तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 दिसंबर 2011
अपने पराये की मजबूरी छोड़ कर राष्ट्रवादिता के तहत उन्हें सजा दिलवाओ
सिर्फ हंगामा करना मेरा मकसद नहीं आप लोगों के साथ मिलकर अराजकता फेलाने वालों को सबक सिखाना ही मेरा मकसद
कैसा भी हो दर्द और सूजन ये देहाती नुस्खा है पक्का शर्तिया इलाज
किसी भी प्रकार की भीतरी और बाहरी सूजन को दूर करने, दर्द और गैस को दूर करने के लिए उपयोगी निर्गुण्डी की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। इसका पौधा सारे भारत मे, विशेषकर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है-
सिन्दुक: स्मृति दस्तिक कषाय: कटुकोलघु।
केश्योनेत्र हितोहन्ति शूल शोथाम मारुतान्।
कृमि कुष्टारुचि श्लेष्व्रणन्नीला हितद्विधा।।
सिंदुरवारदलं जन्तुवात श्लेष्म हरं लघु।
इस तरह के पौधे की गंध तीव्र और अरूचिकर गंध आती है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग सूजन दूर करने में किया जाता है। हर प्रकार की सूजन दूर करने के लिए प्रयोग विधि इस प्रकार है।
प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें। जब भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें। दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले। तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें। सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें। चोंट मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और वात प्रकोप के कारण होने वाला दर्द दूर करने के लिए यह उपाय बहुत गुणकारी है। कफ,बुखार व फेफड़ों में सूजन को दूर करने के लिए इसके पत्तों का रस निकालकर 2 बड़े चम्मच मात्रा में, 2 ग्राम पिसी पिप्पली मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीएं व पत्तों को गर्म कर पीठ पर या छाती पर बांधने से आराम होता है।
तंत्र क्या है, ये कैसे काम करता है?
तंत्र, तांत्रिक या टोने-टोटके का नाम सुनते ही हर आदमी के मन में एक जिज्ञासा उठती है कि आखिर यह तंत्र होता क्या है? तंत्र केवल अनिष्ट कार्यों के लिए ही नहीं होता बल्कि यह एक तरह की ऐसी विद्या है जो व्यक्ति के शरीर को अनुशासित बनाती है, शरीर पर खुद का नियंत्रण बढ़ाती है।
मोटे तौर पर देखा जाए तो तंत्र की परिभाषा बहुत सीधी और सरल है। सामान्य शब्दों में कहें तो तंत्र शब्द का अर्थ तन यानी शरीर से जुड़ा है। ऐसी सिद्धियां जिन्हें पाने के लिए पहले तन को साधना पड़े, या ऐसी सिद्धियां जिन्हें शरीर की साधना से पाया जाए, उसे तंत्र कहते हैं।
तंत्र एक तरह से शरीर की साधना है। एक ऐसी साधना प्रणाली जिसमें केंद्र शरीर होता है। तंत्र शास्त्र का प्रारंभ भगवान शिव को माना गया है। शिव और शक्ति ही तंत्र शास्त्र के अधिष्ठाता देवता हैं। शिव और शक्ति की साधना के बिना तंत्र सिद्धि को हासिल नहीं किया जा सकता है। तंत्र शास्त्र के बारे में अज्ञानता ही इसके डर का कारण हैं।
दरअसल तंत्र कोई एक प्रणाली नहीं है, तंत्र शास्त्र में भी कई पंथ और शैलियां होती हैं। तंत्र शास्त्र वेदों के समय से हमारे धर्म का अभिन्न अंग रहा है। वेदों में भी इसका उल्लेख है और कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जो पारलौकिक शक्तियों से संबंधित हैं इसलिए कहा जा सकता है कि तंत्र वैदिक कालीन है।
सिब्बल ने चेताया- भारतीयों का अपमान नहीं होने देंगे
नई दिल्ली. सोशल साइट्स, खास कर फेसबुक और गूगल पर कंटेंट को लेकर सरकार की आपत्ति की खबरों के बीच दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने सफाई दी है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री या कांग्रेस अध्यक्ष का नाम नहीं लिया गया था, बल्कि सोशल साइट्स पर देवी-देवताओं के अपमान का मसला उठाया गया था। सरकार इन साइट्स पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणियों से नाराज है।
