तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 नवंबर 2011
राजस्थान में राजनितिक नियुक्तियां चोरों की तरह से ....
यह है गीता का ज्ञान ............
ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥
श्रद्धया परयोपेतास्ते मे युक्ततमा मताः ॥
सर्वत्रगमचिन्त्यं च कूटस्थमचलं ध्रुवम् ॥
सन्नियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र समबुद्धयः ।
ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रताः ॥
अव्यक्ता हि गतिर्दुःखं देहवद्भिरवाप्यते ॥
अनन्येनैव योगेन मां ध्यायन्त उपासते ॥
भवामि नचिरात्पार्थ मय्यावेशितचेतसाम् ॥
निवसिष्यसि मय्येव अत ऊर्ध्वं न संशयः ॥
अभ्यासयोगेन ततो मामिच्छाप्तुं धनञ्जय ॥
मदर्थमपि कर्माणि कुर्वन्सिद्धिमवाप्स्यसि ॥
सर्वकर्मफलत्यागं ततः कुरु यतात्मवान् ॥
ध्यानात्कर्मफलत्यागस्त्यागाच्छान्तिरनन्तरम् ॥
भगवत्-प्राप्त पुरुषों के लक्षण)
निर्ममो निरहङ्कारः समदुःखसुखः क्षमी ॥
संतुष्टः सततं योगी यतात्मा दृढ़निश्चयः।
मय्यर्पितमनोबुद्धिर्यो मद्भक्तः स मे प्रियः॥
हर्षामर्षभयोद्वेगैर्मुक्तो यः स च मे प्रियः॥
सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्तः स मे प्रियः॥
शुभाशुभपरित्यागी भक्तिमान्यः स मे प्रियः॥
शीतोष्णसुखदुःखेषु समः सङ्गविवर्जितः॥
अनिकेतः स्थिरमतिर्भक्तिमान्मे प्रियो नरः॥
श्रद्धाना मत्परमा भक्तास्तेऽतीव मे प्रियाः॥
अनोखी ट्रिक: बस हाथ मिलाएं और जान जाएं किससे मिलेगा आपको फायदा
अगर आपको बिजनेस या कार्यक्षेत्र में फायदा चाहिए तो आपके लिए ये ट्रिक बहुत काम की है इससे पता चलेगा कि कौन सा आदमी आपके लिए फायदेमंद है?
इसके लिए आपको बस किसी से भी हाथ मिलना होगा और आपको पता चल जाएगा कि आपके लिए कौन फायदेमंद होगा और किससे आपको नुकसान हो सकता है।
जानिए तरकीब-
- जिन लोगों की हथेली सुखी और कड़क होती है। वे लोग किसी काम के नहीं होते। इन लोगों को जो भी सलाह दी जाती है। ये उसी तरह काम करने लगते हैं।
- कड़क हाथ वाले लोग दूसरों की बातों में बहुत जल्दी आ जाते हैं। ये अस्थिर स्वभाव के होते हैं।
- जिन लोगों के हाथ छोटे होते हैं ऐसे लोग आपके काम के हैं। ये लोग आपको पैसों से जूड़ा फायदा दे सकते है।
- जिनका हाथ बहुत ज्यादा ही कड़क होता है ऐसे लोग बुद्धिहीन होते हैं। दूसरों को दुखी देखकर बहुत खुश होते हैं। अक्सर ऐसे हाथ अपराधी लोगों के होते हैं। ऐसे व्यक्तियों का जीवन रुखा व कठोर होता है।
- जिन लोगों के हाथ नरम और लालिमा लिए होते हैं ऐसे लोग आपके बिजनेस और कार्यक्षेत्र के लिए फायदा देने वाले होते हैं।
- कड़क और रूखे हाथ वाले लोग लव लाइफ में भी कठोर होते हैं। ऐसे लोग कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के भी होते हैं।
अनोखी ट्रिक: बस हाथ मिलाएं और जान जाएं किससे मिलेगा आपको फायदा
अगर आपको बिजनेस या कार्यक्षेत्र में फायदा चाहिए तो आपके लिए ये ट्रिक बहुत काम की है इससे पता चलेगा कि कौन सा आदमी आपके लिए फायदेमंद है?
