आपका-अख्तर खान

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15 दिसंबर 2011

आज भी
सिहरता हूँ
तेरे नाम को
बुलाने के
ख्याल से
होंठ भी
सिहरने लगे हैं
तेरे नाम के ख्याल से .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जिंदगी बर्बाद करने वाले ने थामा जिंदगी भर के लिए हाथ, जेल में अनोखा विवाह

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पठानकोट.चार माह से पठानकोट की जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी की गुरुवार को जेल में ही शिकायतकर्ता से शादी करा दी गई। अपने आप में विशेष यह शादी हिंदु रीति-रिवाज के अनुसार हुई। शादी में लड़के के साथ जेल में बंद हवालाती बाराती बने।

समाजसेवक व लोकराज क्रांतिकारी मोर्चा के चेयरमैन विजयश्री नारायण सिंह कल्लू ने कन्यादान की रस्म अदा की। यह शादी गुरदासपुर के अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज राजीव कालरा के निर्देशों के बाद हुई, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई के दौरान अदालत में दोनों का मैरिज सर्टिफिकेट पेश करने के आदेश दिए थे।

मैकेनिकल इंजीनियर सूरज पर आरोप है कि उसने एक लड़की के साथ दुष्कर्म किया है। 5 अगस्त 2011 को लड़की ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामला जब अदालत पहंचा तो दोनों के परिजनों ने समझौता करने के लिए शादी का फैसला लिया। इसके लिए कोर्ट में शपथपत्र दिए गए। अदालत के आदेश के बाद वीरवार को दोनों की शादी संपन्न हो गई। इसके बाद युवक पर दर्ज केस खारिज हो सकेगा।

कमाल'...मौत के 23 साल बाद लौट आया वह, भौंचक्के हैं लोग!

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फतेहपुर। उसकी मौत को पूरे 23 साल हो चुके थे। घरवाले उसके बिना जिन्दगी जीने के अभ्यस्त हो चुके थे। उसकी तस्वीर घर के बारामदे में लटकी हुई थी। सूख चुके फूल इस बात की गवाही दे रहे थे कि अब उसकी याद किसी को नहीं आती। ऐसा हो भी क्यों ना। उसकी मौत के बाद परिजनों ने फातिहा पढ़ चालीसवां भी कर दिया था।

एक दिन अचानक उसे अपनी आंखों के सामने देख लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। आंखें मल-मल कर परिवार के लोग जानना चाह रहे थे कि कहीं सपना तो नहीं देख रहे। पर वह तो सपना था, लेकिन अभी हकीकत में बदल चुका था। मोहल्ले का कोई उसे भूत समझ रहा था, तो कोई ख्वाजा की कारस्तानी। सच को भला कौन और कैसे झुठला सकता था। कहानी फिल्मी थी पर हकीकत तो हकीकत है।

जानकारी के मुताबिक, जिले के बिंदकी नगर में इस्माइल ठेकेदार का बेटा कमाल, 1988 में अजमेर शरीफ गया था। वहीं से कहीं लापता हो गया। घरवालों ने खूब ढूंढा, लेकिन पता नहीं चला। पुलिस में मामला दर्ज कराने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। घरवालों ने कब्र भी देखी। बेटे के गम का बोझ उठाये घर वालों ने कब्र पर फातिहा पढ़ा। घर आकर चालीसवां कर दिया। गम में दो-चार होने के बाद जिन्दगी वापस ढ़र्रे पर आ गई।

एक दिन जो सूचना मिली उससे परिवार में भूचाल आ गया। कमाल के जिंदा होने की खबर मिली। पड़ोस के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उसने कमाल सरीखा एक आदमी अजमेर शरीफ में देखा है। अधेड़ शख्स गांजा पी रहा था। उसे शक हुआ तो पूछताछ की तो पूरी जानकारी पता चल गई। घरवालों ने बताए गए पते पर तलाश की तो कमाल मिल गया।

परिजन कमाल को लेकर घर आएं हैं। उसकी हालत ठीक नहीं है। इस बारे में पुलिस को इतल्ला कर दिया गया है। कमाल आज 50 की उम्र पार कर चुका है। घरवाले क्या, मोहल्ले वाले क्या पूरा इलाका इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहा। वहीं पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है।

