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29 नवंबर 2011

कोंग्रेस की कमजोर बुनियाद को हो सके तो कोंग्रेस को खत्म होने से बचा सको तो बचा लो यारों

कोंग्रेस का बुनियादी सम्मेलन उत्तर प्रदेश के चुनाव के पहले और किराने व्यापार में विदेशी दखल के वक्त चल रहा है ..यह सही है के कोंग्रेस की बुनियाद हिल जाने के बाद उसे अब अपनी बुनियाद मजबूत करने के लियें इस सम्मेलन की बेहद जरूरत थी राहुल गांधी ने कोंग्रेस की इस नब्ज़ को समझा और एक अच्छे डोक्टर की तरह से इस मर्ज़ के इलाज के लियें कोंग्रेस बुनियाद चिकित्सा शिविर लगाया लेकिन इस सम्मेलन का नतीजा कुछ खास नहीं निकल पाया है ... राहुल गाँधी चाहते हैं के कोग्न्रेस की निति कोंग्रेस का संविधान आम लोगों तक पहुंचे लेकिन निठल्ले कथित कोंग्रेसी जिनका उद्देश्य हमेशा कोंग्रेस के शासन में सत्ता का सुक्ख भोगना रहता है वोह कोग्न्रेस से कोसों दूर है और आज हालात दुसरे हो गये है यहाँ कोंग्रेस क्या है उसका विधान किया है कोंग्रेस को जनता के साथ किस तरह का व्यवहार करना है और उसे समाज सेवा क्षेत्र में क्या करना है ..कोंग्रेस किस तरह से अपनी वार्षिक कमाई का विवरण कोंग्रेस के जिला अध्यक्ष को देगा यह सभी बातें कोंग्रेस के संगठन में है लेकिन इन सब बातों को ना तो आज का कार्यकर्ता जानता है और ना ही कोग्न्रेस का कोई नेता इसे समझ रहा है केवल भाई भतीजावाद ..भ्रष्टाचार ..बेईमानी का बोलबाला है राहुल गाँधी की गुप्त राजस्थान यात्रा और फिर दिग्गज कोंग्रेसियों का राहुल गान्धी को दबा कर उनके निर्णय को बदलवाना यह साबित करता है के कोंग्रेस की बुनियाद हिलाने के लियें एक कोकस सक्रिय है जिसका प्रमुख उद्देश्य सन्गठन और मूल संगठन भाव को खत्म कर केवल और केवल सत्ता की चाशनी चाटना रहा है लेकिन उन्हें यह पता नहीं के ज्यादा चाशनी में जब चीटियाँ हो जाती हैं तो खुद को बचना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन हो जाता है इसी लियें मेरी कोंग्रेस के हाई कमान से दरख्वास्त है के वोह फिर से अपनी मूल भावना पर लोटे फिर से वोह जनता के बीच संविधान के भाव और कोंग्रेस के निति नियमों के तहत जाए इन नियमों को सख्ती से लागू करे और जो भी कोंग्रेसी अलमबरदार इस नियम का उलन्न्घन करता हुआ मिले उसे घर का रास्ता दिखाया जाए और इस शुद्धिकरण से ही कोंग्रेस का पुनर्जीवन सम्भव है कोंग्रेस की बुनियाद को मजबूत कर स पर फिर से बहुमंजिली सत्ता की इमारतें खड़ी करना सम्भव है आखिर हम चिन्तन करे मनन करें के जब हम लोकसभा की ५४४ सीटों में से ५०० सीटें तक जीता करते थे आज हम पूरी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े भी नहीं कर पाते हैं और कई राज्यों में हमारे खाते ही बंद हो गये हैं तो कोंग्रेस के अलंबरदारों फिर से उठो अपनी ताकत को पहचानों पुराने परम्परागत वोटर्स के पास लोटो अपनी गलतियों के लियें माफ़ी मांगो अफसर शाही की गुलाम मानसिकता से बाहर निकलो कोंग्रेस कार्यकर्ताओं के समर्पण और अहमियत को समझों जो नई परम्परा अधिकारीयों को सेवानिवृत्ति के बाद तुरंत पार्टी का टिकिट देकर मंत्री बनाने या महत्वपूर्ण सत्ता के पद देने की शुरू की है उसे बदलों अगर जरूरी हो तो सिर्फ ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों को संगठन में काम लेकने के लियें कुछ दिन लगा कर तो देखो ताकि संगठन वालों को पहचाने संथान के निति नियम को पहचाने यह तो वोह लोग होते है जो सत्ता से सत्ता का सफर तय करने के बाद इतराते हैं और कोंग्रेस को मटियामेट करते हैं ॥ इसलियें कोंग्रेस की जो बुनियाद हिल रही है महरबानी करके उसे फिर से मजबूर कर डालो यारों .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फेसबुक पर भगवान का अपमान, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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लखनऊ। हिंदू देवी-देवताओं और मुस्लिम धार्मिक आस्थाओं के प्रति इस्तेमाल की गई आपराधिक टिप्पणियों के संबंध में फेसबुक पर राम, कृष्ण एवं सीता के नाम से जुड़े एक गंदे शीर्षक वाले वाले ग्रुप के खिलाफ दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से विवेचना की प्रगति के सम्बन्ध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति श्री एस.एन. शुक्ला व श्री सुरेन्द्र विक्रम सिंह राठौर की खंडपीठ ने मामले में 13 दिसंबर 2011 को सुनवाई की अगली तारीख लगाई है।

