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19 दिसंबर 2011

भगवत गीता का अपमान करने वाले रूस के लोगों को देश से खदेड़ना जरूरी है वरना यहाँ उनके कार्यालय सुरक्षित नहीं रह पायेंगे

रूस में गीता पर पाबंदी की बात एक हास्यास्पद सी स्थिति है जिस रूस ने भारत को कई वर्षों तक लूट कर खाया ॥ भारत को अमेरिका और पाकिस्तान से लडाय उसे उस वक्त भारत के पवित्र धार्मिक ग्रन्थ भगवत गीता की याद नहीं आई आज जब रूस टूट कर बिखर चूका है विश्व स्तर पर एक महाशक्ति से मच्छर बन चूका है तब रूस की यह हास्यास्पद कहानी रूस की अदालत का यह मजाकिया बयान रूस की मानसिकता को दर्शाता है ..रूस का यह ख्याल यह बयान सवा अरब भारतियों को चेलेंज है जो भगवत गीता हमारे देश की रक्षक हमारे देश का सच रही है जिससे मेरा भारत महान बना है देश को अपने पराये झूंठ और सच का ज्ञान हुआ है जिस भगवत गीता ने देश को ज़ुल्म अत्याचार के खिलाफ लड़ना सिखाया है जिस भगवत गीता के ज्ञान को आज विश्व एक आदर्श मानता है देश का हिन्दू हो या मुसलमान सिक्ख हो या इसाई सभी आदर सम्मान करते हैं उस भगवत गीता का रूस में इस तरह फर्जी बयानबाज़ी से जो अपमान क्या जा रहा है उससे देश में भूचाल आना जरूरी है यहाँ गीता गोरखपुर शोध केंद्र भी इस मामले में सकते में है लेकिन हमारे देश के विदेश मंत्रालय हमारे देश के प्रधानंत्री जी हमारे देश के राष्ट्रपति जी हमारे देश की यु पी ऐ की करता धर्ता देश के इस अपमान को न जाने क्यूँ सहे जा रहे है अब तक उन्होंने कोई जुबान नहीं खोली है अगर रूस अभी इस पाबंदी को टालता है तो हमे खामोश नहीं बेठना चाहिए क्योंकि यह हमला एक रूस का नहीं भारतीय संस्क्रती भारतीय आस्था पर विश्व व्यापी हमले की एक चाल है और इससे हमे सख्ती से निपटना होगा रूस अगर हमारी आस्थाओं से खेलता है तो रूस की आस्थाएं रूस के नागरिक रूस के कार्यालय हमारे भारत से भगा देना चाहिए रूस का इंसान तो क्या रूस का कुत्ता भी हमारे देश में देखने पर और आने पर पाबंदी हो जाना चाहिए लेकिन यह कमजोर सरकार क्या ऐसा कर सकेगी जिसकी विदेश निति अमेरिका में जाकर खुद के नेताओं को नंगा करवाने की हो॥ जिसका रुपया अमेरिका के इशारे पर संतुलित होता हो ॥ जिस सरकार का नेता कोन बनेगा अमेरिका तय करता हो जो सरकार इतनी बेबस और लाचार हो के उसके देश और देशवासियों से लूट कर विदेशों में जमा करने वालों के नाम वोह जनता को नहीं बता पा रही हो और उस काले धन को देश में नहीं ला पा रही हो उस कमजोर सरकार से हम उम्मीद भी क्या कर सकते हैं ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है गीता का ज्ञान ........


