आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 जनवरी 2012

हिन्दू मुस्लिम की यह नफरत चुनाव में ही क्यूँ फेलाती है पार्टी और पार्टी के लोग ..दोस्तों देश में अमन विकास अगर चाहिए तो नफरत फेलाने वालों को नंगा करो

दोस्तों पांच राज्यों में चुनाव प्रचार चल रहा है ..संविधान के धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रीयता का दम भरने वाले सियासी लोगों ने देश को हिन्दू मुस्लिम सिक्ख दलित और उच्च वर्ग में बाँट कर बिखेर कर रख दिया है ..देश में आर्य ..द्रविड़ कोल..मंगोल..मुग़ल..अंग्रेजों के बाद खुद अपना राज वापस स्थापित हो गया है लेकिन सियात में जातिवाद का जहर संविधान और चुनाव नियमों का होने के बाद भी हम भुला नहीं पा रहे है .....मामूली सी बातो पर सो मोटो प्रसंज्ञान एने वाले उच्च और उच्चतम न्यायालय खामोश है ..चुनाव आयोग का तो कहना ही क्या वोह तो बस दिखावा मात्र और सरकार की कठपुतली सा बन कर रह गया है .......कानून किया है दिखावा किया है करना क्या है सभी में ज़मीं आसमान का फर्क नज़र आता है ....... दोस्तों आप सभी के दिल में देश और देश को विकसित करने का जज्बा है आप सभी देश में सुक्ख और शांति चाहते है देश को सुरक्षित चाहते है लेकिन फिर भी आप और मुझ में न जाने क्यूँ यह जातिवाद धर्म का जहर घुलता जा रहा है ..हमारे देश के सभी धर्म एक दुसरे के आदर सम्मान की शिक्षा देते है लेकिन धर्म की राजनीती में हम खुद नंगे होते जा रहे है एक वोट देने और एक वोट लेने के लियें हम हमारे देश की संस्क्रती हमारे देश के धर्म की मर्यादाओं को तार तार करने में लगे है हिन्दू मुसलमान को गाली देता है तो मुसलमान हिन्दुओं को गाली देता है भाजपा तो सोचती है के मुसलमानों को जब तक गाली नहीं देंगे तब तक वोह चुनाव जीत ही नहीं सकती खुद को भाजपा हिन्दुओं की पार्टी कहती है और मुख़्तार अब्बास नकवी ..शाहनवाज़ को अपना मुखोटा बना कर पेश करती है ...संघ के इन्द्रेश जी को भाजपा से मुसलमानों को जोड़ने के लियें देश भर में घूम घूम कर अभियान चलाने का कहती है सार्वजनिक तोर पर बयान देती है हम मुसलमानों के दुश्मन नहीं केवल कोंग्रेस ही मुसलमानों का तुष्टिकरण कर रही है ..दोस्तों मुसलमानों की स्थिति राजनीति में नेपकिन से ज्यादा नहीं है चुनाव के वक्त कोंग्रेस या कोई भी पार्टी मुस्लिम वोटरों से वोट प्राप्त करती है यानी नेपकिन सेअप काला मुंह साफ़ कर उस नेपकिन यानि मुसलमान और उसके जज्बातों को फेंक देती है ..और पुरे कार्यकाल में मुसलमान रोते बिलखते रहते है निर्दोष होने पर भी जेल में रहते है लेकिन यही पार्टियाँ चुनाव के दिनों में उनके लियें कागज़ी योजनाओं की घोषणाएं करते है जो न पहले पूरी हुईं और ना ही कभी कोई पूरी करना चाहता है अख़बार है मिडिया है उन्होंने इन योजनाओं को मुस्लिमों की तुष्टिकरण की निति तो बताया लेकिन कभी भी किसी भी मिडिया ने इन योजनाओं की क्रियान्विति और आंकड़ो के बारे जनता के सामने सच नहीं रखा है सब जानते है भाजपा भी जानती है के मुस्लिम एक नेपकिन मात्र है जो सिर्फ नेताओं के काले चेहरे को साफ़ कर फेंक देने से ज्यादा किसी काम का नहीं है ..एक कडवा सच यह है के मुसलमानों को कभी भी कोंग्रेस या भाजपा या किसी भी पार्टी में उनके समाज यानी मुस्लिम नेता ने कभी कोई फायदा नहीं पहुंचाया है ..यह हकीक़त है इसके हमारे देश में आंकड़े है कभी भी मुस्लिम को किसी योजना का लाभ मिला है तो वोह किसी ना किसी हिन्दू भाई हिन्दू नेता की वजह से मिला है मुस्लिमों की कल्याण और स्थिति के अध्ययन के लियें जितने भी आयोग समितिया बनी है उनमे सब में गेर मुस्लिम लोग ही शामिल रहे है शायद अगर मुस्लिम इनमे शामिल होते तो इनकी रिपोर्ट मुस्लिमों के पक्ष में नहीं खिलाफ ही होती कहीं दंगा अगर होता है तो मुस्लिम को मुस्लिम नहीं हिन्दू ही सुरक्षित रखता है ...कुल मिलाकर जब जब भी मुसलमानों पर ज़ुल्मो सितम होते है तो कोई न कोई हिन्दू नेता उनके लियें मसीहा बनाकर खुदा भेजता है और वही उन्हें सुरक्षा और सम्मान देते है ...दूसरी तरफ हिन्दू भाई मुस्लिमों को चाहे कितनी ही गली देलें लेकिन जब उनके शादी ब्याह समारोह होते है तो मुस्लिम समाज के लोग उनके समारोह में बहुतायत से देखे जा सकते है तो दोस्तों जब हमे साथ रहना है हम साथ रहने की तरफ बढ़ रहे है फिर यह नफरत क्यूँ केवल चुनाव और वोट के लियें हिन्दू हो चाहे मुसलमान ..सिक्ख हो चाहे इसाई सभी को इस लोकतंत्र में अपनी मर्जी से वोट देने का हक है फिर वोट के बाद क्या होता है मतदाता को क्या कुछ ज़ुल्म और सितम भुगतना पढ़ते है यह मुझ से बहतर आप लोग जानते है फिर क्यूँ जनाब मिडिया ..सोशल साइटों पर हिन्दू मुस्लिम का बखेड़ा खड़ा करते हो अरे बखेड़ा खड़ा करना है तो भारतीयता राष्ट्रीयता का खड़ा करो जो लोग हिन्दू मुस्लिम की बात करते है जरा कुछ दिन उनका सामाजिक बहिष्कार कर के देखो मुसलमानों को इन्साफ उनका हक देकर तो देखो ..हिन्दुओं को आत्मसम्मान .विशवास वफादारी देकर देखों सामने खड़ा है तुम्हारे विशाल विकसित भारत का आत्मस्वाभिमान तो दोस्तों प्लीज़ अपने मासिक विकारों को निकाल कर फेंक दे अगर नहीं निकलते है तो किसी डोक्टर को जान्च कराएं लेकिन इस देश को लेखन ..सोशल साइटों के प्रदर्शन ..मिडिया ..भाषणबाज़ी के माध्यम से नफरत की आग में न झोंके ..मेरा यह लेखन छोटा मुंह बढ़ी बात हो सकता है इसलियें में आप लोगों से क्षमा प्रार्थी हूँ मुझ से मेरे लेखन से आप नफरत करो इससे सहमत चाहे ना रहो लेकिन प्लीज़ एक बार सिर्फ एक बार अपने जमीर को राष्ट्रीयता के नाम पर झकझोर के तो देखना एक बार अपने सीने पर हाथ रख कर खुद से सवाल तो करना जो नफरत हम फेला रहे है क्या उसमे देश की भलाई है क्या देश से मुसलमानों को गालियाँ बक कर ..या मुसलमानों से जुलूसों पर पत्थर फिकवा कर हम इस देश को बहरी ताकतों से सुरक्षित रख सकेंगे ..क्या यहाँ अमन चेन सुकून पैदा कर सकेंगे नहीं ना तो दोस्तों गुस्सा और अहंकार थूको मेरी बात मान लो अमन का झंडा लेकर देश के इस विकास में आगे निकल पढो में आपके पीछे जिंदाबाद का नारा लगाते हुए चलने को तय्यार हूँ .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

