आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

18 दिसंबर 2011

में वन्दना करता हूँ

Scroll




Powered by PMAM corporation

यह है वेदों का ज्ञान

यह है गीता का ज्ञान ............


(तीनों गुणों के अनुसार ज्ञान, कर्म, कर्ता, बुद्धि, धृति और सुख के पृथक-पृथक भेद)
ज्ञानं कर्म च कर्ता च त्रिधैव गुणभेदतः ।
प्रोच्यते गुणसङ्ख्याने यथावच्छ्णु तान्यपि ॥
भावार्थ : गुणों की संख्या करने वाले शास्त्र में ज्ञान और कर्म तथा कर्ता गुणों के भेद से तीन-तीन प्रकार के ही कहे गए हैं, उनको भी तु मुझसे भलीभाँति सुन॥19॥
सर्वभूतेषु येनैकं भावमव्ययमीक्षते ।
अविभक्तं विभक्तेषु तज्ज्ञानं विद्धि सात्त्विकम् ॥
भावार्थ : जिस ज्ञान से मनुष्य पृथक-पृथक सब भूतों में एक अविनाशी परमात्मभाव को विभागरहित समभाव से स्थित देखता है, उस ज्ञान को तू सात्त्विक जान॥20॥
पृथक्त्वेन तु यज्ज्ञानं नानाभावान्पृथग्विधान्‌ ।
वेत्ति सर्वेषु भूतेषु तज्ज्ञानं विद्धि राजसम्‌ ॥
भावार्थ : किन्तु जो ज्ञान अर्थात जिस ज्ञान के द्वारा मनुष्य सम्पूर्ण भूतों में भिन्न-भिन्न प्रकार के नाना भावों को अलग-अलग जानता है, उस ज्ञान को तू राजस जान॥21॥
यत्तु कृत्स्नवदेकस्मिन्कार्ये सक्तमहैतुकम्‌।
अतत्त्वार्थवदल्पंच तत्तामसमुदाहृतम्‌॥
भावार्थ : परन्तु जो ज्ञान एक कार्यरूप शरीर में ही सम्पूर्ण के सदृश आसक्त है तथा जो बिना युक्तिवाला, तात्त्विक अर्थ से रहित और तुच्छ है- वह तामस कहा गया है॥22॥
नियतं सङ्‍गरहितमरागद्वेषतः कृतम।
अफलप्रेप्सुना कर्म यत्तत्सात्त्विकमुच्यते॥
भावार्थ : जो कर्म शास्त्रविधि से नियत किया हुआ और कर्तापन के अभिमान से रहित हो तथा फल न चाहने वाले पुरुष द्वारा बिना राग-द्वेष के किया गया हो- वह सात्त्विक कहा जाता है॥23॥
यत्तु कामेप्सुना कर्म साहङ्‍कारेण वा पुनः।
क्रियते बहुलायासं तद्राजसमुदाहृतम्‌॥
भावार्थ : परन्तु जो कर्म बहुत परिश्रम से युक्त होता है तथा भोगों को चाहने वाले पुरुष द्वारा या अहंकारयुक्त पुरुष द्वारा किया जाता है, वह कर्म राजस कहा गया है॥24॥
अनुबन्धं क्षयं हिंसामनवेक्ष्य च पौरुषम्‌ ।
मोहादारभ्यते कर्म यत्तत्तामसमुच्यते॥
भावार्थ : जो कर्म परिणाम, हानि, हिंसा और सामर्थ्य को न विचारकर केवल अज्ञान से आरंभ किया जाता है, वह तामस कहा जाता है॥25॥
मुक्तसङ्‍गोऽनहंवादी धृत्युत्साहसमन्वितः ।
सिद्धयसिद्धयोर्निर्विकारः कर्ता सात्त्विक उच्यते॥
भावार्थ : जो कर्ता संगरहित, अहंकार के वचन न बोलने वाला, धैर्य और उत्साह से युक्त तथा कार्य के सिद्ध होने और न होने में हर्ष -शोकादि विकारों से रहित है- वह सात्त्विक कहा जाता है॥26॥
रागी कर्मफलप्रेप्सुर्लुब्धो हिंसात्मकोऽशुचिः।
हर्षशोकान्वितः कर्ता राजसः परिकीर्तितः॥
भावार्थ : जो कर्ता आसक्ति से युक्त कर्मों के फल को चाहने वाला और लोभी है तथा दूसरों को कष्ट देने के स्वभाववाला, अशुद्धाचारी और हर्ष-शोक से लिप्त है वह राजस कहा गया है॥27॥
आयुक्तः प्राकृतः स्तब्धः शठोनैष्कृतिकोऽलसः ।
विषादी दीर्घसूत्री च कर्ता तामस उच्यते॥
भावार्थ : जो कर्ता अयुक्त, शिक्षा से रहित घमंडी, धूर्त और दूसरों की जीविका का नाश करने वाला तथा शोक करने वाला, आलसी और दीर्घसूत्री (दीर्घसूत्री उसको कहा जाता है कि जो थोड़े काल में होने लायक साधारण कार्य को भी फिर कर लेंगे, ऐसी आशा से बहुत काल तक नहीं पूरा करता। ) है वह तामस कहा जाता है॥28॥
बुद्धेर्भेदं धृतेश्चैव गुणतस्त्रिविधं श्रृणु ।
प्रोच्यमानमशेषेण पृथक्त्वेन धनंजय ॥
भावार्थ : हे धनंजय ! अब तू बुद्धि का और धृति का भी गुणों के अनुसार तीन प्रकार का भेद मेरे द्वारा सम्पूर्णता से विभागपूर्वक कहा जाने वाला सुन॥29॥
प्रवत्तिं च निवृत्तिं च कार्याकार्ये भयाभये।
बन्धं मोक्षं च या वेति बुद्धिः सा पार्थ सात्त्विकी ॥
भावार्थ : हे पार्थ ! जो बुद्धि प्रवृत्तिमार्ग (गृहस्थ में रहते हुए फल और आसक्ति को त्यागकर भगवदर्पण बुद्धि से केवल लोकशिक्षा के लिए राजा जनक की भाँति बरतने का नाम 'प्रवृत्तिमार्ग' है।) और निवृत्ति मार्ग को (देहाभिमान को त्यागकर केवल सच्चिदानंदघन परमात्मा में एकीभाव स्थित हुए श्री शुकदेवजी और सनकादिकों की भाँति संसार से उपराम होकर विचरने का नाम 'निवृत्तिमार्ग' है।), कर्तव्य और अकर्तव्य को, भय और अभय को तथा बंधन और मोक्ष को यथार्थ जानती है- वह बुद्धि सात्त्विकी है ॥30॥
यया धर्ममधर्मं च कार्यं चाकार्यमेव च।
अयथावत्प्रजानाति बुद्धिः सा पार्थ राजसी॥
भावार्थ : हे पार्थ! मनुष्य जिस बुद्धि के द्वारा धर्म और अधर्म को तथा कर्तव्य और अकर्तव्य को भी यथार्थ नहीं जानता, वह बुद्धि राजसी है॥31॥
अधर्मं धर्ममिति या मन्यते तमसावृता।
सर्वार्थान्विपरीतांश्च बुद्धिः सा पार्थ तामसी॥
भावार्थ : हे अर्जुन! जो तमोगुण से घिरी हुई बुद्धि अधर्म को भी 'यह धर्म है' ऐसा मान लेती है तथा इसी प्रकार अन्य संपूर्ण पदार्थों को भी विपरीत मान लेती है, वह बुद्धि तामसी है॥32॥
धृत्या यया धारयते मनःप्राणेन्द्रियक्रियाः।
योगेनाव्यभिचारिण्या धृतिः सा पार्थ सात्त्विकी ॥
भावार्थ : हे पार्थ! जिस अव्यभिचारिणी धारण शक्ति (भगवद्विषय के सिवाय अन्य सांसारिक विषयों को धारण करना ही व्यभिचार दोष है, उस दोष से जो रहित है वह 'अव्यभिचारिणी धारणा' है।) से मनुष्य ध्यान योग के द्वारा मन, प्राण और इंद्रियों की क्रियाओं ( मन, प्राण और इंद्रियों को भगवत्प्राप्ति के लिए भजन, ध्यान और निष्काम कर्मों में लगाने का नाम 'उनकी क्रियाओं को धारण करना' है।) को धारण करता है, वह धृति सात्त्विकी है॥33॥
यया तु धर्मकामार्थान्धत्या धारयतेऽर्जुन।
प्रसङ्‍गेन फलाकाङ्क्षी धृतिः सा पार्थ राजसी॥
भावार्थ : परंतु हे पृथापुत्र अर्जुन! फल की इच्छावाला मनुष्य जिस धारण शक्ति के द्वारा अत्यंत आसक्ति से धर्म, अर्थ और कामों को धारण करता है, वह धारण शक्ति राजसी है॥34॥
यया स्वप्नं भयं शोकं विषादं मदमेव च।
न विमुञ्चति दुर्मेधा धृतिः सा पार्थ तामसी॥
भावार्थ : हे पार्थ! दुष्ट बुद्धिवाला मनुष्य जिस धारण शक्ति के द्वारा निद्रा, भय, चिंता और दु:ख को तथा उन्मत्तता को भी नहीं छोड़ता अर्थात धारण किए रहता है- वह धारण शक्ति तामसी है॥35॥
सुखं त्विदानीं त्रिविधं श्रृणु मे भरतर्षभ।
अभ्यासाद्रमते यत्र दुःखान्तं च निगच्छति॥
यत्तदग्रे विषमिव परिणामेऽमृतोपमम्‌।
तत्सुखं सात्त्विकं प्रोक्तमात्मबुद्धिप्रसादजम्‌॥
भावार्थ : हे भरतश्रेष्ठ! अब तीन प्रकार के सुख को भी तू मुझसे सुन। जिस सुख में साधक मनुष्य भजन, ध्यान और सेवादि के अभ्यास से रमण करता है और जिससे दुःखों के अंत को प्राप्त हो जाता है, जो ऐसा सुख है, वह आरंभकाल में यद्यपि विष के तुल्य प्रतीत (जैसे खेल में आसक्ति वाले बालक को विद्या का अभ्यास मूढ़ता के कारण प्रथम विष के तुल्य भासता है वैसे ही विषयों में आसक्ति वाले पुरुष को भगवद्भजन, ध्यान, सेवा आदि साधनाओं का अभ्यास मर्म न जानने के कारण प्रथम 'विष के तुल्य प्रतीत होता' है) होता है, परन्तु परिणाम में अमृत के तुल्य है, इसलिए वह परमात्मविषयक बुद्धि के प्रसाद से उत्पन्न होने वाला सुख सात्त्विक कहा गया है॥36-37॥
विषयेन्द्रियसंयोगाद्यत्तदग्रेऽमृतोपमम्‌।
परिणामे विषमिव तत्सुखं राजसं स्मृतम्‌॥
भावार्थ : जो सुख विषय और इंद्रियों के संयोग से होता है, वह पहले- भोगकाल में अमृत के तुल्य प्रतीत होने पर भी परिणाम में विष के तुल्य (बल, वीर्य, बुद्धि, धन, उत्साह और परलोक का नाश होने से विषय और इंद्रियों के संयोग से होने वाले सुख को 'परिणाम में विष के तुल्य' कहा है) है इसलिए वह सुख राजस कहा गया है॥38॥
यदग्रे चानुबन्धे च सुखं मोहनमात्मनः।
निद्रालस्यप्रमादोत्थं तत्तामसमुदाहृतम्‌॥
भावार्थ : जो सुख भोगकाल में तथा परिणाम में भी आत्मा को मोहित करने वाला है, वह निद्रा, आलस्य और प्रमाद से उत्पन्न सुख तामस कहा गया है॥39॥
न तदस्ति पृथिव्यां वा दिवि देवेषु वा पुनः।
सत्त्वं प्रकृतिजैर्मुक्तं यदेभिःस्यात्त्रिभिर्गुणैः॥
भावार्थ : पृथ्वी में या आकाश में अथवा देवताओं में तथा इनके सिवा और कहीं भी ऐसा कोई भी सत्त्व नहीं है, जो प्रकृति से उत्पन्न इन तीनों गुणों से रहित हो॥40॥