(फल सहित वर्ण धर्म का विषय)
ब्राह्मणक्षत्रियविशां शूद्राणां च परन्तप।
कर्माणि प्रविभक्तानि स्वभावप्रभवैर्गुणैः॥
भावार्थ : हे परंतप! ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों के तथा शूद्रों के कर्म स्वभाव से उत्पन्न गुणों द्वारा विभक्त किए गए हैं॥41॥
शमो दमस्तपः शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च।
ज्ञानं विज्ञानमास्तिक्यं ब्रह्मकर्म स्वभावजम्‌ ॥
भावार्थ : अंतःकरण का निग्रह करना, इंद्रियों का दमन करना, धर्मपालन के लिए कष्ट सहना, बाहर-भीतर से शुद्ध (गीता अध्याय 13 श्लोक 7 की टिप्पणी में देखना चाहिए) रहना, दूसरों के अपराधों को क्षमा करना, मन, इंद्रिय और शरीर को सरल रखना, वेद, शास्त्र, ईश्वर और परलोक आदि में श्रद्धा रखना, वेद-शास्त्रों का अध्ययन-अध्यापन करना और परमात्मा के तत्त्व का अनुभव करना- ये सब-के-सब ही ब्राह्मण के स्वाभाविक कर्म हैं॥42॥
शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम्‌।
दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम्‌॥
भावार्थ : शूरवीरता, तेज, धैर्य, चतुरता और युद्ध में न भागना, दान देना और स्वामिभाव- ये सब-के-सब ही क्षत्रिय के स्वाभाविक कर्म हैं॥43॥
कृषिगौरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम्‌।
परिचर्यात्मकं कर्म शूद्रस्यापि स्वभावजम्‌॥
भावार्थ : खेती, गोपालन और क्रय-विक्रय रूप सत्य व्यवहार (वस्तुओं के खरीदने और बेचने में तौल, नाप और गिनती आदि से कम देना अथवा अधिक लेना एवं वस्तु को बदलकर या एक वस्तु में दूसरी या खराब वस्तु मिलाकर दे देना अथवा अच्छी ले लेना तथा नफा, आढ़त और दलाली ठहराकर उससे अधिक दाम लेना या कम देना तथा झूठ, कपट, चोरी और जबरदस्ती से अथवा अन्य किसी प्रकार से दूसरों के हक को ग्रहण कर लेना इत्यादि दोषों से रहित जो सत्यतापूर्वक पवित्र वस्तुओं का व्यापार है उसका नाम 'सत्य व्यवहार' है।) ये वैश्य के स्वाभाविक कर्म हैं तथा सब वर्णों की सेवा करना शूद्र का भी स्वाभाविक कर्म है॥44॥
स्वे स्वे कर्मण्यभिरतः संसिद्धिं लभते नरः।
स्वकर्मनिरतः सिद्धिं यथा विन्दति तच्छृणु॥
भावार्थ : अपने-अपने स्वाभाविक कर्मों में तत्परता से लगा हुआ मनुष्य भगवत्प्राप्ति रूप परमसिद्धि को प्राप्त हो जाता है। अपने स्वाभाविक कर्म में लगा हुआ मनुष्य जिस प्रकार से कर्म करके परमसिद्धि को प्राप्त होता है, उस विधि को तू सुन॥45॥
यतः प्रवृत्तिर्भूतानां येन सर्वमिदं ततम्‌।
स्वकर्मणा तमभ्यर्च्य सिद्धिं विन्दति मानवः॥
भावार्थ : जिस परमेश्वर से संपूर्ण प्राणियों की उत्पत्ति हुई है और जिससे यह समस्त जगत्‌ व्याप्त है (जैसे बर्फ जल से व्याप्त है, वैसे ही संपूर्ण संसार सच्चिदानंदघन परमात्मा से व्याप्त है), उस परमेश्वर की अपने स्वाभाविक कर्मों द्वारा पूजा करके (जैसे पतिव्रता स्त्री पति को सर्वस्व समझकर पति का चिंतन करती हुई पति के आज्ञानुसार पति के ही लिए मन, वाणी, शरीर से कर्म करती है, वैसे ही परमेश्वर को ही सर्वस्व समझकर परमेश्वर का चिंतन करते हुए परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मन, वाणी और शरीर से परमेश्वर के ही लिए स्वाभाविक कर्तव्य कर्म का आचरण करना 'कर्म द्वारा परमेश्वर को पूजना' है) मनुष्य परमसिद्धि को प्राप्त हो जाता है॥46॥
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्‌।
स्वभावनियतं कर्म कुर्वन्नाप्नोति किल्बिषम्‌॥
भावार्थ : अच्छी प्रकार आचरण किए हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म श्रेष्ठ है, क्योंकि स्वभाव से नियत किए हुए स्वधर्मरूप कर्म को करता हुआ मनुष्य पाप को नहीं प्राप्त होता॥47॥
सहजं कर्म कौन्तेय सदोषमपि न त्यजेत्‌।
सर्वारम्भा हि दोषेण धूमेनाग्निरिवावृताः॥
भावार्थ : अतएव हे कुन्तीपुत्र! दोषयुक्त होने पर भी सहज कर्म (प्रकृति के अनुसार शास्त्र विधि से नियत किए हुए वर्णाश्रम के धर्म और सामान्य धर्मरूप स्वाभाविक कर्म हैं उनको ही यहाँ स्वधर्म, सहज कर्म, स्वकर्म, नियत कर्म, स्वभावज कर्म, स्वभावनियत कर्म इत्यादि नामों से कहा है) को नहीं त्यागना चाहिए, क्योंकि धूएँ से अग्नि की भाँति सभी कर्म किसी-न-किसी दोष से युक्त हैं॥48॥

कुरान का संदेश .........


इस चमत्कारी पेड़ का पूजते हैं, क्योंकि...

