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24 नवंबर 2011

यह नदी करती है 'चित्रकारी', रोचक है ये प्रेम कहानी!

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बांदा। बुंदेलखंड में एक नदी ऐसी है जो सात पहाड़ों का सीना चीरकर बहती है। यह नदी अपनी यात्रा में पत्थरों में रंगीन 'चित्रकारी' भी करती है। यह केन नदी है और इसमें पाए जाने वाले चित्रकारी वाले पत्थरों को 'शजर' कहा जाता है। शजर में झाड़ियों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, मानव और जलधारा के विभिन्न रंगीन चित्र देखने को मिलते हैं।


केन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के दमोह जनपद की कैमूर पहाड़ी से है, जो उत्तर प्रदेश में बांदा जनपद के बिल्हरका गांव से प्रवेश करती है। नदी का नाम 'केन' कैसे पड़ा इसे लेकर दो किंवदंतियां हैं। पहली किंवदंती के अनुसार, इस नदी का पुराना नाम 'कर्णवती' था।


एक बुजुर्ग ने बताया कि नदी के किनारे अक्सर एक प्रेमी युगल अठखेलियां किया करता था। बाद में किसी ने युवक की हत्या कर उसके शव को नदी के किनारे दफना दिया। युवक की प्रेमिका ने ईश्वर से अपने प्रेमी का शव दिखाने की प्रार्थना की। तब नदी में भीषण बाढ़ आई और नदी का किनारा कटा तो शव उसके सामने नजर आया। शव देखते ही लड़की ने भी अपने प्राण त्याग दिए। इस घटना के बाद नदी का नाम कर्णवती से 'कन्या' हो गया। कन्या का अपभ्रंश 'कयन' और फिर 'केन' हो गया। महाभारत में भी 'केन-एक कुमारी कन्या' का उल्लेख मिलता है।

वहीं, मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद में केन नदी के किनारे बसे अंतिम गांव बछेड़ाखेड़ा के रहने वाले बुजुर्ग पंडित बद्री प्रसाद दीक्षित कहते हैं कि यह देश की ऐसी अकेली नदी है जो सात पहाड़ों का सीना चीरकर बह रही है, इस नदी में बेहद कीमती 'शजर' पाया जाता है। शजर पन्ना जनपद के अजयगढ़ कस्बे से लेकर उत्तर प्रदेश में बांदा के कनवारा गांव तक भारी मात्रा में पाया जाता है।


वह कहते हैं कि ऊपर से बदरंग दिखने वाले शजर को मशीन से तराशने पर उस पर झाड़ियों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, मानव और नदी की जलधारा केविभिन्न चमकदार रंगीन चित्र उभरते हैं। दीक्षित बताते हैं कि इस नदी में पाया जाने वाला शजर पत्थर ईरान में ऊंचे दामों में बिकता है, तभी तो मुम्बई के एक विशेष समुदाय के व्यापारी इसे चोरी-छिपे थोक में खरीदकर ले जाते हैं।


मुम्बई में रहने वाले बांदा के मोहम्मद अब्दुल का कहना है कि केन नदी के शजर को मुम्बई में मशीन से तराशकर ईरान भेजा जाता है, वहां इसकी अच्छी रकम मिलती है। छतरपुर जिले के गौरिहार उपखंड के उप प्रखंड जिलाधिकारी रमेश कुमार सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के हिस्से की जलधारा में पाए जाने वाले शजर की चोरी नहीं होती।

बहुत कम दिखता है ऐसा संयोग, 13 माह में होने जा रहा 'अजूबा'!


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लुधियाना़. विलक्षण संयोग के तहत 13 माह के भीतर 7 ग्रहण होने जा रहे हैं। 25 नवंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण छठा व 10 दिसंबर का चंद्र ग्रहण सातवां ग्रहण होगा। हालांकि 25 नवंबर का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। वहीं 10 दिसंबर को भारत में दिखने वाला चंद्र ग्रहण विशेष प्रभाव लिए होगा।