कुरान का संदेश ......

तिरुपति बालाजी की ठुड्डी में जड़वाया 5 लाख का हीरा!

| Email
कोटा.रावतभाटा रोड स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में रविवार को किसी अज्ञात भक्त ने 5 लाख का असली हीरा चढ़ाया है। मंदिर के ट्रस्टी विनोद जैन (सर्राफ) ने हीरे के असली होने की पुष्टि की है। जैन के अनुसार हीरे की जांच करवा ली गई है। उसकी बाजार में कीमत करीब पांच लाख रुपए है। भक्त के आग्रह पर मंदिर ट्रस्ट ने हीरे को बालाजी की ठुड्डी में जड़वा दिया है।

मंदिर मैनेजर सुनील गुप्ता ने बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व किसी अज्ञात भक्त ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर पुजारी तरुण को हीरा भेंट कर उसे बालाजी की ठुड्डी में लगाने का निवेदन किया था। भक्त के आग्रह को स्वीकार करते हुए हीरा तिरुपति बालाजी की ठुड्डी में जड़वा दिया गया है।

हाड़ौती में श्रद्धा का केंद्र है मंदिर :

मां चर्मण्यवती के पावन तट पर मौजीबाबा की गुफा के पास स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। पूर्व में भी यहां पर जिन भक्तों की मनोकामना पूर्ण हुई उन्होंने हजारों-लाखों रुपए बिना नाम बताए ही बालाजी को भेंट किए हैं।

मंदिर का निर्माण 1999 से हुआ था प्रारंभ

इस मंदिर का निर्माण सेठ माणकचंद कैलाशचंद सर्राफ चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्री कैलाशचंद सर्राफ ने 1999 में प्रारंभ किया था। जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव सन् 2005 के अप्रैल माह में जूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर 1008 स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के निर्देशन में हुई थी।

जयगढ़ किले के डूंगर दरवाजे पर रखी है विश्व की सबसे बड़ी तोप!

