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17 दिसंबर 2011

यह है गीता का ज्ञान ...

(कर्मों के होने में सांख्यसिद्धांत का कथन)
पञ्चैतानि महाबाहो कारणानि निबोध मे ।
साङ्ख्ये कृतान्ते प्रोक्तानि सिद्धये सर्वकर्मणाम्‌ ॥
भावार्थ : हे महाबाहो! सम्पूर्ण कर्मों की सिद्धि के ये पाँच हेतु कर्मों का अंत करने के लिए उपाय बतलाने वाले सांख्य-शास्त्र में कहे गए हैं, उनको तू मुझसे भलीभाँति जान॥13॥
अधिष्ठानं तथा कर्ता करणं च पृथग्विधम्‌ ।
विविधाश्च पृथक्चेष्टा दैवं चैवात्र पञ्चमम्‌ ॥
भावार्थ : इस विषय में अर्थात कर्मों की सिद्धि में अधिष्ठान (जिसके आश्रय कर्म किए जाएँ, उसका नाम अधिष्ठान है) और कर्ता तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के करण (जिन-जिन इंद्रियादिकों और साधनों द्वारा कर्म किए जाते हैं, उनका नाम करण है) एवं नाना प्रकार की अलग-अलग चेष्टाएँ और वैसे ही पाँचवाँ हेतु दैव (पूर्वकृत शुभाशुभ कर्मों के संस्कारों का नाम दैव है) है॥14॥
शरीरवाङ्‍मनोभिर्यत्कर्म प्रारभते नरः ।
न्याय्यं वा विपरीतं वा पञ्चैते तस्य हेतवः॥
भावार्थ : मनुष्य मन, वाणी और शरीर से शास्त्रानुकूल अथवा विपरीत जो कुछ भी कर्म करता है- उसके ये पाँचों कारण हैं॥15॥
तत्रैवं सति कर्तारमात्मानं केवलं तु यः ।
पश्यत्यकृतबुद्धित्वान्न स पश्यति दुर्मतिः ॥
भावार्थ : परन्तु ऐसा होने पर भी जो मनुष्य अशुद्ध बुद्धि (सत्संग और शास्त्र के अभ्यास से तथा भगवदर्थ कर्म और उपासना के करने से मनुष्य की बुद्धि शुद्ध होती है, इसलिए जो उपर्युक्त साधनों से रहित है, उसकी बुद्धि अशुद्ध है, ऐसा समझना चाहिए।) होने के कारण उस विषय में यानी कर्मों के होने में केवल शुद्ध स्वरूप आत्मा को कर्ता समझता है, वह मलीन बुद्धि वाला अज्ञानी यथार्थ नहीं समझता॥16॥
यस्य नाहङ्‍कृतो भावो बुद्धिर्यस्य न लिप्यते ।
हत्वापि स इमाँल्लोकान्न हन्ति न निबध्यते ॥
भावार्थ : जिस पुरुष के अन्तःकरण में 'मैं कर्ता हूँ' ऐसा भाव नहीं है तथा जिसकी बुद्धि सांसारिक पदार्थों में और कर्मों में लिपायमान नहीं होती, वह पुरुष इन सब लोकों को मारकर भी वास्तव में न तो मरता है और न पाप से बँधता है। (जैसे अग्नि, वायु और जल द्वारा प्रारब्धवश किसी प्राणी की हिंसा होती देखने में आए तो भी वह वास्तव में हिंसा नहीं है, वैसे ही जिस पुरुष का देह में अभिमान नहीं है और स्वार्थरहित केवल संसार के हित के लिए ही जिसकी सम्पूर्ण क्रियाएँ होती हैं, उस पुरुष के शरीर और इन्द्रियों द्वारा यदि किसी प्राणी की हिंसा होती हुई लोकदृष्टि में देखी जाए, तो भी वह वास्तव में हिंसा नहीं है क्योंकि आसक्ति, स्वार्थ और अहंकार के न होने से किसी प्राणी की हिंसा हो ही नहीं सकती तथा बिना कर्तृत्वाभिमान के किया हुआ कर्म वास्तव में अकर्म ही है, इसलिए वह पुरुष 'पाप से नहीं बँधता'।)॥17॥
ज्ञानं ज्ञेयं परिज्ञाता त्रिविधा कर्मचोदना ।
करणं कर्म कर्तेति त्रिविधः कर्मसङ्ग्रहः ॥
भावार्थ : ज्ञाता (जानने वाले का नाम 'ज्ञाता' है।), ज्ञान (जिसके द्वारा जाना जाए, उसका नाम 'ज्ञान' है। ) और ज्ञेय (जानने में आने वाली वस्तु का नाम 'ज्ञेय' है।)- ये तीनों प्रकार की कर्म-प्रेरणा हैं और कर्ता (कर्म करने वाले का नाम 'कर्ता' है।), करण (जिन साधनों से कर्म किया जाए, उनका नाम 'करण' है।) तथा क्रिया (करने का नाम 'क्रिया' है।)- ये तीनों प्रकार का कर्म-संग्रह है॥18॥

