तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 फ़रवरी 2012
दोस्तों फेसबुक यूज़र्स के रूप में आज मेरा पहला जन्म दिन है
मिलाद-उन-नबी आज, जानें क्या है इसका महत्व
मिलाद-उन-नबी मुस्लिम संप्रदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे बारा वफात भी कहते हैं। इस दिन नबी मोहम्मद सल्ल का जन्म भी हुआ था और उनकी वफात (मृत्यु) भी। मुस्लिम पंचांग के अनुसार यह त्योहार रबी उलावल महीने की बारह तारीख को मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 5 फरवरी, रविवार को है।
इस दिन सभी मुस्लिम देशों सहित भारत के भी अनेक भागों में जुलूस निकाले जाते हैं, जिसे जुलुसे मोहम्मदी कहा जाता है। इसकी तैयारियां लोग बहुत पहले से करते हैं। इस दिन लोग खुदा का शुक्रअता करते हैं कि उसने हमें ऐसा पैगंबर अता किया जिस नबी की चर्चा उनके जन्म के पहले ही दिन से थी। नबी सल्ल अलैह वसल्लम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनका लाया हुआ कुरान हमेशा और सब के लिए हैं।
इस दिन जलसों में कुरान-ए-पाक की तलावत की जाती हैं। नातें-ए-शरीफ पढ़ी जाती है और सल्ल का जिक्र किया जाता हैं। इस दिन इबादत का विशेष महत्व है। इस दिन लोग दरूद-शरीफ भी पढ़ते हैं। रबी उलावल का पूरा महीना इबादत का है, इस महीने में ऐसी महफिलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें नबी सल्ल की जीवनी का बयान किया जाता हैं।
अर्थी भी कर ली थी तैयार ..और तभी हो गया चमत्कार
अम्बाला. यमुनानगर .एक छोटी सी गलतफहमी कितनी बड़ी बात बन जाती है, यह घटना इसका उदाहरण है। पीजीआई में भर्ती एक महिला की हालत अत्यंत नाजुक हो गई। डाक्टरों ने उसे घर ले जाने को कहा। इस पर परिजनों ने समझा डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। यह जानकारी उन्होंने गांव हड़तान में भिजवा दी।
मौत की जानकारी मिलते ही लोग जुट गए। श्मशान में चिता भी लगा दी। रिश्तेदार व अन्य लोग भी शोक जताने पहुंच गए। इसी बीच महिला को लेकर परिजन चंडीगढ़ से वापस आ रहे थे। जैसे ही अंबाला पहुंचे तो महिला के शरीर में हरकत हुई।
बस परिजनों ने सोचा कि वह जिंदा हो गई। यह जानकारी भी उन्होंने तुरंत गांव में भिजवा दी। इसके बाद तो देखते ही देखते चारों ओर यह बात आग की तरफ फैल गई। अब लोग इसे चमत्कार बता रहे हैं।
रादौर खंड के हड़तान की 55 वर्षीय महिला मामू देवी की किडनी खराब थी। उसकी हालत वीरवार को अत्यंत नाजुक हो गई। परिजन उसे आधी रात को पीजीआई चंडीगढ़ ले गए। वहां डाक्टर ने उसे दाखिल कर लिया। इसी बीच हालत में सुधार नहीं आया।
महिला के पति महेंद्र ने बताया कि इसी बीच डाक्टर ने कहा कि मरीज में अब कुछ नहीं है। इसे घर ले जाओ। हकीकत में मरीज की मौत नहीं हुई थी। वह कोमा में थी। लेकिन परिजनों ने मतलब निकाला कि महिला मर चुकी। उन्होंने घर पर बताया कि संस्कार की तैयारी की जाए। इसके बाद तो गलतफहमी का जो सिलसिला एक बार शुरू हुआ। वह देर तक चलता रहा।
खनिजी अस्पताल में कराया भर्ती
इधर महिला के शरीर में हरकत आता देख कर परिजन उसे तुरंत ही यमुनानगर के गाबा अस्पताल ले आए। यहां डाक्टर ने उसे दाखिल कर इलाज शुरू कर दिया। दूसरी ओर गांव के लोग महिला को देखने के लिए आनन फानन में अस्पताल में जुटना शुरू हो गए।
ऐसा कुछ नहीं है, बस वहम भर है
