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24 जनवरी 2012

सियासत से जुड़े च्न्दाखोर फर्जी मुफ्ती और मोलाना कोटा शहर काजी के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे .......उनसे सावधान रहने की जरूरत

दोस्तों कोटा में इन दिनों अप्रवासी मोलानाओं ने मजहब के नाम पर रोज़गार चलाने का विरोध करने वालों का एक योजनाबद्ध तरीका निकाल लिया है ..पिछले दिनों अजमेर बम काण्ड में शामिल होने की चर्चा में रहे करीबी कुछ कोटा के मोलानाओं और फर्जी मुफ्ती ने इस कमान को अपने हाथ में लिया है ...........देश में इन्डियन क़ाज़ी एक्ट बना हुआ है इस कानून के तहत प्रत्येक जिले का एक काजी होगा और वोह आम जनता की मदद से अलग अलग कस्बों या स्थानों में नायब काजी की नियुक्ति करेगा ऐसा कानून है ..कोटा के शहर क़ाज़ी इस्लाम के जानकार इस्लाम के मानने वाले है इसलियें वोह धर्म के नाम पर सियासत ..धर्म के नाम पर लोगों को डरा धमका कर अवेध चोथ वसूली के खिलाफ हैं वोह धर्म के नाम पर तन्त्र मन्त्र विद्या का डर बताकर रूपये एंठने वालों के भी खिलाफ हैं जबकि मजहब के खिलाफ प्रदर्शनों और चन्देबाज़ी के भी वोह खिलाफ रहे है ..कोटा में ही नहीं पुरे हिन्दुस्तान में एक मात्र दुनियावी तालीम के साथ साथ इस्लामिक तालीम के जानकार शहर काजी अनवर अहमद का प्रशासन और हुकूमत में बुलंदी पर मर्तबा है ...वोह जहां तबलीग करने जाते है वहां लोगों से कहते है के मज़हब को मज़हबी तालीम को पेट पालने का जरिया ना बनाओं लेकिन कोटा में तो इस मामले में फेक्ट्रियां खुल गयी हैं ..कोटा में हर घर ..गली मोहल्ल्ले में ऐसे मदरसे बना दिए गये है जहाँ मोलवी ..मोलाना ..हाफिज़ तय्यार किये जा रहे है ..उनमे पढ़ने वालों की डिग्री कहाँ से प्राप्त करी कोटा में जो दारुल उलूम चल रहे है उसमे मुफ्ती कोन है उसकी डिग्री कहाँ से प्राप्त की गयी ...डिग्री है भी या नहीं ...अगर है तो असली डिग्री है या नकली ...इसकी भी कोई जान्च नहीं है यहाँ तक के मस्जिदों में पढ़ने वाले मोलानाओं की बाकायदा कमिशन पर नियुक्ति का खेल चल रहा है ................मस्जिदों में पढाने वालों ने अपना रोजार धर्म से पेट पलने का बना लिया है ......कुरान में जो लिखा है के थोड़े से मोल में भी मेरी आयतों का मोल मत करो और यह थोड़ा सा मोल पूरी दुनिया पूरी कायनात भी कोई दे तो भी काम है ..फिर भी कोटा के कथित ट्रेंड अन ट्रेंड मोलाना यह सब अपराध कर रहे है ॥ यह लोग मजारों पर मुजाविरी के झगड़ों में मुब्तिला है तो कई वक्फ के कब्जेदार है तो कई मदरसों के चंदे और उसकी बन्दर बाँट को लेकर आपस में भी मुकदमे बाजियों में उलझ गये है किरदार इतना बुलंद है के कुछ के खिलाफ लडकी छेड़ने के मुकदमे चल रहे है कुछ एक मोलाना असारुल हक के पैरोकार है जिन पर उनकी शिष्या से ही निकाह करने के आरोप लगे थे खेर यह उनकी निजी जिंदगी है लेकिन अब इन कथित लोगों ने कोटा की जनता और खासकर मुसलमानों में एक जहर घोलने की शुरुआत कर दी है इसमें मुस्लिम आर एस एस यानि राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच माई हिन्दुस्तान से जुड़े कोटा के मुफ्ती मोलाना भी एक विशेष एजेंडे के तहत शामिल हो गये है और वोह कोटा में ही नहीं राजस्थान में ही नहीं पुरे देश में सच के अलावा किसी के आगे नहीं झुकने वाले जनाब काजी ऐ शहर कोटा अनवर अहमद के खिलाफ मोर्चेबंदी में लगे है उनके खिलाफ अफवाहें और झूंठी बातें कर उन्हें बदनाम करने की साजिशों में लगे हैं दोस्तों यह वोह मोलाना है जो मोलाना और मोलवी गिरी कम और चन्देबाज़ी और राजनीति करते है कई लोग इनमे से कभी भाजपा तो कभी कोंग्रेस के नेताओं के तलवे चाटते देखे जा सकते है ..