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16 दिसंबर 2011

यह है गीता का ज्ञान


(त्याग का विषय)
अर्जुन उवाच
सन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्‌ ।
त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥
भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌! हे वासुदेव! मैं संन्यास और त्याग के तत्व को पृथक्‌-पृथक्‌ जानना चाहता हूँ॥1॥
श्रीभगवानुवाच
काम्यानां कर्मणा न्यासं सन्न्यासं कवयो विदुः ।
सर्वकर्मफलत्यागं प्राहुस्त्यागं विचक्षणाः ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- कितने ही पण्डितजन तो काम्य कर्मों के (स्त्री, पुत्र और धन आदि प्रिय वस्तुओं की प्राप्ति के लिए तथा रोग-संकटादि की निवृत्ति के लिए जो यज्ञ, दान, तप और उपासना आदि कर्म किए जाते हैं, उनका नाम काम्यकर्म है।) त्याग को संन्यास समझते हैं तथा दूसरे विचारकुशल पुरुष सब कर्मों के फल के त्याग को (ईश्वर की भक्ति, देवताओं का पूजन, माता-पितादि गुरुजनों की सेवा, यज्ञ, दान और तप तथा वर्णाश्रम के अनुसार आजीविका द्वारा गृहस्थ का निर्वाह एवं शरीर संबंधी खान-पान इत्यादि जितने कर्तव्यकर्म हैं, उन सबमें इस लोक और परलोक की सम्पूर्ण कामनाओं के त्याग का नाम सब कर्मों के फल का त्याग है) त्याग कहते हैं॥2॥
त्याज्यं दोषवदित्येके कर्म प्राहुर्मनीषिणः ।
यज्ञदानतपःकर्म न त्याज्यमिति चापरे ॥
भावार्थ : कई एक विद्वान ऐसा कहते हैं कि कर्ममात्र दोषयुक्त हैं, इसलिए त्यागने के योग्य हैं और दूसरे विद्वान यह कहते हैं कि यज्ञ, दान और तपरूप कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं॥3॥
निश्चयं श्रृणु में तत्र त्यागे भरतसत्तम ।
त्यागो हि पुरुषव्याघ्र त्रिविधः सम्प्रकीर्तितः ॥
भावार्थ : हे पुरुषश्रेष्ठ अर्जुन ! संन्यास और त्याग, इन दोनों में से पहले त्याग के विषय में तू मेरा निश्चय सुन। क्योंकि त्याग सात्विक, राजस और तामस भेद से तीन प्रकार का कहा गया है॥4॥
यज्ञदानतपःकर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्‌ ।
यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्‌ ॥
भावार्थ : यज्ञ, दान और तपरूप कर्म त्याग करने के योग्य नहीं है, बल्कि वह तो अवश्य कर्तव्य है, क्योंकि यज्ञ, दान और तप -ये तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को (वह मनुष्य बुद्धिमान है, जो फल और आसक्ति को त्याग कर केवल भगवदर्थ कर्म करता है।) पवित्र करने वाले हैं॥5॥
एतान्यपि तु कर्माणि सङ्‍गं त्यक्त्वा फलानि च ।
कर्तव्यानीति में पार्थ निश्चितं मतमुत्तमम्‌ ॥
भावार्थ : इसलिए हे पार्थ! इन यज्ञ, दान और तपरूप कर्मों को तथा और भी सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को आसक्ति और फलों का त्याग करके अवश्य करना चाहिए, यह मेरा निश्चय किया हुआ उत्तम मत है॥6॥
नियतस्य तु सन्न्यासः कर्मणो नोपपद्यते ।
मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः ॥
भावार्थ : (निषिद्ध और काम्य कर्मों का तो स्वरूप से त्याग करना उचित ही है) परन्तु नियत कर्म का (इसी अध्याय के श्लोक 48 की टिप्पणी में इसका अर्थ देखना चाहिए।) स्वरूप से त्याग करना उचित नहीं है। इसलिए मोह के कारण उसका त्याग कर देना तामस त्याग कहा गया है॥7॥
दुःखमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्त्यजेत्‌ ।
स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्‌ ॥
भावार्थ : जो कुछ कर्म है वह सब दुःखरूप ही है- ऐसा समझकर यदि कोई शारीरिक क्लेश के भय से कर्तव्य-कर्मों का त्याग कर दे, तो वह ऐसा राजस त्याग करके त्याग के फल को किसी प्रकार भी नहीं पाता॥8॥
कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेअर्जुन ।
सङ्‍गं त्यक्त्वा फलं चैव स त्यागः सात्त्विको मतः ॥
भावार्थ : हे अर्जुन! जो शास्त्रविहित कर्म करना कर्तव्य है- इसी भाव से आसक्ति और फल का त्याग करके किया जाता है- वही सात्त्विक त्याग माना गया है॥9॥
न द्वेष्ट्यकुशलं कर्म कुशले नानुषज्जते ।
त्यागी सत्त्वसमाविष्टो मेधावी छिन्नसंशयः ॥
भावार्थ : जो मनुष्य अकुशल कर्म से तो द्वेष नहीं करता और कुशल कर्म में आसक्त नहीं होता- वह शुद्ध सत्त्वगुण से युक्त पुरुष संशयरहित, बुद्धिमान और सच्चा त्यागी है॥10॥
न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः ।
यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते ॥
भावार्थ : क्योंकि शरीरधारी किसी भी मनुष्य द्वारा सम्पूर्णता से सब कर्मों का त्याग किया जाना शक्य नहीं है, इसलिए जो कर्मफल त्यागी है, वही त्यागी है- यह कहा जाता है॥11॥
अनिष्टमिष्टं मिश्रं च त्रिविधं कर्मणः फलम्‌ ।
भवत्यत्यागिनां प्रेत्य न तु सन्न्यासिनां क्वचित्‌ ॥
भावार्थ : कर्मफल का त्याग न करने वाले मनुष्यों के कर्मों का तो अच्छा, बुरा और मिला हुआ- ऐसे तीन प्रकार का फल मरने के पश्चात अवश्य होता है, किन्तु कर्मफल का त्याग कर देने वाले मनुष्यों के कर्मों का फल किसी काल में भी नहीं होता॥12॥

कुरान का संदेश ..


हनुमान अष्टमी रविवार को: इस विधि से करें पवनपुत्र की पूजा


कलयुग में सर्वाधिक हनुमानजी की ही पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें कलयुग का जीवंत देवता माना गया है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 18 दिसंबर, रविवार को है। धर्म शास्त्रों के अनुसार यदि इस दिन पवनपुत्र की विधि-विधान से पूजा की जाए तो वे अति प्रसन्न होते हैं। हनुमानजी की पूजन विधि इस प्रकार है-

पूजन विधि

हनुमानजी का पूजन करते समय सबसे पहले कंबल या ऊन के आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके पश्चात हाथ में चावल व फूल लें व इस मंत्र से हनुमानजी का ध्यान करें-

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यं।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

ऊँ हनुमते नम: ध्यानार्थे पुष्पाणि सर्मपयामि।।

इसके बाद चावल व फूल हनुमानजी को अर्पित कर दें।

आवाह्न- हाथ में फूल लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए श्री हनुमानजी का आवाह्न करें एवं उन फूलों को हनुमानजी को अर्पित कर दें।

उद्यत्कोट्यर्कसंकाशं जगत्प्रक्षोभकारकम्।

श्रीरामड्घ्रिध्याननिष्ठं सुग्रीवप्रमुखार्चितम्।।

विन्नासयन्तं नादेन राक्षसान् मारुतिं भजेत्।।

ऊँ हनुमते नम: आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।।

आसन- नीचे लिखे मंत्र से हनुमानजी को आसन अर्पित करें-

तप्तकांचनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम्।

अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम्।।

आसन के लिए कमल अथवा गुलाब का फूल अर्पित करें। इसके बाद इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए हनुमानजी के सामने किसी बर्तन अथवा भूमि पर तीन बार जल छोड़ें।

