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05 फ़रवरी 2012

आखिर क्यूं है ब्रह्मा का सिर्फ 'एक मंदिर', यहां छुपा है 'रहस्य'

अजमेर/जयपुर. राजस्थान के पुष्कर में बना भगवान ब्रह्मा का मंदिर अपनी एक अनोखी विशेषता की वजह से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है, यह ब्रह्मा जी एकमात्र मंदिर है। भगवान ब्रह्मा को हिन्दू धर्म में संसार का रचनाकार माना जाता है।

क्या है इतिहास इस मंदिर का

ऐतिहासिक तौर पर यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार यह मंदिर लगभग 2000 वर्ष प्राचीन है।संगमरमर और पत्थर से बना यह मंदिर पुष्कर झील के पास स्थित है जिसका शिखर लाल रंग से रंग हुआ है। इस मंदिर के केंद्र में भगवान ब्रह्मा के साथ उनकी दूसरी पत्नी गायत्री कि प्रतिमा भी स्थापित है। इस मंदिर का यहाँ की स्थानीय गुर्जर समुदाय से विशेष लगाव है। मंदिर की देख-रेख में लगे पुरोहित वर्ग भी इसी समुदाय के लोग हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा की दूसरी पत्नी गायत्री भी गुर्जर समुदाय से थीं।

कैसे नाम पड़ा 'पुष्कर'

हिन्दू धर्मग्रन्थ पद्म पुराण के मुताबिक धरती पर वज्रनाश नामक राक्षस ने उत्पात मचा रखा था। ब्रह्मा जी ने जब उसका वध किया तो उनके हाथों से तीन जगहों पर पुष्प गिरा, इन तीनों जगहों पर तीन झीलें बनी। इसी घटना के बाद इस स्थान का नाम पुष्कर पड़ा। इस घटना के बाद ब्रह्मा ने यज्ञ करने का फैसला किया। पूर्णाहुति के लिए उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती का साथ होना जरुरी था लेकिन उनके न मिलने की वजह से उन्होंने गुर्जर समुदाय की एक कन्या 'गायत्री' से विवाह कर इस यज्ञ को पूर्ण किया, लेकिन उसी दौरान देवी सरस्वती वहां पहुंची और ब्रह्मा के बगल में दूसरी कन्या को बैठा देख क्रोधित हो गईं।

उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बावजूद कभी भी उनकी पूजा नहीं होगी, हालाँकि बाद में इस श्राप के असर को कम करने के लिए उन्होंने यह वरदान दिया कि एक मात्र पुष्कर में उनकी उपासना संभव होगी। चूंकि विष्णु ने भी इस काम में ब्रह्मा जी की मदद की थी इसलिए देवी सरस्वती ने उन्हें यह श्राप दिया कि उन्हें अपनी पत्नी से विरह का कष्ट सहन करना पड़ेगा। इसी कारण उन्हें मानवरूप में राम का जन्म लेना पड़ा और 14 साल के वनबास के दौरान उन्हें पत्नी से अलग रहना पड़ा था।

मंत्रीजी के घर साड़ी को लेकर मची लूट, देखें तस्वीरें

इंदौर। विधानसभा-दो में 29 जनवरी को कांग्रेस की आमसभा हुई थी जिसे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने संबोधित किया था। कांग्रेस कार्यकर्ता साड़ियों का लालच देकर जिन महिलाओं को सभा में लाए थे उन्होंने रविवार को सुभाषनगर में ब्लॉक अध्यक्ष शशि हाड़ा के घर धावा बोल दिया।

गिनती की साड़ियों के लिए सैकड़ों महिलाओं की भीड़ उमड़ी जिसमें कुछ को चोट आई और कुछ गश खाकर गिर गईं। पुलिस ने मोर्चा संभाला तब कहीं भीड़ छंटी।

हंगामे पर बोलीं

नहीं बता सकती कितनी साड़ियां बांटना थी रिलायंस ग्राउंड की सभा में जाने वाली महिलाओं को मैं साड़ी बांटना चाह रही थी। पड़ोस में शादी के कारण भीड़ बढ़ गई। मैंने साड़ी बांटने के लिए दो महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी थी।

व्यवस्था कैसे बिगड़ी मुझे नहीं पता, मैं यह भी नहीं बता सकती कि कितनी साड़ियां बांटना थी। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकती।

- शशि हाड़ा, ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस

वार्ड क्रमांक-3 स्थित हाड़ा के मकान के बाहर करीब तीन बजे साड़ियां बांटे जाने की खबर के बाद महिलाओं का आना शुरू हुआ। आधे घंटे के भीतर घर के बाहर पैर रखने की जगह तक नहीं बची।

घर के एक दरवाजे से साड़ियां बांटने वाले दो हाथ थे और लेने वाले पचासों। एक ही साड़ी को कई ने खींचना शुरू किया और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

