्क्षामये त्वामहमप्रमेयम्‌ ॥
भावार्थ : आपके इस प्रभाव को न जानते हुए, आप मेरे सखा हैं ऐसा मानकर प्रेम से अथवा प्रमाद से भी मैंने 'हे कृष्ण!', 'हे यादव !' 'हे सखे!' इस प्रकार जो कुछ बिना सोचे-समझे हठात्‌ कहा है और हे अच्युत! आप जो मेरे द्वारा विनोद के लिए विहार, शय्या, आसन और भोजनादि में अकेले अथवा उन सखाओं के सामने भी अपमानित किए गए हैं- वह सब अपराध अप्रमेयस्वरूप अर्थात अचिन्त्य प्रभाव वाले आपसे मैं क्षमा करवाता हूँ॥41-42॥
पितासि लोकस्य चराचरस्य त्वमस्य पूज्यश्च गुरुर्गरीयान्‌।
न त्वत्समोऽस्त्यभ्यधिकः कुतोऽन्योलोकत्रयेऽप्यप्रतिमप्रभाव ॥
भावार्थ : आप इस चराचर जगत के पिता और सबसे बड़े गुरु एवं अति पूजनीय हैं। हे अनुपम प्रभाववाले! तीनों लोकों में आपके समान भी दूसरा कोई नहीं हैं, फिर अधिक तो कैसे हो सकता है॥43॥
तस्मात्प्रणम्य प्रणिधाय कायंप्रसादये त्वामहमीशमीड्यम्‌।
पितेव पुत्रस्य सखेव सख्युः प्रियः प्रियायार्हसि देव सोढुम्‌॥
भावार्थ : अतएव हे प्रभो! मैं शरीर को भलीभाँति चरणों में निवेदित कर, प्रणाम करके, स्तुति करने योग्य आप ईश्वर को प्रसन्न होने के लिए प्रार्थना करता हूँ। हे देव! पिता जैसे पुत्र के, सखा जैसे सखा के और पति जैसे प्रियतमा पत्नी के अपराध सहन करते हैं- वैसे ही आप भी मेरे अपराध को सहन करने योग्य हैं। ॥44॥
अदृष्टपूर्वं हृषितोऽस्मि दृष्ट्वा भयेन च प्रव्यथितं मनो मे।
तदेव मे दर्शय देवरूपंप्रसीद देवेश जगन्निवास ॥
भावार्थ : मैं पहले न देखे हुए आपके इस आश्चर्यमय रूप को देखकर हर्षित हो रहा हूँ और मेरा मन भय से अति व्याकुल भी हो रहा है, इसलिए आप उस अपने चतुर्भुज विष्णु रूप को ही मुझे दिखलाइए। हे देवेश! हे जगन्निवास! प्रसन्न होइए॥45॥
किरीटिनं गदिनं चक्रहस्तमिच्छामि त्वां द्रष्टुमहं तथैव।
तेनैव रूपेण चतुर्भुजेनसहस्रबाहो भव विश्वमूर्ते॥
भावार्थ : मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किए हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिए हुए देखना चाहता हूँ। इसलिए हे विश्वस्वरूप! हे सहस्रबाहो! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइए॥46॥

नारियल का अनूठा प्रयोग: हो जाएगी एसीडिटी की छुट्टी हमेशा के लिए

| Email Print

नारियल को भारतीय सभ्यता में शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसलिए पूजा-पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है। किसी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता है। पूजा के प्रसाद में इसका प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग काड लिवर आइल के स्थान पर सेवन में किया जा सकता है। यह कच्चा और पका हुआ दो अवस्थाओं में मिलता है। नारियल का पानी पिया जाता है। इसका पानी मूत्र, प्यास व जलन शांत करने वाला होता है।

मुंह के छाले- मुंह के छाले होने पर नारियल की सफेद गिरी का टुकड़ा और एक चम्मच भर चिरोंजी मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबाना व चूसना चाहिए।

