व्यस्त जीवन व अत्याधिक काम के दबाव के कारण आजकल बार-बार भूलने, जल्दी थक जाने या ज्यादा सीटिंग के कारण कमरदर्द या रीढ़ से जुड़ी समस्याएं अब युवाओं में भी आम हो गई है। इन सभी परेशानियों से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका योग है। भुजंगासन या सर्पासन एक ऐसा आसन है जिससे इन सारी समस्याओं को एक साथ ठीक किया जा सकता है।
भुजंगासन विधि- पेट के बल आसन पर लेट जाएं। दोनों पैरों को परस्पर सटाकर पूरी तरह जमीन से चिपका लीजिये। दोनों हथेलियां कधों के पास रखिये, कोहनियां उठी रहें। हथेलियां भूमि की और रखें तथा उगलियां आपस में मिली रहें। आंखों को खुली रखें। अब गहरा श्वास लेकर गर्दन को ऊपर उठाइये, फिर नाभि से ऊपर पेट और छाती को उठा लीजिये। इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन कहा जाता है।
लाभ- इस आसन से रीढ़ की हड्डी सशक्त होती है। और पीठ में लचीलापन आता है। यह आसन फेफड़ों की शुद्धि के लिए भी बहुत अच्छा है और जिन लोगों का गला खराब रहने की, दमे की, पुरानी खाँसी अथवा फेंफड़ों संबंधी अन्य कोई बीमारी हो, उनको यह आसन करना चाहिए। इस आसन से पित्ताशय की क्रियाशीलता बढ़ती है और पाचन-प्रणाली की कोमल पेशियाँ मजबूत बनती है। इससे पेट की चर्बी घटाने में भी मदद मिलती है और आयु बढऩे के कारण से पेट के नीचे के हिस्से की पेशियों को ढीला होने से रोकने में सहायता मिलती है। इससे बाजुओं में शक्ति मिलती है। पीठ में स्थित इड़ा और पिंगला नाडिय़ों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। विशेषकर, मस्तिष्क से निकलने वाले ज्ञानतंतु बलवान बनते है। याददाश्त बढ़ती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 मार्च 2012
सांप की तरह ऐसा करने से, दिमाग तेज चलने लगेगा, कमर लचीली हो जाएगी
देहाती दवा: कुछ बूंद जायफल के तेल से ऐसे करें हर तरह के पेटदर्द का इलाज
जायफल गरम मसाले की तरह प्रयोग किया जाने वाला एक मसाला है। यह बहुत ही गुणकारी होता है। जायफल न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि इससे कई तरह के रोगों के उपचार भी संभव है। इसके औषधीय गुण इसे और महत्वपूर्ण बना देते हैं। एक जायफल कई बीमारियों में काम आता है।जायफल अमाशय के लिए विशेष रूप से फायंदेमंद है।
आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है। आंतों में पहुंचकर वहां से गैस हटाता है। ज्यादा मात्रा में यह मादक प्रभाव करता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क पर कपूर के समान होता है, जिससे चक्कर आना, प्रलाप आदि लक्षण प्रकट होते हैं। इससे कई बीमारियों में लाभ मिलता है तथा सौन्दर्य सम्बन्धी कई समस्याओं से भी निजात मिलती है।
आयुर्वेद में जायफल को वात एवं कफ नाशक बताया गया है। सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या नहीं सताती है। पेट में दर्द होने पर चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है। छोटे बच्चों को सरसों के तेल में जायफल मिलाकर चटाने से उल्टी नहीं होती है और उनका हाजमा ठीक रहता है। सरसों तेल में जायफल के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर मालिश करने से चोट एवं मोच में आराम मिलता है। चेहरे पर मुंहासे अधिक हो रहे हैं तो जायफल का लेप चेहरे पर लगाएं। इससे मुंहासे सूख जाएंगे। झाईयों में भी मुंहासों का लेप गुणकारी होता है। इससे रंगत भी निखरती है।
शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके कुनकुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएँ, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।शरीर के जोड़ों में दर्द होना गठिया यानी सन्धिवात रोग का लक्षण होता है। गठिया के अलावा चोट, मोच और पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।
बेहद दिलचस्प है 1 अप्रैल के 'फूल्स डे' बनने की कहानी
नागपुर. हमारी संस्कृति कहती है-सत्यमेव जयते यानी सत्य की जीत होती है। माता-पिता बच्चों को सच बोलने की सीख देते हैं।
स्कूलों में सत्य की जीत की कहानियां पढ़ाई जाती हैं। इसके बावजूद अप्रैल फूल बनाने का चलन नहीं घटा। अप्रैल फूल शरारत भरी आत्मीयता का दिन है। कितने लोग इस बात को समझते हैं?