ज्योतिषियों का दावा है कि ऐसा विचित्र संयोग एक हजार साल बाद आ रहा है, क्योंकि इतने समय में केवल चार या पांच ग्रहण ही लगते हैं। इसी कारण यह पूरा वर्ष विश्व राजनीतिक दृष्टि से उथल पुथल वाला रहा। कई तानाशाह मार गिराए गए। चूंकि अभी 13 माह का समय पूरा होने में एक माह और बचा है। इस दौरान भी राजनीतिक दृष्टि से उठापटक चरम पर रहने की संभावना है

ज्योतिषाचार्य पंडित ओपी त्रिपाठी का कहना है कि 25 नवंबर के सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं होगा। दूसरी ओर 10 दिसंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण शाम 6 से रात 9.48 तक रहेगा। इसका सूतक सुबह 9.15 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र के वृष राशि में होगा। इस तरह यह शनि व चंद्रमा का षडाष्टक योग बनता है। जो निर्यातकों के लिए शुभ समाचार लाएगा। लेकिन टैक्स में बढ़ोतरी होने से इंडस्ट्री की मुसीबतें बढ़ सकती है। इस योग में सुख सुविधाओं वाली वस्तुएं के भी महंगे होने की संभावना है।

कब-कब ग्रह

21 दिसंबर 2010 चंद्र ग्रहण। 4 जनवरी 2011 सूर्य ग्रहण। 1 जून 2011सूर्य ग्रहण। 15 जून 2011 चंद्र ग्रहण। 1 जुलाई सूर्य ग्रहण। 25 नवंबर सूर्य ग्रहण 10 दिसंबर चंद्र ग्रहण।

राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव

मेष व मिथुन : धन हानि होगी। वृष : शारीरिक कष्ट के साथ साथ चोट का भय। कर्क : धन लाभ लाएगा यह ग्रहण। सिंह : अज्ञात चिंता कर देगी परेशान। कन्या : शत्रु भय सताएगा। तुला : सुख समृद्धि देगा यह ग्रहण। वृश्चिक: जीवन साथी को उठाना पड़ सकता है कष्ट। धनु : लोभ बढ़ेगा। मकर : सम्मान हानि होगी। कुंभ : कार्य सिद्धि में सहयोगी होगा यह ग्रहण। मीन : धन लाभ देगा चंद्र ग्रहण।

कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण

भारत, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, पूरा एशिया, पूर्व अफ्रीका व यूरोप।

पुलिस की बर्बरता से तड़प गया युवक, लेकिन शर्म न आई

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रांची/लातेहार। ऑपरेशन प्रहार में जुटे पुलिसकर्मियों का बर्बर चेहरा सामने आने लगा है। बुधवार रात पुलिस ने एक युवक को पकड़कर उसके हाथों की आठ उंगलियों को उखाड़ने का प्रयास किया। इससे वह लहूलुहान हो गया। इससे भी मन नहीं भरा तो लाठियों से जमकर पिटाई की।


उसका कसूर सिर्फ यह था कि उसने माआवोदियों का पता बताने में अनभिज्ञता जताई थी। पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीण सहमे हुए हैं। मामले की जानकारी मिलते ही विधायक हरिकृष्णा सिंह गांव पहुंचे और पीड़ित युवक से बातचीत की। विधायक ने बिरजू को एक हजार रुपए दिए और मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही।

गया था कार्ड बांटने

मुर्गीडीह निवासी बिरजू उरांव के मुताबिक बुधवार रात वह अपनी बहन की शादी का कार्ड बांट कर सिरम गांव से साइकिल पर लौट रहा था। छतवाकरम के पास पुलिस टीम ने उसे रोक लिया। पहले उसे उग्रवादी बताया, फिर माओवादियों का पता पूछा।

जब उसने इनकार किया तो चिमटे से उसके बाएं हाथ की तीन और दाएं हाथ की पांचों उंगलियों के नाखून उखाड़ने का प्रयास किया। वह दर्द से बिलबिलाता रहा, लेकिन पुलिसवालों का दिल नहीं पसीजा। बाद में उसकी जमकर पिटाई की और दौड़ कर भागने को कहा। पुलिस वालों की मंशा समझकर जब उसने मना कर दिया तो उसे साइकिल से जाने की इजाजत दी गई।

पुलिस हमारे साथ ऐसा कर रही है। हमलोग कहां जाएं। डर है कि अगर पुलिसवाले फिर आ गए तो न जाने क्या कहर बरपाएंगे। धनेश्वर उरांव, पीड़िता के पिता

