- ,,,,,,,,,,,,, दोस्तों आप सभी ब्लोगर भाइयों को मेरी तरफ से नये साल की राम राम मेरे इस ब्लोगिंग साल में मेने मेरे मित्रों के साथ मिलकर रिकोर्ड आयाम स्थापित किये है ..मेरे इस साल में फेसबुक पर पुरे पांच हजार फ्रेंड बने मेरी फ्रेंड रेकुएस्ट पर पाबंदी लगा अदि गयी मेरा ब्लोगिंग टार्गेट पांच हजार इसी साल टार्गेट समय से पहले आपके आशीर्वाद से मेने पूरा किया मेरे कई दर्जन दोस्त बने कई भाईयों मित्रों का मुझे आशीर्वाद मिला मुझे दिनेश राय दिविवेदी ..बहन वन्दना जी ....डोक्टर अनवर जमाल .ललित शर्मा ..एस एम मासूम भाई ..तरुण जी ...सलीम भाई ..पावला जी ...रमेश जी सिरफिरा ..पंकज शुक्ल डोक्टर राजेन्द्र तेला निरंतर ......सहित सेकड़ों भाई बहनों का प्यार मिला वर्तमान में में तेज़ी से लिखने वाला ब्लोगर बनने की कोशिश में लगा हूँ ..आप यकीन करें या ना करें लेकिन मेरा ब्लोगिंग ट्रेफिक लाखों की संख्या में है और इन्डियन ब्लोगर में मेरी रेंक ८९ पहुंच गयी है तो मेरे ब्लोगर दोस्तों मेरे फेसबुक दोस्तों आपके प्यार आपके आशीर्वाद से मेने जो टार्गेट फाइव थाउजेंड वक्त से पहले पूरा क्या है उसके लियें आप सभी भाइयों को सलाम मेरे दोस्तों की सूचि भी में आज प्रकाशित कर रहा हूँ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
- रा अनुसरित ब्लॉग्स ...Blogger बुज्ज़...महत्वपूर्ण ब्लॉग...ब्लॉग्स...सभी ब्लॉग अद्यतन..! कौशल !!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!..." अर्श "..."AccordingtotheBook".."निरंतर" की कलम से....."मेहर"..."सच में!"..."हमारा हिन्दुस्तान"..."ख़्वाबों का तसव्वुफ़"..' हया '..'आहुति'..'विचार प्रवाह'..'सतरंगी यादों के इंद्रजाल..(विचारों का चबूतरा )...** मेरे विचार और मेरा संकल.....*ब्लॉग पहेली-चलो हल करते हैं *..........हल्ला बोल...प्राची के पार !1- ज़िंदगी के मेले100 Arms3- हिंदी Blogs In Media5- कल की दुनियाहर्फ़-ए-ग़लत (...
मेरी दुनिया मेराज. Lucknow Bloggers' A...A Silent SilenceAaj SamajAatm-Manthan ~ आत्म मंथन आवाज़..aayamअभिव्यक्ति...abid सामान..Active लाइफ..AdSense for Feeds and FeedB..अहसास...AHSAS KI परतें...आकांक्षा..Akash Singh Ki Achhi Batein...Akela Hi Sahi - Akharikalam
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- ❀अर्पित ‘सुमन’❀
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 दिसंबर 2011
मेरे ब्लोगिंग साथियों के प्यार से ही मेने टार्गेट फाइव थाउजेंड वक्त से पहले पूरा कर फेस बुक फ्रेंड संख्या पांच हज़ार पार की
क्या है ज्वालामुखी
दुनिया के इतिहास में पिछले दस हजार वर्षों में 627 जागृत ज्वालामुखी होना दर्ज है। बीसवीं शताब्दी में 74000 छोटे-बड़े ज्वालामुखी फटने की जानकारी है। जापान के माउंट फूजी, इटली के विसूवियस, सिसली के इटना और अमेरिका के सेंट हेलेना के नाम हम-आप भूगोल की पुस्तकों में पढ़ते रहे हैं।
उम्र और लिंग की पहचान कर सामान देगी मशीन लोगों के चेहरे पढ़ने वाली मशीन का ईजात
वॉशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका में एक कंपनी ने ऐसी फूड वेंडिंग मशीन तैयार की है, जो लोगों के चेहरे पढ़कर उनकी उम्र और लिंग की पहचान कर उन्हें खाने का सामान देने या न देने का निर्णय कर सकती है।
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाली यह मशीन क्राफ्ट फूड्स ने इंटेल के साथ मिलकर तैयार की है।
यह मशीन अपने सामने खड़े होने वाले व्यक्ति की उम्र और लिंग की पहचान के लिए बायोमेट्रिक स्कैन का इस्तेमाल करती है। फिलहाल इस मशीन का इस्तेमाल शिकागो और न्यूयॉर्क में परीक्षण के तौर पर किया जा रहा है।
लॉस एंजिल्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में इस मशीन की जानकारी दी गई है। इस मशीन के लिए ऐसा कोई नियम लागू नहीं है कि कोई माता-पिता वह मिठाई ले कर बच्चे को न दें। अब देखना है कि यह मशीन लोगों के लिए कितना लाभकारी होता है।
वर्ष 2012 और आपका मूलांक मूलांक के अनुसार कैसा होगा नया साल?
