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16 जनवरी 2012

तू चाहे मान ले भगवान किसी को भी हमने तो पत्थरों में भगवान पा लिया !!





उनको यक़ीन हो कि न हो हैं हम तो बेक़रार
चुभती हवा रुकेगी क्या कंबल है तारतार !!
मंहगा हुआ बाज़ार औ’जाड़ा है इस क़दर-
हमने किया है रात भर सूरज का इंतज़ार.!!
हाक़िम ने फ़ुटपाथ पे आ बेदख़ल किया -
औरों की तरह हमने भी डेरा बदल दिया !
सुनतें हैं कि सरकार कल शाम आएंगें-
जलते हुए सवालों से जाड़ा मिटाएंगें !
हाक़िम से कह दूं सोचा था कि सरकार से कहे
मुद्दे हैं बहुत उनको को ही वो तापते रहें....!
लकड़ी कहां है आपतो - मुद्दे जलाईये
जाड़ों से मरे जिस्मों की गिनती छिपाईये..!!
जी आज़ ही सूरज ने मुझको बता दिया
कल धूप तेज़ होगी ये वादा सुना दिया !
तू चाहे मान ले भगवान किसी को भी
हमने तो पत्थरों में भगवान पा लिया !!
कहता हूं कि मेरे नाम पे आंसू गिराना मत
फ़ुटपाथ के कुत्तों से मेरा नाता छुड़ाना मत
उससे ही लिपट के सच कुछ देर सोया था-
ज़हर का बिस्किट उसको खिलाना मत !!

बिखरे आखर .के अजय कुमार झा की कुछ चोरी गयीं बहतरीन पंक्तियाँ पेश हैं


सिर्फ़ दो पंक्तियां




खाक कर देती है सियासत को , जब अवाम ,एक बार इस पर आमादा होती है ,
तुम्हें यकीन हो न हो , जाम में पैदल आदमी की रफ़्तार सबसे ज़ियादा होती है
मैं आम आदमी हूं , हर जगह नज़र आऊंगा ,
खबरदार सियासत , अब मैं भी उधर आऊंगा
मशीन से हो गए हैं , अब क्यूं ये जीवन ,जीवन सा नहीं लगता
जब से टूटे मिट्टी के झोंपडे , गांव का आंगन भी , आंगन सा नहीं लगता
एक दोस्त पूछते हैं अक्सर , अमां तुम्हारे लिखने का ,कहीं कुछ है भी असर ,
हा हा हा हा अबे क्या तुम्हें अब बताएं , सियासत तक की लगी है , यहीं पर नज़र
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को एक पारी और 37 रन से हराया ,
अबे यहीं खेला करो , और जीतो हमेसा , कित्ता था समझाया .
सियासतदानों ,तुम महफ़ूज़ थे अब तलक , क्योंकि हर बार तुम्हें हमने माफ़ किया ,
चलो अब आज़माते हैं ज़ोर अपना अपना , कहना जो अबकि नहीं तुम्हारा पत्ता साफ़ किया ..
तिलमिलाओ , और बौखलाओ इतना कि , सियासत को भी कुचल डालो ,
हम नहीं रुकने वाले ,इसलिए ,नहीं बदेगा कुछ ,वाली मानसिकता को बदल डालो ..
बदल डालो वो सारे कानून , जो उन्हें आम से खास कर देते हैं ,
चलो बनाओ जनता का कानून , सब मिल के इसे पास कर देते हैं
मैं जानता हूं तुम समझते हो ,हम जनता हैं ,हमें भूलने की बीमारी है,
सुलगेंगे तो खाक कर देंगे तुम्हारी सल्तनत , हम राख में छुपी चिंगारी हैं
बदरा के ओटवा से ताके रे सुरुजवा ,सर सर चले रे हवा जान मारे रे ,
लठिया जो देखे , हाथ ,जनता जनार्दन ,नेतवा के कईसे देखो प्राण कांपे रे

कालाधन का इस्तेमाल रोकने को आयोग कटिबद्ध है ,
और काले धन के इस्तेमाल को , हर दल प्रतिबद्ध है ......
तुम ये बता दो बस ,तुम सबके चोले , सबके माने सबके , इतने दागी क्यों हैं ,
तुम तलाशो जवाब पहले ,फ़िर हम भी बता देंगे , तेवर हमारे ये ,बागी क्यों हैं .
अभी पढी एक हकीकत ,चलिए लगे हाथ आपको भी ,ये बता देते हैं ,
आबादी नहीं है कई देशों की उतनी , जितने लोग अपने देश में सडकों पे जान गवां देते हैं
जब भी छाए उदासी या मायूस होने लगो ,यादों को टटोल लेना ,
मुस्कुराहटों , सपनों , की पोटलियों को धीरे से खोल देना .....
आज की खबर है कि पाक में तख्ता पलट की आशंका ,
लो बहुत हो गया पिरजातंत्र का नाटक , शुरू फ़ौज का हो गया टंटा
इतनी बेकरारी सनम अच्छी नहीं , अभी तो अंगडाई ली है ,
जरा सो तो लें पलक भर , फ़िर बताएंगे सपने में जिंदगी कैसी दिखाई दी है ......
राहुल खोलेंगे विधानसभा चुनाव में ,नसीमुद्दीन के भ्रष्टाचार की पोल ,
ए बेटा , ऊ सब तो ठीक हऊ , कभी कुछ कांग्रेसिया घोटाला पर भी बोल .....
परदा है ,परदा है ,परदा है परदा ,पर्दे के पीछे हाथी खडा है ,
देखो रे चुनाव की माया , हाथी खडा है ,मगर तिरपाल में पडा है
अबे हेलमेट पहन के रहा करो ,ये चेहरों पे कालिख मलने का दौर है ,
खुद कोलतार लिए खडी है सियासत , तुम समझते हो कोई और है ....
कंगारुआ सब धो धो के, पिच पर रहा है सबको पटक ,
अबे अब नय बोल रहे हो , अब लगेगा महाशतक ....

हुर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र ..भक्क भक्क भक्क
चुनाव में काले धन पर सतर्कता, जांच एजेसिंयों की पैनी नज़र ,
चल्ल बे , स्विस का खाता दिखता नहीं , काहे तब होती , भैंगी नज़र

चलो देखते हैं कि इस बार अपने नज़रबट्टू से इन बज़रबट्टू को कैसे धरते हो

शिर्डी के सांई बाबा के असली और दुर्लभ 4 फोटो, देखिए.




शिर्डी के सांई बाबा के भक्त दुनियाभर में फैले हैं। उनके फकीर स्वभाव और चमत्कारों की कई कथाएं है। सांई बाबा के भक्तों की संख्या काफी अधिक है। सभी भक्त बाबा के चित्र या मूर्ति अपने घरों में अवश्य ही रखते हैं। यहां देखिए शिर्डी के सांई बाबा के दुर्लभ और असली फोटो। ऐसा माना जाता है कि ये फोटो सांई बाबा का ही हैं।

सांई ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में ही व्यतीत किया। वे हर पल दूसरों के दुख दर्द दूर करते रहे। बाबा के जन्म के संबंध में कोई सटीक उल्लेख नहीं मिलता है। सांई के सारे चमत्कारों का रहस्य उनके सिद्धांतों में मिलता है, उन्होंने कुछ ऐसे सूत्र दिए हैं जिन्हें जीवन में उतारकर सफल हुआ जा सकता है। हमें उन सूत्रों को केवल गहराई से समझना होगा।

सांई बाबा के जीवन पर एक नजर डाली जाए तो समझ में आता है कि उनका पूरा जीवन लोककल्याण के लिए समर्पित था। खुद शक्ति सम्पन्न होते हुए भी उन्होंने कभी अपने लिए शक्ति का उपयोग नहीं किया। सभी साधनों को जुटाने की क्षमता होते हुए भी वे हमेशा सादा जीवन जीते रहे और यही शिक्षा उन्होंने संसार को भी दी। सांई बाबा शिर्डी में एक सामान्य इंसान की भांति रहते थे। उनका पूरा जीवन ही हमें हमारे लिए आदर्श है, उनकी शिक्षाएं हमें एक ऐसा जीवन जीने की प्रेरणा देती है जिससे समाज में एकरूपता और शांति प्राप्त हो सकती है।



ठंड में पुरुष कर लें ये प्रयोग, ताकत के लिए और कुछ भी खाने की जरुरत नहीं रहेगी

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आयुर्वेद में ठंड को खाने-पीने और सेहत बनाने के लिए सबसे बढिय़ा मौसम माना गया है। कहा जाता है कि सर्दियों के मौसम में सेवन की गई चीजों का प्रभाव शरीर पर सालभर रहता है। इसीलिए ठंड में सेहत बनाने के लिए लोग कई तरह की चीजों का सेवन करते हैं।

पुरुषों को तो आयुर्वेद में विशेषकर नपुंसकता दूर कर ठंड में ताकत देने वाली चीजों को प्रयोग करने को कहा गया है। आज हम बताने जा रहे हैं आपको एक ऐसा आयुर्वेदिक योग, जिसका प्रयोग करने के बाद पुरुषों को सालभर किसी भी तरह की ताकत बढ़ाने वाली दवाई या किसी अन्य चीज के इस्तेमाल की जरुरत नहीं होगी।

सामग्री - असगंध, सफेद मूसली, काली मूसली, कौंच के बीज, शतावर, ताल मखाना, बीजबंद, जायफल, जावित्री, ईसबगोल, नागकेशर, सोंठ, गोल मिर्च, लौंग, पीपर कमलगट्टे की गिरी, छुहारे, मुनक्का, चिरोंजी सब 50-50 ग्राम, मिश्री सवा दो किलो, घी 400 ग्राम।

बनाने की विधि- मिश्री और घी को छोड़कर शेष सारी औषधियों को अलग-अलग कूटपीस कर कपड़े से छान लें। सबको मिलाकर घी में भून लें।अब मिश्री की पतली चाशनी बनाकर उतार लें और सारी दवा इसमें डालकर अच्छी तरह मिलाकर उपर सोने व चांदी का वर्क मिला दें।

सेवन विधि - 10 से 20 ग्राम इस योग को चाटकर उपर से एक गिलास गरमागरम दूध पी जाएं।

लाभ -सर्दियों में कुछ दिन इसका लगातार सेवन करते रहने से नपुंसकता दूर होती है। वीर्य गाढ़ा और पुष्ट होता है। शरीर बलवान बन जाता है।इसके अलावा पेशाब में जलन, पथरी और वात रोग भी इसके लगातार सेवन से मिट जाते हैं।

जहांगीर से लेकर शाहजहां तक ने यहां बसाया 'स्वर्ग'!

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श्रीनगर. कश्मीर की राजधानी श्रीनगर अपने मुगल बागों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। सीढ़ीदार लॉन, झरने, फव्वारों और कई फूलों से लब्द ये गार्डन कश्मीर की खूबसूरती में चारचांद लगा देते हैं। अपनी इन्हीं खूबसूरती की वजह से आज यह पिकनिक और मौजमस्ती के ठिकाने बन चुके हैं।
मुगल गार्डन एक खास तरह की मुगल शैली के बागीचे हैं, जो कई बड़े क्षेत्रफल में फैले होते हैं और ज्यादातार बागीचों में जन्नत के नक्शे को बयां किया जाता है। ये गार्डन भारत से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक फैले हुए हैं।


शालीमार बाग


इस बाग का निर्माण सन 1619 में मुगल शासक जहांगीर ने अपनी पत्नी नूरजहां के लिए बनवाया था। शालीमार बाग डल झील के उत्तर-पूर्व में है, जिसे प्यार का घर भी कहा जाता है। इसे शालामार गार्डन, शालामार बाग, फराह बक्श और फैज बक्श नामों से भी बुलाया जाता है। बाग में बड़ा पानी का जलाशय है, जिससे 150 फव्वारें जुड़े हुए हैं।


निशात बाग


डल झील के पूर्वी इलाके में बसा यह दूसरा सबसे बड़ा मुगल बाग़ है। निशात अपने आलीशान चिनार के पेड़ों के लिए जाना जाता है, जो पर्शिया से यहां लाए गए थे। निशात एक हिन्दी नाम है, जिसका मतलब होता है आनंद का बागीचा। इस बाग को 1633 में नूरजहां के बड़े भाई आसिफ खान ने बनवाया था।


चश्मे शाही


यह बाग भी मुगल गार्डन बागबानी का एक बेहतरीन नमूना है। इस जगह का नाम यहां से निकल रहे झरने के नाम पर पड़ा, जिसे कश्मीरी महिला संत रूपा भावनी ने खोजा था, उनके परिवार का नाम साहिब था, इसलिए इस जगह का नाम चश्मे साहिबी पड़ गया। समय गुजरने के साथ इसे चश्मे शाही कहा जाने लगा।
इसका निर्माण १६३२ में मुगल राज्यपाल अली मर्दन ने मुगल बादशाह शाहजहां के संरक्षण में करवाया था। बाग में शानदार झोपड़ियां हैं, जो राज्य सरकार के अधिकारियों के सरकारी आवास है।


परी महल


चश्मे शाही से पांच मिनट की दूरी पर है परी महल गार्डन। यह बाग अपने प्राचीन स्मारकों के लिए मशहूर है। पहले यह बौद्ध मठ हुआ करता था , जिसे बाद में शाहजहां के बड़े बेटे और औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह ने अपने सूफी शिक्षक मुल्ला शाह के लिए ज्योतिष विज्ञान के विद्यालय में बदल दिया था।
कहा जाता है कि एक समय यहां बहुत सारे झरने हुआ करते थे, जो अब सूख चुके हैं। परी महल आज के समय में जम्मू कश्मीर राज्य का गौरव है।


शालीमार बाग

शालीमार बाग

निशात बाग

निशात बाग

चश्मे शाही

चश्मे शाही

परी महल

परी महल

पहले इंसानियत मरी फिर इंसान, जिससे लगाई गुहार वही बना गुनहगार!


कादियां.मां-बाप सड़क हादसे के बाद बेसुध पड़े थे। बेटे को कुछ होश था। जेब से अपना मोबाइल निकाला। घर वालों को फोन लगाकर हादसे की सूचना देनी चाही लेकिन अलफाज गले में ही अटक गए। लोगों की ओर सहायता की नजर से देखा और एक राहगीर को मोबाइल देकर घर वालों को हादसे की सूचना देने की गुहार लगाई। राहगीर ने मोबाइल स्विच आफ किया और मोबाइल लेकर चलता बना। यह शर्मनाक वाकया रविवार रात कादियां के ज्वेलर राकेश लूथरा के परिवार के साथ हुआ।

जानकारी के अनुसार रविवार रात कादियां के मोहल्ला शिवाला चौक के रहने वाले लूथरा ज्वेलर के मालिक राकेश लूथरा(42) अपनी पत्नी शिवांगी(38) और बेटे राघव(15) के साथ रात 10.30 बजे बटाला में अपने रिश्तेदार अशोक लूथरा के भतीजे की मेरिज रिसेप्शन अटेंड करने जा रहे थे कि शाहबाद के नजदीक एक साइकल सवार को बचाते हुए उनकी कार पलट कर एक पेड़ से टकराई। राकेश लूथरा और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए।

बेटा राघव भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। सहमे हुए राघव ने मोबाइल पर हादसे से सूचना घर देनी चाही तो मुंह से कोई शब्द नहीं निकला। तब तक लोग इकट्ठे हो चुके थे। सहायता की नजर से लोगों की ओर निहारते हुए एक राहगीर को मोबाइल देकर घर वालों से बात करने को कहा लेकिन राहगीर की इंसानियत मर चुकी थी।

राहगीर ने मोबाइल स्विच आफ किया और मोबाइल भी लेकर चलता बना। फोन पर राघव की बात न होने पर परिजनों ने तुरंत राघव को फोन लगाया लेकिन आग से मोबाइल स्विच आफ सुन परिजनों ने राकेश लूथरा के मोबाइल लगा दिया। राघव ने अपने पिता का मोबाइल निकाला और घर वालों को हादसे बारे जानकारी दी।

हादसे की सूचना मिलते ही परिजन जैसे तैसे घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों घायलों को लेकर बटाला रवाना हो गए। बटाला से डाक्टरों से जवाब मिलने पर वे लोग उन्हें अमृतसर के लिए लेकर रवाना हो गए लेकिन वेरका के नजदीक राकेश लूथरा की मौत हो गई, जबकि पत्नी शिवांगी की पहले ही सांसें थम चुकी थीं। राघव लूथरा को भी सिर और बाजू पर चोटें आईं थीं जिसे उपचार के बाद अस्पताल से घर कादियां में लाया गया।

शोक में डूबा कादियां, बाजार बंद

हादसे में लूथरा दंपति की मौत की खबर सुन पूरा शहर शोक में डूब गया और स्वर्णकारों व अन्य दुकानदारों नें अपनी दुकानें बंद रखीं। सोमवार को राकेश व शिवांगी लूथरा के बड़े बेटे करण लूथरा (16) ने अपने माता-पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

लूथरा दंपति की अंतिम यात्रा में भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष डा. अजय कुमार छाबड़ा, स्वर्णकार संघ के जिलाध्यक्ष अशोक लूथरा, प्रो. दरबारी लाल, यश चौहान, सतपाल डीलक्स वाले, कश्मीर सिंह राजपूत, मुकेश वर्मा, अश्विनी वर्मा, रमेश वर्मा, राजू जुल्का, वरिंद्र प्रभाकर, नरिन्दर कुमार भाटिया, योगेश सहदेव, नवनीत सेठ, जोगिन्द्रपाल भुट्टो, गुलशन सर्राफ, संजीव सूरी सहित बड़ी संख्या में शहर वासी शामिल थे।

जब नेताजी ने हाथ जोड़कर कहा-हमसे भूल हो गई,

पाली. बांगड़ कॉलेज मार्ग पर तेज सायरन बजाते हुए गुजर रही बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष औंकार मल बैरवा की स्कार्पियो को कलेक्टर नीरज ने सड़क के बीच खड़े होकर रुकवा लिया। डिवाइडर निर्माण कार्य का जायजा लेने निकले कलेक्टर ने चालक से पहले सायरन बंद कराया और फिर उसे नीचे उतरने को कहा।

इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर जालोर में हुए कार्यक्रम में शामिल होकर जयपुर लौट रहे दौसा निवासी बसपा उपाध्यक्ष बैरवा जीप से नीचे उतरे। कलेक्टर ने उन्हें बिना अनुमति जीप पर माइक लगाने व सायरन बजाकर कोलाहल फैलाने पर खासी खरी-खोटी सुनाई। इस बीच, मौके पर भीड़ जुट गई। आखिरकार नेताजी ने गलती मान हाथ जोड़ माफी मांगी। पुलिस बुलाने पर ड्राइवर ने भी माफी मांगी।

कलेक्टर ने तुरंत सूचना देकर पुलिस दल को मौके पर बुलाया तो चालक किशन सिंह जाटव निवासी रहीमपुर (भरतपुर) ने भी कान पकड़ कर गलती मानी। लेकिन कलेक्टर नीरज नहीं माने। बाद में कोतवाली पुलिस ने जीप जब्त कर सायरन सिस्टम उतरवाया और जीप को थाने ले जाया गया। बाद में कोर्ट ने जुर्माना राशि वसूलकर जीप छोड़ी।

विधि-विधान के बाद, पूरा मंदिर ही कर दिया शिफ्ट

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उदयपुर.भुवाणा गौरव पथ पर सड़क सीमा में आ रहे खोड़ियार माता के प्राचीन मंदिर को सोमवार को विधि विधान के साथ शिफ्ट कर दिया गया। प्रशासन की पहल और चारण समाज के सकारात्मक रुख के चलते यह संभव हो सका। समाजजनों की उपस्थिति में देवी प्रतिमा को पुराने मंदिर से देवेन्द्र धाम के पास बनने वाले नए मंदिर परिसर में स्थापित करने की धार्मिक रस्म पूरी की गई।

अब शोभागपुरा सर्कल के पास से शिफ्ट होगा देवरा

भुवाणा गौरव पथ के बाद अब शीघ्र ही शोभागपुरा सर्कल के पास सड़क सीमा में आ रहा देवरा शिफ्ट किया जाएगा। कलेक्टर के प्रयास के बाद भील सेवा समिति व यूआईटी के मध्य सहमति बनने के बाद गत दिनों यहां सड़क सीमा में आ रहे समाज के सामुदायिक भवन को पास ही शिफ्ट किया गया। अब यहां पर सड़क मध्य स्थित देवरे को धार्मिक रस्म के साथ पास ही शिफ्ट किया जाएगा।

"गौरव पथ की सीमा में आ रहे खोड़ियार माता के प्राचीन मंदिर को समझाइश से शिफ्ट करने में बड़ी सफलता मिली है। शहर में और कहीं पर धार्मिक स्थल सड़क सीमा में आ रहे हैं उन्हें भी संबंधित समाजजनों से समझाइश कर शिफ्ट करने का प्रयास किया जाएगा। जहां धार्मिक स्थल की आड़ में सरकारी जमीन पर कब्जे किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ भी अब सख्ती बरती जाएगी।"

डा.आर.पी.शर्मा, यूआईटी सचिव।

शोभायात्रा के रूप में पधारी मां खोड़ियार

खोड़ियार माता सेवा मंच के सदस्य दलपत सिंह ने बताया कि धार्मिक रस्म के साथ प्राचीन मंदिर से खोड़ियार माता की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थापित किया गया। मां लूंग बाईसा व कंकू मां के सान्निध्य में जयकारों के बीच विधि विधान से नए मंदिर में देवी प्रतिमा को स्थापित किया गया। इस दौरान चारण समाज के कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

चारण समाज का सर्वजन हिताय निर्णय

कलेक्टर हेमंत गेरा के प्रयास के बाद खोड़ियार माता सेवा मंच व यूआईटी के मध्य सहमति बनने के परिणाम स्वरूप जनहित में यह काम संभव हो पाया है। समाजजनों की सकारात्मक सोच व बड़ी पहल के बाद अब भुवाणा गौरव पथ पर दुर्घटना का अंदेशा नहीं रहेगा। चारण समाज की प्रशासन ने भी प्रशंसा की है।

सेना प्रमुख ने सरकार को कोर्ट में घसीटा


नई दिल्‍ली. थलसेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने अपनी उम्र को लेकर उठे विवाद के सिलसिले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जनरल सिंह का दावा है कि सरकार ने यदि उनके जन्म के साल को बदलकर 1951 से 1950 नहीं किया होता तो वह 31 मई 2013 को रिटायर होते। सेना प्रमुख की ओर से वकील पवन बाली ने यह याचिका दाखिल की है। वरिष्‍ठ वकील यू यू ललित सुप्रीम कोर्ट में जनरल सिंह का पक्ष रखेंगे। ताजा घटनाक्रम को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने अहम बैठक बुलाई है।

देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी सेनाध्‍यक्ष ने सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने इसे जनरल का निजी मामला करार दिया है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस विवाद के लिए केंद्र सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। बीजेपी प्रवक्‍ता बलबीर पुंज ने कहा है कि यूपीए सरकार ने इस मसले से ठीक तरीके से निपटने की कोशिश नहीं की।

गौरतलब है कि एक दिन पहले सेना दिवस के मौके पर जनरल सिंह के बयान से ऐसा लगा कि अब यह मामला शांत हो जाएगा। रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, ‘हम संस्‍था के लिए काम करते हैं और उनके भरोसे की हम सराहना करते हैं। अब उनके भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।’ सेना प्रमुख ने सरकार के साथ अपने उम्र विवाद को तूल न देते हुए गुरुवार को कहा था कि उम्र का मसला ‘निष्ठा और सम्मान’ से जुड़ा है। गुरुवार को हालांकि उन्‍होंने इससे इनकार किया था कि वह उम्र विवाद के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले हैं। सेना प्रमुख ने कहा था कि सरकार के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है।
यह है पूरा विवाद

सेना मुख्यालय के एडजुटेंट जनरल एवं सैन्य सचिव शाखा में सेना प्रमुख की उम्र से सम्बंधित अलग-अलग दस्तावेज होने से यह विवाद पैदा हुआ है। एडजुटेंट जनरल के कार्यालय में सिंह के जन्म का वर्ष 1951 दर्ज है जबकि सैन्य सचिव शाखा में यह 1950 है। सेना प्रमुख का कहना है कि उनका जन्म 1951 को हुआ। वह दलील दे रहे हैं कि 10 मई 1951 को उनका वास्तविक जन्म दिन माना जाना चाहिए क्योंकि उनके मैट्रिक के प्रमाण पत्र में इसी का उल्लेख है।

वहीं, रक्षा मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) प्रवेश परीक्षा के लिए उनकी जन्म की तारीख 10 मई 1950 दर्ज की थी। सरकार के फ़ैसले के मुताबिक वह इस साल 31 मई को सेवानिवृत हो जाएंगे।

श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना चौपाई :

श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना
चौपाई :
* बंदउँ अवध पुरी अति पावनि। सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥
प्रनवउँ पुर नर नारि बहोरी। ममता जिन्ह पर प्रभुहि न थोरी॥1॥
भावार्थ:-मैं अति पवित्र श्री अयोध्यापुरी और कलियुग के पापों का नाश करने वाली श्री सरयू नदी की वन्दना करता हूँ। फिर अवधपुरी के उन नर-नारियों को प्रणाम करता हूँ, जिन पर प्रभु श्री रामचन्द्रजी की ममता थोड़ी नहीं है (अर्थात्‌ बहुत है)॥1॥
* सिय निंदक अघ ओघ नसाए। लोक बिसोक बनाइ बसाए॥
बंदउँ कौसल्या दिसि प्राची। कीरति जासु सकल जग माची॥2॥
भावार्थ:-उन्होंने (अपनी पुरी में रहने वाले) सीताजी की निंदा करने वाले (धोबी और उसके समर्थक पुर-नर-नारियों) के पाप समूह को नाश कर उनको शोकरहित बनाकर अपने लोक (धाम) में बसा दिया। मैं कौशल्या रूपी पूर्व दिशा की वन्दना करता हूँ, जिसकी कीर्ति समस्त संसार में फैल रही है॥2॥
* प्रगटेउ जहँ रघुपति ससि चारू। बिस्व सुखद खल कमल तुसारू॥
दसरथ राउ सहित सब रानी। सुकृत सुमंगल मूरति मानी॥3॥
करउँ प्रनाम करम मन बानी। करहु कृपा सुत सेवक जानी॥
जिन्हहि बिरचि बड़ भयउ बिधाता। महिमा अवधि राम पितु माता॥4॥
भावार्थ:-जहाँ (कौशल्या रूपी पूर्व दिशा) से विश्व को सुख देने वाले और दुष्ट रूपी कमलों के लिए पाले के समान श्री रामचन्द्रजी रूपी सुंदर चंद्रमा प्रकट हुए। सब रानियों सहित राजा दशरथजी को पुण्य और सुंदर कल्याण की मूर्ति मानकर मैं मन, वचन और कर्म से प्रणाम करता हूँ। अपने पुत्र का सेवक जानकर वे मुझ पर कृपा करें, जिनको रचकर ब्रह्माजी ने भी बड़ाई पाई तथा जो श्री रामजी के माता और पिता होने के कारण महिमा की सीमा हैं॥3-4॥
सोरठा :
* बंदउँ अवध भुआल सत्य प्रेम जेहि राम पद।
बिछुरत दीनदयाल प्रिय तनु तृन इव परिहरेउ॥16॥
भावार्थ:-मैं अवध के राजा श्री दशरथजी की वन्दना करता हूँ, जिनका श्री रामजी के चरणों में सच्चा प्रेम था, जिन्होंने दीनदयालु प्रभु के बिछुड़ते ही अपने प्यारे शरीर को मामूली तिनके की तरह त्याग दिया॥16॥
चौपाई :
* प्रनवउँ परिजन सहित बिदेहू। जाहि राम पद गूढ़ सनेहू॥
जोग भोग महँ राखेउ गोई। राम बिलोकत प्रगटेउ सोई॥1॥
भावार्थ:-मैं परिवार सहित राजा जनकजी को प्रणाम करता हूँ, जिनका श्री रामजी के चरणों में गूढ़ प्रेम था, जिसको उन्होंने योग और भोग में छिपा रखा था, परन्तु श्री रामचन्द्रजी को देखते ही वह प्रकट हो गया॥1॥
* प्रनवउँ प्रथम भरत के चरना। जासु नेम ब्रत जाइ न बरना॥
राम चरन पंकज मन जासू। लुबुध मधुप इव तजइ न पासू॥2॥
भावार्थ:-(भाइयों में) सबसे पहले मैं श्री भरतजी के चरणों को प्रणाम करता हूँ, जिनका नियम और व्रत वर्णन नहीं किया जा सकता तथा जिनका मन श्री रामजी के चरणकमलों में भौंरे की तरह लुभाया हुआ है, कभी उनका पास नहीं छोड़ता॥2॥
* बंदउँ लछिमन पद जल जाता। सीतल सुभग भगत सुख दाता॥
रघुपति कीरति बिमल पताका। दंड समान भयउ जस जाका॥3॥
भावार्थ:-मैं श्री लक्ष्मणजी के चरण कमलों को प्रणाम करता हूँ, जो शीतल सुंदर और भक्तों को सुख देने वाले हैं। श्री रघुनाथजी की कीर्ति रूपी विमल पताका में जिनका (लक्ष्मणजी का) यश (पताका को ऊँचा करके फहराने वाले) दंड के समान हुआ॥3॥
* सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमि भय टारन॥
सदा सो सानुकूल रह मो पर। कृपासिन्धु सौमित्रि गुनाकर॥4॥
भावार्थ:-जो हजार सिर वाले और जगत के कारण (हजार सिरों पर जगत को धारण कर रखने वाले) शेषजी हैं, जिन्होंने पृथ्वी का भय दूर करने के लिए अवतार लिया, वे गुणों की खान कृपासिन्धु सुमित्रानंदन श्री लक्ष्मणजी मुझ पर सदा प्रसन्न रहें॥4॥
* रिपुसूदन पद कमल नमामी। सूर सुसील भरत अनुगामी॥
महाबीर बिनवउँ हनुमाना। राम जासु जस आप बखाना॥5॥
भावार्थ:-मैं श्री शत्रुघ्नजी के चरणकमलों को प्रणाम करता हूँ, जो बड़े वीर, सुशील और श्री भरतजी के पीछे चलने वाले हैं। मैं महावीर श्री हनुमानजी की विनती करता हूँ, जिनके यश का श्री रामचन्द्रजी ने स्वयं (अपने श्रीमुख से) वर्णन किया है॥5॥
सोरठा :
* प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यान घन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥17॥
भावार्थ:-मैं पवनकुमार श्री हनुमान्‌जी को प्रणाम करता हूँ, जो दुष्ट रूपी वन को भस्म करने के लिए अग्निरूप हैं, जो ज्ञान की घनमूर्ति हैं और जिनके हृदय रूपी भवन में धनुष-बाण धारण किए श्री रामजी निवास करते हैं॥17॥
चौपाई :
* कपिपति रीछ निसाचर राजा। अंगदादि जे कीस समाजा॥
बंदउँ सब के चरन सुहाए। अधम सरीर राम जिन्ह पाए॥1॥
भावार्थ:-वानरों के राजा सुग्रीवजी, रीछों के राजा जाम्बवानजी, राक्षसों के राजा विभीषणजी और अंगदजी आदि जितना वानरों का समाज है, सबके सुंदर चरणों की मैं वदना करता हूँ, जिन्होंने अधम (पशु और राक्षस आदि) शरीर में भी श्री रामचन्द्रजी को प्राप्त कर लिया॥1॥
* रघुपति चरन उपासक जेते। खग मृग सुर नर असुर समेते॥
बंदउँ पद सरोज सब केरे। जे बिनु काम राम के चेरे॥2॥
भावार्थ:-पशु, पक्षी, देवता, मनुष्य, असुर समेत जितने श्री रामजी के चरणों के उपासक हैं, मैं उन सबके चरणकमलों की वंदना करता हूँ, जो श्री रामजी के निष्काम सेवक हैं॥2॥
* सुक सनकादि भगत मुनि नारद। जे मुनिबर बिग्यान बिसारद॥
प्रनवउँ सबहि धरनि धरि सीसा। करहु कृपा जन जानि मुनीसा॥3॥
भावार्थ:-शुकदेवजी, सनकादि, नारदमुनि आदि जितने भक्त और परम ज्ञानी श्रेष्ठ मुनि हैं, मैं धरती पर सिर टेककर उन सबको प्रणाम करता हूँ, हे मुनीश्वरों! आप सब मुझको अपना दास जानकर कृपा कीजिए॥3॥
* जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥
ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥4॥
भावार्थ:-राजा जनक की पुत्री, जगत की माता और करुणा निधान श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री जानकीजी के दोनों चरण कमलों को मैं मनाता हूँ, जिनकी कृपा से निर्मल बुद्धि पाऊँ॥4॥
* पुनि मन बचन कर्म रघुनायक। चरन कमल बंदउँ सब लायक॥
राजीवनयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक॥5॥
भावार्थ:-फिर मैं मन, वचन और कर्म से कमलनयन, धनुष-बाणधारी, भक्तों की विपत्ति का नाश करने और उन्हें सुख देने वाले भगवान्‌ श्री रघुनाथजी के सर्व समर्थ चरण कमलों की वन्दना करता हूँ॥5॥
दोहा :
* गिरा अरथ जल बीचि सम कहिअत भिन्न न भिन्न।
बंदउँ सीता राम पद जिन्हहि परम प्रिय खिन्न॥18॥
भावार्थ:-जो वाणी और उसके अर्थ तथा जल और जल की लहर के समान कहने में अलग-अलग हैं, परन्तु वास्तव में अभिन्न (एक) हैं, उन श्री सीतारामजी के चरणों की मैं वंदना करता हूँ, जिन्हें दीन-दुःखी बहुत ही प्रिय हैं॥18॥

कुरान का संदेश



भारतीयता के नाम पर वोट मांगने वाली पार्टियाँ बने ताकि राष्ट्र विकसित और सुरक्षित बने .अरुण अरोरा जी की खुदा यह कामना जल्दी पूरी करे ....आमीन

दोस्तों देश को सूधारने का लक्ष्य लेकर निकले लोग कभी अकेले नहीं लेते है और उनके साथ देश को एक नई दिशा नई उमंग देने के लियें लोग निकल पढ़ते है बस अफ़सोस इस बात का है के इस देश के राजनेताओं ने आज़ादी के बाद थोड़े वक्त में ही यहाँ के लोगों में इतना ज़हर भर दिया है के आज काफी कोशिशों के बाद भी हम नतीजे पर नहीं पहुंच आ रहे है ..दोस्तों आज हमारे और आपके प्रयासों से चाहे देश को बहुत कुछ फायदा मिल प् रहा हो लेकिन यकीन मानों हमारे और आपके प्रयासों ने इस देश को कमसे कम गर्क में जाने से तो बचा ही लिया है वरना यहाँ के नेताओं और अधिकारीयों ने तो इस काम में कोई कसर नहीं छोड़ी है .............आज फेसबुक पर अचानक फरीदाबाद में रहने वाले और सहारनपुर में पाले बढ़े भाई अरुण अरोरा जी से चेट हुई सलाम दुआ के बाद देश के हालातों पर बात होती इस बीच फोन की घंटी बजी और मेरे दिल की मुराद पूरी हो गयी फोन पर पुर खुलूस प्यारी से मधुर आवाज़ हमारे भाई अरुण अरोरा जी की थी उनकी आवाज़ में देश की जनता के दुःख दर्द की तड़पन थी ..उनके विचारों में देश के दुश्मनों के प्रति नफरत थी और उनके ख्यालों में देश को बुलंदी पर भाईचारा और सद्भावना का आलम ब्रदर बनने की ललक थी ..भाई अरुण जी अरोरा का कहना था के देश में आज तक राजनीति में जब भी वोट मांगे गये है हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई दलित हिंदी तेलगु मराठी वगेरा वगेरा के नाम पर वोट मांगे गये है और इसी नाम पर पार्टियों ने चदे किये ..प्र्त्याक्शियों का चयन किया चुनाव जीते और सरकारें बनी है फिर वोह सरकारें अपना काम वही जाती वाद उंच नीच भाषावाद के नाम पर करती है और यह खाई निरंतर बढ़ रही है ..अरुण अरोरा जी के इस दर्द और विश्लेष्ण से में ही नहीं पूरा देश सहमत होगा और सभी जानते है इन बातों से ही हम प्रभावित है अधिकारी ..जज ..चुनाव आयुक्त सभी तो सरकार के लियें सरकार के इशारे पर काम कर रही है बस भाई भतीजावाद जातिवाद उंच नीच भाषावाद की नफरत यह लोग भी तो परियों के कार्यकर्ता बन कर जनता के बीच फेला रहे है और प्रमाण यह है के यही अधिकारी यही जज रिटायर होने के बाद किसी ना किसी पार्टी से चुनाव ल्ध्ते हैं एक एल ऐ एम पी बनते है और फिर मंत्री बन कर वापस अपना काम देश वासियों का खून चूसने का शुरू कर देते है ,,जो जज चुनाव नहीं लड सकते है उन्हें अयोगों का चेयरमेन बना दिया जाता है कुल मिला कर इस पुरस्कार के लालच में यह लोग पार्टियों के कार्यकर्ता के रूप में काम करते है ....एक जगह बेनर लगा था ..तुम अल्पसंख्यकों को इंसाफ और उनका हक दो ..अल्पसंख्यक तुम्हे आधुनिक सुरक्षित भारत देंगे में ठिठका रुका और इस बेनर को बनाने वालों के पास जा पहुंचा उनसे इस बेनर को उतारने का आग्रह किया तो उन्होंने उनके साथ ज़ुल्म ज्यादती और पक्षपात न इंसाफी के दर्जनों दस्तावेजी उदाहरन दे दिए और उनका अपना दर्द बताते बताते उनकी आँखों में आंसू निकल पढ़े मेने सोचा ऐसे माहोल में अरुण अरोरा की सोच एक दिशा है और मेने इसीलियें आप सभी भाइयों से इस निजी वार्ता को शेयर किया है के भाई अरुण अरोरा जी की सोच वाले जो भी जो भी इस दश को सुरक्षित और विकसित देखना चाहते है वोह एक हो और देश में जो भी नफरत .जाती ..धर्म की राजनीति कर देश को बांटता है जो भी अधिकारी जो भी जज इस देश को तमाशा बनता है उन्हें पहले शांति और सद्भाव राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाया जाए नहीं तो फिर उनके साथ सुभाष चन्द्र बोस ..चद्रशेखर आज़ाद बन कर व्यव्य्हार किया जाए अरुण अरोरा जी का कहना है के न जाने कब वोह लम्हा आएगा जब सियासत से जुड़े लोग कोई भी योजना भारतियों के लियें सिर्फ भारतियों के लियें लायेंगे और भारतीयता के नाम पर ही वोट मांग कर सरकार मनाएंगे उनके प्रचार में दलित ..आरक्षण हिंदी तेलगु मराठी गुजराती मुस्लिम नहीं सिर्फ भारत और भारतीयता होगी खुदा अरुण अरोरा जी की चाहत पूरी करे इसी दुआ के साथ आमीन ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में तेरह मजिस्ट्रेटों में से नो मजिस्ट्रेटों के पद खाली ..चार जज नहीं प्रतिदिन आठ सो पत्रावलियां प्रभावित होती है

दोस्तों देश का सबसे बढा राज्य राजस्थान और राजस्थान की शिक्षा ओध्ह्योगिक नगरी कोटा जहाँ तेरह मजिस्ट्रेटों के पद स्वीक्रत हैं लेकिन इतने बढ़े शहर में केवल चार मजिस्ट्रेट लगे हुए है कुल नो मजिस्ट्रेट के पद काफी लम्बे अरसे से खली है हालात यह है के कोटा में प्रति दिन इन खाली पदों के कारण लगभग एक हजार पक्षकार प्रतिदिन प्रेषण रहते है ..कोटा में इन रिक्त पदों के चलते महिला थाना ,,विज्ञाननगर ..जवाहर नगर ..केथुन ..कुन्हाड़ी .किशोरपुरा ...चेक के मामलात ..महिलाओं के घरेलू हिंसा मामलात की सुनवाई प्रभावित हो रही है कोटा के वकीलों की चलती नहीं और पक्षकारों में कोई राजनितिक पहुंचवाला होने के बाद भी इस मामले में हाईकोर्ट से उक्त रिक्त पदों को भरवा नहीं पा रहे है ............... दोस्तों कोटा के न्यायालय और वकीलों का गोरव शाली इतिहास रहा है यहाँ सभी तरह के क्रिमनल ..फोजदारी,,,बेंकिंग सहित सभी मामलात के मुकदमे हैं ...कोटा में एक जिला जज ..पांच अतिरित जज ..तीन विशिष न्यायालय ..एक मोटरवाहन जज एक पारिवारिक न्यायाधीश ..श्रम न्यायधीश और कन्जूमर जज है .....कोटा में जहां तेरह में से नो मजिस्ट्रेटों के पद खाली है वहीं सोलह जजों में से चार जजों के पद खाली है जिनमे एक ऍन डी पी एस न्यायधीश ....अनुसूचित मामलात न्यायधीश ..... भी शामिल है ..इनके आलावा मोटरवाहन जज का केवल एक पद है और वोह जज भी नियुक्त नहीं होने से कोटा में मोटर वाहन दुर्घटना मामलों की सुनवाई रुकी पढ़ी है ..कोटा में अदालत तो है लेकिन भवन छोटा होने से वहां जजों और रीडर बाबुओं के बेठने पत्रावली रखने की पर्याप्त जगह नहीं है ..यहाँ न्यायालय परिसर में कुल १७ सो के लगभग वकील है इसके आलावा मुंशी ..स्टांप वेंडर ...टाइपिस्ट और हजारों पक्षकारों की रोज़ आमद रफत है किन्तु वहां कोई खास सुविधा नहीं है ॥
दोस्तों अब जिस बढ़े शहर में मजिस्ट्रेट और जजों की पहले से ही अनुपातिक नियुक्ति नहीं हो अदालतों की कमी हो ...और जो भी अदालते हैं अगर उनमे भी नो मजिस्ट्रेट और चार जजों की पोस्टे खाली हो जहाँ लगभग प्रतिदिन साथ फाइलें कमसे कम एक अदालत में सुनवाई के लियें रखी जाती हों तो फिर ऐसे में लगभग आठ सो पत्रावलियों का तो कोई धनी धोरी बचता ही नहीं ..कोटा में वकीलों की लाइब्रेरी जिसमे लाखों करोड़ों की किताबें है कहने को एयर कंडिशन लाइब्रेरी है लेकिन बेतरतीब किताबें जिस हालत में पढ़ी है उससे लगता है के किसी उजड़े हुए दयार में आ गये हो अब नई अभिभाषक परिषद की कार्यकारिणी शायद इस मामले में कुछ सोचे कुछ करे वकील और पक्षकारों को शायद कुछ सुविधाए ..अदालतें .मजिस्ट्रेट दिलवा सके वरना कोटा की न्याय व्यवस्था तो बस एक रस्म से बनने लगी है घरेलू हिंसा ..चेक मामलात के पीड़ितों की परेशानी देखे से नहीं बनती ...... यह सब इस पर है जब कोटा सरकार में भी अपना प्रतिनिधित्व रखता है और माननीय राजस्थान हाईकोर्ट में भी कोटा से जुड़े हुए कई जजों की यहाँ नियुक्ति है ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना सोरठा :

वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना
सोरठा :
* बंदउँ मुनि पद कंजु रामायन जेहिं निरमयउ।
सखर सुकोमल मंजु दोष रहित दूषन सहित॥14 घ॥
भावार्थ:-मैं उन वाल्मीकि मुनि के चरण कमलों की वंदना करता हूँ, जिन्होंने रामायण की रचना की है, जो खर (राक्षस) सहित होने पर भी (खर (कठोर) से विपरीत) बड़ी कोमल और सुंदर है तथा जो दूषण (राक्षस) सहित होने पर भी दूषण अर्थात्‌ दोष से रहित है॥14 (घ)॥
* बंदउँ चारिउ बेद भव बारिधि बोहित सरिस।
जिन्हहि न सपनेहुँ खेद बरनत रघुबर बिसद जसु॥14 ङ॥
भावार्थ:-मैं चारों वेदों की वन्दना करता हूँ, जो संसार समुद्र के पार होने के लिए जहाज के समान हैं तथा जिन्हें श्री रघुनाथजी का निर्मल यश वर्णन करते स्वप्न में भी खेद (थकावट) नहीं होता॥14 (ङ)॥
* बंदउँ बिधि पद रेनु भव सागर जेहिं कीन्ह जहँ।
संत सुधा ससि धेनु प्रगटे खल बिष बारुनी॥14च॥
भावार्थ:-मैं ब्रह्माजी के चरण रज की वन्दना करता हूँ, जिन्होंने भवसागर बनाया है, जहाँ से एक ओर संतरूपी अमृत, चन्द्रमा और कामधेनु निकले और दूसरी ओर दुष्ट मनुष्य रूपी विष और मदिरा उत्पन्न हुए॥14 (च)॥
दोहा :
* बिबुध बिप्र बुध ग्रह चरन बंदि कहउँ कर जोरि।
होइ प्रसन्न पुरवहु सकल मंजु मनोरथ मोरि॥14 छ॥
भावार्थ:-देवता, ब्राह्मण, पंडित, ग्रह- इन सबके चरणों की वंदना करके हाथ जोड़कर कहता हूँ कि आप प्रसन्न होकर मेरे सारे सुंदर मनोरथों को पूरा करें॥14 (छ)॥
चौपाई :
* पुनि बंदउँ सारद सुरसरिता। जुगल पुनीत मनोहर चरिता॥
मज्जन पान पाप हर एका। कहत सुनत एक हर अबिबेका॥1॥
भावार्थ:-फिर मैं सरस्वती और देवनदी गंगाजी की वंदना करता हूँ। दोनों पवित्र और मनोहर चरित्र वाली हैं। एक (गंगाजी) स्नान करने और जल पीने से पापों को हरती है और दूसरी (सरस्वतीजी) गुण और यश कहने और सुनने से अज्ञान का नाश कर देती है॥1॥
* गुर पितु मातु महेस भवानी। प्रनवउँ दीनबंधु दिन दानी॥
सेवक स्वामि सखा सिय पी के। हित निरुपधि सब बिधि तुलसी के॥2॥
भावार्थ:-श्री महेश और पार्वती को मैं प्रणाम करता हूँ, जो मेरे गुरु और माता-पिता हैं, जो दीनबन्धु और नित्य दान करने वाले हैं, जो सीतापति श्री रामचन्द्रजी के सेवक, स्वामी और सखा हैं तथा मुझ तुलसीदास का सब प्रकार से कपटरहित (सच्चा) हित करने वाले हैं॥2॥
* कलि बिलोकि जग हित हर गिरिजा। साबर मंत्र जाल जिन्ह सिरिजा॥
अनमिल आखर अरथ न जापू। प्रगट प्रभाउ महेस प्रतापू॥3॥
भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर, जगत के हित के लिए, शाबर मन्त्र समूह की रचना की, जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥3॥
* सो उमेस मोहि पर अनुकूला। करिहिं कथा मुद मंगल मूला॥
सुमिरि सिवा सिव पाइ पसाऊ। बस्नउँ रामचरित चित चाऊ॥4॥
भावार्थ:-वे उमापति शिवजी मुझ पर प्रसन्न होकर (श्री रामजी की) इस कथा को आनन्द और मंगल की मूल (उत्पन्न करने वाली) बनाएँगे। इस प्रकार पार्वतीजी और शिवजी दोनों का स्मरण करके और उनका प्रसाद पाकर मैं चाव भरे चित्त से श्री रामचरित्र का वर्णन करता हूँ॥4॥
* भनिति मोरि सिव कृपाँ बिभाती। ससि समाज मिलि मनहुँ सुराती॥
जे एहि कथहि सनेह समेता। कहिहहिं सुनिहहिं समुझि सचेता॥5॥
होइहहिं राम चरन अनुरागी। कलि मल रहित सुमंगल भागी॥6॥
भावार्थ:-मेरी कविता श्री शिवजी की कृपा से ऐसी सुशोभित होगी, जैसी तारागणों के सहित चन्द्रमा के साथ रात्रि शोभित होती है, जो इस कथा को प्रेम सहित एवं सावधानी के साथ समझ-बूझकर कहें-सुनेंगे, वे कलियुग के पापों से रहित और सुंदर कल्याण के भागी होकर श्री रामचन्द्रजी के चरणों के प्रेमी बन जाएँगे॥5-6॥
दोहा :
* सपनेहुँ साचेहुँ मोहि पर जौं हर गौरि पसाउ।
तौ फुर होउ जो कहेउँ सब भाषा भनिति प्रभाउ॥15॥
भावार्थ:-यदि मु्‌झ पर श्री शिवजी और पार्वतीजी की स्वप्न में भी सचमुच प्रसन्नता हो, तो मैंने इस भाषा कविता का जो प्रभाव कहा है, वह सब सच हो॥15॥

