तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 अप्रैल 2012
मेरे एक बढ़े भाई हिंदी ब्लोगिंग के किंग जनाब दिनेश राय जी द्विवेदी जी ने इस पर बहतरीन टिपण्णी कर मुझे झकझोर दिया
कई बीमारियों का टेस्टी इलाज:गर्मियों में नारियल खाने के ये हैं ढेरों फायदे
नारियल से बनी खाद्य सामग्री स्वादिष्ट एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। नारियल की चटनी दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसा को पूर्णता प्रदान करती है।नारियल का पानी पीकर,कच्चा नारियल खाने से कृमि निकल जाते है। एक नारियल का पानी गर्भावस्था में पीते रहने से सुन्दर सन्तान का जन्म होता है। नारियल मूत्र साफ़ करता है। कामोत्तेजक है। मासिक धर्म खोलता है। यह शरीर को मोटा करता है।मस्तिष्क की दूर्बलता दूर करता है।
खांसी और दमा वालों को नारियल नहीं खाना चाहिये। नारियल का पानी पीने से पथरी निकल जाती है।कच्चा नारियल विशेष लाभदायक है। इसके अलावा किसी भी अन्य कारणों से, वसा वास्तव में कर रहे हैं किसी भी आहार का बहुत महत्वपूर्ण घटक है।औषधीय गुणों की खान नारियल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन होते हैं, जिनसे आवश्यक शक्ति एवं प्रतिशोधात्मक ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। 50 ग्राम नारियल के तेल में 2 नींबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली कम होतीहै। प्रात: भूखे पेट 25 ग्राम नारियल खाने से नक्सीर आना बन्द होता है। यह सात दिन तक खाएं।
नारियल में विद्यमान खनिज, प्रोटीन एवं विटामिन- ए की प्रचुर मात्रा मानव जीवन को उच्च स्तरीय औषधीय गुण प्रदान करती है, जिससे शरीर स्वस्थ, सुंदर बना रहता है। नींद न आने का स्थिति में नारियल के दूध का उपयोग बहुत गुणकारी एवं लाभदायक है। सूखे नारियल का सेवन एसीडिटी के उपचार में सहायक है। इसके सेवन से हैजा, बुखार में स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर में गैस बनने व उल्टी होने की स्थिति में राहत महसूस होने लगती है। नारियल पानी पीने से गर्मी में राहत मिलती है, जिससे शरीर सदैव तरोताजा व स्वस्थ बना रहता है
गुणों से भरा है बबूल....इस कांटेदार पेड़ के हैं ये ढेर सारे आयुर्वेदिक उपयोग
कहते हैं बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पाए। बबूल के पेड़ के नाम का उपयोग इस कहावत में तो उसकी अनुपयोगिता या अवगुण बताने के लिए किया गया है। लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है।
रासायनिक तत्व- बबूल की छाल में 7 से 12 प्रतिशत तक द्रव्य होता है। बबूल की फली में 12 से 19 प्रतिशत तक टेनिन पाया जाता है। इसका गोंद बहुत उपयोगी होता है। इसके गोंद का संग्रह मार्च-मई में किया जाता है। बबूल गोंद गोल या अंडाकार हल्के पीले से गहरे भूरे रंग के कणों के रूप में होती है। गोंद में मुख्यत: गैलेक्टोअरेबन होता है। इसको जलाने पर 1.8 प्रतिशत राख प्राप्त होती है जिसमें अरेबिक ऐसिड, कैल्शियम, मैग्रेशियम, होते हैं। बबूल गोंद के योग से अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती है जैसे बबूलारिष्ट और लवंगादि वटी आदि।
बबूल के गुण- बबूल का गोंद स्निग्ध, मधुर-कषाय रस, मधुरविपाक तथा शीतवीर्य होता है। बबूल कफ और पित्त का नाश करने वाला है।इसका गोंद स्निग्ध मधुर और पित्त और वात का नाश करने वाला होता है, यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला, रक्तशोधक, है। इसके सेवन से गर्भाशय की सूजन तथा गर्भाशय से होने वाला स्त्राव ठीक हो जाता है। बबूल की गोंद में वजीकारक गुण होता है। पुराने बबूल की छाल अधिक गुणकारी होती है। इसकी छाल निकाल कर उसे छाया में सुखाकर रख लें और आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है। प्रदर रोग में छाल का काढ़ा बनाकर वस्ति देने से लाभ होता है। मुख, दांत व गले के रोगों में छाल के गरारा करने से रोगों का नाश होता है। इसकी फलियां कच्ची और लाभकारी होती हैं। अत: कच्ची फलियों को तोड़कर छाया में सुखाकर किसी डिब्बे में बंद कर सुरक्षित रखा जा सकता है। फलियां एक साल तक गुणकारी रहती हैं जबकि छाल दो साल तक लाभकारी रहती है
आसान तरीका: बिना दवा के करें पेट से जुड़ी हर बीमारी का इलाज
भागदौड़ से भरी जिंदगी के कारण सही समय पर न खाना या असंयमित भोजन से यह समस्या कई लोगों के साथ होती है। इससे निपटने के लिए प्रतिदिन उदर शयनासन करना श्रेष्ठ उपाय है क्योंकि ये आसन पेट से जुड़ी लगभग हर समस्या का बिना दवा के इलाज कर देता है।
उदर शयनासन की विधि
