आपका-अख्तर खान

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23 जनवरी 2012

राजनीती में यह जूतम पैजार क्यूँ है ..

राजनीती में यह जूतम पैजार क्यूँ है ..यह एक सवाल इस देश के लियें इस देश में वोटर्स ..इस देश की आम जनता के लियें बन गया है ...सडक हो ..सियासी गेर सियासी बैठक हो बस एक जूता चलता है और मिडिया में खबर चलती है ..जूता उछलने वाला हीरो बन जाता है ॥ पुलिस है के इस घटना को गम्भीरता से नहीं लेती और राजनितिक लोग है के बस इसे आरोप प्रत्यारोप की घटना बनाकर हंसी ठिठोली बना देते है ...लेकिन दोस्तों यह देश में ज़हर घोलने जेसी घटना है देश इन घटनाओं से आहत है और देश में एक हिंसा मारकाट की शुरुआत करने की साज़िश है जरा सोचो इस तरह की घटनाए बढ़ी और भीड़ ने अगर ऐसे जूतेबाज़ों को वहीं पीट पीट कर मार डाला तो फिर हिंसा का यह दोर थमने का नामा नहीं लेगा ..ऐसे लोग जो इस तरह की घटना में शामिल है उनका दिमागी इलाज कराकर या तो उन्हें पागलखाने भेजना चाहिए और अगर दिमागी तोर पर वोह फिट है वोह राजनीति कर रहे है वोह इस तरह की हरकत कर थोथी पब्लिसिटी जीतने की साजिशों में लगे है तो ऐसे लोगों के लियें कानून को अपना काम करना चाहिए अदालतों को भी इन अपराधियों की जमानत के मामलों को गम्भीरता से लेना चाहिए एक सभा को भडकाना ..एक विचारधारा को अपमानित करना ..सभा में विद्रोह करना ..नफरत और द्वेषता का माहोल बनाना कानून में ऐसी दर्जनों धाराएं है जो ऐसे लोगों से निपटने के लियें काफी है अगर ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कानून का सही इस्तेमाल करने लगे तो फिर दुसरा कोई नया व्यक्ति सियासत के नाम पर इस तरह की खतरनाक कृत्य न करे ....... हमारे राजस्थान की एक घटना मुझे याद आती है राजस्थान में कथित रूप से विश्व हिन्दू परिषद के नेता जी प्रवीन तोगड़िया जी ने कानून का मजाक उढ़ाते हुए ..यहाँ दो समुदायों में नफरत फेलाने की गरज से त्रिशूल धारण किया कार्यकर्ताओं को त्रिशूल धारण करवाया बात छोटी सी थी लेकिन अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे उन्होंने कानून को अपना काम करने के निर्देश दिए यकीन मानिए कानून का डंडा चला प्रवीन तोगड़िया जी गिरफ्तार हुए जेल गये जेल में मच्छरों ने काटा उनकी जमानत के प्रयास हुए तो सरकार ने भी उनकी जमानत ख़ारिज करवाने में पूरी ताकत पूरी जान लगा दी नतीजा कानून का राज स्थापित होने से तोगड़िया जी और उनके समर्थ डर गये सहम गये और अदालत को उनकी जमानत लेते वक्त कठोर शर्ते रखना पढ़ी बस इस घटना के बाद से तोगड़िया जी ने कमसे कम राजस्थान में तो कानून का पाठ पढ़ लिया और अराजकता की कार्यवाही त्याग दी ...तो दोस्तों कानून जब ऐसे शीर्ष दर्जे के लोगों को सबक सिखा सकता है तो यह गली छाप लोग किस खेत की मुली है ..इस मामले में राजनीति और समाज सेवक लोगों को भी थोड़ा चिन्तन करना होगा मनन करना होगा और एक जुट होकर ऐसे लोगों को सबक सिखाने का मन बनाना होगा ऐसी घटनाओं पर माफ़ करने की सियासत ..छोड़ देने की सियासत ..आरोप प्रत्यारोप की सियासत अगर चलती रही तो कल मेरी बारी थी आज उसकी बारी है तो कल तुम्हारी बारी आने वाली है वाली कहावत के तहत राजनीती के नाम जुत्म्पेज़ार का खेल शुरू हो जाएगा और फिर भीड़ ऐसे लोगों को पिट पिट कर हत्या करने लगेगी हर सभा कोई भी शरारती तत्व खुनी सभा में बदलने लगेगा और यह सब इस देश की संस्क्रती इस देश के सुक्ख शान्ति के लियें ठीक नहीं होगा इसलियें ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने के लियें कानून का डंडा उठाना जरूरी हो गया है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अजमेर दरगाह बम विस्फोट में शामिल आरोपी इन्द्रेश जी को सरकार बदनाम करती है या ...........