पेट के कीड़े- बड़ी उम्र के व्यक्ति को अगर पेट में कृमि की समस्या है तो सूखे गोले का ताजा बूरा 10 ग्राम मात्रा में लेकर खूब चबा-चबाकर खा लें। इसके तीन घंटे बार सोते समय दो चम्मच केस्टर आइल, आधा कप गुनगुने गर्म दूध में डालकर तीन दिन तक पीएं। पेट के कीड़े मल के साथ निकल जाएंगे।

आधा सीसी- आधा सीसी वाला दर्द हो तो नारियल का पानी ड्रापर से नाक के दोनों तरफ दो-दो बूंद टपकाने से आधा सीसी का दर्द दूर होता है।

एसीडिटी- आजकल एसीडिटी यानी पित्त प्रकोप होना आम बात हो गई है। एसीडिटी से ग्रसित होने पर सीने व पेट में जलन, जी मचलाना, उल्टी होने जैसा जी करना या उल्टी होना, मुंह में छाले होना, सिरदर्द, होना पतले दस्त लगना आदि लक्षण प्रकट होते हैं। कच्चे नारियल की सफेद गिरी, खस और सफेद चंदन का बुरादा दस-दस ग्राम ले। एक गिलास पानी में डाल कर शाम को रख दें। सुबह इसे मसल कर छान कर खाली पेट पीने से एसीडिटी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी।

सदी का दुर्लभ संयोग: एक साल में होंगे सात ग्रहण



इस मास सूर्यग्रहण(25 नवंबर) के बाद 10 दिसंबर को होने वाला चंद्रग्रहण इस माएने में ऐतिहासिक होगा कि यह साल का 7 वां ग्रहण होगा। हजारों साल में ऐसा दुर्लभ संयोग बनता है जब एक वर्ष में अधिकतम 7 ग्रहण होते हैं।

खगोलविदें के अनुसार ग्रहण तो हर साल होते हैं लेकिन इस बार आश्चर्य की बात यह है कि एक वर्ष के अंदर ही 7 ग्रहण होने जा रहे हैं जो एक दुर्लभ संयोग है। सामान्य तौर पर एक वर्ष की अवधि(365 दिन) में चार या पांच ग्रहण होते हैं। 7 ग्रहण अधिकतम होते हैं जो कभी-कभी ही होते हैं। इस सदी की यह पहली घटना होगी जब 21 दिसंबर 2010 से 10 दिसंबर 2011 के बीच 7 ग्रहण होंगे।



कब-कब हुए ग्रहण?

- 21 दिसंबर 2010 को खग्रास चंद्रग्रहण हुआ। यह भारत में नहीं दिखाई दिया।

- 4 जनवरी 2011 को खंड सूर्यग्रहण हुआ जो केवल पश्चिमोत्तर भारत में दिखा।

- 1 जून 2011 को खंड सूर्यग्रहण उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिका महासागर में दिखाई दिया।

- 15-16 जून 2011 को खग्रास चंद्रग्रहण भारत में देखा गया।

- 1 जुलाई 2011 को खंड सूर्य ग्रहण दक्षिण प्रशांत महासागर में देखा गया।

- 25 नवंबर 2011 को खंड सूर्यग्रहण दक्षिणी ध्रुव, अंटार्कटिका महाद्वीप पर दिखाई देगा।

- 10 दिसंबर 2011 को खग्रास चंद्रग्रहण भारत में देखा जा सकेगा।



ग्रहण से जुड़ी अन्य रोचक जानकारी

- ग्रहण 15-15 दिनों की अवधि में दो ही होते हैं, जिनमें एक सूर्य और एक चंद्रग्रहण होता है।

- इस साल (2011) 1 जून से 1 जुलाई के बीच तीन ग्रहण हुए। इनमें दो खंड और एक खग्रास हुआ। यह भी एक असामान्य घटना है।