कुरान का संदेश


जंतर का मंतर हिंदी में ही क्यों?

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जयपुर.यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद जंतर-मंतर के इतिहास को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए शुरू किया गया लाइट एंड साउंड शो केवल देसी पर्यटकों के ही समझ आएगा।

वजह है विदेशी पर्यटकों की हिंदी भाषा में असहजता। दरअसल शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू करने की योजना है। ऐसे में विदेशी पर्यटकों को इसे समझने के लिए फिलहाल इसके विजुअल इफेक्ट्स से ही संतोष करना पड़ेगा।


जाहिर है विश्व विरासत का खिताब मिलने के बाद इस वेधशाला को देखने लिए विदेशी पर्यटकों की उत्सुकता और संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

पर्यटन विभाग के अनुसार जंतर-मंतर में हर साल लगभग 7 लाख पर्यटक आते हैं। शो इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य के अन्य मोन्यूमेंट्स में होने वाले इस तरह के शो से अलग इसमें पहली बार लाइट एंड साउंड तकनीक के साथ 3डी एनिमेशन और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है।

एंटरटेनिंग नहीं, एजुटेनमेंट है वेधशाला का शो

आमेर में होने वाला शो एंटरटेनिंग है, जबकि जंतर मंतर का शो वृहद सम्राट, जयप्रकाश व राशि वलय यंत्र के जरिए खगोलीय गणना जानने के लिहाज से एंटरटेनिंग न होकर एजुटेनमेंट (एजुकेशन व एंटरटेनमेंट का मिश्रण) है।

लाइट एंड साउंड शो बनाने वाली कंपनी इंटीग्रेटेड डिजिटल सॉल्यूशन के प्रोजेक्ट हैड मुकेश भार्गव कहते हैं, नॉलेजिबल होने के कारण विदेशी पर्यटकों के लिए अंग्रेजी वर्जन की स्क्रिप्ट और डबिंग पर कार्य किया जा रहा है। इसमें अभी कुछ समय और लगेगा। शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह तक शुरू हो पाएगा।

आमेर पैलेस के शो की स्थिति

आमेर फोर्ट में 2008 में शुरू हुए लाइट एंड साउंड शो में हिंदी और अंग्रेजी के दोनों शो आयोजित होते हैं। आमेर में 3 डी एनिमेशन तकनीक नहीं होने के साथ वह विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में है, जबकि जंतर मंतर विश्व विरासत में तब्दील हो चुका है।

आमेर में इस साल लाइट एंड साउंड शो की दर्शक संख्या

1490 अप्रैल

2590 अक्टूबर

2791 नवंबर

जंतर का मंतर हिंदी में ही क्यों?

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जयपुर.यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद जंतर-मंतर के इतिहास को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए शुरू किया गया लाइट एंड साउंड शो केवल देसी पर्यटकों के ही समझ आएगा।

वजह है विदेशी पर्यटकों की हिंदी भाषा में असहजता। दरअसल शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू करने की योजना है। ऐसे में विदेशी पर्यटकों को इसे समझने के लिए फिलहाल इसके विजुअल इफेक्ट्स से ही संतोष करना पड़ेगा।


जाहिर है विश्व विरासत का खिताब मिलने के बाद इस वेधशाला को देखने लिए विदेशी पर्यटकों की उत्सुकता और संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

पर्यटन विभाग के अनुसार जंतर-मंतर में हर साल लगभग 7 लाख पर्यटक आते हैं। शो इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य के अन्य मोन्यूमेंट्स में होने वाले इस तरह के शो से अलग इसमें पहली बार लाइट एंड साउंड तकनीक के साथ 3डी एनिमेशन और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है।

