तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 दिसंबर 2011
सिहरता हूँ
तेरे नाम को
बुलाने के
ख्याल से
होंठ भी
सिहरने लगे हैं
तेरे नाम के ख्याल से .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
जिंदगी बर्बाद करने वाले ने थामा जिंदगी भर के लिए हाथ, जेल में अनोखा विवाह
समाजसेवक व लोकराज क्रांतिकारी मोर्चा के चेयरमैन विजयश्री नारायण सिंह कल्लू ने कन्यादान की रस्म अदा की। यह शादी गुरदासपुर के अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज राजीव कालरा के निर्देशों के बाद हुई, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई के दौरान अदालत में दोनों का मैरिज सर्टिफिकेट पेश करने के आदेश दिए थे।
मैकेनिकल इंजीनियर सूरज पर आरोप है कि उसने एक लड़की के साथ दुष्कर्म किया है। 5 अगस्त 2011 को लड़की ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामला जब अदालत पहंचा तो दोनों के परिजनों ने समझौता करने के लिए शादी का फैसला लिया। इसके लिए कोर्ट में शपथपत्र दिए गए। अदालत के आदेश के बाद वीरवार को दोनों की शादी संपन्न हो गई। इसके बाद युवक पर दर्ज केस खारिज हो सकेगा।
कमाल'...मौत के 23 साल बाद लौट आया वह, भौंचक्के हैं लोग!
एक दिन अचानक उसे अपनी आंखों के सामने देख लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। आंखें मल-मल कर परिवार के लोग जानना चाह रहे थे कि कहीं सपना तो नहीं देख रहे। पर वह तो सपना था, लेकिन अभी हकीकत में बदल चुका था। मोहल्ले का कोई उसे भूत समझ रहा था, तो कोई ख्वाजा की कारस्तानी। सच को भला कौन और कैसे झुठला सकता था। कहानी फिल्मी थी पर हकीकत तो हकीकत है।
जानकारी के मुताबिक, जिले के बिंदकी नगर में इस्माइल ठेकेदार का बेटा कमाल, 1988 में अजमेर शरीफ गया था। वहीं से कहीं लापता हो गया। घरवालों ने खूब ढूंढा, लेकिन पता नहीं चला। पुलिस में मामला दर्ज कराने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। घरवालों ने कब्र भी देखी। बेटे के गम का बोझ उठाये घर वालों ने कब्र पर फातिहा पढ़ा। घर आकर चालीसवां कर दिया। गम में दो-चार होने के बाद जिन्दगी वापस ढ़र्रे पर आ गई।
एक दिन जो सूचना मिली उससे परिवार में भूचाल आ गया। कमाल के जिंदा होने की खबर मिली। पड़ोस के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उसने कमाल सरीखा एक आदमी अजमेर शरीफ में देखा है। अधेड़ शख्स गांजा पी रहा था। उसे शक हुआ तो पूछताछ की तो पूरी जानकारी पता चल गई। घरवालों ने बताए गए पते पर तलाश की तो कमाल मिल गया।
परिजन कमाल को लेकर घर आएं हैं। उसकी हालत ठीक नहीं है। इस बारे में पुलिस को इतल्ला कर दिया गया है। कमाल आज 50 की उम्र पार कर चुका है। घरवाले क्या, मोहल्ले वाले क्या पूरा इलाका इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहा। वहीं पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है।
जिंदा दीवार में चुना गया, फिर भी पत्थरों पर लिखी अनोखी ‘प्रेमकथा’
इतिहासकारों के अनुसार यहां रहने वाले हीरा नामक एक प्रख्यात शिल्पकार ने टैन नामक अपनी प्रेमिका को यह अमूल्य उपहार (इमारत) देने के लिए यहां के राजा तक से दुश्मनी मोल ले ली थी। डभोई वडोदरा से 50 किमी और नर्मदा डेम से 64 किमी की दूरी पर स्थित एक गांव है। अगर आपने भी अपने जीवन में किसी से प्रेम किया है तो आपको इस महल की दीवारों, अदभुत कलाकृतियों को निहारने के बाद आपको सच्चे प्रेम की अनुभूति होगी।
डभोई में रहने वाला हीरा इतना प्रसिद्ध शिल्पकार था कि उसका नाम दूर-दूर तक फैला हुआ था। उसने कई जानी-मानी शिल्पकृतियों की रचना की। एक कार हीरा की प्रेमिका टैन ने उससे कहा.. तुम पूरे राज्य के लिए एक से एक कलाकृतियां बनाते हो लेकिन मेरे लिए तुमने अभी तक कुछ भी नहीं बनाया। टैन की यह बात सुन हीरा ने उसे एक अमूल्य उपहार देने का मन बना लिया। उसने पत्थर एकत्रित कर डभोई में बिना राजा से अनुमति लिए एक इमारत बनाने का काम शुरू कर दिया।
इसके साथ ही उसने यहां एक तालाब का भी निर्माण करवाया और इसका नाम भी टैन रखा। राजा को जब यह बात पता चली कि हीरा ने बिना अनुमति लिए ही राज्य के पत्थरों का उपयोग किया तो पत्थरों की चोरी के आरोप में उसे जिंदा चुनवाने का आदेश दे दिया। राजा के आदेश के बाद इसी इमारत की दीवारों में हीरा को जिंदा चुनवा दिया गया। लेकिन हीरा की प्रेमिका टैन और कुछ मित्रों ने एक तरफ दीवार में छेद करके हीरा को खाने-पीने का सामान देना जारी रखा, जिससे हीरा कई दिनों तक जीवित रहा।