अरावली की पहाड़ियों पर बना जयगढ़ का किला इंडो पर्शियन आर्किटेक्चर का नायाब नमूना हैं। इसे जीत का गढ़ और चील का टिल्ला भी कहते थे।तीन किलोमीटर की लंबाई में फैला किला सामरिक दृष्टि से महत्व रखता था।


सवाई जयसिंह की ओर से यह 1726 में बनवाया गया था। किला देखने में भले अलग नजर आए,लेकिन इसे आमेर किले का हिस्सा माना जाता हैं। विश्व की सबसे बढ़ी तोप जय बाण किले के डूंगर दरवाजे पर रखी है। तोप की नली से लेकर अंतिम छोर की लंबाई 31 फीट 3 इंच है।

इस तोप से एक बार गोला दागा गया,जो कि शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर जाकर गिरा था। गोला दागने में 100 किलो बारूद लगी जिसके गोले का वजन तकरीबन 50 किलो था। आपातकाल के दौरान तत्कालीन केन्द्र सरकार ने खजाना होने की संभावना को देखते हुए खुदाई करवाई।

आखिर एक महिला बनी हिंदुस्तान की पहली नागरिक!

जुलाई 2007 जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम की घोषणा हुई, हर इंसान की जुबान पर एक ही बात थी 'आज भारत को पहली महिला राष्ट्रपति मिल गई' और चारों जैसे एक जश्न का माहौल था, इस चुनाव में प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भैरों सिंह शेखावत से लगभग दो गुने अंक प्राप्त किये, और यह साबित कर दिया कि महिला किसी भी क्षेत्र में पुरुष से पीछे नहीं है।

जिस समय उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकित किया गया तब वे राजस्थान राज्य के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यभार संभाल रही थी अभी तक के इतिहास में वे राजस्थान की पहली और आखिरी महिला राज्यपाल रही हैं, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जब उनसे जीत के रहस्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा 'यह मेरी नहीं भारतीय सिद्धांतों की जीत है'।

ऐसा नहीं है कि राष्ट्रपति चुनाव की डगर श्रीमती पाटिल जी के लिए आसान थी, उनका राजनीतिक जीवन भी विवादों से दूर नहीं रहा है,उस समय श्रीमती पाटिल विवादों में घिर गईं जब उन्होंने राजस्थान में एक सभा में कहा कि 'राजस्थान की महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा मुगलों से बचाने के लिए शुरू की गई' उनके इस बयान का विरोध ना सिर्फ मुस्लिम नेताओं ने किया अपितु इतिहासकारों ने भी कह दिया राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदार प्रतिभा पाटिल जी को इतिहास की जानकारी नहीं है, वही समाजवादी पार्टी ने भी कहा कि प्रतिभा पाटिल विरोधी विचारधारा रखती हैं

संभवतः यह विवाद उनके राजनीतिक जीवन का प्रथम विवाद था| जब श्रीमती पाटिल ने कहा कि उनके गुरु की आत्मा के साथ उनके संवाद होते हैं तब वे एक बार फिर विवादों में घिर गईं इतना ही नहीं उनके पति श्री देवी सिंह शेखावत पर भी एक स्कूल शिक्षक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है, चीनी मिल घोटाला, इंजीनियरिंग कॉलेज फंड घोटाला आदि संगीन आरोप भी उनके नाम हैं, इसके बाद भी जब जुलाई 2007 में जब वे राष्ट्रपति चुनाव जीत भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनी तो विरोधियों के मुंह स्वतः ही बंद हो गए|

19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा ताई (प्रतिभा पाटिल) राजनीतिक जीवन में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती थीं, उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा की बड़ी सी बिंदी लगाने वाली और साधारण से पहनावे वाली यह महिला एक दिन हिन्दुस्तान की पहली नागरिक बन जाएगी|

उन्होंने मुंबई विश्विद्यालय से क़ानून की शिक्षा ली और 1962 में कॉलेज क्वीन भी रहीं यही वह साल था जब उन्होंने 27 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र के एदलाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्यासी के रूप में विधानसभा का प्रथम चुनाव लड़ा , और विजय होने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव की शासन काल में अपना कार्य आरंभ किया और उसके बाद से राजनीतिक जीवन अनवरत रहा|

इस दौरान जब 1977 में श्रीमती इन्द्रा गांधी को गिरफ्तार किया गया तब प्रतिभा जी ने इसका विरोध किया और खुद गिरफ्तार होकर दस दिनों के लिए जेल भी गईं | 1991 में पहली बार उन्हें अमरावती सीट से लोकसभा का टिकट प्राप्त हुआ और विजयी भी हुईं, जब कांग्रेस ने पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता देखी तो 2004 में उन्हें एक नयी जिम्मेदारी देते हुए राजस्थान की राज्यपाल के रूप नियुक्त किया गया| एक राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ वे टेनिस की एक अच्छी खिलाड़ी भी रही हैं| स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल राजस्थान राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल भी रहीं हैं, श्रीमती पाटिल ने अभी हाल ही में थार में चल रहे सबसे बड़े युद्ध अभ्यास में पहुंचकर सेना के सिपाहियों का उत्साहवर्धन किया और टैंक पर बैठने वाली प्रथम राष्ट्रपति का ख़िताब अपने नाम किया|

प्रिंस ऑफ वेल्स के स्वागत में बनवाया गया था अल्बर्ट हॉल!


