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14 अप्रैल 2012

पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ा पनीर और रोटियों का लालच!

कोटा.दिल्ली से कोटा पेशी पर आया एक बंदी दिल्ली आम्र्ड बटालियन के चार जवानों को पालक-पनीर व बटर रोटी में नशीला पदार्थ खिलाकर फरार हो गया। इसमें बंदी की पत्नी, भाई व दो साथियों ने मदद की। जवान बंदी को कोर्ट में पेश कर वापस दिल्ली जाने के लिए कोटा रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठे हुए थे। परिजनों ने बाहर होटल से पालक पनीर व बटर रोटियां लाकर दीं। पुलिसकर्मी लालच में आ गए। चारों जवानों ने खाना खाया। कुछ ही देर में चारों अचेत हो गए और बंदी फरार हो गया।

पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट पर बंदी व उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जीआरपी के अनुसार विज्ञान नगर निवासी आमीर खान एनडीपीएस एक्ट के तहत तिहाड़ जेल में बंद है। उसके खिलाफ कोटा के नयापुरा थाने में धोखाधड़ी और विज्ञाननगर में मारपीट का मामला दर्ज है। दिल्ली आम्र्ड बटालियन के हैडकांस्टेबल रणधीर, कांस्टेबल अनिल कुमार, सतबीर सिंह व अनिल कुमार आमीर को लेकर शुक्रवार सुबह कोटा पहुंचे। उन्होंने आमीर को कोर्ट में पेश किया। पेशी के बाद पुलिसकर्मी आमीर को लेकर कोटा स्टेशन पहुंचे और वेटिंग रूम में बैठ गए। कुछ देर बाद आमीर के परिजन वहां आ गए।

भीड़ बढ़ जाने पर पुलिसकर्मियों ने विरोध किया और उनसे जाने को कहा। इसके बाद आमीर की पत्नी शमा, भाई शेख, दो साथी सोहेल व सोहेब रुक गए। थोड़ी देर बाद पुलिसकर्मियों ने खाना खाने की इच्छा जताई तो सोहेल व सोहेब पास के होटल से खाना ले आए। खाना खाने के बाद चारों जवान बेहोश हो गए। इस बीच आमीर फरार हो गया। रात 8 बजे जवानों की नींद खुली और उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

इस्तीफे कागज पर दिए जाते हैं, ईंट-पत्थरों पर नहीं'

ऊबली का बालाजी (गुढ़ागौड़जी).सूरजगढ़ विधायक श्रवणकुमार ने कहा कि उनके विरोधी कह रहे हैं कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया, केवल कागज दिया है। इस्तीफा कागज पर ही दिया जाता है ईंट या पत्थर पर नहीं। आरटीआई के तहत कोई भी इसकी नकल निकलवा सकता है। वे यहां अन्न ग्रहण कार्यक्रम में बोल रहे थे।

अब यह काम विधानसभा अध्यक्ष का है कि इसे मंजूर करे या नहीं। विधायक ने इस्तीफे की प्रतियां बांटी और इसे पढ़कर सुनाया। विधायक ने कहा कि या तो उनका स्तीफा मंजूर करें या फिर लौटाए। श्रवण कुमार ने शिक्षक भर्ती के मामले में बताया कि सरकार शेखावाटी के युवकों के साथ भेदभाव कर रही है।

इसके लिए ही तो इस्तीफा दिया है। उन्होंने सांसद शीशराम ओला के 16 अप्रेल के प्रस्तावित कार्यक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि ओला 60 साल से नहर की राजनीति कर रहे हैं। ओला की नहर उनके जन्म से पहले से ही आ रही है। नहर के सर्वे का जिले के लोगों को झूठा झांसा दिया जा रहा है।

गहलोत को पद से हटाए, नहीं तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम'

जयपुर.जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय नेता सांसद महमूद मदनी ने गोपालगढ़ और सवाईमाधोपुर की घटना को षड्यंत्र करार देते हुए चेतावनी दी है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पद से हटाए, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


