तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अप्रैल 2012
देश में मिड्या ही जनता को तन्त्र मन्त्र के नाम पर लुटवा रहा है ..राजस्थान का एक टी वी चेनल मुस्लिम समस्याओं पर कार्यक्रम बना कर भी नहीं चला सका क्यूँ
'नाटो के दबाव में भारत ने घटाई अग्नि-5 की ताकत'
बीजिंग. अग्नि-5 के सफल परीक्षण पर बौखलाया चीन भारत पर लगातार आरोप लगा रहा है। चीन की सरकारी मीडिया ने आरोप लगाया है कि भारत नाटो के दबाव में अग्नि-5 की मारक क्षमता 9000 किलोमीटर से घटाकर 5000 किलोमीटर करने पर मजबूर हुआ।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘मनमोहन सिंह की सरकार ने नाटो सदस्य देशों के दबाव में अपने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल प्रोग्राम (आईजीएमपी) की रफ्तार धीमी रखी। ऐसा लगता है कि अग्नि-5 प्रोजेक्ट अपने आखिरी चरण में है जबकि हकीकत यह है कि आईजीएमपी के तहत 9000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल विकसित किया जाना था।’
अखबार ने अग्नि-5 के लॉन्च होने से पहले ही इसकी आलोचना शुरू कर दी थी। अखबार ने कहा था कि चीन की परमाणु ताकत अधिक विश्वसनीय और मजबूत है जिसका मुकाबला करना भारत के वश में नहीं है। अखबार ने एक बार फिर कहा है कि भारत अग्नि-5 को लॉन्च करने के बाद बेवजह ही जश्न मना रहा है क्योंकि परमाणु हथियारों की रेस में चीन बहुत आगे है और इसने भारत को काफी पीछे छोड़ दिया है।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत-चीन संबंधों पर भी टिप्पणी की है। अखबार का कहना है कि भारत और चीन को एक दूसरे के दुश्मन के तौर पर पेश करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश चल रही है। अखबार का मानना है कि दोनों देशों (भारत और चीन) को दोस्ती कायम रखने की कोशिश करनी चाहिए ताकि ऐसी साजिश नाकाम हो जाए। अखबार का यह भी कहना है कि यदि चीन और भारत एक साथ मिलकर काम करें तो एशिया मजबूत बनेगा लेकिन इनके बीच फूट पड़ी तो एशिया कमजोर ही बना रहेगा।
गर्मियों का ''अमृत'- इसका थोड़ा सा ज्यूस सारी हेल्थ प्रॉब्लम का सॉल्युशन है
बिल्व या बेल की पत्तियों को शंकर भगवान का प्रिय माना जाता है। यह पूरा पेड़ गुणों के लिए जाना जाता है। बेल के फलों का शर्बत बड़ा ही गुणकारी होता है। यह शर्बत पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। आंखों की रौशनी में कमी, पेट में कीड़े और लू लगने जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिये उत्तम है। बेल की पत्तियों मे टैनिन, लोह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते है। बेल के फलों में बिल्वीन नाम या मार्मेसोलिन नामक तत्व एक प्रधान सक्रिय घटक होता है। इसके अतिरिक्त गूदे में लबाब, पेक्टिन, शर्करा, तेल पाए जाते हैं।
इसके पत्तों का रस छानकर एक-दो बूंद आंखों में टपकाएं। दुखती आंखों की पीड़ा, चुभन, शूल ठीक होकर आंखों की रोशनी बढ़ेगी। पत्तियों का रस यदि घाव पर लगाया जाए तो घाव अतिशीघ्र सूखने लगता है। गर्मियों मे पसीने और तन की दुर्गंध को दूर भगाने के लिये यदि बेल की पत्तियों का रस नहाने के बाद शरीर पर लगा दिया जाए तो समस्या से छुटकारा मिल सकता है। बेल के कच्चे फल और पत्तियों को गौ-मूत्र जिन्हे हाथ-पैर, तालुओं और शरीर में अक्सर जलन की शिकायत रहती हो उन्हे कच्चे बेल फल के गूदे को नारियल तेल में एक सप्ताह तक डुबोए रखने के बाद, इस तेल से प्रतिदिन स्नान से पूर्व मालिश करनी चाहिये, जलन छूमंतर हो जाएगी।
गूगल इस्तेमाल करने वालों के लिए आ गई बेहद जरूरी खबर
इंटरनेट की दुनिया में नामचीन गूगल अब अपने चाहने वालों को एक नई सर्विस देने जा रहा है। गूगल ड्राइव नाम के इस प्लेटफॉर्म पर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले बिना पेन ड्राइव और सीडी के अपना कंटेंट ऑनलाइन ही सेव कर सकेंगे। गूगल अगले हफ्ते से यूजर्स को ये नई सुविधा दे सकती है। गूगल ड्राइव में ऑनलाइन 5 जीबी तक स्टोरेज किया जा सकेगा। हालांकि गूगल ड्राइव के तहत ऑनलाइन सेव किये गए डाटा को गूगल आसानी से देख सकेगा। ऐसे में आपके डाटा के पूरी तरह से गोपनीय रहने की संभावना कम ही है।