जिंदा दीवार में चुना गया, फिर भी पत्थरों पर लिखी अनोखी ‘प्रेमकथा’

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वडोदरा। अगर आप ताजमहल को देखकर यह कहें कि सिर्फ शाहजहां ने ही अपने प्रेम की निशानी को जीवंत रखने के लिए कुछ किया था तो आप गलत हैं। क्योंकि ऐसी ही एक कहानी गुजरात के डभोई नामक गांव में आज भी जिंदा है।


इतिहासकारों के अनुसार यहां रहने वाले हीरा नामक एक प्रख्यात शिल्पकार ने टैन नामक अपनी प्रेमिका को यह अमूल्य उपहार (इमारत) देने के लिए यहां के राजा तक से दुश्मनी मोल ले ली थी। डभोई वडोदरा से 50 किमी और नर्मदा डेम से 64 किमी की दूरी पर स्थित एक गांव है। अगर आपने भी अपने जीवन में किसी से प्रेम किया है तो आपको इस महल की दीवारों, अदभुत कलाकृतियों को निहारने के बाद आपको सच्चे प्रेम की अनुभूति होगी।


डभोई में रहने वाला हीरा इतना प्रसिद्ध शिल्पकार था कि उसका नाम दूर-दूर तक फैला हुआ था। उसने कई जानी-मानी शिल्पकृतियों की रचना की। एक कार हीरा की प्रेमिका टैन ने उससे कहा.. तुम पूरे राज्य के लिए एक से एक कलाकृतियां बनाते हो लेकिन मेरे लिए तुमने अभी तक कुछ भी नहीं बनाया। टैन की यह बात सुन हीरा ने उसे एक अमूल्य उपहार देने का मन बना लिया। उसने पत्थर एकत्रित कर डभोई में बिना राजा से अनुमति लिए एक इमारत बनाने का काम शुरू कर दिया।


इसके साथ ही उसने यहां एक तालाब का भी निर्माण करवाया और इसका नाम भी टैन रखा। राजा को जब यह बात पता चली कि हीरा ने बिना अनुमति लिए ही राज्य के पत्थरों का उपयोग किया तो पत्थरों की चोरी के आरोप में उसे जिंदा चुनवाने का आदेश दे दिया। राजा के आदेश के बाद इसी इमारत की दीवारों में हीरा को जिंदा चुनवा दिया गया। लेकिन हीरा की प्रेमिका टैन और कुछ मित्रों ने एक तरफ दीवार में छेद करके हीरा को खाने-पीने का सामान देना जारी रखा, जिससे हीरा कई दिनों तक जीवित रहा।


हीरा ने इस इमारत में जो दरवाजा बनाया था वह लगभग पूरा होने की कगार पर ही था। इसलिए राजा अब इस दरवाजे को तैयार करवाना चाहते थे। लेकिन अब मुश्किल यह थी कि दरवाजे पर बनी अदभुत शिल्पकला सिर्फ हीरा ही जानता था। किसी और से बनवाई गई कलाकृतियां दरवाजे की पूरी सुंदरता को बिगाड़ देते। इसलिए राजा ने हीरा को आजाद करने का निर्णय ले लिया और उससे वादा किया कि वह शिल्पकृतियों का सारा काम पूर्ण कर दे, उसकी सजा माफ की जाती है।


राजा के इस निर्णय से खुश होकर हीरा ने सिर्फ दरवाजे का काम ही पूर्ण नहीं किया बल्कि उसने इसके साथ कई और अदभुत कलाकृतियों का निर्माण किया। ऐसी कलाकृतियां, जिसे देखकर ही लोग दांतो तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाते हैं।

12वीं शताब्दी में पत्थरों से बनी, स्वस्तिक आकार के चार प्रवेशद्वार, पूर्व में हीरा द्वार तो पश्चिम में वडोदरी, उत्तर में महूडी द्वार तो दक्षिण में नंदौरी द्वारों के साथ बनी यह भव्य इमारत गुजरात की सांस्कृतिक नगरी वडोदरा जिले के डभोई गांव में एक अनोखी प्रेम कहानी का इतिहास आज भी जीवंत रखे हुए है।