एंटरटेनिंग नहीं, एजुटेनमेंट है वेधशाला का शो

आमेर में होने वाला शो एंटरटेनिंग है, जबकि जंतर मंतर का शो वृहद सम्राट, जयप्रकाश व राशि वलय यंत्र के जरिए खगोलीय गणना जानने के लिहाज से एंटरटेनिंग न होकर एजुटेनमेंट (एजुकेशन व एंटरटेनमेंट का मिश्रण) है।

लाइट एंड साउंड शो बनाने वाली कंपनी इंटीग्रेटेड डिजिटल सॉल्यूशन के प्रोजेक्ट हैड मुकेश भार्गव कहते हैं, नॉलेजिबल होने के कारण विदेशी पर्यटकों के लिए अंग्रेजी वर्जन की स्क्रिप्ट और डबिंग पर कार्य किया जा रहा है। इसमें अभी कुछ समय और लगेगा। शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह तक शुरू हो पाएगा।

आमेर पैलेस के शो की स्थिति

आमेर फोर्ट में 2008 में शुरू हुए लाइट एंड साउंड शो में हिंदी और अंग्रेजी के दोनों शो आयोजित होते हैं। आमेर में 3 डी एनिमेशन तकनीक नहीं होने के साथ वह विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में है, जबकि जंतर मंतर विश्व विरासत में तब्दील हो चुका है।

आमेर में इस साल लाइट एंड साउंड शो की दर्शक संख्या

1490 अप्रैल

2590 अक्टूबर

2791 नवंबर

झालावाड़ में महिला ने दिया चार बच्चियों को जन्म!

झालावाड़/जयपुर.जिला एसआरजी अस्पताल में शनिवार सुबह एक महिला ने चार बच्चियों को जन्म दिया। उसका यह पहला प्रसव था। चारों बच्चियां स्वस्थ हैं, लेकिन उनका वजन सामान्य से काफी कम होने से उन्हें एनआईसीयू में रखा गया है।

जिले के बकानी पंचायत समिति के बरखेड़ा गांव निवासी द्वारकीबाई (22) पत्नी ईश्वर गुर्जर को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार सुबह झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल लाया गया। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रितु गुप्ता ने उसकी जांच कर तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी।

सुबह साढ़े छह बजे उसका ऑपरेशन शुरू हुआ।द्वारकी ने 6:35 बजे पहली बच्ची को जन्म दिया। बाकी तीनों बच्चियां भी दो-दो मिनट के अंतराल पर हो गईं।

बोहरा समाज की अनूठी पहल, एक समय का खाना समाज की ओर से


इंदौर।देश व दुनिया में बोहरा समाज के लोगों को रोजाना एक समय का खाना मफ्त मुहैया कराया जा रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर में फिलहाल बोहरा समाज के 800 से ज्यादा परिवारों को हर शाम टिफिन भेजा जा रहा है। खाना बनाने और भेजने की जिम्मेदारी अलग-अलग मस्जिदों को सौंपी गई है।

भारत के अलावा दुबई, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड देश और दुनिया के सभी बोहरा परिवारों में एक समय का खाना पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

आमिल जनाब जौहेर अब्दुल्ला भाई साहेब बद्री के अनुसार धर्मगुरु सैयदना के कहने पर प्रत्येक घर में एक समय का खाना भिजवाने का फरमान दिया गया। ताकि समाज का कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए और समाज के अमीर से लेकर गरीब तक सभी लोग एक जैसा भोजन करें। इसलिए समाज के हर परिवार में खाना भेजा जा रहा है। दूसरा मकसद यह है कि समाज के लोगों की अच्छी सेहत बनी रहे।

फेसबुक पर आपत्तिजनक फोटो कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़

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पुणे. फेसबुक पर आपत्तिजनक फोटो को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मनपा विपक्ष नेता आबा बागुल के कार्यालय में तोड़फोड़ की। यह घटना शुक्रवार शाम मनपा में हुई।

बागुल के फेसबुक अकाउंट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक आपत्तिजनक फोटो है। उस फोटो को टैग किया गया है। 27 अक्टूबर से लेकर अब तक यह फोटो अकाउंट पर होने के कारण शुक्रवार शाम करीब पाचं बजे पार्टी के पर्वती इंडस्ट्रीयल वार्ड के अध्यक्ष गणोश लगस ने अपने भाई और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बागुल के मनपा स्थित कार्यालय पर हमला बोल दिया।