गौरतलब है कि समाजसेविका नूतन ठाकुर की पहल पर 6 अप्रैल 2011 को मेरठ थाने में इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट 2000 के अंतर्गत फेसबुक इंक, पाओ अल्टो, कैलिफोर्निया, यूएसए एवं अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया था।

आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 24 जनवरी 2011 को गोमती नगर थाने में फेसबुक इंक, पाओ अल्टो, कैलिफोर्निया, यूएसए एवं अन्य के विरुद्ध राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के प्रति इस्तेमाल की गयी आपराधिक टिप्पणियों के संबंध में फेसबुक पर “आई हेट गाँधी” शीर्षक वाले वाले ग्रुप के खिलाफ एफआईआर किया था।

अण्णा ने फिर भरी हुंकार, कहा 'सरकार ने हमारे साथ विश्वासघात किया है

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रालेगणसिद्धी (महाराष्ट्र). वरिष्ठ समाजसेवक एवं गांधीवादी विचारक अण्णा हजारे ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर एक बार फिर हुंकार भरी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे ११ दिसंबर को निषेध स्वरूप एक दिन का सांकेतिक अनशन करेंगे और यदि संसद के शीतसत्र में लोकपाल विधेयक पास नहीं किया गया, तो २७ दिसंबर से दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन करेंगे।

संसद की स्थायी समिति द्वारा तैयार किये गये लोकपाल विधेयक के मसौदे का अण्णा ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने रालेगणसिद्धी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार ने मजबूत लोकपाल लाने का दिया अपना वादा पूरा नहीं किया है।

ऐसा करके केंद्र सरकार ने टीम अण्णा से नहीं बल्कि देश के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल में जिन कड़े प्रावधानों की मांग को लेकर हम लड़ रहे थे। केंद्र सरकार के लोकपाल के विधेयक के मसौदे में उन्हें शामिल नहीं किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा किये गये इस विश्वासघात को सहन नहीं किया जायेगा।

... तो कांग्रेस के खिलाफ करूंगा प्रचार

अण्णा ने कहा कि जब तक उनके शरीर में जान है, वे मजबूत लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर जंग जारी रखेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि सरकार के लोकपाल के दायरे से प्रधानमंत्री, सांसदों, न्यायपालिका, सीबीआई और निचले स्तर के सरकारी कर्मचारियों को बाहर रखा गया है।

ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ कैसे लड़ा जा सकेगा? वरिष्ठ गांधीवादी विचारक अण्णा ने चेतावनी दी है कि यदि संसद के शीतसत्र में लोकपाल विधेयक का मौसादा पेश नहीं किया जाया है, तो वे पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में खुद कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे।

अपने गिरेबान में झांके सरकार

गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) और मीडिया को लोकपाल के दायरे में लाये जाने का समर्थन करते हुए अण्णा ने सरकार को अपने गिरेबान में झांकने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले खुद को इसके दायरे में लाये उसके बाद ही दूसरों की ओर अंगुली दिखाये।

अण्णा ने कहा है कि सरकार सीबीआई को या तो स्वायत्ता प्रदान करे या फिर उसे लोकपाल के दायरे में रखे। क्योंकि अब तक सीबीआई की जांच से किसी भी बड़े नेताओं को जेल की हवा नहीं खानी पड़ी है।

यह है गीता का ज्ञान ...

