आपका-अख्तर खान

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10 अप्रैल 2012

मेरे एक बढ़े भाई हिंदी ब्लोगिंग के किंग जनाब दिनेश राय जी द्विवेदी जी ने इस पर बहतरीन टिपण्णी कर मुझे झकझोर दिया

दोस्तों कल मेने मेरी शरीके हयात के साथ हुए हादसे में हाथ के फ्रेक्चर मामले में दुःख की घड़ियाँ गिन गिन कर गुज़ारने का हवाला देते हुए एक दुआ करने को कहा था...... के दुआ करो खुदा किसी को कभी को इस दुःख तकलीफ ना दे ......मेरे एक बढ़े भाई हिंदी ब्लोगिंग के किंग जनाब दिनेश राय जी द्विवेदी जी ने इस पर बहतरीन टिपण्णी कर मुझे झकझोर दिया .....मेरे बढे भाई कहने को तो पंडित है लेकिन विचारधारा से कम्युनिस्ट है ..भगवान की पाठ पूजा पूरी तरह से करते है लेकिन विचारधारा कम्युनिस्ट की ही आगे बढाते हैं उनके लेखन ..उनकी शेली में कम्युनिज्म है ........शास्त्रों में धर्मो में चाहे लिखा हो के खुदा ..अल्लाह ..इश्वर की मर्जी के बगेर कोई पत्ता भी नहीं हिला सकता लेकिन कम्युनिज्म है के इश्वर कभी बुरा नहीं करता बुराई तो शेतान में होती है .और इसीलियें मेने जब अपने ब्लॉग पर कल खुदा खेर करे वाली दुआ के साथ पोस्ट लिखी तो उस पर सुबह टिपण्णी थी के हाँ साहब दुःख दर्द पहुँचने के काम तो खुदा ही करता है शेतान कुछ नहीं करता ...में सोचने लगा बात तो सही है ..खुदा ..इश्वर भगवान तो लोगों के हित संवर्धन के लियें है शेतान राक्षस रावण हैं जो लोगों को नुकसान पहुंचा रहे है लेकिन राम ने रावण का वध कर दिया .....पांडवों ने कोरवों का और कृषण ने कंस का वध कर दिया ..इब्राहीमअलेह अस्सलाम ने फिरोन को खत्म किया ......सभी पैगम्बरों ने बुराई का अंत कर दिया जीसस हो या कोई भी हो सभी ने बुराइयों का अंत किया है फिर यह बुराइयां क्यूँ है ......यह दुःख तकलीफ क्यूँ है .....भाई दिनेश जी द्विवेदी की इस कम्युनिज्म सोच ने मुझे और मेरे अंतर्मन को झकझोर दिया और मेरा अब तक का ज्ञान जो मेने चारों वेद .रामायण ..महाभारत ...गीता ..बाइबिल ..पवित्र कुरान ..हदीसें .....सुन्नतें ...इला... इज्मा.... कियाज़ ...बाइबिल ..तोरेत ..अंजिल..गुरुवाणी .....भारतीय संविधान ..... और ना जाने कोन कोन से ग्रन्थ पढ़ कर प्राप्त कर खुद को ज्ञानी समझने का घमंड किया था वोह चूर चूर हो गया में सोचने लगा हम अपनी सोच चाहे कुछ भी बना लें लेकिन ..यथार्थ तो यथार्थ है और यह भी सच है के खुदा इश्वर कभी किसी का बुरा नहीं करता वोह तो शेतान है जो हमे बहका कर बुराइयां करवाता है खुदा तो शेतान के बहकावे में आकर हमे गुनाह करने की सजा देता है हमे अलार्म करता है ..फिर एक हदीस है के खुदा किसको किन हालातों में क्या दे देता है इसकी बहतरी वही जानता है ..कहते है के एक शराबी नशेडी मस्जिद के पास से लड खडाता हुआ चल रहा था के उस के पाँव से कुछ टकराया उसने नीचे देख कर जब उस चीज़ को उठाया तो वोह कीमती हीरा था ..इसी बीच एक नमाज़ी नमाज़ पढ़ कर मस्जिद से बाहर निकला उसका पैर पत्थर से टकराया और अंगूठे का नाख़ून बाहर निकल गया उसके पैर के अंगूठे में खून था और वोह पीड़ा से चिल्ला रहा था सवाल उठा के यह खुदा का केसा नीआम है जो नमाज़ी है उसके तो पैर में चोट पहुंचा डी और जो शराबी है उसकी ठोकरों में हीरे डाल दिए ...लेकिन उसी वक्त एक सूफी ने इस रहस्य का खुलासा क्या ..कहा गया के जो शराबी है उसके नसीब में खुदा ने आज बादशाहत लिखी थी लेकिन उसकी शराबी वाली हरकत से नाराज़ होकर खुदा ने उसे बादशाहत नहीं दी और केवल यह छोटा सा हिरा दे दिया ....दुसरे जो नमाज़ी नमाज़ पढ़ कर निकले थे उनके लियें खुदा ने आज म़ोत लिखी थी लेकिन उनकी नेकी को देख कर खुदा ने उन्हें म़ोत के स्थान पर केवल यह मामूली सी चोट दे दी है .इसलियें कहते है दोस्तों खुदा लोगों के दिलों के भेद को जानता है ..खुदा जो करता है वोह बहतर करता है ....इसलियें सब्र करो शुक्र करो और नमाज़ ..कायम करो या जो भी सभी अपने अपने तरीके से खुदा को याद करो ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कई बीमारियों का टेस्टी इलाज:गर्मियों में नारियल खाने के ये हैं ढेरों फायदे