25 से 30 कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में घुस कर वहां के सामान की तोड़फोड़ की। साथ ही बागुल के विरोध में नारेबाजी कर उनके सामने एक ज्ञापन फेंका। बागुल को शुरू में समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बैठकर चर्चा करने के लिए कहा।

किंतु वे नहीं माने और जाते समय कार्यालय का कांच का दरवाजा फोड़ दिया। सभी के जाने के बाद बागुल ने उनके विरोध में शिवाजीनगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। बागुल का कहना है कि उन्होंने कोई भी फोटो टैग नहीं किया है। घटना के बारे में शहराध्यक्ष को सूचना दी गई है। क्या करना है इसका निर्णय वही लेंगे।

भगवद् गीता 'उग्रवादी साहित्य'!

मास्को. हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों में से एक भगवद् गीता पर रूस में कानूनी प्रतिबंध लगाए जाने और उसे पूरे रूस में 'उग्रवादी साहित्य' करार दिए जाने की आशंका उत्पन्न हो गई है। सरकारी अभियोजकों द्वारा दायर इससे सम्बंधित एक मामले में साइबेरिया के तोमस्क शहर की एक अदालत सोमवार को अपना अंतिम फैसला सुनाने वाली है।

भगवद् गीता के बारे में यह अंतिम फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का रूस दौरा समाप्त होने के ठीक दो दिन बाद आने वाला है। मनमोहन सिंह रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए 15 से 17 दिसम्बर तक रूस के दौरे पर थे। यह मामला तोमस्क की अदालत में इस वर्ष जून से चल रहा है। इस मामले में इस्कान के संस्थापक ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा हिंदु ग्रंथ पर रचित 'भगवद् गीता एस इट इज' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है और इसे सामाजिक कलह फैलाने वाला साहित्य घोषित किया गया है। साथ ही रूस में इसके वितरण को अवैध घोषित करने की भी मांग की गई है।

इसके मद्देनजर मास्को में बसे भारतीयों (लगभग 15,000), और इस्कान के अनुयायियों ने मनमोहन सिंह और उनकी सरकार से अपील की है कि वे भगवद् गीता के पक्ष में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कूटनीतिक हस्तक्षेप करें। भगवद् गीता, महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रूस में इस्कान के अनुयायियों ने भी नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए लिखा है।

मध्य मास्को में स्थित 40 वर्ष पुराने श्रीकृष्ण मंदिर के पुजारी और इस्कान से जुड़े साधु प्रिय दास ने आईएएनएस से कहा, "इस मामले में सोमवार को तोमस्क अदालत का अंतिम फैसला आने वाला है। हम चाहते हैं कि भारत सरकार रूस में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए हरसम्भव प्रयास करे।" सरकारी अभियोजकों द्वारा मामला दायर किए जाने के बाद अदालत ने इस ग्रंथ पर विशेषज्ञों की राय लेने के लिए इसे इस वर्ष 25 अक्टूबर को तोमस्क युनिवर्सिटी भेज दिया था। लेकिन रूस के हिंदू संगठनों, खासतौर से इस्कान के अनुयायियों का कहना है कि युनिवर्सिटी इस काम के काबिल नहीं है, क्योंकि वहां 'इंडॉलोजिस्ट्स' नहीं हैं।

हिंदुओं ने अदालत में कहा है कि यह मामला धार्मिक पक्षपात और रूस के एक बहुसंख्यक धार्मिक समूह की असहिष्णुता से प्रेरित है। हिंदुओं ने मांग की है कि धार्मिक परम्पराओं के पालन के लिए उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। दास ने कहा, "उन्होंने न केवल भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की है, बल्कि हमारे धार्मिक विश्वासों और उपदेशों को चरमवादी करार देने की भी कोशिश की है।"



सज्जनता की ऐसी ताकत के आगे कहीं नहीं टिकती


अक्सर सज्जनता को कमजोरी, दब्बूपन या कायरता से जोड़कर देखा जाता है। जबकि धर्मदृष्टि से सज्जन व्यक्ति स्वभाव से निर्भय और दृढ़ होता है। यहां तक कि वह हालात और नीति के मुताबिक जरूरत होने पर अपनी शारीरिक ताकत का उपयोग भी करता है।

