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05 दिसंबर 2011

..इसलिए चढ़ गए टंकी पर

कोटा वार्ड 33 में विकास कार्य नहीं होने से खफा वार्ड पार्षद अपने दो समर्थकों के साथ केरोसिन भरी बोतल हाथ में ले सोमवार को पानी की 70 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ गए। करीब सवा 2 घंटे तक चले हंगामे के बाद यूआईटी उपसचिव आनंदी लाल वैष्णव के आश्वासन पर वे नीचे उतरे। नीचे आते ही पुलिस ने सभी को आत्महत्या के प्रयास और शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

यूआईटी प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह 11.30 बजे पार्षद गिर्राज महावर अपने समर्थकों पूर्व पार्षद राजेंद्र सिंह हाड़ा, भाजपा कार्यकर्ता दीपक शर्मा व नरेंद्र शर्मा के साथ गोविंदनगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। यह देख अन्य भाजपा कार्यकर्ता व वार्डवासी भी टंकी के नीचे जमा होने लगे। सूचना मिली तो डीएसपी ठाकुर चंद्रशील व सीआई विजयशंकर शर्मा लवाजमे के साथ मौके पर पहुंच गए। सीआई ने कांफ्रेंसिंग के जरिए पार्षद से न्यास सचिव की बात भी कराई, लेकिन पार्षद नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए और अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए।

इस बीच भाजपा के अन्य पार्षद प्रतिपक्ष नेता बृजमोहन सेन, साबिर भाटी, शरणजीत कौर, रिया चौरसिया मौके पर पहुंच गई। कुछ देर बाद यूआईटी उपसचिव आनंदीलाल वैष्णव व स्थानीय जेईएन कमल मीणा मौके पर पहुंचे। उपसचिव ने बताया कि उनके वार्ड के लिए 50 लाख रुपए पांच दिन पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके बाद पार्षद महावर अपने समर्थकों के साथ नीचे उतरने को तैयार हो गए। बाद में सहायक अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास, अमजद व पार्षद साबिर भाटी ऊपर गए और चारों को उतार कर नीचे लाए। नीचे आते ही पहले से ही तैयार खड़ी पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया और थाने ले गए। डीएसपी ठाकुर के अनुसार चारों को आत्महत्या का प्रयास व शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

‘६ माह से पत्र लिख रहा हूं’
गिर्राज महावर का कहना है कि वार्ड में पिछले 2 सालों में नगर निगम ने 15 व यूआईटी ने 14 लाख रुपए का काम कराया है। जबकि, आसपास के वार्डो में 1 करोड़ रुपए से अधिक के काम हो चुके हैं। स्वायत्त शासन मंत्री भी वार्ड 33 को छोड़कर शेष जगह समस्याएं देख जाते हैं और उनका समाधान भी करते हैं। वार्ड में रेलवे लाइन के पास अंडर ब्रिज बनाने, गलियों में सीसी रोड बनाने व वार्ड वासियों को पट्टे वितरित सहित कई काम बाकी हैं। नीचे आए पार्षद गिर्राज महावर ने आरोप लगाया कि यूआईटी को पिछले 6 माह से वे पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। महावर ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के 4 कांग्रेसी पार्षदों के वार्डो में तो विकास कार्य हो रहे हैं, लेकिन वार्ड 33 के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

दिखी सवाईमाधोपुर की दहशत
पार्षद व भाजपाइयों के टंकी पर चढ़ते ही पुलिस अधिकारियों को पिछले दिनों सवाईमाधोपुर में एक व्यक्ति के टंकी पर चढ़कर आग लगाने और फिर सीआई को जिंदा जलाने की घटना याद आ गई। ऐसे में यहां पुलिस ने अपनी तरफ से एहतियातन हर काम किए और वहां मौजूद मीडिया को दिखा-दिखाकर किए। ऊपर चढ़े लोगों को माइक से चेतावनी दी गई। वहां जमा भीड़ को भी चेतावनी दी कि वे उन्हें उकसाए नहीं, अन्यथा उन पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उच्च अधिकारियों को सूचना दी। पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता बुलवाया। फायरबिग्रेड को सीढ़ियां, रस्से व जाल लेकर बुलवाया।


॥‘पार्षद गिर्राज महावर ने यूआईटी सचिव को जो भी मांग पत्र दिया था। उस पर 5 दिन पूर्व ही स्वीकृति जारी की जा चुकी है। उसकी स्वीकृति के आदेश जेईएन कमल मीणा को दे दिए हैं और साथ ही पार्षद महावर को भी इस बारे में सूचित किया जा चुका है। फिर भी वे टंकी पर क्यों चढ़े समझ से परे हैं।’
- आनंदी लाल वैष्णव, उप सचिव यूआईटी

॥‘क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए मैंने 6 माह पूर्व यूआईटी सचिव को पत्र दिया। 2 माह पूर्व भी उनसे मिला। अभी 5 दिन पहले फिर उन्हें पत्र देकर अवगत करवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। काम नहीं होने के कारण जनता हमारे घर पर प्रदर्शन करती है। इससे परेशान होकर मैंने यह कदम उठाया। यूआईटी ने कोई काम स्वीकृत नहीं किए हैं न ही मुझे सूचना दी।’
- गिर्राज महावर, पार्षद

गीता का संदेश .