ऊँ हनुमते नम:, पाद्यं समर्पयामि।।

अध्र्यं समर्पयामि। आचमनीयं समर्पयामि।।

इसके बाद हनुमानजी की मूर्ति को गंगाजल से अथवा शुद्ध जल से स्नान करवाएं तत्पश्चात पंचामृत(घी, शहद, शक्कर, दूध व दही ) से स्नान करवाएं। पुन: एक बार शुद्ध जल से स्नान करवाएं।

अब इस मंत्र से हनुमानजी को वस्त्र अर्पित करें व वस्त्र के निमित्त मौली चढ़ाएं-

शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।

देहालकरणं वस्त्रमत: शांति प्रयच्छ मे।।

ऊँ हनुमते नम:, वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।

इसके बाद हनुमानजी को गंध, सिंदूर, कुंकुम, चावल, फूल व हार अर्पित करें। अब इस मंत्र के साथ हनुमानजी को धूप-दीप दिखाएं-

साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।

दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्।।

भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने।।

त्राहि मां निरयाद् घोराद् दीपज्योतिर्नमोस्तु ते।।

ऊँ हनुमते नम:, दीपं दर्शयामि।।

इसके बाद केले के पत्ते पर या किसी कटोरी में पान के पत्ते के ऊपर प्रसाद रखें और हनुमानजी को अर्पित कर दें तत्पश्चात ऋतुफल अर्पित करें। (प्रसाद में चूरमा, भीगे हुए चने या गुड़ चढ़ाना उत्तम रहता है।) अब लौंग-इलाइचीयुक्त पान चढ़ाएं।

पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इस मंत्र को बोलते हुए हनुमानजी को दक्षिणा अर्पित करें-

ऊँ हिरण्यगर्भगर्भस्थं देवबीजं विभावसों:।

अनन्तपुण्यफलदमत: शांति प्रयच्छ मे।।

ऊँ हनुमते नम:, पूजा साफल्यार्थं द्रव्य दक्षिणां समर्पयामि।।

इसके बाद एक थाली में कर्पूर एवं घी का दीपक जलाकर हनुमानजी की आरती करें।

इस प्रकार पूजन करने से हनुमानजी अति प्रसन्न होते हैं तथा साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

गर्म दूध के इस नुस्खे से 20 मिनट में बाल हो जाएंगे शाइनी और सिल्की



आजकल बढ़ते प्रदूषण व अनियमित खान-पान के कारण बाल रूखे व बेजान हो जाते हैं। ऐसे में अपने बालों की खूबसूरती और मजबूती के लिये अधिकतर लोग बाजार के कैमिकल युक्त कंडिशनर का उपयोग करते हैं। लेकिन ये बाजार के कंडिशनर थोड़े समय के लिए भले ही बालों को चमकदार बना दें। परन्तु इसके लगातार प्रयोग से बालों को नुकसान पहुंचता है।

ऐसे में समस्या ये है कि बालों को बिना कंडिशनिंग के भी तो नहीं रखा जा सकता। अगर आप के साथ भी यही समस्या है तो यहां दी जा रही है डीप कंडीशनर की एक बेहद आसान विधि जिसे कोई भी आसानी से कर सकताहै। आप इस आयुर्वेदिक डीप कंडीशनर का प्रयोग 20 दिन में एक बार करें। आप इस कंडीशनर को स्वयं घर पर झटपट बना सकते हैं तथा 20 मिनट में बालों की डीप कंडीशनिंग कर सकते हैं।

बनाने और लगाने की आसान विधि-

आधा कटोरी हरी मेहंदी पाउडर लेकर इसमें गर्म दूध (गाय का) डालकर पतला लेप बना लें। इसी लेप में एक बड़ा चम्मच आयुर्वेदिक हेयर ऑइल डालें। इसे अच्छी तरह से मिला लें। जब यह लेप ठंडा हो जाए तब बालों की जड़ों में लगाएं। 20मिनट छोड़कर आयुर्वेदिक शैंपू पानी में घोलकर बालों को धो लें। इस डीप कंडीशनर द्वारा आपके बालों को पोषण तो मिलेगा ही साथ ही उनमे बाउंस भी आ जाएगा।


देव शक्तियों को जाग्रत करे जप माला की इस मंत्र से पूजा


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शास्त्रों के मुताबिक मंत्र स्मरण देव शक्तियों के आवाहन से मन और जीवन को कलहमुक्त बनाने का श्रेष्ठ और अचूक उपाय है। विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिये देव मंत्र जप विशेष मालाओं से करने का महत्व है। किंतु अक्सर देखा जाता है कि मंत्र जप के लिए उपयोग की जाने वाली जप माला मात्र मंत्र संख्या की गिनती का जरिया मान ली जाती है और उससे संबंधित शास्त्रों में नियत मर्यादाएं भंग होती है। जबकि यह फल प्राप्ति के नजरिए से दोष पूर्ण हैं।

दरअसल, शास्त्रों के मुताबिक मंत्र जप माला जाग्रत होती है यानी वह जड़ नहीं चेतन होती है। क्योंकि माना जाता है कि देव शक्तियों के ध्यान के साथ हाथ, अंगूठे या अंगुलियों के अलग-अलग भागों से गुजरते माला के दाने आत्म ब्रह्म को जाग्रत करते हैं। इन स्थानों से देवीय ऊर्जा मन व शरीर में प्रवाहित होती है। इसलिए यह भी देव स्वरूप है। जिससे मिलने वाली शक्ति या ऊर्जा अनेक दु:खों का नाश करती है।

यही कारण है कि मंत्र जप के पहले जप माला का भी विशेष मंत्र से स्तुति करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। जानते हैं यह जप माला की उपासना का यह मंत्र -

महामाये महामाले सर्वशक्तिस्वरूपिणि।

चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भव।।

अविघ्रं कुरु माले त्वं गृह्णामि दक्षिणे करे।

जपकाले च सिद्धयर्थं प्रसीद मम सिद्धये।।

सरल अर्थ है कि सर्वशक्ति स्वरूपा महामाला आप में ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष समाये हैं। इनकी प्राप्ति भी आपसे ही संभव है। इसलिए मंत्र जप के दौरान आने वाली सभी बाधाओं का नाश करें और जिस साधना और सिद्धि के लिये मैंने आपको दाएं हाथ में ग्रहण किया है, वह भी सिद्ध करो।

ससुरालवानों को फंसाने एक दामाद ने रची खिनौनी साजिश


पानीपत.उचाना. घोघड़िया- बधाना लिंक मार्ग पर रामफल के खेतों में बने कुएं से शुक्रवार को पुलिस ने एक युवक का शव बरामद किया है। मृतक की पहचान बधाना गांव के सुरेश के रूप में हुई है। आरोप है कि खरकरामजी गांव के बलजीत ने घोघड़िया में अपने ससुरालजनों को फंसाने के लिए खुद ही इस युवक की हत्या कर शव कुएं में फेंका है। आरोपी बलजीत के ससुर खेत मालिक रामफल की शिकायत पर खरकरामजी के केस दर्ज किया गया है। आरोपी अभी फरार है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

पुलिस कंट्रोल रूम से मिली सूचना

कार्यकारी थाना प्रभारी महेंद्र ने बताया कि रात को पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आया कि घोघड़िया के खेतों में रामफल के खेतों में कुएं में शव पड़ा है। इस पर रात को पुलिस खेतों में पहुंची। गांव से रामफल एवं उसके परिवार के लोग भी खेतों में पहुंचे। कुएं की गहराई अधिक होने पर रस्सी के साथ एक व्यक्ति अंदर गया और शव को बांधकर बाहर निकाला गया। मृतक के चेहरे, छाती पर चोट के निशान थे।

दोपहर बाद हुई पहचान : कुएं में मिले शव के हाथ पर सुरेश लिखा हुआ था। युवक की पहचान को लेकर आस-पास के पुलिस थानों, चौकी में शव मिलने की सूचना दी गई। शव को नरवाना के सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। दोपहर बाद बधाना गांव के लोगों ने नरवाना अस्पताल पहुंच कर मृतक की शिनाख्त की। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि गुरुवार देर शाम को गांव में बाहर से एक व्यक्ति आया था। इसके साथ गांव के सुरेश ने शराब पी थी। इसके बाद ये कहां गए इसका गांव के लोगों को नहीं पता।