असल में सज्जनता सभ्य होने की पहचान है। इसलिए सज्जन दब्बू या कमजोर नहीं होता बल्कि निडर और पक्के इरादों वाला होता। धर्मशास्त्रों में लिखी यह बात सज्जनता की शक्ति को उजागर भी करती है। इस ताकत का सही उपयोग दुर्जन को भी पस्त कर देता है -

उपकर्तुं प्रियं वक्तुं कर्तुं स्नेह कृत्रिमम्।

सुजनानां स्वभावो यं केनेन्दु: शिशिरी कृत

सरल शब्दों में अर्थ है कि उपकार करना, मीठा बोलना और सच्चा स्नेह करना ये 3 लक्षण सज्जनों के स्वभाव की खासियत है। इन 3 खूबियों में समाई सज्जनता कैसे व्यावहारिक जीवन में शक्ति बनकर प्रकट होती हैं? जानते हैं -

- सज्जन व्यक्ति मात्र अधिकार ही नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों को भी याद रखता है। क्योंकि वह जानता है कि अधिकार के साथ जिम्मेदारियां भी आती है। जिनको पूरा करने के लिए अपनी सारी ऊर्जा और शक्तियों को जोडऩा जरूरी है। ऐसा कर्तव्य भावना से ही संभव है।

- सज्जन व्यक्ति न्याय को महत्व देता है। वह किसी भी विषय पर राग या द्वेष के भाव रखने के बजाय सही और गलत का फर्क कर ही फैसला करता है।

- सज्जन और सभ्य व्यक्ति बंटोरने की नहीं बल्कि बांटने यानि दान की मानसिकता रखता है। क्योंकि वह समझता है कि दूसरों की जरूरतों के मायने भी उतने हैं जितने स्वयं की।

- वासना या इच्छाओं से कोई मनुष्य परे नहीं होता है। इसलिए सज्जन व्यक्ति भी इससे मुक्त नहीं होता। किंतु सभ्य व्यक्ति की यही खूबी होती है कि वह वासनाओं और इच्छाओं पर काबू करना जानता है। मानसिक और शारीरिक वासनाओं पर संयम रखने के लिए वह आसान उपाय अपनाता है। यह उपाय होता है वह खुद को समाज कार्यों या जरूरतमंद लोगों की मदद में, नया हुनर सीखनें, अध्ययन और ज्ञान बढ़ाने में व्यस्त रखता है। जिससे खाली समय में आने वाली व्यर्थ की वासनाओं की ओर उसका ध्यान नहीं जाता।

- सभ्य और सज्जन व्यक्ति की खासियत होती है कि वह हठधर्मिता या बेकार की अकड़ नहीं रखता। वह किसी भी उलझन या विवाद में व्यावहारिक समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान देता है। जिससे कटुता या संबंध बिगडऩे की संभावना नहीं रहती।

- इस तरह सभ्यता और सज्जनता ही कमजोरी न होकर ऐसी शक्ति है जो अधिकार और कर्तव्य, शरीर और आत्मबल, विवेक और बुद्धि का संतुलन सिखाने के साथ ही भले और बुरे का ज्ञान कराती है।

सज्जनता की इन खूबियों को अपनाकर हर इंसान आसानी से उन वास्तविक खुशियों को पा सकता है, जो आज सुख-सुविधाओं की चाहत में चल रही गलाकाट प्रतियोगिता के दौर में ईमान खोकर या अनैतिक कामों से मिले सुखों में भी नहीं मिलती।

