तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 जनवरी 2012
सियासत से जुड़े च्न्दाखोर फर्जी मुफ्ती और मोलाना कोटा शहर काजी के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे .......उनसे सावधान रहने की जरूरत
सौर तूफान से पृथ्वी पर रेडिएशन की बौछार
वाशिंगटन। सूर्य 2005 के बाद अब तक के जबरदस्त सौर तूफान के जरिए पृथ्वी पर रेडिएशन की बौछार कर रहा है। रविवार को सौर लपटें पैदा हुई थीं और पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डाल रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता रेडिएशन को लेकर है। कोलोराडो स्थित नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन्स स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर के मुताबिक इससे उपग्रह संचार में बाधा पहुंचती है और अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों पर असर होता है।
यह धु्रवों पर गुजरने वाले विमानों के लिए संचार समस्या पैदा कर सकता है। सेंटर के भौतिकविद डी बिएसेकर ने यह जानकारी दी। रविवार की लपट से उठा रेडिएशन करीब एक घंटे बाद धरती तक पहुंचा और इसके बुधवार तक जारी रहने की संभावना है। सेंटर के टेरी ओंसागेर ने बताया, जब रेडिएशन के कण पृथ्वी से टकराते हैं तो वे हमारे सुरक्षा कवच को भेदकर चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। इस भीषण ऊर्जा से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में जबर्दस्त उतार-चढ़ाव होता है और सबकुछ गaमa हो जाता है।
बिजली और उपग्रह सेवा हो सकती है बाघित
सूर्य की लपटों से बिजली ग्रिड और उपग्रह सेवाएं भी बाधित होने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर रह रहे वैज्ञानिकों को सौर विकिरण के दुष्प्रभाव से अपने बचाव के लिए यान के विशेष हिस्से में जाने की सलाह दी गई है।
दो महिलाओं ने रचाया आपस में ब्याह, अब पशोपेश में हाईकोर्ट
मंगलवार को अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार के वकील व समलैंगिक विवाह की वैधता पर एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) नियुक्त वकील से पूछा कि इससे पहले यदि इस तरह के मामले हुए हैं तो उन पर क्या किया गया। समय दिए जाने की मांग पर अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब अदालत समलैंगिक विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट के परिप्रेक्ष्य में सुन रही है।
इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है।
अम्बाला पुलिस ने कहा कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। उधर, दोनों महिलाओं ने कहा कि उन्हें जान का खतरा है इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए।
युवक को घसीटते हुए महिला पहुंची कोर्ट, उसकी बात सुन जज अवाक
विशेष न्यायाधीश गौरीशंकर दुबे की अदालत में घनश्यामदासनगर निवासी चंदाबाई पति कुंजीलाल पहुंची और दया की गुहार की- साहब मेरा लड़का गोविंद श्रीनगर कॉलोनी के तिहरे हत्याकांड में जेल में है और बीमार है। न्यायाधीश ने उसे समझाया प्रकरण विचाराधीन है और जमानत की कार्रवाई नियमानुसार होती है। हम जेल के डॉक्टर को आपके पुत्र का अच्छा इलाज करने के लिए आदेश दे देंगे। इस पर महिला कोर्ट कक्ष से चली गई।
कुछ ही देर में वही महिला विजय शर्मा नामक व्यक्ति को पीटते और घसीटते हुए न्यायाधीश के सामने लेकर आई। जज ने पूछा- यह क्या है? महिला ने कहा साहब, यही वह व्यक्ति है जिसने मुझसे मेरे पुत्र की जमानत के नाम पर पांच हजार रुपए लिए और कहा जज साहब से बात करके जमानत करवा दूंगा। अब यह चक्कर लगवा रहा है। इस पर जज ने आरोपी को कटघरे में खड़ा कर दिया। बाद में आरोपी को महिला के आवेदन के साथ एमजी रोड पुलिस को नियमानुसार कार्रवाई के आदेश के साथ भिजवा दिया।
इस तस्वीर से निकलने लगे खून के आंसू, लोगों ने कहा चमत्कार
कलिबा निवासी संजीता तिर्की को सपने में आया कि माता मरियम रो रही हैं। उसकी कुछ समझ में नहीं आया तो वह अपने पास रखी माता मरियम की तस्वीर 14 जनवरी की शाम चर्च में रख कर चली गई।
क्या कहते हैं जानकार
ऐसी घटनाएं मानव निर्मित, भौतिक या प्राकृतिक गुणों के कारण हो सकती हैं। किसी भी धर्म या समूह में बिखराव का भय होता है तब भगवान के दूध पीने या अन्य ऐसी घटनाएं सामने आतीं हैं। धर्म या समूह ऐसी घटना को आस्था से जोड़ देता है। इससे समाज में अंधश्रद्धा का ही प्रसार होता है।
