आपका-अख्तर खान

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30 नवंबर 2011

भाजपा हो या कोंग्रेस अपने हमाम में दोनों ही नंगे निकले ..

जी हाँ दोस्तों यह देश है वीर नो जवानों का अलबेलों का मस्तानों का और इसीलियें इस देश की आन बान शान तिरंगे का निशाँ और संविधान बाक़ी है वरना यह राजनितिक लोग तो अपनी कुर्सी और निजी स्वार्थों के लियें भारत माँ का कभी का सोदा कर बैठते और किसी के गले में कोंग्रेस तो किसी के गले में भाजपा और दूसरी पार्टियों का पत्ता डला होने के कारण वोह खामोश तमाशा देखते ......... लेकिन दोस्तों कुछ है वीर नो जवान कुच्छ है अलबेले मस्ताने जो पार्टी ॥ राजनीति और निजी स्वार्थों से अलग हठ कर देश को पहले प्रमुखता देते हैं और इसीलियें यह सब इस देश में हो रहा है के एक एक कर सियासत से जुड़े लोग नंगे होते जा रहे हैं ..... हम बात कर रहे है विदेशी किराना निति की कोंग्रेस ने इस निति की घोषणा की भाजपा ने पुरजोर विरोध किया कोंग्रेस ने मिडिया मेनेजमेंट किया और भाजपा के २००३ के एजेंडे को उजागर किया जिसमे भाजपा ने इसी निति को अपनाने का एलान किया था ताज्जुब है भाजपा इसी निति पर चुनाव लड़ी इसी निति पर वोट मांगे और फिर इस निति की सिफारिश की आज वोह इसके खिलाफ सिर्फ वोटों के लियें है ॥ लेकिन भाजपा से जुड़े लोग भाजपा के समर्थक आर एस एस और कथित देश प्रेमी राष्ट्र प्रेमी लोग जो सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी की बात करते हैं उन्होंने भी उस वक्त भाजपा के इस निति में शामिल होने पर कान नहीं उमेठे ...बात साफ़ है कोंग्रेस हो भाजपा हो या दूसरी पार्टियां हो सभी अमेरिका और विदेशियों की गुलाम मानसिकता के लोग हैं इन्हें अमेरिका के हवाई अड्डों पर नंगा किया जाता है इनके साथ भारत माता की इज्ज़त नीलाम की जाती है लेकिन यह हैं के नंगे होने अमेरिका जरुर जाते हैं और यहाँ हमारे देश में आकर तीस मारखां बन कर बड़ी बड़ी डींगें हांकते हैं । सभी अर्थशास्त्री जानते है के आज अमेरिका की आर्थिक स्थिति गिर रही है अमेरिका बर्बादी की तरफ है खुद को सम्भालने के लियें उसने पहले पेट्रोल के देशों पर हमला कर गुलाम बनाया पेट्रोल डोलर में खरीदने को मजबूर किया पेट्रोल की कीमतें बढ़वायीं फिर भी अमेरिका की स्थिति में सुधार नहीं आया तो चीन के विरोध के बाद उसके पास सिर्फ और सिर्फ भारत ही एक रास्ता बचा जहां के रूपये का अवमूल्यन अमेरिका को तरा सकता है इसलियें देश में रूपये की कीमत केसे कम हो अमेरिका की निति देश में लागु की जाने लगी ..देश में अमेरिका सहित विदेशी शक्तियाँ हावी हों यहाँ की आजादी को एक बार और ग्रहण लगे .यहाँ चार करोड़ लोग बेरोजगार हो कर सडकों पर मारकाट करे ॥ भिक्ख मांगे और विदेशी बलाएँ कम कपड़े पहन कर हमारी संस्क्रती को नष्ट करते हुए व्यापार में आयें और य्हनाकी संस्क्रती को नष्ट करने के साथ साथ यहाँ की अर्थ व्यवस्था को भी तहस नहस कर दें ईस्ट इन्डियन कम्पनी का सच और इतिहास हमारे सामने है लेकिन हम हैं के मानते ही नहीं ॥ इस मामले में कोंग्रेस और भाजपा का चेहरा तो लोगों के सामने साफ़ हो गया है और इन पार्टियों की गठबंधन पार्टियां भी अपनी मानसिकता इस मामले में स्वीक्रति दे कर साफ़ कर सके है अब तो बस इस देश की कमान इस देश की सुरक्षा इस देश को आर्थिक संकट से बचाने के उपाए जब बंद हो गये है तो एक ही रास्ता है के यहाँ के वीर नो जवान अलबेले उठे अंगडाई लें और इस निति का समर्थन करने वाले कोग्न्रेस भाजपा या किसी भी पार्टी के नेता हो उन्हें धूल चटायें स्वदेशी की बात करने वाले लोग जो पहले भाजपा की गोड में बेठ कर इस मामले की चुनावी घोषणा के बाद भी चुप्पी साध चुके थे उन्हें बे नकाब करे इसीलियें दोस्तों राष्ट्रीयता का सम्बन्ध किसी पार्टी किसी संघ किसी स्वदेशी जाती या धर्म से नहीं सिर्फ और सिर्फ वीर नो जवानों से है जो अपना सब कुछ राजनितिक स्वार्थ त्याग कर देश की रक्षा के लियें सडकों पर उतरते है और इस देश को बचाते है और आज वोह वक्त आ गया है तो आओ हम मिल जुल कर कोंग्रेस भाजपा और दूसरी पार्टी के नेताओं के दोहरे चरित्र को उजागर कर उन्हने नंगा करे और हमारे देश की इज्ज़त अस्मत संस्क्रती को बचाएं ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिला वजह क्यूँ रुलाती हो

सुबह हो या शाम
क्यूँ याद तुम्हारी आती है
ना काम में लगता है दिल
न ही रातों को मुझे नींद आती है
बिस्तर की सलवटें हो
चाहे हो तुम्हारी यादें
मुझे दिन हो या रात हो
क्यूँ सताती है
इतना सब तो है फिर भी
तुम मुझे यूँ ही बिला वजह क्यूँ रुलाती हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दूर क्यूँ चली जाती हो

मेरी हर तकलीफ पर
तुम यूँ
क्यूँ तड़प जाती हो ।
मेरी कराहट से जरा भी
तुम क्यूँ यूँ
अपनी आँखें
आंसुओं से भर लाती हो ॥
बताओ जब मेरे लियें
तुम्हारी हैं इतनी संवेदनाएं
तो फिर
मुझ से तुम
मुझे तुमसे मोहब्बत नहीं है
कह कर
दूर क्यूँ चली जाती हो ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है गीता का ज्ञान .....