ऐसी फुर्ती नहीं देखी होगी कभी, पलक झपकते चढ़ जाता है पेड़ पर`



हजारीबाग. झारखण्ड की राजधानी रांची से सटे नक्सल प्रभावित हजारीबाग जिले के कटकमसांडी में 10 वर्षीय बालक संजय की फ़ूर्ति देख सभी दंग हो जाते हैं। संजय बिना किसी सहारे के तेजी से किसी भी पेड़, दीवार या पोल पर पलक झपकते ही चढ़ जाता है। उसकी इसी विशेषता ने उसके लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।

किसी दुर्घटना की आशंका हमेशा उसके माता-पिता को परेशान करते रहती है। इसी कारण उसके माता पिता ने उसे बांध दिया है। ताकि वो कहीं आ जा नहीं सके। किसी दुर्घटना का शिकार न हो सके।

दो साल से है बंधा हुआ

संजय बिरहोर पिछले दो साल से रस्सी से बंधा हुआ है। आलम यह है कि भोजन या शौच के लिए भी उसकी रस्सी नहीं खोली जाती। डर यह कि पलक झपकते वह कहीं गायब न हो जाये। ग्रामीणों ने बताया कि संजय किसी भी दीवार, पेड़, पोल पर बिना किसी सहारे के दौड़ कर चढ़ने की क्षमता रखता है।

अगर उसे रस्सी से नहीं बांधा गया तो वह किसी पेड़ पर भी जाकर बैठ सकता है। एक बार तो पूरी रात उसने पेड़ पर ही बिता दी। बहरहाल, संजय के माता-पिता के पास कोई दूसरा उपाय नहीं है।

ज्योति दुनिया की सबसे छोटी महिला


नागपुर भारत की ज्योति अमगे का नाम दुनिया की सबसे कम लंबाई वाली जीवित महिला के रूप में गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। ज्योति ने शुक्रवार को अपना 18वां जन्म दिन मनाया। इसके साथ ही उसने दुनिया की सबसे कम कद वाली महिला का अमेरिका की ब्रिडगेट जॉर्डन का रिकॉर्डतोड़ दिया।

दो साल पहले ही 2009 में ज्योति को सबसे कम हाइट वाली लड़की घोषित किया गयाथा। नागपुर में अपने परिवार के साथ जन्मदिन मनाने के मौके पर उनको गिनीज बुक की तरफ से सर्टिफिकेट दिया गया। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स के अधिकारी रोब मोली पिछले दो दिन से शहर में थे और शुक्रवार को कई बार उन्होंने ज्योति के कद का मेजरमेंट किया।

उनका मानना है कि अलग-अलग समय पर लंबाई में अंतर आ सकता है। ज्योति के परिवार वालों ने बताया कि गिनीज बुक के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में डॉक्टर्सने कई बार उसकी लंबाईका परीक्षण किया। अभी तक ज्योति के पास दुनिया की सबसे कम कद की लड़की होने का खिताब था और अब वह दुनिया की सबसे कम लंबाई वाली महिला हैं।

अद्भुत संयोग: 57 वर्ष बाद अपने नक्षत्र में शनि अमावस्या

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कोटा.इस बार 57 साल बाद अपने नक्षत्र केतु और अपनी उच्च राशि तुला में शनिवार के दिन 24 दिसंबर को शनि अमावस्या आ रही हैं। शनि अमावस्या में शनिदेव की पूजा करने से कालसर्प, पितृदोष, साढ़ेसाती एवं शनि की ढैया वाले जातकों को विशेष राहत मिलती है।

मलमास और अपने क्रोधी नामक संवत्सर में आने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं। 24 नवंबर को सुबह सूर्योदय से शनि अमावस्या प्रारंभ होगी, जो रात्रि 11.40 बजे तक रहेगी।

ज्योतिषाचार्य पं. अमित शास्त्री के अनुसार इससे पूर्व वर्ष 1954 में ऐसा हुआ था, जब अपने नक्षत्र और उच्च राशि तुला में शनि अमावस्या आई हो। इस बार मूल नक्षत्र केतु का काल 24 दिसंबर को सुबह 9.19 बजे ज्येष्ठा नक्षत्र का उपरांत प्रारंभ होगा।

संयोग ऐसे भी

: पंचागों के अनुसार अभी क्रोधी नाम का संवत्सर चल रहा है। इसके स्वामी शनिदेव हैं।

:3 साल पहले वर्ष 2008 में मलमास में शनि अमावस्या आई थी। अगले वर्ष 2012 में एक बार अप्रैल में शनि अमावस्या आएगी।


राशि- प्रभाव - उपचार

मेष - दुर्घटना, यश हानि - शनि का तेलाभिषेक

वृष - आकस्मिक लाभ - लोहे की वस्तुदान

मिथुन - रोग व शत्रु पीड़ा - उड़द की वस्तुदान

कर्क - कर्ज से मुक्ति - शनि का तेलाभिषेक

सिंह - पारिवारिक कलह - बंदरों को गुड़ एवं चने

कन्या - धनलाभ, विदेशयात्रा - लोहे की वस्तुदान

तुला - मान-सम्मान में वृद्धि - उड़द की वस्तुदान

वृश्चिक - मानसिक क्लेश - लोहा एवं तेलदान

धनु - स्थान परिवर्तन, विदेश यात्रा- काले वस्त्रदान

मकर - आर्थिक लाभ, समृद्धि - शनि यंत्र की पूजन

कुंभ - राज पद की प्राप्ति - पानी में कोयला प्रवाह

मीन - कार्य सिद्धि - तेल, तिल व गुड़ का दान

मिर्च से भी घटता है कैंसर का दुष्प्रभाव

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उदयपुर.मिर्च भी कैंसर का दुष्प्रभाव कम करने वाली है। एक हद तक मिर्च का लगातार उपयोग कैंसर रोधी क्षमता बढ़ाने में मददगार है। यह कहना है द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर के डॉ. भरत अग्रवाल का। डॉ. अग्रवाल यहां कैंसर संबंधी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में आए हैं।

उन्होंने कहा कि हल्दी को पहले से ही एंटी कैंसर का दर्जा हासिल है। उन्होंने बताया कि 50 अलग-अलग तरह की मिर्ची पर शोध करके हीलिंग स्पाइस नाम से किताब भी बाजार में उपलब्ध कराई गई है।

आयुर्वेद में कैंसर की सबसे पहली दवा का इजाद किया गया था जिसे आज प्राथमिकता दी जा रही है। करीब सौ तरह के पौधों में कैंसर रोधक दवा पाई गई है।

क्या हैं कैंसर के प्रमुख कारण: डॉ. अग्रवाल के मुताबिक विश्व में हुए शोध में सामने आया है कि तंबाकू, लाल मांस, मांसाहार, हाई कैलोरी, इन्फेक्शन, रेडिएशन और पॉल्यूशन जैसे कुल कारणों में से एक तिहाई जिम्मेदार हैं।

इसके अलावा लाइफ स्टाइल, मोटापा और जीन्स भी कैंसर के कारण माने गए हैं। यूनाइटेड स्टेट, यूरोप सहित विश्व के अन्य देशों में हुए शोध में कैंसर का प्रमुख कारण इंफ्लामेशन माना गया है।जिसे सोज भी कहा जाता है।

इसमें कम उम्र में हुए कैंसर के घातक परिणाम उम्र बढ़ने पर मालूम होते हैं। इसको लेकर कैंसर की नई दवाओं पर शोध किया जा रहा है।

चमत्कारी कछुए का 'चमत्कार', नाखून में है शक्ति, रूपये हो जाते हैं दोगुने!


