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09 दिसंबर 2011

किताबों में सिमट कर रह गया है मानवाधिकार संरक्षण ....... केसा मानवाधिकार काहे का मानवाधिकार

किताबों में सिमट कर रह गया है मानवाधिकार संरक्षण ....... केसा मानवाधिकार काहे का मानवाधिकार ... जी हाँ दोस्तों आज मीडिया चेनल और अख़बारों का एक यही नारा बचा है देश में नागरिक को प्रत्येक अधिकार दिलाने की बात करने वाले इस दिवस के प्रति जिस तरह से सरकार और अख़बारों ..इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने उपेक्षा दिखाई है उससे तो यही स्पष्ट है के केसा मानवाधिकार काहे का मानवाधिकार और कोनसा विश्व मानवाधिकार दिवस ॥ एक अख़बार जी ने कल मानवाधिकार के बारे में जानकारी और लेखन लाइव को लेकर करीब एक घंटे से भी ज्यादा मेरा वक्त लिया में खुद मानवाधिकार संरक्षण मामले से जुडा रहा हूँ इसलियें मेने अपने निजी काम पक्षकारों की सुनवाई छोड़ कर इन अख़बार जी को वर्ष १९९३ से लेकर अब तक की कार्यवाही और हमारी हमन रिलीफ सोसाइटी की शिकायतों और निराकरण के बारे में समझाया आंकड़े बताये मानवाधिकार के बारे में बताया लेकिन आज अख़बार देखा तो खबर गायब थी ॥ इलेक्ट्रोनिक मिडिया की उपेक्षा तो आप जानते ही है ... लेकिन खुद सरकार और मानवाधिकार आयोग इस मामले में कितने गम्भीर हैं आप खुद ही देख लें ..भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव में वर्ष १९९३ में मानवाधिकार आयोग का गठन किया एक कानून बनाया इस कानून में १९९३ में ही प्रावधान रखा के मानवाधिकार हनन के मामलों की सुनवाई के लियें प्रत्येक जिले में एक मानवाधिकार न्यायालय गठित किया जायेया उसमे एक सरकारी वकील ऐसे पीड़ितों के लियें आवश्यक रूप से लगाया जाएगा ..लेकिन दोस्तों में खुद महासचिव हमन रिलीफ सोसाइटी कोटा की हेसियत से एक हजार से भी अधिक पत्र ज्ञापन लिख चुका हूँ मानवाधिकार आयोग केंद्र और राज्यों पर सरकार अरबों रूपये खर्च कर चुकी है लेकिन अट्ठारह वर्षों में देश में मानवाधिकार न्यायालयों के गठन के प्रति न तो सरकार गम्भीर है और ना ही मानवाधिकार आयग केंद्र और राज्यों के अयोगों ने इस गम्भीर मसले पर अब तक कोई आवाज़ उठाई है ॥ हम राजस्थान की बात करें यहाँ अब तक कोई न्यायालय ऐसे मामलों की सुनवाई के लियें गठित नहीं किये गये है जबकि मेने एक बार फिर विस्त्रत ज्ञापन सरकार और केंद्र सरकार मानवाधिकार अयोगों को लिखे हैं लेकिन नतीजे के नाम पर सिफार रहा है । हमारे राजस्थान में कोई आदमी टूटी सडकें होने के कारण चल नहीं सकता ॥ प्र्दुष्ण से पीड़ित है अतिक्रमण और आवारा जानवरों के मरे परेशान है चलना फिरना उठाना बेठना सांस लेना दुश्वार है महिला उत्पीडन की स्थिति यह है के महिलाओं के मुकदमे अदालत से थानों में जाने के बाद भी हफ्तों दर्ज नहीं किये जाते .... घरेलू हिंसा मामलों में प्रोटक्शन ऑफिसर ने किसी भी महिला को खुद आगे रहकर कोई न्याय नहीं दिलवाया है न ही कोई मुकदमा अधिनियम के प्रावधान के तहत पेश किया है बेचारी पीड़ित महिला अदालत के जरिये न्याय मांगती है जिसे सालों अंतरिम गुज़ारा खर्च प्राप्त करने में लग जाते हैं ... पुलिस उत्पीडन से बचाने के लियें राजस्थान में वर्ष में पुलिस अधिनियम लागू कर दिया गया है लेकिन राज्य ॥ सम्भागीय और जिला स्तर पर पुलिस जवाब देहि समितियों का गठन कर पुलिस की जनता के साथ उत्पीडन की कारगुजारियों पर कोई विधिक व्यवस्था इतने वर्षों बाद भी लागू नहीं की गयी है पुलिस आयोग का गठन नहीं किया गया है । बच्चों के कल्याण के लियें कोई बाल आयोग नहीं है इन्डियन चिल्ड्रन एक्ट के प्रावधान के तहत थानों में ज्वेनाइल पुलिस यूनिट का गठन नहीं किया गया है बाल मजदूरी और उनके कल्याण के लियें सरकार के कोई कदम नहीं है ॥ वर्द्ध कल्याण कानून तो है सरकार ने नियम भी बनाये है लेकिन दोस्तों किसी भी थाना धिकारी द्वारा घर घर जाकर वृद्धों की स्थिति जानने की कोशिश नहीं की हे थानों से डी के बसू मामले में दिए गये गिरफ्तार व्यक्ति के मामलों के दिशा निर्देश गायब है तो दोस्तों जब मानवाधिकार कानून केवल और केवल किताबों में ही सिमट कर रह गया हो तो केसा मानवाधिकार काहे का मानवाधिकार फिर अख़बार जी और इलेक्ट्रोनिक मीडिया जी बेचारे इस संरक्ष्ण के मामले में क्या करें और क्यूँ करें ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है गीता का ज्ञान ....

