आपका-अख्तर खान

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13 मार्च 2012

हम आह भी करते है तो हो जाते है बदनाम वोह कत्ल भी करते है तो चर्चा नहीं होती ..मुसलमानों के इस जहन को नहीं बदला तो कोंग्रेस को कोटा और राजस्थान में ढूंढते रह जायेंगे
इन उत्तर प्रदेश .गोआ ..पंजाब सहित पांच राज्यों के चुनाव में कोंग्रेस की बिगड़ी हालत की तस्वीर को देख कर ..कोंग्रेस हाईकमान ने आगामी चुनावों के पूर्व ही राजस्थान में कोंग्रेस की बनी जीरो स्थिति को हीरो बनाने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं और इसके लियें कोंग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में कोंग्रेस से नाराजगी के सभी पहलुओं पर चिन्तन मंथन शुरू कर दिया है .....राजस्थान में इन दिनों कोंग्रेस के बिगड़े हालातों पर अगर हम नज़र डालें तो यहाँ कोंग्रेस के परम्परागत वोट ..जाट ..गुर्जर..mina ..बेरवा और मुसलमान सभी ज़बरदस्त नाराज़ है नाराजगी का कारण उपेक्षा ....भीतरघात और धोखा है ........कोंग्रेस हाई कमान खासकर मुसलमानों की नाराज़गी से काफी चिंतित है और वोह हर हाल में मुसलमानों की नाराज़गी दूर करने के लियें चिन्तन मंथन कर रहा है... लेकिन हाईकमान के सभी जासूस कहीं ना कहीं राजस्थान सरकार के सत्ता से .जुड़े लोगों .से मिल ..गये हैं और वोह कोंग्रेस से मुसलमानों की नाराज़गी के सही तथ्य और इसके निराकरण के तरीके हाईकमान तक पहुँचने में नाकामयाब रहे है .....सभी जानते है के भरतपुर के गोपालगढ़ का नरसंहार और फिर सरकार की सीनाजोरी ने मुसलमानों को कोंग्रेस से बिलकुल अलग थलग कर दिया ..उत्तर प्रदेश सहित सभी चुनाव में गोपालगढ़ और उससे निपटने में हाईकमान की नाकामयाबी मुद्दा रही .......सवाईमाधोपुर में एक पुलिस इन्स्पेक्टर फूल मोहम्मद को योजनाबद्ध तरीके से पुलिस फ़ोर्स के सामने जिंदा जला दिया और सरकार मूकदर्शक बनी रही ...मुसल्मानों के थोक में वोट लेने वाली कोंग्रेस ने आज तीन साल से भी ज्यादा वक्त गुज़र जाने के बाद भी राजस्थान में हज कमेटी का गठन कर वहां कोई मुस्लिम जनप्रतिनिधि को नहीं बिठाया है ..मुस्लिम तबके से जुड़े मंत्रियों को हटाना लगाना ..कमजोर विभाग देना भी मुसलमानों की नाराजगी का कार्यं है यहाँ तीन साल के कार्यकाल के वक्त राजस्थान मदरसा बोर्ड ..अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है ..अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का तो अब तक गठन नहीं किया गया है ....हज हाउस का निर्माण शुरू नहीं किया गया है और जो बोर्ड गठित किये गए है वोह दिखावा मात्र है वहां अब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से यह बोर्ड कुछ काम नहीं कर पा रहे है ..अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन तो बना दिया गया है लेकिन बिना सदस्यों के उसे कुछ कार्यवाही या मामलों की सुनवाई का अधिकार नहीं है ..मदरसा बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से वहां सिलेबस और दुसरे निर्णय अटके पढ़े हैं कई वक्फ कमेटियां अभी भी गठित नहीं की गयी है ....वक्फ संपत्तियों पर सरकार के बेहिसाब कब्जे है फिर कोटा में मुस्लिम नेताओं के खिलाफ जो योजनाबद्ध षड्यंत्र ह़ा और हाईकमान तक मामला जाने पर भी जो चुप्पी साधी गयी उससे साफ है के मुस्लिम नेताओं का कोई धनी धोरी नहीं बचा है ...कोटा में सिम्मी के नाम पर कुछ लोग बंद थे उसका मुद्दा कोंग्रेस सरकार में मुकदमा वापस नहीं लेने की पहला करने पर छाया रहा .अब वोह लोग अदालत से निर्दोष साबित हो गये है तो उनके पुनर्वास उन्हें मुआवजा देने और दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है ....कोटा सहित पुरे राजस्थान के कब्रिस्तानों की जमीनों पर कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं के कब्जे और और प्रशासन द्वारा उनके खातों के इन्द्राज दुरुस्ती के मामले उलझे पढ़े है ..कोटा के ही सुल्तानपुर क्षेत्र में एक मुस्लिम खातेदार की निजी जमीन पर ताकत के बल पर गेर कानूनी तोर पर श्मशान बनाकर मुर्दों के अंतिम संस्कार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है अभी वक्फ संपत्ति बरकत उद्द्यान के मामले ने शहर की हवा में और नाराजगी घोल दी ..कोंग्रेस ने राजस्थान में मुसलमानों को ना तो संगठन और ही सत्ता में किसी गेर मुस्लिम प्रतिनिधि के रूप में कोई महत्ता दिखाई है ..कहने को तो सरकार ने अल्पसंख्यक विभाग का गठन किया है लेकिन राजस्थान के सभी जिलों में नयीं नियुक्तियों के स्थान पर एवजी स्टाफ लगाया है जो अधिकतर रिटायर या मास्टर है जो कोई काम नहीं कर रहे है ..