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12 दिसंबर 2011

घबरा गयी कोटा की पुलिस लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ अब तक

जी हां दोस्तन कोंगरे के तीन साल का राजस्थान में कार्यकाल कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने और विकास का दावा लेकिन नतीजे के नाम पर सिफर ॥ बात आंकड़ों की है अभी हाल ही में फेसबुक पर कोंग्रेस के नेताओं का अपमान मान मर्दन और अश्लीलता भरे चित्र प्रदर्शित किये गये । कोई रोकने वाला नहीं था दिल्ली में पत्र लिखा दिल्ली हिली और सोशल साइटों पर कंट्रोल का एलान क्या गया फिर भी फेस्बोक पर यह अपराध निरंतर जारी है अभी हाल ही में एक शख्स ने मेरी आई डी पर एक चित्र भेजा जिस पर प्रधानमन्त्री राहुल गाँधी और पी चिदम्बरम के चेहरे एक नग्न अश्लीलता करते हुए धड पर लगा दिए गये थे ..मेने इसकी शिकायत जरिये ई मेल तुरंत कोंग्रेस के सरकार के मुख्यमंत्री जी को की उनके पास गृह मंत्रालय भी है फिर कोई बात नहीं बनी तो मेने डाक से आई जी कोटा और केठुनिपोल थाने को इसकी लिखित शिकायत की पत गया मेरे पास थाने से फोन आया मेने जाकर तस्दीक की के यह शिकायत मेने ही की है कार्यवाही होना चाहिए किस कानून के तहत कार्यवाही होगी वोह बताया गया थाने पर पता चला के सी आई साहब छुट्टी पर है इसलियें मुकदमा तो उनके आने के बाद ही दर्ज होगा मेने उप अधीक्षक जी को फोन मिलाया उनसे चर्चा की उन्होंने कहा के देख लो आज शाम को सी आई साहब छुट्टी से आ जायेंगे तब कार्यवाही करते है अजीब बात थी सी आई साहब छुट्टी पर गये थे तो थाना रोजनामचा तो थाने पर ही छोड़ गये थे लेकिन मुझे पता चला के मेरी शिकायत को फ़ुटबाल बनाया जा रहा है सभी अधिकारी कोंग्रेस के इस शासन में कोंग्रेस के ही शीर्ष नेता और खासकर प्रधानमत्री जी के अपमान के बाद भी चुप खामोश बेठे है और मुकदमा दर्ज कर ऐसे दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहे है तो जनाब ऐसा है यह सुशासन जहां एक जागुर्क वकील की शिकायत को मुख्यमंत्री की जानकारी में आने के बाद भी फ़ुटबाल बनाया जाता है में तो अदालत के जरिये मुकद्म दर्ज करा ही लूंगा लेकिन आम जनता का क्या होता होगा इस शासन में यह सोच कर में सिहर उठता हूँ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है गीता का ज्ञान

(शास्त्रविपरीत आचरणों को त्यागने और शास्त्रानुकूल आचरणों के लिए प्रेरणा)
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः।
कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्‌॥
भावार्थ : काम, क्रोध तथा लोभ- ये तीन प्रकार के नरक के द्वार ( सर्व अनर्थों के मूल और नरक की प्राप्ति में हेतु होने से यहाँ काम, क्रोध और लोभ को 'नरक के द्वार' कहा है) आत्मा का नाश करने वाले अर्थात्‌ उसको अधोगति में ले जाने वाले हैं। अतएव इन तीनों को त्याग देना चाहिए॥21॥
एतैर्विमुक्तः कौन्तेय तमोद्वारैस्त्रिभिर्नरः।
आचरत्यात्मनः श्रेयस्ततो याति परां गतिम्‌॥
भावार्थ : हे अर्जुन! इन तीनों नरक के द्वारों से मुक्त पुरुष अपने कल्याण का आचरण करता है (अपने उद्धार के लिए भगवदाज्ञानुसार बरतना ही 'अपने कल्याण का आचरण करना' है), इससे वह परमगति को जाता है अर्थात्‌ मुझको प्राप्त हो जाता है॥22॥
यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः।
न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम्‌॥
भावार्थ : जो पुरुष शास्त्र विधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परमगति को और न सुख को ही॥23॥
तस्माच्छास्त्रं प्रमाणं ते कार्याकार्यव्यवस्थितौ।
ज्ञात्वा शास्त्रविधानोक्तं कर्म कर्तुमिहार्हसि॥
भावार्थ : इससे तेरे लिए इस कर्तव्य और अकर्तव्य की व्यवस्था में शास्त्र ही प्रमाण है। ऐसा जानकर तू शास्त्र विधि से नियत कर्म ही करने योग्य है॥24॥
ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्नीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुन दैवासुरसम्पद्विभागयोगो नाम षोडशोऽध्यायः ॥16॥

कुरान का संदेश




सौ साल बाद आज आया है 13.12 आंकड़ा. .11 का खास





आज मंगलवार, 13 दिसंबर 11 है। वैसे तो यह दिन सामान्य ही है लेकिन इसमें एक खास बात अवश्य है। ये खास बात है 13.12.11 का आंकड़ा। हम आज जब भी तारिख लिखेंगे तो घटते क्रम में 13.12.11 लिखेंगे।

इस आंकड़े के साथ यदि 13.12.11 को 10 बजकर 9 मिनिट और 8 सेकंड जोड़ा जाए तो 13.12.11.10.09.08 यानि अंक 13 से घटते क्रम में 08 तक लिखा जा जाएगा। यह एक सामान्य सी बात है लेकिन यह आंकड़ा अद्भुत है। इसके पूर्व इस प्रकार की तारिख का आंकड़ा ठीक सौ वर्ष पूर्व 13 दिसंबर 1911 को बना था और आज बन रहा है।

ज्योतिष के अनुसार इन दिन बन रही ग्रह स्थिति के अनुसार सूर्य की स्वामित्व की राशि सिंह में मंगल का गोचर एवं उच्च का शनि पराक्रम भाव में होने से उच्च पद पर आसिन व्यक्तियों में उग्रता रहेगी। क्रोध की अधिकता से सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

आज लौहा, सीमेंट, पत्थर, केमिकल, चमड़ा, फर्टीलाइजर्स, अंग्रेजी दवाइयों के दामों में बढ़ोतरी होने की संभावनाएं रहेंगी। धार्मिक कृत्यों में मन नहीं लगने से मानसिक तनाव रहेगा। गुरु की राशि में स्थित शुक्र के प्रभाव से वैभव, विलासिता की ओर लोगों का रुझान रहेगा। सूर्य, बुध और राहु का मंगल के स्वामित्व की राशि वृश्चिक में होने से पेट दर्द संबंधी रोग बढऩे की संभावनाएं हैं। चंद्र मिथुन राशि में स्थित होगा, पुनवर्सु पूरे दिन होने के कारण सभी कामकाजी लोगों को उत्तम आय की प्राप्ति होगी।


ध्यान रखें इन सातों को आपका पैर नहीं लगना चाहिए...