(आसुरी संपदा वालों के लक्षण और उनकी अधोगति का कथन)
द्वौ भूतसर्गौ लोकऽस्मिन्दैव आसुर एव च।
दैवो विस्तरशः प्रोक्त आसुरं पार्थ में श्रृणु॥
भावार्थ : हे अर्जुन! इस लोक में भूतों की सृष्टि यानी मनुष्य समुदाय दो ही प्रकार का है, एक तो दैवी प्रकृति वाला और दूसरा आसुरी प्रकृति वाला। उनमें से दैवी प्रकृति वाला तो विस्तारपूर्वक कहा गया, अब तू आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य समुदाय को भी विस्तारपूर्वक मुझसे सुन॥6॥
प्रवृत्तिं च निवृत्तिं च जना न विदुरासुराः।
न शौचं नापि चाचारो न सत्यं तेषु विद्यते॥
भावार्थ : आसुर स्वभाव वाले मनुष्य प्रवृत्ति और निवृत्ति- इन दोनों को ही नहीं जानते। इसलिए उनमें न तो बाहर-भीतर की शुद्धि है, न श्रेष्ठ आचरण है और न सत्य भाषण ही है॥7॥
असत्यमप्रतिष्ठं ते जगदाहुरनीश्वरम्‌।
अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम्‌॥
भावार्थ : वे आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य कहा करते हैं कि जगत्‌ आश्रयरहित, सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर के, अपने-आप केवल स्त्री-पुरुष के संयोग से उत्पन्न है, अतएव केवल काम ही इसका कारण है। इसके सिवा और क्या है?॥8॥
एतां दृष्टिमवष्टभ्य नष्टात्मानोऽल्पबुद्धयः।
प्रभवन्त्युग्रकर्माणः क्षयाय जगतोऽहिताः॥
भावार्थ : इस मिथ्या ज्ञान को अवलम्बन करके- जिनका स्वभाव नष्ट हो गया है तथा जिनकी बुद्धि मन्द है, वे सब अपकार करने वाले क्रुरकर्मी मनुष्य केवल जगत्‌ के नाश के लिए ही समर्थ होते हैं॥9॥
काममाश्रित्य दुष्पूरं दम्भमानमदान्विताः।
मोहाद्‍गृहीत्वासद्ग्राहान्प्रवर्तन्तेऽशुचिव्रताः॥
भावार्थ : वे दम्भ, मान और मद से युक्त मनुष्य किसी प्रकार भी पूर्ण न होने वाली कामनाओं का आश्रय लेकर, अज्ञान से मिथ्या सिद्धांतों को ग्रहण करके भ्रष्ट आचरणों को धारण करके संसार में विचरते हैं॥10॥
चिन्तामपरिमेयां च प्रलयान्तामुपाश्रिताः।
कामोपभोगपरमा एतावदिति निश्चिताः॥
भावार्थ : तथा वे मृत्युपर्यन्त रहने वाली असंख्य चिन्ताओं का आश्रय लेने वाले, विषयभोगों के भोगने में तत्पर रहने वाले और 'इतना ही सुख है' इस प्रकार मानने वाले होते हैं॥11॥
आशापाशशतैर्बद्धाः कामक्रोधपरायणाः।
ईहन्ते कामभोगार्थमन्यायेनार्थसञ्चयान्‌॥
भावार्थ : वे आशा की सैकड़ों फाँसियों से बँधे हुए मनुष्य काम-क्रोध के परायण होकर विषय भोगों के लिए अन्यायपूर्वक धनादि पदार्थों का संग्रह करने की चेष्टा करते हैं॥12॥
इदमद्य मया लब्धमिमं प्राप्स्ये मनोरथम्‌।
इदमस्तीदमपि मे भविष्यति पुनर्धनम्‌॥
भावार्थ : वे सोचा करते हैं कि मैंने आज यह प्राप्त कर लिया है और अब इस मनोरथ को प्राप्त कर लूँगा। मेरे पास यह इतना धन है और फिर भी यह हो जाएगा॥13॥
असौ मया हतः शत्रुर्हनिष्ये चापरानपि।
ईश्वरोऽहमहं भोगी सिद्धोऽहं बलवान्सुखी॥
भावार्थ : वह शत्रु मेरे द्वारा मारा गया और उन दूसरे शत्रुओं को भी मैं मार डालूँगा। मैं ईश्वर हूँ, ऐश्र्वर्य को भोगने वाला हूँ। मै सब सिद्धियों से युक्त हूँ और बलवान्‌ तथा सुखी हूँ॥14॥
आढयोऽभिजनवानस्मि कोऽन्योऽस्ति सदृशो मया।
यक्ष्ये दास्यामि मोदिष्य इत्यज्ञानविमोहिताः॥
अनेकचित्तविभ्रान्ता मोहजालसमावृताः।
प्रसक्ताः कामभोगेषु पतन्ति नरकेऽशुचौ॥
भावार्थ : मैं बड़ा धनी और बड़े कुटुम्ब वाला हूँ। मेरे समान दूसरा कौन है? मैं यज्ञ करूँगा, दान दूँगा और आमोद-प्रमोद करूँगा। इस प्रकार अज्ञान से मोहित रहने वाले तथा अनेक प्रकार से भ्रमित चित्त वाले मोहरूप जाल से समावृत और विषयभोगों में अत्यन्त आसक्त आसुरलोग महान्‌ अपवित्र नरक में गिरते हैं॥15-16॥
आत्मसम्भाविताः स्तब्धा धनमानमदान्विताः।
यजन्ते नामयज्ञैस्ते दम्भेनाविधिपूर्वकम्‌॥
भावार्थ : वे अपने-आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले घमण्डी पुरुष धन और मान के मद से युक्त होकर केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा पाखण्ड से शास्त्रविधिरहित यजन करते हैं॥17॥
अहङ्‍कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः।
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयकाः॥
भावार्थ : वे अहंकार, बल, घमण्ड, कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष अपने और दूसरों के शरीर में स्थित मुझ अन्तर्यामी से द्वेष करने वाले होते हैं॥18॥
तानहं द्विषतः क्रूरान्संसारेषु नराधमान्‌।
क्षिपाम्यजस्रमशुभानासुरीष्वेव योनिषु॥
भावार्थ : उन द्वेष करने वाले पापाचारी और क्रूरकर्मी नराधमों को मैं संसार में बार-बार आसुरी योनियों में ही डालता हूँ॥19॥
आसुरीं योनिमापन्ना मूढा जन्मनि जन्मनि।
मामप्राप्यैव कौन्तेय ततो यान्त्यधमां गतिम्‌॥
भावार्थ : हे अर्जुन! वे मूढ़ मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म-जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं, फिर उससे भी अति नीच गति को ही प्राप्त होते हैं अर्थात्‌ घोर नरकों में पड़ते हैं॥20॥

कुरान का संदेश ........

10 दिसंबर को जरुर ध्यान रखें चौघड़िया, आज है चंद्रग्रहण




ज्योतिष के अनुसार बताए गए उत्तम चौघडिय़े से हमारे कार्य के पूर्ण होने की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं। जानिए शनिवार को कब-कब है अच्छे चौघडिय़े और कब-कब हैं बुरे चौघडिय़े...