इसके लिए आपको बस किसी से भी हाथ मिलना होगा और आपको पता चल जाएगा कि आपके लिए कौन फायदेमंद होगा और किससे आपको नुकसान हो सकता है।
जानिए तरकीब-
- जिन लोगों की हथेली सुखी और कड़क होती है। वे लोग किसी काम के नहीं होते। इन लोगों को जो भी सलाह दी जाती है। ये उसी तरह काम करने लगते हैं।
- कड़क हाथ वाले लोग दूसरों की बातों में बहुत जल्दी आ जाते हैं। ये अस्थिर स्वभाव के होते हैं।
- जिन लोगों के हाथ छोटे होते हैं ऐसे लोग आपके काम के हैं। ये लोग आपको पैसों से जूड़ा फायदा दे सकते है।
- जिनका हाथ बहुत ज्यादा ही कड़क होता है ऐसे लोग बुद्धिहीन होते हैं। दूसरों को दुखी देखकर बहुत खुश होते हैं। अक्सर ऐसे हाथ अपराधी लोगों के होते हैं। ऐसे व्यक्तियों का जीवन रुखा व कठोर होता है।
- जिन लोगों के हाथ नरम और लालिमा लिए होते हैं ऐसे लोग आपके बिजनेस और कार्यक्षेत्र के लिए फायदा देने वाले होते हैं।
- कड़क और रूखे हाथ वाले लोग लव लाइफ में भी कठोर होते हैं। ऐसे लोग कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के भी होते हैं।
क्या सचमुच कुत्तों को दिखाई देते हैं यमराज और आत्माएं?
अक्सर रात के समय कुत्तों के रोने और भौंकने की आवाज आती हैं। रात के समय सुनसान रोड पर कुत्ते रोते हैं या भौंकते हैं तो ऐसा माना जाता है कि उन्हें यमराज या आत्माएं दिखाई देती हैं। कुत्तों को नकारात्मक शक्तियां महसूस होती हैं।
अधिकतर बुजुर्ग लोग ऐसा कहते हैं कि कुत्ते जब रात के समय सुनसान रोड पर रोते हैं क्योंकि उन्हें या तो यमराज दिखाई देते हैं या यमदूत या कोई अदृश्य शक्ति दिखाई देती है। अदृश्य शक्तियों में नकारात्मक शक्तिया, आत्माएं आदि को शामिल किया जाता है। कुत्तों के रोने को भयंकर अपशकुन समझा जाता है।
जब भी रात के समय कोई स्वस्थ कुत्ता रोता दिखाई दे तो उसे अपने आसपास से भगा देना चाहिए। कुत्ता ऐसा जीव है जो कि वातावरण में होने वाली छोटी-छोटी हलचलों को भी पहले से समझ लेता है। यदि भविष्य में कुछ बुरा होने की संभावना होती है तो कुत्ते रो-रोकर इसकी चेतावनी देते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन्हें पहले से ही मालुम हो जाता है कि आने वाले कल में क्या होगा? यहां तक ही इन्हें स्वयं की मृत्यु से पहले भी यह आभास हो जाता है कि इनकी मौत का समय आ गया है। इसलिए भी ये जोर-जोर से रोते हैं।
यदि इन्हें कोई संदिग्ध व्यक्ति जैसे कोई चोर या अन्य बुरे चरित्र का व्यक्ति या वस्तु दिखाई देती हैं तो ये भौंक-भौंककर सभी को सचेत करते हैं। अत: रात के समय कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर हमें भी सचेत हो जाना चाहिए।
इस्लामी नव वर्ष 27 से, जानें किस धर्म में कब मनाया जाता है नया साल?
