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06 दिसंबर 2011

अपने पराये की मजबूरी छोड़ कर राष्ट्रवादिता के तहत उन्हें सजा दिलवाओ

मुझे गर्व है मेरे इस देश पर जहां आज़ादी है मस्ती है लेकिन कानून की पाबंदी भी है ....यहाँ अराजकता जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है ,, और बेईमानी ,भ्रष्टाचार , अत्याचार , अनाचार हद से ज्यादा बढ़ जाता है ..जब सुनवाई के सभी रास्ते जनप्रतिनिधि खुद अपराधी होने के कारण बंद कर देते हैं ..थानों में रिपोर्ट नहीं होती ...संसद में आवाज़ नहीं उठती ..प्रधानमन्त्री ..राष्ट्रपति और विधानसभाएँ सभी शिकायतों को रद्दी की टोकरियों में डाल देते हैं तब यहाँ मेरे इस देश में अदालतें इंसाफ दिलाती हैं अदालते देश के कानून की पालनाएं करवाती है और आज देख लो .देश में कोई भी कितना ही बढ़ा सिफारिशी कितना ही बढ़ा अपराधी हो वोह सब अदालत के आदेशों से जेल में हैं और सजा भुगत रहे हैं इसलियें कहते हैं के मेरे इस देश में विधानसभा ॥ निकाय ॥ पंचायतें .लोकसभा ॥ राज्यसभा के दरवाज़े चाहे बंद हो गये हों लेकिन कानून और कानून के रखवालों ने कुछ एक अपवादों को छोड़ दें तो इस देश को रक्षा कवच दे रखा है और इसीलियें आज हम कुछ उम्मीद लेकर इंसाफ की लड़ाई लड रहे हैं जो लोग देश के लियें लड़े जिन्होंने पार्टी पोल्तिक्स की लड़ाई लड कर अपने नेता को अच्छा और दुसरे के नेता को चोर बताया उन्होंने तो देश को सच छुपा कर कमजोर किया है लेकिन अदालतें सभी को बराबर देखती हैं कोंग्रेस हो चाहे भाजपा चाहे दूसरी पार्टियाँ हो चाहे अफसर हो चाहे नोकर सभी को एक ही लाठी इन्साफ की लाठी से हांक कर देश को बचाने की कोशिश हो रही है इसलियें चमचागिरी भाई भतीजावाद पार्टी पोलिटिक्स छोडो और देश बचाओं निष्पक्ष बन जाओ कानून जो तोड़ता है अपने पराये की मजबूरी छोड़ कर राष्ट्रवादिता के तहत उन्हें सजा दिलवाओ ॥ जय हिंद जय भारत । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सिर्फ हंगामा करना मेरा मकसद नहीं आप लोगों के साथ मिलकर अराजकता फेलाने वालों को सबक सिखाना ही मेरा मकसद

