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07 अप्रैल 2012

कानून तोड़ने वाला सोफिया स्कुल ..जिसके आगे कलेक्टर ..एस पी..शिक्षा विभाग ..महापोर ..नेता बेबस होकर नतमस्तक है ..और सोफिया में मनमानी जारी है

सरकारें कितना ही कानून बना लें .कितनी ही निग्रानिया शुरू कर दे लेकिन यह निजी स्कूल और इनके रावण जेसा व्यवहार कोई नहीं बदल सकता यह सच साबित क्या है कोटा के सोफिया स्कूल की हठधर्मिता ने ......राजस्थान में कानून के रूप में राईट टू एजुकेशन के तहत सुप्रीम कोर्ट और संवेधानिक गाइड लाइन पर गरीब बच्चों को स्कूलों में एडमिशन देने का आवश्यक कानून बनाया है और इस कानून की पालना निजी स्कूलों द्वारा की जा रही है या नहीं इसके लियें महापोर कोटा नगर निगम को चेयरमेन और कलेक्टर ..जिला शिक्षा अधिकारी को भी आवश्यक अधिकार दिए है ................लेकिन रोज़ दो नम्बर में एडमिशन कराने वाले लोग सोफिया स्कुल की हठधर्मिता के आगे बेबस है ,,,,,सोफिया स्कुल में पिछले दिनों एडमिशन के दोरान मनमानी की शिकायतें थीं ..इस मामले में पहले महापोर ने जानकारी चाही ...सुचना के अधिकार अधिनियम प्रावधान के तहत विधि अनुसार जानकारी मांगी गयी लेकिन सियान भये कोतवाल तो दर काहे का की कहावत को मानने वाले सोफिया स्कुल के प्रबंधकों के कान पर जूं भी नहीं रेंगी ..ए दिन आम जनता से बदसुलूकी ..सार्वजनिक बोर्ड पर क्लास वाईस खाली पोस्टों जानकारी और प्रवेश नियम की पात्रता जानकारी के मामले में कोई डिस्प्ले पारदर्शिता नहीं है केवल भाजपा के लोगों के इशारे पर यह स्कुल नियमित लोगों पर महरबानियाँ करता देखा जाता है ,,सभी के लियें प्रवेश बंद लेकिन खासों के लियें गुपचुप प्रवेश करना इस स्कूल में आम शिकायत होने पर यहाँ प्रवेश प्रक्रिया और सम्बन्धित दस्तावेजात की जान्च करने के लियें कोटा शिक्षा विभाग की रश्मि शर्मा एक सरकारी अधिकारी के नाते जब स्कुल गयीं तो प्रबंधकों ने उन्हें स्कुल तक घुसने नहीं दिया अपमानित किया ...एक सरकारी अधिकारी किसी राज कार्य से जाए और उसे राज कार्य नहीं करने दिया जाए तो सीधे सीधे ऐसी बाधा पहुँचने वाले लोग राजकार्य में बाधा के दोषी है और किसी भी राजकार्य को रोकने पर प्रबंधकों को शांति भंग ....राजकार्य में बाधा के अपराध में गिरफ्तार किया जाना कानूनी आवश्यकता है ..ऐसे मामले में पुलिस इमदाद लेकर अधिकारी अपने राजकार्य कर सकेंगे ऐसा कानून है लेकिन दोस्तों कोटा के सोफिया स्कुल की गुंडा गर्दी देखिये के चोरी और सीना जोरी के तहत एक तो रिकोर्ड की जाँच नहीं करवा रहे है दुसरे अधिकारीयों के साथ बदसुलूकी कर रहे है ..कलेक्टर बेबस .......पुलिस अधिकारी बेबस ..महापोर बेबस तो फिर जनता की क्या बिसात है ..सोफिया स्कुल के प्रबंधकों का कहना है के कलेक्टर एस पी तो छोटी सी चीज़ है उनकी पहुंच तो दिल्ली में है वहां से वोह चाहे जितने कलेक्टर एस पी बदलवा सकते है और यह लोग तो उनके यहाँ भिखारी बन कर एडमिशन के लियें भीख मांगते रहते है ..दोस्तों कितनी गम्भीर बात है जहां सोफिया स्कुल द्वारा शिक्षा अधिकारी को प्रवेश सम्बन्धित मामलों की जाँच करने के लियें जाने से रोका गया था वहन प्रबंधकों को जेल में रहना चाहिए था लेकिन किशोरपुरा कोटा पुलिस बेबस मुकदमा दर्ज नहीं किया ..पुलिस इमदाद नहीं दिलवाई ..महापोर जी खामोश ..जिला कलेक्टर को शिक्षा अधिकारी ने लिखित में शिकायत की लेकिन सोफिया स्कुल है के आज भी रावण की तरह डटा हुआ है .नियम कायदे कानून इस स्कुल के लियें कोई अहमियत नहीं रखते है ..लेकिन अब हालात बदल गये है कोटा में थोमस नाम के एक इसाई प्रचारक थे जिनके स्वर्गवास के पहले उनकी संस्थाओं में भी इसी तरह की कार्यवाहियां थी लेकिन कोटा की जनता ने उन्हें सडकों पर भी सबक सिखाया था ओर जेल की हवा भी खिलाई थी ..सोफिया स्कुल मामलों में कुछ भाजपा के लोग इस इसाई मिशनरी स्कुल के हमदर्द है तो क्या हुआ जनता तो जनार्दन है विपक्ष खामोश..सरकार की सांठ गांठ और बेबसी तो जनता ही इस मामले में कुछ ना कुछ करने पर मजबूर होगी और देख लीजिये जब भी जनता ऐसे स्कूलों को अपना कानून समझाएगी तो कानून तोड़ने और मनमानी करने वाली सोफिया स्कुल संस्थाओं जेसे प्रबन्धक और प्रिसिप्लों के छुपने के लियें जगह कम पढ़ जायेगी ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वैशाख माह में सुबह नहाने से होते हैं ये 10 बड़े लाभ!