उन्होंने आरोप लगाया है कि गोपालगढ़ घटना का मूल कारण बर्बरता पूर्वक पुलिस द्वारा लगातार गोलियां चलाना है। मदनी ने शनिवार को मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने घटना के 14 दिन बाद क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राज्य सरकार व जिला प्रशासन में निरंतर झूठे बयान देने और अपराध को छुपाने का असफल प्रयास करने की बात कही। मदनी ने सीबीआई पर राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के माध्यम होने का आरोप लगाया।

जमीयत उलेमा-ए-राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी मो. अब्दुल वाहिद खत्री ने सवाईमाधोपुर मामले में फूल मोहम्मद की षड्यंत्रपूर्वक हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीबीआई की चार्जशीट में पैरा नंबर 49 में सांसद किरोड़ी लाल मीणा को घटना का मुख्य संदिग्ध बताया है।

उन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने तत्कालीन गृहमंत्री को भी सत्ता से बाहर करने की मांग की। इन मामलों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने और जिला प्रशासन, राज्य सरकार के उच्च अधिकारी व तत्कालीन मुख्य सचिव को जांच के दायरे में लाने की मांग की। साथ ही न्यायविदों, बुद्धिजीवी वर्ग से चयनित एक पैनल गठित कर जांच बिंदुओं के निर्धारण की बात कही। उन्होंने सूरवाल मामले की ट्रायल जोधपुर, दिल्ली व जयपुर के किसी सीबीआई कोर्ट में हस्तांतरित किए जाने की बात कही।

कुरान का संदेश सुरे ता हां

छोटा सा नुस्खा: मिर्च को ऐसे लगाने से फुंसी जल्दी से बैठ जाती है!


काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ ही औषधिय गुणों से भी भरपूर है। इसे सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग लिया जाता है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोग।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फंाक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है।
- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है।
- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
- ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।
- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।

छोटा सा नुस्खा: मिर्च को ऐसे लगाने से फुंसी जल्दी से बैठ जाती है!


काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ ही औषधिय गुणों से भी भरपूर है। इसे सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग लिया जाता है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोग।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फंाक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है।
- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है।
- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
- ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।
- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।

तुलसी के कुछ पत्ते ऐसे खाएं तो पेट से जुड़ी कोई बीमारी नहीं होगी


तुलसी को संजीवनी बूटी कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में इसे पूज्य पौधा माना गया है। आयुर्वेद में कहा गया है कि तुलसी वो औषधि है जिससे अनगिनत बीमारियों का इलाज संभव है। इसका सही तरीके से उपयोग करने पर इससे बहुत सारी बीमारियों का इलाज संभव है। तुलसी में 27 तरह के खनिज पाए जाते हैं। तुलसी के पत्तों के एक ऐसे ही प्रयोग का आयुर्वेद में वर्णन है। इस प्रयोग को नियमित रूप से करने पर पेट से जुड़ी सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

प्रयोग- तुलसी की तीस पत्तियां पानी से धोकर पीसकर 20 ग्राम दही जो खट्टा न हो या एक-दो चम्मच शहद के साथ सेवन करें। इसके तीन महीने तक प्रयोग से भूख खुलकर लगती है और कब्ज नहीं होती साथ ही नियमित रूप से इसके सेवन से पेट से जुड़ी कोई बीमारी नहीं होती।

