सुकेत निवासी कमालुद्दीन के खिलाफ आरोप था कि उसने चोरी की रंजिश को लेकर 8 अक्टूबर 2008 को बाबूलाल खटीक के सिर पर कुल्हाड़ी मार दी थी। उन्हें झालावाड़ अस्पताल ले जाया गया, जहां पर 31 अक्टूबर 08 को बाबूलाल की मौत हो गई थी।
पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी कमालुद्दीन को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार कर चालान दाखिल किया था। पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण एससीएसटी कोर्ट में भेज दिया। सरकारी वकील भूपेंद्र मित्तल ने 17 गवाहों के बयान दर्ज कराए। इधर, अभियुक्त पक्ष ने अपनी ओर से एक गवाह के बयान दर्ज कराए।
कोर्ट ने हत्या के आरोप में कमालुद्दीन को दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा भुगतने के लिए कोटा जेल भेज दिया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में बंद है। इधर, सुकेत पुलिस ने बताया कि कमालुद्दीन पहले कई ग्रामीण थानों में हैड कांस्टेबल रह चुका है।