(सत्‌, रज, तम- तीनों गुणों का विषय)
सत्त्वं रजस्तम इति गुणाः प्रकृतिसम्भवाः ।
निबध्नन्ति महाबाहो देहे देहिनमव्ययम्‌ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण -ये प्रकृति से उत्पन्न तीनों गुण अविनाशी जीवात्मा को शरीर में बाँधते हैं॥5॥
तत्र सत्त्वं निर्मलत्वात्प्रकाशकमनामयम्‌ ।
सुखसङ्‍गेन बध्नाति ज्ञानसङ्‍गेन चानघ ॥
भावार्थ : हे निष्पाप! उन तीनों गुणों में सत्त्वगुण तो निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकार रहित है, वह सुख के सम्बन्ध से और ज्ञान के सम्बन्ध से अर्थात उसके अभिमान से बाँधता है॥6॥
रजो रागात्मकं विद्धि तृष्णासङ्‍गसमुद्भवम्‌ ।
तन्निबध्नाति कौन्तेय कर्मसङ्‍गेन देहिनम्‌ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रागरूप रजोगुण को कामना और आसक्ति से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को कर्मों और उनके फल के सम्बन्ध में बाँधता है॥7॥
तमस्त्वज्ञानजं विद्धि मोहनं सर्वदेहिनाम्‌ ।
प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति भारत ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सब देहाभिमानियों को मोहित करने वाले तमोगुण को तो अज्ञान से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को प्रमाद (इंद्रियों और अंतःकरण की व्यर्थ चेष्टाओं का नाम 'प्रमाद' है), आलस्य (कर्तव्य कर्म में अप्रवृत्तिरूप निरुद्यमता का नाम 'आलस्य' है) और निद्रा द्वारा बाँधता है॥8॥
सत्त्वं सुखे सञ्जयति रजः कर्मणि भारत ।
ज्ञानमावृत्य तु तमः प्रमादे सञ्जयत्युत ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढँककर प्रमाद में भी लगाता है॥9॥
रजस्तमश्चाभिभूय सत्त्वं भवति भारत ।
रजः सत्त्वं तमश्चैव तमः सत्त्वं रजस्तथा ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रजोगुण और तमोगुण को दबाकर सत्त्वगुण, सत्त्वगुण और तमोगुण को दबाकर रजोगुण, वैसे ही सत्त्वगुण और रजोगुण को दबाकर तमोगुण होता है अर्थात बढ़ता है॥10॥
सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते ।
ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत ॥
भावार्थ : जिस समय इस देह में तथा अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतनता और विवेक शक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिए कि सत्त्वगुण बढ़ा है॥11॥
लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा ।
रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! रजोगुण के बढ़ने पर लोभ, प्रवृत्ति, स्वार्थबुद्धि से कर्मों का सकामभाव से आरम्भ, अशान्ति और विषय भोगों की लालसा- ये सब उत्पन्न होते हैं॥12॥
अप्रकाशोऽप्रवृत्तिश्च प्रमादो मोह एव च ।
तमस्येतानि जायन्ते विवृद्धे कुरुनन्दन ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! तमोगुण के बढ़ने पर अन्तःकरण और इंन्द्रियों में अप्रकाश, कर्तव्य-कर्मों में अप्रवृत्ति और प्रमाद अर्थात व्यर्थ चेष्टा और निद्रादि अन्तःकरण की मोहिनी वृत्तियाँ - ये सब ही उत्पन्न होते हैं॥13॥
यदा सत्त्वे प्रवृद्धे तु प्रलयं याति देहभृत्‌ ।
तदोत्तमविदां लोकानमलान्प्रतिपद्यते ॥
भावार्थ : जब यह मनुष्य सत्त्वगुण की वृद्धि में मृत्यु को प्राप्त होता है, तब तो उत्तम कर्म करने वालों के निर्मल दिव्य स्वर्गादि लोकों को प्राप्त होता है॥14॥
रजसि प्रलयं गत्वा कर्मसङ्‍गिषु जायते ।
तथा प्रलीनस्तमसि मूढयोनिषु जायते ॥
भावार्थ : रजोगुण के बढ़ने पर मृत्यु को प्राप्त होकर कर्मों की आसक्ति वाले मनुष्यों में उत्पन्न होता है तथा तमोगुण के बढ़ने पर मरा हुआ मनुष्य कीट, पशु आदि मूढ़योनियों में उत्पन्न होता है॥15॥
कर्मणः सुकृतस्याहुः सात्त्विकं निर्मलं फलम्‌ ।
रजसस्तु फलं दुःखमज्ञानं तमसः फलम्‌ ॥
भावार्थ : श्रेष्ठ कर्म का तो सात्त्विक अर्थात् सुख, ज्ञान और वैराग्यादि निर्मल फल कहा है, राजस कर्म का फल दुःख एवं तामस कर्म का फल अज्ञान कहा है॥16॥
सत्त्वात्सञ्जायते ज्ञानं रजसो लोभ एव च ।
प्रमादमोहौ तमसो भवतोऽज्ञानमेव च ॥
भावार्थ : सत्त्वगुण से ज्ञान उत्पन्न होता है और रजोगुण से निःसन्देह लोभ तथा तमोगुण से प्रमाद (इसी अध्याय के श्लोक 13 में देखना चाहिए) और मोह (इसी अध्याय के श्लोक 13 में देखना चाहिए।) उत्पन्न होते हैं और अज्ञान भी होता है॥17॥
ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसाः ।
जघन्यगुणवृत्तिस्था अधो गच्छन्ति तामसाः ॥
भावार्थ : सत्त्वगुण में स्थित पुरुष स्वर्गादि उच्च लोकों को जाते हैं, रजोगुण में स्थित राजस पुरुष मध्य में अर्थात मनुष्य लोक में ही रहते हैं और तमोगुण के कार्यरूप निद्रा, प्रमाद और आलस्यादि में स्थित तामस पुरुष अधोगति को अर्थात कीट, पशु आदि नीच योनियों को तथा नरकों को प्राप्त होते हैं॥18॥
(भगवत्प्राप्ति का उपाय और गुणातीत पुरुष के लक्षण)
नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति ।
गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति ॥
भावार्थ : जिस समय दृष्टा तीनों गुणों के अतिरिक्त अन्य किसी को कर्ता नहीं देखता और तीनों गुणों से अत्यन्त परे सच्चिदानन्दघनस्वरूप मुझ परमात्मा को तत्त्व से जानता है, उस समय वह मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है॥19॥
गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्‌ ।
जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते ॥
भावार्थ : यह पुरुष शरीर की (बुद्धि, अहंकार और मन तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, पाँच भूत, पाँच इन्द्रियों के विषय- इस प्रकार इन तेईस तत्त्वों का पिण्ड रूप यह स्थूल शरीर प्रकृति से उत्पन्न होने वाले गुणों का ही कार्य है, इसलिए इन तीनों गुणों को इसी की उत्पत्ति का कारण कहा है) उत्पत्ति के कारणरूप इन तीनों गुणों को उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुःखों से मुक्त हुआ परमानन्द को प्राप्त होता है॥20॥
अर्जुन उवाच
कैर्लिङ्‍गैस्त्रीन्गुणानेतानतीतो भवति प्रभो ।
किमाचारः कथं चैतांस्त्रीन्गुणानतिवर्तते ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- इन तीनों गुणों से अतीत पुरुष किन-किन लक्षणों से युक्त होता है और किस प्रकार के आचरणों वाला होता है तथा हे प्रभो! मनुष्य किस उपाय से इन तीनों गुणों से अतीत होता है?॥21॥
श्रीभगवानुवाच
प्रकाशं च प्रवृत्तिं च मोहमेव च पाण्डव ।
न द्वेष्टि सम्प्रवृत्तानि न निवृत्तानि काङ्‍क्षति ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! जो पुरुष सत्त्वगुण के कार्यरूप प्रकाश (अन्तःकरण और इन्द्रियादि को आलस्य का अभाव होकर जो एक प्रकार की चेतनता होती है, उसका नाम 'प्रकाश' है) को और रजोगुण के कार्यरूप प्रवृत्ति को तथा तमोगुण के कार्यरूप मोह (निद्रा और आलस्य आदि की बहुलता से अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतन शक्ति के लय होने को यहाँ 'मोह' नाम से समझना चाहिए) को भी न तो प्रवृत्त होने पर उनसे द्वेष करता है और न निवृत्त होने पर उनकी आकांक्षा करता है। (जो पुरुष एक सच्चिदानन्दघन परमात्मा में ही नित्य, एकीभाव से स्थित हुआ इस त्रिगुणमयी माया के प्रपंच रूप संसार से सर्वथा अतीत हो गया है, उस गुणातीत पुरुष के अभिमानरहित अन्तःकरण में तीनों गुणों के कार्यरूप प्रकाश, प्रवृत्ति और मोहादि वृत्तियों के प्रकट होने और न होने पर किसी काल में भी इच्छा-द्वेष आदि विकार नहीं होते हैं, यही उसके गुणों से अतीत होने के प्रधान लक्षण है)॥22॥
उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।
गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्‍गते ॥
भावार्थ : जो साक्षी के सदृश स्थित हुआ गुणों द्वारा विचलित नहीं किया जा सकता और गुण ही गुणों में बरतते (त्रिगुणमयी माया से उत्पन्न हुए अन्तःकरण सहित इन्द्रियों का अपने-अपने विषयों में विचरना ही 'गुणों का गुणों में बरतना' है) हैं- ऐसा समझता हुआ जो सच्चिदानन्दघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहता है एवं उस स्थिति से कभी विचलित नहीं होता॥23॥
समदुःखसुखः स्वस्थः समलोष्टाश्मकाञ्चनः ।
तुल्यप्रियाप्रियो धीरस्तुल्यनिन्दात्मसंस्तुतिः ॥
भावार्थ : जो निरन्तर आत्म भाव में स्थित, दुःख-सुख को समान समझने वाला, मिट्टी, पत्थर और स्वर्ण में समान भाव वाला, ज्ञानी, प्रिय तथा अप्रिय को एक-सा मानने वाला और अपनी निन्दा-स्तुति में भी समान भाव वाला है॥24॥
मानापमानयोस्तुल्यस्तुल्यो मित्रारिपक्षयोः ।
सर्वारम्भपरित्यागी गुणातीतः सा उच्यते ॥
भावार्थ : जो मान और अपमान में सम है, मित्र और वैरी के पक्ष में भी सम है एवं सम्पूर्ण आरम्भों में कर्तापन के अभिमान से रहित है, वह पुरुष गुणातीत कहा जाता है॥25॥
मां च योऽव्यभिचारेण भक्तियोगेन सेवते ।
स गुणान्समतीत्येतान्ब्रह्मभूयाय कल्पते ॥
भावार्थ : और जो पुरुष अव्यभिचारी भक्ति योग (केवल एक सर्वशक्तिमान परमेश्वर वासुदेव भगवान को ही अपना स्वामी मानता हुआ, स्वार्थ और अभिमान को त्याग कर श्रद्धा और भाव सहित परम प्रेम से निरन्तर चिन्तन करने को 'अव्यभिचारी भक्तियोग' कहते हैं) द्वारा मुझको निरन्तर भजता है, वह भी इन तीनों गुणों को भलीभाँति लाँघकर सच्चिदानन्दघन ब्रह्म को प्राप्त होने के लिए योग्य बन जाता है॥26॥
ब्रह्मणो हि प्रतिष्ठाहममृतस्याव्ययस्य च ।
शाश्वतस्य च धर्मस्य सुखस्यैकान्तिकस्य च ॥
भावार्थ : क्योंकि उस अविनाशी परब्रह्म का और अमृत का तथा नित्य धर्म का और अखण्ड एकरस आनन्द का आश्रय मैं हूँ॥27॥
ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायांयोगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादे गुणत्रयविभागयोगो नामचतुर्दशोऽध्यायः॥14॥