दोस्तों राजस्थान में ख्वाजा साहब की अजमेर दरगाह में निर्दोषों की बम फोड़ कर हत्या की साज़िश में शामिल पुलिस का घोषित अपराधी कल कोटा में आये थे ...जी हाँ राजस्थान सरकार और पुलिस एजेंसियों ने अजमेर बम काण्ड की अनोखी चार्जशीट पेश की है जिसमे भाजपा के मुस्लिम धर्म प्रचारक और आर एस एस के मुख्य नेता भाई इन्द्रेश जी का नाम शामिल है उन्हें इस मामले में आरोपी माना गया है चार्ज शीट में नाम है लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है ..इतना ही नहीं इन्द्रेश जी के वकील ने जब सरकार और नेताओं को मानहानि का नोटिस दिया तो सरकार ने चुप्पी साध ली ...... अब जनाब सरकारी रिकोर्ड में तो दरगाह और वोह भी मुस्लिमों की आस्था के प्रतीक स्थल अजमेर में बम फोड़ कर मुस्लिमों की हत्या करने की साज़िश के आरोपी इन्द्रेश जी तो बन ही गये लेकिन उनकी तीन दिन की हाडोती यात्रा थी उन्हें पहले बारां के मुसलमानों ने गले लगाया ..फिर झालावाड और फिर कोटा के मुसलमानों ने गले लगाया जी हां दोस्तों मुसल्मानों के गले लगाने वाली बात इसलियें कहता हूँ के उनके जहन में इस्लाम की कीमत क्या है यह तो नहीं कह सकते लेकिन उनके नाम मुसलमान जेसे है इसलियें समाज में उन्हें मुस्लिम के नाम से ही जाना जाता है कोटा में भी इन्द्रेश की सेवा कथित हाजियों दादी वालों ने की पहले भी उनकी खिदमत ऐसे लोग करते थे जो शहर काजी और दुसरे तबकों में फिरके फेला कर मुसलमानों को बांटने के कामों में जुट गए है जब से इन लोगों ने इन्द्रेश जी के सम्पर्क में आकर मुसलमानों के जाति समाज ..फिरकों का बटवारा शुरू किया है तबसे इनके मदरसे इनके दारुलुलुम का हुलिया बदल गया है रुपया पैसा कहाँ से आया यह पता नहीं लेकिन यह लोग सिर्फ और सिर्फ कोम को बांटने के कामों में लगे है ..अब भाई जब कथित रूप से नाम से मुसलमान समझे जाने वालों को एक बम विस्फोट के आरोपी बुलाएं उनसे सेवा करवाएं और फिर इनके सामने ही यह कहा जाए के तुम अल्पसंख्यक नहीं हो और फिर यह सभी लोग एक मशीनी मानव की तरह गर्दन हिलाकर उनका समर्थन करे तो फिर ऐसे लोगों को क्या कहिये ..ऐसी सरकार को क्या कहिये के एक तरफ तो वोह इन्द्रेश जी को अजमेर बम विस्फोट की साज़िश में शामिल मानती है और दूसरी तरफ उन्हें गिरफ्तार नहीं करती दोनों में से एक ही बात सच हो सकती है या तो सरकार इन्द्रेश जी से डरती है या फिर सरकार बम विस्फोट में शामिल होने की बात इन्द्रेश जी को बदनाम करने के लियें करती है और उनकी छवि बदनाम करना चाह रही है दोनों में से कोई भी बात सही हो लेकिन इससे सरकार के खोफ्नाक चेहरे का तो अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है ....और फिर कोटा में इस घटना के बाद भी कुछ तथा कथित मुस्लिमों का उनसे लगाव उनके सरकार द्वारा माने गये संदिग्ध किरदार को भी झुटलाता नज़र आता है ..इसीलियें कहते है के सरकारों और सरकार में बेठे नेताओं हिदू मुस्लिम की राजनीति न्याय अन्याय की राजनीति और राजनितिक आधार पर लोगों को बदनाम करने की राजनीती बंद करो जो अपराधी है उसे पकड़ो और जो अपराधी नहीं है उसका नाम अगर अपराध शीट में डाल दिया गया है तो अपनी गलती स्वीकार कर उनसे सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगो और अगर ऐसा नहीं है तो फिर इन्द्रेश जी ने सरकार और उनके नुमाइंदों को नोटिस तो दे ही दिया है वोह मुकदमा दर्ज करवा कर दूध का दूध और पानी का पानी क्यूँ नहीं करते यह भी तो सोचने की बात है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरी दुआ कुबूल हो खुदा से तमन्ना जरुर करना मेरी दुआ पूरी करने के लियें खुदा से सिफारिश जरुर करना