- इस वर्ष पृथ्वी के दोनों ध्रुवों(उत्तरी व दक्षिणी) पर लगभग 6 माह की अवधि में खंड सूर्यग्रहण हुए हैं।

- इस साल चार खंड सूर्यग्रहण तथा तीन खग्रास चंद्रग्रहण हुए।

कांस्टेबल ने की थानेदार को रिश्वत की पेशकश, नहीं माना तो जड़ा तमाचा!

| Email
पाली/जयपुर.रोहट थानाप्रभारी से हाथापाई कर तमाचा जड़ने वाले कांस्टेबल समंदरसिंह राजपुरोहित ने धोखाधड़ी के आरोपी को छोड़ने के बदले रिश्वत देने की पेशकश की थी।

थानेदार के मना करने पर आरोपी ने मारपीट की। थानेदार को उसने कई बार ड्यूटी को लेकर चेताया था। एसपी अजयपाल लांबा ने आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। मामले में संदिग्ध भूमिका वाले एएसआई अमरसिंह, सुमरेसिंह कांस्टेबल कैलाश तथा शंकरलाल को लाइन हाजिर कर दिया है।

वहीं इस मामले में संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर रोहट थाने में तैनात दो एएसआई व दो सिपाहियों को भी वहां से हटाकर पुलिस लाइन में आमद कराने के निर्देश दिए हैं। मामले में सीओ द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार रायपुर के रहने वाले संपत राज चौकीदार के खिलाफ आधा दर्जन लोगों के खिलाफ रोहट थाने में एक ही जमीन को दो बार बेचने का मामला दर्ज था। जांच में संपत राज चौकीदार समेत चार जनों को दोषी पाए जाने पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने के प्रयास में थी।

रोहट थाने से पुलिस दल बनाकर रायपुर भेजा गया था। एक स्थान पर रायपुर पुलिस के सहयोग से आरोपी संपत राज को पकड़ लिया, मगर रोहट लाने के लिए पर्याप्त पुलिस दल नहीं होने के कारण उसे रायपुर थाने में ही बिठा दिया गया था।

प्रारंभिक जांच में थाना प्रभारी ने बताया कि धोखाधड़ी के आरोपी को पकड़ने के बाद कांस्टेबल समंदरसिंह राजपुरोहित ने आरोपी को छोड़ने का दबाव बनाया। इसके लिए रिश्वत देने की भी पेशकश की थी।

उनके मना करने पर वह आवेश में आ गया तथा उसने थाने में उनके साथ हाथापाई कर थप्पड़ मार दी। कांस्टेबल अपनी गलत बात को लेकर इस कदर गुस्से में आ गया कि वही काफी देर तक अपशब्द कहता रहा। किसी तरह से अन्य पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर उसको अलग किया।

डीएसपी ग्रामीण चिंरजीलाल मीणा की जांच रिपोर्ट के बाद एसपी अजयपाल लांबा ने समंदरसिंह को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही एएसआई अमरसिंह, सुमरेसिंह कांस्टेबल कैलाश तथा शंकरलाल की भूमिका भी प्रकरण में संदेहास्पद होने के चलते उनको भी लाइनहाजिर कर दिया है।

थाना प्रभारी के साथ की गई हाथापाई से उनके चेहरे पर चोट के निशान हैं। उनका मेडिकल मुआयना भी कराया गया है। रोजनामचा रजिस्टर में घटना की रपट डाली गई है।

आपत्तिजनक टिप्पणी से लगी आग पर पायलट ने डाला पानी!

| Email Print Comment

| Email Print
उदयपुर/जयपुर.राज्य सरकार के विशेष आग्रह पर केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने फेसबुक से उस आपत्तिजनक टिप्पणी को हटा दिया है, जिसके कारण उदयपुर संभाग में उपद्रव और प्रदर्शन हो रहे हैं।

राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और संचार मंत्रालय दोनों से ही आग्रह किया है कि सोशल नेटवर्किग की साइट पर इस तरह की हरकत किसने, कहां से और कैसे की इसकी जांच भी होनी चाहिए। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में अभद्र टिप्पणी को लेकर बिगड़ी कानून व्यवस्था की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को चाक चौबंद रहने के निर्देश दिए।

केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को फेसबुक के अधिकारियों को तलब किया और आपत्तिजनक टिप्पणी को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने संचार मंत्रालय के अधीन आने वाली संस्था सीईआरटी-इन (कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम- इंडिया) के अधिकारियों से सलाह मशविरा कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

पायलट ने कहा कि भारत का संविधान सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो देता है, लेकिन इसका ऑनलाइन पर सामाजिक सद्भावना और माहौल बिगाड़ने के लिए उपयोग करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक संदेश या फोटो को अपलोड करना न सिर्फ आपत्तिजनक है बल्कि अपमान सूचक व मानहानि करने वाला होगा।

राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव जी.एस. संधू ने बताया कि इस संबंध में फेसबुक से जुड़ी कंपनी को भी आपत्तिजनक सामग्री को हटवाने के लिए पत्र लिखा गया। उन्होंने बताया कि इसमें बीकानेर से जिस करण सिंह की आईडी सामने आई है, वह गलत निकली है। इस संबंध फेसबुक के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय से भी संपर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि उदयपुर संभाग के संबंधित क्षेत्रों में शांति का माहौल है।

सोशल नेटवर्किग पर नजर रखने के निर्देश :

इस घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सोशल नेटवर्किग से जुड़ी साइटों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से बुधवार को पत्र लिख कर हिदायत जारी की गई है। पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में विशेषज्ञों से संपर्क में रहने के साथ ही शांति समिति और सीएल जी की बैठकों का आयोजन किया जाए।साथ ही सोशल नेटवर्किग पर इनके माध्यम से नजर रखी जाए।

उधर, उदयपुर हाथीपोल क्षेत्र में उपद्रव मचाने के मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से 11 को नामजद कर लिया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

उल्लेखनीय है कि फेसबुक पर आपत्तिजनक चित्रों को लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने मंगलवार को उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में प्रदर्शन और उपद्रव किया था। इससे पहले डूंगरपुर में प्रदर्शन किया था।

लहसुन की सिर्फ दो कली मिटा देगी इन जानलेवा बीमारियों को

जो कुछ भी हम रोजमर्रा के आहार में खाते-पीते हैं। उन सभी के अपने गुण-दोष होते हैं। रोटी, चावल, दाल, सब्जी, तथा उनमें डाले जाने वाले मसाले आदि सभी के कुछ न कुछ गुण हैं। अब जैसे लहसुन में एक नहीं अनगिनत गुण हैं। ऐसे ही लहसुन के एक गुणकारी प्रयोग की जानकारी दी जा रही हैं।

लहसुन खून में बढ़ी चर्बी कोलेस्ट्रोलको कम करने का काम करता है। उच्च रक्तचाप भी अनेक मारक रोगों का बढ़ा कारण माना जाता है। लहसुन का प्रयोग इन दोनों ही बीमारियों को जड़ से नष्ट करने की क्षमता रखता है। बस इसमें एक ही कमी हैं, वह है इसकी दुर्गंध। लेकिन इसमें कोलेस्ट्रोल को ठीक करने की गजब की क्षमता होती है।

रोज सबेरे बिना कुछ खाए- पीए दो पुष्ट कलियां छीलकर टुकड़े करके पानी के साथ चबाकर खा ले निगल जाए। इस साधारण से प्रयोग को नित्य करते रहने से रक्त में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल तो कम होगा ही, साथ ही उच्च रक्तचाप रोगियों का रोग भी नियंत्रित हो जाएगा। शरीर में कही भी ट्युमर होने की संभावना दूर हो जाती है।

164 निर्दोषों की हत्या, हत्यारे की आवभगत पर लुटा दिया 6 करोड़!