प्रात: काल यानी सुबह का वक्त धर्म व विज्ञान दोनों ने ही संयम व अनुशासन से जुड़ी बहुत सी बातों को अपनाकर जीवन में सफलता के हर मकसद को पूरा करने के लिए श्रेष्ठ माना है। सुबह ऐसी सुखद व ऊर्जावान घड़ी होती है, जो शरीर को ही नहीं बल्कि मन, विचारों को हमेशा जागने व उठकर चलने की ही प्रेरणा देती है। इस संदेश के साथ की शुरुआत बेहतर होगी तो बेहतर अंजाम व नतीजे भी तय है।

हिन्दू धर्मशास्त्रों में वैशाख माह में सुबह के इसी ही सुकूनभरे वक्त में जीवन को साधने के लिए ही स्नान का बड़ा महत्व बताया गया है। यहां तक कि रोग या किसी विवशता में भी अनेक विकल्पों के साथ स्नान करना गर्मी के इस मौसम में तन ही नहीं मन के कलह रूपी ताप को भी कम करने वाला माना गया है।

धार्मिक दृष्टि से वैशाख माह को दान, धर्म, तप व स्नान के लिए सभी माहों में सबसे श्रेष्ठ, अतुलनीय व पुण्यदायी माना गया है। पुराणों में लिखा गया है कि श्रीहरि विष्णु के आदेश से सूर्योदय से अगले 6 दंड यानी लगभग ढाई घंटे की शुभ घड़ी तक जल में सारे देवता व तीर्थ वास करते हैं। इसलिए सुबह तीर्थ स्नान से सभी पापों का नाश व उनसे रक्षा भी होती है।

सुबह स्नान की अहमियत पर शास्त्रों की बातों पर गौर करें तो स्नान से जुड़े 10 अहम फायदे भी बताए गए हैं। जिनका संबंध मानव के पूरे जीवन से है। इसलिए जानिए, पूरे वैशाख माह में धार्मिक लाभ के साथ-साथ व्यावाहारिक जीवन को शांत, सुखी व स्थिर बनाने के लिहाज से सुबह स्नान से होने वाले वे 10 लाभ कौन-से हैं?

