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28 फ़रवरी 2012

चार सीनियर्स को पीछे छोड़ते हुए सीके मैथ्यू नए मुख्य सचिव नियुक्त

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीके मैथ्यू को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वे 35वें मुख्य सचिव होंगे। कार्मिक विभाग ने मंगलवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। 1977 बैच के आईएएस मैथ्यू बुधवार को रिटायर हो रहे एस. अहमद का स्थान लेंगे। मैथ्यू को गहलोत के विश्वासपात्र अफसरों में माना जाता है। वे गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव थे। वे पिछले दिनों तब चर्चा में आए थे जब अन्ना आंदोलन के दौरान उन्होंने अन्ना के सुर में सुर साधते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना ब्लॉग लिखा था।

धीमी चाल से पार पाना होगा

मैथ्यू को काम को लटकाने की प्रवृत्ति से पार पाना होगा। वित्त की तरह उन्हें हर विभाग में कौन सी फाइल कहां गई, इसका रिकॉर्ड रखना होगा। पृथ्वीराज नगर, पदोन्नति में आरक्षण जैसे कई मामले हैं जो सालों से लटके पड़े हैं। मैथ्यू चाहें तो इन्हें निबटा सकते हैं।

वर्ना पदोन्नति जैसे अवमानना के मामले उनका पीछा करते रहेंगे। मैथ्यू उदयपुर में पहली बार एसडीओ लगे थे। बाड़मेर और भीलवाड़ा में वे कलेक्टर रहे। मैथ्यू को सादगीपसंद और ईमानदार अफसर माना जाता है। वसुंधरा राजे शासनकाल में उन्होंने शिक्षा और आईटी विभागों में उल्लेखनीय काम किया था।

6 दिन का चीफ सेक्रेट्री

राज्य में चीफ सेक्रेट्री के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल भगवत सिंह का रहा। वे 76 माह 17 दिन (9 मई 1958 से 26 सितंबर 1964) तक इस पद पर रहे। इसके बाद उन्हें फिर 16 जनवरी 1965 को मुख्य सचिव बनाया गया। वे 29 अक्टूबर 1966 तक यानी 21 माह 14 दिन इस पद पर रहे। सबसे कम 6 दिन एचएम माथुर मुख्य सचिव रहे। वे 28 जनवरी 1994 से 2 फरवरी 1994 तक इस पद पर रहे।

पीछे रह गए चार सीनियर

मैथ्यू को चार अफसरों की सीनियरिटी लांघकर बनाया गया है। अभी की वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर मीनाक्षी हूजा (75 बैच), आशा सिंह (76 बैच), राजीव शर्मा (76 बैच) और ललित कोठारी (77 बैच) हैं। कोठारी और मैथ्यू का बैच एक ही है, लेकिन कोठारी मैथ्यू से सीनियर हैं। इस बैच के बाकी अफसरों में पीके देब, बीबी मोहंती और संगीता गैरोला हैं। देब और गैरोला अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इससे पहले एस. अहमद, टी श्रीनिवासन और कुशलसिंह को भी वरिष्ठता लांघकर सीएस बनाया गया था।

पदोन्नति मामला बड़ी चुनौती

मैथ्यू के सामने सबसे बड़ी चुनौती पदोन्नतियों में आरक्षण का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इस मामले पर स्टे दे रखा है, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से मुख्य सचिव और कार्मिक सचिव के खिलाफ दिया गया अवमानना का फैसला मैथ्यू को भारी पड़ेगा। यह अवमानना व्यक्तिगत न होकर पद के प्रति है। उन्हें आईएएस अफसरों के संकट से भी जूझना है। सरकार के पास जिलों में लगाने के लिए पर्याप्त कलेक्टर ही नहीं हैं।

इतना ही नहीं, आने वाले महीनों में रामखिलाड़ी मीणा, रामलुभाया, मीनाक्षी हूजा जैसे कई प्रमुख अफसर रिटायर होने जा रहे हैं। ऐसे में उनके सामने वित्त, राजस्व, जल संसाधन और रेवेन्यू बोर्ड में पदस्थापन बड़ी चुनौती रहेगी। राज्य के अफसरों में उचित पदस्थापन के अभाव के कारण केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की होड़ सी लगी है। उन्हें अपने बेहतर कॅरियर का भरोसा दिलाकर रोकना भी मैथ्यू की बड़ी जिम्मेदारी रहेगी।

बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी

बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी
* तब बंदीजन जनक बोलाए। बिरिदावली कहत चलि आए॥
कह नृपु जाइ कहहु पन मोरा। चले भाट हियँ हरषु न थोरा॥4॥
भावार्थ:-तब राजा जनक ने वंदीजनों (भाटों) को बुलाया। वे विरुदावली (वंश की कीर्ति) गाते हुए चले आए। राजा ने कहा- जाकर मेरा प्रण सबसे कहो। भाट चले, उनके हृदय में कम आनंद न था॥4॥
दोहा :
* बोले बंदी बचन बर सुनहु सकल महिपाल।
पन बिदेह कर कहहिं हम भुजा उठाइ बिसाल॥249॥
भावार्थ:-भाटों ने श्रेष्ठ वचन कहा- हे पृथ्वी की पालना करने वाले सब राजागण! सुनिए। हम अपनी भुजा उठाकर जनकजी का विशाल प्रण कहते हैं-॥249॥
चौपाई :
* नृप भुजबल बिधु सिवधनु राहू। गरुअ कठोर बिदित सब काहू॥
रावनु बानु महाभट भारे। देखि सरासन गवँहिं सिधारे॥1॥
भावार्थ:-राजाओं की भुजाओं का बल चन्द्रमा है, शिवजी का धनुष राहु है, वह भारी है, कठोर है, यह सबको विदित है। बड़े भारी योद्धा रावण और बाणासुर भी इस धनुष को देखकर गौं से (चुपके से) चलते बने (उसे उठाना तो दूर रहा, छूने तक की हिम्मत न हुई)॥1॥
* सोइ पुरारि कोदंडु कठोरा। राज समाज आजु जोइ तोरा॥
त्रिभुवन जय समेत बैदेही। बिनहिं बिचार बरइ हठि तेही॥2॥
भावार्थ:-उसी शिवजी के कठोर धनुष को आज इस राज समाज में जो भी तोड़ेगा, तीनों लोकों की विजय के साथ ही उसको जानकीजी बिना किसी विचार के हठपूर्वक वरण करेंगी॥2॥
* सुनि पन सकल भूप अभिलाषे। भटमानी अतिसय मन माखे॥
परिकर बाँधि उठे अकुलाई। चले इष्ट देवन्ह सिर नाई॥3॥
भावार्थ:-प्रण सुनकर सब राजा ललचा उठे। जो वीरता के अभिमानी थे, वे मन में बहुत ही तमतमाए। कमर कसकर अकुलाकर उठे और अपने इष्टदेवों को सिर नवाकर चले॥3॥
* तमकि ताकि तकि सिवधनु धरहीं। उठइ न कोटि भाँति बलु करहीं॥
जिन्ह के कछु बिचारु मन माहीं। चाप समीप महीप न जाहीं॥4॥
भावार्थ:-वे तमककर (बड़े ताव से) शिवजी के धनुष की ओर देखते हैं और फिर निगाह जमाकर उसे पकड़ते हैं, करोड़ों भाँति से जोर लगाते हैं, पर वह उठता ही नहीं। जिन राजाओं के मन में कुछ विवेक है, वे तो धनुष के पास ही नहीं जाते॥4॥
दोहा :
* तमकि धरहिं धनु मूढ़ नृप उठइ न चलहिं लजाइ॥
मनहुँ पाइ भट बाहुबलु अधिकु अधिकु गरुआइ॥250॥
भावार्थ:-वे मूर्ख राजा तमककर (किटकिटाकर) धनुष को पकड़ते हैं, परन्तु जब नहीं उठता तो लजाकर चले जाते हैं, मानो वीरों की भुजाओं का बल पाकर वह धनुष अधिक-अधिक भारी होता जाता है॥250॥
चौपाई :