नारियल से बनी खाद्य सामग्री स्वादिष्ट एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। नारियल की चटनी दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसा को पूर्णता प्रदान करती है।नारियल का पानी पीकर,कच्चा नारियल खाने से कृमि निकल जाते है। एक नारियल का पानी गर्भावस्था में पीते रहने से सुन्दर सन्तान का जन्म होता है। नारियल मूत्र साफ़ करता है। कामोत्तेजक है। मासिक धर्म खोलता है। यह शरीर को मोटा करता है।मस्तिष्क की दूर्बलता दूर करता है।

खांसी और दमा वालों को नारियल नहीं खाना चाहिये। नारियल का पानी पीने से पथरी निकल जाती है।कच्चा नारियल विशेष लाभदायक है। इसके अलावा किसी भी अन्य कारणों से, वसा वास्तव में कर रहे हैं किसी भी आहार का बहुत महत्वपूर्ण घटक है।औषधीय गुणों की खान नारियल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन होते हैं, जिनसे आवश्यक शक्ति एवं प्रतिशोधात्मक ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। 50 ग्राम नारियल के तेल में 2 नींबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली कम होतीहै। प्रात: भूखे पेट 25 ग्राम नारियल खाने से नक्सीर आना बन्द होता है। यह सात दिन तक खाएं।

नारियल में विद्यमान खनिज, प्रोटीन एवं विटामिन- ए की प्रचुर मात्रा मानव जीवन को उच्च स्तरीय औषधीय गुण प्रदान करती है, जिससे शरीर स्वस्थ, सुंदर बना रहता है। नींद न आने का स्थिति में नारियल के दूध का उपयोग बहुत गुणकारी एवं लाभदायक है। सूखे नारियल का सेवन एसीडिटी के उपचार में सहायक है। इसके सेवन से हैजा, बुखार में स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर में गैस बनने व उल्टी होने की स्थिति में राहत महसूस होने लगती है। नारियल पानी पीने से गर्मी में राहत मिलती है, जिससे शरीर सदैव तरोताजा व स्वस्थ बना रहता है

गुणों से भरा है बबूल....इस कांटेदार पेड़ के हैं ये ढेर सारे आयुर्वेदिक उपयोग


कहते हैं बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पाए। बबूल के पेड़ के नाम का उपयोग इस कहावत में तो उसकी अनुपयोगिता या अवगुण बताने के लिए किया गया है। लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है।

