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13 दिसंबर 2011

यह है गीता का ज्ञान .......


(श्रद्धा का और शास्त्रविपरीत घोर तप करने वालों का विषय)
अर्जुन उवाच
ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।
तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर श्रद्धा से युक्त हुए देवादिका पूजन करते हैं, उनकी स्थिति फिर कौन-सी है? सात्त्विकी है अथवा राजसी किंवा तामसी?॥1॥
श्रीभगवानुवाच
त्रिविधा भवति श्रद्धा देहिनां सा स्वभावजा।
सात्त्विकी राजसी चैव तामसी चेति तां श्रृणु॥
भावार्थ : श्री भगवान्‌ बोले- मनुष्यों की वह शास्त्रीय संस्कारों से रहित केवल स्वभाव से उत्पन्न श्रद्धा (अनन्त जन्मों में किए हुए कर्मों के सञ्चित संस्कार से उत्पन्न हुई श्रद्धा ''स्वभावजा'' श्रद्धा कही जाती है।) सात्त्विकी और राजसी तथा तामसी- ऐसे तीनों प्रकार की ही होती है। उसको तू मुझसे सुन॥2॥
सत्त्वानुरूपा सर्वस्य श्रद्धा भवति भारत।
श्रद्धामयोऽयं पुरुषो यो यच्छ्रद्धः स एव सः॥
भावार्थ : हे भारत! सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके अन्तःकरण के अनुरूप होती है। यह पुरुष श्रद्धामय है, इसलिए जो पुरुष जैसी श्रद्धावाला है, वह स्वयं भी वही है॥3॥
यजन्ते सात्त्विका देवान्यक्षरक्षांसि राजसाः।
प्रेतान्भूतगणांश्चान्ये जयन्ते तामसा जनाः॥
भावार्थ : सात्त्विक पुरुष देवों को पूजते हैं, राजस पुरुष यक्ष और राक्षसों को तथा अन्य जो तामस मनुष्य हैं, वे प्रेत और भूतगणों को पूजते हैं॥4॥
अशास्त्रविहितं घोरं तप्यन्ते ये तपो जनाः।
दम्भाहङ्‍कारसंयुक्ताः कामरागबलान्विताः॥
भावार्थ : जो मनुष्य शास्त्र विधि से रहित केवल मनःकल्पित घोर तप को तपते हैं तथा दम्भ और अहंकार से युक्त एवं कामना, आसक्ति और बल के अभिमान से भी युक्त हैं॥5॥
कर्शयन्तः शरीरस्थं भूतग्राममचेतसः।
मां चैवान्तःशरीरस्थं तान्विद्ध्‌यासुरनिश्चयान्‌॥
भावार्थ : जो शरीर रूप से स्थित भूत समुदाय को और अन्तःकरण में स्थित मुझ परमात्मा को भी कृश करने वाले हैं (शास्त्र से विरुद्ध उपवासादि घोर आचरणों द्वारा शरीर को सुखाना एवं भगवान्‌ के अंशस्वरूप जीवात्मा को क्लेश देना, भूत समुदाय को और अन्तर्यामी परमात्मा को ''कृश करना'' है।), उन अज्ञानियों को तू आसुर स्वभाव वाले जान॥6॥

कुरान का संदेश



‘चुनाव हो तो कांग्रेस का सफाया’

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शहर-देहात भाजपा प्रदर्शन से अलग रहने के बावजूद रैली में उमड़े कार्यकर्ता, बिजली, सिंचाई, महंगाई व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा


कोटा.राज्य की कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने पर मंगलवार को कोटा कलेक्ट्रेट पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन में ग्रामीणों का सैलाब उमड़ा।

संगठन द्वारा खुद को इस प्रदर्शन से अलग करने के बावजूद रैली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही। रैली में भाजपा नेताओं ने कहा कि तीन साल के कांग्रेस शासन में आम आदमी मंत्रियों के भष्ट्राचार और व्यभिचार से त्रस्त और शर्मसार हो उठा है, अगर आज चुनाव हो जाए तो कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।सरकारी एजेंसियों ने रैली में 15 हजार की भीड़ का अनुमान लगाया है।जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता ललित किशोर चतुर्वेदी और स्वयं गुंजल ने 25 हजार से अधिक की भीड़ जुटाने का दावा किया है।

वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री ललित किशोर चतुर्वेदी, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल, जिला प्रमुख विद्याशंकर नंदवाना और पूर्व महापौर मोहनलाल महावर भी इस रैली में शामिल थे।


उम्मेद स्टेडियम से गुंजल समर्थकों की रैली के बाद सर्किट हाउस के सामने हुई सभा में इन नेताओं ने किसानों को 2 से चार घंटे ही बिजली मिलने से फसलों के नुकसान, यूरिया खाद की किल्लत, डीएपी के दाम दोगुने कर दिए जाने, नहरों से टेल पर पानी नहीं पहुंचने, आसमान छूती महंगाई, भ्रष्टाचार, अराजकता और विकास के कार्यो के नाम पर जनता के धन की बर्बादी के मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए।

साथ ही बहुचर्चित भंवरी देवी व पारस देवी प्रकरण को लेकर कहा कि इससे राजस्थान शर्मसार हुआ है। इस सरकार पर हाईकोर्ट ने जो तल्ख टिप्पणियां की है, उससे गहलोत सरकार को सत्ता में रहने का कतई अधिकार नहीं है। अगर आज चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस का चौतरफा सफाया हो जाएगा।

सभा में नगरीय विकास मंत्री स्थानीय विधायक शांति धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि शहर की मूलभूत समस्याएं दूर करने के बजाय फ्लाईओवर और सौंदर्यीकरण पर फिजूल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। गुंजल ने सभा में ऐलान किया कि कोटा के खाद कारखानों से यूरिया खाद बाहर नहीं भेजने दिया जाएगा। शीघ्र ही इन कारखानों के बाहर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। सभा का संचालन अतुल कौशल ने किया।

प्रदेश कांग्रेस महासचिव के बेटे की हुई कॉलेज में पिटाई!

कोटा.राजकीय कॉमर्स कॉलेज में फार्म जमा कराने के मामले को लेकर छात्र नेता श्यामसिंह जादौन व उसके साथियों ने प्रदेश कांग्रेस महासचिव पंकज मेहता के बेटे प्रणव की जमकर पिटाई कर दी। हमलावर छात्र प्रणव को अंदर से घसीटकर मुख्य गेट तक ले आए।

वहां भी उन्होंने उसकी पिटाई की। बीच-बचाव के बाद छात्र वहां से भाग छूटे। सूचना मिलने पर मेहता वहां पहुंचे और उन्होंने पुलिस अधिकारियों को व्यवस्था को लेकर फटकार लगाई। उन्होंने मारपीट करने वालों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए कहा। मारपीट के विरोध में छात्रों ने कॉमर्स कॉलेज के सामने कुछ देर के लिए जाम लगा दिया।

कॉमर्स कॉलेज में मंगलवार को दोपहर करीब 12:40 बजे प्रणव फार्म जमा करने वाली विंडो पर छात्रों की मदद कर रहा था। इसी दौरान छात्र नेता श्यामसिंह जादौन, जयंत सिंह, आशीष अग्रवाल, पीयूष गालव, राजेन्द्र सुमन, सिकंदर, इरफान सहित कुछ छात्र अव्यवस्था को लेकर विंडो बंद कराने लगे। कुछ छात्रों ने उनका विरोध किया तो वे मारपीट पर उतारू हो गए। इस पर प्रवण ने उन्हें ऐसा करने से रोका।

इस पर वे प्रवण पर भी पिल पड़े। हमलावर छात्र प्रवण को मारते और घसीटते हुए मुख्य द्वार तक ले आए। वहां कुछ छात्रों ने बीच-बचाव किया तब कहीं जाकर हमलावर वहां से भागे। उसके बाद गुस्साए छात्रों ने कॉलेज के बाहर सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे डीएसपी पारस जैन ने छात्रों को समझाइश कर जाम हटाया।