किशोरी से नज़रें मिलते ही नेताजी भूले अपनी पहली लव मैरिज!


कोटा.शहर के वार्ड 16 केशवपुरा-बालाकुंड क्षेत्र का पार्षद रोहित जाटव शनिवार को अपने ही वार्ड की नाबालिग लड़की को लेकर फरार हो गया। पार्षद की पहली शादी भी लव मैरिज ही थी। जिस लड़की को लेकर भागा वह अभी महज 16 साल की ही हैं। काफी समय से पार्षद का इससे प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दादाबाड़ी पुलिस ने पार्षद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हैं।


पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह से निकली लड़की दोपहर तक जब घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने तलाश शुरू की। पार्षद जाटव पर शक था तो वे उसके घर पहुंच गए।

वहां पता चला कि पार्षद भी घर से लापता है। जिससे स्पष्ट हो गया कि वो लड़की को लेकर फरार हो गया। इसके बाद लड़की परिजन दादाबाड़ी थाने पहुंच गए। दादाबाड़ी सीआई अशोक कुमार के अनुसार बाला कुंड निवासी मानप्रकाश सुवालका की पत्नी संतोष सुवालका ने क्षेत्रीय पार्षद रोहित जाटव के खिलाफ उनकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया हैं।


पत्नी को घर संभालने का कहकर ढाई लाख रुपए भी ले गया पार्षद ने भागने से पहले अपने घर पर एक पत्र छोड़ा है। जिसमें पत्नी को लिखा है कि मैं दूसरी शादी कर रहा हूं, तुम घर का ध्यान रखना।

पार्षद की पत्नी मीनू ने बताया कि वह घर से करीब ढाई लाख रुपए लेकर गए है। पार्षद रोहित ने करीब 10ठ साल पहले ही बाला कुंड निवासी मीनू शर्मा से लव मैरिज की थी। दो बेटे है।

शर्मिदगी उठानी पड़ी पार्षद की वजह से

पार्षद रोहित के मित्र आंसू सहित अन्य दोस्तों ने बताया कि पार्षद के इस कृत्य से उन्हें बेहद शर्मिदा होना पड़ा। लड़की के माता-पिता व पार्षद की पत्नी बार-बार मुझे उलाहना दे रहे थे। वार्ड के लोग भी थाने पर मुझसे यहां तक बोले कि ऐसा क्या पार्षद खड़ा किया। तुम तो दोस्त थे उसके आचरण तो देखते उसका।


प्रदर्शन के बाद दर्ज हुआ पार्षद के खिलाफ मामला

भाजयुमो के शहर अध्यक्ष प्रद्युम्नसिंह चौहान, भाजयुमो नेता जितेंद्र खजांची, संजीव शर्मा, गुड्डू मरचुनिया, मोहम्मद दिलदार सहित कई कार्यकर्ता व लड़की के परिजन दादाबाड़ी थाने पहुंचे। पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी करने लगी तो कार्यकर्ता भड़क गए।

थाने के बाहर करीब पंद्रह मिनट तक नारेबाजी की। करीब एक घंटे तक थाने के बाहर माहौल गर्माता रहा। इसके बाद पुलिस मामला दर्ज करने को तैयार हुई।

परिजनों का आरोप था कि उन्होंने पहले भी पार्षद जाटव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने मौके की नजाकत भांप तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया और जल्द ही उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। तब जाकर मामला शांत हुआ।

23 को महासंयोग, मौनी व सोमवती अमावस्या एक साथ



23 जनवरी, सोमवार को आने वाली मौनी अमावस्या पर इस अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार 3 साल के बाद मौनी अमावस्या के साथ-साथ सोमवती अमावस्या (सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं) का महासंयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य एवं चंद्रमा मकर राशि में समान अंश पर होंगे।

ज्योतिषविदों के अनुसार वर्ष में एक या दो बार सोमवती अमावस्या आती है लेकिन मौनी अमावस्या व सोमवती अमावस्या का संयोग बहुत बनता है। इसके पहले 26 जनवरी 2009 को ऐसे योग बने थे। मौनी अमावस्या पर स्नान, दान, व्रत व श्राद्ध का विशेष महत्व है। इस बार सोमवती अमावस्या का योग होने से इसका महत्व और अधिक हो गया है। इस दिन प्रमुख तीर्थ स्थलों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।

अब कब बनेगा ये संयोग?

मौनी व सोमवती अमावस्या का संयोग अब 4 साल बाद 8 फरवरी 2016 में बनेगा। इसके बाद 20 साल इंतजार करना होगा। दोबारा 20 जनवरी 2036 को मौनी अमावस्या के साथ सोमवती अमावस्या का योग बनेगा।

करना था दाएं पैर का ऑपरेशन, कर दिया बाएं का!

| Email Print
बारां. बारां के जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने शनिवार को आमली गांव निवासी बालिका गुंजन के दाएं पैर की जगह बाएं पैर का ऑपरेशन कर दिया। बाद में डॉक्टरों ने उसके दाएं पैर का ऑपरेशन किया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। डॉक्टर पंकज परूथी का कहना है कि गलत पैर का ऑपरेशन करने का आरोप निराधार है। बालिका के दोनों पैरों में मवाद पड़ चुकी थी। इस कारण उसके बाएं पैर का भी ऑपरेशन किया गया। हेमराज सहरिया की पुत्री गुंजन का सुबह करीब सात बजे डॉ. पंकज ने ऑपरेशन किया।


ऑपरेशन के बाद गुंजन को थियेटर से बाहर लाया गया तो परिजनों ने उसके दाएं पैर की जगह बाएं पैर में ऑपरेशन किया हुआ देखा। इसकी उन्होंने डॉक्टर से शिकायत की। इस पर करीब नौ बजे गुंजन को फिर से ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर उसके दाएं पैर का भी ऑपरेशन कर दिया गया। बालिका के पिता हेमराज, मौसी कांतीबाई समेत परिजनों ने डॉक्टर पर ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इसके चलते उसे बेवजह अधिक तकलीफ झेलनी पड़ रही है।