डाक्टर बीएस गाबा से जब महिला के बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं हो सकता। यह जानकारी नहीं कि पीजीआई ने महिला को मृत घोषित किया था। ऐसा नहीं होता। महिला की हालत बहुत अधिक नाजुक हो गई होगी। इसलिए पीजीआई के डाक्टर्स ने उसकी छुट्टी कर दी होगी। इसके बाद जो हुआ वह सभी के सामने हैं।
अभी भी महिला गंभीर
डाक्टर गाबा के अनुसार अभी भी महिला गंभीर है। हालांकि उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन इसकी रफ्तार कम है। इस वजह से अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। बहरहाल महिला के परिजन जहां इस घटना को चमत्कार करार दे रहे। वहीं डाक्टर इस तरह की संभावनाओं से इंकार कर रहे हैं।
अर्थी भी कर ली थी तैयार
मौत की जानकारी मिलते ही महिला के घर पर अर्थी सजा ली। परिजन मरीज को लेकर घर आ रहे थे। अंबाला के पास महिला के शरीर में हरकत होना शुरू हो गई। बस फिर क्या था। उसके साथ आ रहे परिजनों ने इसे चमत्कार मान लिया। उन्होंने तुरंत ही घर पर यह जानकारी दी।
जो लोग शोक जताने आए थे। वे भी सकते में आ गए। कोई जब तक समझ पाता। यह बात चारों ओर फैल गई कि महिला मौत के बाद जिंदा हो गई।
क्या आप जानते हैं कि भारत में दूसरा ताजमहल भी है!
मुंबई. यह इमारत जो पहली झलक में आगरा के ताजमहल होने का एहसास कराती है दरअसल, औरंगाबाद में स्थित है. इस इमारत को 'बीवी का मकबरा' नाम से जाना जाता है.
यह इमारात मुग़ल शासक औरंगजेब की पहली पत्नी 'राबिया-उद-दुर्रानी' का मकबरा है जिसे 1679 में औरंगजेब के लड़के ने अपनी मां राबिया की याद में बनवाया था. इसे 'गरीबों का ताजमहल' भी कहा जाता है.
मस्जिदों के बयान पर मंत्री ने मांगी माफ़ी
यह लिखा माफीनामे में
खान ने माफीनामा में कहा कि ‘अल्हमदू लिल्लाह मैं भी साहिबे ईमान हूं और शरीयत के हुक्म का एहतराम करता हूं। जिस जगह को नमाज के लिए मस्जिद के नाम पर तामीर कर दिया गया है वो कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। मेरे बयान से अगर किसी के जज्बात को ठेस पहुंची है, तो खुदा और उसके बंदों से माफी का तलबगार हूं। खुदा हम सबको माफ फरमाए।’
यह कहा था पहले . .
खान ने 2 फरवरी को संभागीय आयुक्त कार्यालय में अल्पसंख्यक विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में गैर आबाद मस्जिदों के संबंध में कहा था कि जहां अजान और नमाज नहीं होती, वो मस्जिद नहीं है। इस पर भीलवाड़ा जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना हफीजुर्रहमान रिजवी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त कर शरीयत का मसला भी बताया था। उल्लेखनीय है कि इस बारे में में ‘जहां नमाज नहीं, वो मस्जिद नहीं’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
उलेमाओं का लिया सहारा
खान ने समुदाय को राजी करने और बढ़ते विरोध को थामने के लिए अजमेर के उलेमाओं का सहारा लिया। उन्होंने मौलाना सैयद मेहंदी मियां चिश्ती को माफीनामे की प्रति फैक्स की। इसके बाद चिश्ती ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
अब अल्लाह और बंदे भी माफ करेंगे
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फज्ल-ए-हक ने भी राज्य मंत्री अमीन खान के माफीनामे की पुष्टि की है। मौलाना ने कहा कि अमीन खान ने अल्लाह की बारगाह में माफी मांगी है और बंदों की भावनाओं को ठेस पहुंची है उनसे भी माफी मांगी है। बंदे माफ करेंगे अल्लाह भी माफ करेगा।
ईदमिलादुन्नबी पर विशेष: खुदा की मौजूदगी को समझेंगे तो गुनाह नहीं होगा!
