आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 अप्रैल 2012

पैदल थाने पहुंचे आईजी, पूछा किसको बंद किया लॉकअप में

Comment
कोटा. न सरकारी वाहन और न ही गनमैन। टहलते हुए गुरुवार शाम नवनियुक्त आईजी अमृत कलश भीमगंजमंडी थाने पहुंच गए। लॉकअप में किसी को बंद देख पुलिसकर्मियों से पूछ लिया- यह किसको बंद किया है। पुलिसकर्मी अपना रूप दिखाते इससे पहले ही एक अखबार में छपी फोटो देखकर बोल पड़ा, अरे! ये आईजी साहब हैं।


आईजी ने पहले ही दिन सख्ती दिखाते हुए शहर पुलिस को शराब पीकर वाहन चलाने वालों से सख्ती से निबटने तथा हिस्ट्रीशीटरों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। आईजी अमृत कलश ने पहले दिन ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए।


आईजी ने सुबह शहर पुलिस को निर्देश दिए हैं कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और उनके वाहन भी जब्त करें। आईजी के निर्देश मिलते ही शहर पुलिस ने गुरुवार रात से ही धरपकड़ शुरू कर ५५ वाहन चालकों के खिलाफ कार्राई की।


आईजी गुरुवार देर शाम अचानक पैदल ही सादा वेश में भीमगंजमंडी थाने पहुंचे। उन्होंने वहां तैनात पुलिसकर्मियों से सवाल किया यहां किसे बंद कर रखा है। एक आम आदमी का इस तरह सवाल सुनकर पुलिसकर्मी हरकत में आ गए। इस बीच किसी पुलिसकर्मी ने अखबार में छपे फोटो को देखकर रिकॉल किया।

खुसरफुसर हुई, अरे! ये तो आईजी साहब हैं। इतने में ही उन्होंने वहां मौजूद डीओ एसआई विजेंद्र सिंह से भी पूछ लिया कि मैं कौन हूं । विजेंद्र सिंह को समझने में देर नहीं हुई और कहा कि आप आईजी हैं। इस पर वे हंसे। विजेंद्र सिंह का जवाब सुनकर थाने में मौजूद जवानों की हवाइयां उड़ गई।

जवानों का नजरिया बदल गया। वे एक-एक करके आईजी को सैल्यूट मारने लगे। आईजी ने थाने का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि वे आरपीएफ और जीआरपी से बेहतर तालमेल रखें। आईजी ने भास्कर को बताया कि वे किसी भी समय रेंज के थाने में जाकर ऐसे ही औचक निरीक्षण करेंगे, जिससे पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली का ठीक-ठीक पता लगेगा।

आईजी ने कहा कि शहर पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह शहर में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ सख्ती से निपटें। क्योंकि, शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से हुआ हादसा किसी परिवार के लिए जिंदगीभर का जख्म बन जाता है

कुरान का संदेश

अपराधियों की नाक में नकेल डाल पीड़ितों को इन्साफ दिलाने का संकल्प लेकर आये है आई जी अमृत कलश कोटा रेंज में