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रायपुर। गुढ़ियारी के तीन युवकों ने लूटपाट के लिए नया तरीका खोजा। चमत्कार में विश्वास रखने वालों को झांसा देने के लिए उन्होंने 20 नाखूनों वाला कछुआ होने का दावा किया। आरोपियों ने यह कहानी गढ़ी कि ऐसे कछुए के नाखून में पैसे दोगुने करने की शक्ति रहती है। नाखून से नोट को टच करते वह दोगुने हो जाते हैं। चमत्कार की इस कहानी में फंसने वालों को लुटेरों ने सूनसान में बुलाया और लूट लिया।

क्राइम ब्रांच के जासूसों ने तीन लुटेरों गोपी बंजारी, कालू उर्फ डेविड तांडी और गोलू उर्फ राजेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। छह आरोपी अभी फरार हैं। पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने आधा दर्जन से ज्यादा लूटपाट की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने 3 दिसंबर को वन विभाग के चालक लोकेश डहरिया को निशाना बनाया। वह उनके झांसे में आ गया। आरोपियों ने लोकेश को अभनपुर के पास केंद्री गांव के जंगल में बुलवाया। लोकेश 50 हजार रुपए लेकर पहुंचा। उन्होंने अकेला पाकर उसे घेर लिया और पैसे लेकर फरार हो गए।

उसे कछुआ दिखाया तक नहीं गया। लोकेश की रिपोर्ट के बाद पुलिस हरकत में आई। 15 दिसंबर की रात तीनों आरोपियों को दबोच लिया गया। उनके पास से पुलिस ने 50 हजार रुपए और एक बाइक बरामद की है। लुटेरों के साथी सुरेश तारख, डोमन तारख, गोलू राव उर्फ मराठी, महेश यादव, राजा यादव, प्रकाश यशवंत और तोमेश फरार हैं
12 लोगों से ठगी
आरोपी गोपी, कालू, गोलू और उसके साथियों ने 12 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। उनसे उन्होंने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक लूटे। अब तक केवल तीन ही मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने 18 जुलाई को कोरबा में रहने वाले दीपक धमेला से 50 हजार रुपए लूटे। 30 मार्च को सिवनी निवासी कामता प्रसाद को झांसे में लिया। उनसे एक लाख रुपए मंगवाकर छीन लिया।

चमत्कारी कछुए का 'चमत्कार', नाखून में है शक्ति, रूपये हो जाते हैं दोगुने!


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रायपुर। गुढ़ियारी के तीन युवकों ने लूटपाट के लिए नया तरीका खोजा। चमत्कार में विश्वास रखने वालों को झांसा देने के लिए उन्होंने 20 नाखूनों वाला कछुआ होने का दावा किया। आरोपियों ने यह कहानी गढ़ी कि ऐसे कछुए के नाखून में पैसे दोगुने करने की शक्ति रहती है। नाखून से नोट को टच करते वह दोगुने हो जाते हैं। चमत्कार की इस कहानी में फंसने वालों को लुटेरों ने सूनसान में बुलाया और लूट लिया।

क्राइम ब्रांच के जासूसों ने तीन लुटेरों गोपी बंजारी, कालू उर्फ डेविड तांडी और गोलू उर्फ राजेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। छह आरोपी अभी फरार हैं। पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने आधा दर्जन से ज्यादा लूटपाट की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने 3 दिसंबर को वन विभाग के चालक लोकेश डहरिया को निशाना बनाया। वह उनके झांसे में आ गया। आरोपियों ने लोकेश को अभनपुर के पास केंद्री गांव के जंगल में बुलवाया। लोकेश 50 हजार रुपए लेकर पहुंचा। उन्होंने अकेला पाकर उसे घेर लिया और पैसे लेकर फरार हो गए।

उसे कछुआ दिखाया तक नहीं गया। लोकेश की रिपोर्ट के बाद पुलिस हरकत में आई। 15 दिसंबर की रात तीनों आरोपियों को दबोच लिया गया। उनके पास से पुलिस ने 50 हजार रुपए और एक बाइक बरामद की है। लुटेरों के साथी सुरेश तारख, डोमन तारख, गोलू राव उर्फ मराठी, महेश यादव, राजा यादव, प्रकाश यशवंत और तोमेश फरार हैं
12 लोगों से ठगी
आरोपी गोपी, कालू, गोलू और उसके साथियों ने 12 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। उनसे उन्होंने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक लूटे। अब तक केवल तीन ही मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने 18 जुलाई को कोरबा में रहने वाले दीपक धमेला से 50 हजार रुपए लूटे। 30 मार्च को सिवनी निवासी कामता प्रसाद को झांसे में लिया। उनसे एक लाख रुपए मंगवाकर छीन लिया।

सेहरा की तलाश में

मुझे देख लो
थोड़े से
एहसान के साथ
मेरी जिंदगी में
बहार जो चली आई
सूखे हुए पेड़ों में
गुलों ने खिलकर
माहोल थोड़ा सा इतराकर
खुशगवार बनाया ॥
हवाओं ने थोड़ा तेज़ी से
अपना रुख दिखाया
में मजबूर आदत से
उठा और चल दिया
इन सब को छोड़ कर
फिर से
सेहरा की तलाश में .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पहले से शादी शुदा होने पर

उन्होंने यूँ
मोहब्बत और सलीके से
क्या तो था
इशारा मेरी तरफ
लेकिन में भी
मजबूर था
पहले से शादी शुदा होने पर
अपनी खतरनाक पत्नी से ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या मजबूरी है

ना जाने
क्या मजबूरी है
पता नहीं
क्यूँ देखते है
कई रातों से
हम तारों की तरफ
जबकि सच तो यह
है
उनसे मुलाक़ात का
कोई वायदा भी नहीं .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आओ पास हमारे

आओ पास हमारे
दिल से दिल लगाओ
हम बताएं तुम्हे
मोहब्बत क्या चीज़ होती है
धडके दिल हमारा
और सांस तुम लेती हो ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मल मास कल से: क्या करें, क्या नहीं?



मल मास का प्रारंभ 17 दिसंबर, शनिवार से हो रहा है। मल मास के संबंध में हमारे धर्मग्रंथों में अनेक नियम बताए गए हैं। महर्षि वाल्मीकि ने मल मास के नियमों के संबंध में कहा है कि इस मास में गेहूं, चावल, सफेद धान, मूंग, जौ, तिल, मटर, बथुआ, शहतूत, सामक, ककड़ी, केला, घी, कटहल, आम, हर्रे, पीपल, जीरा, सौंठ, इमली, सुपारी, आंवला, सेंधा नमक आदि भोजन पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

इसके अतिरिक्त मांस, शहद, चावल का मांड, चौलाई, उरद, प्याज, लहसुन, नागरमोथा, छत्री, गाजर, मूली, राई, नशे की चीजें, दाल, तिल का तेल और दूषित अन्न का त्याग करना चाहिए। तांबे के बर्तन में गाय का दूध, चमड़े में रखा हुआ पानी और केवल अपने लिए ही पकाया हुआ अन्न दूषित माना गया है। अतएव इनका भी त्याग करना चाहिए।

पुरुषोत्तम मास में जमीन पर सोना, पत्तल पर भोजन करना, शाम को एक वक्त खाना, रजस्वला स्त्री से दूर रहना और धर्मभ्रष्ट संस्कारहीन लोगों से संपर्क नहीं रखना चाहिए। किसी प्राणी से द्रोह नहीं करना चाहिए। परस्त्री का भूल करके भी सेवना नहीं करना चाहिए। देवता, वेद, ब्राह्मण, गुरु, गाय, साधु-सन्यांसी, स्त्री और बड़े लोगों की निंदा नहीं करना चाहिए।

तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें समृद्ध भारत दूँगा !