दुनिया के विभिन्न धर्मों में नया साल एक उत्सव की अलग-अलग समय पर विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। किसी धर्म में नाच-गाकर नए साल का स्वागत किया जाता है तो कहीं पूजा-पाठ व ईश्वर की आराधना कर। इस्लाम धर्म में नए साल की शुरुआत खुदा की इबादत से की जाती है।
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की पहली तारीख को मुस्लिम समाज का नया साल हिजरी शुरू होता है। इस्लामी या हिजरी कैलेंडर चंद्र आधारित है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में इस्तेमाल होता है, बल्कि दुनियाभर के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं। इस बार इस्लामिक नव वर्ष हिजरी सन् 1433 का प्रारंभ 27 नवंबर, रविवार से हो रहा है। जानते हैं किन-किन धर्मों में नव वर्ष कब मनाए जाने की परंपरा है।
हिंदू नव वर्ष
हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इसे हिंदू नव संवत्सर या नव संवत कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल का आरंभ भी होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अप्रैल में आती है। इसे गुड़ी पड़वा, उगादि आदि नामों से भारत के अनेक क्षेत्रों में मनाया जाता है।
ईसाई नव वर्ष
ईसाई समाज 1 जनवरी को नव वर्ष मनाता है। करीब 4000 वर्ष पहले बेबीलोन में नया वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी। तब रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। तब से आज तक ईसाई धर्म के लोग इसी दिन नया साल मनाते हैं। यह सबसे ज्यादा प्रचलित नव वर्ष है।
सिंधी नव वर्ष
सिंधी नव वर्ष चेटीचंड उत्सव से शुरू होता है, जो चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है। सिंधी मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था जो वरुणदेव के अवतार थे।
सिक्ख नव वर्ष
पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो अप्रैल में आती है। सिक्ख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होला मोहल्ला (होली के दूसरे दिन) नया साल होता है।
जैन नव वर्ष
जैन नववर्ष दीपावली से अगले दिन होता है। भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन यह शुरू होता है. इसे वीर निर्वाण संवत कहते हैं।
पारसी नव वर्ष
पारसी धर्म का नया वर्ष नवरोज के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर 19 अगस्त को नवरोज का उत्सव पारसी लोग मनाते हैं। लगभग 3000 वर्ष पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की। नव अर्थात् नया और रोज यानि दिन।
हिब्रू नव वर्ष
हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे । इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगरी के कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नव वर्ष
भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है । प्राय: ये तिथि मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है।
- तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है।
- आंध्रप्रदेश में इसे उगादी (युगादि=युग+आदि का अपभ्रंश) के रूप में मनाते हैं। यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है।
- तमिल नया साल विशु 13 या 14 अप्रैल को तमिलनाडु और केरल में मनाया जाता है।
- तमिलनाडु में पोंगल 15 जनवरी को नए साल के रूप में आधिकारिक तौर पर मनाया जाता है।
- महाराष्ट्र में नया वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।
- कन्नड नया वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मानते हैं।
- मारवाड़ी नया साल दीपावली के दिन होता है।
- गुजराती नया साल दीपावली के दिन होता है।
- बंगाली नया साल पोहेला बैसाखी 14 या 15 अप्रैल को आता है।
- पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इसी दिन नया साल होता है।
अन्ना के घर तक तमाचे की गूंजः पीटकर खदेड़े एनसीपी समर्थक, फिर मांग ली माफी