रासायनिक तत्व- बबूल की छाल में 7 से 12 प्रतिशत तक द्रव्य होता है। बबूल की फली में 12 से 19 प्रतिशत तक टेनिन पाया जाता है। इसका गोंद बहुत उपयोगी होता है। इसके गोंद का संग्रह मार्च-मई में किया जाता है। बबूल गोंद गोल या अंडाकार हल्के पीले से गहरे भूरे रंग के कणों के रूप में होती है। गोंद में मुख्यत: गैलेक्टोअरेबन होता है। इसको जलाने पर 1.8 प्रतिशत राख प्राप्त होती है जिसमें अरेबिक ऐसिड, कैल्शियम, मैग्रेशियम, होते हैं। बबूल गोंद के योग से अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती है जैसे बबूलारिष्ट और लवंगादि वटी आदि।

बबूल के गुण- बबूल का गोंद स्निग्ध, मधुर-कषाय रस, मधुरविपाक तथा शीतवीर्य होता है। बबूल कफ और पित्त का नाश करने वाला है।इसका गोंद स्निग्ध मधुर और पित्त और वात का नाश करने वाला होता है, यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला, रक्तशोधक, है। इसके सेवन से गर्भाशय की सूजन तथा गर्भाशय से होने वाला स्त्राव ठीक हो जाता है। बबूल की गोंद में वजीकारक गुण होता है। पुराने बबूल की छाल अधिक गुणकारी होती है। इसकी छाल निकाल कर उसे छाया में सुखाकर रख लें और आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है। प्रदर रोग में छाल का काढ़ा बनाकर वस्ति देने से लाभ होता है। मुख, दांत व गले के रोगों में छाल के गरारा करने से रोगों का नाश होता है। इसकी फलियां कच्ची और लाभकारी होती हैं। अत: कच्ची फलियों को तोड़कर छाया में सुखाकर किसी डिब्बे में बंद कर सुरक्षित रखा जा सकता है। फलियां एक साल तक गुणकारी रहती हैं जबकि छाल दो साल तक लाभकारी रहती है

आसान तरीका: बिना दवा के करें पेट से जुड़ी हर बीमारी का इलाज




भागदौड़ से भरी जिंदगी के कारण सही समय पर न खाना या असंयमित भोजन से यह समस्या कई लोगों के साथ होती है। इससे निपटने के लिए प्रतिदिन उदर शयनासन करना श्रेष्ठ उपाय है क्योंकि ये आसन पेट से जुड़ी लगभग हर समस्या का बिना दवा के इलाज कर देता है।

उदर शयनासन की विधि

सामान्यत: इस आसन की दो विधियां हैं। किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। पांवों के पंजों को परस्पर मिलाकर रखें। हाथों को कोहनियों से मोड़कर, सिर के पिछले हिस्से में इधर-उधर लगा लें। दो-दो मिनिट तक इस क्रिया को 4-5 बार अवश्य करें। दूसरी स्थिति में पहले की तरह पेट के बल लेट जाएं। पंजों को साथ-साथ मिला लें और दोनों हाथों को भी सिर के इधर-उधर से निकाल कर, पैरों की तरह सीधे तान लें। पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों को जमीन पर स्पर्श कराएं।

आसन के लाभ

इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी बीमारियां तो हमेशा दूर रहती हैं साथ ही कब्ज, एसीडिटी की समस्या कभी नहीं होती। इस आसन से अत्यधिक कार्य के बाद महसूस होने वाली थकान भी समाप्त हो जाती है। यह आसन सभी स्त्री और पुरुषों के लिए लाभदायक है। इससे सिर, छाती और पेट संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं।

फेसबुक के इस नए टूल ने मचाया तहलका

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ग्वालियर। युवाओं की पसंदीदा सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक का नया एनेमी ग्राफ एप्लीकेशन इस समय चर्चा में है। इसमें एफबी यूजर्स अपने एकाउंट से जुड़े नापसंद लोगों को इस लिस्ट शामिल कर सकते हैं। शहर में भी काफी यूजर फेसबुक के इस नए एप्लीकेशन को अपना रहे हैं। युवाओं की मानें तो इस नए एप्लीकेशन के माध्यम से हम नापसंद लोगों की कम्यूनिटी को इस लिस्ट में शामिल कर सकेंगे। हजारों फ्रेंड्स के बीच ऐसे लोगों को खोज पाना इस एप्लीकेशन के बाद आसान हो जाएगा। इससे कई बार रिजेक्ट की जा चुकी अंजान रिक्वेस्ट को भी हैंडल करना ईजी हो जाएगा।