छोटे-छोटे फंडे: इन्हें अपना लेंगे तो कभी नहीं होगी गैस और एसीडिटी Comment


समय पर खाना न खाना, शरीर की आवश्यकता से अधिक भोजन आदि के कारण एसीडिटी होना एक आम समस्या है। साथ ही गैस का बनना, कब्जियत रहना और मुंह के छाले होना कहीं न कहीं पेट से ही जुड़ी हुई समस्याएं हैं। पेट में गैस व एसीडिटी होनी की छोटी सी समस्याएं कई बारजानलेवा भी हो सकती है। अगर आपको भी ये समस्याएं परेशान कर रही है तो अपनाइए नीचे लिखे छोटे-छोटे फंडों को और पाएं गैस व एसीडिटी से राहत हमेशा के लिए।
- प्रतिदिन जमकर भूख लगने पर ही भोजन करें।
- खाने के तुरंत बाद कभी भी चाय-काफी आदि का सेवन न करें।
- पके हुए बेल फल का उचित रीति से सेवन करें।
- हिंगास्टक चूर्ण, जो कि बाजार में बना बनाया मिलता है, खाने के बाद
उचित मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।
- भोजन में हरी सब्जियों और सलाद का सेवन अवश्य करें। चाय, मिर्च-मसाले,
पचने में भारी चीजों से बचें।
- भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठें। रात्रि में बाईं करवट से ही सोएं।
- प्रतिदिन सुबह 2 से 3 कि. मी. मार्निग वॉक करें।
- सुबह उठकर 1-2 गिलास पानी जो तांबे के लोटे में रात भर रखा रहा हो, उसे
पीना पेट के लिये बहुत फायदेमंद होता है।

आपको हैरत में डाल देगा यह अनोखा मोबाइल


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आपने इस तरह का मोबाइल अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा होगा माइक्रोसॉफ्ट का यह कॉन्सेप्ट मोबाइल है ही इतना अनोखा। यह मोबाइल प्लास्टिक की एक शीट से बना है इस मोबाइल का खास बात यह है कि यह मौसम के मुताबिक अपने रंग बदलता है। प्लास्टिक की पारदर्शी शीट से बने होने के कारण इसके आरपार देखा जा सकता है।

अगर दिन एक दम साफ है तो यह फोन भी एकदम साफ होगा और अगर बारिश का मौसम है या बारिश आ रही है तो इसकी सतह पर भी बारिश की बूंदे नजर आएंगी। आप इस मोबाइल पर मैसेज लिख और पढ़ सकते हैं। यह मोबाइल हैंडराइटिंग पहचानता है और पूरी तरह से टचस्क्रीन है।

फेसबुक और ट्विटर के बारे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा


अगर आपका भी फेसबुक, ट्विटर या ऑरकुट पर अकाउंट है तो यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। खासकर तब जब आप नौकरी ढूंढ रहे हों। जी हां, सोशल मीडिया साइट्स पर हुए एक सर्वे के मुताबिक अब देश की 70 प्रतिशत भारतीय कंपनियां सोशल मीडिया साइट्स का सहारा लेती हैं। हो सकता है कि आपकी सोशल साइट पर बने प्रोफाइल के आधार पर ही कोई कंपनी आपको जॉब ऑफर कर दे।

सलाहकार फर्म केपीएमजी ने यह सर्वे कराया था इसके अनुसार देश में कंपनियो ने नियुक्ति के लिए नया तरीका खोजा है। विकसित देशों के मुकाबले भारत, चीन जैसी विकासशील और उभरती हुई अर्थव्यस्थाएं नियुक्ति के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स का सहारा ले रही हैं। यह सर्वे 4 हजार नियोक्ताओँ और प्रबंधकों के बीच किया गया था।

इस सर्वे के मुताबिक भारत में 70 फीसदी कंपनियां नियुक्ति के लिए सोशल साइट्स का सहारा लेती हैं जबकि चीन में 88%, ब्राजील में 88% , जापान 27%, स्वीडन 41.7% , ऑस्ट्रेलिया 41.6% और कनाडा में 51% इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि कंपनी द्वारा सोशल मीडिया साइट्स पर पाबंदी लगाने का खामियाजा खुद कंपनी को ही भुगतना पड़ता है। कर्मचारी किसी तरह से उसका इस्तेमाल कर ही लेते हैं।