* भूप सहस दस एकहि बारा। लगे उठावन टरइ न टारा॥
डगइ न संभु सरासनु कैसें। कामी बचन सती मनु जैसें॥1॥
भावार्थ:-तब दस हजार राजा एक ही बार धनुष को उठाने लगे, तो भी वह उनके टाले नहीं टलता। शिवजी का वह धनुष कैसे नहीं डिगता था, जैसे कामी पुरुष के वचनों से सती का मन (कभी) चलायमान नहीं होता॥1॥
* सब नृप भए जोगु उपहासी। जैसें बिनु बिराग संन्यासी॥
कीरति बिजय बीरता भारी। चले चाप कर बरबस हारी॥2॥
भावार्थ:-सब राजा उपहास के योग्य हो गए, जैसे वैराग्य के बिना संन्यासी उपहास के योग्य हो जाता है। कीर्ति, विजय, बड़ी वीरता- इन सबको वे धनुष के हाथों बरबस हारकर चले गए॥2॥
* श्रीहत भए हारि हियँ राजा। बैठे निज निज जाइ समाजा॥
नृपन्ह बिलोकि जनकु अकुलाने। बोले बचन रोष जनु साने॥3॥
भावार्थ:-राजा लोग हृदय से हारकर श्रीहीन (हतप्रभ) हो गए और अपने-अपने समाज में जा बैठे। राजाओं को (असफल) देखकर जनक अकुला उठे और ऐसे वचन बोले जो मानो क्रोध में सने हुए थे॥3॥
* दीप दीप के भूपति नाना। आए सुनिहम जो पनु ठाना॥
देव दनुज धरि मनुज सरीरा। बिपुल बीर आए रनधीरा॥4॥
भावार्थ:-मैंने जो प्रण ठाना था, उसे सुनकर द्वीप-द्वीप के अनेकों राजा आए। देवता और दैत्य भी मनुष्य का शरीर धारण करके आए तथा और भी बहुत से रणधीर वीर आए॥4॥
दोहा :
* कुअँरि मनोहर बिजय बड़ि कीरतिअति कमनीय।
पावनिहार बिरंचि जनु रचेउ न धनु दमनीय॥251॥
भावार्थ:-परन्तु धनुष को तोड़कर मनोहर कन्या, बड़ी विजय और अत्यन्त सुंदर कीर्ति को पाने वाला मानो ब्रह्मा ने किसी को रचा ही नहीं॥251॥
चौपाई :
* कहहु काहि यहु लाभु न भावा। काहुँ न संकर चाप चढ़ावा॥
रहउ चढ़ाउब तोरब भाई। तिलु भरि भूमि न सके छड़ाई॥1॥
भावार्थ:-कहिए, यह लाभ किसको अच्छा नहीं लगता, परन्तु किसी ने भी शंकरजी का धनुष नहीं चढ़ाया। अरे भाई! चढ़ाना और तोड़ना तो दूर रहा, कोई तिल भर भूमि भी छुड़ा न सका॥1॥
* अब जनि कोउ भाखे भट मानी। बीर बिहीन मही मैं जानी॥
तजहु आस निज निज गृह जाहू। लिखा न बिधि बैदेहि बिबाहू॥2॥
भावार्थ:-अब कोई वीरता का अभिमानी नाराज न हो। मैंने जान लिया, पृथ्वी वीरों से खाली हो गई। अब आशा छोड़कर अपने-अपने घर जाओ, ब्रह्मा ने सीता का विवाह लिखा ही नहीं॥2॥
* सुकृतु जाइ जौं पनु परिहरऊँ। कुअँरि कुआँरि रहउ का करऊँ॥
जौं जनतेउँ बिनु भट भुबि भाई। तौ पनु करि होतेउँ न हँसाई॥3॥
भावार्थ:-यदि प्रण छोड़ता हूँ, तो पुण्य जाता है, इसलिए क्या करूँ, कन्या कुँआरी ही रहे। यदि मैं जानता कि पृथ्वी वीरों से शून्य है, तो प्रण करके उपहास का पात्र न बनता॥3॥