ऐसे करें इस्तेमाल

इस नई एप्लीकेशन को इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले यूजर्स को इसे डाउनलोड करना होगा। यह एप्लीकेशन एफबी यूजर्स के लिए फ्री है। इसे डाउन लोड करने के बाद एनेमी का टूल हाईलाइट हो जाएगा। इस टूल की सहायता से अपने एकाउंट से जुड़े नापसंद यूजर्स को इसमें एड कर पाएंगे। एक बार एड होने के बाद इस लिस्ट में वह यूजर नजर आने लगेगा।

अननोन रिक्वेस्ट से मिलेगी निजात

इस नए एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे राघवेंद्र मिश्रा कहते हैं कि कई बार अंजान रिक्वेस्ट भी आती हैं। इन्हें बार-बार अवॉइड करना कई बार मुश्किल हो जाता है। इस सुविधा के बाद उन्हें एड कर भविष्य में पहचान करने में आसानी हो जाएगी।

फ्रेंड्स जानना होगा आसान

इस सुविधा को कई यूजर्स काफी फायदेमंद मान रहे हैं। स्टूडेंट निधि गुप्ता कहती हैं कि एफबी एकाउंट से हजारों फ्रेंड्स कनेक्ट हैं। इनमें कुछ अंजान भी हैं, जो परेशान भी करते हैं। इस एप्लीकेशन के बाद ऐसे एकाउंट को एनेमी लिस्ट से जोड़ा जा सकेगा। इससे भविष्य में भीड़ के बीच सही फ्रेंड्स खोजने में मदद मिलेगी।

तब परिवार की डांट अखरती थी लेकिन आज अपना हाल देख पछताता हूं!

तब दोस्तों के साथ शुरुआत में शौकिया गुटखा खाया करता था, फिर धीरे-धीरे गुटखा खाने की लत ही पड़ गई। उस समय गुटखा खाने का दुष्परिणाम पता होता तो शायद हाथ भी नहीं लगाता। मुंह के कैंसर से पीड़ित नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि उस समय परिवार वालों का डांटना अखरता था। अगर उनकी बात तब मान ली होती तो, ये हालत नहीं होती।

महावीर कैंसर हॉस्पिटल में भर्ती नरेन्द्र ने बताया कि वे 20 साल से गुटखे का सेवन कर रहे थे। गुटखे के लंबे समय तक सेवन करने से मुंह में छालों की शिकायत होने लगी, लेकिन लापरवाह रवैये के चलते ना तो जांच करवाई ना गुटखा खाना ही छोड़ सका। जब तकलीफ ज्यादा ही बढ़ गई तो बायोप्सी जांच करवाई, जिसमें मुंह में कैंसर बताया गया।

महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. नरेश सोमानी ने 2 जनवरी को जांच करवाने के सप्ताहभर के भीतर ऑपरेशन करवाने की नसीहत दी। तभी से सोच लिया कि फिर कभी गुटखे को हाथ नहीं लगाऊंगा, बल्कि लोगों को समझाऊंगा कि इसका सेवन नहीं करे।

कुरान का संदेश ..सुरे ता हां

दुःख तकलीफ के लम्हे चाहे निकल जाते हों लेकिन एक एक लम्हा गिन गिन कर निकलता है यारों इसीलियें कहते है के दुआ करो खुदा किसी को दुःख ना दे यारों