हीरा ने इस इमारत में जो दरवाजा बनाया था वह लगभग पूरा होने की कगार पर ही था। इसलिए राजा अब इस दरवाजे को तैयार करवाना चाहते थे। लेकिन अब मुश्किल यह थी कि दरवाजे पर बनी अदभुत शिल्पकला सिर्फ हीरा ही जानता था। किसी और से बनवाई गई कलाकृतियां दरवाजे की पूरी सुंदरता को बिगाड़ देते। इसलिए राजा ने हीरा को आजाद करने का निर्णय ले लिया और उससे वादा किया कि वह शिल्पकृतियों का सारा काम पूर्ण कर दे, उसकी सजा माफ की जाती है।
राजा के इस निर्णय से खुश होकर हीरा ने सिर्फ दरवाजे का काम ही पूर्ण नहीं किया बल्कि उसने इसके साथ कई और अदभुत कलाकृतियों का निर्माण किया। ऐसी कलाकृतियां, जिसे देखकर ही लोग दांतो तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाते हैं।
12वीं शताब्दी में पत्थरों से बनी, स्वस्तिक आकार के चार प्रवेशद्वार, पूर्व में हीरा द्वार तो पश्चिम में वडोदरी, उत्तर में महूडी द्वार तो दक्षिण में नंदौरी द्वारों के साथ बनी यह भव्य इमारत गुजरात की सांस्कृतिक नगरी वडोदरा जिले के डभोई गांव में एक अनोखी प्रेम कहानी का इतिहास आज भी जीवंत रखे हुए है।
यह है गीता का ज्ञान
ब्राह्मणास्तेन वेदाश्च यज्ञाश्च विहिताः पुरा॥
प्रवर्तन्ते विधानोक्तः सततं ब्रह्मवादिनाम्॥
दानक्रियाश्चविविधाः क्रियन्ते मोक्षकाङ्क्षिभिः॥
प्रशस्ते कर्मणि तथा सच्छब्दः पार्थ युज्यते॥
कर्म चैव तदर्थीयं सदित्यवाभिधीयते॥
असदित्युच्यते पार्थ न च तत्प्रेत्य नो इह॥
'हो जाइए तैयार: 27 दिसंबर से अनशन, एक जनवरी से जेल भरो आंदोलन'
दूसरी तरफ, मुंबई में टीम अन्ना के एक सदस्य प्रफुल्ला वोरा ने कहा है कि 27 दिसंबर से अन्ना मुंबई में अनशन करेंगे। टीम के सदस्य यह भी कहना है कि 26 दिसंबर को अन्ना मुंबई रवाना होंगे। टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया और मयंक गांधी मुंबई के आज़ाद मैदान का शुक्रवार को मुआयना करेंगे।
अन्ना ने इस दौरान उन राजनीतिक दलों के खिलाफ चेतावनी जारी कर दी, जो मजबूत लोकपाल के खिलाफ हैं। अन्ना ने कहा, 'संसद में जो-जो पार्टियां मजबूत लोकपाल का विरोध कर रही हैं, उन पार्टियों के सांसदों के घरों के बाहर धरना प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि इसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के घर के बाहर भी धरना होगा। अगर धरना दे रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार करती है तो करे। पूरे देश की जनता जेल भरो आंदोलन में हिस्सा ले। जिन जिन लोगों को लगता है कि लोकपाल आना चाहिए और जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लेना चाहिए।' अन्ना ने कहा है, 'गरीबों के लिए प्राण भी जाए तो परवाह नहीं। जब तक मजबूत लोकपाल नहीं आएगा, अनशन जारी रहेगा।'
लेकिन अन्ना ने यह भी कहा है कि अगर मजबूत कानून बनता है 27 दिसंबर को 'कृतज्ञता दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल कानून बना तो सरकार के प्रतिनिधि को बुलाकर गुलाब का फूल भेंट किया जाएगा।
भगवान की भक्ति का समय है मल मास
मल मास का प्रारंभ 17 दिसंबर, शनिवार से हो रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मल मास को भगवान पुरुषोत्तम ने अपना नाम दिया है इसलिए इस मास को पुरुषोत्तम मास मास भी कहते हैं। इस मास में भगवान की आराधना करने का विशेष महत्व है।
धर्मग्रंथों के अनुसार इस मास में प्रात:काल सूर्योदय पूर्व उठकर शौच, स्नान, संध्या आदि अपने-अपने अधिकार के अनुसार नित्यकर्म करके भगवान का स्मरण करना चाहिए और पुरुषोत्तम मास के नियम ग्रहण करने चाहिए। पुरुषोत्तम मास में श्रीमद्भागवत का पाठ करना महान पुण्यदायक है। इस मास में तीर्थों, घरों व मंदिरों में जगह-जगह भगवान की कथा होनी चाहिए। भगवान का विशेष रूप से पूजन होना चाहिए और भगवान की कृपा से देश तथा विश्व का मंगल हो एवं गो-ब्राह्मण तथा धर्म की रक्षा हो, इसके लिए व्रत-निमयादि का आचरण करते हुए दान, पुण्य और भगवान का पूजन करना चाहिए। पुरुषोत्तम मास के संबंध में धर्मग्रंथों में वर्णित है -
येनाहमर्चितो भक्त्या मासेस्मिन् पुरुषोत्तमे।
धनपुत्रसुखं भुकत्वा पश्चाद् गोलोकवासभाक्।।