शिकायत पर जांच की जा रही है

पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन ने बताया कि कॉलेज परिसर में हुए छात्रों के झगड़े में किसी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। छात्रों ने लिखित में शिकायत दी है। मामले की जांच की जा रही है। कॉलेज परिसर में हुई तोड़-फोड़ और हंगामे के आरोपियों की तलाश की जा रही है।

मेहता ने प्रिंसिपल को निलंबित कराने की चेतावनी दी

सूचना पर मेहता अपने समर्थकों के साथ कॉलेज पहुंचे। वहां पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन व प्रिंसिपल आरके मीणा भी मौजूद थे। मेहता ने व्यवस्था को लेकर डीएसपी व प्रिंसीपल को फटकार लगाई। डीएसपी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।

मेहता ने अव्यवस्था के चलते प्रिंसीपल के निलंबन की चेतावनी भी दे डाली। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश सरगर्मी के साथ शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके घर व कई संदिग्ध स्थानों पर दबिश दी।

मुझे मामले का कुछ पता नहीं है

कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य आरके मीणा ने बताया कि उसे मामले की कुछ जानकारी नहीं है। वह कॉलेज की व्यवस्था बनाने में लगे थे। मारपीट के बारे में भी मुझे कुछ नहीं पता है।

नाटो के टैंकरों पर हमले जारी, अमेरिका से टैक्स भी वसूलने की तैयारी!


इस्‍लामाबाद.अफगानिस्तान में लड़ रही संयुक्त सेनाओं के लिए रसद ले जा रहे नाटो के टैंकर पर पाकिस्तान में हमले जारी हैं। सोमवार को बलूचिस्तान सूबे के बोलन जिले के दादर कस्बे में नाटो के काफिले पर आठ आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में टैंकर चला रहे ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई। यह काफिला अफगानिस्तान की सीमा में न घुस पाने की वजह से कराची लौट रहा था। इस हमले के पीछे तालिबानियों का हाथ बताया जा रहा है। ताज़ा हमलों में गठबंधन सेना के करीब 11 सैनिक मारे गए हैं (विस्तृत खबर पढ़ने के लिए पहले रिलेटेड आर्टिकल पर क्लिक करें)।
इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और तल्ख होने के आसार हैं।

दूसरी तरफ, अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच बढ़ती तल्‍खी के बीच पाकिस्‍तान ने अमेरिका से टैक्‍स वसूलने की तैयारी की है। पाकिस्‍तानी चौकी पर नाटो हमले के बाद गठबंधन सेनाओं की सप्‍लाई पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब पाकिस्‍तान इस सप्‍लाई को फिर से बहाल करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्‍तान ने हालांकि इसके एवज में राजस्‍व वसूली की योजना बनाई है। पाकिस्‍तान के जरिये अफगानिस्‍तान जाने वाले ट्रकों और ईंधन टैंकरों से अब लाखों डॉलर टैक्‍स लिए जाएंगे। अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेना के लिए जाने वाली इस सप्‍लाई पर अब तक कोई टैक्‍स नहीं वसूला जाता था।

पाकिस्‍तानी राजदूतों की इस्‍लामाबाद में विदेश मंत्रालय में हो रही बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को इस बारे में चर्चा हुई। इस बैठक में अमेरिका और नाटो के साथ पाकिस्‍तान के रिश्‍ते की समीक्षा से जुड़ा ड्राफ्ट तैयार किया गया। विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने कहा है कि बैठक की सिफारिशें संसद में पेश की जाएंगी जो इसपर अंतिम मुहर लगाने के लिए अधिकृत है।

मीडिया में पाकिस्‍तान सरकार के एक अधिकारी के हवाले से आई खबर के मुताबिक अफगानिस्‍तान जाने वाले ट्रकों और टैंकरों पर ईंधन कर के अलावा बंदरगाह और भंडारण के लिए शुल्‍क वसूला जाएगा। गठबंधन सेनाओं के लिए सप्‍लाई पाकिस्‍तान के बंदरगाहों से होकर अफगानिस्‍तान जाती है। नाटो हमले के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने इस सप्‍लाई पर रोक लगाने का फैसला किया जिसके बाद हजारों ट्रक अब भी पाकिस्‍तान की सीमा में फंसे हुए हैं।
अमेरिका रोकेगा मदद

