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02 अप्रैल 2012

महावीर जयंती 4 को, उपदेशों से किया समाज का कल्याण

जैन धर्म के अनुसार वर्धमान महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान श्री आदिनाथ की परंपरा में चौबीस वें तीर्थंकर हुए थे। वर्धमान महावीर का जन्मदिन जैन अनुयायियों द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस बार महावीर जयंती का पर्व 4 (पंचांग भेद के कारण कहीं-कहीं 5 अप्रैल) अप्रैल, बुधवार को है।

जैन धर्म के अनुसार भगवान महावीर का जन्म वैशाली के एक क्षत्रिय परिवार में राजकुमार के रूप में चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हुआ था। इनके बचपन का नाम वर्धमान था, यह लिच्छवी कुल के राजा सिद्दार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र थे। जैन धर्म के धर्मियों का मानना है कि वर्धमान जी ने घोर तपस्या द्वारा अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी जिस कारण वह विजेता और उनको महावीर कहा गया और उनके अनुयायी जैन कहलाए। महावीर जयंती के अवसर पर जैन धर्मावलंबी प्रात: काल प्रभातफेरी निकालते हैं तथा भव्य जुलूस के साथ पालकी यात्रा का आयोजन किया जाता है। इसके पश्चात महावीर स्वामी का अभिषेक किया जाता है तथा शिखरों पर ध्वजा चढ़ाई जाती है।

महावीर जी ने अपने उपदेशों द्वारा समाज का कल्याण किया उनकी शिक्षाओं में मुख्य बाते थी कि सत्य का पालन करो, अहिंसा को अपनाओ, जिओ और जीने दो। इसके अतिरिक्त उन्होंने पांच महाव्रत, पांच अणुव्रत, पांच समिति तथा छ: आवश्यक नियमों का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया, जो जैन धर्म के प्रमुख आधार हुए।

हनुमानजी से युद्ध के बाद रावण क्यों नहीं लौटा?


रामायण में अब तक आपने पढ़ा...लक्ष्मणजी ने सबके सैकड़ों टुकड़े कर डाले। फिर उन्होंने अपने बाणों से प्रहार किया और रथ को तोड़कर सारथि को मार डाला। उन्होंने रावण पर कई सौ बाणों से हमला किया। वह बेहोश हो गया लेकिन कुछ समय बाद उसने उठकर वह शक्ति चलाई जो उसे ब्रह्माजी ने दी थी। ब्रह्माजी की दी हुई शक्ति लक्ष्मणजी की ठीक छाती में लगी। वीर लक्ष्मणजी व्याकुल होकर गिर पड़े। रावण लक्ष्मणजी को वहां से उठाने का प्रयास करने लगा अब आगे..

यह देखकर हनुमानजी कठोर वचन बोलते हुए दौड़े। हनुमानजी के आते ही रावण ने उन पर बहुत भयंकर घूंसे से प्रहार किया। हनुमानजी संभल गए और क्रोध में रावण को एक घूंसा मारा वह गिर पड़ा। हनुमानजी बोले धित्कार है मुझ पर अगर जो तू अब भी जीवित रह गया। ऐसा कहकर और लक्ष्मणजी को उठाकर हनुमानजी रामजी के पास ले आए। यह देखकर रावण को आश्चर्य हुआ। रामजी ने धीरे से लक्ष्मणजी के कानों में कहा लक्ष्मण तुम काल के भक्षक और देवताओं के रक्षक हो।

ये बात सुनते ही लक्ष्मणजी फिर धनुष बाण लेकर दौड़े और बहुत शीघ्रता से शत्रु के सामने पहुंचे। वहां रावण मूच्र्छा से जागकर कुछ यज्ञ करने लगा। यहां विभीषणजी को यह खबर मिली और उसने तुरंत जाकर रामजी को सुनार्र्ई। रावण एक यज्ञ कर रहा है। उसके सिद्ध होने पर वह अभागा सहज ही नहीं मरेगा। तुरंत वानर योद्धाओं को भेजिए जो यज्ञ विध्वंस करें। जिससे रावण युद्ध में आए। सुबह होते ही हनुमान और अंगद आदि सब दौड़े। वे सभी लंका पर जा चढ़े और रावण के महल में जा घुसे।