रालेगण सिद्धी.शरद पवार को थप्पड़ मारे जाने के बाद अन्ना हजारे की पहली प्रतिक्रिया के विरोध में एनसीपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा भड़क गया है। शुक्रवार को वे अन्ना के गांव में ही हंगामे पर उतर आए और अनशन पर बैठ गए।
लेकिन अन्ना के गांववालों ने पीटकर खदेड़ दिया। देर शाम अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे ने एनसीपी समर्थकों की पिटाई पर माफी मांग ली।
पवार को तमाचा जड़े जाने पर अन्ना ने पहली प्रतिक्रिया देते हए कहा था कि क्या थप्पड़ मारा? बस एक ही मारा? अन्ना के इसी बयान के बाद से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समर्थक भड़के हुए हैं।
गुरुवार को कई शहरों में विरोध प्रदर्शन और अन्ना का पुतला फूंके जाने के बाद शुक्रवार को रालेगण सिद्धी में भी जमकर हंगामा हुआ। अन्ना समर्थकों और एनसीपी कार्यकर्ताओं में जमकर झड़प हुई और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। एनसीपी कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र में सड़कों पर उतर गए। मुंबई में अन्ना हजारे का पुतला भी फूंका गया और पुणे बंद का आयोजन किया गया। कई स्थानों पर जबरन दुकानें भी बंद करवाई गईं।
यह रहा घटनाक्रम
अन्ना की पवार को लगे तमाचे पर प्रतिक्रिया के बाद गुरुवार शाम को एनसीपी कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंचे थे और अपनी नाराजगी जाहिर की थी। अन्ना के जिले अहमदनगर में भी उनका पुतला फूंका गया था। लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे एनसीपी कार्यकर्ता रालेगण सिद्धी पहुंच गए और गांव की सड़कों पर घूमकर शरद पवार के समर्थन और अन्ना हजारे के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
एनसीपी कार्यकर्ता यहीं नहीं रुके। वो अन्ना के गांव में अनशन करने पर डट गए। अन्ना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कई एनसीपी कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गया। अन्ना के खिलाफ नारेबाजी होने से गांववालों का भी गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और दोनों पक्षों में झड़प हो गई। अन्ना के निजी सचिव और करीबी सहयोगी सुरेश पठारे ने धरने पर बैठे एनसीपी समर्थकों से सवाल किया कि जब महाराष्ट्र में किसानों पर गोली चलती है तब एनसीपी सड़क पर नहीं उतरती लेकिन पवार को थप्पड़ पड़ जाता है तो हंगामा करती है।
रालेगण में अनशन पर डटे एनसीपी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों में झड़प की भी खबर है। अन्ना के स्कूल के कुछ बच्चों ने पत्थर भी फेंके, जिसमें कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। इस बारे में रालेगण के ग्राम प्रधान जय सिंह मापारी का कहना है कि एक साजिश के तहत अन्ना का विरोध किया जा रहा है। यह सब अन्ना की छवि धूमिल करने के लिए हो रहा है। किसी भी ग्रामीण ने कोई हिंसा नहीं की है। एनसीपी कार्यकर्ता स्वयं ही अपनी कारों में पत्थर रख कर लाए थे और उन्होंने खुद ही अपनी गाड़ियों के शीशे तोड़े। मापारी ने यह भी कहा कि अन्ना के खिलाफ नारेबाजी सुनकर स्कूल के कुछ छात्र भड़क गए और उन्होंने कुछ पत्थर फेंक दिए जो किसी को नहीं लगे। पुलिस ने मामला ज्यादा बढ़ने से रोक दिया। घटना के बाद अन्ना की सुरक्षा बढ़ाए जाने की खबर है।
हालांकि टीवी चैनलों की फुटेज में साफ दिख रहा है कि अन्ना के गांव में एनसीपी कार्यकर्ताओं को जबरन खदेड़ा गया और उनके साथ मारपीट हुई। देर शाम अन्ना की ओर से इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की गई और एनसीपी समर्थकों से माफी मांग ली गई।
अन्ना ने फिर की पवार को थप्पड़ मारे जाने की निंदा
हंगामा होता देख अन्ना हजारे भी बाहर निकल आए और एनसीपी समर्थकों से कहा कि पवार के साथ जो भी हुआ वो निंदनीय हैं लेकिन जब किसानों पर गोली चलती है तब एनसीपी विरोध नहीं करती और पवार को थप्पड़ मारे जाने पर हंगामा कर रही है।
पत्रकारिता पेशे पर दूसरा बड़ा कलंक: 2G के बाद अब हत्या में शामिल महिला पत्रकार!