अमेरिकी संसद ने पाकिस्‍तान को दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोकने पर रजामंदी जता दी है। अमेरिकी संसद के सदस्‍यों ने सोमवार को बताया कि वो पाकिस्‍तान को दिए जाने वाले 70 करोड़ डॉलर की मदद को रोकने पर राजी हो गए हैं जब तक आईईडी नष्‍ट करने में पाकिस्‍तान की ओर से किसी मदद का अश्‍वासन नहीं मिलता। पाकिस्तान को अमेरिकी मदद में ये रोक उस रक्षा विधेयक का हिस्सा है जिसके अगले हफ़्ते पारित होने की उम्मीद है। ये आईईडी अफगानिस्‍तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में जुटी अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों के खिलाफ आतंकवादियों की ओर से इस्‍तेमाल किए जाने वाले सबसे प्रभावी हथियार हैं।

रिपब्लिकन पार्टी से सांसद होवर्ड मैकियोन ने कहा, ‘अमेरिका पाकिस्‍तान से इस बारे में आश्‍वासन चाहता है कि वह अपने देश में आईईडी खत्‍म करने की कार्रवाई में जुटा है जिनका इस्‍तेमाल गठबंधन सेनाओं को निशाना बनाने में किया जाता है।’ इनमें से अधिकतर विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से बनते हैं और अमेरिका का मानना है कि ये उर्वरक सीमा पार पाकिस्तान से आम तौर पर आता है।

अमेरिका ने सुरक्षा और आर्थिक मदद के नाम पर 2001 से करीब 20 अरब डॉलर की रकम पाकिस्‍तान को आवंटित कर चुका है। इनका अधिकतर हिस्‍सा आतंकवादियों के खिलाफ जंग में मदद के लिए खर्च के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाना था। लेकिन अमेरिकी सांसदों को पाकिस्‍तान की नीयत पर संदेह है और ऐसी घटनाएं बढ़ने से अमेरिकी सांसदों की हताशा बढ़ रही है (पूरी खबर पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)।

सीनेटर जॉन मैकेन ने आईईडी विस्फोटकों के बारे में पिछले हफ़्ते कहा था, "अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए जो विस्फोटक बनाए जा रहे हैं उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री पाकिस्तान के दो उर्वरक कारखानों से आती है।"

इससे पहले पाकिस्तान में अमेरिकी कमांडो की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद जुलाई में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद पर भी रोक लगाई थी।

पाकिस्‍तान की धमकी

पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने धमकी दी है कि भविष्‍य में किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पाकिस्‍तान की विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठक में विदेश नीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने साफ-साफ कह दिया है कि भविष्‍य में हमलों का कड़ाई से जवाब दिया जाएगा। सोमवार को शुरू हुए इस बैठक में मौजूद पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने कहा कि नाटो का हमला जानबूझकर किया गया और यह उकसाने वाली कार्रवाई है। बैठक में अमेरिका, यूरोप, अफगानिस्‍तान और भारत स्थित पाकिस्‍तानी मिशन में तैनात 16 प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। खार ने इस बैठक की अगुवाई की।

पिछले दिनों मोहमंद प्रांत में पाकिस्‍तानी चौकी पर नाटो हमले में 24 सैनिकों की मौत को लेकर पाकिस्‍तान में लोगों का गुस्‍सा बरकरार है। पाकिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत कैमरन मंटर ने भी माना है कि मोहमंद प्रांत में नाटो का हमला दोनों देशों के रिश्‍तों के लिए बड़ा झटका है।