ज्यो ही उसको यज्ञ करते देखा, त्यो ही सब वानरों को बहुत गुस्सा आया। वे सभी वहां जाकर बोले अरे निर्लज रणभूमि से घर भाग आया और यहां आकर बगुले का सा ध्यान लगाकर बैठा है। ऐसा कहकर अंगद ने लात मारी। जब उसने आंखें नहीं खोली तो वानर क्रोध करके स्त्रियों को बाल पकड़कर घर से बाहर ले आए। वे रावण को पुकारने लगी। तब रावण काल के सामान क्रोधित हो उठा और वानरों को पैर पकड़कर पटकने लगा। इसी बीच वानरों ने यज्ञ विध्वंस कर डाला। यज्ञ विध्वंस करके वे सभी वानर रामजी के पास लौट आए। रावण क्रोधित होकर जब वापस युद्धभूमि जाने लगा तो गिद्ध आकर उसके सिर पर बैठने लगे।

अगर ये याद रखें तो...चश्मा लगेगा नहीं और लगा है तो उतर जाएगा

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आजकल कम उम्र में चश्मा लगना एक आम समस्या है। उम्र चाहे कोई भी हो लेकिन चश्मे से हर कोई मुक्ति चाहता है। जिन्हें चश्मा लगा होता है वे लगातार नंबर बढऩे से परेशान होते हैं और जिन लोगों को नहीं लगा होता है उन्हें लग जाने का डर हमेशा रहता है। ऐसे में आंखों की सुरक्षा के लिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनसे आपकी आंखों की रोशनी तेज रहेगी और अगर आपको चश्मा लगा है तो वो भी जल्द उतर जाएगा।

- कम्प्यूटर पर काम करते हैं तो लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर ना देखें। ज्यादा से ज्यादा 10 मिनिट में कुछ क्षण के लिए आंखें स्क्रीन से हटा लें।

- हर दस मिनिट में कुछ पल आंखों को बंद रखें।

- दिन में कम से कम 5-10 बार आंखों को ठंडे साफ पानी से अवश्य धोएं।

- भौहों को अंगूठों तथा उंगलियो से पकड़ कर धीरे-धीरे पांच-सात बार हल्का-हल्का दबाव दें। इसी प्रकार आंखों को बंद करके पुतलियों के ऊपर नाक की तरफ से कान की तरफ उंगलियों से हल्का-हल्का पांच-सात बार दबाव दें।

- नियमित रूप से भ्रामरी और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।

- आंखों के अग्रभाग पर भी प्रेशर देने से नेत्रों की ज्योति ठीक होती है।

- आंखों को धूल और धुएं से बचा कर रखें। भोजन में विटामिन ए, डी की पर्याप्त मात्रा लें। नशीली वस्तुओं का सेवन न करें।

- 3 भाग शहद, एक भाग नीबू, प्याज और अदरक का रस बराबर भाग में मिलाकर बारीक कपड़े से छान लें और किसी स्वच्छ बोतल में डाल ले। इसमें थोड़ा-सा शुद्ध गुलाबजल भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण को सवेरे शाम आंखों में डाले।

बापू के खून से सनी मिट्टी भी बेच देंगे!

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लंदन. महात्मा गांधी का एक गोल फ्रेम वाला चश्मा, चरखा और पत्र, ब्रिटेन के शॉर्पशायर में 17 अप्रैल को नीलाम होने वाले हैं। साथ ही जिस जगह गांधीजी की हत्या हुई वहां कि चुटकी भर मिट्टी और घास भी नीलाम होगी। यह नीलामी म्यूलॉक ने आयोजित की है। इससे लगभग 1 लाख पाउंड मिलने की संभावना है।