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पीपल के वृक्ष को हिंदुओं में देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवता पीपल में निवास करते हैं। मृत हिंदू के लिए एक घट पीपल की शाखाओं में बांधा जाता है। सोमवती अमावस्या को सौभाग्यवती स्त्रियां पीपल का पूजन कर अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है। महात्मा बुद्ध ने पीपल के नीचे बैठकर ही ज्ञान प्राप्त किया था। इसलिए उसे 'बोधिवृक्ष भी कहा जाता है।

आयुर्वेद में भी पीपल का कई औषधि के रूप में प्रयोग होता है। श्वास, तपेदिक, रक्त-पित्त,विषदाह,भूख बढ़ाने के लिए यह वरदान है। शास्त्रों में भी पीपल को बहुपयोगी माना गया है तथा उसका धार्मिक महत्व बनाकर काटने का निषेध किया गया है।हिंदू और बौद्ध धर्म में इसको सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त है। केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी इसको पवित्र माना जाता है। तिब्बत में 'लालचंड, नेपाल में 'बंगलसिमा, बर्मा में 'स्याम, श्रीलंका में इसका 'शोलबो नाम से पुकारते हैं। बुद्ध जनता इसे 'बोधिवृक्ष कहती है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इसे स्वयं अपने ही समान कहा है।


जिस्म से निकाला जाता है खून, की जाती है मां की पूजा!

गोरखपुर।यूपी के गोरखपुर में श्रीनेत संप्रदाय के लोग नवरात्री के आखिरी दिन देवी मां के सामने खून चढ़ा कर पूजा करते हैं। इनका मानना है कि ऐसे देवी प्रसन्न होती हैं। उनका कल्याण करती है। इस दिन इस संप्रदाय के क्या बूढ़े, क्या जवान, क्या बच्चे सभी का जिस्म छुरे से काटा जाता है। उसके बाद निकलने वाले खून को कमल पर रख कर मां को चढ़ा दिया जाता है।

मान्यता के मुताबिक, दुर्गा मंदिर में नवरात्री के आखिरी दिन नाई हर व्यक्ति के पास जाकर छुरे से घाव करता है। जिस्म से खून निकालकर पुजारी मां दुर्गा के सामने रखते हैं। ऐसे में एक ही छुरा लगभग सबके लिए इस्तेमाल किया जाता है।

रमेश सिंह कहते हैं कि, शादीशुदा लोग नौ जगह पर वहीं कुंवारे एक जगह घाव करा कर खून चढ़ाते हैं। ऐसा करने से देवी मां खुश हो जाती है। शैलेंद्र सिंह बताते है कि, ऐसा करने से कभी भी कोई बिमारी नहीं होती। मां की ऐसी कृपा होती है कि टिटनेस और इंफेक्शन जैसी बिमारियां नहीं होती है।

मंदिर के पुजारी शिवकांत के मुताबिक, यहां मां की इतनी कृपा होती है कि एक ही छुरे से कई लोगों को घाव करने के बाद भी किसी को कुछ नहीं होता है। ऐसा कई दशकों से हो रहा है। यदि किसी को कुछ होता तो अब तक पता चल जाता।

21वीं सदी में आज भी विज्ञान पर आस्था बलवती है। सभी जानते हैं कि एक ब्लेड का प्रयोग हर व्यक्ति के साथ करने पर बिमारियां हो सकती हैं। इंफेक्शन और टिटनेस हो सकता है। पर ऐसा कई दशकों से हो रहा है। लोगों को मानना है कि उनको कुछ नहीं होता। फिर इसे अंधविश्वास ही कहा जाएगा और इसकी भयावहता से इंकार नहीं किया जा सकता।

पाक को खुफिया सूचना लीक कर रहा था हमारा 'अपना'


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श्रीगंगानगर.पाकिस्तान को सेना से जुड़ी खुफिया सूचनाएं देने के आरोप में खुफिया एजेंसियों ने सोमवार शाम सूरतगढ़ में एक सरकारी कर्मी को पकड़ा।

सरकारी कर्मी पवन शर्मा (25) एसडीएम कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक पद पर तैनात है और वह कई महीने से पाकिस्तान को मोबाइल फोन व नेट के माध्यम से खुफिया सूचनाएं देने का काम कर रहा था।

सूत्रों के अनुसार खुफिया एजेंसियों को कई माह पहले कर्मीपवन शर्मा पर शक हुआ था। तब से उसके मोबाइल फोन पर आने-जाने वाली कॉल पर खुफिया एजेंसियां निगरानी रख रही थी। जांच में सामने आया कि आरोपी कर्मी पाकिस्तान को सूरतगढ़ व महाजन से जुड़ी खबरें भेजा करता था

सोमवार को आईबी, सीआईडी, रॉ सहित कई खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने कर्मी को एसडीएम दफ्तर से दबोच लिया। समाचार लिखे जाने तक उससे पूछताछ की जा रही थी।

जरा संभल के!!! फेसबुक पर नेताओं का मजाक महंगा पड़ सकता है! इधर राजस्थान सरकार है जो राहुल के अपमान के बाद भी सो रही है