(जीवात्मा का विषय)
श्रीभगवानुवाच
ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः ।
मनः षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति ॥
भावार्थ : इस देह में यह जीवात्मा मेरा ही सनातन अंश है (जैसे विभागरहित स्थित हुआ भी महाकाश घटों में पृथक-पृथक की भाँति प्रतीत होता है, वैसे ही सब भूतों में एकीरूप से स्थित हुआ भी परमात्मा पृथक-पृथक की भाँति प्रतीत होता है, इसी से देह में स्थित जीवात्मा को भगवान ने अपना 'सनातन अंश' कहा है) और वही इन प्रकृति में स्थित मन और पाँचों इन्द्रियों को आकर्षित करता है॥7॥
शरीरं यदवाप्नोति यच्चाप्युत्क्रामतीश्वरः ।
गृहीत्वैतानि संयाति वायुर्गन्धानिवाशयात्‌ ॥
भावार्थ : वायु गन्ध के स्थान से गन्ध को जैसे ग्रहण करके ले जाता है, वैसे ही देहादिका स्वामी जीवात्मा भी जिस शरीर का त्याग करता है, उससे इन मन सहित इन्द्रियों को ग्रहण करके फिर जिस शरीर को प्राप्त होता है- उसमें जाता है॥8॥
श्रोत्रं चक्षुः स्पर्शनं च रसनं घ्राणमेव च ।
अधिष्ठाय मनश्चायं विषयानुपसेवते ॥
भावार्थ : यह जीवात्मा श्रोत्र, चक्षु और त्वचा को तथा रसना, घ्राण और मन को आश्रय करके -अर्थात इन सबके सहारे से ही विषयों का सेवन करता है॥9॥
उत्क्रामन्तं स्थितं वापि भुञ्जानं वा गुणान्वितम्‌ ।
विमूढा नानुपश्यन्ति पश्यन्ति ज्ञानचक्षुषः ॥
भावार्थ : शरीर को छोड़कर जाते हुए को अथवा शरीर में स्थित हुए को अथवा विषयों को भोगते हुए को इस प्रकार तीनों गुणों से युक्त हुए को भी अज्ञानीजन नहीं जानते, केवल ज्ञानरूप नेत्रों वाले विवेकशील ज्ञानी ही तत्त्व से जानते हैं॥10॥
यतन्तो योगिनश्चैनं पश्यन्त्यात्मन्यवस्थितम्‌ ।
यतन्तोऽप्यकृतात्मानो नैनं पश्यन्त्यचेतसः ॥
भावार्थ : यत्न करने वाले योगीजन भी अपने हृदय में स्थित इस आत्मा को तत्त्व से जानते हैं, किन्तु जिन्होंने अपने अन्तःकरण को शुद्ध नहीं किया है, ऐसे अज्ञानीजन तो यत्न करते रहने पर भी इस आत्मा को नहीं जानते॥11॥

कुरान का संदेश

मोक्षदा एकादशी आज: मोक्ष प्राप्त होता है इस व्रत से




मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार 6 दिसंबर, मंगलवार को यह व्रत है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, जो मोक्ष प्रदान करता है। इसी कारण इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इसकी विधि इस प्रकार है-

मोक्षदा एकादशी (6 दिसंबर, मंगलवार) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। इसके पश्चात शौच आदि से निवृत्त होकर शुद्ध जल से स्नान करें। इसके पश्चात धूप, दीप, नैवेद्य आदि सोलह चीजों से भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें और रात को दीपदान करें। रात में सोए नहीं। सारी रात भजन-कीर्तन आदि करना चाहिए। जो कुछ पहले जाने-अनजाने में पाप हो गए हों, उनकी क्षमा माँगनी चाहिए।

सुबह पुन: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें व योग्य ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथा संभव दान देने के पश्चात ही स्वयं भोजन करना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस व्रत का फल हजारों यज्ञों से भी अधिक है। रात्रि को भोजन करने वाले को उपवास का आधा फल मिलता है जबकि निर्जल व्रत रखने वाले का माहात्म्य तो देवता भी वर्णन नहीं कर सकते।