छीना-छपटी के बीच परिचित के साथ पहुंची एक बुजुर्ग महिला भीड़ में बुरी तरह फंस गई। खुद को बचाने के लिए वह चिल्लाने लगी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। थोड़ी ही देर में वह बेहोश हो गई। जमीन पर गिरते ही कुछ महिलाओं ने उसे उठाया और भीड़ से बाहर लाईं।

खुले में बेहोश महिला को जमीन पर लिटाया। फिर हवा कर होश में लाने की कोशिश की गई। होश में आने के बाद यह महिला लौट गई। इसी बीच पुलिस पहुंच गई और भीड़ को तितर-बितर किया।

भारत की सबसे भयानक जगह है यह किला!Comment

जयपुर.इस किले में प्रवेश करने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी दे दी जाती है कि वे सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात् इस इस किले के आस पास समूचे क्षेत्र में प्रवेश ना करें अन्यथा किले के अन्दर उनके साथ कुछ भी भयानक घट सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस किले में भूत प्रेत का बसेरा है,भारतीय पुरातत्व के द्वारा इस खंडहर को संरक्षित कर दिया गया है।गौर करने वाली बात है जहाँ पुरात्तव विभाग ने हर संरक्षित क्षेत्र में अपने ऑफिस बनवाये है वहीँ इस किले के संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग ने अपना ऑफिस भानगढ़ से किमी दूर बनाया है।

जयपुर और अलबर के बीच स्थित राजस्थान के भानगढ़ के इस किले के बारे में वहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि रात्रि के समय इस किले से तरह तरह की भयानक आवाजें आती हैं और साथ ही यह भी कहते हैं कि इस किले के अन्दर जो भी गया वह आज तक वापस नहीं आया है,लेकिन इसका राज क्या है आज तक कोई नहीं जान पाया।

मिथकों के अनुसार भानगढ़ एक गुरु बालू नाथ द्वारा एक शापित स्थान है जिन्होंने इसके मूल निर्माण की मंज़ूरी दी थी लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि महल की ऊंचाई इतनी रखी जाये कि उसकी छाया उनके ध्यान स्थान से आगे ना निकले अन्यथा पूरा नगर ध्वस्त हो जायेगा लेकिन राजवंश के राजा अजब सिंह ने गुरु बालू नाथ की इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और उस महल की ऊंचाई बढ़ा दी जिससे की महल की छाया ने गुरु बालू नाथ के ध्यान स्थान को ढंक लिया और तभी से यह महल शापित हो गया।

एक अन्य कहानी के अनुसार राजकुमारी रत्नावती जिसकी खूबसूरती का राजस्थान में कोई सानी नहीं था।जब वह विवाह योग्य हो गई तो उसे जगह जगह से रिश्ते की बात आने लगी।

एक दिन एक तांत्रिक की नज़र उस पर पड़ी तो वह उस पर कला जादू करने की योजना बना बैठा और राजकुमारी के बारे में जासूसी करने लगा।

एक दिन उसने देखा कि राजकुमारी का नौकर राजकुमारी के लिए इत्र खरीद रहा है,तांत्रिक ने अपने काले जादू का मंत्र उस इत्र की बोतल में दाल दिया,लेकिन एक विश्वशनीय व्यक्ति ने राजकुमारी को इस राज के बारे में बता दिया।


राजकुमारी ने वह इत्र की बोतल को चट्टान पर रखा और तांत्रिक को मारने के लिए एक पत्थर लुढ़का दिया,लेकिन मरने से पहले वह समूचे भानगढ़ को श्राप दे गया जिससे कि राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ बासियों की म्रत्यु हो गई।

इस तरह की और और भी कई कहानियां हैं जो भानगढ़ के रहस्य पर प्रकाश डालती हैं लेकिन हकीकत क्या है वह आज भी एक रहस्य है।

खौफनाक है इस खजुराहों की दास्तां, जिंदा इंसान बन जाता है 'पत्थर'!!!


बाड़मेर के ऐतिहासिक किराडू मंदिर में क्या हैं ऐसा जो रात को यहां कोई सो जाये तो उसकी मौत हो जाती हैं या वो पत्थर कि शक्ल अख्तियार कर लेता हैं कही ये कुछ लोगो का फैलाया कोई भ्रम जाल तो नहीं ?

कुछ ऐसे ही सवाल बाड़मेर के इस खजुराहो में हैं कहते हैं कि यह किराडू मंदिर कई बार मुगलों के आक्रमण झेल कर लूटा जा चुका हैं तो कई लोग कहते कि यहाँ एक साधू का श्राप इस मंदिर को पत्थरों की नगरी बना गया ?

