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19 मार्च 2012

हिंदू नव वर्ष 23 से, जानिए किस धर्म में कब मनाया जाता है नव वर्ष

विक्रम संवत् 2069 यानी हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ इस बार 23 मार्च, शुक्रवार से हो रहा है। हिंदू धर्म की तरह ही हर धर्म में नया साल मनाया जाता है। लेकिन इसका समय भिन्न-भिन्न होता है तथा तरीका भी। किसी धर्म में नाच-गाकर नए साल का स्वागत किया जाता है तो कहीं पूजा-पाठ व ईश्वर की आराधना कर। आप भी जानिए किस धर्म में नया साल कब मनाया जाता है-

हिंदू नव वर्ष

हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा (इस बार 23 मार्च) से माना जाता है। इसे हिंदू नव संवत्सर या नव संवत भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल का आरंभ भी होता है। इसे गुड़ी पड़वा, उगादि आदि नामों से भारत के अनेक क्षेत्रों में मनाया जाता है।

इस्लामी नव वर्ष

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की पहली तारीख को मुसलमानों का नया साल हिजरी शुरू होता है। इस्लामी या हिजरी कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में इस्तेमाल होता है बल्कि दुनियाभर के मुसलमान भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं।

ईसाई नव वर्ष

ईसाई धर्मावलंबी 1 जनवरी को नव वर्ष मनाते हंै। करीब 4000 वर्ष पहले बेबीलोन में नया वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी । तब रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। तब से आज तक ईसाई धर्म के लोग इसी दिन नया साल मनाते हैं। यह सबसे ज्यादा प्रचलित नव वर्ष है।

सिंधी नव वर्ष

सिंधी नव वर्ष चेटीचंड उत्सव से शुरु होता है, जो चैत्र शुक्ल दिवतीया को मनाया जाता है। सिंधी मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था जो वरुणदेव के अवतार थे।

सिक्ख नव वर्ष

पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो अप्रैल में आती है। सिक्ख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होला मोहल्ला (होली के दूसरे दिन) नया साल होता है।

जैन नव वर्ष

ज़ैन नववर्ष दीपावली से अगले दिन होता है। भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन यह शुरू होता है। इसे वीर निर्वाण संवत कहते हैं।

पारसी नव वर्ष

पारसी धर्म का नया वर्ष नवरोज के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर 19 अगस्त को नवरोज का उत्सव पारसी लोग मनाते हैं। लगभग 3000 वर्ष पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की। नव अर्थात् नया और रोज यानि दिन।

हिब्रू नव वर्ष

हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे । इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है । यह दिन ग्रेगरी के कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है ।

वारुणी पर्व 20 को, करें तीर्थ स्नान




चैत्र मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को वारुणी पर्व मनाया जाता है। इस दिन तीर्थ स्नानों पर स्नान-दान का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार यह पर्व 20 मार्च, मंगलवार को है। यह व्रत तीन प्रकार का होता है।

पहला चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को वारुण नक्षत्र (शतभिषा) हो तो वारुणी, दूसरा उसी दिन शतभिषा और शनिवार हो तो महावारुणी और तीसरा यदि इस तिथि को शतभिषा नक्षत्र, शनिवार और शुभ योग हो तो महामहावारुणी पर्व होता है। इस योग में गंगा आदि तीर्थ स्थानों में स्नान, दान और उपवास करने से करोड़ों सूर्य ग्रहणों के समान फल प्राप्त होता है।

चैत्रासिते वारुणऋक्षयुक्ता त्रयोदशी सूर्यसुतस्य वारे।

योगे शुभे सा महती महत्या गंगाजलेर्कग्रहकोटितुल्या।।

(त्रिस्थलीसेतु)