यह है गीता का ज्ञान


(ॐ तत्सत्‌ के प्रयोग की व्याख्या)
ॐ तत्सदिति निर्देशो ब्रह्मणस्त्रिविधः स्मृतः।
ब्राह्मणास्तेन वेदाश्च यज्ञाश्च विहिताः पुरा॥
भावार्थ : ॐ, तत्‌, सत्‌-ऐसे यह तीन प्रकार का सच्चिदानन्दघन ब्रह्म का नाम कहा है, उसी से सृष्टि के आदिकाल में ब्राह्मण और वेद तथा यज्ञादि रचे गए॥23॥
तस्मादोमित्युदाहृत्य यज्ञदानतपः क्रियाः।
प्रवर्तन्ते विधानोक्तः सततं ब्रह्मवादिनाम्‌॥
भावार्थ : इसलिए वेद-मन्त्रों का उच्चारण करने वाले श्रेष्ठ पुरुषों की शास्त्र विधि से नियत यज्ञ, दान और तपरूप क्रियाएँ सदा 'ॐ' इस परमात्मा के नाम को उच्चारण करके ही आरम्भ होती हैं॥24॥
तदित्यनभिसन्दाय फलं यज्ञतपःक्रियाः।
दानक्रियाश्चविविधाः क्रियन्ते मोक्षकाङ्क्षिभिः॥
भावार्थ : तत्‌ अर्थात्‌ 'तत्‌' नाम से कहे जाने वाले परमात्मा का ही यह सब है- इस भाव से फल को न चाहकर नाना प्रकार के यज्ञ, तपरूप क्रियाएँ तथा दानरूप क्रियाएँ कल्याण की इच्छा वाले पुरुषों द्वारा की जाती हैं॥25॥
सद्भावे साधुभावे च सदित्यतत्प्रयुज्यते।
प्रशस्ते कर्मणि तथा सच्छब्दः पार्थ युज्यते॥
भावार्थ : 'सत्‌'- इस प्रकार यह परमात्मा का नाम सत्यभाव में और श्रेष्ठभाव में प्रयोग किया जाता है तथा हे पार्थ! उत्तम कर्म में भी 'सत्‌' शब्द का प्रयोग किया जाता है॥26॥
यज्ञे तपसि दाने च स्थितिः सदिति चोच्यते।
कर्म चैव तदर्थीयं सदित्यवाभिधीयते॥
भावार्थ : तथा यज्ञ, तप और दान में जो स्थिति है, वह भी 'सत्‌' इस प्रकार कही जाती है और उस परमात्मा के लिए किया हुआ कर्म निश्चयपूर्वक सत्‌-ऐसे कहा जाता है॥27॥
अश्रद्धया हुतं दत्तं तपस्तप्तं कृतं च यत्‌।
असदित्युच्यते पार्थ न च तत्प्रेत्य नो इह॥
भावार्थ : हे अर्जुन! बिना श्रद्धा के किया हुआ हवन, दिया हुआ दान एवं तपा हुआ तप और जो कुछ भी किया हुआ शुभ कर्म है- वह समस्त 'असत्‌'- इस प्रकार कहा जाता है, इसलिए वह न तो इस लोक में लाभदायक है और न मरने के बाद ही॥28॥
ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्री कृष्णार्जुनसंवादे श्रद्धात्रयविभागयोगो नाम सप्तदशोऽध्याय :

कुरान का संदेश

'हो जाइए तैयार: 27 दिसंबर से अनशन, एक जनवरी से जेल भरो आंदोलन'

गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर हुंकार भरी है। अन्ना ने गुरुवार को अपनी टीम की दो दिनों तक चली कोर कमिटी की बैठक खत्म होने पर ऐलान किया कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने तक अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो 27 दिसंबर से अनशन होगा। अनशन के साथ-साथ एक जनवरी से पूरे देश में जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। शीतकालीन सत्र का तय समय कम पड़ता है तो सत्र की अवधि बढ़ाना चाहिए।'