ऐतिहासिक प्रदेश राजस्थान के जिला बाड़मेर में स्थित 'किराडू के मंदिर'अपनी स्थापत्य कला के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। दक्षिण भारतीय शैली में बने ये मंदिर न सिर्फ धर्मप्रेमी लोगों अपितु साधारण पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं।

मैं पुलिस में हूं टेंशन मत लो, चेन तोड़ो-जेब काटो'



सीकर/खाटूश्यामजी.‘तुम लोग टेंशन मत लो। बेफिक्र होकर चेन तोड़ो और जेबतराशी करो। पुलिस में होने के कारण बचाने की गारंटी मेरी।’ खाटूश्यामजी में शनिवार को जेबतराशी व चेन स्नेचिंग करवाते पकड़ में आया एएसआई इसी तरह गैंग चला रहा था। वह दस साल से भी ज्यादा समय से जीणमाता व खाटू में चेन तोड़ने व जेब तराशी में लिप्त था। एएसआई अपराध में इस कदर लिप्त हो चुका था कि वह पुलिस का खौफ भी भूल गया। पकड़े जाने की स्थिति पुलिसवालों को धौंस दिखा सके इसलिए पुलिस के लाल जूते पहने रखता। दुस्साहस केवल इतना नहीं, वह गैंग में शामिल सदस्यों के साथ भी चलता।

चेन तोड़ने व जेबतराशी से मिलने वाली रकम अपनी जेब के हवाले कर लेता। हां इस बात का ख्याल जरूर रखता था कि स्थानीय पुलिस कितनी चौकन्नी है। रविवार को आरोपी एएसआई को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के साथ वारदात में शामिल कोटपूतली क्षेत्र की कांग्रेस की जिला परिषद सदस्य की तलाश कर रही है। उसके गिरोह में शामिल होने की आशंका है।

पुलिस के मुताबिक 37 साल पहले ताराचंद बावरी निवासी रामसखा का बास (कोटपूतली) कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ। इसके बाद प्रमोशन से एएसआई बन गया। वह कई साल पहले ही इस धंधे में शामिल हो गया। इसके लिए बाकायदा एक गैंग भी बना ली। वह खुद के पुलिस में होने की धौंस गैंग सदस्यों को देता और उन्हें बताता कि पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है। वे बेफिक्र होकर चेन स्नेचिंग व जेबतराशी की वारदात कर सकते हैं। वह गैंग के सदस्यों को लेकर खाटूश्यामजी व जीणमाता आता रहता था। यह ध्यान भी रखता था कि स्थानीय पुलिस कितनी चौकन्नी है।

शनिवार को किसी महिला ने राजेश नाम के व्यक्ति का पर्स चोरी कर एएसआई को दिया था, जिसने अपनी जेब में डाल लिया। पुलिस को आशंका है कि कहीं वह महिला जिप सदस्य तो नहीं थी। इसी बीच चोरी का शिकार हुए व्यक्ति की नजर एएसआई पर पड़ गई और उसे पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि गाड़ी में कोटपूतली के लक्ष्मीनगर की रहने वाली जिप सदस्य सावित्री का पहचान पत्र मिला है। थानाधिकारी रविंद्र प्रताप ने बताया कि इसके आधार पर शक है कि यह भी गिरोह में शामिल हो सकती है।

एक दिन पहले भी खाटू में की थी जेबतराशी

जानकारी के मुताबिक एएसआई की गैंग मासिक मेला शुरू होते की खाटू आने लगी थी। शुक्रवार को भी वे खाटू आकर वारदात कर गए जिसके कारण शनिवार को पुलिस ज्यादा सक्रिय थी। एएसआई व उसके साथी बोलेरो गाड़ी में तीन चार जोड़ी कपड़े हमेशा साथ रखते हैं जिससे वे कपड़े बदल कर बार बार मंदिरों में जा सके। शनिवार को भी उनके पास से तीन जोडी कपड़े बरामद किए गए। एएसआई के खिलाफ फागी थाने में मर्डर का मामला दर्ज हुआ था, जिसमे एफआर लग गई।

कांग्रेस से जुड़ी है जिप सदस्य, कई जगह दर्ज हैं चेन स्नेचिंग के मुकदमे

चेन स्नेचिंग व जेबतराशी मामले में जिस महिला जिला परिषद सदस्य की भूमिका पुलिस को संदिग्ध लग रही है वह कोटपूतली में कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीत चुकी है और उसके खिलाफ चेन स्नेचिंग व जेब तराशी के अलावा, मारपीट व नाबालिग को भगाने जैसे मामले भी दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी एएसआई इससे पहले एसीबी की गिरफ्त में भी आ चुका है।

पूरी गैंग का पर्दाफाश करेंगे

"बोलेरो गाड़ी पर जयपुर का टेंपरेरी नंबर मिला है, जिसका कंपनी से मालूम कराया जाएगा कि किसके नाम से बिकी है। गिरफ्तार एएसआई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसपी (ग्रामीण) जयपुर को चिट्ठी लिख रहे हैं। कॉल डिटेल व अन्य तरीके से पूरी गैंग का पर्दाफाश किया जाएगा। जांच में जिप सदस्य के नाम से परिचय पत्र के साथ उससे जुड़ी कई गोपनीय जानकारी मिली है। इसलिए गैंग के साथ कौन-कौन हैं व जिला परिषद सदस्य की क्या भूमिका है इसकी जांच होगी।"