नीलामकर्ता ने इन चीजों के लिए 10 से 15 हजार पाउंड की कीमत निर्धारित की है। इनमें से सबसे ज्यादा कीमत चश्मे, चरखे और चुटकी भर मिट्टी की होगी। नई दिल्ली में गांधीजी की हत्या हुई थी। यहां की मिट्टी पीपी नांबियार ने इकट्ठी की है। इसे एक लकड़ी के बक्से में कांच के अंदर सहेज कर रखा गया है। इस बक्से में नांबियार के 24 सितंबर 1996 में लिखे गए एक पत्र का विवरण है।

इसमें लिखा है- 'मुझे सबसे पवित्र अवशेष के रूप में उस जगह की मिट्टी की अंश मिला है, जहां हमारे राष्ट्रपिता एमके गांधी को 30 जनवरी 1948 को हत्यारे ने गोली से मार दिया था।' म्यूलॉक ने बताया कि इस मिट्टी के साथ नांबियार का उस दिन का व्यक्तिगत पत्र भी है, जिसमें उन्होंने मिट्टी इकट्ठी करने का अनुभव बांटा है। इसका नाम ट्रू बट नेवर हर्ड बिफोर (सत्य, लेकिन पहले कभी न सुना) है।

गांधीजी का चश्मा यहां 1890 में आया, जब वे कानून की पढ़ाई कर रहे थे। इस चश्मे को समय के साथ जीर्णशीर्ण हो गया है। इसपर चश्मा बनाने वाले का पता एच कैनम ऑप्टीशियन, 23 सेंट एल्डेट स्ट्रीट ग्लॉसेस्टर भी लिखा है। गांधीजी का चरखा अब भी काम करने की स्थिति में है।


असहनीय दर्दः जब सिर से पट्टी हटाकर देखा तो दंग रह गए डॉक्टर!


चौमूं/जयपुर.यहां सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने सिर में टांके लगाने के बाद सूई सिर में ही छोड़ दी और पट्टी बांध दी। पीड़ित युवक के दर्द होता रहा। दो दिन सहने के बाद दर्द जब असहनीय हो गया तो उसने निजी अस्पताल में दिखाया। वहां डॉक्टर ने जैसे ही पट्टी हटाई तो सुई देख दंग रह गए।

पीड़ित कालूराम ने बताया कि वह 31 मार्च को घर पर सीढ़ियों से गिर गया था। उसके सिर में गहरी चोट आई थी। चौमूं के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने टांके लगाकर पट्टी बांध दी थी। उसके सिर में टांके के स्थान पर उसे असहनीय दर्द हुआ। दर्द अधिक बढ़ा तो उसने सोमवार को एक निजी डॉक्टर को दिखाया।

मामले पर चौमूं सरकारी अस्पताल के प्रभारी डॉ. बी.एल.मीणा कहना है कि टांकों के साथ सूई छोड़ी गई, तो गंभीर लापरवाही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

एलेग्जेंडर के काफिले ने पंजाब में पकड़ा था सिकंदर का प्यारा तोता


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एलेग्जेंडर द ग्रेट (सिकंदर) के समय से ही एलेग्जेंड्रियन पराकीट (राज तोता) यूरोप में पिंजड़े में पाला जाने वाला सबसे लोकप्रिय पक्षी है। इस तोते को यह नाम एलेग्जेंडर से मिला। अपने विश्व विजय अभियान के क्रम में एलेग्जेंडर के काफिले ने इस पक्षी को पंजाब में पकड़ा था और फिर इसे ग्रीस भेज दिया, जहां बड़े-बड़े लोगों ने इसे पालना शुरू किया।

भारत सरकार के प्रतिबंध के बावजूद पशु-पक्षियों के शिकारी अभी भी पराकीटों को पकड़कर उन्हें भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों में बेच देते हैं। ये पराकीट (राज तोता) नवंबर से अप्रैल महीने में बच्चों को जन्म देते हैं और इन्हीं महीनों में पशु शिकारी ज्यादा सक्रिय होते हैं। वो राज तोता के बच्चों को घोसलों से चुराते हैं। राज तोतों को भारत में पालना गैरकानूनी है।