ठेस न पहुंचे दिल को
बरसों पहले पश्चिम के कुछ लोगों ने अप्रैल महीने की पहली तारीख को मूर्ख बनाने का दिन घोषित कर दिया। धीरे-धीरे यह दिवस दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया।
कुछ लोग अप्रैल फूल के दिन खुद को दूसरों से ज्यादा बुद्धिमान जताने की फिराक में रहते हैं। लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाने के लिए कोई भी दिन अच्छा नहीं होता। अप्रैल फूल भी नहीं।
शेर को सवा शेर
अप्रैल फूल डे को ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है। न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस दिन केवल दोपहर तक ही मजाक किया जाता है। अगर कोई दोपहर के बाद मजाक करता है तो उसे अप्रैल फूल कहा जाता है। इस रिवाज का संबंध अखबारों से है।
ब्रिटेन के अखबार केवल सुबह के संस्करण के लिए अप्रैल फूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं। फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में मजाक करने का सिलसिला दिन भर चलता है।
मूर्खो का पवित्र दिन!
जानकार बताते हैं कि वर्ष 1539 में फ्लेमिश कवि डे डेने ने एक अमीर व्यक्ति की शरारत के बारे में लिखा था। इस व्यक्ति ने 1 अप्रैल को अपने सेवकों को मूर्खतापूर्ण कार्य सौंपे थे।
वर्ष 1686 में इतिहासकार जॉन ऑब्रे ने 1 अप्रैल को मूखोर्ं का पवित्र दिन बताया था। तिहास की किताबों में यह भी दर्ज है कि 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को शेर को नहलाने का दृश्य दिखाने का लालच देकर धोखे से टावर ऑफ लंदन ले जाया गया था।
ईडियट बॉक्स का जोर
आजकल टेलीविजन चैनल में बुद्धु बनाने के कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। हमने फिल्मों में ऊंची पहाड़ी से हीरो के कूदने का दृश्य कई बार देखा है। धीरे-धीरे दर्शक ट्रिक वीडियोग्राफी समझ गए।
अब रियलिटी शो की असलियत भी सामने आ रही है। ऐसे कार्यक्रम भी हैं जिनमें एक दोस्त प्रोग्राम निर्माताओं के सहयोग से दूसरे दोस्त को मूर्ख बनाने का प्रयास करता है।
बेहद दिलचस्प है 1 अप्रैल के 'फूल्स डे' बनने की कहानी
नागपुर. हमारी संस्कृति कहती है-सत्यमेव जयते यानी सत्य की जीत होती है। माता-पिता बच्चों को सच बोलने की सीख देते हैं।
स्कूलों में सत्य की जीत की कहानियां पढ़ाई जाती हैं। इसके बावजूद अप्रैल फूल बनाने का चलन नहीं घटा। अप्रैल फूल शरारत भरी आत्मीयता का दिन है। कितने लोग इस बात को समझते हैं?
ठेस न पहुंचे दिल को
बरसों पहले पश्चिम के कुछ लोगों ने अप्रैल महीने की पहली तारीख को मूर्ख बनाने का दिन घोषित कर दिया। धीरे-धीरे यह दिवस दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया।
कुछ लोग अप्रैल फूल के दिन खुद को दूसरों से ज्यादा बुद्धिमान जताने की फिराक में रहते हैं। लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाने के लिए कोई भी दिन अच्छा नहीं होता। अप्रैल फूल भी नहीं।
शेर को सवा शेर
अप्रैल फूल डे को ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है। न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस दिन केवल दोपहर तक ही मजाक किया जाता है। अगर कोई दोपहर के बाद मजाक करता है तो उसे अप्रैल फूल कहा जाता है। इस रिवाज का संबंध अखबारों से है।
ब्रिटेन के अखबार केवल सुबह के संस्करण के लिए अप्रैल फूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं। फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में मजाक करने का सिलसिला दिन भर चलता है।
मूर्खो का पवित्र दिन!