कुरान का संदेश ............


कुरान का संदेश ............


मां की बजाय नवजात को लगा दिया इंजेक्शन

मांगरोल (बारां)/कोटा.सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत नर्स ने बुधवार को मां के लिए लिखा गया इंजेक्शन उसके नवजात को ही लगा दिया। इससे बच्चे की तबियत बिगड़ गई। उसे बारां से कोटा रैफर किया गया है।

इस मामले में नवजात के पिता ने पुलिस को नर्स के खिलाफ शिकायत दी है। अख्तर हुसैन पुत्र जान मोहम्मद ने पुलिस शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी अनीसा बेगम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलेवरी के लिए भर्ती कराया गया था।

जहां उसने बुधवार को पुत्र को जन्म दिया। डॉक्टर ने उसकी पत्नी को एन्टी-डी इंजेक्शन लगाने के लिए लिखा था लेकिन नर्स सुमन चौधरी ने पत्नी की बजाय यह इंजेक्शन नवजात को लगा दिया।

इधर, इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. उमेश विजय का कहना है कि यदि नर्स ने लापरवाही की है तो मामले की जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इंजेक्शन से नवजात को नुकसान की आशंका नहीं है।

महंगी पड़ी वकील पर टिप्पणी, 'तड़ीपार' हो गए हैड कांस्टेबल!



जयपुर.हाईकोर्ट ने पुलिस जांच रिपोर्ट में वकील के खिलाफ टिप्पणी करने वाले हैड कांस्टेबल तेजपाल को रिटायरमेंट तक शहर से बाहर लाइन में रखने का निर्देश दिया है।

साथ ही रिपोर्ट से यह टिप्पणी हटा दी जिसमें कहा था कि, परिवादी ने अपने वकील के कहे मुताबिक ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह आदेश देवेन्द्र चौहान की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।

न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वह प्रदेश के सभी पुलिस अफसरों व अनुसंधान अधिकारियों को निर्देश दें कि वे भविष्य में वकीलों के प्रति ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे

याचिका में कहा कि प्रार्थी की पक्षकार लक्ष्मी सैनी ने एसीपी (मुख्यालय) में ससुराल वालों से खतरा बताते हुए एक परिवाद दायर किया, जिसे एसीपी ने महेश नगर थाने भिजवा दिया। जांच रिपोर्ट में हैड कांस्टेबल तेजपाल ने लिखा कि, परिवादिया ने अपने वकील के कहे मुताबिक ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

जांच रिपोर्ट को थानाधिकारी ने स्वीकार किया और एसीपी को भेज दिया। एसीपी ने रिपोर्ट पर परिवाद को खारिज कर दिया। पुलिसकर्मी की टिप्पणी को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि यह साक्ष्य अधिनियम के विरुद्ध है, और वकीलों से केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार और अन्य निकायों सहित जन साधारण कानूनी सलाह लेता है, लिहाजा टिप्पणी को हटाया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

कमिश्नर ने भी कोर्ट के समक्ष मानी गलत

सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी ने अदालत में हाजिर होकर माना कि पुलिसकर्मी की टिप्पणी गलत है और भविष्य में पुलिस अफसर व अनुसंधान अधिकारी ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे।

महेश नगर थानाधिकारी संजय शर्मा ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने तेजपाल पर विश्वास कर जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए थे। कोर्ट ने संजय शर्मा को निर्देश दिया कि वे भविष्य में किसी भी कागज पर बिना सोचे समझे हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

किसी को मिर्गी में जूते क्यों सुंघाते हैं?



कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिन्हें पुराने समय में ऊपरी बाधा या भूत या हवा का प्रकोप समझा जाता था। जबकि यह अंधविश्वास का ही एक रूप है। ऐसी बीमारियों में से एक है मिर्गी का दौरा आना।

मिर्गी का दौरा एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी का मस्तिष्क नियंत्रण से लगभग बाहर हो जाता है, उसे कुछ होश नहीं रहता, मुंह से सफेद झाग निकलने लगते हैं। जब यह दौरा आता है तो व्यक्ति का दिमाग संतुलन से बाहर हो जाता है जिससे शरीर लडख़ड़ाने लगता है। हाथ-पैर झटके खाने लगते हैं, रोगी गिर जाता है, बेहोश हो जाता है।

पुराने समय में जब किसी को मिर्गी का दौरा आता था तो उसे जूते सुंघाते थे। तब ऐसा माना जाता था कि यह किसी हवा का प्रकोप है और चमड़े के जूते और पसीने की बदबू से व्यक्ति ऊपरी बाधा के चंगुल से आजाद हो जाता है। इसी सोच की वजह से प्रभावित व्यक्ति को जूते सुंघाए जाते थे। इसे एक टोटके की भांति समझा जाता था। आज भी कई बुजूर्ग ऐसा ही मानते हैं।

आज के युग में मिर्गी के संबंध ऐसा माना जाता है कि यह एक बीमारी है और इसका इलाज दवाइयों से किया जा सकता है। इसके लिए मरीज को जूते नहीं सुंघाना चाहिए। मिर्गी को अपस्मार के नाम से जाना जाता है। स्वास्थ्य संबंधी लापरवाही के चलते यह बीमारी होने की पूरी संभावनाएं रहती हैं।