कोटा में नए पुलिस महानिरीक्षक अपनी तेज़ तर्रार और निर्भीकता के साथ कुशल प्रशासन के चलते खुद को कोटा रेंज के अपराधों से निपटने के लियें तय्यार कर चुके है ,,,वर्ष १९९३ के बेच के आई पी एस अमृत कलश यूँ तो सहज ..निर्मल ...म्रदुल स्वभावि और मिलनसार है लेकिन पुलिस प्रशासन के कामकाजों के वक्त उनके सामने सिर्फ अपराध और अपराधियों से निपटना ही एक लक्ष्य रहता है और इससे निपटने के लियें वोह हर हाल में तय्यार बेठे रहते है अभी अमृत कलश को कोटा रेंज पुलिस महानिरीक्षक का कार्यभार ग्रहण किये हुए चोबीस घंटे भी नहीं हुए है के उन्होंने अपने खुद के निजी तोर तरीकों से सम्भाग के सभी जिलों की अपराधिक गतिविधियों और पुलिसिंग की जानकारी प्राप्त आकर ली है ..वोह अब कोटा रेंज को एक ऐसी आदर्श पुलिस रेंज बनाने का सपना देख रहे हैं जहां उन्हें अपराध मुक्त समाज और तानाशाही मनमानी मुक्त पुलिस मिले उनकी कोशिश है के हर पीड़ित को न्याय मिले बिना किसी पक्षपात ..बिना किसी सिफारिश के अमीर हो या गरीब हो उसकी सुनवाई हो उसके काम हों और जो लोग प्रभावशाली है अगर वोह अपराधी है तो फिर उनसे निर्भीकता और निष्पक्षता से निपटने का संकल्प भी उनका पुराना है .........१७ दिसम्बर को जन्मे अमृत कलश वेसे तो हाडोती में कभी नहीं रहे लेकिन यहाँ की पुलिसिंग और अपराध प्रणाली से वोह वाकिफ रहे है ..कोटा रेंज में बूंदी जिले में खानों का इलाका है यहाँ सियासत अलग तरह की है ..जबकि झालावाड और बारां मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में होने से यहाँ अपराधियों का जमावड़ा रहता है इन इलाकों में अफीम और स्मेक की तस्करी ज़ोरों पर है ..कोटा शेक्षणिक और ओद्ध्योगिक नगरी है यहाँ हर तरह के अपराध होने की सम्भावना बनी रहती है ..कोटा में एक तरफ तो पुलिस नफरी काम है और जो है उनमे से कुछ पुराने राजनितिक वरदहस्त होने से मनमानी और चापलूसी के कारण अपराधियों के बगल गीर है दूसरी तरफ जनता यहाँ पर अपराधियों से तंग है और अपराधियों की धरपकड़ में पुलिस की मददगार नहीं है ......इन सब परिस्तिथियों के चलते आज जब अमृत कलश आई जी साहब से मुलाक़ात हुई तो जेसा सूना था वेसे ही साबित हुए ..अपराधियों की धरपकड़ और उनके विरूद्ध सख्ती का द्रिड संकल्प उनके मज़बूत इरादे थे दूसरी तरफ पीड़ित जनता की सुनवाई कर उन्हें तुरंत न्याय दिलाने का जज्बा भी उनमे साफ़ नज़र आया ....आई जी साहब को जब जनता की सुनवाई के लियें इंटरनेट पर फेसबुक या किसी भी माध्यम से ऑनलाइन होने का सुझाव दिया तो उन्होंने सहजता से कहा के मेरे टेलीफोन नम्बर और मोबाइल नम्बर हर पीड़ित और अपराध की सुचना देने वाले के लियें चोबीस घंटे खुले है ..उनका कहना था के कोई भी पीड़ित अगर न्याय चाहता है तो इसकी शिकायत उन तक पहुंचने पर पहले वोह अपने तरीके से उसकी सच्चाई तलाशेंगे और अगर शिकायत सही साबित हुई तो ऐसे पीड़ित को हर हाल में इंसाफ मिलेगा ........आई जी अमृत कलश पुलिस व्यवस्था सूधारने के भी प्रयासों में जुटे है उन्होंने अपने तोर तरीकों से कुछ विश्शिष्ट पुलिस कर्मियों के रिकोर्ड खंगालना शुरू कर दिया है ताकि वोह नाकारा पुलिस कर्मियों को एक तरफ कर इमानदार ..महान्ति और कर्मठ पुलिस अधिकारीयों से बहतरीन काम ले सकें और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जो सपना है पुलिस का जो नारा है के आमजन में पुलिस का विशवास और अपराधियों में पुलिस का दर उसे साकार कर सकें ....खुदा से यही दुआ है के इमानदारी और कर्मठता के साथ अपराधियों और नाकारा पुलिस अधिअक्रियों कमर्चारियों की नाक में नकेल डाल कर पीडितो को इंसाफ दिलाने का जो जज्बा और संकल्प लेकर आई जी अमृत कलश आये है खुदा उसे पूरा करे ..हाडोती की जनता की भी यही मांग है के झुन्ट्ठे मुकदमे दर्ज कर ..झूंठी कार्यवाही कर आम जनता को परेशान करने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाए और अपराधियों में पुलिस के खोफ का वातावरण हो ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोर्ट की रोक के बावजूद 'अश्लील सीडी' फेसबुक पर जारी



नई दिल्ली.दिल्‍ली हाई कोर्ट की रोक के बावजूद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की कथित अश्‍लील सीडी सार्वजनिक हो गई है। यह सीडी यूट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए आम कर दी गई है।


जिस फेसबुक अकाउंट से वीडियो अपलोड किया गया है, वह 19 अप्रैल को ही बनाया गया है। फिर उसी गूगल अकाउंट से फेसबुक पेज बनाकर फेसबुक के जरिए यह वीडियो वायरल किया जा रहा है।