रामनिवास बाग में बने अल्बर्ट हॉल को जयपुर आने वाला हर पर्यटक जरूर देखता है। 6 फरवरी 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन को यादगार बनाए रखने के लिए इस इमारत को बनवाने का निर्णय लिया गया।

प्रिंस ऑफ वेल्स से एक महल की नींव रखवाई। महाराज रामसिंह व प्रधानमंत्री ठा. फतेह सिंह के शासनकाल में कर्नल एसएस जैकब की निगरानी में सुपरवाइजर लालाराम बख्श, शंकरलाल, छोटीलाल और चंदरतारा मिस्त्रियों की सहायता से बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ था।

सवाई माधवसिंह और काउंसिल के प्रधान मेम्बर रामबहादुर कांति चंद्र मुखर्जी ने निर्माण कार्य पूरा किया। इसकी संपूर्ण लागत 5,10,036 रु. आई थी। 21 फरवरी 1887 को सर एडवर्ड ब्रैडफोर्ड ने जनता को समर्पित किया, जो उस समय राजपूताना के गवर्नर जनरल थे। उन्हीं के नाम पर बिल्डिंग का नाम अल्बर्ट हॉल रखा गया।

कृष्ण मुकुट की आकृति पर बना है हवामहल!

| Email Print Comment
तकनीक ने भले ही काफी तरक्की कर ली हो, बड़ी चौपड़ और सिरहड्योढ़ी की ओर बना हवामहल आज भी राजपूत और मुगल आर्किटेक्चर का नायाब नमूना है।

1799 में सवाई प्रताप सिंह के शासन काल में हवामहल बनकर तैयार हुआ था। 15 मीटर ऊंची इमारत को आर्किटेक्ट लालचंद उस्ता ने कृष्ण की मुकुट आकृति को ध्यान में रखकर बनाया था। इमारत में बने 953 झरोखे मधुमक्खियों के छत्तों में बने छोटे घरों की तरह नजर आते हैं।

इमारत में तांबे के 320 किलोग्राम के सोने का पत्तर चढ़े कलश भी लगे हैं। खिड़कियां और झरोखे इस तरह से बनाए गए हैं कि अंदर से बाहर की ओर से देखा जा सकता है,लेकिन बाहर से अंदर का दृश्य स्पष्ट नहीं दिखता।

सीबीआई के हाथ लगा एल्बम, फोटो में भंवरी के साथ मलखान भी मौजूद!

जोधपुर.भंवरी अपहरण प्रकरण में फंसे लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई का रविवार को भी कहीं पता नहीं चला, मगर भंवरी के साथ उनके फोटो सीबीआई के हाथ लग चुके हैं। अपहरण के बाद भंवरी के साथ महिपाल मदेरणा का जो फोटो दिखाया गया था, उसमें मलखानसिंह भी शामिल थे। सीबीआई मलखान का फोटो छुपाने का कारण जानने का प्रयास कर रही है।

सरदारपुरा में रहने वाली भंवरी की सहेली नर्स विजयलक्ष्मी के बेटे राहुल की शादी का एलबम सीबीआई ने जब्त कर रखा है।

एलबम में भंवरी के साथ महिपाल मदेरणा व मलखानसिंह विश्नोई के भी फोटो हैं। 23 जुलाई को टीवी चैनल पर आपत्तिजनक सीडी की स्लाइड चलाने, फिर भंवरी-महिपाल का फोटो दिखाए जाने और अब अमरचंद का झूठ पकड़े जाने के बाद सीबीआई का मानना है कि यह साजिश पिछले छह माह से चल रही थी।

रविवार को सीबीआई ने राहुल से पूछताछ की कि भंवरी-महिपाल के साथ फोटो में कुछ और लोग भी थे, मगर उन्हें छुपाया क्यों था? मलखान का फोटो मीडिया को क्यों नहीं दिया गया? इसी शादी में भंवरी के साथ मलखान के नाचने का वीडियो क्लिप भी कुछ युवकों ने बनाया था। सीबीआई इस वीडियो के लिए सरूपाराम आदि से पूछताछ कर चुकी थी, मगर वह क्लिप नहीं मिली।


सहीराम के घर नोटिस चस्पां

सीबीआई ने फरार आरोपी सहीराम विश्नोई की संपत्ति कुर्क करने के लिए उसके केलनसर स्थित घर पर नोटिस चस्पां किया है। सहीराम के साथ जैसला गांव का उमेशाराम विश्नोई भी 17 सितंबर से गायब है, उसके यहां भी पेश होने का नोटिस लगाया है।

सीबीआई को शक है कि उमेशाराम और सहीराम दोनों एक साथ भूमिगत हुए हैं और उमेशाराम ही उसे छुपने में मदद कर रहा है। इस दौरान विशनाराम विश्नोई की तलाश में सीबीआई और पुलिस ने बीकानेर बॉर्डर तक छानबीन की है।

कैबिनेट ने पास किया सोनिया का खाद्य सुरक्षा बिल

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रविवार शाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पर विचार करने के बाद उसे मंजूर कर दिया। हालांकि लोकपाल विधेयक पर बैठक में विचार नही हुआ। मंत्रिमंडल ने 13 दिसम्बर को सहयोगियों में सहमति कायम करने के मकसद से खाद्य विधेयक पर फैसला टाल दिया था।

अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार इस बात से चिंतित हैं कि यदि भोजन का अधिकार कानून लागू किया जाएगा तो 63 हजार करोड़ रुपये की मौजूदा खाद्य रियायत बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। बैठक के बाद सरकार ने कहा कि यदि पीडीएस व्यवस्था को सही से लागू किया गया तो फिर पैसे की दिक्कत नहीं आएगी। खाद्य विधेयक सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति की प्रिय परियोजना है। यह 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र का भी हिस्सा थी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे में देश की 1.2 अरब आबादी के आधे हिस्से को चावल तीन रुपये, गेहूं दो रुपये और मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलो की दर पर दिए जाने का प्रवधान है, लेकिन उच्च लागत और अनाज की अनुपलब्धता इसके रास्ते में बाधा बन सकती है। विधेयक में ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत हिस्से को दायरे में लाने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 दिसम्बर को विधेयक के मसौदे पर फैसला टाल दिया था लेकिन रविवार शाम हुई बैठक में इसे मंजूर करा लिया गया।

केंद्रीय खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने कहा, "हम संसद के इस सत्र में विधेयक को लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।" यह विधेयक सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की पसंदीदा परियोजना और वर्ष 2009 के आम चुनाव के समय घोषित कांग्रेस के घोषणापत्र का अहम हिस्सा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि कृषि मंत्री शरद पवार ने चिंता प्रकट की है यदि इस विधेयक को लागू किया गया तो मौजूदा खाद्य सब्सिडी 63,000 करोड़ रुपये (12 अरब डॉलर) को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये (23 अरब डॉलर) करना होगा।

उनका कहना है कि ऐसे में उर्वरक का मूल्य तथा अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाना होगा और सरकार पर भारी खर्च का बोझ बढ़ेगा। विधेयक के मसौदे के अनुसार सामान्य श्रेणी के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम तीन किलोग्राम आनाज प्रतिमाह न्यूनतम समर्थन मूल्य की आधी दर पर मुहैया कराया जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने सरकार से यह भी कहा है कि वह इसका दायित्व उन राज्यों को सौंप दे जो इस कानून को लागू करेंगे। राज्यों से कहा गया है कि वे महिलाओं, बच्चों असहाय और गृहविहीन लोगों को राशन प्राप्त करने का कानूनी अधिकार दें और उन्हें इससे पड़ने वाला अतिरिक्त वित्तीय बोझ वहन करना होगा। उल्लेखनीय है कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गठित त्रिस्तरीय लोक शिकायत निवारण समितियां भी इस विधेयक की हिस्सा होंगी।