जब भी किसी को मिर्गी का दौरा आए तो रोगी को जूता नहीं सुंघाएं इससे संक्रमण फैल सकता है। ऐसी परिस्थिति में रोगी को किसी साफ एवं स्वस्थ स्थान पर लेटा देना चाहिए। सिर के नीचे तकिया लगाएं, रोगी के कपड़े ढीले कर दें। यदि मरीज के मुंह से झाग निकल रहे हैं तो उसे साफ करें। सामान्यत: यह दौरा कुछ समय पर स्वत: ठीक हो जाता है लेकिन इसका उचित उपचार किया जाना चाहिए।

शहद अमृत है लेकिन इन चीजों के साथ खाएंगे तो ये जहर बन जाएगा


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शहद को आयुर्वेद में अमृत माना गया है। माना जाता है कि रोजाना सही ढंग से शहद लेना सेहत के लिए अच्छा होता है। लेकिन शहद का सेवन करने के फायदे ही नहीं नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए शहद का सेवन जब भी करें नीचे लिखी बातों को जरूर ध्यान रखें।
- चाय, कॉफी में शहद का उपयोग नहीं करना चाहिए। शहद का इनके साथ सेवन विष के समान काम करता है।
- अमरूद, गन्ना, अंगूर, खट्टे फलों के साथ शहद अमृत है।
- शरीर के लिये आवश्यक, लौह, गन्धक, मैगनीज, पोटेशियम आदि खनिज द्रव शहद में होते हैं।
- शहद के एक बड़ा चम्मच में 75 ग्राम कैलोरी शक्ति होती है।
- किसी कारणवश आप को शहद सूट नहीं किया तो या खाकर किसी तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो नींबू का सेवन करें।
- इसे आग पर कमी न तपायें।
- मांस, मछली के साथ शहद का सेवन जहर के समान है।
- शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानिकारक है।
- बाजरू चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत में विष मिलाने के समान है।
- शहद सर्दियों में गुनगुने दूध या पानी में लेना चाहिये।
- एक साथ अधिक मात्रा में शहद न लें। ऐसा करना नुकसानदायक होता है। शहद दिन में दो या तीन बार एक चम्मच लें।
- घी, तेल, मक्खन में शहद विष के समान है।

मुहर्रम सीखाता है उसूलों पर कायम रहना


इस्लाम में रमजान की ही तरह मुहर्रम का महीना भी खुदा की इबादत के लिए बहुत खास माना जाता है। इस्लामी कैलंडर यानी हिजरी संवत में मुहर्रम के महीने से ही साल की शुरुआत होती है। मुस्लिम धर्मावलंबी इस महीने की दस तारीख को हजरत मोहम्मद साहब के नवासे (हजरत फातिमा के बेटे) इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए 71 लोगों को कुर्बानी को याद करते हैं।

इमाम हुसैन अपने उसूलों के लिए शहीद हुए थे। मुहर्रम का आयोजन उस शहादत की भावना को जगाए रखने का एक माध्यम है। मुहर्रम नेकी और कुर्बानी का पैगाम देता है। इस्लाम धर्मावलंबी इस महीने में अल्लाह की इबादत में खुद को समर्पित करते हैं। इस महीने में कोई मनोरंजक कार्यक्रम और विवाह आदि भी मुस्लिम समाज में नहीं होते। मोहर्रम इस माह की दस तारीख को मनाया जाता है, क्योंकि यही दिन शहादत का है।

इस्लाम मानने वाले विभिन्न समुदायअलग-अलग तरीकों से इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं। कुछ समुदायताजियों के माध्यम से उन्हें याद करते हैं और इस दिन एक जुलूस के रूप में इकट्ठे हो कर कर्बला तक जाते हैं। कुछ समुदाय रात भर जाग कर नफ्ली नमाज पढ़ कर अपने दिलों को उनकी याद से रोशन करते हैं।

सरेआम आंखों में झोंका धूल, संघ प्रमुख की तस्वीर से 'मजाक'!

भोपाल। लोकायुक्त पीपी नावलेकर को संघ कार्यकर्ता बताने का मुद्दा बुधवार को भी सदन में उठा। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मंगलवार को कांग्रेस विधायक कल्पना परुलेकर ने जो फोटो सदन में लहराया था वह कूटरचित है। यह सरसंघ चालक मोहन भागवत की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर तैयार की गई है। इसमें भागवत की जगह नावलेकर का चेहरा लगा दिया गया है।

इस पर अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कहा कि इसकी लिखित शिकायत दें, परीक्षण करा लिया जाएगा, कौन झूठा है, कौन सच्चा? परुलेकर कहा कि मैंने सदन मैं जो फोटो दिखाई है वह सही है। नावलेकर संघ कार्यकर्ता है, उधर लोकायुक्त नावलेकर ने कहा कि मैं ऐसा फोटो तैयार करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा हूं

जो फोटो दिखाई सही, नावलेकर संघ के कार्यकर्ता : परुलेकर

सरकार की ओर से यह तस्वीर बुधवार को जारी की गई है जिसमें बायीं ओर के चित्र (संघ प्रमुख) को सही बताया गया है। जबकि दायीं ओर का चित्र (नावलेकर) मंगलवार को विधायक पुरुलेकर ने सदन में लहराया था।

विधानसभा में बुधवार को भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान व्यक्तिगत छींटाकशी जारी रही। कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, महापौर और नगर निगम कमिश्नर पर तीखे आरोप लगाए। इन बयानों से नाराज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधायकों से गरिमा में रहने का अनुरोध किया। अविश्वास प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री गुरुवार को जवाब देंगे।