वीडियो अपलोड करने वाले को पता है कि यह वीडियो ब्लॉक किया जा सकता है इसलिए उसने अपनी ईमेल आईडी देकर कहा है कि वीडियो ब्लॉक होने की स्थिति में उससे वीडियो प्राप्त किया जाए। यही नहीं फेसबुक और यूट्यूब पर खाता भी नेता के नाम पर ही बनाया गया है।

फेसबुक पर पेज 9 घंटे पहले यानि 19 अप्रैल को दोपहर के वक्त बनाया गया है। 12 मिनट 40 सेकंड के इस वीडियो को अश्लील सीडी की सीरीज का पहला वीडियो बताया गया है

कमसिन बने रहने की आयुर्वेदिक दवा....उम्र ढलने का एहसास ही नहीं होगा


हर इंसान की उम्र समय के साथ बढ़ती है। बढ़ती उम्र को रोक पाना संभव नहीं है। लेकिन एजिंग के साइन तथा बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से जरूर बचा जा सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियों का वर्णन है जो ढलती उम्र के साथ भी इंसान की सेहत, काया व मन को तंदुरुस्त रखती है। ऐसी ही एक औषधि है अश्वगंधा का ये चूर्ण इसे नीचे लिखी विधि से बनाकर खाएं आप का यौवन बना रहेगा।

अश्वगंधा, आंवला, हरड़, तीनों के अलग-अलग तैयार किए गए और महीन कपड़े से छने चूर्ण की 100-100 ग्राम मात्रा एवं 400 ग्राम पिसी मिश्री को आपस में मिलाकर साफ सूखी शीशी में भरकर रख लें।

प्रयोग विधि- इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गरम दूध से सुबह या शाम लेते रहने से शरीर की सातों धातुएं पुष्ट रहती हैं। नस नाडिय़ों और वात- वाहिनियों को शक्ति मिलती है। शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे शरीर में यौवन की बहार रहती है।

नोट- इस चूर्ण की एक बार में उतनी ही मात्रा में बनाएं जितनी की 20-25 दिन तक चल जाए।

घंटो बैठने के कारण हुआ कमरदर्द व साइटिका मिनटों में ऐसे ठीक हो जाएगा




ऑफिस या वर्कप्लेस पर लगातार सीटिंग के कारण अधिकांश लोगों को आजकल कम उम्र में ही कमरदर्द या साइटिका की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी कमरदर्द या साइटिका से परेशान हैं तो कुछ मिनटों तक नियमित रूप से अर्ध शलभासन करें। इस आसन से कमर दर्द से कुछ ही दिनों में आराम प्राप्त होगा। मानसिक शांति प्राप्त होगी।
शलभ टिड्डे को कहते हैं और इस आसन में शरीर की आकृति कुछ इसी तरह की हो जाती है इसीलिए इसे शलभासन कहते है। एक पैर को ऊपर उठाने से इस आसन को अर्ध-शलभासन कहते है।
अर्ध शलभासन की विधि
समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। पेट के बल लेटकर सबसे पहले ठोड़ी को भूमि पर टिकाएं। फिर दोनों हाथों को जांघाों के नीचे दबाएं। श्वास अन्दर लेकर एक पैर को ऊपर उठाएं। पैर को और ऊपर उठाने के लिए हाथों की हथेलियों से जांघों को दबाएं। वापस आने के लिए धीरे-धीर पैर को भूमि पर ले आए। फिर हाथों को जांघों के नीचे से निकालते हुए मकरासन की स्थिति में लेट जाएं।
अर्ध शलभासन की सावधानी
घुटने से पैर नहीं मुडऩा चाहिए। ठोड़ी भूमि पर टिकी रहे। 10 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। जिन्हें मेरुदण्ड, पैरों या जांघों में कोई गंभीर बीमारी हो या परेशानियों हो तो वह योग चिकित्सक से सलाह लेकर ही यह आसन करें।

रोजाना बस चम्मच भर शहद और होंगे ये फायदे ही फायदे



शहद बहुत ही लाभकारी प्राकृतिक औषधी है। इसके सेवन से शरीर निरोगी रहता है। रोजाना दो चम्मच शहद सेवन करने के अनेकों लाभ हैं। इसे खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। इसके सेवन से खुब भूख लगती है। बुढ़ापे में इसके सेवन से जवानी सा सामथ्र्य व शक्ति मिलती है। शहद कई तरह के विटामिन्स से भरपूर है। शहद में विटामिन ए, बी, सी, पाए जाते हैं।

इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, सोडियम फास्फोरस, आयोडीन भी पाए जाते हैं। इसीलिए प्रतिदिन शहद का सेवन करने से शरीर में शक्ति और ताजगी बनी रहती है। शहद रोजाना खाने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। शरीर की दुर्बलता दूर करने के लिए रात को बिना चीनी के एक गिलास दूध में शहद डालकर पीने से शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है।

रोजाना एक चम्मच शहद से दिमागी कमजोरियां दूर होती है।उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में शहद कारगर है।रक्त को साफ करने यानी रक्त शुद्धि के लिए भी शहद का सेवन करना चाहिए। शहद से मांसपेशियां बलवती होती हैं। दिल को मजबूत करने, और हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है। शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाने से चेहरे पर चमक आ जाती है।

इच्छाधारी नाग-नागिन के चमत्कारों का खुला राज!


भारतीयजनमानस में इच्छाधारी नाग अथवा नागिन की अनगिनत कथाएं मौजूद हैं। किवदंतियों के अनुसार ये इच्छाधारी नाग अथवा नागिन कोई भी रूप धर सकते हैं। कहीं भी जा सकते हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ऐसे साँपों के पास एक चमत्कारी मणि भी होती है। इससे रौशनी फूटती रहती है। ये सारी बातें कोरी बकवास हैं। इनका सत्य से कोई लेना-देना नहीं है।

हिन्दी फिल्मकारों ने समाज में व्याप्त सर्प सम्बंधी अंधविश्वास की धारणाओं का जमकर दोहन किया है। उन्होंने न सिर्फ इस विषय फिल्में बनाकर मोटा मुनाफा कमाया है, वरन समाज में अंधविश्वास की धारणा को और ज्यादा गहरा करने का काम भी किया है।

यही कारण है कि लोगों को हर साँप में इच्छाधारी साँप का रूप नजर आता है और वे सीधे उसे यमलोक पहुँचाने का रास्ता खोजने लगते हैं। अक्सर इस वजह से ही साँप क्रुद्ध हो जाते हैं और वे लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। साँपों के बारे में एक यह भी अंधविश्वास व्याप्त है कि साँप अपनी आँखों में मारने वाले का फोटो कैद कर लेता है, जिसे देखकर उसका प्रेमी अथवा प्रेमिका मारने वाले से बदला लेती है। इस अंधविश्वास के कारण ही लोग साँप को मारने के बाद उसकी आँखें तक नष्ट कर देते हैं।

साँपों के बारे में व्याप्त अंधविश्वास के कारण ही लोग उनके काटने पर अक्सर ओझाओं के चक्कर लगाते हैं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। जबकि यदि ऐसे लोग साँपों के काटने पर नजदीकी अस्पताल जाएँ, तो उन व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है, जिन्हें साँप ने काट हो।

इस प्रकार यह अंधविश्वास एक ओर जहाँ साँपों के लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा है, वहीं उसके कारण हर साल सैकड़ों की तादात में मनुष्य भी असमय काल का ग्रास बनने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि इन अंधविश्वासों के जालों को साफ करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। सरकार स्तर पर अथवा गैर सरकारी स्तर पर लोगों को जानकारी प्रदान कर उन्हें अंधविश्वास के कोटरों से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन 'हिस्स' जैसे तमाम प्रयास इस सारे किये-धरे पर एक बार में ही पानी फेर देते हैं।

इसलिए यहाँ पर यह सवाल सिर उठा रहा है कि क्या इस तरह की अंधविश्वास फैलाने वाली फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? क्या भारत सरकार को इस बारे में कोई स्पष्ट नीति बनानी चाहिए, जिससे फिल्म और टेलीविजन चैनल आस्था के नाम पर भारत की जनता को गुमराह न कर सकें? यदि आप इस विषय पर गहराई से कुछ सोचते हैं, तो कृपया अपने विचार अवश्य व्यक्त करें। हो सकता है कि अंधविश्वास के विरूद्ध चलाई जाने वाली मुहिम में आपके विचार ही निर्णायक भूमिका अदा कर जाएँ।

हीरोइन का कटा सिर लेकर दो दिन घूमते रहे हत्‍यारे



इलाहाबाद. मॉडल और अभिनेत्री मीनाक्षी थापा के सिर की तलाश गुरुवार को जारी है। उनकी सिर कटी लाश बुधवार को बरामद की गई थी।