* अगर आपका मूलांक 1 है तो उसका स्वामी सूर्य है। सूर्य के मित्र बुध, गुरु, मंगल है। वर्ष का अंतिम अंक 12 है जो जोड़ने से 3 आता है। तीन का स्वामी गुरु है जो सूर्य का मित्र है। 1, 10, 19, 28 तारीख को जन्मे व्यक्तियों के लिए यह वर्ष उत्तम कहा जा सकता है। आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आशातीत सफलता मिलेगी। शासकीय कार्य बनेंगे। प्रशासनिक सेवाओं में सफलता मिलेगी। सर्विस वाले सफल होंगे। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति के आसार है।
मानसिक बैचेनी दूर होगी। राजनैतिक व्यक्ति सफलता पाएंगे। अविवाहितों के लिए समय अनुकूल रहेगा। सूर्य जब मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु व मीन में आएगा तब-तब सफलता में वृद्धि के अवसर अधिक है।
शुभ रंग- सुनहरी, गुलाबी, पीला, फालसाई। शुभ रत्न- माणिक, पुखराज। शुभ दिशा- पूर्व। शुभ वार- रविवार, गुरुवार, बुधवार, मंगलवार।
* अगर आपका मूलांक 2 है तो इस मूलांक का स्वामी चंद्र है। चंद्र वर्ष के स्वामी गुरु का मित्र है। जिनकी जन्म तारीख 2,11, 20, 29 है उनके लिए यह वर्ष अति उत्तम रहेगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता पाएंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए प्रगतिपूर्ण समय रहेगा। मानसिक सुख-शांति बनी रहेगी। शुभ समाचार मिलेगा। शत्रु प्रभावहीन होंगे। बेरोजगार रोजगार पाने में समर्थ होंगे।
व्यापारी वर्ग अनुकूल स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी।
शुभ रंग- सफेद, नारंगी। शुभ रत्न- मोती के साथ पुखराज। शुभ दिशा- पूर्व। शुभ वार- सोमवार, गुरुवार।
* जिनका मूलांक 3 है उनका स्वामी गुरु है और वर्ष का अंतिम अंक भी तीन ही आ रहा है। दोनों ही गुरु के अंक है। जिनकी जन्म तारीख 3, 12, 21, 30 है उनके लिए यह वर्ष अति उत्तम रहेगा। आपकी पिछले समय से चली आ रही परेशानियां दूर होगी। उन्नति के मार्ग खुलेंगे। पारिवारिक मामलों में अनुकूल स्थिति पाएंगे। अविवाहित भी विवाह के बंधन में बंधने को तैयार रहें। नौकरीपेशा उन्नति पाएंगे। बेरोजगार रोजगार पाने में सफल होगे।
व्यापार-व्यवसाय में सुखद-वातावरण मिलेगा। विशेष परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शत्रु प्रभावहीन होंगे।
शुभ रंग- पीला, फालसाई, नारंगी। शुभ रत्न- पुखराज। शुभ वार- गुरुवार, रविवार, मंगलवार। शुभ दिशा- उत्तर।
* मूलांक 4 का स्वामी राहु माना गया है। वर्ष का अंक 3 व स्वामी गुरु है। जिनकी जन्म तारीख 4, 13, 22, 31 है उनके लिए यह साल सावधानी रखने का रहेगा। वर्ष का स्वामी गुरु व मूलांक स्वामी राहु में परम शत्रुता है।
गुरु-राहु की युति चांडाल योग बनती है। यह वर्ष काफी सावधानी बरतने का रहेगा। स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। परिवारिक मामलों में सतर्कता रखनी होगी। नौकरीपेशा के लिए सजगता अपेक्षित है।
नवीन रोजगार मई के बाद मिलने के आसार रहेंगे। आर्थिक मामलों में संभलकर चलना होगा। शत्रु पक्ष से बचकर चलें। व्यापार-व्यवसाय में जोखिम के कार्य से बचें।
शुभ रत्न- गोमेद। शुभ रंग- बहुरंगी। शुभ वार- शनिवार, शुक्रवार। शुभ दिशा- पूर्व।
* जिनका मूलांक 5 है उनका स्वामी बुध माना गया है। वर्ष का स्वामी गुरु है। बुध व गुरु की आपस में समरसता है। जिनकी जन्म तारीख 5, 14, 23 है उनके लिए यह वर्ष उत्तम कहा जा सकता है। आप अपने विवेक का इस्तेमाल कर सफलता पाने में समर्थ होंगे। लेखन से जुड़े व्यक्तियों के लिए समय सुखद रहेगा। विद्यार्थी वर्ग अनुकूल स्थिति पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय में सहयोग द्वारा सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति संतोषजनक वातावरण पाएंगे। आर्थिक, पारिवारिक समय अनुकूल रहेगा।