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हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही पुण्य और पाप कर्मों के संबंध में कई आवश्यक नियम प्रचलित हैं। इन्हीं के आधार पर हमारे कर्मों को पाप और पुण्य की श्रेणी में विभाजित किया जाता है। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे कार्य बताए हैं जिन्हें पाप की श्रेणी में रखा जाता है। चाणक्य कहते हैं-

अनल विप्र गुरु धेनु पुनि, कन्या कुंवारी देत।

बालक के अरु वृद्ध के, पग न लगावहु येत।।

अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, वृद्ध और बालक, इन सातों को कभी भी हमारे पैर नहीं लगना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गाय, अविवाहित कन्या, बुजूर्ग लोग, छोटे बच्चे इन्हें किसी भी व्यक्ति का पैर लगता है तो उसे पाप का भागी होना पड़ता है। ऐसे लोगों के पुण्य कम हो जाते हैं और उन्हें दोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार अग्नि को पवित्र और देवता माना जाता है। इसी वजह से अग्नि को पैर लगना अशुभ माना गया है। इसी प्रकार गुरु, ब्राह्मण और गाय को भी पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इन्हें पैर लगने से इनका अपमान माना जाता है। इनके साथ ही कुंवारी कन्या, वृद्ध लोग और छोटे बच्चे भी सम्मान के ही पात्र होते हैं। अत: इन्हें भी हमारा पैर नहीं लगना चाहिए।

किसी भी परिस्थिति में किसी का भी अपमान करना अनुचित ही माना जाता है। इन सात लोगों को जाने-अनजाने हमारा पैर लगना या ठोकर लगना मूर्खता का ही परिचय है। अत: हमेशा ही ऐसा प्रयास करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति का अनादर हमारे द्वारा न हो। यदि भूलवश ऐसा हो जाता है तो इसके लिए तुरंत ही क्षमा याचना करना चाहिए।


ध्यान रखें इन सातों को आपका पैर नहीं लगना चाहिए...

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हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही पुण्य और पाप कर्मों के संबंध में कई आवश्यक नियम प्रचलित हैं। इन्हीं के आधार पर हमारे कर्मों को पाप और पुण्य की श्रेणी में विभाजित किया जाता है। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे कार्य बताए हैं जिन्हें पाप की श्रेणी में रखा जाता है। चाणक्य कहते हैं-

अनल विप्र गुरु धेनु पुनि, कन्या कुंवारी देत।

बालक के अरु वृद्ध के, पग न लगावहु येत।।

अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, वृद्ध और बालक, इन सातों को कभी भी हमारे पैर नहीं लगना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गाय, अविवाहित कन्या, बुजूर्ग लोग, छोटे बच्चे इन्हें किसी भी व्यक्ति का पैर लगता है तो उसे पाप का भागी होना पड़ता है। ऐसे लोगों के पुण्य कम हो जाते हैं और उन्हें दोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार अग्नि को पवित्र और देवता माना जाता है। इसी वजह से अग्नि को पैर लगना अशुभ माना गया है। इसी प्रकार गुरु, ब्राह्मण और गाय को भी पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इन्हें पैर लगने से इनका अपमान माना जाता है। इनके साथ ही कुंवारी कन्या, वृद्ध लोग और छोटे बच्चे भी सम्मान के ही पात्र होते हैं। अत: इन्हें भी हमारा पैर नहीं लगना चाहिए।

किसी भी परिस्थिति में किसी का भी अपमान करना अनुचित ही माना जाता है। इन सात लोगों को जाने-अनजाने हमारा पैर लगना या ठोकर लगना मूर्खता का ही परिचय है। अत: हमेशा ही ऐसा प्रयास करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति का अनादर हमारे द्वारा न हो। यदि भूलवश ऐसा हो जाता है तो इसके लिए तुरंत ही क्षमा याचना करना चाहिए।


सीखें, कैसे क्षमा को बनाए शांति और शक्ति का जरिया?

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व्यावहारिक जीवन के नजरिए से मन की जिन स्थितियों पर हमारी धार्मिकता और आध्यात्मिकता टिकी रहती है। उनमें आपसी मानवीय संबंध एक अहम भूमिका अदा करते हैं। किंतु आज भागदौड़ भरे जीवन में अक्सर परिवार या कार्यक्षेत्र मे आपसी संबधों में अहं, अपेक्षा या तनाव के चलते मनमुटाव व अलगाव देखा जाता है।

धर्म की दृष्टि से संबंधों में कटुता या अलगाव की टीस मानव स्वभाव में एक गुण की कमी से होती है। वह है - क्षमा या माफी। इसलिए कैसे क्षमा भाव को आसानी से जीवन में उतार शांत और शक्ति संपन्न बन रहें? जानते हैं -

धर्म के नजरिए से क्षमा एक तपस्या है और क्षमा करने वाला सही मायनों में वीर होता है। क्योंकि क्षमा भाव धर्म पालन का जरिया ही नहीं, बल्कि उसे स्थापित करने वाला भी माना गया है। इसलिए यह स्त्री-पुरुष सभी के लिये आभूषण की तरह शोभा बढ़ाने वाला भी है।

लिखा गया है कि -

क्षान्ति तुल्यं तपो नास्ति यानी क्षमा जैसा तप नहीं

दरअसल, सच्चाई और प्रेम का अभाव क्षमा में बाधक बनता है। इसलिए जरूरी है। अपने मन में दूसरों के प्रति दुर्भावनाओं, शिकायतों और कटुता को बिल्कुल जगह न दें।

मन का सदुपयोग जीवन के अहम लक्ष्यों को तक पहुंचने के लिए किया जाना चाहिये। हमें अपने संबंधों को विनम्रता और क्षमाशीलता द्वारा सहज, सरल और सुगम बनाये रखना चाहिये। इस तरह के अभ्यास से मन स्वस्थ होगा और स्वस्थ मन पर नियंत्रण आसान होगा। इसके विपरीत अगर हमारे मन में संशय, घृणा और कटुता बनी रहेगी तो मन अस्वस्थ रहेगा और उस पर नियंत्रण बहुत कठिन होगा। इसलिये क्षमा करना सीखें।

इस स्टंट को देख मौत ने भी खाया खौफ, प्लीज आप न करें ऐसा!

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600 फिट की उंचाई (मेहरानगढ़ किला जोधपुर के जयपोल का बाहरी वुर्ज), उस पर साइकिल और साइकिल पर 32 प्रकार के योग!सुनकर आश्चर्य ज़रूर होगा लेकिन राजस्थान की माटी के लाल खींवजी उर्फ़ खींवराज गुर्जर के लिए यह कोई हैरत की बात नहीं है उनके लिए ऐसे करतब दिखाना जैसे एक आम बात है, वर्ल्ड बॉडी चैम्पियनशिप में भारतीय टीम के कोच रहे और साइकिलिंग में नेशनल चैम्पियन खींवराज गुर्जर हैरत अंगेज कारनामे दिखाने वाले उन कलाकारों में शुमार हैं जो अपने रिकॉर्ड खुद बनाते हैं और खुद ही तोड़ते हैं|

टीवी के कार्यक्रम 'शाबाश इण्डिया' (2006 ) में बीएमएक्स बाइक स्टंट और बोंगो बोर्ड बैलेंसिंग के जरिये जब उन्होंने अपने हुनर का प्रदर्शन किया तो पूरे देश ने दांतों तले उंगली दबा ली| गौरतलब है की 5 दिसंबर को खींवराज जी ने अपना 63 वां जन्मदिवस मनाया है| 1948 में जन्मे खींवराज वृद्धावस्था की दहलीज पर कदम रख चुके हैं लेकिन उनका अदम्य साहस और मौत को चुनौती देने वाले ये करतब आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं!