इस तिथि पर काशी, प्रयाग, हरिद्वार आदि तीर्थों में स्नान-दान का विशेष महत्व है।

गुड़ी पड़वा 23 को, शुभ और मीठा बोलने का पर्व है ये




महाराष्ट्र में हिंदू नव वर्ष गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 23 मार्च, शुक्रवार को है। इस दिन लोग सुबह स्नान कर सोला (रेशमी) वस्त्र पहनकर अपने घर में छत पर या फिर आंगन में एक पांच से छ: फीट ऊंचा डंडा खड़ा करते हैं। उसे वस्त्र से लेपटते हैं। उसके ऊपर कटोरी, गिलास या लोटा उलटाकर लगा देते हैं एवं काजल से आंख, नाक, कान व मुंह की आकृति बनाते हैं। इसके बाद इसकी पूजा की जाती है व भगवान से पूरा साल अच्छा बीतने की प्रार्थना की जाती है।

इस दिन महाराष्ट्रीयन परिवारों में विशेष रूप से गोड़ भात या केशरी भात(मीठा चावल) व पोरण पोली बनाई व खिलाई जाती है। शाम को लोग एक-दूसरे के घर जाकर नव वर्ष की बधाई देते हैं। मेहमानों को मिठाई खिलाकर, गुलाब जल छिड़ककर कथा इत्र लगाकर उनका सम्मान किया जाता है। गुड़ी पड़वा एक तरह से वर्ष भर की शुभकामनाएं देने का पर्व है। इस पर्व से जुड़ा एक दोहा इस प्रकार है-

आज आहे गुडीपाड़वा गोड़ बोल गाढ़वा।

अर्थात आज गुड़ी पड़वा है, आज मीठे शब्दों का प्रयोग कीजिए।

मुंह के छालों के लिए बहुत अच्छे हैं ये 4 घरेलु नुस्खे...



शीत ऋतु जा चुकी है और ग्रीष्म ऋतु ने दस्तक दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस वर्ष गर्मी काफी अधिक रहेगी। गर्मी के दिनों में खान-पान के संबंध में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। अन्यथा कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खान-पान में असावधानी के चलते पेट संबंधी बीमारियों के साथ ही कई लोगों को मुंह में छाले भी हो जाते हैं। खाने की चीजों में सावधानी के साथ ही छालों से मुक्ति के लिए अपनाएं ये खास उपाय-

1. छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जिव्हा, दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं।

2. तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें (ऐसा चार पांच दिनों तक करें) ।

3. करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा।

जिन लोगों को बार-बार छाले होने की शिकायत रहती उन्हें टमाटर जादा खाने चाहिए। टमाटर खाने से रक्त संबंधी कई विकार शांत हो जाते हैं और साथ ही छालों की समस्या से भी निजात मिलती है।

तीन दिन पहले जिस बेटी को किया था दफन, वो हो गई जिंदा



रांची.टाटीसिलवे बड़ाम चिपाटोली निवासी आनंद मसीह तिग्गा ने दूसरे की बेटी को अपनी बेटी समझकर दफना दिया। खुद की बेटी को जब नामकुम पुलिस ने तैमारा नायक टोली से ढूंढ निकाला तो मामले का खुलासा हुआ। अब पुलिस नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी।

मालूम हो कि 13 मार्च को नामकुम थाना क्षेत्र के भुसूर गांव स्थित रिंग रोड के पास पुलिस ने एक युवक-युवती का शव बरामद किया था। दोनों की हत्या गला रेतकर की गई थी। युवती के शव की पहचान आनंद मसीह तिग्गा ने 14 मार्च को यह कह की थी कि वह उनकी बेटी एरेन तिग्गा है। शव की पहचान होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया था, जिसे 15 मार्च को दफना दिया गया।

मोबाइल ट्रैस हुआ तो सामने आई सच्चाई

युवती की पहचान होने पर पुलिस ने आनंद से उसकी बेटी का मोबाइल नंबर जांच के लिए लिया था, ताकि नंबर के जरिए हत्यारों तक पहुंचा जाए। पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में 15 मार्च तक नंबर बंद पाया। लेकिन बाद में मोबाइल का लोकेशन तैमारा स्थित नायक टोली में मिला। जहां पूछताछ में पता चला कि एरेन तिग्गा अपने प्रेमी राजू मछुवा के साथ रह रही है। पूछताछ में उसने बताया कि वह आनंद मसीह तिग्गा की बेटी है। वह 26 फरवरी से अपने प्रेमी के साथ रह रही है।

मेरी बेटी जैसी दिख रही थी

बेटी की बरामदगी की सूचना पाकर आनंद मसीह तिग्गा पत्नी सुमानी तिग्गा के साथ थाना पहुंचे। जहां अपनी बेटी को देख वे अचंभित हो गए। उन्होंने बताया कि जिस शव को उन्होंने दफनाया है। उसकी शक्ल भी एरेन से मिलती-जुलती थी। ग्रामीण एसपी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि पुलिस को पहले लगा कि युवती की पहचान होने से हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी। लेकिन मामला में नया मोड़ आ गया है। हमें फिर शून्य से अनुसंधान करना होगा।

अपनों की मौत के बाद भी चलता रहा शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम!


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जयपुर/चाकसू.पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक प्रमोद जैन भाया के शक्तिप्रदर्शन में बारां से जयपुर आ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बस पर सोमवार सुबह चाकसू के शीतला डूंगरी मैदान में हाइटेंशन लाइन का तार टूट कर गिर गया।

करंट लगने से दो कार्यकर्ताओं की मौके पर ही मौत हो गई जबकि नौ कार्यकर्ता झुलस गए। पुलिस ने बताया कि मृतक राम कल्याण (40) बारां के तलावड़ा और विमल बैरवा (35) मोठपुरा के रहने वाले थे।

घायलों को यहां महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में मारे गए कार्यकर्ताओं के परिजनों में मातम छा गया। घरवाले बिलखते रहे जबकि प्रमोद जैन भाया के सरकारी निवास पर पूर्व निर्धारित शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम यथावत चलता रहा। कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान भी शामिल हुए।

हादसे की सूचना मिलने पर प्रमोद जैन भाया झुलसे कार्यकर्ताओं से मिलने अस्पताल पहुंचे। इसके बाद विधायक नगर (पूर्व) के सरकारी निवास पहुंच कर शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए।

बस का टायर फटा, आग लगी

करंट लगने से चीखपुकार मच रही थी। इसी दौरान रोडवेज की जिस बस में करंट आया उस बस के ड्राइवर साइड का टायर फट गया और उसमें आग लग गई। टायर के फटने से हुए धमाके और आग लगने से अफरा तफरी मच गई। लोगों ने मिट्टी डाल कर आग पर काबू पाया।

और ओम बिड़ला महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के विधायक और पूर्व मंत्री की समस्याओं को सरकार नहीं सुन रही है। उन्होंने मृतकों को मुआवजा देने की मांग की।

ऐसे हुआ हादसा

अस्पताल में भर्ती सूरजमल ने बताया कि बारां और झालावाड़ से रविवार शाम कार्यकर्ता बसों व जीपों से जयपुर के लिए रवाना हुए थे। काफिले में डेढ़ सौ वाहन थे। किराये पर ली गई रोडवेज की बसें भी इनमें शामिल थीं। सुबह चाकसू पहुंचे तो शीतला डूंगरी मैदान में नहाने और चाय-नाश्ते का आयोजन रखा गया। यहां से जयपुर के लिए रवाना हुए तो रोडवेज की एक बस हाईटेंशन लाइन से टकरा गई। एक तार टूटकर तीन बसों को छूता हुआ चौथी बस की छत पर गिर गया। बस की पिछली सीटों पर बैठे 11 लोग करंट की चपेट में आ गए। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। लोगों ने डंडे से तार को बस से हटाया।

करंट से झुलसे कार्यकर्ताओं को अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में ही भर्ती राजेंद्र ने बताया कि जो लोग बस की आगे की सीटों पर बैठे थे वे बस से उतरने में सफल हो गए। पीछे की सीटों पर बैठे लोग उतर नहीं पाए और वहीं गिर गए जिससे करंट ज्यादा आ गया।

झुलसे लोगों में से तीन की हालत गंभीर

हादसे में गंभीर रूप से झुलसे सूरजमल (40), राजेंद्र (32) और दीवान मोग्या (13) का यहां महात्मा गांधी अस्पताल इलाज चल रहा है। दीवान को आईसीयू में रखा गया है। अन्य छह लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

कल बराबर होंगे दिन और रात!