दोस्तों ! आपको पता है या नहीं मुझे पता नहीं है. मैंने दो बार चुनाव लड़े है. अगर आप मेरे सारे ब्लोगों की एक-एक पोस्ट को पढ़ें. तब आपको काफी जानकारी मिल जायेगी. हमने दो बार निर्दलीय चुनाव लड़े है. चुनाव चिन्ह "कैमरा" यानि तीसरी आँख से दोनों बार हारा हूँ. मगर अफ़सोस नहीं मुझे जितनी भी मुझे वोट मिले वो मेरी कार्यशैली और विचारधारा से मिली थी। इस बात खुशी है कि मैंने वोट लेने के लिए किसी को दारू नहीं पिलाई और न किसी को धमकाया या किसी प्रकार का लालच नहीं दिया. सब लोगों ने अपने विवेक से वोट दिया था.
मेरे पास भारत देश को लेकर बहुत बड़ी सोच (विचारधारा+योजना) है।जिसका प्रयोग करके 'सोने की चिडियाँ" कहलवाने वाले भारत देश को "अमरीका" जैसे बीसियों देशों से आगे ले जाकर खड़ा कर दूँगा. हाँ, मैं जैसे यहाँ (गूगल,फेसबुक) पर नियमों को लेकर बहुत सख्त हूँ. उसी प्रकार से "हिटलर" जैसा तानाशाही प्रधानमंत्री बन देश को सिर्फ दो साल चलाना चाहता हूँ. उसके बाद जनता की अनुमति के बाद अगले तीन साल देश की बागडोर संभालूँगा. आज मेरे पास कुछ निजी कारणों से ( जिनसे शायद आप नहीं अधिकत्तर समूह के सदस्य और दोस्त कहूँ या पाठक परिचित भी है) पार्टी बनाने के लिए एक चवन्नी भी नहीं है. मगर देखो ख्याब देश को चलाने का और प्रधानमंत्री बनने का देख रहा हूँ. इसको कहते हैं ना हैं...हौंसला. बस मुझे ऐसे ही सिर्फ फ़िलहाल पूरे देश से 545 "सिरफिरे" भूखें-नंगे लोगों की जरूरत है. जिनको मैं सिर्फ रोटी-कपड़ा-मकान दूँगा. उनके अंदर मेरे हिसाब से वो गुणवत्ता होनी चाहिए. जिसकी मुझे चाह है. फिर आप देखते रह जायेंगे. समृद्ध भारत देश का नाम पूरे विश्व में एक नया उदाहरण देने वाला के रूप में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा. अब आप बताये भूखे-नंगे सिरफिरे लोगों आप अपनी वोट डालने के लिए जायेंगे. घर पर बैठकर चाय की चुस्कियां लेते हुए टी.वी. पर फिल्म तो नहीं देखेंगे. अगर आप लोग देखते रह गए. तब 545 सिरफिरे चुनाव में हार जायेंगे और फिर कोई दल चुनाव जीतकर अपने स्विस के बैंक भर लेगा.
आज श्री अन्ना हजारे जी और बाबा रामदेव जी राजनीति में आने का कोई स्पष्ट इशारा नहीं दें रहें है. मेरे पास कुछ नहीं है.मगर अपने हौंसले के कारण बिना किसी सहारे के बिलकुल स्पष्ट इशारा देते हुए कह रहा हूँ कि-बिना गंदगी में उतरे गंदगी की सफाई नहीं की जा सकती है. मैंने दोनों व्यक्तियों के पास अपनी विचारधारा पहुँचाने के प्रयास किये मगर वहाँ से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिली. श्री अन्ना हजारे जी को लिखा पत्र तो मेरे ब्लॉग पर भी है.

अब तीसरी बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हूँ. मार्च या अप्रैल 2012 में दिल्ली में एम्.सी.डी.(दिल्ली नगर निगम ) के चुनाव है. उसके लिए मेरे पहले के दो नारे 1. भ्रष्टाचार मिटाओ,भारत बचाओ! 2. तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें समृद्ध भारत दूँगा ! तैयार है ही और इस बार का एक नया नारा " तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे अधिकारों के लिए अपना खून बहा दूँगा !" भी तैयार है. इसलिए जनवरी 2012 के बाद ब्लॉग,फेसबुक और ऑरकुट से कुछ समय के लिए अवकाश लें लूँगा.
मुझे अपनी वहकी हुई और पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा पार करती मेरी "कलम" के लिए मुझे फाँसी की भी सजा होती है।तब मैं अपनी फाँसी के समय से पहले ही फाँसी का फंदा चूमने के लिए तैयार रहूँगा और देश के ऊपर कुर्बान होने के लिए अपनी खुशनसीबी समझूंगा. इसके साथ ही मृत देह (शरीर) को दान करने की इच्छा है और अपनी हडियों की "कलम" बनवाकर देशहित में लिखने वाले पत्रकारों को बांटने की वसीयत करके जाऊँगा. ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ पर(राजनीति) क्लिक करें और पढ़ें.

सर्दी स्पेशल: चार छुहारों का आयुर्वेदिक प्रयोग बना देगा आपकी हेल्थ


जिस तरह अधिक मोटापा किसी के लिए भी पेरशानी का कारण हो सकता है। उसी तरह ज्यादा दुबलापन भी कान्फिडेन्स में कमी कारण बनता है। अगर आप भी बहुत ज्यादा दुबलेपन से परेशान हैं व आप कमजोरी और दुबलेपन से सदा के लिये मुक्ति चाहते हैं और लोगों की उपेक्षा और घृणा से निजात पाना चाहते हैं तो नीचे दिये जा रहे छुहारे के प्रयोग को पूरे विश्वास के साथ एक बार अवश्य आजमाएं...

प्रयोग:
4 छुहारे एक गिलास दूध में उबाल कर ठण्डा कर लें। प्रात: काल या रात को सोते समय, गुठली अलग कर दें और छुहारें को खूब चबा-चबाकर खाएं और दूध पी जाएं। लगातार 3-4 माह सेवन करने से शरीर का दुबलापन दूर होता है, चेहरा भर जाता है। सुन्दरता बढ़ती है, बाल लम्बे व घने होते हैं और बलवीर्य की वृद्धि होती है। यह प्रयोग नवयुवा, प्रौढ़ और वृद्ध आयु के स्त्री-पुरुष, सबके लिए उपयोगी और लाभकारी है।

दमा:

दमा यानी सांस के रोगी को प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 छुहारे खूब चबाकर खाना चाहिए। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और कफ व सर्दी का प्रकोप कम होता है।


देहाती नुस्खा: छ: महीने में ये लाइलाज बीमारी हो जाएगी जड़ से साफ



सफेद दाग एक ऐसी समस्या जिसे अधिकतर लोग लाइलाज ही मानते हैं। लेकिन कुछ देहाती नुस्खे ऐसे है जिनसे समस्या कैसी भी हो या कितनी भी लाइलाज क्यों न हो उपचार संभव है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सफेद दाग के कुछ आजमाएं हुए देहाती नुस्खे जिनसे आपको निश्चित ही लाभ होगा।

- आधा किलो चोपचीनी एक लीटर दूध में रात को भिगो दें। सुबह यदि सब दूध सोख ले तो थोड़ा और दूध डालकर आग पर पकाएं। जब चोपचीनी हाथ से छूने पर टूट जाए तो उतार कर के शीशी में भर लें। यह क्रम बनाएं रखें व रोज सुबह यह चूर्ण कर के शीशी भर लें। साथ ही रोज सुबह यह चूर्ण पांच ग्राम चाय वाले चम्मच से एक चम्मच मात्रा थोड़े शहद में मिलाकर खाली पेट चाट कर सेवन करें। चोपचीनी पंसारी की दुकार पर मिल जाती है। यह हल्के गुलाबी सफेद तथा कुछ ब्राउन रंग की वजनी और ठोस लकड़ी होती है। हल्की पोली याने खोखली लकड़ी उपयोगी नहीं होती। इसी के साथ एक प्रयोग और करना होगा। वर्षाकाल जोड़ीदार का एक पंवार, पमाड़ या चौकड़ी आदि नामों से पुकार जाता है। इसके पत्तों को उबाल कर रोटी में भरकर कचौड़ी या परांठे की तरह बनाकर या बेसन में मिलाकर भजिए बनाकर सेवन किया जा सकता है। इन पत्तों का किसी भी विधि से अधिक से अधिक मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए। एक माह के अंदर ही त्वचा का रंग बदलने लगता है। छ: माह बाद यह रोग जड़ से गायब हो जाता है।

- बाउची के बीज 50 ग्राम सांप की केंचुल को गौमूत्र के साथ मिट्टी के घड़े में डालकर सात दिन तक रखें। आठवें दिन सिल पर डालकर महीन पीसें और पीसते हुए गौमूत्र छिड़कते जाएं। इसे गाढ़ा रखें। पीसकर छोटी-छोटी टिक्की बनाकर छाया में सुखा लें। इस टिक्की को ताजे गौमूत्र में घिसकर दिन में दो बार सफेद दागों पर लेप कर दें। थोड़े दिन में दाग मिटने लगेंगे। गौमूत्र गाय की बछिया का मिल सके तो अति उत्तम अन्यथा गाय का ही मूत्र प्रयोग में लाना चाहिए। दवा के सेवन काल में तेल, गुड़ व खटाई का सेवन बंद कर दें।