कुरान का संदेश

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वोट नहीं डाल सके केजरीवाल: सही-गलत पर बहस गरम


नई दिल्‍ली. टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। केजरीवाल के वोटिंग किए बिना एक कार्यक्रम के सिलसिले में गोवा के लिए रवाना होने पर बवाल खड़ा हो गया। आखिरकार केजरीवाल को अपना कार्यक्रम स्‍थगित करना पड़ा लेकिन जब वह वोट डालने गए तो मतदाता सूची में उनका नाम ही नहीं था। लेकिन केजरीवाल को लेकर जिस तरह से मीडिया में हो हल्‍ला मचा, उससे उनके विरोधियों को भी हमला करने का मौका मिल गया।

केजरीवाल आज सुबह घर से गोवा के लिए निकले। वोट नहीं करने के पत्रकारों के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि मतदान केंद्र पर लंबी कतार के चलते उनकी फ्लाइट मिस हो सकती है। उनका यह बयान मीडिया में सुर्खियां बन गया। टीम अन्‍ना की एक सदस्‍य और पत्रकार शाजिया इल्‍मी ने भी माना किया केजरीवाल को वोट डालना चाहिए था या कम से कम मतदान केंद्र पर जाकर अपनी नापसंदगी का वोट करना चाहिए। उन्‍हें अहसास होना चाहिए कि उन्‍होंने गलत किया है। स्‍टार न्‍यूज ने केजरीवाल को ‘दोषी’ करार दिया है।

टीम अन्‍ना के एक अन्‍य सदस्‍य कुमार विश्‍वास के कहने पर केजरीवाल एयरपोर्ट से वापस लौट आए। लेकिन उनका लौटना सफल नहीं हो सका। एक ओर उन्‍हें मतदान केंद्र पर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा वहीं वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से केजरीवाल वोट भी नहीं डाल सके। मतदाता जागरुकता अभियान के सिलसिले में गोवा जा रहे केजरीवाल ने भी माना कि उन्होंने अपने मताधिकार का इस्‍तेमाल करने की पहल नहीं कर गलती की।

कांग्रेस ने केजरीवाल पर चुटकी लेते हुए कहा कि टीम अन्‍ना को सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी के पैरोकार करार दिया। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘अन्‍ना वोट नहीं देते हैं। केजरीवाल को इसकी फिक्र नहीं कि वह बतौर वोटर रजिस्‍टर्ड हैं या नहीं। साफ है कि टीम अन्‍ना जैसा उपदेश देती है, उस पर खुद अमल नहीं करती। टीम अन्‍ना बताए कि उन्‍हें लोकतंत्र में विश्‍वास है या नहीं। यदि वो लोकतंत्र में विश्‍वास करते हैं तो किस तरह के लोकतंत्र में।’

केजरीवाल को लेकर तमाम टीवी चैनलों ने भी खूब शोर मचाया। ‘आज तक’ ने ‘फिर विवादों में केजरीवाल, अब 'वोट ड्रामा' शीर्षक के साथ इस खबर को प्रमुखता दी। वहीं अंग्रेजी चैनल ‘हेडलाइंस टुडे’ ने “ALL GYAN, NO VOTE” हेडिंग के साथ केजरीवाल की आलोचना की। ‘टाइम्‍स नाउ’ के मुताबिक केजरीवाल को वोटिंग के लिए मजबूर किया गया।

अवैध संबंधों में गई शेहला की जान

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भोपाल। भोपाल की सरगर्म आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या के सिलसिले में मंगलवार को सीबीआई ने भोपाल के एक रसूखदार परिवार की एक महिला को हिरासत में लिया है। हिरासत में ली गई महिला का नाम जाहिदा परवेज है और वो पेशे से इंटीरियर डिजाइनर है।

आरोपी जाहिदा का एमपी नगर में चित्तौड़ कॉमप्लेक्स में दफ्तर है। सीबीआई की कई टीमें इस समय भोपाल में हत्या के संबंध में साक्ष्य जुटाने में लगी हैं।

सूत्रों के मुताबिक शेहला की हत्या करने के लिए सुपारी दी गई थी और हत्यारे कानपुर से आए थे। सीबीआई ने शेहला की हत्या करने वाले दो सुपारी किलर की पहचान भी पुख्ता कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक शेहला मसूद के आरोपी महिला के पति से अवैध संबंध थे। अवैध संबंधों के कारण ही सुपारी देकर शेहला की हत्या करवाई गई। सीबीआई इस मामले में बुधवार को प्रैस कांफ्रेंस करके अधिक जानकारी साझा कर सकती है।

उराने पागलपन के इतिहास को भुला कर आओ नये भारत का निर्माण करें ..