एंटीबायोटिक भी कुछ नहीं लगते खराश मिटाने वाले इन रामबाण उपायों के आगे



गले में खराश की समस्या सामान्य रूप से वाइरस या बैक्टिरिया के संक्रमण के कारण होती है। कभी - कभी एंटिबायोटिक्स लेने पर भी खराश पीछा नहीं छोड़ती है। माना जाता है ऐसा पेट के एसिड में अनैसर्गिक कमी होने का कारण हो सकता है। ऐसे में घरेलु उपचार ही सबसे कारगर होते हैं। अगर लंबे समय से गले की खराश से परेशान हैं तो नीचे लिखे उपाय जरूर अपनाएं।

- 1-2 लहसुन की कलियाँ और 2लोंग ले कर उसका पेस्ट बनाये और उसे 1 कप मधु के साथ मिलाएं। इस घोल का 1 चम्मच सुबह शाम सेवन करें।
- गरम दूध में जरा सा हल्दी पावडर मिला के सोने से पहले सेवन करने पर भी आराम मिलता है।
- एक पूरा प्याज को थोड़े से पानी में उबालें।उसके बाद उसे पीस कर उसमे थोड़ा मक्खन नमक मिला ले और इस पेस्ट का सेवन करें। एक बार में ही आराम मिल जायेगा।
- शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करें।
- सौंफ चबाने से भी गले की खराश दूर होती है।
- तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

गीता जयंती आज: निष्काम कर्म करने की शिक्षा देता है यह ग्रंथ


मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का शिक्षा दी थी। इस बार गीता जयंती का पर्व 6 दिसंबर, मंगलवार को है।

जब महाभारत का युद्ध प्रारंभ होने वाला था। तब अर्जुन ने कौरवों के साथ भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य आदि श्रेष्ठ महानुभावों को देखकर तथा उनके प्रति स्नेह होने पर युद्ध करने से इंकार कर दिया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था जिसे सुन अर्जुन ने न सिर्फ महाभारत युद्ध में भाग लिया अपितु उसे निर्णायक स्थिति तक पहुंचाया।

गीता को आज भी हिंदू धर्म में बड़ा ही पवित्र ग्रंथ माना जाता है। गीता के माध्यम से ही श्रीकृष्ण ने संसार को धर्मानुसार कर्म करने की प्रेरणा दी। वास्तव में यह उपदेश भगवान श्रीकृष्ण कलयुग के मापदंड को ध्यान में रखते हुए ही दिया है। कुछ लोग गीता को वैराग्य का ग्रंथ समझते हैं जबकि गीता के उपदेश में जिस वैराग्य का वर्णन किया गया है वह एक कर्मयोगी का है। कर्म भी ऐसा हो जिसमें फल की इच्छा न हो अर्थात निष्काम कर्म।

गीता में यह कहा गया है कि निष्काम काम से अपने धर्म का पालन करना ही निष्कामयोग है। इसका सीधा का अर्थ है कि आप जो भी कार्य करें, पूरी तरह मन लगाकर तन्मयता से करें। फल की इच्छा न करें। अगर फल की अभिलाषा से कोई कार्य करेंगे तो वह सकाम कर्म कहलाएगा। गीता का उपदेश कर्मविहिन वैराग्य या निराशा से युक्त भक्ति में डूबना नहीं सीखाता वह तो सदैव निष्काम कर्म करने की प्रेरणा देता है।

महिला के गर्भ में दो 'कैची' देख सभी हुए हैरान-परेशान



रायपुर/कवर्धा।रविवार की रात पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए पहुंची धनबाई के पेट में नर्स ने दो कैचियां छोड़ दीं। यहां कुशालबंद पारा में रहने वाले डब्बू श्रीवास की पत्नी धनबाई की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रायपुर ले जाने की सलाह दी गई थी पर उनकी हालत को देखते हुए कवर्धा के ही एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया तो इस लापरवाही का पता चला।

बताया गया कि स्वास्थ्य केंद्र में जचकी के दौरान बच्चे के साथ प्लेसेंटा का पूरा हिस्सा नहीं निकल पाया था। नर्स ने बच्चे की नाभी से लगेप्लेसेंटा की नली बीच से ही काट दी। इसी दौरान दो कैंचिया महिला के गर्भाशय में रह गई। डब्बू श्रीवास ने बताया कि बच्चे के होने के बाद नर्स ने धनबाई की तबीयत बिगड़ने का कारण प्लेसेंटा के पूरी तरह से नहीं निकल पाने को बताया था। रात लगभग 2 बजे उन्हें रायपुर जाने को कहा गया।

उन्होंने बताया कि प्लेसेंटा नहीं निकलने की जानकारी निजी नर्सिग होम के डाक्टर को दी गई। वहां इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद महिला के गर्भाशय से प्लेसेंटा के साथ दो कैंचियां भी बाहर निकलीं। डब्बू श्रीवास ने पंडरिया के डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है।

संजीवनी का काम सही :आधी रात को धनबाई की तबियत बिगड़ने पर तुरंत संजीवनी एंबुलेंस सेवा को बुलाया गया। फोन करने के बाद 15 मिनट बाद ही एंबुलेंस पहुंच गई थी। संजीवनी एक्सप्रेस से ही महिला को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।

जान का खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार इस लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी। क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था पर कई सवाल हैं। इससे पहले भी कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।

गर्भाशय में कैंची जाना डाक्टरों की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। मामले की जांच सीएमएचओ से कराई जाएगी। दोषी नर्स और डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- मुकेश बंसल, कलेक्टर

दुश्मन को मटियामेट करने अकेले ही कुलाचे भर रहा यह जांबाज!