दोस्तों अस्स्लामो आलेकुम ..आदाब ..गुड मोर्निंग ॥ सुप्रभात ... खुदा से एक ही दुआ है मेरी आपको अच्छी लगे तो प्लीज़ आमीन जरुर कहना मेरी दुआ कुबूल हो खुदा से तमन्ना जरुर करना मेरी दुआ पूरी करने के लियें खुदा से सिफारिश जरुर करना ...दोस्तों मेरे देश का हर शख्स अपने देश की आन बान शान तिरंगे की सुरक्षा मान सम्मान के लियें अपनी जाना न्योछावर को तय्यार रहे ..हर शख्स की जाती ..धर्म और समाज के जो झंडे है उन्हें हटा कर सभी तिरंगे को अपना लें ..... जो लोग भटक गये है जो तमाशे करते है कहते कुछ है.. करते कुछ और है ऐसे सभी लोगों को हमारे देश के विधान संविधान के प्रति लगाव पैदा कर उनके लिए देश का संविधान और उसकी पालना प्राथमिकता बने ऐसे विचार उन सो कोल्ड देशभक्त गद्दारों के दिमाग में खुदा डाल दे ..सीमा पर जो रक्षक है वोह इतने ताकतवर और जांबाज़ इमानदार हो के सीमा पर कर दुश्मन के एजेंट जो आते है उन्हें आने से रोक दें ...ऐ खुदा ऐसे हालत पैदा कर के सभी के अपने अपने गायन से ज्यादा केवल राष्ट्रगान जन गण मन के प्रति समर्पण और विश्वास पैदा हो .... जो लोग देश तोड़ने ..जाती और धर्म के नाम पर दंगे फसादात कराने की जुगत में लगे है जो लोग देश का कानून तोड़ने वाले विदेशियों और खासकर विचारकों के चमचे बने है उन्हें अक्ल दे ताके देश में सुक्ख शांति अमन चेन बना रह सके देश की सुक्ख सम्रद्धि हो देश में शिष्टाचार बढ़े ..भ्रष्टाचार खत्म हो .सभी को प्यार मिले ..मोहब्बत मिले शिक्षा स्वष्ट और सभी सुविधाएँ मिले सुरक्षा मिले मान सम्मान मिले और जो देश के गद्दार है साबित होने पर उन्हें फांसी की सजा मिले ..देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका से कई गुना ताकतवर बने ..अखंड भारत बने ..कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हो का नारा सपना सच हो मराठियों हिंदी भाषी और दूसरी भाषाओँ का विवाद खत्म हो हिंदी राष्ट्रभाषा बने केवल संविधान की शोभा ही ना बनी रहे ..तो दोस्तों जो कुछ भी मेरे इस देश के मान सम्मान और सुक्ख सम्रद्धि के लियें बाक़ी हो वोह आप जोड़ कर सच्चे मन से गेर राजनितिक गेर मजहबी बन कर सच्चे हिन्दुस्तानी सच्चे भारतवासी बनकर खुदा इश्वर भगवान गोड वाहे गुरु से मांग डालियें और मेरे ...आपके यानी हमारे इस सपने को साकार कर डालिए क्या करोगे ऐसा ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध

बालकाण्ड

दोहा :
* अब बिनती मम सुनहु सिव जौं मो पर निज नेहु।
जाइ बिबाहहु सैलजहि यह मोहि मागें देहु॥76॥
भावार्थ:-(फिर उन्होंने शिवजी से कहा-) हे शिवजी! यदि मुझ पर आपका स्नेह है, तो अब आप मेरी विनती सुनिए। मुझे यह माँगें दीजिए कि आप जाकर पार्वती के साथ विवाह कर लें॥76॥
चौपाई :
* कह सिव जदपि उचित अस नाहीं। नाथ बचन पुनि मेटि न जाहीं॥
सिर धरि आयसु करिअ तुम्हारा। परम धरमु यह नाथ हमारा॥1॥
भावार्थ:-शिवजी ने कहा- यद्यपि ऐसा उचित नहीं है, परन्तु स्वामी की बात भी मेटी नहीं जा सकती। हे नाथ! मेरा यही परम धर्म है कि मैं आपकी आज्ञा को सिर पर रखकर उसका पालन करूँ॥1॥
* मातु पिता गुर प्रभु कै बानी। बिनहिं बिचार करिअ सुभ जानी॥
तुम्ह सब भाँति परम हितकारी। अग्या सिर पर नाथ तुम्हारी॥2॥
भावार्थ:-माता, पिता, गुरु और स्वामी की बात को बिना ही विचारे शुभ समझकर करना (मानना) चाहिए। फिर आप तो सब प्रकार से मेरे परम हितकारी हैं। हे नाथ! आपकी आज्ञा मेरे सिर पर है॥2॥
* प्रभु तोषेउ सुनि संकर बचना। भक्ति बिबेक धर्म जुत रचना॥
कह प्रभु हर तुम्हार पन रहेऊ। अब उर राखेहु जो हम कहेऊ॥3॥
भावार्थ:-शिवजी की भक्ति, ज्ञान और धर्म से युक्त वचन रचना सुनकर प्रभु रामचन्द्रजी संतुष्ट हो गए। प्रभु ने कहा- हे हर! आपकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई। अब हमने जो कहा है, उसे हृदय में रखना॥3॥
* अंतरधान भए अस भाषी। संकर सोइ मूरति उर राखी॥
तबहिं सप्तरिषि सिव पहिं आए। बोले प्रभु अति बचन सुहाए॥4॥
भावार्थ:-इस प्रकार कहकर श्री रामचन्द्रजी अन्तर्धान हो गए। शिवजी ने उनकी वह मूर्ति अपने हृदय में रख ली। उसी समय सप्तर्षि शिवजी के पास आए। प्रभु महादेवजी ने उनसे अत्यन्त सुहावने वचन कहे-॥4॥
दोहा :
* पारबती पहिं जाइ तुम्ह प्रेम परिच्छा लेहु।
गिरिहि प्रेरि पठएहु भवन दूरि करेहु संदेहु॥77॥
भावार्थ:-आप लोग पार्वती के पास जाकर उनके प्रेम की परीक्षा लीजिए और हिमाचल को कहकर (उन्हें पार्वती को लिवा लाने के लिए भेजिए तथा) पार्वती को घर भिजवाइए और उनके संदेह को दूर कीजिए॥77॥

कुरान का संदेश

मैंने घोटाला किया है, कृपया मुझे माफ कर दीजिए

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कोटा. पहले कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम से फर्जीवाड़ा कर भुगतान उठा लिया और पकड़ में आया तो लिखित में माफीनामा पेश कर दिया। मामला पकड़ में तब आया जब निगम के विधि अनुभाग ने ऑपरेटर की डिमांड की जबकि ठेकेदार वहां भी ऑपरेटर नियुक्त बताकर भुगतान उठाना चाह रहा था।
सीईओ ने ठेकेदार फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी अब इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। नगर निगम ने अलग-अलग अनुभागों में कंप्यूटर ऑपरेटर्स लगाने के लिए मैसर्स सोनी टेक कंप्यूटर को ठेका दे रखा था। यह फर्म महापौर डॉ. रत्ना जैन के ड्राइवर के बेटे की है।
इस फर्म ने विधि अनुभाग में भी ऑपरेटर लगा रखा था जिसे बाद में हटा लिया था जबकि, उसका वेतन नगर निगम से लगातार उठा रहा था। उसने 7 नवंबर व 7 दिसंबर को जो बिल पेश किए उसमें विधि अधिकारी के फर्जी साइन कर उस ऑपरेटर का भुगतान उठाना चाहा।
ऐसे पकड़ में आया था मामला
विधि अनुभाग में लंबे समय से ऑपरेटर नहीं होने के कारण विधि अधिकारी ने कई बार आयुक्त आरडी मीणा को लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवा रखा था। इसी दौरान ठेकेदार विधि अनुभाग में ऑपरेटर का वेतन भुगतान का बिल लेकर उनके पास पहुंचा। आयुक्त इसे देखकर चौंके।