टेस्टी-टेस्टी तरीका: ऐसे पीएं चाय तो वजन हो जाएगा कंट्रोल आसानी से



चाय को अधिकांशत: लोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हैं। लेकिन फिर भी चाय को पसंद करने वाले या इसका सेवन करने वाले चाय को नहीं छोड़ पाते हैं। अगर आप भी अपनी चाय के सेवन की आदत से परेशान है तो ये आर्टिकल आपको खुश कर सकता है। दरअसल हम बताने जा रहे हैं कि चाय आपके लिए सिर्फ लाभदायक ही नहीं नुकसानदायक भी है।

चाय बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करने में बेहद मददगार होती है। यह बात एक

हालिया वैज्ञानिक शोध से पता चली है।शोध से ज्ञात हुआ है कि चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन हाल ही में हुई एक नई रिसर्च के मुताबिक अगर चाय में दूध मिला दिया जाए तो मोटापे से लडऩे वाले तत्व उतने प्रभावकारी नहीं रहते। भारतीय वैज्ञानिक की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक चाय में वसा कम करने के कई तत्व होते हैं, लेकिन दूध में पाया

जाने वाला प्रोटीन वसा कम करने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है। चाय में पाए जाने वाले फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स शरीर की चर्बी घटाने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते हैं। असम की टी रिसर्च एसोसिएशन केरिसर्चरों ने चूहों पर शोध किया और उसमें यह पाया गया कि उच्च वसायुक्त भोजन खाने वाले चूहों का वजन घटाने में फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स जैसेतत्वों ने काफी अहम भूमिका निभाई। लेकिन गाय के दूध में प्रोटीन कीमात्रा अधिक होने के कारण इनका प्रभाव कम हो जाता है।

आसमानी उलटफेर: अब बदल गया पैसा और सुख देने वाला ग्रह, क्या असर होगा आप पर


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ज्योतिष में शुक्र को पैसा और हर तरह का सुख देने वाला ग्रह माना जाता है। आसमान के इस सितारे के बदलने से आपकी जेब और सुख पर असर पड़ता है। इसी के अनुसार फायदा और हर तरह के ऐश आराम देने वाला होता है। बीती रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुक्र धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश कर चुका है। जानिए इस ग्रह के राशि बदलने से क्या असर पड़ेगा आप पर...



मेष- दशम भाव में शुक्र के आ जाने से व्यापार व्यवसाय में अच्छे लाभ के योग बनेंगे। इस राशि का स्वामी शुक्र राशि बदलकर विवाह के योग भी बनाएगा। मेष राशि वालों को शुक्र देव शुभ फल देने वाले रहेंगे।


वृष- वृष राशि वालों के लिए यात्राओं के योग बनेंगे। इस राशि वालों को पैतृक व्यवसाय में भी बहुत लाभ मिलेगा। व्यवसाय के संबंध में बाहरी क्षेत्रों से अच्छा लाभ मिलेगा।


मिथुन- इस राशि वालोंं के लिए शुक्र देव कुछ अशुभ फल देने वाले रहेंगे। राशि से अष्टम भाव में शुक्र के आ जाने से अशुभ फल देने वाला रहेगा। इस राशि वालों को खर्च की अधिकता रहेगी। व्यापार में जोखिम भरें निर्णय न लें अन्यथा नुकसान होने के पूरे योग हैं।


कर्क- आपको जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। यात्राओं से सोचे हुए कार्यों में लाभ मिलेगा। इस राशि वालों के प्रॉपर्टी संबंधित कार्य पूरे होंगे। आपकी राशि के लिए कुंभ राशि का शुक्र धन लाभ के योग बनाता है।


सिंह- आपकी राशि से छठी राशि में शुक्र देव आपके ऋण संबंधित सभी कार्य पूरे करेंगे और लाभ देंगे। इस राशि के चिकित्सकों और वकिलों के लिए शुक्र अच्छा फल देने वाला रहेगा।


कन्या- आपकी राशि के लिए शुक्र का राशि बदलना शुभ फल देने वाला रहेगा। कन्या राशि वाले विद्यार्थियों के लिए शुक्र अच्छा फल देने वाला रहेगा। प्रेम विवाह करने के इच्छुक इस राशि के लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा।


तुला- तुला राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा। सोचे हुए कार्यों के पूरे परिणाम मिलेंगे। भूमि, प्रॉपर्टी के कार्यों में निवेश से पैसा मिलेगा। धन उलझने के योग बन सकते हैं सावधान रहें। धन से संबंधित चिंता बनी रहेगी। माता से सुख प्राप्त होगा।


वृश्चिक- पराक्रम भाव में शुक्र आपको अच्छा फल देने वाला रहेगा। सोचे हुए नए कार्य होंगे और उनका पूरा परिणाम भी मिलेगा। मित्रों से सहयोग और प्रसन्नता मिलेगी साथ ही मित्रों की सहायता से आपके कार्य पूरे होंगे।


धनु- धन भाव में शुक्र के आ जाने से इस राशि के शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को धन लाभ मिलेगा। धनु राशि के लोगों को वाणी से संबंधित कार्यों से धन लाभ होगा। इस राशि के लोग क्रोध पर नियंत्रण रखें नहीं तो बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।


मकर- मकर राशि के लोगों के लिए समय थोड़ा मध्यम रहेगा। स्वभाव में उग्रता आ सकती है। इस राशि वालों को शारीरिक सुख मिलेगा। अपने आर्कषण में वृद्धि महसुस करेंगे। इस राशि वाले लोगों को व्यर्थ खर्च से बचना चाहिए। व्यसनों पर नियंत्रण रखें।

कुंभ- कुंभ राशि वालों के लिए समय अशुभ रहेगा। सोच समझकर निवेश करें। बाहरी व्यक्तियों पर खर्च होने की संभावनाएं बढ़ेगी। व्यर्थ की यात्राएं होंगी और यात्राओं में धन व्यर्थ होने के योग बनेंगे। धन संबंधित मामलों में विश्वासघात के योग भी बनेंगे। धन संंबंधित चिंताए बनी रहेगी।

मीन- इस राशि वालों के लिए शुक्र का राशि बदलना आर्थिक लाभ देने वाला रहेगा। बिजनेस के लिए समय बहुत अच्छा रहेगा। किए गए निवेश का पूरा परिणाम मिलेगा। इस राशि वालों को धन लाभ होने के योग बनेंगे।


मेंटल स्ट्रेस से जुड़ी समस्याओं के लिए कुछ चुनिंदा आयुर्वेदिक उपचार

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यदि आपको ऐसा लग रहा हो, कि आपके ऊपर आवश्यकताओं की पूर्ति का अधिक दबाव है ,या यदि आप अपने आपको अत्यधिक व्यस्त पा रहे है और अपने लिए भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं ,तो आप बच्चे हों या बड़े-बूढ़े आपके लिए तनाव नामक स्थिति से दो चार होना स्वाभाविक ही है। वैसे तनाव शरीर को मुश्किल भरे हालातों में जूझने की क्षमता भी देता है, लेकिन यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है ,पर यही जब अनावश्यक रूप से सामान्य स्थिति में प्रकट होने लगे, तो आप वाकई एक गंभीर स्थति से गुजर रहे हैं।

यूँ तो अधिकांश बीमारियों में तनाव एक बहुत बड़ा कारण होता है ,जीवन मंत्र पर अब तक मैंने जिन बीमारियों का समाधान प्रस्तुत किया उन सबमें कहीं न कहीं यह एक ट्रिगर फेक्टर के रूप में काम करता रहा है, और इसके मानसिक एवं शारीरिक दो पहलू अक्सर हमें परेशान करते हैं। इस सीरीज में तनाव के मानसिक पहलूओं पर पाठकों की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है:-