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रायपुर। इंटरनेट पर फेसबुक में नेताओं और वरिष्ठजनों के फोटो और चित्रों से खिलवाड़ कर उनका सार्वजनिक मजाक उड़ाने वालों की अब खैर नहीं होगी। पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने अब इस मामले में नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है।
साइबर सेल के एडिशनल एसपी अजातशत्रु बहादुर सिंह ने कहा कि यह मामला गंभीर है और पुलिस इस हरकत पर पूरी तरह से रोक लगाने की कोशिश करेगी। ताजा मामला तो और भी गंभीर है। उन्होंने बताया कि भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक नितिन भंसाली ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत कर ऐसे फेसबुक यूजर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि फेसबुक यूजर्स की आईडी के वॉल पर शेयर करने वाले अश्लील लिंक, अश्लील वीडियो, असामाजिक चीजें भेजते हैं।ऐसे लिंक को क्लिक करने पर अक्सर वायरस कंप्यूटर पर आने लगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सुश्री मायावती, जयललिता, ममता बैनर्जी, सुषमा स्वराज, अटल बिहारी वाजपेयी आदि तमाम नेताओं के फोटो और कार्टून के साथ खिलवाड़ कर उनका फेसबुक पर मजाक उड़ाने लगे हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए और ऐसी हरकतों को बढ़ावा देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
देख लीजिये जनाब एक तरफ छत्तीसगढ़ की सरकार है और दूसरी तरफ राजस्थान में कोग्न्रेस की सरकार जहाँ कोंग्रेस की सरकार में बेठे पुलिस अधिकारी ..मंत्री ..मुख्यमंत्री को राहुल गाँधी ..मनमोहन सिंह का अपमान करने की लिखित शिकायत करने आई जी कोटा रेंज को लिखित शिकायत देने और थाना केथुनीपोल को लिखित एफ आई आर देने पर भी शिकायत दर्ज नहीं हो सकी है इसे कहते हैं एक जेसा व्यवहार कोंग्रेस सरकार में लोग शिकायत करते हैं के आम आदमी की रिपोर्ट थानों में दर्ज नहीं की जाती अरे वहां तो ख़ास मामलों की भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती और जब मामला खुद मुख्यमंत्री की जानकारी में हो तब भी कोई कार्यवाही नहीं हो तो ऐसे मुख्यमंत्री और सरकार सरकार में बेठे अधिकारीयों को मनमोहन सिंह ..पी चिंदम्बरम और राहुल गाँधी का तो विरोधी मान ही लेना चाहिए लेकिन इस सच के बाद भी कोई उनका क्या बिगाड़ सकता है ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सपने में जब दिखाई देने लगे गुलाब का फूल तो समझ लें कि...


ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जिससे भूत-भविष्य और वर्तमान का सटिक अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्योतिष के भी कई प्रकार हैं, जिनसे हम भविष्य में क्या होने वाला है? इस प्रश्न का उत्तर खोज सकते हैं। ज्योतिष के अंगों में से एक है स्वप्न ज्योतिष।
स्वप्न ज्योतिष के माध्यम से भविष्य में घटित होने वाले शुभ-अशुभ कार्यों की जानकारी मिलती है। प्राय: नींद में सपने सभी देखते हैं। कुछ सपने याद रह जाते हैं, कुछ याद नहीं रहते। जो सपने याद रहते हैं उनके आधार पर हम भविष्य के संबंध में अंदाजा लगा सकते हैं और यदि कोई अशुभ फल वाला स्वप्न हो तो उसका आवश्यक निदान किया जा सकता है।
कई लोगों को सपनों में गुलाब का फूल दिखाई देता है। स्वप्न ज्योतिष के अनुसार गुलाब फूल देखना काफी शुभ माना गया है।
- सपने में गुलाब दिखाई दे तो निकट भविष्य में ऑफिस में परेशानियां खत्म होंगी और कोई ऊंचा पद मिलने के योग बनेंगे।
- घर-परिवार या मित्रों से कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा।
- व्यापार-व्यवसाय में पुराने नुकसान को पुरा करेंगे और अत्यधिक लाभ प्राप्त करेंगे।
- आपके किसी दुश्मन से पुराने मतभेद दूर हो जाएंगे और वह आपका मित्र बन जाएगा।
- गर्भवती पत्नी का पति सपने में गुलाब देखे तो उसे पुत्र की प्राप्ति होने के योग बनेंगे।
- कोई स्त्री या लड़की सपने में गुलाब देखे तो अपने पति या प्रेमी से विवाद या समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और प्रेम प्राप्त होगा।
- विवाहित स्त्री गुलाब देखे तो उसे ससुराल में मान-सम्मान मिलेगा।

पेंटिंग की कीमत दे रहे थे 20 करोड़ रु. लेकिन नहीं बेची'


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नीमच. एक साल की सोच, दो हजार की लागत और पांच साल की मेहनत के बाद ताजमहल की जो कलाकृति बनी उसने दुनिया में धूम मचा दी। सोमवार को यही पेंटिंग शहर में आई। इसे बनाया है जयपुर के चित्रकार नवीन शर्मा ऩे।