(ज्ञान की महिमा और प्रकृति-पुरुष से जगत्‌ की उत्पत्ति)
श्रीभगवानुवाच
परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं मानमुत्तमम्‌ ।
यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं॥1॥
इदं ज्ञानमुपाश्रित्य मम साधर्म्यमागताः ।
सर्गेऽपि नोपजायन्ते प्रलये न व्यथन्ति च ॥
भावार्थ : इस ज्ञान को आश्रय करके अर्थात धारण करके मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए पुरुष सृष्टि के आदि में पुनः उत्पन्न नहीं होते और प्रलयकाल में भी व्याकुल नहीं होते॥2॥
मम योनिर्महद्ब्रह्म तस्मिन्गर्भं दधाम्यहम्‌ ।
सम्भवः सर्वभूतानां ततो भवति भारत ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! मेरी महत्‌-ब्रह्मरूप मूल-प्रकृति सम्पूर्ण भूतों की योनि है अर्थात गर्भाधान का स्थान है और मैं उस योनि में चेतन समुदायरूप गर्भ को स्थापन करता हूँ। उस जड़-चेतन के संयोग से सब भूतों की उत्पति होती है॥3॥
सर्वयोनिषु कौन्तेय मूर्तयः सम्भवन्ति याः ।
तासां ब्रह्म महद्योनिरहं बीजप्रदः पिता ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! नाना प्रकार की सब योनियों में जितनी मूर्तियाँ अर्थात शरीरधारी प्राणी उत्पन्न होते हैं, प्रकृति तो उन सबकी गर्भधारण करने वाली माता है और मैं बीज को स्थापन करने वाला पिता हूँ॥4॥
(सत्‌, रज, तम- तीनों गुणों का विषय)
सत्त्वं रजस्तम इति गुणाः प्रकृतिसम्भवाः ।
निबध्नन्ति महाबाहो देहे देहिनमव्ययम्‌ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण -ये प्रकृति से उत्पन्न तीनों गुण अविनाशी जीवात्मा को शरीर में बाँधते हैं॥5॥
तत्र सत्त्वं निर्मलत्वात्प्रकाशकमनामयम्‌ ।
सुखसङ्‍गेन बध्नाति ज्ञानसङ्‍गेन चानघ ॥
भावार्थ : हे निष्पाप! उन तीनों गुणों में सत्त्वगुण तो निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकार रहित है, वह सुख के सम्बन्ध से और ज्ञान के सम्बन्ध से अर्थात उसके अभिमान से बाँधता है॥6॥
रजो रागात्मकं विद्धि तृष्णासङ्‍गसमुद्भवम्‌ ।
तन्निबध्नाति कौन्तेय कर्मसङ्‍गेन देहिनम्‌ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रागरूप रजोगुण को कामना और आसक्ति से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को कर्मों और उनके फल के सम्बन्ध में बाँधता है॥7॥
तमस्त्वज्ञानजं विद्धि मोहनं सर्वदेहिनाम्‌ ।
प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति भारत ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सब देहाभिमानियों को मोहित करने वाले तमोगुण को तो अज्ञान से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को प्रमाद (इंद्रियों और अंतःकरण की व्यर्थ चेष्टाओं का नाम 'प्रमाद' है), आलस्य (कर्तव्य कर्म में अप्रवृत्तिरूप निरुद्यमता का नाम 'आलस्य' है) और निद्रा द्वारा बाँधता है॥8॥
सत्त्वं सुखे सञ्जयति रजः कर्मणि भारत ।
ज्ञानमावृत्य तु तमः प्रमादे सञ्जयत्युत ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढँककर प्रमाद में भी लगाता है॥9॥
रजस्तमश्चाभिभूय सत्त्वं भवति भारत ।
रजः सत्त्वं तमश्चैव तमः सत्त्वं रजस्तथा ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रजोगुण और तमोगुण को दबाकर सत्त्वगुण, सत्त्वगुण और तमोगुण को दबाकर रजोगुण, वैसे ही सत्त्वगुण और रजोगुण को दबाकर तमोगुण होता है अर्थात बढ़ता है॥10॥
सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते ।
ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत ॥
भावार्थ : जिस समय इस देह में तथा अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतनता और विवेक शक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिए कि सत्त्वगुण बढ़ा है॥11॥
लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा ।
रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रजोगुण के बढ़ने पर लोभ, प्रवृत्ति, स्वार्थबुद्धि से कर्मों का सकामभाव से आरम्भ, अशान्ति और विषय भोगों की लालसा- ये सब उत्पन्न होते हैं॥12॥
अप्रकाशोऽप्रवृत्तिश्च प्रमादो मोह एव च ।
तमस्येतानि जायन्ते विवृद्धे कुरुनन्दन ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! तमोगुण के बढ़ने पर अन्तःकरण और इंन्द्रियों में अप्रकाश, कर्तव्य-कर्मों में अप्रवृत्ति और प्रमाद अर्थात व्यर्थ चेष्टा और निद्रादि अन्तःकरण की मोहिनी वृत्तियाँ - ये सब ही उत्पन्न होते हैं॥13॥
यदा सत्त्वे प्रवृद्धे तु प्रलयं याति देहभृत्‌ ।
तदोत्तमविदां लोकानमलान्प्रतिपद्यते ॥
भावार्थ : जब यह मनुष्य सत्त्वगुण की वृद्धि में मृत्यु को प्राप्त होता है, तब तो उत्तम कर्म करने वालों के निर्मल दिव्य स्वर्गादि लोकों को प्राप्त होता है॥14॥
रजसि प्रलयं गत्वा कर्मसङ्‍गिषु जायते ।
तथा प्रलीनस्तमसि मूढयोनिषु जायते ॥
भावार्थ : रजोगुण के बढ़ने पर मृत्यु को प्राप्त होकर कर्मों की आसक्ति वाले मनुष्यों में उत्पन्न होता है तथा तमोगुण के बढ़ने पर मरा हुआ मनुष्य कीट, पशु आदि मूढ़योनियों में उत्पन्न होता है॥15॥
कर्मणः सुकृतस्याहुः सात्त्विकं निर्मलं फलम्‌ ।
रजसस्तु फलं दुःखमज्ञानं तमसः फलम्‌ ॥
भावार्थ : श्रेष्ठ कर्म का तो सात्त्विक अर्थात् सुख, ज्ञान और वैराग्यादि निर्मल फल कहा है, राजस कर्म का फल दुःख एवं तामस कर्म का फल अज्ञान कहा है॥16॥
सत्त्वात्सञ्जायते ज्ञानं रजसो लोभ एव च ।
प्रमादमोहौ तमसो भवतोऽज्ञानमेव च ॥
भावार्थ : सत्त्वगुण से ज्ञान उत्पन्न होता है और रजोगुण से निःसन्देह लोभ तथा तमोगुण से प्रमाद (इसी अध्याय के श्लोक 13 में देखना चाहिए) और मोह (इसी अध्याय के श्लोक 13 में देखना चाहिए।) उत्पन्न होते हैं और अज्ञान भी होता है॥17॥
ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसाः ।
जघन्यगुणवृत्तिस्था अधो गच्छन्ति तामसाः ॥
भावार्थ : सत्त्वगुण में स्थित पुरुष स्वर्गादि उच्च लोकों को जाते हैं, रजोगुण में स्थित राजस पुरुष मध्य में अर्थात मनुष्य लोक में ही रहते हैं और तमोगुण के कार्यरूप निद्रा, प्रमाद और आलस्यादि में स्थित तामस पुरुष अधोगति को अर्थात कीट, पशु आदि नीच योनियों को तथा नरकों को प्राप्त होते हैं॥18॥