वीएचपी में सिंघल युग का अंत, रेड्डी बने अध्यक्ष

कोच्चि. वरिष्ठ नेता राघव रेड्डी को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है जबकि महासचिव प्रवीण भाई तोगड़िया को प्रोन्नत कर संगठन का अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

राघव रेड्डी ने अशोक सिंघल का स्थान लिया। विहिप न्यासी बोर्ड की यहां दो दिनों तक चली बैठक के आखिरी दिन संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा की गई।

अशोक सिंघल ने स्वास्थ्य कारणों से अध्यक्ष पद पर बने रहने से इंकार कर दिया था। उसके बाद यहां चली बैठक में हैदराबाद के राघव रेड्डी को अध्यक्ष बनाए जाने पर आम सहमति बनी। सिंघल 1998 में विहिप के कार्याध्यक्ष बने थे और उसके बाद 2005 में वह अध्यक्ष बने। वह लगातार दो कार्यकाल तक विहिप के अध्यक्ष रहे।

धूप में अपने आप साफ हो जाएंगे गंदे कपड़े

कुछ खास रसायनों की कोटिंग वाले कॉटन फैब्रिक से तैयार पोशाकों के दाग-धब्बे धूप में डालते ही साफ हो जाएंगे। इस काम को कोटिंग रासायनिक क्रिया के बल पर अंजाम देगी।

कपड़ों पर लगे दाग-धब्बों को साफ करने में कितनी मशक्कत करनी पड़ती है, यह सिर्फ महिलाएं ही बता सकती हैं। लेकिन अब गंदे से गंदा कपड़ा चुटकी बजाते साफ हो जाएगा। इसके लिए आपको उन्हें पानी में हल्के हाथों से धोकर बस धूप में डालना होगा और कपड़े में मौजूद खास रसायन गंदगी और दाग समेत कीटाणुओं और जीवाणुओं को भी साफ कर देंगे।

क्या है तकनीक

एसीएस एप्लाइड मटेरियल्स एंड इंटरफेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मिंग्से लोंग और डियोंग वू ने एक खास तरह का कॉटन फैब्रिक तैयार किया है। इस फैब्रिक में टाइटेनियम डायऑक्साइड के नैनोपार्टिकल्स की कोटिंग है। इससे तैयार कपड़े को जब धूप दिखाई जाती है तो टाइटेनियम डायऑक्साइड धूल-मिट्टी के कणों को अलग कर पोशाक में मौजूद कीटाणुओं और जीवाणुओं को भी मार देता है। इसी तरह दाग धब्बे भी साफ हो जाते हैं।

टाइटेनियम डायऑक्साइड की खूबियां

टाइटेनियम डायऑक्साइड का इस्तेमाल सफेद पेंट से लेकर कुछ खाद्य पदार्थो तो सनस्क्रीन लोशन तक में होता है। इसकी मदद से दरवाजे-खिड़कियों के शीशे समेत किचन और बाथरूम के टाइल्स साफ किए जाते हैं। यह मोजों की दरुगध भी मारता है। खास बात यह है कि कॉटन फैब्रिक में की गई इसकी कोटिंग पानी से खराब नहीं होती है।

और भी हैं विकल्प

जर्नल ऑफ मटेरियल्स कैमिस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक यूसी डेविस डिवीजन ऑफ टेक्सटाइल के विज्ञानी निंग ल्यु ने भी धूप की मदद से कपड़ों को साफ करने की एक तकनीक विकसित की है। उनकी इस तकनीक में कॉटन पर 2 थ्राक्विनोन काबरेक्सिलिक एसिड या 2 एक्यूसी की कोटिंग की है। यह रसायन कॉटन में मौजूद सेल्यूलोज के साथ आसानी से घुलमिल जाता है। यहां तक कि पानी भी इसे कॉटन फैब्रिक से अलग नहीं कर पाता। जब इससे तैयार पोशाक को धूप में डालते हैं तो 2एक्यूसी धूप में क्रिया करके गंदगी साफ कर बैक्टीरिया मार देता है। हालांकि यह तकनीक महंगी साबित होती है।

क्या होगा फायदा

इस तकनीक की मदद से अन्य फैब्रिक्स में भी नैनोपार्टिकल्स की कोटिंग कर उन्हें रख-रखाव के लिहाज से सुविधाजनक बनाया जाएगा।

सेंट जोसेफ स्कुल कोटा के संचालक डोक्टर अजय शर्मा का सपना जो सच हुआ ..वोह बच्चों को भी सपने दिखाकर उनके सपने सच करना चाहते हैं

कल कोटा में बेराज के पास टिप्ता में संचालित सेंट जोसेफ स्कूल का वार्षिक समारोह था ॥ ... वार्षिक समारोह में स्कूल के संचालक डोक्टर अजय शर्मा ने बच्चों को एक कहानी सुनाई उन्होंने बताया के एक बच्चा जब स्कूल में पढ़ता था तो उससे उसके टीचर जी ने कहा के तुम अपना प्रोजेक्ट बना कर लाओ ॥ इस पर बच्चा अपना प्रोजेक्ट जिस पर दो सो एकड़ ज़मीं और इस ज़मीं पर पांच मंजिली इमारत पांच सो घोड़े पांच हजार बच्चे थे बनाकर ले गया इस प्रोजेक्ट को देख कर टीचर जी ने एक सपना मानते हुए इसे फेल कर दिया और दुसरा प्रोजेक्ट बना आकर लाने के लियें कहा ..बच्चा फिर कुछ दिनों बाद वही पुराना प्रोजेक्ट लेकर अपने टीचर जी के पास गया टीचर जी ने इस प्रोजेक्ट की कीमत बताकर बच्चे को हतोत्साहित किया लेकिन बच्चा था के टस से मस नहीं होता था कहता था के आप अपना फेल अपने पास रखो में अपना प्रोजेक्ट अपने पास रखता हूँ मेने सपना देखा है में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिखाऊंगा ..सेंत जोसेफ स्कूल के संचालक डोक्टर अजय शर्मा का कहना था के वोह स्टुडेंट कोई और नहीं में था और यह स्कूल जो दो सो एकड़ में बना है जिसकी पांच मंजिल है इस स्कूल में पांच हजार बच्चे पढ़ रहे है मेरा सपना था जो पूरा हुआ ..उनका कहना था के बच्चे जो सपना देखते हैं अगर उनका उत्साह वर्धन किया जाए तो इंशा अल्लाह वोह सपना हकीक़त में जरुर बदलता है ॥ डोक्टर अजय शर्मा ने आगे बताया के इसी स्कूल में एक दिन प्रतियोगिता के दोरान वही टीचर जी अपने स्कूल के बच्चों को लेकर आये और जब उन्हें डोक्टर अजय ने पहचाना तो इन टीचर जी का अभिवादन कर उन्हें बताया गया के सर में वही बच्चा हूँ जिसका प्रोजेक्ट जिसका सपना आपने दो बार फेल किया था और आज वही प्रोजेक्ट में धरातल पर पूरा कर दिखाया है बस यह सुनते ही टीचर जी ने डोक्टर अजय शर्मा को गले लगा लिया और आँखों में आंसू भर कर बोले के सही कहा में गलत था बच्चों को होसला देना अचहिये ताके वोह उनका कोई भी सपना कोई भी प्रोजेक्ट पूरा कर सकेंगे ..डोक्टर अजय शर्मा ने सभी बच्चों से उनके भविष्य के लियें एक सुखद और सम्रद्ध सपना देखने की पेशकश की और वायदा किया के वोह अपना सपना प्रोजेक्ट बनाये उनका प्रोजेक्ट फेल नहीं होगा बलके उसे केसे धरातल पर पास किया जाए जो वोह सफल हो सके यह कहते कहते उनकी आँखें चल चला आयीं और उनकी रशियन मेम मरीना शर्मा जो इस प्रोजेक्ट की रूह आत्मा से जुड़कर इस सपने को साकार करने की प्रेरणा बनीं वोह भी उनके पास आकर खड़ी हो गयी और सभी बच्चे इस वार्षिक समारोह में अपने अपने प्रोजेक्ट में खो से गये लेकिन उनका होसला कमजोर था जिसे और ऊँची उड़ान की जरूरत है धन्य हो डोक्टर अजय शर्मा जी सेंट जोसेफाईट .......... जिंदाबाद जिंदाबाद .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अब लोकपाल में देरी बर्दाश्त नहीं होगीः अन्ना


