आम को फलों का राजा माना जाता है। खाने में तो ये फल खट्टा-मीठा और स्वाद से भरा होता है। लेकिन आम के अंदर छुपे असली गुणों को बहुत कम लोग जानते हैं आम पर कही गई कहावत आम तो आम और गुठलियों के दाम एकदम सही है क्योंकि इस फल का छिलका और गुठलिया भी बहुत उपयोगी होते है आइए जानते हैं आम के कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में....
100 ग्राम आम में पोषकता
पोषण पका आम हरा आम
ऊर्जा 74 किलोकैलोरी 44 किलोकैलोरी
रेशा 0.7 ग्राम 1.2 ग्राम
कैल्शियम 14 मि.ग्रा 10 मि.ग्रा
लौह 1.3 मि.ग्रा 5.4 मि.ग्रा
कैरोटीन 2743 माइक्रोग्राम 90 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 16 मि.ग्रा 3 मि.ग्रा
- गर्मियों के मौसम में पका हुआ फल खाने से थकान और प्यास का अनुभव नहीं होता।
- ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट, फ्रक्टोज, सुक्रोज विटामिन सी आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- आम की छाल का काढ़ा बनाकर घाव को धोने से पुराना से पुराना घाव भी भर जाता है।
- आम के ताजे पत्ते चबाने से मजबूत होते हैं और दांत के बहुत सारे रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं।
- पका आम आलस्य को दूर करता है तथा मूत्र संबंधी रोगों का सफाया करता है।
- आम के छिलके को ताजे पानी में पीसकर पिलाने से हैजा ठीक हो जाता है।
- प्राकृतिक रूप से पका हुआ आम क्षयरोग यानी टीबी को मिटाता है।
- जिन लोगों को शुक्रप्रमेह शारीरिक विकारों और वातादि यानी वायु संबंधी दोषों के कारण संतानोत्पत्ति न होती हो उनके लिए पका आम किसी वरदान से कम नहीं है। मतलब कि संतान सुख से वंचित दंपत्ती के लिये आम बेहद लाभदायक होता है।
- प्राकृतिक रूप से पके हुए ताजे आम के सेवन से पुरूषों में शुक्राणुओं की कमी, नपुंसकता, दिमागी कमजोरी आदि रोग दूर होते हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 अप्रैल 2012
आम नहीं बहुत खास है ''आम '' इसमें छुपे इन गुणों को जानेंगे तो मानेंगे
अमेरिका जो विश्व के अधिकतम प्रधान मंत्रियों ..राष्ट्रपतियों का हत्यारा है हाफिज़ पर शगूफा छोड़ रहा है
सईद पर पांच करोड़ का ईनाम, जम्मू सरकार करेगी आंकलन विश्व के सबसे बढे आतंकवादी देश अमेरिका ने फिर एक नई चाल चली है ....उसने पाकिस्तान के आतंकवादी की शान बढ़ाने के लियें कथित रूप से इनाम की घोषणा कर सभी को चोंका दिया है ..सभी जानते है के अमेरिका विश्व का सबसे बढ़ा आतंकवादी देश है विश्व के कई देशों के प्रधानमन्त्रियों ..राष्ट्रपतियों ..दिग्गज लोगों की हत्या का आरोप अमेरिका पर है पाकिस्तान के लोग ..जनरल जिया उल हक ...बेनजीर भुट्टो और पाकिस्तान के कई दिग्गज आज भी अमेरिका द्वारा मारे जाने के कारण बेबस है ..हमारे देश को ही लें ..महात्मा गाँधी हो ....इंदिरा गाँधी हों ...राजिव गाँधी हो और भी ना जाने कोन कोन अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका की हिंसा और राजनीति के शिकार हुए है ...अभी एक तरफ तो भारत पर इराक से पेट्रोल खरीदने पर पाबन्दी और दूसरी तरफ हाफ़िज़ सईद की म़ोत का फतवा और इनाम की राशि सारा विश्व जानता है के यह भारत को बेवकूफ बनाकर इराक के खिलाफ इस्तेमाल करने का तरीका है ............