अब अदालतों को वारंटों का रजिस्टर रखना पढ़ेगा

देश की अदालतों को अब किसी के भी खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर उसका एक प्रथक से रजिस्टर संधारित करना होगा .............. इसके पहले अदालतों से जारी वारंटों के बारे में कोई निश्चिन्ता नहीं थी वारंट का पुलिस कर्मी क्या करते हैं .वारंट अगर जारी होता है तो उसका अंतिम निष्पादन होता भी है या नहीं ॥ वारंट उच्च न्यायालय से निरस्त किया जाता है या नहीं और पुलिस द्वारा उसे वापस लोटाया जाता है या नहीं इस मामले में कोई भी इन्द्राज अदालतों के पास नहीं था नतीजन कई न्यायालयों में वारंट जारी होने पर अगर हाई कोर्ट से जमानत हो जाए तो भी उसे रद्द करने के लियें रजिस्टर में इद्राज करने का कोई प्रावधान नहीं था ................. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रघुवंश देवचंद बनाम स्टेट ऑफ़ महाराष्ट्र मामले में आदेशित क्या है के देश के न्यायालयों में जब भी किसी का गिरफ्तारी वारंट सी आर पी सी की धारा सत्तर के तहत निकाला जाएगा तो उसे जारी करने पर उसका एक प्रथक से रजिस्टर बनाया जाकर उसकी महत्वपूर्ण एंत्रियाँ जिसमे वारंट कब जारी हुआ इसके निष्पादन के लियें किस पुलिस अधिअकारी को कब दिया निष्पादन हुआ या नहीं वापस वारंट लोटाया गया या नहीं और अगर उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय ने वारंट निरस्त किया है तो उसका नोट उसमे अंकित करना होगा पहले ऐसा इन्द्राज नहीं होता था जिससे कई मामलों में अभियुक्त की जमानत होने के बाद भी गलत फहमी में उन्हें पकड़ लिया जाता था और अदालतों को दिक्कतें आती थी महाराष्ट्र के एक मामले में भी ऐसा ही होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश सभी हाईकोर्टों को अधीनस्थ न्यायाल्ल्यों से इस आदेश की पालना करवाने के लियें इस आदेश को भेजा है ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ये हैं दुनिया के विनाश की कुछ खास भविष्यवाणियां



अधिकांश धर्म शास्त्रों में दुनिया के विनाश या प्रलय के संबंध में बताया गया है। एक दिन इस पूरी दुनिया का विनाश होना है, ऐसा माना जाता है। सभी धर्मों और देशों के अनुसार प्रलय के लिए अलग-अलग परिभाषाएं बताई गई हैं। अब तक कई बार दुनिया के विनाश की भविष्यवाणियां की गई हैं।

कयामत का दिन कब आएगा, इसकी कोई सटीक भविष्यवाणी कर पाना लगभग असंभव सा ही है। फिर भी कई सभ्यताओं और लोगों द्वारा इसकी भविष्यवाणी की गई है। दुनिया का अंत कैसे होगा? क्या विनाशलीला आएगी? ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब आज भी खोजे जा रहे हैं। कई बार पृथ्वी के विनाश की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन हर बार वह मात्र एक कल्पना भर साबित हुई।

एक समय इटली के माउंट वैसुवियस के धधकते ही रोमन साम्राज्य की नींव हिल गई थी। इस ज्वालामुखी के फटने से हजारों लोग मारे गए थे और पोम्पी और हरक्यूलेनियम शहर तबाह हो गए थे। इस तबाही को देखते हुए लोगों ने मान लिया था कि अब दुनिया का अन्त नजदीक आ गया है।

16वीं शताब्दी में ब्रिटेन में कई बार प्लेग का कहर फैला। लेकिन 1665 का प्लेग सबसे भयंकर था। लगभग पूरा लंदन शहर इसकी चपेट में आ गया था। बार बार प्लेग के फैलने से लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि अब पृथ्वी का अंत निकट है।

सन् 1910 में विशाल हैली धूमकेतु धरती के समीप से गुजरा। कई यूरोपीय और अमेरिकी लोगों ने इस कपोल कथा पर यकीन कर लिया था कि इस धूमकेतु की पूँछ से गैसों का रिसाव हो रहा है और इससे पृथ्वी का वातावरण प्रदुषित होगा और इसी वजह से एक दिन दुनिया खत्म हो जाएगी।

एक लेखक रिचर्ड नून ने भविष्यवाणी की थी कि 5 मई 2000 को सभी ग्रह एक पंक्ति में आ जाएंगे। इससे बर्फ पिघलने लगेगी और पृथ्वी पर विनाशलीला आरंभ हो जाएगी। इससे सभ लोग मारे जाएंगे।