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जयपुर.देखने में तो यह किसी दूसरे ग्रह का खूंखार जानवर प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यह तस्वीर एक भारतीय की जांबाज है जो दुश्मन को मटियामेट करने के लिए अकेले ही कुलाचे भरते हुए आगे बढ़ रहा है। मौका है राजस्थान के मरुस्थल में चल रहे सबसे बड़े युद्धाभ्यास का जिसे ‘सुदर्शन शक्ति’ नाम दिया गया है।

जिसमें थल सेना और वायु सेना एक साथ हिस्सा ले रही है।

उद्देश्य -नए सिरे से विकसित किए गए राडार, यान, गाइडेड मिसाइल, बम और अंतरिक्ष उपकरणों का परीक्षण करना।

विशेषता - यह पहला मौका है जब युद्धाभ्यास में थल व वायु सेना एक साथ भाग ले रही है। युद्धाभ्यास रात में भी जारी है, ताकि रात्रिकालीन युध्द में महारथ हासिल हो सके।

नक्सलियों की कथित सपोर्टर सोनी के गुप्तांग में एसपी ने भरे थे पत्थर!



रायपुर/कोलकाता। एस्सार मामले में माओवादियों का कथित रुप से सहयोग करने के मामले में जेल में बंद आदिवासी शिक्षिका सोनी सोरी के गुप्तांगों में कंकड़-पत्थर मिले हैं। साथ ही पुलिस हिरासत के दौरान सोरी को प्रताडित किए जाने की भी पुष्टि भी हुई है।

उल्लेखनीय है कि सोनी के मेडिकल रिपोर्ट को जांच के लिए कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में भेजा गया था,जिसके रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सोनी सोरी के गुप्तांग में कंकड़ मिले जिन्हें डॉक्टरों के पैनल ने बाहर निकाल दिया। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया गया है।

ज्ञात हो कि सोनी सोरी ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र देकर पुलिस हिरासत के दौरान गुप्तांग में कंकड़-पत्थर डालने और पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के दो सदस्यीय खंडपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट के बाद सुनवाई की बात कही थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट को देखने के बाद सोनी सोरी को जेल में ही रखने का आदेश दिया और छत्तीसगढ़ सरकार से 45 दिनों में जवाब मांगा है।

फेसबुक, गूगल, याहू, माइक्रोसॉफ्ट को भारत सरकार की चेतावनी




नई दिल्ली. सरकार इंटरनेट कंपनियों से नाराज है। सरकार ने सोशल वेबसाइटों और इंटरनेट पर लगाम लगाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर कहा है कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं।

लेकिन इंटरनेट कंपनियों के अधिकारियों ने सिब्बल को दिए गए दो टूक जवाब में कहा है कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि भारत में इंटरनेट पर सामग्री की भरमार है और इसे रोकना नामुमकिन है। इंटरनेट कंपनियों ने कहा है कि अगर किसी विशेष मामले में शिकायत की जाएगी तो वे उस पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों का यह भी कहना है कि यह तय करना काफी मुश्किल है क्या आपत्तिजनक है और क्या नहीं। गौरतलब है कि भारत में करीब ढाई करोड़ फेसबुक और १० करोड़ लोग गूगल का इस्तेमाल करते हैं।

सूत्र बताते हैं कि इन कंपनियों के जवाब से सिब्बल उखड़ गए। सिब्बल इस बात से भी नाराज हो गए कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारी ने इस पूरे मामले में भारतीय रुख पर नाराजगी जाहिर करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी को बुला लिया।
मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'यह हमें मंजूर नहीं है। दूतावास का इस मामले में कोई काम नहीं है।'

बैठक के दौरान सिब्बल ने कंपनी के अधिकारियों को फेसबुक पर सोनिया गांधी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाईं। बैठक के दौरान उन्होंने कहा, 'आप लोग प्रोफेट मोहम्मद, प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष की आपत्तिनजक तस्वीरों पर क्या सोचते हैं? इन तस्वीरों को देखकर किसी को भी बुरा लगेगा। भारत सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखता है। लेकिन विभिन्न समुदायों की भावनाओं को चोट नहीं लगने दिया जा सकता है। वे (इंटरनेट कंपनी) इन वेबसाइटों को चलाती हैं और उन्हें रेगुलेट करना चाहिए।'