रूह को विकसित करने के लिए खुदा ने एक सिलसिला शुरू किया, जिसे रिसालत का सिलसिला कहते हैं। खुदा इन बंदों में से ही चुनकर अपना रसूल बनाकर भेजता है। जिन्हें पैगंबर कहते हैं, जिन्होंने इंसानों को नेकी और बदी की पहचान देकर जिंदगी जीने का सलीका सिखाया। करीब 1 लाख 24 हजार पैगंबरों ने दुनिया में खुदा का रास्ता बताया।
मोहम्मद साहेब को आखिरी पैगंबर बनाकर आखिरी किताब कुरआन की सूरत में इनायत की।मोहम्मद साहेब आज से 1473 साल पहले मक्का की सर जमीन पर पैदा हुए। 40 वर्ष की उम्र में आपको खुदा की ओर से पैगंबरी मिली। उन्होंने 10 साल मक्का शरीफ में इस्लाम को फैलाया और हर तरीके की तकलीफों को बर्दाश्त किया। उसके बाद खुदा के हुक्म से मदीना शरीफ हिजरत करके चले गए। जहां वे 13 साल रहे।
इस 23 साल की छोटी सी अवधि में वो इंकलाब किया कि लोगों के जेहन बदल गए। कानून बदल गए। इंसाफ और खुदा परस्ती का वो अजम पैदा हुआ कि दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में इस बात को पहुंचा दिया। उन्होंने किसी कौम, मुल्क और दौर के लिए नहीं बल्कि इंसानियत के लिए खुदा का रास्ता बताया, इसलिए खुदा ने (सूरे अलआराफ आयात नं. 158) में फरमाया कि ‘ए-मोहम्मद कह दो के ए-इंसानों में तुम सबकी तरफ उस खुदा का भेजा हुआ रसूल हूं, जो आसमान और जमीन की बादशाही का मालिक है’।
'पुलिस ने 70 गुर्जरों को मौत के घाट उतारा, तब कहीं हम सड़कों पर उतरे'
समिति के प्रदेश संयोजक किरोड़ीसिंह बैसला ने कहा है कि गुर्जर आंदोलन के दौरान पुलिस ने फायरिंग कर 70 गुर्जरों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके कारण उद्वेलित होकर गुर्जर सड़कों पर आने को मजबूर हुए थे।
नारद का अभिमान और माया का प्रभाव
बालकाण्ड |
भरद्वाज कौतुक सुनहु हरि इच्छा बलवान॥127॥
संभु बचन मुनि मन नहिं भाए। तब बिरंचि के लोक सिधाए॥1॥
छीरसिंधु गवने मुनिनाथा। जहँ बस श्रीनिवास श्रुतिमाथा॥2॥
बोले बिहसि चराचर राया। बहुते दिनन कीन्हि मुनि दाया॥3॥
अति प्रचंड रघुपति कै माया। जेहि न मोह अस को जग जाया॥4॥
तुम्हरे सुमिरन तें मिटहिं मोह मार मद मान॥128॥
ब्रह्मचरज ब्रत रत मतिधीरा। तुम्हहि कि करइ मनोभव पीरा॥1॥
करुनानिधि मन दीख बिचारी। उर अंकुरेउ गरब तरु भारी॥2॥
मुनि कर हित मम कौतुक होई। अवसि उपाय करबि मैं सोई॥3॥
श्रीपति निज माया तब प्रेरी। सुनहु कठिन करनी तेहि केरी॥4॥
श्रीनिवासपुर तें अधिक रचना बिबिध प्रकार॥129॥
तेहिं पुर बसइ सीलनिधि राजा। अगनित हय गय सेन समाजा॥1॥
बिस्वमोहनी तासु कुमारी। श्री बिमोह जिसु रूपु निहारी॥2॥
करइ स्वयंबर सो नृपबाला। आए तहँ अगनित महिपाला॥3॥
सुनि सब चरित भूपगृहँ आए। करि पूजा नृप मुनि बैठाए॥4॥
दिली मुबारकबाद
मिलादुन्नबी
पर
सभी
भाइयों और बहनों
को दिली मुबारकबाद ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1000 पुरुषों के साथ सोने का दावा करने वाली महिला निकली पुरुष
लन्दन.एक महिला जिसने हाल ही में राज खोला था कि वह 1000 पुरुषों के साथ सोई है,अब उसने एक और चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति की है। उसने नया खुलासा किया है कि वह एक पुरुष थी।
क्रिस्टल वारेन नाम की इस महिला ने स्वीकार किया है कि उसका यह राज जाने के बाद उसके साथ सम्बन्ध बना चुके कई पुरुष क्रोधित हो सकते हैं।
42 वर्षीया वारेन इसी हफ्ते दिस मोर्निंग नाम के एक टेलीविजन प्रोग्राम में अपने सेक्स की लत के बारे में चर्चा करने के लिए आईं थी। होस्ट एअमोंन होम्स ने जब वारेन से पूछा कि उन्होंने वेश्यावृति को क्यों नहीं अपनाया। इसके बाद भी वारेन ने अपनी असल पहचान नहीं बताई। हालांकि उसने जोर देकर कहा कि वह कुछ छुपा नहीं रही हैं।
सुश्री वारेन के बचपन का नाम क्रिस्टोफर स्नोडेन था। उसने स्वीकार किया कि उसने अपना लिंग साल 2005 में चेज किया।
'द सन' को दिए अपने साक्षात्कार में वारेन ने कहा 'मैं डरी हुई हूं,जिन पुरुषों के साथ मैं में सम्बन्ध बनाए हैं वे इसे पढ़कर क्रोधित होंगे। लेकिन मुझे यह सच्चाई बतानी है।'
'कई लोग सोंचेंगें कि जिन लोगों के साथ मैंने सेक्स किया उनसे मैंने झूठ बोला है। लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है क्योंकि मैं एक महिला हूं और मेरा बिता हुआ कल अब पीछे छूट गया है। '
'मैं नहीं चाहती कि इसके कारण कोई भी व्यक्ति जिसके साथ मैंने सेक्स किया है वह अपने कामुकता के बारे में शक करे। वे नहीं जानते थे कि वे जिसके साथ सो रहे हैं वह उन जैसी ही है।'
उसने कहा कि जब वह छोटी थी तब भी उसे लगता था कि वह एक महिला है जिसका जिस्म एक लड़के के जिस्म में कैद है। विज्ञान में इस स्थिति को जेंडर डिस्फोरिया कहते हैं।
सुश्री वारेन ने कहा उनके माता पिता को उसकी इस भावना का एहसास बचपन में ही हो गया था। उसके चौथे जन्मदिन पर उसके पिता ने उसे एक स्किर्ट भेंट की थी।
वारेन ने बताया कि किशोरावस्था में जब उसके माता-पिता के घर से बाहर होते थे तो उस दौरान वह घर पर रुक जाया करती थी और अपनी मां के कपड़ों को पहनती थी।
अंत में साल 2002 में सुश्री वारेन ने हार्मोन और लाजर ट्रीटमेंट लेना शुरू किया जिससे कि उनके शरीर के बाल हट जाए और स्तन में उभार आए।
सात साल पहले पूर्ण लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने से पहले उसने परामर्श लिया। सर्जरी के बाद उसे एक लिंग पहचान प्रमाणपत्र जारी किया गया। इस प्रमाणपत्र के जरिए उसे अपने जन्म प्रमाणपत्र में नए नाम और सेक्स के बारे में लिखने की क़ानूनी मान्य मिली।
पूर्व में वारेन ईस्ट ससेक्स के ब्रिगटोन में एक शॉप में काम करती थी। हालांकि सेक्स चेंज से पहले भी वह कई पुरुषों के साथ सो चुकी थी। पर उनका इस बारे में कहना है कि वह उस दौरान ज्यादातर उन्ही पुरुषों के साथ सोईं जो उनके प्रेमी थे।
उनका कहना है कि कुछ को उन्होंने बताया था कि वह पुरुष पैदा हुईं थीं।
सुश्री वारेन का बचपन समरसेट ब्रिदग्वाटर में बीता। वारेन ने द सन को बताया "मैंने अपना पहला सेक्स 17 या 18 साल की उम्र मने किया था। मैंने महसूस नहीं किया था कि यह सही था क्योंकि मैं उस वक़्त एक पुरुष के शरीर में थी। लेकिन यह ऐसी उम्र होती है जब आप यौन सम्बन्धी प्रयोग करना चाहते हैं और मेरे लिए यह एक मात्र रास्ता था।
जिन पुरुषों के साथ मैंने सेक्स किया वह सभी जानते थे कि मैं पुरुष पैदा हुई हूं। हालांकि सर्जरी के बाद यह एक राज बन गया।
वारेन ज्यादातर पुरुषों से गे (समलैंगिक) बार्स और क्लब्स में मिली क्योंकि वह वहां अपने आपको ज्यादा सहज पाती थीं।
उन्होंने माना कि हर रात अलग अलग पुरुषों के साथ सोना काफी अच्छा था लेकिन वह उनके गे (समलैंगिक) होने जितना सरल नहीं था।
ब्रिगटोन में शिफ्ट होने के बाद वारेन ने लिंग चैंज करने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने स्वीकार किया कि सर्जरी के तीन महीने बाद एक पार्टी में 10 पुरुषों के साथ सेक्स किया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपना बीता हुआ कल बताने में बुरा महसूस नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इस राज की वजह से वह सही तरीके से जी नहीं पा रही थी लेकिन अब यह राज खुलने के बाद वह दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह सेक्स के बारे में पूरे दिन सोंचती हैं ।