दोनों पैरों में फैल गया था संक्रमण

अस्पताल के पीएमओ डॉ. प्रतापसिंह यादव के अनुसार बालिका के गलत पैर का ऑपरेशन होने की शिकायत के मामले में डॉ. पंकज परूथी से जानकारी ली गई। इसमें पता चला है कि उसके दाएं पैर का इंफेक्शन बाएं पैर में भी फैल गया था। यह माइनर ऑपरेशन था। इसमें थोड़ा सा चीरा लगाकर मवाद को निकाला जाता है।

नहाने गईं महिलाओं के फोटो खींचकर करते हैं हरकतें

| Email Print Comment
कोटा.शिवपुरा क्षेत्र की महिलाओं ने शनिवार को असमाजिक तत्वों की बढ़ रही गतिविधियों से तंग आकर दादाबाड़ी थाने पर प्रदर्शन किया महिलाओं के साथ आए भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसमें स्थानीय पार्षद की शह का आरोप लगाया वहीं पार्षद का कहना है कि राजनीतिक कारणों से उसे बदनाम किया जा रहा है।


स्थानीय निवासी किरणबाला ने बताया कि भीतरियाकुंड क्षेत्र में सुबह से रात तक असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। चंद्रकला ने बताया कि असामाजिक तत्व भीतरिया कुंड के घाटों पर सुबह स्नान करने जाने वाली महिलाओं के भी चोरी-छिपे फोटो खींचकर गलत हरकतें करते हैं।

आए दिन मंगलसूत्र झपटने व अश्लील हरकत करने जैसी वारदात हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि असामाजिक तत्वों को क्षेत्रीय पार्षद का संरक्षण मिला हुआ है। थानाधिकारी अशोक कुमार ने वहां पर गश्त शुरू करने का आश्वासन दिया।

बदनाम करने की साजिश

स्थानीय पार्षद जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। मैं निर्दलीय चुनाव जीता हूं। पंकज शुक्ला को मैंने चुनाव हराया था। वह मुझसे राजनीतिक द्वेष रखते हैं। बाबूलाल सुमन भी भाजपा कार्यकर्ता हैं। मैंने क्रेशर के पास की निगम की 25 बीघा जमीन पर पार्क डवलप करने की योजना बनवाई थी।

निगम ने योजना को मंजूर कर पार्क के लिए बाउंड्री वाल का कार्य शुरू कर दिया है। निगम ने दो-चार लोगों का अतिक्रमण जबरन हटाया तो उसके बाद से ये मुझसे द्वेषता रखते हैं। बाबूलाल सुमन का भी बड़े भू-भाग पर कब्जा था। ये ही लोग प्रदर्शन करवा रहे हैं।

रुश्दी का विवादित उपन्यास पढ़ा तो हो सकते हैं गिरफ्तार!



जयपुर.जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजकों ने शनिवार को कार्यक्रम में शामिल होने आए लेखकों को चेताया है कि अगर उन्होंने अपने किसी कार्यक्रम में सलमान रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़े तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।

पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। इस ईमेल को लेकर फेस्टिवल में शामिल होने आए लेखकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है और अमिताव कुमार व हरि कुंजरू फेस्टिवल से चले गए हैं। आयोजकों का कहना है कि ये दोनों अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार गए हैं।

पुलिस में भी शिकायत :

वहीं आम्रपाली मार्ग वैशाली नगर के अशोक कुमार ने शनिवार को अशोक नगर थाने में परिवाद दिया है। परिवाद अमिताव कुमार, हरी कुंजरु, रुचिर जोशी, जीत तायल के खिलाफ है।

अशोक कुमार ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि चारों वक्ताओं ने जान बुझकर सलमान रुश्दी की विवादित पुस्तक सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़े, जो आपराधिक कृत्य है। क्योंकि यह पुस्तक भारत में प्रतिबंधित है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

प्रतिबंधित पुस्तक के अंश पढ़ने का विरोध

मिल्ली काउंसिल राजस्थान ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में विभिन्न वक्ताओं द्वारा रुश्दी की प्रतिबंधित पुस्तक सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़ने का विरोध किया है। काउंसिल के सचिव अब्दुल लतीफ आरको ने बताया कि सार्वजनिक रूप से प्रतिबंधित पुस्तक के अंश पढ़ना फौजदारी जुर्म है।

काउंसिल इस मामले में कानूनी कदम उठाएगी। पिंकसिटी हज वेलफेयर सोसायटी ने भी इसका विरोध किया है। सोसायटी के अध्यक्ष अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि इससे लाखों मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके लिए सरकार को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

सैटेनिक वर्सेज पढ़ने वाले दो लेखक अमिताव कुमार व हरि कुंजरू वापस लौटे

ये है विवाद की वजह

शुक्रवार शाम 5: 15 बजे लेखक अमिताव कुमार और हरि कुंजरू ने दरबार हाल में सैटेनिक वर्सेज के कुछ अंश पढ़े थे। इस पर आयोजकों ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद इसी हाल में हुए अगले सेशन में जीत थायिल और रुचिर जोशी ने कुछ अंश पढ़े।

इसके बाद आयोजकों ने इस पूरे प्रकरण से खुद को अलग कर लिया और कहा कि उपन्यास के अंश पढ़ना डेलीगेट्स का निर्णय था। इस बारे में उन्होंने कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी।

यह ई मेल भेजा है

आप पर केस हो सकता है

प्रिय मित्रों, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिरोध के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन एक संवैधानिक दायरे में ही। हमें उम्मीद है कि सभी लेखक एक उचित और जिम्मेदाराना ढंग से ही अपने व्यक्तिगत विचारों की अभिव्यक्ति करेंगे।

कृपया ऐसे कामों व रचनापाठों से बचें जो सार्वजनिक रूप से हिंसा को उकसाते हैं और शांति व सौहार्द की भावना को नष्ट करते हैं, जिसके तहत यह फेस्टिवल आयोजित किया जाता है।

आपको सलाह है कि सैटेनिक वर्सेज भारत में प्रतिबंधित पुस्तक है और इस पुस्तक के अंश पढ़ने की कोशिश के परिणामस्वरूप आपको गिरफ्तार किया जा सकता है या आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

-नमिता गोखले

तस्वीरों में देखिए पंजाब के धुरंधरों ने पकड़े माया के पैर

| Email Print

नवांशहर. बहनजी की बराबरी कोई नहीं कर सकता। इसीलिए मंच पर अकेले बैठती हैं। उनका आसन भी सिंहासननुमा सा है। जो पीछे थे उन्हें कुर्सियां मिलीं। आगे वाले या तो खड़े रहे या मंच के फर्श पर बैठे। ये भी एक तरह का सम्मान है। उनके साथ न सही एक मंच पर ही बैठ पाना। ये मायवती हैं, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की मुख्यमंत्री। खरड़ के बाद नवांशहर तक वे महज पंजाब के चुनाव प्रचार को हिट करने नहीं आतीं बल्कि जताने भी आती हैं कि अब दिल्ली में दस्तक देना उनका जैनुइन हक बन चुका है।