गौरव श्रीवास्तव, एसपी

जिला परिषद सदस्य के खिलाफ झुंझुनूं में भी मुकदमा

पुलिस जांच में सामने आया है कि जिला परिषद सदस्य सावित्री के खिलाफ झुंझुनूं, कोटपूतली, भरतपुर, शाहजहांपुर आदि थानों में चैन चोरी आदि की घटनाओं के मामले दर्ज हैं।

कई बार पकड़ में आया लेकिन रौब दिखाकर बच गया

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी एएसआई व उसकी गैंग पहले भी कई बार पकड़ी जा चुकी है। लेकिन पुलिस का रौब दिखाकर वह हर बार बच निकलता। बताया जा रहा है कि करीब दस साल पहले जब वह हैड कांस्टेबल था तब भी जीण माता में पकड़ा गया था, लेकिन छोड़ दिया गया। इसके बाद उसके हौसले और बुलंद हो गए। इसके बाद वह खाटू मेले में भी अक्सर वारदात को अंजाम देने लगा। प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों पर भी उसने गिरोह को छोड़ा।

मैं पुलिस में हूं टेंशन मत लो, चेन तोड़ो-जेब काटो'

सीकर/खाटूश्यामजी.‘तुम लोग टेंशन मत लो। बेफिक्र होकर चेन तोड़ो और जेबतराशी करो। पुलिस में होने के कारण बचाने की गारंटी मेरी।’ खाटूश्यामजी में शनिवार को जेबतराशी व चेन स्नेचिंग करवाते पकड़ में आया एएसआई इसी तरह गैंग चला रहा था। वह दस साल से भी ज्यादा समय से जीणमाता व खाटू में चेन तोड़ने व जेब तराशी में लिप्त था। एएसआई अपराध में इस कदर लिप्त हो चुका था कि वह पुलिस का खौफ भी भूल गया। पकड़े जाने की स्थिति पुलिसवालों को धौंस दिखा सके इसलिए पुलिस के लाल जूते पहने रखता। दुस्साहस केवल इतना नहीं, वह गैंग में शामिल सदस्यों के साथ भी चलता।

चेन तोड़ने व जेबतराशी से मिलने वाली रकम अपनी जेब के हवाले कर लेता। हां इस बात का ख्याल जरूर रखता था कि स्थानीय पुलिस कितनी चौकन्नी है। रविवार को आरोपी एएसआई को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के साथ वारदात में शामिल कोटपूतली क्षेत्र की कांग्रेस की जिला परिषद सदस्य की तलाश कर रही है। उसके गिरोह में शामिल होने की आशंका है।

पुलिस के मुताबिक 37 साल पहले ताराचंद बावरी निवासी रामसखा का बास (कोटपूतली) कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ। इसके बाद प्रमोशन से एएसआई बन गया। वह कई साल पहले ही इस धंधे में शामिल हो गया। इसके लिए बाकायदा एक गैंग भी बना ली। वह खुद के पुलिस में होने की धौंस गैंग सदस्यों को देता और उन्हें बताता कि पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है। वे बेफिक्र होकर चेन स्नेचिंग व जेबतराशी की वारदात कर सकते हैं। वह गैंग के सदस्यों को लेकर खाटूश्यामजी व जीणमाता आता रहता था। यह ध्यान भी रखता था कि स्थानीय पुलिस कितनी चौकन्नी है।

शनिवार को किसी महिला ने राजेश नाम के व्यक्ति का पर्स चोरी कर एएसआई को दिया था, जिसने अपनी जेब में डाल लिया। पुलिस को आशंका है कि कहीं वह महिला जिप सदस्य तो नहीं थी। इसी बीच चोरी का शिकार हुए व्यक्ति की नजर एएसआई पर पड़ गई और उसे पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि गाड़ी में कोटपूतली के लक्ष्मीनगर की रहने वाली जिप सदस्य सावित्री का पहचान पत्र मिला है। थानाधिकारी रविंद्र प्रताप ने बताया कि इसके आधार पर शक है कि यह भी गिरोह में शामिल हो सकती है।

एक दिन पहले भी खाटू में की थी जेबतराशी

जानकारी के मुताबिक एएसआई की गैंग मासिक मेला शुरू होते की खाटू आने लगी थी। शुक्रवार को भी वे खाटू आकर वारदात कर गए जिसके कारण शनिवार को पुलिस ज्यादा सक्रिय थी। एएसआई व उसके साथी बोलेरो गाड़ी में तीन चार जोड़ी कपड़े हमेशा साथ रखते हैं जिससे वे कपड़े बदल कर बार बार मंदिरों में जा सके। शनिवार को भी उनके पास से तीन जोडी कपड़े बरामद किए गए। एएसआई के खिलाफ फागी थाने में मर्डर का मामला दर्ज हुआ था, जिसमे एफआर लग गई।