कुरान का संदेश


बहू सिविल जज फिर भी दहेज में चाहिए कार, लड़की ने किया शादी से इनकार

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ग्वालियर. सिविल जज बहू के साथ दहेज में कार लाने की मांग वर पक्ष पर भारी पड़ गई है। सिविल जज की ओर से उनके पिता ने रविवार की रात विश्वविद्यालय थाने में दूल्हे और उनके माता-पिता व भाई सहित पांच लोगों के खिलाफ धारा 406, 506 बी व दहेज रोधी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करा दिया।

सिविल जज की शादी 12 फरवरी को भारतीय जीवन बीमा निगम की फूलबाग शाखा में पदस्थ विकास अधिकारी विकास मगरैया के साथ सुमंगलम गार्डन में होना तय थी। अब भिंड में पदस्थ सिविल जज सरिता जतारिया ने शादी से इनकार कर दिया है।

विश्वविद्यालय थाने में रविवार की देर रात जेपी जतारिया(54) पुत्र भैयालाल जतारिया निवासी पीजी इनक्लेव महेश नगर ने अपनी सिविल जज बेटी सरिता जतारिया की ओर से प्रकरण दर्ज कराया। जेपी जतारिया की रिपोर्ट पर उनके होने वाले दामाद विकास मगरैया उनके पिता जमुना प्रसाद मगरैया, मां कमलेश मगरैया, विशाल आर्य निवासी 29 बिरलानगर लाइन नंबर दो व रितु पत्नी नरेंद्र आर्य निवासी डीडी नगर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

जून में हुई थी सगाई

रिपोर्ट में बताया गया है कि मई 2011 में 11 हजार रुपए व कपड़ों के साथ सरिता व विकास की शादी तय हुई थी। 12 जून 2011 को एक होटल में सगाई की रस्म भी पूरी की गई जिसमें एक लाख रुपए नगद व 26 जोड़ी कपड़े, 24 हजार रुपए की सोने की अंगूठी, सगाई में आए 130 मेहमानों को लिफाफों में 10 हजार रुपए बांटे गए थे। 45 हजार रुपए में होटल का किराया और भोज समेत सगाई कार्यक्रम में 2.50 लाख रुपए खर्च किए गए थे। सगाई की रस्म होने के बाद पहले नवंबर में शादी तय की गई थी।

पंचायत के बाद फिर की थी शादी की तैयारी

दहेज की नई मांग के कारण नवंबर में शादी की तारीख निरस्त हो गई और समाज व रिश्तेदारों की पंचायत के बाद नई तिथि 12 फरवरी तय हुई। बेटी के ब्याह के लिए जेपी जतारिया ने सभी तैयारियां पूरी करते हुए सुमंगलम गार्डन को शादी समारोह के लिए तय कर दिया था। शादी में केटरिंग व शादी कराने वाले पंडितजी को भी निश्चित कर दिया था। अब वर पक्ष ने फिर से अपनी पुरानी मांग दोहरा दी, जिस पर रविवार को सिविल जज ने अपने पिता से इस शादी से इनकार करते हुए थाने में रिपोर्ट लिखाने को कहा और रात में रिपोर्ट दर्ज करा दी। मौके पर मौजूद भास्कर संवाददाता ने जेपी जतारिया से बात करने की कोशिश की पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

सिविल जज की शादी में दहेज मांगने पर उनके पिता ने विश्वविद्यालय थाने में प्रकरण दर्ज कराया है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।

रामजी श्रीवास्तव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

कार की मांग पर हुई पंचायत

सगाई के बाद दूल्हा पक्ष ने दहेज में हुंडई वेरना कार या 8 लाख रुपए नगद की मांग की। इसके बाद दोनों पक्षों के रिश्तेदारों की पंचायत हुई इसमें कहा गया कि रिश्ता तय करते समय पूरी शादी 10 लाख रुपए में करने की बात हुई थी। पंचायत के बाद वर पक्ष फिर शादी करने को तैयार हो गया और 12 फरवरी 2012 को शादी की नई तिथि तय की गई।

स्त्री और पुरुष दोनों के लिए ब्रह्मचर्य जरूरी है, क्योंकि...


सामान्यत: ब्रह्मचर्य पुरुषों के लिए आरक्षित स्थिति मानी जाती है। दरअसल ब्रह्मचर्य एक ऐसा आचरण है, जो स्त्री और पुरुष दोनों के लिए ही समान है। ब्रब्रह्मचर्य एक शक्ति का नाम है, जो ब्रह्म के आचरण से आती है।

एक आंतरिक अनुशासन ब्रह्मचर्य का रूप है। इसका संबंध केवल शारीरिक नहीं है। शरीर के स्तर पर तो ब्रह्मचर्य स्त्री-पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग होगा, लेकिन जब इसे आंतरिक शक्ति के रूप में लेंगे, तो यह स्त्री के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा, जितना पुरुष के लिए है।

स्त्री का ब्रह्मचर्य उसे रूप-धन की स्थिति से भी मुक्त कराएगा। जैसे-जैसे वह अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानेगी, मां बनना उसके लिए विवशता नहीं, विशेष अधिकार बन जाएगा। स्त्री का ब्रह्मचर्य उसके मातृत्व के लिए एक वरदान है।

जो स्त्रियां अपनी आंतरिक शक्ति पर बखूबी टिकीं, उन्हें पुरुष से बराबरी का रुतबा पाने में अधिक कठिनाई नहीं हुई। बिना आंतरिक शक्ति के पुरुष से जो बाहरी संघर्ष होगा, वह ऊर्जा को नष्ट करने वाला, वातावरण को दूषित करने वाला और जीवन को संकट में डालने वाला ही रहेगा।

माताओं, बहनों को योग, प्राणायाम और ध्यान से गुजरते समय अधिक सरलता रहेगी। माताओं, बहनों को अपने व्यक्तित्व की प्रस्तुति करने में आज भी कई परेशानियां हैं, लेकिन ब्रह्मचर्य यानी आंतरिक शक्ति पर टिकते ही उनके लिए सारा वातावरण मित्रवत हो जाएगा।

इसका अर्थ है सम्मान और सदाचार के साथ उन्हें सहयोग मिलेगा और वे भी सान्निध्य दे सकेंगी।

राजनीति में मेरा कोई गॉड फादर नहीं : गहलोत


जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राजनीति में उनका कोई गॉड फादर नहीं रहा। जब सभी कौमों का समर्थन हासिल हो, तो राजनीति में बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जिसमें सभी वर्गो को समान प्राथमिकता है और इसी के बल पर हर वर्ग के लोग ऊंचे ओहदे पर पहुंचे हैं।