सभी फोटो: दीपक कुमार







एक साथ तीन नरबलि...हाथ तक नहीं कांपे इस 'शैतान' के!


| Email Print Comment

रायपुर। सीरियल किलर अरुण उर्फ तोरण चंद्राकर पूरी प्लानिंग के साथ हत्याएं करता था। अभी तक की पड़ताल से पता चला है कि वह बड़े इत्मीनान से जिंदा लोगों को दफनाता था। ऐसा करते वक्त उसके हाथ नहीं कांपे। पुलिस के आला अफसरों के अनुसार वह कोल्ड ब्लडेड मर्डरर यानी ठंडे दिमाग से खून करने वाला किलर है।

अरुण ने सारी हत्याएं योजनाबद्ध तरीके से कीं। पत्नी की हत्या करने के पहले उसने अपनी बेटी को घर से थोड़ी दूर रहने वाली उसकी नानी के घर भेज दिया। बाद में पत्नी को भोजन दिया, जिसमें उसने सुअर को बेहोश करने वाली दवा मिला दी थी। उसने सूअर पाले थे। उसे अच्छी तरह मालूम था कि कितनी दवा की मात्रा से बेहोश किया जा सकता है।

वह घर के एक हिस्से पहले से गड्ढा खोदकर रखता था। बेहोश होने के बाद एक बोरी में बंद करने के बाद गड्ढ़े में गाड़ दिया करता था। वह जिस कमरे में दफन करता था, वह हिस्सा घर के अंतिम छोर में है। इस कमरे में ज्यादातर कोई नहीं आता था। दिन में अरुण की पत्नी के सारे रिश्तेदार काम पर चले जाते थे, इस वजह से किसी को खबर नहीं होती थी कि वह कब गड्ढा खोदता था। वह पुलिस के सामने बड़े सहज भाव से यह स्वीकार रहा है कि उसने हत्या की है। उसे किसी का भी कत्ल करते समय घबराहट नहीं हुई।

दिमागी जांच करायी जाएगी : अरुण की दिमागी हालत की जांच के लिए पुलिस मनोचिकित्सक से उसका परीक्षण करवाएगी। जरूरत पड़ने पर अरुण का नारको टेस्ट भी करवाया जा सकता है। ऐसी आशंका है कि वह कई मामलों को छिपा सकता है। वह बेहद शातिर और संयम रखने वाला किलर है। उसे पुलिस की कार्रवाई का भी डर नहीं।

कुकुरबेड़ा स्थित घटनास्थल पर जांच के दौरान जमा लोगों की भीड़। खुलासे से बिफरी लिली की मां अनसुइया अरुण को वहीं फांसी पर चढ़ाने की मांग करने लगी। भीड़ के साथ हो जाने से मोहल्ले में कुछ देर के लिए तनाव फैल गया। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला।

यह गंभीर प्रकृति का अपराध है। केस को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। पूछताछ के दौरान कुछ और हत्याओं का खुलासा हो सकता है। कंकाल की मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट से जांच हो रही है। देर रात मनोचिकित्सक के जरिए पूछताछ की गई। मेंटल लेवल भी चेक किया जा रहा है।

दिपांशु काबरा, एसएसपी

जावेद अख्तर ने कैसे की एक खूबसूरत चुड़ैल से शादी!



जयपुर.प्रसिद्ध गीतकार गुलजार और प्रसून जोशी ने कहा है कि टीवी हमारी चुडै़ल और बच्चों की इमेजीनेशन खा गया है। शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में स्कूली बच्चों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने मकड़ी फिल्म की चुड़ैल को दुनिया की सबसे बेहतरीन चुड़ैल बताया। उन्होंने कहा-शबाना (आजमी) से खूबसूरत चुड़ैल और कौन होगी?

यह तो जावेद साहब (जावेद अख्तर) से पूछना होगा कि उन्होंने ऐसी खूबसूरत चुड़ैल को कैसे मनाया और कैसे एक चुड़ैल से शादी कर ली! उन्होंने कहा कि शबाना ने चुड़ैल के पात्र को जीवंत कर दिया।

‘सुनो-सुनो कहानी’ वर्कशॉप में सवाल था बच्चों में कल्पनाशीलता का। गुलजार ने बच्चों से चुड़ैल के बारे में अपनी कल्पना पूछी। बच्चों ने जो कल्पनाएं पेश कीं तो गुलजार बोले-हमारी इमेजिनेशन में अब तक की सबसे खूबसूरत चुड़ैल मकड़ी फिल्म वाली शबाना हैं।

शबाना ने मकड़ी में अभिनय की नई खूबसूरतियां उकेरी हैं। इस संवाद में चुड़ैल, कविता की भाषा, अक्षरों की पहचान और बचपन को मासूमियत के साथ बचाए रखने के जहीन-शहीन तरीके भी चर्चा में आए। इसमें गुलजार का साथ दिया प्रसिद्ध संवाद लेखक प्रसून जोशी ने।

जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल का दूसरा दिन भी गुलजार के नाम रहा। जब साढ़े 12 बजे डिग्गी हाउस के एक हिस्से की छत पर प्रदेश भर से 80 बच्चों के साथ मौजूद थे तो नीचे सीढ़ियों पर करीब 1500 से 2000 लोग गुलजार को सुनने के लिए बेताब खड़े थे। न इन्हें ऊपर जाने की इजाजत मिली और न किसी रिपोर्टर या फोटोग्राफर को। लेकिन इसमें सिरोही, बीकानेर, तिलोनिया आदि कई इलाकों से बच्चे सुबह से मौजूद थे।

गुलजार ने बात बढ़ाई और चुड़ैल की कल्पना करने को कहा तो किसी ने कहा कि चुड़ैल के पांव उलटे हैं। किसी ने कहा, बाल लंबे। किसी ने काली कहा तो किसी ने कहा, चीनी। किसी ने कहा, साड़ी पहनती है तो किसी ने कहा, कान बड़े हैं। लेकिन गुलजार को पसंद आई स्टेप बाई स्टेप की सलोनी की चुड़ैल। वह बोली : मेरी चुड़ैल रोज रात को दीवार से उलटा उतरती है। उसके लंबे बाल नीचे लटक रहे हैं। वह हमारे डर पर खिलखिलाती है।

एक बच्चे ने कहा, वो साड़ी पहने थी। गुलजार बोले, हां भई हिंदुस्तानी चुड़ैल होगी! सभी बच्चे ठठा कर हंस पड़े। फिर बोले, हां भई, काले कपड़े हों। दांत, कान और बाल लंबे हों तो ऐसी डरावनी चुड़ैल अच्छी लगती है।

पहाड़ की चुड़ैल

पहाड़ से आई एक शिक्षक ने बताया, हमारे यहां आचरी होती है। ये आकर्षक चुड़ैल जवान लड़कों को प्रेम के बहाने ले जाती है। पहाड़ की ये आचरी बड़ी खूबसूरत होती है।

मेरा आईक्यू बच्चों जैसा :

शुरुआत में संचालिका अंग्रेजी बोलने लगीं तो गुलजार ने ही फटकार लगा दी : बच्चों की भाषा में बोलो। गुलजार ने कहा : ‘मैं जयपुर आकर बच्चों से हर बार मिलता हूं। मेरा आईक्यू भी बच्चों जैसा है। मैं सबसे खुशकिस्मत इनसान हूं।’ एक महिला शिक्षक ने शिकायत की, ‘टीवी देखकर बच्चे बिगड़ गए हैं।’ गुलजार ने बोले, ‘नहीं, बड़ों को देखकर टीवी बिगड़ गया है!’