दोस्तों एक सच जो सब जानते है वही में दोहरा रहा हूँ ..कहते हैं इतिहास सीखने के लियें होता है ..पुरानी गलतियों को सुधारने का फार्मूला उनमे छुपा होता है ....लेकिन यह मेरा देश ..मेरा भारत महान भी अजीब है यहाँ महान हस्तियाँ भी है तो फिरोन ..यज़ीद ..कंस और रावण ..कोरवों के वंशज भी कुछ बचे है जो देश में राम राज्य नहीं केवल और केवल महाभारत के सपने देखते है लेकिन आप और हम ऐसे हैं के उनके सपने हर कदम पर चकनाचूर कर रहे है और इंशा अल्लाह हमारा भाई चारा और सद्भावना इनके सभी सपने कुचलता रहेगा ..हमारा प्यार हमारा विश्वास एक दुसरे के लियें जो था जो है वोह हमेशा बना रहेगा ..हाँ कुछ शेतान वक्ती तोर पर अगर खुराफात कर भी दें तो इस खुराफात को एक काला इतिहास बुरा सपना समझ कर भुला दिया जायेगा ....जी हाँ दोस्तों हमारे देश गुज़रे हुए कल को लेकर रोने और नफरत फेलाने की आदत सी हो गयी है और इसमें हमारे कथित लेखक ..कथित समाज सेवक और पत्रकार सभी कोशिशों में जुटे है ....आप ने देखा होगा गुजरात की अराजकता वहां की शेतानिय्त ..वहां का नंगा सच मारकाट कल बढ़ा चढ़ा कर मिडिया का प्रदर्शन रहा सोशल साईट पर नफरत फेलाई जाती रही ..मिडिया पुराने जख्मों को कुरेदने के प्रयास करता रहा और हमारे देश के बुद्धिजीवियों और सरकार ने इस गंदगी को रोकने तक की कोशिश नहीं की ..जो गुजर गया उसे भूल जाना और नये भारत के निर्माण की कोशिश में लगना हमारा कर्तव्य है आप सब जानते है जो लोग खुदा ..अल्लाह और इश्वर पर विशवास नहीं करते वोह खुद कानून हाथ में लेकर शेतानियत फेलाते है .लेकिन इश्वर खुदा ऐसे नापाक इरादे और जज्बे रखने वालों को चाहे थोड़ी बहुत दिल दे दे लेकिन यहीं इसी दुनिया में उन्हें उनके पापों की सजा देता है और जो खुदा पर भरोसा रखता है वोह इन्ना लिल्लाहे माँ अस्सबेरिन कह कर देश के नये निर्माण में जुट जाता है लेकिन हमारे देश के हिन्दू और मुस्लिम शायद खुदा पर भरोसा नहीं रखते इसलियें पुरानी घटनाओं को दिल से लगा कर कल के लियें आज की शान्ति भंग करने की कोशिशों में जुट जाते है जरा सोचे क्या यह हम सही कर रहे है अगर नहीं तो आओ पुरानी नफरतों पुरानी घटनाओं पुराने पागलपन को भुलाकर एक दुसरे के गले लग कर नया भारत नया देश नया खुबसुरत खुशहाल इतिहास बनाये ताके हम हमारे बच्चों को भविष्य बच्चों का कल सुरक्षित और विकसित कर सकें क्या इस काम में आप सब मेरे साथ आ रहे हो .तो आइये मुझे इन्तिज़ार है आपकी मदद का .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या है तंत्र शास्त्र का महत्व व कौन हैं तंत्र के देवता?


हिंदू धर्म में चारों वेद ही सबसे पुराने ग्रंथ माने गए हैं। मान्यता के अनुसार इन वेदों की रचना स्वयं भगवान ने की है। वेदों से ही मानव द्वारा अध्ययन में लाए जो वाले सभी शास्त्रों और विद्याओं का जन्म हुआ है। इन शास्त्रों में तंत्र शास्त्र भी एक है। भारतीय दर्शन में तंत्र विद्या को आगम कहा गया है।