मां व दूध के लिए बिलखती मासूम की पुकार, न्याय के मंदिर में गुहार


जोधपुर.उम्मेद अस्पताल में पिछले सात दिन से मां व उसके दूध से वंचित बच्ची का अब हाईकोर्ट सहारा बना है। दैनिक भास्कर में सोमवार को मुख पृष्ठ पर ‘7 दिन से मां व दूध को बिलखती मासूम’ शीर्षक से प्रकाशित खबर के आधार पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को उचित कार्यवाही के आदेश दिए हैं।उन्होंने इस मामले में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा है।

साथ ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को अविलंब कार्यवाही करते हुए मासूम बच्ची को उसके माता-पिता तक पहुंचाने व 20 अप्रैल तक हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश ने आदेश में लिखा, ‘मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण कानून की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही करें।बालिका के अधिकारों के संरक्षण व उसकी सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाएं।

अस्पताल प्रशासन अदालत को सहयोग करे, ताकि अदालत मासूम बालिका को सही हाथों में सौंपने का निर्णय ले सके। यदि इस मामले में परिजन अपने कत्र्तव्यों से विमुख होते हैं तो उनके विरुद्ध घरेलू हिंसा कानून की धारा 31 के तहत कार्रवाई की जाएगी।’

अविलंब उपलब्ध कराएं डीएनए रिपोर्ट :

न्यायाधीश मेहता ने कहा कि यह आदेश देश में लिंगानुपात में असंतुलन के मद्देनजर पारित किया जा रहा है। न्यायालय ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि इस संबंध में उपलब्ध विशेषज्ञ रिपोर्ट सीजेएम को सौंप दी जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि डीएनए रिपोर्ट अविलंब उपलब्ध कराई जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता राजलक्ष्मी चौधरी को न्याय मित्र नियुक्त किया है।

यह है मामला

पिछले सप्ताह उम्मेद अस्पताल में जन्मे एक बालक व बालिका की कर्मचारियों की गलती से अदला-बदली हो गई थी। बालिका को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं है, वह फिलहाल अस्पताल की नर्सरी में पल रही है। यह तय करने के लिए कि उसके माता-पिता कौन हैं, सभी पक्षों के रक्त के नमूने डीएनए जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने में करीब दो माह लग सकते हैं। यही जांच जयपुर में होती तो सात दिन में रिपोर्ट मिल जाती।

सुरे वाकया पढ़ कर खुद अपने घर और पडोस में फूंकों इंशा अल्लाह आने वाली मुसीबत और खतरा टल जाएगा ..खुशहाली और अमनो अमन का दोर शुरू होगा


दोस्तों आप मानो या ना मानो सुरे वाकिया जिसमे कयामत प्रलय और आखेरत का बयान है ..यह आयत सत्ताइसवें पारे में है और यह छप्पन नम्बर की आयत है सुरे वाकिया के बारे में टोंक राजस्थान सहित कई स्थानों के बुजुर्गों का कहना है के इन दिनों विपत्ति का दोर है और सभी लोग खासकर इस्लाम से जुड़े लोग कठिन दोर से गुज़र रहे है और इस मुसीबत को टालने के लियें घर घर अगर सुरे वाकया का बयान होगा तो इंशा अल्लाह कोई भी मुसीबत होगी टल जायेगी अगर हो सके और दिल गवारा करे और आप देश के ही नहीं विश्व के सभी मुसलमानों और सभी इंसानों दुनिया के लोगों और भारत के लोगों पर आने वाली विपत्ति और कठिनाई के दोर को अच्छे दोर में बदलना चाहते हो ..कुदरत के कहर से खुद भी बचना चाहते हो और अपने भाइयों को भी बचना चाहते हो तो प्लीज़ गुजारिश है बिना किसी तर्क बिना किसी कुतर्क के सुरे वाकिया एक बार पाक साफ होकर पढ़े और घर व् पडोस में फूंके इंशा अल्लाह यकीन है के जो भी मुसीबत खतरा आने वाला है टल जाएगा और फिर से खुशहाली अमनो अमान का दोर शुरू हो जाएगा ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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