दूसरी तरफ, मुंबई में टीम अन्ना के एक सदस्य प्रफुल्ला वोरा ने कहा है कि 27 दिसंबर से अन्ना मुंबई में अनशन करेंगे। टीम के सदस्य यह भी कहना है कि 26 दिसंबर को अन्ना मुंबई रवाना होंगे। टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया और मयंक गांधी मुंबई के आज़ाद मैदान का शुक्रवार को मुआयना करेंगे।

अन्ना ने इस दौरान उन राजनीतिक दलों के खिलाफ चेतावनी जारी कर दी, जो मजबूत लोकपाल के खिलाफ हैं। अन्ना ने कहा, 'संसद में जो-जो पार्टियां मजबूत लोकपाल का विरोध कर रही हैं, उन पार्टियों के सांसदों के घरों के बाहर धरना प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि इसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के घर के बाहर भी धरना होगा। अगर धरना दे रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार करती है तो करे। पूरे देश की जनता जेल भरो आंदोलन में हिस्सा ले। जिन जिन लोगों को लगता है कि लोकपाल आना चाहिए और जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लेना चाहिए।' अन्ना ने कहा है, 'गरीबों के लिए प्राण भी जाए तो परवाह नहीं। जब तक मजबूत लोकपाल नहीं आएगा, अनशन जारी रहेगा।'

लेकिन अन्ना ने यह भी कहा है कि अगर मजबूत कानून बनता है 27 दिसंबर को 'कृतज्ञता दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल कानून बना तो सरकार के प्रतिनिधि को बुलाकर गुलाब का फूल भेंट किया जाएगा।

भगवान की भक्ति का समय है मल मास



मल मास का प्रारंभ 17 दिसंबर, शनिवार से हो रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मल मास को भगवान पुरुषोत्तम ने अपना नाम दिया है इसलिए इस मास को पुरुषोत्तम मास मास भी कहते हैं। इस मास में भगवान की आराधना करने का विशेष महत्व है।

धर्मग्रंथों के अनुसार इस मास में प्रात:काल सूर्योदय पूर्व उठकर शौच, स्नान, संध्या आदि अपने-अपने अधिकार के अनुसार नित्यकर्म करके भगवान का स्मरण करना चाहिए और पुरुषोत्तम मास के नियम ग्रहण करने चाहिए। पुरुषोत्तम मास में श्रीमद्भागवत का पाठ करना महान पुण्यदायक है। इस मास में तीर्थों, घरों व मंदिरों में जगह-जगह भगवान की कथा होनी चाहिए। भगवान का विशेष रूप से पूजन होना चाहिए और भगवान की कृपा से देश तथा विश्व का मंगल हो एवं गो-ब्राह्मण तथा धर्म की रक्षा हो, इसके लिए व्रत-निमयादि का आचरण करते हुए दान, पुण्य और भगवान का पूजन करना चाहिए। पुरुषोत्तम मास के संबंध में धर्मग्रंथों में वर्णित है -

येनाहमर्चितो भक्त्या मासेस्मिन् पुरुषोत्तमे।

धनपुत्रसुखं भुकत्वा पश्चाद् गोलोकवासभाक्।।

अर्थात- पुरुषोत्तम मास में नियम से रहकर भगवान की विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तिपूर्वक उन भगवान की पूजा करने वाला यहां सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक में निवास करता है।