सर्वाधिक चर्चित माया कैलेंडर के अनुसार 2012 में दुनिया का विनाश हो जाएगा। माया संस्कृति अमेरिका में विकसित हुई थी। ऐसा माना जाता है। यह स्थान आज मैक्सिको नामक देश के रूप में जाना जाता है। माया संस्कृति के लोग प्रखर खगोलशास्त्री और ज्योतिष के जानकार थे। इन्होंने 21 दिसम्बर 2012 को दुनिया के विनाश के संकेत दिए हैं। विश्व प्रसिद्ध नास्त्रेदमस द्वारा भी दुनिया के विनाश की भविष्यवाणी की गई है। इस भविष्यवाणी के अनुसार 2012 में ही दुनिया का विनाश हो जाएगा

अभी तक दुनिया के विनाश की लगभग सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं। अब इंतजार है माया कैलेंडर द्वारा की गई भविष्यवाणी का, यह सभ्यता 21 दिसंबर 2012 को विनाश की घोषणा कर चुकी है।

जहर ने मचाया हाहाकार, मौत से पटी धरती और कुत्ते भी बने बेरहम!



खन्ना/लुधियाना. पायल क्षेत्र के गांव लसाड़ा में सोमवार सुबह 11 मोर और 150 कौवों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। इनकी मौत का कारण जहर बताया गया है। गांव के उदासीन डेरा बाबा गाजी दास (बबेआणा) के पीछे पेड़ों के झुरमुट में राष्ट्रीय पक्षी सहित अन्य पक्षियों के मृत पाए जाने से लोग स्तब्ध हैं।

पुलिस कोई जहरीली वस्तु देने की थ्यूरी पर काम कर रही है जबकि, जंगलात विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह कीटनाशकों की वजह से भी हो सकता है। हालांकि, मामले का पूरा खुलासा विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। विसरे को जांच के लिए मोहाली भेजा गया है। सुबह लगभग 11 बजे जत्थेदार मंगत राय सिंह लसाड़ा ने बड़ी संख्या में पक्षियों को मृत देखा। कुत्ते इन्हें खा रहे थे। उनसे सबको मामले की जानकारी दी।

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के ब्लाक अधिकारी व पुलिस अपनी-अपनी टीमों के साथ मौके पर पहुंच गए। न सिर्फ पक्षी मृत थे बल्कि बड़ी संख्या में पक्षी बेहोश भी मिले थे। लोगों की मदद से सैकड़ों बेहोश पक्षियों को इलाज कर मौत के मुंह से बचा लिया गया है। इस मामले में दो संभावनाएं जताई जा रही हैं।

किसी ने फसल पर ताजा-ताजा कीटनाशक का छिड़काव किया था और पक्षियों ने वह फसल खा ली। इसके अलावा किसी शरारती तत्व ने अनाज में जहरीली वस्तु मिलाकर फेंक दिया। पक्षियों ने दाना खा लिया, जिससे इनकी मौत हो गई।

डेरा प्रमुख बाबा बलवंत दास और उनके साथियों ने बताया कि कुत्ते बेहोश हो रहे पक्षियों को खाने के लिए दौड़ रहे थे, तब घटना का पता लगा। गांव वासियों ने इस घटना की निंदा करते हुए पक्षियों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। दो मोरों की हालत गंभीर बनी हुई है।


रहस्यमयी 'कब्रिस्तान' यहां मुर्दों को दफनाया नहीं जाता बल्कि उन्हें तो...


दक्षिण इटली के सिसली की यह पुरानी परंपरा वैसे तो रहस्यमयी नहीं है, फिर भी किसी हॉरर फिल्म की तरह लगती है। वहां पालेरमो का यह कापूचिन कैटाकॉम्ब है। इस अनोखे कब्रिस्तान में मुर्दो को दफनाया नहीं जाता था, बल्कि उनकी ममी बनाकर दीवारों पर टांग दिया जाता था। 1599 में ब्रदर सिल्वेस्ट्रो ऑफ गूबियो की ममी बनाने के साथ यह सिलसिला शुरू हुआ था।