प्रात: 6 बजे से 7.30 तक काल

प्रात: 7.30 बजे से 9 बजे तक शुभ

प्रात: 9 बजे से 10.30 बजे तक रोग

प्रात: 10.30 बजे से 12 बजे तक उद्वेग

दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक चर

दोप. 1.30 बजे से 3 बजे तक लाभ

दोप. 3 बजे से 4.30 बजे तक अमृत

शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक काल

शाम 6 बजे से 7.30 तक लाभ

शाम 7.30 बजे से 9 बजे तक उद्वेग

रात 9 बजे से 10.30 बजे तक शुभ

रात 10.30 बजे से 12 बजे तक अमृत

रात 12 बजे से 1.30 बजे तक चर

रात 1.30 बजे से 3 बजे तक रोग

रात 3 बजे से 4.30 बजे तक काल

रात 4.30 बजे से 6 बजे तक लाभ

जब भी कोई नया या शुभ या मांगलिक कार्य प्रारंभ किया जाए तो उसकी सफलता के भगवान से प्रार्थना करना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि कार्य का शुभारंभ शुभ चौघडिय़े में ही हो। रोज के कार्यों के लिए जरूरी है चौघडिय़ा देखकर शुभारंभ किया जाए या यात्रा के लिए निकला जाए।

जानिए, कौन से श्रेष्ठ चौघडिय़े और कौन से हैं अशुभ चौघडिय़े...

उत्तम चौघडिय़े- अमृत, शुभ, लाभ और चर हैं।

अशुभ चौघडिय़े- उद्वेग, रोग तथा काल हैं।

उत्तम चौघडिय़े में ही कार्य का प्रारंभ करना चाहिए जबकि अशुभ चौघडिय़े में नया कार्य प्रारंभ करने से बचना चाहिए।

जानिए, आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण कैसा रहेगा आपकी राशि के लिए?



साल 2011 का अंतिम चंद्रग्रहण 10 दिसंबर को पड़ रहा है। यह पूरे देश में दिखेगा। ज्योतिषियों के अनुसार शनिवार को ग्रहण लगने से यह महंगाई लाएगा। चांदी, लोहा व तेल जैसी वस्तुओं के भावों में तेजी आएगी।

ज्योतिषियों की माने तो शनि व चंद्र आपस में परम मित्र नहीं है। इसलिए शनिवार को ग्रहण से शनि संबंधित धातु व खाद्य सामग्रियों पर सीधा असर पड़ेगा। वैज्ञानिक दृष्टि से ये ग्रहण खास है क्योंकि ऐसा नजारा ढाई वर्ष के इंतजार के बाद होगा। अगला खग्रास चंद्रग्रहण 15 अप्रैल 2014 को आएगा। हालांकि वर्ष 2012 में ग्रहण लगेंगे पर भारत में एक भी दिखाई नहीं देगा। इसके पहले 2010 में 21 दिसंबर को खग्रास चंद्रग्रहण था।

जानिए किस राशि पर प्रभाव पड़ेगा

लाभ - कर्क, सिंह, धनु, मीन

हानि - मेष, वृषभ, मिथुन, तुला, वृश्चिक

सामान्य - कन्या, मकर, कुंभ

ये असर होगा : चंद्रग्रहण रोहिणी नक्षत्र में होने से रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले बालक शारीरिक, मानसिक कमजोर हो सकते हैं। प्रभाव से बचने के लिए जन्म के तुरंत बाद बच्चों को चांदी का चंद्रमा पहनाएं।

खग्रास ग्रहण किसे कहते हैं-

खग्रास ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया से पूरा चंद्रमा ढंक जाता है जबकि खंडग्रास ग्रहण उसे कहते है जब ग्रहण के समय चंद्रमा का एक हिस्सा छाया में आने से बच जाता है।

..तो फिर पति-पत्नी बनकर रहने लगेंगी दो महिलाएं!

अम्बाला. चंडीगढ़.अम्बाला में दो महिलाओं की आपस में शादी के बाद सुरक्षा दिए जाने के सवाल पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह की वैधता पर एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) को नियुक्त किया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब अदालत समलैंगिक विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट के परिप्रेक्ष्य में सुन रही है।

शुक्रवार को इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है। ऐसे में इसे अवैध माना जाए और शादी को किसी तरह से स्वीकार नहीं किया जाए।

अम्बाला पुलिस की तरफ से कहा गया कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। दोनों महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उनके परिवार वाले उनकी शादी के खिलाफ हैं। इसी सिलसिले में उन्हें मारने के लिए परिवार वालों ने कांट्रेक्ट पर हत्यारों से संपर्क भी किया।

याचिका में मांग की गई कि उनके जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा के सवाल पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि याचियों को अधिकार है कि वे अपनी सुरक्षा की मांग करें लेकिन उनकी शादी को सही नहीं ठहराया जा सकता। दोनों महिलाओं की तरफ से याचिका में कहा गया कि वे अपने पति से अलग रह रही हैं। तीन साल पहले उनकी दोस्ती हुई जो प्यार में तबदील हो गई। बीते एक साल से वे दोनों पति पत्नी की तरह रह रही हैं। परिवार वालों को उनका यह रिश्ता मंजूर नहीं है और उन्हें मरवाने की कोशिशें की जा रही हैं।

सोशल साइट्स पर महाबहस, कुछ अच्छी तो कुछ बुरी बातें हुई 'सरेआम'!