चित्रकार शर्मा ने बताया पेंटिंग की नुमाइश कई देशों में हो चुकी है। राजस्थान सरकार ने इसकी कीमत 1 करोड़, दिल्ली सरकार ने 5 करोड़ और लंदन की गारगी मैडम ने 20 करोड़ रुपए तक लगा दी लेकिन मैंने नहीं बेची। स्टोन कलर से बनी पेंटिंग को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेजा गया है।

नमक का ये आसान प्रयोग कर देगा हर तरह के बुखार की छुट्टी


बदलते मौसम में बुखार की चपेट में आना एक आम बात है। कभी वायरल फीवर के नाम पर तो कभी मलेरिया जैसे नामों से यह सभी को अपनी चपेट में ले लेता है। फिर बड़ा आदमी हो या कोई बच्चा इस बीमारी की चपेट में आकर कई परेशानियों से घिर जाते हैं। कई बुखार तो ऐसे हैं जो बहुत दिनों तक आदमी को अपनी चपेट में रखकर उसे पूरी तरह से कमजोर बना देता है। पर घबराइए नहीं सभी तरह के बुखार की एक अचूक दवा है भुना नमक। इसके प्रयोग किसी भी तरह के बुखार को उतार देता है।
भुना नमक बनाने की विधि- खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर कॉफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें।जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से आपको बुखार कभी पलट कर नहीं आएगा।
विशेष.हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह वि धि नहीं अपनानी चाहिए।
- यह प्रयोग एक दम खाली पेट करना चाहिए इसके बाद कुछ खाना नहीं चाहिए और ध्यान रखें कि इस दौरान रोगी को ठण्ड न लगे।
- अगर रोगी को प्यास ज्यादा लगे तो उसे पानी को गर्म कर उसे ठण्डा करके दें।
- इस नुस्खे को अजमाने के बाद रोगी को करीब 48 घंटे तक कुछ खाने को न दें। और उसके बाद उसे दूध चाय या हल्का दलिया बनाकर खिलाऐं।

लो अजित सिंह अब कोंग्रेस के गुलाम हो गये

देश की राजनीति में खाओ पियो मोज करो सरकार के रुपयों और सुविधाओं पर मजे करो और वक्त आने पर अपनी विचारधारा वोटर्स से धोखा कर के जिस पार्टी से आपके वोटर नफरत करते हों उनसे बगेर पूंछे उसी पार्टी के समर्थक बन कर मंत्री पद लो रस मलाई खाओ और जिस पार्टी से आपके वोटर्स झगड़ते रहे हों उसी पार्टी के टुकड़ों पर पलने वाले बन कर आप उस पार्टी के गुणगान गाओ .....हमारे देश के कानून में यह खामी जान बुझ कर रखी गयी है क्योंकि नेतिकता तो नेताओं में है नहीं चुनाव के वक्त बढ़ी बढ़ी बातें करना वोटर्स और कार्यकर्ताओं को सडकों पर लडवाना और फिर उसी पार्टी की गोड में जा बेठना ॥ उत्तर प्रदेश के अजित सिंह जिन्हें हाल ही में कोंग्रेस ने मंत्री बना कर उनके गले में पत्ता डाल दिया है और अब वोह कोंग्रेस के इशारे पर ही ऐसा करेंगे जेसा कोंग्रेस चाहेगी उनके लियें तो यह हर साल का खेल है कभी नर्सिम्मा राव तो कभी अटल बिहारी वाजपई कभी ममोहन सभी के साथ आप मंत्री रह चुके हैं और पिताजी के पुरे गुण आपमें हैं कहने को समाजवादी और गुलामी कोंग्रेस या भाजपा की छी शर्म आती है ऐसी राजनीति और ऐसे राजनेताओं पर जो देश की अस्मत का सोदा अपना जमीर बेच कर करते हों और उससे भी ज़्यादा शर्म उन वोटर्स पर आती है जो अपना सब कुछ इन नेताओं पर न्योछावर कर इन्हें देश और सरकारों से समझोता कर देश से गद्दारी करना सिखाते हैं .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुरी नजर से बचने के लिए घर के बाहर लगाना चाहिए काली मटकी...

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कभी-कभी ऐसा होता है कि सबकुछ अच्छा चल रहा होता है और अचानक ही अच्छा समय बुरे समय में बदल जाता है। घर में क्लेश, अशांति और आर्थिक तंगी पैर पसार लेती है। परिवार में कोई सदस्य अचानक बीमार हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस प्रकार के बुरे प्रभाव बुरी नजर के कारण हो सकते हैं। बुरी नजर से बचने के लिए घर के बाहर काली मटकी लगाई जा सकती है।

वैसे तो सभी को अपना घर सुंदर और अच्छा लगता हैं और इन सुंदर और आकर्षक घर को दूसरों की बुरी नजर भी लग सकती हैं। ऐसे में अधिकांश घरों पर काली मटकी लगी दिखाई देती है। यह मटकी क्यों लगाई जाती है?