पापों का प्रायश्चित व अवैध कमाई दान करो : आरिफ

>आप ये क्यों कहते हो ननि कमिoAर और दिलीप बिल्डकॉन के बारे में बात मत करो। सागर ग्रुप के छापे में कमिश्नर का नाम आया, होर्डिग लगाने की अनुमति नहीं है तो इस ग्रुप के होर्डिग कैसे लगे? >मदरसों में भारी भ्रष्टाचार हुआ। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने पैसे लेकर 2200 कमेटियों बनाईं। >ननि परिषद ने भोपाल को रोज पानी देने का निर्णय लिया, आप महिला हठ के आगे झुक गए। रोजाना प्रति व्यक्ति 165 लीटर पानी देना आपकी जिम्मेदारी है। >जो पाप किए उनका प्रायश्चित करो, अवैध कमाए नोट दान कर दो। >केंद्र ने कहा ननि कमिश्रर आईएएस हो, आपने अमल नहीं किया। >लोकायुक्त ने 39 भाजपा पार्षदों को दोषी पाया, आप बचाने में लगे, एक करोड़ रुपए गबन राशि कौन लौटाएगा। >गनमैन को तीन मकान दिए, तीन करोड़ रुपए की यह प्रॉपर्टी कहां से आई। >जगतपति कमेटी ने आप पर आरोप लगाए। >किसी की दुकान टूटी, आपने होटल बनाकर दे दी। >मेनका गांधी ने पत्र लिखा भोपाल ननि से गाय की तस्करी हो रही है। आपका गाय प्रेम दिखावे का है। >उदित गर्ग को वर्कशॉप का प्रभार दिया है। सुबोध जैन है। राकेश शर्मा, अनवर मियां, मेघवानी आदि को एएचओ बना दिया, जो एमबीबीएस नहीं उसे स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया। >जो पाप किए उनका प्रायश्चित करो, अवैध नोट कमाए दान कर दो। >हिम्मत है तो मेरे क्षेत्र से चुनाव लड़ो।

लोकायुक्त ने सर्टिफिकेट दिया, मैं ईमानदार हूं : गौर

>दिलीप बिल्ड कॉम का नाम ले रहे हैं, दिलीप सूर्यवंशी देश के बड़े ठेकेदार हैं 2000 करोड़ के। यदि सड़क ठीक नहीं बनी तो आप लोकायुक्त में जा सकते हैं। > 1992 तक मंत्री था तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर में जनहित में बुल्डोजर चलाया। >पूर्व सीएम ने जगतपति आयोग की घोषणा की, मेरे खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं आई। >लोकायुक्त ने जांच की, सर्टिफिकेट दिए गौर ईमानदार हैं, शिकायतें झूठी हैं। >मेरे परिवार का कोई व्यक्ति या रिश्तेदार सरकारी नौकरी में नहीं है। बड़ी बेटी के दो बेटे विदेश में हैं पांच-पांच लाख रुपए कमा रहे हैं। छोटी बेटी के बेटे बेंगलुरू में पढ़ रहे हैं। बेटे का देहांत हो गया, मैं देश सेवा में लगा हूं, बहू को भोपाल की जनता ने मेयर बनाया। >मेरे खिलाफ दुष्चरित्र का आरोप पूरी तरह गलत है। >नगर निगम कमिश्नर की नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग करता है, हमारे पास मनीष सिंह के खिलाफ कोई शिकायत या जांच नहीं है। इनकम टैक्स छापा एक कंपनी के यहां था। >मैं पुराने शहर में काम करता हूं, इनकी सीट खतरे में है।

लोकतंत्र लज्जित हुआ मैं दुखी हूं। सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसलिए मैने अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के साथ इस मुद्दे पर अलग से चर्चा कर कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया है। ताकि सदन की कार्यवाही ठीक चले। अगर इसे नहीं रोका गया तो गलत परंपरा शुरू हो जाएगी, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। - शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मप्रविधानसभा को ठेस पहुंची पिछले दो दिनों से पक्ष-विपक्ष की तरफ से जो बातें सामने आई हैं, उससे पूरी विधानसभा को ठेस पहुंची है। चाहे बीजेपी के सदस्य हों, या कांग्रेस, एक स्तर के नीचे उतर आएं है। मैं कांग्रेस के सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि वे गरिमा के अनुरूप व्यवहार करें। - अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष

माया कैलेंडर के अनुसार 2012 में दुनिया होगी खत्म?

सभी धर्मों में प्रलय या कयामत के संबंध में उल्लेख मिलता है। प्रयल या कयामत का अर्थ है दुनिया का विनाश। हिंदू धर्म के अनुसार कलयुग की समाप्ति के बाद प्रलय आएगा, जब पूरी दुनिया का विनाश हो जाएगा। दुनिया के अंत के संबंध में समय-समय पर कई प्रकार की भविष्यवाणियां होती रही हैं। अभी 21 मई 2011 को भी दुनिया के विनाश का दिन बताया जा रहा था लेकिन यह बात झूठी साबित हो गई। हजारों साल पहले बनाए माया कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के बाद की तारीख नहीं दी गई हैं, इसका अर्थ यही समझा जा रहा है कि इस दिन दुनिया पर खतरा मंडरा सकता है।
जो लोग 21 मई को धरती के विनाश को लेकर डरे-सहमे थे वे अब राहत की सांस ले रहे हैं। कयामत के दिन या प्रलय को लेकर अलग-अलग धर्मों ने अपनी घोषणाएं की हैं। साउथ ईस्ट मेक्सिको की माया सभ्यता ने भी धरती के विनाश के दिन की घोषणा की है। माया कैलेंडर ने प्रलय के लिए 21 दिसंबर 2012 का दिन घोषित किया गया है।
21 मई 2011 गुजरने के बाद अब इंतजार है 21 दिसंबर 2012 का। माया कैलेंडर भी कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी कर रहा है। इस कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के बाद की तिथि का वर्णन नहीं है। इस अर्थ यही समझा जा रहा है कि 21 दिसंबर 2012 के बाद दुनिया समाप्त हो जाएगी। माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नामक एक प्राचीन सभ्यता स्थापित थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।
प्राचीन माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र उल्लेखनीय विकास हुआ। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं।