कांग्रेस से जुड़ी है जिप सदस्य, कई जगह दर्ज हैं चेन स्नेचिंग के मुकदमे

चेन स्नेचिंग व जेबतराशी मामले में जिस महिला जिला परिषद सदस्य की भूमिका पुलिस को संदिग्ध लग रही है वह कोटपूतली में कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीत चुकी है और उसके खिलाफ चेन स्नेचिंग व जेब तराशी के अलावा, मारपीट व नाबालिग को भगाने जैसे मामले भी दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी एएसआई इससे पहले एसीबी की गिरफ्त में भी आ चुका है।

पूरी गैंग का पर्दाफाश करेंगे

"बोलेरो गाड़ी पर जयपुर का टेंपरेरी नंबर मिला है, जिसका कंपनी से मालूम कराया जाएगा कि किसके नाम से बिकी है। गिरफ्तार एएसआई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसपी (ग्रामीण) जयपुर को चिट्ठी लिख रहे हैं। कॉल डिटेल व अन्य तरीके से पूरी गैंग का पर्दाफाश किया जाएगा। जांच में जिप सदस्य के नाम से परिचय पत्र के साथ उससे जुड़ी कई गोपनीय जानकारी मिली है। इसलिए गैंग के साथ कौन-कौन हैं व जिला परिषद सदस्य की क्या भूमिका है इसकी जांच होगी।"

गौरव श्रीवास्तव, एसपी

जिला परिषद सदस्य के खिलाफ झुंझुनूं में भी मुकदमा

पुलिस जांच में सामने आया है कि जिला परिषद सदस्य सावित्री के खिलाफ झुंझुनूं, कोटपूतली, भरतपुर, शाहजहांपुर आदि थानों में चैन चोरी आदि की घटनाओं के मामले दर्ज हैं।

कई बार पकड़ में आया लेकिन रौब दिखाकर बच गया

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी एएसआई व उसकी गैंग पहले भी कई बार पकड़ी जा चुकी है। लेकिन पुलिस का रौब दिखाकर वह हर बार बच निकलता। बताया जा रहा है कि करीब दस साल पहले जब वह हैड कांस्टेबल था तब भी जीण माता में पकड़ा गया था, लेकिन छोड़ दिया गया। इसके बाद उसके हौसले और बुलंद हो गए। इसके बाद वह खाटू मेले में भी अक्सर वारदात को अंजाम देने लगा। प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों पर भी उसने गिरोह को छोड़ा।

जकरबर्ग बोले, मैं हैकर हूं

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न्यूयार्क. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने खुद को हैकर बताया है। उन्होंने बताया कि इस हुनर ने ही उनकी कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने में मदद की।

जकरबर्ग मानते हैं, 'कोई भी चीज सर्वश्रेष्ठ नहीं होती। उसमें हमेशा सुधार की गुंजाइश मौजूद रहती है। हैकर अपनी इसी सोच के बलबूते उन विचारों और उत्पादों पर बाजी लगाते हैं, जो नए तो होते हैं लेकिन उनके असफल रहने की आशंका भी मौजूद रहती है। अपनी इसी सोच के बलबूते मैने दुनिया की सबसे कामयाब इंटरनेट कंपनी खड़ी की।'

जकरबर्ग ने यह बात 'द हैकर वे' नामक आलेख में कही। यह आलेख फेसबुक का आईपीओ लाने के लिए सरकारी पर्यवेक्षकों को सौंपे गए दस्तावेजों का हिस्सा है। हैकर्स किसी भी वेबसाइट या सर्वर में सेंध लगाने में माहिर होते हैं। इस तरह वे दुनिया की किसी भी कंपनी या सरकारी एजेंसी की वेबसाइट से गोपनीय जानकारियां चुरा लेते हैं।

