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07 फ़रवरी 2012

राजस्थान सरकार में मंत्री शंतिधारिवल के खिलाफ षड्यंत्रकारियों ने मुंह की खायी

राजस्थान सरकार के कुछ दिग्गज लोग अकारण ही हाडोती के लाल और राजस्थान के तेज़ तर्रार विकास पुरुष कहे जाने वाले विधि और न्याय मंत्री शांति कुमार धारीवाल पीछे पढ़े है ..उनके खिलाफ अफवाहों में जहां कीचड़ भी नहीं होता वहां समुन्द्र बताकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जाता है ..लेकिन हर बार जब सच्चाई सामने आती है तो दुश्मनों को मुंह की खाना पढ़ती है ...अभी हाल ही में शान्ति धारीवाल को एक मिडिया समाचार पत्र और टी वी चेनल ने योजनाबद्ध तरीके से बदनाम करने की कोशिश की ..मीडिया समाचार पत्र की बात तो समझ में आती है उसकी पुरे राजस्थान में देनिक शाखाएं है उन्हें सस्ते दामों में ज़मीं चाहिए और जहां उनके प्लाट है वहां सरकारी खर्चों पर पक्की सड़क चाहिए लेकिन मिडिया को खबरें लिक करने वाला उनकी सरकार का अधिकारी और कर्मचारी हो और वोह कर्मचारी मुख्यमंत्री के अधीनस्थ चल रहे विभाग का हो तो कुछ अजीब सा लगता है ..अभी हाल ही में गृह विभाग में एक फर्जी गुमनाम पात्र भेजा गया जिस कार्यकाल में शांति धारीवाल मंत्री नहीं थे उस कार्यकाल की शिकायत पर शांति धारीवाल के खिलाफ जान्च की कार्यवाही ऐ सी बी को भेजी गयी .इतना ही नहीं इस खबर को तरकीब से अख़बार को लीक भी की गयी इस खबर के बाद धारीवाल के दुश्मनों की बांछें खिलीं लेकिन सरकार का सिद्धांत है नियम है के गुमनाम शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी सरकार ऐसी बेगार गुमनाम शिकायतों पर अपना वक्त खराब नहीं करेगी लेकिन इस शिकायत पर सारे कानून परिपत्र ताक में रख कर अधिकारीयों ने मनमानी की खेर ..धारीवाल ने जब मुख्यमंत्री जी को आयना दिखाया तो उनकी आँखें खुलीं और उन्होंने इसे गंभीरता से लेकर इस मामले में लगे अधिकारीयों को निलम्बित कर दिया और जान्च शुरू करवा डी ..धारीवाल के खिलाफ ऐसे एक नहीं सेकड़ों षड्यंत्र रचे जा रहे है कारण सब जानते है के इनकी कमीज़ मेरी कमीज़ से सफेद केसे और हर बार उनके खिलाफ जो भी षड्यंत्र करता है उन्हें निराशा ही हाथ लगती है ..बात साफ है जिसे अल्लाह रखे उसे कोन चखे ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अदालत में तमाशाः आईपीएस के आदेश पर सिपाही ने मारी गुलाटियां

नई दिल्ली. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही को लापरवाही बरतने पर एक आईपीएस अधिकारी ने परिसर में ही बंदर बना दिया। अधिकारी के आदेश पर लापरवाह सिपाही भरी अदालत में ही बंदर बन गया और गुलाटियां मारने लगा।

दरअसल दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिविल ड्रैस में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। सिपाही दिनेश को को लंबे समय से फोन पर बात करता देख उन्होंने उसे गुलाटी मारते हुए अदालत परिसर का चक्कर लगाने का तुगलकी फरमान सुना दिया।

सिपाही ने भी मामले को यहीं निपटता देख सार्वजनिक बेइज्जती की परवाह नहीं की और भरी अदालत में ही बंदर की तरह गुलाटियां मारते रहा। अधिकारी मदारी की तरह पीछे-पीछे चलते रहे और बंदर बना सिपाही आगे-आगे गुलाटी मारता रहा।

इस तमाशे को परिसर में मौजूद कुछ वकीलों ने अपने मोबाइल कैमरा से रिकार्ड कर लिया। बाद में अदालत ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दे दिए।

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