स्वास्थ्य उत्तम ही रहेगा। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी बनेंगे। कुल मिलाकर समय अनुकूल रहेगा।
शुभ रंग- हरा, सुनहरा, नीला। शुभ रत्न- पन्ना। शुभ वार- बुधवार। शुभ दिशा- उत्तर दिशा।
* मूलांक 6 का स्वामी शुक्र को माना है। वहीं वर्ष का स्वामी गुरु है। शुक्र गुरु से शत्रुता रखता है लेकिन गुरु, शुक्र से सम भाव रखता है। जिनकी जन्म तारीख 6, 15, 24 है उनके लिए यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। कभी उत्तम सफलता तो कभी कम। गुरु जैसे ही वृषभ राशि पर गोचर में आएगा तब वह निष्क्रिय होगा। इस स्थिति में आप मनमाफिक सफलता पाने में सफल होंगे। दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा। आर्थिक सफलता मिलेगी। मकान का सपना पूरा होगा। प्रेम के मामलों में मिली-जुली स्थिति रहेगी।
स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा, लेकिन सतर्कता अवश्य रखना होगी। सौन्दर्य के प्रति रूझान बढ़ेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां अधिक रहेगी। नौकरीपेशा सावधानी रखें। बेरोजगारों के लिए समय परिश्रमपूर्ण रहेगा।
शुभ रत्न- ओपल, हीरा। शुभ रंग- चमकीला, सफेद, सिल्वर। शुभ दिशा- पश्चिम।
* अगर आपका मूलांक 7 है उसका स्वामी केतु है। गुरु की राशि धनु में केतु उच्च का होता है। वर्ष का अंक तीन है उसका स्वामी गुरु है जो केतु का मित्र है। जिनकी जन्म तारीख 7, 16, 25 है उनके लिए यह वर्ष लाभदायक रहेगा। कार्य में आ रही बाधाएं दूर होगी। महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे। कोई ऐसा कार्य होगा जिससे मन प्रसन्न रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में स्वप्रयत्नों से अनुकूल सफलता पाएंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय लाभदायक है। पारिवारिक मामलों में अचानक खर्च होगा। अकस्मात धन मिल सकता है।
शत्रु पक्ष पर प्रभाव बना रहेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। दांपत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। विद्यार्थियों के लिए परिश्रमपूर्ण सफलता का समय है। सोचे कार्य समय पर पूरे होने की संभावना अधिक है।
शुभ रत्न- लाजवर्त। शुभ रंग- चितकबरा। शुभ वार- गुरुवार। शुभ दिशा- वायव्य।
* मूलांक आठ का स्वामी शनि को माना गया है। वर्ष का अंक तीन है जिसका स्वामी गुरु है। गुरु शनि से सम भाव रखता है। शनि की राशि मकर में नीच का होता है। जिनकी जन्म तारीख 8, 17, 26 है उनके लिए यह वर्ष काफी कठिनाई भरा रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। पारिवारिक मामलों में सावधानी रखना होगी। व्यापार-व्यवसाय के मामलों में मई तक जोखिम से बचें। नवीन कार्य योजनाओं में संभल कर चलना होगा।
नौकरीपेशा व्यक्ति अपने कार्य के प्रति लापरवाही ना बरतें। आर्थिक मामलों में मिली-जुली स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन में सतर्कता रखना होगी। विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई पर ध्यान देना होगा। शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे। मई के बाद स्थिति में सुधार पाएंगे।
शुभ रत्न- नीला। शुभ रंग- आसमानी। शुभ वार- शनिवार, शुक्रवार। शुभ दिशा- पश्चिम।