मलखान के प्यार में डूबी थी भंवरी, मैं तो सिर्फ कहने का पति था'!

जोधपुर.भंवरी के पति अमरचंद ने सीबीआई की पूछताछ में बताया है कि मलखान का पूरा परिवार भंवरी को मलखान की घरवाली कहता था।

मैं तो भंवरी का सिर्फ कहने को ही पति था। मलखान से उसके काफी साल पुराने संबंध थे। मलखान के बेटे भंवरी को मां और बहन इंद्रा उसे भाभी कहती थी। भंवरी की यह डिलिवरी उम्मेद अस्पताल में हुई थी, सीबीआई गुनगुन के जन्म का पूरा रिकॉर्ड कब्जे में ले चुकी है। अमरचंद के बयानों ने मलखान की मुसीबत और बढ़ा दी है।

अमरचंद ने बताया कि बैनण ट्रांसफर कराने के दौरान मदेरणा ने भंवरी से संबंध बनाए थे। जबकि मलखान से संबंध काफी पुराने थे। भंवरी जयपुर जाती रहती थी और मदेरणा के मार्फत ट्रांसफर कराती थी। भंवरी ने मदेरणा, मलखान दोनों की सीडी बनवाई थी।

जो उसके पास थी। भंवरी ने यह कभी नहीं बताया कि वे कैसेट कहां और किसके पास रखी हैं। सुना था कि एक दिन मलखान की बहन इंद्रा सोहनलाल के साथ उसके घर आई थी। वे किस मकसद से आए थे, यह पता नहीं।

साहि‍त्‍यि‍क सांस्‍कृति‍क कला संगम अकादमी (परि‍यावाँ) द्वारा कवि‍ ‘आकुल’ और कवि रघुनाथ मि‍श्र सम्‍मानि‍‍त

साहि‍त्‍यि‍क सांस्‍कृति‍क कला संगम अकादमी (परि‍यावाँ) द्वारा कवि‍ ‘आकुल’ और कवि रघुनाथ मि‍श्र सम्‍मानि‍‍त

एक ग्रुप फोटो में उपस्थित साहित्यकार

प्रतापगढ़ 30 अक्टूबर को महाभारत के शि‍खर शांतनु, मृत्‍युंजय भीष्म और मत्स्‍यगंधा की जन्मभूमि‍ परि‍यावाँ में जो उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जि‍ले से 60 कि‍मी0 और प्रख्यात संत कृपालुजी महाराज की जन्मभूमि‍ मनगढ़ के समीप ही ग्रामीण अंचल की मनोहारी भरतभूमि‍ परि‍यावाँ में एक महान् वटवृक्ष के नीचे सादे समारोह में महामना मदनमोहन मालवीय पोषि‍त साहि‍त्यिक संस्थान ‘साहि‍त्यि‍क सांस्कृति‍क कला संगम अकादमी’द्वारा आयोजि‍त सम्मान समारोह में लगभग 80 साहि‍त्यकारों को सम्मानि‍त कि‍या गया। इस समारोह में अन्‍य संस्था‍नों यथा तारि‍का वि‍चार मंच इलाहाबाद और भारतीय वांग्मय पीठ कोलकाता द्वारा भी साहि‍त्यकारों को सम्मानि‍त कि‍या गया। अकादमी के सचि‍व श्री वृन्दायवन त्रि‍पाठी रत्नेश यह जि‍म्मेदारी 1980 से सम्हा‍ल रहे हैं और प्रति‍वर्ष यह समारोह आयोजि‍त हो रहा है, जि‍समें अभी तक 500 से भी अधि‍क साहि‍त्‍यकारों को सम्मा‍नि‍त कि‍या जा चुका है। 16 प्रान्तों से पधारे साहि‍त्यकार भारत की भाषाई एकता को एक सूत्र में पि‍रो कर सभी भेदभावों को भुला कर एक मंच के नीचे इकट्ठा हुए। इस वर्ष भी परि‍यावाँ में सभी पधारे साहि‍त्यकारों, कवि‍यों, कलाकारों को सम्मानि‍त कि‍या गया। अकादमी की ओर से यह समारोह 30वें भाषाई एकता सम्मेलन के रूप में आयोजि‍त कि‍या गया।

प्रथम सत्र में माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्‍वलन के पश्चात् भाषाई एकता पर व्याख्यांन माला का शुभारम्भ कि‍या गया। समारोह की अध्यक्षता भारतीय वांगमय पीठ कोलकाता के सचि‍व श्री श्यामलाल उपाध्याय थे और कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात साहि‍त्यकार बज-बज, कोलकाता से पधारे डॉ0 कुँवर वीर सि‍ह मार्तण्ड थे। कार्यक्रम में कोलकाता के सत्यनारायण सिंह आलोक, इम्‍फाल से श्री हुइरोम गुणीन्द्र सिंह लैकाई, वि‍जय कुमार शर्मा, मेरठ, इगलास के गाफि‍ल स्वामी, कोटा के श्री रघुनाथ मि‍श्र, संचालक श्री मार्तण्ड, अध्यक्ष श्री उपाध्याय और कई वि‍द्वानों ने भाषाई एकता पर अपने वि‍चार प्रकट कि‍ये। सभी ने एक मत हो कर कहा कि‍ संवि‍धान की अनुसूचि‍यों की भाषाओं को, राजभाषा हि‍न्दी को राष्ट्रमभाषा के रूप में पहचान बनाने के लि‍ए पहल करनी होगी। आज हि‍न्दी वि‍श्व के अनेकों वि‍श्ववि‍द्यालयों में पढ़ाई जा रही है, क्योंकि‍ व्या‍वसायि‍क दृष्टि‍ से भारतीय बाजार में पैठ बनाने के लि‍ए भारतीयों को अपना जुड़ाव पैदा करने के लि‍ए हि‍न्दी का समृद्ध होना अति‍ आवश्ययक है। दूसरे सत्र में वि‍भि‍न्ऩ सम्मानों को प्रदान कि‍या गया। समारोह में हि‍न्दी सेवा सम्मान, वि‍वेकानन्दज सम्मान, वि‍द्या वाचस्पति‍ मानद उपाधि‍, वि‍द्या वारि‍धि‍ मानद उपाधि‍, कला मार्तण्ड, हि‍न्दी गरि‍मा सम्मान,कबीर सम्मान आदि‍ प्रदान कि‍ये गये। राजस्थान से कोटा के जनकवि‍ आकुल को वि‍वेकानन्द सम्मान, श्री मि‍श्र को वि‍द्या वाचस्पति‍ की मानद उपाधि‍, रावतसर के श्री मुखराम माकड़ को सुश्री सरस्वती सिंह सुमन स्मृति‍ सम्मान, रावतभाटा से, भवानी मण्डी से राजेश कुमार शर्मा पुरोहि‍त को वि‍द्या वारि‍धि‍ मानद उपाधि‍ और अलवर के श्री सुमि‍त कुमार जैन को साहि‍त्य महोपाध्याय मानद उपाधि‍ से सम्मा‍नि‍त कि‍या गया। अन्य वि‍भूति‍यों में कोलकाता के श्री श्यामलाल उपाध्याय को साहि‍त्य महोपाध्याय, श्री अशोक पाण्डेय गुलशन को पं0 जगदीश नारायण त्रि‍पाठी स्मृति‍ सम्मान, सत्यनारायण सिंह आलोक, फ़ख़्रे आलम खाँ, मेरठ, सुश्री आशा मि‍श्रा, दति‍या, मनोज कुमार वार्ष्णेय मेरठ आदि‍ को वि‍द्या वाचस्पति‍ मानद उपाधि‍, बि‍जनौर के मनोज अबोध, गोरखपुर के अशोक कुमार नि‍र्मल, अवधेश शुक्ल, सीतापुर, पूनम शर्मा, जबलपुर आदि‍ को वि‍द्या वारि‍धि‍ की मानद उपाधि‍, सुरेश प्रकाश शुक्ल, लखनऊ, सुश्री सीमा गुप्ता, अलवर और पि‍थौरागढ़ की सुश्री शारदा वि‍दुषी को वि‍वेकानन्द सम्‍मान प्रदान कि‍या गया। मनोज कुमार वार्ष्णेय, मेरठ को पत्रकार मार्तण्ड पुरस्कार भी प्रदान कि‍या गया।