कोटा वकीलों के बीच आज जीत का जश्न और हार का गम रहा

जी हाँ दोस्तों राजस्थान की सरगर्मी फेला देने वाली अभिभाषक परिषद कोटा में वर्ष २०१२ के चुनाव कल हुए जिसमे क्रपा शंकर श्रंग्गी अध्यक्ष ....ब्रिजराज चोहान महासचिव और नरेंद्र नारायण शर्मा उपाध्यक्ष नियुक्त हुए एक बंदूक वाले वकील साहब भगवान दास परमानी की भी इस चुनाव में कार्यकारिणी पद पर जीत हुई ....... आज सुबह अदालत परिसर में कुछ चेहरे बुझे बुझे से मायूस थे तो कुछ चेहरे खिले हुए था भविष्य में कोटा अभिभाषक परिषद का क्या खेल रहेगा क्या माहोल रहेगा कार्यकारिणी का तालमेल होगा या नहीं जो पिछली बार दो अभिभाषक परिषद हो गयी थी उसमे एकता होगी या नहीं बस इसी की चर्चाएँ थी जो लोग पराजित लोगों के साथ थे आज ख़ुशी ख़ुशी जीते हुए लोगों के साथ खड़े हो कर उन्हें बधाई दे रहे थे यह विशवास दिला रहे थे के वोह सिर्फ उनके ही वोटों से जीते हैं ॥ जीते हुए लोग उनके समर्थकों के साथ माल पहन कर बंद बाजे के साथ अदालत परिसर में धन्यवाद ज्ञापित कर रहे थे इसी बीच दूसरी बार अध्यक्ष का चुनाव हरे एक बुज़ुर्ग साथी भाई श्याम जी शर्मा के पास में जा बता वोह कहने को तो बुज़ुर्ग हैं लेकिन बातों से ज़िंदा दिल इंसान हैं वोह कहते हैं के पुराने चेचिस में नया इंजन लगा है इसीलियें वोह शरीर से बूढ़े दीखते हैं लेकिन उनका दिल जवान है ....... भाई श्याम शर्मा गत वर्ष भी चुनाव लड़े थे तब उनके चवदा वोट आये थे कुल १३०० में से चवदा वोट पर भी वोह संतुष्ट थे और इस बार फिर वोह खड़े हो गये थे सिमोज़िय्म शुल्क जजिया कर के रूप में वोह पांच हजार रूपये देते रहे हैं इस बार भी वोह चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनके एक वोट कम यानी कुल तेरा वोट पढ़े वोह आज फिर संतुष्ट नज़र आये मेने उनसे पूंछा के भाई एक वोट कम केसे रहा वोह मुस्कुरा कर बोले आप तो पत्रकारिता भी करते हो जानते हो मेरा एक वोट अल्लाह को प्यारा हो गया है लेकिन में हारा नहीं हूँ अगली बार फिर चुनाव लडूंगा और तब लड़ता रहूँगा जब तक में जीत ना जाऊं या फिर मेरे खुद का वोट तक में ना सिमट जाऊं ॥ इस बीच जब लोग उनसे कतरा कर निकल रहे थे तो मेने उनसे कारण पूंछा तो श्याम जी ने हंसते हुए कहा के इनके दिल में चोर है यह घबरा रहे हैं के कहीं में इन्हें गाली नहीं बक दूँ उन्होंने बताया के पिछली बार मेरे चवदा वोट थे लेकिन करीब तीन सो वकील घर अलग अलग टाइम पर आये और उन्होंने मुझे वोट देने के बारे में बताया उनका कहना था के यह लोग मेरे घर पर आये महमान थे इसलियें में उनकी माँ बहन तो नहीं कर सका लेकिन मेने साफ़ तोर पर कह दिया के आप घर आये हो छाए पियो बिस्किट खाओ नमकीन खाओ और सुक्ख दुःख की बात करों चुनाव की बात कर खुद को और मुझे नरक में ना डालो इतनी डर में ही लोग उनके पास आने लगे और देखते ही देखते करीब तीस लोग उन्हें वोट देने का विश्वास दिलाकर चले गये श्याम जी बेचारे कहते रहे के देख लो अकेला जी यही कलियुग है मुंह पर झुंट बोलना इंसानी फितरत हो गयी है इतने में ही एक वकील साहब और आ गये जिनका समर्थित प्रत्याक्षी हार चुका था उनसे सद्भावना व्यक्त करते हुए जब बात करना चाहि तो वोह साफ़ मुकरते हुए बोले के मेरा समर्थित उम्मीदवार हारने वाला जरुर था लेकिन ऍन वक्त पर तो में जीतने वाले के साथ हो गया था और मेरे समर्थन से ही तो जीतने वाले की जीत हुई है ॥ इस बार चुनाव में मत गणना के दोरान कुछ लोगों ने सचिव के वोट गिनते वक्त गड़बड़ी करने की कोशिश की

