आपका-अख्तर खान

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09 अप्रैल 2012

इन अराजकता फेलाने वाले धर्म प्रेमियों को केसे समझायेंगे आप

दोस्तों आप खुद ही अपने सीने पर हाथ रख कर सोचिए आपका पड़ोसी अगर धर्म के नाम पर बीच सड़क पर गायों को चारा डालता है ...ओर आपके आने जाने मे बाधा होती है तो ऐसे धर्म प्रेमी के लिए आपके दिल मे क्या भावना होगी ...आप ऐसे धार्मिक व्यक्ति से नफरत इसलिएन करेंगे के वोह धर्म के नाम पर अधर्म फेला रहा है सड़क के बीच अराजकता फेला रहा है ओर कई लोग बीच सड़क पर डाले गए चारे के लिए लड़ती गायों से घायल भी होते है ..कुछ लोग मोटर साइकल स्कूटर से गिरकर हाथ पाँव भी तुड़ा बेठते है तो कुछ लोग ब्रेन हेमरेज होने से परलोक भी सिधार जाते है ..अब आप ही बताइये ऐसे लोग जों धर्म के नाम पर बीच सड़क ..बीच गलियों मे चारा डाल कर अराजकता फेलाते हैं ऐसे लोगों को क्या दंड मिलना चाहिए ओर उन्हे ऐसा करने से रोकने के लिए किस तरह से समझाना चाहिए ..आप अगर मेरी बात से सहमत है तो प्लीज़ इस अभियान मे मेरी मदद करे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खाने के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए ये काम, क्योंकि...


उज्जैन.सुखी जीवन के लिए जरूरी है व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ रहे, निरोगी रहे। यदि किसी इंसान के पास काफी धन है, सभी सुविधाएं हैं लेकिन यदि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो उसका जीवन सुखी नहीं हो सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त भोजन सही समय लेना अतिआवश्यक है। भोजन की महत्ता को देखते हुए शास्त्रों में कुछ बहुत खास नियम बताए गए हैं जिनका पालन किया जाना अनिवार्य है।

वेद-पुराण और विद्वानों के अनुसार भोजन के समय ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी अन्य व्यक्ति को अपना जूठा खाना न दें। यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है तो उसका जूठा भोजन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि यदि कोई व्यक्ति भोजन कर रहा हो तो हमें उसके साथ बीच में खाना नहीं खाना चाहिए। ये बात शिष्टाचार से नियमों के विरुद्ध है।

भोजन इतना ही खाना चाहिए जितना हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहे। न तो ज्यादा भोजन करें और ना ही कम। जरूरत से कम या अधिक भोजन करने पर पेट संबंधी बीमारियां होने की संभावनाएं रहती हैं। अधिक भोजन से आलस्य बढ़ता है। कम भोजन से हमारे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त नहीं हो पाती है। खाना वहीं खाएं जो आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।

इस संबंध में सबसे जरूरी बात यह है कि भोजन करने के तुरंत बाद व्यक्ति को बिना मुंह और हाथ साफ किए कहीं इधर-उधर जाना नहीं चाहिए। जूठे मुंह और हाथों से घर में घुमना अशुभ माना जाता है। घर में खाने के बाद ऐसा करते हैं तो इससे हमारे हाथों में लगी जूठन कहीं गिर सकती है, जो कि घर को अपवित्र बनाती है। इस प्रकार की अपवित्रता का अशुभ प्रभाव घर में रहने वाले सभी सदस्यों पर पड़ता है। इसीलिए ध्यान रखें कि भोजन के तुरंत बाद सबसे पहले शुद्ध पानी से हाथ और मुंह अच्छे साफ कर लेना चाहिए।

खास बात:

आजकल बाजार में कुछ न कुछ खाने-पीने का चलन काफी बढ़ गया है, ऐसे में कुछ लोग ऐसी खाने के बाद हाथ-मुंह साफ नहीं करते हैं। शास्त्रों के अनुसार यह अनुचित है। कुछ भी खाने के बाद हमें हाथ-मुंह अच्छे पानी से अवश्य साफ करना चाहिए। जूठे मुंह-हाथ लिए इधर-उधर घुमना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है

संतरे के छिलके को ऐसे लगाएं तो मुहांसे मिटेंगे, चेहरा एकदम क्लीन हो जाएगा




युवाअवस्था में कदम रखते ही हार्मोनल चेंजेस के कारण अधिकतर युवक और युवतियों को ब्लेकहेड्स, व्हाइट हेड्स और पिंपल्स जैसी समस्याएं सताने लगती हैं। मुंहासों की समस्या से निजात पाने के लिए बाजार में कई तरह की दवाईयां और क्रीम उपलब्ध हैं लेकिन बिना चिकित्सकीय निर्देशन के इनके इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसे में जब चेहरे पर थोड़े बहुत मुहांसे हों तो घरेलू उपाय अपनाना ज्यादा बेहतर होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नारंगी के छिलकों का ऐसा प्रयोग जिससे आपकी स्कीन क्लीन एंड क्लियर हो जाएगी।