वारेन ने अपने सेक्स की लत की वजह अपने माता-पिता के वैवाहिक जीवन के टूटने को ठहराया।
कई सालों तक उन्हें अपना व्यवहार तुलनात्मक रूप से सामान्य लगता रहा। इसकी वजह उन्होंने अपने तीव्र सेक्स ड्राइव को दिया।
लेकिन जब वह 40 की हुईं तब जाकर उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें समस्या है। उन्होंने कहा कि वह कोई एक नौकरी कर पाने में अपने आप को असमर्थ पाती है क्योंकि उन्हें लगातार सेक्स की जरुरत होती है।
उन्होंने कहा "मैं जानती हूं मैं एक सेक्स एडिक्ट हूं,लेकिन मैं एक पेशेवर मदद नहीं ले सकती। सेक्स ही एक मात्र ऐसी चीज है जो मुझे अपने बारे में अच्छा अनुभव कराती है।'
उन्होंने कहा "मुझे लगता हैं जब पुरुष उनसे ना कहना शुरू कर देंगे,तब मैं सेक्स करना छोड़ दूंगी। मैं जानती हूं कि कुछ लोग सोंचते हैं कि मैं एक भयानक व्यक्ति हूं,लेकिन मेरा विश्वास करने मुझे अपने आप पर गर्व है।
सुश्री वारेन का दावा है कि उन्होंने हमेशा सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाए हैं। हालांकि वह बच्चा जन्म देने में असमर्थ हैं पर वह इस बात का हमेशा ख्याल रखती हैं कि उन्हें कोई यौन रोग न हो।
उन्होंने कहा कि लोग उन्हें वेश्या समझते हैं लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि सेक्स की लत की वजह से वह अपने आप पर नियंत्रण नहीं पाती हैं।
उन्होंने कहा 'मुझे सेक्स के लिए भूख महसूस होने लगती हैं। मैं लंच ब्रेक पर पुरुषों की तलाश मैं निकल पड़ती हूं। अगर मैं सेक्स नहीं कर पाती हूं तो मुझे पूरा दोपहर निरर्थक लगने लगता है। अगर मुझे बिना सेक्स किए कुछ दिन गुजारने पड़ते हैं तो मैं बेचैन,उदास और ऊर्जा की कमी महसूस करने लगती हूं।'
8.02.12 को होगी अद्भुत घटना: शनि के हाथ में होगी आपकी किस्मत
8 फरवरी से 26 जून तक आपकी किस्मत शनि देव के हाथ में होगी। आप पर शनि देव का विशेष असर पड़ेगा। 8 फरवरी से शनि देव बदल जाएंगे। अभी तक शनि अपनी सीधी चाल से चल रहे थे। 8 फरवरी को शनि अपनी चाल बदल लेंगे और टेढ़ी चाल से चलने लगेंगे। ज्योतिष में इसे वक्री होना कहा जाता है। शनि 4 महीने और 18 दिनों तक टेढ़ी चाल चलेगा।
टेढ़ी चाल का असर-
अगर शनि वक्री होता है यानी टेढ़ी चाल चलता है तो राज्य, जल एवं जनता पर इसका पूरी तरह प्रभाव पड़ता है। फलदीपिका नामक ग्रन्थ के अनुसार आयु, मृत्यु, डर, गिरफ्तार होना, अपमान, बीमारी, दु:ख, गरीबी, बदनामी, पाप, मजदूरी, कर्जा और लोहे की वस्तु ये सब शनि के असर से होते हैं। अगर शनि टेढ़ी चाल चलेगा तो ये आसर देखने को मिलते हैं।
क्यों है खास-
बुधवार 8 फरवरी को शनि अपनी चाल बदल रहा है। अंक ज्योतिष के अनुसार अंक 8 शनि का नंबर होता है। बुध शनि का मित्र ग्रह है इसलिए बुधवार को ही शनि की चाल बदलना बहुत प्रभावशाली होगा। शनि अपनी चाल 26 जून को बदलेगा। 26 का योग भी 8 होता है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि 8 फरवरी से 26 जून तक का समय शनि के हाथ में होगा और शनि के अनुसार ही आप पर असर पड़ेगा।
पढ़िए कर्मचारियों को लिखा एचआर का मजेदार पत्र
कंपनी में नया कार्यवर्ष शुरु होने पर यह ईमेल सभी कर्मचारियों को भेजा गया
प्रिय स्टॉफ मेंबर्स,
