कहते हैं संतुलित आहार लेने से शरीर स्वस्थ रहता है और कई तरह की बीमारियां पास नहीं आती हैं। हृदयरोग और हृदयाघात भी ऐसी ही बीमारी है जिससे अपने रोजमर्रा के आहार में कुछ चीजें शामिल करके बचा जा सकता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही घरेलू चीजों के विषय में जिनका सही तरीके से नियमित प्रयोग आपको दिल से जुड़े हर खतरे से महफूज रखता है-
1. प्याज- इसका प्रयोग सलाद के रूप में कर सकते हैं। इसके प्रयोग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है। कमजोर हृदय होने पर जिनको घबराहट होती है या हृदय की धड़कन बढ़ जाती है उनके लिए प्याज बहुत ही लाभदायक है।
2. टमाटर- इसमें विटामिन सी, बीटाकेरोटीन, लाइकोपीन, विटामिन ए व पोटेशियम प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
4. लहसुन- भोजन में इसका प्रयोग करें। खाली पेट सुबह के समय दो कलियां पानी के साथ भी निगलने से फायदा मिलता है।
4. गाजर- बढ़ी हुई धड़कन को कम करने के लिए गाजर बहुत ही लाभदायक है। गाजर का रस पीएं, सब्जी खाएं व सलाद के रूप में प्रयोग करें।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 फ़रवरी 2012
खाने की कुछ चीजें: ये आपको महफूज रखेंगी दिल की बीमारियों से
सिग्नेचर करते समय ध्यान रखें ये बातें, क्योंकि...
आज अधिकांश लोगों की समस्या होती है कि उनके पास पैसा बचता नहीं। दिन रात मेहनत करके धन तो खूब कमाते हैं परंतु बचत नहीं हो पाती और जब पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तब कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में हस्ताक्षर के संबंध में कुछ बातें ध्यान रखने योग्य बताई हैं। इन बातों को अपनाने से कुछ ही समय में धन संबंधी परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
आप बहुत धन कमाते है और फिर भी बचत नहीं होती है तो यह उपाय करें आप अपने हस्ताक्षर के नीचे पूरी लाईन खीचें तथा उसके नीचे दो बिंदू बना दें, इन बिंदुओं का धन बढऩे के साथ बढ़ाते रहें। याद रखें अधिकतम छ: बिंदू लगाने जा सकते हैं। माता-पिता से नित्य पैर छूकर आशीर्वाद लें। सभी का सम्मान करें।
हस्ताक्षर आपके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करते हैं। इसी वजह से इस संबंध में पूरी सावधानी रखनी चाहिए। धन बढ़ाने के लिए ऊपर बताई गई बातों को अपनाएं। कुछ ही समय में आप सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त करेंगे।
ऐसे जानें लड़कियों की आंखों में छुपे केरेक्टर और किस्मत के राज
कुछ लड़कियां शादी के बाद पति की किस्मत चमका देती है। ये उनका गॉड गिफ्ट होता है। ऐसी लड़कियों की किस्मत हमेशा अच्छी होती है। लड़कियों की आंखें सिर्फ उनकी किस्मत ही नहीं उनका करेक्टर भी बयां कर देती है। न उसकी आंखें झूठ नहीं बोलती हैं। कहते हैं आंखे किसी व्यक्ति के मनोभावों का आइना होता है। आंखों के भावों के अलावा आंखों की बनावट से भी स्वभाव को जाना जा सकता हैं। ज्योतिष के अनुसार किसी आंखों के भाव ही नहीं बल्कि उसके आकार से भी स्वभाव का पता लगाया जा सकता है।
- ज्योतिष के अनुसार जिस लड़की की आंखें छोटी होती हैं वे शुभ लक्षणों वाली नहीं मानी जाती हैं।
- धंसी हुई आंखों वाली लड़कियां चंचल स्वभाव की होती हैं।
- गोल व बिल्ली जैसी आंखों वाली लड़कियां कुटील स्वभाव की होती हैं।
- जो लड़कियां आंखें फाड़कर देखती हैं वे एडवांस प्लानिंग के साथ काम करती हैं।
- छोटी-छोटी पलकों वाली लड़कियां भाग्यशाली होती हैं।
- जिस लड़की की आंखें हिरनी के समान बड़ी होती हैं उन लड़कियों का पगफेरा अच्छा माना जाता हैं।
- बड़ी और काली आंखों वाली लड़कियां बहुत अच्छी मानी जाती हैं और अच्छी जीवनसंगीनी होती हैं।
चार चम्मच सरसों के तेल का ये उपचार हर चोट के घाव को भर देगा
आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित ग्रंथों में घावों को जल्दी भरने के लिए अनेक प्रयोग बताए गए हैं। लेकिन फिर भी हर तरह के घाव को भरने के लिए घरेलू हल्दी को चमत्कारी औषधि का दर्जा दिया गया है। जिस बात को आयुर्वेद में हजारों साल पहले कह दिया था, उसकी सच्चाई और प्रामाणिकता पर आज विज्ञान जगत भी मुहर लगा रहा है। कैंसर की रोकथाम, दूषित खून की सफाई, डिमेंशिया से छुटकारा, गठिया, हानिकारक बेक्टीरिया और वायरस का सफाया, रोगों से लडऩे की क्षमता में इजाफा ....जैसे कई नायाब गुणों के साथ ही हल्दी में एक अन्य विशेष खूबी भी पाई जाती है। यदि कभी किसी को कोई चोट-मोच या जर्क लग जाए तथा दर्द, जकडऩ और सूजन की तकलीफ हो रही हो तो ऐसे में हल्दी का यह प्रयोग अवश्य करना चाहिये।
प्रयोग: चार चम्मच सरसों के तेल में 1चम्मच पिसी हल्दी लेकर धीमी आंच पर पका लें, इसमें 4-5 कलियां लहसुन की भी डाल दी जाएं तो लाभ और भी जल्दी होता है। थोड़ा ठंडा या गुनगना रहने पर किसी साफ कॉटन के साथ इस तेल में पकी हुई हल्दी को चोट के स्थान पर लगाकर बांध लें। कुछ ही घंटों में चोट और सूजन में काफी लाभ होगा।
फिटकरी- घाव वाले स्थान पर फिटकरी को भूनकर लगाने से भी घाव तेजी से भरने लगता है।
दूध के साथ प्रयोग: दो-तीन दिन लगातार दूध मे 1-चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीने से भी चोट-मोच, दर्द और सूजन में तत्काल राहत मिलती है।
कालीमिर्च का फार्मूला: इससे डेंड्रफ साफ हो जाएगा
बालों में ड्रेंड्रफ एक आम समस्या है। रूसी के कारण अक्सर बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं। डेंड्रफ को दूर करने के लिए वर्तमान में बाजार में कई तरह के एंटीडेंड्रफ शैंपू मौजूद हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि ये एंटी डेंड्रफ शैंपू डेंड्रफ को पूरी तरह से नहीं मिटा पाते हैं। इसीलिए जिद्दी ड्रेंड्रफ को जड़ से साफ करने के लिए घरेलू नुस्खे आजमाना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलु नुस्खों के बारे में.....
- पिसी हुई मेहंदी एक कप, थोड़ा सा कॉफी पाउडर, 1 चम्मचए दही, 1 चम्मचए नीबू का रस, 1 चम्मचए पिसा कत्था, 1 चम्मच आंवला चूर्ण, 1 चम्मच सूखे पुदीने का चूर्ण। फिर इन सभी को मिलाकर करीब दो घंटे रखें। बालों पर घंटा भर लगाकर धो लें। इसे बाल मुलायम व काले होंगे।
- काली मिट्टी बालों के बहुत अच्छी मानी जाती है, काली मिट्टी को दो घंटे पहले भिगोकर इससे सिर धोएं, इससे बाल मुलायम होते हैं।
- नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बालों का असमय पकना और झडऩा रुक जाता है।
- बालों में चमक प्रदान करने के लिए एक अंडे को खूब अच्छी तरह फेंट लें, इसमें एक चम्मच नारियल का तेल, एक चम्मच अरंडी का तेल, एक चम्मच ग्लिसरीन, एक चम्मच सिरका तथा थोड़ा सा शहद मिलाकर बालों को अच्छी तरह लगा लें, दो घंटे बाद कुनकुने पानी से धो लें। बाल इतने चमदार हो जाएंगे जितने किसी भी कंडीशनर से नहीं हो सकते।
- दही में बेसन घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद सिर धो लें। इससे बालों की चमक लौट आएगी और बालों की रूसी की समस्या से भी आपको निजात मिलेगी।
- रूसी की शिकायत वाले बालों के लिए दही में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सिर धोए। यह हफ्ते में दो बार अवश्य करें। इससे जहाँ बालों की रूसी खत्म होगी, वहीं बाल मुलायम, काले, लंबे व घने होंगे जो आपकी सुंदरता में चार चाँद लगाएँगे।
मनचलों पर आफत, कॉलेज के सामने नाक रगड़ कहा-सॉरी
खरखौदा कन्या महाविद्यालय जाने वाले मुख्य रास्ते में कई बार मोहल्ले वासियों ने लड़कियों को तंग करने वाले मनचलों की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने कई मनचलों की छितर परेड कराई और एक पुलिस टीम स्पेशल गठित कर दी।
गुरुवार की शाम को कालेज के सामने मुख्य रास्ते से गुजरते समय दो मनचलों ने एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की और फब्तियां कसी। लड़की के विरोध के बाद मोहल्ले वासियों ने बाइक सवार दोनों युवकों को पकड़ने का प्रयास किया। उधर सिविल ड्रेस में पुलिस कर्मियों ने युवकों को दबोचने का प्रयास किया तो वे मौके पर ही बाइक छोड़कर फरार हो गए।
सुबह करीब नौ बजे दोनों जब अपनी बाइक लेने के लिए मोहल्ले में आए तो मोहल्ले वासियों ने पकड़ लिया और पिटाई की। कालेज में आने-जाने वाली छात्राओं से माफी भी मांगी। मोहल्ले वासियों ने युवकों को पुलिस को सौंपने का भी मन बनाया। लेकिन बाद में मोहल्ले वासियों ने कालेज के चौक पर पहुंचकर नाक रगड़वाने के बाद मनचलों को छोड़ दिया। इस मौके पर काफी भीड़ भी जमा हो गई।
जाति पर टिप्पणी करने की हिमाकत, अब पहनाएंगे जूतों की माला!
अजमेर.भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी से अनिल नरवाल को निलंबित किए जाने की कार्रवाई के विरोध में वाल्मीकि छात्र संगठन ने प्रदेश अध्यक्ष ऋषि बंसल को जूते की माला पहनाने की घोषणा की है।
समाज के युवाओं ने शुक्रवार को माला बनाने के लिए अजमेर क्लब वाल्मीकि बस्ती से पुराने जूते-चप्पल एकत्र करने की कार्रवाई शुरू की।
वाल्मीकि छात्र संगठन के अध्यक्ष अनिल गोयर ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष बंसल ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर युवा नेता अनिल गोयर को कार्यकारिणी से हटाया है, इससे समाज के युवाओं में बंसल के खिलाफ रोष व्याप्त है। निर्णय किया गया है कि बंसल के अजमेर आने पर उन्हें 10 मीटर लंबी जूते की माला पहनाई जाएगी।
एक शख्स की मौत लेकिन अंतिम संस्कार दो बार..जानिए आखिर क्यों...
जिसके अंतिम संस्कार के लिए दोनों परिवार आमने-सामने आ गए। मुस्लिम परिवार युवक को दफनाना चाहता था, जबकि हिंदू परिवार हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उसका दाह-संस्कार करना चाहता था।
दरअसल हिंदु परिवार में जन्मे भरतभाई ने एक मुस्लिम लड़की से प्रेम विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया था। धर्म परिवर्तन के बाद भरत का नाम बदलकर अब शिराज था। मृत्यु के बाद यही विवाद की वजह बन गया।
बीते बुधवार को शिराज की अचानक मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु की खबर पाते ही दोनों परिवार अस्पताल पहुंच गए और यहीं से उसके अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा शुरू हो गया। शिराज के ससुराल वाले उसे दफनाना चाहते थे, जबकि उसके माता-पिता उसका दाह संस्कार करना चाहते थे।
आपसी सुलह न हो पाने के कारण मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों परिवारों को शांतिपूर्वक समझाया और एक अलग ही रास्ता खोज निकाला।
पुलिस का सुझाव था कि पहले हिंदू माता-पिता अपने बेटे के अंतिम संस्कार की सारी क्रियाएं कर लें और उसके बाद शिराज की मृतदेह उसके मुस्लिम बेटे को सौंप दिया जाए। इस सुझाव पर दोनों परिवार राजी हो गया और इस तरह हिंदू मा-बाप ने शिराज को गंगाजल दिया तो शिराज के बेटे ने उसे मिट्टी दी।
श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का यज्ञशाला में प्रवेश
लखन कहा जस भाजनु सोई। नाथ कृपा तव जापर होई॥1॥
पुनि मुनिबृंद समेत कृपाला। देखन चले धनुषमख साला॥2॥
चले सकल गृह काज बिसारी। बाल जुबान जरठ नर नारी॥3॥
तुरत सकल लोगन्ह पहिं जाहू। आसन उचित देहु सब काहू॥4॥
उत्तम मध्यम नीच लघु निज निज थल अनुहारि॥240॥
गुन सागर नागर बर बीरा। सुंदर स्यामल गौर सरीरा॥1॥
जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी॥2॥
डरे कुटिल नृप प्रभुहि निहारी। मनहुँ भयानक मूरति भारी॥3॥
पुरबासिन्ह देखे दोउ भाई। नरभूषन लोचन सुखदाई॥4॥
जनु सोहत सिंगार धरि मूरति परम अनूप॥241॥
जनक जाति अवलोकहिं कैसें। सजन सगे प्रिय लागहिं जैसें॥1॥
जोगिन्ह परम तत्वमय भासा। सांत सुद्ध सम सहज प्रकासा॥2॥
रामहि चितव भायँ जेहि सीया। सो सनेहु सुखु नहिं कथनीया॥3॥
एहि बिधि रहा जाहि जस भाऊ। तेहिं तस देखेउ कोसलराऊ॥4॥
सुंदर स्यामल गौर तन बिस्व बिलोचन चोर॥242॥
सरद चंद निंदक मुख नीके। नीरज नयन भावते जी के॥1॥
कल कपोल श्रुति कुंडल लोला। चिबुक अधर सुंदर मृदु बोला॥2॥
भाल बिसाल तिलक झलकाहीं। कच बिलोकि अलि अवलि लजाहीं॥3॥
रेखें रुचिर कंबु कल गीवाँ। जनु त्रिभुवन सुषमा की सीवाँ॥4॥
बृषभ कंध केहरि ठवनि बल निधि बाहु बिसाल॥243॥
पीत जग्य उपबीत सुहाए। नख सिख मंजु महाछबि छाए॥1॥
हरषे जनकु देखि दोउ भाई। मुनि पद कमल गहे तब जाई॥2॥
जहँ जहँ जाहिं कुअँर बर दोऊ। तहँ तहँ चकित चितव सबु कोऊ॥3॥
भलि रचना मुनि नृप सन कहेऊ। राजाँ मुदित महासुख लहेऊ॥4॥
मुनि समेत दोउ बंधु तहँ बैठारे महिपाल॥244॥
असि प्रतीति सब के मन माहीं। राम चाप तोरब सक नाहीं॥1॥
अस बिचारि गवनहु घर भाई। जसु प्रतापु बलु तेजु गवाँई॥2॥
तोरेहुँ धनुषु ब्याहु अवगाहा। बिनु तोरें को कुअँरि बिआहा॥3॥
यह सुनि अवर महिप मुसुकाने। धरमसील हरिभगत सयाने॥4॥
जीति को सक संग्राम दसरथ के रन बाँकुरे॥245॥
सिख हमारि सुनि परम पुनीता। जगदंबा जानहु जियँ सीता॥1॥
सुंदर सुखद सकल गुन रासी। ए दोउ बंधु संभु उर बासी॥2॥
करहु जाइ जा कहुँ जोइ भावा। हम तौ आजु जनम फलु पावा॥3॥
देखहिं सुर नभ चढ़े बिमाना। बरषहिं सुमन करहिं कल गाना॥4॥