सिब्बल ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि करीब तीन महीने पहले सोशल साइट्स पर ऐसी तस्वीरें छपी जो हिंदुस्तान के किसी भी व्यक्ति को अपमानित करती हैं। ये लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। सरकार ने गूगल, याहू, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक के प्रतिनिधियों से इस समस्या के हल के लिए रास्ता निकालने को कहा। इन कंपनियों को 3 अक्टूबर को पहली बार चिट्ठी लिखी गई। 19 अक्टूबर को रिमाइंडर भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर 4 नवंबर को संचार सचिव ने इन प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई और फैसला किया गया कि आपत्तिजनक कंटेंट के मामले में आचार संहिता के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।
संचार मंत्री ने कहा, ‘इन साइट्स के प्रतिनिधि हमारी कुछ मांगों पर मौखिक तौर पर राजी भी हुए। फिर सरकार ने 29 नवंबर को सुझाव मांगने के लिए मीटिंग बुलाई लेकिन वो नहीं आए। फिर पांच दिसंबर को इन कंपनियों ने लिखित तौर पर साफ कर दिया कि वो हमारी बात नहीं मानेंगे।’ सिब्बल ने कहा, ‘मैंने इस कंपनियों से कहा कि वो कोई ऐसा उपाय सुझाएं जिससे ऐसे कंटेंट की जानकारी मिलते ही उन्हें तुरंत हटाया जा सके। देश की संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हम इस तरह का अपमान नहीं होने देंगे।’
कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पत्रकारों को अलग से वो 'आपत्तिजनक तस्वीरें' भी दिखाईं जिन पर ऐतराज जताते हुए उन्होंने ऐसी सामग्री अपलोड होने से रोकने का तरीका निकालने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरों का प्रसारण करने की इजाजत न तो टीवी, प्रिंट या ऑनलाइन मीडिया में है। उन्होंने कहा, ‘सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखती है और सोशल मीडिया की आजादी में कोई दखल नहीं दिया जाएगा। लेकिन मेरा मानना है कि देश के लोगों की भावनाओं की कद्र करने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे कंटेट को ‘पब्लिक डोमेन’ में देखना नहीं चाहेगा।’
सिब्बल ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट पर निगरानी रखने के लिए 'गाइडलाइन' पर काम करेगी। उन्होंने कहा 'ऐसी व्यवस्था हो कि आपत्तिनजक कंटेंट को ऑनलाइन मीडिया में डालने से रोका जा सके। यदि कोई इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री हटाना नहीं चाहता तो सरकार को इस बारे में कुछ करना होगा।’ हालांकि सिब्बल ने मीडिया में आ रही इन खबरों का भी खंडन किया कि सरकार अन्ना हजारे के आंदोलन से डरकर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी में है।
सिब्बल के बयान पर फेसबुक ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। फेसबुक का कहना है कि वो ऐसे कंटेंट अपनी साइट से हटा देगा जो कंपनी के शर्तों के खिलाफ हैं। कंपनी का कहना है कि वह भारत सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट की निगरानी करने के प्रस्ताव में दिलचस्पी रखती है।
सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा कि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की सरकार की यह एक और कोशिश है। कपिल सिब्बल को इसमें महारत हासिल है।
कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि फेसबुक उन आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने की प्रक्रिया में है जो कपिल सिब्बल ने दिखाए थे। लेकिन दुख की बात यह है कि लोगों ने ऐसे कंटेंट पर आपत्ति नहीं जताई है।’
जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है, ‘मैं सेंसरशिप के बिल्कुल खिलाफ हूं लेकिन मैंने खुद देखा है कि फेसबुक और यू ट्यूब पर कितने खतरनाक और आपत्तिजनक कंटेट डाले जाते हैं।’
अमेरिकी अखबार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुला कर कहा था कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं