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18 फ़रवरी 2012

यहाँ न कोई हिन्दू रहे न कोई मुसलमान बस मेरा नहीं ..हमारा हो जाए भारत महान

फेसबुक पर आज सुबह मेने किसी का स्लोगन पढ़ा ..स्लोगन में लिखा था के गर्व से कहो हम हिन्दू है ..मेने सोचा बात सही है ....हिन्दू होना गर्व की बात है ..मुस्लिम होना गर्व की बात है ..सिक्ख होना गर्व की बात है लेकिन उससे भी ज्यादा गर्व की बात में हिन्दुस्तानी होने में मानता हूँ .और अगर हम इंसान बन जाए तो फिर तो हमारे लियें यह बात गर्व से बढ़ कर महा गर्व की हो जाती है दोस्तों हम अपने अपने धर्मों को एक बार पढ़े देखे के क्या धर्म हमे नफरत और अराजकता सिखाता है नफरत और अराजकता शेतान और असुरों ने ही फेलाई है और धर्म ने उनका नाश किया है तो फिर हम समाज के लोग जब जाती धर्म के भेदभाव पैदा कर नफरत और हिंसा फेलाते है मारकाट की बात करते हिया तो क्या हम हिन्दू या मुसलमान रह जाते है क्या हम धर्म के जानकर रह जाते है नहीं ना ..हम तो उस वक्त शेतान और असुर बन जाते है तो क्या हमारा नाश कभी कोई धर्म का हीरो नहीं करेगा इसलियें दोस्तों हम अपने गिरेबान में झांके त्योहारों को घरों से निकाल कर सडकों पर नुमाइश बनाने की परम्परा को खत्म करें ....धर्म अगर है तो फिर उसे घरों में क्यूँ नहीं बनाया जाता धर्म के नाम पर जुलुस निकलने की परम्परा पहले तो कभी नहीं थी लेकिन अब यह फेशन बन गया है ..धर्म की संस्थाओं पर या तो सियासी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कब्जा है या फिर माफिया ने कब्जा कर लिया है मुस्लिमों के धर्म स्थल हों या फिर हिन्दुओं के धर्म स्थल ..मुस्लिमों के त्यौहार हों या फिर हिन्दुओं के त्यौहार इन सभी पर समाज कंटक समझे जाने वाले कथित भाई साहबों का कब्जा है जिनका पुलिस रिकोर्ड तो हिस्ट्री शीटर का होता है लेकिन यही लोग धर्म के फेसले करते है अब खुद देख लें क्या इन लोगों के जरिये अमन चेन के फेसले लिए जा सकते है ..यह हमे खुद सोचना होगा के ह और म मिलकर हम बनता है ह से हिन्दू और म से मुस्लिम यानी दोनों मिलकर अगर हम बन जाये तो फिर देश विश्व की सर्वोच्च स्थिति में होगा ..लेकिन अगर हम ह और म को अलग करने की गलती कर बेठे तो ह से हां हां कार और म स माँ माँ कार मच जाएगा इसलियें दोस्तों यह देश न तेरा हे न मेरा है न हिन्दू का है न मुसलमान का है यह देश है वीर नो जवानों को अलबेलों का मस्तानों का यहाँ इसीलियें जय जवान जय किसान के नारे गूंजते है दीपावली पर मुसलमान और ईद पर हिन्दू भाई एक दुसरे से गले मिलते दिखते हैं .और इसीलियें मेरे इस देश को मेरा भारत महान कहते है ..जिसे अगर हम मेरे से हटकर हमारा भारत महान बना दे तो हमे न गर्व से हिन्दू कहने की जरूरत पढ़ेगी न गर्व से मुसलमान कहने की जरूरत पढ़ेगी न गर्व से इन्सान कहने की जरूरत पढ़ेगी बस हमारा भारत महान कहा भी जाएगा और सच में विश्व के नक्शे में हो भी जाएगा ..लेकिन इसके लियें हमे और आपको एक बार इन सभी बैटन पर चिन्तन मनन करके खुले दिल से देश के हक में फेसला लेना होगा क्या बना सकोंगे मेरे इस भारत को हमारा भारत महान अगर हां तो चलो उठो खड़े हो जाओ मेरे साथ और निकल पढो अमन के इस पाठ के लियें जिसे हमे सबको पढ़ना है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजनीतिक तूल पकड़ने लगे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष केबयान

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जो लोग चुनाव जीत कर आते हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे तमाम कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दूर करें। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ की हड्डी होते हैं। गहलोत ने कहा कि सरकार बनती ही संगठन से है, सरकार से संगठन नहीं। इसी कारण संगठन का महत्व एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी होता है। वे शनिवार को यहां बजट से पहले किसानों और किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पदाधिकारियों को चाहिए कि वे कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर सरकार तक पहुंचाएं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पार्टी की स्थिति के संबंध में दिए बयान संबंधी सवाल पर गहलोत ने कहा कि कुछ तो जुमले हो जाते हैं और कुछ जुमले गढ़ते हैं।

कुछ लोग इन्नोसेंटली बोल जाते है। कुछ लोग देखा देखी बोल जाते हैं। इसके बाद भी आम कार्यकर्ता जनता की भावना को समझते हैं, उसे भी देखते हैं। गहलोत ने कहा कि जनता की भावना को मैं भी समझता हूं। गहलोत ने कहा कि शुक्रवार को हुई सत्ता और संगठन की बैठक कामयाब रही। इसमें सभी ने सरकार की योजनाओं की तारीफ की और इसका प्रचार प्रसार ठीक से करने पर जोर दिया।

शीतलहर और पाला

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाल और सूखे में केंद्रीय सहायता का फैसला गृह मंत्रालय करता है। इसमें बनी कमेटी से राजस्थान में शीतलहर और पाले की स्थिति को भी आपदा के रूप में शामिल करें, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र में बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की सिफारिश पर इसे शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवों से पाला और शीतलहर से नुकसान का फीडबैक ले रहे हैं। इसका सर्वे भी करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहल से नरेगा शुरू हो गया है, इसके चलते अकाल और सूखे में भी कोई हाहाकार नहीं मचता है। गहलोत ने किसानों के साथ बैठक में उठे मुद्दों पर भी प्रकाश डाला।

पार्टी कमजोर तो जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व की है : रघु

जयपुर त्न कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान के पार्टी को कमजोर बताने वाले बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है। सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि अगर पार्टी कहीं कमजोर है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व की है।

दूसरी ओर, पार्टी के महामंत्री सुरेश चौधरी ने प्रदेशाध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा है कि चंद्रभान ने गलत कुछ नहीं कहा है, बल्कि उसका अर्थ गलत लगाया जा रहा है। उनके कहने का मकसद यह है कि कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं ताकि अगली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि वे चंद्रभान के बयान से इत्तफाक नहीं रखते। पार्टी कहीं कमजोर नहीं है। अगर कहीं कमजोर है तो इसकी जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की है। चंद्रभान ने जो कहा है, उसके पीछे शायद गलत मंतव्य नहीं है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेताने के लिए ही बात कही होगी, लेकिन इसका गलत अर्थ लगाया जा रहा है।

मीडिया में ऐसी बात आने के बाद लोगों में संदेश जाता है कि प्रदेशाध्यक्ष खुद ही अपनी पार्टी को कमजोर बता रहे हैं। शर्मा ने कहा कि हमें ऐसी बात बोलनी ही नहीं चाहिए, जिससे गलत संदेश जाए।

नहीं पसीजा दिल, नवजात बच्ची को छोड़ दिया शौचालय में


पानीपत. यमुनानगर . शनिवार सुबह पुराना हमीदा में बने सरकारी शौचालय में किसी ने नवजात छोड़ दिया। उसकी रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। शौचालय में बच्ची को देखकर सभी लोग बोले रहे थे कि क्या ऐसी भी मां होती है। इस फूल सी बच्ची को छोड़ते हुए उसका दिल नहीं पसीजा। इस ठंड में उसे छोड़कर चलती बनी।

आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस व प्रशासन को दी। बच्ची शौचालय में एक कोने में पड़ी रो रही थी और वह प्लास्टिक के बैग में लिपटी हुई थी। सुबह करीब सात बजे पुराना हमीदा निवासी रीना कालोनी में बने शौचालय में गई। यहां पर उसे बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी।


आसपास देखा तो एक कोने में बच्ची रो रही थी। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। उधर, सिटी एसएचओ सुनील कुमार का कहना है कि अज्ञात महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में जांच शुरू कर दी गई है।

हर कोई सन रह गया

शौचालय में नवजात बच्ची मिलने से हर कोई सन था। इसकी जानकारी मिलते ही देखते ही देखते यहां लोग एकत्रित हो गए। सबकी जुबान पर एक ही बात थी कि आखिर एेसी क्या मजबूरी होगी, जिसने बच्ची को यूं इस हालात में छोड़ दिया।

स्टाफ नर्स कर रहीं देखभाल

भले ही बच्ची को मां-बाप का प्यार न मिले, मगर सिविल अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में महिला पुलिस व स्टाफ नर्स देखरेख कर रही है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. विजय दहिया व डा. अनिल त्यागी के मुताबिक बच्ची पूरी तरह से स्वास्थ्य है। डाक्टर ने कहा बच्ची एक दिन की है।

अब गौर करें आंकड़ों पर

जिले में एक हजार लड़कों के पीछे 827 लड़की है। वहीं स्टेट में 871 लड़कियां हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बबीता का कहना है कि आंकड़े हर किसी की चिंता बढ़ रहे हैं। यह तभी संभव है, जब लड़कियां सुरक्षित हों। इसके लिए हर व्यक्ति को प्रयास करना होगा।

ये पहला मामला नहीं

हमीदा से नवजात बच्ची का मिलना पहली घटना नहीं है। इससे पहले जगधारी वर्कशाप के मैदान के निकट से एक बच्ची मिली थी। भाटिया नगर के डस्टबिन से, एनएच 73 पर गंगा पेट्रोल पंप के निकट से, चांदपुर बाइपास पर ऑटो से बच्ची मिल चुकी है। इसी तरह से 2010 के शुरू में पश्चिमी यमुना नहर से एक मादा भ्रूण मिला था।

कुरान का संदेश


भगवान शिव ने ही दिया था विष्णु को सुदर्शन चक्र


भगवान विष्णु के हर चित्र व मूर्ति में उन्हें सुदर्शन चक्र धारण किए दिखाया जाता है। यह सुदर्शन चक्र भगवान शंकर ने ही जगत कल्याण के लिए भगवान विष्णु को दिया था। इस संबंध में शिवमहापुराण के कोटिरुद्रसंहिता में एक कथा का उल्लेख है।

एक बार जब दैत्यों के अत्याचार बहुत बड़ गए तब सभी देवता श्रीहरि विष्णु के पास आए। तब भगवान विष्णु ने कैलाश पर्वत पर जाकर भगवान शिव की विधिपूर्वक आराधना की। वे हजार नामों से शिव की स्तुति करने लगे। प्रत्येक नाम पर एक कमल पुष्प भगवान विष्णु शिव को चढ़ाते।

तब भगवान शंकर ने विष्णु की परीक्षा लेने के लिए उनके द्वारा लाए एक हजार कमल में से एक कमल का फूल छिपा दिया। शिव की माया के कारण विष्णु को यह पता न चला। एक फूल कम पाकर भगवान विष्णु उसे ढूंढने लगे। परंतु फूल नहीं मिला। तब विष्णु ने एक फूल की पूर्ति के लिए अपना एक नेत्र निकालकर शिव को अर्पित कर दिया। विष्णु की भक्ति देखकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हुए और श्रीहरि के समक्ष प्रकट होकर वरदान मांगने के लिए कहा।

तब विष्णु ने दैत्यों को समाप्त करने के लिए अजेय शस्त्र का वरदान मांगा। तब भगवान शंकर ने विष्णु को अपना सुदर्शन चक्र दिया। विष्णु ने उस चक्र से दैत्यों का संहार कर दिया। इस प्रकार देवताओं को दैत्यों से मुक्ति मिली तथा सुदर्शन चक्र उनके स्वरूप से सदैव के लिए जुड़ गया।

मेरठ में पकड़ा गया निठारी जैसा नरपिशाच




नई दिल्‍ली/मेरठ. यूपी के मेरठ जिले में बच्‍चा चुराने वाले एक अंतरराज्‍यीय गिरोह का पता चला है। इस गिरोह के सदस्‍य नरभक्षी बताए जाते हैं। पता चला है कि मनमाफिक पैसा नहीं मिलने पर गिरोह के सदस्‍य अगवा किए गए बच्‍चों को भून कर खा जाया करते थे। यह घटना नोएडा के निठारी कांड की याद दिलाती है।