-राज (गोवा ): आपने एंजाईटी नामक समस्या का निदान जानना चाहा है, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति बिना कारण के एक छुपे हुए डर से परेशान होता है ,उसे यह डर एक साथी के रूप में अपने भविष्य सहित किसी भी काम में साये की तरह पीछे लगा रहता है। यह दिल के धड़कन के बढऩे जैसे लक्षणों को भी उत्पन्न करता है, आप योग की क्रिया प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें तथा किसी पंचकर्म चिकित्सक के निर्देशन में शिरोधारा का लाभ लें,दवाओं में ब्राह्मी वटी दो-दो गोली एवं सारस्वतारिष्ट को चार चम्मच की मात्रा में समान भाग पानी से भोजन के सुबह शाम लें,अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करें और अत्यंत आवश्यक होने पर ही आधुनिक औषधी का सेवन करें।

-विनय (इंदौर ),अरुण (भोपाल ),मनोज कुमार (छपरा),सी .बी.देशमुख (पुणे )- आप सभी कुछ ऐसी समस्या से पीडि़त हैं, जिसमें रात में देर से नींद आती है, या टूट-टूटकर आती है और सुबह जल्दी खुल जाती है। आप सभी रात में अपने तलवों में सरसों की तेल की मालिश करें तथा नियमित रूप से शवासन का अभ्यास करें। ऊपर बतायी गयी औषधि के साथ जटामांसी के चूर्ण का 5 से दस ग्राम की मात्रा में रात्रि में सेवन आप के लिए फायदेमंद होगा।

-शिल्पी (नोएडा )- आपकी माताजी एक मानसिक बीमारी पैरानोया से पीडि़त हैं,जिसमें व्यक्ति अनावश्यक रूप से इस प्रकार का शक करने लगता है, कि उसके खाने में कुछ मिला है ,आप किसी अच्छे मानसिक रोग में विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें, जो दोषों के अनुसार उनकी प्रकृति का आकलन कर आयुर्वेदिक औषधियों की मात्रा एवं काल का निर्धारण करे।

-विवेक सैनी (जयपुर ): आप नवीं कक्षा के छात्र है और आप ऐसा सोचते हैं, कि आपकी कक्षा के और छात्र आपके बारे में क्या सोचते हैं? ,आप दूसरों के सोचने की परवाह बिलकुल न करें ,केवल अपना अच्छा काम करें ,किसी को किसी के बारे में सोचने की फु र्सत नहीं होती, इसलिए मस्त रहें,जिससे आप स्वस्थ रहेंगे।

-ऋषि (रायपुर )-आपने मुझे पंडितजी कहकर अभिवादन किया है जिसे मैं स्वीकार करता हूं, लगता है आप व्यावसायिक एव सामान्य जीवन में सफलता और असफलता के कारण तनाव से प्रताडि़त हैं, और कई पंडितों से परामर्श ले चुके हैं, मैं एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको यह परामर्श देता हूं। किस फलता की तरह असफलता भी जीवन का आवश्यक पहलू है ,जिससे हर व्यक्ति को जूझना पड़ता है, आपके लिए बेहतर है, आप पंडितों,तांत्रिकों एवं ओझाओं से से दूरी बनाकर लाइफ-स्टाईल मैनेजमेंट पर ध्यान दें, तो बेहतर होगा, इसके लिए आयुर्वेदिक औषधियां एवं योग का नियमित अभ्यास सहित पंचकर्म एक बेहतर विकल्प होगा।

-संदीप (दिल्ली ) -आप किसी सदमें से उबरने के बाद अपनी मस्तिष्क के अस्थिर होने से सम्बंधित समस्या से पीडि़त हैं ,मुझे लगता है, आपके मस्तिष्क मैं कहीं न कहीं अभी भी उस सदमे का असर थोड़ी मात्रा में है, आप नियमित रूप से ब्राह्मी वटी -दो दो गोली गुनगुने पानी से सुबह-शाम ,तथा जटामांसी का काढा बनाकर रात में 15 मिली की मात्रा में लें, निश्चित लाभ मिलेगा, प्राणायाम एवं त्राटक का नियमित अभ्यास आप के मस्तिष्क को स्थिर रखने में मददगार सिद्ध होगा।

अंत में मेरा आप सभी को एक परामर्श है, कि यदि तनाव को दूर रखकर सदैव प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास किया जाय, तो आप मानसिक एवं शारीरिक दोनों ही रूपों में स्वस्थ रहेंगे ,इस हेतु ध्यान,प्राणायाम,आसनों का नियमित अभ्यास सदैव फायदेमंद होगा।

घने जंगलों में खो गया है एक शहर, जिसमें छिपे हैं हीरे-जवाहरात

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इंका सभ्यता का एक और खोया हुआ शहर है पाइतिति। कहा जाता है कि ये शहर एंडेस के पूर्व में कहीं पर था। ये दक्षिण-पूर्वी पेरू, उत्तरी बोलिविया या फिर दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील के घने जंगलों में कहीं खो गया है। पाइतिति की कहानियों का नायक एनकारी है, जिन्होंने कुएरो और कुज़को सभ्यता की स्थापना की थी। फिर बाकी जिंदगी जंगलों में गुजारने के लिए वे पाइतिति चले गए थे।


इंका सभ्यता के विस्थापित और कुइचुआन लोग बताया करते थे कि कॉनकुइस्टाडोर्स छोड़ते समय उन्होंने इस जंगल में काफी तादात में सोना, चांदी व कीमती पत्थर छिपाए थे। वे लोग इसकी संभावित जगह दक्षिणपूर्वी पेरू में बताते थे। 16वीं शताब्दी में इंका और स्पेनिश लोगों में करीब चालीस साल युद्ध चला था। अंत में स्पेनिश लोग यहां काबिज हो गए थे। 2001 में इटली के पुरातत्व शास्त्री मारियो पालिआ को रोम में कुछ दस्तावेज मिले थे। इनमें पता चलता था कि एंडेस के रेन फॉरेस्ट में सोने-चांदी का एक शहर था पाइतिति।


2001 में यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के दो खोजियों ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया। 2001-2003 के बीच बोलिविया के पुरातत्व शास्त्रियों ने यहां काफी रिसर्च की। 2009 में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पेरू के जंगलो में पुराने अवशेष तलाशे, जिन्हें देखकर लगता है पाइतिति यहां हो सकता है।

भारत के इस कोने में उस दिन वो हुआ जो शायद ही कहीं हुआ होगा!



हरदोई। क्या कोई व्यक्ति मरने के बाद बिजली का उपभोग कर सकता है? क्या कोई मरने के बाद बिजली चोरी कर सकता है? आप सोच रहे होंगे कि कैसी बकवास बातें हैं? पर जनाब है बातें सौ फीसदी सही हैं। ऐसा करामात यूपी के हरदोई जिले के बिजली विभाग ने कर दिखाया है।

यहां एक मरे हुए दलित व्यक्ति के खिलाफ विद्युत विभाग द्वारा बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कर हर्जाने के रूप में 51 हजार 115 रुपए जमा करने की नोटिस दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है।

विद्युत विभाग सीतापुर के प्रवर्तन दल के अवर अभियंता विकास मान तिवारी ने पिछले 23 नवम्बर को शहर कोतवाली में 6 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया था जिसमें ऊंचाठोक निवासी झुम्मन का नाम भी है जिसकी 15 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

पुलिस के मुताबिक, झुम्मन को जुर्माने के रूप में 51 हजार 115 रुपये जमा करने की नोटिस भी दी गई है। इससे उसके घर वाले बहुत परेशान हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि झुम्मन की मौत हो चुकी है इसलिए उसपर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। दूसरी तरफ बिजली विभाग को पुलिस की कार्रवाई का इंतजार है जिससे झुम्मन के परिजनों को राहत दी जा सके।

विश्व की तीसरी सबसे कम वजन वाली बच्ची, दो आईफोन बराबर वजन


लॉस एंजिलस। समय से करीब 4 महीने पहले जन्म लेने वाली दुनिया की तीसरी सबसे कम वजन की बच्ची अब भी जीवित है। लॉस एंजिलस काउंटी मेडिकल सेंटर में 30 अगस्त (जन्म से 4 महीने पहले) को पैदा हुई मेलिंडा स्टार गुइडो का जन्म के समय वजन मात्र दो आईफोन मोबाइल बराबर था।