कोटा के मुसलमान शहर काजी कोटा की आवाज़ पर आज भी एक जुट होकर जान देने को तय्यार बेठे है बस यही बात इन फित्नाखोरों को अकरती है और यह अब भोले भाले मुसलमानों को बांटने की साजिशों में लग गये है ..इन लोगों ने खुद विधिविरुद्ध निकाह नामे तय्यार कर निकाह के नाम पर कमाई शुरू कर दी है ..खुद चंदा कर जकात का रुपया इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है ..खुद ईद और ब्क़्राएइद की अलग से नमाज़ पढ़ना शुरू कर दिया है यानी कोटा के एक मुसलमान को तोड़ने की साजिशों में यह लोग कामयाब होने लगे है ..अभी इन लोगों ने कोटा शहर काजी के नाम से एक अफवाह फेलाई जिसमे कहा गया के शहर काजी का एलान है के जिस घर में एक बच्चा है वोह एक एक रुपया इकठ्ठा कर ग्यारह रूपये मस्जिद में दे या फातिहा दिलाये नहीं तो उसका बच्चा नहीं बचेगा कितनी गलत बात है यह तो कोई बात नहीं अभी विज्ञानं नगर में एक मय्यत हुई उसकी नमाज़े जनाज़ा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ने पढाई ..बस क्या था कुछ तन्ख्य्ये मोलानाओं ने अपने आकाओं के इशारे पर मुसलमानों को बांटने के अभियान के तहत इस नमाज़ में शामिल लोगों की आलोचना की उन्हें डराया धमकाया उन्हें कहा गया के तुम्हारा ईमान ख़ारिज हो गया है ताज्जुब तो यह है के बिना पढ़ा लिखा और पढ़ा लिखा मुसलमान अब इन मुस्लिम समाज को विभाजित करने वाले गद्दारों और दलालों की बातों में आने भी लगा है ......दोस्तों यह वोह लोग है जिन्हें भाजपा के नेताओं ..अपराधिक परवर्त्ती के लोगों ..गुंडे बदमाशों से चंदे लेने में कोई तकलीफ नहीं होती है ...इनके इर्द गिर्द अपराधी और हिस्ट्री शीटर ..अल्लाह की राह में समर्पित संपत्ति वक्फ के कब्जेदार रहते है ....यह वोह लोग है जो भाजपा और मुस्लिम आर एस एस माई हिन्दुस्तान राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के कार्यक्रमों के आयोजक होते है उसमे मंच पर आर एस एस के नेताओं के साथ बेठ कर मालाएं पहनते हैं उन्हें मालाएं पहनाते है ऐसे लोगो को क्या कहिये लेकिन इसके लियें तो कोटा के मुसलमानों को खुद आत्मसात करना होगा ..अपने जमीर में झांकना होगा उन्हें देखना होगा के जो लोग गुंडे बदमाशों के साथ रहते है .जो लोग गेर इस्लामिक लोगों को अपना आका बनांते है जो लोग अपने मदरसों के लियें अपराधिक लोगों से चंदे लेते है ..जो लोग कुरान की आयतों का मोल करते है ..जो लोग अल्लाह के नाम पर फितना फेलाने की कोशिश कर मुसलमान को मुसलमान से लडाने के लियें ज़हर घोल रहे है ऐसे लोगों से केसे निपटना चाहिए दोस्तों अगर नहीं समझे इन शरारती लोगों की चालों को कोटा के मुसलमान तो कोटा में एक कर्बला यह लोग बनाने का सपना जो यह लोग देख रहे है वोह निर्दोषों की खून की नदियों के बाद भी शांत नहीं हो पायेगा इसलियें ऐसे लोग जो मजहब...धर्म के नाम पर लोगों को बाँट रहे है शहर काजी के खिलाफ अफवाहें फेलाकर मुसलमानों को भडका रहे है बिना डिग्री के मुफ्ती गिरी कर रहे है मोलाना मोलवी है या नहीं लेकिन तनख्वाह पर नमाज़ें पढ़ा रहे है उनेह बेनकाब कर समाज से अलग थलग करना होगा या उन्हें समझाईश कर उनकी हरकतों से उन्हें बाज़ रहने के लियें तय्यार रहना होगा वरना सब जानते है के चाँद पर थूकने वालों का थूक वापस उन्ही पर आता है और शहर काजी अनवर अहमद को बदनाम करने की कोई भी साज़िश ऐसे कथित लोगों को ही बेनकाब कर रहे है ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सौर तूफान से पृथ्वी पर रेडिएशन की बौछार