अ से आम नहीं, आईसक्रीम

गुलजार ने कहा, शिक्षक तो आज भी आ-आम और थ-थन ही पढ़ाते हैं, लेकिन 70 प्रतिशत बच्चे आ-आईसक्रीम और थ-थर्मामीटर या थर्मस से ही अक्षर सीखते हैं। बच्चे नई तहजीब रच रहे हैं। आज की तहजीब को बच्चे ही गढ़ रहे हैं।

रेडलाइट से झरता है पैसा

प्रसून जोशी ने कहा, आपके लिए रेडलाइट वाहन रोक देती है। बड़ी खराब होती है। लेकिन भीख मांग रहे बच्चे ने मुझे बताया कि यह उसके लिए ग्रीनलाइट है। पैसे देने वाली लाइट।

बच्चों के लिए लय जरूरी है

साहित्य की एक शिक्षक ने कहा, बच्चे तो तुकबंदी वाली कविताएं पसंद करते हैं। वे फ्री-वर्स कब पढ़ेंगे। गुलजार ने कहा : इस उम्र में लय जरूरी है। लय नहीं होगी तो रियाज नहीं होगी। लय के बिना जय नहीं है। लय के बिना कोई शय नहीं है। लयबद्ध कविताओं से शब्दों का अर्थशास्त्र बनता है।

जुबानों को ब्लॉक्स में बंद मत करो

गुलजार ने कहा, जुबानों को ब्लॉक्स में बंद मत करो। ऐसा करोगे तो जुबानें क्लासिक हो जाएंगी। जुबान जिंदा रहेगी तो बढ़ती जाएगी। प्रसून बोले : जुबान अड़ गई तो समझो सड़ गई।जिंदा जुबान की साउंड और खुशबू ही साहित्य जनती है।

'हम अंधेरे में हैं, मजबूत नहीं है कांग्रेस'

| Email
कांग्रेस के ब्लॉक और जिला अध्यक्षों का ट्रेनिंग कैंप, केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने लोकपाल मुद्दे पर पार्टी का पक्ष रखने के तरीके बताए

जयपुर.कांग्रेस के जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को पार्टी को ग्रास रूट पर मजबूत करने के गुर सिखाने के लिए आयोजित किए गए ट्रेनिंग कैंप के पहले दिन शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष के बयानों से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने कहा कि कांग्रेस आज भी उतनी मजबूत नहीं है, जितनी होनी चाहिए। यह बात हमें स्वीकार करनी चाहिए। अगर हम इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करते हैं तो हम बहुत बड़े धोखे में हैं, अंधेरे में हैं।

इस बात के कई मायने निकाले जाते हैं। हमारी 127 साल की पार्टी है। नेता हमारे पास हैं, नीतियां हमारे पास हैं। पहले जहां दो-तिहाई बहुमत से कांग्रेस सरकार बनाती थी आज गठबंधन के सहारे सरकार चला रही है। इस स्थिति को बदलना होगा।

राजस्थान में भी आज स्थिति देख लीजिए, बसपा के विधायकों का समर्थन नहीं मिलता तो हमारी सरकार नहीं बनती। केंद्रीय नेता यहां बैठे हैं। आपको जो शिकायतें करनी हैं, वे इनके सामने की जाएं, सार्वजनिक रूप से आंतरिक मामलों और शिकायतों को मत ले जाइए।


पार्टी की मजबूती को लेकर कांग्रेस में तेज हुई राजनीति

चंद्रभान के बार-बार पार्टी के मजबूत नहीं होने के बयान को लेकर कांग्रेस के हलकों में राजनीति तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मामले में कह चुके हैं कि यह परिभाषाओं का फर्क है। हर कोई चाहता है कि कांग्रेस मजबूत हो। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने भी चंद्रभान के बयान से नाइत्तफाकी जताते हुए कहा था कि कांग्रेस तो मजबूत हो रही है। यह कोई नहीं कह सकता कि कांग्रेस कमजोर हो रही है।


ट्रेनिंग कैंप का उद्घाटन, माकन ने लोकपाल पर बताई रणनीति

कांग्रेस के जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के दो दिवसीय ट्रेनिंग कैंप का शनिवार को सुबह उद्घाटन हुआ। कैंप के पहले सत्र में केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने लोकपाल बिल पर सरकार का पक्ष रखने के बारे में बताया। माकन ने कहा कि कांग्रेस नेता फील्ड में जाकर लोकपाल की अच्छाइयों के बारे में बताएं।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल: धक्‍के खाकर भी एंट्री नहीं कर सके कपिल सिब्‍बल | Email Print


जयपुर. मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शनिवार दोपहर भारी भीड़ में करीब 15 मिनट कतार में खड़े रहने के बाद दरबार हॉल में एंट्री होने से पहले ही लौट गए। वे भारी भीड़ में धक्का-मुक्की के बीच जैसे-तैसे हॉल के एंट्री पाइंट पर पहुंचे, लेकिन आगे कोई जगह नहीं बनती देख 'ओह शट्' बोल गुस्साते हुए पीछे मुड़ लिए। वे करीब साढ़े तीन बजे दरबार हॉल पहुंचे। यहां भीड़ इस कदर थी कि उन्हें कतार में लगना पड़ा। धक्का-मुक्की के बीच वे हॉल के एंट्री पाइंट पर पहुंच गए, लेकिन सामने से आयोजन से जुड़े कुछ लोगों ने अंदर जगह न होने का इशारा करते हुए हाथ खड़े कर दिए।


इस दौरान कुछ महिलाएं और युवा रास्ता बनाकर अंदर घुस गए। सिब्बल को कुछ सुरक्षाकर्मियों ने अंदर पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन भारी भीड़ के कारण वे भी कामयाब नहीं हो सके। इसी दौरान तमतमाए सिब्बल पीछे मुड़कर चल दिए। हालत यह थी लौटते वक्त भी उन्हें भारी धक्का-मुक्की के बीच से गुजरना पड़ा।