अमेरिका का फैसला ऐसे वक्त आया है जब लश्कर-ए-तैयबा ने अपने तौर-तरीकों में काफी परिवर्तन किया है। अब उन्होंने अपना बेस रावलपिंडी और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को बनाया है।
जिससे वह कश्मीर में मौजूद आतंकियों के साथ सीधे तौर पर जुड़े रह सकें। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, पूरे कश्मीर में लश्कर के तमाम सैकड़ों एफआईआर दर्ज की गई हैं। ऐसे में लश्कर द्वारा किए गए हर हमले के लिए सीधे तौर पर सईद जिम्मेदार है।
भारत ने किया स्वागत
भारत ने हाफिज सईद पर इनामी राशि घोषित किए जाने का स्वागत किया है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने मंगलवार को यहां मीडिया से कहा, ‘अमेरिका की इस पहल का भारत स्वागत करता है। यह आतंकवाद फैलाने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है। इससे इस बात का पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।
इस मंदिर में अगर गिरे आपके फूल, तो मन की मुराद हो जाएगी पूरी!
मंदिर के पुराने श्रद्धालुओं के मुताबिक माता की कृपा से यहां फूल गिरने की अनोखी परम्परा है। मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे पर भक्त अपनी मनौती को लेकर फूल चढ़ाते हैं, अगर फूल तुरंत नीचे गिर जाए तो यह तय होता है कि आपने मन में जिस कार्य के पूर्ण होने की कामना को लेकर फूल चढ़ाया है, वह जल्द पूरा होने वाला है। अगर कार्य पूरा नहीं होने वाला हो, तो आपके घंटों इंतजार करने पर भी फूल नहीं गिरेगा। श्रद्धालु बताते हैं कि मां की कृपा से ही यहां ऐसा नजारा दिखाई देता है।
रांची से करीब 100 किलोमीटर दूर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण एवं पहाड़ियों के बीच बसे नगर गांव में रहने वाले हिंदुओं, मुसलमानों सहित सभी जाति-धर्म के लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। मां के मंदिर का संचालन आज भी शाही परिवार के लोग ही कर रहे हैं।
इस मंदिर में झारखण्ड ही नहीं, देश के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु पूरे वर्ष पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। इस मंदिर में रामनवमी व दुर्गा पूजा का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
16 दिनों तक होता है दशहरा पूजा का आयोजन
स्थानीय पत्रकार सुजीत कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस मंदिर की सबसे दिलचस्प और रहस्यमय बात यह है कि यहां दशहरा पूजा का आयोजन 16 दिन तक होता है। यहां प्रत्येक महीने की पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। टुढ़ामु गांव के मिश्रा परिवार के वंशज अब भी इस मंदिर के पुजारी हैं जबकि इसकी देखरेख का जिम्मा चकला गांव स्थित शाही परिवार के सुपुर्द है। वैसे इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां सच्चे दिल से पूजा करने वालों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती है। मंदिर के पुजारी गोविंद वल्लभ मिश्र बताते हैं कि प्राचीन मंदिरों में से एक इस मंदिर के पुजारी गर्भगृह में खड़े होकर मां भगवती को भोग लगाते हैं। प्रसाद के रूप में मां को नारियल व मिसरी चढ़ाई जाता है। मंदिर परिसर में ही श्रद्धालुओं द्वारा बकरे की बलि भी दी जाती है। यहां चावल, दाल और सब्जी का भोग लगाया जाता है। दिन में मां की दो बार आरती उतारी जाती है।
मंदारगिरि पर्वत पर हैमदार साहब का मजार
उन्होंने बताया कि मंदिर के पश्चिमी भाग में स्थित मंदारगिरि पर्वत पर मदार साहब का मजार है। किंवदंतियों के मुताबिक मदार साहब मां भगवती के बहुत बड़े भक्त थे। तीन वर्षो में एक बार इनकी पूजा की जाती है और काडा (भैंसा) की बलि दी जाती है और उसी भैंसें की खाल से मां के मंदिर के लिए नगाड़ा बनाया जाता है। इसी नगाड़े को बजाकर मंदिर में आरती की जाती है।