world news


वाशिंगटन। सूर्य 2005 के बाद अब तक के जबरदस्त सौर तूफान के जरिए पृथ्वी पर रेडिएशन की बौछार कर रहा है। रविवार को सौर लपटें पैदा हुई थीं और पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डाल रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता रेडिएशन को लेकर है। कोलोराडो स्थित नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन्स स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर के मुताबिक इससे उपग्रह संचार में बाधा पहुंचती है और अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों पर असर होता है।

यह धु्रवों पर गुजरने वाले विमानों के लिए संचार समस्या पैदा कर सकता है। सेंटर के भौतिकविद डी बिएसेकर ने यह जानकारी दी। रविवार की लपट से उठा रेडिएशन करीब एक घंटे बाद धरती तक पहुंचा और इसके बुधवार तक जारी रहने की संभावना है। सेंटर के टेरी ओंसागेर ने बताया, जब रेडिएशन के कण पृथ्वी से टकराते हैं तो वे हमारे सुरक्षा कवच को भेदकर चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। इस भीषण ऊर्जा से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में जबर्दस्त उतार-चढ़ाव होता है और सबकुछ गaमa हो जाता है।

बिजली और उपग्रह सेवा हो सकती है बाघित
सूर्य की लपटों से बिजली ग्रिड और उपग्रह सेवाएं भी बाधित होने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर रह रहे वैज्ञानिकों को सौर विकिरण के दुष्प्रभाव से अपने बचाव के लिए यान के विशेष हिस्से में जाने की सलाह दी गई है।

दो महिलाओं ने रचाया आपस में ब्याह, अब पशोपेश में हाईकोर्ट

अम्बाला. चंडीगढ़ .अम्बाला में दो महिलाओं की आपस में शादी के बाद सुरक्षा दिए जाने के सवाल पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पशोपेश में है।

मंगलवार को अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार के वकील व समलैंगिक विवाह की वैधता पर एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) नियुक्त वकील से पूछा कि इससे पहले यदि इस तरह के मामले हुए हैं तो उन पर क्या किया गया। समय दिए जाने की मांग पर अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब अदालत समलैंगिक विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट के परिप्रेक्ष्य में सुन रही है।

इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है।

अम्बाला पुलिस ने कहा कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। उधर, दोनों महिलाओं ने कहा कि उन्हें जान का खतरा है इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए।

युवक को घसीटते हुए महिला पहुंची कोर्ट, उसकी बात सुन जज अवाक


इंदौर। जिला अदालत में मंगलवार को हुई घटना से सभी हतप्रभ रह गए। महिला एक युवक को पीटते-घसीटते लाई और न्यायाधीश से कहा कि इसने मेरे पुत्र की जमानत के लिए आपके नाम पर पांच हजार रुपए लिए। जज यह सुनकर अवाक् रह गए। उन्होंने युवक को पुलिस को सौंप दिया।


विशेष न्यायाधीश गौरीशंकर दुबे की अदालत में घनश्यामदासनगर निवासी चंदाबाई पति कुंजीलाल पहुंची और दया की गुहार की- साहब मेरा लड़का गोविंद श्रीनगर कॉलोनी के तिहरे हत्याकांड में जेल में है और बीमार है। न्यायाधीश ने उसे समझाया प्रकरण विचाराधीन है और जमानत की कार्रवाई नियमानुसार होती है। हम जेल के डॉक्टर को आपके पुत्र का अच्छा इलाज करने के लिए आदेश दे देंगे। इस पर महिला कोर्ट कक्ष से चली गई।