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इंदौर. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के बयान के बाद सोशल साइट्स की सेंसरशिप पर देशभर में कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। इसे फ्रीडम से जोड़कर भी देखा जा रहा है। टॉक शो में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों तरह की बातें सामने आई।

कोई भी फेसबुक से दूर नहीं होना चाहता। ज्यादातर का कहना है सोशल नेटवर्किग पर सभी उम्र के यूजर हैं। आपत्तिजनक सामग्री हटाने के लिए कड़े नियम बनाने की जरूरत नहीं। इसके लिए सिक्यूरिटीज और कानून पहले से मौजूद है। सोशल वेबसाइट्स यूजर से चलती है जो पसंद नहीं है उसे हमेशा के लिए इग्नोर किया जा सकता है।

डिटेक्टर लगाए जाएं

नेटवर्किग साइट्स की सामग्री पर क्या हो और क्या नहीं यह तय करने के लिए युवाओं ने कई सजेशन दिए। किसी ने कहा इंटेलीजेंट प्रोग्रामिंग पर काम हो रहा है। ऐसी प्रोग्रामिंग कर दें जिससे कमेंट्स, फोटो, ऑडियो-वीडियो फिल्टर्स से होकर गुजरें। इसके बाद ही वेबसाइट पर अपलोड हो। ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह फोन पर आपत्तिजनक कीवर्ड बोलते ही कॉल रिकार्ड होने लगता है उसी तरह सोशल साइट्स पर डिटेक्टर लगा दिए जाएं।

यह है फेसबुक की स्थिति

800 मिलियन एक्टिव यूजर
25 मिलियन इंडिया यूजर
50 फीसदी हर रोज लॉगइन होते है
130 फ्रेंड औसतन प्रति यूजर
70 से ज्यादा भाषा साइट पर
350 मिलियन यूजर मोबा. से अपडेट करते हैं
48 फीसदी यूजर 18 से 24 साल के

पहले यह किया था

ब्लैकबेरी पर पाबंदी- सरकार ने ब्लैकबेरी से कहा था कि संदेशों की जानकारी नहीं दी तो भारत में कारोबार बंद कर देंगे।
छह देशों में फेसबुक पर रोक- चीन, पाक, बांग्लादेश, ईरान, उज्बेकिस्तान और वियतनाम।

युवाओं ने कहा स्वस्थ बहस से निकले हल

> भारत में बच्चे भी नेट यूजर हैं। ज्ञान अच्छा है, लेकिन उसकी अति बुरी है। -धर्मेद्र गुर्जर

> अश्लीलता को रोका नहीं जा सकता। सेंसर के बजाय बैन होना चाहिए। -स्वप्निल तिवारी

> सेंसर उचित नहीं। इसका हल स्वस्थ बहस के माध्यम से निकालना चाहिए।-आकांक्षा शर्मा

> सोशल नेटवर्किग साइट ने ही ट्यूनीशिया और इजिप्शियन को आजाद करवाया। -अक्षय इंगले

> ऐसी तकनीक उपलब्ध है जिससे गलत शब्दों के अपलोड रोके जा सकते हैं। -नोबेल जेवियर

> बच्चे को समझाना होगा। साइट्स पर कंट्रोल किया जाना चाहिए। - दीपेश अग्रवाल

> सेंसर आम आदमी की अभिव्यक्ति को समाप्त करने जैसा है। -अभिषेक रघुवंशी

> देश की 15 फीसदी आबादी नेट यूजर है। बैन या सेंसर लगाना गलत होगा। -दीपक पंवार

> नेताओं के विरोध में साइट्स पर आपत्तिजनक चीजें लिखना गलत है। -अनुभव गंगवाल

> पुराने कानून का उपयोग नहीं हो रहा तो नए की क्या आवश्यकता है। -गगन और राम बजाड़

> सेंसर का रास्ता ठीक नहीं। गलत पोस्ट कम करने के प्रयास करना होंगे। - राजेश शर्मा

> सेंसर नहीं होना चाहिए। जो हो रहा है वह लिमिट में है, बस इसे फिल्टर किया जाए।- मनस्वी पाटीदार, विजय मूलचंदानी

> सोशल नेटवर्किग साइट्स का मकसद ही समाज से जुड़कर नॉलेज शेअर करना है तो यह मायने नहीं रखता कि नॉलेज किस तरह का है। मॉनिटरिंग हो लेकिन लिमिट में। सभी यूजर से निष्कर्ष निकालने के बाद ही एक स्टैंडर्ड पैमाने पर निगरानी करना ठीक होगा। - नेहा खान और गुंजन, हर्षित जैन, पूजा रेनीवाल

पांच साल के बच्चे भी फेसबुक पर

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. वी.एस. पाल ने कहा अब तो पांच साल के बच्चे भी इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। बिना अच्छा-बुरा जाने नेटवर्किग साइट्स से जुड़ रहे हैं। साइट्स का उद्देश्य पूरा करने वालों के लिए यह फायदेमंद है लेकिन इसकी लत से परेशानी हो सकती है।

पाबंदी से हो सकते हैं गलत असर

न्यू जीडीसी की साइकोलॉजी विषय की प्रोफेसर खालिदा दधाले ने कहा आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वाले मानसिक समस्या के यूजर होते हैं। दरअसल जिस चीज पर पाबंदी लगाई जाती है वह और ज्यादा होने लगती है। बच्चों पर पाबंदी लगाएंगे तो इसका असर कहीं और देखने को मिलेगा।

आप ही कंट्रोलर तो सेंसर क्यों

आईटी एक्सपर्ट शशांक चौरे का कहना है सभी सोशल साइट्स पर पहले से ऐसे फायर वॉल, सॉफ्टवेयर और फिल्टर लगे हैं। सोशल नेटवर्किग साइट्स पर अपनी प्रोफाइल के हम खुद ऑनर होते हैं। यदि कोई आपत्तिजनक सामग्री नजर आती है तो उसे हमेशा के लिए इग्नोर कर सकते हैं।

शिक्षा मंत्री को आया गुस्सा और न जाने क्या-क्या बोल गए!

जयपुर.शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा प्रदेश में साक्षरता के लक्ष्य, क्रियान्वयन में हो रही चूक से अधिकारियों पर इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने साक्षरता बैठक में ही कह दिया कि विभाग में कैसे-कैसे नमूने भर्ती कर रखे हैं।

यदि यही हाल रहे तो लक्ष्य समय पर पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। जालोर, पाली, झुंझुनू, डूंगरपुर व बारां के जिला साक्षरता अधिकारियों को उन्होंने नोटिस जारी करने और बाड़मेर के साक्षरता अधिकारी को तत्काल हटाने के निर्देश जारी कर दिए।

शिक्षा संकुल में ‘साक्षर भारत योजना’ की समीक्षा बैठक के दूसरे दिन भी शिक्षामंत्री का गुस्सा अधिकारियों पर उतरता रहा। शर्मा ने कहा कि किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन्हें गलती की सजा भुगतनी पड़ेगी।

डूंगरपुर के साक्षरता अधिकारी को किताबों का वितरण, निरक्षरों के पंजीकरण की चाही गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर डांट खानी पड़ी। जालोर के अधिकारी ने जब प्रेरकों की ट्रेनिंग और साक्षरता में ग्रामीणों की भागीदारी को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो मंत्री ने यहां तक कहा कि कैसे-कैसे नमूने भर्ती कर रखे हैं विभाग में।