जयपुर.बुधवार को दिन-रात बराबर होंगे। इस दिन 6:34 बजे सूर्योदय होगा और इसी समय यानी 6:34 बजे ही सूर्यास्त होगा। यानी दिन-रात की अवधि 12-12 घंटे की होगी। इसके बाद दिन बड़े होने लगेंगे और रातें छोटी होने लगेंगी। दिन के बड़े होने का सिलसिला 21 जून तक चलेगा। इस दिन सबसे बड़ा दिन व सबसे छोटी रात होगी। इसके बाद दिन की अवधि घटने लगेगी और रात बड़ी होने लगेगी।

राजस्थान विवि के भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रामाप्रसाद का कहना है कि 21 मार्च को सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा चमकता है। इसलिए दोनों गोलार्धो में दिन-रात की अवधि बराबर रहती है। इसके बाद सूर्य कर्क रेखा की ओर बढ़ता जाता है।

पं. बंशीधर जयपुर पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है। तब दिन की अवधि सबसे बड़ी होती है। ज्योतिषीय महत्व के हिसाब से दिन बढ़ने व रात छोटी होना आमजन में सकारात्मक चिंतन का संकेत है। इसके अलावा 23 सितंबर को दिन-रात बराबर और 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होता है।

वैज्ञानिकों को नहीं हुआ यकीन, जब मंदिर के अंदर देखा वो चमत्कार!

राजस्थान के मेहंदीपुर वाले बालाजी देश ही नहीं दुनियाभर में लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था के केंद्र हैं। कहते हैं कि यह ऐसा स्थान है जहां नास्तिक से नास्तिक व्यक्ति भी आस्तिक बन जाता है, आज के वैज्ञानिक युग के वैज्ञानिक भी यहां नतमस्तक हुए बगैर नहीं रहते है। चमत्कारों से भरा हुआ यह स्थान लोगों को सहसा ही अपनी ओर खींच लेता है।

हर दिन बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए भक्तों की लम्बी कतार देखी जा सकती है , यह मंदिर अरावली पहाड़ियों के बीच बना हुआ है, इसे घाटा मेहंदीपुर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास लगभग हज़ार साल पुराना है।श्री बालाजी महाराज(हनुमान जी), प्रेतराज सरकार और श्री कोतवाल (भैरव) जी महाराज तीनों ही देवों की इस स्थान पर प्रधानता है जो लगभग हज़ार साल पहले यहां प्रकट हुए थे।

कुछ ऐसा है बालाजी का इतिहास:

एक बार यहां महंतजी के पूर्वजों को स्वप्न में एक अद्भुत शक्ति दिखाई दी। वे स्वप्नावस्था में उस ओर चल दिए और उन्होंने देखा उनके सामने लाखों दीप सहसा जल उठे। वे इस दृश्य देख अचंभित हो उठे, फिर स्वप्न में उन्हें उसी स्थान पर तीन मूर्तियां के साथ विशाल वैभव दिखाई दिया, साथ ही एक फ़ौज भी दिखाई दी, फ़ौज के सरदार ने मूर्तियों को प्रणाम किया। उसके साथ ही उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी, बालाजी महाराज ने स्वयं प्रकट होकर कहा 'उठो भक्त मेरी सेवाओं का भार ग्रहण करो मैं अपनी लीलाओं का विस्तार करूंगा' ।