कुछ ही देर में वही महिला विजय शर्मा नामक व्यक्ति को पीटते और घसीटते हुए न्यायाधीश के सामने लेकर आई। जज ने पूछा- यह क्या है? महिला ने कहा साहब, यही वह व्यक्ति है जिसने मुझसे मेरे पुत्र की जमानत के नाम पर पांच हजार रुपए लिए और कहा जज साहब से बात करके जमानत करवा दूंगा। अब यह चक्कर लगवा रहा है। इस पर जज ने आरोपी को कटघरे में खड़ा कर दिया। बाद में आरोपी को महिला के आवेदन के साथ एमजी रोड पुलिस को नियमानुसार कार्रवाई के आदेश के साथ भिजवा दिया।

इस तस्वीर से निकलने लगे खून के आंसू, लोगों ने कहा चमत्कार


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रायपुर/महादेवडांड़।क्षेत्र के कजरा पारीस के रमसमा चर्च में रखी माता मरियम की तस्वीर से खून के आंसू निकलने की खबर पर वहां देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। यह चित्र 14 जनवरी की शाम एक महिला चर्च में छोड़कर चली गई थी।

कलिबा निवासी संजीता तिर्की को सपने में आया कि माता मरियम रो रही हैं। उसकी कुछ समझ में नहीं आया तो वह अपने पास रखी माता मरियम की तस्वीर 14 जनवरी की शाम चर्च में रख कर चली गई।

क्या कहते हैं जानकार

ऐसी घटनाएं मानव निर्मित, भौतिक या प्राकृतिक गुणों के कारण हो सकती हैं। किसी भी धर्म या समूह में बिखराव का भय होता है तब भगवान के दूध पीने या अन्य ऐसी घटनाएं सामने आतीं हैं। धर्म या समूह ऐसी घटना को आस्था से जोड़ देता है। इससे समाज में अंधश्रद्धा का ही प्रसार होता है।

एसएन पाठक, समाजशास्त्री

बिना परीक्षण किए स्पष्ट कारण नहीं बताया जा सकता। कभी-कभी जो व्यक्ति मानसिक रूप से कुंठित होता है, वह सपने में भगवान के आने या ऐसी ही किसी विशेष घटना का जिक्र कर मानसिक संतुष्टि व प्रसिद्धि पाना चाहता है। इस घटना में ऐसा हो सकता है। फोटो से आंसू निकलना संभव नहीं है, यह एक प्रकार का ‘इलुसन’ है।

पीपी सैकिया, मनोवैज्ञानिक, गुवाहाटी

कांग्रेस का मोदी को समर्थन! गुजरात की ‘दुर्लभ’ घटना

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दाहोद। गुजरात के राजनीतिक इतिहास में एक दुर्लभ कही जाने वाली घटना सामने आई है। इसे दुर्लभ इसीलिए भी कहा जा सकता है कि इस समय पूरे गुजरात में कांग्रेस मोदी के ‘सद्भावना उपवास’ को निशाना बना रही है। मोदी के उपवास के जवाब में जगह-जगह कांग्रेस भी ‘सत्कर्म उपवास’ कर रही है।

दरअसल गुजरात कांग्रेस में उथल-पुथल मचा देने वाली यह घटना कुछ ऐसी है... सोमवार को दाहोद तहसील पंचायत की आम सभा आयोजित हुई। इस सभा के ऐजेंडे में कुल पांच मुद्दे शामिल किए गए। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सदभावना उपवास को समर्थन दिए जाने का मुद्दा भी शामिल था। आखिरकार जिले में एकमात्र कांग्रेस शासित तहसील पंचायत ने भी मोदी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। कांग्रेस शासित पंचायत के इस फैसले से गुजरात कांग्रेस की राजनीति मंे उथल-पुथल मच गई है।

दाहोद जिले की सात तहसील पंचायतों और जिला पंचायतों में से एकमात्र दाहोद तहसील पंचायत में ही कांग्रेस का शासन है। आपको बताते चलें कि यहां पर भी कांग्रेस ने बहुत मामुली अंतर से ही जीत दर्ज की थी।

दूसरी तरफ इस समय गुजरात में जगह-जगह मोदी सदभावना मिशन का एकदिवसीय उपवास का कार्यक्रम चल रहा है। और कांग्रेस इसका सत्कर्म उपवास करके अपना विरोध दर्ज करा रही है। दाहोद में भी 4 फरवरी को मोदी का एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम आयोजित होना है। दाहोद पंचायत द्वारा मोदी को समर्थन देना कहीं मोदी के सदभावना उपवास की सफलता की ओर इशारा तो नहीं कर रहा?