मुंबई. मुंबई पर आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब की हिफाजत और खाने पर अब तक 16 करोड़ 50 हजार रुपये खर्च होने की जानकारी सामने आई है।

मुंबई के आर्थर रोड जेल में कैद कसाब को मुंबई हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई हुई है। जिसके खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
26 नवंबर को मुंबई हमले की तिसरी बरसी के मौके पर पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब पर हुए करोड़ों रुपये के खर्च की जानकारी सामने आने के बाद कई गैर सरकारी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है।

बता दें कि कसाब को 26 नवंबर 2008 को मुंबई के गिरगांव इलाके से आतंकवादी हमले को अंजाम देते वक्त जिंदा पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद से ही कसाब को दक्षिण मुंबई के हाईप्रोफाइल आर्थर रोड जेल में रखा गया है।

चूंकि खुफिया एजेंसियों ने कसाब की जान को खतरे की चेतावनी दी हुई है। इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। बताया जा रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से कसाब पर 10 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च हुए हैं। जिसमें इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस का बिल भी शामिल है।

मालूम हो कि कसाब को फांसी की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विशेष सरकारी वकील उज्‍जवल निकम ही सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले हैं। इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपये प्रतिघंटे रायमशिवरे और 50 हजार रुपये प्रति सुनवाई के मिलने वालें।



PM की चेतावनी, मुश्किल में फंस सकता है भारत!



देश के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने ताजा बयान में जो कुछ कहा है वो गंभीर चिंता का विषय है। दरअसल उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो देश गंभीर आर्थिक संकट में फंस जाएगा। उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर देश को संभालने के लिए गंभीर कदम उठाने की बात करते हुए यह भी कहा कि इसके लिए संसद का चलना बहुत जरूरी है।

वहीं वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि रुपये में तेज गिरावट की वजह ग्लोबल अनिश्चितता है। इस अनिश्चितता और एफआईआई के पैसे निकालने का दबाव रुपये पर पड़ रहा है और इस वजह से रुपया तेजी से गिरा है। वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि इस गिरावट पर रिजर्व बैंक की नजर बनी हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि मौजूदा स्थिति में आरबीआई के कदम उठाने से भी रुपये को सहारा नहीं मिलेगा।

चल पागल प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह बनना चाहता है क्या

दोस्तों देश में निरंतर बढ़ रही महंगाई और भ्रष्टाचार अनाचार के खिलाफ आन्दोलन कर रहे एक आंदोलनकारी को पुलिस ने पकड़ लिया उस पर मुकदमा चला जज ने पत्रावली देखी और सोचा के मुलजिम ने अपराध जो भी किया है राष्ट्रहित में किया है इसलियें सजा इसी से पूंछ कर दी जाए बस फिर क्या था जज साहब ने कानून तोड़ने वाले अर्प्रधि आन्दोलन कारी से पूंछा के बता तुझे तेरे जुर्म की क्या सजा दी जाए तू जो कहेगा वेसी ही सजा तुझे दी जायेगी ........यह सुनकर आरोपी ने कहा के साहब मुझे ऐसी सजा दी जाए के में जहाँ जाऊं वहां लोग मुझ से नफरत करें ..सभी लोग मुझे देख कर नाक मुंह सिकोड़े ..देश में जो भी देखे वोह मेरे मुंह पर थूके मेरे कारनामों से देश त्राहि त्राहि करने लगे .जज ने बोलते हुए मुलजिम को रोका और कहा चुप कर क्या में तुझे यह सजा दिलवाने के लियें देश का प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह बना दू ........... जिसके कारनामों से जनता उनके साथ ऐसा ही सुलूक कर रही है जो तू तेरे साथ चाहता है .... .................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...