जी हाँ मेरे दोस्तों मेरे ब्लोगर..ट्विटर और फेसबुक ब्रदर्स सिस्टर्स मेरी एक कोशिश एक पहल का कुछ नतीजा सामने आया और इंटरनेट के नाम पर गंदगी फेलाने वालों को सबक सिखाने के मामले में पहल शुरू हुई ......... दोस्तों जो मेरे ब्लॉग पढ़ते हैं जो मुझे जानते हैं जो मुझे मानते हैं उन्हें पता है के इंटरनेट के नाम पर फर्जी आई डी बना कर या फिर खुद की आई डी से किसी भी व्यक्ति का मजाक उडाना किसी के भी धर्म का उपहास उड़ाना देश में साम्प्रदायिक सद्भाव और अमन चेन को बिगाड़ने के लियें कोरी बकवास बाज़ी करा इंटरनेट के कुछ अपराधियों की आदत बन गयी है और उनके दिमाग में सिर्फ एक ही बात है के हम तो अपने कमरे में बेठ कर यह अपराध बढ़ी चालाकी से कर रहे हैं हमे कोन और केसे पकड़ सकेगा ..... मेने पहले भी अपने ऐसे साथियों को चेताया था उनसे हाथ जोड़ कर निवेदन किया था इस के मामले में जो कानून हैं जो सजा के प्रावधान है किन किन को सजा मिली है और कोन है ऐसे बेवकूफ जिन्होंने खेल खेल में ऐसा अपराध कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली है लेकिन कानून को हंसी खेल समझने वाले लोगों ने सरकार की काहिली का खूब फायदा उठाया .......... दोस्तों चेतावनी के बाद जब सुधार नहीं आया तो मेने आप लोगों की सहमती लेकर इस मामले में दोषी लोगों को सज़ा दिलवाने के लियें कार्यवाही शुरू की मेने इस मामले में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ..... सोनिया गाँधी ॥ राहुल गाँधी । कपिल सिब्बल और महामहिम राष्ट्रपति महोदया को पत्र लिखे ओन लाइन शिकायतें दर्ज करवाई शिकायत दर्ज हुई अधिकारी नियुक्त हुए और मेरी शिकायत और कानूनी प्रावधान सही निकलने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही के पहले एक चेतावनी देने का निर्णय सरकार ने लिया जो ठीक और स्वागत योग्य था मुझे खुद राहुल गांधी ने धन्यवाद पत्र लिखा और इसे एक अहम सुझाव माँगा अपने एक मित्र से उत्तर प्रदेश में इस मामले में जनहित याचिका लगवाई लेकिन उदयपुर में ऐसे अपराधियों की वजह से हंगामा हुआ उत्तर प्रदेश इन्दोर में तमाशा हुआ राहुल गाँधी के नाम से फर्जी आई डी बनाई गयी और अपराधी पकड़े गये ऐसे हालातों में जो लोग वाक् और अभिव्यक्ति की स्वंत्रता का दुरूपयोग कर देश के कानूनों को तोड़ कर अगर अराजकता फेलाना चाहते है तो वोह देश के दुश्मन है ॥ में या मेरा कोई भी दोस्त समर्थक कभी भी लिखने और बोलने की आज़ादी के खिलाफ नहीं रहे हमेशा इस मामले में मिलकर लड़ाई लड़ी है खुद एक पत्रकार समाजसेवक और वकील के नाते मेने खुद ने कई बढ़ी लडाइयां इस मामले में लड़ी हैं और जीती हैं ..... आप खुद बताएं कोई आप को माँ बहन की गली दे और कहे के यह बोलने की स्वतन्त्रता है कोई आपके नंगे फोटू नकली बनाकर किसी के साथ स्केन कर प्रकाशित करे और कहे के यह तो लिखने और प्रकाशन की स्वंतन्त्रता है तो जनाब इससे बुरा और क्या होगा । जो लोग ऐसा अपराध करते हैं उन्हें हमे और आपको मिलकर बेनकाब करना होगा ताकि हमारा सुकून हमारे लिखें बोलने और पढने की आज़ादी शान्ति सद्भाव बना रहे ... अभी कल ही मेने फेसबुक खोली मेने देखा एक अजमेर के पत्रकार सज्जन ने राहुल गाँधी ॥ मनमोहन और चिदम्बरम के मुखोटे लगाकर नंगे लोगों की अश्लील तस्वीर के साथ जोड़ दिए और उनके हाथ नग्न तस्वीर में उनके लिंग पर लगा दिए अब आप खुद बताइए क्या यह वाक् और अभिव्यक्ति की स्वत्न्र्ता है क्या यह एक सोशल साईट से जुड़े लोगो के साथ मजाक और उनका अपमान नहीं अगर हाँ तो दोस्तों मेने ठानी है के इन जनाब को पहले एक बार इस आलेख के माध्यम से चेताता हूँ के वोह अपनी गलती मानले और सार्वजनिक रूप से एक माफ़ी नाम इस संदेश के साथ के यह गलत बात है और ऐसी गलती के लियें किसी को माफ़ नहीं करना चाहिए प्रकाशित करें वरना कानूनी कार्यवाही अदालत सजा और सुनवाई क्या होती है इसका प्रेक्टिकल जब देखने को मिलेगा तो जिंदगी का आधा वक्त घर परिवार छोड़ कर कोटा की अदालतों में गुजर जाएगा इसलियें कहता हूँ भाई माफ़ करो अपने गुस्से को काबू रखो जानवर मत बनो और इंसान बनकर हमारे देश के इस कानून संविधान की रक्षा करो कानून और संविधान के दायरे में रह कर देश में अराजकता फेलाने वालों से निर्भीक और निडर होकर उनके अपराध उजागर कर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाकर उनसे निपटो किसी का अपमान करने या किसी के धर्म का मजाक उढ़ा लेने से हम महान नहीं बन जाते हमारे शरीर में किसी का गंदा खून बह रहा है सिर्फ ऐसी गलती से हम यही साबित करते है तो दोस्तों आओं एक प्यार भरा सुकून और शांति वाला ज्ञानवर्धक सूचनाओं का आदान प्रदान करने वाला नेटवर्क तय्यार करें जिसमे अगर कोई इतना समझाने पर भी नहीं मानकर कोड में खाज बनता है तो फिर उसे दंडित करवाएं करोगे मेरी मदद या मुझे यूँ ही इस लड़ाई में अकेला रखोगे मेरे भाई मेरी बहनों मेरे बुजुर्गों ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कैसा भी हो दर्द और सूजन ये देहाती नुस्खा है पक्का शर्तिया इलाज