तंत्र शास्त्र के देवता भगवान शिव को माना गया है। उनके द्वारा कहा गया तंत्र होने से इस शास्त्र का ज्ञान रखने वाले और इसे प्रयोग करने वालों को शाक्त कहा गया है। कलियुग में तंत्र विद्याएं अधिक सिद्ध मानी गई हैं लेकिन इसके लिए गुरु से इनकी विधिवत दीक्षा ग्रहण करना आवश्यक है। तंत्र शब्द तन व त्र: से मिलकर बना है। यहां तन का अर्थ है विस्तार और त्र का अर्थ है त्राण यानी रक्षा करने वाला। इस तरह तंत्र के द्वारा हम कल्याणकारी उपायों का वास्तविक ज्ञान प्राप्त करते हैं दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि मानव जाति को सभी भयों से मुक्ति दिलाने में तंत्र शास्त्र सक्षम है।

तंत्र क्रियाओं में कुछ द्रव्यों, पदार्थों व वनस्पतियों आदि सामग्री का भी उपयोग किया जाता है। विशेष सिद्धि के लिए की जाने वाली तंत्र क्रियाओं का समय, स्थान, आसन व दिशा आदि निश्चित होता है। इस तरह यह कहना गलत नहीं होगा कि तंत्र शास्त्र भी वेदों की तरह ही पुरातन व जनकल्याणकारी है।

इस शासक ने अफगानिस्तान जाकर छीना था कोहिनूर हीरा!


पंजाब की भूमि वीर योद्धाओं के शौर्य गाथाओं और मानवता के लिए सर्वस्व त्याग देने वाले लोगों की कहानियों से भरी है। इसी प्रांत में सिख धर्म का उदय हुआ और यह देश- दुनिया तक फैला। इन कहानियों के स्वर्णभंडार से हम आपके लिए कुछ कहानियां लेकर आए हैं।

पेश है महाराजा रंजीत सिंह के जीवन की कुछ बातें---

जिस शख्स ने आपस में लड़ती-झड़पती मिस्लों को खत्म किया, उसका सपना था कि एक एकीकृत साम्राज्य का गठन किया जाए, जिसमें क्षेत्रीय राष्ट्रीयता की भावना का पोषण हो। वो शख्स था रंजीत सिंह सुकेरचकिया, जिसने पंजाबियों की अथक ऊर्जा को पड़ोसी देशों को जीतने में जोत दिया। रंजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर, 1780 को हुआ था।

यद्यपि महाराजा रंजीत सिंह खुद कुरूप थे, लेकिन वे खूबसूरत चीजों का सम्मान करना जानते थे। खुद एकदम साधारण कपड़े पहनते (सर्दियों में केसरी कश्मीरा और गर्मियों में सफेद मलमल के वस्त्र), लेकिन उनका आग्रह रहता कि उनके दरबारी और आगंतुक अपने राजचिह्नों के मुताबिक परिधान और आभूषण पहनकर रखें।

उनके दरबार में कश्मीरी कन्याओं की एक टोली थी, जो सैनिकों के कपड़ों में होती और विशेष समारोहों पर महाराजा के साथ घोड़ों पर सवार होकर निकलती। उन्हें प्रकृति का खुला संसार भी वैसे ही मोहता था। अपना सुबह का समय वे घुड़सवारी करते हुए किसी नदी किनारे या किसी उपवन में बिताते। जब आकाश काले बादलों से आच्छादित हो जाता और बूंदें बरसने लगतीं, तो वे विभोर हो उठते।

शालामार का मुगल बाग (जिसे उन्होंने शालाबाग - प्रेमियों का बाग, नाम दे रखा था) उनकी पसंदीदा आरामगाह थी। अपने पसंदीदा बांसुरीवादक अतर खान की मोहक धुनें सुनते। पंजाब में रंजीत सिंह का सबसे बड़ा साम्राज्य था। अफगानिस्तान के काबुल तक उनका डंका बजता था।

अंग्रेज उन्हें सबसे शक्तिशाली भारतीय राजाओं में एक मानते थे। रंजीत सिंह ने ही अफगानिस्तान के शासक शाहशुजा से सबसे बहुमूल्य कोहिनूर का हीरा छीना था। वे इतने बुद्धिमान शासक थे कि भारत में अंग्रेजी शक्ति की चालों को समय रहते भांप गए थे औऱ उसी के अनुकूल उन्होंने अपनी रणनीतियां बनाईं थीं। बाद में इतिहास ने साबित किया कि उनकी सोच कितनी दूरदर्शी थी।