जिंदा हो सकता है रावण, ताबूत तक पहुंची रिसर्च टीम

होशियारपुर. रामायण काल से जुड़े स्थलों की खोज और इनके रिसर्च में जुटी श्री रामायण रिसर्च कमेटी की टीम श्रीलंका के रागला शहर के निकट दुर्गम पहाडिय़ों में बनी रावण केव्स तक पहुंच गई है। टीम ने गुफा में दो पिल्लरों पर पड़े उस 18 फुट लंबे 6 फुट चौड़े व 6 फुट ऊंचे ताबूत (बाक्सनुमा पत्थर)को भी देख लिया है जिसमें रावण की ममी होने का दावा किया जाता है।
यह जानकारी कमेटी के रिसर्चर अशोक कैंथ ने दी। श्रीलंका से कैंथ ने भास्कर को बताया कि श्री रामायण रिसर्च कमेटी अब इस खोज में जुटी है कि रावण का दाह संस्कार हुआ था या नहीं। वैसे कमेटी का कहना है कि रावण केव्स में पड़े ताबूत में रावण की ममी होने की पूरी संभावना है। कैंथ ने बताया कि इस ताबूत को पिल्लरों से हटाने में एक से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च आने के अनुमान है। कैंथ के अनुसार स्थानींय नागा लोगों का आज भी यह मत है कि रावण को जिंदा किया जा सकता है। युद्घ में रावण की मौत के बाद नागा लोग उसका शरीर उठा लाए और एक गुफा में रख दिया था।
श्रीलंका में रावण की पूजा नहीं होती
श्रीलंका से कैंथ ने भास्कर को बताया कि अभी तक तो आमतौर पर भारत में यही धारणा बनी हुई है कि श्रीलंका में रावण की पूजा की जाती है लेकिन ये सच्चाई से कोसो दूर है। सन 2004 तक तो श्रीलंका में रावण का नाम लेने वाला भी कोई नहीं था लेकिन रामायण काल से जुड़े अवशेषों की खोज के बाद यहां के लोगों को इतना पता है कि यहां पर भारत से संबंधित राजा श्री राम और लंका के राजा रावण के बीच युद्ध हुआ था और इसमें रावण का वध हो गया था।
दो साल पहले श्रीलंका के त्रिकोवली में पहला ऐसा मंदिर बना जिसमें रावण को शिव की पूजा करते दिखाया गया है। कमेटी की खोज में रावण से संबंधित कुछ ऐसी चीजें लंका में खोजी गई हैं जो यह प्रमाणित करती हैं कि रावण का वर्तमान श्रीलंका के साथ गहरा नाता रहा है।
श्रीलंका में खोजे गए धार्मिक स्थल
श्री रामायण रिसर्च कमेटी ने अब तक श्रीलंका में 50 के करीब धार्मिक स्थलों की खोज की है। जिसमें अशोक वाटिका, मानवरी रामलिंगम (भगवान राम द्वारा रावण वध के पश्चात स्थापित शिव लिंगों में से एक), अंजनी अय्यर मंदिर (बजरंगबली का मंदिर), सीता कोटूवा (अशोक वाटिका से पूर्व माता सीता के रहने का स्थान), सीता ईयर पौंड (माता सीता के आंसुओं से बना तालाब), गायत्री पीड़म (मेघनाद का शिव प्रार्थना स्थल), दिवूरम पोला (माता सीता का अग्नि परीक्षा स्थल), रावण के हवाई अड्डे, रावण की गुफाएं, रावण फाल्स, कैलेनिया बुद्घ मंदिर, कैंडी बुद्घ दंत मंदिर, सीता अम्मा मंदिर इत्यादि शामिल हैं।