लिखा गया है कि -

गुणा दश स्नान परस्य साधो रूपञ्च तेजश्च बलं च शौचम्।
आयुष्यमारोग्यमलोलुपत्वं दु:स्वप्रनाशश्च यशश्च मेधा:।।

सरल शब्दों में अर्थ है कि सुबह स्नान करने से 10 गुण प्राप्त होते हैं। ये हैं - रूप यानी सौंदर्य, तेज, बल या शक्ति, पवित्रता, स्वास्थ्य, बुद्धि, बुरे सपनों से मुक्ति, निर्लोभता या लालसा से मुक्ति, आयु व यश।

सार यही है कि स्नान से तन निरोगी होने से मन-मस्तिष्क भी ऊर्जावान और तनावमुक्त रहता है। जिससे न केवल इंसान की उम्र बढ़ती है, बल्कि इनसे मिला मनोबल व पैदा अच्छे विचार सफल और यशस्वी बनाने वाले होते हैं।

क्या हुआ रावण के मरने के बाद लंका का हाल?


...रामजी ने उसकी माया को नष्ट कर दिया। श्रीरामजी ने बाणों के समूह छोड़े, जिनसे रावण के हाथ और सिर पृथ्वी पर कटकटकर गिर रहे हैं। जब रावण और अधिक विकराल हो गया। तब विभीषण ने आकर रामजी से कहा रावण के नाभिकुंड में अमृत का निवास है। रामजी ने विकराल रूप लेकर हाथ में बाण लिए। चारों और अपशकुन होने लगे अब आगे...

मूर्तियां रोने लगी, आकाश से वज्रपात होने लगे, बहुत तेज हवाएं चलने लगी, पृथ्वी हिलने लगी, बाल, रक्त और धूल की वर्षा होने लगी। रामजी ने कई बाण छोड़े। एक बाण ने रावण की नाभि के अमृतकुंड को सोख लिया। रावण के गिरते ही पृथ्वी हिल गई।

समुद्र, नदियां और दिशाएं क्षुब्ध हो गई। रावण का तेज रामजी में समा गया। चारों और रामजी की जय-जयकार होने लगी। रामजी के सिर पर जटाओं का मुकुट है। जिसमें बीच में फूल शोभा दे रहा है। उनके शरीर पर रक्त की छोटी-छोटी बूंदे बहुत सुंदर लग रही हैं। इधर पति के मृत शरीर को देखकर मंदोदरी बेहोश हो गई। अपने पति की दशा देखकर वह रोने लगी। रावण की ऐसी स्थिति देखकर विभीषण का भी मन भारी हो गया।

रामजी ने लक्ष्मणजी से कहा-विभीषण को जाकर धैर्य बंधाओ। उन्होंने विभीषण को समझाया कि सब शोक त्यागकर रावण की अंत्येष्टी क्रिया करो। विभीषण ने विधि-पूर्वक अंत्येष्टी क्रिया की। सब क्रिया-कर्म करने के बाद विभीषण ने आकर सिर नवाया। तब रामजी के छोटे भाइै लक्ष्मणजी को बुलाया और बोले सब लोग मिलकर विभीषण का राजतिलक करो। रामजी विभीषण से बोले- पिताजी को दिए वचन के कारण में नगर में नहीं आ सकता हूं लेकिन अपने ही समान छोटे भाई को भेज रहा हूं।

'अस्पताल में कोई मर जाता है तो गहलोत को मेरा नाम याद आता है'

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जयपुर.प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा है कि गहलोत ने नया काम शुरू कर दिया है। वे कहने लगे हैं कि वसुंधरा से भी पूछताछ की जाए। जैसे उनको ही पता है कि सीबीआई को क्या करना है और उनके कहने से ही सीबीआई काम करती हो।