एक तरफ तो ऑपरेटर की मांग और दूसरी तरफ वेतन का बिल। आयुक्त ने विधि अधिकारी से पूछा तो उन्होंने ऐसा किसी बिल वेरिफाई करने से मना कर दिया तो पोल खुल गई।
पकड़ा गया तो ठेकेदार ने दी सफाई
प्रार्थी ने 7 नवंबर व 7 दिसंबर 2011 को जो बिल संलग्न किया है। उसमें एक ऑपरेटर विधि अनुभाग में लगा रखा था। उसकी उपस्थिति की मैंने बराबर जानकारी नहीं रखी। यह मेरी गलती रही। मैंने सोचा ऑपरेटर बराबर ड्यूटी कर रहा होगा। इसलिए उसका बिल बनाकर पेश कर दिया।
पेमेंट के भुगतान का प्रेशर ज्यादा होने के कारण मैंने जल्दबाजी में स्वयं ही बिल वेरिफाई कर पेश कर दिया ताकि ऑपरेटरों को समय पर भुगतान कर सकूं। श्रीमान से निवेदन है कि मैंने जो गलती की है उसकी समस्या को मद्देनजर रखते हुए मुझे क्षमा करने की कृपा करें। आशा करता हूं कि मुझे क्षमा कर मेरे भविष्य को सुधारने का मौका देने की कृपा करेंगे।

सावधान! कहीं आप जहर वाला 'पनीर' तो नहीं खा रहे



रांची।होटलों से लेकर ढाबों व पार्टियों में जो पनीर आप चाव से खाते हैं, वो किसी जहर से कम नहीं होता। बिहारशरीफ व बख्तियारपुर से प्रतिदिन सैकड़ों टन ऐसा नकली पनीर राजधानी में आता है। दूध पाउडर, मैदा, व्हाइट ग्रीस, डिटरजेंट, गोंद व यूरिया से बने इस जहर के धंधे में शहर के कई कारोबारी शामिल हैं।

राजधानी के कारोबारियों से सीधा संपर्क

प्रतिदिन 400 टिन पनीर बिहारशरीफ व बख्तियारपुर से मंगाया जाता है। तड़के यह हरमू चौक, अरगोड़ा चौक व धुर्वा में बसों से उतारा जाता है। राजधानी के कारोबारियों का बिहार के पनीर बनाने वालों से सीधा संपर्क है। बिहारशरीफ के पुल पर मुहल्ले में नकली पनीर व नकली दूध के उत्पाद का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है।

इलेक्ट्रिक केन में बनता है पुल पर मुहल्ले के कई घरों में पनीर बनाने की मशीन है। दूध के केन जैसी दिखने वाली इस बिजली चालित मशीन में एक बार में लगभग 40 किग्रा तक पनीर बनाया जा सकता है। मशीन में सबसे पहले पानी डाला जाता है, जो लगातार गर्म होता रहता है। फिर उसमें दूध पाउडर डाला जाता है। इसके बाद यूरिया, डिटर्जेट, व्हाइट ग्रीस, मैदा व गोंद मिलाकर मिश्रण को घुमाया जाता है। थोड़ी देर में मिश्रण फट जाता है। इसके बाद पानी निकालकर नकली पनीर को टिन में पैक कर रांची भेज दिया जाता है।

असली से आधा भाव

राजधानी में सुधा का 200 ग्राम पनीर 44 रुपए में बिक रहा है। वहीं, हरमू चौक, अरगोड़ा चौक व धुर्वा आदि जगहों पर उतरने वाले नकली पनीर का कोई भाव तय नहीं होता। यह 70 से 120 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। राजधानी में दूध का भाव 30 रुपए प्रति लीटर है और एक लीटर दूध में 150 से 200 ग्राम तक पनीर निकलता है। इसे बनाने में लगभग पांच रुपए खर्च होते हैं। कुल मिलाकर 200 ग्राम पनीर में 35 रुपए खर्च होते हैं। बेचने पर मिलते हैं 44 रुपए। यानी नौ रुपए का फायदा।

ऐसे में 70 रु. या 120 रु. किलो मिलने वाला पनीर नकली नहीं, तो और क्या है। इस बात का दावा नहीं कि 200 से 250 रुपए प्रति किलो बिकना वाला पनीर असली ही होता है।

इंडियन हसबैंड का दिमाग तो उनके पेट में होता है'


दुनिया के सारे हसबैंड एक जैसे होते हैं और इंडियन हसबैंड का तो कहना ही क्या, पता है क्यों? क्योंकि उसका दिमाग तो उसके पेट में होता है अगर बीवी से खाना खराब बन गया तो उसका मूड खराब और अगर अपने पति से वो मनवाना हो, जिसके लिए वो मना कर रहा हो तो बस उसकी पसंद की डिश बना दो। आपकी फरमाइश भी वो झट से पूरी कर देगा।