शरद पंवार का अपराधी प्राणघातक हमले के आरोप में पकड़ा जाना चाहिए

दोस्तों कल केन्द्रीय मंत्री शरद पंवार के ऊपर एक व्यक्ति द्वारा चीर दूंगा फाड़ दूंगा की चिंग्गाध के साथ पहले थप्पड़ मारा और फिर कतार निकाल कर उस पर लपका ..दोस्तों वेसे तो दिल्ली पुलिस की इस युवक के साथ हमदर्दी है इसीलियें उस पर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है लेकिन अपराध की परिभाषा के तहत तो उसने एक केन्द्रीय मंत्री जो लोकसेवक होता है उस पर प्राणघातक हमला किया है और हत्या के प्रयास का आरोपी है ऐसे में अगर इस हमलावर के खिलाफ आई पी सी की धारा ३०७ में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए तो जनाब को कुछ ही दिनों में जी जी याद आ जायेगी और सारा पागलपन भुलाकर अपनी ओकात याद आ जाएगी लेकिन पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ आज कल कार्यवाही कहां करना चाहती है वोह तो बस अपने आका नेताओं के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ ही कार्यवाही करती है ..बाबा रामदेव को ठोकती है ..अन्ना को अनशन से रोकने के लियें जेल में ठुस्ती है और जो खुले आम अपराध करते हैं उनके आगे नत मस्तक हो जाती है ........... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकार ने साइबर अपराधी तो नहीं पकड़े लेकिन खुद जागी है यह दर्शाया अखबार में

जी हाँ दोस्तों राजस्थान सरकार जहां हाल ही में फेसबुक के आरोपियों ने इंटरनेट क्राइम से यहाँ का साम्प्रदायिक सोहार्द को बिगाड दिया और सारा माहोल गर्म गया खुदा का शुक्र है के कोई बड़ा हादसा होने से बच गया ...में खुद और मेरे साथी लोग इस मामले में केंद्र और राज्य की सरकारों को साइबर अपराधियों को दबोचने के लियें चेताते रहे हैं राष्ट्रपति द्वारा इस मामले में निर्देश जारी किये गये है लेकिन सरकार के कारिंदे इसे गम्भीरता से लेते ही नहीं ....आज सुबह सवेरे अख़बार देखे तो पता चला के इतना सब होने के बाद हमारी राजस्थान सरकार हरकत में आई है उसने अपराधी तो नहीं पकड़े लेकिन एक चोथाई पेज का इंटरनेट अपराधियों को चेताने के लिएँ एक विज्ञापन डिस्प्ले कर दिया है जेसे ही विज्ञापन देखा तो मेरे मन में एक ही विचार आया के हमारी पुलिस पंजाब पुलिस से इतनी गयी बीती क्यूँ है पंजाब में अगर बाबा रामदेव के समर्थक द्वारा राहुल गांधी की फर्जी आई दी तयार कर गंदगी फेलाई जाती है तो उसे पंजाब पुलिस तुरंत पकड़ लेती है लेकिन हमारी राजस्थान पुलिस ऐसी है के सभी सुविधाएं होने के बाद भी आज तक साइबर अपराधियों को नहीं पकड़ सकी है खेर कोई बात नहीं चर बच कर कहाँ जायेगा एक दिन तो पकड़ा ही जाएगा लेकिन मुझे ख़ुशी है के मेरी इंटरनेट अपराधियों को पकड़ने की मुहीम मेरे आप जेसे साथियों की मदद से अब कामयाब होने लगी है और ऐसे अपराधी जल्द ही बेनकाब होंगे फिर उन के साथ रहम नहीं होगा ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक थपपड़ की गुन्ज .............