चेन्नई. लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि लोकपाल विधेयक के पारित होने में अब और विलम्ब नहीं होना चाहिए। यहां आयोजित एक सार्वजनिक सभा से अलग संवाददाताओं से बातचीत में अन्ना ने कहा कि प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर उनके आंदोलन को शुरू हुए एक साल बीत चुके हैं। अब इसमें और विलम्ब नहीं होना चाहिए।

दूसरों से सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रविवार शाम को होने वाली कैबिनेट की बैठक में लोकपाल बिल पर चर्चा नहीं की जाएगी। लोकपाल पर सोमवार सुबह को चर्चा होगी। सरकार अन्ना को खुश करते हुए लोकपाल बिल पास कराने का फार्मूला तलाश रही है। इसी बीच रविवार को चेन्नई में सभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, "एक साल पहले मैंने अपना आंदोलन शुरू किया था, तीन महीने तक उन्होंने हमारे पांच सदस्यों के साथ बैठकें की, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला।"

अन्ना ने कहा, "यह हमारे उस देश का अपमान है, जहां भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपनी जान कुर्बान की थी.. लोकपाल को पास होने में अधिक समय लग रहा है, यह अच्छा नहीं है।" अन्ना ने लोकपाल विधेयक का अध्ययन करने वाली संसद की स्थायी समिति पर भी आरोप लगाया कि उनकी तीन प्रमुख मांगों पर 'सदन की भावना' के बावजूद उसने तीनों मांगों को विधेयक में शामिल नहीं किया।

अन्ना ने कहा, "जब मैं रामलीला मैदान में अनशन पर बैठा था, तब प्रधानमंत्री ने लिखित में दिया था कि लोकायुक्त, सिटिजन चार्टर और ऊपर से नीचे तक के सभी अधिकारी लोकपाल के दायरे में होंगे। इसे संसद में पेश किया जाएगा और संसद इसे सर्वसम्मति से पारित करेगा। लेकिन जब यह स्थायी समिति में गया तो समिति ने उसे हटा दिया।"

एक ऐसा इस्लामी खानदान बनाएं जो अमन सुकून भाईचारा सद्भावना राष्ट्रीयता का सबक देता हो ...

इस्लामी खानदान केसा हो विषय पर आज जमाते इस्लामी ऐ हिंद की तरफ से एक सेमीनार आयोजित की थी जिसका मकसद पारिवारिक रिश्तों में कुरानी हुक्म से बनाये गये निति नियमों पर चर्चा और लोगों को उनके प्रति जाग्रत करना था लेकिन आज आप खुद अपने गिरेबान में झाँक कर देखें .......... शादी के वक्त क्या मुसलमान दहेज़ नहीं लेते ......सोनोग्राफी में लडकी होने पर क्या हम उसे गर्भ से गुपचुप नहीं गिरा देते ....होने वाले बच्चे का खर्च केसे चलेगा इस डर से क्या हम बच्चे पैदा करने पर रोक नहीं लगाते ...क्या हम हमारे पड़ोसी के दुक्ख दर्द .भूख गरीबी में काम आते हैं ...क्या शादी में हम फ़िज़ूल खर्ची नहीं करते .....तलाक के वक्त हम कुरान की आयत सुरे अन्निसा में दिए गये हुक्म के खिलाफ दी गयी बिना समझायश के एक बैठक में तीन तलाक को एक तलाक नहीं मानते .क्या तलाक के वक्त मुलमान अपनी बीवी को पूरा महार और इद्दत का पैसा उसी वक्त देता है ....क्या बिना महर के दिए गये तलाक की काजी गलत तरीके से तस्दीक नहीं करते ॥ मुस्लिम कानून के खिलाफ क्या क़ाज़ी किसी भी लडके का दुसरा निकाह करने के पहले उसकी पहली बीवी की रज़ा मंदी के बारे में देखता है या फिर पहले बीवी की बिमारी बच्चे पैदा करने में अक्षमता का सुबूत होने पर ही दूसरी शादी करवाता है ..क्या हम अपने माँ बाप की खिदमत करते है ..क्या बीवी से ज्यादा माँ को तरजीह देते है ससुराल वालों से ज्यादा क्या अपनों को तरजीह देते है ...लडकी को क्या प्रोपर्टी में जो भी हिस्सा है वोह हम देते हैं ॥ जो घटना हम देखते हैं उसे सच कहते हुए क्या हम गवाही देते हैं ..क्या हम ब्याज नहीं खाते .... क्या हम धर्म और खुदा की आयतों को रोज़गार का जरिया नहीं बनाते ..क्या हम नमाज़ पढाने के रूपये नहीं लेते .......क्या हम देश और हमारे राजा के प्रति वफादार रहते है ..क्या धंधे में हम उचित मुनाफे में क्वालिटी वाली चीज़ ग्राहक को देते हैं ... क्या हम इस्लाम के लियें मर मिटने को तय्यार रहते हैं ..क्या हम खुदा अल्लाह और रसूल के अलावा दुसरे लोगों को ज़िंदा लोगों को और मुर्दा लोगों को आदरणीय के स्थान पर पूजनीय बना कर उन्हें नहीं पूजते ....क्या दो लोगों के बीच में जब विवाद हो तो हम इन्साफ की तरफ बोलते हैं ..॥ क्या हम जकात फितरा उचित व्यक्ति को इमानदारी से देते हैं ॥ क्या हम हज करके आने के बाद जेसी जिंदगी एक हाजी को गुजारना चाहिए वेसी जिंदगी गुज़ारते है ..अगर हम ऐसा नहीं कर पाते तो केवल गोश्त बनाने और खाने से हम मुसलमान केसे हो सकते है तो प्लीज़ दुसरे लोग हमारे मजहब और हमारे किरदार को देख कर कहें के वाह ऐसा मजहब मजहब का ऐसा कानून ऐसे पारिवारिक नियम जो जिंदगी को स्वर्ग बना देते हैं तो जनाब एक ऐसी मुहीम चलाई जाए जेसा कुरान में आदेश है वेसा इस्लामी खानदान बने चंद रुपयों के लालच में कुरान से अलग हठ कर फतवे जारी करने वालों और मजहब को रोज़गार का जरिया बनाने वालों को बेनकाब करे सभी मुसलमानों के लियें पाबंदी करें के वोह कुरान मजीद अरबी के आलावा तर्जुमे से जरुर जरुर पढ़े ताके उन्हें कुरान की आयतों का गलत अर्थ बनाकर जब कोई मोलाना मुल्ला बेवकूफ बनाये ठगी करे तो उसे वोह बेनकाब कर सके तो आओ जनाब हम एक ऐसा इस्लामी खानदान बनाये जो भाईचारा सद्भावना अपनापन राष्ट्रीयता इंसाफ अमन सुकून अपराधियों से न्रिभिकता से निपटने की सीक्ख देता हो ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुखी रोटीयों की भी