ओनियन टियर की लेखिका शबनम खान ने कुछ ऐसे ही हसबैंड सीक्रेट अपनी बुक के जरिए एक्सप्लोर किए। वे कहने लगीं- मुझे एक बुक लिखनी थी तो मैंने सोचा मैं कुछ खाने पर ही लिख देती हूं, क्योंकि कहीं न कहीं इंडियन फैमिलीज में तो कहानी घूम फिर कर खाने के आसपास ही चलती है।

यहां तक कि साउथ अफ्रीका में रहने वाले इंडियंस की भी कुछ यही कहानी है। इस बुक में एक लड़की अपने हसबैंड के साथ फ्लैट में रहती है और उसे लगता है कि ऊपर वाले फ्लैट में कोई लड़की है, जो कहीं न कहीं परेशानी में है।

वो एक दिन उस फ्लैट में जाती है और उसे पता चलता है कि फ्लैट में रहने वाली लड़की परेशान है, क्योंकि उसे खाना अच्छा बनाना नहीं आता। इस वजह से उसका हसबैंड उसे मारता भी है।

तब वो बताती है कि उसका हसबैंड भी उसे मार सकता है, लेकिन वो नहीं मार पाता क्योंकि उसे अच्छे आलू के परांठे बनाने आते हैं और जाहिर सी बात है जब उसका पेट भारी हो जाता है तो हाथ उठा ही नहीं पाता।

रेनबो है साउथ अफ्रीका

शबनम कहती हैं-साउथ अफ्रीका में लोगों के अपने-अपने ग्रुप हैं और कह सकते हैं हमारा साउथ अफ्रीका तो दुनिया के अलग-अलग लोगों का एक रेनबो है। मेरी कहानी है ओनियन टीयर्स में अलग-अलग तीन पीढ़ियों के फेज हैं। मुझे यंग लड़की का हिस्सा लिखने में बहुत आसानी हुई।

लिटरेचर फेस्ट में सुमन ने सुनाए कबीर के दोहे

लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन फ्रंट लॉन में कबीर और दादू दयाल सेशन में प्रोफेसर सुमन यादव ने कबीर के दोहे गाए। साथ ही कबीर के दर्शन पर अपने विचार रखे, जिसकी फेस्टिवल में खूब प्रशंसा की गई।

सुमन ने राग तोडी में ‘जागी रे सब रैन बिहानी’ और ‘बटाऊ रे चलना आज की काल’ की प्रस्तुति दी। दादू और कबीर के पैनल डिस्कशन में सुमन ने कबीर के भजन ‘मन लागा मेरा यार फकीरी में’ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंच पर उनके साथ पुरुषोत्तम अग्रवाल, शबनम विरमानी, मोनिका टेटलबैक और अरविंद के . मेहरोत्रा उपस्थित थे।

दूसरा 'निठारी' बनता जा रहा है कुकुरबेड़ा, अभी 1800 लोग हैं गायब


रायपुर। कुकुरबेड़ा से गुमशुदा लोगों के कंकाल मिलने के बाद पुलिस का अमला सहमा हुआ है। पुलिस रिकार्ड रायपुर जिले में ही 18 सौ लोग गायब हैं। इनमें महिलाओं की संख्या एक हजार से ज्यादा है। गायब लोगों में कुछ ऐसे हैं, जिनका पांच-पांच साल से पता नहीं हैं। पुलिस उन्हें तलाश करना तो दूर यह भी मालूम नहीं कर सकी है कि गायब लोग अभी जिंदा हैं या नहीं?

कुकुरबेड़ा में कई लोगों की हत्याओं का मामला उजागर होने के बाद आला अफसरों का ध्यान गुमशुदा लोगों की लंबी फेहरिस्त की ओर गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिपांशु काबरा ने अफसरों की बैठक लेकर उन्हें गुमशुदा लोगों का रिकार्ड नए सिरे से चेक करने के निर्देश दिए। उन्होंने थानेदारों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके क्षेत्र में कितने लोग और कब से गायब हैं। रिपोर्ट के साथ यह जानकारी भी देने को कहा गया है कि गायब लोगों की खोजबीन के संबंध में क्या-क्या किया गया और कहां जाकर तहकीकात अटकी। कुकुरबेड़ा का मामला भी ऐसा ही था। यहां एक ही परिवार के तीन सदस्य गायब थे, लेकिन शिकायत के बावजूद थाना स्तर पर उनकी खोजबीन के कोई प्रयास नहीं किए गए।