एक फिल्म करमा जिसमे एक जेलर दिलीप कुमार अपराधी अनुपम खेर के थप्पड़ मारता है और वोह उस वक्त एक डायलोग कहता है के इस थप्पड़ की गूंज अब सुनाई देगी और उसके बाद इस फिल्म में तबाही का सिलसिला शुरू होता है ...ऐसे ही हारे देश में अब नेताओं ..समाजसेवकों पर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा थोथी पब्लिसिटी प्राप्त करने और मिडिया की सुर्ख़ियों में रहने के लियें थप्पड़ ..चाकू ..जुटे और चप्पलों से हमले शुरू कर दिए है ॥ और यह हमले सभी सुरक्षा के गहरे में रहें वालों पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की उअप्स्थिति में किये गये है ऐसे हमलावरों को पकड़ा ॥ माफ़ किया या कोई छोटा मोटा मुकदमा लगाया और छोड़ दिया बस तमाशा बन गया एक जगह से छूता फिर दूसरी जगह हमला कुछ लोग इनाम की घोषणा लेकर खड़े हो जाते है और कानून तमाशा बन जाता है ॥ ऐसे लोगों को जिसके थप्पड़ पढ़ता है वोह तो गवाही देने नहीं आता और मुलजिम छुट जाता है कोटा में अशोक गहलोत के सामने रघु शर्मा पिटे गवाही नहीं हुई मुलजिम बरी यही यासीन मलिक .अडवाणी जनार्दन द्विवेदी ..प्र्शन्त भूषण और शरद पंवार के मामले में होने वाला है अब अगर ऐसा ही होता रहा और पुलिस खामोश बनी रही तो जब जुटा और थप्पड़ चलाने की पुलिस अपराधियों को इजाजत देती है तो कल यही लोग नेताओं पर गोलियां और बम चलाने लगेंगे और स्थिति अराजकता की हो जायेगी इसलियें ऐसे थप्पड़ मार कर थोथी पब्लिसिटी के चाहने वालों को कदा सबक सीखने के लियें विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम या फिर रासुका जेसे कानूनों में बंद करना चाहिए ताकि इनकी जिंदगी जब जेल में गुज़रे इन्हें दंड मिले और यह किसी भी चुनाव या नोकरी से निर्योग्य हो जाएँ तब इन्हें अपनी गलती का अहसास हो वरना यह पागलपन पब्लिसिटी के लालच में बढ़ता जाएगा और ठाकरे बन्धुओं की गुंडा संस्क्रती इस देश की सुक्ख शांति को लील लेगी .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अपने अखलाक से दुनिया को अपना बनाओ