कुरान का संदेश ......

गोल्ड का सुख भोगते रहे 'रखवाले', चेतावनी के बाद भी साब ने नहीं सुना!


जयपुर.एसओजी की रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी दो माह पहले प्रदेश के सभी एसपी को पत्र लिखकर चेता दिया था कि गोल्ड सुख कंपनी भागेगी। इसके बावजूद भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के कारण मुख्यालय का आदेश महज फाइलों में ही दब गया।

19 सितंबर 2011 को भेजे गए इस पत्र में अंदेशा जता दिया था कि यह कंपनी निवेशकों से जो वादे कर रही है, उनके तहत किसी भी हालत में निवेशकों को भुगतान करना संभव नहीं है। इस बीच, पुलिस मुख्यालय ने गोल्ड सुख कंपनी के खिलाफ विधायकपुरी थाने में दर्ज पांच मामलों की फाइल सोमवार को मंगवा ली है। इन मामलों में पुलिस ने एफआर लगा दी थी

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मल्टी लेवल कंपनी तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी अवैध तरीकों से जनता को अधिक ब्याज तथा लालच देकर जनता में पैसा जमा करती है।

कंपनियों की ओर से इस लालच का शिकार कई लोग हो रहे हैं। इनमें प्रमुख रुप से स्पीक एशिया, पीएसीएल तथा गोल्ड सुख कंपनी है। सभी जिला एसपी इन कंपनियों की जांच कर पता लगाएं कि किस तरह से ये कंपनियां लोगों को निवेश करवाती है और निवेशकों से किया वादा किस तरह से पूरा करेगी।

कार्रवाई की बजाय लगा दी एफआर

कंपनी के खिलाफ गत वर्ष ठगी के शिकार पांच लोगों ने माणकचौक तथा विधायकपुरी थाने में मामला दर्ज कराया था। इन मामलों में पुलिस ने जांच कर अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। पुलिस मुख्यालय ने इस सभी पांच मामलों की फाइल को मंगवा लिया है।

अब मुख्यालय जांच करेगा कि जांच में एफआर किस आधार पर लगाई गई और मामला दर्ज होने के कितने समय बाद लगी। मामला दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी ने गोल्ड सुख कंपनी से क्या क्या रिकार्ड मांगा गया।

एसओजी भी रिपोर्ट सौंपकर चुप बैठ गई

आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बनाई गई एसओजी की जांच में गोल्ड सुख कंपनी द्वारा निवेशकों से ठगी करने का आंदेशा होने के बाद भी अधिकारियों ने कंपनी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। जब एसओजी की जांच चल रही थी उस दौरान विधायकपुरी थाने में कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे।

ऐसे में जांच अधिकारी कंपनी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी संबंधित थाने से मंगवाकर जांच के दायरे में लेते। एसओजी ने महज अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर औपचारिकता पूरी कर ली।

लोग ताविज क्यों पहनते हैं?


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अक्सर देखने में आता है कि कई लोग गले में काले रंग के धागे में किसी धातु या लाल-काले रंग के कपड़े का टुकड़ा पहनते हैं। यही ताविज कहलाता है। सामान्यत: सभी छोटे बच्चों को तो अनिवार्य रूप से ताविज बांधा जाता है। कई लोग ताविज बांधने को अंधविश्वास मानते हैं परंतु ऐसा नहीं है। इसके स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे भी होते हैं।

ताविज बांधने की परंपरा हर धर्म में मानी जाती है। यह अति प्राचीनकालीन प्रथा है। जिसे आज भी अधिकांश लोग मानते हैं। ताविज बांधने से बुरी नजर नहीं लगती है। वहीं कई लोग मंत्रों से सिद्ध किए ताविज धारण करते हैं। मंत्रों की शक्ति से सभी भलीभांति परिचत हैं। किसी सिद्ध संत या महात्मा द्वारा अपनी मंत्र शक्ति से ताविज बनाकर दिए जाते हैं। यह ताविज बीमारियों से निजात पाने के लिए बनवाए जाते हैं।

ताविज में एक काला धागा होता है। इस धागे में किसी कपड़े में या धातु की छोटी सी डिबिया होती है। इस कपड़े या डिबिया में कोई मंत्र लिखा भोज पत्र, भभूती, सिंदूर के साथ कई लोग इसमें तांत्रिक वस्तुएं भी रखते हैं।

मान्यता है कि ताविज के प्रभाव से वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियां हमें प्रभावित नहीं कर पाती। साथ ही ताविज का धागा हमें दूसरों की बुरी नजर से बचाता है। ताविज का मंत्र लिखा भोज पत्र या भगवान की भभूति या सिंदूर आदि मंत्रों के बल सिद्ध किए होते हैं जो धारण करने वाले व्यक्ति के लिए शुभ रहते हैं।

पंचक: 1 से 6 दिसंबर तक, इन बातों का रखें ध्यान वरना...