इससे जाहिर है कि भंवरी, सूरवाल, गोपालगढ़ और दारिया प्रकरणों में सीबीआई ने जो भी एक्शन लिया वो गहलोत से पूछकर ही लिया। वसुंधरा राजे शनिवार को भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी चौपड़ पर आयोजित धरने को संबोधित कर रही थीं। वसुंधरा ने कहा कि अस्पताल में कोई मर जाता है तो गहलोत को मेरा नाम याद आता है, कोई घटना हो जाए तो मेरा ही नाम लेते हैं। साढ़े तीन साल में मेरी साड़ी के पीछे छिपने की बजाय अगर गहलोत ने राज्य में काम किया होता तो जनता को चीख-पुकार नहीं करनी पड़ती।

भंवरी प्रकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गहलोत की जानकारी में आने के बाद समय रहते कार्रवाई कर ली होती तो उस दलित महिला की मौत नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि उस प्रकरण में 150 सीडी मिली थी, उसमें से दो ही सीडी बाहर क्यों आई? उन्होंने कहा कि बताया जाता है कि इन सीडियों में केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री के परिजनों और अफसरों के भी नाम शामिल हैं। उन्होंने राजेंद्र राठौड़ प्रकरण पर कहा कि आखिर में जीत न्याय की ही होगी।

कोई भी व्यक्ति को कितने दिन तक बिना वजह जेल में रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र के कई लोगों को विभिन्न मामलों में जेल भेजा गया, लेकिन उन मामलों के पीछे असली लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती और मुलायम सिंह का समर्थन लेने के लिए यूपी में सीबीआई का इस्तेमाल किया गया।

वसुंधरा राजे ने कहा कि जब वे और नागपुर में गडकरी के बेटे की शादी में गए तो आरोप लगाया कि वहां षड्यंत्र रचा और खूनखराबे के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जिस बैसला पर आरोप लगाया, उसी के घर दो दिन पहले जाकर भोजन करके आए हैं, ये दोहरा चरित्र क्यों?

यहां मन्नत पूरी करने के लिए चढ़ाई जाती है 'जलती सिगरेट'


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नई दिल्ली. यह दरगाह नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर मालचा मार्ग के अन्दर घने जंगल में स्थित है।

यहां हर बृहस्पतिवार को सैंकडों लोग जिनमें अधिकांश हिन्दू स्त्री,पुरुष और विशेषकर पंजाबी लोग आकर दुआएं मांगते है। ये लोग फूल, अगरबत्ती, चादर, गुड के अलावा जलती सिगरेट भी दरगाह पर चढ़ाते हैं।

दरगाह शरीफ हजरत ख्वाजा मोनुद्दीन चिश्ती उर्फ बरने वाला बाबा के गद्दीनशीन एम अली खान साबरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुये बताया कि जंगल में स्थित यह दरगाह 800 वर्ष पुरानी है, जिस पर लोगों की आस्थाएं है कि यहां आकर वह जो दुआएं मांगेंगे अवश्य पूरी होंगी।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पी वी नरसिंह राव और अनेक फिल्म कलाकर भी इस दरगाह पर मन्नत मांगने आ चुके हैं। उनकी फोटों भी वहां लगी हुयी है। जंगल में होने के कारण दरगाह सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक ही तिजारत के लिये खुलती है। इसके बाद वहां कोई नहीं रहता।

यह पूछे जाने पर कि दरगाह पर मांगी जाने वाली दुआओं में सबसे ज्यादा किस विषय पर होती है उन्होंने बताया कि बच्चों की दुआएं मांगने वाली महिलाओं की संख्या सर्वाधिक होती है।

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में ‘इंडियन’ और ‘नेशनल’ को माना गैर कानूनी


कोटा. प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर प्राइवेट शिक्षा संस्थानों के नाम के आगे ‘इंडियन’ या ‘नेशनल’ शब्द अंकित करने को गैर-कानूनी बताया है।

डीईओ रश्मि शर्मा ने बताया कि निदेशक,प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय,बीकानेर से मिले पत्र के अनुसार, ‘इंडियन’ या ‘नेशनल’ शब्द अंकित करना ‘राष्ट्रीय चिन्ह व नाम अधिनियम,1950’ का उल्लंघन है। ऐसी संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल प्रभाव से अपने स्कूल के नाम के आगे इंडियन या नेशनल नाम को हटाएं।