मुंबई.मुंबई के पत्रकार ज्योतिर्मय डे (जेडे) की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महिला पत्रकार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार पत्रकार जिगना वोहरा को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस वोहरा के मोबाइल फोन से हुई बातचीत का ब्यौरा जुटाने में लगी है।
पुलिस के मुताबिक वोहरा भी जेडे की हत्या की साजिश में शामिल रही है। वोहरा को अंडरवर्ल्ड सरगना छोटा राजन का करीबी बताया जा रहा है। आरोप है कि वोहरा ने जेडे के पवई स्थित घर का पता और उसके बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर छोटा राजन को मुहैया कराया था।
वोहरा भी जेडे की तरह क्राइम रिपोर्टर है और अंग्रेजी अखबार 'एशियन एज' में वरिष्ठ संवाददाता के पद पर कार्यरत है। इससे पहले वोहरा ‘मुंबई मिरर (2005 से 2007 तक) में काम कर चुकी है और शायद उसी दौरान जेडे से उनकी मुलाकात हुई।
जेडे ‘मिड डे’ में काम करते थे। वोहरा को अबु सलेम और मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक का करीबी भी बताया जाता है। जेडे की हत्या के सिलसिले में इससे पहले तीन जुलाई को मुंबई से एक बिल्डर विनोद असरानी को गिरफ्तार किया गया था। विनोद पर छोटा राजन और जेडे की हत्या करने वालों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है।
इस साल 11 जून को पत्रकार जे डे की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक छोटा राजन ने इस बिल्डर के जरिए ही जेडे की सुपारी लेने वाले सतीश कालिया को पैसे सौंपे थे। विनोद ही वो शख्स है जिसने हत्यारों के लिए जेडे की पहचान की थी।
थप्पड़ का बदला थप्पड़ से ...
यह है गीता का ज्ञान ....
तेजोमयं विश्वमनन्तमाद्यंयन्मे त्वदन्येन न दृष्टपूर्वम् ॥
एवं रूपः शक्य अहं नृलोके द्रष्टुं त्वदन्येन कुरुप्रवीर ॥
व्यतेपभीः प्रीतमनाः पुनस्त्वंतदेव मे रूपमिदं प्रपश्य ॥
आश्वासयामास च भीतमेनंभूत्वा पुनः सौम्यवपुर्महात्मा ॥
बिना अनन्य भक्ति के चतुर्भुज रूप के दर्शन की दुर्लभता का और फलसहित अनन्य भक्ति का कथन) )
इदानीमस्मि संवृत्तः सचेताः प्रकृतिं गतः॥
देवा अप्यस्य रूपस्य नित्यं दर्शनकाङ्क्षिणः॥
शक्य एवं विधो द्रष्टुं दृष्ट्वानसि मां यथा ॥
ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्वेन प्रवेष्टुं च परन्तप ॥
निर्वैरः सर्वभूतेषु यः स मामेति पाण्डव ॥
इस एक किलो पालक की कीमत आपके रौंगटे खड़े कर देगी
जी हां आप बाजार से पालक खरीदने जाते हैं तो उसके लिए कितनी कीमत अदा करेंगे ज्यादा से ज्यादा 30-40 रुपए लेकिन जर्मन वैज्ञानिक एक ऐसी पालक की पैदावार में लगे हैं जिसकी एक किलो की कीमत तकरीबन 35 लाख रुपए होगी। जर्मनी के वैज्ञानिक कुछ खास तरह की सब्जियां उगाने में लगे हैं जिसमें खास तरह के तत्व होंगे जो बिमारियों से लड़ने में सक्षम होंगे।
आमतौर पर सब्जियों में पाया जाने वाला फअलैवोनोइड तत्व रक्तसंचार को काबू में रखने के साथ दिल की बिमारियों और कैंसर से लड़ने में भी काफी कारगार होता है लेकिन जर्मन वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की जा रही इन सब्जियों में यह तत्व ज्यादा मात्रा में होगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने पुदीने और पालक के पौधे को चुना है।
आपको बता दें कि सामान्यत सब्जियां उगाने के लिए कार्बनडाईऑक्साइड की जरुरत होती है सामान्य वातावरण में यह 12सी होती है लेकिन इन खास तरह की सब्जियों के लिए 13सी कार्बन डाईऑक्साइड की जरुरत होती है जिसकी चार हजार लीटर की एक बोतल कीमत 70 लाख रुपए होती है इसलिए यह सब्जियां भी महंगी होंगी।
कहाँ से सूझा ?”