मुहांसों से मुक्ति- नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुहांसे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।

चमकता चेहरा- चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर या मिक्सर में बारीक पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार व खिला-खिला और हरदम ताजातरीन भी।

29 साल बाद सूर्य-शनि एक बार फिर होंगे आमने-सामने


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भोपाल। सूर्य एवं शनि २९ साल बाद आमने-होंगे। इस अवस्था में शनि अति वक्री हो जाएगा। यह स्थिति 13 अप्रैल से 14 मई तक रहेगी। सूर्य-शनि के आमने-सामने से समसप्तक योग बन रहा है। इसके पहले यह योग 14 अप्रैल 1983 में बना था।

सूर्य 13 अप्रैल से मेष राशि में प्रवेश कर रहा है। सूर्य मेष राशि में जाकर उच्च हो जाता है। 15 नंवबर 2011 में शनि तुला राशि में बैठकर उच्च है। दोनों ग्रह उच्च के आमने-सामने आ गए हैं, इससे शनि अति वक्री हो जाएंगे। पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने दावा किया है कि इस दौरान सूर्य राजा का कारक और शनि प्रजा का कारक होता है, इसलिए दोनों में आपसी टकराहट की स्थिति बनेगी। जनता में असंतोष रहेगा। सरकार को आंदोलन और हड़ताल का सामना करना पड़ेगा। देश में अस्थिरता की स्थिति निर्मित होगी।

होंगे मांगलिक कार्य शुरू: सूर्य 13 अप्रैल को शाम 7:41 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेगा। इससे सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। अप्रैल में छह दिन 14, 18, 24, 25, 26 और 30 तारीख को विवाह मुहूर्त रहेंगे। मई में 3 से 28 मई तक गुरु के अस्त होने से विवाह नहीं हो सकेंगे। इसके बाद 2 से 29 जून तक 13 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे।

ये होगा राशियों पर प्रभाव

मेष: आर्थिक लाभ, स्व जनों से विवाद, वृषभ: चिंता, क्लेश एवं बीमारी, मिथुन: कर्ज, अपमान, एवं मानसिक कष्ट, कर्क: विवाद,अचानक खर्च की अधिकता, सिंह: पद हानि, अपयश, हानि, कन्या: मन में अशांति, ह्रदय रोग, तुला: दुर्घटना मानसिक कष्ट, वृश्चिक: संतान से कष्ट, धनु: धनलाभ एवं धार्मिक यात्रा, मकर: सिर, नेत्र में विकार, रोग में वृद्धि, कुंभ: मानसिक तनाव कार्य में अवरोध, मीन: स्वास्थ्य में कमजोरी, चिंता।

साहब के गुंड़ाराज से त्रस्त सिपाही का सटक गया दिमाग



जयपुर.श्रीगंगानगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) रूपिंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर निलंबित पुलिस सिपाही अनिल गोदारा ने सोमवार से उद्योग मैदान में धरना शुरू कर दिया। धरना 19 अप्रैल तक चलेगा।

गोदारा ने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक रूपिंद्र सिंह ने पद पर रहते हुए सीमापार से अफीम व चरस तस्करी को बढ़ावा दिया है। रूपिंद्र सिंह के कार्यकाल में शहर में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चैन स्नेचिंग रसोई गैस की कालाबजारी जैसे अनगिनत घटनाएं हुई लेकिन आज तक उनमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तस्करी में शामिल पुलिस अधिकारियों का दोष साबित हो जाने के बावजूद उनसे पैसे लेकर पुन: बहाल कर दिया है।

निलंबित पुलिस सिपाही ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस अधीक्षक रूपिंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई से जांच की मांग की, तो ड्यूटी पर लापरवाही और अनुशासन तोड़ने का आरोप लगाकर बिना किसी नोटिस के सस्पेंड कर दिया। सीबीआई से जांच की मांग को लेकर उन्होंने श्रीगंगानगर में 9 फरवरी से 24 मार्च तक अनशन किया। लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली मजबूरन जयपुर में धरना देने का फैसला लिया है।

'मुझ पर लगाए गए आरोपों की जांच उच्चाधिकारी कर चुके हैं। जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि मुझे नहीं मिली है, इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता।'

रुपिंद्र सिंह, एसपी, श्रीगंगानगर।

कुरान का संदेश .....सुरे मरयम

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