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28 दिसंबर 2011

रामचरित्र मानस की गुरु वन्दना

गुरु वंदना
* बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥5॥
भावार्थ:-मैं उन गुरु महाराज के चरणकमल की वंदना करता हूँ, जो कृपा के समुद्र और नर रूप में श्री हरि ही हैं और जिनके वचन महामोह रूपी घने अन्धकार का नाश करने के लिए सूर्य किरणों के समूह हैं॥5॥
चौपाई :
* बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥1॥
भावार्थ:-मैं गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वन्दना करता हूँ, जो सुरुचि (सुंदर स्वाद), सुगंध तथा अनुराग रूपी रस से पूर्ण है। वह अमर मूल (संजीवनी जड़ी) का सुंदर चूर्ण है, जो सम्पूर्ण भव रोगों के परिवार को नाश करने वाला है॥1॥
* सुकृति संभु तन बिमल बिभूती। मंजुल मंगल मोद प्रसूती॥
जन मन मंजु मुकुर मल हरनी। किएँ तिलक गुन गन बस करनी॥2॥
भावार्थ:-वह रज सुकृति (पुण्यवान्‌ पुरुष) रूपी शिवजी के शरीर पर सुशोभित निर्मल विभूति है और सुंदर कल्याण और आनन्द की जननी है, भक्त के मन रूपी सुंदर दर्पण के मैल को दूर करने वाली और तिलक करने से गुणों के समूह को वश में करने वाली है॥2॥
* श्री गुर पद नख मनि गन जोती। सुमिरत दिब्य दृष्टि हियँ होती॥
दलन मोह तम सो सप्रकासू। बड़े भाग उर आवइ जासू॥3॥
भावार्थ:-श्री गुरु महाराज के चरण-नखों की ज्योति मणियों के प्रकाश के समान है, जिसके स्मरण करते ही हृदय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न हो जाती है। वह प्रकाश अज्ञान रूपी अन्धकार का नाश करने वाला है, वह जिसके हृदय में आ जाता है, उसके बड़े भाग्य हैं॥3॥
* उघरहिं बिमल बिलोचन ही के। मिटहिं दोष दुख भव रजनी के॥
सूझहिं राम चरित मनि मानिक। गुपुत प्रगट जहँ जो जेहि खानिक॥4॥
भावार्थ:-उसके हृदय में आते ही हृदय के निर्मल नेत्र खुल जाते हैं और संसार रूपी रात्रि के दोष-दुःख मिट जाते हैं एवं श्री रामचरित्र रूपी मणि और माणिक्य, गुप्त और प्रकट जहाँ जो जिस खान में है, सब दिखाई पड़ने लगते हैं-॥4॥
दोहा :
* जथा सुअंजन अंजि दृग साधक सिद्ध सुजान।
कौतुक देखत सैल बन भूतल भूरि निधान॥1॥
भावार्थ:-जैसे सिद्धांजन को नेत्रों में लगाकर साधक, सिद्ध और सुजान पर्वतों, वनों और पृथ्वी के अंदर कौतुक से ही बहुत सी खानें देखते हैं॥1॥
चौपाई :
* गुरु पद रज मृदु मंजुल अंजन। नयन अमिअ दृग दोष बिभंजन॥
तेहिं करि बिमल बिबेक बिलोचन। बरनउँ राम चरित भव मोचन॥1॥
भावार्थ:-श्री गुरु महाराज के चरणों की रज कोमल और सुंदर नयनामृत अंजन है, जो नेत्रों के दोषों का नाश करने वाला है। उस अंजन से विवेक रूपी नेत्रों को निर्मल करके मैं संसाररूपी बंधन से छुड़ाने वाले श्री रामचरित्र का वर्णन करता हूँ॥1॥

कुरान का संदेश

शतावरी पाक: ठंड मे एक अनोखी दवा बनाकर खाएं और देखें कमाल



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ठंड में कुछ औषधीयां स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से पोषक व बलवर्धक है। ऐसी ही एक औषधि है शतावरी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं शतावरी पाक की विधि जो सर्दियों में शरीर के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।

सामग्री- शतावरी, पवार और खिरेंटी तीनों की जड़ 100-100 ग्राम, घी 250 ग्राम, मावा 450 ग्राम, एक किलो मिश्री, लौंग, छोटी इलायची, जायफल, जावित्री, छोटे गोखरु- ये पांचों 10-10 ग्राम, 200-200 ग्राम।