श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध

बालकाण्ड

दोहा :
* अब बिनती मम सुनहु सिव जौं मो पर निज नेहु।
जाइ बिबाहहु सैलजहि यह मोहि मागें देहु॥76॥
भावार्थ:-(फिर उन्होंने शिवजी से कहा-) हे शिवजी! यदि मुझ पर आपका स्नेह है, तो अब आप मेरी विनती सुनिए। मुझे यह माँगें दीजिए कि आप जाकर पार्वती के साथ विवाह कर लें॥76॥
चौपाई :
* कह सिव जदपि उचित अस नाहीं। नाथ बचन पुनि मेटि न जाहीं॥
सिर धरि आयसु करिअ तुम्हारा। परम धरमु यह नाथ हमारा॥1॥
भावार्थ:-शिवजी ने कहा- यद्यपि ऐसा उचित नहीं है, परन्तु स्वामी की बात भी मेटी नहीं जा सकती। हे नाथ! मेरा यही परम धर्म है कि मैं आपकी आज्ञा को सिर पर रखकर उसका पालन करूँ॥1॥
* मातु पिता गुर प्रभु कै बानी। बिनहिं बिचार करिअ सुभ जानी॥
तुम्ह सब भाँति परम हितकारी। अग्या सिर पर नाथ तुम्हारी॥2॥
भावार्थ:-माता, पिता, गुरु और स्वामी की बात को बिना ही विचारे शुभ समझकर करना (मानना) चाहिए। फिर आप तो सब प्रकार से मेरे परम हितकारी हैं। हे नाथ! आपकी आज्ञा मेरे सिर पर है॥2॥
* प्रभु तोषेउ सुनि संकर बचना। भक्ति बिबेक धर्म जुत रचना॥
कह प्रभु हर तुम्हार पन रहेऊ। अब उर राखेहु जो हम कहेऊ॥3॥
भावार्थ:-शिवजी की भक्ति, ज्ञान और धर्म से युक्त वचन रचना सुनकर प्रभु रामचन्द्रजी संतुष्ट हो गए। प्रभु ने कहा- हे हर! आपकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई। अब हमने जो कहा है, उसे हृदय में रखना॥3॥
* अंतरधान भए अस भाषी। संकर सोइ मूरति उर राखी॥
तबहिं सप्तरिषि सिव पहिं आए। बोले प्रभु अति बचन सुहाए॥4॥
भावार्थ:-इस प्रकार कहकर श्री रामचन्द्रजी अन्तर्धान हो गए। शिवजी ने उनकी वह मूर्ति अपने हृदय में रख ली। उसी समय सप्तर्षि शिवजी के पास आए। प्रभु महादेवजी ने उनसे अत्यन्त सुहावने वचन कहे-॥4॥
दोहा :
* पारबती पहिं जाइ तुम्ह प्रेम परिच्छा लेहु।
गिरिहि प्रेरि पठएहु भवन दूरि करेहु संदेहु॥77॥
भावार्थ:-आप लोग पार्वती के पास जाकर उनके प्रेम की परीक्षा लीजिए और हिमाचल को कहकर (उन्हें पार्वती को लिवा लाने के लिए भेजिए तथा) पार्वती को घर भिजवाइए और उनके संदेह को दूर कीजिए॥77॥