सुबह महंतजी ने यह घटना क्षेत्र के लोगों को सुनाई और उन्ही के साथ मिलकर उन्होंने बालाजी महाराज की एक छोटी सी तिवाड़ी उस स्थान पर बना दी। काफी समय बाद एक शासक ने श्री बालाजी की मूर्ति निकालने के लिए खुदाई करवाई लेकिन वह सफल ना हो सका, उसके हाथ सिर्फ मूर्ति का ऊपरी भाग ही आया मूर्ति के पैर कहां तक गए हैं, यह काफी खुदाई के बाद भी वह ना जान सका। कहा जाता है कि तब से किसी को भी श्री बालाजी के चरणों के दर्शन आज तक नहीं हुए

फेसबुक यूजर्स हो जाएं सावधान, होने जा रहा है बड़ा बदलाव


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जी हां, अगर आप फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं तो आपको ज्यादा सतर्क होने की जरुरत होगी क्योंकि फेसबुक भी गूगल की तर्ज पर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को बदने जा रहा है। फेसबुक अपनी प्राइवेसी पॉलिसी का नाम बदलकर डाटा यूस पॉलिसी में करने जा रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि यह सोशल नेटवर्किंग साइट अपने एडवरटाइजिंग रेवेन्यू को बढ़ाना चाहती है। अगले महीने कंपनी का आईपीओ आना है इसलिए फेसबुक के लिए यह जरुरी हो गया था।

फेसबुक समझ गया है कि उसकी साइट पर यूसर्ज बहुत से डाटा, लिंक और विडियो शेयर करते हैं यह उसकी एडवरटाजिंग के लिए बड़ी चीज साबित हो सकती है। फेसबुक अपनी साइट से और पैसा बनाना चाहती है। इसके अलावा फेसबुक कुछ बड़े बदलाव कर साइट की इमेज को सुधारना चाहती है।

फेसबुक पर किसी भी तरह की न्यूडिटी, वॉयलेंस, हिंसात्मक स्पीच या ऐसा कुछ भी जिससे कोई बवाल खड़ा हो जाए बैन किया हुआ है। कुछ समय पहले ही फेसबुक को भारत में लीगल केस का सामना करना पड़ा था।

कलमाड़ी ने बढ़ाया हाथ, मोदी ने मिलाने से किया इनकार



पुणे. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के पुणे संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य और 2010 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में हुए घोटाले के आरोपी सुरेश कलमाड़ी से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। कार्यक्रम के दौरान कलमाड़ी ने मोदी की तरफ हाथ भी बढ़ाया लेकिन मोदी ने उनसे हाथ नहीं मिलाया। दोनों काफी देर तक एक-दूसरे के साथ रहे, लेकिन दोनों के बीच कोई अभिवादन नहीं हुआ।

पुणे में एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अपने जाने पहचाने अंदाज में एक बार फिर मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, 'मेरे पास एक एसएमएस आया कि मनमोहन सिंह को अभिनय के लिए ऑस्कर पुरस्कार दिया गया है।' उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पता ही नहीं चलता है कि देश पर कौन राज कर रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पर्यावरणविद मोहन धारिया ने इस मौके पर नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें प्रधानमंत्री के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बताया। उन्होंने कहा, 'अगर मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो उन्हें बहुत खुशी होगी। वे अकेले ही अच्छा शासन सुनिश्चित कर सकते हैं। गुजरात की उपलब्धियां उनकी क्षमता की जीती जागती मिसालें हैं।'

लेकिन मोदी का पुणे में विरोध भी हुआ। शहर के कैंप इलाके में मोदी के विरोध में रैली निकाली गई। इसका आयोजन एसडीपीआई, इंडियन मुस्लिम फ्रंट, जमियत-उलेमा-हिंद, जमियत-ए-इस्लामी, सीपीएम और लोकायत ने किया। प्रदर्शनकारी कैंप एरिया के उसी स्कूल के बाहर प्रदर्शन करना चाहते थे, जहां मोदी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां तक पहुंचने नहीं दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी बाबाजान चौक पर ही रुक गए और नारेबाजी करने लगे।