अपने अखलाक से दुनिया को अपना बनाओ ..और यही कुरान की शिक्षा है अल्लाह और उसके रसूल का संदेश है जो लोग इससे अलग हठ कर अपने आचरण से लोगों को दुक्ख तकलीफ पहुंचाते है हक तलफी करते है इंसाफ नहीं करते वोह लोग ज़ुल्म करते है और इनकारी है ......उक्त उदगार प्रकट करते हुए आज यहाँ आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मोलाना सलमान नदवी ने कहा के सभी धर्मों को कुछ लोग गलत तरीके से पढ़ा रहे है और लोगों के जहन में जो बात धर्मों में नहीं है वोह पढाई जा रही है उन्होंने कहा के बच्चे को अगर चार चार छ पढाया जाएगा तो वोह यही सही मानेगा ..किसी को कब्र पूजने और कब्रों को खुदा का वकील मन जाएगा तो लोग यही सच समझेंगे लेकिन जो कुरान कहता है जो मोहम्मद सल्लालाहे वसल्लम कहते है अगर उसपर अमल कर लिया जाए तो आपके अखलाक से आपके आचरण से लोग खुद बा खुद आपके साथ होते जायेंगे उन्होंने कहा के इस पांडाल में आज लाखो की तादाद में लोग होना चाहिए थे लेकिन कुछ लोग हैं जो शेतान बनकर सामने आ जाते है उन्होंने कहा शेतान सब जगह होते है जो लोगों को अच्छा काम करने से रोकते है .उन्होंने कहा के जब मक्का और मदीना में लोग सभी मसलक के होने के बाद भी एक साथ नमाज़ अदा करते है और एक लाख नमाज़ का सवाब उठाते है तो फिर यह मसलक यह फिरके बाज़ी क्यूँ अब तो मस्जिदें भी फिरकों की बन गयी हैं जबकि खुदा इसकी कभी इजाजत नहीं देता है उन्होंने कहा के हमारे अखलाक का ही नतीजा है के फ़्रांस में सख्ती के बाद २५ हजार महिलाओं ने इस्लाम ग्रहण किया और अमेरिका में हमले के बाद जब लोगों ने यूँ ही इस्लाम के बारे में जाने के लियें कुरान मजीद खरीद कर पढ़े और उसका सच जाना तो वहां हजारों की तादाद में मुसलमान हो गये और यह सिलसिला लगातार जारी है इसीलियें आज अमेरिका और ब्रितानी हुकूमते इस्लाम से दरी हुई है और इजराइली ताकतों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गलत तस्वीर इस्लाम की प्रचारित कर रही है उन्होंने कहा के ऐसा एक तरफ अमेरिका द्वारा क्या जा रहा था और दूसरी तरफ जो महिला जासूसी के आरोप तालिबानियों की केद में थी और जब उसे छोड़ा गया तो वोह इस्लाम के जानकारों के व्यवहार से इतनी प्रभावित हुई के आज वोह इस्लाम धर्म की अलमबरदार बन कर यूरोप में अपने झंडे गाड़ रही हैं ..उन्होंने कहा के अमेरिकी संस्क्रती है वहां बच्चों को शिशुग्रहों में छोड़ा जाता है और बूढों को व्र्द्धाश्रमों में छोड़ा जाता है वहां ओरतों पर ज़ुल्म किया जाता है एक पसंद आई तो दूसरी को छोड़ दिया जाता है और हमारे देश के गरीब होने के बाद भी इस बुराई को हम वहां से अपने साथ ले आये है जबकि हमे बूढों की इज्ज़त और बच्चों के हिफाजत करना चाहिए उन्होंने कहा के अपने आमालों से लोगों को अपनी नेकियों से अपना बनाओ और जो गलत फहमियाँ है उन्हें दूर करो अमन सुकून चेन कायम करो .....मोलाना राबे नदवी पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष बीमारी के कारण कोटा नहीं आ पाए और इसिलिएँ उनके नवासे मसूद हसन साहब ने उनका संदेश पढकर सुनाया ..जलसे को डोक्टर आजम बेग ..उस्ताद अब्दुल रशीद शहर क़ाज़ी अनवर अहमद .नायब काजी जुबेर अहमद ने भी सम्बोधित किया ....... अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या आप अस्थमा पेशेंट हैं तो यह करके भी देखें


सांस की बीमारी (दमा या अस्थमा) एक आम रोग है। वर्तमान समय में अधिकांश लोग इससे पीडि़त हैं। आमतौर पर यह रोग अनुवांशिक होता है तो कुछ लोगों को मौसम के कारण हो जाता है। इसके कारण रोगी कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते और जल्दी थक जाते हैं। मेडिकल साइंस द्वारा इस रोग का संपूर्ण उपचार संभव है। साथ ही यदि नीचे लिखे उपायों को भी किया जाए तो इस रोग में जल्दी आराम मिलता है।

1- शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से लगातार तीन सोमवार तक एक सफेद रूमाल में मिश्री एवं चांदी का एक चौकोर टुकड़ा बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें तथा शिवजी को चावल के आटे का दीपक कपूर मिश्रित घी के साथ अर्पित करें। श्वास रोग दूर हो जाएंगे।

2- रविवार को एक बर्तन में जल भरकर उसमें चांदी की अंगूठी डालकर सोमवार को खाली पेट उस जल का सेवन करें। दमा रोग दूर हो जाएगा।

3- किसी भी मास के प्रथम सोमवार को विधि-विधानपूर्वक चमेली की जड़ को अभिमंत्रित करके सफेद रेशमी धागे में बांधकर गले में धारण करें और प्रत्येक सोमवार को बार-बार आइने में अपना चेहरा देंखे। सांस की सभी बीमारियां दूर हो जाएंगी।

4- सांस की नली में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में सूजन के कारण कफ जमने अथवा खांसी से मुक्ति पाने के लिए किसी शुभ समय में केसर की स्याही और तुलसी की कलम द्वारा भोजपत्र पर चंद्र यंत्र का निर्माण करवाकर गले में धारण करें। श्वास संबंधी सभी रोग दूर हो जाएंगे।

भाजपा नेताओं से अधिक जूते-चप्पल खा चुके हैं कांग्रेसी !