इस योजना के तहत मार्च में एक साथ राज्य में होने वाली साक्षरता परीक्षा में 10 लाख परीक्षार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। परीक्षा में निर्धारित लक्ष्य से अधिक लगभग 13 लाख परीक्षार्थियों को शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। सभी सांसद, जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक, जिला प्रमुख एवं प्रधानों से योजना के निरीक्षण में सहयोग लिया जाएगा।

शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने कहा कि साक्षर भारत योजना की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में किए गए प्रयासों के कारण भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे तथा इससे अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने महिला साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि एक महिला अगर साक्षर होती है तो वह दो परिवारों को साक्षर करती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं जिलों में जाकर साक्षर भारत योजना की मॉनिटरिंग करेंगी।

रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग का 70 फीसदी काम पूरा

साक्षरता निदेशक मधुसूदन शर्मा ने बताया कि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन व ट्रेनिंग का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पठन-पाठन पुस्तकों की सभी स्थानों पर खरीद हो चुकी है तथा इनके वितरण की प्रक्रिया जारी है।

बैठक में बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जालोर, झुंझुनू, पाली, सिरोही एवं उदयपुर के कामों की समीक्षा की गई। संबंधित जिलों से आए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी, राज्य संदर्भ केन्द्र जयपुर, जोधपुर के निदेशक एवं जनशिक्षण संस्थानों के निदेशक भी मौजूद थे।

आज दिल्ली पहुंचेंगे अन्ना, कल जंतर-मंतर पर अनशन


रालेगण सिद्धि. गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे शनिवार को ही दिल्ली पहुंच जाएंगे। अन्ना रविवार को जंतर-मंतर पर एक दिन का अनशन करेंगे। अन्ना के इस अनशर की खास बात नेताओं से वाद-विवाद होगा। टीम अन्ना ने बीजेपी, लेफ्ट, कांग्रेस समेत तमाम दलों को इस लोकपाल पर जनता के सामने होने वाली इस बहस में शामिल होने का न्यौता दिया है। यदि कांग्रेस से कोई प्रतिनिधि बहस में नहीं पहुंचा तो उनके लिए कुर्सी खाली छोड़ी जाएगी। भाजपा बहस में पहुंचने का मन बना चुकी है।

दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना के अनशन के साथ-साथ ही इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने देशभर में एक दिन का अनशन आयोजित किया है। देशभर के कई शहरों और कस्बों में भी अनशन और लोकपाल पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

इससे पहले लोकपाल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट ने नाराज अन्‍ना हजारे ने शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने आरोप लगाया है कि सरकार भ्रष्‍टाचार मिटाने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया।

अन्‍ना ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने लिखकर दिया कि वो लोकपाल चाहते हैं। पीएम यदि चाहते तो मजबूत लोकपाल ला सकते थे। ऐसा कमजोर प्रधानमंत्री होना देश के लिए खतरनाक है।' हालांकि अन्‍ना ने यह भी कहा, 'लेकिन अकेले प्रधानमंत्री क्‍या करेंगे। प्रधानमंत्री भ्रष्‍टाचार से लड़ने को गंभीर हैं लेकिन राहुल गांधी 'दखल' दे रहे हैं।’ हजारे ने कहा है कि राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि भ्रष्टाचार रुके। उनका कहना है कि सरकार पर राहुल गांधी का दबाव है।

अन्‍ना हजारे ने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिंदबरम और मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्‍बल पर लोकपाल मसले को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मजबूत बिल लाने के मुद्दे को जटिल बनाने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, 'हम कपिल सिब्‍बल के चुनाव क्षेत्र में उनके खिलाफ अभियान चलाएंगे।' अन्‍ना ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट को स्‍वीकार करने के लिए स्‍टैंडिंग कमेटी के सदस्‍यों पर बेवजह दबाव डाल रहे हैं।

अन्‍ना हजारे ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में यह बात कही। अन्‍ना की यह प्रतिक्रिया लोकपाल बिल का ड्राफ्ट संसद के पटल पर रखे जाने के तुरंत बाद आई। अन्‍ना ने कहा, ‘आप केवल सरकारी लोकपाल के ड्राफ्ट पर ही क्‍यों चर्चा करना चाहते हैं? इसका मतलब आप इस मसले को लेकर गंभीर नहीं हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्‍या टीम के सदस्‍यों का उन पर नियंत्रण है, अन्‍ना ने कहा, ‘मेरे बाल धूप से नहीं पके हैं, अनुभव से पके हैं।’ टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर उठने वाले सवालों पर अन्‍ना ने कहा, ‘हमारी टीम में कोई दोषी है तो सारी एजेंसियां आपकी (सरकार की) हैं, आप जांच करके उन्‍हें सजा दे सकते हैं।’
टीम अन्‍ना ने भी साधा निशाना
टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि अगर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू किया गया तो इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। यह सीबीआई के कामकाज पर बुरा असर डालेगी।' केजरीवाल ने ट्विट किया, 'इस रिपोर्ट से हमारा भ्रष्‍टाचार विरोधी तंत्र दो कदम पीछे चला जाएगा। हमें पूरे जोर-शोर से इसका विरोध करना चाहिए। स्‍टैंडिंग कमेटी में 30 सदस्‍य थे। दो तो कभी आए ही नहीं। 16 सदस्‍यों ने असहमति नोट तैयार किया है। इस तरह इस रिपोर्ट को 12 सदस्‍यों का समर्थन हासिल है। इनमें सात कांग्रेस से हैं। इनके आलवा लालू प्रसाद, अमर सिंह और बाकी मायावती की पार्टी से हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट की विश्‍वसनीयता संदेह से परे नहीं है।'

केजरीवाल ने कहा, ‘कमेटी कहती है कि एनजीओ इसके दायरे में आने चाहिए, कंपनियां इसके दायरे में आनी चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री और सांसद इसके दायरे में नहीं आएंगे, चपरासी इसके दायरे में नहीं आएंगे तो फिर इसके दायरे में आएगा कौन? सरकार ने एक बार फिर देश की जनता को धोखा दिया है। मैं देश के तमाम लोगों से अपील करता हूं वो रविवार को फिर से जंतर-मंतर पर आएं।’

किरण बेदी ने ट्विटर पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, 'सीबीआई को लोकपाल के दायरे से बाहर रखकर नुकसान किया जा चुका है। अब लोकपाल बनाने का ही क्या औचित्य है? क्या संसद इसे पलटेगी?'