हनुमान अष्टमी 18 को, इस उपाय से हर इच्छा होगी पूरी

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भगवान हनुमान भक्तों की हर मनोकामना शीघ्र ही पूरी कर देते हैं। 18 दिसंबर, रविवार को हनुमान अष्टमी के अवसर पर यदि हनुमानजी की विशेष पूजा, टोटका या उपाय करें तो इसका शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसा ही एक विशेष कामनापूर्ति उपाय इस प्रकार है-

हनुमान अष्टमी के दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें। इसके बाद इस मंत्र का जप करें-

मंत्र- नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।

फिर आरती, स्तुति करके अपने इच्छा बताएं और प्रार्थना करके इस मूर्ति को विसर्जित कर दें। इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देकर सम्मान विदा करें।

यह उपाय करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।

राहुल, सोनिया के घर धरना देंगे अन्ना


नई दिल्ली. गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर हुंकार भरी है। अन्ना ने गुरुवार को अपनी टीम की दो दिनों तक चली कोर कमिटी की बैठक खत्म होने पर ऐलान किया कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने तक अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो 27 दिसंबर से अनशन होगा। अन्ना के मुताबिक, 'यह अनशन कहां होगा, यह पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करेगा। अनशन के साथ-साथ एक जनवरी से पूरे देश में जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। शीतकालीन सत्र का तय समय कम पड़ता है तो सत्र की अवधि बढ़ाना चाहिए।'

अन्ना ने उन राजनीतिक दलों के खिलाफ चेतावनी जारी की है, जो मजबूत लोकपाल के खिलाफ हैं। अन्ना ने कहा, 'संसद में जो-जो पार्टियां मजबूत लोकपाल का विरोध कर रही हैं, उन पार्टियों के सांसदों के घरों के बाहर धरना प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि इसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के घर के बाहर भी धरना होगा। अगर धरना दे रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार करती है तो करे। पूरे देश की जनता जेल भरो आंदोलन में हिस्सा ले। जिन जिन लोगों को लगता है कि लोकपाल आना चाहिए और जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लेना चाहिए।' अन्ना ने कहा है, 'गरीबों के लिए प्राण भी जाए तो परवाह नहीं। जब तक मजबूत लोकपाल नहीं आएगा, अनशन जारी रहेगा।'

लेकिन अन्ना ने यह भी कहा है कि अगर मजबूत कानून बनता है 27 दिसंबर को 'कृतज्ञता दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल कानून बना तो सरकार के प्रतिनिधि को बुलाकर गुलाब का फूल भेंट किया जाएगा।

पति ने 10 लाख में किया था भंवरी का सौदा!


जयपुर. भंवरी गुमशुदगी मामले की जांच कर रही सीबीआई ने हाईकोर्ट में स्‍टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। भंवरी मामले में सनसनीखेज खुलासा करते हुए सांसी समाज के नेता चतराराम देशबंधु ने कहा है कि खुद अमरचंद ने अपनी पत्नी का सौदा 10 लाख रुपए में किया था। चतराराम के मुताबिक यह सौदा आरोपी सोहनलाल से हुआ था। इसके बदले सोहनलाल ने उसे 31 अगस्त को ही 50 हजार रुपए एडवांस दिए थे।
चतराराम को सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसकी वजह थी कि रिमांड पर चल रहे भंवरी के पति अमरचंद ने सीबीआई को बताया कि उसने चतराराम के कहने पर अपहरण का मुकदमा तथा पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। जब सीबीआई ने चतराराम से पूछताछ की तो उसने साफ इनकार कर दिया।

चतराराम ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि सीबीआई ने जब उसे और अमरचंद को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की तो अमरचंद ने कबूल कर लिया कि उसने सोहनलाल से 10 लाख रुपए में यह सौदा किया था। सोहनलाल भंवरी को कुछ दिनों के लिए गायब करना चाहता था। साजिश के तहत ही अमरचंद ने भंवरी को बस में बिलाड़ा भेजा और खुद कार खराब होने का बहाना बना कर पीपाड़ चला गया था।

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