विधि-
तीनों जड़ों को कूट पीस कर महीन छान ले। कढ़ाई में सब घी डाल कर भून लें। मावा अच्छी तरह सेंक कर इसमें मिला दें। मिश्री की चाशनी बना कर इसमें चूर्ण मिला हुआ मावा डाल कर गरम करें। फिर इस चूर्ण को डालकर भून लें। मावा अच्छी तरह सेंक कर लौंग, इलायची आदि।पांचों को पीस कर डाल दें। किशमिश व कतरी हुई बादाम डालकर घी का हाथ लग थाली में फैला कर बर्फी जमा लें। 20-20 ग्राम वजन की बर्फी काट कर बर्नी में भर रख लें।

सेवन विधि- एक-एक बर्फी सुबह व रात को सोते समय खाकर एक गिलास मीठा दूध पीना चाहिए। पूरे शीतकाल इस पाक का सेवन करने से सब प्रकार की कमजोरियां नष्ट हो कर शरीर में खूब बलवीर्य की वृद्धि होती है।

पहनें ये रुद्राक्ष, बढऩे लगेगी याददाश्त



क्या आपका बच्चा पढ़कर भूल जाता है?, अधिक परिश्रम करने के बाद भी रिजल्ट ठीक नहीं आता? या बच्चा पढऩे में होशियार तो है लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता? यदि आपके बच्चे के साथ भी यह समस्याएं हैं कि घबराने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि गणेश रुद्राक्ष इन सभी समस्याओं का एकमात्र आसान उपाय है।

ज्योतिष के अनुसार पढ़ाई में सफलता के लिए बुध ग्रह का अनुकूल होना आवश्यक होता है। बुध ग्रह यदि अनुकूल हो तो व्यक्ति तीव्र बुद्धि से युक्त होता है तथा सामान्य प्रयास करने पर भी बेहतर परिणाम पा सकता है। गणेश रुद्राक्ष धारण करने से बुध ग्रह अनुकूल फल देने लगता है। गणेश रुद्राक्ष अध्ययन के प्रति एकाग्रता में वृद्धि करता है, स्मरण शक्ति बढ़ाता है तथा लेखन की शक्ति में भी वृद्धि करता है। इसके प्रभाव से सामान्य क्षमता वाला विद्यार्थी भी बेहतर परीक्षा परिणाम प्राप्त कर सकता है।

कैसे व कब धारण करें?

गणेश रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे गाय के कच्चे दूध तथा गंगाजल से धो लें तथा उसका पूजन करें। इसके पश्चात गणपतिअर्थवशीर्ष का पाठ करें। गणेश रुद्राक्ष को हरे रंग के धागे में धारण करें।

किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष मेंजिस बुधवार को सर्वाथसिद्धि योग बन रहा हो, उस दिन गणेश रुद्राक्ष पहनना शुभ होता है।


भारतीय इंजीनियरों का कमाल बना डाली बोफोर्स से बेहतर तोप


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करगिल युद्द में दुश्मन को नाको चबाने वाली बोफोर्स तोप के लिए अब भारत को स्वीडन जैसे देश का मुंह ताकने की जरुरत नहीं रह गई है देश की कानपुर आयुध फैक्ट्री में पूरी तरह से स्वदेशी बोफोर्स गन बनकर तैयार हो गई है देसी इंजीनियरों के मुताबिक यह तोप बोफोर्स तोप से कहीं बेहतर है।

इस देसी बोफोर्स तोप का नाम पी-1(55) रखा गया है। आपको बता दें कि 1984 से 1990 के बीच स्वीडन से करीब 400 बोफोर्स तोपो का आयात किया गया था लेकिन विवादों के कारण इसका और आयात नहीं हो सका। इस तोप ने करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। रक्षा मंत्रालय और आयुध निर्माण बोर्ड के बीत तमाम रिसर्च और प्रोयग के बाद ऐसी 414 तोप बनाने को लेकर सहमति हो गई है।

यह गन एक मिनट में आठ राउंड फायर कर सकती है इसे किसी भी मोर्चे पर आसानी से तैनात किया जा सकता है। इसका 155 एमएम का गोला तीस किलोमीटर तक निशाना लगाने में सक्षम है जिसकी रेंज 40 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है। इस तोप की खास बात यह है कि इसका एक भी पुर्जा आयात नहीं किया गया है सारे पुर्जे देश में ही बनाए गए हैं।

दुनिया की सबसे हैरतअंगेज घटना, सिर कटने के बाद भी ज़िंदा रहा ये मुर्गा

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10 सितंबर, 1945 को एक ऐसी घटना घटित हुई, जिसने दुनियाभर के जीव विज्ञानियों के चकित कर दिया। अमेरिका के फ्रूटा कोलोरेडो में एक मु्र्गे ने बिना सिर के कई महीनों तक जीवित रहकरपूरी दुनिया को चकित कर दिया था।