मीनाक्षी का शव इलाहाबाद की दरभंगा कॉलोनी स्थित प्रीति सुरीन के घर से बरामद हुआ था। प्रीति के पिता नवीन परिवार सहित इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज के बंगले में बने सर्वेंट क्वार्टर में किराए पर रहते हैं। नवीन एक कॉलेज में काम करते हैं। पुलिस ने मीनाक्षी का सिर कटा शव इस बंगले के पानी के टैंक से बरामद किया।

प्रीति और अमित ने नेपाली मूल की 26 वर्षीय अभिनेत्री मीनाक्षी का फिरौती के लिए अपहरण किया था। उन्हें हत्या के आरोप में 15 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा में गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उन्हें इलाहाबाद लाया गया।

मुंबई में 26 वर्षीय प्रीति और 36 वर्षीय अमित फिल्म कलाकार बनने के लिए संघर्ष कर रहे थे। दोनों की एक फिल्म की शूटिंग के दौरान मीनाक्षी से मुलाकात हुई। उन्होंने 12 मार्च को पूर्व-निर्धारित योजना के अनुसार मीनाक्षी को एक्टिंग असाइनमेंट का लालच दिया। उसे उत्तरप्रदेश आने के लिए राजी किया। मीनाक्षी का अपहरण कर उसके परिवार से 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी। जब पता चला कि उसका परिवार इतना पैसा नहीं दे सकता तो मीनाक्षी की 16 मार्च को हत्या कर दी। उसके बाद सिर काट कर इलाहाबाद से गोरखपुर लौटते समय बीच रास्ते में फेंक दिया। इलाहाबाद-जौनपुर हाइवे पर मीनाक्षी के सिर की तलाश की जा रही है।

अमित व प्रीति ने धारदार हथियार की मदद से 14 मार्च को दरभंगा कालोनी के बंगले के सर्वेट क्वार्टर में मीनाक्षी की गला दबाकर हत्या की थी। पोस्‍टमॉर्टम से भी गला दबा कर हत्‍या की जाने की पुष्टि हुई है। हत्या के बाद आरोपियों ने मीनाक्षी के मोबाइल से उसकी मां को फोन कर 15 लाख की फिरौती मांगी और कहा कि पैसा मीनाक्षी के एकाउंट में डाल दें।

मीनाक्षी के दाहिने पैर की हड्डी फ्रैक्चर थी। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मीनाक्षी की हत्या करने के बाद जब शव को ठिकाने लगाने के लिए हत्यारे घसीटकर सेप्टिक टैंक तक ले जा रहे थे उसी दौरान ठोकर लगने से शायद उसके पैर की हड्डी टूट गई हो। इसके अलावा शरीर पर कहीं भी चोट के निशान मौजूद नहीं थे। बुधवार देर शाम मीनाक्षी के भाई व जीजा ने दारागंज घाट पर लाश का अंतिम संस्कार किया। मुंबई पुलिस की मौजूदगी में भाई अजय ने मीनाक्षी के शव को मुखाग्नि दी।
उधर, पुलिस की पूछताछ में अमित और प्रीति ने बताया कि मीनाक्षी की हत्या 14 मार्च को ही कर दी गई थी। अमित ने शव को टैंक में डालने के बाद सिर को पोलीथिन में भरा और उसे ठिकाने लगाने के लिए दोनों सिविल लाइंस बस अड्डे पर गए। वहां से लखनऊ के लिए वाल्वो बस में बैठे। अमित ने सोचा था कि रास्ते में कहीं सन्नाटा दिखने पर खिड़की का शीशा खोलकर वह उस बैग को नीचे फेंक देगा। लेकिन एसी बस का शीशा नहीं खुला। तब रात लखनऊ में ही गुजार कर दोनों अगले दिन वाया जौनपुर बनारस के लिए रवाना हुए। इसी बीच रास्ते में कहीं उसने मीनाक्षी के सिर को फेंका।