जिम्मेदार अधिकारियों ने भी यह जानने की कोशिश नहीं की थी कि आखिर एक परिवार से तीन-तीन लोग गायब कैसे हो गए? इस बात से आला अफसर बेहद नाराज हैं। हालांकि पुलिस ने अब उनके शव बरामद कर लिए हैं, लेकिन इसमें डेढ़-दो साल लग गए। यह काम भी डीजीपी की चिट्ठी के बाद हुआ। इस दौरान लाशें कंकाल में तब्दील हो गईं।


पांच साल में 1741 हो गए गायब


वर्ष बालक बालिका पुरुष महिला कुल
2007 15 69 70 80 234
2008 23 40 84 85 232
2009 18 78 78 100 274
2010 41 78 110 138 367
2011 48 148 166 272 634
कुल 145 413 508 675 1741

दोबारा खुलेगी फाइल


रायपुर जिले ही नहीं छत्तीसगढ़ से गायब तमाम लोगों की फाइल दोबारा खुलेंगी। पुलिस मुख्यालय ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। फरमान देने के आला अलावा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तत्काल मांगी गई है कि खोजबीन के लिए क्या-क्या प्रयास किए गए।

गुप्त नवरात्रि कल से, मिल सकती हैं चमत्कारी शक्तियां

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हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 24 जनवरी, मंगलवार से प्रारंभ हो रही है।

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का समय शाक्य एवं शैव धर्मावलंबियों के लिए पैशाचिक, वामाचारी क्रियाओं के लिए अधिक शुभ एवं उपयुक्त होता है। इसमें प्रलय एवं संहार के देवता महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। इन्हीं संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। ऐसी साधनाएं शाक्त मतानुसार शीघ्र ही सफल होती है। दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पंचमकार की साधना इसी नवरात्रि में की जाती है।

आषाढ़ मास की नवरात्रि की तरह माघ मास की नवरात्रि को भी गुप्त नवरात्रि कहते हैं। लेकिन इन दोनों में काफी भिन्नताएं हैं। आषाढ़ मास की नवरात्रि में जहां वामाचार उपासना की जाती है वहीं माघ मास की नवरात्रि में वामाचार पद्धति को अधिक मान्यता नहीं दी गई है। ग्रंथों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष का विशेष महत्व है। शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इन्हीं कारणों से माघ मास की नवरात्रि में सनातन, वैदिक रीति के अनुसार देवी साधना करने का विधान निश्चित किया गया है।

मामूली मूली का कमाल: पढ़े और जानें ये क्यों है इतनी खास


मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है। मूली में विटामिन ए भी होता है। विटामिन बी और सी भी इससे प्राप्त होते हैं। जिसे हम मूली के रूप में जानते हैं, वह धरती के नीचे पौधे की जड़ होती हैं। धरती के ऊपर रहने वाले पत्ते से भी अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

सामान्यत: हम मूली को खाकर उसके पत्तों को फेंक देते हैं। यह गलत आदत हैं। मूली के साथ ही उसके पत्तों का सेवन भी किया जाना चाहिए। सामान्यत: लोग मोटी मूली पसन्द करते हैं। मुली का उपयोग सलाद के रूप में किया जाता है इसका कारण उसका अधिक स्वादिष्ट होना है, मगर स्वास्थ्य तथा उपचार की दृष्टि से छोटी, पतली और चरपरी मूली ही उपयोगी है। ऐसी मूल वात, पित्त और कफ नाशक है।

इसके विपरीत मोटी और पकी मूली त्रिदोष कारक मानी जाती है।मूली कच्ची खायें या इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं, हर प्रकार से बवासीर में लाभदायक है। गर्दे की खराबी हो सकती है।मूली खाने से मधुमेह में लाभ होता है।एक कच्ची मूली नित्य प्रात: उठते ही खाते रहने से कुछ दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है। खट्टी डकारें आती हो तो एक कप मूली के रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है। मासिकधर्म की कमी के कारण लड़कियों के यदि मुहांसे निकलते हों तो प्रात: पत्तों सहित एक मूली नित्य खाएं।मूली खाने से मधुमेह में लाभ होता है।रोज मूली खाने से शरीर की खुश्की दूर होती है। मूली के रस में नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की रंगत निखरती है।त्वचा के रोगों में यदि मूली के पत्तों और बीजों को एक साथ पीसकर लेप कर दिया जाये, तो यह रोग खत्म हो जाते हैं।