सिर पर लटक रहे थे 40 चूहे, इस क्रूरता को देख सहम गया हर कोई

डेराबस्सी. शहर के वार्ड 8 में शरारती युवकों ने अजीबोगरीब हरकत से मोहल्ला वासियों में दहशत फैलाने का काम कर दिया। मंगलवार देर रात उन्होंने 40 चूहे मारकर गली के नुक्कड़ पर एक बिजली की तार से पैर बांधकर उल्टे टांग दिए। सुबह बच्चों, महिलाओं समेत यहां से गुजरने वाले राहगीर दहशत का शिकार हुए। नीची ऊंचाई पर लटके ये चूहे कई राहगीरों के चेहरों से टकराए तो कइयों के गले में फंदा बन उलझ गए।

हालांकि नुकसान से बचने के लिए चूहों को घरों व दुकानों में भगाने या मारने की कार्रवाई आम है, परंतु उनके शवों के साथ क्रूर मजाक करने की यह अजीबोगरीब घटना है। इतनी बड़ी तादाद में मरे चूहे देख धर्म व जीव प्रेमियों की भावनाएं आहत हुई हैं, वहीं स्कूल जा रहे बच्चे व महिलाएं चूहों को टंगे देखकर खौफजदा हो गए। वैसे भी जिस नुक्कड़ पर इन्हें टांगा गया, उसके नजदीक प्राचीन श्री हनुमान मंदिर, माता बाला सुंदरी मंदिर, जैन स्थानक व मीरा मल्ली पीर मजार हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वाले लोग इसे टोना टोटका मान रहे हैं।

पौ फटते ही लटके चूहों को देखने के लिए लोगों का तांता लगने लगा। कई राहगीरों के गले में ये चूहे फंदा बनकर फंसे। मयंक वैष्णव के अनुसार वे करीब पांच बजे गली में गाड़ी साफ करने के लिए निकले तो अंधेरे में लटके चूहे उनके चेहरे से टकराए। वे इन्हें चमगादड़ समझकर दहल गए। उनकी बाजू का झटका लगने से तार ढीली हो गई और चूहे और नीचे लटकने लगे।

स्कूल जा रही जान्हवी व रिपुल तो क्या, उनकी माताएं भी गली पार करने का हौसला नहीं जुटा सकीं। जिन घरों की दीवारों पर मरे हुए चूहों को टांगा गया, उनके मालिकों में प्रमोद शर्मा, डॉ. जगदेव, जय गोपाल वर्मा का कहना है कि यह अकारण खौफ फैलाने के लिए की गई शरारत है। उन चूहों को जहर देकर मारा गया है। इस शरारत से लोग नाखुश नजर आए। करीब साढ़े छह बजे सीढ़ी लगाकर लोगों ने ऊपर टंगे चूहों के शव उतारकर उन्हें सफाई कर्मचारियों को सौंप दिया

कहां से कौन लाया होगा..

कहने को यह किसी खुराफाती दिमाग की शरारत भर है, परंतु उसने यह काम अकेले नहीं किया। सर्वविदित है कि इतनी तादाद में चूहे जरूर किसी हलवाई, किराना समेत खाद्य पदार्थो के गोदाम में मारे गए। जहर देकर मारे गए चूहों को एकत्रकर उन्हें बांधने से लेकर गली में टांगने तक शरारती तत्वों ने काफी एहतियात से घंटों जाया किए होंगे। इन मरे चूहों के पैर बांधने के लिए टुकड़ों में करीब दस मीटर बिजली तार का इस्तेमाल किया गया।

इतना ही नहीं, अंधेरे में करीब दस से 12 फीट ऊंचाई पर बिजली, टेलीफोन व एंगल से इन्हें बांधा गया जिसमें सीढ़ी की मदद ली गई। सुबह तार खोलने में भी आठ फीट लंबी सीढ़ी का इस्तेमाल किया गया। लोगों को संदेह है कि इसके पीछे किसी मोहल्ले के बाशिंदे का ही हाथ है। सीढ़ी की मदद से तीन जगह तार बांधने का हौसला अजनबी नहीं कर सकता।

रिश्वतखोरों को सपेरे ने सिखाया सबक, कुर्सी-मेज पर चढ़ बचाई जान


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बस्ती(उत्तरप्रदेश). यहां के तहसील कार्यालय में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक नाराज सपेरे ने वहां 20 सांप छोड़ दिए। सपेरा जमीन न मिलने और रिश्वत मांगे जाने से परेशान था।

दफ्तर के कर्मचारियों ने किसी तरह कुर्सी-मेज पर चढ़ कर जान बचाई। बाद में एसडीएम रणविजय सिंह ने कहा कि हक्कुलु नामक इस सपेरे को जल्द ही जमीन आवंटित कर दी जाएगी। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हक्कुलु के छोड़े सांप पकड़ में नहीं आए। कर्मचारी जरूर जान बचा कर इधर-उधर भागे।


राष्ट्रपति तक को लिख चुका था पत्र: हक्कुलु क्षेत्र में सांप पकड़ता है। उसने सांपों को रखने के लिए जमीन मांगी थी। जिसके लिए उसने राष्ट्रपति से लेकर सभी स्तर तक के अधिकारियों को पत्र लिखा। लेकिन उसे जमीन अभी तक नहीं मिली। हक्कुलु का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उसे जमीन आवंटित हो गई है। लेकिन तहसील कार्यालय के कर्मचारी उससे रिश्वत मांग रहे थे। जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।

40 फिट की चम्मच, 17 फिट की चाकू, और भी हैं दुर्लभ नजारे!