हनुमानगढ़ः बुजुर्ग ससुर ने मारी दो बहुओं को गोली
हनुमानगढ़. संगरिया तहसील में एक व्यक्ति ने शुक्रवार सुबह अपनी दोनों पुत्रवधुओं को गोली मार दी। वार्ड पांच में रहने वाले अस्सी वर्षीय निरंजन सिंह ने इस वारदात को तब अंजाम दिया जब घर में दोनों पुत्रवधु सतवंत कौर (43)पत्नी स्वर्गीय इंद्रजीत सिंह तथा जसबीर कौर (35)पत्नी अमरजीत के अलावा कोई नहीं था। जानकारों का कहना है कि किसी बात पर निरंजनसिंह तैश में आ गया और अपनी लाइसेंसी राइफल से दोनों को गोली मार दी।
पड़ोसियों ने दोनों महिलाओं को स्थानीय राजकीय अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें हनुमानगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। हनुमानगढ़ टाउन के चिकित्सालय ने भी दोनों को बीकानेर के लिए रेफर कर दिया। महिलाओं की हालत नाजुक बनी हुई है। जानकारी के अनुसार दोनों महिलाएं रिश्ते में बुआ-भतीजी भी हैं। बड़ी बहू के पति का देहांत हो चुका है तथा दूसरी बहू का पति पेशे से अध्यापक है। वारदात के समय परिवार का कोई सदस्य घर में मौजूद नहीं था।
कोर्ट में हरविंदर को जड़ा चांटा, फूंका अन्ना का पुतला: पवार समर्थकों के हंगामे पर भड़के अन्ना
नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के गाल पर थप्पड़ पड़ने के बाद से दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक में गुस्सा है। उन्हें थप्पड़ मारने वाले हरविंदर सिंह को शुक्रवार को पवार के एक समर्थक ने थप्पड़ मार कर बदला लिया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान यह वाकय हुआ।
हरविंदर सिंह ने जज से कहा कि यदि उसे छोड़ दिया गया तो वह फिर नेताओं पर हमला करेगा। इस पर न्यायालय ने उसे लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पेशी के दौरान हरविंदर को थप्पड़ मारने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की हरियाणा युवा इकाई के कार्यकर्ता दिनेश कुमार जोशी ने कहा कि जेल से बाहर निकलने पर उसे फिर मारा जाएगा। जोशी ने कहा कि उसने हमारे बॉस को मारा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में खुली चुनौती देते हुए कहा कि नेताओं पर हमला करने वाले ऐसे लोगों को खोज खोज कर पीटा जाएगा।
एनसीपी के कार्यकर्ता महाराष्ट्र में भी खूब हंगामा कर रहे हैं। पार्टी ने शुक्रवार को पुणे बंद का आह्वाण किया है। अन्ना के गांव में पवार समर्थकों ने जम कर उनका विरोध किया। उनकी अन्ना के समर्थकों से झड़प भी हुई। एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अन्ना हजारे का पुतला भी फूंका। इसके बाद अन्ना की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अन्ना ने कहा है कि जब पुणे में पुलिस फायरिंग में कई किसान मारे गए थे तब एनसीपी के कार्यकर्ता सड़कों पर नहीं उतरे थे और पवार को एक थप्पड़ पड़ने पर वे हंगामा मचा रहे हैं।
एनसीपी ने शुक्रवार को यह मुद्दा संसद में भी उठाया। संसद ने पवार पर हुए हमले की निंदा की। लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद 12 बजे दोबारा शुरू हुई तो तमाम पार्टियों के सांसदों ने एक सुर में इस घटना की निंदा की और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। खास बात यह रही कि इस दौरान सदन में शांति बनी रही। शीतकालीन सत्र शुरू (22 नवंबर) होने के बाद से पहली बार सदन में इस तरह की शांति दिखी और नेताओं ने अपनी बात कही। इस मुद्दे पर उनकी बात खत्म होते ही फिर से हंगामा शुरू हुआ और करीब एक बजे सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस बार हंगामा रीटेल सेक्टर में एफडीआई की मंजूरी को लेकर था। राज्यसभा की कार्यवाही इसी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते पहले ही सोमवार तक के लिए स्थगित की जा चुकी थी।