कुरान का संदेश

राजस्थान का मेनेजमेंट उत्तरप्रदेश कोंग्रेस का भक्षक बन गया है

राजस्थान का मेनेजमेंट उत्तरप्रदेश कोंग्रेस का भक्षक बन गया है पहले गोपालगढ़ और फिर सलमान रुश्दी के मामले में राजस्थान सरकार का जो मेनेजमेंट रहा है उसने उत्तर प्रदेश में कोंग्रेस के बढ़ते हुए हाथ रोक दिए हैं में खुद बुनकर फ़ोरम से जुड़े रहने की वजह से उत्तर प्रदेश में बुनकरों के लियें कोंग्रेस द्वारा दिए गये पैकेज के बाद अपने चुनाव प्रचार में कोंग्रेस को वहां सत्ता में बेठे देखना चाहता हूँ लेकिन हर जगह अव्वल तो कोंग्रेस मिस मेनेजमेंट के कारण राहुल गाँधी और प्रियंका की मेहनत पर पानी फिर रहा है .......दुसरे पड़ोसी राज्य होने के कारण वहां के मुस्लिमों पर राजस्थान के मेनेजमेंट का सीधा असर पढ़ रहा है पहले गहलोत सरकार में गोपालगढ़ कांड फिर उससे निपटने में कोंग्रेस की हठधर्मिता और लापरवाही और फिर राहुल गांधी के सक्रिय होने के बाद उस पर लिपा पोती से उत्तर प्रदेश के लोग काफी खफा थे और कोंग्रेस के बढ़े हुए हाथों को रोकने का संकल्प लिए हुए थे ....यह जख्म भुला भी देते लेकिन तुरंत नया जख्म जयपुर लिटरेचर फेस्टिवेल में कोंग्रेस सरकार की बाल बुद्धि ने कर दिखाया है यहाँ कोंग्रेस ने फिर खुद की सरकार को कमजोर साबित किया है ..सलमान रुश्दी का भारत में आगमन को लेकर जो चर्चाएँ थीं पहले तो उस मामले में आयोजकों को भरोसे में नहीं लिया गया ओर जो आयोजक थे उन्होंने सरकार की कोई बात नहीं मानी सरकार चाहती तो सलमान रुश्दी को आने देती ..उसका आना कोई अपराध नहीं है लेकिन उसकी प्रतिबंधित किताब के बारे में वोह अगर चर्चा करता तो उसे गिरफ्तार कर सरकार अगर सज़ा दिलवाती तो लगता के सरकार कानून पसंद है इमानदारी से दोषी को दंडित करना चाहती है अगर रुश्दी ख़ामोशी से आते और विवादित नहीं रहते तो फिर उनका विरोध करने वालों से सरकार सख्ती से निपटती लेकिन सरकार ने तो इस मामले में कमाल ही कर दिया रुश्दी नहीं तो उनके एजेंट विवादित किताब पढ़ गये और उनके खिलाफ सरकार ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया ..अपराधी राजस्थान आये अपराध किया और चले गये ..उन्हें सा दिलवाने के लियें मजबूरी में कुछ लोगों को आवाज़ उठाना पढ़ी अदालत का रास्ता देखना पढ़ा यह सब सरकार की सहत के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ खेर सरकार का क्या लेकिन इसकी हवा तोड़ मरोड़ कर उत्तर प्रदेश में विरोधी लोग बना रहे है और उत्तरप्रदेश में राहुल गाँधी ..प्रियंका ने जहाँ अपनी कड़ी महनत से कोंग्रेस के ग्राफ को साँझा सरकार की तरफ मजबूती से बढाया था वहीं कोंग्रेस के मुस्लिम वोट फिर से खिसक जाने के कारण कोंग्रेस बिखरने लगी है उत्तरप्रदेश के लोगों का तो साफ़ कहना है के उत्तरप्रदेश में जो कुछ भी कोंग्रेस की दुर्गति हो रही है उसके लियें राजस्थान सरकार के नोसिखिये निर्णय ही ज़िम्मेदार है ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐसी मान्यता है के इन टोटकों से लकवा भी ठीक हो जाता है

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लकवा एक ऐसी बीमारी है जो अचानक ही किसी हंसते-खेलते व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेती है। मेडिकल साइंस के इस दौर में लकवा का ईलाज भी संभव है। यदि ईलाज करवाने के साथ-साथ नीचे लिखे कुछ टोटके भी करें तो संभव है लकवा से पीडि़त व्यक्ति और भी जल्दी ठीक हो जाए।

टोटके

- एक काले कपड़े में पीपल की सूखी जड़ को बांधकर लकवा से पीडि़त व्यक्ति के सिर के नीचे रखें तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा।

- प्रत्येक शनिवार के दिन एक नुकीली कील द्वारा लकवा पीडि़त अंग को आठ बार उसारकर शनिदेव का स्मरण करते हुए पीपल के वृक्ष की मिट्टी में गाड़ दें। साथ ही यह निवेदन करें कि जिस दिन अमुक रोग दूर हो जाएगा, उस दिन कील निकाल लेंगे। जब लकवा ठीक हो जाए तब शनिदेव व पीपल को धन्यवाद देते हुए वह कील निकालकर नदी में प्रवाहित कर दें।