दैनिक भास्कर डॉट कॉम इससे पहले भी गूगल की इस खास सर्विस की तस्वीरें पाठकों को दिखा चुका है। कंपनी ने इसे विंडो, मैक, एंड्रायड और आईओएस प्लेटफॉर्म के लिए तैयार किया है।
यूजर्स इस सुविधा का इस्तेमाल कर क्लाउड बेस्ड सर्विस में आसानी से अपने कंटेट को सेव कर सकेंगे। इस सेवा का फायदा लेने के लिए यूजर्स का गूगल एकाउंट होना जरूरी है। इन यूजर्स को गूगल पेज पर ही इंस्टाल गूगल ड्राइव के नाम से एक लिंक दिया गया है। इस पर क्लिक करके इस सर्विस का मजा लिया जा सकता है। सर्विस के सफल होने पर इसे हर इंटरनेट यूजर्स के लिए चालू किया जाएगा।
कंपनी सूत्रों के मुताबिक, गूगल स्टोरेज सुविधा को सभी यूजर्स के लिए मुफ्त रखा जाएगा। हालांकि प्रीमियम ग्राहकों को अधिक स्टोरेज के लिए कुछ पैसा चुकाना होगा। गूगल शुरूआत में इसे सभी यूजर्स के लिए चालू न करके कुछ खास लोगों को ही ये सेवा मुहैया करायेगा। इससे पहले गूगल प्लस को लेकर भी कंपनी ने ऐसा ही किया था।
90 फीसदी भारतीयों को मूर्ख बताने के पीछे काटजू ने गिनाए ये 10 कारण
90 फीसदी भारतीयों को मूर्ख बता चुके जस्टिस (रि.) मार्केंडेय काटजू ने अब कहा है कि 90 फीसदी भारतीयों के पास 'अनसाइंटिफिक टेंपर' है। उन्होंने 90 फीसदी भारतीयों को मूर्ख बताते हुए वे कारण गिनाए हैं जिनके आधार पर वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं। 1. तमिल लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज दिमाग वाले, प्रतिभावान लोगों में शुमार हैं। इसके बावजूद वे भारत में सबसे ज्यादा अंधविश्वास करने वाले लोग हैं।
2. दूसरी बात, ज्यादातर मंत्री और यहां तक कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अपने ज्योतिषियों से राय-मशविरा करके उनके द्वारा बताए गए मुहूर्त में ही शपथ ग्रहण करते हैं।
3. सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए कुछ फ्लैट तय हैं। उन्हीं फ्लैटों में से एक हर जज को आवंटित होता है। ऐसे ही एक फ्लैट में कभी किसी जज के साथ कोई हादसा हुआ था। इसके बाद से उस फ्लैट को मनहूस बताते हुए किसी जज ने उसमें रहना मंजूर ही नहीं किया। अंतत: तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने चिट्ठी लिखी कि उस फ्लैट को जजों को आवंटित किए जाने वाले फ्लैट की सूची से ही हटा दिया जाए। इसके बाद ऐसा ही किया गया और उसके बदले दूसरा फ्लैट सूची में शुमार किया गया।
4. कुछ साल पहले मीडिया में खबर चली कि भगवान गणेश दूध पी रहे हैं। इसके बाद दूध पिलाने वाले भक्तों की भीड़ लग गई। इसी तरह एक चमत्कारिक चपाती की चर्चा भी खूब चली इस तरह के 'चमत्कार' होते ही रहते हैं।
5. हमारा समाज बाबाओं से प्रभावित है। इस कड़ी में ताजा वह हैं जो तीसरी आंख होने का दावा करते हैं। भगवान शिव की तरह।
6. जब मैं इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज था, उस दौरान ऐसी खबर आई थी कि तमिलनाडु में किसी शख्स ने पानी से पेट्रोल बनाने की तकनीक ईजाद कर ली है। कई लोगों ने इस पर यकीन किया। मेरे एक सहयोगी ने भी कहा कि अब पेट्रोल सस्ता हो जाएगा, लेकिन मैंने कहा कि यह धोखा है और बाद में यह धोखा साबित हुआ।
7. शादी पक्की करने से पहले ज्यादातर माता-पिता ज्योतिषि से मिलते हैं। कुंडली मेल खाने पर ही शादी पक्की होती है। बेचारी मांगलिक लड़कियों को अक्सर नकार दिया जाता है, जबकि उसकी कोई गलती नहीं होती।
8. हर रोज टीवी चैनलों पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले तमाम कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन इन्हें रोकने की बात करता है, लेकिन बाजार के दबाव में उन्हें रोका नहीं जा रहा है। अफसोस की बात है कि भारत में मध्य वर्ग का बौद्धिक स्तर काफी नीचा है। वे फिल्मी सितारों की जिंदगी, फैशन परेड, क्रिकेट और ज्योतिष से जुड़े कार्यक्रम ही पसंद करते हैं।
9. ज्यादातर हिंदू और ज्यादातर मुसलमान सांप्रदायिक हैं। 1857 के पहले ऐसा नहीं था। यह एक सच है कि हर समुदाय के 99 फीसदी लोग बेहतर हैं, लेकिन उनके अंदर से संप्रदायवाद का वायरस मिटाने में काफी समय लग जाएगा।
10. इज्जत के नाम पर जान लेना, दहेज के लिए हत्याएं, कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियां आज भी भारत में मौजूद हैं।