अंधेरे रास्ते में बनी सीढ़ियों से गुजरकर आप यहां पहुंचते हैं। इसके द्वार पर लिखा है ‘यहां आने वाले, अपनी सभी उम्मीदें छोड़ दें’। अंदर सैकड़ों शरीर दीवारों पर टंगे हैं। कुछ आंखें फाड़कर ऐसे देख रहे हैं कि लगता है हमें भी अपने दल में शामिल होने की दावत दे रहे हैं। यहां पर शवों को उनके सामाजिक दर्जे और लिंग के अनुसार जगह दी गई है। सबसे पहले इसकी स्थापना करने वाले संतों को जगह दी गई है।



इसके बाद आता है पुरुषों का सेक्शन। सभी ने अपने दौर के हिसाब के कपड़े पहन रखे हैं। इसके बाद है महिलाओं का सेक्शन, जिसमें कुंवारी कन्याओं की पहचान के लिए उनके सिर पर धातु से बना बैंड लगा रहता है। यहां प्रोफेसर, डॉक्टर्स और सैनिकों के सेक्शन भी अलग हैं। 1871 में ब्रदर रिकाडरे ने यह परंपरा बंद करवा दी थी।



फिर भी 1920 में रोसालिआ लॉबाडरे नामक एक बच्ची के शव की भी यहां ममी बनाई गई। इसके लिए कौन-सा केमिकल तरीका इस्तेमाल किया गया ये कोई नहीं जानता। उसे देखकर लगता है कि वह सो रही है। कोई नहीं कह सकता कि उसकी मौत 90 साल पहले हो चुकी है। इसलिए इस ममी का नाम स्लीपिंग ब्यूटी रख दिया गया है।





बहुत असाइनमेंट पड़े हैं।

3 छात्र नाव में जा रहे थे जिसमें से एक इंजीनियर, एक एमबीए और एक सीए का था। इतने में एक जिन्न आया और बोला समुद्र में कुछ फेंको अगर मैंने ढूंढ़ लिया तो मैं तुम्हें मार दूंगा वर्ना मैं तुम्हारा गुलाम। इंजीनियर ने सुई फेंकी, जिन्न ढूंढ़ कर ले आया और उसे मार दिया। सीए ने मेमोरी कार्ड फेंका। वह भी जिन्न ढूंढ़ लाया और सीए का भी खेल खत्म। फिर एमबीए वाले ने एस्प्रीन की गोली फेंकी और वो पानी में घुल गई। एमबीए वाला छात्र बोला: चल बेटा, बहुत सयाना बन रहा था ना, घर चल बहुत असाइनमेंट पड़े हैं।

अब अमेरिका से टैक्‍स वसूलेगा पाकिस्‍तान!

इस्‍लामाबाद. अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच बढ़ती तल्‍खी के बीच पाकिस्‍तान ने अमेरिका से टैक्‍स वसूलने की तैयारी की है। पाकिस्‍तानी चौकी पर नाटो हमले के बाद गठबंधन सेनाओं की सप्‍लाई पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब पाकिस्‍तान इस सप्‍लाई को फिर से बहाल करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्‍तान ने हालांकि इसके एवज में राजस्‍व वसूली की योजना बनाई है। पाकिस्‍तान के जरिये अफगानिस्‍तान जाने वाले ट्रकों और ईंधन टैंकरों से अब लाखों डॉलर टैक्‍स लिए जाएंगे। अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेना के लिए जाने वाली इस सप्‍लाई पर अब तक कोई टैक्‍स नहीं वसूला जाता था।

पाकिस्‍तानी राजदूतों की इस्‍लामाबाद में विदेश मंत्रालय में हो रही बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को इस बारे में चर्चा हुई। इस बैठक में अमेरिका और नाटो के साथ पाकिस्‍तान के रिश्‍ते की समीक्षा से जुड़ा ड्राफ्ट तैयार किया गया। विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने कहा है कि बैठक की सिफारिशें संसद में पेश की जाएंगी जो इसपर अंतिम मुहर लगाने के लिए अधिकृत है।

मीडिया में पाकिस्‍तान सरकार के एक अधिकारी के हवाले से आई खबर के मुताबिक अफगानिस्‍तान जाने वाले ट्रकों और टैंकरों पर ईंधन कर के अलावा बंदरगाह और भंडारण के लिए शुल्‍क वसूला जाएगा। गठबंधन सेनाओं के लिए सप्‍लाई पाकिस्‍तान के बंदरगाहों से होकर अफगानिस्‍तान जाती है। नाटो हमले के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने इस सप्‍लाई पर रोक लगाने का फैसला किया जिसके बाद हजारों ट्रक अब भी पाकिस्‍तान की सीमा में फंसे हुए हैं।
अमेरिका रोकेगा मदद

अमेरिकी संसद ने पाकिस्‍तान को दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोकने पर रजामंदी जता दी है। अमेरिकी संसद के सदस्‍यों ने सोमवार को बताया कि वो पाकिस्‍तान को दिए जाने वाले 70 करोड़ डॉलर की मदद को रोकने पर राजी हो गए हैं जब तक आईईडी नष्‍ट करने में पाकिस्‍तान की ओर से किसी मदद का अश्‍वासन नहीं मिलता। पाकिस्तान को अमेरिकी मदद में ये रोक उस रक्षा विधेयक का हिस्सा है जिसके अगले हफ़्ते पारित होने की उम्मीद है। ये आईईडी अफगानिस्‍तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में जुटी अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों के खिलाफ आतंकवादियों की ओर से इस्‍तेमाल किए जाने वाले सबसे प्रभावी हथियार हैं।

रिपब्लिकन पार्टी से सांसद होवर्ड मैकियोन ने कहा, ‘अमेरिका पाकिस्‍तान से इस बारे में आश्‍वासन चाहता है कि वह अपने देश में आईईडी खत्‍म करने की कार्रवाई में जुटा है जिनका इस्‍तेमाल गठबंधन सेनाओं को निशाना बनाने में किया जाता है।’ इनमें से अधिकतर विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से बनते हैं और अमेरिका का मानना है कि ये उर्वरक सीमा पार पाकिस्तान से आम तौर पर आता है।

अमेरिका ने सुरक्षा और आर्थिक मदद के नाम पर 2001 से करीब 20 अरब डॉलर की रकम पाकिस्‍तान को आवंटित कर चुका है। इनका अधिकतर हिस्‍सा आतंकवादियों के खिलाफ जंग में मदद के लिए खर्च के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाना था। लेकिन अमेरिकी सांसदों को पाकिस्‍तान की नीयत पर संदेह है और ऐसी घटनाएं बढ़ने से अमेरिकी सांसदों की हताशा बढ़ रही है (पूरी खबर पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)।

सीनेटर जॉन मैकेन ने आईईडी विस्फोटकों के बारे में पिछले हफ़्ते कहा था, "अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए जो विस्फोटक बनाए जा रहे हैं उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री पाकिस्तान के दो उर्वरक कारखानों से आती है।"

इससे पहले पाकिस्तान में अमेरिकी कमांडो की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद जुलाई में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद पर भी रोक लगाई थी।

पाकिस्‍तान की धमकी

पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने धमकी दी है कि भविष्‍य में किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पाकिस्‍तान की विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठक में विदेश नीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने साफ-साफ कह दिया है कि भविष्‍य में हमलों का कड़ाई से जवाब दिया जाएगा। सोमवार को शुरू हुए इस बैठक में मौजूद पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने कहा कि नाटो का हमला जानबूझकर किया गया और यह उकसाने वाली कार्रवाई है। बैठक में अमेरिका, यूरोप, अफगानिस्‍तान और भारत स्थित पाकिस्‍तानी मिशन में तैनात 16 प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। खार ने इस बैठक की अगुवाई की।

पिछले दिनों मोहमंद प्रांत में पाकिस्‍तानी चौकी पर नाटो हमले में 24 सैनिकों की मौत को लेकर पाकिस्‍तान में लोगों का गुस्‍सा बरकरार है। पाकिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत कैमरन मंटर ने भी माना है कि मोहमंद प्रांत में नाटो का हमला दोनों देशों के रिश्‍तों के लिए बड़ा झटका है।

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