सूत्रों के मुताबिक सिब्बल पिछले तीन महीनों से इस मुद्दे को इंटरनेट कंपनियों के सामने उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।

इतिहास को बुरा सपना समझ कर भुलाओ भाई से भाई बनकर हाथ मिलाओ नया भारत नया देश बनाओ

लम्हे की कहता और उम्र भर का दाग जी हाँ में बात कर रहा हूँ बाबरी मस्जिद के आरोपियों की जिन्होंने कायदे कानून ताक में रख कर जानवरों सा बर्ताव कर दिया था ॥ देश में अराजकता फेलाने के लियें ऐसे आतताइयों ने खुद को देश का अलमबरदार बता कर देश की तहज़ीब को तार तार कर दिया था ॥ नतीजा आपके सामने है जिस प्रधानमन्त्री के काल में यह सब हुआ उसकी लाश भी सही तरह से ना जल पायी ....... जिस मुख्यमंत्री के काल में यह अपराध हुआ आज उन्हें लोग ढूंढते रहे हैं ॥ कुल मिलाकर सभी अपराधी किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे है यह तो बात हुई अपराधियों की उनकी खुदा की तरफ से तय की गयी सजा की लेकिन आज हम बात करेंगे इस मामले को एक कडवा सच होने पर भी हर बार याद कर खुद को तकलीफ पहुँचाने से बचाने की ॥ में कहता हूँ जो हुआ सो हुआ उसे भूलो आगे बढो हर साल यह दिन आता है लेकिन इसका मतलब नहीं के इसे याद कर दुक्ख और तकलीफों को बढाओ देश और देश की तरक्की के बारे में सोचो ॥ दोषियों को केसे सजा मिले इस मामले में अपनी बात कहो ॥ भविष्य में ऐसी हरकतें न हो इसका प्लान तय्यार करो । देश केसे एक जुट हो देश में केसे भाईचारा सद्भावना अपनापन बढ़े जरा इसके बारे में भी सोचो लकीर के फकीर बन कर ऐतिहासिक बात को लेकर खुद के आज को दुःख देने से क्या फायदा

इस जानवर को देख लोग अलग अलग ज़ात के जानवर है लेकिन इनका प्यार इनका अपनापन खुद देख कर कुछ सीख लो । दोस्तों जब जानवर जानवर से प्यार कर सकता है तो हमे तो भगवान ने इंसान बनाया है यारों यह ज़ात पात यह धर्म अधर्म की दीवार तोड़ दो और इन जानवरों की तरह से प्यार और इंसाफ के अलमबरदार बन जाओ कहो ऐसा कर सकोगे ॥ तो आओ हम सब मिलकर आधुनिक भारत का निर्माण करें ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

करोड़ों रूपए खर्च हो चुके हैं अयोध्या के विवादित परिसर की सुरक्षा पर



अयोध्या.अयोध्या में छह दिसम्बर 1922 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद से अब तक विवादित परिसर की सुरक्षा पर ही करोड़ों रूपए खर्च किए जा चुके हैं।

आधिकारिक सूत्नों के अनुसार परिसर की पाइप बैरीकेडिंग और तार लगाने पर ही करीब तीन करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं। कैम्पिंग साइट पर लगभग आठ लाख रूपए,निगरानी टावरों पर 25 लाख से ज्यादा रूपए तथा करोड़ों रूपए खर्च कर परिसर में सुरक्षा सम्बन्धी अन्य निर्माण कराए गए हैं जिनमें प्रमुख रुप से सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाए गए बैरक,आवास आदि शामिल हैं।

सूत्नों के मुताबिक परिसर में बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए करीब चार लाख रूपए की लागत से खरीदे गए जनरेटर की मौजूदगी के बावजूद करीब तीन लाख रुपया प्रतिमाह बिजली के बिल पर खर्च किया जाता है।

सूत्नों ने बताया कि परिसर की सफाई आदि पर ही वर्ष 1992 से अब तक पचास लाख रूपए से ज्यादा खर्च हो जाने का अनुमान है१ परिसर में सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ गाड़ियों पर भी लाखों रूपए खर्च हुए हैं।

परिसर की सुरक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की बैठकों पर भी अच्छा खासा व्यय होता है। क्योंकि उस समिति में दिल्ली और लखनऊ से कई वरिष्ठ अधिकारी भाग लेने आते हैं।

समिति में खुफिया ब्यूरो(आईबी)के भी अधिकारी शामिल हैं। सूत्नों ने बताया कि इसके अलावा विभिन्न मौकों पर अयोध्या की सुरक्षा में किलेबंदी करनी पड़ती है जिस पर लाखों रूपए खर्च होते हैं।