एसएन पाठक, समाजशास्त्री
बिना परीक्षण किए स्पष्ट कारण नहीं बताया जा सकता। कभी-कभी जो व्यक्ति मानसिक रूप से कुंठित होता है, वह सपने में भगवान के आने या ऐसी ही किसी विशेष घटना का जिक्र कर मानसिक संतुष्टि व प्रसिद्धि पाना चाहता है। इस घटना में ऐसा हो सकता है। फोटो से आंसू निकलना संभव नहीं है, यह एक प्रकार का ‘इलुसन’ है।
पीपी सैकिया, मनोवैज्ञानिक, गुवाहाटी
कांग्रेस का मोदी को समर्थन! गुजरात की ‘दुर्लभ’ घटना
दाहोद। गुजरात के राजनीतिक इतिहास में एक दुर्लभ कही जाने वाली घटना सामने आई है। इसे दुर्लभ इसीलिए भी कहा जा सकता है कि इस समय पूरे गुजरात में कांग्रेस मोदी के ‘सद्भावना उपवास’ को निशाना बना रही है। मोदी के उपवास के जवाब में जगह-जगह कांग्रेस भी ‘सत्कर्म उपवास’ कर रही है।
दरअसल गुजरात कांग्रेस में उथल-पुथल मचा देने वाली यह घटना कुछ ऐसी है... सोमवार को दाहोद तहसील पंचायत की आम सभा आयोजित हुई। इस सभा के ऐजेंडे में कुल पांच मुद्दे शामिल किए गए। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सदभावना उपवास को समर्थन दिए जाने का मुद्दा भी शामिल था। आखिरकार जिले में एकमात्र कांग्रेस शासित तहसील पंचायत ने भी मोदी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। कांग्रेस शासित पंचायत के इस फैसले से गुजरात कांग्रेस की राजनीति मंे उथल-पुथल मच गई है।
दाहोद जिले की सात तहसील पंचायतों और जिला पंचायतों में से एकमात्र दाहोद तहसील पंचायत में ही कांग्रेस का शासन है। आपको बताते चलें कि यहां पर भी कांग्रेस ने बहुत मामुली अंतर से ही जीत दर्ज की थी।
दूसरी तरफ इस समय गुजरात में जगह-जगह मोदी सदभावना मिशन का एकदिवसीय उपवास का कार्यक्रम चल रहा है। और कांग्रेस इसका सत्कर्म उपवास करके अपना विरोध दर्ज करा रही है। दाहोद में भी 4 फरवरी को मोदी का एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम आयोजित होना है। दाहोद पंचायत द्वारा मोदी को समर्थन देना कहीं मोदी के सदभावना उपवास की सफलता की ओर इशारा तो नहीं कर रहा?
श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध
बालकाण्ड |
जाइ बिबाहहु सैलजहि यह मोहि मागें देहु॥76॥
सिर धरि आयसु करिअ तुम्हारा। परम धरमु यह नाथ हमारा॥1॥
तुम्ह सब भाँति परम हितकारी। अग्या सिर पर नाथ तुम्हारी॥2॥
कह प्रभु हर तुम्हार पन रहेऊ। अब उर राखेहु जो हम कहेऊ॥3॥
तबहिं सप्तरिषि सिव पहिं आए। बोले प्रभु अति बचन सुहाए॥4॥
गिरिहि प्रेरि पठएहु भवन दूरि करेहु संदेहु॥77॥
राजस्थान का मेनेजमेंट उत्तरप्रदेश कोंग्रेस का भक्षक बन गया है
ऐसी मान्यता है के इन टोटकों से लकवा भी ठीक हो जाता है
लकवा एक ऐसी बीमारी है जो अचानक ही किसी हंसते-खेलते व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेती है। मेडिकल साइंस के इस दौर में लकवा का ईलाज भी संभव है। यदि ईलाज करवाने के साथ-साथ नीचे लिखे कुछ टोटके भी करें तो संभव है लकवा से पीडि़त व्यक्ति और भी जल्दी ठीक हो जाए।
टोटके
- एक काले कपड़े में पीपल की सूखी जड़ को बांधकर लकवा से पीडि़त व्यक्ति के सिर के नीचे रखें तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा।
- प्रत्येक शनिवार के दिन एक नुकीली कील द्वारा लकवा पीडि़त अंग को आठ बार उसारकर शनिदेव का स्मरण करते हुए पीपल के वृक्ष की मिट्टी में गाड़ दें। साथ ही यह निवेदन करें कि जिस दिन अमुक रोग दूर हो जाएगा, उस दिन कील निकाल लेंगे। जब लकवा ठीक हो जाए तब शनिदेव व पीपल को धन्यवाद देते हुए वह कील निकालकर नदी में प्रवाहित कर दें।
- लकवे से पीडि़त व्यक्ति को लोहे की अंगूठी में नीलम एवं तांबे की अंगूठी में लहसुनिया जड़वाकर क्रमश: मध्यमा और कनिष्ठा अंगुली में पहना दें। इससे भी लकवा रोग में काफी लाभ होगा।
तालिबान पैदा कर रहा दारूल उलूम: रुश्दी
नई दिल्ली/जयपुर। लिटरेचर फेस्टिवल में वीडियो चैट की अनुमति नहीं मिलने पर सलमान रुश्दी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है। वीडियो चैट रद्द होने कुछ घंटे बाद रुश्दी ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बोलने की आजादी का आज गला घोंट दिया। लोकतंत्र में सबको बोलने का हक है। केवल धमकाने वालों को ही बोलने की आजादी नहीं।'