आपको सलाह दी जाती है कि आप ऑफिस अपनी सैलरी के हिसाब से कपड़े पहन कर आएं। यदि आप ब्रांडेड शर्ट-पैंट और चश्मा पहने हुए नजर आए तो समझा जाएगा कि आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर है और आपको इंक्रीमेंट की जरूरत नहीं है। यदि आप खराब कपड़े पहन कर ऑफिस आए तो समझा जाएगा कि आपको पैसे का सही इस्तेमाल करना नहीं आता है और आपको आर्थिक प्रबंधन की जरूरत है ताकि आप अपनी स्थिति सुधार सको। यदि आप न ब्रांडेड और न ही खराब कपड़े पहनते हैं बल्कि ठीक-ठाक ड्रैस पहनकर ऑफिस आते हैं तो समझा जाएगा कि आप जैसे हैं वैसे ही बेहतर हैं यानि आपको किसी इंक्रीमेंट की कोई जरूरत नहीं है।
व्यक्तिगत दिन
प्रत्येक कर्मचारी को व्यक्तिगत काम निपटाने के लिए 104 दिन मिलेंगे। इन दिनों को ही शनिवार और रविवार कहा जाता है।
लंच ब्रैक
कर्मचारियों को लंच ब्रैक सेहत के हिसाब से मिलेगा। जो दुबले-पतले हैं उन्हें खाना खाने के लिए तीस मिनट मिलेंगे ताकि वो ज्यादा खाकर अपनी सेहत सुधार सकें और बदले में कंपनी को बेहतर आउटपुट दे सकें। जो कर्मचारी फिट है उन्हें खाना खाने के लिए सिर्फ 15 मिनट ही मिलेंगे ताकि वो ज्यादा खाना खाकर मोटे न हो जाए। और जो कर्मचारी मोटे हैं उनका लंच ब्रैक सिर्फ पांच मिनट का होगा ताकि वो डायट टेबलेट ले सकें या जूस पी सकें।
बीमारी की छुट्टी
अब से डॉक्टर के सर्टीफिकेट को छुट्टी लेने के लिए अस्वीकार्य कर दिया जाएगा। यदि आप डॉक्टर के पास सर्टिफिकेट बनवाने जा सकते हैं तो काम करने के लिए दफ्तर भी आ सकते हैं।
शौचालय इस्तेमाल के नियम
प्राय देखा गया है कि कामचोर कर्मचारी शौचालय में अधिक समय बिताते हैं। कंपनी ने नई नीति बनाकर टॉयलेट के लिए अधिकतम समय तीन मिनट निर्धारित किया है। टॉयलेट में ऐसा सिस्टम लगाया गया है कि तीन मिनट से अधिक का समय होते ही टॉयलेट की टंकी से पानी निकलना बंद हो जाएगा और कैमरा एक्टीवेट हो जाएगा। उसी परिस्थिति में कर्मचारी की फोटो खींच ली जाएगी। यदि कोई कर्मचारी यह नियम एक से अधिक बार तोड़ेगा तो उसकी फोटो कंपनी के बुलेटिन में प्रकाशित की जाएगी और सभी कर्मचारियों को ईमेल के जरिए भी भेजी जाएगी।
सर्जरी
कंपनी में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को सर्जरी नहीं कराने दी जाएगी। बेहतर आउटपुट देने के लिए शरीर के सभी हिस्सों का होना आवश्यक है। यदि कोई कर्मचारी सर्जरी कराता है तो इसे कार्य के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने पर नौकरी से भी निकाला जा सकता है।
कंपनी के लिए जिम्मेदार रहने के लिए आपका शुक्रिया। हम यहां आपको काम करने के लिए बेहतर और पॉजिटिव माहौल देने के लिए प्रयासरत हैं। यदि आपका कोई सवाल, शिकायत या टिप्पणी है या फिर आपको कोई परेशानी या दिक्कत है या किसी पर कोई आरोप है तो फिर उसे कहीं और दिखाएं। इस विषय में कंपनी किसी की कोई भी बात नहीं सुनेगी।
आपके हित के लिए चिंतित
एचआर मैनेजर
कानून तोड़ा तो ब्लॉग बैन कर देगी गूगल
नई दिल्ली. इंटरनेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल ने अपने ब्लॉगर प्लेटफार्म पर विभिन्न देशों के नियमों के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। कुछ दिन पहले माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भी इसी तरह का कदम उठाया था। इंटरनेट को नियमन में बांधने के लिए भारत सहित विभिन्न देशों द्वारा कदम उठाए जाने को लेकर चल रही बहस के बीच गूगल भी ऑनलाइन कंटेंट पर कुछ 'रोक' लगाने जा रही है।