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भारतीय ज्योतिष के अनुसार जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तब उस समय को पंचक कहते हैं। यानी घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं रेवती) होते है उन्हे पंचक कहा जाता है। कुछ विद्वानों ने इन नक्षत्रों को अशुभ माना है इसलिए पंचक में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। इस बार पंचक का प्रारंभ 1 दिसंबर, गुरुवार को दिन के 12 बजकर 38 मिनिट से हो रहा है जो 6 दिसंबर, मंगलवार सुबह 8 बजकर 56 मिनिट तक रहेगा।

नक्षत्रों का प्रभाव

धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है।

शतभिषा नक्षत्र में कलह होने के योग बनते हैं।

पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र होता है।

उतराभाद्रपद में धन के रूप में दण्ड होता है।

रेवती नक्षत्र में धन हानि की संभावना होती है।

पंचक में यह पांच कार्य न करें-

1-घनिष्ठा नक्षत्र में घास लकड़ी आदि ईंधन इक_ा नही करना चाहिए इससे अग्नि का भय रहता है।

2- दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।

3- रेवती नक्षत्र में घर की छत डालना धन हानि और क्लेश कराने वाला होता है।

4- चारपाई नही बनवाना चाहिए।

5- पंचक में शव का अंतिम संस्कार नही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पंचक में शव का अन्तिम संस्कार करने से उस कुटुंब में पांच मृत्यु और हो जाती है।

यदि परिस्थितीवश किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक अवधि में हो जाती है तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाकर अर्थी पर रखें और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करें तो परिवार में इस दोष से और किसी की मृत्यु नही होती एवं पंचक दोष समाप्त हो जाता है।

आयुर्वेदिक नाश्ता- ठंड में बनाएं इस टेस्टी आसान नुस्खे से अपनी सेहत



ठंड में सेहत बनाने के लिए ड्रायफ्रूट्स खाने पर विशेष जोर दिया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अगर पूरी ठंड खाने में ड्रायफ्रूट्स का प्रयोग औषधिय रूप में किया जाए तो वर्ष भर कई बीमारीयां दूर रहती है। ठंड में सेहत बनाने के लिए बादाम और छुहारों का प्रयोग विशेष रूप से लाभदायक है। हम आज आपको बताने जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयुर्वेदिक नाश्ता जिसका ठंड में सेवन करके आप अपनी हेल्थ बना सकते हैं।

बनाने की विधि- बादाम की गिरी सात नग, एक छुहारा (अच्छी किस्म का हो), रात को मिट्टी की हांडी या कांच के पात्र में पानी में भिगोकर रखें। सुबह बादाम गिरी को छील लें। छुहारे की गुठली निकाल दें। अब गिरी और छुहारे के साथ थोड़ी छोटी इलाइची मिलाकर तीनों को सम्मिलित रूप में खूब महीन पीस लें। उसमें गाय का घी और मिश्री 20-20 ग्राम मिलाकर नाश्ते के रूप में सुबह के समय सेवन करें।

फायदे- यह प्रयोग 21 दिन तक नित्य करने से चक्कर आना, दिल की कमजोरी दूर होने के साथ-साथ कमजोरी के कारण होने वाली थकान दूर होती है। मस्तिष्क को बहुत बल मिलता है।

सावधानी- ध्यान दें, इस प्रयोग को सुबह ही करना चाहिए तथा इसके पच जाने के बाद दोपहर में सात्विक भोजन करें। कमजोर पाचन शक्ति वाले इसकी मात्रा कम रखें। जबकि प्रबल पाचन शक्ति वाले इसके सेवन के बाद दूध भी पी सकते हैं। इससे और जल्दी लाभ होगा

आश्चर्यजनक घटना: कुत्ते ने दौड़ाई सड़क पर डबल डैकर बस

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पेशे से सेल्स असिस्टेंट फिल न्यूटन को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, जब उन्होंने उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के डार्विन शहर की एक सड़क पर एक कुत्ते को डबल डैकर बस चलाते हुए देखा।

'नॉर्दन टैरिट्री न्यूज़' को फिल ने बताया कि यह पूरे उत्तरी क्षेत्र के लिए काफी हैरान करने वाली घटना थी।

प्रत्यक्षदर्शी 30 वर्षीय फिल के अनुसार कुत्ता ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ था और उसके पंजे स्टेयरिंग व्हील पर थे। फिल के अनुसार उन्होंने भाग कर बस का पीछा किया और खुली हुई खिड़की से बस की हैंडब्रेक लगाई, वरना बस आगे जाकर टकरा सकती थी।


दरअसल दो वर्ष के जर्मन कूली नस्ल के कुत्ते वूड्ले ने अपने मालिक की नकल करते हुए बस की हैंडब्रेक हटा दी थी, जिसके बाद बस सड़क पर लुढ़कने लगी। मौके पर मौज़ूद प्रत्यक्षदर्शी फिल ने किसी तरह भागकर बस की हैंडब्रेक लगाई और बस को रोका। इस दौरान ड्राइविंग सीट पर सवार वूड्ले खिड़की से कूदकर भाग गया।