जरा प्यार से
बिछा कर
एक दस्तर ख्वान पर
बेठो तो सही ॥
कसम खुदा की
सुखी रोटीयों की भी
लाज्ज़तें बढ़ जायेंगी ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्यूँ आज

क्यूँ आज
लाइन के
आखिर में
मुझे
खड़ा करते हों
में तो
सदियों से
हर कबीले का
प्रधान रहा हूँ ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वोह जो खुदा है मेरा

तेरे माथे पर
जो निशाने
सजदा बन गया है
उस पर
तू यूँ
गुरुर ना कर
वोह जो खुदा है मेरा
वोह तो सिर्फ
नीयतों से ही
नतीजा निकाल लेता है ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज के इस नये दोर में

धीरे धीरे
जब
दुनिया में
मेरी
शोहरतें बढ़ जायेंगी ॥
देख लेना
आज के इस नये दोर में
मेरे अपने
दोस्तों की महफिल में
मेरी गेब्त बढ़ जायेगी .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरी बराबरी

में
फकीर होके भी
अमीरों से
कम नहीं ।
मेरी बराबरी
कोई बादशाह भी
क्या करेगा ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जानें, क्यों रुद्राक्ष है साक्षात् शिव?


रुद्राक्ष शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है। रुद्राक्ष दो शब्दों रुद्र और अक्ष से मिलकर बना है। जिसका सरल अर्थ ही है रुद्र यानी शिव के नेत्र। वहीं रुद्राक्ष शब्द के पीछे छुपी गूढ़ता जानें तो रुद्र का अर्थ है रुत् यानी दु:खों का नाश करने वाले वहीं अक्ष का अर्थ है आंखे यानी रुद्राक्ष शिव के नेत्रों से निकला पीड़ा हरण करने वाला है।

इस संबंध में शिव पुराण में लिखा भी है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई है। इसके अलावा भी अन्य पुराण रुद्राक्ष के शिव अंश होने की पुष्टि करते हैं। जानते हैं रुद्राक्ष के शिव का साक्षात् स्वरूप होने से जुड़े ऐसे ही पुराण प्रसंग -

शिव पुराण के मुताबिक सती से वियोग होने से आहत शिव के आंसुओं की बूंदे जमीन जगह-जगह पर गिरने से रुद्राक्ष वृक्ष पैदा हुआ।

श्रीमद देवी भागवत् में उल्लेख है कि राक्षस त्रिपुर के नाश के लिये जब लंबे वक्त तक भगवान के नेत्र खुले रहे तो उनसे थकावट के कारण आंसू निकल भूमि पर गिरे। इससे ही रुद्राक्ष का वृक्ष प्रकट हुआ।

इसी तरह पद्मपुराण में लिखा है कि सतयुग में जब ब्रह्मदेव के वरदान से शक्तिसंपन्न बना दानवराज त्रिपुर जब पूरे जगत को पीडि़त करने लगा, तो देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शंकर ने अपनी तेजस्वी दृष्टि से त्रिपुर का अंत किया। त्रिपुर से युद्ध के दौरान महादेव की देह से निकली पसीने की बूंदों से रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई।

रुद्र शिव का संहारक स्वरूप माना गया है। वहीं, वेद भी संपूर्ण प्रकृति को ही शिव का स्वरूप बताते हैं। इसलिए भी शिव के ही प्राकृतिक स्वरूप में रुद्राक्ष अनिष्ट, पाप व दु:ख नाशक माना गया है। यहीं नहीं, शिव उपासना की भांति रुद्राक्ष धारण करना भी कामनासिद्धि कर आयु, धन, वैभव, पुण्य और मुक्ति देने वाला माना गया है।

हैरतअंगेज: एक लीटर में 98 किलोमीटर चलेगी यह कार


| Email Print Comment

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के इस दौर में कार के शौकीनों के लिए यह सबसे बड़ी खुशखबरी है। 1 लीटर में 98 किलोमीटर की माइलेज देने वाली कार जल्दी ही सड़कों पर भागती-दौड़ती नजर आने वाली है। हम बात कर रहे हैं अमेरिका की जानी मानी कार कंपनी जेनरल मोटर्स की इलेक्ट्रीक कार ‘शेवरले वोल्ट’ की।

शेवरले वोल्ट इलेक्ट्रिक मोटर से लैस है, और इसके साथ 40 मील यानी 65 किलोमीटर का बैटरी पैक दिया जाता है। खास बात ये है कि इसके बैटरी पैक को आप किसी भी होम आउटलेट से रिचार्ज कर सकते है।

दुनिया भर में अब तक टोयोटा की ‘प्रायस’ को सबसे ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट कार के तौर पर जाना जाता है। यह कार एक लीटर में 20 किलोमीटर चलती है। प्रायस गैस इलेक्ट्रिक हाइब्रिड कार है, जो एक छोटे से इंटर्नल कंबशन इंजन पर चलती है, जिसे सपोर्ट करने के लिए एक बैटरी पावर्ड इलेक्ट्रिक मोटर लगा होता है। टोयोटा ने अपनी इस हाइब्रिड कार को इसी साल दिल्ली में हुए ऑटो एक्सपो में भारत में लांच किया था। और करीब तीन महीने पहले भारत में इसकी बिक्री शुरू हुई है। दिल्ली में इसकी एक्स शोरुम कीमत करीब 27 लाख रुपए है।

यूं तो कार बनाने वाली दुनियाभर की कंपनियां हाईब्रिड और इलेक्ट्रीक कॉंसेप्ट पर फ्यूल एफिशिएंट कारें बनाने में जुटी हैं। लेकिन जानकारों की मानें वोल्ट की बदौलत जेनरल मोटर्स बाजार में मार्केट लीडर बन कर उभर सकता है।

क्या भारतीय फेसबुक यूजर की प्राइवेसी की कोई कीमत नहीं?