टीम अन्‍ना के सदस्‍य प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि लोकपाल बिल से भ्रष्टाचार कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ेगा। उन्‍होंने कहा, 'हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देश के लोगों के ये बताएं कि स्टैंडिंग कमेटी ने कैसा बिल बनाया है। हमें भरोसा है कि देश की राजनीतिक पार्टियां संसद में स्टेंडिंग कमेटी द्वारा पेश बिल को नकार देंगी और जनहित में मजबूत जनलोकपाल लाएंगी।'

भूषण ने कहा, 'यदि संसद ने मजबूत लोकपाल बिल नहीं पास किया तो हम फिर से प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस बार प्रदर्शन लोकपाल तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि हमारे लोकतंत्र की बाकी खामियों को भी इसमें समाहित किया जाएगा।' टीम के सदस्य कुमार विश्वास ने इसे बेहद कमजोर लोकपाल ड्राफ्ट करार दिया है।
संसद की स्थायी समिति ने राज्यसभा में शुक्रवार को लोकपाल बिल पर अपनी 258 पेज की रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी लोकपाल कानून के दायरे से बाहर रखने की पेशकश की गई है । लेकिन संसद की स्थायी समिति की सभी सिफारिशों से समिति के आधे से ज़्यादा सदस्य सहमत नहीं है। इस रिपोर्ट के साथ 16 असहमति पत्र भी संसद में पेश किए गए हैं। इनमें से तीन चिट्ठियां तो कांग्रेसी सांसदों की हैं। कांग्रेस के तीनों सांसद 57 लाख कर्मचारियों को लोकपाल कानून से बाहर रखने से असंतुष्ट हैं।

केवल दांत देखें और जानिए सामने वाले का कैरेक्टर कैसा है...


ज्योतिष एक शास्त्र है जो व्यक्ति के हाव-भाव और शरीर की बनावट को देखकर ही बता सकता है कि सामने वाला इंसान कैसा है... केवल दांत को ही ध्यान से देखा जाए तो मालुम किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति का चरित्र कैसा है, उसका जीवन स्तर कैसा है, उसकी सोच कैसी है...

एक मुस्कान किसी को भी सम्मोहित करने के लिए काफी है। दांत देखकर भी आप सहज ही किसी भी व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र के बारे में अनुमान लगा सकते हैं। मुस्कुराने पर दांत और मसूड़े दिखाई देते हैं जिनसे आप उस व्यक्ति के चरित्र के संबंध में काफी कुछ समझ सकते हैं।
- जिस व्यक्ति के दांत सीधे और सपाट रेखा में होते हैं तो वह व्यक्ति धनवान होता है।
- काले आड़े-तेड़े दांत वाले व्यक्ति अपना हित सोचने वाले होते हैं ऐसे लोग दोहरे स्वभाव के होते है।
- बत्तीस दांत वाले व्यक्ति भाग्यवान होते है और उनकी बोली गई बातें अधिकतर सच होती हैं।
- जिस व्यक्ति के दांत एक दूसरे से अलग-अलग होते हैं तो वह व्यक्ति दूसरों के धन पर ऐश करते हैं।
- जिनके मसूड़े काले होते हैं वो बहुत चतुराई से अपना काम निकालने वाले होते हैं, साथ ही ऐसे लोग झगड़ालु स्वभाव के होते हैं।
- जिन लोगो के दांत टेड़े मेड़े होते हैं, वे खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं, वे हर पल को जीने मे विश्वास करने वाले होते हैं।
- यदि किसी लड़की के दांत के ऊपर दांत है तो वह अपने जीवन साथी को उंगुलियों पर नचाती है।
- जिन स्त्रियों के दांत ऊंचे होते हैं, वे तर्क देने वाले होती हैं इनसे तर्क में जीतना कठिन होता हैं।

बादाम के आयुर्वेदिक प्रयोग: सर्दी में इन्हें अपनाकर पाएं तलवार सा तेज दिमाग




उम्र चाहे कोई भी हो भूलने की समस्या आजकल बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब में देखी जा सकती है। खान-पान मौसम के अनुसार न होने के कारण व अत्याधिक काम के बोझ के कारण याद्दाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है। हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है लेकिन अब आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बादाम के ये आयुर्वेदिक प्रयोग अपनाकर आप भी इस बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।

- भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाएं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

- बादाम की छिलका रहित गिरी 100 ग्राम को गाय दूध 200 ग्राम में अच्छी तरह पीस लें। इसमें 400 ग्राम मिश्री मिलाएं और कलईदार या स्टील के पात्र में धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक पकाएं। फिर नीचे उतार कर चौड़े मुंह वाले पात्र में भरकर खूब घोंटे। जब ये श्वेत रंग का तैयार खमीरा खूब गाढ़ा हो जाए तब इसमें चांदी के वर्क तथा दस ग्राम छोटी इलायची का महीन चूर्ण मिला दें। ठण्डा होने पर कांच की बरनी में भर दें। इस प्रकार तैयार खमीरा बादाम की 10 से 30 ग्राम तक मात्रा प्रात: सेवन करते रहे दिमागी कमजोरी दूर हो जाती है।

- सात बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन बार उबाल लें। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडा कर पीएं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।

- एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें।

New Twitter दे सकता है Facebook को मात

हर कोई न्यू ट्विटर की बात कर रहा है.. जस्टिन वीवर थोड़ा कन्फ्यूजड है तो फेसबुक के सीईओ इसे आईफोन पर देखने के बाद बेहतर बता रहे हैं। साथ ही एक बड़ा सवाल यह उभरकर आ रहा है कि क्या न्यू ट्विटर सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक को मात दे सकता है?