अर्थात- पुरुषोत्तम मास में नियम से रहकर भगवान की विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तिपूर्वक उन भगवान की पूजा करने वाला यहां सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक में निवास करता है।
कोटा वकीलों के बीच आज जीत का जश्न और हार का गम रहा
हनुमान अष्टमी 18 को, इस उपाय से हर इच्छा होगी पूरी
भगवान हनुमान भक्तों की हर मनोकामना शीघ्र ही पूरी कर देते हैं। 18 दिसंबर, रविवार को हनुमान अष्टमी के अवसर पर यदि हनुमानजी की विशेष पूजा, टोटका या उपाय करें तो इसका शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसा ही एक विशेष कामनापूर्ति उपाय इस प्रकार है-
हनुमान अष्टमी के दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें। इसके बाद इस मंत्र का जप करें-
मंत्र- नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
फिर आरती, स्तुति करके अपने इच्छा बताएं और प्रार्थना करके इस मूर्ति को विसर्जित कर दें। इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देकर सम्मान विदा करें।
यह उपाय करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
राहुल, सोनिया के घर धरना देंगे अन्ना
नई दिल्ली. गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर हुंकार भरी है। अन्ना ने गुरुवार को अपनी टीम की दो दिनों तक चली कोर कमिटी की बैठक खत्म होने पर ऐलान किया कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने तक अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो 27 दिसंबर से अनशन होगा। अन्ना के मुताबिक, 'यह अनशन कहां होगा, यह पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करेगा। अनशन के साथ-साथ एक जनवरी से पूरे देश में जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। शीतकालीन सत्र का तय समय कम पड़ता है तो सत्र की अवधि बढ़ाना चाहिए।'
अन्ना ने उन राजनीतिक दलों के खिलाफ चेतावनी जारी की है, जो मजबूत लोकपाल के खिलाफ हैं। अन्ना ने कहा, 'संसद में जो-जो पार्टियां मजबूत लोकपाल का विरोध कर रही हैं, उन पार्टियों के सांसदों के घरों के बाहर धरना प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि इसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के घर के बाहर भी धरना होगा। अगर धरना दे रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार करती है तो करे। पूरे देश की जनता जेल भरो आंदोलन में हिस्सा ले। जिन जिन लोगों को लगता है कि लोकपाल आना चाहिए और जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लेना चाहिए।' अन्ना ने कहा है, 'गरीबों के लिए प्राण भी जाए तो परवाह नहीं। जब तक मजबूत लोकपाल नहीं आएगा, अनशन जारी रहेगा।'
लेकिन अन्ना ने यह भी कहा है कि अगर मजबूत कानून बनता है 27 दिसंबर को 'कृतज्ञता दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल कानून बना तो सरकार के प्रतिनिधि को बुलाकर गुलाब का फूल भेंट किया जाएगा।
पति ने 10 लाख में किया था भंवरी का सौदा!
जयपुर. भंवरी गुमशुदगी मामले की जांच कर रही सीबीआई ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। भंवरी मामले में सनसनीखेज खुलासा करते हुए सांसी समाज के नेता चतराराम देशबंधु ने कहा है कि खुद अमरचंद ने अपनी पत्नी का सौदा 10 लाख रुपए में किया था। चतराराम के मुताबिक यह सौदा आरोपी सोहनलाल से हुआ था। इसके बदले सोहनलाल ने उसे 31 अगस्त को ही 50 हजार रुपए एडवांस दिए थे।
चतराराम को सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसकी वजह थी कि रिमांड पर चल रहे भंवरी के पति अमरचंद ने सीबीआई को बताया कि उसने चतराराम के कहने पर अपहरण का मुकदमा तथा पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। जब सीबीआई ने चतराराम से पूछताछ की तो उसने साफ इनकार कर दिया।
चतराराम ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि सीबीआई ने जब उसे और अमरचंद को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की तो अमरचंद ने कबूल कर लिया कि उसने सोहनलाल से 10 लाख रुपए में यह सौदा किया था। सोहनलाल भंवरी को कुछ दिनों के लिए गायब करना चाहता था। साजिश के तहत ही अमरचंद ने भंवरी को बस में बिलाड़ा भेजा और खुद कार खराब होने का बहाना बना कर पीपाड़ चला गया था।