यह आदेश विधि विरुद्ध

॥एंबलम्स एंड नेम (प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट 1950 के तहत दोनों नाम का दुरुपयोग या किसी व्यापार में इन शब्दों का इस्तेमाल करने पर 6 माह की सजा का प्रावधान है। लेकिन शिक्षा या स्कूल व्यापार की श्रेणी में नहीं आते हैं, इसलिए यह आदेश विधि विरुद्ध है। सभी निजी स्कूल सोसायटी एक्ट में रजिस्टर्ड होते हैं, जिसे सरकार ही पंजीकृत करती है। इसलिए यह माना जाएगा कि अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार ने ही इन नामों के उपयोग की अनुमति दी है। अख्तर खान अकेला,एडवोकेट

स्कूल का नाम कुछ, संस्था किसीऔर नाम से, बढ़ेगी भागदौड़

रजिस्ट्रार ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि स्कूल व शिक्षण संस्थाओं का पंजीयन राजस्थान संस्था रजिस्ट्रेशन एक्ट,1958 के तहत किया जाता है। राज्य में कई ऐसे स्कूल हैं जिनका नाम तो कुछ और है और रजिस्ट्रेशन किसी और संस्था या सोसायटी के नाम से है। स्कूलों की मान्यता के नियम अलग है जो शिक्षा विभाग के अधीन आते हैं, जबकि रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार के अधीन होता है।

:आगे क्या- इस आदेश से राज्य में ‘इंडियन’ व ‘नेशनल’ नाम से संचालित कई निजी स्कूलों के सामने मान्यता का संकट खड़ा हो सकता है। उन्हें स्कूल के नाम में संशोधन करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। जिनकी संस्था व स्कूल का नाम कॉमन है, उन्हें ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ सकती है।

जैन मुनि को जेल, कॉलेज छात्रा के साथ की छेड़छाड़



मुंबई. कॉलेज छात्रा के साथ छेड़खानी करने के मामले में गिरफ्तार जैन मुनि मनोहरमुनि महाराजसाहेब (65) को विक्रोली कोर्ट से जमानत मिल जाने के बावजूद जेल जाना पड़ा है।

पुलिस उपायुक्त संजय शिंत्रे ने बताया कि अदालत ने जैन मुनि को 15 हजार रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया था, परंतु मुंबई में उनका कोई भी निवासी पता न होने की वजह से उन्हें ठाणो जेल भेज दिया गया है।

पुलिस उपायुक्त शिंत्रे ने बताया कि जैन मुनि मनोहरमुनि महाराजसाहेब के खिलाफ शुक्रवार की रात सोमैया कॉलेज(चेंबूर) की छात्रा ने मुलुंड पुलिस स्टेशन में छेड़खानी का मामला दर्ज कराया था।

शिकायतकर्ता छात्रा का आरोप था कि मुलुंड (प.), सेवाराम लालवाणी रोड स्थित श्री मुलुंड वर्धमान स्थानकवासी जैन उपाश्रय में उसे उसके पिता जैन मुनि के पास ले गये थे।

बताया जाता है कि शिकायतकर्ता छात्रा मानसिक रूप से बीमार रहती थी। जिसकी वजह से उसके पिता उसे जैन मुनि के पास इलाज के लिए ले गये थे। छात्रा का आरोप है कि इलाज करने के नाम पर जैन मुनि से उसे अपने करीब बैठाया और उसके पिता को बाहर जाने को कहा।

इसके बाद मुनि ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की और इसकी जानकारी किसी को न देने के लिए धमकाया भी। हालांकि छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने जैन मुनि के खिलाफ शुक्रवार की रात ही छेड़खानी करने, धमकी देने और मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया, परंतु मुंबई के जैन समाज में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है।

कई लोग इस घटना को जैन मुनि को फंसाने और बदनाम करने की साजिश भी बता रहे हैं। चूंकि शिकायतकर्ता छात्रा मानसिक रोगी है, लिहाजा उसके द्वारा लगाये गये आरोप को लेकर जैन समाज के लोगों में अलग-अलग राय है।