सरकार भी इन विभागों को कोई अतिरिक्त बजट उपलब्ध नहीं करा रही है ..इस विभाग के कर्मचारियों का मुसलमानों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं रहा है ना तो इस विभाग द्वारा हज के आवेदन भरवाने के लियें कर्मचारी लगाए है .. ही दुसरे आवेदनों की पूर्ति के लियें सहायता बूथ लगाये है ....पन्द्रह सूत्री कल्याणकारी कार्यक्रम और टार्गेट फिफ्टीन के हालात तो दयनीय स्थिति में है ..सांसद अश्क अली टाक को कोटा पन्द्रह सूत्री कार्यक्रम का प्रभारी बनाया है लेकिन जनाब दो वर्षों से आज तक कोटा में आकर नहीं फटके है उन्होंने कभी कोटा के मुसलमानों के दुःख दर्द जान्ने की कोशिश नहीं की है और कलेक्टर द्वारा जो बैठकें आयोजित की जाती है उसमे मुस्लिम जनप्रतिनिधियों की नामज़दगी नहीं होने से वोह एक रस्म बन कर रह गयी है .......पिछले दिनों पोपुलर फ्रंट के बेनर तले मुस्लिम समस्याओं को लेकर कोटा में एक बैठक आयोजित की गयी तो विज्ञान नगर पुलिस ने इस फ्रंट के पदाधिकारियों के खिलाफ बदले की भावना से न्यायालय में इन्हें साम्प्रदायिक बताकर इन्हें दंडित करवाने के लियें परिवाद पेश कर दिया आरोप लगाया गया के फ्रंट के लोग आर एस एस नरेंद्र मोदी और लाल्क्रष्ण अडवानी की बुराई करते है ..मुसलमानों के लियें यह हास्यास्पद सी स्थिति थी जिस राज्य का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री आर एस एस को साम्प्रदायिक कहते हों उस मुख्यमंत्री की कही गयी बात अगर कोई आम आदमी कहता है तो उसी के शासन में दोहरा रवय्या मुख्यमंत्री के खिलाफ तो कोई कार्यवाही नहीं और आम मुसलमान को साम्प्रदायिक बता कर मुकदमे लादे जाते है ......कोटा में अपने क्षेत्र के लोगों की दिलों की धडकन बने नईमुद्दीन गुड्डू को कोंग्रेस लाडपुरा विधानसभा का टिकिट दिया गया ......उन्हें कोंग्रेस के ही वरिष्ठ नेताओं ने भितरघात कर गिनती के वोटों से किनारे पर योजनाबद्ध तरीके से हरा दिया ......नईमुद्दीन गुड्डू ज़मीनी कार्यकर्ता रहे है वोह जिलापरिषद का चुनाव भीतरघात के बाद भी जीते और उन्हें कोंग्रेस के सदस्यों का बहुमत होने के कारण जिलाप्रमुख का कोंग्रेस बेनर का टिकिट दिया गया ...डंके की चोट पर कोटा के एक मंत्री ..पूर्व मंत्री ..और पूर्व प्रधान ने विरोध किया कोंग्रेस हाईकमान देखता रहा और फिर हालात ऐसे बने के कोंग्रेस के टिकिट पर जीते जिला परिषद सदस्यों ने भाजपा से सोदेबाज़ी कर क्रोस वोटिंग की और नईमुद्दीन गुड्डू को बहुमत होने के बाद भी योजनाबद्ध तरीके से हरा दिया ..इसकी शिकायत दिल्ली हाईकमान तक पहुंची लेकिन फ़ाइल ठंडे बसते में बंद कर दी गयी ....... नईमुद्दीन गुड्डू को देहात कोंग्रेस अध्यक्ष बनाने के मांग उठी लेकिन इसे बेरहमी से कुचल दिया गया ......इन हालातों में आज जब मुसलमान खुद पढ़ लिख कर समझदार हो गया है ..तब वोह कोंग्रेस के लोगों के सारे हालातों से परिचित हो गया है और खुद अंतरात्मा की आवाज़ पर कोंग्रेस से अलग होने लगा है लेकिन अभी भी बहुत वक्त है अगर कोंग्रेस हाईकमान राजस्थान और कोटा के मुसलमानों की नाराजगी दूर कर फिर से उन्हें अपने साथ जोड़ना चाहता है ..तो पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रमों की समितियां गठित कर उन्हें मजबूत करे ..हज हाउस बनाये ..हज कमेटी ..अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का गठन करे ...अल्पसंख्यक मामलात विभागों को जवाबदार और प्रभावी बनाये ..मदरसा बोर्ड में सदस्य बनाये और अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य तुरंत बनाये .कब्रिस्तानों अतिक्रमण हटवाये ..और कोटा की तर्ज़ पर वक्फ सम्पत्तियों का सोंद्र्य्करण और विकास कार्य कराये ,,जो कब्जे वक्फ संपत्तियों पर सरकार के है उन्हें तुरंत हटाए या फिर लेंड फॉर लेंड देकर मुआवजा दे ..कोटा से किसी भी मुस्लिम को राज्य स्तरीय पद पर नियुक्त करे और कोटा ही नहीं हाडोती के मुस्लिमों और और कार्यकर्ताओं की दिलों की धड़कन बने कोंग्रेसी भीतर घात से बारम्बार त्रस्त हुए कोंग्रेस थि और संगठन में महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर उन्हें ज़िम्मेदारी सोंपे ........मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग सोंपे जाए और जिन लोगों को पिछली सरकार ने झूंठे मुकदमे में बंद किया था उनकी बरी होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति ...दोषी लोगों को दंडित करने की कार्यवाही की जाए......dd
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