दुःख के दिन याद केसे रखे जाते है ..इसका अहसास आज मुझे उस वक्त हुआ जब में मेरी एक अदद पत्नी के टूटे हाथ पर पक्का प्लास्टर चढ़वाने गया ..जी हाँ दोस्तों टोंक राजस्थान से ताल्लुक रखने के कारण मेरी एक अदद धर्म पत्नी ..शरीके हयात धर्म प्रेमी है और वोह बात बात में मुझे धार्मिक शिक्षाएं देती रहती है ..सच तो यह है के अगर आज जो कुछ में ब्लॉग और फेसबुक पर लिखता हूँ उसमे से काफी कुछ उन्ही के दिमाग की प्रेरणा होती है ..खेर मुझे हर वक्त तनाव से दूर रहने....दुःख के वक्त सुख के वक्त को याद करने और दुःख के वक्त को तुरंत भूल जाने की सलाह देने वाली मेरी इस शरीके हयात का दांया हाथ तीस मार्च को टूटा था और जनाब उसी दिन डोक्टर साहब ने हड्डी जमाकर कच्चा प्लास्टर लगा दिया था ..गोलियें चली ..दवाइयां चलीं ..लेकिन दुःख और तकलीफ तो होती ही है ..हर वक्त सुबह सवेरे उठते ही कम्प्यूटर टेबल पर चाय नाश्ता देना ..बच्चों को तय्यार करना ...घर के सारे काम करना ..अदालत जाने के पहेल खाना खिलाना ..नहाने के लियें कपड़े ..अन्डर वियर बनियान वगेरा देना रोज़ की दिनचर्या थी लेकिन सीधे हाथ में चोट आने से वोह बेबस थीं ..और सभी काम दुसरे लोग कर रहे थे .......दिल से वोह दुखी थीं के उनकी वजह से सभी तकलीफ में है उन्हें दिलासा दिया ..खेर दिन कटते गए ..दवा गोलियां चलती रहें .....दिनचर्या के काम में मेरी बिटिया जवेरिया और सदफ उनकी मदद करने लगीं ..मेरी मम्मी ने भी उन्हें साहस बंधाया लेकिन जब खुद पर पढ़ी तो खुदा याद आया ..बेचारी सब्र और शुक्र सब भूल गयी और उनकी सीख के दुःख के दिन तो जाने वाले होते है इन्हें क्या याद रखना खुद ही भूल गयी आज डोक्टर ने पक्का प्लास्टर चढाने के लियें जेसे ही कहा के पांच सात दिन तो लगे हुए हो गए होंगे तो तपाक से हमारी शरीके हयात ने केल्कुलेटिव जवाब दिया के नहीं पुरे ग्यारह दिन तीन घंटे का वक्त हो गया है ..में उनका यह जवाब सुनकर अवाक सा सोचता रहा के दुःख तकलीफ का वक्त गुजर जरुर जाता है लेकिन एक एक लम्हा और एक एक दिन गिन गिन कर गुजरता है और खुदा से यही सोचता रहा के एक खुदा तू मेरी शरीके हयात को जल्दी ठीक करना और इसके तुफेल में किसी को भी कोई दुःख कोई तकलीफ मत पहुंचाना .................

केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों को खुली लूट का लाइसेंस दे राख है ..पत्रकार जी ..मंत्री और अधिकारी जी भी चुप हैं