वूड्ले के मालिक 62 वर्षीय रिचर्ड ने बताया कि वूड्ले अक्सर उनकी साथ वाली सीट पर बैठता है और वह उन्हें ब्रेक लगाते हुए देखता है। शायद इसी वजह से मेरी ग़ैरमौज़ूदगी में उसने ब्रेक रिलीज कर दिया होगा।

पहले जज साहिबा की कार की हवा निकाली, बाद में कहा-सॉरी मैडम

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हिसार. भिवानी.एनसीआर में नियुक्त एक महिला जज की कार मंगलवार को भिवानी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने पकड़ ली। कार पर नीली बत्ती लगी होने और जज लिखा होने के बावजूद पुलिस ने कार के अगले पहिए की हवा निकाल दी। बाद में जब हंगामा मचा तो ट्रैफिक पुलिस प्रभारी अशोक कुमार ने जज को सॉरी बोला और मामले को ठंडा किया। मामला पुलिस अधीक्षक तक भी पहुंचा।

हुआ यूं कि मंगलवार को एनसीआर में नियुक्त एक जज अपनी भतीजी की सगाई समारोह में भाग लेने भिवानी आई हुईं थीं। सगाई समारोह चित्रकूट में चल रहा था और जज के ड्राइवर ने गाड़ी को चित्रकूट के नीचे पार्क कर रखा था। करीब साढ़े 11 बजे ट्रैफिक पुलिस प्रभारी अशोक कुमार लाउडस्पीकर पर गाड़ियों को सड़क पर खड़ा नहीं करने की घोषणा करते हुए वहां पहुंचे।

आदेश मिलते ही पुलिसकर्मियों ने वहां खड़ी महिला जज की कार की हवा निकाल दी। बाद में महिला जज ने नीचे आकर एक पुलिसकर्मी से पूछा कि क्या पुलिस ने वहां पर गाड़ियां खड़ी करने के लिए पीली पट्टी आदि बना रखी है। बाद में उन्होंने एसपी से बात की।

करीब 20 मिनट बाद ट्रैफिक एसएचओ चित्रकूट के ऊपर गए और मैडम को अपनी तरफ से सफाई देकर असुविधा की माफी मांगी। महिला जज पहले तो काफी गुस्से में थीं लेकिन बाद में शांत हो गईं। पत्रकारों से उन्होंने इस बारे में कोई बात नहीं की।

मानो या न मानो: गाय, कुत्ता, कौआ, कबूतर भी देते हैं आने वाले कल के इशारे

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आपको यकीन नहीं होगा ये जानकर कि क्या जानवर भी आपका भविष्य बता सकते हैं। लेकिन ये सच है। ये बात तो रहस्य है कि ये जानवर कैसे बता देते हैं कि आने वाले कल में क्या होने वाला है लेकिन ज्योतिष का मानना है कि जानवरों को पूर्वाभास हो जाता है कि आने वाले कल में क्या घटना होने वाली है।



जनिए कैसे



गाय- अगर आपका कोई काम होने वाला है या आप किसी काम के लिए जा रहे हैं तब गाय रम्भा दे तो समझ लेना चहिए आपका सोचा हुआ काम पूरा होगा।



कौआ- अगर आपके साथ कुछ बुरा या अशुभ होने वाला है तो कौआ आपके सिर पर चौंच मार के आपको बाता देगा।



कुत्ता- अगर आपके साथ कुछ बुरा या अशुभ होने वाला है तो कुत्ता आपके घर की तरफ मुंह कर के रोने लगेगा।



बिल्ली- अगर आपके साथ कुछ बुरा होने वाला है तो बिल्ली रास्ता काट लेगी।



कबूतर- अगर आपके घर पर कबूतरों का डेरा लगा है तो समझना चाहिए घर का कोई सदस्य कम होने वाला है या धीरे-धीरे वो घर सुनसान होने वाला है।

अनेक चमत्कारी गुण छिपे हैं इस शंख में

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जब भी घर में किसी तरह की पूजा की जाती है, तो उसमे शंख जरूर रखा जाता है। शंख को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। घर के पूजास्थल में जो वामावर्ती शंख रखा जाता है उसे विष्णु का और दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। शंख का एक और बहुत सुन्दर रूप मोती शंख को श्री यंत्र का प्राकृतिक स्वरूप माना गया है। मोती शंख दोनों शंख से देखने में ज्यादा सुन्दर दिखाई देता है। इसका उपयोग तंत्र क्रियाओं में किया जाता है। कुछ साधारण तंत्र प्रयोग इस प्रकार हैं-

-यदि इस शंख को कारखाने में स्थापित किया जाए तो कारखाने में तेजी से आर्थिक उन्नति होती है।

-यदि मोती शंख को मंत्र सिद्ध व प्राण प्रतिष्ठा पूजा कर स्थापित किया जाए तथा उसमें जल भरकर लक्ष्मी के चित्र के साथ रखा जाए तो लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आर्थिक उन्नति होती है।