किसी भी प्रकार की भीतरी और बाहरी सूजन को दूर करने, दर्द और गैस को दूर करने के लिए उपयोगी निर्गुण्डी की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। इसका पौधा सारे भारत मे, विशेषकर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है-

सिन्दुक: स्मृति दस्तिक कषाय: कटुकोलघु।

केश्योनेत्र हितोहन्ति शूल शोथाम मारुतान्।

कृमि कुष्टारुचि श्लेष्व्रणन्नीला हितद्विधा।।

सिंदुरवारदलं जन्तुवात श्लेष्म हरं लघु।

इस तरह के पौधे की गंध तीव्र और अरूचिकर गंध आती है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग सूजन दूर करने में किया जाता है। हर प्रकार की सूजन दूर करने के लिए प्रयोग विधि इस प्रकार है।

प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें। जब भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें। दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले। तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें। सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें। चोंट मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और वात प्रकोप के कारण होने वाला दर्द दूर करने के लिए यह उपाय बहुत गुणकारी है। कफ,बुखार व फेफड़ों में सूजन को दूर करने के लिए इसके पत्तों का रस निकालकर 2 बड़े चम्मच मात्रा में, 2 ग्राम पिसी पिप्पली मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीएं व पत्तों को गर्म कर पीठ पर या छाती पर बांधने से आराम होता है।

तंत्र क्या है, ये कैसे काम करता है?



तंत्र, तांत्रिक या टोने-टोटके का नाम सुनते ही हर आदमी के मन में एक जिज्ञासा उठती है कि आखिर यह तंत्र होता क्या है? तंत्र केवल अनिष्ट कार्यों के लिए ही नहीं होता बल्कि यह एक तरह की ऐसी विद्या है जो व्यक्ति के शरीर को अनुशासित बनाती है, शरीर पर खुद का नियंत्रण बढ़ाती है।

मोटे तौर पर देखा जाए तो तंत्र की परिभाषा बहुत सीधी और सरल है। सामान्य शब्दों में कहें तो तंत्र शब्द का अर्थ तन यानी शरीर से जुड़ा है। ऐसी सिद्धियां जिन्हें पाने के लिए पहले तन को साधना पड़े, या ऐसी सिद्धियां जिन्हें शरीर की साधना से पाया जाए, उसे तंत्र कहते हैं।

तंत्र एक तरह से शरीर की साधना है। एक ऐसी साधना प्रणाली जिसमें केंद्र शरीर होता है। तंत्र शास्त्र का प्रारंभ भगवान शिव को माना गया है। शिव और शक्ति ही तंत्र शास्त्र के अधिष्ठाता देवता हैं। शिव और शक्ति की साधना के बिना तंत्र सिद्धि को हासिल नहीं किया जा सकता है। तंत्र शास्त्र के बारे में अज्ञानता ही इसके डर का कारण हैं।

दरअसल तंत्र कोई एक प्रणाली नहीं है, तंत्र शास्त्र में भी कई पंथ और शैलियां होती हैं। तंत्र शास्त्र वेदों के समय से हमारे धर्म का अभिन्न अंग रहा है। वेदों में भी इसका उल्लेख है और कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जो पारलौकिक शक्तियों से संबंधित हैं इसलिए कहा जा सकता है कि तंत्र वैदिक कालीन है।

सिब्‍बल ने चेताया- भारतीयों का अपमान नहीं होने देंगे


नई दिल्‍ली. सोशल साइट्स, खास कर फेसबुक और गूगल पर कंटेंट को लेकर सरकार की आपत्ति की खबरों के बीच दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्‍बल ने सफाई दी है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री या कांग्रेस अध्‍यक्ष का नाम नहीं लिया गया था, बल्कि सोशल साइट्स पर देवी-देवताओं के अपमान का मसला उठाया गया था। सरकार इन साइट्स पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्‍पणियों से नाराज है।