जयपुर.अगर आपके पास कोई दुर्लभ चीज है या फिर आपने कुछ अलग हटकर तैयार किया है, जो लोगों को हैरत में डाल दे या उन्हें आकर्षित करे तो आप अपना नाम इतिहास के पन्नों में लिखवा सकते, यह मौका मिलेगा जवाहर कला केन्द्र स्थित अलंकार संग्रहालय में, जहां कला व संस्कृति से जुड़ी और रिकॉर्ड कायम कर चुकी कलाकृतियांे को स्थान दिया जाएगा।

इसी के अंतर्गत वर्ष 2011-12 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में स्थान बना चुका लकड़ी का दुनिया का सबसे लंबा चम्मच म्यूजियम में रखा जा रहा है। संभवत: इसी महीने के दूसरे सप्ताह में एक समारोह में इसका औपचारिक उद्घाटन भी किया जाएगा।

जेकेके प्रशासन का कहना है कि इस पहल से राजस्थान सहित देशभर की कला व संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे जहां शोध छात्रों को फायदा होगा, वहीं विदेशी पर्यटकों का भी यहां प्रवेश अधिक हो सकेगा।

हाथी की सूंडनुमा हैंगर पर सजेगी स्पून

गरिमा फाउंडेशन की ओर से यहां हाथी की सूंडनुमा लकड़ी के हैंगर पर विश्व के सबसे लंबे वुडन स्पून को लगाया जाएगा। शीशम और सागवान की लकड़ी से बना 40 फीट लंबा यह स्पून 42 इंच चौड़ा है। म्यूजियम के ग्राउंड फ्लोर पर रखी जाने वाली इस कृति को विश्व रिकॉर्ड धारी कलाकार मनमोहन अग्रवाल व निशांत चौधरी ने 6 महीने में बनाया था।

इसके साथ ही फस्र्ट फ्लोर पर आरएएस अधिकारी पंकज ओझा के बनाए 17 फीट 3 इंच के विश्व के सबसे बड़े चाकू को प्रदर्शित किया जाएगा। ओझा को इसे बनाने में 3 से 4 महीने का वक्त लगा था। मनमोहन अग्रवाल कहते हैं रिकॉर्ड आइटम्स को जयपुर में पहली बार इस तरह से म्यूजियम में जगह मिली है।

म्यूजियम में अपने दुर्लभ और रिकॉर्ड कायम किए हुए आइटम्स को प्रदर्शित करने के लिए जवाहर कला केन्द्र को एक लिखित आवेदन पत्र भेजना होगा। इसमें आइटम्स का नाम, कहां से लिया गया है या कैसे बनाया है?, कब का है और चित्रों सहित अन्य जानकारियां भेजनी होंगी। इसके बाद जेकेके प्रशासन की ओर से निरीक्षण किया जाएगा।

तैयार हो गई सिर के बल खड़ी इमारत


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नई दिल्ली। गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम में भारत की पहली ‘उल्टी इमारत’ बनकर तैयार हो गई है। नई दिल्ली से 30 किमी दूर स्थित यह इमारत बाहर से सिर के बल खड़ी हुई दिखाई देती है। इसके अलावा यह एक तरफ झुकी हुई है। यह दुनिया की तीसरी रिहायशी उल्टी इमारत है।
ये है कारासेला क्लब :
कॉलोनी :ऑरेंज काउंटी
क्षेत्रफल :05 एकड़
खाली स्थान : 80%
खास : जकूजीव क्यूबिकल शॉवर, फिटेड गैस पाइपलाइन, पॉवर बैकअप, हाईस्पीड एलिवेटर्स, पूल, जिम, स्पा, हैल्थ क्लब, बार, रेस्टोरेंट आदि।

तकनीकी खासियत : भूकंप रोधी, यह इमारत अंदर से एकदम सीधी है। प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए डिजास्टर जोन बनाया गया है।
एक फ्लैट 1.25 करोड़।

सैनिकों की मौत के लिए अमेरिका ही जिम्‍मेदार? भड़का पाकिस्‍तान, ब्रिटेन से मध्‍यस्‍थता की मांग

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इस्‍लामाबाद. अमेरिका के साथ तनावपूर्ण होते संबंधों के बीच पाकिस्‍तान ने नाटो हमले के मामले में ब्रिटेन से मध्‍यस्‍थता करने की मांग की है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग से बात की है और ब्रिटेन से मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभाने का आग्रह किया है।

पाकिस्‍तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा कि अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति हामिद करजई ने उनसे फोन पर बात की है और उन्‍होंने नाटो और अमेरिका को इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्‍मेदार ठहराया है।


पाकिस्‍तान के कहने पर अमेरिका की अगुवाई में गठबंधन सेना ने बलूचिस्‍तान प्रांत स्थित शम्‍सी एयरबेस खाली करना शुरू कर दिया है। नाटो हवाई हमले के बाद पाकिस्‍तान की सरकार ने अमेरिका और नाटो सैनिकों से यह एयरपोर्ट खाली करने को कहा था। ब्रिटिश मीडिया में अमेरिकी सरकार के सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक अमेरिका पाकिस्‍तान की इस मांग पर काम करना शुरू कर दिया है। यह भी कहा गया है कि शम्‍सी एयरबेस खाली करने का आतंकवादियों के खिलाफ अभियान पर खास असर नहीं पड़ेगा।

पाकिस्‍तान ने अपने सबसे करीबी चीन को भी यह खबर दे दी है कि वह जर्मनी के बॉन में अगले महीने हो रहे सम्‍मेलन में हिस्‍सा नहीं लेगा। पाकिस्‍तान की सरकार ने नाटो हमले के विरोध में यह फैसला लिया है। हालांकि अमेरिका पाकिस्‍तान से अनुरोध कर रहा है कि वो इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा ले। इस सम्‍मेलन में अफगानिस्‍तान के भविष्‍य को लेकर चर्चा होनी है। गिलानी ने साफ किया है कि पाकिस्‍तान तब तक इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए हां नहीं कहेगा, जब तक उसकी संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा को लेकर पूरा भरोसा नहीं मिलता है।

पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत कैमरन मंटर ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय सम्बंधों पर चर्चा की है। शनिवार को उत्तर नाटो के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले के बाद नाटो सैनिकों के लिए पाकिस्‍तान के रास्‍ते अफगानिस्‍तान भेजे जाने वाले जरूरी सामानों की सप्‍लाई अब भी पूरी तरह ठप है।

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