लहसुन का अनोखा फेसपैक : स्कीन हो जाएगी पिंपल्स फ्री




यौवन के दहलीज पर कदम रखते ही कई युवक व युवतियों को मुंह पर छोटे-छोटे दाने या फुन्सियां निकलती है जिनसे चेहरा कुरूप लगने लगता है। इसे मुंहासे कहते हैं। अधिकतर ये तैलीय त्वचा पर निकलते हैं अत: चेहरे क्रीम तेल कोई चिकनाई युक्त पदार्थ न लगाएं ये हार्मोन की गड़बड़ी, त्वचा की सफाई न करने, पेट की खराबी से भी होते हैं।

इन्हें हाथ से न फोड़ें निशान पड़ जाते हैं। मुंहासे खाने पीने की गलत आदत से भी होते हैं। कारण जब पेट अपना काम सुचारू रूप से नहीं करता जिसकी वजह से जो भी टॉक्सिक बाहर आ जाना चाहियें वो नहीं आ पाता तथा रक्त में जहरीले पदार्थ फैल जाते हैं और वह इस रूप में बाहर निकलते हैं। ऐसे भोजन जिनमें स्टार्च, प्रोटीन, वसा अधिक होता है उनसे बचना चाहिये। साथ ही नीचे लिखा आयुर्वेदिक फैसपेक भी उपयोग करें।

फैसपेक-
मुंहासे+ लहसुन की कोपलें+ मजीठ + लालचंदन+मसूर+ लोध- इन सबको जल के साथ महीन पीसकर रात को मुहांसों पर लगाकर सो जाएं और सबेरे गुनगुने जल से धो लेना चाहिए।

जूता उछाले जाने पर राहुल ने कहा- फेंको, फेंको और फेंको



देहरादून. यहां आज राहुल गांधी की सभा में एक शख्‍स ने मंच की तरफ जूता फेंका। इस घटना के बाद सभा में हंगामा मच गया। जूता फेंकने का आरोपी हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस महासचिव ने इस घटना पर कहा कि वह किसी के जूता फेंकने से नहीं घबराते हैं। राहुल अपना सुरक्षा घेरकर तोड़कर जनता से भी मिले।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस घटना को आरएसएस-बीजेपी-रामदेव की साजिश करार दिया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि रामदेव सबसे बड़े ठग हैं और उन्‍होंने काले धन को सफेद बनाने के लिए रामदेव ने कमीशन लिया है।

जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने राहुल की इस प्रतिक्रिया की सराहना की है। उन्‍होंने तत्‍काल ट्विट किया, ‘जूता फेंकने पर राहुल की प्रतिक्रिया मुझे अच्‍छी लगी –फेंको, फेंको और फेंको।’

कांग्रेस महासचिव की ओर जूता फेंके जाने की घटना उस वक्‍त हुई जब राहुल यहां के विकासनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। राहुल ने जैसे ही ‘इंडिया शाइनिंग’ के स्‍लोगन को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया, एक शख्‍स ने जोर से ‘कलमाड़ी’ का नाम लेते हुए मंच की ओर जूता फेंका। हालांकि जूता मंच की ओर नहीं जा सका। एसपीजी और स्‍थानीय पुलिस के जवानों ने तुरंत ही इस शख्‍स पर काबू पा लिया और उसे हिरासत में ले लिया।

जूता फेंकने वाले शख्‍स ने कहा, ‘हमें चाहे जितनी भी बार रोकने की कोशिश की जाए, हम रुकने वाले नहीं हैं।’ जूता फेंकने वाला युवक स्‍थानीय दुकानदार बताया जा रहा है। देहरादून के एसएसपी जी एन गोस्‍वामी ने बताया कि जूता कांग्रेस महासचिव से 10 मीटर की दूरी पर गिरा। एसएसपी के मुताबिक युवक का नाम कुलदीप है और उससे पूछताछ की जा रही है।

युवक ने जब राहुल गांधी की तरफ जूता फेंका तो वहां मौजूद भीड़ ने उसे पकड़ लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस पर राहुल ने अनुरोध किया, ‘भैया, मारो मत उसको, छोड़ दो।’ इस दौरान राहुल समर्थकों ने ‘राहुल गांधी जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस घटना के बाद भी राहुल ने अपने संबोधन में भाजपा को निशाने पर लिया।

हाल में देहरादून में ही टीम अन्‍ना की सभा में एक शख्‍स ने मंच की तरफ जूता फेंका। दिल्‍ली में बाबा रामदेव पर एक शख्‍स ने स्‍याही फेंक दी तो इसके बाद दिल्‍ली में कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर लगी सोनिया गांधी की तस्‍वीर पर कालिख फेंकी गई थी। इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री पी चिदंबरम की तरफ भी जूते चले हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को तो एक शख्‍स ने थप्‍पड़ जड़ दिया था।

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