जानकार बताते हैं कि वर्ष 1539 में फ्लेमिश कवि डे डेने ने एक अमीर व्यक्ति की शरारत के बारे में लिखा था। इस व्यक्ति ने 1 अप्रैल को अपने सेवकों को मूर्खतापूर्ण कार्य सौंपे थे।
वर्ष 1686 में इतिहासकार जॉन ऑब्रे ने 1 अप्रैल को मूखोर्ं का पवित्र दिन बताया था। तिहास की किताबों में यह भी दर्ज है कि 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को शेर को नहलाने का दृश्य दिखाने का लालच देकर धोखे से टावर ऑफ लंदन ले जाया गया था।
ईडियट बॉक्स का जोर
आजकल टेलीविजन चैनल में बुद्धु बनाने के कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। हमने फिल्मों में ऊंची पहाड़ी से हीरो के कूदने का दृश्य कई बार देखा है। धीरे-धीरे दर्शक ट्रिक वीडियोग्राफी समझ गए।
अब रियलिटी शो की असलियत भी सामने आ रही है। ऐसे कार्यक्रम भी हैं जिनमें एक दोस्त प्रोग्राम निर्माताओं के सहयोग से दूसरे दोस्त को मूर्ख बनाने का प्रयास करता है।
10 साल बाद रवि पुष्य नक्षत्र का योग, रामनवमी पर हर कार्य में सफलता!
शहर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य का अभिषेक होगा। इस मौके पर भक्त अष्टोत्तरशत नामावली व गणपति सहस्रनामावली पाठों से भगवान गणेश का आव्हान करेंगे। गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदिच्य के सान्निध्य में निजी विग्रह का अभिषेक व श्रंगार होगा। शाम को गणपति का सामूहिक अभिषेक किया जाएगा। नहर के गणेश मंदिर में सुबह 8 से 9 बजे अथर्व शीर्ष के पाठ होंगे। महंत जय कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे पंचामृत अभिषेक होगा और नवीन पोशाक धारण करवाई जाएगी। बड़ी चौपड़ पर ध्वजाधीश गणेश मंदिर में सुबह 9 बजे विशेष श्रंगार आरती की जाएगी। सूरजपोल स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में विशेष पूजा होगी।
मनमोहन सिंह को हटा सोनिया गांधी ने खुद संभाली बागडोर
नई दिल्ली. घपलों-घोटालों से लगातार खराब हो रही यूपीए-2 सरकार की छवि से चिंतित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा फैसला ले लिया है। सोनिया 2 अप्रैल को भारत के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी। इस तरह से मई, 2004 में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले मनमोहन सिंह का राजनैतिक करियर खत्म माना जा रहा है। सोनिया ने मनमोहन सिंह को हटाकर खुद सरकार की बागडोर संभालने के अलावा कई अहम निर्णय लिए हैं।
हाल के सेना विवाद से लेकर 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले, कॉमनवेल्थ, देवास-एंट्रिक्स जैसे घोटालों से परेशान सोनिया गांधी ने 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगाने का बीड़ा खुद उठाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस खबर की पुष्टि की है। सोनिया ने मनमोहन की जगह खुद प्रधानमंत्री बनने के अलावा दूसरा अहम फैसला लेते हुए राहुल गांधी को सरकार में शामिल करते हुए पी. चिदंबरम की जगह देश का नया गृहमंत्री बनाने का फैसला किया है। चिदंबरम को हटाने के पीछे वजह कई मुद्दों पर उनकी नाकाम बताई जा रही है। चिदंबरम को कांग्रेस पार्टी संगठन में काम करने के लिए कहा गया है। साथ ही सोनिया राहुल को गृह मंत्री जैसा अहम पद देकर उनकी शासन की क्षमता को आंकना चाहती हैं।
सोनिया गांधी यूपीए को मजबूती देने के लिए सपा और बसपा से भी हाथ मिलाते हुए दोनों पार्टियों को सरकार में शामिल करेंगी। इसके मद्देनज़र सोनिया गांधी ने कैबिनेट में भारी फेरबदल किया है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव प्रणब मुखर्जी की जगह देश के नए वित्तमंत्री बनेंगे। मुखर्जी कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की गहरी समझ को देखते हुए उन्हें एसएम कृष्णा की जगह भारत का नया विदेश मंत्री बनाया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि कृष्णा की मंत्री के तौर पर उल्लेखनीय काम न कर पाने को हटाने की वजह बताई जा रही है। कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। सोनिया ने तृणमूल के नेता मुकुल रॉय की जगह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपना प्रबंधन कौशल दिखाने का एक और मौका देते हुए नया रेल मंत्री बनाया है। साथ ही लालू की पार्टी के तेजतर्रार नेता राजनीति प्रसाद को कपिल सिब्बल की जगह मानव संसाधन मंत्री बनाने का फैसला किया गया है। सभी नए मंत्री सोनिया गांधी के साथ 2 अप्रैल को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।