नारद का अभिमान और माया का प्रभाव

बालकाण्ड

दोहा :
* संभु दीन्ह उपदेस हित नहिं नारदहि सोहान।
भरद्वाज कौतुक सुनहु हरि इच्छा बलवान॥127॥
भावार्थ:-यद्यपि शिवजी ने यह हित की शिक्षा दी, पर नारदजी को वह अच्छी न लगी। हे भरद्वाज! अब कौतुक (तमाशा) सुनो। हरि की इच्छा बड़ी बलवान है॥127॥
चौपाई :
* राम कीन्ह चाहहिं सोइ होई। करै अन्यथा अस नहिं कोई॥
संभु बचन मुनि मन नहिं भाए। तब बिरंचि के लोक सिधाए॥1॥
भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी जो करना चाहते हैं, वही होता है, ऐसा कोई नहीं जो उसके विरुद्ध कर सके। श्री शिवजी के वचन नारदजी के मन को अच्छे नहीं लगे, तब वे वहाँ से ब्रह्मलोक को चल दिए॥1॥
* एक बार करतल बर बीना। गावत हरि गुन गान प्रबीना॥
छीरसिंधु गवने मुनिनाथा। जहँ बस श्रीनिवास श्रुतिमाथा॥2॥
भावार्थ:-एक बार गानविद्या में निपुण मुनिनाथ नारदजी हाथ में सुंदर वीणा लिए, हरिगुण गाते हुए क्षीरसागर को गए, जहाँ वेदों के मस्तकस्वरूप (मूर्तिमान वेदांतत्व) लक्ष्मी निवास भगवान नारायण रहते हैं॥2॥
* हरषि मिले उठि रमानिकेता। बैठे आसन रिषिहि समेता॥
बोले बिहसि चराचर राया। बहुते दिनन कीन्हि मुनि दाया॥3॥
भावार्थ:-रमानिवास भगवान उठकर बड़े आनंद से उनसे मिले और ऋषि (नारदजी) के साथ आसन पर बैठ गए। चराचर के स्वामी भगवान हँसकर बोले- हे मुनि! आज आपने बहुत दिनों पर दया की॥3॥
* काम चरित नारद सब भाषे। जद्यपि प्रथम बरजि सिवँ राखे॥
अति प्रचंड रघुपति कै माया। जेहि न मोह अस को जग जाया॥4॥
भावार्थ:-यद्यपि श्री शिवजी ने उन्हें पहले से ही बरज रखा था, तो भी नारदजी ने कामदेव का सारा चरित्र भगवान को कह सुनाया। श्री रघुनाथजी की माया बड़ी ही प्रबल है। जगत में ऐसा कौन जन्मा है, जिसे वे मोहित न कर दें॥4॥
दोहा :
*रूख बदन करि बचन मृदु बोले श्रीभगवान।
तुम्हरे सुमिरन तें मिटहिं मोह मार मद मान॥128॥
भावार्थ:-भगवान रूखा मुँह करके कोमल वचन बोले- हे मुनिराज! आपका स्मरण करने से दूसरों के मोह, काम, मद और अभिमान मिट जाते हैं (फिर आपके लिए तो कहना ही क्या है!)॥128॥
चौपाई :
* सुनु मुनि मोह होइ मन ताकें। ग्यान बिराग हृदय नहिं जाकें॥
ब्रह्मचरज ब्रत रत मतिधीरा। तुम्हहि कि करइ मनोभव पीरा॥1॥
भावार्थ:-हे मुनि! सुनिए, मोह तो उसके मन में होता है, जिसके हृदय में ज्ञान-वैराग्य नहीं है। आप तो ब्रह्मचर्यव्रत में तत्पर और बड़े धीर बुद्धि हैं। भला, कहीं आपको भी कामदेव सता सकता है?॥1॥
* नारद कहेउ सहित अभिमाना। कृपा तुम्हारि सकल भगवाना॥
करुनानिधि मन दीख बिचारी। उर अंकुरेउ गरब तरु भारी॥2॥
भावार्थ:-नारदजी ने अभिमान के साथ कहा- भगवन! यह सब आपकी कृपा है। करुणानिधान भगवान ने मन में विचारकर देखा कि इनके मन में गर्व के भारी वृक्ष का अंकुर पैदा हो गया है॥2॥
* बेगि सो मैं डारिहउँ उखारी। पन हमार सेवक हितकारी॥
मुनि कर हित मम कौतुक होई। अवसि उपाय करबि मैं सोई॥3॥
भावार्थ:-मैं उसे तुरंत ही उखाड़ फेंकूँगा, क्योंकि सेवकों का हित करना हमारा प्रण है। मैं अवश्य ही वह उपाय करूँगा, जिससे मुनि का कल्याण और मेरा खेल हो॥3॥
* तब नारद हरि पद सिर नाई। चले हृदयँ अहमिति अधिकाई॥
श्रीपति निज माया तब प्रेरी। सुनहु कठिन करनी तेहि केरी॥4॥
भावार्थ:-तब नारदजी भगवान के चरणों में सिर नवाकर चले। उनके हृदय में अभिमान और भी बढ़ गया। तब लक्ष्मीपति भगवान ने अपनी माया को प्रेरित किया। अब उसकी कठिन करनी सुनो॥4॥
दोहा :
* बिरचेउ मग महुँ नगर तेहिं सत जोजन बिस्तार।
श्रीनिवासपुर तें अधिक रचना बिबिध प्रकार॥129॥
भावार्थ:-उस (हरिमाया) ने रास्ते में सौ योजन (चार सौ कोस) का एक नगर रचा। उस नगर की भाँति-भाँति की रचनाएँ लक्ष्मीनिवास भगवान विष्णु के नगर (वैकुण्ठ) से भी अधिक सुंदर थीं॥129॥
चौपाई :
* बसहिं नगर सुंदर नर नारी। जनु बहु मनसिज रति तनुधारी॥
तेहिं पुर बसइ सीलनिधि राजा। अगनित हय गय सेन समाजा॥1॥
भावार्थ:-उस नगर में ऐसे सुंदर नर-नारी बसते थे, मानो बहुत से कामदेव और (उसकी स्त्री) रति ही मनुष्य शरीर धारण किए हुए हों। उस नगर में शीलनिधि नाम का राजा रहता था, जिसके यहाँ असंख्य घोड़े, हाथी और सेना के समूह (टुकड़ियाँ) थे॥1॥
* सत सुरेस सम बिभव बिलासा। रूप तेज बल नीति निवासा॥
बिस्वमोहनी तासु कुमारी। श्री बिमोह जिसु रूपु निहारी॥2॥
भावार्थ:-उसका वैभव और विलास सौ इन्द्रों के समान था। वह रूप, तेज, बल और नीति का घर था। उसके विश्वमोहिनी नाम की एक (ऐसी रूपवती) कन्या थी, जिसके रूप को देखकर लक्ष्मीजी भी मोहित हो जाएँ॥ 2॥
*सोइ हरिमाया सब गुन खानी। सोभा तासु कि जाइ बखानी॥
करइ स्वयंबर सो नृपबाला। आए तहँ अगनित महिपाला॥3॥
भावार्थ:-वह सब गुणों की खान भगवान की माया ही थी। उसकी शोभा का वर्णन कैसे किया जा सकता है। वह राजकुमारी स्वयंवर करना चाहती थी, इससे वहाँ अगणित राजा आए हुए थे॥3॥
*मुनि कौतुकी नगर तेहि गयऊ। पुरबासिन्ह सब पूछत भयऊ॥
सुनि सब चरित भूपगृहँ आए। करि पूजा नृप मुनि बैठाए॥4॥
भावार्थ:-खिलवाड़ी मुनि नारदजी उस नगर में गए और नगरवासियों से उन्होंने सब हाल पूछा। सब समाचार सुनकर वे राजा के महल में आए। राजा ने पूजा करके मुनि को (आसन पर) बैठाया॥4॥