पुलिस ने नारेबाजी कर रहे 60 लोगों को मोदी का कार्यक्रम खत्म होने तक हिरासत में ले लिया। सीपीएम के स्थानीय नेता अजीत अभयंकर ने कहा, 'गुजरात दंगों को 10 साल हो गए। लेकिन अभी तक दंगा पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला है। पीड़ित आज भी शरणार्थियों की तरह शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इसके बावजूद हम मोदी का स्वागत कर रहे हैं? हम अपना विरोध करके यह बताना चाहते थे कि सभी पुणेवासी मोदी का स्वागत नहीं कर रहे हैं।'

कुरान का संदेश

हाजियों के लियें आगामी पच्चीस मार्च इतवार के दिन घंटाघर स्थित इस्लामिया मदरसे में हाजियों के आवेदन पत्र भरने का कार्यक्रम रखा गया है

राजस्थान के कोटा जिले के हाजियों के लियें आगामी पच्चीस मार्च इतवार के दिन घंटाघर स्थित इस्लामिया मदरसे में हाजियों के आवेदन पत्र भरने का कार्यक्रम रखा गया है ...शहर काजी कोटा अनवार अहमद ....हज ट्रेनर हाजी इब्राहिम कुरैशी ने बताया के वर्ष २०१२ की हज यात्रा के आवेदन पत्रों को भरने का सिलसिला जारी हो गया है ..इसलियें आगामी पच्चीस तारीख को घंटाघर के इस्लामी मदरसे में सहायता के लियें हज फ़ार्म भरवाने का इन्तिज़ाम किया गया है ..शहर काजी अनवार अहमद ने बताय के इस दिन सुबह नो बजे से आवेदन भरने का काम होगा ....सभी आवेदक वक्त पर अपना पासपोर्ट ...फोटोग्राफ....बेंक का ड्राफ्ट ...लेकर पहुंचे ..आवेदकों का चिकित्सा प्रमाणपत्र इस्लामी मदरसे में ही प्रमाणित कराने की व्यवस्था की जा रही है ...हाजी इब्राहिम कुरैशी ने बताया के इस बार जिन लोगों ने पहले तीन बार आवेदन किया है और उनका नम्बर नहीं आया है वोह चोथी बार रिजर्व केटेगिरी में फ़ोरम भरेंगे लेकिन अब तक वोह जिन लोगों के साथ फ़ोरम भरते रहे है उसमे फेरबदल नहीं होगी ..उन्होंने बताय की सत्तर साल के लोगों के लियें भी आरक्षण व्यवस्था है और उनके सहयोगी के रूप में जो फोर्ब भरेंगे उनका ऐसे लोगों से नजदीक का रिश्ता अनिवार्य है जिसे आवेदन पत्र में ही प्रिस्क्राइब किया गया है .......हाजी कुरैशी ने बताया की इस अवसर पर ऐसे रिजर्व केटेगिरी के आवेदकों द्वारा भरा जाने वाला शपथ पत्र भी मोके पर ही तय्यार करवाने की व्यवस्था की जा रही है ...इस शिविर में मदरसा पेरा टीचर्स ...के अमीन भाई ...अनवार भाई सहित कई पेरा टीचर्स से भी सहयोग के लिए अपेक्षा की गयी है जबकि समाज सेवी रजाक बाबा और उनके सहयोगी सहित स्टेशन व् अन्य क्षेत्र के सहयोगी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लियें शामिल रहेंगे .....इस पाकीज़ा काम के लियें कोटा की समाज सेवी संस्था अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी ..आप और हम सोसाइटी ...नोजवान कमेटी के लोगों से भी गुजारिश की जा रही है के वोह अपने साथियों के साथ पच्चीस तारीख को कोटा के घंटाघर स्थित इस्लामी मदरसे में सुबह नो बजे पहुंच कर अपनी खिदमत हमेशां की तरह अंजाम दें ........................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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