अकादमी के इस सम्मान समारोह की सहयोगी संस्थाओं तारि‍का वि‍चार मंच, इलाहाबाद और भारतीय वांगमय पीठ, कोलकाता ने अनेकों साहि‍त्यकारों को सम्मानि‍त कि‍या। वांग्मय पीठ कोलकाता द्वारा अन्‍य साहि‍त्‍यकारों के साथ आकुल व श्री रघुनाथ मि‍श्र को भी कवि‍ गुरु रवीन्द्र नाथ ठाकुर सारस्व‍त साहि‍त्य सम्मान प्रदान कि‍या गया। तारि‍का वि‍चार मंच ने श्री मि‍श्र को पं0 रामकुमार वर्मा सम्‍मान से सम्मानि‍त कि‍या। दूसरे दि‍न श्री मार्तण्ड, श्रीमि‍श्र, आकुल, श्री आलोक और श्री अकेला ने मनगढ़ स्थि्‍त जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के आश्रम जाकर प्रख्यात राधाकृष्ण मंदि‍र देखा और कृपालुजी महाराज के दर्शन कि‍ये, उनके जीवन दर्शन की चि‍त्रमय झांकी देखी और उनका योग आश्रम देखा।

बस पांच मिनट में आप पा सकेंगे काम करने की दोगुनी एनर्जी

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आजकल अत्याधिक काम के बोझ व कम नींद ले पाने के कारण कम समय में थकान हो जाना कमजोरी महसूस होना आदि एक आम समस्या है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो योगा करना आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके पास नियमित रूप से योगासन करने के लिए अधिक समय नहीं है तो इस आसन को सुबह-शाम 5 मिनट से शुरुआत कर धीरे-धीरे 15 मिनट तक समय बढ़ाते हुए रोज करें और पाएं चमत्कारिक असर।

विधि- कर्ण पीड़ासन आसन का अभ्यास एकांत व साफ-स्वच्छ जगह पर करना चाहिए। इस आसन के लिए नीचे जमीन पर दरी य चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब पूरे शरीर को ढीला छोड़ें। दोनों हाथों को दोनों बगल में कमर के पास लगाकर सीधा रखें तथा हथेलियों को नीचे की तरफ करके रखें। अब दोनों पैरों को एक साथ उठाकर धीरे-धीरे ऊपर सिर की ओर लाएं। अब दोनों पैरों को दोनो कान से सटाकर सिर के दोनों ओर रखें तथा पंजे व घुटनों को नीचे फर्श से टिकाकर रखें। इस स्थिति में कुछ देर तक रहे, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं और कुछ समय तक आराम करें। इसके बाद फिर इस क्रिया को करें। इस क्रिया को प्रतिदिन 5 बार करें।

पाकिस्तानअमेरिका के लिए अपने हवाई रास्ते को भी बंद कर सकता है



इस्लामाबाद.आतंक के खिलाफ जंग में एकदूसरे का कई सालों से सहयोग कर रहे पाकिस्तान और अमेरिका के बीच भरोसा लगातार कम होता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी ने विश्वास के इस संकट को स्वीकार करते हुए कहा है कि उनका देश अमेरिका के लिए अपने हवाई रास्ते को भी बंद कर सकता है। गिलानी ने साफ किया कि नाटो सेनाओं के लिए पाकिस्तान से गुजरने वाला सप्लाई का रास्ता अभी कुछ हफ्ते और बंद रहेगा।

गिलानी ने कहा है कि नाटो सेनाओं के लिए सप्लाई रूट तब तक बंद रहेगा जब तक आपसी सहयोग के नए नियम नहीं बना लिए जाते हैं। सप्लाई रूट बंद हुए तीन हफ्ते बीतने वाले हैं। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका ने भी बलूचिस्तान में मौजूद शम्सी एयरबेस को खाली करते समय पूरी सावधानी बरत रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने एयरबेस छोड़ने से पहले पीछे छूट रहे सभी साज-ओ-सामान जला दिए ताकि उनका किसी और तरह का इस्तेमाल पाकिस्तान न कर पाए। यह पाकिस्तान तंत्र में अमेरिका के बेहद कम भरोसे को साफ जाहिर करता है।

शम्सी एयरबेस का इस्तेमाल अमेरिकी सेना आतंकियों पर ड्रोन हमले के लिए करती थी। अब यह एयरपोर्ट पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण में है। अमेरिकी सेना की तरफ से पाकिस्तान के दो चेकपोस्ट पर किए गए हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका को शम्सी एयरबेस खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था। अमेरिका की तरफ से आखिरी विमान ने रविवार को शम्सी एयरबेस से उड़ान भरी। पिछले छूट गए साज-ओ-सामान को जलाने की कार्रवाई को अमेरिकी सेना ने 'रूटीन' कार्रवाई करार दी है।

अपने चेहरे का तेज बढ़ाना हो तो यह करें....

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किसी काम को पूरा करने के लिए कुशल पुरुषार्थ, पराक्रम और परिश्रम जब पूरी सामथ्र्य से जुट जाए, तब जीवन में तेजस्विता आती है। तेज का अर्थ यह नहीं है कि चेहरा कांतिमान हो जाए। तेज का अर्थ है हर स्थिति में व्यक्तित्व के भीतर का फोर्स काम करे, चाहे आध्यात्मिक गतिविधियां हों या सांसारिक।

आदमी के भीतर का आवेग अपना काम दिखाता है। यह आवेग जब श्रद्धा और भक्ति से जुड़ जाता है, तब तेजस्विता प्रकट होती है। तेज एक झरोखा बन जाता है और उसमें से व्यक्ति की महानता, उसकी श्रेष्ठता झरने लगती है। हनुमान भक्त रविशंकरजी रावतपुरा सरकार कहते हैं कि तेजस्विता आयु में नहीं, वृत्ति और स्वभाव में होती है। उम्र का इससे लेना-देना नहीं है।