सिब्‍बल ने मंगलवार को नई दिल्‍ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि करीब तीन महीने पहले सोशल साइट्स पर ऐसी तस्‍वीरें छपी जो हिंदुस्‍तान के किसी भी व्‍यक्ति को अपमानित करती हैं। ये लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। सरकार ने गूगल, याहू, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक के प्रतिनिधियों से इस समस्‍या के हल के लिए रास्‍ता निकालने को कहा। इन कंपनियों को 3 अक्‍टूबर को पहली बार चिट्ठी लिखी गई। 19 अक्‍टूबर को रिमाइंडर भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर 4 नवंबर को संचार सचिव ने इन प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई और फैसला किया गया कि आपत्तिजनक कंटेंट के मामले में आचार संहिता के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

संचार मंत्री ने कहा, ‘इन साइट्स के प्रतिनिधि हमारी कुछ मांगों पर मौखिक तौर पर राजी भी हुए। फिर सरकार ने 29 नवंबर को सुझाव मांगने के लिए मीटिंग बुलाई लेकिन वो नहीं आए। फिर पांच दिसंबर को इन कंपनियों ने लिखित तौर पर साफ कर दिया कि वो हमारी बात नहीं मानेंगे।’ सिब्‍बल ने कहा, ‘मैंने इस कंपनियों से कहा कि वो कोई ऐसा उपाय सुझाएं जिससे ऐसे कंटेंट की जानकारी मिलते ही उन्‍हें तुरंत हटाया जा सके। देश की संस्‍कृति का सम्‍मान करना चाहिए। लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हम इस तरह का अपमान नहीं होने देंगे।’
कपिल सिब्‍बल ने प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पत्रकारों को अलग से वो 'आपत्तिजनक तस्‍वीरें' भी दिखाईं जिन पर ऐतराज जताते हुए उन्‍होंने ऐसी सामग्री अपलोड होने से रोकने का तरीका निकालने की बात कही है। उन्‍होंने कहा कि ऐसी तस्‍वीरों का प्रसारण करने की इजाजत न तो टीवी, प्रिंट या ऑनलाइन मीडिया में है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखती है और सोशल मीडिया की आजादी में कोई दखल नहीं दिया जाएगा। लेकिन मेरा मानना है कि देश के लोगों की भावनाओं की कद्र करने वाला कोई भी व्‍यक्ति ऐसे कंटेट को ‘पब्लिक डोमेन’ में देखना नहीं चाहेगा।’
सिब्‍बल ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए जाने वाले कंटेंट पर निगरानी रखने के लिए 'गाइडलाइन' पर काम करेगी। उन्‍होंने कहा 'ऐसी व्‍यवस्‍था हो कि आपत्तिनजक कंटेंट को ऑनलाइन मीडिया में डालने से रोका जा सके। यदि कोई इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री हटाना नहीं चाहता तो सरकार को इस बारे में कुछ करना होगा।’ हालांकि सिब्‍बल ने मीडिया में आ रही इन खबरों का भी खंडन किया कि सरकार अन्‍ना हजारे के आंदोलन से डरकर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी में है।

सिब्‍बल के बयान पर फेसबुक ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। फेसबुक का कहना है कि वो ऐसे कंटेंट अपनी साइट से हटा देगा जो कंपनी के शर्तों के खिलाफ हैं। कंपनी का कहना है कि वह भारत सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए जाने वाले कंटेंट की निगरानी करने के प्रस्‍ताव में दिलचस्‍पी रखती है।

सिब्‍बल के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा कि असल मुद्दों से लोगों का ध्‍यान हटाने की सरकार की यह एक और कोशिश है। कपिल सिब्‍बल को इसमें महारत हासिल है।
कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि फेसबुक उन आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने की प्रक्रिया में है जो कपिल सिब्‍बल ने दिखाए थे। लेकिन दुख की बात यह है कि लोगों ने ऐसे कंटेंट पर आपत्ति नहीं जताई है।’
जम्‍मू कश्‍मीर के सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने कहा है, ‘मैं सेंसरशिप के बिल्‍कुल खिलाफ हूं लेकिन मैंने खुद देखा है कि फेसबुक और यू ट्यूब पर कितने खतरनाक और आपत्तिजनक कंटेट डाले जाते हैं।’
अमेरिकी अखबार 'न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स' के मुताबिक कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुला कर कहा था कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं

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