उसका अपना मान सम्मान और अपमान बढ़ता है

आज तक कोई भी
किसी महान आदमी को
अपमानित कर महान नहीं बन सका है ।
कुछ लोग जो ना कुछ होते हैं
वोह अगर ऐसा समझते हैं तो
गलत समझते हैं
क्योंकि
महान बनने के लियें तो खुद को ही
महान कार्य करना पढ़ते हैं
और खुद के किये गये कामों से ही
उसका अपना मान सम्मान और अपमान बढ़ता है ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोक्षदा एकादशी 6 को, पुनर्जन्म से मुक्ति दिलाता है यह व्रत



मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन श्रद्धालु व्रत के साथ भगवान दामोदर की पूजा करते हैं। इस बार यह एकादशी 6 दिसंबर, मंगलवार को है।

धर्म ग्रंथों के अनुसार महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन मोहग्रस्त हो गया था तब भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश देकर अर्जुन के मोह का निवारण किया था। उस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी तभी से इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान दामोदर की विधि-विधान से पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी पर श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए गीता के उपदेश से जिस प्रकार अर्जुन का मोहभंग हुआ था, वैसे ही इस एकादशी के प्रभाव से व्रती को लोभ, मोह, द्वेष और समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है।

पद्म पुराण में ऐसा उल्लेख आया है कि इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, पुनर्जन्म से मुक्ति मिलती है और पितरों को सद्गति मिलती है। माना जाता है कि इस व्रत की केवल कथा सुनने से ही हजारों यज्ञ का फल मिलता है।


घर से निकलने से पहले कुछ मीठा जरुर खाना चाहिए, क्योंकि...


कहा जाता है कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले मुंह मीठा करना चाहिए, कोई मिठाई या दही, शकर खाना चाहिए। यह परंपरा भी पुराने समय से ही चली आ रही है। आज भी कई लोग घर से निकलने के पूर्व कुछ मीठा खाते हैं।

हम जब भी किसी परीक्षा या किसी शुभ कार्य के लिए घर से निकलते हैं तो हमारे बुजुर्ग कुछ मीठा खाकर जाने की बात कहते हैं। आखिर इससे फायदा क्या होता है?

ऐसा माना जाता है मीठा खाकर कुछ भी कार्य करने से हमें सफलता मिलती है। मीठा खाने से हमारा मन शांत रहता है। हमारे विचार भी मिठाई की तरह ही मीठे हो जाते हैं। हमारी वाणी में मिठास आ जाती है। यदि हमारा मन किसी दुखी करने वाली बात में उलझा हुआ है और हम मीठा खा लेते हैं तुरंत ही मन प्रसन्न हो जाता है। मीठा खाने के बाद हम किसी भी कार्य को ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं।

साथ ही घर से निकलते समय मीठा खाने से हमारे सभी नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कुछ लोग दही और शकर खाकर किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत करते हैं। दही में खटास होती है और शकर में मिठास। इस खट्टे-मीठे स्वाद से हमारा मन तुरंत ही दूसरे सभी बुरे विचारों से हट जाता है। मीठा खाने से रक्त संचार बढ़ जाता है। एनर्जी मिलती है।

शुभ कार्य के पहले मीठा खाना चाहिए परंतु ज्यादा मीठा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


क्या आप जानते हैं, कर्बला का पहला शहीद कौन था?

इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम इमाम हुसैन की याद दिलाता है। इमाम हुसैन ने खुदा की राह पर चलते हुए बुराई के खिलाफ कर्बला की लड़ाई लड़ी थी, जिसमें इमाम हुसैन अपने साथियों के साथ शहीद हुए थे। इस लड़ाई की सबसे पहला शहीद था इमाम हुसैन का छ: माह का बेटा अली असगर।

जब याजीदी फौज ने कर्बला की बस्ती के पास बहने वाली फुरात नदी के पानी पर पहरा लगा दिया गया तो इमाम हुसैन के साथियों तथा परिवार का पानी के बिना बुरा हाल हो गया लेकिन नेकी की राह से नहीं हटे। इमाम हुसैन के 6 माह के बेटे अली असगऱ का जब प्यास से बुरा हाल हो गया तब अली असगऱ की मां सय्यदा रबाब ने इमाम से कहा की इसकी तो किसी से कोई दुश्मनी नहीं है शायद इसको पानी मिल जाए। जब इमाम हुसैन बच्चे को लेकर निकले और याजीदी फौज से कहा की कम से कम इसको तो पानी पिला दो।

इसके जवाब में याजीद के फौजी हरमला ने इस 6 माह के बच्चे के गले का निशाना लगा कर ऐसा तीर मारा कि हजऱत अली असगऱ के हलक को चीरता हुआ इमाम हुसैन के बाज़ू में जा लगा। बच्चे ने बाप के हाथ पर तड़प कर अपनी जान दे दी। इमाम हुसैन के काफिले का यह सबसे नन्हा व पहला शहीद था।