पति के अपमान से दुःखी होकर सती का योगाग्नि से जल जाना, दक्ष यज्ञ विध्वंस

बालकाण्ड

दोहा :
* सिव अपमानु न जाइ सहि हृदयँ न होइ प्रबोध।
सकल सभहि हठि हटकि तब बोलीं बचन सक्रोध॥63॥
भावार्थ:-परन्तु उनसे शिवजी का अपमान सहा नहीं गया, इससे उनके हृदय में कुछ भी प्रबोध नहीं हुआ। तब वे सारी सभा को हठपूर्वक डाँटकर क्रोधभरे वचन बोलीं-॥63॥
चौपाई :
* सुनहु सभासद सकल मुनिंदा। कही सुनी जिन्ह संकर निंदा॥
सो फलु तुरत लहब सब काहूँ। भली भाँति पछिताब पिताहूँ॥1॥
भावार्थ:-हे सभासदों और सब मुनीश्वरो! सुनो। जिन लोगों ने यहाँ शिवजी की निंदा की या सुनी है, उन सबको उसका फल तुरंत ही मिलेगा और मेरे पिता दक्ष भी भलीभाँति पछताएँगे॥1॥
* संत संभु श्रीपति अपबादा। सुनिअ जहाँ तहँ असि मरजादा॥
काटिअ तासु जीभ जो बसाई। श्रवन मूदि न त चलिअ पराई॥2॥
भावार्थ:-जहाँ संत, शिवजी और लक्ष्मीपति श्री विष्णु भगवान की निंदा सुनी जाए, वहाँ ऐसी मर्यादा है कि यदि अपना वश चले तो उस (निंदा करने वाले) की जीभ काट लें और नहीं तो कान मूँदकर वहाँ से भाग जाएँ॥2॥
*जगदातमा महेसु पुरारी। जगत जनक सब के हितकारी॥
पिता मंदमति निंदत तेही। दच्छ सुक्र संभव यह देही॥3॥
भावार्थ:-त्रिपुर दैत्य को मारने वाले भगवान महेश्वर सम्पूर्ण जगत की आत्मा हैं, वे जगत्पिता और सबका हित करने वाले हैं। मेरा मंदबुद्धि पिता उनकी निंदा करता है और मेरा यह शरीर दक्ष ही के वीर्य से उत्पन्न है॥3॥
* तजिहउँ तुरत देह तेहि हेतू। उर धरि चंद्रमौलि बृषकेतू॥
अस कहि जोग अगिनि तनु जारा। भयउ सकल मख हाहाकारा॥4॥
भावार्थ:-इसलिए चन्द्रमा को ललाट पर धारण करने वाले वृषकेतु शिवजी को हृदय में धारण करके मैं इस शरीर को तुरंत ही त्याग दूँगी। ऐसा कहकर सतीजी ने योगाग्नि में अपना शरीर भस्म कर डाला। सारी यज्ञशाला में हाहाकार मच गया॥4॥
दोहा :
* सती मरनु सुनि संभु गन लगे करन मख खीस।
जग्य बिधंस बिलोकि भृगु रच्छा कीन्हि मुनीस॥64॥ ॥
भावार्थ:-सती का मरण सुनकर शिवजी के गण यज्ञ विध्वंस करने लगे। यज्ञ विध्वंस होते देखकर मुनीश्वर भृगुजी ने उसकी रक्षा की॥64॥
चौपाई :
* समाचार सब संकर पाए। बीरभद्रु करि कोप पठाए॥
जग्य बिधंस जाइ तिन्ह कीन्हा। सकल सुरन्ह बिधिवत फलु दीन्हा॥1॥
भावार्थ:-ये सब समाचार शिवजी को मिले, तब उन्होंने क्रोध करके वीरभद्र को भेजा। उन्होंने वहाँ जाकर यज्ञ विध्वंस कर डाला और सब देवताओं को यथोचित फल (दंड) दिया॥1॥
* भै जगबिदित दच्छ गति सोई। जसि कछु संभु बिमुख कै होई॥
यह इतिहास सकल जग जानी। ताते मैं संछेप बखानी॥2॥
भावार्थ:-दक्ष की जगत्प्रसिद्ध वही गति हुई, जो शिवद्रोही की हुआ करती है। यह इतिहास सारा संसार जानता है, इसलिए मैंने संक्षेप में वर्णन किया॥2॥

कुरान का संदेश


हिजरत में है अन्ना टीम ..शायद तूफ़ान के पहले की खामोशी है जनाब

जी हाँ दोस्तों देश को हिला देने वाले रणनीतिकार अन्ना हजारे और उनकी टीम इन दिनों गुमनामी के अँधेरे में है ..मुंबई में फ्लॉप शो के बाद अन्ना टीम लापता होने से लगता है के कोई ना कोई ऐसी रणनीति चल रही है के यह लोग सो सुनार के एक लुहार की कर के कोंग्रेस के नेताओं और सरकार को कहीं न कहीं पटखनी जरुर देंगे इस्लामिक सिद्धांत है के जब लड़ाई में हारने की स्थिति हो तो छुप कर चुप बेठ जाओ और फिर से लड़ने के लियें अपनी रणनीति बनाओ अपनी शक्ति संचार करो इसी को हिजरत कहते है फिर दुश्मन पर टूट पढो ताकि दुश्मन इस तूफ़ान में तबाह और बर्बाद हो जाए ..दोस्तों अप भी रणनीतिकार और थिंकर हो हालात को देख कर नतीजों का अंदाज़ा लगाते हो ..लिफाफा देख कर मज़मून भांप लेते हो क्या आपको लगता है अन्ना और उनकी टीम कोंग्रेस से हर गयी ..क्या आपको लगता है अन्ना और उनकी टीम बिखर गयी ...सरकार से डर गयी नहीं न तो फिर समझ लो यह अन्ना जी पांच रह्यों के चुनाव में अंतिम क्षणों में एक मुल्ला मोलवी की तरह अपील करेंगे और सभी जगह कोंग्रेस कक महनत पर पानी फिर जाएगा ...मेरी व्यक्तिगत राय है अन्ना एक सच है और सच थक जाता है ..लेकिन जीतता जरुर है ..सच डरता नहीं डराता जरुर है और जब सच की आंधी चलती है तो इस तूफान में झूंठ और बेईमानी का सहारा लेने वाले कागज़ के मकानों की तरह हवा में उढ़ जाते है और शायद अन्ना की हिजरत .अन्ना की चुप्पी किसी तूफ़ान के पहले की खामोशी है और किसी तूफ़ान का इन्तिज़ार इस देश को है जो परिणाम आयेंगे वोह आश्चर्यचकित करने वाले होंगे अभी वर्तमान में चाहे मिडिया बिका हो चाहे कार्यकर्ता बिके हों चाहे स्वामी अग्निवेश बिके हों चाहे जो भी हो लेकिन परिणाम ढला देने वाले होंगे और बस हम और आप इसी ऐतिहासिक घटना के रूप में याद करेंगे ......... इस घटना का पाठ सियासत के पन्नों में ऐसा लिखा जायेगा के सियासत के इतिहास में सरे फेहरिस्त इस पाठ को रख कर बच्चों को पढ़ाया जाएगा .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मालामाल होना है तो करें "झाड़ू" के ये अनोखे और आसान टोटके

| Email

झाड़ू वैसे तो एक सामान्य सी चीज है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जब यह घर की गंदगी, धूल-मिट्टी साफ करती है तो इसका मतलब यही है कि देवी महालक्ष्मी हमारे घर से दरिद्रता को बाहर निकाल देती है। घर की साफ-सफाई सभी करते हैं और इस काम के लिए घरों में झाड़ू अवश्य ही रहती है।
झाड़ू के महत्व को देखते हुए वास्तु शास्त्र द्वारा कई नियम बताए गए हैं।
- जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।
- झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए।
- ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है।
- झाड़ू हमेशा साफ रखें।
- ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें।
- झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए।
- शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।
- शनिवार के दिन घर में विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए।
- घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