मीनाक्षी एक बड़ी अभिनेत्री बनने का ख्वाब लेकर मुंबई गई थी। उसके बड़े भाई नवरोज थापा ने शुरुआत में उसे मायानगरी से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन उसने एक न सुनी। अमित जायसवाल और प्रीति एल्विन सूरीन को लगा कि मीनाक्षी काफी अमीर घर से है। वे उसे सोने के अंडे देने वाली मुर्गी समझ बैठे थे। लेकिन असलियत खुलने पर उन्‍होंने उसका कत्‍ल कर दिए। फिर भी वे जितना हो सके, उतना पैसा ऐंठ लेना चाहते थे। कत्‍ल के बाद उन्‍होंने मीनाक्षी के ही मोबाइल से उसकी मां के पास मैसेज भेजा कि मीनाक्षी अब उनके कब्जे में है। अगर वह उसकी खैरियत चाहते हैं तो 15 लाख रुपयों का इंतजाम करके उसके खाते में जमा कर दें।

अग्नि-5 की सफल उड़ान, चीन ने दी चुनौती- अब भी बहुत पीछे है भारत



धामरा (ओडिशा)/नई दिल्ली. देश की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 का परीक्षण सफल रहा है। 5000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम इस मिसाइल को गुरुवार सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर ओडिशा में बालासोर के निकट समुद्र में व्हीलर द्वीप से प्रक्षेपित किया गया। अग्नि-5 का पहला परीक्षण डीआरडीओ के लिए बड़ी सफलता है। पीएम मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने परीक्षण कामयाब रहने पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

लेकिन चीन ने भारत की इस कामयाबी को चुनौती देते हुए कहा है कि मिसाइल की ताकत में भारत अब भी बहुत पीछे है। चीन के एक अखबार में कहा गया है कि अग्नि-5 के प्रक्षेपण से भारत को कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। अखबार के मुताबिक भारत 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली इस मिसाइल के परीक्षण के साथ आईसीबीएम क्‍लब में शामिल होने की उम्‍मीद करता है जबकि इंटर कॉन्टिनेंटल मिसाइल की सामान्‍य रेंज 8000 किलोमीटर से अधिक होती है।

रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ चीफ वी के सारस्‍वत ने मिसाइल तकनीक से लैस इस मिसाइल के पहले परीक्षण के कामयाब होने की पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा है कि इस परीक्षण के सफल होने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास आईसीबीएम हैं। फिलहाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के पास आईसीबीएम हैं। यानी अब तक ये देश ही लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल बना सकते थे, पर अब भारत भी बना सकेगा।

डॉ. सारस्‍वत ने कहा, 'हमने कर दिखाया। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ। परीक्षण सुपरहिट रहा। भारत अब मिसाइल पॉवर बन गया है। हमें इस पर गर्व है। डीआरडीओ के सभी सदस्‍यों को बहुत-बहुत बधाइयां।'

अग्नि-5 मिसाइल कार्यक्रम के मिशन डायरेक्‍टर डॉ. अविनाश चंद्रा ने कहा कि प्रक्षेपण उम्‍मीद के मुताबिक हुआ। जटिल माने जाने वाले दूसरे और तीसरे चरण में भी मिसाइल के सारे उपकरण सही तरीके से काम करते रहे। हम जो चाहते थे, उसे हासिल कर लिया गया है। अगले तीन चार परीक्षण के बाद इस मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया जाएगा।
खराब मौसम के चलते टला था प्रक्षेपण
पहले इसका परीक्षण बुधवार को शाम सात से आठ बजे के बीच होना था। लेकिन खराब मौसम के कारण इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि परीक्षण स्थल पर तेज बारिश के साथ बिजली भी चमक रही थी। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इसका प्रक्षेपण टाल दिया गया।

बुधवार को प्रक्षेपण करने से बिजली कड़कने के कारण डाटा नहीं रिकार्ड होने या फिर डाटा में त्रुटि आ जाने की पूरी आशंका थी, जिससे प्रक्षेपण की पूरी कवायद बेकार हो जाती। इससे पहले भी प्रक्षेपण एक बार टाला गया था। पहले बुधवार सुबह ही मिसाइल लॉन्‍च करने का कार्यक्रम था। बाद में इसे शाम तक के लिए टाला गया था, लेकिन अंतत: बुधवार को प्रक्षेपण नहीं हो पाया।

भारत द्वारा अग्नि-5 के परीक्षण से नाटो को कोई खतरा नहीं लगता है। नाटो के सेक्रेट्री जनरल एंडर्स फो रासमुसेन ने ब्रसेल्‍स स्थित नाटो मुख्‍यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि नाटो नहीं मानता कि भारत नाटो के सहयोगी देशों के लिए किसी तरह का खतरा पैदा करेगा

क्कुरान का संदेश

HOME

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...