कुरान का संदेश ..सुरे मरियम

कोटा के जनसम्पर्क कार्यालय अख़बारों और जनता तक सूचनाएं नहीं पहुंचा रहे हैं

राजस्थान के कोटा में इन दिनों जनसम्पर्क अधिकारी की लेटलतीफी के कारण सरकारी योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है और हालात यह है के मंत्रियों और अधिकारीयों की बैठकों में लिए गए निर्णय भी जनता तक नहीं पहुंच पा रहे है ..................पिछले दिनों कोटा में डोक्टर प्रभात कुमार सिंघल जन सम्पर्क अधिकारी थे जो कोटा की और पत्रकारों की नस नस से वाकिफ थे और लगातार सरकार के प्रति सकारात्मक रुख बनाने के लिएँ वोह नियमित रूप से सरकार की सभी सकारात्मक जानकारियाँ उन तक पहुंचा देते थे लेकिन अब उन्हें बिना किसी कारण के उदयपुर डाल दिया गया है और उदयपुर वाले पी आर ओ साहब को कोटा डाल दिया गया है ..सुचना केंद्र में वेसे ही स्टाफ की कमी है ..इस पर पी आर ओ साहब अधिकतम छुट्टी या गोत पर रहते हैं ...स्टाफ का आलम यह हो गया है के कोई भी व्यक्ति सुचना केंद्र में पुराने अख़बार सम्बन्धित कोई सुचना लेने जाए तो उसे घंटो बिठाया जाता है और फिर आखिर में उसे पुराने अख़बारों की फोटो कोपी देने से इंकार कर भगा दीया जाता है ....ध्यान रहे ऐसा बढ़े अख़बारों के दबाव में किया जा रहा है क्योंकि बढ़े अख़बारों को यह जानकारियां दें के लियें पाठकों और जरूरत मंदों से हज़ारों रूपये की आमदनी होती है और अगर सुचना केंद्र से यह जानकारी मुफ्त में मिल जाती है तो अख़बारों की इनकम रुक जाती है जबकि सुचना केंद्र की स्थापना जनता को जानकारियाँ देने के लियें ही की गयी है और यह सब यहाँ के कर्मचारियों की ड्यूटी का हिस्सा है लेकिन अब नये पी आर ओ साहब ने सो कोल्ड नियम बना दिए हैं .अभी हाल ही में राजस्थान एक मुख्यमंत्री कोटा आये ऐनक पत्रकारों को पास नहीं दिए गए बाद में फर्जी नाम लिख कर लोगों को पास काटा फांसी कर दिए गये ऐसे में हालत कोंगेस के खिलाफ बनते जा रहे है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के मुसलमानों को बजट मामले में दिए गए विज्ञापन पर तबसरा

आज सुबह सवेरे अख़बार खोला तो देखा अख़बार में राजस्थान सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाओं का विज्ञापन था ..विज्ञापन की कीमत लाखों में थी ...बस बहस छिड़ गयी ..मदरसा बोर्ड के आधुनिकीकरण की समीक्षा हुई बजट घोषणा में पेराटीचर्स का मानदेय ऊंट के मुंह में ज़रा के बराबर बढ़ाने को ज्यादती कहा गया ..मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के लियें बजट भी कम बताया ............बक्फ की बात चली कहने लगे के वक्फ में पहले पचास लाख रूपये अनुदान मिलता था अब अनुदान गायब है करोड़ों करोड़ किराए के पेटे केवल तीन करोड़ रूपये दिए गए है ..वक्फ का एक तरफ तो नया किराया कानून जिसके तहत सरकार पर वक्फ का अरबों रुपया किराया बाक़ी निकलता है उसमे से केवल तीन करोड़ हंसी मजाक ही लगता है ..उस पर वक्फ प्राधिकरण की घोषणा जिसका वक्फ ही उठाएगा । छ सदस्य एक चेयरमेन ना जाने कब नियुक्त होंगे .....हज हाउस का क्या केवल दो करोड़ वोह भी ना जाने कब मिलेंगे ..छात्रवृत्ति तो विधि अनुसार है ..लोग कहते हैं के जब हज हाउस नहीं बना ..हज कमेटी नहीं बनी ..अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम नहीं बना तो फिर यह सब केसे सम्भव है के कोंग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लियें बहुत कुछ कर डाला है ...लोगों ने कहा के राजस्थान में पन्द्रह सूत्रीय कार्यसमितियों में मुसलमान सदस्य नामज़द नहीं है ..बैठकें नहीं हो रही है मदरसा बोर्ड के सदस्यों के पद रिक्त है .....अल्पसंख्यक आयोग के दुसरे सदस्य नहीं बनाये गये हैं ............वक्फ सम्पत्तियों पर से कब्जे हटाने में राज्य के कलेक्टर आना कानी कर रहे है .........ऐसे में क्या सरकार का बजट कोंग्रेस के पक्ष में नाराज़ मुसलमानों को अपनी तरफ कर पाएगी बहस छिड़ी तो अभी तक चल रही है लेकिन यह पोस्ट मेने लिखना मुनासिब समझा ताकि आपके ख्यालात भी जान सकूँ और कोंग्रेस केसे नाराज़ मुसलमानों को मनाये इस बारे में हाईकमान तक आप लोगों की बात पहुंचा सकूं ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पाकिस्तान को दूध पिलाने से बेहतर है सपेरा बन कर उसे अपने इशारों पर नचाना सीखो