वर्तमान में मंदिर के उत्तरी भाग में एक विशाल विवाह मंडप है जहां प्रतिवर्ष हजारों लोगों का विवाह सम्पन्न होता है। मंदिर के दक्षिणी भाग के ऊपरी छोर पर एक धर्मशाला है जहां शादी-विवाह होते हैं। इसके अलावा श्रद्धालु भी इसी धर्मशाला में ठहरते हैं।
उल्लेखनीय है कि मां उग्रतारा मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार से वित्तीय सहायता की मांग स्थानीय लोगों द्वारा बराबर की जाती रही है।
मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष आज हाड़ौती के दौरे पर
शाम को कोटा आकर विमान से जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।प्रशासन के पास पहुंचे कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व डॉ. चन्द्रभान सुबह 10.15 कोटा पहुंचेंगे। यहां से 10.20 बजे दोनों हेलीकॉप्टर से झालावाड़ जिले के अकलेरा पहुंचकर वहां गलेंडी पेयजल योजना का लोकार्पण करेंगे। यहां से मनोहरथाना जाएंगे जहां कालीखार सिंचाई एवं पेयजल योजना का लोकार्पण करेंगे। वे यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे। दोनों दोपहर 1 बजे बूंदी जिले के ग्राम कुंवरती दौलाड़ा के लिए रवाना होंगे।
यहां न्यू कृषि उपजमंडी समिति बूंदी का शिलान्यास, फ्लैगशिप कार्यक्रमों का फीडबैक एवं मौके का निरीक्षण, राजीव गांधी सेवा केन्द्र दौलाड़ा का लोकार्पण, किसान भवन का लोकार्पण तथा पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यहां से वह हेलीकॉप्टर से कोटा पहुंचकर शाम 4.50 बजे जयपुर के लिए विमान से रवाना हो जाएंगे।
बिखर गए राजस्थान के मुसलमान भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अमीन पठान के म्रदुल व्यवहार और समर्पण सेवा भाव के कारण तेज़ी से भाजपा की तरफ रुख करने लगे हैं
स्त्री, शस्त्रधारी, जानवर, नदी, राजा पर कभी भरोसा न करें, क्योंकि...
सामान्यत: विश्वास या भरोसे पर ही हमारा जीवन चलता है। हमारे आसपास कई लोग होते हैं, जिन पर हम विश्वास करते हैं। इंसानों के साथ ही कई अन्य जीव भी हैं जिन पर हम विश्वास रखते हैं। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय बना रहे।
आचार्य चाणक्य कहते हैं-
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
इस संस्कृत श्लोक का अर्थ यही है कि हमें नदियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। शस्त्रधारियों पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन जानवरों के नाखुन और सींग नुकिले होते हैं उन पर विश्वास करने वाले को जान का जोखिम बन सकता है। चंचल स्वभाव की स्त्रियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। इनके साथ ही किसी राज्यकुल के व्यक्ति, शासन से संबंधित लोगों का भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि जिन नदियों के पुल कच्चे हैं, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं उस नदी पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि कोई नहीं जान सकता कि कब नदी के पानी का बहाव तेज हो जाए, उसकी दिशा बदल जाए। जिन जीवों के नाखुन और सिंग होते हैं उन पर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है। क्योंकि ऐसे जीवों का कोई भरोसा नहीं होता कि वे कब बिगड़ जाए और नाखुन या सींगों से प्रहार कर दे। हमारे आसपास यदि कोई ऐसा व्यक्ति को जो अपने साथ हथियार रखता हो उस पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि जब भी वह गुस्से या आवेश में होगा तब उस हथियार का उपयोग कर सकता है। जिन स्त्रियों का स्वभाव चंचल होता है उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जिन लोगों का संबंध शासन से है उन पर विश्वास करना भी नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वे अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कभी भी आपको धोखा दे सकते हैं।