परतापुर के गांव भूड़बराल में शुक्रवार को गांववालों ने एक बच्चे सादिक को अगवा करके ले जाते एक संदिग्‍ध युवक को धर दबोचा। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम अमरजीत बताया। वह साहिबाबाद का रहने वाला है। पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने अमरजीत की जम कर पिटाई की और उसके कब्‍जे से बच्‍चे को छुड़ा लिया।

मेरठ रेंजके आईजी राजीव कृष्णा ने dainikbhaskar.com से कहा, 'शुक्रवार को गांव वालों ने अमरजीत को पकड़कर पुलिस को सूचना दी थी। पूछताछ के दौरान यह शख्स पागलों जैसी हरकतें कर रहा है। यह लगातार अपना बयान बदल रहा है। आरोपी को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। मामले की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष टीम गठित कर दी गई है, जो यूपी और दिल्ली के विभिन्न जगहों पर छापा मारकर सच्चाई का पता लगा रही है।'

अजनबी को देख हुआ शक

भूड़बराल के गांववालों को सादिक को एक अजनबी के साथ जाते देखकर शक हुआ। पांच दिन पहले उसी जगह खेलते हुए गांव का एक और बच्‍चा गायब हो गया था, जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। एक दिन पहले गुरुवार को मेडिकल क्षेत्र में एक बच्चे को अगवा करने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा एक महीने पहले परतापुर के काशी गांव में एक बच्चे का कंकाल मिलने के चलते भी इलाके के लोग सहमे हुए थे। ऐसे में गांववालों ने सादिक को ले जा रहे अपरिचित शख्‍स को दबोच कर उसकी पिटाई शुरू कर दी।


दिल्‍ली, हरियाणा तक फैला है जाल
अमरजीत ने बताया कि वह बच्चों को अगवा करने वाले गिरोह का सदस्य है। वह दस हजार रुपये में बच्चे को उठाने का काम करता है। उसने बताया कि चलती ट्रेन में बच्चे का सौदा होता था। जब बच्चों की सही कीमत नहीं मिलती, तो गिरोह के लोग बच्चों को मार डालते हैं और उनके टुकड़े-टुकड़े कर भून कर खा जाते हैं। उसने बताया कि लाल रंग की कार में सवार गिरोह के कुछ अन्‍य लोग हाईवे पर खड़े थे, जो मामले का भंडाफोड़ होने के बाद भाग गए थे।

एक और लापता बच्‍चे की फोटो दिखाने पर अमरजीत ने उसे बेचने की बात भी कुबूल की। आरोपी युवक ने बताया कि वह आसपास के गांवों से कई बच्चों का अपहरण कर चुका है। वह बच्चों का अपहरण करके दिल्ली में मोटी रकम लेकर बेचते हैं। अमरजीत ने बताया कि गिरोह में डेढ़ सौ से ज्यादा युवक बच्चा उठाने का काम करते है। वह सभी अन्य जिलों में रहते है। इनका नेटवर्क यूपी, हरियाणा और दिल्ली तक फैला हुआ है। शुक्रवार को उसके साथ पांच से छह युवक थे। वह सभी कार में गांव में आए थे।

फोन करने वाले ने पूछा- काम हो गया?

गांववालों ने पुलिस को अमरजीत के हवाले कर दिया। गांववालों को अमरजीत की जेब से एक मोबाइल फोन मिला है। ऐसे में वे उसे पागल नहीं मान रहे। उनका मानना है कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। जब भीड़ ने बच्चा चुराने वाले आरोपी को दबोचा तो उसके पास से एक मोबाइल फोन भी मिला। भीड़ में एक य़ुवक ने फोन सुना तो वहां से फोन आया है कि क्या काम हो गया? जिसके चलते लोगों का शक और गहरा गया।

डीसीआरबी के प्रभारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि अब तक जिले के सभी थानों से 89 बच्चों की मिशिंग है। लापता लोगों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते पिछले दोनों मिसिंग सेल का गठन किया गया था। लेकिन समय के साथ-साथ मिसिंग सेल भी खो गया।

क्‍या हुआ था निठारी में?

29 दिसंबर 2006 को नोएडा स्थित निठारी गांव में एक मकान के नाले से आठ बच्चों के कंकाल की बरामदगी हुई थी। मकान मालिक मनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरिंदर कोली को बच्चों के साथ घिनौनी हरकत करके मार देने की बात सामने आई थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

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