उन्होंने रविवार को हैहयवंशी कलाल महासभा की ओर से आयोजित समाज भवन के लोकार्पण समारोह में सभी वर्गो से अपील की कि वे अपने-अपने तबकों में सामाजिक कुरीतियां खत्म करने की लगातार कोशिश करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को हर तबके का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जननी सुरक्षा योजना और निशुल्क दवा वितरण से आमजन को महंगे इलाज से राहत दी है। राज्य सरकार मार्च से प्रदेश में 400 निशुल्क दवाएं उपलब्ध करा देगी।

गहलोत ने कांग्रेस को महान पार्टी बताते हुए कहा कि श्रीप्रकाश जायसवाल, जगन्नाथ पहाड़िया, शिवचरण माथुर सहित कई नेता इस बात के गवाह हैं कि पार्टी में हर तबके को प्राथमिकता है। जनता वोट उन्हें देती है जिनका अपना व्यक्तित्व, कृतित्व है। इस मौके पर महासभा के चुनाव में नारायण पटेल को प्रदेशाध्यक्ष, रामअवतार जायसवाल को महामंत्री चुना गया।

ज्ञापन सौंपा :

ऋषभदेव में कलालों वाली सराय को ट्रस्ट को देने के लिए देवस्थान विभाग की सिफारिश के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर समाज के लोगों ने रोष जताया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।


संकल्प लें-हर बच्चा शिक्षित हो


गहलोत ने कहा कि समाज का हर वर्ग हर बच्चे को शिक्षित करने के साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने का संकल्प लें। राज्य सरकार ने शिक्षा के अधिकार, मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना और राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 जैसी कई योजनाएं चला रखी हैं। जानकारी के अभाव में कई बार लोग इनका पूरा फायदा नहीं उठा पाते हैं।

गहलोत रविवार को यहां हैहयवंशी कलाल महासभा भवन और छात्रावास के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। इस भवन का निर्माण कलाल समाज महासभा ने करवाया है।
गहलोत ने कहा समाज में जो कुरीतियां हैं, उन्हें दूर किया जाए और समाज सुधार के बारे में स्वच्छ वातावरण बनाएं।

हम अपने समाज सुधार के साथ-=साथ अन्य 36 कौमों में भी सहायता और सुधार की बात करें, यही लोकतंत्र का तकाजा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने समाज के संकल्प पत्र का विमोचन भी किया।

प्रवासी भारतीय सरला गुप्ता ने कलाल महासभा भवन के लिए 11 लाख रुपए देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर विधायक प्रकाश चौधरी, नेपाल की पूर्व खेल मंत्री चंदा चौधरी तलवार, पार्षद सुनीता महावर, कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव खेमराज सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।

रामदेव समर्थक ने सोनिया की तस्‍वीर पर कालिख फेंकी?


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नई दिल्‍ली. राजधानी स्थित कांग्रेस मुख्‍यालय के दफ्तर पर लगे बोर्ड पर आज एक शख्‍स ने कालिख फेंक दी। इस बोर्ड पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की भी तस्‍वीर है।

24, अकबर रोड स्थित मुख्‍यालय के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कालिख पोतने वाले शख्‍स की जमकर पिटाई कर दी। आरोप है कि यह शख्‍स रामदेव का समर्थक है। गौरतलब है कि शनिवार को रामदेव पर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक शख्‍स ने काली स्‍याही फेंक दी थी।

हालांकि बाबा रामदेव के प्रवक्‍ता तिजरावाला ने इससे इनकार किया है कि कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले लोग योग गुरु के समर्थक थे। उन्‍होंने कहा कि इस घटना में पूरी साजिश है। भगत सिंह क्रांति सेना ने कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर हुए हंगामे की जिम्‍मेदारी ली है।

चुनावी मौसम के चलते कांग्रेस मुख्‍यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ थी। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने सोनिया की तस्‍वीर पर कालिख फेंकने वाले अधेड़ उम्र के इस शख्‍स की इतनी पिटाई की कि वह अधमरा सा हो गया। हालांकि पुलिस ने तुरंत हालात को काबू में ले लिया।

टोंक वक्फ कमेटी के सदर के ऐतिहासिक कार्यक्रम के लियें केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा और वक्फ बोर्ड सदर लियाकत अली ने उनकी पीठ थप थपायी

दोस्तों कल राजस्थान के टोंक में साहिबजादा मोहमद आमद उर्फ़ भय्यु ने कमाल कर दिखाया उन्होंने जिला वक्फ कमेटी टोंक का सदर बनने के बाद टोंक वक्फ जायदाद को अतिक्रमण कारियों से मुक्त करा कर उस पर जनउपयोगी सेवाएं शुरू करने का संकल्प लिया ..............भय्यु भाई ने जो कहा वोह किया जो वायदा किया वोह निभाया और इसी कड़ी में उन्होंने पहले तो एक हवेली को मुक्त करा कर वहां अजीजिया मदरसा आबाद करवाया और फिर मदरसा बोर्ड के चेयरमेन आली जनाब मोलाना फजले हक से मिलकर टोंक में परा टीचर्स के खाली पढ़े पदों को भरवाने और जो आवेदक है उनकी संख्या के आधार पर टोंक जिले को अधिक पर टीचर्स आवंटित करने की मांग की जो मोलाना फजले हक ने टोंक में उर्दू अदब और महिलाओं में शेक्षणिक जाग्रति का जज्बा देख कर स्वीकार करते हुए टोंक में स्वीक्रत पर टीचर्स पदों से बढ़ा कर डेढ़ सो पर टीचर और अतिरिक्त देने की घोषणा कर दी.......... कल टोंक में मोहम्मद आहमद उर्फ़ भय्यु मिया ने ज़िलाव्क्फ़ कमेटी की अपनी टीम की मदद से वक्फ कमेटी की जमीन जो सबिलों की चोकी बढ़े कुए के पास है वहां एक मुसाफिर खाने के निर्माण की संगे बुनियाद राखी इस कार्यक्रम में टोंक के सांसद और केन्द्रीय वित्त मंत्री जनाब नमोनारायण मीणा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए सांसद कोष से दस लाख रूपये देने की घोषणा की जबकि टोंक की विधायिका श्रीमती जकिया इनाम ने अपने विधायक कोष से पांच लाख रूपये देने की घोषणा की ..........कार्यक्रम में साहिबजादा इकबाल खान ..युसूफ खान ने भी इस निर्माण में पचास पचास हजार रूपये देने की घोषणा की ..टोंक के कई दानदाताओं ने भी इस निर्माण कार्य में दस दस हज़ार के चेक दिए और भविष्य में भी इस कार्य में उनका सहयोग करने का आश्वासन दिया .टोंक के इस विशाल कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण ..विधायक श्रीमती जकिया इनाम ..माइनोरिटी कमिशन के अध्यक्ष माहिर आज़ाद .. वक्फ बोर्ड के चेयरमेन लियाकत अली खान ....मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक साहब ....वक्फ बोर्ड के सदस्य और राजस्थान सरकार के विधि परामर्शदाता नासिर अली नकवी ..मुख्य कार्यकारी अधिकारी के एम खान ..सदस्य शोकत अली खान ...ज्ज़िला प्रमुख क्रषि उपज मंदी समिति की चेयरमेन कोंग्रेस के टोंक जिला अध्यक्ष सहित कई दर्जन वी आई पी मोजूद थे ..कार्यक्रम में कोटा ..बूंदी झालावाड जयपुर सवाई माधोपुर सहित कई जिलों से लोग शामिल होने के लियें आये थे .कर्यक्रम की सफलता का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है के स्नेह भोज के बाद खुद केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा और वक्फ बोर्ड अध्यक्ष लियाकत अली ने उनकी पीठ थप थपायी और टोंक के इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक करार दिया ..टोंक निवासी भी इस तारीखी कार्यक्रम को देख कर दंग थे और मोहम्मद आहमद उर्फ़ भय्यु सहित पूरी वक्फ कमेटी की टीम को इस कार्यक्रम के लियें बधाई दे रहे थे ..लोगों का कहना था के सारे राजस्थान को और राजस्थान को ही नहीं पुरे हिंदुस्तान को वक्फ सम्पत्ति रख रखाव और विकास के लियें टोंक का मोडल अपना कर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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