* जिनका मूलांक नौ है उनका स्वामी मंगल है। वर्ष का अंक तीन व स्वामी गुरु है। मंगल व गुरु में आपसी मित्रता है। जिनकी जन्म तारीख 9, 18, 27 है उनके लिए यह वर्ष उत्तम सफलतादायक रहेगा। पारिवारिक मामलों में सुखद स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन मधुर रहेगा। अविवाहित विवाह के बंधन में बंधेंगे। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिपूर्ण वातावरण रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक कार्यों में सहयोग देना होगा।
नौकरीपेशा लाभान्वित होंगे। विद्यार्थियों के लिए अनुकूल स्थिति पाएंगे। बेरोजगारों को खुशखबरी मिलेगी। शत्रु प्रभावहीन होंगे। समय का सदुपयोग कर कार्य में सफलता पाएंगे। राजनैतिक व्यक्तियों के लिए समय उपयोगी साबित होगा।
शुभ रत्न- मूंगे के साथ पुखराज। शुभ रंग- लाल, पीला, नारंगी, सुनहरा। शुभ वार- मंगल, गुरुवार, रविवार। शुभ दिशा- पूर्व-उत्तर।
बालकाण्ड संत-असंत वंदना
बिछुरत एक प्रान हरि लेहीं। मिलत एक दुख दारुन देहीं॥2॥
सुधा सुरा सम साधु असाधू। जनक एक जग जलधि अगाधू॥3॥
सुधा सुधाकर सुरसरि साधू। गरल अनल कलिमल सरि ब्याधू॥4॥
गुन अवगुन जानत सब कोई। जो जेहि भाव नीक तेहि सोई॥5॥
सुधा सराहिअ अमरताँ गरल सराहिअ मीचु॥5॥
तेहि तें कछु गुन दोष बखाने। संग्रह त्याग न बिनु पहिचाने॥1॥
कहहिं बेद इतिहास पुराना। बिधि प्रपंचु गुन अवगुन साना॥2॥
दानव देव ऊँच अरु नीचू। अमिअ सुजीवनु माहुरु मीचू॥3॥
माया ब्रह्म जीव जगदीसा। लच्छि अलच्छि रंक अवनीसा॥
कासी मग सुरसरि क्रमनासा। मरु मारव महिदेव गवासा॥4॥
सरग नरक अनुराग बिरागा। निगमागम गुन दोष बिभागा॥5॥
संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि बारि बिकार॥6॥
काल सुभाउ करम बरिआईं। भलेउ प्रकृति बस चुकइ भलाईं॥1॥
खलउ करहिं भल पाइ सुसंगू। मिटइ न मलिन सुभाउ अभंगू॥2॥
उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥3॥
हानि कुसंग सुसंगति लाहू। लोकहुँ बेद बिदित सब काहू॥4॥
साधु असाधु सदन सुक सारीं। सुमिरहिं राम देहिं गनि गारीं॥5॥
सोइ जल अनल अनिल संघाता। होइ जलद जग जीवन दाता॥6॥
होहिं कुबस्तु सुबस्तु जग लखहिं सुलच्छन लोग॥7 (क)॥
ससि सोषक पोषक समुझि जग जस अपजस दीन्ह॥7 (ख)॥
चंद मिनटों में इस नुस्खे से गर्दन व कंधे का दर्द हो जाएगा रफूचक्कर
बदलते समय ओर परिस्थितियों को रोकना भले ही हमारे हाथों में न हो, लेकिन अपनी लॉइफ स्टाइल में आवश्यक फेरबदल करके हम कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात पा सकते हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि आप दफ्तर से गर्दन और कंधे का दर्द के साथ में लेकर लोटते हैं तो नियमित व्यायाम जरूरी है। ऐसा करने से मांसपेशियों के दर्द में चंद मिनटों में ही राहत मिल सकती है। साफ-सुथरे स्थान पर चटाई बिछाकर बैठें। गर्म तौलिए को गर्दन के चारों ओर लपेट लें। कुछ सेकंड तक ऐसे ही रहें। इस क्रिया को छह बार दोहराएं।
तौलिए के दोनों किनारों को खींचकर पकड़ें और अपने कंधे के चारों ओर लपेटें। उंगलियों का हलका सा दबाव पिछले कंधे पर बनाए रखें। हथेलियों को इधर-उधर घुमाते रहें ताकि कंधे पर दबाव बना रहे। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद तौलिया हटा लें। इसे छह बार दोहराएं। व्यक्ति स्वाभाविक तौर पर सदा स्वस्थ नहीं रह सकता, इसलिए फिट बने रहने के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत होती है।
ठंड में दस दिनों तक ऐसे खाएं दस दाख और देखें कमाल
आयुर्वेद के अनुसार ठंड मे ड्रायफ्रूटस के सेवन को बहुत लाभदायक माना गया है। दाख भी ऐसा ही एक ड्रायफ्रूट है। लेकिन बड़ी दाख यानी मुनक्का छोटी दाख से अधिक लाभदायक होती है। आयुर्वेद में मुनक्का को गले संबंधी रोगों की सर्वश्रेष्ठ औषधि माना गया है। मुनक्का के औषधीय उपयोग इस प्रकार हैं-