किसी ने कहा है ............दोस्तों दुनिया की यह रस्म निभाते क्यूँ हों
दिल तो मिलते नहीं हाथ मिलाते क्यूँ हो .......
एक दुसरे के दुश्मन है हम लोग जानते है यह
फिर बताओ भारत पाक को क्यूँ बेवकूफ बनाते है हम .................जी हाँ दोस्तों बात तो आप समझ गए इंदिरा जी के वक्त से भारत पाकिस्तान की दुश्मनी है नेहरु ने भी पाकिस्तान को सबक सिखाया है लेकिन पाकिस्तान और वहां के लोग हैं के आज तक भी भारत से दुश्मनी निभाना उन्होंने नहीं छोड़ा है ..हम चाहे इंदिरा जी का वक्त हो ..पाकिस्तान के ज़ुल्फ़िकार भुट्टो हों ..बेनजीर हों ..मुशर्रफ हों ...जरदारी हो सभी को झेलते है पहले इंदिरा जी ..फिर गुजराल ..देवगोडा .वी पी सिंह ..राजीव जी .....अटल जी ..और अब मनमोहन जी जरदारी साहब भारत आ रहे है ख्वाजा की नगरी में ख्वाजा साहब के दरबार में आने का इरादा है लेकिन हम है के उनसे बात करने के पीछे पढ़े है ..मिडिया की खबरों से स्पष्ट है के जरदारी का प्रोग्राम केवल अजमेर शरीफ की यात्रा का बनाया गया प्रचारित भी यही हुआ लेकिन इस यात्रा के दोरान दो देशों की बात और वोह भी दिलों में जब जगह नहीं है ..जरदारी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान है ..आतंकवादी हाफिज़ सईद का विवाद है जो देश का दुश्मन है तब हमारे देश को उनकी मेजबानी उनसे वार्ता कोई शोभा नहीं देता या तो इस बार दो तुक शब्दों में उनसे कहा जाये के वार्ताओं का दोर अब खत्म करो या तो आर पार की लड़ाई के लियें तय्यार हो जाओ ..या फिर दिलों का साफ़ कर एक हो जाओ ..भारत के लोगों पर कहर बरपाना बंद करो और देश में सुख शान्ति रहने दो ..अगर जरदारी मानते है तो ठीक वरना उन्हें एक टूरिस्ट की तरह से आने दो और जाने दो उनकी आवभगत और उनसे वार्ता कर यूँ हमारे देश और देश के निवासियों का सर शर्म से निचा करने की जरूरत नहीं है हम सांप को दूध पिलाने का काम बंद करे ऐसे साँपों को बिन बजा कर एक अच्छे सपेरे की तरह अपने इशारों पर नचाना सीखे वरना आस्तीन में सांप पाल कर हम देश और देश के निवासियों का वक्त और रुपया दोनों बर्बाद कर रहे हैं ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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