ईरान पर शिकंजा कसेगा अमेरिका


तेहरान. ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है। अमेरिका के ड्रोन विमान पर हमले के बाद अमेरिका ने ईरान पर पाबंदियों का दायरा बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने सहयोगी देशों से ईरान पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने का अनुरोध किया है। परमाणु अप्रसार और हथियार नियंत्रण मामलों के विशेष सलाहकार रॉबर्ट एनहॉर्न ने सोमवार को दक्षिण कोरिया और अन्‍य सहयोगी देशों से ईरान के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सहयोगी देशों को ‘साफ और एकीकृत संदेश’ देना चाहिए।

इससे पहले ईरान के सैन्य अधिकारी ने दावा किया कि ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन विमान को मार गिराया है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना से बातचीत में इस अधिकारी ने कहा है कि अगर अमेरिका आगे ऐसी कोई हरकत करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इरना ने अधिकारी के हवाले से कहा, 'ईरानी वायुसीमा में घुसे एक आधुनिक आरक्यू 170 मानवरहित अमेरिकी जासूसी विमान को ईरान की सेना ने मार गिराया। विमान को हल्का नुकसान हुआ है और अब यह हमारे कब्जे में है।'

लेकिन अमेरिका ने ईरान के इन दावों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, जिससे यह साफ हो सके कि कोई विमान मार गिराया गया है। नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर एक अमेरिक अधिकारी ने कहा, 'ऐसा कोई संकेत अब तक नहीं मिला है।'

ईरान के इस दावे के बाद अफगानिस्तान में तैनात नाटो इंटरनेशनल सिक्योरिटी असिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता ने कहा, 'पिछले हफ्ते पश्चिमी अफगानिस्तान के ऊपर उड़ रहा है एक ड्रोन विमान नियंत्रण से बाहर हो गया था। हो सकता है कि यह वही विमान हो, जिसे ईरान मार गिराने का दावा कर रहा है।' ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश आशंकाए जाहिर करते रहे हैं। इन देशों का आरोप है कि ईरान बड़े पैमाने पर परमाणु हथियार बना रहा है जबकि ईरान की सफाई है कि वह बिजली और चिकित्सा क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए परमाणु कार्यक्रम पर काम कर रहा है। राजनियक स्तर पर कामयाबी न मिलने की सूरत में अमेरिका और इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं किया है।
हाल के दिनों में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ईरान खुद ड्रोन विमान पर जोर दे रहा है। तीन साल पहले ईरान ने घोषणा की थी कि उसने 600 मील के रेंज वाले एक मानवरहित विमान का निर्माण किया है। ईरान ऐसे टोही विमानों को मार गिराने का दावा पहले भी कर चुका है। इस साल जनवरी में भी ईरान ने खाड़ी में दो टोही मानवरहित विमानों को मार गिराने का दावा किया था। जबकि जुलाई में ईरान ने कहा था कि फोर्दू नाम के परमाणु ठिकाने के नजदीक कोम नाम के धार्मिक तौर पर पवित्र माने जाने वाले शहर के ऊपर उड़ रहे एक टोही विमान को उसने मार गिराया गया था।

सौ प्रतिशत कामयाब नुस्खा: ये कर देगा हाइब्लडप्रेशर और अनिद्रा की छुट्टी


व्यस्त, तनावग्रस्त और अनियमित दिनचर्या की वजह से स्वास्थ्य को बिगाडऩे वाले अनेक रोग आज बहुतयात में लोगों को परेशान किए हुए है। आमतौर पर देखा जाता है कि जब कोई व्यक्ति ऐसे किसी रोग से पीडि़त हो जाता है, तो अन्य कई बिमारीयां उसे घेर लेती हैं।

आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। कुछ ऐसी ही जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार नुस्खा यहां बताया जा रहा है, जो उच्चरक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव, दिल की धड़कनों का बढऩा, शरीर में जलन सी रहना आदि व्याधियों पर बहुत असरकारक है।

सामग्री- अश्वगंधा, जटामांसी, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, पुष्कर मूल, तगर, कपूर कचरी और बड़ी इलायची।

बनाने की विधि- इन सबकी बराबर-बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर महीन चूर्ण तैयार कर लें। बस तैयार है, अनमोल नुस्खा। इसे साफ -सूखी शीशी में भरकर रख दें। रोग तथा रोगी की स्थिति के अनुसार डेढ़ से 3 ग्राम तक की मात्रा में रात में सोने से पहले पानी से लें। यदि रोग बढ़ा हुआ है, तब दिन में भी एक बार इतनी ही मात्रा में और ले सकते हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित उक्त नुस्खा भले ही तुरंत असर न दिखाए लेकिन यह रोग की जड़ पर प्रहार कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है।