- लकवे से पीडि़त व्यक्ति को लोहे की अंगूठी में नीलम एवं तांबे की अंगूठी में लहसुनिया जड़वाकर क्रमश: मध्यमा और कनिष्ठा अंगुली में पहना दें। इससे भी लकवा रोग में काफी लाभ होगा।

तालिबान पैदा कर रहा दारूल उलूम: रुश्‍दी



नई दिल्ली/जयपुर। लिटरेचर फेस्टिवल में वीडियो चैट की अनुमति नहीं मिलने पर सलमान रुश्‍दी ने आखिरकार अपनी चुप्‍पी तोड़ दी है। वीडियो चैट रद्द होने कुछ घंटे बाद रुश्‍दी ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बोलने की आजादी का आज गला घोंट दिया। लोकतंत्र में सबको बोलने का हक है। केवल धमकाने वालों को ही बोलने की आजादी नहीं।'

उन्होंने कहा कि, ‘मेरे भारत आने या न आने से देश के मुसलमानों के फर्क नहीं पड़ता। वो अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त हैं। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि एक लेखक भारत आ रहा है और साहित्य सम्मेलन में अपनी बात करेगा। ये सिर्फ कट्टरपंथी मौलाना है जिन्हें मुझसे परेशानी है।'

रूश्दी ने कहा कि उनके न आने के पीछे उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव भी हैं। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी की सरकार और लोगों ने मेरे आने का विरोध किया उससे साफ था कि मेरे विरोध के कारण राजनीतिक है।

भारत की सांप्रदायिकता पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि भारत में साप्रदायिक मूल्यों का पतन हो रहा है, कट्टरवाद बढ़ रहा है। रूश्दी ने कहा, भारत में कला पर लगातार गंभीर हमले होते रहे हैं। कभी हिंदू कट्टरवादी हमले करते हैं कभी मुस्लिम कट्टरवादी हमले करते हैं। स्वतंत्र विचारों के लिए भारत में माहौल कठोर होता जा रहा है, भारत के लोग इस बात पर अफसोस करेंगे।

अपनी किताब के अंश को चार लेखकों द्वारा पढ़े जाने पर उपजे विवाद पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा, जिन लेखकों ने भी मेरी किताब पढ़कर समर्थन जाहिर किया मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। भारत में मेरी किताब को कस्टम कानूनों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। राजीव गांधी की सरकार के दौरान जब मेरी किताब को प्रतिबंधित किया गया था तब कहा गया था कि प्रतिबंध किताब में व्यक्त विचारों पर नहीं हैं। सिर्फ मेरी किताब को भारत में आयतित किए जाने पर प्रतिबंध है। मुझे नहीं लगता कि किताब के अंश पढ़कर भारत के किसी भी कानून को तोड़ा गया है।

रूश्दी ने कहा कि मेरी किताब से लिबिया, तुर्की जैसे कई मुस्लिम राष्ट्रों ने भी प्रतिबंध हटा लिया है। यह भारत को तय करना है कि वो विचारों को लेकर कितनी स्वतंत्रता अपने नागरिकों को देता है। यदि लीबिया या मिस्र जैसे देश मेरी किताब से प्रतिबंध हटा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं।

भारत में इस्लाम के अध्ययन की सर्वोच्च संस्था दारूल उलूम पर तीखी टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि दारूल उलूम से ही तालिबानी सोच के लोग पैदा होते हैं, यहां से ही इमराना प्रकरण जैसे मामलों में शर्मनाक फतवे दिए जाते हैं। ये भारत के मुसलमानों को तय करना है कि उन्हें कट्टरपंथियों को अपना नेता चुनना है या खुले विचारे वाले लोगों को।

अपनी सुरक्षा को लेकर उठे विवाद पर रूश्दी ने कहा, मुझे लगता है कि सुरक्षा कारणों का बहाना बनाकर पागल बनाया गया लेकिन मुझे यह भी लगता है कि यदि मैं जयपुर आता तो हिंसा भी हो सकती थी। मुझे साहित्य सम्मेलन के आयोजकों ने ईमेल किया जिसे राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा गया था। ईमेल में कहा गया कि मेरी जान को खतरा है।

मुझे सिर्फ यह बताया गया था कि मेरी हत्या करने के लिए किसी माफिया डॉन ने गुंडे भेजे है। जब मैंने यह जानना चाहा कि मुझे किससे खतरा है तो तीन लोगों के नाम बताए गए। इनमें एक प्रतिबंधित संगठन सिमी का सदस्य था और बाकी दो नाम जो थे उन्हें तो अंडरवर्ल्ड में कोई जानता भी नहीं है। मुझे लगता है कि यह सुनियोजित झूठ था।