एलोवेरा का कमाल: ये है इन जानलेवा बीमारियों का बेहतरीन इलाज





आयुर्वेद में घृतकुमारी को बहुत उपयोगी माना गया है। इस पौधे के पत्ते ही होते हैं जो जमीन से ही निकलते हैं। यह 2 से 3 फिट लम्बे और 3 से 4 इंच चौड़े होते हैं। इसके दोनों तरफ नुकीली कांटे होते हैं। इनके पते गहरे हरे रंग के मोटे, चिकने और गूदेदार होते है। जिन्हें काटने या छिलने पर घी जैसे गुदा ( जेल ) निकलता है। इसीलिए इस पौधे को घृतकुमारी व घी ग्वार भी कहा जाता है।

एलोवेरा के कई नाम हैं, जैसे संजीवनी बूटी, साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि, ग्वारपाठा, घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार आदि से पुकारा जाता है।कब्ज से लेकर कैंसर तक के मरीजों के लिए एक अत्यंत लाभकारी औषधि है। एलोवेरा बढिय़ा एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है।जोड़ों के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम करें और प्रभावित जोड़ों पर लगाने से विशेष फायदा होता है। ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण मोटापा कोलेस्ट्रोल का बढऩा और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होना है। ऐसी स्थिति में इसका जूस बेहद फायदेमंद है।बालों के लिए भी इसके जूस को सिर में लगाने से बाल मुलायम, घने, काले व बालो का झडऩा बंद होता है।एलोवेरा जेल चेहरे पर लगाने से मुहांसे, झाइयां दूर होती है।

एलोवेरा में शरीर की अंदरूनी सफाई करने और शरीर को रोगाणु रहित रखने के गुण भी मौजूद है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस व नाडिय़ों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है।एलोवेरा औषधि हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है। यह शरीर में जाकर खराब सिस्टम को ठीक करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। शरीर में मौजूद हृदय विकार, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, यूरीनरी प्रॉब्लम्स, शरीर में जमा विषैले पदार्थ इत्यादि को नष्ट करने में मददगार है। त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा एक संजीवनी का काम करती है।इसके प्रयोग से बीमारियों से मुक्त रहकर लंबी उम्र तक स्वस्थ और फिट रहा जा सकता है।

देसी इलाज: 'मीठे पान' में ये मिलाकर खाएं, कैसा भी हो बुखार भाग जाएगा



बुखार सेहत से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जो हर किसी को किसी न किसी बहाने और किसी न किसी रूप में होते ही रहता है। कभी साधारण बुखार, तो कभी वायरल बुखार, तो कभी मलेरिया के रूप में यह हमारे ऊपर हमला करता है। कई बार यह कई दिनों तक जाने का नाम ही नहीं लेता और धीरे-धीरे हमें कमजोर भी कर देता है।

अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है। सर्दी लगकर बार-बार बुखार आता है। इस तरह ठंड लग कर आने वाला किसी भी प्रकार का बुखार (चाहे रोज आता हो, एक या दो दिन छोड़कर आता हो) इसके लिए पान में आकड़े (आकौआ, अर्क या मदार भी कहते हैं) का 2 बूंद दूध टपका कर पान मुंह में रख लें।

यह पान कत्था ,चूना, सुपारी आदि से जैसे पान बनाया और खाया जाता है। वैसे ही उसी प्रकार से रूचि अनुसार बने हुए पान में यह दूध 2 बूंद टपका कर पान मुंह में रख लें। इसे चबाएं और इसकी पीक निगलते रहें। पीक थूकना नहीं है। यह प्रयोग बुखार चढऩे से पहले ही कर लें। एक बार के प्रयोग से लाभ न हो तो दूसरी बार फिर बुखार चढऩे से पहले एक पान का सेवन और कर लें। वैसे दूसरी बार लेने का अवसर नहीं आता है।

24 से गुप्त नवरात्रि, मिलेंगी गुप्त सिद्धियां



हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल प्रतिपदा (24 जनवरी, मंगलवार) से गुप्त नवरात्रि प्रांरभ हो रही है। इस दौरान माता की आराधना करने से हर बिगड़े काम बन जाते हैं तथा विशेष सिद्धियां भी प्राप्त होती है।

हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होती है। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में चार नवरात्रि का महोत्सव मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

इनमें अश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान पूरे देश में गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्रि चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को शारदीय व वासंती नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है। इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त व चमत्कारीक शक्तियां प्राप्त करने का यह श्रेष्ठ अवसर होता है।

चना पाक: ठंड में ये रखेगा आपको स्वस्थ और रोगों को कर देगा पस्त



चने को आयुर्वेद में शारीरिक स्वास्थ्य और सौंदर्य में लाभकारी माना गया है। माना जाता है कि चना अनेक रोगों की चिकित्सा करने में भी सहायक होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। रक्ताल्पता, कब्ज, डायबिटिज और पीलिया जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है। चने के गुणों को ध्यान में रखते हुए ही हम आज आपको बताने जा रहे हैं चने का एक अनोखा प्रयोग जो ठंड में दुबले से दुबले व्यक्ति की भी हेल्थ बना देगा और बीमारियों की छुट्टी कर देगा।

एक किलो देशी चने शाम को दूध में डालकर गलाने के लिए रख दें। दूसरे दिन इन्हें खूब महीन छिलका सहित पीस कर पीठी बना लें। छोटे-छोटे बड़े बना कर शुद्ध घी में बड़े की तरह तल लें और ठंडा कर मसल लें। इस मसल ने के बाद इसे घी में सेंक लें, पीस लें। जब अच्छा सिक कर लाल हो जाए, तब उतार लें और इसमें ककड़ी के बीज, चिरौंजी, किशमिश व कतरा हुआ अखरोट डाल कर बराबर शकर की चाशनी बना कर पाक बना लें या 25-25 ग्राम के लड्डू बना लें। सुबह नाश्ते में एक लड्डू खाकर दूध पीएं। यह बहुत पुष्टि और स्फूर्ति देने वाला योग है। जिसे बच्चे, जवान और वृद्ध किसी भी आयु वाले स्त्री पुरुष सेवन कर सकते हैं। दुबले शरीर वालों को इन लड्डूओं का सेवन करना चाहिए। सयंम से रह कर कम से कम 40 दिन सेवन करना चाहिए।