सामान्यत: इस आसन की दो विधियां हैं। किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। पांवों के पंजों को परस्पर मिलाकर रखें। हाथों को कोहनियों से मोड़कर, सिर के पिछले हिस्से में इधर-उधर लगा लें। दो-दो मिनिट तक इस क्रिया को 4-5 बार अवश्य करें। दूसरी स्थिति में पहले की तरह पेट के बल लेट जाएं। पंजों को साथ-साथ मिला लें और दोनों हाथों को भी सिर के इधर-उधर से निकाल कर, पैरों की तरह सीधे तान लें। पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों को जमीन पर स्पर्श कराएं।
आसन के लाभ
इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी बीमारियां तो हमेशा दूर रहती हैं साथ ही कब्ज, एसीडिटी की समस्या कभी नहीं होती। इस आसन से अत्यधिक कार्य के बाद महसूस होने वाली थकान भी समाप्त हो जाती है। यह आसन सभी स्त्री और पुरुषों के लिए लाभदायक है। इससे सिर, छाती और पेट संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं।
फेसबुक के इस नए टूल ने मचाया तहलका
ऐसे करें इस्तेमाल
इस नई एप्लीकेशन को इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले यूजर्स को इसे डाउनलोड करना होगा। यह एप्लीकेशन एफबी यूजर्स के लिए फ्री है। इसे डाउन लोड करने के बाद एनेमी का टूल हाईलाइट हो जाएगा। इस टूल की सहायता से अपने एकाउंट से जुड़े नापसंद यूजर्स को इसमें एड कर पाएंगे। एक बार एड होने के बाद इस लिस्ट में वह यूजर नजर आने लगेगा।
अननोन रिक्वेस्ट से मिलेगी निजात
इस नए एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि कई बार अंजान रिक्वेस्ट भी आती हैं। इन्हें बार-बार अवॉइड करना कई बार मुश्किल हो जाता है। इस सुविधा के बाद उन्हें एड कर भविष्य में पहचान करने में आसानी हो जाएगी।
फ्रेंड्स जानना होगा आसान
इस सुविधा को कई यूजर्स काफी फायदेमंद मान रहे हैं। स्टूडेंट निधि गुप्ता कहती हैं कि एफबी एकाउंट से हजारों फ्रेंड्स कनेक्ट हैं। इनमें कुछ अंजान भी हैं, जो परेशान भी करते हैं। इस एप्लीकेशन के बाद ऐसे एकाउंट को एनेमी लिस्ट से जोड़ा जा सकेगा। इससे भविष्य में भीड़ के बीच सही फ्रेंड्स खोजने में मदद मिलेगी।
तब परिवार की डांट अखरती थी लेकिन आज अपना हाल देख पछताता हूं!
महावीर कैंसर हॉस्पिटल में भर्ती नरेन्द्र ने बताया कि वे 20 साल से गुटखे का सेवन कर रहे थे। गुटखे के लंबे समय तक सेवन करने से मुंह में छालों की शिकायत होने लगी, लेकिन लापरवाह रवैये के चलते ना तो जांच करवाई ना गुटखा खाना ही छोड़ सका। जब तकलीफ ज्यादा ही बढ़ गई तो बायोप्सी जांच करवाई, जिसमें मुंह में कैंसर बताया गया।
महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. नरेश सोमानी ने 2 जनवरी को जांच करवाने के सप्ताहभर के भीतर ऑपरेशन करवाने की नसीहत दी। तभी से सोच लिया कि फिर कभी गुटखे को हाथ नहीं लगाऊंगा, बल्कि लोगों को समझाऊंगा कि इसका सेवन नहीं करे।
दुःख तकलीफ के लम्हे चाहे निकल जाते हों लेकिन एक एक लम्हा गिन गिन कर निकलता है यारों इसीलियें कहते है के दुआ करो खुदा किसी को दुःख ना दे यारों
केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों को खुली लूट का लाइसेंस दे राख है ..पत्रकार जी ..मंत्री और अधिकारी जी भी चुप हैं
डेढ़ साल पहले कंपनी बनाई और 50 अरब में फेसबुक को बेच दी
नई दिल्ली. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक ने एक अरब डॉलर यानी करीब 50 अरब रुपये में ‘इंस्टाग्राम’ नामक स्मार्टफोन ऐप्लिकेशन बनाने वाली कंपनी को खरीदने का ऐलान किया है। एक अरब डॉलर की यह राशि फेसबुक नकद और शेयर के रूप में देगी।
इंस्टाग्राम कंपनी का अधिग्रहण फेसबुक का अब तक का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है। यह अहम सौदा ऐसे समय में हुआ है जबकि फेसबुक कंपनी शेयर मार्केट में आने का अपना एक महीना पूरा कर रही है।
इंस्टाग्राम कंपनी की शुरुआत अक्टूबर 2010 में हुई थी और तस्वीरों के आदान-प्रदान करने वाला इसका सॉफ्टवेयर शुरू से ही एप्पल के आई फोन के लिए इस्तेमाल में लाया जाता रहा है।
इंस्टाग्राम कंपनी शुरू करने वाले केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रेगर की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। कंपनी के सीईओ केविन ने स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से 2006 में मैनेजमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने इंटर्न के तौर पर ओडियो में काम किया जो बाद में ट्विटर बना। केविन ने गूगल में महज दो साल नौकरी की। उनकी दिलचस्पी सोशल नेटवर्किंग साइटों और फोटोग्राफी में रही। इसी वजह से उन्होंने खुद की कंपनी इंस्टाग्राम शुरू की।
केविन के सहयोगी माइक भी स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की पावरप्वाइंट टीम में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर इंटर्नशिप किया और फॉक्समार्क्स में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम किया। ग्रेजुएशन करने के बाद माइक ने मीबो कंपनी में डेढ़ साल काम किया। इसके बाद वह इंस्टाग्राम से जुड़ गए।