ज्यूस थेरेपी: करें इन बड़ी बीमारियों का टेस्टी-टेस्टी इलाज ठंडक के साथ



आयुर्वेद के अनुसार ज्यूस पीकर भी कई बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है। इसीलिए आयुर्वेद में ज्यूस को बहुत महत्व दिया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा में भी रसाहार को विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें अलग-अलग फलों और सब्जियों का रस दिया जाता है। करेला जामुन या लौकी के ज्यूस में स्वाद नहीं होता है लेकिन इनका ज्यूस पीने के बहुत फायदे हैं। आइए जानते हैं ज्यूस थेरेपी के कुछ स्पेशल राज जिनसे कर सकते हैं आप इन बीमारियों का इलाज....
खून की कमी- पालक के पत्तों का रस, मौसम्मी, अंगूर, सेब, टमाटर और गाजर का रस लिया जा सकता है।
भूख की कमी- नींबू, टमाटर का रस लें।
फ्लू और बुखार- मौसम्मी, गाजर, संतरे का रस लेना चाहिए।
एसीडिटी- मौसम्मी, संतरा, नींबू, अनानास का रस लें।
कृमि रोगों में- लहसुन और मूली का रस पेट के कीड़ों को मार देता हैं।
मुहांसों में- गाजर, तरबूज, और प्याज का रस लें।
पीलिया- गन्ने का रस, मौसम्मी और अंगूर का रस दिन में कई बार लेना चाहिए।
पथरी- खीरे का रस लें।
मधुमेह- इस रोग में गाजर, करेला, जामुन, टमाटर, पत्तागोभी एवं पालक का रस लिया जा सकता है।
अल्सर में- गाजर, अंगूर का रस ले सकते हैं। कच्चे नारियल का पानी भी अल्सर ठीक करता है।
मासिकधर्म की पीड़ा में- अनानास का रस लें।
बदहजमी -अपच में नींबू का रस, अनानास का रस लें, आराम मिलेगा।
हाइब्लडप्रेशर- गाजर, संतरा, मौसम्मी का रस लें।
लो-ब्लडप्रेशर- अंगूर और सभी मीठे फलों का रस लिया जा सकता है।

रूस में गिरी दूसरे गृह की "उड़न तश्तरी"... विशेषज्ञ समूह जांच में जुटा



मॉस्को.रूस के साइबेरिया क्षेत्र में एक उड़न तश्तरी (यूएफओ) की तलाश जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार तड़के एक यूएफओ को दुर्घटनाग्रस्त होते देखा।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि वितिम गांव के नजदीक स्थानीय लोगों ने यह घटना देखी। जिसके बाद इर्कुतस्क क्षेत्र के मेयर व आपताकालीन सेवाओं के एक विशेषज्ञ समूह को तलाशी के काम में लगा दिया गया लेकिन बर्फीले तूफान की वजह से इसमें में बाधा पहुंच रही है।

मामस्को-चुइस्काई जिला प्रशासन ने कहा है कि लोगों ने जो वस्तु देखी है वह उल्का पिंड हो सकती है।

हल्दी बचा सकती है दिल के दौरे से: शोध

हल्दी में कई बीमारियों से मुकाबले करने वाले गुण पाए जाते हैं

खाने को ज़ायकेदार रंग देने और खूबसूरती को निखारने के लिए इस्तेमाल होने वाली हल्दी अब आपके दिल की भी हिफाजत कर सकती है. थाईलैंड में हुए एक अध्ययन से संकेत मिले हैं कि बायपास सर्जरी कराने वाले हृदय रोगियों के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है और दिल के दौरे से बचा सकती है. बायपास सर्जरी के दौरान रक्त प्रवाह की कमी के चलते हृदय की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है, जिससे मरीज को दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. हल्दी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इन खतरों का मुकाबला करने में मददगार साबित होते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमरीका के ह्यूस्टन में स्थित एंडरसन कैंसर रिसर्च सेंटर के भरत अग्रवाल ने इसे बहुत ही उत्साहजनक शोध बताया है. 'दौरे का खतरा 65 फीसदी कम'यह शोध थाईलैंड के चियांग माई विश्वविद्यालय में हुआ जिसमें 2009 से 2011 के बीच बाइपास सर्जरी कराने वाले 121 लोगों ने हिस्सा लिया.

दुनिया भर में हृदय रोगियों की एक बड़ी संख्या है

इनमें से आधे लोगों को दिन में चार बार एक ग्राम हल्दी के तत्व से बने कैप्सूल दिए गए जबकि बाकी लोगों को दूसरे कैप्सूल दिए गए. ये कैप्सूल सर्जरी होने से तीन दिन पहले और सर्जरी होने के पांच दिन बाद तक दिए गए. 'अमेरिकन जनरल ऑफ कार्डियोलॉजी' में छपे इस शोध के नतीजों के मुताबिक ऑपरेशन के बाद अस्पताल में रहने के दौरान हल्दी का कैप्सूल लेने वालों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका 13 प्रतिशत थी जबकि दूसरे कैप्सूल लेने वालों में यह आशंका 30 प्रतिशत के आसपास पाई गई. यह शोध करने वाले टीम के प्रमुख डॉक्टर वारवारंग वांगचेरोन का कहना है कि हल्दी से बने कैप्सूल लेने वालों में दिल के दौरे का खतरा 65 फीसदी कम पाया गया. हालांकि यह शोध हृदय रोगियों के छोटे से समूह पर किया गया और जानकारों का मानना है कि अभी और व्यापक शोध करने होंगे.