नई दिल्ली. 18 नवंबर को जब फेसबुक के अमेरिकी यूजर्स की वॉल पर अश्लील और हिंसक लिंक स्पैम के जरिए पोस्ट किए गए थे तो अमेरिकी नागरिकों ने इसका खूब विरोध किया। फेसबुक ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए मात्र 24 घंटे के भीतर ही इन स्पैम को नियंत्रित कर लिया।
लेकिन अब जब दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में भारतीय फेसबुक खाताधारकों के अकाउंट इस भद्दे स्पैम का निशाना बन रहे तो सब खामोश हैं। फेसबुक पर प्रसारित सामग्री पर नियंत्रिण की बात करने वाले भारतीय टेलीकॉम विभाग को तब आपत्ती नहीं होती जब भारतीय फेसबुक यूजर्स के खातों पर अश्लील लिंक पोस्ट किए जाते हैं और फेसबुक खामोश रहता है। इससे भी बड़ी निराशा की बात यह है कि यूएस में स्पैम हमले के वक्त फेसबुक ने सुरक्षा चेतावनी जारी की थी और लोगों से माफी मांगी थी लेकिन भारत में यह स्पैम अटैक शुरु हुए एक हफ्ते के करीब हो चुका है लेकिन अभी तक फेसबुक ने इस दिशा में उठाए किसी कदम की जानकारी नहीं दी है।

सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हो रही है जो अपने दोस्तों या परिजनों के सामने फेसबुक पर सर्फ करते हैं। फेसबुक पर पिछले एक हफ्ते से बेहद अश्लील और भद्दे लिंक स्पैम हमले के जरिए शेयर किए जा रहे हैं। यूजर्स के पास इस बारे में कोई विकल्प भी नहीं है। यदि कोई फेसबुक यूजर अपने मित्रों को अपनी वॉल पर पोस्ट करने की इजाजत देता है तो उसके बिना कुछ किए ही यह लिंक पोस्ट होते जा रहे हैं।

नाराज फेसबुक यूजर्स ने अब अपने वॉल को ही मित्रों के लिए बंद करना शुरु कर दिया है। लेकिन इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर भारतीय साइबर सेफ्टी एजेंसियों और इंटरनेट जगत की खामोशी इंटरनेट सुरक्षा को लेकर अभी हमारी उदासीनता को भी जाहिर करती है। फेसबुक और सरकारी एजेंसियों के रवैये को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि अब भारतीय फेसबुक यूजर्स के पास एकमात्र विकल्प शर्मिंदा होना ही रह गया है।


फेसबुक पर फिर पोर्न स्पैम का हमला, यूजर शर्मिंदा


अगर फेसबुक पर तफरी किए बिना आपका दिन अधूरा रहता है तो जरा संभल जाइये। फेसबुक पर अब तक के सबसे खतरनाक स्पैम ने एक बार फिर हमला कर दिया है। लोगों के प्रोफाइल पर अश्लील लिंक शेयर किए जा रहे हैं और बिना कुछ किए भी लाखों लोगों को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।

अमेरिका और यूरोप में फेसबुक खाताधारकों के प्रोफाइल पर हमला हुए अभी महीना भर भी नहीं बीता था कि एक बार फिर भारत में स्पैम अटैक हुआ है। लेकिन शर्मिंदगी की बात यह है कि इस बार लोगों के प्रोफाइल पर अश्लील लिंक पोस्ट किए जा रहे हैं। यह पोस्ट एक वायरस अटैक है और प्रोफाइल पर अपने आप दिख रही हैं। भारत में कई लाख लोगों के अकाउंट अब तक इससे प्रभावित हो चुके हैं।

ऐसे हो रहा है हमला
आपके मित्रों के प्रोफाइल से आपके प्रोफाइल पर लिंक शेयर किए जा रहे हैं। इनमें या तो अश्लील या हिंसक वीडियो हैं। वीडियो के साथ एक संदेश भी होता है जो कहता है कि आप इस वीडियो को पूरा नहीं देख सकते, जैसे ही इस लिंक पर क्लिक किया जाता है वैसे ही यह आपके प्रोफाइल से भी आपके तमाम दोस्तों के प्रोफाइल पर शेयर हो जाता है। इस तरह यह अश्लील लिंक बेहद तेजी से फेसबुक पर फैल रहे हैं। इससे पहले भी फेसबुक पर इस तरह के हमले हो चुके हैं लेकिन फेसबुक ने उन्हें नियंत्रित कर लिया था। नवंबर में हुए स्पैम अटैक के बारे में फेसबुक ने कहा था कि इसे पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है।
लॉगइन न करें फेसबकु
यदि आप शर्मिंदगी से बचना चाहते हैं तो फेसबुक लॉगइन ही न करें। फेसबुक के अधिकारिक बयान का इंतेजार करना ही बेहतर विकल्प है क्योंकि इस बार स्पैम हमला इतना खतरनाक है कि हो सकता है आप इन स्पैम लिंक को डिलीट भी नहीं कर पाएं और यदि आपने गलती से इस लिंक पर क्लिक कर दिया तो यह आपके सभी दोस्तों के वॉल पर भी शेयर हो जाएगा और आपको भी बेवजह शर्मिंदा होना पड़ेगा।

क्या करें
फेसबुक समय समय पर सुरक्षा संबंधी चेतावनी जारी करता रहता है उन्हें निरंतर पढ़ते रहिए। साथ ही आप फेसबुक के ब्लॉग को भी फॉलो कर सकते हैं। एक जरूरी विकल्प यह है कि यदि आप अपना प्रोफाइल विजिट भी करें तो इस तरह के किसी भी लिंक को क्लिक न करें। अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर अपने प्रोफाइल की वॉल पर किसी और के पोस्ट कर सकने के विक्लप को बंद कर दें। इससे आपके वॉल पर अनचाहे लिंक पोस्ट नहीं किए जा सकेंगे।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...