यह केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित कथित इंग्लिश मीडियम स्कूल सरकार को कितने अरब रूपये देते है जो हर सरकार इन स्कोलों के आगे सर झुका कर जनता को लूटे के लियें खुला छोड़ देती है ..स्कुल फ़ीस ..एडमिशन फ़ीस ..फ़ालतू की फ़ीस .. युनिफोर्म ...डायरी ...किताबे ..कापिया ना जाने क्या क्या सभी में तो स्कूलों की लूट है ........ स्कूलों की मान्यता के विशिष्ट नियम है ..स्कूलों में गरीबों के लियें शिक्षा का अधिकार शामिल है लेकिन हर स्कुल ने सरकार को ठेंगा बताया है और सरकार है के स्कूलों के आगे हाथ बांधे खड़ी है ..स्कूलों पर न इनकम टेक्स ..सस्ते दामों में जमीन ..रियायतें तो ठीक है लेकिन अनट्रेंड टीचरों से बच्चों को पढ़ना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है .स्कुल सोसाइटी में घपले .हिसाब किताब में घपले .......स्कूलों का किले नुमा निर्माण टीचर जी का पंक सितारा होटल जेसा चेम्बर सब बच्चों और उनके अभिभावकों की फ़ीस से ही मिलता है और उनसे यह लोग सीधे मुंह भी बात नहीं करते ..........कोटा सहित सभी कोचिंग इलाकों में तो स्कूली शिक्षा का दसवी के बाद कोई अस्तित्व ही नहीं रहा सभी स्कुल डमी स्कुल हो गए है ......स्कुल बच्चों से सिर्फ दो गुनी फ़ीस हाजरी देने के लिएँ लेते है और एक ही बच्चा एक ही दिन में स्कुल में भी उपस्थित रहता है और यही बच्चा कोचिंग में भी उपस्थित रहता है ..स्कुल में भी हाजरी रजिस्टर है ..कोचिंग में भी हाजरी रजिस्टर है ..कोचिंग की फ़ीस बच्चों से ड्राफ्ट के जरिये ली जाती है उसका एकाउंट होता है ...कोचिंग में किस वक्त पढ़ाई होती है उसका अपना शिड्यूल है और स्कूल का वक्त क्या है सभी जानते है ..सीबीएस सी के अधिकारी जानते है ......मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारी मंत्री जानते है प्रधानमन्त्री जी जानते है जनता जानती है पत्रकार जानते है लेकिन सभी लोगों के मुंह में क्या ठुंसा जाता है यह भी सभी जानते है इसलियें तो यह सभी विभाग केन्द्रीय स्कूलों की इस मनमानी ..लूट और अनियमितता के खिलाफ गांधी जी के बन्दर बने है जिनकी जेबे तो भरी हुई हैं ..इमान मरा हुआ है ....और जमीर तो इनमे है नहीं .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डेढ़ साल पहले कंपनी बनाई और 50 अरब में फेसबुक को बेच दी



नई दिल्‍ली. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक ने एक अरब डॉलर यानी करीब 50 अरब रुपये में ‘इंस्टाग्राम’ नामक स्मार्टफोन ऐप्लिकेशन बनाने वाली कंपनी को खरीदने का ऐलान किया है। एक अरब डॉलर की यह राशि फेसबुक नकद और शेयर के रूप में देगी।
इंस्टाग्राम कंपनी का अधिग्रहण फेसबुक का अब तक का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है। यह अहम सौदा ऐसे समय में हुआ है जबकि फेसबुक कंपनी शेयर मार्केट में आने का अपना एक महीना पूरा कर रही है।
इंस्टाग्राम कंपनी की शुरुआत अक्टूबर 2010 में हुई थी और तस्वीरों के आदान-प्रदान करने वाला इसका सॉफ्टवेयर शुरू से ही एप्‍पल के आई फोन के लिए इस्‍तेमाल में लाया जाता रहा है।
इंस्‍टाग्राम कंपनी शुरू करने वाले केविन सिस्‍ट्रोम और माइक क्रेगर की कहानी भी बेहद दिलचस्‍प है। कंपनी के सीईओ केविन ने स्‍टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से 2006 में मैनेजमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उन्‍होंने इंटर्न के तौर पर ओडियो में काम किया जो बाद में ट्विटर बना। केविन ने गूगल में महज दो साल नौकरी की। उनकी दिलचस्‍पी सोशल नेटवर्किंग साइटों और फोटोग्राफी में रही। इसी वजह से उन्‍होंने खुद की कंपनी इंस्‍टाग्राम शुरू की।
केविन के सहयोगी माइक भी स्‍टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। उन्‍होंने माइक्रोसॉफ्ट की पावरप्‍वाइंट टीम में प्रोजेक्‍ट मैनेजर के तौर पर इंटर्नशिप किया और फॉक्‍समार्क्‍स में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम किया। ग्रेजुएशन करने के बाद माइक ने मीबो कंपनी में डेढ़ साल काम किया। इसके बाद वह इंस्‍टाग्राम से जुड़ गए।

"अंतर्मन की आहट की टकराहट को,

"अंतर्मन की आहट की टकराहट को,
आकार दे दिया तुमने यों कविता कह कर.
अपनी ही आवाजें जब टकराती हैं अपने अन्दर
जो शोर उठा उसको उसको दिल से लग कर
यह लोग कहा करते हैं वह तो ज़िंदा है." ----राजीव चतुर्वेदी
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