इस प्रश्न का उत्तर समय देगा लेकिन कुछ ऐसी बाते हैं जो न्यू ट्विटर की नई डिजाइन के बारे में सोचने पर जोर देती है:

1. ट्विटर अब कुछ कुछ सोशल नेटवर्कवेबसाइट की तरह दिख रहा है। नए फीचर में सोशल इंटरेक्शन और ब्रांड पेज के जुड़ने सेट्विटर पहले से अधिक बेहतर हुआ है।

2. ट्विटर अपनी पहचान सूचना के नेटवर्क के रुप में विकसित कर रहा है जबकि फेसबुक ने अपनी पहचान सामाजिक ग्राफ के रुप में बनाई है। लेकिन फेसबुक ने रियल टाइम फीचर को जोड़कर अपनी इस कमी को पूरी करने की कोशिश की है।

3. लेकिन ट्विटर ने वीडियो शेयरिंग, फोटो गैलरी के साथ ही अब जो प्रोफाइल पेज को और बेहतर सुविधा दी है वह इसका पाइंट-प्वाइंट बन गया है। इस प्रोफाइल पेज के माध्यम से यूजर अपने बारे में संसार को अधिक से अधिक बातें बता सकता है।

4 नए ट्विटर ने रिट्वीट, फॉलोविंग और फेवरेटिंग का कनेक्शन जोड़कर लोगों को आपस में खोजने और जुड़ने का जो डिस्कवर सेक्शन बनाया है वह काम कर सकता है।

ट्विटर को कौन नहीं जानता? लेकिन आपके लिए ट्विटर से जुड़ी जानने लायक अगर कोई नई बात है तो उसका नयापन। ट्विटर कुछ नया हो गया है और उसकी डिजाइन में बदलाव किया गया है।

होम : अब आप अपने ट्विटर के होमपेज पर वीडियो, पूरी न्यूज स्टोरी को संपूर्ण रुप से एक जगह पर देख सकते हैं। अब आप सूचनाओं को पहले की अपेक्षा अधिक तेजी के साथ देख सकते हैं।

कनेक्ट :यहां आपका यूजर नेम ही सबसे बड़ी पहचान बनने जा रहा है। अब यहां आप अपने ट्वीट से जुड़ी समस्त बातें आसानी से जान सकते हैं। आपके ट्वीट पर दूसरे लोगों ने किस तरह का एक्शन लिया है , आपको कौन फालो कर रहा है, या आपको कौन रिट्वीट कर रहा है या फिर कौन पसंद कर रहा है आप आसानी से यहां जान सकते हैं।

डिस्कवर :इसे पहले की अपेक्षा और बेहतर बनाया गया है अब आप कुछ भी सर्च करेंगे तो उससे जुड़ी संपूर्ण सूचना अधिक मात्रा में मिलेगी।

प्रोफाइल पेज :यहां आप अपने आप से जुड़ी समस्त बातें और भी बेहतर अंदाज में बता सकते हैं।

ट्विट बटन :इससे तो आप अच्छी तरह जानते है क्योंकि इसकी मदद से ही तो आप अपने संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं। आप अपने मोबाइल से या डेस्कटॉप से अपने संदेश भेजने के साथ ही वीडियो और न्यूज स्टोरी को लिंक कर सकते हो।

अस्पताल में आग: 73 की मौत! रेडिएशन का भी खतरा


कोलकाता. कोलकाता के एएमआरई अस्पताल में लगी भीषण में मरने वालों की तादाद बढ़कर 73 हो गई है। आग की चपेट में आकर अस्‍पताल के तीन कर्मचारी भी मारे गए हैं। आग पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया है। लेकिन अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। आग के चलते अस्पताल में रेडिएशन का खतरा हो गया है। आग बेसमेंट में लगी थी और उसका सबसे ज़्यादा असर बेसमेंट में ही हुआ है।

अस्पताल का रेडियोलॉजी विभाग बेसमेंट में ही था। आग की चपेट में रेडियोएक्टिव तत्व के आने की आशंका के चलते रेडिएशन का खतरा बढ़ा है। इसे देखते हुए रेडिएशन एक्सपर्ट को बुलाया गया। 32 लोगों की टीम कोलकाता पहुंच चुकी है। इसमें भाभा परमाणु केंद्र के विशेषज्ञ भी कोलकाता पहुंच चुके हैं। हालांकि, एनडीआरएफ ने इस बात से इनकार कर दिया है कि अस्पताल में रेडिएशन का खतरा है।

अस्पताल के मालिक आरएस गोयनका और निदेशक एसके तोडी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अस्पताल ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस हादसे पर शोक जताया है। उन्‍होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है।

आग लगने के बाद दमकल की 25 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम किया। आग के चलते पूरे अस्पताल में धुआं भर गया। अस्पताल के शीशे तोड़ दिए गए ताकि कमरों से धुआं बाहर निकाल सके । धुएं की वजह से बचावकर्मी शुरुआत में आधे घंटे तक अस्पताल के भीतर ही नहीं जा पाए। आग तड़के पौने चार बजे निजी अस्पताल के बेसमेंट में लगी। शुरुआती आकलन के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी।

जब आग लगी उस समय 160 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल से बाहर लाए गए मरीजों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अस्पताल में सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट को खाली रखने की जगह सामान से भर दिया गया था। आग फैलने की बड़ी वजह बेसमेंट में मौजूद मेडिकल स्टोर और गैस सिलेंडरों को माना जा रहा है (

इस हादसे से नाराज लोगों ने मौका मुआयना करने पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेर लिया। इसके बाद पुलिस को इन लोगों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के शिकार ज़्यादातर लोग मरीजों के परिजन हैं। इस हादसे का जांच कर रहे दमकल विभाग ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल ने आग से बचाव के लिए जरूरी उपाय नहीं किए और सुरक्षा के कई मापदंडों की अनदेखी की है। दमकल विभाग की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर अस्‍पताल का आदेश रद्द कर दिया गया। बनर्जी के आदेश के बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने इस हादसे पर कहा, 'सरकार यह जानकर हैरान है कि अस्पताल में सुरक्षा के मानकों की परवाह नहीं की जा रही थी। सबसे ज़्यादा हैरानी की बात यह है कि जब राहत का काम चल रहा था, उस समय अस्पताल प्रबंधन मौके से भाग निकला।'

कांग्रेस की वेबसाइट पर सोनिया गांधी की अश्लील तस्वीर!