हुआ कुछ यूं कि फ्रूटा कोलोरेडो में रहने वाले किसान लोयड ऑल्सन ने अपने साढ़े पांच महीने के मुर्गे माइक को खाने के लिए कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन काट दी। लेकिन ऑल्सन उस वक्त चकित रह गया, जब माइक सिर कटने के बाद भी जीवित था। इस मामले में अदुभुत और हैरान करने वाली बात यह थी कि धड़ से सिर अलग होने के बावजूद माइक 18 महीनों तक जीवित रहा।

माइक के जीवित रहने की प्रबल इच्छा देखकर ऑल्सन ने उसे खाना और पानी पिलाने का तरीका ढ़ूंढा। ऑल्सन ने "आईड्रॉपर" के जरिए माइक को खाना खिलाना और पानी पिलाना शुरू कर दिया।

लगभग एक हफ्ते के बाद ऑल्सन, माइक को लगभग 250 मील दूर सॉल्ट लेक स्थित ऊटाह यूनिवर्सिटी लेकर गए। बिना सिर के जीवित मुर्गे को देखकर उलझन में पड़े वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि कुल्हाड़ी के वार से माइक के कंठ की रक्तवाहिनी नहीं कट पाई।

वैज्ञानिकों ने बताया कि रक्तवाहिनी के अंत में जमे एक थक्के के कारण माइक का अधिक खून नहीं बहा और वह जीवित बच गया। हालांकि उसके कटे हुए सिर का अधिकतर भाग चोंच थी, और उसके ब्रेन स्टेम और एक कान अभी भी उसके शरीर पर ही था। सिर कटने के बाद के अपने जीवनकाल में माइक का वज़न 2, 1/2 lbs से 8 lbs तक बढ़ गया था।

18 महीने तक जीवित रहने के बाद एक रात माइक की दम घुटने का कारण मौत हो गई। 18 महीनों के आश्चर्यजनक जीवनकाल में माइक को न्यूयार्क, अटलांटिक सिटी, लॉस एंजिल्स और सैन डियागो में आयोजित की गई प्रदर्शनी में दिखाया गया, जहां उसे देखने के लिए 25 सेंट की टिकट भी रखी गई थी। इस 'आश्चर्यजनक मु्र्गे का 10,000 डॉलर का इंश्योरेंस भी किया गया था।

ममता ने बढ़ाया मनमोहन का सिरदर्द

नई दिल्ली. रणनीतिक असमंजस के बीच तकनीकी कारणों का हवाला देकर सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में लोकपाल पेश नहीं किया। अब गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा कराने के बाद सरकार के गले की फांस बने इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास होगा।

केंद्र सरकार के रणनीतिकार बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए ममता बनर्जी को मनाने में जुटे रहे। प्रणब मुखर्जी ने तृणमूल नेताओं से बात की। बुधवार सुबह ही संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल की तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी से बात हुई। शाम होते होते तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने प्रणब मुखर्जी से मिलकर गुरुवार को राज्यसभा में लोकपाल विधेयक में राज्यों के लोकायुक्त मसले पर संशोधन पेश करने का अपना इरादा जाहिर कर दिया।

सूत्रों का कहना है कि ममता इस बात से नाराज थीं कि तृणमूल सांसदों ने इस मसले पर सरकार का लोकसभा में साथ दिया। तृणमूल ने साफ किया है कि वह अपना संशोधन राज्यसभा में जरूर पेश करेगी। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने भी पांच संशोधन पेश करने की मंशा जाहिर की है।

लोकसभा में लोकपाल विधेयक को संवैधानिक दर्जा दिलाने के मसले पर झटका खाने का असर बुधवार को सत्ताधारी खेमे में देखने को मिला। राज्यसभा में गुरुवार को एजेंडे में शामिल किए गए लोकपाल विधेयक को पारित कराने की तैयारियों में सरकार के पसीने छूटे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में बुधवार को गैरहाजिर रहे सांसदों की सूची मांगकर सरकार के रणनीतिकारों की परेशानी बढ़ा दी। संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि वे ऐसे सांसदों को कारण बताओ नोटिस भेज रहे हैं। कांग्रेस के करीब 13 सदस्य लोकसभा में मतदान के दौरान अनुपस्थित थे। विपक्ष भी आक्रामक लोकसभा में सरकार के घिरने के बाद राज्यसभा में विपक्ष भी आक्रामक मुद्रा में है।

लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को भाजपा नेता अरुण जेटली से मिलकर राज्यसभा में लोकपाल पर समर्थन के लिए मन टटोला। इसके बावजूद भाजपा लोकसभा में पेश किए गए अपने संशोधनों को राज्यसभा में भी पेश करने को तैयार है। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से लोकायुक्तों का मसला राज्यों पर छोडऩे के लिए धारा 252 को शामिल करने, सीबीआई की स्वायत्तता समेत 21 संशोधन पेश किए जा सकते हैं। वामदल भी संशोधनों के बहाने सरकार को घेरने के लिए फिर से तैयार हैं। लेफ्ट ने कहा है कि वह लोकसभा में पेश किए गए अपने संशोधन दुबारा पेश करेगी।

सरकार को उम्मीद सरकार करीब 114 सांसदों के समर्थन का दावा करके विधेयक पारित हो जाने का भरोसा जता रही है। वहीं विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार है। सरकार को भरोसा है कि सपा, बसपा और राजद को मिलाकर कुल 27 सदस्य राज्यसभा में वाकआउट कर सकते हैं। बचे 216 सदस्यों में से 114 सदस्यों के समर्थन के साथ उसे विधेयक पारित होने की आस है।

राज्यसभा का आंकड़ा और सरकार की मुश्किल

नई दिल्ली: लोकसभा में लोकपाल बिल से जुड़े संवैधानिक संशोधन गिर जाने के बाद सरकार के लिए लोकपाल बिल को राज्यसभा से पारित कराना मुश्किल हो रहा है. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है.

राज्यसभा में कुल 243 सांसद हैं. सामान्य बहुमत से लोकपाल बिल पास कराने के लिए सरकार के पास होने चाहिए 122 सांसद. यूपीए इस आंकड़े से बहुत दूर है.

कांग्रेस के 71, डीएमके के 7, एनसीपी के 7, तृणमूल के 6, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2 और आरएलडी के 1 सांसद हैं. इसके अलावा सरकार के पास 4 छोटी पार्टियों के 4 सांसदों का भी समर्थन है. जिससे ये आंकड़ा 98 का बैठता है.

अगर बाहर से समर्थन देने वाली बीएसपी के 18, एसपी के 5 और आरजेडी के 4 सांसद समेत 27 वोटों को सरकार अपने पाले में पक्का माने तो आंकड़ा 125 का होता है.

सरकार के लोकपाल बिल से तीनों ही पार्टियां नाराज हैं. अगर लोकसभा की तरह मायावती, मुलायम और लालू की पार्टियों के सांसद सदन से बाहर चले गए तो सरकार फंस जाएगी.

ऐसे में राज्यसभा की सदस्य संख्या गिरकर आ जाएगी 216 पर और सरकार को बिल पास कराने के लिए कम से कम 109 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी.

बीजेपी भी इशारे कर रही है कि लोकसभा में तो लोकपाल पास होने दिया लेकिन राज्यसभा में सरकार के लिए इतना आसान नहीं होगा. मुश्किल में सरकार आठ नामांकित सदस्यों के समर्थन की कोशिश कर सकती है.

अगर राज्यसभा में विपक्ष की चली तो बिल या तो पास नहीं होगा या अगर पास हुआ तो संशोधन के साथ होगा. ऐसे में या तो बिल संशोधनों के साथ दोबारा लोकसभा को भेजा जाएगा या सरकार इस बिल को लेकर संसद के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुला सकती है. जहां इसे सामान्य बहुमत से पास करना जरूरी होगा

कोंग्रेस के स्थापना समारोह में कोटा के स्वतन्त्रता सेनानी समानित ....कोंग्रेस के गोरवशाली इतिहास को सभी ने दोहराया

कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रख कर संगठन के सभी कार्य राष्ट्रहित और जनहित में किये जायेंगे और सरकार की सभी योजनाये उनके लाभ की समस्त जानकारी जनता तक एक अभियान के रूप में कार्यकर्ता पहुँचने का प्रयास करेंगे .......उक्त उदगार प्रकट करते हुए आज यहाँ कोटा जिला कोंग्रेस कार्यालय में आयोजित कोंग्रेस के एक सो सत्ताइसवें स्थापना समारोह में बोलते हुए जिला कोंग्रेस अध्यक्ष भाई गोविन्द शर्मा ने कहा के कोंग्रेस का इतिहास त्याग, बलिदान ,विकास और संघर्ष का रहा है उन्होंने कहा के कोंग्रेस ने अपने एक लम्बे इतिहास में देश और अतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी को कुछ ना कुछ दिया है ..और आज भारत का विश्व के सामने गोरव से सर उंचा है उन्होंने कहा के आज कोंग्रेस के गोर्व्शाली इतिहास के कारण ही कोंग्रेस का हर कार्यकर्ता सर उंचा कर सड़क पर चलता है ............. कार्यक्रम में बोलते हुए स्वतन्त्रता सेनानी आनन्द लक्ष्मण खांडेकर ने कहा के कोंग्रेस देश को आज़ाद कराने के स्वतन्त्रता संग्राम की महत्वपूर्ण कड़ी है और आज भी देश के हर संकट की घड़ी में कोंग्रेस देश और देशवासियों के साथ खड़ी मिलती है ........स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ पत्रकार बी एम बांठिया ने कहा के में सवम कोंग्रेसी रहा हूँ और इसी के बेनर तले हमने देश को आज़ाद कराने के लियें लडाइयां लड़ी हैं उन्होंने देश के युवाओं से कोंरेस की कार्य योजनायें राष्ट्रहित में सार्वजनिक रूप से घर घर पहुँचाने की अपील की ....समारोह में बोलते हुए वरिष्ठ कोंग्रेस विष्णु भाया ने कोंग्रेस के गोरवशाली इतिहास को दोहराते हुए कहा के आज कुच्छ कोंग्रेसी कोंग्रेस की मान मर्यादा को भुला कर निजी स्वार्थों में लिप्त हैं और कोंग्रेस की जो भी योजनायें होती है वोह कोंग्रेस के कार्यकर्ता जनता तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं उन्होंने चेतावनी दी के वक्त रहते अगर कोंग्रेस के नेता और कार्यकर्ता नहीं सुधरे तो आने वाले चुनाव में हमे इसके परिणाम भुगतना होंगे उन्होंने सुझाव दिया के अभी भी वक्त है अगर कोंग्रेसी कार्यकर्ता और कोंग्रेस के भाई साहब खुद को सुधारे तो स्थिति नियंत्रित हो सकती है और फिर से कोंग्रेस की स्थिति मजबूत हो सकती है ........मंच को संबोधित करते हुए एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के वर्ष १८८३ में थियोसिफिक्ल सोसाइटी का संकल्प अंग्रेजी हुकूमत से जनता की परेशानियों और दिक्कतों के बारे में बात चीत करने के लियें एक मंच का गठन करने का था इसके बाद कलकत्ता में जब इसकी व्यूह रचना रची गयी तब मई १८८५ में पहले इंडियन नेशनल यूनियन का गठन किया गया फिर बाद में २८ दिसम्बर १८८५ को गोकुलदास तेजपाल संस्क्रत कोलेज मुंबई में अलान ओक्तिवान हम यानि ऐ ओ ह्युम ने बहत्तर लोगों की उपस्थिति में कोंग्रेस का गठन किया गया जिसके पहले अध्यक्ष वोमेश चंद बनर्जी थे .......अख्तर खान अकेला ने कहा के कोंग्रेस आज भारत में ही नहीं विश्व भर में सबसे बढ़ी लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसमे दलित..गरीब उत्पीड़ितों का विशेष ध्यान रखा जाता है उन्होंने कहा के विश्व भर में कोंग्रेस ऐसी अकेली राष्ट्रवादी पार्टी है जिसके नेताओं ने देश और सन्गठन के लियें बलिदान दिया है उन्होंने कहा के महात्मा गांधी ..इंदिरा गाँधी ..राजिव गाँधी इसका उदाहरण हैं उन्होंने कहा के सोनिया गाँधी जिन्हें प्रधानमन्त्री बनाने की पेशकश थी लेकिन उन्होंने त्याग बलिदान के भाव से इस पद को त्याग दिया ओर खुद सन्गठन का काम देख रही हैं ...उन्होंने कहा के आज का जो विकास है वोह खुद राजिव गाँधी की दें हैं कोंग्रेस की दें है ..इंदिरा जी का अपना इतिहास हैं जिन्होंने ने दुश्मनों के दांत खट्टे किये हैं ..उन्होंने कहा के आज राहुल गान्धी कोंग्रेस के विधान के मुताबिक गरीबों के पास जाते हैं उनकी सेवा करते हैं श्रम दान करते हैं ..कोंग्रेस का अपना विधान है जिसमे लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव और आरक्षण का प्रावधान है विधान के मुताबिक सभी कोंग्रेसियों के लियें खादी पहनना अनिवार्य है जबकि प्रत्येक कोंग्रेसी के लियें साल में एक बार सात दिन समाजसेवा कार्यों में खुद को लगाना अनिवार्य है उन्होंने कहा के कोंग्रेस का कानून है के प्रयेक कोंग्रेसी साल भर की कमाई के बेलेंस शीट कार्यालय में जमा कराएगा और जो भी कमाई है उसका एक प्रतिशत कोंग्रेस फंड में जमा कराएगा उन्होंने कहा के अगर कोंग्रेस कार्यकर्ता अपने विधान के तहत काम करने लगें तो कोंग्रेस दो साल बाद केंद्र और राज्यों में तो क्या कयामत तक सत्ता में रहेगी ............. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर अरुण सक्सेना ने कोंग्रेस को विश्व के सभी संगठनों से मजबूत बताया जबकि प्रोफेसर .........ने कोंग्रेस की आर्थिक नीतियों के कारण देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत स्थिति में खड़ा होना बताया ........कायर्क्रम के दोरान मंच पर जिला कोंग्रेस अध्यक्ष गोविन्द जी शर्मा प्रदेश कोंग्रेस सचिव डोक्टर जफर मोहम्मद ..देहात कोंग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रुकमनी मीना ..पूर्व अध्यक्ष कृष्ण गोपाल कच्छावा ..नरेश विजयवर्गीय जगदीश जी ठाडा महापोर श्रीमती रत्ना जेन .न्यास अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी हेमचंद पंवार पाना चंद गुप्ता ने अतिथि प्रोफेसरों और स्वतन्त्रता सेनानियों को शोल उड़ा कर सम्मानित किया कार्यक्रम का संचालन राकेश शर्मा राकू ने किया जबकि धन्यवाद वरिष्ठ कोंग्रेसी नरेश जी विजयवर्गीय ने ज्ञापित करते हुए कार्यकर्ताओं को भविष्य के कार्यक्रमों की जानकारी दी साथ ही कोंग्रेस के गोरवशाली इतिहास को वर्तमान में और अधिक मजबूत बनाने का आह्वान किया ........कार्यक्रम के दोरान ही कोंग्रेस के वफाती खान ने मंच पर उपस्थित महापोर रत्ना जेन और न्यास अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी को सम्बोधित करते हुए कहा के कोटा में १५ तारीख को मोहर्रम का चालीसवां है उस दिन कोटडी के हजारों लोग मोहर्रम नहर में ठंडे करते हैं लेकिन इस बार निर्माण कार्य होने से वहां अव्यस्था है जिसे वक्त रहते सुधार जाए ताकि मुस्लिम भाइयों को परेशानी ना हो इस पर कोंग्रेस अध्यक्ष भाई गोविन्द शर्मा ने इस समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया ....कार्यक्रम के पूर्व कोंग्रेस अध्यक्ष ने पहले महात्मा गाँधी फिर इंदिरा गाँधी की प्रतिमा स्थल पर जाकर माल्यार्पण किया और कार्यालय में कोंग्रेस ध्वज फेरा कर समारोह का शुभारम्भ किया सेवा दल के अध्यक्ष मनोज दुबे भी मोजूद थे कार्यकर्ताओं ने पहले वन्देमातरम फिर ध्वज गीत फिर राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की ...... कोटा में इस अवसर पर पहली बार भव्य कर्यक्रम देख कर कोंरेस के कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन की सराहना भी की ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना का कोंग्रेस से मेच फिक्सिंग