- शाम को सोते समय लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्कों को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 से 4 हफ्ते तक करना चाहिए।
- मुनक्का का सेवन करने से कमजोरी मिट जाती है। इससे मल-मूत्र भी साफ हो जाता है।
- भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।
- 250 ग्राम दूध में 10 मुनक्का उबालें फिर दूध में एक चम्मच घी व खांड मिलाकर सुबह पीएं। इससे वीर्य के विकार दूर होते हैं। इसके उपयोग से हृदय, आंतों और खून के विकार दूर हो जाते हैं। यह कब्जनाशक है।
- सर्दी-जुकाम होने पर सात मुनक्का रात्रि में सोने से पूर्व बीज निकालकर दूध में उबालकर लें। एक खुराक से ही राहत मिलेगी। यदि सर्दी-जुकाम पुराना हो गया हो तो सप्ताह भर तक लें।
- जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, उन्हें सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का बीजों को खूब चबाकर खा ला लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें।
- जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो मुनक्का बीज निकालकर रात को एक सप्ताह तक खिलाएं।
ठंड में दस दिनों तक ऐसे खाएं दस दाख और देखें कमाल
आयुर्वेद के अनुसार ठंड मे ड्रायफ्रूटस के सेवन को बहुत लाभदायक माना गया है। दाख भी ऐसा ही एक ड्रायफ्रूट है। लेकिन बड़ी दाख यानी मुनक्का छोटी दाख से अधिक लाभदायक होती है। आयुर्वेद में मुनक्का को गले संबंधी रोगों की सर्वश्रेष्ठ औषधि माना गया है। मुनक्का के औषधीय उपयोग इस प्रकार हैं-
- शाम को सोते समय लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्कों को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 से 4 हफ्ते तक करना चाहिए।
- मुनक्का का सेवन करने से कमजोरी मिट जाती है। इससे मल-मूत्र भी साफ हो जाता है।
- भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।
- 250 ग्राम दूध में 10 मुनक्का उबालें फिर दूध में एक चम्मच घी व खांड मिलाकर सुबह पीएं। इससे वीर्य के विकार दूर होते हैं। इसके उपयोग से हृदय, आंतों और खून के विकार दूर हो जाते हैं। यह कब्जनाशक है।
- सर्दी-जुकाम होने पर सात मुनक्का रात्रि में सोने से पूर्व बीज निकालकर दूध में उबालकर लें। एक खुराक से ही राहत मिलेगी। यदि सर्दी-जुकाम पुराना हो गया हो तो सप्ताह भर तक लें।
- जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, उन्हें सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का बीजों को खूब चबाकर खा ला लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें।
- जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो मुनक्का बीज निकालकर रात को एक सप्ताह तक खिलाएं।
नेता मंत्री बनने के बाद चमचे साथ लेकर आते हैं’
नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी ने तो यहां तक कहा कि जयपुर राजधानी जरूर है लेकिन कार्यकर्ताओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं है। जीतकर हमारी पार्टी के नेता यहां मंत्री बनकर आते हैं तो चमचे साथ लेकर आते हैं।
नगर निगम के चुनाव हुए तो मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष ने एक सभा तक नहीं की। अगर यह कर लेते तो नगर निगम में बोर्ड भी कांग्रेस का बनता। सम्मेलन में अधिकतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने उपेक्षा का मुद्दा उठाया और बेबाकी से जमीनी हालात बयां किए।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव गिरिराज गर्ग, रामगंज ब्लॉक अध्यक्ष शफीक अहमद और माहिर आजाद ने भी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और पार्टी की अंदरूनी राजनीति से होने वाले नुकसान पर अपना दर्द बयां किया।