नई दिल्ली. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के जन्मदिन पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया गया। हैकरों ने वेबसाइट पर पोस्ट सोनिया गांधी की तस्वीर से भी छेड़छाड़ करके उसपर अश्लील संदेश लिख दिया। शुक्रवार को ही सोनिया गांधी 65 वर्ष की हुई हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने इंटरनेट पर प्रसारित सामग्री पर नजर रखने के लिए इंटरनेट कंपनियों से कहा थ। भारत सरकार के इस कदम का इंटरनेट जगत में काफी विरोध भी हुआ था। खासतौर से कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें के साथ होने वाली छेड़छाड़ के प्रति सरकार ने नाराजगी दिखाई थी। वेबसाइट हैक करने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारिक वेबसाइट हैक होने की भनक लगते ही कांग्रेस पार्टी ने वेबसाइट को बंद कर दिया है।

कांग्रेस की वेबसाइट को पाकिस्तान साइबर आर्मी नाम के ग्रुप ने हैक किया है। यह ग्रुप इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित भारतीय वेबसाइटों को हैक करने का दावा कर चुका है।

अन्‍ना का हमला: देश के लिए खतरनाक हैं मनमोहन

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रालेगण सिद्धि. लोकपाल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट ने नाराज अन्‍ना हजारे ने कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने आरोप लगाया है कि सरकार भ्रष्‍टाचार मिटाने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया।

अन्‍ना ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने लिखकर दिया कि वो लोकपाल चाहते हैं। पीएम यदि चाहते तो मजबूत लोकपाल ला सकते थे। ऐसा कमजोर प्रधानमंत्री होना देश के लिए खतरनाक है।' हालांकि अन्‍ना ने यह भी कहा, 'लेकिन अकेले प्रधानमंत्री क्‍या करेंगे। प्रधानमंत्री भ्रष्‍टाचार से लड़ने को गंभीर हैं लेकिन राहुल गांधी 'दखल' दे रहे हैं।’ हजारे ने कहा है कि राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि भ्रष्टाचार रुके। उनका कहना है कि सरकार पर राहुल गांधी का दबाव है।

अन्‍ना हजारे ने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिंदबरम और मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्‍बल पर लोकपाल मसले को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मजबूत बिल लाने के मुद्दे को जटिल बनाने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, 'हम कपिल सिब्‍बल के चुनाव क्षेत्र में उनके खिलाफ अभियान चलाएंगे।' अन्‍ना ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट को स्‍वीकार करने के लिए स्‍टैंडिंग कमेटी के सदस्‍यों पर बेवजह दबाव डाल रहे हैं।

अन्‍ना हजारे ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में यह बात कही। अन्‍ना की यह प्रतिक्रिया लोकपाल बिल का ड्राफ्ट संसद के पटल पर रखे जाने के तुरंत बाद आई। अन्‍ना ने कहा, ‘आप केवल सरकारी लोकपाल के ड्राफ्ट पर ही क्‍यों चर्चा करना चाहते हैं? इसका मतलब आप इस मसले को लेकर गंभीर नहीं हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्‍या टीम के सदस्‍यों का उन पर नियंत्रण है, अन्‍ना ने कहा, ‘मेरे बाल धूप से नहीं पके हैं, अनुभव से पके हैं।’ टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर उठने वाले सवालों पर अन्‍ना ने कहा, ‘हमारी टीम में कोई दोषी है तो सारी एजेंसियां आपकी (सरकार की) हैं, आप जांच करके उन्‍हें सजा दे सकते हैं।’
टीम अन्‍ना ने भी साधा निशाना
टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि अगर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू किया गया तो इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। यह सीबीआई के कामकाज पर बुरा असर डालेगी।' केजरीवाल ने ट्विट किया, 'इस रिपोर्ट से हमारा भ्रष्‍टाचार विरोधी तंत्र दो कदम पीछे चला जाएगा। हमें पूरे जोर-शोर से इसका विरोध करना चाहिए। स्‍टैंडिंग कमेटी में 30 सदस्‍य थे। दो तो कभी आए ही नहीं। 16 सदस्‍यों ने असहमति नोट तैयार किया है। इस तरह इस रिपोर्ट को 12 सदस्‍यों का समर्थन हासिल है। इनमें सात कांग्रेस से हैं। इनके आलवा लालू प्रसाद, अमर सिंह और बाकी मायावती की पार्टी से हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट की विश्‍वसनीयता संदेह से परे नहीं है।'

केजरीवाल ने कहा, ‘कमेटी कहती है कि एनजीओ इसके दायरे में आने चाहिए, कंपनियां इसके दायरे में आनी चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री और सांसद इसके दायरे में नहीं आएंगे, चपरासी इसके दायरे में नहीं आएंगे तो फिर इसके दायरे में आएगा कौन? सरकार ने एक बार फिर देश की जनता को धोखा दिया है। मैं देश के तमाम लोगों से अपील करता हूं वो रविवार को फिर से जंतर-मंतर पर आएं।’

किरण बेदी ने ट्विटर पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, 'सीबीआई को लोकपाल के दायरे से बाहर रखकर नुकसान किया जा चुका है। अब लोकपाल बनाने का ही क्या औचित्य है? क्या संसद इसे पलटेगी?'

टीम अन्‍ना के सदस्‍य प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि लोकपाल बिल से भ्रष्टाचार कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ेगा। उन्‍होंने कहा, 'हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देश के लोगों के ये बताएं कि स्टैंडिंग कमेटी ने कैसा बिल बनाया है। हमें भरोसा है कि देश की राजनीतिक पार्टियां संसद में स्टेंडिंग कमेटी द्वारा पेश बिल को नकार देंगी और जनहित में मजबूत जनलोकपाल लाएंगी।'

भूषण ने कहा, 'यदि संसद ने मजबूत लोकपाल बिल नहीं पास किया तो हम फिर से प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस बार प्रदर्शन लोकपाल तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि हमारे लोकतंत्र की बाकी खामियों को भी इसमें समाहित किया जाएगा।' टीम के सदस्य कुमार विश्वास ने इसे बेहद कमजोर लोकपाल ड्राफ्ट करार दिया है।
संसद की स्थायी समिति ने राज्यसभा में शुक्रवार को लोकपाल बिल पर अपनी 258 पेज की रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी लोकपाल कानून के दायरे से बाहर रखने की पेशकश की गई है । लेकिन संसद की स्थायी समिति की सभी सिफारिशों से समिति के आधे से ज़्यादा सदस्य सहमत नहीं है। इस रिपोर्ट के साथ 16 असहमति पत्र भी संसद में पेश किए गए हैं। इनमें से तीन चिट्ठियां तो कांग्रेसी सांसदों की हैं। कांग्रेस के तीनों सांसद 57 लाख कर्मचारियों को लोकपाल कानून से बाहर रखने से असंतुष्ट हैं।

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