मेलिंडा की 22 वर्षीय मां हैदी ल्बारा के मुताबिक उच्च रक्तचाप से संबंधित विकार के चलते डॉक्टरों को उनकी डिलीवरी सीजेरियन ऑपरेशन के जरिये केवल 24 सप्ताह में ही करना पड़ी। डॉक्टरों के मुताबिक जन्म के समय मां और बच्ची दोनों का बचना मुश्किल लग रहा था। हालांकि अब दोनों ही स्वस्थ हैं।
स्टार बेबी बनी मेलिंडा
लॉस एंजिलस काउंटी मेडिकल सेंटर में नियोनेटल डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. रंगासामी रामानाथन के मुताबिक मेलिंडा डिपार्टमेंट की स्टार बेबी बनाया गया है। वह हमारी यूनिट में जन्म लेने वाली सबसे छोटी बच्ची है, जिसका वजन किसी कोक की केन के बराबर है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं।
नए साल में पहुंचेगी घर
प्री-मेच्योर बेबी मेलिंडा को डॉक्टर्स ने चार महीने तक इन्क्यूबेटर में रखने की सलाह दी है। जन्म के समय सिर्फ 9.5 औंस (270 ग्राम) वजनी मेलिंडा को फिलहाल डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। उसकी सेहत में काफी सुधार भी हो रहा है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि उसे नववर्ष में (न्यू ईयर के दिन) अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

बस झलक भर से थर-थर कांप गया था अमेरिका, भागा था उलटे पांव


न्यूज डेस्क. 16 दिसंबर का दिन विश्व इतिहास में एक खास महत्व रखता है। 40 साल पहले आज ही के दिन बांग्लादेश को एक अलग देश के रूप में आजादी मिली थी। तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान रहे बांग्लादेश को भारत ने आजादी दिलवायी थी। लेकिन इस जंग में एक तीसरा देश और था जिसने एक अहम भूमिका निभायी। वो देश था रूस।

1971 की जंग में पाकिस्तान की मदद करने के लिए अमेरिका कूद पड़ा था। ऐसे में भारत और बांग्लादेश के समर्थन में रूस ने अपने युद्ध पोत उतार दिए थे। रूसी सैन्य ताकत के सामने अमेरिका को अपने कदम पीछे लेने पड़ गए थे। रूस की दखलअंदाजी के बाद युद्ध महज दो हफ्ते में समाप्त हो गया था।

यह जंग शुरू तो भारत और पाकिस्तान के बीच थी, लेकिन अमेरिका और रूस की एंट्री ने इसे महायुद्ध में परिवर्तित कर दिया था। ब्रिटेन ने भारत की मदद के लिए हिंद महासागर में अपना ईगल पोत उतारा था। उसी समय सोवियत सरकार ने एडमिरल व्लादिमिर क्रूग्ल्याकोव की अगुवाई में अपने युद्धपोतों का एक यूनिट भेज दिया था।

हिंद सागर के पश्चिमि छोर से अमेरिका ने अपनी नेवी भेजी थी, तो पूर्वी छोर पर सोवियत क्रूजर, डिस्ट्रॉयर और एंटी शिप मिसाइलों से लैस एटमी पनडुब्बियां आकर तैनात हो गई थीं। अमेरिका को डराने के लिए रूस ने सिर्फ अपनी मिसाइलों को ताना भर था।

इस बात से खौफ खाकर अमेरिका के एडमिरल डिमॉन गॉर्डन ने 7वीं अमेरिकी फ्लीट कमांडर को इस बारे में जानकारी दी और अमेरिका पीछे हो गया। इस वीडियो में इसी युद्ध नीति को बताया गया है।

रहस्यमयी तालाब की करामात, डुबकी लगाते ही होता है चमत्कार!


मुरादाबाद। सम्भल के असमोली में एक ऐसा तालाब है जिसको रहस्यमयी माना जाता है। यहां के लोगों की मान्यता है कि इस तालाब में जो भी नहा ले उसके बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं। इसलिए इस चमत्कारी तालाब में नहाने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं। यहां साल में दो बार बूढ़े बाबा का मेला लगता है। बूढ़े बाबा के मेले दूर-दूर से श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं।

इसी दौरान रोगी खासकर जिन्हे चर्म रोग हुआ होता है, इस तालाब में स्नान करते हैं। मान्यता है कि यहां के तालाब में स्नान के बाद चर्म रोग दूर हो जाते हैं। मेले आए प्रत्यक्षदर्शी रामप्रताप के मुताबिक, उनके भतीजे को पिछले 5 साल से चर्मरोग था।

उन्होंने इसका इलाज कई जगह कराया, लेकिन रोग ठीक नहीं हो सका। उनको किसी ने इस तालाब के बारे में बताया। उन्होंने भतीजे को इस तालाब में स्नान कराया। इसके कुछ दिन बाद ही चर्मरोग ठीक हो गया।

21वीं सदी में इस तरह के चमत्कारों को अंधविश्वास माना जाता है, लेकिन लोगों की आस्था और फायदे ने विज्ञान के तर्क को झुठला दिया है। एक स्थानीय शिक्षक के मुताबिक, तालाब से कुछ इस तरह के रसायन निकलते हैं, जो इन बिमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए चर्मरोग आदि ठीक हो जाते हैं।

अस्सी की उम्र में भी दिखेंगे अठारह के आजमाएं ये देसी फंडा



वर्तमान समय में अनियमित खानपान व दिनचर्या के कारण समय से पहले बाल सफेद होना, कम उम्र में झुर्रियां आ जाना या अन्य ऐजिंग साइन एक आम समस्या है। ऐसे में दवाईयां या एंटीएंजिंग क्रीम युज करना काफी नहीं होगा। अगर आप वाकई लंबे समय तक जवान बने रहना चाहते हैं।अगर चाहते है कि अस्सी की उम्र में भी आपके शरीर में अठारह सी फूर्ति रहे तो नीचे लिखे योगासन को नियमित रूप से करें।

हलासन विधि - समतल जमीन पर आसन बिछाएं। आसन पर शवासन में लेट जाएं। श्वांस को अंदर भरकर दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की और उठाना प्रारंभ करें। पैरों को ऊपर उठाते हुए सर्वांगासन में आइये, फिर पैरों को सिर के पीछे तक झुकाते हुए जमीन से स्पर्श कराइये। दोनों पैरों को घुटनों से न मुडऩे दें। पैरों को सीधा रखें। दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ लें। हाथों की कोहनी को सीधा रखें। कुछ क्षण इसी तरह रुकने के बाद, सामान्य रूप से शवासन में आ जाइये। शरीर के तनाव को मिटाने के लिये आसन के अंत में कुछ देर शवासन में रहें।

लाभ - यह आसन थायराइड ग्रन्थि को प्रभावित करता है। इस आसन के करने से कण्ठकूपों पर दवाब पड़ता है जिससे थाइराइड़ संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। भावनात्मक संतुलन और तनाव निवारण के लिये यह आसन लाभप्रद है। इससे मेरुदण्ड लचीला बनता है जिससे आप लंबे समय तक जवान बने रहेंगे। इस आसन से पाचन तंत्र और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। इसके अभ्यास से पाचन तंत्र ठीक रहता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से विशुद्ध चक्र जाग्रत होता है। गले और वाणी से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं।

हलासन के अभ्यास से मन शांत और स्थिर होता है, तनाव दूर होता है। इसके नियमित अभ्यास से प्राण सूक्ष्म होकर सुषुम्ना नाड़ी में प्रवाहित होने लगता है।इसे करने से मन, आनंद और उत्साह से भरा रहता है तथा शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है। साथ ही प्रतिदिन सुबह उठने के बाद खाली पेट एक चम्मच च्यवनप्राश लेना चाहिए। इसके बाद दूध पीएं। इसी तरह रात को सोने से पहले एक चम्मच च्यवनप्राश लें और फिर दूध पीएं। रोज अनार व चुकंदर का भी सेवन करें। खूब पानी पीएं। छ: से आठ घंटे गहरी नींद लें। घृतकुमारी के ज्यूस का नियमित रूप से सेवन करें। सदा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में हरड़ को भी वरदान माना गया है।


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