कंपनी ने कहा है कि वह विभिन्न देशों के अनुसार, अलग-अलग सामग्री पर प्रतिबंध लगा सकेगी। इसका मतलब यह है कि यदि कोई ब्लॉग आस्ट्रेलियाई कानून का उल्लंघन करता है, तो गूगल उसे ऑस्ट्रेलिया में ब्लॉक कर सकती है, जबकि बाकी देशों में वह चालू रह सकता है। गूगल ने कहा कि वह आगामी सप्ताहों में अपने ब्लॉगर प्लेटफॉर्म पर देश विशेष वाला यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) लगाने जा रही है
29 साल बाद फेसबुक ने जुड़वां बहनों को मिलाया
स्टॉकहोम. 29 साल पहले गोद लिए जाने के कारण बिछड़ी जुड़वां बहनों को फेसबुक ने मिला दिया। इनका जन्म इंडोनेशिया में हुआ था और स्वीडन के दो अलग-अलग दंपतियों ने उन्हें गोद लिया। दोनों को स्वीडन ले जाया गया जहां ये महज 40 किमी की दूरी पर रह रही थीं। लेकिन पिछले साल तक एक दूसरे से अंजान थीं।
एमिली फाक और लिन बेकमैन ने पिछले साल जनवरी में मिलने के बाद अपना डीएनए टेस्ट कराया। इसमें पता चला कि उनके बहनें होने की संभावना 99.98 प्रतिशत है। इंडोनेशिया में बेकमैन के माता-पिता जब उसे गोद लेकर जा रहे थे तब एक टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें बताया कि बच्ची की एक जुड़वां बहन भी है। उन्होंने दोनों बच्चियों के इंडोनेशियाई नाम एक कागज पर लिख लिए।
स्वीडन आने पर उन्होंने इन नामों के सहारे फाक के माता-पिता को खोज लिया। लेकिन उन्हें दोनों बच्चियों में ज्यादा समानता नजर नहीं आई। दोनों परिवारों ने गोद लिए जाने से संबंधित दस्तावेज भी मिलाए। मगर इसमें पिता का नाम अलग-अलग था। वैसे तो मां का नाम एक ही लिखा था लेकिन दोनों परिवारों ने सोचा कि इसे लिखने में कोई गलती हुई है। इसके बाद दोनों परिवारों ने बच्चियों के जुड़वां होने की संभावना को नकार दिया। फिर ये परिवार एक दूसरे से अलग हो गए और दोबारा कभी नहीं मिले।
इतने साल बाद दोनों बहनें एक दूसरे से कैसे मिलीं इस बारे में फाक ने बताया, 'जब दो साल पहले मेरी शादी हुई तब मैंने अपने परिवार और मुझे गोद लिए जाने के बारे में सोचना शुरू किया। जब मैंने अपनी मां से पूछा तो उन्होंने मुझे पूरी घटना बताई। इसके बाद मैंने लिन को तलाशना शुरू किया।'
फाक ने फेसबुक पर इंडोनेशिया में स्वीडिश परिवारों द्वारा गोद लिए गए बच्चों की सूची में अपनी बहन को तलाशना शुरू किया और उसे ढूंढ भी लिया। दोनों की जन्मतिथि 18 मार्च, 1983 है। मां का नाम मैरिती राजीमैन था। इसके अलावा दोनों में रोचक समानताएं भी निकलीं। दोनों टीचर हैं। दोनों की शादी एक साल के अंतर से एक ही दिन हुई थी। दोनों ने शादी में एक ही गाने पर डांस किया था।
भारत में दोगुने हुए फेसबुक यूजर
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के लिए भारत वृद्धि दर्ज करने वाले मुख्य बाजारों में शामिल है। यहां इस साइट का उपयेाग करने वालों की तादाद पिछले एक साल में दोगुनी हो गई है। फेसबुक के लिए भारत भावी वृद्धि का प्रमुख स्रोत है।
कंपनी ने आईपीओ लाने के लिए आवेदन किया है और वह इसके जरिए पांच अरब डॉलर जुटाना चाहती है। भारत में दर्ज 132 फीसदी की वृद्धि अमेरिका सहित कई अन्य देशों के मुकाबले, अधिक है। फेसबुक ने कहा, अलग-अलग जगहों पर वृद्धि दर अलग अलग रही लेकिन ब्राजील और भारत वृद्धि का मुख्य स्रोत थे।
कंपनी ने कहा, '31 दिसंबर 2011 तक भारत में हमारे सक्रिय ग्राहकों की संख्या 4.6 करोड़ थी जो पिछले साल के मुकाबले 132 फीसदी अधिक है।'
‘चिदंबरम से माफी मांगें स्वामी’