काली मटकी लगाने के संबंध में ऐसी मान्यता है कि इसे लगाने से किसी की बुरी नजर आपके घर पर नहीं लगेगी। घर पर बुरी नजर लगने का मतलब घर में कुछ अमंगल हो सकता है, घर के किसी सदस्य के साथ कुछ अनहोनी हो सकती है। वहीं बुरी संभावनाओं से बचने के लिए घरों के बाहर काली मटकी लगाई जाती है।

बुरी नजर या ईष्र्या की भावना के साथ जब कोई आपके घर की ओर देखता है तो उस वक्त यह मटकी उस नजर को, उसके बुरे प्रभाव को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। जिससे आपके घर पर होने वाला बुरा प्रभाव वहीं समाप्त हो जाता है। इस प्रकार घर की ओर बढ़ रहे बुरे प्रभाव स्वत: नष्ट हो जाती हैं।

राजीव और इंदिरा गांधी के जन्मतिथि पर 7.25 करोड़

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नई दिल्ली. सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की जन्म तिथियों पर 4.79 करोड़ और 2.46 करोड़ रूपए प्रिंट मीडिया विज्ञापनों पर खर्च किया।
यह जानकारी राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री सीएम जतुआ ने एक प्रश्न के जवाब में दिया।
उन्होंने कहा कि राजवी गांधी के जन्म दिवस पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से कोई अभियान नहीं चलाया गया। 2011 में राजीव गांधी के बर्थ एनिवर्सरी के अवसर पर प्रिंट मीडिया में 4,79,73,659 करोड़ रूपए विज्ञापनों पर खर्च किया गया था।
स्वस्थ्य मंत्रालय ने सबसे ज्यादा 95 लाख रूपए से ऊपर खर्च किया।
नवीन और अक्षय उर्जा मंत्रालय ने 82 लाख और पर्यटन मंत्रालय ने 79 लाख रूपए खर्च किए।
शहरी और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 65 लाख और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 58 लाख जबकि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 51 लाख रूपए खर्च किए।
जतुआ ने अपने जवाब में कहा कि महिला एवं बल विकास मंत्रालय ने 25 लाख और सूक्ष्म और लघु उद्यम ने 21 लाख ने भी प्रिंट मीडिया विज्ञापनों पर खर्च किए।
इंदिरा गांधी के बर्थ एनिवर्सरी के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 60 लाख से अधिक और सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 56 लाख रूपए खर्च किया।

सूक्ष्म,लघु और मध्य उद्योग मंत्रालय ने 41 लाख,नोर्थ ईस्ट क्षेत्र मंत्रालय ने 25 लाख जबकि सांख्यिकी और कार्यक्रमकार्यान्वयन मंत्रालय ने 22 से अधिक विज्ञापनों पर खर्च किया।

जतुआ ने राज्य सभा को बताया कि जन संसाधन और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों में से प्रत्येक ने 19 लाख से अधिक खर्च किया।

राजस्थान में कोटा जिले की वक्फ smpttiyaan khtrem में hain kuchh pr srkaar ne atikrman kiya

कोटा वक्फ संपत्ति को सरकारी एजेंसियों और कब्जेदारों से बचाने के लियें महासंग्राम करना होगा वरना दलाल सक्रिय हो चले हैं