अन्ना का कोंग्रेस से मेच फिक्सिंग हो गया है और इसीलियें देश और लोकपाल की जिद पर मरते दम तक अनशन करने का एलान करने वाले अन्ना बोरिया बिस्तर बाँधने लगे हैं धीरे धीरे अन्ना की तस्वीर जनता के सामने सठियाने वाली बनती जा रही है ......जी हाँ अन्ना जो देश की जनता के सिरमोर और आदर्श बन चुके थे मिडिया की टी आर पी अन्ना को दिखाने से ही बढने लगी थी ..उस अन्ना की लोकपाल मांग पर हाल ही में जब कोटा में एक सभा रखी गयी तो सभा के आयोजक मेरे मित्र से मेने कहा के अब क्या है अब तो अन्ना का मेच फिक्सिंग हो गया है उन्होंने जवाब तलब किया के ऐसा आप क्यूँ कहते हों में जानता था के इन जनाब को मेरी बात बुरी लगी है लेकिन मेने कहा के वोह दिल्ली छोड़ कर रणछोड़दास बन रहे है और इसी लियें उनके इस रवय्ये से साफ ज़ाहिर है के डाल में काला हो गया है सिर्फ वोह अपनी इज्ज़त जनता के सामने बचाने के लियें कोंग्रेस और सरकार के विरोध का अभिनय कर रहे हैं क्योंकि दिल्ली छोड़ कर जाना सांसदों के मनों मस्तिष्क से जन लोकपाल बिल का दबाव कम करना था ओर दिल्ली में कोई भी बखेड़ा करने पर संसद में कोई कार्यवाही बदल सकती थी लेकिन एक सोची समझी रणनीति के तहत अन्ना और समर्थकों ने दिल्ली छोड़ी और बीमारी के कारण अनशन की नोटंकी और फिर अनशन तोड़ने जेल भरो आन्दोलन खत्म करने की घोषणा ..केवल कोंग्रेस का विरोध करेंगे यानी वही बात के आर एस एस के एजेंट हैं कोंग्रेस का विरोध करेंगे बसपा और सपा राजद जिन्होंने वाक् आउट किया है उनका कुछ नहीं जिन लोगों ने बेईमानी की है उनका कुछ नहीं तो जनाब यह मेच फिक्सिंग है कुछ दिनों हां हुल्लड़ फिर लोग भूल जायेगे के कोई अन्ना थे कुछ अन्ना के समर्थक थे बस कभी कभार अख़बारों और टी वी पर आजाया करेंगे इसलियें जनाब अन्ना के साथ अब केसा सुलूक किया जाए पुरे देश को धोखे में रख कर संसद में लोकपाल बिल पास करवा दिया और जनता को लटका दिया खेर कोई बात नहीं कोई देखे ना देखे अल्लाह देख रहा है ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पंचक आज से: जानें क्या करें, क्या नहीं?