जयपुर साहित्य सम्मेलन में खुद के न पहुंच पाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए रूश्दी ने कहा कि जो आज हुआ वो काला स्वांग था। कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों और राजनेताओं ने साजिश रची जिसके तहत मुझे भारत नहीं आने दिया गया। भारतीय मूल का एक लेखक भारत में आकर अपनी बात कहना चाहता था लेकिन उसे नहीं आने दिया गया।

भारत के हालात पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि आजादी के मामले में भारत के हालात तीस साल पहले से भी बदतर हैं। मैंने उस वक्त राजीव गांधी को पत्र लिखकर सवाल किया था कि तुम कैसा भारत चाहते हो। वो भारत जिसमें लोग सुरक्षाधिकारियों से डरे या वो भारत जिसमें लोग खुलकर अपनी बात कह सके। भारत में राजनीति में धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब न मुझे राजनीति में विश्वास है और न धर्म में। हालांकि रूश्दी ने यह भी कहा कि वो जल्द ही भारत आएंगे।

चुनाव आयोग के आदेश के बाद भी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण जारी ...आयोग के निर्देश टांय टांय फीस तानी

दोस्तों हाल ही में एक खबर अखबारों में भी पढ़ी और टी वी पर भी देखी उसी खबर पर बढ़े जोर शोर से कुछ गली के लोग चर्चा कर रहे थे उनका कहना था के चुनाव आयोग पगला गया है ..आयोग ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और उसकी घोषणा पर पाबंदी लगा दी है ....एक ने कहा उससे क्या होगा यह मिडिया वाले यह अख़बार वाले यह टी वी वाले तो चुनाव को जश्न के रूप में मनाते है इन दिनों तो उनके करोड़ों के वारे न्यारे होते है चुनाव आयोग तो पंगु है आज तक चुनाव आयोग ने जिस चीज़ पर रोक लगाई है उसके उलंग्घन पर देश की सम्बधित अदालतों में कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया है और टी ऍन शेषन के बाद देश में कोई ऐसा माई का लाल चुनाव आयुक्त नहीं आया जिसने कानून और विधि नियमों का उलंग्घन करने वालों को जमीन चटाई हो ............दुसरे ने कहा अरे नहीं भाई इस बार चुनाव आयोग बढ़ा सख्त है वोह मायावती से भी नही डरा कोंग्रेस की शिकायत पर उसके सभी हाथियों की मूर्तियों को चादर से छुप्वा ही दिया ..उसका कहना था के चुनाव आयोग ने सलमान खुर्शीद की भी वाट लगा दी है और विदेश यात्रा के साथ मुस्लिम आरक्षण के बयान पर उन्हें पेशी पर बुलवा लिया ................ में सभी की बातें सुनता रहा सोचता रहा के यह लोग कितने भोले भाले है यह नहीं जानते यह देश आज़ाद है यह नहीं जानते के इस देश का अपना संविधान है जिसका कुछ अंश मात्र भी इस देश में लागू नहीं किया गया है और देश में जो अराजकता के हालात है वोह इसीलियें है के देश में कोई कानून की पालना करवाने वाला नहीं है ...... में घर में घुसा और टीवी खोला तो टी वी पर डंके की चोट पर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण प्रसारित हो रहा था कोनसी पार्टी किस राज्य में कितनी सीटें ले जाएगा टीवी बता रहा था मेने सोचा के इस सर्वेक्षण और इस प्रसारण पर तो कल ही चुनाव आयोग ने रोक लगाई थी और आज ही इसका उलंग्घन खुले आम हो रहा है और चुनाव आयोग है के हाथ पर हाथ धरे इस उलंग्घन इस अपराध को देख रहा है और अब तक किसी भी मिडिया कर्मी या टी वी चेनल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है में सोचने लगा के मुझ से ज्यादा जानकार तो बाहर बेठे वोह लोग है जो बिना पढ़े लिखे होने के बाद भी देश की राजनीति पर नज़र रखते है और चुनाव आयोग की असलियत उसकी ओकात जानते है के वोह जो कहता है उसे लागु करवाने और उसके निर्देशों का उलंग्घन करने वालों को दंडित करवाने में अक्षम है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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