बहुत-से लोग शरीर के मामले में बूढ़े हो जाते हैं, लेकिन बुद्धि और विवेक के मामले में उनका बचपन वहीं का वहीं रहता है। आज चूंकि हर आदमी चाहे पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़, एक अजीब-सी चालाकी अपने भीतर लाने की तैयारी में है। ऐसे समय तेजस्विता हमारे लिए सबसे बड़ा सहारा यह बनेगी कि हम पर कोई अकारण और अनुचित आक्रमण नहीं कर पाएगा और न ही हमारा शोषण हो सकेगा, क्योंकि तेजस्विता हमें अन्याय के विरुद्ध हिंसा को भी सही अर्थ देकर प्रकट करती है।

कृष्ण ने अजरुन की तेजस्विता को ही स्पर्श किया था, क्योंकि अजरुन अहिंसा के नाम पर अधर्म को बचाने के चक्कर में पड़ गए थे। तेजस्विता तन को सक्रिय रखती है और मन को विश्राम की मुद्रा में। इसलिए जो लोग मेडिटेशन से गुजरते हैं, उनके चेहरे पर तेज झलकता है।

इन महिलाओं को देख दहल गए लोग


पेटा ने जब से ऐलान किया है कि वह लोगों को जागरूक करने के पोर्न फिल्‍में बनाएगा। तब से उनके प्रदर्शन में कुछ ज्‍यादा ही न्‍यूडिटी दिख रही है। पिछले दिनों पेटा ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नई तरकीब लगाई।

पेटा के लॉन्जरी फुटबॉल लीग की प्लेयर्स से कहा है कि वे PETA के ऐंटि-फर कैंपेन के लिए भी ज़रा पोज दे दें। लॉन्जरी फुटबॉल लीग की इन हसीनाओं ने बात मान ली और स्ट्रिपिंग के लिए राजी हो गईं।

सिडनी के पार्क में फुटबॉल लीग की हसीनाओं के साथ साथ और भी लोगों ने न्‍यूड पोज दिए। जानवरों के साथ होनेवाले अत्याचार की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराने के लिए किया गया यह प्रदर्शन थोड़ी ही देर में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।

बिना कपड़ों के एक-दूसरे ऊपर लेटे हुए इन लोगों के शरीर पर बिल्कुल खून जैसे धब्बे थे। पेटा को उम्‍मीद है कि इस तरह के प्रदर्शन से लोगों की सोच बदल जाएगी।

हम दोनों जिन्दा होते।

दो महिलाओं की मुलाकात स्वर्ग में हुई. पहली – कहो बहन, तुम्हारी मौत कैसे हुई ? दूसरी – ज्यादा ठण्ड लगने के कारण. और तुम्हारी ? पहली – High Blood Pressure के कारण. बात दरअसल यह हुई कि मुझे अपने पति पर शक था. एक दिन मुझे पता चला कि वो घर में किसी दूसरी औरत के साथ हैं. मैं फ़ौरन घर पहुंची तो देखा कि मेरे पति आराम से अकेले टीवी देख रहे हैं. दूसरी – फिर क्या हुआ ? पहली – खबर पक्की थी इसलिए मुझे विश्वास नहीं हुआ. मैंने उस औरत को घर के कोने कोने में, तहखाने में, पर्दों के पीछे, गार्डेन में यहाँ तक कि अलमारी और संदूक तक में तलाश किया पर वह नहीं मिली. मुझे इतनी tension हुई कि मेरा blood pressure बहुत बढ़ गया और मेरी मौत हो गई. दूसरी – काश! तुम ने freezer और खोलकर देख लिया होता तो आज हम दोनों जिन्दा होते।

चश्माधारी नाग जिन्हें पसंद नहीं दूध, यहां तोता करता है मां को प्रसन्न!

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भारत में पाए जाने वाले चश्माधारी नाग को दूध पसंद नहीं है लेकिन भ्रमित धार्मिक श्रद्धालु अक्सर सपेरों के बहकावे में आकर इन्हें दूध पिलाने की कोशिश करते हैं। उनका मानना है कि नाग को दूध पिला कर वो भगवान को खुश कर रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि कोबरा दूध पीना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन सपेरे इन नागों के साथ बेहद क्रूर खेल खेलते हैं।

सपेरे उनके विष के दांतों को ब्लेड से काटकर हटा देते हैं और उन्हें कई-कई दिनों तक प्यासा रखते हैं। और फिर जब इन प्यासे नागों को श्रद्धालुओं के पास ले जया जाता है और ये उनके सामने दूध रखते हैं तो प्यास से व्याकुल नाग दूध पीने लगते हैं और लोग समझते हैं कि उनकी पूजा भगवान ने स्वीकार कर ली।

पशु तस्करों का हमला

9 दिसंबर की रात को मंगेवाल फॉरेस्ट के वार्डेन गुरविंदर सिंह और दो गार्डो पर पशु तस्करों ने फायरिंग की जिसमें वो बाल-बाल बच गए। जानवरों को मारकर उनकी तस्करी करने वाले पशु तस्कर दो जीपों में सवार होकर आए थे।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये पशु तस्कर (पोचर)फगवाड़ा के रहने वाले हैं। उन्होंने डबल बैरल गन से वनकर्मियों पर हमला किया। हालांकि वनकर्मी भाग्य से बच गए लेकिन हाल की इस घटना से जाहिर होता है कि पशु तस्करों का मनोबल पंजाब में बढ़ता जा रहा है और विभाग पशुओं की गैरकानूनी तरीके से हो रही हत्या और तस्करी को रोकने में नाकाम है।

जहां भगवान को अर्पित करते हैं तोता

तमिलनाडु स्थित मीनाक्षी मंदिर में लोग माता पावर्ती को श्रद्धा से पराकीट तोता अर्पित करते हैं। माता पार्वर्ती को तोता भेंट करने की परंपरा काफी पुरानी है। मीनाक्षी मंदिर में मां पार्वती की जो मूर्ति है उसमें मां ने अपने हाथ में पराकीट तोता ले रखा है।

इस धार्मिक परंपरा को निभाने के लिए हजारों की संख्या में तोते पकड़े जाते हैं। पकड़े गए उन तोतों में से अधिसंख्य मर जाते हैं। हालांकि तोतों पर हो रहे इस जुल्म के खिलाफ पिछले 40 सालों से संस्थाएं आवाज उठा रही हैं। चार दशकों के जागरूकता अभियान के बाद संस्था ब्लू क्रॉस के प्रमुख चिन्नी कृष्णा मीनाक्षी मंदिर के व्यवस्थापकों को यह समझाने में सफल रहे हैं कि अब इस परंपरा को बंद कर दिया जाना चाहिए।

बिना दवा कंट्रोल करें थुलथुली काया अपनाएं लहसुन का ये अचूक चटपटा प्रयोग


आयुर्वेद के अनुसार यह मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब चौदह रत्नों में से एक अमृत भी हासिल हुआ तो देवताओं व दानवों में विवाद हो गया। तब ब्रह्मा ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग पंक्तियों में बैठाकर अमृत बांटना शुरू किया। उस समय राहु नामक राक्षस ने देवताओं की पंक्ति में रूप बदलकर बैठ गया और अमृतपान कर लिया।