आज से बदलेगी सबकी किस्मत: जानें कौन होगा अचानक मालामाल

आज से किस्मत का सितारा बुध बदल गया है। बुध ने शनि राशि छोड़ दी है और अपनी नीच राशि में प्रवेश कर गया है। जानें मीन राशि का बुध किन लोगों को अचानक मालामाल कर देगा। जानें बुध के राशि बदलने से आप पर क्या असर होगा
मेष- इस राशि वालों के लिए बुध का नीच राशि में जाना अशुभ फल देने वाला हो सकता है। खर्च की स्थिति बनेगी। चोरी के योग बनेंगे। अचानक धन हानि के योग बनेंगे। इस राशि वालों को शेयर बाजार से नुकसान होने के योग बन रहे हैं।
वृष- इस राशि वालों को बुध के राशि बदलने से धन लाभ होने के योग बनेंगे। व्यापार व्यवसाय में धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। इस राशि वालों को मित्रों और सहयोगियों से धन लाभ होने के योग बनेंगे।
मिथुन- इस राशि वालों को कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने के योग बन रहे हैं। मिथुन राशि वालों को पेतृक व्यवसाय से हानि होने के योग बन सकते हैं। इस राशि के लोग कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार रहें।
कर्क- इस राशि वालों को अचानक यात्रा करना पड़ सकती है। बाहरी लोगों से संबंध स्थापित होने के योग बन रहे हैं। शुभ और महत्वपूर्ण समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार व्यवसाय से जूड़ी और धार्मिक यात्राओं के योग बन रहे हैं।
सिंह- सिंह राशि के लोगों के लिए बुध नकारात्मक फल देने वाला रहेगा। इस राशि वालों को अचानक धन हानि हो सकती है। व्यापार व्यवसाय में हानि होने के योग है। इस राशि के लोग वाणी पर नियंत्रण रखें। जहां तक हो सके कोई कमिटमेंट न करें अगर करें तो अपनी बात पर बने रहें। वादा जरूर निभाएं।
कन्या- इस राशि के अविवाहितों को विवाह प्रस्ताव मिलेंगे और विवाह के योग भी बन सकते हैं। साझेदारी के लिए इस राशि वालों के लिए समय शुभ है। नए व्यापारिक सौदे और नई शुरुआत का समय है।
तुला- इस राशि वालों के ऋण संबंधित कार्य पूरे होंगे। व्यवसायिक यात्राएं होंगी। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। वाणी और लेखनी से मान-सम्मान मिलेगा। इस राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना शुभ फल देने वाला रहेगा।
वृश्चिक- इस राशि वालों के लिए बुध का राशि बदलना आपके लिए शुभ फल देने वाला नहीं रहेगा। विद्याअध्ययन में बाधा और संतान से चिंता होने के योग बन रहे हैं। महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर पसोपेश में रहेंगे। मानसिक अस्थिरता बनी रहेगी।
धनु- इस राशि वालों को माता के स्वास्थ्य संबंधित चिंता परेशान करेगी। कार्यस्थल पर अपनी विशेष छबि बनाने में सफल रहेंगे। भूमि, भवन संबंधित मामले सामने आएंगे। व्यापारिक कार्यों मे विस्तार होगा।
मकर- इस राशि वालों को बुध के कारण सावधान रहना होगा। मकर राशि के लोग जोखिम से दूर रहे हैं। इस राशि वालों को आयात निर्यात के कार्यो में सफलता प्राप्त होगी। इस राशि वालों को पूराने रूके हुए कार्यों को पूरा करने का मौका मिलेगा।
कुंभ- इस राशि वालों को अचानक धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। वाक चातुर्यता से धन लाभ होगा। इस राशि के लोग कार्यस्थल पर अतिरिक्त कार्य से प्रभावित होंगे।
मीन- इस राशि वाले लोगों के मांगलिक कार्य पूरे होंगे। खर्च बढ़ेगा। दूसरों के सहयोग से कठीन कार्य भी आसान होंगे। अस्थिर मन स्थिति से बचें। विनम्रता से पूरे होंगे। बिगड़ते कार्य भी बनेंगे।

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