राजा से भी बड़े गुनाहगार चिदंबरमः स्वामी



नई दिल्ली. 2जी घोटाले में मौजूदा गृहमंत्री पी चिंदमबरम को भी घेरने के लिए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने आज पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही दी । कोर्ट में स्वामी की आज की गवाही खत्म हो गई है। अब इस मामले में 7 जनवरी को सुनवाई होगी। स्वामी की दलीलों के बाद ही कोर्ट तय करेगा कि चिदंबरम को इस मामले में आरोपी बनाया जाए या नहीं।
स्वामी ने कहा, 7 जनवरी को मैं कोर्ट को दस्तावेजों की प्रमाणित कॉपी पेश करके कोर्ट से आग्रह करूंगा कि अब मुझे गवाह पेश करने की जरूरत नहीं है। अब कोर्ट को यह तय करना है कि गृहमंत्री पी चिदंबरम पर 2जी घोटाले में शामिल होने के आरोप बनते है या नहीं।
कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत में स्वामी ने कहा, राजा के ऊपर दो आरोप हैं पहला दाम तय करने का और दूसरा उन कंपनियों को लाइसेंस देना का जिन्हें लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए था उन्हें लाइसेंस देने का। इन दोनों आरोपों में चिदंबरम की भूमिका भी बनती है। सीबीआई को दी गई अपनी फाइल में राजा ने कहा है कि मुझे नहीं पता था कि स्पेक्ट्रम बेचा जा सकता है, चिदंबरम ने मुझे बताया था कि स्पेक्ट्रम भी बेचा जा सकता है।
मैंने चिदंबरम पर तीसरा आरोप यह लगाया है कि एतीसलात और टेलीनॉर ब्लैकलिस्ट कंपनियां हैं, गृहमंत्रालय ने इन कंपनियों के साथ कोई भी व्यापार न करने के निर्देश जारी किए थे लेकिन चिदंबरम के आदेश पर ही काली सूची में शामिल इन कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया।
स्वामी ने कहा, मैंने दस्तावेजों और तथ्यों के साथ यह साबित करने की कोशिश की कि जो-जो आरोप कोर्ट ने राजा के खिलाफ लगाए हैं वो दोनें चार्ज चिदंबरम पर भी ऐसे ही लागू होते हैं। राजा के ऊपर आरोप नंबर एक यह है कि उसने लाइसेंस के दाम 2001 के दाम पर तय करके देश के राजस्व को नुकसान पहुंचाया है, सीएजी ने इसे एक लाख 76 हजार करोड़ बताया है। दूसरा आरोप यह है कि जिन कंपनियों को लाइसेंस मिलनी नहीं चाहिए थी उन्होंने सस्ते दामों पर लाइसेंस लेकर विदेशी कंपनियों को बेच दिया।
मैंने जो दस्तावेज पेश किए हैं उनमें राजा को लिखी चिदंबरम की चिट्ठी, राजा और चिदंबरम के बीच हुई चार बैठकों के मीटिंग मिनट, संसद में प्रधानमंत्री का भाषण, 24 फरवरी को राज्यसभा में पीएम ने बयान शामिल है। पीएम ने अपने बयान में कहा था कि मेरे हाथ में दाम तय करने का अधिकार नहीं था। यह अधिकार 2003 की एनडीए सरकार ने दो मंत्रियों, जिनमें वित्त मंत्री और टेलीकॉम मंत्री शामिल हैं, को दिया था। इससे यह साबित होता है कि चिदंबरम की भी घोटाले में भूमिका है।

स्वामी सीबीआई से प्राप्त दस्तावेजों को कोर्ट में पेश कर यह साबित करने की कोशिश की है कि चिदंबरम के इशारों पर ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ। स्वामी जिन दस्तावेजों को कोर्ट में पेश कर स्वामी को फंसाने की मांग कर रहे हैं उन्हीं दस्तावेजों को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने चिदंबरम के बचाव में पेश किया था। चिदंबरम के बचाव में सिब्बल ने कहा था कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन करना सरकार की ही नीति थी। सिब्बल ने चिदंबरम के बचाव में कहा था कि एनडीए और विपक्ष पी चिदंबरम को फंसाने की साजिश रच रहा है। चिदंबरम यूपीए के अहम मंत्री हैं और उन्होंने बिना किसी भेदभाव के पूरी इमानदारी से अपना काम किया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत दायर कर गृहमंत्री पी चिदंबरम को भी 2जी घोटाले में आरोपी बनाने की मांग की है। स्वामी ने यह भी मांग की है कि सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी और टेलीकॉम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी इस मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट में बुलाया जाए।

कोर्ट जाने से पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वो चिदंबरम के खिलाफ सबूत पेश करके यह साबित करेंगे की देश के खिलाफ सबसे बड़े भ्रष्टाचार में चिदंबरम भी शामिल थे।

कोर्ट जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में स्वामी ने कहा, आज मैं गवाह के तौर पर कोर्ट में जा रहा हूं और ऐसे सबूत और दस्तावेज पेश करूंगा जो साबित कर देंगे की चिदंबरम के इशारों पर ही ए राजा काम कर रहे थे।

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