लेकिन जब देवताओं को पता चला कि वह राक्षस है तो भगवान विष्णु ने उसकी गर्दन काट दी लेकिन अमृत उसके हलक में पहुंच चूका था। इस घटना के दौरान दानव द्वारा पीए अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। लेकिन चूंकी माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग क्षीण नहीं होते हैं। यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन चिकना, गरम, तीखा, कटु, भारी, कब्ज को तोडऩे वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं नीचे लिखे लहसुन के अचूक प्रयोग-

- लहसुन की पांच-छ: कलियां पीसकर मट्ठे में भिगो दें। सुबह पीस लें। उसमें भुनी हिंग और अजवाइन व सौंफ के साथ ही सोंठ व सेंधा नमक, पुदीना मिलाकर चूर्ण बना लें। आधा तोला चूर्ण रोज फांकना चाहिए।

- लहसुन की चटनी तथा लहसुन को कुचलकर पानी का घोल बनाकर पीना चाहिए।

- लहसुन की दो कलियां भून लें उसमें सफेद जीरा व सौंफ सैंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी से करें

यह है गीता का ज्ञान

(आसुरी संपदा वालों के लक्षण और उनकी अधोगति का कथन)
द्वौ भूतसर्गौ लोकऽस्मिन्दैव आसुर एव च।
दैवो विस्तरशः प्रोक्त आसुरं पार्थ में श्रृणु॥
भावार्थ : हे अर्जुन! इस लोक में भूतों की सृष्टि यानी मनुष्य समुदाय दो ही प्रकार का है, एक तो दैवी प्रकृति वाला और दूसरा आसुरी प्रकृति वाला। उनमें से दैवी प्रकृति वाला तो विस्तारपूर्वक कहा गया, अब तू आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य समुदाय को भी विस्तारपूर्वक मुझसे सुन॥6॥
प्रवृत्तिं च निवृत्तिं च जना न विदुरासुराः।
न शौचं नापि चाचारो न सत्यं तेषु विद्यते॥
भावार्थ : आसुर स्वभाव वाले मनुष्य प्रवृत्ति और निवृत्ति- इन दोनों को ही नहीं जानते। इसलिए उनमें न तो बाहर-भीतर की शुद्धि है, न श्रेष्ठ आचरण है और न सत्य भाषण ही है॥7॥
असत्यमप्रतिष्ठं ते जगदाहुरनीश्वरम्‌।
अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम्‌॥
भावार्थ : वे आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य कहा करते हैं कि जगत्‌ आश्रयरहित, सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर के, अपने-आप केवल स्त्री-पुरुष के संयोग से उत्पन्न है, अतएव केवल काम ही इसका कारण है। इसके सिवा और क्या है?॥8॥
एतां दृष्टिमवष्टभ्य नष्टात्मानोऽल्पबुद्धयः।
प्रभवन्त्युग्रकर्माणः क्षयाय जगतोऽहिताः॥
भावार्थ : इस मिथ्या ज्ञान को अवलम्बन करके- जिनका स्वभाव नष्ट हो गया है तथा जिनकी बुद्धि मन्द है, वे सब अपकार करने वाले क्रुरकर्मी मनुष्य केवल जगत्‌ के नाश के लिए ही समर्थ होते हैं॥9॥
काममाश्रित्य दुष्पूरं दम्भमानमदान्विताः।
मोहाद्‍गृहीत्वासद्ग्राहान्प्रवर्तन्तेऽशुचिव्रताः॥
भावार्थ : वे दम्भ, मान और मद से युक्त मनुष्य किसी प्रकार भी पूर्ण न होने वाली कामनाओं का आश्रय लेकर, अज्ञान से मिथ्या सिद्धांतों को ग्रहण करके भ्रष्ट आचरणों को धारण करके संसार में विचरते हैं॥10॥
चिन्तामपरिमेयां च प्रलयान्तामुपाश्रिताः।
कामोपभोगपरमा एतावदिति निश्चिताः॥
भावार्थ : तथा वे मृत्युपर्यन्त रहने वाली असंख्य चिन्ताओं का आश्रय लेने वाले, विषयभोगों के भोगने में तत्पर रहने वाले और 'इतना ही सुख है' इस प्रकार मानने वाले होते हैं॥11॥
आशापाशशतैर्बद्धाः कामक्रोधपरायणाः।
ईहन्ते कामभोगार्थमन्यायेनार्थसञ्चयान्‌॥
भावार्थ : वे आशा की सैकड़ों फाँसियों से बँधे हुए मनुष्य काम-क्रोध के परायण होकर विषय भोगों के लिए अन्यायपूर्वक धनादि पदार्थों का संग्रह करने की चेष्टा करते हैं॥12॥
इदमद्य मया लब्धमिमं प्राप्स्ये मनोरथम्‌।
इदमस्तीदमपि मे भविष्यति पुनर्धनम्‌॥
भावार्थ : वे सोचा करते हैं कि मैंने आज यह प्राप्त कर लिया है और अब इस मनोरथ को प्राप्त कर लूँगा। मेरे पास यह इतना धन है और फिर भी यह हो जाएगा॥13॥
असौ मया हतः शत्रुर्हनिष्ये चापरानपि।
ईश्वरोऽहमहं भोगी सिद्धोऽहं बलवान्सुखी॥
भावार्थ : वह शत्रु मेरे द्वारा मारा गया और उन दूसरे शत्रुओं को भी मैं मार डालूँगा। मैं ईश्वर हूँ, ऐश्र्वर्य को भोगने वाला हूँ। मै सब सिद्धियों से युक्त हूँ और बलवान्‌ तथा सुखी हूँ॥14॥
आढयोऽभिजनवानस्मि कोऽन्योऽस्ति सदृशो मया।
यक्ष्ये दास्यामि मोदिष्य इत्यज्ञानविमोहिताः॥
अनेकचित्तविभ्रान्ता मोहजालसमावृताः।
प्रसक्ताः कामभोगेषु पतन्ति नरकेऽशुचौ॥
भावार्थ : मैं बड़ा धनी और बड़े कुटुम्ब वाला हूँ। मेरे समान दूसरा कौन है? मैं यज्ञ करूँगा, दान दूँगा और आमोद-प्रमोद करूँगा। इस प्रकार अज्ञान से मोहित रहने वाले तथा अनेक प्रकार से भ्रमित चित्त वाले मोहरूप जाल से समावृत और विषयभोगों में अत्यन्त आसक्त आसुरलोग महान्‌ अपवित्र नरक में गिरते हैं॥15-16॥
आत्मसम्भाविताः स्तब्धा धनमानमदान्विताः।
यजन्ते नामयज्ञैस्ते दम्भेनाविधिपूर्वकम्‌॥
भावार्थ : वे अपने-आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले घमण्डी पुरुष धन और मान के मद से युक्त होकर केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा पाखण्ड से शास्त्रविधिरहित यजन करते हैं॥17॥
अहङ्‍कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः।
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयकाः॥
भावार्थ : वे अहंकार, बल, घमण्ड, कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष अपने और दूसरों के शरीर में स्थित मुझ अन्तर्यामी से द्वेष करने वाले होते हैं॥18॥
तानहं द्विषतः क्रूरान्संसारेषु नराधमान्‌।
क्षिपाम्यजस्रमशुभानासुरीष्वेव योनिषु॥
भावार्थ : उन द्वेष करने वाले पापाचारी और क्रूरकर्मी नराधमों को मैं संसार में बार-बार आसुरी योनियों में ही डालता हूँ॥19॥
आसुरीं योनिमापन्ना मूढा जन्मनि जन्मनि।
मामप्राप्यैव कौन्तेय ततो यान्त्यधमां गतिम्‌॥
भावार्थ : हे अर्जुन! वे मूढ़ मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म-जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं, फिर उससे भी अति नीच गति को ही प्राप्त होते हैं अर्थात्‌ घोर नरकों में पड़ते हैं॥20॥