-मोती शंख को घर में स्थापित कर यदि रोज ऊँ श्री महालक्ष्मैय नम: ग्यारह बार बोलकर एक- एक चावल का दाना शंख में भरते रहे। इस प्रकार ग्यारह दिन तक प्रयोग करें। यह प्रयोग करने से आर्थिक तंगी समाप्त हो जाती है।

-यदि व्यापार में घाटा हो रहा है। दुकान में आय नहीं हो रही हो तो एक मोती शंख दुकान के गल्ले में रखा जाये तो इससे व्यापार में वृद्धि होती है।

खून से सने कपड़े पहनकर सड़क पर निकले 10 हजार लोग, बना अनोखा रिकार्


मेक्सिको सिटी. मुर्दों की वेश में सजे ये लोग भूतों जैसी आवाज़ निकाल रहे थे।

मेक्सिको शहर में दस हज़ार लोगों ने भूतों का वेश बनाकर परेड किया है।

परेड के आयोजकों का दावा है कि ये ज़ॉम्बी परेड, यानी मुर्दों के वेश में सजे लोगों की रैली, अब तक की सबसे बड़ी ‘भूत परेड या जॉम्बी वॉक’ है।

नकली खून से सने, कटे-फ़टे कपड़े पहनकर और डरावनी मेकअप करके इन प्रेतवेशधारियों ने मेक्सिको शहर में परेड किया।

मुर्दों की वेश में सजे ये लोग भूतों जैसी आवाज़ें भी निकाल रहे थे।

गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार अब तक का सबसे बड़ा ज़ॉम्बी वॉक अमरीका के एसबरी पार्क में साल 2010 में आयोजित किया गया था जिसमें 4,093 लोगों ने भाग लिया था।

टीवी, फ़िल्मों से बढ़ा रूझान

रैली में भाग लेने वाले लोगों का कहने है कि उन्हे ज़ॉम्बी बनने में मज़ा आता है। पिछले कुछ सालों में ज़ॉम्बी वॉक के आयोजनों में तेज़ी आई है।

जीवित व्यक्तियों के मुर्दों सा दिखने की चाहत टीवी, फ़िल्मों और वीडियो गेम्स की देन मानी जा रही है, जिसमें ज़ॉम्बियों का चित्रण किया जाना आम बात है।

पिछले महीने ऐसी ही एक 'ज़ॉम्बी वॉक' का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में भी किया गया था जिसमें आठ हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया था।

इन रैलियों में भाग लेने वाले लोगों का कहना है कि वो ऐसा सिर्फ़ मज़े के लिए करते है।

बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि ऐसे आयोजन मेक्सिको में ज़्यादा प्रचलित है जहाँ पर ‘मृतकों का दिन’ भी राष्ट्रीय तौर पर मनाया जाता है।

मेक्सिको के अलावा लैटिन अमरीका, पेरू, चिली और ब्रज़ील में भी इस साल ज़ॉम्बी वॉक का आयोजन किया जा चुका है।

चीन-पाक से निपटने की भारत की बड़ी तैयारी? 4 साल में खरीदे सबसे ज़्यादा हथियार


नई दिल्ली. पाकिस्तान से दशकों पुराने तनाव, चीन के आक्रामक रवैये और नक्सली समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। चीन और उसके सहयोगी पाकिस्तान की तरफ से बढ़ती खतरे की आशंकाओं के मद्देनज़र भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है। जानकारों का मानना है कि भारत अपने पड़ोसियों (खासकर चीन) के साथ हथियारों की होड़ में न सिर्फ चुनौती दे रहा है बल्कि कई रणनीतिक मामलों में वह उन पर भारी भी पड़ रहा है।

समुद्र के सामरिक महत्व और चीन के दक्षिण पूर्व एशिया के समुद्री इलाकों में बढ़ते असर को देखते हुए भारत ने समंदर में अपनी ताकत बढ़ाने का फैसला किया है। इसी साल अगस्त में चीन के जहाज ने भारत के जहाज को वियतनाम के पास दक्षिण चीन सागर में मौजूदगी की वजह पूछी थी। जानकारों के मुताबिक यह घटना दक्षिण एशिया में भारत और चीन जैसे देशों के बीच होड़ को समझने के लिए काफी है। दुनिया में असरदार देश बनने की ओर बढ़ रहे दक्षिण पूर्व एशिया के देश पहले क्षेत्रीय स्तर पर बड़ी ताकत बनना चाहते हैं।

भारत इस समय हथियार आयात करने के मामले में दुनिया का अव्वल देश है। हथियारों की खरीदफरोख्त पर नज़र रखने वाले संगठन सिपरी की 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक 2006 और 2010 के बीच दुनिया में हुई हथियारों की खरीद का 9 फीसदी हिस्सा अकेले भारत के हिस्से में है। सिपरी के मुताबिक भारत ने अपने ज़्यादातर हथियार रूस से खरीदे हैं।

वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के आकलन के मुताबिक भारत ने अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण पर 2015 तक 80 अरब डॉलर (करीब 40 खरब रुपये) खर्च करने की योजना बनाई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने पर खासा जोर दे रहा है। मैरीटाइम एनालिसिस फर्म एएमआई इंटरनेशनल के एक आकलन के मुताबिक अगले 20 सालों में भारत 103 नए जंगी जहाजों (इसमें परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियां भी शामिल) पर 45 अरब डॉलर का खर्च करेगा। वहीं, इस दौरान चीन 135 जंगी जहाजों पर महज 25 अरब डॉलर (करीब 12 खरब रुपये) खर्च करेगा।