नई दिल्ली. हिंदुस्तान की आवाम सियासत से कितनी तंग हो चुकी है, यह कभी जूते की शक्ल में तो कभी थप्पड़ के रूप में जम्हूरियत के सामने आ रही है। लेकिन सबसे जूते-थप्पड़ की मार हुकूमत चला रही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर ही पड़ रही है। पिछले बरसों में जितनी भी इस प्रकार की घटना घटी, उसमें सबसे अधिक हमले कांग्रेस और सहयोगी दलों के नेताओं पर ही हुए हैं। ताजा हमला केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर हुआ है।

सियासी विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस पर हमले की प्रमुख वजह उसका सत्ता में रहना है। जो भी सत्ता में रहेगा, उसे बढ़ती महंगाई, भष्ट्राचार जैसे मुद्दों की जिम्मेदारी लेनी होगी। लेकिन कांग्रेस के नेता इससे बचते रहे। यही वजह है कि सरकार से जुड़े नेताओं को लेकर देश में आक्रोश बढ़ रहा है।

कांग्रेसियों को पड़े सबसे अधिक जूते-चप्पल

देश की जनता में सरकार और कांग्रेस को लेकर कितना आक्रोश है, यह एक बार फिर से सामने आ चुका है। शरद पवार पर हमले से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस की सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुके सुखराम की भी पिटाई हो चुकी है। पूर्व संचार मंत्री सुखराम पर कोर्ट परिसर में ही एक युवक ने हमले की कोशिश की थी। हमला उस वक्त हुआ, जब उन्हें घूस लेने के आरोप में पांच साल की कैद और चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जा रही थी। हमले के वक्त सुखराम फैसला सुनने के बाद कोर्ट रूम से बाहर निकल रहे थे। हरविंदर सिंह नाम के हमलावार के पास कोई हथियार नहीं था और उसने लात-घूंसों से ही सुखराम पर हमले की कोशिश की थी लेकिन जल्द ही उसे काबू कर लिया गया।

जूते की मार से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी नहीं बच पाए हैं। प्रधानमंत्री पर उस समय रैली को संबोधित कर रहे थे। जूता प्रधानमंत्री के मंच से कुछ दूरी पर गिरा। इस घटना के बाद भी प्रधानमंत्री भाषण देते रहे। हितेश चौहान नामक युवक ने यह जूता फेंका था। इतना ही नहीं, गृह मंत्री पी चिदंबरम की प्रेस कॉन्फ्रेस में एक पत्रकार ने उन पर जूता उछाल दिया था। उस वक्त चिदंबर जगदीश टाइटलर को सीबीआई की ओर से क्लीन चिट दिए जाने पर बोल रहे थे। ये पत्रकार उनसे संतुष्ट नहीं हुआ और विरोध करते हुए उनके ऊपर जूता फेंक दिया। इसी साल अप्रैल में कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले मामले में गिरफ्तार ऑर्गनाइजिंग कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर सीबीआई कोर्ट के बाहर चप्पल फेंकी गई थी। हालांकि वह कलमाड़ी को लगी नहीं। कलमाड़ी पर जब चप्पल फेंकी गई, तब उन्हें सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। कपिल ठाकुर नामक शख्स ने उनपर चप्पल फेंकी थी। कपिल मध्य प्रदेश के रहनेवाले हैं। कांग्रेसी नेता जर्नादन द्विवेदी पर एक पत्रकार ने जूता मारने की कोशिश की थी। उस वक्त द्विवेदी कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान द्विवेदी से एक सवाल किया गया जवाब मिलने के बावजूद यह पत्रकार जूता लेकर मंच पर चढ़ गया और द्विवेदी को मारने की कोशिश की। इस पत्रकार की पहचान झुंझून राजस्थान दैनिक नवसंचार के संवाददाता के रूप में की गई है। बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया।

भाजपा के नेता भी खा चुके हैं जूते-चप्पल

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और युवा सांसद वरुण गांधी पर जूते-चप्पल से हमले हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में अप्रैल २क्क्९ में जब एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी दौरे पर थे, तब उन पर चप्पल चल गई थी। घटना मध्य प्रदेश के कटनी में हुई थी। उस वक्त आडवाणी एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन पर चप्पल फेंकना वाला भाजपा का ही कार्यकर्ता पावस अग्रवाल था। इसी तरह, भाजपा के सांसद वरुण गांधी के रैली में न आने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर जूते चप्पल फेंके और उन्हें काले झंडे दिखाए थे। घटना नवाबगंज तहसील की थी।

युवक ने पवार को मारा थप्‍पड़, निकाला चाकू, अन्‍ना ने किया सवाल- एक ही मारा?