मछुआरों की देवी के नाम पर बसे मुंबई और मकाऊ

मकाऊ(हांगकांग/चीन)। इस मामले में मुंबई और मकाऊ में अद्भुत समानता है कि दोनों ही शहरों के नाम मछुआरों की देवियों के नाम पर रखे गए हैं। जहां मुंबा देवी के नाम पर बना मुंबई वहीं, मकाऊ के मछुआरों की आराध्य देवी हैं मात्सु....जिनके ही नाम पर बाद में इस खूबसूरत द्वीप का नाम रखा गया। लगभग 1448 में यहां मात्सु देवी का शानदार मंदिर बनाया गया। दोनों शहरों का संयोग यहीं खत्म नहीं होता है। कभी पुर्तगालियों ने ही अपनी राजकुमारी कैथरीना ब्रगैंज की इंग्लैंड के राजकुमार से हुई शादी में मुंबई दहेज में दिया था, जिसे बाद में राजकुमार ने ईस्ट इंडिया कंपनी को एक पाउंड प्रतिवर्ष की लीज पर दे दिया था। और मकाऊ इस पर तो सन 2000 तक पुर्तगालियों का ही कब्जा था। और अगले 38 सालों तक भी मकाऊ ऑटोनॉमस ही रहेगा, यानी चीन का हिस्सा होने के बावजूद भी वहां के कानूनों से नियंत्रित नहीं होगा। सिवाए विदेशी और रक्षा संबंधी मामलों के....मकाऊ को सौंपे जाने पर यही शर्त रखी थी पुर्तगालियों ने....। शहर में घूमते समय कहीं भी नहीं लगता है कि आप चीन के किसी शहर में हैं। ऐसा लगता है कि आप अमेरिका के किसी आधुनिक शहर में तफरीह कर रहे हैं। सच में कम्युनिस्ट देश के कलेवर के नीचे एक अमेरिकन शहर का जायका देता है मकाऊ....।

फेसबुक, गूगल के कारण देश में गृहयुद्ध की स्थिति

|

नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि इंटरनेट को सेंसर करने की उसकी कोई योजना नहीं है। लेकिन यहां काम करने की इच्छुक गूगल, फेसबुक सहित सभी कंपनियों को देश का कानून मानना होगा।

सरकार ने सोशल वेबसाइट्स से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आपत्तिजनक सामग्री की अपलोडिंग रुकनी चाहिए। आईटी और टेलीकॉम सचिव आर. चंद्रशेखर ने बताया, हम किसी तरह की सेंसरशिप में विश्वास नहीं रखते। किसी भी कंपनी को काम करने के लिए उस देश का कानून मानना ही पड़ता है। हर कोई तकनीक जानता है।

कानून से बाध्यकारी होते हुए कुछ प्रक्रिया विकसित करनी जरूरी है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने कोर्ट में एक रिपोर्ट दाखिल की है। उसमें कहा गया है कि उसके पास फेसबुक, गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट सहित 21 वेबसाइट्स के खिलाफ कार्रवाई करने के पर्याप्त सबूत है। उनकी वजह से वर्गों में संघर्ष हो रहा है।

राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा भी बन रहा है। गूगल इंडिया के लिए एडवोकेट एनके कौल ने दलील दी थी कि यह मुद्दा अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता के अधिकार से जुड़ा है। लोकतांत्रिक भारत में बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार ही उसे चीन से अलग करता है।

23 जनवरी को होगी सुनवाई

गूगल इंडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की याचिका पर 23 जनवरी को हाईकोर्ट सुनवाई करेगी। निचली अदालत ने उन्हें वेबसाइट्स पर आपत्तिजनक सामग्री डालने के मामले में समन जारी किए हैं।

इसे ही उन्होंने चुनौती दी है। जस्टिस सुरेश कैत को गुरुवार को दोनों वेबसाइट्स और शिकायतकर्ता की दलीलें सुननी थी, लेकिन उन्होंने इसे 23 जनवरी के लिए टाल दिया। निचली अदालत ने 23 दिसंबर को 21 वेबसाइट्स को समन जारी किए थे। उन पर आपराधिक साजिश रचने, अश्लील किताबें एवं सामग्री युवाओं को बेचने का आरोप है।

पवार पर अन्ना के बयान से नाराज था जूता फेंकने वाला

| Email

देहरादून. देहरादून में टीम अन्‍ना के मंच पर जूता फेंका गया है, तो कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को बांदा के बाद सोनभद्र में भी विरोध का सामना करना पड़ा है। टीम अन्ना के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत अच्छी नहीं हुई है। पहले हरिद्वार में हंगामा हुआ और फिर देहरादून में किशनलाल नाम के शख्स ने टीम अन्ना के मंच पर जूता फेंक दिया। जब यह घटना हुई तब मंच पर अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि किशनलाल अन्ना हजारे की उस टिप्पणी से नाराज है जो उन्होंने शरद पवार को थप्पड़ मारे जाने की खबर सुनने के बाद की थी। तब हजारे ने कहा था, 'क्या एक ही मारा?' किशनलाल को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
दूसरी तरफ, सोनभद्र के दुद्धी में कुछ लोगों ने कांग्रेस के युवा नेता को काले झंडे दिखाकर अपने विरोध का इजहार किया। प्रदर्शनकारी योग गुरु बाबा रामदेव के समर्थक बताए जा रहे हैं। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले बांदा में भी योग गुरु के समर्थकों ने राहुल गांधी की सभा में उन्हें काली पट्टी और झंडे दिखाए थे, जिसके बाद राहुल सभा छोड़कर चले गए थे।
इससे पहले उमा भारती पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की टिप्पणी के विरोध में बीजेपी की महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने राहुल का पुतला जलाया और प्रदर्शन किया। महिला कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि राहुल गांधी उमा भारती से माफी मांगें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तराखंड में अपने चुनावी जन-जागरण अभियान की शुरुआत टीम अन्ना ने आज हरिद्वार से की। टीम अन्ना इसके बाद 22 को रुद्रप्रयाग, हल्द्वानी और 23 जनवरी को श्रीनगर में सभा करेगी। सभा में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास आदि शिरकत कर रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने अपने अभियान के बारे में बताया, '24 और 25 तारीख को टीम अन्ना पंजाब में जाएगी। यूपी में फरवरी में सभा होगी और इसके बाद गोवा जाएंगे। हम न तो किसी पार्टी का समर्थन करेंगे न ही किसी पार्टी का विरोध। हम वोटरों को बताएंगे कि लोकपाल, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर चुनाव होने चाहिए न कि जाति, धर्म या धन बल, बाहुबल के आधार पर। हम सभी पार्टियों से पूछेंगे कि सत्ता में आने पर क्या वह सशक्त लोकपाल बनाएंगे?' केजरीवाल ने कहा है कि जो लोग चुनावी फायदे के लिए प्रचार में अन्ना की तस्वीर इस्तेमाल कर रहे हैं वह गलत है।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...