राजस्थान में कोटा जिले की वक्फ सम्पत्तियों पर काफी हद तक तो सरकार कब्जेदार है कुछ पर किरायेदार कब्जेदार है तो कुछ पर खुद मुस्लिम भाइयों ने ही अतिक्रमण कर रखा है लेकिन अब एक बार फिर कुछ सम्पत्तियां कोटा नगर विकास न्यास के निशाने पर हैं ...... कोटा में अधरशिला वक्फ सम्पत्ति पर नगर विकास न्यास की नज़र है और वोह वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना चाहती है पहले जब भाजपा के सदर थे तब तो शहर काजी कोटा और आम मुसलमानों के दबाव में इस काम को रोक दिया गया था ॥ लेकिन अब कुछ कोंग्रेस के मुसलमान दलाल वक्फ से जुड़े कुछ लोगों को दबाव में लेकर इस सम्पत्ति को कब्जाने की कोशिशों में लग गये है इसी तरह से नयापुरा कोटडी बरकत उद्ध्यान वक्फ सम्पत्ति पर भी न्यास पुल निर्माण के नाम पर कब्जा करना चाहता है इस संपत्ति पर पहले जब वजू घर के निर्माण के नाम पर नगर निगम ने तोड़ फोड़ की थी तब हंगामे के बीच लाठी वार और गोलीबारी हुई थी तब दो मासूम बच्चों की अकाल म़ोत हो गयी थी ............. तो जनाब कोटा की वक्फ सम्पत्ति पर कभी नगर विकास न्यास तो कभी एयरपोर्ट ऑथोरिटी तो कभी नगर निगम निगाहें गडाए है ..जो बाक़ी सम्पत्ति है उसमे से कुछ को अगर छोड़ दें तो करोड़ों करोड़ कीमत की वक्फ सम्पत्ति पर कोटा के कथित कोंग्रेस और भाजपा के नेता ... जनप्रतिनिधि ..समाजसेवक दानदाता कब्जेदार है जो करोड़ों करोड़ की सम्पत्ति के बदले कोडियों के दाम भी किराए के रूप में नहीं दे रहे हैं ......... कहते हैं के वक्फ की सम्पत्ति अलाह की राह में समर्पित होती है और खुदा ही इसका निगेहबान होता है लेकिन फिर भी यहाँ तो वक्फ सम्पत्ति का कोई धनी धोरी नहीं है कहने को तो एक दर्जन से भी अधिक अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है और वक्फ सम्पत्ति का किराया जो भी आता है इन्हीं के वेतन पर खर्च हो जाता है लेकिन यह कर्मचारी क्या काम करते हैं इनकी कांफिदेम्शल रिपोर्ट केसे और कोन लिखेगा इस बारे में कोई नियम नहीं है हालत यह है के इनके दफ्तर आने जाने का वक्त भी पाबन्द नहीं है और इन कर्मचारियों की सर्विस फ़ाइल भी बार बार कहने पर अब तक नहीं बन सकी है ऐसे में वक्फ सम्पत्तियों को सरकार और सरकार के महकमे के अलावा किरायेदारों ..कब्जेदारों ..समाजसेवकों..पार्टियों के नेताओं ..निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से बचाने के लियें कोटा के मुसलमानों को महासंग्राम करना होगा वरना कोटा में वक्फ सम्पत्ति को लोग ढूंढते रह जायेंगे ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शनिश्चरी अमावस्या 24 को, शनिदेव को मनाने का अचूक मौका

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भारतीय ज्योतिष के अनुसार शनि को क्रूर ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि शनि ही इंसान को उसके अच्छे व बुरे कर्मों का फल देता है इसलिए शनिदेव को न्यायाधीश भी कहा जाता है। अगर आप भी शनि से प्रभावित हैं और उसकी शांति चाहते हैं तो 24 दिसंबर, शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या इसके लिए उपयुक्त अवसर है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस किसी की कुंडली में शनि प्रतिकूल स्थान पर होता है उसे जीवन भर दु:ख भोगने पड़ते हैं। साढ़े साती व ढैय्या के रूप में शनि हर व्यक्ति के जीवन कभी न कभी प्रभावित अवश्य करता है। ऐसा नहीं है कि शनि सिर्फ अशुभ फल ही प्रदान करता है, जिस पर भी शनिदेव की कृपा हो जाए उसे जीवन भर कभी कोई परेशानी नहीं होती। अगर आप भी शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ विशेष पूजन, तंत्र-मंत्र-यंत्र व टोने-टोटके से यह संभव है।

24 दिसंबर तक रोजाना हमारी वेबसाइट पर शनि से जुड़ी रोचक जानकारी और विभिन्न पूजन विधियां, ज्योतिषीय उपाय, टोटके आदि विशेष सामग्री दी जाएगी, जिससे आप सूर्य पुत्र शनि को मना सकते हैं और अपने जीवन की कई कठिनाइयों से मुक्ति पा सकते हैं।


'भारतीय' बंदर 'पाक' के अंदर, मचा बवाल, उठा इंसानियत पर सवाल!


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इस्लामाबाद.भारत की सीमा पार करके पाकिस्तान पहुंचने वाले बंदर के मसले पर पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने वहां की सरकार की जमकर खिल्ली उड़ाई है।

‘द डॉन’ ने अपने संपादकीय में पाठकों से यह जानने की कोशिश की है कि पाकिस्तान में सीमा पार से एक बंदर का बगैर वीजा के देश में घुस आना यहां की सरकार के खिलाफ भारत, अमेरिका और इजरायल की साजिश कैसे हो सकती है।

रहीम यार खान के रेगिस्तान में भारत की ओर से टहलते आ रहे बंदर को पकडऩे के बाद बहावलपुर चिडिय़ाघर में रखा गया है। चिडिय़ाघर के प्रबंधक ने भी कहा है कि यह एक मामूली किस्म का बंदर है न कि जासूसी में इस्तेमाल होने वाला प्रशिक्षित बंदर।

इस बंदर को जहां भारत भेजे जाने की अटकलें हैं तो कुछ अधिकारियों का कहना है कि इसे किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह आम लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले एक भारतीय संगठन ने इस बंदर को लौटाए जाने की मांग की है ताकि इसे जंगलों में छोड़ा जा सके।

द डॉन ने भी इसका समर्थन किया है। अखबार ने संपादकीय में एक सीमा मुक्त विश्व बनाने की बात करते हुए लिखा है कि दुनिया को मनुष्य ने सीमाओं में बांटा हुआ है जबकि प्रकृति किसी सीमा में यकीन नहीं रखती।

घर की महिलाओं को एक साथ लाल रंग की ड्रेस नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि...