भारतीय ज्योतिष के अनुसार जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तब उस समय को पंचक कहते हैं। यानी घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं रेवती) होते है उन्हे पंचक कहा जाता है। कुछ विद्वानों ने इन नक्षत्रों को अशुभ माना है इसलिए पंचक में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। इस बार पंचक का प्रारंभ 28 दिसंबर, बुधवार को रात के 8 बजकर 9 मिनिट से हो रहा है जो 2 जनवरी 2012, सोमवार शाम 4 बजकर 16 मिनिट तक रहेगा।

नक्षत्रों का प्रभाव

धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है।

शतभिषा नक्षत्र में कलह होने के योग बनते हैं।

पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र होता है।

उतराभाद्रपद में धन के रूप में दण्ड होता है।

रेवती नक्षत्र में धन हानि की संभावना होती है।

पंचक में यह पांच कार्य न करें-

1-घनिष्ठा नक्षत्र में घास लकड़ी आदि ईंधन इकट्ठा नही करना चाहिए इससे अग्नि का भय रहता है।

2- दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।

3- रेवती नक्षत्र में घर की छत डालना धन हानि और क्लेश कराने वाला होता है।

4- चारपाई नही बनवाना चाहिए।

5- पंचक में शव का अंतिम संस्कार नही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पंचक में शव का अन्तिम संस्कार करने से उस कुटुंब में पांच मृत्यु और हो जाती है।

यदि परिस्थितीवश किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक अवधि में हो जाती है तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाकर अर्थी पर रखें और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करें तो परिवार में इस दोष से और किसी की मृत्यु नही होती एवं पंचक दोष समाप्त हो जाता है।

अगर आप घी खाने से बचते हैं, तो आज से खाना शुरू कर दें क्योंकि....


घी भारतीय व्यंजनों,आयुर्वेदिक औषधियों का पुरातन काल से ही एक घटक रहा है, आयुर्वेद के ग्रंथों में तो घी के कई औषधीय महत्व को बताया गया है। कहा तो यहाँ तक गया है कि घी को अन्य औषधि से सिद्धित करने पर यह अपने गुणों को न छोडते हुए उस औषधि के गुणों को भी अपने अन्दर समाहित कर लेता है- है न कमाल की बात ,ये तो अनुकरणीय भी है,फिर डर कैसा ?

भारतीय गृहणियां इसे एक विशेष विधि से बनाती हैं, जिनमे गाय के दूध को लकड़ी या मिट्टी के बर्तन में रखकर पहले दही में बदला जाता है,अब दही को मथकर मक्खन प्राप्तकर धीरे-धीरे उबाल कर तबतक पकाया जाता है, जब तक मक्खन में स्थित दूध के ठोस कण तले में न बैठ जाएँ और फेन भाग ऊपर न आ जाय, इसके बाद फेन को सावधानी से चम्मच से अलग कर घी को भी चम्मच से साफ बर्तन में अलग कर लिया जाता है। ठंडा होने पर बर्तन का ढक्कन अच्छी तरह से बंद कर दिया जाता है,बस ध्यान रहे घी को कभी भी फ्रिज में न रखें। आयुर्वेद की कई दवाओं में 'घी ' का प्रयोग होता है तथा इस हेतु गाय के घी को श्रेष्ठ माना गया है।