मैं ब्राह्मण हूं और कांग्रेस महासचिव हूं: राहुल गांधी



नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा बैठक के दौरान राहुल गांधी ने टिप्‍पणी की, 'मैं ब्राह्रण हूं और पार्टी में महासचिव हूं।' कांग्रेस जाति के आधार पर यूपी में वोट बैंक मजबूत करने में अब भी लगी हुई है। यूपी चुनाव में पार्टी की यह कोशिश रंग नहीं लाई। इस पर चर्चा करने के लिए हाल में जब एक बैठक बुलाई गई तो प्रदेश के एक नेता ने अगड़ी जातियों/ब्राह्मण का मुद्दा उठाया। इस समुदाय के वोट को कांग्रेस परंपरागत वोट बैंक के रूप में देखती है। उक्‍त नेता का कहना था कि पार्टी में इन समुदायों की अनदेखी हो रही है। चुनाव में कांग्रेस का पिछड़ा और अल्पसंख्यकों का राजनीतिक कार्ड नाकाम होने के बाद ब्राह्मण समुदाय के नेताओं का दुख और बढ़ गया है। राहुल की टिप्‍पणी को इसी के जवाब के रूप में देखा गया।

हालांकि, राज्य की राजनीति में अगड़ी जातियों का राजनीतिक वर्चस्व जरूर खत्म हो गया है। लेकिन इन तबकों से आने वाले नेता अब भी मुखर हैं और अपनी ओर ध्यान खींचने में कामयाब हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव की राहुल गांधी द्वारा समीक्षा किए जाने के एक हफ्ते बाद कांग्रेस पार्टी के नेता आगे बढ़ने के लिए दो निर्णायक मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। इनमें से पहला मुद्दा है-नाकाम रहे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई और दूसरा-समाज के किस तबके पर जोर देना है, इसे लेकर साफगोई। पार्टी के भीतर मची हड़बड़ाहट के पीछे वजह 2014 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके।

कांग्रेस में अगड़ी जाति, पिछड़ी जाति और दलित खेमे नेतृत्व का ध्यान अपनी-अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल की समीक्षा बैठक के दौरान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह से सपा के लिए यादव समुदाय और बसपा के लिए दलित एक आधार वोट बैंक है, उसी तरह से कांग्रेस को भी अपना आधार वोट बैंक तलाशना होगा। अगड़ी जाति के नेताओं को लगता है कि कांग्रेस अपने पारंपरिक वोट बैंक को नज़रअंदाज नहीं कर सकती है।
यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार ने राज्य में दो दशकों से सत्ता से बाहर कांग्रेस की राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए जातीय गणित तलाश को तगड़ा झटका दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग और मुस्लिमों को आगे कर 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
चुनाव नतीजों के जानकार बताते हैं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में अति दलित समुदाय ने सपा, दलितों ने बसपा को वोट दिया। ठाकुर समुदाय ने सपा को वोट दिया। इसके उलट कांग्रेस ने पिछड़ी जातियों को केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के जरिए लुभाने की कोशिश की, लेकिन वह बुरी तरह नाकाम रहे और इस चक्कर में अगड़ी जातियां भी कांग्रेस से नाराज हो गईं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता राम लाल राही ने समीक्षा बैठक में कहा कि दलितों और यादवों पर ध्यान देना समय की बर्बादी है क्योंकि वे बसपा और सपा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन कुछ नेताओं ने दलितों और यादवों को लुभाने के लिए कोशिश जारी रखने की बात कही।

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