नई दिल्‍ली. केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को आज महंगाई पर जनता के गुस्‍से का हिंसक अंदाज देखना पड़ा। महंगाई से नाराज एक युवक ने उन्‍हें जोरदार थप्‍पड़ जड़ दिया। इस युवक ने चाकू भी निकाल लिया। हालांकि समय रहते उसे काबू में कर लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। एनसीपी प्रमुख के साथ हुई इस हिंसा के बाद नासिक समेत महाराष्‍ट्र के कई हिस्‍सों में पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन् कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना की निंदा की है। उन्‍होंने शरद पवार को फोन कर उनका हालचाल पूछा है।

इस घटना पर रालेगण में जब अन्‍ना हजारे से पत्रकारों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही और उनसे सवाल किया कि शरद पवार को दिल्‍ली में एक युवक ने थप्‍पड़ मारा है, इस पर आपका क्‍या कहना है तो अन्‍ना ने हैरानी के साथ कहा, ‘थप्‍पड़ मारा? एक ही थप्‍पड़ मारा?’ हालांकि इसके तुरंत बाद ही अन्‍ना ने इस घटना की निंदा की। उन्‍होंने कहा, ‘जनतंत्र में हाथापाई ठीक नहीं है। लेकिन सरकार को भी यह सोचना चाहिए कि लोगों का गुस्‍सा नहीं बढ़े। भ्रष्‍टाचार और महंगाई से लोग परेशान हैं।’

शरद पवार इफको के एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने गुरुवार को एनडीएमसी के कन्‍वेंशन सेंटर पहुंचे थे। कार्यक्रम खत्‍म होने के बाद वह मीडिया से बात कर आगे बढ़े ही थे कि एक युवक उनकी ओर बढ़ा। उस युवक ने पवार को गाली देते हुए और यह कहते हुए कि देश में गुस्‍सा है, थप्‍पड़ मार दिया। उसे सुरक्षा गार्ड ने धर दबोचा, लेकिन उसके तेवर एकदम उग्र थे। उसने कहा, 'मैं हरविंदर सिंह हूं और पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम पर भी मैंने ही हमला किया था।' इस युवक का कहना है कि वह महंगाई को लेकर शरद पवार के बयान से नाराज था।

घटना के चंद सेकेंड पहले वहां मौजूद पत्रकार शरद पवार से खुदरा बाजार में विदेशी निवेश के मसले पर सवाल पूछ रहे थे। पवार ने इन सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्‍होंने कहा कि यहां बताने की कोई जरूरत नहीं, जो कुछ कहना है कैबिनेट में कहूंगा। पत्रकारों ने जब पूछा कि सरकार के इस प्रस्‍ताव का विपक्ष विरोध कर रहा है, तो पवार ने कहा, ये मुझे मालूम नहीं, आप ही बता रहे हैं। इस तरह का जवाब देकर वह ज्‍योंही आगे बढ़े, वहां मौजूद हरविंदर ने पवार को यह कहते हुए थप्‍पड़ मार दिया कि उन्‍हें सब मालूम है। युवक चिल्‍लाया, ‘महंगाई को लेकर पूरे देश में गुस्‍सा है। सब चोर हैं।’

वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस युवक को पकड़ लिया। पत्रकारों ने पूछा कि पवार को थप्‍पड़ क्‍यों मारा, तो उसने कहा, 'और क्‍या करूं, जहां देखों वहां घोटाला, घोटाला, घोटाला।' यह कहते हुए इस युवक ने अपने पास रखा चाकू निकाल लिया और लहराने लगा।