आयुर्वेद के इन औषधियों को औषधिसिद्धित घृत के नाम से जाना जाता है जो निम्न हैं : फलघृत :-खून को बढाने वाला,बंध्या स्त्री को संतान्योग्य बनानेवाला।त्रिफलादीघृत :सभी प्रकार के उदर एवं कृमी रोगों को दूर करने वाला।वृहतकल्याणकघृत :गर्भ न ठहरने वाली स्त्री के लिए अत्यंत उपयोगी औषधि। अशोकघृत : लूकोरीया,कमर दर्द आदि में लाभकारी औषधि।

नवीनघृत :रुचिकारक,तृप्तिकारक,दुर्बलता दूर करने वाला,पुराणघृत या पुराना घी:10 वर्ष पुराना घी जुखाम ,खांसी ,मूर्छा,त्वक विकार ,उन्माद (पागलपन ) और अपस्मार (मिर्गी ) आदि रोगों में फयदेमंद ,पञ्चतिक्तघृत :त्वचा रोगों में प्रभावी होता है। आयुर्वेद मत से गाय का घी अन्य सभी घी की अपेक्षा स्वादिष्ट,बुद्धि ,कान्ति,स्मरणशक्ति को बढाने वाला,वीर्यवर्धक ,अग्निदीपक,पाचक ,यौवन को स्थिर रखने वाले गुणों से युक्त होता है, तो यूँ ही नहीं खाया जाता रहा है घी सदियों से ,बस आवश्यकता है शुद्ध एवं संयमित मात्रा में सेवन की

अब लड़ाई कांग्रेस से? अनशन खत्म, जेल भरो भी रद


मुंबई/नई दिल्ली. अन्ना हजारे ने अपना अनशन और प्रस्‍तावित जेल भरो आंदोलन खत्‍म करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अब केवल कांग्रेस के खिलाफ प्रचार होगा। उन्होंने कहा, 'अब मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।'

अन्ना ने कहा, ' जिन पांच राज्यों मे चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में कांग्रेस का विरोध करेंगे क्योंकि इस पार्टी ने हमें धोखा दिया है। जब हम पांच राज्यों में घूमेंगे तो बताएंगे कि हमें कैसे धोखा दिया गया है।' अन्ना ने कहा, 'लोकपाल का विरोध करने वालों के खिलाफ प्रचार करूंगा और आम चुनाव के समय पूरे देश का दौरा करूंगा।'

यह पूछने पर कि क्‍या लोकपाल के दायरे में सीबीआई को रखने को लेकर लोकसभा में विरोध करने वाली भाजपा के खिलाफ भी प्रचार होगा, अन्‍ना ने कहा कि नहीं। इसके बाद पत्रकार सम्‍मेलन छोड़ कर अन्‍ना बीच में ही मंच से अंदर चले गए। बाद में अरविंद केजरीवाल ने सफाई दी कि चूंकि सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा है, इसलिए हम उसके खिलाफ प्रचार करेंगे। हमने कांग्रेस को सत्ता में भेजा है। हमने बीजेपी को सत्ता में नहीं भेजा है। अन्ना ने अनशन खत्‍म करने का ऐलान करते हुए यह भी साफ किया कि 30 दिसंबर से प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन रद्द कर दिया गया है। इस तरह से तीन दिनों के अनशन के दूसरे ही दिन यह खत्म हो गया। इसके बाद अन्ना को अस्पताल ले जाया जाएगा और फिर वहां से अन्ना रालेगण सिद्धि जा सकते हैं।

अन्ना के मंच से चले जाने के बाद मीडिया से मुखातिब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्ना ने बाबा रामदेव को न्योता दिया था। क्योंकि बाबा रामदेव ने भी कालेधन का मुद्दा उठाया था। समर्थकों को बस में भरकर लाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'रेलवे स्टेशनों से एमएमआरडीए मैदान तक आने के लिए कोई साधन नहीं था। इसलिए हमारे कुछ समर्थकों ने अपनी कुछ बसें वहां लगाई थीं। हमारे समर्थकों को वहां रोका जा रहा था। यह कहना सही नहीं है कि हमने बसें भेजकर लोगों को यहां बुलाया है।' अरविंद ने एमएमआरडीए मैदान पर मौजूद लोगों से ही पूछ लिया कि क्या आपको बसों में भरकर लाया गया है? भीड़ ने जवाब दिया, नहीं।

इससे पहले दोपहर में जारी अन्ना के मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उनका ब्लड प्रेशर 130/90 था। अन्ना को अब भी 100 डिग्री बुखार है। पिछले चार-पांच दिनों से अन्ना की सेहत पर नज़र रख रहे डॉक्टर ने कहा था कि अगर अनशन चालू रहा तो उनकी तबियत बिगड़ सकती है। डॉक्टरों ने अन्ना से अनशन छोड़ने के लिए कहा था। अन्ना का वजन भी पिछले कुछ दिनों में डेढ़ किलो कम हो गया।

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