हम संत नहीं कि काम करते जाएं, भुलाते जाएं : चंद्रभान
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव की तैयारियों में लगने की सीख दी। हम कोई साधु-संत नहीं हैं कि काम करते जाएं और उन्हें भुलाते जाएं।
अगर हमने अपनी सरकार के किए कामों का प्रचार नहीं किया तो यह होगा कि काम कांग्रेस की सरकार करती रहे और वोट भाजपा को मिल जाएंगे। देवी-देवता बहुत होते हैं, लेकिन जिनका पुजारी बढ़िया होता है वही देवता ज्यादा पुजता है। हमारे पुजारी तो कार्यकर्ता हैं।
चंद्रभान ने अल्पसंख्यक आरक्षण की पैरवी करते हुए कहा कि सच्चर कमेटी और रंगनाथ कमेटी की रिपोर्ट ने अल्पसंख्यकों की हालात की सच्चाई खोलकर सामने रख दी।
आज भी अल्पसंख्यकों की स्थिति तो कई जगहों पर दलितों से भी खराब है। अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलना चाहिए। अगर अल्पसंख्यक मोहल्लों की दशा सुधारने के लिए सरकार अलग से पैसा देती है तो इसमें गलत क्या है?
महापौर ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर में भाजपा पार्षदों ने वार्डो में सफाई नहीं होने देने का बीड़ा उठा रखा है। वे सफाई पर ही राजनीति कर रहे हैं। वार्ड की सफाई की जिम्मेदारी पार्षद पर है, जनता को इन पार्षदों का घेराव करना चाहिए।
कार्यकर्ताओं को जनता के बीच इनकी सच्चाई उजागर करनी होगी। जयपुर प्रभारी महासचिव जुबेर खान ने कहा कि कई नेता पार्टी की अंदरूनी शिकायतों को बाहर रखते हैं, सड़क पर माहौल खराब करते हैं, यह ठीक नहीं है।
नए साल का दुर्लभ महायोग लेकर आएगा मकर संक्रांति
पं. संतोष शर्मा का कहना है कि एक साथ ये तीनों शुभ योग होने से श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा। इस शुभ पर्व पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि सूर्य का ही नक्षत्र है। इस मकर संक्रांति पर सूर्य अपने नक्षत्र में रहकर ही राशि बदलेगा और मकर राशि में आ जाएगा। इस पर्व पर तीन शुभ योग और सूर्य के अपने ही नक्षत्र में होने के साथ ही रविवार भी रहेगा जो कि सूर्य देव का ही दिन रहेगा। यह संयोग अद्वितीय माना जा रहा है।
क्या फल देते हैं ये तीन शुभ योग
अमृत सिद्धि योग : इस शुभ योग में किए गए किसी भी काम का पूरा फल मिलता है। इस शुभ योग में शुरू किए गए काम का फल लंबे समय तक बना रहता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग : ज्योतिष के अनुसार इस योग में कोई भी काम करने से हर काम पूरा होता है। समस्त कार्य सिद्धि के लिए और शुभ फल प्राप्त करने के लिए यह योग शुभ माना जाता है। इस योग में खरीददारी करने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में खरीददारी करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। रवि योग : यह योग हर काम का पूरा फल देने वाला है। इस योग को अशुभ फल नष्ट कर के शुभ फल देने वाला माना जाता है। इस योग में दान कर्म करना उचित माना जाता है। ये योग शासकीय और राजकीय कार्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं
कब और कितने बजे कैसा रहेगा सूर्य
ज्योतिष के जानकारों ने बताया है कि सूर्य मकर संक्रांति के दिन विभिन्न चरणों में प्रभावकारी रहेगा। 14 जनवरी की रात को सूर्य 12.58 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा और 15 जनवरी की सुबह 7.14 बजे सूर्योदय से स्नान दान के लिए पुण्यकाल शुरू होगा, जो शाम 4.58 बजे तक रहेगा।
2012 में सबसे बड़ी खगोलीय घटना, दिखेगा अद्भुत नजारा
पूरे साल तीन ग्रहण लगेंगे पर भारत में एक ही नजर आएगा। 6 जून 2012 में शुक्र ग्रह के परागमन की खगोलीय घटना होगी। सूर्य, चंद्रग्रहण की तरह बुध, शुक्र को भी ग्रहण लगता है।
पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा के अतिरिक्त बुध और शुक्र दो ग्रह आते हैं। जब भी ये दोनों ग्रह सूर्य के सामने से गुजरते हैं तो परागमन की घटना होती है। उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्त ने कहा इसके पहले 2004 में इस तरह की घटना हुई थी।
इसमें शुक्र ग्रह सूर्य के सामने क्रिकेट की गोल गेंद की तरह गुजरते हुए नजर आएगा। इसे टेलिस्कोप से देखा जा सकेगा। सूर्योदय से सुबह 10.30 बजे तक घटना देखी जा सकेगी। शुक्र पर अध्ययन करने वाले देश व दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए यह महत्वपूर्ण है।
और 2012 में ये घटनाएं भी
> 4 जून 2012 को चंद्रग्रहण लगेगा लेकिन यह भारत में कहीं भी नजर नहीं आएगा।
> 21 जून 2012 को कंकणा कृति सूर्यग्रहण है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में दिखेगा।
> 13 नवंबर को सूर्यग्रहण है पर भारत में नहीं दिखेगा। इस दिन दीपावली पर्व भी रहेगा।
2012 में ये ग्रह बदलेंगे राशि :
> 17 मई 2012 को गुरु वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। वर्ष में एक बार ही गुरु राशि बदलते हैं।
> 16 मई से 4 अगस्त 2012 तक शनि कन्या व 4 अगस्त से उच्च राशि तुला में प्रवेश करेंगे
अन्ना को निमोनिया, 8 दिनों तक अस्पताल में रहेंगे
रालेगण सिद्धि/पुणे. देर रात जब भारत समेत दुनिया नए साल के जश्न में मशगूल थी, समाजसेवी अन्ना हजारे पुणे के संचेती अस्पताल में भर्ती कराए जा रहे थे। डॉक्टरों का कहना है कि कि अन्ना को निमोनिया के चलते सीने की जकड़न और बुखार है। अन्ना पुणे के संचेती अस्पताल के दूसरी मंजिल के कमरा नंबर 602 में भर्ती कराया गया है। अगले आठ दिनों तक उनका इलाज चलने की उम्मीद है। देर रात अस्पताल में उनका ब्लड सैंपल लिया गया। अन्ना का एक्सरे भी कराया गया है। सुबह 10 बजे उनका मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाएगा।
डॉक्टरों ने 74 साल के अन्ना को चेकअप के बाद अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी। पुणे के संचेती अस्पताल के डॉक्टर संचेती ने 74 वर्षीय गांधीवादी की मेडिकल जांच करने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के पैतृक गांव से पुणे ट्रांसफर होने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, 'उनके सीने में काफी जकड़न है और उन्हें खांसी भी है। वह एक स्थिति में एक मिनट भी नहीं रह सकते। इसलिए मैंने सलाह दी है कि उन्हें पुणे में भर्ती करा दिया जाए।' डॉ. संचेती ने कहा कि अन्ना के शरीर के प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गई है। उन्होंने अन्ना को आगे उपवास न करने की सलाह दी है।
अन्ना मुम्बई में अपना 3 दिन का अनशन दूसरे दिन बुधवार को ही खत्म करके गुरुवार को अपने पैतृक गांव लौट आए थे। हजारे के निजी डॉक्टर डॉक्टर दौलत पोते ने गुरुवार को कहा कि गांधीवादी वायरल संक्रमण के चलते अब भी कमजोर हैं और उन्हें चार दिन तक पूरे आराम की सलाह दी गई है। अन्ना के स्वास्थ्य बिगड़ने के मद्देनजर टीम अन्ना कोर कमेटी की अगले सप्ताह पहले तय बैठक
टाल दी गई है। आगे की रणनीति तय करने के लिए कोर कमेटी की सोमवार से दो दिन की बैठक होने वाली थी।
धर्म में समय का महत्व करें समय का सही मूल्यांकन
किसी ने समय का मूल्यांकन करते हुए ठीक ही कहा है : -
जीवन में एक माह का महत्व समझना हो तो उस मां से पूछो जिसके एक महीने पहले बच्चा पैदा हो गया। एक सप्ताह का महत्व समझना हो तो उससे पूछो जो साप्ताहिक समाचार पत्र निकालना है एवं एक सप्ताह अखबार न निकल सका।