कुरान का संदेश

पौष मास से जानें, कैसी होगी अगले साल बारिश



हिंदू धर्म में पौष मास को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार इस बार पौष मास 11 दिसंबर 2011 से शुरु होकर 9 जनवरी 2012 तक रहेगा। इन 30 दिनों में होने वाले मौसम परिवर्तन तथा ज्योतिषिय योगों के आधार पर आगामी वर्ष में होने वाली बारिश का संभावित अनुमान लगाया जा सकता है, ऐसा धर्मग्रंथों में वर्णित है। मयूर चित्रम् के अनुसार-

कुद्वत्तासुत्रितिथिषु पौषे गर्भ: प्रजापते।

तदा सुभिक्षमारोग्यं श्रावण्यां वारिवर्षणम्।।

अर्थात् पौष मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या को यदि आकाशीय गर्भ हो तो सुभिक्ष का योग बनाता है। यह योग श्रावण की पूर्णिमा को वर्षा करवाता है।

इसी प्रकार यदि पौष मास की सप्तमी को आधी रात के बाद वर्षा हो अथवा बादल गरजें तो उस क्षेत्र में वर्षा काल में बारिश नहीं होती, यह महर्षि नारद का कथन है। पौष मास के पूर्वाभाद्रप्रद नक्षत्र के दिन यदि बादल दिखाई दें, गरजें या बरसें, इंद्रधनुष या बिजलियां चमकती दिखाई दें तो अच्छी वर्षा होती है। पौष शुक्ल पंचमी को यदि बर्फ गिरे तो बारिश के मौसम में बहुत वर्षा होती है। पौष शुक्ल सप्तमी को रेवती, अष्टमी को अश्विनी तथा नवमी को भरणी नक्षत्र हो और आकाश में बिजली चमकती दिखाई दे तो पावस काल में पर्याप्त होती है। पौष की एकादशी को रोहिणी नक्षत्र में वर्षा हो तो वर्षाकाल में अच्छी बारिश होती है।

मयूर चित्रम् के अनुसार-

शुक्लायां यदि सप्तम्यां घनैराच्छदितं नभ:।

तदास्थाच्छ्रावण मासि सप्तम्यां वृष्टिरूत्तमा:।।

इसके अनुसार यदि पौष शुक्ल सप्तमी को बादल हों तो श्रावण शुक्ल सप्तमी को अच्छी वर्षा का योग बनता है।

इस लाजवाब फल के एक ग्लास ज्यूस से मिलेगी इन बड़े रोगों से मुक्ति



फल विटामिन से भरपूर होते हैं। इसीलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिये बेहद फायदेमंद होते हैं। हाल ही में हुआ एक नवीन वैज्ञानिक शोध यह सिद्ध करता है कि फल न केवल स्वस्थ रहने के लिये बल्कि बीमार होने पर उससे छुटकारा पाने में भी काफी कारगर होते हैं।

अनार भी एक ऐसा ही फल है जिसका स्वाद तो लाजवाब है ही साथ ही नियमित रूप से इसका ज्यूस लेने के भी अनेक फायदे हैं। तनाव आज एक मानसिक रोग के रूप में व्यापक महामारी का रूप लेता जा रहा है। मानसिक तनाव ही आगे चलकर अनिद्रा, डिप्रेशन, फ्रस्टेशन जैसी बीमारियों का रूप ले लेता है।

सुखद समाचार यह है कि तनाव और तनाव से पैदा होने वाली दूसरी तमाम बीमारियों में अनार फल का ज्यूस बेहद फायदेमंद होता है। अगर आप वर्क प्रेशर से जूझ रहे हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है रोज एक ग्लास अनार का जूस पीना शुरु कर दीजिए वर्क प्रेशर कम हो जाएगा। ब्रिटेन के मारग्रेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि रोज आधा लीटर अनार का ज्यूस लेने से ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है साथ ही यह स्ट्रेस हार्मोन भी व्यक्ति पर हावी नहीं होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप तनाव से जूझ रहे हैं तो दो सप्ताह तक अनार का जूस रोज पिएं। तनाव दूर हो जाएगा।यूं तो सभी फलों के जूस में अलग अलग फायदे हैं लेकिन अनार का ज्यूस तनाव से मुक्त रखने में सर्वाधिक कारगर मददगार की भूमिका निभाता है। ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस, अनिद्रा, फ्रस्टेशन, डिप्रेशन आदि समस्याओं में ताजा अनार ज्यूस बहुत तेजी से फायदा पहुंचाता है। इसलिये इनमें से किसी भी रोग से ग्रसित व्यक्ति को इसे तत्काल अपने रुटीन में शामिल करना चाहिये।

इस पत्थर से आप भी बन सकते हैं मालामाल



तंत्र शास्त्र में हकीक को चमत्कारीक पत्थर माना गया है। हकीक का प्रयोग विभिन्न टोटकों एवं प्रयोगों में किया जाता है। यह भी कहा जाता है कि जिसके घर में हकीक होता है, वह कभी गरीब नहीं हो सकता। हकीक पत्थर के कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-

- किसी शुक्रवार के दिन रात्रि में पूजा उपासना करने के पश्चात एक हकीक माला लें और एक सौ आठ बार ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें। इसके बाद माला को लक्ष्मीजी के मंदिर में अर्पित कर दें। धन से जुड़ी हर समस्या हल हो जाएगी।

- यदि ग्यारह हकीक पत्थर लेकर किसी मंदिर में चढ़ा दें और ऐसा कहें कि अमुक कार्य में विजय होना चाहता हूं तो निश्चय ही उस कार्य में विजय प्राप्त होती है।

- जो व्यक्ति श्रेष्ठ धन की इच्छा रखते हैं वह रात में 27 हकीक पत्थर लेकर उसके ऊपर लक्ष्मी का चित्र स्थापित करें, तो निश्चय ही उसके घर में अधिक उन्नति होती है

इस तरह यह पत्थर धन से जुड़ी आपकी हर समस्या का हल कर देता है।


भूख नहीं लगती या जी मचलाता है तो अपनाएं धनिये की पत्ती के आयुर्वेदिक प्रयोग


धनिये की हरी-हरी पत्तियों की सुगंध किसी भी व्यंजन की सुंगध और उसके स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है। सब्जियों में हरे धनिये के साथ ही सुखे धनिये का उपयोग भी भारतीय भोजन में बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है।

लेकिन हरे धनिए की कोमल पत्तियां सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं डाली जाती बल्कि इनका औषधीय महत्व भी है। इसका सेवन जाने-अनजाने ही आपको कई बीमारियों से निजात भी दिलाता है। आइये जानें कि धनिया किन-किन बीमारियों या परेशानियों में मददगार हो सकता है...

- आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंद आंखों में टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

- हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूंद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से खून तुरंत बंद हो जाता है।

- गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियां आती है। ऐसे में धनिया का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है।

- पित्त बढ़ जाने से जी मिचलाना रहता हो तो हरा धनिया पीसकर उसका ताजा रस दो चम्मच की मात्रा में पिलाने से लाभ होता है। भोजन में हरे धनिये की ताजी पिसी चटनी का प्रयोग करते रहने से भी जी मिचलाना कम होता है।

- धनिये की हरी पत्तियों को लहसुन, प्याज, गुड़, इमली, अमचूर, आंवला, नींबू, पुदीना आदि के साथ बारीक पीसकर चटनी के रूप में खाते रहने से पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है तथा भूख खूब लगती है।

- सामान्य त्वचा रोगों तथा मौसम के बदलाव पर यदि खुजली होती हो तो उस स्थान पर हरे धनिया को पीसकर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।

- पित्त बढ़ जाने पर हरी-पीली उल्टियां आनी शुरू हो जाती हैं। इस अवस्था में हरे धनिया का रस निकालकर उसमें गुलाब जल मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

इन पांच रंगों में से कोई एक रंग चुनिए और जानिए अपना स्वभाव



क्या आप जानते हैं कि रंगों की पसंद के अनुसार भी किसी व्यक्ति स्वभाव मालुम किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार हमारा जैसा स्वभाव होता है वैसे ही कलर हमारी पसंद होते हैं।
रंगों का ग्रहों से गहरा संबंध से भी होता है अत: हमारी पसंद-नापसंद पर शुभ-अशुभ ग्रहों का प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार जानिए अपना स्वभाव-

यहां पांच रंगों क नाम दिए जा रहे हैं। इनमें से किसी एक रंग को सावधानी से सिलेक्ट करें। इसके बाद सभी रंगों के अनुसार आपका स्वभाव कैसा रहेगा? यह नीचे पढ़ें-
रंगों के नाम

लाल, काला, नीला, हरा, पीला
इन रंगों में से कोई एक रंग चुनें।

रंगों के अनुसार आपका स्वभाव

- लाल: आप बहुत सावधान रहने वाले हैं, आपके जीवन प्रेम का बहुत अधिक महत्व है। आप बहुत अच्छे प्रेमी सिद्ध हो सकते हैं।
- काला: आपका स्वभाव रूढि़वादी है। साथ ही आपको गुस्सा बहुत जल्द आता है। आपको बदलाव बहुत कम ही पसंद आता है।
- नीला: आप स्वाभिमानी हैं, किसी से मदद लेना आपको पसंद नहीं होता। प्रेमी को पूरा समय देते हैं।
- हरा: आप बहुत शांति प्रिय इंसान हैं। लड़ाई-झगड़ों से दूर ही रहते हैं।
- पीला: आप हमेशा खुश रहने वाले इंसान हैं। दूसरों को हमेशा सही मार्गदर्शन देते हैं। सभी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
ज्योतिष के अनुसार उक्त के अनुसार व्यक्ति स्वभाव लगभग इसी तरह का रहता है। नौ ग्रहों की अलग-अलग स्थिति के अनुसार स्वभाव में परिवर्तन हो सकता है।


अन्‍ना को धमकी- कांग्रेसी भड़क गए तो तुरंत बंद करा देंगे दुकान



नई दिल्ली. अन्ना हजारे और कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। रविवार को जंतर मंतर पर कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी को निशाना बनाने वाले अन्ना हजारे के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। राहुल की आलोचना से बौखलाए पार्टी के वरिष्ठ नेता गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता को धमकी दे रहे हैं।
केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अन्ना को धमकाते हुए कहा है, ' विपक्ष राहुल गांधी से डरा हुआ है। अन्ना हजारे विपक्ष खासकर आरएसएस के प्रवक्ता बन गए हैं। हजारे ने इस देश के लिए क्या किया है? कांग्रेस उनसे डरी हुई नहीं है। अगर अन्ना यूपी आए तो देख लेंगे।'

वहीं, कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता हनुमंत राव ने भी अन्ना के बयान की आलोचना की है। हनुमंत राव ने भी अन्ना को धमकी देते हुए कहा, 'राहुल के खिलाफ अन्ना नुक्ताचीनी न करें। इससे पार्टी के कार्यकर्ता भड़क सकते हैं। वे भड़क गए तो तुरंत अन्‍ना की दुकान बंद हो जाएगी। इस देश में सब लोग जानते हैं कि राहुल गांधी के परिवार ने समाज के लिए क्या किया है। उन्हें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।'

पार्टी के प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी अन्ना की आलोचना करते हुए पूछा, 'इस देश में बाकी सभी झूठे हैं केवल अन्‍ना हजारे की अकेले सत्‍यवादी हरिश्‍चंद्र हैं?क्या वे जो बोल रहे हैं वे भगवान के शब्द हैं?' राहुल गांधी के करीबी सांसद और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन ने कहा, 'अन्ना हजारे को राहुल फोबिया हो गया है।'

दिग्विजय सिंह भी अन्ना की आलोचना में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा, 'मैं शुरू से कहता रहा हूं कि अन्‍ना का एजेंडा राजनीतिक है। अन्‍ना हजारे के पीछे बीजेपी का गेम प्‍लान है। जिस प्रकार संघ के कार्यकर्ता आतंकवादी गतिविधि में पकड़े गए, इस मुद्दे से देश का ध्‍यान बंटाने के लिए बीजेपी राहुल गांधी पर अन्‍ना के जरिये निशाना बना रही है। राहुल गांधी ने सबसे पहले लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की वकालत की तो पहले सभी ने उनका मजाक उड़ाया लेकिन अब सभी उनकी बात मान रहे हैं।'

जबकि कांग्रेस के सांसद संजय निरुपम ने कहा, 'अन्‍ना बीजेपी की भाषा बोलते हैं। कांग्रेस के लोकप्रिय नेताओं पर निशाना साधने की बीजेपी की परंपरा रही है। इन्‍होंने इंदिरा जी, राजीव जी, सोनिया जी और मनमोहन सिंह के बारे में क्‍या-क्‍या नहीं कहा। अब अन्‍ना ने बीजेपी का एजेंडा अपने हाथ में ले लिया है।' पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता राशिद अल्‍वी ने कहा, 'अन्‍ना सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। जंतर-मंतर पर रविवार को इकट्ठा हुए सभी राजनीतिक दल कांग्रेस के विरोधी हैं। राहुल गांधी ने ही लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग संसद में उठाई थी।'

कांग्रेस के अलावा आरजेडी सुप्रीमो ने भी गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता के एक बयान की आलोचना की है। लालू प्रसाद यादव ने अन्ना पर हमला बोलते हुए कहा, 'अन्ना हजारे ने कहा है कि संसद में 180 गुंडे बैठे हुए हैं। यह संसद की अवमानना है, उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए। अन्ना के ऐसे बयानों से अराजकता फैल सकती है।' लालू यादव ने राहुल को लेकर अन्ना के बयान पर कहा, 'राहुल गांधी का उत्साह भंग करने के लिए अन्ना राहुल के खिलाफ बयान दे रहे हैं। अगर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है तो इसमें गलत क्या है?'

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