कुरान का संदेश

लखनऊ कोंग्रेस जिला अध्यक्ष भाई सिराज वली को उनके जन्म दिन पर मुबारकबाद

Siraj Wali Khanजी हाँ दोस्तों सिराज वली खान जिनका जन्म छ फरवरी १९६० को हुआ उनका कल जन्म दिन है उत्तर प्रदेश कोंग्रेस को समर्पित भाई सिराज वली खान लखनऊ जिला कोंग्रेस के अध्यक्ष होने के नाते पूरी ताकत से कोंग्रेस के प्रचार प्रसार में जुटे हुए है ........सिराज वली भाई को उनके जन्म दिन पर बधाई ....कोंग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में मिलकर सपा और बसपा का गढ़ ढहा कर कोंग्रेस का झंडा उंचा करने की कोशिशों में भाई सिराज वली ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ..आज उनके जन्म दिन पर सभी लोगों से गुजारिश है के दुआ करें जो उत्तर प्रदेश में असंभव संभव हो जाए और भाई सिराज वली की दुआएं... ख्वाहिशें पूरी हो जाएँ .........भाई सिराज वली को कोटा प्रेस क्लब ...कोटा जिला कोंग्रेस ..कोटा वक्फ कमेटी ..कोटा साहित्यकार परिषद ..कोटा फेसबुक फ्रेंड क्लब ..सहित सभी ब्लोगर भाइयों और बहनों के साथ फेसबुक दोस्तों की तरफ से दिली मुबारकबाद ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पढ़िए, पैगम्बर के वे खास सबक, जो घोलते हैं दिल और ज़िंदगी में मिठास


आज इस्लामिक त्योहार मिलाद-उन-नबी है। इस्लामी शरीयत के मुताबिक, मिलाद के दिन को पवित्र पैगम्बर के जन्म के समय घटी घटनाओं के लिए याद किया जाता है। दरअसल, 'मिलाद' शब्द जन्म के समय और स्थान का प्रतीक है। यही कारण है कि इस्लाम धर्म में मतान्तर से यह त्योहार अल्लाह के दूत माने जाने वाले पैगम्बर हजरत मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
इस्लामी केलेंडर के अनुसार, पैगम्बर हजरत मुहम्मद का जन्म 571 ई. 12 रबीउल अव्वल (इस्लामी बारहवां माह) को माना जाता है। यही नहीं मिलाद-उन-नबी का दिन मात्र पैगम्बर हजरत के जन्म का ही नहीं, बल्कि इस दुनिया से विदा होने का यानी रुखसत का भी माना जाता है। मुस्लिम समाज इस दिन को बारह-वफात के रूप में भी मनाता है।
पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने ही इस्लाम धर्म स्थापित किया। जिसके द्वारा उन्होंने मानवता, धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलने के ऐसे सबक सिखाए, जो हर इंसान को धार्मिक, सामाजिक व नैतिक रूप से मजबूत बनाते हैं। सरल शब्दों में कहें तो पैगम्बर ने पवित्र कुरान के जरिए लोगों को तन, मन, आचरण व आत्म शुद्धि के ऐसे उपाय बताए जो न केवल इस्लाम धर्म को मानने वालों को वरन पूरे मानव समाज को एक होने का संदेश देकर दिल और ज़िंदगी में हमेशा मिठास घोलने वाले हैं। जानिए, आज के संदर्भ में पैगम्बर हजरत मुहम्मद द्वारा दिए गए ऐसी ही बातों और सबक का सार -
- जिहाद का मतलब है - खुदं पर विजय, न कि बाहरी दुनिया में लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनैतिक, गैर-कानूनी और बुरे कर्म करना।
- किसी भी मकसद को पूरा करने के लिए झूठ और अन्याय का रास्ता न अपनाएं।
- बुरे वक्त या संकट के दौर में भी विवेक से काम लें यानी सही और गलत में फर्क समझकर फैसला लें।
- हर काम निर्भय होकर करें। कोई भी काम भय, संशय या उदासीनता के हालात में न करें।
- इच्छाओं और भावनाओं को काबू में रखें।
- गुस्से या क्रोध में आकर कोई गलत काम न करें।
- किसी भी प्रकार के कष्ट, विपत्ति में अपना मानसिक संतुलन बनाएं रखें
- स्वयं को पहचानना ही खुदा को जानना है।
- स्त्री को पूरा सम्मान दें, उनके धार्मिक स्थल पर जाने पर पाबंदी न हो।

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