एक दिन का महत्व समझना है तो उससे पूछो जो रोज मेहनत कर अपना पेट पालता हो, व एक दिन उसे कार्य नहीं मिला। एक मिनट का महत्व समझना हो तो उससे पूछो जिसकी रेलगाड़ी छूट गई। एक सेकेंड का महत्व समझना हो तो उससे पूछो जो दुर्घटना से बाल-बाल बच गया। एक सेकेंड के दसवें भाग का महत्व समझना हो तो उससे पूछो जो ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल न पा सका।
उस रोगी के घरवालों से पूछो कि एक मिनट डॉक्टर के लेट होने से रोगी चल बसा। याद रखें समय बहुत मूल्यवान एवं बलवान है। इसका सदुपयोग करते हुए जीवन को श्रेष्ठ, सुंदर, दिव्य बनाने के लिए सत्संग, स्वाध्याय, साधना, परोपकार का साथ लें। दान भी परोपकार का ही एक अंग है। दान देने से घटता नहीं है बल्कि वह और बढ़ता जाता है।
चिड़ी चोंच भर ले गई, नदी न घट्यो नीर।
दान दिए धन न घटे, कह गए दास कबीर।
दान तो दें लेकिन अहंकार न करें। जीवन का लक्ष्य तो प्रभु प्राप्ति है। इस प्रभु प्राप्ति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा अहंकार है। पद, पैसा, प्रतिष्ठा आदि का अहंकार जहां होता है वहां प्रभु का साक्षात्कार नहीं हो सकता।
जैसे अंग्रेजी में बड़ी आई पर बिंदी लगने से वह छोटी आई कहलाने लगती है, उसी प्रकार महान आत्मा में अहंकार रूपी बिंदी लग जाने के कारण वही नीचा जीवन कहलाने लगता है। अतः हम राग द्वेषादि दुर्गुणों का त्याग करते हुए (तत्सवितुर्वरेण्यं) उस परमात्मा का वरण करें जो निराकार, निर्विकार और सच्चिदानंद है।
1 जनवरी को नववर्ष का उत्सव अनुचित गुड़ी पड़वा पर मनाया जाए नववर्ष
सृष्टि का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हुआ था। इस हिसाब से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (गुड़ी पड़वा) को नववर्ष मनाया जाना चाहिए। 1 जनवरी को नववर्ष मनाना हमारी संस्कृति के लिए खतरा है। केवल प्रचार पाने के लिए ऐसी परंपरा की स्थापना करना अनुचित है। यह कहना है धर्मार्चायों व विद्वतजनों का जो अंगरेजी कैलेंडर के हिसाब से नववर्ष मनाने को अनुचित मनाते हैं।
उनका कहना है कि भारतीय धर्मशास्त्र व संस्कृति के हिसाब से नववर्ष मनाने की अपेक्षा पाश्चात्य संस्कृति की अंधी दौड़ में दौड़ते हुए 1 जनवरी को नया वर्ष मनाना हमारी संस्कृति को विकृत करने के समान है।
ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार धर्मशास्त्र की परंपरा व सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाना चाहिए। 1 जनवरी को नववर्ष मनाना तथा हिन्दू धर्म स्थलों पर रोशनी करना सनातन धर्मियों की भावना को आघात पहुंचाने जैसा है। सस्ता प्रचार पाने के लिए किए जा रहे इस कृत्य से गलत परंपरा की नींव पड़ रही है। अगर आज हमने इसे नहीं रोका तो आने वाली पीढ़ी गलत राह पकड़ लेगी।
सनातन धर्म और संस्कृति को मानने वालों के लिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष है। जो लोग 1 जनवरी को नववर्ष मना रहे हैं, वे हिन्दू धर्म व संस्कृति को विकृत कर रहे हैं। पाश्चात संस्कृति को अपनाने से आने वाली पीढ़ियों का नैतिक पतन होगा। 1 जनवरी पर प्रमुख हिन्दू धर्म स्थलों पर रोशनी करना या विशेष आरती पूजन करना अनुचित है। -आचार्य शेखर
-स्वामी दिव्यानंदजी तीर्थ कहते है कि सनातन धर्म परंपरा अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाया जाना चाहिए। इस दिन नगर में उत्सव होना चाहिए। धार्मिक स्थलों पर रोशनी होना चाहिए। 1 जनवरी को नववर्ष मनाना महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर रोशनी करना उचित नहीं है। इस कृत्य में धर्म स्थलों का संचालन कर रही समितियों को सहभागिता नहीं करना चाहिए।