जानकार यह भी मानते हैं कि भारत के लिए राहत की बात यह है कि अमेरिका भारत की बढ़ती सामरिक ताकत से ज़्यादा चिंतित नहीं है। अमेरिका के लिए ज़्यादा चिंता की बात चीन की सामरिक शक्ति है। इस तथ्य के बावजूद कि भारत सबसे ज़्यादा हथियार रूस से खरीदता है, अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन की 2010 डिफेंस रिव्यू में हिंद महासागर के अलावा अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत किया था।


सिर्फ समंदर ही नहीं, आसमान और जमीन पर भी नज़र

भारत सिर्फ अपनी नौसेना को ही आधुनिक नहीं बना रहा है। बल्कि उसकी नज़र आसमान पर भी है। यही वजह है कि भारत ने अपनी वायुसेना को भी आधुनिक बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है।

126 आधुनिक जंगी विमान
भारत करीब 126 आधुनिक जंगी विमान खरीदने की योजना बना रहा है। भारतीय वायुसेना ने इस खरीदारी के लिए दो विमानों को विचार के लिए चुना है। इनमें रफाल और टायफून विमान शामिल हैं। दोनों विमान अमेरिका के एफ-16 विमानों को टक्कर दे सकते हैं। अमेरिका ने एफ-16 विमान पाकिस्तान को भी दिए हैं। जानकारों का मानना है कि भारतीय वायुसेना इनमें से किसी का भी चुना करे, दोनों भारतीय सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाई देंगे और भारत दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो जाएगा जो आधुनिक जंगी विमानों से लैस हैं। द रफाल को फ्रांस की दसाल्ट एविएशन ने बनाया है। जबकि यूरो फाइटर टायफून को यूरोप के चार देशों (ब्रिटेन, इटली, जर्मनी और स्पेन) की एक संयुक्त कंपनी यूरो फाइट ने तैयार किया है।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) दुनिया के आधुनिकतम लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है। 2013 तक यह हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के जंगी बेडे़ में शामिल हो जाएगा। एलसीएच के पास दुश्मन का मुकाबला करने के लिए जबर्दस्त क्षमताएं हैं। इसमें स्टेल्थ विमानों के भी गुण हैं, जिसका मतलब है कि इसकी उड़ान को रडार के जरिए भांपा नहीं जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर का वजन 5800 किलो है। यह हेलीकॉप्टर 268 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा में उड़ सकता है। इसमें 20 मिमी की टरेट गन है, जो दुश्मन के ठिकाने को भेद सकता है। यह हेलीकॉप्टर दायें, बायें, नीचे और सबसे अहम पीछे की तरफ उड़ सकता है। जानकार मानते हैं कि इस हेलीकॉप्टर की खूबियां दुनिया में सबसे आधुनिक और उन्नत माने जा रहे अमेरिका के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को टक्कर दे सकती हैं। कुछ मायनों में जानकार इसे ब्लैक हॉक से भी बेहतर बता रहे हैं। गौरतलब है कि अमेरिका ने ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल इसी साल मई में ओसामा बिन लादेन को मारने में किया था।

मिग 29 के
मिग 29 के लड़ाकू विमान नौसेना के पास होगा। एडमिरल गोर्शकोव को आधुनिक आईएनएस विक्रमादित्य के तौर विकसित किया जा रहा है। 2012 के अंत या 2013 की शुरुआत तक विक्रमादित्य के नौसेना में शामिल होने पर मिग 29 के को आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात कर दिया जाएगा। मिग-29 के, पुराने मिग-29 से 30 फीसदी ज़्यादा भारी है। मिग-29 के एंटी एयरक्राफ्ट बीयॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, स्मार्ट गाइडेड बम और रॉकेट से लैस है। इस लड़ाकू विमान के पंखों को फोल्ड किया जा सकता है। नेवी के आईएनएस विक्रमादित्य जहाज पर इसकी तैनाती के लिहाज से यह अहम खासियत साबित हो सकती है। मिग-29 के सिंगल सीट वाला लडा़कू विमान है। यह विमान फरवरी, 2010 में नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुका है।
आधुनिक जंगी टैंक अर्जुन मार्क 2
अगली पीढ़ी का आधुनिक जंगी टैंक। भारत में डीआरडीओ ने इसे विकसित किया है। इसका ट्रायल चल रहा है। सेना उम्मीद जता रही है कि जून, 2012 तक यह टैंक उनके बेडे़ में शामिल होगा। इसे बनाने के लिए अर्जुन के पहले संस्करण में कई बदलाव किए गए हैं। पुराने अर्जुन टैंक में पहले नाइट विज़न नहीं था। डिजीटल कंट्रोल है। टैंक के कमांडर को बड़े 90 बदलाव किेए गए हैं। रूस के टी-90 को कड़ी टक्कर दे सकता है। अर्जुन मार्क 2 को रूस के टी-90 टैंक से बेहतर माना जा रहा है।

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