नई दिल्ली. 2जी घोटाले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका को लेकर बना संशय खत्म हो गया है। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में उन्हें आरोपी बनाने की मांग संबंधी जनता पार्टी प्रमुख सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे का फैसला सुनवाई निचली अदालत पर छोड़ दिए जाने के बाद विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने यह फैसला सुनाया। निचली अदालत के फैसले के बाद कोर्ट परिसर से बाहर निकलते समय स्वामी ने कहा कि वह अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
स्वामी ने अदालत ने फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘अदालत ने मेरी याचिका खारिज कर दी है। इससे मैं निराश नहीं हुआ हूं। किस वजह से मांग खारिज की गई है, यह मैंने अभी तक पढ़ा नहीं है। यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। हाई कोर्ट में कई बार मेरी याचिका खारिज हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मुझे जीत मिली। इस मामले में भी यदि हाई कोर्ट से न्याय नहीं मिलता है तो मैं सुप्रीम कोर्ट भी जाउंगा।’ स्वामी ने हालांकि इससे इनकार किया कि निचली अदालत के ताजा फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का कोई असर है।
हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई के मद्देनजर अदालत परिसर खचाखच भरा हुआ था। सुनवाई शुरू होने से पहले जज ओ पी सैनी ने मीडिया को कोर्ट रूम से बाहर जाने को कहा। केवल याचिकाकर्ता (सुब्रह्मण्यम स्वामी) और सरकारी वकील ही सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। इनके अलावा स्वामी की पत्नी, स्वामी के निजी सचिव और एक अन्य वकील कोर्ट रूम में मौजूद रहे। अदालत के फैसले दिन (शनिवार को) चिदंबरम नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में नहीं बल्कि अपने घर पर रहे। कोर्ट का फैसला आने के बाद चिदंबरम ने पीएम मनमोहन सिंह से बात की और तमिलनाडु जाने के लिए घर से सीधे एयरपोर्ट रवाना हो गए।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?
शीर्ष कोर्ट के जज जीएस सिंघवी और एके गांगुली की बेंच ने अपने फैसले में निचली अदालत से कहा है कि वह उसके फैसले से प्रभावित नहीं हो। बेंच ने चिदंबरम के खिलाफ जांच का सीबीआई को निर्देश देने से भी इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राजा की आलोचना करते हुए 2जी के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
हालांकि बेंच को प्रधानमंत्री और पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम की ओर से कोई गलती नहीं मिली। विशेष न्यायाधीश ने स्वामी की याचिका पर गत 21 जनवरी को फैसला 4 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि चिदंबरम पूर्व संचार मंत्री राजा के समान ही मामले में दोषी हैं, क्योंकि स्पेक्ट्रम कीमतें तय करने और दूरसंचार कंपनियों को शेयर विदेशी कंपनियों को बेचने की अनुमति देने में उनकी भी भूमिका थी।
प्रतिक्रियाएं -
2 जी मामले में चिदंबरम के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। हम हमेशा से यही कहते आए हैं। इसमें आश्चर्य करने की कोई बात नहीं है। स्वामी को चिदंबरम की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए माफी मांगनी चाहिए। - कपिल सिब्बल, केंद्रीय संचार मंत्री
निचली अदालत के फैसले से सरकार की भ्रष्ट छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा। - रविशंकर प्रसाद, भाजपा प्रवक्ता