घर-परिवार में सुख और शांति सदैव बनी रहे, इसके लिए परिवार के सदस्यों द्वारा कई प्रकार के प्रयास किए जाते हैं। फिर भी कई घरों में काफी तनाव और मनमुटाव जैसी स्थितियां निर्मित हो जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार सामान्य जीवन में अपनाने हेतु कई छोटे-छोटे उपाय बताए गए हैं जिनसे घर-परिवार में महिलाओं के झगड़े समाप्त हो जाते हैं।

आजकल किसी भी परिवार में महिलाओं के बीच आपसी तनाव होना सामान्य सी बात है। परिवारों में सास-बहु के झगड़े, भाभी-ननद की अनबन और अन्य रिश्तों में महिलाओं के झगड़ों की वजह से पुरुषों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में विवाद समाप्ति के लिए महिलाओं को समझना जरूरी है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि घर की महिलाएं एक साथ एक ही दिन लाल रंग की ड्रेस न पहनें।

सभी जानते है लाल रंग उग्रता को बढ़ाता है। यदि अधिक गुस्से के स्वभाव वाला इंसान लाल रंग का उपयोग अधिक करता है तो उसका स्वभाव और अधिक क्रोध वाला हो जाता है। ऐसे में यदि सभी महिलाएं एक साथ एक समय में लाल रंग की ड्रेस पहनती है तो ऐसी संभावनाएं बनी रहती है कि उनके बीच और अधिक विवाद की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। इन्हीं कारणों के चलते शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को एक साथ लाल रंग कपड़े नहीं धारण करना चाहिए। सभी महिलाओं के कपड़ों का रंग एक-दूसरे से भिन्न होगा तो ज्यादा सकारात्मक प्रभाव रहता है। लाल रंग से मिलते-जुलते रंग पहने जा सकते हैं।

लोकपाल: आज नहीं होगी कैबिनेट की बैठक


नई दिल्‍ली. लोकपाल बिल को लेकर अब सरकार के लिए करो या मरो की स्थिति बनती दिख रही है। भ्रष्टाचार पर असरदार ढंग से अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित इस कानून के ड्राफ्ट की बारीकियों पर यूपीए सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच एक बैठक केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में हुई। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल, कपिल सिब्‍बल, सलमान खुर्शीद और नारायण सामी शामिल हुए।

सलमान खुर्शीद ने इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लोकपाल का ड्राफ्ट अभी केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिखाया जाएगा। ऐसे में शायद ही आज रात कैबिनेट की बैठक होगी। सरकार मंगलवार को संसद में लोकपाल बिल पेश कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार अपने ड्राफ्ट में ऐसा प्रावधान रखने पर विचार कर रही है जिसमें लोकपाल के पास अपनी एक जांच ईकाई होगी जो सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों की जांच करेगी। इस ईकाई में एक पुलिस अधिकारी होगा जो जनता द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर जांच करेगा। हालांकि, विस्तृत जांच वाले मामलों को लोकपाल सीबीआई को भेजेगा। इसका मतलब यह है कि सीबीआई लोकपाल के दायरे में नहीं होगा।

लेकिन अन्ना हजारे ने सरकार के ऐसे इरादे का विरोध किया है, जिसमें सीबीआई लोकपाल के दायरे में नहीं होगी। यही वजह है कि अन्ना ने प्रस्तावित लोकपाल ड्राफ्ट को कमजोर बताया है। अन्ना ने मीडिया में आ रही खबरों के आधार पर यह बात कही है। अन्ना ने कहा है कि अगर सरकार लोकपाल के दायरे में निचली नौकरशाही (ग्रुप सी कर्मी) और सीबीआई को नहीं लाती है तो 27 दिसंबर से उनका अनशन और एक जनवरी से देश भर में जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। वहीं, किरण बेदी ने ट्विटर पर टिप्पणी की, 'लोग सीबीआई को असरदार बनाने की मांग रहे हैं, उसे बंटता हुआ नहीं देखना चाहते हैं।'


वहीं, ऐसी भी खबरें हैं कि अन्ना हजारे का 27 दिसंबर से प्रस्तावित अनशन टल सकता है। यह संकेत टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने दिया है। कुमार ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा है कि चूंकि, सरकार की तरफ से संसद का सत्र बढ़ाए जाने के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में हो सकता है कि अन्ना अपना अनशन टाल दें। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 22 दिसंबर को खत्म हो रहा संसद का सत्र 29 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है।

अन्‍ना को सोमवार को चेन्‍नई से दिल्‍ली आना था, लेकिन वह रालेगण सिद्धि पहुंच गए। अन्‍ना के सहयोगी सुरेश पठारे के मुताबिक अन्‍ना अपने गांव में अभी 3-4 दिन आराम करेंगे। अन्‍ना के कार्यक्रम में बदलाव की वजह का पता नहीं चल सका है।

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