कुंवारे लोग ऐसी चीजें अपने पलंग के नीचे नहीं रखना चाहिए, क्योंकि

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सामान्यत: घरों में पलंग के नीचे कुछ न कुछ सामान अवश्य ही रखा जाता है। पलंग या बेड का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होता है। 24 घंटे में से कम से कम 6-8 घंटे हम सोते हैं। इस बात से स्पष्ट है कि अच्छी नींद के लिए अच्छा बेड होना बहुत जरूरी है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि बेड भी अच्छा हो लेकिन फिर भी उस पर सोने वाले लड़के या लड़की की शादी नहीं हो रही है या अन्य कोई परेशानियां चल रही है तो निश्चित ही उन युवाओं के पलंग के नीचे वास्तुदोष उत्पन्न करने वाली वस्तुएं रखी हुई हो सकती हैं। वास्तुदोष उत्पन्न करने वाली वस्तुओं में लोहे का सामान, पुराना कबाड़ा आदि शामिल है। विवाह योग्य लड़के और लड़किया जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए। इनसे वास्तुदोष उत्पन्न होता है।

वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांत पर कार्य करता है। अत: ऐसी वस्तुओं से नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है जिससे युवाओं के विचारों में भी नकारात्मकता पैदा होती है। उनका मन व्यर्थ की बातों में भटकने लगता है और उन्हें मानसिक शांति नहीं मिल पाती। इसी वजह से पलंग के नीचे एकदम साफ रखना चाहिए। वहां कोई भी सामान रखने से बचें।

सरोगेट मदर’ से पैदा हुआ आमिर खान का बेटा

मुंबई. बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान और उनकी पत्‍नी किरण राव को बेटा हुआ है। बेटे का जन्‍म मुंबई के एक प्राइवेट अस्‍पताल में एक दिसंबर को आईवीएफ तकनीक के जरिये ‘सरोगेट मदर’ की कोख से हुआ है।
आमिर ने कहा, ‘स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी दिक्‍कतों के चलते डॉक्‍टरों ने हमें आईवीएफ-सरोगेसी की सलाह दी। बेटे के जन्‍म से हम बेहद खुश हैं। बेटा हमें काफी प्रिय है क्‍योंकि बहुत मुश्किलों से हमने इसे पाया है। हम अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करते हैं।’ गौरतलब है कि 2009 में रॉव का गर्भपात (मिसकैरेज) हो गया था। उस वक्‍त उनके पेट में तीन महीने का बच्‍चा था।
किरण रॉव आमिर खान की दूसरी बीवी हैं। पहली पत्‍नी रीना दत्‍त से आमिर को बेटा जुनैद और बेटी इरा हैं। आमिर खान की 18 अप्रैल 1986 को रीना दत्‍ता से शादी हुई थी। रीना ने फिल्‍म ‘कयामत से कयामत तक’ में छोटा सा किरदार निभाया था। रीना बहुत थोड़े समय के लिए आमिर के कॅरियर से भी जुड़ी रहीं और उन्‍होंने ‘लगान’ में बतौर प्रोड्यूसर काम किया।
हालांकि दिसम्‍बर 2002 में रीना और आमिर का तलाक हो गया। दोनो बच्‍चों जुनैद और इरा की कस्‍टडी भी रीना को सौंपी गई। 28 दिसंबर 2005 को आमिर खान ने किरण रॉव से शादी की जिन्‍होंने ‘लगान’ फिल्‍म में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की असिस्‍टेंट के तौर पर काम किया था। किरण ने आमिर की फिल्‍म ‘धोबी घाट’ में बतौर निर्देशक काम किया था।

कश्‍मीर: पाकिस्‍तानी सैनिकों की फायरिंग में टूटी मस्जिद की छत


श्रीनगर. पाकिस्‍तान के सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर फिर से युद्धविराम का उल्‍लंघन किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पाकिस्‍तानी सैनिकों ने सीमा से लगते कुपवाड़ा जिले के करना इलाके में स्थित भारतीय सेना की चौकियों पर फायरिंग की। इस फायरिंग में एक मस्जिद की छत क्षतिग्रस्‍त हो गई। सूत्रों के मुताबिक इस मस्जिद की छत पर सोलर लाइट लगाने का काम चल रहा था।

घटना श्रीनगर से 140 किलोमीटर दूर करना कस्‍बे में हुई। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने जवाब में गोलीबारी की और कई मिनटों तक दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही।

पिछले तीन महीने में कश्‍मीर घाटी में एलओसी पर पाकिस्‍तानी सैनिकों की ओर से युद्धविराम उल्‍लंघन की यह पहली घटना है। बीते अगस्‍त और सितंबर में पाकिस्‍तानी सैनिकों ने कई बार युद्धविराम का उल्‍लंघन किया। इन घटनाओं में भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी और पाकिस्‍तान के तीन सैनिक मारे गए।

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