दो दिन पहले भाजपा नेता यशवंत सिन्‍हा ने कहा था कि महंगाई को लेकर लोगों का गुस्‍सा बढ़ सकता है और हिंसा भी हो सकती है। कांग्रेस प्रवक्‍ता राशिद अल्‍वी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यशवंत सिन्‍हा का बयान गैर जिम्‍मेदाराना है और इस घटना के लिए यशवंत सिन्‍हा का ही बयान जिम्‍मेदार है। अल्‍वी ने कहा, 'यह वाकया बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है लेकिन भाजपा नेता का बयान इस घटना से भी बड़ा दुर्भाग्‍यपूर्ण था। राजनीतिक दलों के लोगों को काफी सोच-समझ कर बयान देना चाहिए।'
लेकिन बीजेपी नेता माया सिंह ने कहा, ‘यशवंत सिन्‍हा ने कुछ गलत नहीं कहा है। स्थिति और गंभीर हो सकती है। हालांकि मैं इस घटना की निंदा करती हूं। यूपीए सरकार को महंगाई को लेकर मौजूदा हालात को गंभीरता से लेना चाहिए। केंद्र सरकार को सोचना चाहिए कि महंगाई से आम आदमी को क्‍या कीमत चुकानी पड़ती है।’


आखिर क्‍या कहा था यशवंत सिन्‍हा ने? यशवंत सिन्‍हा ने कहा था, ‘अगर सरकार का यही रवैया रहा तो हम तो नाउम्‍मीद होंगे ही, देश की जनता भी पूरी तरह नाउम्‍मीद हो जाएगी। हमें लगता है कि सरकार महंगाई पर कुछ नहीं करेगी। यदि ऐसा होता है तो लोगों का गुस्‍सा कहीं न कहीं फूटेगा। हमें इसकी चिंता नहीं है कि महंगाई पर संसद में किस तरह की बहस हुई और कौन सा बिल आएगा। बड़ी चिंता आम आदमी की स्थिति को लेकर है जो इसे अब ज्‍यादा बर्दाश्‍त नहीं करेगा। और हमें कोई आश्‍चर्य नहीं होगा यदि महंगाई इस देश में हिंसा का कारण बन जाए।’

हम सब हव्वा आदम की ओलाद तो फिर भाइयों में झगड़ा केसा ..मोलाना सलमान

आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य जनाब मोलाना सलमान नदवी ने आज कोटा में आयोजित कार्यक्रम पेगामे इंसानियत के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा के हम सभी लोग एक ही बाबा आदम और हव्वा की सन्तान है हमारा खुदा हमारा इश्वर एक है और हमे सभी को अपने अपने धर्मों में अपने अपने पैगम्बरों ने अमन सुकून और इंसानियत का पैगाम दिया है फिर हम क्यूँ आज हेवान होते जा रहे है क्यूँ हम एक दुसरे के दुशम होते जा रहे हैं .....उन्होंने कहा के यह सब इसलियें हो रहा है के धर्म के नाम पर शेतान बदमानी फेलाने में लगे हैं और इसिलिएँ देश में ही नहीं विश्व भर में अराजकता की स्थिति बनी है उन्होंने चुनोती दी के उठो मन्दिर से पंडितों पुजारियों उठो ... मस्जिदों से इमाम और मोलवियों उठो ..गिरजा घरों से पादरी उठो और गुरुद्वारों से ग्रंथियां उठो सब बाहर निकलो और जो धर्म में लिखा है वोह पाखंडियों द्वारा धर्म के नाम पर जो अधर्म फेलाया जा रहा है उसका नाश करो उसका विरोध करो ..उन्होंने कहा के जब सभी धर्मों में अमन चेन सुकून भाईचारे सदभावनाएँ की बातें लिखी हैं तो फिर क्यूँ दुनिया में खासकर हमारे देश में सभी एक दुसरे के दुश्मन हो रहे हैं उन्होंने कहा के इंसानियत का पयाम आज से और अभी से ही हम इस देश में फिर पुरे विश्व में देने के लियें उठ खड़े हों .................. कार्यक्रम के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में मोनाना सलमान नदवी ने कहा के मुस्लिम पर्सनल लो में एक साथ तीन तलाक का रिवाज नहीं है लेकिन अलग अलग मसलक है इसलियें पर्सनल ला बोर्ड लचीला है ..उन्होंने कहा के बच्चों को तालीम अगर हम देंगे तो देश और समाज खुद बा खुद सुधार जाएगा .कर्यक्रम के अंत में अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के भाई रफीक बेलिय्म और साथियों ने उन्हें सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया .................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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