उन्होंने कहा कि, ‘मेरे भारत आने या न आने से देश के मुसलमानों के फर्क नहीं पड़ता। वो अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त हैं। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि एक लेखक भारत आ रहा है और साहित्य सम्मेलन में अपनी बात करेगा। ये सिर्फ कट्टरपंथी मौलाना है जिन्हें मुझसे परेशानी है।'
रूश्दी ने कहा कि उनके न आने के पीछे उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव भी हैं। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी की सरकार और लोगों ने मेरे आने का विरोध किया उससे साफ था कि मेरे विरोध के कारण राजनीतिक है।
भारत की सांप्रदायिकता पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि भारत में साप्रदायिक मूल्यों का पतन हो रहा है, कट्टरवाद बढ़ रहा है। रूश्दी ने कहा, भारत में कला पर लगातार गंभीर हमले होते रहे हैं। कभी हिंदू कट्टरवादी हमले करते हैं कभी मुस्लिम कट्टरवादी हमले करते हैं। स्वतंत्र विचारों के लिए भारत में माहौल कठोर होता जा रहा है, भारत के लोग इस बात पर अफसोस करेंगे।
अपनी किताब के अंश को चार लेखकों द्वारा पढ़े जाने पर उपजे विवाद पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा, जिन लेखकों ने भी मेरी किताब पढ़कर समर्थन जाहिर किया मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। भारत में मेरी किताब को कस्टम कानूनों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। राजीव गांधी की सरकार के दौरान जब मेरी किताब को प्रतिबंधित किया गया था तब कहा गया था कि प्रतिबंध किताब में व्यक्त विचारों पर नहीं हैं। सिर्फ मेरी किताब को भारत में आयतित किए जाने पर प्रतिबंध है। मुझे नहीं लगता कि किताब के अंश पढ़कर भारत के किसी भी कानून को तोड़ा गया है।
रूश्दी ने कहा कि मेरी किताब से लिबिया, तुर्की जैसे कई मुस्लिम राष्ट्रों ने भी प्रतिबंध हटा लिया है। यह भारत को तय करना है कि वो विचारों को लेकर कितनी स्वतंत्रता अपने नागरिकों को देता है। यदि लीबिया या मिस्र जैसे देश मेरी किताब से प्रतिबंध हटा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं।
भारत में इस्लाम के अध्ययन की सर्वोच्च संस्था दारूल उलूम पर तीखी टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि दारूल उलूम से ही तालिबानी सोच के लोग पैदा होते हैं, यहां से ही इमराना प्रकरण जैसे मामलों में शर्मनाक फतवे दिए जाते हैं। ये भारत के मुसलमानों को तय करना है कि उन्हें कट्टरपंथियों को अपना नेता चुनना है या खुले विचारे वाले लोगों को।
अपनी सुरक्षा को लेकर उठे विवाद पर रूश्दी ने कहा, मुझे लगता है कि सुरक्षा कारणों का बहाना बनाकर पागल बनाया गया लेकिन मुझे यह भी लगता है कि यदि मैं जयपुर आता तो हिंसा भी हो सकती थी। मुझे साहित्य सम्मेलन के आयोजकों ने ईमेल किया जिसे राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा गया था। ईमेल में कहा गया कि मेरी जान को खतरा है।
मुझे सिर्फ यह बताया गया था कि मेरी हत्या करने के लिए किसी माफिया डॉन ने गुंडे भेजे है। जब मैंने यह जानना चाहा कि मुझे किससे खतरा है तो तीन लोगों के नाम बताए गए। इनमें एक प्रतिबंधित संगठन सिमी का सदस्य था और बाकी दो नाम जो थे उन्हें तो अंडरवर्ल्ड में कोई जानता भी नहीं है। मुझे लगता है कि यह सुनियोजित झूठ था।
जयपुर साहित्य सम्मेलन में खुद के न पहुंच पाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए रूश्दी ने कहा कि जो आज हुआ वो काला स्वांग था। कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों और राजनेताओं ने साजिश रची जिसके तहत मुझे भारत नहीं आने दिया गया। भारतीय मूल का एक लेखक भारत में आकर अपनी बात कहना चाहता था लेकिन उसे नहीं आने दिया गया।
भारत के हालात पर टिप्पणी करते हुए रूश्दी ने कहा कि आजादी के मामले में भारत के हालात तीस साल पहले से भी बदतर हैं। मैंने उस वक्त राजीव गांधी को पत्र लिखकर सवाल किया था कि तुम कैसा भारत चाहते हो। वो भारत जिसमें लोग सुरक्षाधिकारियों से डरे या वो भारत जिसमें लोग खुलकर अपनी बात कह सके। भारत में राजनीति में धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब न मुझे राजनीति में विश्वास है और न धर्म में। हालांकि रूश्दी ने यह भी कहा कि वो जल्द ही भारत आएंगे।